1-2 April 2015 Hindi

जासूसी के आरोप में पेरू की प्रधानमंत्री अना जारा बर्खास्त

पेरू की प्रधानमंत्री अना जरा ने 30 मार्च 2015 को अपने पद से स्तीफा देना पड़ा. वह कांग्रेस में विश्वास मत नहीं प्राप्त कर सकीं उनके पक्ष में 42 मत पड़े जबकि विपक्ष में 72 मत पड़े. सदन के दो सदस्यों ने मतदान में भाग नहीं लिया.

अना जरा पर पेरू के सांसदों, बिजनेसमैन और पत्रकारों की जासूसी कराने का आरोप है.
यह पहला मौका है जब कार्यकाल में रहते हुए प्रधानमंत्री को बर्खास्त किया गया है.यह 1963 के बाद से पहला और इस शताब्दी का तीसरा ऐसा मतदान था.
प्रधानमंत्री के रूप में जरा की बर्खास्तगी ने वर्तमान राष्ट्रपति ओल्लानता ह्युमाला  के लिए संकट की स्थिति पैदा कर दी है. यह उनके कार्यकाल का सबसे बड़ा संकट है.राष्ट्रपति के तौर पर उन्होंने अपना पद जुलाई 2011 में संभाला था. अब 72 घंटे के भीतर उन्हें सातवें प्रधानमंत्री और कैबिनेट का चयन करना होगा.
उनके द्वारा नामित उमीदवार को कांग्रेस की सहमति चाहिए होगी यदि उम्मीदवार को बहुमत नहीं प्राप्त होता है तो राष्ट्रपति को संसद भंग करनी पड़ेगी और पुनः चुनाव कराने पड़ेंगे.
बुलाना पड़ेगा से खारिज कर दिया है, तो सुप्रीम कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति द्वारा आयोजित कर रहे हैं

सीरिया के लिए तीसरे अंतर्राष्ट्रीय मानवीय प्रतिबधता सम्मेलन में 3.8 बिलियन डॉलर की सहायता की घोषणा

विश्व समुदाय ने 31 मार्च 2015 को सीरिया  संकट को राहत प्रदान के उद्देश्य से कुवैत में आयोजित तीसरे अंतर्राष्ट्रीय मानवीय प्रतिबधता सम्मेलन में 3.8 अरब अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता देने का वचन दिया.
यह वित्तीय सहायता सीरियाई गृह युद्ध के शिकार लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की मदद करेगी.
संयुक्त राष्ट्र की अध्यक्षता इस सम्मेलन में 78 देशों और 38 मानवीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
प्रमुख दाताओं में कुवैत के अमीर शेख सबाह अल-अहमद (300 मिलियन अमरीकी डॉलर), यूरोपीय संघ (1 अरब अमरीकी डॉलर), अमेरिका (507 मिलियन अमरीकी डॉलर), संयुक्त अरब अमीरात (100 मिलियनअमरीकी डॉलर) और सऊदी अरब (60 मिलियन अमरीकी डॉलर) शामिल हैं.


तीसरे सम्मेलन की निर्धारित राशि 2013 और 2014 के पहले और दूसरे सम्मेलन के योग के बराबर है. 2013 के लिए 1.5 अरब डॉलर और 2014 के 2.3 अरब डॉलर की राशि निर्धारित की गई थी.
2015  के लिए 8.4 अरब डॉलर की राशि निर्धारित है.
टिप्पणी 
यह सशस्त्र संघर्ष सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के नेतृत्व में सीरियाई सेना और विरोधी फ्री सीरियन आर्मी (एफएसए), इस्लामिक फ्रंट(आईएफ), हिजबुल्लाह इस्लामिक स्टेट ऑफ़ इराक एंड द लेवांट  के बीच मार्च 2011 शुरू हुआ.
यूएन की रिपोर्ट के अनुसार संघर्ष में 2लाख आम नागरिक मारे गए थे, 7.6 लाख लोगों को आंतरिक रूप से विस्थापित किया गया, 3.9 लाख लोग पडोसी देश में शरण ढूँढ रहे हैं.
यूएन महासचिव बान की मून ने बताया की संघर्ष के कारण हर पाँच में से चार व्यक्ति गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे है.और इसके कारण पिछले 40 वर्षों का मानव विकास नष्ट हो गया है.

आरबीआई द्वारा 16 केन्द्रीय सहकारी बैंकों पर 5 लाख रुपये का जुर्माना

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया(आरबीआई) ने 31 मार्च 2015 को 16 केन्द्रीय सहकारी बैंकों पर पांच लाख रुपए का मौद्रिक जुर्माना लगाया.

यह जुर्माना इन बैंकों पर केवाईसी और एंटी मनी लॉन्ड्रिंग के दिशा-निर्देशों का पालन न करने के कारण लगाया गया. 
जिन 16 सहकारीबैंकोंपरजुर्मानालगायागयावहहैं-

क्रमांक.

बैंककानाम

1.

दुमका केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड, दुमका (झारखंड)

2.

गुमला सिमडेगा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, (झारखंड)

3.

धनबाद सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, (झारखंड)

4.

धनबाद सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, (झारखंड)

5.

मानसा केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड, मानसा (पंजाब)

6.

जींद सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, (हरियाणा)

7.

गोपालगंज सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गोपालगंज (बिहार)

8.

अजमेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अजमेर (राजस्थान)

9.

हनुमानगढ़ केन्द्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड, (राजस्थान)

10.

सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बीकानेर (राजस्थान)

11.

सिरोही सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सिरोही (राजस्थान)

12.

बूंदी सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बूंदी (राजस्थान)

13.

बौद्ध सहकारी केन्द्रीय बैंक लिमिटेड, (ओडिशा)

14.

भवानीपटना केन्द्रीय सहकारी बैंक, (ओडिशा)

15.

कटक सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, (ओडिशा)

16.

संबलपुर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक लिमिटेड, (ओडिशा)

भारतीय रिजर्व बैंक ने यह दंड 1949 की धारा 47(ए) के प्रावधानों के तहत केवाईसी और एंटी मनी लॉन्ड्रिंग के दिशा-निर्देशों का पालन न करने के कारण इन बैंकों पर यह जुर्माना लगाया.

मिजोरम के पूर्व मुख्यमंत्री ब्रिगेडियर थेनफुन्गा सैलो का निधन

मिजोरम के पूर्व मुख्यमंत्री ब्रिगेडियर थेनफुन्गा सैलो (Thenphunga Sailo) का 27 मार्च 2015 को हृदय गति रुक जाने से 93 वर्ष की आयु में आइजोल में निधन हो गया. सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद इन्होंने वर्ष 1975 में मिजोरम पीपल्स कॉफ्रेंस की स्थापना की जिसने वर्ष 1977 में के चुनाव में सफलता प्राप्त की.
ब्रिगेडियरथेनफुन्गासैलोकेबारेमें
•    थेनफुन्गा सैलो का जन्म 1 जनवरी 1922 को हुआ था.
•    थेनफुन्गा सैलो वर्ष 1978 में मिजोरम के मुख्यमंत्री बने थे. वे वर्ष 1979 में दोबारा मुख्यमंत्री बने और वर्ष 1984 तक इस पद पर रहे.
•    वर्ष 1999 में थेनफुन्गा सैलो को पद्म श्री सम्मान से सम्मानित किया गया.
•    सैलो वर्ष 1942 में ब्रिटिश इंडियन आर्मी में शामिल हुए थे.
•    ब्रिगेडियर सैलो ने भारतीय सेना से वर्ष 1974 में सवानिवृत्त होने के बाद मानवाधिकार समिति का गठन किया, ताकि आतंकवाद से पीड़ित मिजोरम के लोगों की मदद की जा सके.
•    ब्रिगेडियर सैलो मिजो समुदाय से आने वाले पहले भारतीय सैन्य अधिकारी थे.
•    उन्हें 1960 के दशक के दौरान ओडिशा और बिहार में बाढ़ पीड़ितों की मदद और सेवा के लिए सम्मानित भी किया गया.

म्यांमार सरकार और 16 नृजातीय विद्रोही गुटों ने युद्ध विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए

म्यांमार सरकार और 16 नृजातीय विद्रोही गुटों ने युद्ध विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए म्यांमार सरकार और 16 नृजातीय विद्रोही गुटों ने 31 मार्च 2015 को राष्ट्रव्यापी युद्ध विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह समझौता पिछले 65 वर्षों से चले आ रहे नागरिक अशांति और सैन्य संघर्ष को समाप्त करने के उद्देश्य से हस्ताक्षरित किया गया है.
यह समझौता यूनियन पीस वर्किंग कमेटी और द नेशनवाइड सीज़फायर कोओरडीनेशन टीम के मध्य हुआ. समझौते के दौरान म्यांमार के राष्ट्रपति यू थीन सीन भी मौजूद थे.
यह समझौता 2013 से हो चुकी सात वार्ताओं के बाद हस्ताक्षरित किया गया. समझौते में चार विवादित मुद्दों को हल करने पर सहमती हुई.

इनमे शामिल किया गया है -

• सैन्य सेवाओं में भर्ती को विराम दिया जाएगा 
• सशस्त्र विद्रोही गुटों के क्षेत्र और स्थिति की पुष्टि की जाएगी
• राजनीतिक संवाद की प्रकृति और संरचना को स्पष्ट किया जाएगा
परन्तु समझौते पर अंतिम मंजूरी देने से पहले विद्रोही गुट अपने शीर्ष नेताओं से वार्ता करेंगे.
समझौते में कोकांग में सबसे अधिक सक्रीय विद्रोही गुट ने भाग नहीं लिया.
समझौते के तहत विद्रोही गुटों को एक ऐसी प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा जिसके तहत सत्ता और संसाधनों का हस्तांतरण स्थानीय प्रशासन को कर दिया जाएगा. इस समझौते का विरोध 1948  में म्यांमार सरकार द्वारा किया गया था.
टिप्पणी

समझौते पर हस्ताक्षर करने के इस कदम की संयुक्त राष्ट्र ने सराहना की है और इसे एक "ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण उपलब्धि" बताया  है. 
यह कदम म्यांमार की अर्द्ध असैनिक सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है यह समझौता विद्रोही गुटों के के द्वारा की जा रही युद्ध गतिविधियों को समाप्त करेगा.
म्यांमार यूनाइटेड किंगडम से 1948 में स्वतंत्र हुआ और यहाँ स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से सशस्त्र आंतरिक संघर्ष चल रहा है.
म्यांमार का यह नागरिक संघर्ष विश्व के सबसे लम्बे समय तक चलने वाले संघर्षों में से एक है.

गुजरात विधानसभा ने आतंकवाद व संगठित अपराध रोकने हेतु 'गुजटोक' विधेयक पारित किया

गुजरात विधानसभा ने 31 मार्च 2015 को आतंकवाद व संगठित अपराध रोकने हेतु 'गुजटोक' विधेयक (Gujarat Control of Terrorism and organized Crime Bill 2015) पारित किया. यह विधेयक पूर्व में विवादित रही 'गुजकोक' विधेयक के स्थान पर पारित हुआ. गुजकोक विधेयक को पहले तीन बार गुजरात विधानसभा से पारित किया जा चुका था, लेकिन राष्ट्रपति ने आपत्तिजनक प्रावधानों के कारण उसे मंजूरी नहीं दी.
विदित हो कि गुजरात सरकार पिछले 12 साल से आतंकवाद व संगठित अपराध रोकने के लिए कठोर कानून बनाने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस के कड़े विरोध के बीच इस विधेयक को नए नाम से चौथी बार विधानसभा से पारित कर दिया गया. गुजरात के गृह राज्य मंत्री रजनीकांत पटेल ने विधानसभा में गुजरात कंट्रोल ऑफ टेररिज्म एंड आर्गनाइज्ड क्राइम (जीसीटीओसी) विधेयक 2015 पेश किया. 
गुजकोक/गुजटोकविधेयककीपृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते इस विवादित विधेयक को तीन बार पारित कर राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया था, लेकिन इसे मंजूरी नहीं मिली. 
महाराष्ट्र के मकोका की तरह बनाए गए गुजकोक को वर्ष 2004 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और 2008 में प्रतिभा पाटिल लौटा चुकी हैं. इसके बाद 2009 में इसे तीसरी बार पारित कर राष्ट्रपति को भेजा गया था, लेकिन यह अभी भी लंबित है.
प्रावधानोंपरआपत्ति
•    इस विधेयक की धारा 14 के अनुसार किसी आरोपी की फोन पर बातचीत का टेप सुबूत के तौर पर कोर्ट में मान्य होगा. इस पर किसी अन्य कानून का कोई असर नहीं होगा. आपत्ति:- भारतीय साक्ष्य अधिनियम में फोन पर बातचीत को सुबूत नहीं माना जाता है.
•    धारा 16 के अनुसार आरोपी का पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी के समक्ष दर्ज कराया गया बयान सुबूत माना जाएगा. आपत्ति:- दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत किसी मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज बयान को ही सुबूत माना जाता है.
•    धारा 20 (2) (बी) के अनुसार जांच पूरी करने या आरोप पत्र दायर करने की तय अवधि 180 दिन तक बढ़ाई जाएगी. आपत्ति:- वर्तमान में 90 दिन में आरोप पत्र पेश न हो तो आरोपी को रिहा कर दिया जाता है. छह माह तक बिना आरोप जेल में रखना अनुचित.
•    धारा 20 (4) के तहत किसी आरोपी को निजी मुचलके पर रिहा नहीं किया जा सकेगा. आपत्ति:- यह प्रावधान असंवैधानिक है. यह आरोपी की रिहाई के अधिकार के खिलाफ है.
•    गुजटोक में दर्ज केस की सुनवाई सिर्फ विशेष अदालतों में ही होगी. आपत्ति:- विशेष अदालतों में सुनवाई में देरी होने पर आरोपी त्वरित न्याय से वंचित रहेगा.

विश्व की सबसे वृद्ध महिला मिसाओ ओकावा का 117 वर्ष की उम्र में निधन

विश्व की सबसे वृद्ध महिला मिसाओ ओकावा का 117 वर्ष की उम्र में 1 अप्रैल 2015 को ओसाका में निधन हो गया. ओकावा ने मार्च 2015 में ही अपना 117वां जन्मदिन मनाया था.

ओकावा का जन्म 5 मार्च 1898 को हुआ था. गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड ने वर्ष 2013 में 114 वर्ष की उम्र होने पर ओकावा को दुनिया की सबसे वृद्ध महिला का खिताब दिया था.

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुजरात उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति की

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संविधान के अनुच्छेद 217 की धारा 1 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 31 मार्च 2015 को गुजरात उच्च न्यायालय में अतिरिक्त  न्यायाधीशों (1) जस्टिस राजेन्द्र धीरजलाल कोठारी (2) जस्टिस अब्दुल्लाजह गुलामहमेद उरैजी को नियमित न्यायाधीश नियुक्त किया. यह नियुक्तियां कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी मानी जाएंगी.

उपरोक्त के साथ ही साथ राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेयद 224 की धारा 1 द्वारा प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए (1) कौशल जयेन्द्रा ठाकेर और (2) रतिलाल परषोत्तमभाई ढोलरिया को 03 मई 2015 से एक वर्ष की अवधि के लिए गुजरात उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया

मुस्तफा कमाल का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा

मुस्तफा कमाल ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के अध्यक्ष पद से 1 अप्रैल 2015 को इस्तीफा दे दिया. उन्होंने भारत-बांग्लादेश क्वार्टर फाइनल मुकाबले के बाद सार्वजनिक तौर पर मैच में अंपायरिंग के स्तर की निंदा की थी, जिसके बाद आईसीसी ने अपने ही अध्यक्ष की आलोचना की थी.

हेडलाइंस टुडे से एक्सक्लूसिव बातचीत में मुस्तफा कमाल था ने कहा, 'कई फैसले बांग्लादेश के खिलाफ गए. अगर अंपायरों ने जानबूझकर ऐसा किया तो यह क्रिकेट के खिलाफ जुर्म है.'
आईसीसी चेयरमैन एन श्रीनिवासन ने ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लॉर्क को आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2015 की ट्रॉफी सौंपी.
विवाद क्या था?
आईसीसी क्रिकेट विश्व कप-2015 के क्वार्टर फाइनल में भारतीय टीम ने बांग्लादेश को पराजित कर  दिया था. इस मैच में अंपायरों द्वारा लिए गए निर्णय की आलोचना हुई थी. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने तो यहां तक कह दिया कि भारत ने यह मैच अंपायर्स की मदद से जीता. 
विवाद पाकिस्तानी अंपायर अलीम डार द्वारा भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा को 90 के स्कोर पर नॉट आउट देने को लेकर था. रोहित शर्मा ने जो शॉट खेला, वह सीधे फील्डर के हाथ में गया. हालांकि अंपायर अलीम डार ने बॉल को कमर की हाईट से ऊपर बताते हुए नो बॉल करार दिया. इसके अलावा शिखर धवन द्वारा बाउंड्री लाइन पर पकड़े गए एक कैच को लेकर भी विवाद था. इस मामले में निर्णय टीवी अंपायर ने दिया था.
मुस्तफा कमाल से संबंधित मुख्य तथ्य 
• मुस्तफा कमाल बांग्लादेश के राजनीतिज्ञ एवं क्रिकेट अधिकारी हैं. 
• वह चटगांव डिवीजन के कोमिला-10 (Comilla-10) निर्वाचन क्षेत्र से जातीय संसद (बांग्लादेश संसद) के सदस्य हैं. 
• मुस्तफा कमाल बांग्लादेश आवामी लीग (Bangladesh Awami League) के संयोजक हैं. 
• वह वर्ष 2010-12 के मध्य एशियन क्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष रहे.
• वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की लेखा परीक्षा समिति के अध्यक्ष रहे.
• मुस्तफा कमाल को  वर्ष 2012-2014 के कार्यकाल के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का उपाध्यक्ष नामित किया गया.
• आईसीसी के लिए अपना नामांकन करने से पहले मुस्तफा कमाल बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष थे.
• मुस्तफा कमाल को वर्ष 2014 में आईसीसी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. उन्होंने एलन आइजैक का स्थान लिया.

न्यूज़ीलैंड के गेंदबाज काइल मिल्स का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास

न्यूज़ीलैंड के दाएं हाथ के तेज गेंदबाज काइल मिल्स ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया. उन्होंने इसकी घोषणा 31 मार्च 2015 को की. 36 वर्षीय मिल्स न्यूजीलैंड की 15 सदस्यीय विश्व कप टीम के सदस्य थे लेकिन उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिल पाया.

काइलमिल्ससेसंबंधितमुख्यतथ्य

  • काइल मिल्स ने 22 वर्ष की उम्र में वर्ष 2001 में अपना क्रिकेट करियर शुरू किया.
  • उन्होंने कुल 19 टेस्ट मैचों में 33.02 के औसत से 44 विकेट लिए हैं.
  • काइल मिल्स ने 170 एकदिवसीय मैचों में 27.02 के औसत से 240 विकेट लिए हैं. वे विटोरी के बाद न्यूजीलैंड के लिए एकदिवसीय क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने.
  • काइल मिल्स ने 42 टी20 मैचों में 28.55 के औसत से 43 विकेट लिए हैं.
  • काइल मिल्स ने अपने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट का पर्दापण वर्ष 2001 में पाकिस्तान के खिलाफ एकदिवसीय मुकाबले से किया था और फिर उसके बाद वर्ष 2004 में इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट मैच खेला था.

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट रैंकिंग सूची जारी की

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी, International Cricket Council) ने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट रैंकिंग की सूची 31 मार्च 2015 को जारी की. इस सूची में भारत को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ. आईसीसी के अनुसार तालिका में ऑस्ट्रेलिया पहले स्थान पर है. इस सूची में दक्षिण अफ्रीका तीसरे स्थान पर है.

आईसीसीटेस्टक्रिकेटरैंकिंगसूची

रैंक

देशकानाम

अंक

1

ऑस्ट्रेलिया

122

2

भारत

116

3

दक्षिण अफ्रीका

112

4

न्यूजीलैंड

108

5

श्रीलंका

107

6

इंग्लैण्ड

101

7

पकिस्तान

95

8

वेस्टइंडीज

92

9

बांग्लादेश      76

76

केंद्रीय मंत्रिमण्डल ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पुनः जारी करने की सिफारिश की

केंद्रीय मंत्रिमण्डल ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पुनः जारी करने की सिफारिश की. यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र् मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 31 मार्च 2015 को लिया गया. इस अध्या्देश में वे नौ संशोधन शामिल किये गए हैं जो मार्च 2015 में लोक सभा में पारित विधेयक का हिस्सा थे. पहले से जारी अध्यादेश की अवधि 5 अप्रैल 2015 तक है.

इसके बाद अब मंत्रिमण्डल की सिफारिश राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास स्वीकृति के लिए भेजी जाएगी जिससे यह अध्यादेश लागू हो सके. 
संसदीय मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 27 मार्च 2015  को राज्यसभा के मौजूदा सत्र का सत्रावसान करने की सिफारिश की.  राष्ट्रपति ने संसदीय मामलों से सम्बद्ध मंत्रिमण्डल की समिति की सिफारिश पर 28 मार्च 2015  को सदन का सत्रावसान कर दिया था. 
संविधान के अनुसार कोई अध्यादेश जारी करने के लिए संसद के कम से कम एक सदन का सत्रावसान जरूरी है. 
संसद का बजट सत्र 23 फरवरी 2015 को शुरू हुआ था और अब संसद में एक महीने का अवकाश चल रहा है.
यह अध्यादेश जारी होने पर मोदी सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला 11वां अध्यादेश होगा. 
विदित हो कि भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता अधिकार (संशोधन) विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है. जबकि यह विधेयक राज्यसभा में विचाराधीन है जहां सरकार अल्प‍मत में है. 
दिसंबर 2014 में जारी अध्यादेश के स्थान पर इस विधेयक को लाया गया था. अध्यादेश के प्रभावी बने रहने के लिए इसे 5 अप्रैल 2015 तक संसद की मंजूरी आवश्यक थी.

श्रीलंकाई राष्ट्रपति की चीन यात्रा के दौरान पाँच समझौतों पर हस्ताक्षर

चीन और श्रीलंका ने 26 मार्च 2015 को दोनों देशों के बीच आपसी साझेदारी को मजबूत करने के उद्देश्य से पाँच समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
यह समझौता श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल श्रीसेन की पहली चीन यात्रा के दौरान बीजिंग में हुआ.


श्रीलंका के राष्ट्रपति की चीन यात्रा के परिणाम
•दोनों देशों ने पंचशील समझौते के पाँच सिद्धांत के अनुपालन करने की प्रतिबधता को दोहराया.

•दोनों देशों ने पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए जिनका सम्बन्ध सार्वजनिक स्वास्थ्य, जल उपचार की तकनीक के विकास, गुर्दे की बीमारी के उपचार की तकनीक और  नारियल उद्योग के अनुसंधान और विकास से है.

•वार्ता के दौरान चीन और श्रीलंका के राष्ट्रपति ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तीसरे दौर की बातचीत को शुरू करने पर भी सहमति जताई.

•एशियाई बुनियादी ढांचे के निवेश बैंक(एआईआईबी) के संस्थापक सदस्य बनने के चीन को प्रस्ताव को श्रीलंका ने मंजूरी प्रदान कर दी.

•चीन अगले पांच वर्षों में श्रीलंका के 2000 युवा वैज्ञानिकों को प्रशिक्षण देने के के लिए सहमत हुआ.

•दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक साझेदारी को गहरा करने के उद्देश्य से चीन श्रीलंका में चीनी भाषा के प्रशिक्षण केंद्र को स्थापित करने पर सहमत हुआ.

श्रीलंका चीन सम्बन्ध भारत के लिए सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है. हाल ही में चीन द्वारा रेशम मार्ग पर उठाया गया कदम और चीन द्वारा श्रीलंका में निवेश को भारत को चारों ओर से घेरने की नीति के रूप में देखा जा रहा है.

नाइजीरिया में पूर्व सैन्य शासक मुहम्मद बुहारी ने राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता

अफ्रीकी देश नाइजीरिया में पूर्व सैन्य शासक मुहम्मदू बुहारी ने राष्ट्रपति पद का चुनाव भारी मतों से जीत लिया. इसकी घोषणा 1 अप्रैल 2015 को की गई. नाइजीरिया वासियों ने ऐतिहासिक सत्ता हस्तांतरण करते हुए राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन को हराकर पूर्व सैन्य तानाशाह मुहम्मदू बुहारी को देश का नया शासक निर्वाचित किया. बुहारी को 1,54,24,921 वोट मिले, जबकि जोनाथन को 1,28,53,162 वोट मिले.

जोनाथन ने पूर्व जनरल 72 वर्षीय बुहारी से हार स्वीकार कर ली, जिससे अफ्रीका के सर्वाधिक आबादी वाले देश में शांतिपूर्ण ढंग से सत्ता हस्तांतरण का मार्ग प्रशस्त हो गया.

नाइजीरिया के इतिहास में यह पहली बार होगा जब किसी विपक्षी दल ने सत्तारूढ़ पार्टी से लोकतांत्रिक रूप से देश का नियंत्रण हासिल किया. यह अफ्रीकी देश में परिपक्व होते लोकतंत्र का संकेत है. जोनाथन की पार्टी देश में दशकों की सैन्य तानाशाही के 1999 में खत्म होने के बाद से शासन कर रही थी.

कोटक महिंद्रा बैंक और आईएनजी वैश्य बैंक के विलय को रिजर्व बैंक की मंजूरी

कोटक महिंद्रा बैंक और आईएनजी वैश्य बैंक के विलय को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 1 अप्रैल 2015 को मंजूरी दी. इस विलय के बाद कोटक महिंद्रा निजी क्षेत्र का चौथा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा.
कोटक महिंद्रा बैंक ने आरबीआई की मंजूरी का उल्लेख करते हुए कहा कि विलय 1 अप्रैल 2015 से प्रभावी होगा. विलय के बाद सभी आईएनजी वैश्य बैंक संपत्तियां कोटक महिंद्रा बैंक को ट्रांसफर की जाएंगी.
विदित हो कि कोटक महिंद्रा बैंक और आईएनजी वैश्य बैंक के इस विलय के बाद नई बैंकिंग कंपनी की 1,214 शाखाएं होंगी और नेटवर्क पूरे देश में फैला होगा. आईएनजी वैश्व बैंक में करीब 10,000 कर्मचारी हैं, जबकि कोटक महिंद्रा बैंक में कर्मचारियों की तादाद लगभग 29,000 है. कोटक महिंद्रा और आईएनजी वैश्य के बीच 15,000 करोड़ रुपए के विलय प्रस्ताव को प्रतिस्पर्धा आयोग तरफ से फरवरी 2015 में ही मंजूरी मिल गई थी.

हाइब्रिड वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए फेम-इंडिया योजना की घोषणा

केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2015 को फास्टर एडॉप्शन एंड मेन्यूफेक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक वेहिकल्स (फेम) इंडिया स्कीम की घोषणा की. इसका उद्देश्य देश में पर्यावरण अनुकूल वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देना है. यह नेशनल मिशन फॉर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का ही एक हिस्सा है. इस योजना द्वारा वर्ष 2020 तक बिजली और हाइब्रिड चालित वाहनों के विनिर्माण और बिक्री के लिए 795 करोड़ रुपए के समर्थन की परिकल्पना की गई है.

फेमइंडियायोजनाकीविशेषताएं

  • बिजली और हाइब्रिड चालित वाहनों की मांग को बढ़ावा देने के लिए 1800 रुपये से 66 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है.
  • इस योजना के प्रमुख क्षेत्रों में तकनीकी विकास, मांग सृजन, पायलट परियोजनाएं और बुनियादी ढांचे में सुधार शामिल हैं.
  • इस प्रौद्योगिकी पर आधारित, बैटरी संचालित दो पहिया वाहन 1800 रुपए से 29,000 रुपए तक की प्रोत्साहन राशि के हकदार होंगे.
  • तिपहिया वाहनों में प्रोत्साहन 3300 रुपए से 61000 रुपए तक होगा.
  • चार पहिया वाहनों में प्रोत्साहन 13000 रुपए से 1.38 लाख रुपए तक होगा.
  • हल्के कमर्शियल वाहनों की स्थिति में यह प्रोत्साहन 17000 रुपए से 1.87 लाख रुपए तक होगा.
  • बसों के मामले में प्रोत्साहन 34 लाख रुपये से लेकर 66 लाख रुपए तक होगा.
  • भारी उद्योग विभाग इस योजना के लिए नोडल विभाग का कार्य करेगा.

योजनाकार्यान्वयन

इस योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा जिसमें पहले दो वर्षों के लिए क्रमश: 260 करोड़ रुपए और 535 करोड़ रुपए आवंटित किये जायेंगे.   
इस राशि को प्रौद्योगिकी बढ़ावे (बुनियादी ढांचे के परीक्षण सहित), प्रोत्साहन राशि, बुनियादी ढांचे में सुधार, पायलट परियोजनाओं और कार्यक्रमों पर खर्च किया जाएगा.

पहले चरण में यह योजना 2015-16 और 2016-17 के बीच दो साल की अवधि में लागू की जाएगी. सरकार 31 मार्च 2017 के बाद पहले चरण में इस योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा करेगी.

भविष्य में आवंटन इस अवधि के दौरान प्राप्त हुए परिणामों और अनुभव पर निर्भर करेंगे.

नेशनलइलेक्ट्रिकमोबिलिटीमिशनप्लान

  • केंद्र सरकार ने वर्ष 2013 में राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान- 2020  (एनईएमएमपी) का शुभारंभ किया. देश में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देकर ईंधन सुरक्षा हासिल करने के लिए एनईएमएमपी की शुरुआत की गयी है.
  • इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत वर्ष 2020 से 6-7 लाख हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री का लक्ष्य हासिल करने की योजना है.
  • सरकार इस प्रौद्योगिकी को शुरू करने के लिए राजकोषीय और मौद्रिक प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.
  • सरकार से समर्थन से वर्ष 2020 तक यह बिक्री 15-16 लाख तक पहुंच जाने की उम्मीद है.

अलीबाबा और बीएमजी के मध्य डिजिटल वितरण पर समझौता

विश्व की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कम्पनी अलीबाबा ने अपने ऑनलाइन मीडिया प्लेटफार्म को विस्तृत करने के उद्देश्य से 31 मार्च 2015 को जर्मनी के संगीत अधिकार समूह बीएमजी के साथ डिजिटल वितरण समझौते पर हस्ताक्षर किए.


यह समझौता अलीबाबा को बीएमजी के 2.5 मिलियन कॉपीराइट प्रदान करेगा.अलीबाबा के संगीत प्लेटफार्म में पहले से ही रोलिंग स्टोन और जीन माइकल जारे जैसे कलाकारों के संगीत हैं.
यह समझौता बीएमजी के लेखकों और कलाकारों को ज़ीआमी और टीटीपीडी जैसे चैनल प्रदान कर उन्हें प्रोत्साहित करेगा.
अलीबाबा का लक्ष्य ऑनलाइन मीडिया के क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी बनना है.अलीबाबा ऑनलाइन स्तर पर भौतिक सामग्री के साथ डिजिटल सामग्री भी उपलब्ध कराती है.
बीएमजी संगीत प्रकाशन, रिकॉर्डिंग अधिकारों और संगीत वितरण के प्रबंधन के क्षेत्र में एक अन्तराष्ट्रीय कम्पनी है.इसका पूर्ण स्वामित्व बेरटेल्समेन के पास है.
इस समय बीएमजी राजस्व के आधार पर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी संगीत प्रकाशक इकाई है.

ओडिशा सरकार ने आहार योजना का शुभारंभ किया

ओडिशा सरकार ने 1 अप्रैल 2015 को शहरी गरीबों को रियायती दर पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए आहार योजना  का शुभारंभ किया है.इस योजना का शुभारम्भ राज्य के स्थापना दिवस-‘उत्कल दिवस’ के अवसर पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा किया गया.

पहले चरण में इस योजना के अंतर्गत भुवनेश्वर, कटक, बरहामपुर, संबलपुर और राउरकेला को शामिल किया जाएगा.
योजना के अंतर्गत रियायती दर पर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए पाँच शहरों में खाद्य सामग्री वितरित करने वाली दुकानों को खोला जाएगा.इन दुकानों द्वारा चावल,दाल और अचार को पाँच रुपए की दर पर उपलब्ध कराया जाएगा.इस योजना का क्रियानव्यन तीन राज्य निगम और टाटा स्टील के सहयोग से किया जा रहा है.
योजना के तहत प्रत्येक दिन सुबह 11:00 बजे से शाम 3:00  बजे तक 1000 लोगों को इस सुविधा का लाभ प्रदान किया जाएगा.

योजना के क्रियान्वयन में सहयोग करने वाले संघठन निम्नलिखित हैं –

• ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन (ओएमसी)- कटक और भुवनेश्वर 
• ओडिशा विद्युत उत्पादन निगम(ओपीजीसी)- राउरकेला 
• ओडिशा औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकास निगम(आईडीसीओ) -संबलपुर 
•  टाटा स्टील- बहरामपुर

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने यूरिया संयंत्रों के लिए गैस की समान दर को मंजूरी दी

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 31 मार्च 2015 को सभी उर्वरक संयंत्रों को समान दर पर गैस आपूर्ति करने को मंजूरी दे दी है. उर्वरक संयंत्रों में पूलिंग प्रक्रिया से यूरिया को उत्पादित करने में गैस की आवश्यकता होती है. 
उर्वरक विभाग के आकलन के अनुसार इस निर्णय से यूरिया उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और अगले चार वर्षों में 2015-16 से 2018-19 तक 37.13 लाख मिलियन टन अतिरिक्त यूरिया का उत्पादन हो जाएगा.

इसके अलावा  यह  निर्णय आयात पर भारत की निर्भरता को कम करेगा और इससे सब्सिडी के रूप में खर्च होने वाले 1550 करोड़ रुपये की बचत होगी.
इस निर्णय से यूरिया के उत्पादन लागत में कमी आएगी और इस कदम से यूरिया का उत्पादन करने वाली इकाइयों को प्रोत्साहन मिलेगा.
इस उपाय से गोरखपुर, बरौनी और सिंदरी यूरिया संयंत्रों की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है. ये तीन संयंत्र जगदीशपुर हल्दिया पाइपलाइन के लिए बड़े ग्राहक के रूप में उभरेंगे. नतीजतन 2007 में अनुमोदित की गई इस पाइपलाइन का काम इस वित्तीय वर्ष शुरू हो जाएगा.
वर्तमान में देश में कुल 30 यूरिया संयंत्र हैं जिनमें से 27 गैस आधारित हैं जबकि तीन इकाइयां मैंगलोर केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड, मद्रास फर्टिलाइजर्स लिमिटेड और दक्षिणी पेट्रोकेमिकल्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड नेप्था आधारित हैं.
वर्तमान में भारत में प्रत्येकवर्ष 30 लाख मीट्रिक टन(एमएमटीपीए)  यूरिया की खपत होती है जिसमे से 23 लाख एमएमटीपीए का उत्पादन देश में ही होता है और 2 एमएमटीपीए यूरिया का आयत ओमान से यूओटीए समझौते के तहत किया जाता है. इस समझौते की अवधि 2020 तक है.
2017-18 के दौरान यूरिया की माँग 34 एमएमटीपीए और 2024-25 38 एमएमटीपीए तक होने की उम्मीद है. बढ़ती माँग को देखते हुए अगर संयंत्रों का क्षमता वर्धन नहीं किया गया तो आयात भार और बढ़ जाएगा.

अमेज़न और आईबीएम ने इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स में प्रवेश करने की घोषणा की

शब्द आईओटी 31 मार्च 2015  को  तब चर्चा में आया जब अमेज़न और आईबीएम ने आईओटी क्षेत्र में प्रवेश करने की घोषणा की.
आईबीएम अगले चार साल में 3 अरब अमरीकी डॉलर के निवेश से एक अलग आईओटी इकाई स्थापित करेगा.

अमेजन ने डैश बटन की शुरुआत की है.

आईओटी का तात्पर्य एक उपकरण नेटवर्क से है जिसमे सेंसर की मदद से सूचना का आदान प्रदान इन्टरनेट पर किया जाएगा.
यह तकनीक वास्तविक समय के आधार पर उपलब्ध कराई गई जानकारी का उपयोग कर स्मार्ट उपकरणों को विकसित करने में मदद करेगा.

भारतीय मूल की नर्स डॉ. सुभदा देवी राय अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि पुरस्कार से सम्मानित

भारतीय मूल की नर्स डॉ. सुभदा देवी राय को सिंगापुर में 1 अप्रैल 2015 को अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि पुरस्कार (international achievement award) से सम्मानित किया गया. उन्हें यह पुरस्कार महिलाओं और शरणार्थियों की स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए प्रदान किया गया. सिंगापुर में हर दो वर्ष में दिया जाने वाला यह प्रतिष्ठित पुरस्कार पाने वाली वह सिंगापुर की पहली नागरिक हैं.

डॉ. सुभदा देवी राय एक नर्स हैं और वे सिंगापुर में नान्यांग पॉलीटेक्निक में स्वास्थ्य विज्ञान नर्सिंग स्कूल में वरिष्ठ लेक्चरर भी हैं. उन्हें फ्लोरेंस नाइटेंगल इंटरनेशनल फाउंडेशन (एफएनआईएफ) वर्ष 2015 के अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि पुरस्कार से सम्मानित करेगी.
वर्ष  1999 में इस द्विवार्षिक पुरस्कार के शुरू किए जाने के बाद से यह पहली बार होगा जब सिंगापुर के किसी नागरिक को यह पुरस्कार दिया जाएगा.
महिलाओं और शरणार्थियों के स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य के लिए राय को इस पुरस्कार के लिए चुना गया. राय को सियोल में 21 जून 2015 को एक सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
एफएनआईएफ इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज (आईसीएन) का प्रमुख संस्थान है. इसका उद्देश्य नर्सिंग शिक्षा के प्रसार, शोध और सेवाओं में सहयोग करना है.

साहित्यकार डॉ. कैलाश वाजपेयी का दिल्ली में निधन

साहित्यकार डॉ. कैलाश वाजपेयी का दिल का दौरा पड़ने से दिल्ली के एक अस्पताल में 1 अप्रैल  2015 को निधन हो गया. वह 79 वर्ष के थे. मुख्य रूप से वह हिन्दी के साहित्यकार थे, परन्तु उन्होंने हिंदी के साथ –साथ अंगेजी भाषा में भी लेखन कार्य किया. 
उनके परिवार में पत्नी डॉ. रूपा वाजपेयी और पुत्री अनन्या वाजपेयी हैं. उनका अंतिम संस्कार लोदी श्मशान घाट में कर दिया गया. उन्हें उनकी बेटी अनन्या ने मुखाग्नि दी.

उनके अंतिम संस्कार में पूर्व केंद्रीय मंत्री मणि शंकर अय्यर, नृत्यांगना कपिला वात्स्यायन, आलोचक आशीष नंदी, वरिष्ठ साहित्यकार लीलाधर मंडलोई और विष्णु नागर सहित अनेक राजनेता और बुद्धिजीवी मौजूद थे.
डॉ. कैलाश वाजपेयी से संबंधित मुख्य तथ्य 
• डॉ. कैलाश वाजपेयी का जन्म उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में 11 नवंबर 1936 को हुआ था. 
• डॉ. वाजपेयी ने लखनऊ विश्वविद्यालय से वाचस्पति की उपाधि प्राप्त की और कई पत्र-पत्रिकाओं से जुड़े रहे. 
• उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के शिवाजी कॉलेज में अध्यापन किया और वर्ष 2004 में सेवानिवृत हुए. काव्य संग्रह 'हवा में हस्ताक्षर' पर उन्हें वर्ष 2009 में साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया था. 
• डॉ. कैलाश वाजपेयी वर्ष 2008 से 2013 तक साहित्य अकादमी की सामान्य परिषद के सदस्य भी रहे. 
• उनकी कविता ‘नया राष्ट्रगीत’ को प्रतिबंधित कर दिया गया था.
• वर्ष 2002 में व्यास सम्मान से सम्मानित 
• लखनऊ विश्वविद्यालय से एमए, पी-एच.डी.
• वर्ष 1960 में टाइम्स ऑफ़ इण्डिया प्रकाशन संस्थान द्वारा बम्बई में नियुक्ति.
• वर्ष 1961 में दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में प्राध्यापन.
• दिल्ली दूरदर्शन के लिए कबीर, हरिदास स्वामी, सूरदास, जे. कृष्णामूर्ति, रामकृष्ण परमहंस और बुद्ध के जीवन-दर्शन पर फिल्म-निर्माण. 
• भारतीय दूरदर्शन की हिन्दी सलाहकार समिति के सदस्य.
प्रकाशित प्रमुख कृतियां 
शोध प्रबन्ध : आधुनिक हिन्दी-कविता में शिल्प (1963).
कविता संग्रह : संक्रान्त (1964), देहांत से हटकर (1968), तीसरा अँधेरा (1972), महास्वप्न का मध्यान्तर (1980), प्रतिनिधि कविताएँ (1988), सूफ़ीनामा (1992, सूफ़ीनामा (द्वितीय संस्करण- 1998), भविष्य घट रहा है (1999), हवा में हस्ताक्षर (2005), शब्द संसार (2006), अनहट (2007), मॉस्को में दिल्ली के दिन (कविता संकलन रूसी भाषा में), हिन्दी कविता में शिल्प, 
भारतीय कविता के संपादित-अनूदित संकलन : इंडियन पोयट्री टुडे 1976), विजन्स एंड मिथ्स (1971).
संपादित कविता-संकलन: मोती सूखे समुद्र का (1988).
दर्शन : द साइंस ऑफ़ मंत्राज़ (1981, अंग्रेज़ी भाषा में), एस्ट्रा-कॉम्बिनेशंस (1987, अंग्रेज़ी भाषा में)
नाटक : युवा संन्यासी, विवेकानन्द (1991)
सार : आख्यायिकाएँ (1994)
निबंध संग्रह : समाज दर्शन और आदमी (1995), आधुनिकता उत्तरोत्तर (1996)
एन एंथालिजि ऑफ़ माडर्न हिंदी पोएट्री (1996)
प्रबंध काव्य : पृथ्वी का कृष्णपक्ष (1995)
रूसी, जर्मन, स्पहानी, डेनिश, स्वीडिश और ग्रीक आदि भाषाओं में कविताएँ अनूदित-प्रकाशित
सम्मान 
• हिंदी अकादमी (1995)
• एस.एस. मिलेनियम अवार्ड (2000)
• व्यास सम्मान (2002)
• ह्यूमन केयर ट्रस्ट अवार्ड (2005)
• अक्षरम्‌ का विश्व हिन्दी साहित्य शिखर सम्मान (2008)
• साहित्य अकादमी पुरस्कार (2009)
विश्लेषण 
वह 'दार्शनिक मिजाज' के कवि थे, जिन पर भारतीय अद्वैतवाद और बौद्धदर्शन का गहरा प्रभाव लक्षित किया जा सकता है. सातवें दशक के विद्रोही कवि रहे वाजपेयी ने कविता के शिल्प में भी परिवर्तन किया था. काव्यानुभव और काव्यभाषा दोनों दृष्टि से 'उनकी कविता' आधुनिक काव्य के बीच उल्लेखनीय मानी जा सकती है.

आईसीसी एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट रैंकिंग (बल्लेबाजी) सूची जारी: विराट कोहली चौथे स्थान पर

अंतराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् (आईसीसी) द्वारा 31 मार्च 2015 को दुबई में जारी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट रैंकिंग में भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली एक दिवसीय क्रिकेट के बल्लेबाजों की रैंकिंग में चौथे  स्थान पर है. एक दिवसीय बल्लेबाजों की रैंकिंग में दक्षिण अफ्रीका के कप्तान एबी डिविलियर्स शीर्ष पर बने हुए हैं.
आईसीसी द्वारा जारी इस अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट रैंकिंग के शीर्ष 10 एक दिवसीय क्रिकेट खिलाडियों की सूची में दो अन्य भारतीय खिलाड़ी, भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (रैंक-8) एवं शिखर धवन (रैंक-6) को भी शामिल किया गया.

गेंदबाजों में वर्ल्डस कप के प्लेयर आफ द टूर्नामेंट रहे ऑस्ट्रेलिया के मिशेल स्टार्क शीर्ष पर पहुंच गए. स्टार्क ने न्यूजीलैंड के ट्रेंट बोल्ट के साथ वर्ल्डक कप में सर्वाधिक 22 विकेट लिए.

आईसीसीद्वाराजारीएकदिवसीयअंतरराष्ट्रीयक्रिकेटखिलाडियोंकीरैंकिंगसूची

रैंक

खिलाड़ीकानाम

संबंधितदेश

1

ए.बी. डिविलियर्स

दक्षिण अफ्रीका

2

के सी संगकारा

श्री लंका

3

एच एम अमला

दक्षिण अफ्रीका

4

विराट कोहली

भारत

5

टी एम दिलशान

श्री लंका

6

शिखर धवन

भारत

7

के.एस. विलियमसन

न्यूजीलैंड

8

एम.एस. धोनी

भारत

9

जी.जे. मैक्सवेल

आस्ट्रेलिया

10

जी.जे. बेली

आस्ट्रेलिया

शीर्ष 10 गेंदबाजोंकीसूची:

क्रम

गेंदबाजएवंउनकेदेशकानाम

अंक

1.

मिचेल स्टार्क, ऑस्ट्रेलिया

783

2.

इमरान ताहिर, दक्षिण अफ्रीका

734

3.

सईद अजमल, पाकिस्तान

718

4.

डेल स्टेन, दक्षिण अफ्रीका

717

5.

सुनील नरेन, वेस्टइंडीज

709

6.

टी.ए. बोल्ट, न्यूजीलैंड

693

7.

एम.जी. जॉनसन

793

8.

जेम्स एंडरसन, इंग्लैण्ड

670

9.

एम मोर्कल, दक्षिण अफ्रीका

666

10.

शाकिब अल हसन, बांग्लादेश

659

अंतराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् (आईसीसी) द्वारा 31 मार्च 2015 को दुबई में जारी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट रैंकिंग में भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली एक दिवसीय क्रिकेट के बल्लेबाजों की रैंकिंग में चौथे  स्थान पर है. एक दिवसीय बल्लेबाजों की रैंकिंग में दक्षिण अफ्रीका के कप्तान एबी डिविलियर्स शीर्ष पर बने हुए हैं.
आईसीसी द्वारा जारी इस अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट रैंकिंग के शीर्ष 10 एक दिवसीय क्रिकेट खिलाडियों की सूची में दो अन्य भारतीय खिलाड़ी, भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (रैंक-8) एवं शिखर धवन (रैंक-6) को भी शामिल किया गया.

गेंदबाजों में वर्ल्डस कप के प्लेयर आफ द टूर्नामेंट रहे ऑस्ट्रेलिया के मिशेल स्टार्क शीर्ष पर पहुंच गए. स्टार्क ने न्यूजीलैंड के ट्रेंट बोल्ट के साथ वर्ल्डक कप में सर्वाधिक 22 विकेट लिए.

आईसीसीद्वाराजारीएकदिवसीयअंतरराष्ट्रीयक्रिकेटखिलाडियोंकीरैंकिंगसूची

रैंक

खिलाड़ीकानाम

संबंधितदेश

1

ए.बी. डिविलियर्स

दक्षिण अफ्रीका

2

के सी संगकारा

श्री लंका

3

एच एम अमला

दक्षिण अफ्रीका

4

विराट कोहली

भारत

5

टी एम दिलशान

श्री लंका

6

शिखर धवन

भारत

7

के.एस. विलियमसन

न्यूजीलैंड

8

एम.एस. धोनी

भारत

9

जी.जे. मैक्सवेल

आस्ट्रेलिया

10

जी.जे. बेली

आस्ट्रेलिया

शीर्ष 10 गेंदबाजोंकीसूची:

क्रम

गेंदबाजएवंउनकेदेशकानाम

अंक

1.

मिचेल स्टार्क, ऑस्ट्रेलिया

783

2.

इमरान ताहिर, दक्षिण अफ्रीका

734

3.

सईद अजमल, पाकिस्तान

718

4.

डेल स्टेन, दक्षिण अफ्रीका

717

5.

सुनील नरेन, वेस्टइंडीज

709

6.

टी.ए. बोल्ट, न्यूजीलैंड

693

7.

एम.जी. जॉनसन

793

8.

जेम्स एंडरसन, इंग्लैण्ड

670

9.

एम मोर्कल, दक्षिण अफ्रीका

666

10.

शाकिब अल हसन, बांग्लादेश

659

राष्ट्रपति ने ‘आतंक के साए में’ नामक पुस्तक का विमोचन किया

आतंक के साए में’: गरिमा संजय
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने 31 मार्च 2015 को गरिमा संजय द्वारा लिखित पुस्तक ‘आतंक के साए में’ का विमोचन किया. गरिमा संजय पेशे से लेखक और फिल्म निर्माता है.

पुस्तक में विश्व भर में फैले आतंकवाद और समाज पर पड़ने वाले उसके प्रभावों पर विचार किया गया है.पुस्तक में यह बताया गया है की किस तरह से आतंकवाद का प्रभाव एक व्यक्ति पर ही नहीं बल्कि उस व्यक्ति के परिवार के साथ-साथ पूरे समाज पर पड़ता है.
पुस्तक में आतंकवाद से विभिन्न देशों के विकास में उत्पन्न हुई बाधा पर भी टिप्पणी की गई है.
साथ ही पुस्तक में समाज में व्याप्त लड़कियों के प्रति व्यवहार और दहेज जैसी सामजिक बुराइयों पर भी टिप्पणी की गई है.

यमन से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन राहत का शुभारम्भ

ऑपरेशन राहत: यमन से 4000 से अधिक भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए शुरू किया गया हवाई और समुद्री अभियान.
ऑपरेशन राहत यमन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाल कर भारत लाने का एक हवाई और समुद्री अभियान है. इस अभियान में पाँच समुद्री जहाजों और चार हवाई जहाजों को शामिल किया गया है.
यह ऑपरेशन भारत के अपतटीय गश्ती पोत आईएनएस सुमित्रा को यमन के अदन बंदरगाह पर गश्त करने की अनुमति मिलने के बाद शुरू हुआ. अभियान के तहत अब तक 350 भारतीय नागरिकों आईएनएस सुमित्रा से जिबूती पहुँचाया जा चूका है.
जिबूती से भारतीय नागरिकों को वायु सेना के दो सी-17 ग्लोब्मास्टर्स से स्वदेश लाया जाएगा.
जिन 350 लोगों को बहार निकाल लिया गया है उनमे से 206 केरल से, 40 तमिलनाडु से , 31 महाराष्ट्र से, 23 पश्चिम बंगाल से, 22 दिल्ली से, 15 कर्नाटक से और 13 आंध्र प्रदेश/ तेलंगाना से हैं.
यह बचाव अभियान विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह की देख रेख में चल रहा है.
आईएनएस सुमित्रा के अलावा दो और भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस मुंबई और आईएनएस तरकश ऑपरेशन राहत में भाग लेने के लिए यमन के लिए रवाना हो चुके हैं. इसके साथ ही दो व्यापारी जहाज कावारत्ती और कोरल भी आपरेशन में भाग लेंगे.
इनके साथ ही दो 180 सीटों वाले एयरबस A320 विमानों भी आपरेशन में भाग लेंगे.

ऑपरेशन राहत क्यों?
ऑपरेशन राहत का उद्देश्य सऊदी अरब और 10 अन्य देशों द्वारा हाउती विद्रोहियों के खिलाफ शुरू किए गए सैन्य अभियान से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालना है. हाउती विद्रोहियों के कारण यमन के राष्ट्रपति को अपना देश छोड़ना पड़ा था. 
हाउती कौन हैं?
ये शिया जैदी संप्रदाय के अनुयायी हैं और इन्हें आधिकारिक तौर पर अंसारअल्लाह(भगवान के समर्थक) के रूप में जाना जाता है.यह समूह 1990 के दशक में उत्तरी यमन के जैदी केंद्र में सहिष्णुता और शांति के प्रचार के लिए एक आंदोलन के रूप में शुरू किया गया था.
समूह का नाम अब्दुराह्बू मंसूर हाउती के नाम पर पड़ा जिसने 2004 में शासक अली अब्दुल्ला सालेह के खिलाफ विद्रोह की शुरुआत की थी.
इस समूह ने यमन की राजधानी सना और संसद पर भी कब्ज़ा कर लिया है

ब्रेंडन मॅक्कुलम वार्षिक न्यूजीलैंड क्रिकेट अवॉर्ड्स में वर्ष के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर घोषित

न्यूजीलैंड के कप्तान ब्रेंडन मॅक्कुलम 1 अप्रैल 2015 को वार्षिक न्यूजीलैंड क्रिकेट अवॉर्ड्स में वर्ष के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर घोषित किए गए. मॅक्कुलम के नेतृत्व में न्यूजीलैंड टीम पहली बार विश्व कप के फाइनल में पहुंची थी.

मॅक्कुलम को सर्वोच्च पुरस्कार "सर रिचर्ड हैडली" मेडल से सम्मानित किया गया. केन विलियम्सन को तीनों प्रारुप में वर्ष का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज चुना गया.

विश्व कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में ऑस्ट्रेलिया के मिचेल स्टार्क के बाद दूसरे स्थान पर रहे ट्रेंट बोल्ट को वर्ष का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज चुना गया. महिला क्रिकेट टीम की बल्लेबाज सूजी बेट्स को वर्ष की सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर चुना गया.

न्यूजीलैंड क्रिकेट पुरस्कार 2014-15:
•    सर रिचर्ड हैडली मेडल: ब्रेंडन मैकुलम
•    वर्ष की सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय महिला खिलाड़ी: सूजी बेट्स
•    रेडपाथ कप (बल्लेबाजी): केन विलियमसन
•    विन्सर कप (गेंदबाज): ट्रेंट बोल्ट
•    वर्ष के सर्वश्रेष्ठ ट्वेंटी -20 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी: केन विलियमसन
•    वर्ष के सर्वश्रेष्ठ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी: केन विलियमसन
•    वर्ष के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट खिलाड़ी: केन विलियमसन
•    वर्ष के सर्वश्रेष्ठ घरेलू क्रिकेटर: पुरुष: एंड्रयू एलिस 
•    वर्ष की सर्वश्रेष्ठ घरेलू क्रिकेटर महिला:  एमी सेट्टर्थवेट
•    बर्ट सटक्लिफ पुरस्कार: रॉस डाइक

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायधीशों की नियुक्ति की

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 31 मार्च 2015 को कलकत्ता उच्च न्यायालय में आठ अतिरिक्त न्यायधीशों की नियुक्ति की. यह नियुक्तियां न्या‍यधीशों द्वारा कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी मानी जाएंगी.

विदित हो कि राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 224 की धारा 1 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए (1) मलय मारुत बनर्जी (2) मोहम्मद मुमताज खान (3) शंकर आचार्य (4) मिर दारा शेको (5) देबी प्रसाद डे (6) सुश्री आशा अरोड़ा (7) सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय और (8) शिवकांत प्रसाद को दो वर्ष की अवधि के लिए कलकत्ता उच्च  न्यायालय में वरिष्ठता के अनुसार अतिरिक्त न्यायाधीश के पद पर नियुक्त किया.

डा. हर्षवर्धन ने पुडुचेरी विश्वविद्यालय में समुद्री अध्ययन केन्द्र का उद्घाटन किया

केन्द्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डा. हर्षवर्धन ने 1 अप्रैल 2015 को पुडुचेरी विश्वविद्यालय के पोर्ट ब्लेयर कैम्पस में समुद्री अध्ययन केन्द्र (सेन्टर फॉर मेरीटाइम स्टडीज़) का उद्घाटन किया. इस केन्द्र को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने प्रायोजित किया है.

विदित हो कि इस अवसर पर डॉ. हर्षवर्धन ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थिीत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओसन टैक्नोलॉजी द्वारा पिछले 15 वर्षों में किए गए आविष्कारों और खोजों की पड़ताल की. इस इंस्टी्ट्यूट ने एक मल्टीप्लेक्स  पीसीआर किट विकसित किया है, जो एथोजेनिक बैक्टेरिया और कोशिकाओं को बढ़ाने वाले माध्यमों का मात्र तीन घंटों में पता लगा लेता है. इसके अलावा भी कई कैंसर रोधी अध्ययन इस इंस्टीट्यूट में हो रहे हैं.

विजय केलकर का टाटा केमिकल्स के निदेशक मंडल से इस्तीफा

13वें वित्त आयोग के अध्यक्ष विजय केलकर ने टाटा केमिकल्स के गैर-कार्यकारी स्वतंत्र निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया. कंपनी ने यह जानकारी बीएसई को 1 अप्रैल 2015 को दी. यह इस्तीफा 1 अप्रैल 2015 से प्रभावी हो गया. विजय केलकर को 30 मई 2012 को टाटा समूह की कंपनी के निदेशक मंडल में नियुक्त किया गया था. टाटा केमिकल्स टाटा समूह की कंपनी है जो रासायनिक कृषि उत्पाद बनाती है.

टाटा समूह के चेयरमैन साइरस मिस्त्री सहित कंपनी के बोर्ड में आठ अन्य निदेशक हैं.
विजय केलकर से संबंधित मुख्य तथ्य 
वह नेशनल स्टाक एक्सचेंज तथा 13वें वित्त आयेग के अध्यक्ष के अलावा वित्त मंत्री के सलाहकार भी रहे. पूर्व वित्त सचिव विजय एल. केलकर को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का गैर-कार्यकारी अध्यक्ष 3 फरवरी 2010 को नियुक्त किया गया था. अर्थशास्त्री केलकर को देश में आर्थिक सुधारों में बड़ी भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है. वह वर्ष 2005-10 तक 13वें वित्त आयोग के अध्यक्ष पद पर कार्य किया.

ब्रिटेन के टेनिस खिलाड़ी एंडी मरे ने टेनिस करियर का 500 वां मैच जीता

ब्रिटेन के टेनिस खिलाड़ी एंडी मरे ने 2 अप्रैल 2015 को मियामी ओपन टेनिस टूर्नामेंट के चौथे दौर में दक्षिण अफ्रीका के केविन एंडरसन को 6-4, 3-6, 6-3 से हराकर अपने टेनिस करियर का 500 वां मैच जीत लिया. एंडी मरे यह उपलब्धि हासिल करने वाले इंग्लैंड के पहले और दुनिया के 46वें खिलाड़ी बन गए.

इसके साथ ही वे सक्रिय 9 खिलाड़ियों में शामिल हो गये जिन्होंने अपने करियर में 500 जीत दर्ज की.

एटीपीइतिहासमेंसवार्धिकमैचजीतनेवालेखिलाड़ी

खिलाड़ी

मैच

रॉजर फेडरर

1012

राफेल नडाल

721

नोवाक जोकोविच

625

डेविड फेडरर

623

लेटिन हेविट

612

टॉमी हॉस

561

थॉमस बेर्डिच

506

टॉमी रॉबरेडो

505

आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडल ने अमरावती को राज्य की नई राजधानी के रुप में मंजूरी प्रदान की

मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडल ने 1 अप्रैल 2015 को अमरावती को राज्य की नई राजधानी बनाये जाने की मंजूरी प्रदान की. नई राजधानी विजयवाड़ा-गुंटुर क्षेत्र में बनेगी. अमरावती की ऐतिहासिकता, अध्यात्म और पौराणिक महत्व को देखते हुए इसे राजधानी बनाने का फैसला किया गया.

इसके अलावा, आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडल ने सिंगापुर सरकारी एजेंसियों और नई औद्योगिक नीति के द्वारा तैयार मास्टर प्लान के पहले चरण को मंजूरी दे दी, जो राज्य के औद्योगीकरण को गति प्रदान करेगा.

अमरावतीकेबारेमें

  • अमरावती आन्ध्र प्रदेश के गुंटूर ज़िले में कृष्णा नदी के तट पर स्थित है. यह नगर सातवाहन राजाओं के शासनकाल में हिन्दू संस्कृति का केन्द्र था. यह 400 वर्षों तक यह सातवाहनों की राजधानी रही.
  • अमरावती का नाम भगवान अमरेश्वर के नाम पर पड़ा. इसे दक्षिण के काशी के नाम से भी जाना जाता है.
  • इसका प्राचीन नाम धान्यघट या धान्यकटक अथवा धरणिकोट है.
  • यह स्थान बौद्ध और जैन धर्म का प्रमुख केंद्र है.
  • यह विकास हेतु केंद्र सरकार द्वारा चुने गए देश के 12 विरासत शहरों में से एक है.

न्यायमूर्ति सुनील कुमार सिन्हा सिक्किम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त

न्यायमूर्ति सुनील कुमार सिन्हा 30 मार्च 2015 को सिक्किम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए. उन्हें भारत के संविधान के अनुच्छेद 217 (1) के अनुसार राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नियुक्त किया. यह नियुक्ति उनके पदभार ग्रहण करने के दिन से प्रभावी होगी.
इस नियुक्ति से पहले वे अक्टूबर 2014  से सिक्किम उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवारत थे. वे जुलाई 2014 में सिक्किम उच्च न्यायालय में न्यायाधीश बने.

भारत के संविधान के अनुच्छेद 217 (1) के प्रावधानों के अनुसार भारत का राष्ट्रपति भारत के मुख्य न्यायाधीश और राज्य के राज्यपाल से परामर्श के बाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करता है.


न्यायमूर्तिसुनीलकुमारसिन्हाकेबारेमें

  • वे वर्ष 1980 में मध्य प्रदेश राज्य बार काउंसिल में एक अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए.
  • सुनील कुमार सिन्हा मई 2003 में छत्तीसगढ़ के एक अतिरिक्त एडवोकेट जनरल के रूप में नियुक्त किए गए.
  • सुनील कुमार सिन्हा को दिसंबर 2004 में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया.

पश्चिमी प्रशांत महासागर में रूस के एक जहाज डूबने से 54 लोगों की मृत्यु

पश्चिमी प्रशांत महासागर में ‘कामचातका प्रायद्वीप’ के समीप (ओखोतस्क) 1 अप्रैल 2015 को रूस के एक जहाज डूबने से 54 लोगों की मृत्यु हो गई. जहाज में 132 लोग सवार थे, जिसमें से 63 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया.

रुसी पोत पर 78 रूसी और म्यांमार के 40 लोग सवार थे. जहाज में सवार यात्रियों में 54 विदेशी नागरिक थे जो यूक्रेन, लिथुआनिया तथा वनुआतु के थे. जहाज में छेद हो जाने से उसमें पानी भरने लगा और जहाज 15 मिनट में डूब गया. यह एक मछली पकड़ने वाला फ्रीजर पोत था, जो कि रूस के फार ईस्ट में ओखोतस्क के समुद्र में डूब गया.

मिस्र की एकेडमी ऑफ आर्ट्स ने भारतीय फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन को डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया

मिस्र की एकेडमी ऑफ आर्ट्स ने 1 अप्रैल 2015 को भारतीय फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन को डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया. गीजा के सैयद डारविश हॉल में आयोजित समारोह के दौरान अमिताभ बच्चन को यह सम्मान दिया गया. एकेडमी ने उन्हें सिनेमा क्षेत्र में योगदान के लिए यह सम्मान दिया.


मिस्र की एकेडमी ऑफ आर्ट्स के अनुसार यह पहला मौका है जब इस इंस्टीट्यूट ने किसी अंतरराष्ट्रीय कलाकार को डॉक्टरेट की उपाधि दी.
विदित हो कि अमिताभ बच्चन मिस्र की राजधानी काहिरा में 'इंडिया बाइ द नील' फिल्मोत्सव का उद्घाटन करने पहुंचे थे. 30 मार्च 2015 से 17 अप्रैल 2015 तक चलने वाला 'इंडिया बाइ द नील' का आयोजन भारतीय दूतावास, मिस्र के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय के साथ ही काहिरा ओपेरा हाउस के साथ मिलकर कर रहा है.

विदेश व्यापार नीति 2015-2020 जारी की गई

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत सरकार की पांच साल (2015 से 2020) की पहली विदेश व्यापार नीति-2015-20 नई दिल्‍ली में 1 अप्रैल 2015 को जारी किया. 
इस पंचवर्षीय विदेश व्यापार नीति में वस्तुओं एवं सेवाओं का निर्यात बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार सृजन करने और प्रधानमंत्री के 'मेक इन इंडिया' विजन को ध्यान में रखते हुए देश में मूल्य संवर्द्धन को नई गति प्रदान करने की रूपरेखा का जिक्र किया गया है. इस नीति में विनिर्माण एवं सेवा दोनों ही क्षेत्रों को समर्थन देने पर ध्यान केन्द्रित किया गया है. वहीं, विदेश व्यापार नीति-2015-20  में 'कारोबार करने को और आसान बनाने' पर विशेष जोर दिया गया है.

विदेश व्यापार नीति पेश करने के साथ-साथ एक एफटीपी वक्तव्य भी जारी किया गया है, जिसमें भारत की विदेश व्यापार नीति को रेखांकित करने वाले विजन, लक्ष्यों  एवं उद्देश्यों को विस्तार से बताया गया है. एफटीपी (विदेश व्यापार नीति) वक्तव्य  में आने वाले वर्षों के दौरान भारत के वैश्विक करार समझौते का खाका भी पेश किया गया है. 

उद्देश्‍य 
• इसका उद्देश्‍य देश का निर्यात बढ़ाना और व्यापार विस्‍तार को आर्थिक वृद्धि और रोजगार के अवसर जुटाने का प्रभावी साधन बनाना है. 
• एफटीपी का एक प्रमुख उद्देश्य सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे 'कागज रहित कामकाज' की तरफ कदम बढ़ाना है.
• नीति में सरकार के मेक इन इंडिया अभियान के तहत सेवाओं के निर्यात को और विनिर्माण क्षेत्र को भी बढ़ावा दिया जायेगा. 
• मर्चेन्‍डाइज और सेवा क्षेत्र में अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर की प्रतिस्‍पर्धा का माहौल तैयार करने के लिए स्‍थायी और दीर्घकालीन नीतिगत ढांचे को प्रोत्‍साहन देना है.
• विनिर्माण क्षेत्र और सेवा क्षेत्र दोनों को बढ़ावा देना.
विदेश व्यापार नीति 2015-2020 के मुख्य बिंदु 
• राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की पहली विदेश व्यापार नीति में देश से वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात वर्ष 2013-14 के 465.9 अरब डालर से बढ़ाकर 2019-20 तक 900 अरब डालर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है और निर्यातकों तथा विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) को कई तरह के प्रोत्साहन देने की घोषणा की गई. 
• विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) में कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए उच्चस्तरीय प्रोत्साहन दिया जाएगा.
• नीति में सरकार के मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया अभियानों के बीच समन्वय पर जोर दिया गया है. 
• देश का निर्यात बढ़ाने के लिए विदेश व्यापार नीति में एक निर्यात संवर्धन मिशन स्थापित किए जाने पर भी जोर दिया गया है. यह मिशन निर्यात बढ़ाने के लिए राज्य सरकारों के साथ एक संस्थागत ढांचे का काम करेगा. 
• विदेश व्यापार नीति में ‘विभिन्न केन्द्र सरकार के विभागों में निर्यात और आयात के प्राधिकृत बिंदुओं पर वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती करने का प्रावधान किया गया है.’
• विदेश व्यापार नीति की सालाना समीक्षा के बजाय अब पंचवर्षीय नई विदेश व्यापार नीति की ढाई साल में समीक्षा की जाएगी. पहले इसकी हर साल समीक्षा की जाती रही है. 
• विदेश व्यापार नीति 2015-2020 में वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार बढ़ाने के लिए ‘भारत वस्तु निर्यात योजना (एमईआईएस) और ‘भारत सेवा निर्यात योजना (एसईआईएस)’ शुरू करने की घोषणा की गई.
• ईपीसीजी योजना के तहत स्वदेशी निर्माताओं से ही पूंजीगत सामान खरीदने के उपाय किए गए हैं. इसके तहत विशेष निर्यात प्रतिबद्धता को घटाकर सामान्य निर्यात प्रतिबद्धता के 75 फीसदी के स्तर पर ला दिया गया है. इससे घरेलू पूंजीगत सामान निर्माण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा. इस तरह के लचीलेपन से निर्यातकों को स्थानीय एवं वैश्विक दोनों ही तरह की खपत के लिए अपनी उत्पादक क्षमताओं को विकसित करने में मदद मिलेगी. 
• रक्षा एवं हाई-टेक उत्पादों के निर्यात को नई गति प्रदान करने के भी उपाय किए गए हैं. इसके साथ ही हथकरघा उत्पादों एवं किताबों, चमड़े के जूते-चप्पल और खिलौनों के ई-कॉमर्स निर्यात को भी एमईआईएस का लाभ (25 हजार रुपये तक के मूल्य के लिए) दिया जायेगा. 
• नीति में निर्यात संवर्धन पूंजीगत वस्‍तु योजना के तहत निर्यात की अनिवार्यता 90 प्रतिशत से घटाकर 75 प्रतिशत कर दी गई है, ताकि पूंजीगत वस्‍तु और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दिया जा सके.
• विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) से निर्यात बढ़ाने के लिए सरकार ने अब एसईजेड में स्थित इकाइयों को दोनों इनाम योजनाओं (एमईआईएस और एसईआईएस) का लाभ देने का निर्णय लिया है. इस कदम से देश में एसईजेड के विकास को नई गति मिलेगी. 
• नई विदेश व्यापार नीति में 'व्यापार को सुविधाजनक बनाने' एवं 'कारोबार करने में और ज्यादा आसानी सुनिश्चित करने' पर भी विशेष जोर दिया गया है. 
• शत-प्रतिशत ईओयू/ईएचटीपी/एसटीपीआई/बीटीपी योजनाओं के तहत निर्माण एवं निर्यात को बढ़़ावा देने के लिए भी अनेक कदम उठाये गये हैं. इन इकाइयों के लिए 'त्वरित मंजूरी सुविधा' भी इन कदमों में शामिल है. इसके अलावा, ये इकाइयां अपनी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं को साझा कर सकेंगी. 

विदेश व्यापार नीति 2015-2020 में दो नई योजनाओं की शुरुआत 
वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार बढ़ाने के लिए विदेश व्यापार नीति 2015-2020 में (एफटीपी 2015-2020) में पहले से लागू कई योजनाओं के स्थान पर दो नई योजनाओं की शुरुआत की गई है. 
1. भारत से वस्तु निर्यात योजना (एमईआईएस) 
2. भारत से सेवा निर्यात योजना (एसईआईएस)
एमईआईएस का उद्देश्य विशेष बाजारों को विशेष वस्तुओं का निर्यात करना है, जबकि एसईआईएस का उद्देश्य अधिसूचित सेवाओं का निर्यात बढ़ाना है. इसके तहत पात्रता और उपयोग के लिए अलग-अलग शर्तें रखी गई हैं.

इन योजनाओं के तहत जारी की जाने वाली किसी भी स्क्रिप (पावती-पत्र) के लिए कोई शर्त नहीं रखी गई है. 
एमईआईएस और एसईआईएस के तहत जारी की जाने वाली ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप और इन स्क्रिप के एवज में आयात की जाने वाली वस्तुएं पूरी तरह से हस्तांतरण योग्य हैं.

एमईआईएस के तहत इनाम देने के लिए देशों को तीन समूहों में श्रेणीबद्ध किया गया है. एमईआईएस के तहत इनाम की दरें 2 से लेकर 5 फीसदी तक हैं. एसईआईएस के तहत चुनिंदा सेवाओं को 3% और 5% की दर पर पुरस्कृत किया जाएगा. 

लाभ 
‘विदेश व्यापार नीति आने वाले वर्षो में भारत के नियंत्रण व्यापार को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगी. वर्ष 2020 तक विश्व व्यापार में भारत एक महत्वपूर्ण भागीदार होगा. विश्व व्यापार में भारत का निर्यात हिस्सा दो प्रतिशत से बढ़ाकर 3.5 प्रतिशत पर पहुंचाया जाएगा. विदेश व्यापार नीति से देश में एसईजेड के विकास को नई गति मिलेगी.