झारखंड में ईसीएल के राजमहल परियोजना में राहत एवं बचाव कार्य की स्थिति 


राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ)ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल)/भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के बचाव दल, राज्य सरकार और विशेषज्ञों का दल झारखंड के गोड्डा में ईसीएल के राजमहल परियोजना में हुई दुर्घटना के राहत कार्य में जुटा हुआ है और दुर्भाग्यवश हताहतों की संख्या जो 30 दिसंबर 2016 की सुबह 7 थी 1 जनवरी 2017 को 1 बजे दिन तक बढ़कर 17 हो गई है।

ईसीएल मृतक सभी परिवारों के लगातार संपर्क में है और सभी आवश्यक सहायता उनको मुहैया कराई जा रही है। कानून और व्यवस्था की स्थिति भी नियंत्रण में है।   

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प्रधानमंत्री ने देश को नव वर्ष की शुभकामनांए दी 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने नव वर्ष पर देश को अपनी शुभकामनांए दीं ।  

प्रधानमंत्री ने कहा 2017 के आरम्‍भ पर शुभकामनांए । यह वर्ष हर किसी के जीवन में स्‍वथ्‍यप्रसन्‍नता एवं प्रगति लाएं ।

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2 jan

 

प्रो. डेविड आर. सिम्लिह यूपीएससी अध्यक्ष का कार्यभार संभालेंगे 


राष्ट्रपति ने संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य प्रो डेविड आरसिम्लिह को 4 जनवरी 2017 से अगले आदेश तकया सदस्य के रूप में उनके कार्यकाल 21 जनवरी 2018 जो भी पहले हो तक  संघ लोक सेवा आयोग का अध्यक्षनियुक्त किया है।   

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श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की उपलब्धियां एवं पहल 


वर्षांत समीक्षा-2016

 

 

            भारत सरकार दूरगामी संरचनागत सुधारों के माध्यम से परिवर्तन के लिए सुधार के दृष्टिकोण के साथकाम कर रही है। रोजगार का सृजन सरकार की पहली प्राथमिकता है। बेरोजगारी वृद्धि के एक दशक के बाद केंद्रसरकार मूल विकास की रणनीति के लिए रोजगार लाने का काम कर रही हैमेक इन इंडिया के माध्यम सेऔद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा रहा हैस्किल इंडिया के माध्यम से रोजगार दक्षता को बढ़ायाजा रहा है और स्टार्ट अप इंडिया के माध्यम से नवाचार व उद्यमिता को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

 

श्रम एंव रोजगार मंत्रालय प्रत्येक श्रमिक की रोजगार सुरक्षावेतन सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा के लिएप्रतिबद्ध है। श्रम कानूनों के प्रवर्तन में पारदर्शिता व जवाबदेही लाने के साथ-साथमंत्रालय ने कामगारों के गौरवका एहसास व उसे स्थापित करने के लिए सामाजिक सुरक्षा और रोजगार के मार्ग व गुणवत्ता को बढ़ाने केप्रावधानों के माध्यम से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

 

अ.वैधानिक सुधार

·         अधिलाभ भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2015 संसद के शीतकालीन सत्र में पारित हुआ और 1 जनवरी2016 को अधिनियम संख्या 6 के रूप में भारत के राजपत्र, असामान्य में प्रकाशित होकर अप्रैल 2014 केपहले दिन से लागू हुआ।

 

·         अधिलाभ भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2015 अनुच्छेद (13) के अंतर्गत योग्यता की सीमा को 10हजार रुपए से बढ़ाकर 21 हजार रुपए करने और अनुच्छेद 12 के अंतर्गत गणना की अधिकतम सीमा को3500 रुपए से बढ़ाकर 7000 रुपए करने या सरकार द्वारा निर्धारित अनुसूचित रोजगार के लिए वेतनइनमें से जो कोई भी अधिक हो की परिकल्पना करता है।

 

·         मातृत्व लाभ (संशोधन) विधेयक, 2016, 11 अगस्त 2016 को राज्य सभा में पास किया गया इसके तहतमातृत्व लाभ अधिनियम 1961 के अंतर्गत आने वाली महिलाओं का मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह सेबढ़ाकर 26 सप्ताह किए जाने का प्रावधान। यह अवकाश महिला के दो जीवित बच्चों की जरूरी देखभालके लिए है। इसके साथ ही सरोगेट माता के लिए 12 सप्ताह का अवकाशबच्चे को गोद लेने वाली महिलाके लिए रोजगार प्रदाता और कामगार की आपसी रजामंदी से घर से काम करने की सुविधा, 50 या उससेअधिक कर्मचारियों वाले संस्थानों के लिए यह सुविधा देना आवश्यक है। इसके अलावा बच्चे की दैनिकदेखभाल की सुविधा भी नियमों के अंतर्गत इस विधेयक में की गई है।

·         कर्मचारी प्रतिपूर्ति अधिनियम 1923 के तहत कर्मचारियों के अधिकारों और दंड को मजबूत करने के लिए9 अगस्त 2016 को लोकसभा में कर्मचारी प्रतिपूर्ति (संशोधित) विधेयक 2016 लोकसभा में पारित कियागया।

·         26 जुलाई 2016 को संसद में बाल श्रम (निषेध एंव नियमन) संशोधन विधेयक 2016 पारित किया गया।यह संशोधन विधेयक 14 साल से कम आयु के बच्चों से मजदूरी कराने को पूर्णतया निषेध बनाता है औरइसमें उल्लंघन करने पर कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान है। संशोधन विधेयक बच्चे के शिक्षा के अधिकारको भी सुनिश्चित करता है। हालांकिबच्चे पढ़ाई के बाद खतरनाक न माने जाने वाले अपने परिवार केकाम में हाथ बंटा सकते हैं। 14 से 18 साल के किशोरों के लिए स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माने जाने वालेकामों को छोड़कर दूसरे कारोबार में कुछ शर्तों के साथ छूट मिल जाएगी।

·         29 जून 2016 को केंद्रीय मंत्रीमंडल ने मॉडल दुकानों और प्रतिष्ठान (रोजगार एवं सेवा शर्तों का नियमन) विधेयक 2016 पर विचार किया। मॉडल विधेयक एक विचारोत्तेजक कानून है और सहकारी संघवाद कीभावना को ध्यान में रखकर ही इसे अंतिम रूप दिया जाना है। यह राज्यों को मॉडल विधेयक पर उनकीआवश्यकता के अनुसार बेहतर तालमेल बनाने की आजादी देता है। यह विधेयक उन दुकानों औरप्रतिष्ठानों पर लागू होता है जहां पर दस या उससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं। विधेयक प्रतिष्ठानों कोसाल के 365 दिन खोलने की आजादी देता है। यदि किसी प्रतिष्ठान में रात में रुकने की व्यवस्था है तोवहीं पर महिलाएं रात में काम कर सकती हैं यह प्रावधान भी इस संशोधित विधेयक में किया गया है।

 

श्रम संहिताएं

6. द्वितीय श्रम आयोग ने श्रम कानूनों की 4 से 5 समूह में कार्यात्मक आधार पर संहिताकरण करने कीसिफारिश की थी। वर्तमान में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय 43 श्रम कानूनों को 4 श्रम संहिताओं में करने के प्रावधानोंपर काम कर रहा है।

·         वैतनिक श्रम संहिता

·         औद्योगिक संबधों की श्रम संहिता

·         सामाजिक सुरक्षा व कल्याण की श्रम संहिता

·         सुरक्षा एवं कार्य करने की स्थितियों की श्रम संहिता

 

ब. प्रशासनिक पहल /निर्णय

·         सरकार ने केंद्र के अंतर्गत आने वाले सभी क्षेत्रों में काम करने वालों के लिए निम्ननतम वेतन में 42प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की। कृषिगैर कृषिनिर्माण आदि सभी क्षेत्रों के लिए यह पहली बार था जबइसमें एक साथ बढ़ोतरी हुई हो। गैर कृषि क्षेत्र में सी श्रेणी क्षेत्र  में काम करने वाले की मजदूरी को 246रुपए दैनिक से बढ़ाकर 350 किया गयाबी श्रेणी क्षेत्र में 437 रुपए दैनिक और एक श्रेणी क्षेत्र के मजदूरोंके लिए 523 रुपए दैनिक किया गया।

 

·         राज्य कर्मचारी बीमा के लिए वेतन की अधिकतम सीमा को 15 हजार रुपए से बढ़ाकर 21 हजार रुपएकिया गया।

·         अप्रैल 2015 में प्रति शेयर आमदनी के अंतर्गत न्यूनतम पेंशन को संशोधित कर 1000 रुपए प्रति माहकिया गया।

·         अधिभार की अधिकतम सीमा को 3500 रुपए से बढ़ाकर 7000 रुपए किया और योग्यता की सीमा को10000 रुपए से बढ़ाकर 21000 रुपए किया गया।

·         कर्मचारी से जुड़े जमा के बीमा यानी ईडीएलआई को अधिकतम 3.6 लाख से बढ़ाकर 6.0 लाख कियागया।

·         कर्मचारी भविष्य निधि पर दावे निपटान की सीमा को 30 दिन से घटाकर 20 दिन किया गया।

·         पेंशन निकालने की वैकल्पिक आयु सीमा को 60 वर्ष से घटाकर 58 वर्ष किया गया। वह भी 4 प्रतिशतप्रोत्साहन के साथ।

·         बंधक मजदूरों के पुनर्वास योजना को आर्थिक सहायता की प्रतिकात्मक मात्रा 20 हजार रुपए से बढ़ाकर 3लाख रुपए कर संशोधित किया गया। जबकितस्करीयौन शोषण और ट्रांसजेंडर से बचाए गए विकलांगमहिलाओं और बच्चों को 3 लाख रुपए दिए जाएंगेआदेशों के अनुसार विशेष श्रेणी की महिलाओं औरनाबालिगों को 2 लाख रुपए दिए जाएंगे। एक सामान्य बंघक मजदूर वयस्क को 1 लाख रुपए दिएजाएंगे।

·         कर्मचारी राज्य बीमा योजना यानी ईएसआई के आवृत क्षेत्र को बढ़ाया जा रहा है ताकि पूरे देश मेंसामाजिक सुरक्षा के जाल को बढ़ाया जा सके।

 

अ. जिन 165 जनपदों में कर्मचारी बीमा योजना पहले लागू थी उन्हें कवर करने के लिए सरकार ने कवरेजअधिसूचना जारी की है।

·         कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अंतर्गत मातृत्व लाभ की सीमा को 12 सप्ताह से 26 सप्ताह का करने केलिए निर्णय लिया गया। बच्चा गोद लेने वाली माताएं भी मातृत्व लाभ लेंगी। इस आशय की अधिसूचनाको कानूनी पुनर्निरीक्षण के लिए भेजा गया है।

·         जिन जनपदों में कर्मचारी राज्य बीमा योजना आंशिक रुप से लागू है वहां दो साल के लिए कर्मचारी राज्यबीमा अधिनियम के अंतर्गत कर्मचारी और नियोक्ता के अंशदान को मौजूदा 1.75 प्रतिशत व 4.75प्रतिशत से कम करके क्रमशः 1 प्रतिशत और 3 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया। इस आशय कीअधिसूचना को 25 जुलाई 2016 को प्रकाशित किया जा चुका है।

·         निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों के लिए ईएसआई कवरेज को बढ़ा दिया गया है। 1 अगस्त 2015 से निर्माण श्रेत्रके श्रमिक भी ईएसआई योजना का लाभ लेने के लिए आवृत किए जा चुके हैं।

·         उत्तर-पूर्वी राज्यों अरुणाचल प्रदेशमिजोरममणिपुर और अंडमान एवं निकोबार द्विप समूह मेंईएसआई योजना की सामाजिक सुरक्षा के लाभों को बढ़ाया जा रहा है। मिजोरम और पोटब्लेयर में यहक्रमशः 1.12.2015 और 01.01.2016 से लागू कर दी गई है।

 

प्रौद्योगिकी के माध्यम से शासन सुधार

श्रम कानूनों के अनुपालन और प्रवर्तन में आसानी

केंद्रीय क्षेत्र में श्रम सुविधा पोर्टल

श्रम कानूनों के प्रवर्तन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने और अनुपालन में जटिलता को आसान बनाने के लिए16.10.2014 को एक एकीकृत वेब पोर्टल श्रम सुविधा पोर्टल की शुरुआत की गई। इस पोर्टल की मुख्य विशेषताओंमें निम्नलिखित सम्मिलित हैं......

·         इकाइयों को अनोखी श्रमिक पहचान संख्या ;स्प्छद्ध आवंटित की गईं। 09.09.2016 तक 13.19 लाखश्रमिक पहचान संख्या आवंटित जा चुकी हैं।

·         प्रतिष्ठानों द्वारा स्वयं सत्यापित और सरलीकृत सिंगल आॅनलाइन काॅमन एन्युअल रिटर्न भरा जा रहाहै। 9 श्रम अधिनियम के अंतर्गत ईकाइयां अलग से रिटर्न भरने के बजाय सिर्फ एक संगठित ऑनलाइनरिटर्न भरेंगी।

·         कंप्यूटराइज्ड सिस्टम के माध्यम से पारदर्शी श्रमिक निरीक्षण योजना, 09.09.2016 तक कुल 2,37,579निरीक्षण नियत किए जा चुके हैंइनमें से 2,20,945 निरीक्षणों को अपलोड किया जा चुका है।

·         इस पोर्टल के प्रयोग से प्रतिष्ठान कर्मचारी राज्य बीमा निगम और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन केलिए मासिक अंशदान रिटर्न जमा कर सकते हैं।

·         11 भाषाओं के विकल्प के साथ बहुभाषीय श्रम सुविधा पोर्टल।

 

श्रम सुविधा पोर्टल पर हालिया पहल

·         कर्मचारी भविष्य निधि संगठन और कर्मचारी राज्य बीमा निगम के लिए कॉमन इलेक्ट्रॉनिक चालानकम रिटर्न की सुविधा।

·         औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग के ई-बिज पोर्टल से एकीकरण के द्वारा 5 केंद्रीय श्रम अधिनियमोंके अंतर्गत सामान्य पंजीकरण।

·         खदान सुरक्षा महानिदेशालय के लिए खदान अधिनियम के अंतर्गत श्रम सुविधा पोर्टल पर रिटर्न भरनेकी सुविधा।

 

सेवा का बेहतर प्रतिपादनः .2

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन

1.सार्वभौम खाता संख्या (यूएएन):

·         -एक सदस्य को बहु सदस्यीय पहचान के लिए एक अंब्रेला की तरह काम करने वाली सार्वभौम खातासंख्या (यूएएन) कार्यक्रम को 16 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया।

·         कर्मचारी भविष्य निधि संगठन 31.08.2016 तक अपने 8.11 करोड़ सदस्यों को यूएएन आवंटित करचुका है और लगभग 2.82 करोड़ सदस्य इसे अपने मोबाइल नंबरों पर सक्रिय कर इससे जुड़ी विभिन्नसेवाओं का लाभ ले रहे हैं।

 

2.प्रतिष्ठानों का ऑनलाइन पंजीकरण (ओएलआरई)

·         व्यापार को आसान बनाने के सरकार के वादों के अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने 30 जून 2014को प्रतिष्ठानों के लिए भविष्य निधि कोड संख्या आवंटन के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा को शुरूकिया।

·         दिसंबर 2015 से कर्मचारी भविष्य निधि कोड संख्या के ऑनलाइन आवेदन कर सकता है और आवेदन केसमय स्वयं डिजिटल हस्ताक्षर वाले दस्तावेज अपलोड करता है और तत्काल कोड संख्या प्राप्त करता है।

·         ओएलआरई पोर्टल पर 31.08.2016 तक लगभग 1.36 लाख प्रतिष्ठान ऑनलाइन पंजीकरण प्राप्त करचुके हैं।

 

3.        सदस्यों को ऑनलाइन सुविधाएं:

·         सितंबर 2015 में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ई-गवर्नेंस से एम-गवर्नेंस की ओर बढ़ा और एकमोबाइल एप्लीकेशन की शुरुआत की। अब तक 11.08 लाख सदस्य इस मोबाइल एप्लीकेशन कोडाउनलोड कर चुके हैं।

·         01122901406 नंबर पर निशुल्क मिस्ड कॉल देकर सदस्य को परिकल्पित विवरण उपलब्ध करा दिएजाते हैं।

·         16 सितंबर 2015 से 09.09.2016 तक लगभग 3.12 करोड़ मिस्ड कॉल इस नंबर पर आ चुकी हैं।

·         जिन सदस्यों ने अपना यूएएन संख्या सक्रिय कर लिया है उन्हें उनकी भविष्य निधि में मासिक अंशदानजमा के संबंध में निरंतर मिलते हैं। एक एमएमएस नियोक्ता को भी भेजा जाता है कि उन्होंने अब तकमासिक अंशदान या रिटर्न जमा नहीं किया है।

 

4.        छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों को ई-पोर्टल पर लाया गया

छूट प्राप्त प्रतिष्ठान कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अनुपालन तंत्र का बहुत बड़ा हिस्सा हैं औरलगभग 3 लाख करोड़ जैसे बड़ी निधि का प्रबंधन करते हैं।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अंशदान के मासिक रिटर्न जमा करनेनिवेश और अन्य क्रियाकलापों  के लिएऑनलाइन सुविधा की शुरुआत की।

 

5.निष्क्रिय खोतों की सहायता डेस्क

सदस्यों के लिए उनके निष्क्रिय खातों का पता लगानेउनसे धन आहरण करने और उन्हें वर्तमान खातों के साथजोड़ने के लिए एक ऑनलाइन हेल्प डेस्क बनाई गई। अब तक ऐसे 65 हजार मामलों में मदद की जा चुकी है।

 

6.खातों का अद्यतनीकरणः

 सदस्यों के खातों को अद्यतनीकरण या अपडेशन के लिए वित्तीय वर्ष के अंत में खातों में ब्याज जमा करने काएक नया तंत्र विकसित किया गया, 15 करोड़ से अधिक खातों में ब्याज जमा किया जा रहा है।

 

7. अंतर्राष्ट्रीय कर्मचारियों के लिए सुविधाएं:

केवल भारतीय कर्मचारियों के लिए ही नहीं बल्कि भारत में आने और बाहर जाने वाले कर्मचारियों के लिए भीसामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन सुविधा शुरू की है।

 

8.ग्लोबल नेटवर्क संचालन केंद्र (जी-एनओसी):

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने राष्ट्रीय डाटा केंद्र में नेटवर्क संचालन केंद्र को शुरु किया है जो कर्मचारी भविष्यनिधि संगठन के सूचना प्रौद्योगिकी कामकाज को देखता है। यह समस्याओं के निवारण और बाहरी खतरों कीपहचान और उन्हें रोकने के लिए बुनियादी स्थल होगा।

 

9.कर्मचारी भविष्य निधि संगठन का विश्लेषण अनुपालन एवं निगरानी तंत्रः

·         इस सॉफ्टवेयर का शुभारंभ 16.02.2016 को किया गया।

·         जो प्रमुख नियोक्ता कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के साथ पंजीकृत नहीं हैं, वे कर्मचारी भविष्य निधिसंगठन व सरकारी विभाग के साथ पंजीकृत कर जरूरी संपर्क विवरणों को अपलोड करेंगे जो कर्मचारीभविष्य निधि संगठन के लिए जांच को उपलब्ध होंगे।

 

10.सोशल मीडिया

सदस्य कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को सोशल मीडिया प्लेटफार्म www.facebook.com/socialepfo and www.twitter.com/socialepfo पर भी खोज सकते हैं।

 

कर्मचारी राज्य बीमा निगम:

कर्मचारी राज्य बीमा योजना-कर्मचारी राज्य बीमा निगम-ईएसआईसी (श्रम एवं रोजगार मंत्रालय) एकसामाजिक सुरक्षा संगठन है जो बीमारी में आकस्मिक व्ययप्रसवअपंगताकाम के दौरान घायल होने पर मृत्युहोने पर लाभार्थियों को व्यापक मेडिकल देखभाल और नगद लाभ उपलब्ध कराता है।

31.03.2015 तक बीमित व्यक्तियों की संख्या 2.03 करोड़ है और लाभार्थियों की संख्या का आंकड़ा 7.89 करोड़ है।ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज कोयंबटूर 02.02.2016 को तमिलनाडु राज्य सरकार के सपुर्द कर दिया गया है।

 

·         ईएसआईसी प्रत्येक राज्य में दो आदर्श अस्तपाल गोद लेने के लिए सुलझाए जा चुके हैं।

·         निजी सार्वजनिक साझेदारी यानी पीपीपी मॉडल पर विभिन्न स्तरों के अस्पताल कैंसर का पता लगाने/इलाज की सुविधाहृदय संबंधी बीमारियों के इलाज की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं।

·         टेलीमेडिसिन सुविधा के अभ्यास के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है जो अगले तीन महीनोंमें शुरू होने की संभावना है।

·         औषधालयों के उच्चीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है,  ईएसआईसी भवनों में 24 औषधायलों को 30बिस्तर के अस्पताल तक उच्चीकृत करने के लिए चिन्हित किया जा चुका है। ये अस्पताल चैबीसों घंटेसेवाएं उपलब्ध कराएंगे।

·         पैथोलॉजिकल एवं एक्स-रे सुविधा भी पीपीपी मॉडल पर सभी औषधालयों में प्रदान की जाएगी। 30नवंबर 2015 से दिल्ली के सभी औषधालयों में पैथोलॉजिकल सुविधा शुरू की जा चुकी है। दिल्ली/नोएडाक्षेत्र में प्रयोगशाला और ईसीजी सेवा शुरू की जा चुकी है।

·         प्रत्येक राज्य में मातृ एवं शिशु देखभाल चिकित्सालयः कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने प्रत्येक राज्य मेंमातृ एवं शिशु देखभाल चिकित्सालय स्थापित करने के मानदंडों को तैयार करने के लिए एक समिति कागठन किया है।

द. आयुषः ईएसआईसी चिकित्सालय एलोपैथिक इलाज के साथ-साथ आयुष यानी एवाईयूएसएच (आयुर्वेदयोगयूनानीसिद्धा और होम्योपैथी) के अंतर्गत भी इलाज प्रदान करते हैं।

 

ई. सार्वजनिक रोजगार सेवाओं का परिवर्तन

वर्ष 2016 में डीजीई के क्रियाकलाप व उपलब्धियां

ए. नेशनल कॅरियर सर्विस (एनसीएस) -सार्वजनिक रोजगार सेवा मंच

मंत्रालय देश में सार्वजनिक रोजगार सेवाओं में बदलाव और मजबूत बनाने के लिए जीवंत मंच की तरह नेशनलकॅरियर सेवा लागू कर रहा रहा है। एनसीएस पोर्टल (www.ncs.gov.in) सूचना प्रोद्यौगिकी का प्रयोग से रोजगारसंबंधी सेवाएं मसलननौकरी मिलानकॅरियर परामर्शकौशल विकास कोर्सप्रशिक्षुता आदि उपलब्ध कराकरनौकरी चाहने वालोंनियोक्ताओं और अन्य हितधारकों को एक मंच पर लाता है। इसमें 52 क्षेत्रों के 3600 सेज्यादा व्यवसायों में कॅरियर कोष शामिल है। लगभग 3.71 करोड़ से ज्यादा उम्मीदवार, 14.8 लाख प्रतिष्ठानएनसीपी पोर्टल पर पंजीकृत हैं और ये अब तक 3.25 लाख रिक्तियां भर चुके हैं। युवाओं को रोजगार के अवसरोंको बढ़ाने और उन्हें बेहतर बनाने के लिए उभरते जॉब पोर्टलप्लेसमेंट संगठनों और संस्थानों से करार किए गएहैं। सरकारी रिक्तियों के संबंध में भारत सरकार उन्हें एनसीएस पोर्टल पर डालने को अनिवार्य बना चुकी है।एनसीएस कार्यक्रम गुणवत्तापरक रोजगार सेवाएं देने के लिए 100 आदर्श करियर केंद्र भी स्थापित करने में लगाहुआ है और ये केंद्र राज्यों और संस्थानों के सहयोग से स्थापित किए जा रहे हैं। सभी रोजगार कार्यालयों कोएनसीएस पोर्टल के साथ जोड़े गए हैं ओर ये निरंतर स्तर पर रोजगार मेलों का आयोजन करते हैं।

 

बी. कार्यबल की रोजगारपरकता बढ़ाना

डीजीई अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों को व्यवसायिक मार्गदर्शन व परामर्श सेवाएं व कंप्यूटरकोर्स के प्रशिक्षण के लिए 24 नेशनल कॅरियर सर्विस सेंटर चलाता है। पिछले 2 सालों में लगभग 3.8 लाख अ.जा/अ.ज.जा उम्मीदवारों व्यवसायिक मार्गदर्शन व परामर्श प्रदान किया जा चुका है। 33 हजार उम्मीदवार सचिवीयप्रैक्टिस आशुलिपि/टंकन का अभ्यास कर चुके हैं, 4300 उम्मीदवार विशेष कोचिंग योजना कर चुके है और 7800उम्मीदवारों ने कंप्यूटर प्रशिक्षण कोर्स किया है। 24 अनुसूचित जाति/जनजाति नेशनल कॅरियर सेंटर एनसीएसपोर्टल के साथ एकीकृत हैं। इसके अतिरिक्त 21 नेशनल कॅरियर सर्विस सेंटर निशःक्तजनों के लिए प्रशिक्षण औरमार्गदर्शन प्रदान करते हैं। पिछले 2 सालों में लगभग 69 हजार निशःक्तजनों की सहायता की गई और 24 हजारका विभिन्न संगठनों पुनर्वास किया गया है।

 

सी. प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (पीएमआरपीवाई)

मंत्रालय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में पंजीकृत नियोक्ताओं नए रोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के लिएप्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना को लागू कर रही है। इस योजना के अंतर्गत नए रोजगार के लिए सरकार  3साल के लिए 8.33 प्रतिशत ईपीएस अंशदान अदा करेगी। कपड़ा क्षेत्र में भी सरकार नियोक्ता का 3.67 प्रतिशतईपीएफ अंशदान का भुगतान करेगी।

 

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एफ. नगदी रहित लेनदेन के लिए वेतन बैंक खाता खोलना

वेतन का नगदी रहित लेनदेन संबंधी अभियान को 26 नवंबर को शुरू करने के लगभग एक महीने के भीतर श्रमएवं रोजगार मंत्रालय एक बड़े प्रयास के अंतर्गत 30 लाख 40 हजार कर्मियों को बैंकिंग पहुंच में लाने में कामयाबहुआ है।

यह भी नोट किया जा सकता है कि 25.68 करोड़ जनधन खाते पहले से ही खोले जा चुके हैं। इसके लिए 26 दिसंबरकी संध्या तक 1,08,179 शिविरों का आयोजन करके 38,40,873 खाते खोले जा चुके हैं।

 

एफ. श्रमिकों की शिक्षा

दत्तोपंत थेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास परिषद

(सीबीडब्ल्यूई) के माध्यम से मंत्रालय द्वारा श्रमिक शिक्षा योजना चलाई जा रही है जो अपने आप में एककल्याणकारी योजना है। मंत्रालय के निर्देशानुसार सीबीडब्ल्यूई 1/1/2015 से डीबीटी लागू कर चुका है।

 

परिषद वर्ष 2016-17 का लक्ष्य वर्ष 2016 में नवंबर 2016 तक लक्ष्य प्राप्त कर चुका है

 

क्षेत्रवार श्रमिक शिक्षायोजना

कराए गए कार्यक्रमों की संख्या

नवंबर, 2016 तकप्रशिक्षित कामगार

 

संगठित

 

 

1453

 

33858

 

असंगठित

 

 

3648

 

140760

 

मनरेगा सहित ग्रामीण

 

 

921

 

36963

 

 

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अग्निa – IV का सफल उड़ान परीक्षण किया गया 


अग्‍नि – IV , 4000 किलोमीटर रेंज वाली लांग रेंज सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्‍टिक मिसाइल है। आज इसका सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया। इस हथियार प्रणाली की आज एक बार फिर विश्‍वसनीयता और निपुणता सिद्ध हुई है।

इस मिसाइल का 12:00 बजे डॉ. अब्‍दुल कलाम द्वीप समूह ओडिशा से परीक्षण किया गया। सभी रडार, ट्रैकिंग सिस्टम और रेंज स्टेशनों में इसके उड़ान प्रदर्शन पर नजर रखी। इस मिसाइल ने अपने सभी मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा किया।

 

वीके/आईपीएस/एसकेपी-6601

एयर मार्शल एसबी देव ने भारतीय वायु सेना के वायुसेना उपप्रमुख का कार्यभार संभाला 


पीवीएसएम एवीएसएम वीएम वीएसएम एडीसी एयर मार्शल एसबी देव ने आज वायुसेना मुख्‍यालय में वायुसेना उप-प्रमुख का कार्यभार सँभाल लिया। वायुसेना उप-प्रमुख का पदभार संभालने से पूर्व उन्‍होंने आज सुबह इंडिया गेट स्‍थित अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि अर्पित की। वायुसेना मुख्यालय (वायु भवन) में उनके आगमन पर एयर मार्शल को एक औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

 एयर मार्शल एसबी देव को 15 जून 1979 को भारतीय वायुसेना में एक लड़ाकू पायलट के रूप में नियुक्‍त किया गया था। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज वेलिंगटन के छात्र रह चुके हैं। वह 3800 से अधिक घंटे के उड़ान संचालन और प्रशिक्षण उड़ान के साथ एक एफसीएल (फाइटर कॉम्‍बेट लीडर) और एक "कैट ए" अहर्ताप्राप्‍त फ्लाइंग प्रशिक्षक हैं।

 एयर मार्शल एसबी देव एक प्रमुख फाइटर बेस के एओसी भी रहे हैं। उन्होंने मिग-21 बीआईएसओएन स्क्वाड्रन की कमान के अलावा एक सिंगल यूनिट और एक फॉरवरर्ड बेस के प्रमुख अभियान अधिकारी की भी कमान संभाली है। सिग्नल यूनिट के स्टेशन कमांडर के रूप में उन्होंने भारतीय वायु सेना में आधुनिक परिसंपत्तियों और सेंसरों को शामिल करने में सक्रिय भूमिका निभाई। वायुसेना उपप्रमुख के तौर पर पदभार संभालने से पहले वे पश्चिमी वायु कमान (डब्ल्यूएसी) के एओसी-इन-सीपूर्वी वायु कमान (ईएसी) एओसी-इन-सीवायु सेना (संचालन) के महानिदेशकएओसी कोबरा ग्रुपएडी कमांडर और सीएसी मुख्यालय में एयर आई और विभिन्न स्टाफ नियुक्तियों पर कार्यभार सँभाला और वायुसेना मुख्‍यालय (वीबी) में ऑपरेशन/प्‍लान्‍स निदेशालय में कार्य किया।

 उनकी सराहनीय सेवा और असाधारण कार्य के लिए उन्‍हें राष्‍ट्रपति के द्वारा परम विशिष्ट सेवा पदकअति विशिष्ट सेवा पदकवायु सेना पदकविशिष्ट सेवा पदक और एडीसी से सम्मानित किया गया।

 उनकी पत्‍नी श्रीमती अंजना देव हैंउनके एक पुत्र भारतीय वायुसेना में एक लड़ाकू पायलट हैं। एयर मार्शल देव एक प्रबुद्ध पाठक हैं और रचनात्मक लेखन और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में रुचि रखते हैं।

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सरकार ने राष्ट्रीकय खेल महासंघों की राष्ट्रींय खेल विकास संहिता और कामकाज में सुधार लाने के लिए एक समिति का गठन किया 


भारतीय ओलम्‍पिक संघ के प्रकरण को देखते हुए युवा मामले और खेल राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री विजय गोयल ने राष्‍ट्रीय खेल विकास संहिता और खेल महासंघों के कामकाज में सुधार लाने के लिए सुझाव देने के उद्देश्‍य से खेल सचिव की अध्‍यक्षता में एक समिति के गठन का निर्णय लिया है। यह समिति एक माह में अपनी रिपोर्ट देगी।

अभी हाल में मंत्रालय ने पहले ही राष्‍ट्रीय खेल महासंघों विभिन्‍न राज्‍यों के खेल मंत्रियों और सचिवों, ओलंपिक खिलाड़ियोंअर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्‍कार विजेताओं, भारतीय खेल प्राधिकरण के फील्‍ड अधिकारियों जैसे विभिन्‍न हितधारकों के साथ सुशासन और पारदर्शिता के मुद्दों पर बैठकों का आयोजन किया है।

यह नई समिति इन बैठकों में दिए गए सुझावों और विचारों के आधार पर मौजूदा राष्‍ट्रीय खेल विकास संहिता में सुधार लाने के बारे में सुझाव देगी और अपनी रिपोर्ट एक माह में प्रस्‍तुत करेगी। इससे देश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल निकाय जन आकांक्षाओं के अनुसार काम कर सकेंगे।

भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत 30.12.2016 को 54.41 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल रही 


पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीनस्‍थ पेट्रोलियम नियोजन एवं विश्‍लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) द्वारा आज संगणित/प्रकाशित सूचना के अनुसार भारतीय बास्‍केट के कच्चे तेल की अंतर्राष्‍ट्रीय कीमत 30 दिसंबर2016 को 54.41 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल दर्ज की गई। यह 29 दिसंबर2016 को दर्ज कीमत 54.55 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से कम है।

रुपये के संदर्भ में भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की कीमत 30 दिसंबर2016 को को घटकर 3697.71 रुपये प्रतिबैरल हो गई,  जबकि 29 दिसंबर2016 को यह 3716.49 रुपये प्रति बैरल थी। रूपया 30 दिसंबर2016 कोमजबूत होकर 67.95 रुपये प्रति अमेरिकी डॉलर के स्तर पर बंद हुआजबकि 29 दिसंबर2016 को यह 68.12 रुपये प्रति अमेरिकी डॉलर था। इस संबंध में विस्तृत ब्यौरा नीचे तालिका में दिया गया है:-

 

 

 

विवरण

 

इकाई

 

30 दिसंबर2016 को मूल्य (पिछला कारोबारी दिवसअर्थात 29.12.2016)

 

01-01-2017  के लिए  मूल्यनिर्धारण पखवाड़ा

 

(14 दिसंबर2016 से लेकर

 

 28 दिसंबर2016 तक)

 

कच्चा तेल (भारतीयबास्केट)

(डॉलर प्रतिबैरल)

54.41               (54.55)

   53.05

(रुपये प्रतिबैरल)

            3697.71        (3716.49)       

3599.97

विनिमयदर

(रुपये प्रतिडॉलर)

                  67.95        (68.12)

   67.86

 

 

कच्‍चे तेल की दैनिक कीमत  

 

छह नए शहरों में गंगा की सतह की सफाई के लिए ट्रेश स्कीमर लगाए जाएंगे 


राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन इस महीने के पहले सप्ताह से ऋषिकेश, हरिद्वार, गढ़मुक्तेश्वर, साहिबगंज, कोलकाता और नवद्वीप में ट्रेश स्कीमर से गंगा के सतह की सफाई का कार्य शुरू करने जा रहा है। यह कार्य शहरी स्थानीय निकायों की देखरेख में किया जाएगा और इसकी निगरानी के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर समितियों का गठन किया गया है। राज्य स्तर पर प्रधान सचिव की अध्यक्षता में राज्य कार्यक्रम प्रबंधन ग्रुप द्वारा निगरानी की जाएगी। जिला स्तर पर जिलाधीश की अध्यक्षता में समिति द्वारा निगरानी रखी जाएगी।

नदी की सतह की सफाई के लिए पिछले वर्ष इलाहाबाद, कानपुर, वाराणसी, मथुरा, वृन्दावन और पटना में ट्रेश स्कीमर से सफाई का कार्य निगमित सामाजिक उत्त।रदायित्वि के तहत शुरू किया गया था। इस दौरान टनों मात्रा में कचरा इकट्ठा कर निर्धारित स्थानों पर पहुंचाया गया था। इसके बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिले थे।

आने वाले समय में अन्य चयनित शहरों में भी ट्रेश स्कीमर से नदी की सतह की सफाई शुरू की जाएगी।

नमामि गंगे कार्यक्रम गंगा नदी को बचाने का एक एकीकृत प्रयास है और इसके अंतर्गत व्यापक तरीके से गंगा की सफाई करने को प्रमुखता दी गई है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत नदी की सतही गंदगी की सफाई सीवरेज उपचार के लिए बुनियादी ढांचे, नदी तट विकास, जैव विविधता, वनीकरण और जन जागरूकता जैसी प्रमुख गतिविधियां शामिल हैं।

वि.कासोटिया/समीर/सुमन-5595

हरिद्वार और वाराणसी में नमामि गंगे के तहत कई परियोजनाओं को मंजूरी 


 

हरिद्वार में होने वाले सीवेज प्रदूषण के निस्तारण के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत कई परियोजनाएँ तैयारकर ली गयी हैं। इसके अंतर्गत हरिद्वार के जगजीतपुर में 110.30 करोड़ रुपये की लागत से 68 एमएलडी केएसटीपी और सराय में 25 करोड़ की लागत से 14 एमएलडी के एसटीपी के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिएहाइब्रिड.एन्यूटी आधारित पीपीपी मॉडल पर कार्य के टेंडर जारी करने के लिए उत्तराखंड पेय जल निगम कोनिर्देशित किया गया है।जगजीतपुर में 81.15 करोड़ रुपये की लागत से आई और डी कार्य की शुरुआत की जा रहीहै। जगजीतपुर में 27 एमएलडी प्लांट के टरटियरी ट्रीटमेंट  और सराय में 18 एमएलडी प्लांट के टरटियरी ट्रीटमेंटका डीबीओटी मोड में कार्य शुरू करने के लिए टेंडर जारी करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। 29.75 करोड़ रुपये कीलागत से सराय में आई और डी कार्य की शुरुआत की जा रही है। टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होते ही राष्ट्रीय स्वच्छ गंगामिशन की कार्यकारी समिति द्वारा प्रशासनिक और व्यय संबंधी मंजूरी दी जाएगी।

 

इसी के अंतर्गत वाराणसी के रमन्ना में 120 करोड़ रुपये की लागत वाले 50 एमएलडी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट केक्रियान्वयन के लिए हाइब्रिड.एन्यूटी आधारित पीपीपी मॉडल पर कार्य को 30 दिसंबर 2016 को मंजूरी दी गई है।उत्तर प्रदेश पेय जल निगम को टेंडर के लिए नोटिस जारी करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है। टेंडर प्रक्रियापूर्ण होते ही राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की कार्यकारी समिति द्वारा प्रशासनिक और व्यय संबंधी मंजूरी दीजाएगी।

 

नमामि गंगे कार्यक्रमए गंगा नदी को बचाने का एक एकीकृत प्रयास है और इसके अंतर्गत व्यापक तरीके से गंगाकी सफाई करने को प्रमुखता दी गई है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत नदी की सतही गंदगी की सफाईसीवरेज उपचारके लिए बुनियादी ढांचेएवं नदी तट विकासजैव विविधतावनीकरण और जन जागरूकता जैसी प्रमुखगतिविधियां शामिल हैं।

संयुक्‍त प्रेस विज्ञप्‍ति - भारत और श्रीलंका 

मंत्रिस्‍तरीय वार्ता के बाद वर्तमान हिरासत में मछुआरों की तत्‍काल रिहाई की घोषणा की गई दोनों पक्षों ने संबंधित कानूनी और प्रक्रियागत औपचारिकताओं के पूरा होने पर एक-दूसरे की हिरासत में लिए गए मछुआरों की रिहाई और उन्‍हें सौंपे जाने के लिए एक निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया पर सहमति जताई


भारत और श्रीलंका के बीच आज कोलंबो में मछुआरों के मुद्दें पर मंत्रिस्‍तरीय वार्ता का आयोजन किया गया। भारत के कृषि और कृषक कल्‍याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने श्रीलंका के मत्‍स्‍य पालन और जलीय संसाधन विकास मंत्री श्री महिंदा अमारावीरा से मुलाकात की। ये वार्ता 31 दिसंबर, 2016 को नई दिल्‍ली में मत्‍स्‍य पालन पर संयुक्‍त कार्य समूह की प्रथम बैठक के बाद आयोजित की गई। संयुक्‍त कार्य समूह का गठन 5 नवंबर,2016 को नई दिल्‍ली में हुई मंत्रिस्‍तरीय बैठक में लिए गए निर्णय को आगे बढ़ाने के लिए किया गया था। इस बैठक की सह-अध्‍यक्षता भारत के पशुपालन, डेयरी और मत्‍स्‍य पालन, सचिव और श्रीलंका के मत्‍स्‍य और जलीय संसाधन विकास, सचिव के द्वारा की गई।

दोनों मंत्रियों ने मछुआरों के मुद्दों पर एक स्‍थाई समाधान तलाशने में सहायता के लिए संभव तंत्र पर विचारों का आदान-प्रदान किया। संयुक्‍त कार्य समूह (जेडब्‍ल्‍यूजी) के सह-अध्‍यक्षों ने प्रथम जेडब्‍ल्‍यूजी बैठक के परिणामों की जानकारी मंत्रियों को दी और उन्‍होंने इस विषय में आगामी प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए निर्देश भी दिए।

दोनों पक्षों ने संबंधित कानूनी और प्रक्रियागत औपचारिकताओं के पूरा होने पर एक-दूसरे की हिरासत में लिए गए मछुआरों की रिहाई और उन्‍हें सौंपे जाने के लिए एक निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया पर सहमति जताई। मंत्रिस्‍तरीय वार्ता के बाद वर्तमान हिरासत में मछुआरों की तत्‍काल रिहाई की घोषणा की गई।

मंत्रियों ने भारत और श्रीलंका के तट गार्डों के हॉट लाइन के परिचालन हेतु जेडब्‍ल्‍यूजी के द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की हिरासत में ली गई मछली पकड़ने वाली नौकाओं को छोड़ने की मुद्दे पर भी विचार-विमर्श किया। भारत की ओर से भारतीय नौकाओं को शीघ्र छोड़ने का अनुरोध भी किया गया।

जेडब्‍ल्‍यूजी की अगली बैठक अप्रैल 2017 में आयोजित की जाएगी और इस बैठक में मछुआरों से जुड़े मुद्दों के समाधान में हुई प्रगति की व्‍यापक स्‍तर पर समीक्षा की जाएगी।

 

वर्षांत समीक्षा 2016- कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की प्रमुख उपलब्धियां 


1. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना:   

पिछले खरीफ सत्र 2015 में करीब 23 राज्यों के 309 लाख किसानों को फसल बीमा योजना के अंतर्गत लाया गयाथा जिनमें से 294 लाख किसान ऋणी और 15 लाख किसान गैर- ऋणी थे। हालांकि खरीफ सत्र 2016 में कुलकरीब 366.94 लाख किसानों को इस योजना के अंतर्गत लाया गया है जिनमें 264.04 लाख किसान ऋणी और 102.60 लाख किसान गैर- ऋणी हैं। खरीफ सत्र 2016 के दौरान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को 21 राज्योंद्वारा लागू किया गया है।  

 

2. मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना:

मार्च 2017 तक 2.53 करोड़ मिट्टी के नमूने संग्रह के लक्ष्य के मुकाबले 27 दिसंबर 2016 तक 2.33 करोड़ करोड़मिट्टी के नमूने संग्रहित किए गए हैं जिनमें से करीब 12.82 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाए जा रहे हैं। इनमें से से 4.31 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड छप चुके हैं और 4.25 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को वितरित कर दिए गयेहै और बाकी बचे कार्डों की भी प्रक्रिया जारी है। वर्ष 2014-17 के दौरान 460 मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं को मंजूरीदी गई थी जबकि वर्ष 2013-14 में केवल 15 मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं को ही मंजूरी दी गई मंजूरी दी गई। 460 मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं के अलावा राज्यों के 4000 मिनी प्रयोगशालाओं को भी मंजूरी दी गई है।  

 

3. परंपरागत कृषि विकास योजना:

इस योजना की शुरूआत 2014 में तीन वर्ष के लिए 597 करोड़ रूपये आवंटित कर जैविक खेती को बढ़ावा देने केलिए तथा दस हजार कलस्टरों (समूहों) की स्थापना के उद्देश्य से किया गया था। दिसंबर 2016 के अंत तक राज्यसरकारों ने 9186 कलस्टरों (समूहों) का निर्माण कराया है जबकि वित्तीय वर्ष 2015-16 में 8000 कलस्टरों (समूहों) का ही निर्माण कराया गया था।

 

4. राष्ट्रीय कृषि बाजार (एनएएम):

इस योजना के तहत 10 राज्यों के 250 मंडियों को ई-नैम (एनएएम) के साथ समाकलित किया गया है। सैद्धांतिकरूप से 399 मंडियों को ई-नैम (एनएएम) के साथ समाकलित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है जिसके लिए 90 करोड़ रूपये की राशि भी जारी कर दी गई है। 27 दिसंबर 2016 तक ई-नैम (एनएएम) प्लेटफार्म के जरिए 35,04,371.13 टन कृषि उत्पादन जो 7131.21 करोड़ रूपये है का कारोबार किया गया है। 27 दिसंबर 2016 तक 949112 किसानों, 59742 व्यापारियों और 31317 कमीशन अभिकर्ताओं (आढ़तिया) को ई-नैम (एनएएम) प्लेटफार्म पर पंजीकृत किया गया है।

               

5. मधुमक्खी पालन का विकास:

2016 के दौरान शहद का उत्पादन बढ़कर 2,63,930 मीट्रिक टन हो गया है। वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरानसरकार ने राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (एनबीबी) को 12 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृति की है।  

6. नारियल विकास:

भारत जहां पिछले वर्षों में इन देशों मलेशिया, इंडोनेशिया और श्रीलंका से नारियल तेल का आयात कर रहा था, इस वित्तीय वर्ष 2016-17 की शुरुआत से ही इन देशों को निर्यात भी शुरू कर दिया है। भारत नारियल उत्पादनऔर उत्पादकता के क्षेत्र में विश्व में पहला देश बन गया है। नारियल क्षेत्र, उत्पादन और उत्पादकता क्रमशः 1.97 मिलियन हेक्टेयर, 20.439 बिलियन नट्स और 10345 नट्स हो गया है।   

 

7. नीम लेपित यूरिया:

एक वर्ष में मोदी सरकार ने देश में शत-प्रतिशत (100 प्रतिशत) नीम लेपित यूरिया उपलब्ध करा दिया है। इसकारण से रासायनिक कारखानों द्वारा यूरिया का अनधिकृत उपयोग रोक दिया गया है। अब किसानों को उचितमात्रा में यूरिया मिल रहा है। इसके अलावा नीम लेपित यूरिया के इस्तेमाल से उत्पादन की लागत 10 से 15 प्रतिशत तक कम हो गई है।

 

8. कृषि वानिकी:

पहली बार कृषि वानिकी पर उप-लक्ष्य शुरू किया गया है जिससे मेढ पर पेड़ कार्यक्रम को गति मिलेगी। इसकेअलावा, कृषि योग्य भूमि पर पट्टी और अन्तराल पर वृक्षारोपण कर पेड़ विकसित किया जा जाएगा, इसके साथकृषि योग्य बंजर भूमि पर फसल/फसल प्रणाली और ब्लॉक वृक्षारोपण भी अपनाया जा सकेगा। इस योजना काकार्यान्वयन वैसे राज्यों में किया जायेगा जहां लकड़ी के परिवहन के लिए पारगमन नियमों को उदार बनाया हैऔर आने वाले समय में कुछ और राज्यों द्वारा उदार बनाये जाने पर उनको भी शामिल किया जायेगा। अब तक, इस योजना को 8 राज्यों में लागू किया जा रहा है।  

 

9. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम)/दाल उत्पादन के लिए लिया गया कदम:

·         वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) के तहत आवंटित 1700 करोड़ में से 1100 करोड़ रूपये (केन्द्रीय पुल का) दाल के लिए आवंटित कर दिया गया था जो कुलआवंटित राशि का 60 प्रतिशत से भी ज्यादा है।

 

·         नए प्रकार के बीज की खेती के विस्तार के लिए वित्तीय वर्ष 2016-17 में सरकार ने करीब 7.85 लाखमिनी किट राज्य सरकारों के माध्यम से किसानों को मुफ्त में वितरित किए हैं।

 

·         वित्तीय वर्ष 2016-17 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और राज्य के कृषिविश्वविद्यालयों के 534 कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से करीब 31000 हेक्टेयर में दाल उत्पादन के नईतकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसके लिए 25.29 करोड़ रूपये आवंटित किए गए थे।

 

·         नये तरह की बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद(आईसीएआर), राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) के माध्यम से बीज केन्द्रबनाया जा रहा है। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2017-18 तक के लिए 150 बीज केन्द्रों कीस्थापना हेतु सरकार ने 225.31 करोड़ रूपये आवंटित किए हैं जिनमें से 131.74 करोड़ रूपये वित्तीय वर्ष2016-17 के लिए है। इन बीज केन्द्रों पर 1.50 लाख क्विंटल उन्नत बीज सुनिश्चित किया जाएगा।  

 

·         वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए सरकार ने दाल का उत्पादन लक्ष्य 20.75 मिलियन मीट्रिक टन रखा है।वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए सरकार ने 7.25 करोड़ टन के लक्ष्य के मुकाबले 8.70 मिलियन टन खरीफउत्पादन (पहला अग्रिम अनुमान के अनुसार) का अनुमान किया है।

 

10. राष्ट्रीय गोकुल मिशन:

स्वदेशी गोजातीय नस्लों के संरक्षण और विकास का ध्यान रखते हुए गोजातीय प्रजनन और डेयरी विकास केराष्ट्रीय कार्यक्रम राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरूआत 500 करोड़ रूपये के आवंटन के साथ देश में पहली बार कियागया है। इस मिशन के तहत, 14 गोकुल ग्रामों की स्थापना की जा रही है, और अधिक धनराशि के निवेश के साथ35 बैल (बुल) मदर फार्म को आधुनिक बनाया गया और 3629 बैलों को आनुवंशिक उन्नयन के लिए शामिलकिया गया है। वित्तीय वर्ष 2007-08 से 2013-14 तक स्वदेशी नसेलों के विकास पर सिर्फ 45 करोड़ रूपये खर्चकिए गये हैं। जबकि वर्तमान सरकार ने दिसंबर 2015 तक डेढ़ वर्षों में ही 27 राज्यों में 35 परियोजनाओं को मंजूरीदी है और उसके लिए 582.09 करोड़ रूपये भी आवंटित कर दिए हैं। यह धनराशि पिछले दो वर्षों में 13 गुना बढ़गई है। 50 करोड़ रूपये की आवंटन राशि के साथ देश में दो राष्ट्रीय कामधेनु प्रजनन केंद्र- एक मध्य प्रदेश केउत्तरी क्षेत्र में और दूसरा आंध्र प्रदेश के दक्षिणी क्षेत्र में- स्थापित किए जा रहे हैं।      

11. डेयरी क्षेत्र के लिए 4 नई योजनाएं:

अ) पशुधन संजीवनी:

 

·         एक पशु कल्याण कार्यक्रम; दुधारू पशुओं के लिए यूआईडी पहचान और एक राष्ट्रीय डेटा बेस के साथ-साथ पशु स्वास्थ्य कार्ड ('नकुल स्वास्थ्य पत्र') के प्रावधान को शामिल किया गया है।

 

·         इस योजना के तहत यूआईडी के जरिए 8.5 करोड़ दुधारू पशुओं की पहचान की गई है और उनकाआंकड़ा आईएऩएपीएच के डाटा बेस में दर्ज किया जायेगा।

 

·         यह पशुओं के रोगों के प्रसार के नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके साथ ही पशुओं औरपशुधन उत्पादों के व्यापार में वृद्धि को भी बढ़ावा मिलेगा।

 

 

 ब) उन्नत प्रजनन प्रौद्योगिकी:

·         सहायक प्रजनन तकनीक का उपयोग सेक्स सॉटेड वीर्य प्रौद्योगिकी के तहत रोग मुक्त महिला बोवीनकी उपलब्धता में सुधार करने के लिए।

·         इस योजना के तहत 50 भ्रूण स्थानांतरण तकनीक प्रयोगशालाओं और इन विट्रो निषेचन प्रयोगशालाओंकी स्थापना की जाएगी।

·         इससे दूध उत्पादन और पशुओं की उत्पादकता में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।

स) स्वदेशी नस्लों के लिए राष्ट्रीय गोजातीय जीनोमिक केंद्र (एनबीजीसी-आईबी):

·         विकसित डेयरी देशों में दुग्ध उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए जीनोमिक चयन का प्रयोग कियाजाता है ताकि उसका तेजी से आनुवंशिक लाभ प्राप्त हो सके।

·         स्वदेशी मवेशियों में दुग्ध उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए देश में राष्ट्रीय गोजातीय जीनोमिककेंद्र की स्थापना की जाएगी।

·         जीनोमिक चयन का उपयोग करके स्वदेशी नस्लों को कुछ पीढ़ियों के भीतर व्यवहार्य बनाया जा सकताहै।  

·         यह केंद्र रोग मुक्त उच्च आनुवंशिक योग्यता वाला बैलों की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिकानिभाएगा।

द) ई-पशुधन हाट पोर्टल:

·         वर्तमान में गोजातीय जर्मप्लाज्म हेतु वीर्य, भ्रूण, पुरुष और महिला बछड़ों के रूप में तथा बछिया औरव्यस्क गोजातीय का कोई प्रामाणिक बाजार नहीं है।

 

·         नस्ल के आधार पर गोजातीय जर्मप्लाज्म के उपलब्धता की जानकारी उपलब्ध नहीं है जो स्वदेशीगोजातीय नस्लों को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है।

 

 

·         गोजातीय उत्पादकता के राष्ट्रीय मिशन के तहत देश में पहली बार ई-पशुधन हॉट पोर्टल का विकासकिया गया है। यह पोर्टल प्रजनकों और किसानों को स्वदेशी नस्लों के लिए जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिकानिभायेगा।

 

·         इस पोर्टल के माध्यम से किसानों को स्वदेशी नस्लों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराकर जागरूक कियाजाएगा। इस पोर्टल के माध्यम से किसान/प्रजनक स्वदेशी नस्लों के पशुओं की बिक्री भी कर सकते हैं।हर तरह की जानकारी इस पोर्टल पर अपलोड किया गया है। इस पोर्टल से किसान लाभ प्राप्त कर सकतेहैं।

 

·         यह पोर्टल स्वदेशी नस्लों के विकास और संरक्षण में प्रमुख भूमिका निभायेगा।

12. मछली उत्पादन:

मछली का उत्पादन वर्ष 2015 में 150 लाख टन था जो 2016 में बढ़कर 209.59 लाख टन हो गया है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में मछली उत्पादन के क्षेत्र में 6.21 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

13. अंडा उत्पादन:

वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान 82930 मिलियन अंडे का उत्पादन हुआ जबकि वित्तीय वर्ष 2014-15 में यह 78484 मिलियन था। अब अंडे का उत्पादन 5.66 प्रतिशत वार्षिक की दर से बढ़ रहा है। वित्तीय वर्ष 2012-14 से 2014-16 की तुलना करने पर पाया गया कि अंडे के उत्पादन का वृद्धि दर 10.99 प्रतिशत है। अंडे के उत्पादन कावार्षिक दर 10.99 प्रतिशत है। अंडे की प्रति वर्ष उपलब्धता 66 हो गई है। 

14. पशु चिकित्सा शिक्षा:

पशु चिकित्सा शिक्षा को विश्वस्तरीय बनाने के लिए मौजूदा पशु चिकित्सा शिक्षा के स्नातक पाठ्यक्रम औरमानकों में बदलाव की जरूरत है, इसी को ध्यान में रखकर पशु चिकित्सा शिक्षा विनियम, 2008 में व्यापकसंशोधन किये गये हैं। इसके साथ ही, प्रशिक्षित पशु चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए पशु चिकित्सा (वेटनरी) महाविद्यालयों  की संख्या 36 से बढ़ाकर 46 कर दी गई है। कई पशु चिकित्सा (वेटनरी) महाविद्यालयोंमें सीटों की संख्या 60 से बढ़ाकर 100 तक कर दी गई है, जिससे कुल संख्या 1332 से बढ़कर 1334 हो गई है।जिससे पशु चिकित्सा (वेटनरी) स्नातकों की संख्या डेढ़ गुना बढ़ गई है जबकि स्नातकोत्तरों की संख्या भी डेढ़गुना तक बढ़ गई है। पशु चिकित्सा (वेटनरी) महाविद्यालयों में सीटों की संख्या भी करीब डेढ़ गुना तक बढ़ गईहै।

15. वैज्ञानिकों की भर्ती में वृद्धि:

वित्तीय वर्ष 2013-14 में भर्ती जो 66 प्रतिशत थी वह 2014-15 और 2015-16 में बढ़कर 81 प्रतिशत हो गई है। यहभर्ती प्रतियोगिता के माध्यमसे की गई है और महिला वैज्ञानिकों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।

16. अनुभवजन्य शिक्षण इकाइयों:

वित्तीय वर्षों 2007-13 तक कृषि महाविद्यालयों में अनुभवजन्य शिक्षण इकाइयों की संख्या 264 थी जो पिछलेदो वर्षों (2014-16) के दौरान करीब 58 प्रतिशत बढ़कर 416 हो गई है। पिछले दो वर्षों (2014-15 और 2015-16) मेंशिक्षा बजट में भी 50 प्रतिशत से ज्या दा की बढ़ेतरी हुई है।

 

17. कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) का सुदृढ़ीकरण:

कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) को सुदृढ़ बनाने के प्रयास के तहत मौजूदा स्टॉफ संख्या को 16 से बढ़ाकर 22 कियागया है।

18. कृषि के प्रति छात्रों और युवाओं को आकर्षित कर वैज्ञानिकों की संख्या में सुधार-किसानों के अनुकूल:

·         कृषि के प्रति युवाओं को आकर्षित करना और बरकरार रखना (आर्य) :

   कृषि के प्रति युवाओं के रूझान को बढ़ाने और बरकरार रखने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय नेआर्य परियोजना की शुरूआत की है। यह परियोजना 25 राज्यों के 25 जिलों में कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) के माध्यम से चल रही है।

·         किसान प्रथम :

    किसानों को प्राथमिकता देते हुए किसान प्रथम परियोजना की शुरूआत की गई है जिसके अंतर्गत किसानों कोकृषि वैज्ञानिकों से रू-ब-रू होने का मौका मिलता है।इसके तहत आईसीएआर/विश्वविद्यालयों के करीब 100 से अधिक वैज्ञानिकों को एक लाख से ज्यादा किसानों के साथ कामकरनेका अवसर मिलेगा।     

19. कृषि शिक्षा:

कृषि स्नातक पाठ्यक्रमों को आय उन्मुख बनाने के लिए सरकार ने 5 वीं डीन कमेटी की रिपोर्ट की सिफारिशों कोमंजूरी दे दी है। डीन समिति की रिपोर्ट इसी शैक्षणिक सत्र 2016-17 से लागू हो जायेगी। इस नये पाठ्यक्रम केआने से कृषि स्नातक पाठ्यक्रम भी पेशेवर हो जायेंगे जो भविष्य में छात्रों को अपनी आजीविका कमाने के लिएअनुकूल हो जाएगा।    

20. विशेष पहल:

·         दो वर्षों में चार नये आईसीएआर पुरस्कार: आईसीएआर प्रशासनिक पुरस्कार, हलधर जैविक किसानपुरस्कार, पंडित दीनदयाल अंत्योदय कृषि पुरस्कार और पंडित दीनदयाल राष्ट्रीय कृषि विज्ञान प्रोत्साहनपुरस्कार।

·         पंडित दीन दयाल उन्नत कृषि शिक्षा योजना--देश के 32 राज्य कृषि विश्वविद्यालयों (एसएयू) में जैविकखेती / प्राकृतिक खेती और गाय आधारित अर्थव्यवस्था पर 130 प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से वर्ष 2016 में शुरू किया गया है।

·         देश के पहले कृषि मंत्री डॉ राजेन्द्र प्रसाद की याद में 3 दिसंबर को राष्ट्रीय कृषि शिक्षा दिवस के रूप मेंमनाया जाता है।

·         चौधरी चरण सिंह और श्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस के अवसर पर पूरे देश में 23 से 29 दिसंबर के बीच जय किसान जय विज्ञान सप्ताह वर्ष 2015 से मनाया जा रहा है।  

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सुश्री प्रीति सदन ने खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव के रूप में पदभार ग्रहण किया 


भारतीय प्रशासनिक सेवा (आंध्र प्रदेश: 1983) की अधिकारी सुश्री प्रीति सदन ने आज उपभोक्ता मामलें खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग में सचिव का पदभार ग्रहण कर लिया। उन्‍होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सुश्री वृंदा सरूप के सेवानिवृत्त होने पर यह पदभार सँभाला है। वर्तमान नियुक्ति से पूर्व सुश्री प्रीति सदन ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय सहित केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों में विभिन्न पदों पर कार्य किया है।

33 वर्षों से अधिक के अपने कैरियर के दौरान, सुश्री सदन आंध्र प्रदेश के अपने कैडर राज्य में विभिन्न पदों पर कार्य किया है। उन्‍होंने राजस्व विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, वित्त, बीज/कृषि निगम सहित विभिन्न विभागों में कार्य किया।

सुश्री प्रीति सदन ने अर्थशास्त्र में एम.फिल किया है। सुश्री सूडान हिन्दी, अंग्रेजी, पंजाबी और तेलुगू में निपुण हैं।

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श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भारतीय हज कमैटी मोबाइल एप का शुभारंभ किया, हज यात्रा 2017 के लिए तैयारियां शुरू : ऑनलाइन आवेदन आज से शुरू, हज के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 24 जनवरी, 2017 


केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों (स्वतंत्र प्रभार) और संसदीय कार्य राज्‍यमंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज मुंबई के हज हाउस में भारतीय हज कमैटी मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्‍होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि हज आवेदन प्रक्रिया डिजिटल होने जा रही है। यह मोबाइल एप आज से गूगल प्‍लेस्‍टोर पर उपलब्‍ध होगा। अगली हज की पहले ही घोषणा की जा चुकी है और इसके लिए आवेदन आज से स्‍वीकार किए जाएंगे। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 24 जनवरी है।

 अल्‍पसंख्‍यक कार्य मंत्रालय ने बड़े पैमाने में डिजिटल इंडिया अभियान में भागीदारी की है। इस बारे में अनेक प्रक्रियाएं की गई हैं। केंद्र सरकार पूरी पारदर्शिता और सहजता के साथ यात्रा के उचित अवसर सुनिश्‍चित कराने के लिए ऑनलाइन आवेदनों को प्रोत्‍साहित कर रही है।

हज के लिए आवेदन करना, जांच और सूचना, समाचार और अद्यतन जानकारियां तथा ई-भुगतान भारतीय हज कमैटी मोबाइल एप की मुख्‍य विशेषताएं हैं। हज के लिए आवेदन सीधे ही एप से किया जा सकता है। 5 व्‍यस्‍क और शिशुओं का समूह एक साथ आवेदन कर सकता है। फॉर्म की पीडीएफ प्रति आवेदक के ई-मेल पर भेजी जाएगी। फोटो लगाने के बाद दस्‍तावेजों के साथ प्रिंटआउट राज्‍य हज कमैटियों को भेजा जाएगा। पंजीकरण शुल्‍क का भुगतान भी इस एप के माध्‍यम से किया जा सकता है।

श्री नकवी ने कहा कि पिछले महीनें हज की एक नई वेबसाइट का नई दिल्‍ली में शुभारंभ किया गया था। ये वेबसाइट हिन्‍दी, उर्दू और अंग्रेजी भाषाओं में है, जो हज के संबंध में सभी आवश्‍यक जानकारी उपलब्‍ध कराएगी।

 उन्‍होंने कहा कि यह वेबसाइट हज के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वालों के लिए बहुत उपयोगी होगी। ये वेबसाइट अल्‍पसंख्‍यक मामलों के मंत्रालय, हज विभाग, हज यात्रा, हज, भारतीय हज कमैटी और निजी टूर, ऑपरेटरों के बारे में नियमों और विनियमों के बारे में विस्‍तृत जानकारी उपलब्‍ध कराएगी। ये वेबसाइट हज यात्रा के दौरान क्‍या करना है और क्‍या नहीं करना है की जानकारी देने के साथ-साथ हज यात्रा के विभिन्‍न पहलुओं के बारे में सूचना उपलब्‍ध कराएगी।

उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार और भारतीय कमैटी में अगली हज यात्रा को पूरी तरह से सहज और यात्रियों के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए तैयारियों पहले ही शुरू कर दी है। हज यात्रा के बारे में अनेक महत्‍वपूर्ण सुझाव प्राप्‍त हुए हैं और हज यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाओं वाले वायुयान सुनिश्‍चित करने के लिए नागर विमानन मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श किया गया है।

हज यात्रा 2016 के दौरान 45,843 लोगों ने हज ऑनलाइन पर आवेदन किया था, जो पूरे देश में हज के लिए प्राप्‍त होने वाले कुल आवेदनों का लगभग 11 प्रतिशत था। ऑनलाइन आवेदन को सरल और सहज बनाने की प्रक्रिया के लिए प्रयास किए जा रहे हैं ताकि अधिक से अधिक लोग अगली हज यात्रा के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकें। महाराष्‍ट्र से हज 2016 के लिए सर्वाधिक 10,960 लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किए थे। इसके बाद केरल से 9257, उत्‍तर प्रदेश से 54,07, तेलंगाना से 2983 , जम्‍मू-कश्‍मीर से 2426 और गुजरात से 2425 ऑनलाइन आवेदन प्राप्‍त हुए थे।

हज यात्रा 2016 के दौरान भारतीय हज कमैटी के माध्‍यम से देश भर के 21 स्‍थानों से लगभग 99903 व्‍यक्‍ति हज के लिए जद्दाह , सउदी अरब गए थे। इसके अलावा 36,000 हज यात्री निजी टूर ऑपरेटरों के माध्‍यम से हज के लिए गए थे।    

राष्‍ट्रपति निलयम गार्डन आम जनता के लिए 03 से 10 जनवरी, 2017 तक खुलेगा 


 

राष्‍ट्रपति निलयम बोलारम, सिकंदराबाद के गार्डन आम जनता के भ्रमण के लिए 03 से 10 जनवरी, 2017 तक प्रात: 10:00 बजे से सायं 5:00 बजे तक खुलेंगे।  

राष्‍ट्रपति निलयम के गार्डन में लैंडस्केप गार्डनहर्बल गार्डननक्षत्र वाटिकामौसमी फूल पौधे और मुख्‍य भवन के चारों ओर गमलों में लगाए गए पौधों का प्रदर्शन तथा आमचीकूअनारअमरूदआंवलानारियल के फलों के बाग शामिल हैं।