1-2 Jan news hindi 2016

  ज्ञानेन्द्र डी बंदग्यान नेशनल सेंटर फार गुड गवर्नेन्स(एनसीजीजी) के महानिदेशक नियुक्त

र्थशास्त्री तथा पूर्व आईएएस अधिकारी ज्ञानेन्द्र डी बंदग्यान को नेशनल सेंटर फार गुड गवर्नेन्स (एनसीजीजी) का 30 दिसंबर 2015 को महानिदेशक नियुक्त किया गया.कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम में मुख्य अर्थशास्त्री रह चुके ज्ञानेन्द्र की नियुक्ति तीन वर्ष के लिये की गई.इसे 2 वर्ष के लिये या 60 वर्ष पूरा होने तक बढ़ाया जा सकता है.पूर्व आईएएस अधिकारी 54 वर्षीय ज्ञानेंद्र मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं.एनसीजीजी बेहतर राजकाज सुधार पर एक शोध संस्थान है. एनसीजीजी एक स्वायत्त संस्थान है जो डीओपीटी के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है.

भारतीय मूल के कैंसर विशेषज्ञ हरपाल सिंह कुमारनाइटहुड से सम्मानित
01-JAN-2016

भारतीय मूल के कैंसर विशेषज्ञ हरपाल सिंह कुमार को महारानी एलिजाबेथ ने 31 दिसंबर 2015 को नाइटहुड की उपाधि प्रदान की.
31 दिसंबर 2015 को प्रकाशित वार्षिक न्यू  ईयर्स ऑनर्स सूचीं में प्रभावशाली कार्य के लिए सिंह का नाम कई अन्य  भारतीय मूल के लोगों के साथ शामिल किया गया.
देश के विभाजन के समय उनके माता-पिता पाकिस्तासन छोड़कर भारत चले आए थे और फिर वे लंदन जाकर बस गए.हरपाल सिंह को कैंसर संबंधी अनुसंधान में उनकी सेवाओं और कैंसर से जुड़ी देखभाल और कैंसर की रोकथाम, उसके शीघ्र निदान और उपचार में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने में अत्यधिक प्रभावशाली भूमिका निभाने के लिए सम्मानित किया गया.

कैंसरविशेषज्ञहरपालसिंहकुमारकेबारेमें

कैंब्रिज और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़े 50 वर्षीय कुमार प्रमुख चैरिटी ऑर्गेनाइजेशन कैंसर रिसर्च यूके (सीआरयूके) के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी हैं.
• केमिकल इंजीनियर के रूप में प्रशिक्षण लेने के बाद कुमार ने वर्ष 1992 में मैककिन्सेश के साथ हेल्थलकेयर कंसल्टेंट के रूप में काम किया.
• उनके नेतृत्व में सरकार ने धूम्रपान को कम करने और 18 वर्ष से कम आयु के लोगों के लिए सन-बेड प्रतिबंधित करने का काम किया.
• उन्होंने इंडीपेंडेंट कैंसर टास्कफोर्स की भी अध्यक्षता की और जुलाई 2015 में प्रकाशित एनएचएस कैंसर रणनीति अचीविंग वल्र्ड क्लास कैंसर आउटकम्स ए स्ट्रेटजी फोर इंग्लैंड 2015-20 का भी लेखन किया.
• इसके अलावा पैलेस आफ वेस्टमिंस्टर के बिल्डिंग सर्विसेस इंजीनियर गुरमीत कालसी को सरे में सिख समुदाय की स्वैछिक सेवाओं और संसदीय सेवाओं के लिए इस सूची में शामिल किया गया.

 केंद्र सरकार ने छतों पर सौर पैनल के लिए 5000 करोडमंजूर किए

केंद्र सरकार ने छतों पर सौर पैनल लगाने के अभियान को बढावा देने तथा इसे ग्रिड कनेक्शन से जोड़ने की योजना के क्रियान्वयन के लिए
पांच हजार करोड रुपए मंजूर किए.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की 30 दिसंबर 2015 को हुई बैठक में राष्ट्रीय सौर    ऊर्जा मिशन के तहत इस योजना की राशि को 600 करोड़ रुपए से बढाकर पांच हजार करोड़ रुपए करने का फैसला लिया गया. 

योजना की विशेषताएं-

• इस राशि के इस्तेमाल से अगले 5 वर्षों में छतों पर सौर ऊर्जा पैनलों को ग्रिड सिस्टम से जोड़ने की योजना को क्रियान्वित किया जाएगा. 
• इसके अलावा इस राशि का 4200 मेगावाट की सौर छत प्रणालियों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए भी प्रयोग किया जाएगा.सामान्य श्रेणी के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को इसमें 30 प्रतिशत की पूंजी छूट दी जाएगी.
• विशेष श्रेणी के राज्यों- उत्तर पूर्व के राज्यों जिसमें सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर तथा लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं, को 70 प्रतिशत की छूट दी जाएगी.• निजी क्षेत्र के वाणिज्यिक और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को इसमें कोई छूट हासिल नहीं होगी क्योंकि वे पहले से ही कई छूटों के हकदार हैं जैसे कि त्वरित मूल्यह्रास, कस्टम ड्यूटी रियायतें, उत्पाद शुल्क में छूट और कर छुट्टी आदि.
• 4200 मेगावाट पावर की यह क्षमता आवासीय, सरकारी, सामाजिक और संस्थागत क्षेत्र (अस्पतालों, शैक्षिक संस्थानों आदि) के माध्यम से आएगी.
• औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों को बिना सब्सिडी के सौर छतों को लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
• यह बाजार का निर्माण औऱ उपभोक्ताओं के विश्वास का निर्माण करेगा और वर्ष 2022 तक 40000 मेगावाट पावर के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बाजार मोड के माध्यम से संतुलन क्षमता सक्षम हो जाएगा.
• सरकार ने राष्ट्रीय सौर मिशन (एनएसएम) के लक्ष्य में 2022 तक 20000 मेगावाट से बढ़ाकर 100000 मेगावाट पावर करने के लिए संशोधन किया. इसमें से 40000 मेगावाट पावर ग्रिड से जुड़े सौर छत प्रणालियों के माध्यम से आना है. 
• इस मंजूरी से सौर छतों को लगाने को बढ़ावा मिलेगा और 40000 मेगावाट पावर के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा. 

ब्रिक्स देशों के बीच ब्रिक्स संघ विश्वविद्यालय के लिए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर का अनुमोदन

 01-JAN-2016

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने 30 दिसंबर 2015 को ब्रिक्स संघ विश्वविद्यालय पर ब्रिक्स देशों के बीच समझौता-पत्र पर हस्ताक्षर को पूर्वव्यापी अनुमति प्रदान की.इस समझौता पत्र से ब्रिक्स देशों के मध्य वैज्ञानिक अनुसंधान, उच्च शिक्षा, विश्लेषण एवं सर्वश्रेष्ठ तौर तरीक़ों के क्रियान्वयन, संयुक्त शोध एवं छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों की अंतरणीयता पर सक्रिय साझेदारी होगी.

विदित हो कि रूस के मास्को में नवंबर 2015 के दौरान ब्रिक्स देशों के शिक्षा मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की तीसरी बैठक में ब्रिक्स संघ विश्वविद्यालय संबंधी मामले पर सहमति बनी थी. 

वाणिज्य विभाग की परियोजना ‘दवा’ ने वर्ष 2015 का ई-एशिया पुरस्कार जीता

 02-JAN-2016

वाणिज्य विभाग की ‘दवा’ अथवा दवा प्रमाणीकरण और सत्यापन आवेदन परियोजना (ड्रग ऑथेंटिकेशन एंड वेरिफिकेशन एप्लीकेशन) ने व्यापार सुविधा श्रेणी के अंतर्गत 31 दिसंबर 2015 को ई-एशिया पुरस्कार जीता. इसकी घोषणा एशिया पसिफ़िक काउंसिल फॉर ट्रेड फैसिलिटेशन एंड इलेक्ट्रॉनिक बिज़नेस (एएफएसीटी), तेहरान, ईरान में की गयी.

इसके अंतर्गत ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स के मध्य खोज और पता रखने का एक प्लेटफ़ॉर्म विकसित किया गया है जिससे निर्यातक एवं आयातक को भी लाभ प्राप्त हो सकता है. दवापरियोजना

•    इसका आरंभ 29 जून 2015 को वाणिज्य विभाग द्वारा किया गया. 
•    इससे उपभोक्ताओं एवं नियामक एजेंसियों को सुगम तरीकों से दवा के प्रमाणीकरण और सत्यापन की सुविधा दी गयी जिससे अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की ब्रांड इमेज बेहतर हो सकती है.
•    इस एप्लीकेशन में थोक/खुदरा व्यापारियों के पास उस समय मौजूदा स्टॉक की मात्रा के बारे में जानकारी की सुविधा भी दी गयी है.
•    आवश्यकता होने पर, दवा की उपलब्धता का पता लगाया जा सकता है तथा चोरबाज़ारी पर भी नियन्त्रण स्थापित किया जा सकता है.
•    इसका उद्देश्य भारत के सभी दवा निर्माताओं को कवर करना है. भारतीय दवा उद्योग में लगभग 250 बड़ी यूनिट हैं जबकि 8000 छोटी और मध्यम दर्जे की यूनिट कार्यरत हैं.
•    अभी यह परियोजना पायलट स्टेज पर है लेकिन बाद में इसे सभी दवा निर्यातकों के लिए आवश्यक बना दिया जायेगा.
•    एक बार पूर्ण रूप से लागू होने के पश्चात् देश में नकली एवं खराब क्वालिटी की दवाओं का निर्यात नहीं किया जा सकेगा, यदि ऐसा होता है तो उसे आसानी से पता लगाया जा सकेगा एवं उचित कदम उठाया जा सकेगा. 

सेंसर बोर्ड में सुधार हेतु श्याम बेनेगल के नेतृत्व में समिति गठित

 02-JAN-2016

केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2016 को सेंसर बोर्ड में सुधार करने एवं आवश्यक बदलाव करने हेतु प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया है.

यह समिति मार्च 2016 तक सेंसर बोर्ड में जरूरी बदलाव को लेकर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगी. 

इस समिति में श्याम बेलेगल के अलावा फिल्म निर्देशक राकेश ओप्रकाश मेहरा, फिल्म समीक्षक भावना सोमैया, ऐड गुरु पीयूष पांडे को भी शामिल किया गया है. यह समिति सेंसर बोर्ड के स्टाफिंग पैटर्न में बदलाव को लेकर भी रिपोर्ट देगी.

इसके अतिरिक्त समिति में प्रबंध निदेशक, राष्ट्रीय फिल्म विकास परिषद नीना लाथ गुप्ता और संयुक्त सचिव (फिल्म) संजय मूर्ति भी हिस्सा होंगे. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि समिति का गठन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘‘दृष्टिकोण के अनुरुप' किया गया है. 

श्यामबेनेगल समिति के उद्देश्य

•    समिति सिनेमाटोग्राफ कानून के प्रावधानों के तहत व्यापक दिशानिर्देश, प्रक्रियाओं के साथ ही स्क्रिनिंग कमेटी के अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों के लाभ के लिए नियमों की सिफारिश करेगी.
•    सेंसर बोर्ड के स्टाफ ढांचे पर भी गौर किया जाएगा ताकि एक तंत्र की सिफारिश की जा सके जो प्रभावी, पारदर्शी एवं उपयोगकर्ता अनुकूल सेवाएं मुहैया कराये.
•    फिल्मों एवं वृत्तचित्र के प्रमाणन के दौरान यह सुनिश्चित करना कि ऐसा करते समय कलात्मक रचनात्मकता एवं स्वतंत्रता को दबाया नहीं जाए या काटा नहीं जाए. 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने म्यांमार में त्रिपक्षीय राजमार्ग हेतु 69 पुलों के निर्माण को मंजूरी दी

 02-JAN-2016प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 30 दिसम्बर 2015 को म्यांमार में बन रहे तमू-कियोगोन-कलेवा (टीकेके) नामक त्रिपक्षीय राजमार्ग पर 69 पुलों के निर्माण को मंजूरी प्रदान की.
इनकी लागत 371.58 करोड़ रुपये होगी. 

मुख्यविशेषताएं

•    यह पुल सभी प्रकार के मौसम में बेहतर परिवहन व्यवस्था प्रदान करेंगे. यह मार्ग इम्फाल-मंडला बस रूट के लिए प्रायोजित मार्ग है.
•    इससे भारत और म्यांमार में बेहतर संबंध स्थापित हो सकेंगे.
•    यह परियोजना इंजीनियरिंग खरीद और निर्माण (ईपीसी) के तहत परियोजना प्रबंधन सलाहकार (पीएमसी) प्रक्रिया द्वारा पूर्ण की जाएगी.
•    इसे यंगून में मौजूद भारतीय दूतावास, पीएमसी एवं विदेश मंत्रालय द्वारा मॉनिटर किया जायेगा.
•    इस परियोजना के वर्ष 2019 मध्य तक पूरा हो जाने का अनुमान है.

पृष्ठभूमि

•    मई 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की म्यांमार यात्रा के दौरान इसी त्रिपक्षीय राजमार्ग पर 71 पुल बनाने के लिए सहमति व्यक्त की गयी थी. 
•    म्यांमार सरकार इनमें से दो पुलों का स्वयं निर्माण कर रही है क्योंकि इस क्षेत्र में इन पुलों की अत्यधिक आवश्यकता है.
•    परिणामस्वरूप, शेष 69 पुलों को भारत सरकार की देख-रेख में बनाया जायेगा. हरियाणा सरकार ने अशोक खेमका को प्रधान सचिवनियुक्त किया02-JAN-2016हरियाणा सरकार ने 1 जनवरी 2016 को चर्चित आईएएस अधिकारी डॉ अशोक खेमका को पदोन्नत करके सचिव से प्रधान सचिव पद पर नियुक्त किया. उनके अतिरिक्त सात अन्य आईएएस अधिकारियों को भी पदोन्नति दी गयी है.

अशोक खेमका वर्ष 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. खेमका के साथ विनीत गर्ग, अनिल मलिक, श्रीकांत वालगद, जी. अनुपमा, एके सिंह और अभिलक्ष्य लिखी को भी पदोन्नति मिली है और उन्हें भी सचिव से प्रधान सचिव बनाया गया है.

गौरतलब है कि अशोक खेमका को अपने करियर में सबसे अधिक तबादलों का सामना करना पड़ा है. 50 वर्षीय आईएएस अधिकारी का 23 वर्ष में 46 बार तबादला किया जा चुका है. कोलकाता के रहने वाले खेमका ने वर्ष 1988 में आईआईटी खडग़पुर से कंप्यूटर साइंस में टॉप किया था. 

अशोकखेमकाएवंविवाद

वे अपने तबादलों और कुछ खुलासों को लेकर चर्चा में रहे हैं. खेमका ने हरियाणा में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद वर्ष 2012 में सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर गैर कानूनी तरीके से जमीन खरीदने का आरोप लगाया था. 

इस कारण वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील मामले में हुड्‌डा सरकार ने खेमका के खिलाफ चार्जशीट लगायी थी किन्तु भाजपा की सरकार आने के बाद चार्जशीट रद्द कर दी गयी. खेमका पर आरोप था कि अक्टूबर 2012 में आईजी रजिस्ट्रेशन के पद पर तैनाती के समय उन्होंने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए वाड्रा-डीएलएफ डील का म्यूटेशन रद्द कर दिया था. 

गायक संजय सुब्रह्मण्यम संगीत कलानिधि पुरस्कार से सम्मानित

 02-JAN-2016

वरिष्ठ दक्षिण भारतीय शास्त्रीय संगीत गायक संजय सुब्रह्मण्यम को 1 जनवरी 2016 को वर्ष 2015 के संगीत कलानिधि पुरस्कार से सम्मानित किया गया. यह पुरस्कार उन्हें प्रसिद्ध गणितज्ञ मंजुल भार्गव द्वारा तमिलनाडु स्थित चेन्नई में आयोजित 89वें मद्रास म्यूजिक अकैडमी के दौरान दिया गया.

50 वर्ष से पहले यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले वह सातवें कलाकार हैं. इससे पहले अरियाकुडी अयियंगर, मुसिरी सुब्रमणिया अय्यर, महाराजपुरम विश्वनाथ अय्यर, सेम्मंगुडी श्रीनिवासा अय्यर, जीएन बालासुब्रमण्यम, एमएल वसंथाकुमारी एवं एम बालमुरलीकृष्णा को भी 50 वर्ष से पहले यह पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है. 

संजयसुब्रह्मण्यम

•    वे पेशे से चार्टेड अकाउंटेंट हैं लेकिन वर्ष 2000 में वे पूरी तरह संगीत को समर्पित हो गये.
•    उन्होंने वर्ष 1987 में कर्नाटक संगीत आरंभ किया. 
•    उन्हें गान पदमम (2013), वाणी कला सुधाकर (2010) एवं कलईमामिनी (2006) पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है.

संगीतकलानिधिपुरस्कार

•    यह पुरस्कार मद्रास म्यूजिक अकैडमी द्वारा कर्नाटक संगीत में विशेष स्थान हासिल करने वाले कलाकार को दिया जाता है.
•    इस पुरस्कार का नाम संस्कृत से लिया गया है जिसका अर्थ है “संगीत एवं कला का खज़ाना”.