=> 42वें जी-7 सम्मेलन का जापान में समापन

 

42वें जी-7 सम्मेलन का जापान के इज़-शिमा नामक स्थान पर दो दिनों, 26 से 27 मई 2016, के लिए आयोजन किया गया. इस दौरान सदस्य राष्ट्रों ने अंतरराष्ट्रीय आर्थिक एवं राजनैतिक समस्याओं पर विमर्श किया तथा जी-7 इज-शिमा घोषणापत्र को स्वीकार किया.

यह सम्मेलन इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि इसका आयोजन सितम्बर 2015 को सतत विकास एजेंडा-2030 के लिए आयोजित सम्मेलन के बाद पहली बार किया गया.

इस सम्मेलन के दौरान, अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था एवं व्यापर, जलवायु परिवर्तन एवं उर्जा, विकास, स्वास्थ्य तथा गुणवत्ता इन्फ्रास्ट्रक्चर विषय शामिल थे.

इस सम्मेलन में सात सात सदस्य राष्ट्रों – कनाडा, फ़्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, इंग्लैंड तथा संयुक्त राज्य अमेरिका तथा यूरोपियन कमिशन ने भाग लिया. यूरोपीयन कमीशन वर्ष 1981 से इस समूह का प्रतिभागी सदस्य है.

 

 

=> गोथार्ड बेस टनल नामक विश्व की सबसे लम्बी और सबसे गहरी रेल सुरंग का स्विट्ज़रलैंड में उद्घाटन

 

स्विट्ज़रलैंड में 1 जून 2016 को विश्व की सबसे लम्बी और सबसे गहरी रेल सुरंग गोथार्ड का उद्घाटन किया गया. इस सुरंग को पहली बार आल्प्स पर्वत के भीतर से बनाया गया है.

इसे बनाने में 12.2 स्विस फ्रैंक खर्च किये गये जबकि इसके लिए 17 वर्ष का समय लगा. 

गोथार्ड बेस टनल

•    इसकी कुल लम्बाई 57.09 किलोमीटर है जबकि दूसरी अन्य सुरंगों एवं रास्तों को मिलकर इस रूट की कुल लम्बाई 151.84 किलोमीटर है.
•    यह आल्प-ट्रांजिट प्रोजेक्ट का भाग है जिसे न्यू रेलवे लिंक थ्रू आल्प्स के नाम से भी जाना जाता है.

•    यह आल्प्स से 2.3 किलोमीटर भीतर स्थित है.
•    यह उरी एवं टिसिनो को जोड़ने वाली तीसरी सुरंग है.
•    इसका मुख्य उद्देश्य इस क्षेत्र में परिवहन सुविधा को और बेहतर बनाना है.
•    इस परियोजना के ड्रिलिंग कार्य का समापन 15 अक्टूबर 2010 में हुआ जिसका स्विस टीवी पर लाइव प्रसारण किया गया.

 

=> केन्द्रीय स्वास्थ्य सेवा के डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष किये जाने को केंद्र सरकार की मंजूरी

केंद्र सरकार द्वारा केन्द्रीय स्वास्थ्य सेवा के तहत कार्यरत डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करने के प्रस्ताव को 31 मई 2016 को स्वीकृति प्रदान की.

यह प्रस्ताव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा देश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदढ़ करने हेतु रखा गया था.

लाभ

•    इससे देश में अतिरिक्त डॉक्टरों की मांग को पूरा किया जा सकेगा.

•    इससे सरकार अनुभवी डॉक्टरों की लम्बे समय तक सेवाएं ले सकेगी ताकि जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें.

•    इससे लगभग 4000 डॉक्टरों को लाभ प्राप्त होगा. फ़िलहाल सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की आयु 62 वर्ष है.

इससे पहले 26 मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहारनपुर में एक रैली में सेवानिवृत्ति आयु 62 से 65 वर्ष करने को घोषणा की.

इसके उपरांत, हरियाणा सरकार ने सरकारी डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष किये जाने की घोषणा की.

 

=> दक्षिण कोरियाई लेखक हान कांग मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार 2016 से सम्मानित

 

इंसानी क्रूरता को खारिज कर और मांस खाना छोड़कर शाकाहारी हो जाने को विषय बनाकर लिखे गए उपन्यास 'द वेजीटेरियन' को 16 मई 2016 को वर्ष 2016 के 'मैन बुकर इंटरनेशनल' पुरस्कार के लिए चुना गया. पुरस्कार समारोह विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम लंदन हान में आयोजित किया गया. 

28 वर्षीया डेबोरा स्मिथ ने दक्षिण कोरियाई लेखिका 45 वर्षीया हान कांग की इस क़िताब का अंग्रेजी में अनुवाद किया है. स्मिथ ने 2010 में ही कोरियाई भाषा सीखनी शुरू की थी.

करीब एक दशक पूर्व लिखे गए 188 पेज के इस उपन्यास 'द वेजीटेरियन' को अनुवादिका ने तकरीबन 4 वर्ष पूर्व ही पढा था. 

• 'द वेजीटेरियन' अंग्रेज़ी भाषा में अनुवाद होने वाला हैन कांगस का पहला उपन्यास है. उनकी दूसरी किताब ' ह्यूमन एक्ट' भी प्रकाशित हो चुकी है.
• उपन्यास ‘द वेजिटेरियन’ को पोर्टबेलो बुक्स द्वारा प्रकाशित किया गया.
• पांच जजों के एक पैनल ने 155 किताबों में से सर्वसम्मति के साथ ‘द वेजिटेरियन’ को चुना.
• पैनल की अध्यक्षता जाने-माने आलोचक और संपादक बॉएड टोंकिंग ने की.
• चयन समिति के अध्यक्ष बोएड टॉनकिन के अनुसार हैन कैंग का काम अविस्मरणीय, सशक्त और मौलिक था.

मैन बुकर इंटरनेशनल पुरस्कार-
• मैन बुकर पुरस्कार 1969 में स्थापित किया गया.
• मैन बुकर पुरस्कार अंग्रेजी भाषी दुनिया में अग्रणी साहित्यिक पुरस्कार है.
• विजेता लेखक को पुरस्कार के तहत को 50000 पाउंड और चयनित लेखकों को में से प्रत्येक को 2500 पाउंड की धनराशी से सम्मानित किया जाता है.
• पुरस्कार हेतु चयनित और विजेता लेखकों को दुनिया भर में पाठक और किताब की बिक्री में वृद्धि की गारंटी हो जाती है.
• पिछले चार दशकों से अधिक समय से इससे लेखक को प्रसिद्धी, पाठक और पारितोषक मिल रहा है. 
• मैन बुकर इंटरनेशनल पुरस्कार की राशि 50 हज़ार पाउंड यानि 72 हज़ार डॉलर लेखक और अनुवादक दोनो मे आधी आधी बांटी जाएगी. ट्रॉफी मिलती
• यह पहला मौका है जब पुस्तक के लेखक और अनुवादक, दोनों को संयुक्त रूप से यह पुरस्कार दिया गया है.
• लेखिका यह पुरस्कार जीतने वाली पहली दक्षिण कोरियाई है.
• इस पुरस्कार की दौड़ में नोबल पुरस्कार विजेता ओरहन पामुक, इतावली लेखक एलेना फ़ेरांटे, अंगोला के वर्डस्मिथ जोस इड्रूडो एग्वालसा, चीनी लेखक यान लियांके और ऑस्ट्रियन उपान्यासकार रॉबर्ट सीथर शामिल थे.

लेखिका के बारे में
• किताब की अनुवादक स्मिथ जब 21 साल की थीं तो वो केवल अंग्रेज़ी ही जानती थीं. 
• अंग्रेज़ी में स्नातक की पढ़ाई के दौरान उन्हें अंग्रेज़ी-कोरियन के अनुवादकों की कमी का पता चला. 
• इसके बाद उन्होंने अनुवादक बनने का फ़ैसला किया.
• लेखिका को इस किताब का विचार एक लघुकथा 'द फ्रूट ऑफ़ माई वुमेन' को पढ़ने के बाद आया.

हान कांग के बारे में
• हान कांग का जन्म ग्वांगजू, दक्षिण कोरिया में हुआ, और दस साल की उम्र में सियोल चले गए.
• उसने कोरियाई साहित्य का अध्ययन योंसिए विश्वविद्यालय में किया.
• उनका उपन्यास ह्युमन एक्ट्स 2016 में पोर्टबेल्लो बुक्स द्वारा प्रकाशित किया गया.
• कांग सोल इंस्टीच्यूट ऑफ आर्ट्स में रचनात्मक लेखन पढ़ाती हैं. 
• 45 वर्षीय कांग दक्षिण कोरिया में पहले ही मशहूर हैं.
• वह यी सांग लिटरेरी प्राइज, टुडेज यंग आर्टिस्ट अवार्ड और कोरियन लिटरेचर अवार्ड से सम्मानित की जा चुकी हैं.
• ‘द वेजिटेरियन’ उनका पहला उपन्यास है, 

उपन्यास के बारे में 'शाकाहारी'
• उपन्यास एक गृहणी की कहानी बताता है, जिसमे वह शाकाहारी बनने का फैसला करती है.
• उसके निर्णय उसके पति और उसके पिता को क्रूरता से रोकते हैं.
• इस निर्णय के लिए एक महिला होने के कारण उसे अपनी बहन के पति के जुनून का भी सामना करना पड़ा.

 

=> एनबीसीसी बिहार में गंगा सफाई योजना आरंभ करेगा

 

राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम लिमिटेड (एनबीसीसी) ने मई 2016 के अंतिम सप्ताह में घोषणा की कि वह बिहार में गंगा सफाई हेतु एक परियोजना आरंभ करेगा.

दिसम्बर 2015 में, जल संसाधन मंत्रालय (गंगा नदी विकास और संरक्षण विभाग) ने एनबीसीसी को बिहार में नदी की स्वच्छता एवं सफाई कार्यों हेतु चयनित किया.

इस संबंध में मंत्रालय द्वारा तीन शहरों में परियोजना को मंजूरी दी गयी है.

परियोजना की विशेषताएं

•    एनबीसीसी गाद की सफाई करेगा.

•    नए घाटों का निर्माण किया जायेगा.

•    नदी की सतह की सफाई की जाएगी.

•    यहां शमशान एवं सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जायेगा.

•    गांवों की नालियों का सिस्टम भी सुधारा जायेगा ताकि यहां का अपशिष्ट पानी नदी में न गिरे.

राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम लिमिटेड (एनबीसीसी)

•    यह श्रेणी-1 में नवरत्न संगठन है.

•    यह केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र ईकाई है. इसका अधिकतम भाग भारत सरकार द्वारा अधिग्रहित है.

•    यह रियल एस्टेट विकास एवं भवन निर्माण व्यापार में कार्यरत संगठन है.

•    इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है.

 

=> पूर्व दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी यूपीएससी सदस्य नियुक्त

 

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 31 मई 2016 को भीम सेन बस्सी, आईपीएस (सेवानिवृत) को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का सदस्य नियुक्त किया.

वे फरवरी 2021 तक इस पद पर आसीन रहेंगे.

बी एस बस्सी

•    वे अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिज़ोरम एवं केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर के वर्ष 1977 के आईपीएस अधिकारी हैं.

•    अपने 38 वर्ष के करियर में उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों – दिल्ली पुलिस कमिश्नर, दिल्ली पुलिस विशेष आयुक्त (ट्रैफिक), दिल्ली पुलिस विशेष आयुक्त (विजिलेंस), चंडीगढ़ पुलिस में इंस्पेक्टर जनरल एवं गोवा पुलिस में डीजीपी पदों पर कार्य किया. 

•    वे 29 फरवरी 2016 को दिल्ली पुलिस से सेवानिवृत हुए.

•    उन्होंने  पांडिचेरी में सहायक पुलिस अधीक्षक पद से पुलिस करियर की शुरुआत की.

संवैधानिक प्रावधान

•    यूपीएससी के सदस्यों का कार्यकाल एवं नियुक्ति भारत के संविधान के अनुच्छेद 316 के तहत परिभाषित है.

•    संविधान के तहत यूपीएससी का सदस्य अधिकतम छह वर्ष अथवा 65 वर्ष की आयु तक पद पर रह सकता है.

दीपक गुप्ता यूपीएससी के चेयरमैन हैं. अन्य सदस्यों में अलका सिरोही, डेविड आर सेमली, मनबीर सिंह, पूर्व नौसेना उपाध्यक्ष डी के देवान, विनय मित्तल, छतर सिंह, प्रोफेसर हेम चन्द्र, अरविन्द सक्सेना एवं प्रोफेसर कुमार जोशी शामिल हैं.

 

=> अशोक लवासा वित्त सचिव नियुक्त किए गए

 

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक लवासा को 31 मई 2016 को वित्त सचिव नामित किया गया. वर्तमान में वह समय व्यय सचिव के रूप में कार्यरत हैं वे 1980 बैच के हरियाणा कैडर के आईएएस अधिकारी हैं.

  • रतन वाटल की सेवानिवृत्ति के बाद यह पद अप्रैल 2016 से खली पड़ा था.
  • सेवानिवृत्ति के बाद रतन वाटल को नीति आयोग में सिद्धांत सलाहकार, सामाजिक क्षेत्र, नियुक्त किया गया.
  • कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने लवासा को वित्त सचिव नामित करने को मंजूरी दी.
  • लवासा के ही बैच के शक्तिकांत दास इस समय आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव है.
  • हसमुख अधिया राजस्व सचिव, अंजलि छिब दुग्गल वित्तीय सेवा विभाग में सचिव, नीरज कुमार गुप्ता निवेश एवं लोक आस्ति प्रबंधन विभाग में सचिव हैं.

=> विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया गया

 

जूनविश्व दुग्ध दिवस

विश्व भर में 1 जून 2016 को विश्व दुग्ध दिवस मनाया गया. इसका उद्देश्य विश्व भर में दूध की उपयोगिता एवं इसके लाभ से सम्बंधित तथ्यों को जनता तक पहुंचाना है.

इस दिवस के अंतर्गत लोगों को दुग्ध उत्पादों से परिचित कराया जाता है तथा इसके पौष्टिक लाभों से लोगों को जागरुक किया जाता है.

यह दिवस संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा वर्ष 2001 से मनाया जाना आरंभ हुआ. एफएओ ने लोगों को दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों को दैनिक आहार के रूप में अपनाये जाने के लिए प्रोत्साहित किया है.

भारत में यह दिवस डॉ वर्गीज़ कुरियन के स्मरण में मनाया जाता है. पहला राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 14 नवम्बर 2014 को मनाया गया.

जून 1 क्यों?

यह तिथि इसलिए चुनी गयी क्योकि विश्व के अन्य विभिन्न देशों में दुग्ध दिवस इसी दिन मनाया जा रहा है. पहले मई के अंत में प्रस्ताव रखा गया था लेकिन चीन में मई के अंत में विभिन्न उत्सव होने के कारण यह तिथि निर्धारित की गयी.

 

=> भारत और मोरक्को ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पेशेवरों के प्रशिक्षण हेतु सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किये

 

भारत और मोरक्‍को ने 31 मई 2016 को सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान और पेशेवर लोगों के प्रशिक्षण के क्षेत्रों में सहमति पत्रों पर हस्‍ताक्षर किये.

उपराष्‍ट्रपति मोहम्‍मद हामिद अंसारी और मोरक्‍को के प्रधानमंत्री अबदेलिल्‍ला बेनकिराने की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्‍तर की बातचीत के दौरान इन सहमति पत्रों पर हस्‍ताक्षर किए गए

तीन अन्‍य सहमति पत्रों को भी अंतिम रूप दिया गया.

मोरक्‍को में भारत के राजदूत दिनेश पटनायक के अनुसार दोनों नेताओं ने सहयोग के नये क्षेत्रों का पता लगाने के बारे में बातचीत की.

मोरक्‍को में बैंकिंग और वितरण नेटवर्क काफी मजबूत है और भारतीय कम्‍पनियां अफ्रीकी देशों में व्‍यापार के लिए मोरक्‍को की कम्‍पनियों के साथ मिलकर काम कर सकती हैं.

 

=> उपराष्ट्रपति ने भारत-मोरक्को वाणिज्य और उद्योग चैंबर का उद्घाटन किया

 

उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी और मोरक्को के प्रधानमंत्री अब्देलिल्लाह बिनकिरान ने 31 मई 2016 को रब्बात में भारत-मोरक्को वाणिज्य और उद्योग मंडल का उद्घाटन किया. व्यापार और निवेश में आपसी संबंध मज़बूत करने हेतु यह एक नयी पहल है.

इसके अलावा दोनों देशों के बीच जल संसाधन, टेलीविजन प्रसारण, संस्थागत सहयोग सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान के क्षेत्र में पांच समझौते हुए हैं.
इसे भारत-मोरक्को चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज (आईएमसीसीआई) नाम दिया गया है.

  • यह भारत और मोरक्को दोनों देशों के बीच आर्थिक विकास की गति में तेजी से सहायक बनेगा.
  • आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार दोनों देशों के बीच 2015 में 1.26 अरब डालर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ और पूरे व्यापार में भारतीय निर्यात का योगदान 25 प्रतिशत रहा.
  • भारतीय कंपनियों के लिए मोरक्को पसंदीदा गंतव्य है.
  • भारतीय कंपनियों ने एक प्रमुख परियोजना, इंडो-मैरोक फॉस्फोर एसए संयुक्त उद्यम में 32 करोड़ डालर से अधिक का निवेश किया है.
  • भारत आगे भी मोरक्को में व्यापार के क्षेत्र में वैश्विक परिचालन का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
  • उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी मोरक्को की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं.
    • उत्तरी अफ्रीका के दो देशों की यात्रा के अंतिम चरण में कल उपराष्ट्रपति ट्यूनीशिया पहुंचेंगे.

 

 

=> बॉलीवुड हास्य अभिनेता रज्जाक खान का निधन

 

बॉलीवुड के हास्य अभिनेता रज्जाक खान का 1 जून 2016 को मुंबई के बांद्रा स्थित होली फैमिली अस्पताल में हृदयघात के कारण निधन हो गया.

बॉलीवुड में उन्हें गोल्डन भाई के नाम से भी जाना जाता था. फिल्मी पर्दे पर रज्जाक की पहचान हास्य कलाकार के रूप में होती थी. फिल्मों में रज्जाक अपने अजीब नामों के लिए भी जाने जाते थे.

 

रज्जाक खान

•    रज्जाक खान ने वर्ष 1993 में फिल्म 'रूप की रानी चोरों का राजा' से बॉलीवुड में कदम रखा. इस फिल्म में श्रीदेवी और अनिल कपूर मुख्य भूमिका में थे.

•    वर्ष 1999  में आई फिल्म 'बादशाह'  से वह अपने किरदार मानिकचंद के कारण काफी प्रसिद्ध हुए.

•    उन्हें उनके किरदारों के नाम के कारण भी जाना जाता था. सलमान खान की फिल्म ‘हैलो ब्रदर’ में वे निंजा चाचा तथा गोविंदा स्टारर ‘अखियों से गोली मारे’ में वे टक्कर पहलवान के किरदार में थे.

•    रज्जाक खान ने मोहरा, राजा हिन्दुस्तानी, फिर हेरा-फेरी जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में कॉमिडी का जादू बिखरा.

•    उन्होंने अपने फ़िल्मी करियर के दौरान 90 से अधिक फिल्मों में काम किया.

 

 

=> केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय डाक भुगतान बैंक की स्थापना हेतु स्वीकृति प्रदान की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत सरकार की 100 प्रतिशत इक्विटी के साथ 1 जून 2016 को डाक विभाग के अंतर्गत एक सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी के रूप में भारतीय डाक भुगतान बैंक (आईपीपीबी) की स्थापना को अपनी स्वीकृति प्रदान की.

 

भारतीय डाक भुगतान बैंक

•    परियोजना को चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में लागू किया जाएगा.

•    आईपीपीबी मार्च 2017 तक भारतीय रिजर्व बैंक से बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त करेगा एवं सितंबर 2017 तक इसकी सेवाएं 670 भुगतान बैंक शाखाओं के माध्यम से देशभर में उपलब्ध होंगी.

•    यह शाखाएं मोबाइल, एटीएम, पीओएस/एम-पीओएस उपकरणों एवं साधारण डिजिटल भुगतानों सहित अत्याधुनिक तकनीकों के साथ डाक घरों और वैकल्पिक चैनलों से संबद्ध रहेंगी.

•    इस परियोजना का कुल व्यय 800 करोड़ रुपये है.

•    देश में औपचारिक बैंकिंग की परिधि से बाहर जनसंख्या के करीब 40 प्रतिशत नागरिक इस परियोजना से लाभान्वित होंगे.

पृष्ठभूमि

वर्ष 2015-16 के दौरान वित्तीय समावेशन के रूप में आईपीपीबी की स्थापना भी बजटीय घोषणाओं का एक अंग था. डाक विभाग ने भारतीय डाक भुगतान बैंक की स्थापना के लिए सितंबर 2015 में भारतीय रिजर्व बैंक की ‘सैद्धांतिक रूप में स्वीकृति’ प्राप्त कर ली थी. भारतीय डाक भुगतान बैंक से देश-भर में उपभोक्ताओं के लिए आसान, कम कीमतों, गुणवत्ता युक्त‍ वित्तीय सेवाओं की आसानी से पहुंच के लिए विभाग के नेटवर्क और संसाधनों का लाभ मिलेगा.

 

 

=> श्रीलंका के तेज गेंदबाज नुवान कुलशेखरा ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया

 

श्रीलंका के अनुभवी तेज गेंदबाज नुवान कुलशेखरा ने 1 जून 2016 को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की. वे सीमित ओवरों के क्रिकेट में खेलते रहेंगे.

33 वर्षीय कुलशेखरा ने श्रीलंका के लिए 21 टेस्ट मैच खेले हैं. उन्होंने अपना आख़िरी टेस्ट मैच दो वर्ष पहले 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेला था. टेस्ट टीम में लगातार अपनी जगह नहीं बना पा रहे कुलशेखरा ने आखिरकार टेस्ट से संन्यास की घोषणा की.

 

नुवान कुलशेखरा

•    कुलशेखरा ने टेस्ट क्रिकेट में वर्ष 2005  में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ नेपियर में पदार्पण किया था.

•    उस मैच में उन्होंने दो पारियों में कुल 36 ओवर किए थे जिसमें 89 रन देकर एक विकेट लेने में कामयाब रहे.

•    अपने आख़िरी मैच में इंग्लैंड के खिलाफ भी उन्होंने 2 विकेट लिए.

•    कुल 21 टेस्ट मैचों में स्विंग गेंदबाज़ कुलशेखरा ने 48 विकेट लिए.

•    उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2009  में कोलंबो में पाकिस्तान के खिलाफ रहा, जब उन्होंने 58 रन देकर आठ विकेट लिए.

•    वे अब तक 173 एकदिवसीय मैच भी चुके हैं और मार्च 2009 में आईसीसी गेंदबाजों की रैंकिंग में शीर्ष पर थे.

 

 

=> जिम्बाब्वे के कोच और कप्तान बर्खास्त किए गए

 

जिम्बाब्वे ने भारत के खिलाफ 11 जून से शुरू होने वाली सीमित ओवरों की सीरीज से पहले मंगलवार को कोच डेव वाटमोर और कप्तान हैमिल्टन मसाकाड्जा को बर्खास्त कर दिया.

जिम्बाब्वे क्रिकेट अधिकारियों ने 01 जून 2016 को दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज मखाया एनटीनी को अंतरिम कोच और ग्रीम क्रीमर को कप्तान नियुक्त किया.

क्यों किया बर्खास्त

  • जिम्बाब्वे क्रिकेट अधिकारियों के अनुसार टीम के आईसीसी वर्ल्ड टी-20 में खराब प्रदर्शन को ध्यान में रखकर ये बदलाव किए गए.
  • जिम्बाब्वे भारत में हुई इस चैम्पियनशिप के शुरुआती चरण में ही बाहर हो गया था.
  • गेंदबाजी कोच एनटीनी ऑस्ट्रेलियाई वाटमोर की जगह अंतरिम कोच के रूप में कार्यभार संभालेंगे.
  • वाटमोर को पिछले साल ही चार साल के अनुबंध पर रखा गया था.
  • जिम्बाब्वे क्रिकेट अधिकारियों के अनुसार, 'मुख्य कोच डेव वाटमोर का अनुबंध तुरंत प्रभाव से खत्म कर दिया गया है.
  • गेंदबाजी कोच मखाया एनटीनी नए मुख्य कोच की नियुक्ति तक कार्यवाहक के रूप में यह पद संभालेंगे.
  • बोर्ड ने जिम्बाब्वे के टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज हैमिल्टन मसाकाड्जा को भी खेल के तीनों फॉरमैट में कप्तानी से मुक्त कर दिया है.
  • ·  उनके साथ उप-कप्तान रहे ग्रीम क्रेमर अंतरिम कप्तान की भूमिका निभाएंगे.
  • ·  जिम्बाब्वे ने दक्षिण अफ्रीका के पूर्व ऑलराउंडर लांस क्लूसनर को दो साल के लिए बल्लेबाजी कोच के रूप में नियुक्त किया है.
    • ·  भारत के खिलाफ जिम्बाब्वे तीन वनडे इंटरनेशनल और इतने ही टी-20 मैचों की सीरीज खेलेगा.

 

 

=> उत्तर प्रदेश सरकार ने वाराणसी मेट्रो रेल परियोजना रिपोर्ट को मंजूरी दी

 

उत्तर प्रदेश (यूपी) सरकार ने 31 मई 2016 को वाराणसी में मेट्रो रेल परियोजना की (डीपीआर) विस्तृत रिपोर्ट को मंजूरी प्रदान की. अब मंजूरी के लिए डीपीआर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.

कानपुर, वाराणसी, मेरठ और आगरा में मेट्रो परियोजना हेतु डीपीआर तैयार करने के लिए समन्वय की जिम्मेदारी राज्य सरकार द्वारा लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एलएमआरसी) (LMRC) को सौंपा गया.

विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के मुख्य बिंदु-

• डीपीआर के अनुसार, 29.23 किमी लम्बी मेट्रो परियोजना में दो गलियारों होंगे.
• पहला भेल से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (19.35 किमी) और दूसरा बेनिया बाग से सारनाथ (9.885 किमी) होगा.
• बेनियाबाग दोनों कॉरिडोर्स के लिए इंटरचेंज स्टेशन होगा.
• इस 29.23 किमी मार्ग पर दो गलियारों में कुल 26 स्टेशन प्रस्तावित हैं. जिसमे से 20 भूमिगत और छह भूतल से ऊंचाई पर बनाए जाएंगे.   
• 23.467 किमी लंबाई में से 5.768 किमी भूमिगत मार्ग होगा और बाकी हिस्सा भूतल से ऊंचाई पर निर्माण किया जाएगा.
• परियोजना की अनुमानित लागत 13133 करोड़ रुपये है.
• दिसंबर, 2016 से परियोजना पर काम आरम्भ करने का समय नियत किया गया है.

पृष्ठभूमि-

वाराणसी में मेट्रो परियोजना की डीपीआर राइट्स लिमिटेड के साथ (एलएमआरसी) (LMRC) के समन्वय में फरवरी 2016 में ही अंतिम रूप दिया गया.
राज्य आवास और शहरी नियोजन विभाग ने वाराणसी में रेल आधारित जन परिवहन प्रणाली हेतु डीपीआर तैयार करने के लिए राइट्स को नामित किया.  वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) को नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया था.
और (एलएमआरसी) (LMRC) डीपीआर तैयार करने के लिए समन्वय एजेंसी के रूप में नामित की गयी. 
इस संबंध में 6 मई 2015 को वीडीए और राइट्स के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. इस समझौता ड्राफ्ट की अंतिम रिपोर्ट 6 जनवरी 2016 को सम्बंधित मंत्रालय में प्रस्तुत की गयी.

कैसा है डीपीआर

डीपीआर में वाराणसी मेट्रो के निर्माण हेतु 13,133 करोड़ रुपए का अनुमानित बजट है. इसके पहले यूपी सरकार 2016-17 बजट में वाराणसी और कानपुर में मेट्रो रेल निर्माण कार्य हेतु 50-50 करोड़ रुपए का प्रावधान कर चुकी है.

=> डॉ के पी माथुर द्वारा लिखित  अनसीन इंदिरा गांधी का लोकार्पण

 अनसीन इंदिरा गांधीडॉ के पी माथुर

डॉ के पी माथुर द्वारा लिखित पुस्तक द अनसीन इंदिरा गांधी का मई 2016 को लोकार्पण किया गया. डॉ माथुर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निजी चिकित्सक थे. वे इस पद पर लगभग 20 वर्ष तक, 1984 में उनके देहावसान तक, उनकी सेवा में रहे.

यह पुस्तक कोणार्क प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की गयी.

इस पुस्तक द्वारा इंदिरा गांधी के निजी एवं राजनैतिक जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं को उजागर किया गया है. 

इस पुस्तक की प्रस्तावना उनकी पोती प्रियंका गांधी द्वारा लिखी गयी है.

151 पृष्ठों की पुस्तक में बताया गया है कि इंदिरा गांधी 1966 में सत्ता में आने पर काफी चिंतित थीं.

इसमें उनके जीवन के विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है: 1971 बांग्लादेश युद्ध, पोखरण परमाणु परीक्षण 1974, आपातकाल की घोषणा, संजय गांधी की मृत्यु एवं मेनका गांधी द्वारा परिवार से पृथक होने के कारण.

पुस्तक में डॉ माथुर ने बताया है कि इंदिरा गांधी का अपनी बड़ी बहू सोनिया गांधी से काफी लगाव था. संजय गांधी की मृत्यु के पश्चात् वे मेनका से भी लगाव रखने लगीं, वे चाहती थीं कि मेनका राजनीति में उनका साथ दें.

पुस्तक में लेखक द्वारा जुटाई गयी जानकारी को पृष्ठों पर उदृत किया गया है.

पुस्तक में इंदिरा गांधी के इंग्लैंड की पूर्व प्रधानमंत्री मारग्रेट थैचर से संबंधों पर भी प्रकाश डाला गया है.

 

=> चाबहार पोर्ट समझौताभारत-ईरान दोस्ती का नया अध्याय

मई 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ईरान यात्रा के दौरान तेहरान में ‘चाबहार पोर्ट समझौता’ के तहत भारत और ईरान के बीच दोस्ती का नया अध्याय लिखा गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच चाबहार पोर्ट समझौते पर दस्तखत किए गए. यह समझौता प्रधानमंत्री मोदी के ईरान दौरे पर प्रमुख प्राथमिकता में शामिल था. इस समझौते के तहत चाबहार पोर्ट प्रोजेक्ट के पहले चरण में भारत 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधि‍क का निवेश करेगा तथा विभिन्न चरणों के तहत भारत इस प्रोजेक्ट पर कुल 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर निवेश करेगा.

ईरान के चाबहार बंदरगाह को विकसित करने के लिए भारत, अफगानिस्तान और ईरान के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौते में भी चाबहार पोर्ट समझौता बेहद अहम है. पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट (जिसे चीन विकसित कर रहा) की तुलना में चाबहार पोर्ट भारत के लिए अहम है. इस समझौते के तहत भारत ने सामरिक नजरिये से पाकिस्तान और चीन को करारा जवाब दिया है एवं अपने आप को एशिया की उभरती महाशक्ति के रूप में विश्व के सामने पेश किया है.

भारत और ईरान के बीच संपन्न चाबहार पोर्ट समझौते के तहत दक्षि‍ण पूर्व ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थि‍त चाबहार बंदरगाह के जरिए भारत अपने पड़ोसी पाकिस्तान को बाइपास करके अफगानिस्तान के लिए रास्ता बनाएगा. यहाँ यह जानना जरुरी है कि अफगानिस्तान की कोई भी सीमा समुद्र से नहीं‍ मिलती और भारत के साथ इस देश के सुरक्षा संबंध और आर्थिक हित जुड़े हुए हैं.

इसके साथ ही फारस की खाड़ी के बाहर बसे चाबहार बंदरगाह तक भारत के पश्चिमी समुद्री तट से पहुंचना आसान है. इस बंदरगाह के जरिये भारतीय सामानों के ट्रांसपोर्ट का खर्च और समय एक तिहाई कम हो जाएगा. इसके साथ ही ईरान मध्य एशि‍या में और हिंद महासागर के उत्तरी हिस्से में बसे बाजारों तक आवागमन आसान बनाने के लिए चाबहार पोर्ट को एक ट्रांजिट हब के तौर पर विकसित करने की योजना बना रहा है.

विदित हो कि अरब सागर में पाकिस्तान ने ग्वादर पोर्ट के विकास के जरिए चीन को भारत के खिलाफ बड़ा सामरिक ठिकाना मुहैया कराया है, लिहाजा चाबहार पोर्ट को विकसित करते ही भारत को अफगानिस्तान और ईरान के लिए समुद्री रास्ते से व्यापार-कारोबार बढ़ाने का मौका मिलेगा, और सामरिक नजरिये से भी पाकिस्तान और चीन को करारा जवाब मिल सकेगा क्योंकि चाबहार से ग्वादर की दूरी महज 60 मील है.

उपरोक्त तथ्यों के साथ ही साथ हम जानते हैं कि भारत उन मुल्कों में एक है जिनके ईरान से अच्छे व्यापारिक रिश्ते रहे हैं. चीन के बाद भारत ईरान के तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है. चाबहार से ईरान के मौजूदा रोड नेटवर्क को अफगानिस्तान में जरांज तक जोड़ा जा सकता है जो बंदरगाह से 883 किलोमीटर दूर है. 2009 में भारत द्वारा बनाए गए जरांज-डेलारम रोड के जरिये अफगानिस्तान के गारलैंड हाइवे तक आवागमन आसान हो जाएगा. इस हाइवे से अफगानिस्तान के चार बड़े शहरों- हेरात, कंधार, काबुल और मजार-ए-शरीफ तक सड़क के जरिये पहुंचना आसान होता है.

इस बंदरगाह के विकास के लिए हालांकि 2003 में ही भारत और ईरान के बीच समझौता हुआ था. मोदी सरकार ने फरवरी 2016 में चाबहार पोर्ट प्रोजेक्ट के लिए 150 मिलियन डॉलर के क्रेडिट लाइन को हरी झंडी दी थी. दुनिया में खपत होने वाले तेल का करीब पांचवां हिस्सा रोजाना इस जलडमरूमध्य से होकर गुजरता है जो ओमान की खाड़ी और हिंद महासागर को फारस की खाड़ी से अलग करता है.

उधर परमाणु कार्यक्रमों के चलते ईरान पर पश्चिमी देशों की ओर से पाबंदी लगा दिए जाने के बाद इस प्रोजेक्ट का काम धीमा हो गया. जनवरी 2016 में ये पाबंदियां हटाए जाने के बाद भारत ने इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम करना शुरू कर दिया.

 

=> पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने हेतु भारत और कतर के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी

 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 01 जून 2016 को पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने के लिए भारत और कतर के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने हेतु मंजूरी प्रदान की है. बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की.

समझौता ज्ञापन के मुख्य उद्देश्य हैं:-

* आपसी लाभ के लिए पर्यटन के क्षेत्र में दीर्घकालीन सहयोग हेतु अनुकूल परिस्थितियों का सृजन करना.
* पर्यटन से संबंधित विशेषज्ञों, प्रकाशनों, सूचनाओं/डेटा और सांख्यिकी का आदान-प्रदान करना
* कार्यक्रमों, प्रचार और विज्ञापन सामग्रियों, प्रकाशनों, फिल्मों और मीडिया के माध्यम से अपने पर्यटन उत्पादों का संवर्धन और विपणन करना
* दोनों देशों के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए टूर ऑपरेटरों/मीडिया और राय निर्माताओं का आदान-प्रदान
* दोनों देशों में पर्यटन क्षेत्र, टूर ऑपरेटरों, ट्रैवल एजेंटों और अन्य पर्यटन निजी क्षेत्र की कंपनियों और ब्यूरो के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना.
* पर्यटन के क्षेत्र में निवेश करने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों को प्रोत्साहित करना.* कतर, भारत की दृष्टि से एक उभरता हुआ पर्यटन स्रोत है. 
* आकड़ों के अनुसार वर्ष 2015 में कतर से लगभग 6313 पर्यटक भारत आए. कतर, भारत के लिए चिकित्सा, पर्यटन के मामले में एक संभावित बाजार है.  और इस क्षेत्र में भारत के लिए व्यापक अवसर उपलब्ध कराता है.
* कतर के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने से इस उभरते हुए बाजार से आगमन बढ़ाने में मदद मिलेगी.

 

=> केंद्र सरकार ने मानव तस्करी से निपटने हेतु नया विधेयक-2016 जारी किया

 

केंद्र सरकार ने 30 मई 2016 को मानव तस्‍करी, रोकथाम, संरक्षण और पुनर्वास मसौदा विधेयक-2016 जारी कर दिया. महिला और बाल विकास मंत्रालय के अनुसार विधेयक में पीडि़तों का विशेष रूप से ध्‍यान रखा गया है. नई दिल्‍ली में विधेयक का मसौदा जारी किया गया. साल के अंत में मानव तस्करी (रोकथाम, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक-2016 को संसद में रखा जाना है.

विधेयक का उद्देश्-

  • नए विधेयक का उद्देश्‍य संबंधित कानूनों को समाहित करके मानव तस्‍करी की रोकथाम करना और तस्‍करों को कठोर सजा दिलाना.
  • पीडि़तों को संरक्षण और पुनर्वास सुनिश्चित कराना है.
  • मानव तस्‍करी के खिलाफ व्‍यापक कानून बनाए जाने के अति‍रिक्‍त, विधेयक में विशेष न्‍यायालय और जांच एजेंसी की स्‍थापना का भी प्रावधान है.
  • नए विधेयक में मानव तस्‍करी से संबंधित वर्तमान कानून की कमियों को भी दूर करने का प्रयास किया गया है.
  • विधेयक में तस्‍करी पीडि़तों के पुनर्वास के लिए कोष बनाने का भी सुझाव दिया गया है.

वर्तमान विधेयक की खामियां-

  • कई बार तस्करों और पीड़ितों दोनों को जल भेज दिया जाता है.
  • मानव तस्करी से निपटने के लिए मौजूदा कानून पर्याप्त नहीं हैं.
  • सालाना लाखों लोगों की तस्करी हो रही है जिनमें से अधिकतर बच्चे हैं.
  • नया कानून खासतौर पर मानव तस्करी से निपटने हेतु तैयार किया गया है.

विधेयक के मुख्य बिंदु-

  • नए विधेयक में मानव तस्करी के अपराधियों की सजा को दोगुना करने का प्रावधान है.
  • अपराधियों को एक ही अपराध दोहराने पर कड़ी सज़ा दिलाना
  • ऐसे मामलों की तेज सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन का भी प्रावधान है.
  • ऐसे मामलों को पड़ोसी देशों के साथ संयुक्त कार्य समूहों द्वारा निपटाना और इसके लिए निवारक उपाय शुरू करना शामिल है.
  • मसौदा विधेयक कानून के दायरे में बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार की सरकारों के साथ काम करने, तस्करी पर अंकुश लगाने और इन खामियों को उजागर करना है.
  • कानून के मुताबिक पीड़ितों की पहचान को सार्वजनिक नहीं किया जा सकेगा.

क्या कहते है आंकड़े-

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2014 में 5,466 मानव तस्करी के मामले सामने आए हैं,वर्ष 2009 में मानव तस्करी के मामलों में 90 प्रतिशत से भी अधिक की बढ़ोत्तरी देखी गई। अमेरिका विभाग का अनुमान है कि वर्ष 2013 में 65 लाख लोग भारत में बेगार होने के कारण तस्करी कर रहे थे.