11-12 Dec 2014 Hindi

इस्माइलओल्दचेखअहमदयूएनमिशनफॉरइबोलाइमरजेंसीरिस्पान्सकेप्रमुखनियुक्त

12-DEC-2014

  • मॉरिटानिया के इस्माइल ओल्द चेख अहमद को यूएन मिशन फॉर इबोला इमरजेंसी रिस्पान्स (यूएनएमईईआर) का नया प्रमुख 11 दिसंबर 2014 को नियुक्त किया. इस्माइल ओल्द चेख अहमद की नियुक्ति को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासचिव बान की-मून ने मंजूरी प्रदान की. अहमद जनवरी में अमेरिका के एंथनी बैनबरी की जगह लेंगे.
  • इस्माइलओल्दचेखअहमद
  • अहमद लीबिया में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के उप विशेष प्रतिनिधि और लीबिया में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNSMIL) के उप प्रमुख हैं.
  • उन्होंने सीरिया (2008-2012) और यमन (2012- 2014) में संयुक्त राष्ट्र निवासी समन्वयक, मानवीय समन्वयक और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) निवासी प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया.
  • अहमद ने संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के साथ कई पदों पर भी कार्य किया.
  • पृष्ठभूमि
  • यूएन मिशन फॉर इबोला इमरजेंसी रिस्पान्स (यूएनएमईईआर) को इबोला वायरस के प्रकोप से निपटने के प्रयासों में समन्वय के लिए सितंबर 2015 में स्थापित किया गया था. इस वर्ष तीन पश्चिम अफ्रीकी देशों-सियरा लियोन, लाइबेरिया एवं गिनी में जानलेवा इबोला वायरस 6533 लोगों की जानें ले चुका है. वहीं, 18118 लोगों इसकी चपेट में हैं.

अनुराग जैन प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में संयुक्त सचिव नियुक्त

12-DEC-2014

  • वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अनुराग जैन को भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में संयुक्त सचिव के रूप में 10 दिसंबर 2014 को नियुक्त किया गया. जैन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति की शेष अवधि 28 तक जून 2016 तक पीएमओ में सेवा देंगे. वर्तमान में वह वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा विभाग के संयुक्त सचिव हैं. जैन 1 जनवरी को कार्यभार ग्रहण करेंगे.
  • अनुराग जैन के बारे में
    •    अनुराग जैन मध्य प्रदेश कैडर के वर्ष 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं.
    •    अनुराग जैन को अक्टूबर 2011 में राष्ट्रीय आवास बैंक में निदेशक नियुक्त किया गया.
    •    वह मई 2013 से जुलाई 2013 के लिए आईएफसीआई लिमिटेड के अंतरिम प्रबंध निदेशक और अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाए गए. 
    •    अनुराग जैन ने दिसंबर 2013 से फ़रवरी 2014 के बीच भारत के निर्यात-आयात बैंक के कार्यवाहक अध्यक्ष और कार्यवाहक प्रबंध निदेशक के पद पर कार्य किया.

विश्व मानवाधिकार दिवस विश्वभर में 10 दिसंबर को मनाया गया

12-DEC-2014

  • विश्व मानवाधिकार दिवस 10 दिसंबर 2014 को विश्वभर में मनाया गया. वर्ष 2014 के मानवाधिकार दिवस का विषय ‘ह्यूमन राइट्स 365’ था.  विश्व मानवाधिकार दिवस को मनाये जाने का उद्देश्य मानवाधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक बनाना है. यह विषय इस विचार पर आधारित था कि हर दिन मानवाधिकार दिवस है और हर व्यक्ति बुनियादी मानवाधिकार दिवस का हकदार है.
  • वर्ष 1948 में 10 दिसंबर के दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानवाधिकार घोषणा पत्र जारी किया था. तभी से प्रतिवर्ष 10 दिसंबर को विश्व मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है. मानवाधिकार घोषणा पत्र के अनुसार विश्व में न्याय, शांति और स्वतंत्रता की बुनियाद के रूप में समाज के सभी वर्गों को सम्मान और बराबरी का अधिकार दिए जाने की बात कही गई.
  • मानवाधिकार दिवस पर उच्च स्तरीय राजनीतिक सम्मेलनों और बैठकों और मानव अधिकारों के मुद्दों से निपटने हेतु सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रदर्शनियों आयोजन किया गया.

केद्रीय गृह मंत्रालय ने आत्महत्या करने के प्रयास से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 309 को हटाया

12-DEC-2014

  • केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 10 दिसंबर 2014 को आत्महत्या करने के प्रयास से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 309 (आईपीसी) को हटा दिया. मंत्रालय ने 20वीं विधि आयोग की सिफारिश के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 309 हटाने का फैसला किया.
  • नतीजतन, आत्महत्या करने के प्रयास को अब भारतीय दंड संहिता की धारा 309 के अंतर्गत आपराधिक कृत्य की श्रेणी में नही रखा जाएगा और उपरोक्त संदर्भ में आरोपी व्यक्ति को पहले की तरह 1 वर्ष की जेल की सजा और जुर्माने की सजा नही दी जाएगी.
  • न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एपी शाह की अध्यक्षता वाले 20वें विधि आयोग ने अपनी 210वीं रिपोर्ट में कहा कि मानवीकरण और आत्महत्या करने के प्रयास को आपराधिक कृत्य की सूची से हटाने के लिए इसे (आईपीसी की धारा 309) को राज्य सूची से हटाना होगा.
  • कुल 18 राज्यों और चार संघ शासित प्रदेशों ने सरकार के फैसले का समर्थन किया. हालांकि, उपरोक्त प्रावधान को समाप्त करने से पहले बिहार, मध्य प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों ने सतर्कता बरतने की बात कही.
  • बिहार ने अपने सुझाव में कहा था कि सबूत का सफाया करने के इरादे से साइनाइड गोलियों को खाने वाले और अपने प्रयास में असफल होने वाले आत्मघाती हमलावर को इस नियम के संदर्भ में अपवाद की श्रेणी में रखा जाना चाहिए.

होम वीडियो गेम के प्रवर्तक राल्फ हेनरी बेयर का निधन

12-DEC-2014

  • होम वीडियो गेम के प्रवर्तक राल्फ हेनरी बेयर का 6 दिसंबर 2014 को निधन हो गया. वे 92 वर्ष के थे. वीडियो गेम उद्योग में अपने योगदान के कारण वे वीडियो गेम के जनक के नाम से जाने जाते थे.
  • राल्फ हेनरी बेयर 
    •    बेयर का जन्म वर्ष 1922 में दक्षिण–पश्चिम जर्मनी के एक यहूदी परिवार में हुआ. वर्ष 1938 में बेयर और उनका परिवार हॉलकास्ट से बचने के लिए देश छोड़कर चले गए. 
    •    वर्ष 1960 के दशक के अंत में, बेयर ने न्यू हैम्पशायर के रक्षा ठेकेदार सैंडर्स एसोसिएट्स के लिए काम करते समय ब्राउन बॉक्स नाम का सिस्टम इजाद किया था. बाद में उस ब्राउन बॉक्स को मैग्नावोक्स ओडिसी का नाम दिया गया. 
    •    बेयर के ब्राउन बॉक्स का एक संस्करण वाशिंग्टन डी.सी में स्मिससोनियन के अमेरिकी इतिहास संग्रहालय में रखा हुआ है. 
    •    वर्ष 1967 में उन्होंने एक गेम चैस का डिजाइन तैयार किया, पहला गेम जिसे टेलिविजन सेट पर खेला गया. 
    •    बेयर को वीडियो गेम कंसोल के लिए पहली बार लाइट गन बनाने का श्रेय दिया जाता है. वे लाइट–अप मेमोरी गेम्स सिमन और सुपर सिमन के सह–निर्माता हैं. 
    •    वर्ष 2006 राष्ट्रपति जॉर्ड डब्लयू बुश से बेयर ने नेशनल मेडल ऑफ टेक्नोलॉजी प्राप्त किया और वर्ष 2008 में उन्होंने गेम डेवलपर्स च्वाइस पायनीयर अवार्ड प्राप्त किया. 
    •    वर्ष 2010 में, राल्फ हेनरी बेयर युनाइटेड स्टेट्स नेशनल इन्वेंटर्स हॉल ऑफ फेम में शामिल किए गए. 
    •    वर्ष 2005 में उन्होंने वीडियोगेम की सभी मूल इकाईयां और दस्तावेज स्मिथसोनियन संस्थान को दान कर दी.

मंथन पुरस्कार दक्षिण एशिया और एशिया प्रशांत के 26 सामाजिक उद्यमियों को प्रदान किए गए

12-DEC-2014

  • मंथन पुरस्कार दक्षिण एशिया 2014  दक्षिण एशिया और एशिया प्रशांत क्षेत्र के 26 उद्यमियों को डिजिटल तकनीकों का प्रयोग कर लोगों के जीवन में सुधार लाने के उनके प्रयास को मान्यता देने के लिए 5 दिसंबर 2014 को प्रदान किए गए. यह पुरस्कार डिजिटल एम्वारमेंट फाउंडेशन (डीईएफ) द्वारा 13 श्रेणियों जिसमें स्वास्थ्य, कृषि, वित्तीय समावेशन, सामुदायिक प्रसारण, पत्रकारिता, प्रशासन और संस्कृति एवं पर्यटन भी शामिल है, में दिए गए.
  • मंथनपुरस्कारदक्षिणएशिया 2014 केविजेताओंकीसूची
  • श्रेणी

    विजेता

    ई– कृषि और पारिस्थितिकी

    एमपीएसएससीएः बीज प्रमाणपत्र एमआईएस – भारत

    ई– व्यापार एवं वित्तीय समावेश

    • वित्तीय समावेशन के विस्तार के लिए साइकोमेट्रिक्स क्रेडिड स्कोरिंग का प्रयोग– भारत
    • bKash लिमिटेड– भारत

    ई– संस्कृति, विरासत पर्यटन

    • लुप्तप्राय पुरालेख 341
    • ई– पोथीः ओडीशा राज्य संग्रहालय की पांडुलिपियों का ऑनलाइन कैटलॉग तैयार करना.

    ई– सामुदायिक प्रसारण

    • निलेश मिश्रा के साथ यादों का इडियट बॉक्स – भारत
    • ब्रह्म्पुत्रा सामुदायिक रेडियो स्टेशन 90.4 एफ एम– भारत

    ई– शिक्षा, लर्निंग एवं रोजगार

    • e-thaksalwa, आम शिक्षा के लिए राष्ट्रीय ई– लर्निंग पोर्टल– श्रीलंका
    • Buddy4study.com – छात्रवृत्ति पोर्टल– भारत
    • iChemist– परंपरागत सिमुलेटर –श्रीलंका

    ई– मनोरंजन एवं खेल

    shortz7– भारत

    ई– गवर्नेंस

    • राजीव गांधी जीवनदायी आरोग्य योजना, महाराष्ट्र सरकार– भारत– ईछात्रवृत्ति –भारत
    • जेलवार्ता– कैदियों की उनके रिश्तेदारों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस– भारत

    ई–स्वास्थ्य

    • मध्य एशिया स्वास्थ्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण (सीएएचएसएस) परियोजना– पाकिस्तान
    • राष्ट्रीय सघन चिकित्सा निगरानीः श्रीलंका का एक अभिनव सार्वजनिक स्वास्थ्य ई–हस्तक्षेप

    ई–समावेशन एवं अभिगम्यता

    • नई क्षमताओं का पुरस्कार– भारत
    • स्वारालोकाः श्रीलंका में नेत्रहीनों के लिए अनुकूल संगीत स्कोर ट्रेनर
    • कैमरे के साथ नेत्रहीन– भारत

    ई– स्थानीयकरण

    • कहानी परियोजना– भारत
    • FEUL परियोजना– भारत

    ई– समाचार एवं पत्रकारिता

    • नागरिक मुद्दे– भारत
    • मैग्जटर स्टे इंफॉर्म्ड– भारत
    • Environmentmove.com – बांग्लादेश

    ई– विज्ञान और तकनीक

    SIYARA हार्बर VTMS: श्रीलंका के बंदरगाह यातायात प्रबंधन में नए आयाम

    ई– महिला एवं सशक्तिकरण

    • कायाश्री ऑनलाइन 2.0– भारत
    • Maya.com.bd – बांग्लादेश
  • मंथन पुरस्कार दक्षिण एशिया 2014– अध्यक्ष पुरस्कार 
    • ई–विज्ञान एवं तकनीकः iHelmet 
    • ई– संस्कृति एवं पर्यटनः खजाना कार्यवाहक प्रशिक्षण, डिजिटल मठ परियोजना

केंद्र सरकार ने सेल से 5 प्रतिशत हिस्सेदारी वापस ली

12-DEC-2014

  • केंद्र सरकार ने 5 दिसंबर 2014 को स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) में से अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी वापस ले ली. सरकार ने सेल के 20.65 करोड़ शेयरों को सेबी के नियमों और नियमन के अनुसार स्टॉक एक्सचेंजों के जरिए ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के जरिए वापस ली. 83 रुपये प्रति शेयर के फ्लोर दर पर सेल के 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के बाद केंद्र सरकार ने करीब 1715 करोड़ रुपये जुटाए.
  • परिणामस्वरुप, सेल में सरकार की हिस्सेदारी 80 फीसदी से कम होकर 75 फीसदी रह गई और सार्वजनिक शेयरधारिता की लिस्टिंग पर सेबी के मानदंडों को पूरा किया. 
    सेबी के प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) के मुताबिक, राज्य–स्वामित्व वाली कंपनियों में न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी 25 फीसदी होनी चाहिए और सभी सूचीबद्ध पीएसयू मानदंडों को 21 अगस्त 2017 तक इसका पालन कर लेना है.
  • इसके अलावा, 10 फीसदी शेयर खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित रखा जाएगा जो विनिवेश में दो लाख रुपये तक के शेयर खरीद सकते हैं. जारी किए गए आकार (इश्यू साइज) का कम–से–कम 25 फीसदी म्युचुअल फंड्स और बीमा कंपनियों के लिए आरक्षित किया गया.
  • पृष्ठभूमि 
    सेल का विनिवेश वित्त वर्ष 2014–15 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत एडीए सरकार द्वारा किया गया पहला पीएसयू शेयर बिक्री मामला है. वित्त वर्ष 2013–14 में सरकार ने सेल के शेयरों की बिक्री से 1500 करोड़ रुपये जुटाए थे जबकि संपूर्ण विनिवेश प्रक्रिया 16000 करोड़ रुपये पर थी.
  • मई 2014 में सत्ता में आने के बाद एनडीए सरकार ने सितंबर 2014 में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) एवं नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (एनएचपीसी) के शेयरों की बिक्री से वित्त वर्ष 2014–15 में 43425 करोड़ रुपये जुटाने का फैसला किया.
  • एनडीए सरकार की विनिवेश योजना में ओएनजीसी के 5 फीसदी शेयर, सीआईएल के 10 फीसदी शेयर और एनएचपीसी के 11.36 फीसदी शेयर शामिल हैं. इसके अलावा, सेल में 5 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री पिछली यूपीए सरकार द्वार जुलाई 2012 में कल्पित सेल में 10.82 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री की दूसरी किश्त है. सेल में 5.82 फीसदी का पहला विनिवेश मार्च 2013 में किया गया था जब सरकार ने उससे 1500 करोड़ रुपये जुटाए थे.

पंजाब सरकार ने बिना अनुमति राज्य में स्वास्थ्य शिविर लगाने पर प्रतिबंध लगाया

12-DEC-2014

  • पंजाब सरकार ने 5 दिसंबर 2014 को जिला सिविल सर्जन से पूर्व अनुमति लिए बगैर स्वास्थ्य शिवरों को लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया. यह फैसला राज्य के गुरदासपुर जिले में एक शिविर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद एक दर्जन से अधिक लोगों के आंशिक रूप से दृष्टि खोने के बाद किया गया. यह निःशुल्क नेत्र जांच शिविर मथुरा, उत्तरप्रदेश के स्वयंसेवी संगठन द्वारा आयोजित किया गया.
  • सरकार ने यह भी अनिवार्य कर दिया कि स्वास्थ्य शिविर लगाने की अनुमति देने से पहले सिविल सर्जन को इस बात की पुष्टि कर लेनी चाहिए कि संगठन के पास पर्याप्त चिकित्सा संरचना और शल्य चिकित्सा करने के लिए विशेषज्ञ हैं. सिविल सर्जनों को यह भी कहा गया है कि ऐसे शिवरों में सर्जरी के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले उपकरण स्टर्लाइज हों, को भी वे सुनिश्चित करें और मरीजों के लिए प्री–ऑपरेटिव एवं पोस्ट–ऑपरेटिव मामलों की सुनवाई करें. जालंधर के नेत्र सर्जन जिसने स्वास्थ्य शिविर में ऑपरेशन किए थे और मथुरा के स्वयंसेवी संगठन के समन्वयक जिसने शिविर का आयोजन किया था, दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया.

असम सरकार ने लोकप्रिय गोपीनाथ बारडोलोई कंक्रीड सड़क निर्माण योजना का आरंभ किया

12-DEC-2014

  • असम सरकार ने नई सड़क निर्माण योजना लोकप्रिय गोपीनाथ बारडोलोई कंक्रीड सड़क निर्माण योजना का आरंभ किया. मुख्य मंत्री तरुण गोगोई ने योजना का शिलान्यास असम के कामरुप जिले के मिर्जा में किया.
  • इस परियोजना की कुल लागत करीब 195 करोड़ रुपये होगी और इसके जरिए राज्य में 254 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाएगा. परियोजना के पहले चरण में कंक्रीट के ब्लॉक पेवमेंट को इंटरलॉक कर सड़कों की स्थिति में सुधार किया जाएगा. यह योजना असम के सभी निर्वाचन क्षेत्रों के लिए होगा.

कैलाश सत्यार्थी और मलाला यूसुफजई को वर्ष 2014 का नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया

12-DEC-2014

  • भारत के बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को वर्ष 2014 का नोबेल शांति पुरस्कार संयुक्त रुप से 10 दिसंबर 2014 को प्रदान किया गया. नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में नोबेल शांति विजेताओं को नोबेल पदक और 1.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि प्रदान की गई.
  • नोबेल शांति पुरस्कार के संयुक्त विजेताओं को नार्वे नोबेल समिति द्वारा चैंपियंस ऑफ पीस के रूप में संबोधित किया गया. इसके अलावा, अमेरिकी सीनेट ने भी दोनों विजेताओं को शांति के प्रतीक हेतु प्रस्ताव पारित किया.
  • कैलाश सत्यार्थी और मलाला युसुफ़ज़ई को बच्चों और युवाओं के दमन के खिलाफ उनके संघर्ष के लिए और सभी बच्चों के शिक्षा के अधिकार के लिए सम्मानित किया गया.
  • कैलाश सत्यार्थी
    कैलाश सत्यार्थी एक भारतीय बाल अधिकार कार्यकर्ता है और 1990 के दशक के बाद से बाल श्रम के खिलाफ भारतीय आंदोलन में सक्रिय हैं. उनके संगठन ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ ने 80000 से अधिक बच्चों को मुक्त कराया है और उनके पुनर्वास और शिक्षा के क्षेत्र में मदद की. ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ चलाने वाले सत्यार्थी ने महात्मा गांधी की परंपरा को बरकरार रखा और ‘वित्तीय लाभ के लिए होने वाले बच्चों के गंभीर शोषण के खिलाफ विभिन्न प्रकार के शांतिपूर्ण प्रदर्शनों का नेतृत्व किया. कैलाश सत्यार्थी ने बाल अधिकारों के महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के विकास में योगदान दिया.
    मलाला यूसुफज़ई 
    पाकिस्तान की 17 वर्षीय बाल शिक्षा कार्यकर्ता मलाला युसुफ़ज़ई नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली सबसे कम उम्र की प्राप्तकर्ता हैं. मलाला यूसुफज़ई पाकिस्तान के स्कूल की छात्र और शिक्षा कार्यकर्ता हैं. मलाला को महिलाओं के शिक्षा के अधिकार लिए जाना जाता है. पाकिस्तान की मलाला युसूफजई उस समय चर्चा में आई जब तालिबान आतंकियों द्वारा अक्तूबर 2012 में मलाला को गोली मार दी गई. मलाला का जन्म पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले स्थित मिंगोरा गांव में हुआ. 13 वर्ष की उम्र से ही वह तहरीक ए तालिबान शासन के अत्याचारों से तंग आकर छद्म नाम से बीबीसी के लिए ब्लागिंग के द्वारा स्वात के लोगों की नायिका बन गयीं. ब्लॉग में वे तालिबान के कुकृत्यों के खिलाफ कविताएं व अपने अनुभव लिखती थीं. उल्लेखनीय है स्वात में 2009 से ही तालिबान का कब्जा है.

पश्चिमी घाट में बुश मेढक की नौ प्रजातियों का पता चला

12-DEC-2014

  • भारतीय विज्ञान संस्थान  (आईआईएससी Indian Institute of Science (IISc), Bangalore), बेंगलूर, भारत के वैज्ञानिकों ने पश्चिमी घाटों में बुश मेढक की नौ प्रजातियों की खोज की. बुश मेढकदक्षिण और दक्षिण पूर्वी एशिया में फैले छोटे मेढक की प्रजातियां हैं.
  • खोज के निष्कर्ष अंतरराष्ट्रीय जरनल जूटाक्सा में प्रकाशित हुए थे. इन प्रजातियों को खोजने वाली आईआईएससी की टीम का नेतृत्व एसपी विजयकुमार और कार्तिक शंकर ने किया.
  • बुश मेढक की ये सभी नौ प्रजातियां मेढक राओर्चेस्ट्स ( Raorchests) प्रजाति के हैं जो पश्चिमी घाटों में फैले हुए हैं. खोजे गए इन मेढकों में से कुछ अंगूठे के नाखून जितने छोटे हैं.
  • नौ मेढकों की सूची और उनके गुण
  • • राओर्चेस्ट्स फ्लैविक्यूलारिस (Raorchestes flaviocularis) : इस प्रजाति के मेढक की आंखों पर धातु के पीले धब्बे हैं.  यह एक चाय बगान में छोटे पेड़ों के पत्तों पर पाए गए थे.
  • • राओर्चेस्ट्स औरेअस (Raorchestes aureus) : यह अपने सुनहरी आंखों की वजह से जाना जाता है जो चित्तियों से घिरा है. यह प्रजाति वन के घास के मैदानों में 2010 में पाई गई थी.
  • • राओर्चेस्ट्स प्रीमार्रम्फी (Raorchestes primarrumpfi) : यह प्रजाति घास के मैदानों और उंचे स्थानों के दलदलों में रहती है. इसका नाम जर्मन शब्द प्रीमार्रम्फ पर रखा गया है.
  • • राओर्चेस्ट्स इचीनाटस (Raorchestes echinatus) : इसकी पीठ पर सींग के जैसी लकीरें होती हैं और इसकी आंखें सुनहरे धब्बेदार होने के साथ आंखों के निचले किनारे पर भूरा बैंड होता है. यह प्रजाति 2011 में घास ब्लेड पर पाई गई थी.
  • • राओर्चेस्ट्स इमरल्ड (Raorchestes emerald) : यह प्रजाति करीब 5 सेंटीमीटर लंबी है और यह ज्ञात राओर्चेस्ट्स ( Raorchests) प्रजातियों में सबसे बड़ी है. इस प्रजाति में मांसल बैंगनी कांख हैं और उसके पूरे शरीर पर पीले धब्बे हैं.
  • • राओर्चेस्ट्स ल्यूकोलैटस (Raorchestes leucolatus): यह प्रजाति गीले सदाबहार वनों की झाड़ियों और घासों में पाई जाती है. यह गहरे– भूरे– लाल रंग और सफेद छब्बे वाला होता है.
  • • राओर्चेस्ट्स आर्किओस (Raorchestes archeos) : यह हल्का भूरा, मध्यम आकार वाला बुश मेढक है. इसका आधा हाथ काला जबकि बाकी का आधा भूरा है. यह सबसे पहले 2010 में गीले सदाबहार बनों में देखा गया था.
  • • राओर्चेस्ट्स ब्लैंडस (Raorchestes blandus): यह अपने मधुर संभोर कॉल के कारण नामित किया गया है और इसमें ब्लैंड (लैटिन शब्द) का अर्थ है सुखद. सबसे पहले 2008 में देखा गया. इसकी त्वचा पर अनियमित भूरे रंग की ग्रंथि धब्बे होते हैं.
  • • राओर्चेस्ट्स इंडिगो (Raorchestes indigo): पैरों के भीतर की तरफ इंडिगो के धब्बों पर इसका यह नाम रखा गया है. यह कुदेरमुख (जो एक पर्वत शिखर है और यह घोड़े के मुंह जैसा दिखता है) के जंगलों में पाया गया था.
  • इस परियोजना को क्रिटिकल इकोसिस्टम पार्टनरशिप फंड (सीईपीएफ) और भारतीय वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर– भारत) से वित्त मुहैया कराया गया था. केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु के वन विभागों ने भी टीम को उनके अध्ययन में मदद की.
  • इससे पहले जून 2014 में वैज्ञानिकों ने दक्षिण भारत के पश्चिमी घाटों में नाचने वाले मेढकों की 14 नई प्रजातियों की भी खोज की थी. नाचने वाले भारतीय मेढकों का वैज्ञानिक नाम Micrixalidae और उनका परिवार एकल जीनस Micrixalus से बना है.

केंद्र सरकार और एटीडीसी ने युवाओं को रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण देने के लिए समझौता किया

12-DEC-2014

  • केंद्र सरकार और परिधान प्रशिक्षण एवं विकास केंद्र (एटीडीसी) ने युवाओं को रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण देने के लिए समझौता ज्ञापन पर 9 दिसंबर 2014 को हस्ताक्षर किया. इसका उद्देश्य एक ऐसी रूपरेखा तैयार करना है जिसके द्वारा एटीडीसी राष्ट्रीय स्तर पर युवाओं के लिए रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण दिया जा सके.
  • समझौता ज्ञापन का विवरण
  • • एटीडीसी बड़े परिधान निर्यात घरानों और अग्रणी घरेलू निर्माताओं के साथ मिलकर कस्टमाइज्ड पाठ्यक्रमों का संचालन करें.
  • • एटीडीसी द्वारा कराया जाने वाला पाठ्यक्रम राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीटी) द्वारा अनुमोदित किया जाएगा जिससे उम्मीदवारों को एनसीवीटी प्रमाणपत्र मिल सकेगा.
  • • एटीडीसी के पास ऐसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को विकसित करने की स्वतंत्रता होगी. इन पाठ्यक्रमों का सैद्धांतिक हिस्सा प्रशिक्षण केंद्र में जबकि प्रायोगिक हिस्सा उद्योग में पढाए जाएंगे.
  • • एटीडीसी छात्रों के बैच में से 80 फीसदी छात्रों को रोजगार दिलाना सुनिश्चित करेगा.
  • यह समझौता तीन प्रकार से मदद करेगा
  • • यह कौशल आधारित कार्यक्रमों की राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन में आने वाली छोटी– छोटी बाधाओं में कमी लाएगा.
  • • यह पाठ्यक्रम में बदलते तकनीक को शामिल करने पर ध्यान देगा.
  • • यह उद्योग के आदानों के साथ और डीजीईएंडटी के सहयोग से दीर्घकालिक पाठ्यक्रमों पर अधिक ध्यान देगा.
  • इससे पहले ऐसा ही एक समझौता रोजगार एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीईटी) के महानिदेशक और अन्य औद्योगिक प्रतिष्ठानों के बीच कौशल आधारित कार्यक्रम के कार्यान्वयन हेतु किया गया था. उस समझौते का उद्देश्य था रोजगार सृजन.
  • इनमें शामिल है– ऑटोमोबाइल क्षेत्र में मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड और टाटा मोटर्स, विनिर्माण के क्षेत्र में लेबोर्नेट, वस्त्र के क्षेत्र में रेमंड, इंस्ट्रूमेंट मैकेनिक क्षेत्र में कैडिला, बिजली के क्षेत्र में गुजरात इंडस्ट्रीज पावर कंपनी लिमिटेड.
  • परिधान प्रशिक्षण एवं विकास केंद्र (एटीडीसी)
  • परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के तहत स्थापित परिधान प्रशिक्षण एवं विकास केंद्र (एटीडीसी) भारत के परिधान क्षेत्र का सबसे बड़ा व्यावसायिक प्रशिक्षण नेटवर्क के तौर पर उभरा है. इसके नेटवर्क में करीब 175 एटीडीसी है जिसमें से 65 एटीडीसी व्यावसायिक संस्थान हैं और 135 से अधिक एटीडीसी– स्मार्ट केंद्र और कौशल शिविर प्रमुख परिधान समूहों में मौजूद है. ये भारत भर के 22 राज्यों और 85 शहरों में फैले हैं.

रणधीरसिंहअंतरराष्ट्रीयओलंपिकसमितिकेमानदसदस्यनियुक्त

11-DEC-2014

  • रणधीर सिंह को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) का मानद सदस्य नियुक्त किया गया. रणधीर सिंह को मोनाको में 8 से 9 दिसंबर के बीच हुई आईओसी की बैठक में मानद सदस्य नियुक्त किया गया.
  • रणधीर सिंह को भारत की ओर से वर्ष 2001 से वर्ष 2014 के बीच पूर्ण सदस्य के रूप में आईओसी में सेवा देने के बाद आईओसी की मानद सदस्यता के लिए नामित किया गया.
  • अश्विनी कुमार के बाद रणधीर सिंह आईओसी के मानद सदस्य बनने वाले दूसरे भारतीय है. अश्विनी कुमार को भी भारत की ओर से पूर्ण सदस्य के रूप में आईओसी में सेवा देने के बाद आईओसी की सदस्यता प्रदान की गई थी.
  • आईओसी का मानद सदस्य मतदान के अधिकार के बिना अपने सत्र में भाग ले सकता है. रणधीर सिंह भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के पूर्व महासचिव है जिन्होंने वर्ष 1987 से वर्ष 2012 के बीच संघ की सेवा की. वह पूर्व निशानेबाज हैं और पांच ओलंपिक खेलों में हिस्सा ले चुके हैं.

भारतीय संविधान का पहला अरबी अनुवाद काहिरा में जारी किया गया

11-DEC-2014

  • भारतीय संविधान का पहला अरबी अनुवाद काहिरा में 9 दिसंबर 2014 को जारी किया गया. अरब लीग के महासचिव नाबिल अल अरबी ने विदेश मंत्रालय के सचिव अनिल वाधवा के साथ मिलकर भारतीय संविधान का अरबी अनुवाद जारी किया.
  • यह आयोजन भारतीय दूतावास और लीग ऑफ अरब स्टेट्स की सहायता से लीग के सचिवालय में किया गया. यह अनुवाद अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन सहायता संस्थान (आईडीईए) International Institute for Democracy and Electoral Assistance (IDEA) द्वारा किया गया.
  • अनुवादित संविधान समाज के सभी वर्गों की आकांक्षाओं को पूरा करता है और वृहद स्तर पर भाषाई, धार्मिक और जातीय विविधताओं को चित्रित करता है.

अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस 9 दिसंबर को मनाया गया

11-DEC-2014

  • दिसंबर: अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस
  • संयुक्त राष्ट्र ने 9 दिसंबर 2014 को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस मनाया. यह दिवस भ्रष्टाचार एवं इसके उन्मूलन हेतु कारगर उपायों के प्रति जनता में जागरूकता फैलाने हेतु मनाया गया. वर्ष 2014 के अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस का विषय ‘भ्रष्टाचार की जंजीर को तोड़ो’ (ब्रैक द करप्शन) था.
  • अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस के बारे में
    अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस को मनाये जाने की शुरूआत संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा 31 अक्टूबर 2013 को जारी घोषणा-पत्र 58/4 के अनुसार हुई. इस घोषणा-पत्र के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार विरोध सम्मेलन (यूएनसीएसी) को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंगीकृत किया तथा संयुक्त राष्ट्र औषधि एवं अपराध कार्यालय (यूएनओडीसी) के सचिवालय को इस सम्मेलन के हेतु सचिवालय नामित किया. यह सम्मेलन दिसंबर 2005 से प्रभाव में आया. साथ ही, महासभा ने 9 दिसंबर को प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस के रूप में मनाये जाने की भी घोषणा की.

जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे ने उपराष्ट्रपति ज्वाइस मुजरु को बर्खास्त किया

11-DEC-2014

  • जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे ने 9 दिसंबर 2014 को उपराष्ट्रपति ज्वाइस मुजरु को बर्खास्त कर दिया. ज्वाइस मुजरु को राष्ट्रपति मुगाबे को मारने की साजिश रचने का आरोपी ठहराया गया.
  • मुगाबे ने एक ही आरोप के सिलसिले में सरकार के सात अन्य मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया. मुगाबे ने 9 दिसंबर 2014 को तत्काल प्रभाव से उपराष्ट्रपति ज्वाइस मुजरु को बर्खास्त करने के लिए अपनी कार्यकारी शक्तियों का प्रयोग किया.
  • सात अन्य मंत्रियों में दियामुस मुतासा (राष्ट्रपति संबंधी मामले), वेबस्टर शामू (सूचना संचार प्रौद्योगिकी, डाक और कूरियर सेवा मंत्री), फ्रांसिस नेह्मा (युवा स्वदेशीकरण और आर्थिक सशक्तिकरण मंत्री), ओलिविया मुचेना (उच्च शिक्षा और तृतीयक शिक्षा मंत्री, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास), जिकामी मैह्वायर (ऊर्जा और विद्युत विकास मंत्री), निकोलस गोचे (लोक सेवा, श्रम और सामाजिक कल्याण मंत्री), मुनाचो मिटेजो (उप उर्जा मंत्री  और पावर डेवलपमेंट मंत्री) शामिल हैं. बर्खास्त उपराष्ट्रपति ज्वाइस मुजरु पर जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे को पद से अपदस्थ करने की योजना बनाने का आरोप है.
  • टिप्पणी
  • वर्ष1980 में जिम्बाब्वे की आजादी के बाद से ही वह (रॉबर्ट मुगाबे) सत्ता में हैं. रॉबर्ट मुगाबे ने वर्ष 2018 के चुनावों में पुन: चुनाव लड़ने की बात कही. हाल ही में राजनीति में प्रवेश करने वाली राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे की पत्नी ग्रेस मुगाबे ने ही उपराष्ट्रपति ज्वाइस मुजरु पर रॉबर्ट मुगाबे के विरुद्ध साजिश करने का आरोप लगाया था.
  • निवर्तमान उपराष्ट्रपति ज्वाइस मुजरु ने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध 1970 के दशक के गुरिल्ला युद्ध में मुगाबे के साथ लड़ाई लड़ी थी और वह राष्ट्रपति के रूप में एक संभावित उत्तराधिकारी के रुप में देखे जा रहे थे.

भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड ने रवांडा में न्याबोरोंगो हाइड्रो पावर प्लांट शुरु किया

11-DEC-2014

  • भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल, भेल) ने टर्नकी आधार पर रवांडा में 28 मेगावाट न्याबोरोंगो हाइड्रो पावर प्लांट (Nyaborongo Hydro Power Plant) को 8 दिसंबर 2014 को शुरु किया. इस परियोजना के शुरु होने के साथ ही, रवांडा गणराज्य की स्थापित उत्पादन क्षमता 119 मेगावाट से 24 फीसदी बढ़कर 147 मेगावाट हो गई.
  • न्याबोरोंगो हाइड्रो पावर प्लांट परियोजना
    • न्याबोरोंगो जलविद्युत परियोजना पर रवांडा की सरकार का स्वामित्व है और इसे भारत सरकार की क्रेडिट लाइन के तहत वित्त मुहैया कराया गया है. 
    • इस परियोजना के लिए प्रमुख उपकरणों की आपूर्ति में हाइड्रो टरबाइन, जेनरेटर, ट्रांसफॉर्मर्स, कंट्रोल्स, निगरानी और सुरक्षा प्रणालियां एवं स्विचगियर शामिल हैं.
  • भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल)
  • • भेल एक एकीकृत बिजली संयंत्र उपकरण निर्माता कम्पनी है. 
    • भेल के पास जल–विद्युत संयंत्रों को लगाने का गहरा अनुभव है. दुनिया भर में अभी तक इसने 28000 मेगावाट से अधिक की परियोजनाओं के साथ अनुबंध किया है.
    • डिजाइन, इंजीनियरिंग, आपूर्ति/ रसद, निर्माण और कमीशन सहित कंपनी पूर्ण जलविद्युत संयंत्रों को वितरित करने में सक्षम है. 
    • भेल ने कई अफ्रीकी देशों जैसे सूडान, लीबिया, इथियोपिया, मिस्र, जांबिया, तंजानिया, यूगांडा, नाइजीरिया आदि में अपनी पहुंच बनाई है. 
    • भेल के जलविद्युत प्रतिष्ठान भारत, अजरबैजान, भूटान, मलेशिया, नेपाल, न्यूजीलैंड, ताइवान, तजाकिस्तान, थाइलैंड और वियतनाम में काम कर रहे हैं.

एसबीआई ने मासिक और वार्षिक आर्थिक प्रवृत्तियों को ट्रैक करने के लिए दो कंपोजिट सूचकांक शुरु किया

11-DEC-2014

  • भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने दो सूचकांक – एसबीआई मासिक कंपोजिट इंडेक्स और एसबीआई वार्षिक कंपोजिट इंडेक्स का शुभारंभ 9 दिसंबर 2014 को किया. ये सूचकांक मुख्य रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था में संकुचन और असंकुचन निर्धारित करने के लिए विनिर्माण और सेवा गतिविधि को ट्रैक करने का काम करेंगे.
  • यह पहली बार है जब किसी भारतीय बैंक ने दूरंदेशी आर्थिक सूचकांक की शुरुआत की है. इससे पहले आर्थिक रूझानों का निर्धारण करने के लिए बाजार एचएसबीसी इंडिया पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) और एचएसबीसी इंडिया सर्विसेस बिजनेस एक्टिविटी पर निर्भर था.
    एसबीआई की कंपोजिट सूचकांक को एसबीआई के आंतरिक ऋण पोर्टफोलियो के आधार पर विकसित किया गया है जो देश के ऋण मांग का दर्पण है.
    एसबीआई कंपोजिट सूचकांक की विशेषताएं
    • यह सूचकांक हर महीने आरबीआई के क्रेडिट ग्रोथ नंबर्स के बाद जारी किया जाएगा. 
    • इसे हर माह प्रकाशित किया जाएगा और आधिकारिक अनुमानों में दो महीने के संभावित ट्रेंड्स को ट्रैक किया जाएगा. 
    • सूचकांक में आर्थिक गतिविधि के ट्रेंड्स को 0 से 100 के स्केल पर निर्धारित किया जाएगा. 
    • 50 से उपर का सूचकांक संबंधित पिछली अवधि में वृद्धि और 50 से नीचे का सूचकांक संबंधित पिछली अवधि के दौरान संकुचन को दर्शाएगा. 
    • यह नीति निर्माताओं और बाजार के प्रतिभागियों को पहले ही विनिर्माण चक्र के टर्निंग प्वाइंड की पहचान करने और उनकी निवेश योजनाओं एवं रणनीति को समायोजित करने में मदद करेगा.
    • सूचकांक में आर्थिक गतिविधियों के अन्य संकेतकों जैसे ग्राहक खर्च, खनन, ब्याज दर, मुद्रास्फीति और विनिमय दर को मासिक आधार पर लिया जाएगा. 
    • एचएसबीसी डाटा के जैसे आंकड़ों का संग्रह आउटसोर्स नहीं किया जाएगा. 
    एसबीआई कंपोजिट इंडेक्स के लिए नमूना भविष्यवाणी
    अक्टूबर 2006 से मार्च 2013 के दौरान विनिर्माण गतिविधियों के लिए नमूना भविष्यवाणी के मुताबिक, पीएमआई के 49 फीसदी के खिलाफ एसबीआई कंपोजिट इंडाइसेस 71 फीसदी पर था. 
    अप्रैल 2013 से सितंबर 2014के दौरान, विनिर्माण गतिविधियों के लिए एसबीआई कंपोजिट गतिविधियां 72 फीसदी पर थीं जबकि पीएमआई 50 फीसदी पर. 
    एसबीआई कंपोजिट इंडेक्स ने दिसंबर 2014 में विनिर्माण में फिर से मजबूती आने का अनुमान लगाया है.

भूटान विश्व बैंक की एजेंसी माइगा का 181वां सदस्य बना

11-DEC-2014

  • भूटान विश्व बैंक की एजेंसी माइगा (बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी) का 8 दिसंबर 2014 को 181वां सदस्य बन गया. माइगा विश्व बैंक समूह की राजनीतिक जोखिम बीमा और क्रेडिट वृद्धि संस्था है.
  • भूटान ने माइगा का सदस्य बनने के लिए अपनी सदस्यता संबंधी सभी अर्हताओं को पूरा किया.
  • सदस्यबननेकेलाभ-
  • इस संस्था का सदस्य बनने से भूटान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके सदस्य देशो से उधार लेने की सुविधा (ईसीबी) का लाभ ले सकेगा.
  • माइगा का सदस्य बनने से भूटान के निजी क्षेत्र और निगमों के पास सीधे विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) को आकर्षित करने की गारंटी जारी करने के लिए माइगा के पास आवेदन करने का विकल्प होगा.
  • माइगा की एफडीआई संबंधी गारंटी से ईसीबी की संशोधित नियम और शर्तों से निवेशकों को आसानी होगी.
  • प्रीमियम दरों का निर्णय परियोजना के आधार पर लिया जाएगा. और देश, क्षेत्र, लेन-देन और बीमा जोखिम के आधार पर बदलता रहेगा.
  • भूटान अब एजेंसी के निवेश की गारंटी के लिए पात्र है.
  • भूटान के निवेशक अन्य विकासशील देशों (माइगा सदस्यों) में निवेश करने पर, निवेश की सुरक्षा के लिए पात्र होंगे.
  • इससे पहले अक्टूबर 2012 में, भूटान ने माइगा की सदस्यता के लिए आवेदन किया था.
  • माइगा का सदस्य बनने के लिए उसके कन्वेंशन पर हस्ताक्षर करना और सदस्यता-समर्थन संबंधी प्रमाण-पत्र जामा करना अनिवार्य है.
  • इसके बाद यह प्रमाण- पत्र विश्व बैंक के समक्ष प्रस्तुत किए जाते हैं.
    माइगा में सदस्यता केवल विश्व बैंक के सदस्य देशों के लिए उपलब्ध हैं. भूटान के पास क्रेडिट रेटिंग नहीं है, लेकिन भूटान वर्ष 1981 से विश्व बैंक का सदस्य है.
    बहुपक्षीयनिवेशगारंटीएजेंसीकेबारेमें
  • माइगा विश्व बैंक समूह का सदस्य है. माइगा, आर्थिक विकास को बढ़ाने में मदद करने, गरीबी कम करने, और लोगों के जीवन- स्तर को बेहतर बनाने के लिए विकासशील देशों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को बढ़ावा देने के लिए काम करती है.

डाकघर नेटवर्क का लाभ उठाने पर बनी सुब्रमण्यम समिति ने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी

11-DEC-2014

  • डाकघर नेटवर्क का लाभ उठाने पर बनी सुब्रमण्यम समिति ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को 4 दिसंबर 2014 को सौंपी. समिति का उद्देश्य बाजार के बदलते रूझान और प्रतियोगिता को ध्यान में रखते हुए डाकघर नेटवर्क में बदलाव लाने हेतु सुझाव देना था. 
    डाकघर को प्रतिस्पर्धी और प्रभावी बनाने के लिए समिति ने 181 सिफारिशें दी हैं. इन सिफारिशों में नए डाक घर कानून बनाने से लेकर ग्रामीण इलाकों में डाकघर नेटवर्क के विस्तार के लिए भारतीय डाक का नया संगठनात्मक डिजाइन बनाने तक की बात की गई है.
  • समिति की सिफारिशें इस प्रकार हैं– 
    • समिति ने पोस्टल बैंक ऑफ इंडिया (पीबीआई) बनाने का सुझाव दिया है जो बैंकिंग पेशेवरों के साथ डाक विभाग के तहत स्वतंत्र रूप से काम करेगा.
    • समिति ने बैंकिंग, ई– कॉमर्स और बीमा के क्षेत्र में सेवाओं के विस्तार के लिए डक विभाग के अधीन होल्डिंग कंपनी के हिस्से के तौर पर तीन सहायक कंपनियों की स्थापना का सुझाव दिया है. 
    • समिति ने प्रस्तावित पोस्टल बैंक को संसद के अधिनियम के जरिए शुरु करने और इसे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पास न भेजने की सिफारिश की है जो सरकार को इस संबंध में अपना फैसला करने में सहूलियत प्रदान कर देगा. हालांकि इसपर आरबीआई को आपत्ति है. 
    • समिति ने भारतीय डाक के काम के दायरे का विस्तार करने की भी सिफारिश की है. 
    • समिति ने कहा कि भारतीय डाक को सिर्फ भुगतान बैंक (पेमेंट बैंक) के तौर पर काम नहीं करना चाहिए बल्कि इसे पूरी तरह से वाणिज्यिक बैंक की तरह भी काम करना चाहिए, जो कि देश भर के अपने 1.5 लाख डाक घरों के साथ वित्तीय समावेशन में मदद कर सकता है.
    • समिति ने भारतीय डाक के विशाल नेटवर्क और देश के इलाकों में इसके स्थानीय ज्ञान का लाभ उठाने के लिए कई अन्य सिफारिशें भी की हैं. 
    • समिति ने कहा कि वाणिज्यिक बैंकों की पहुंच सिर्फ शहरों और कस्बों में हैं जबकि डाक बैंक वैसे  सूदूर गांवों को भी कवर करेंगे जो बैंकिंग सेवाओं के दायरे से बाहर के हैं. यह सरकार के वित्तीय समावेशन के लिए वास्तव में बहुत बड़ा सहारा होगा. 
    • समिति के अनुसार भारतीय डाक का पुनर्गठन, डाक बैंक की स्थापना और ई– कॉमर्स एवं अन्य सेवाओं को शामिल किए जाने से 5 लाख से भी अधिक रोजगार का सृजन होगा. 
    पृष्ठभूमि
    भारत सरकार ने भूतपूर्व कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में अगस्त 2014 में भारतीय डाक के परिचालन की समीक्षा के लिए समिति का गठन किया था.
    सरकार के अन्य शीर्ष अधिकारों के अलावा पैनल के अन्य सदस्यों में हैं– आईआईएम, अहमदाबाद के रविन्द्र एच डोलकिया, सेबी के भूतपूर्व अध्यक्ष जीएन बाजपेयी और इंफोसिस के पूर्व बोर्ड सदस्य टीवी मोहनदास पाई. 
    भारतीय डाक की ग्रामीण इलाकों में करीब 1.4 लाख डाकघर हैं और यह 600000 करोड़ रुपयों की जमा राशि और 40000 करोड़ रुपयों से अधिक के डाक बीमा का संचालन करता है, जो कि भारत के सबसे बड़े राष्ट्रीय बैंक, भारतीय स्टेट बैंक के बाद आता है. भारतीय डाक ने इंटरनेट और एटीएम के जरिए देश में अपनी शाखाओं को जोड़ने का काम शुरु कर दिया है.

इंटेलसेंटर ने सबसे खतरनाक 45 देशों की सूची जारी की

11-DEC-2014

  • अमेरिका की थिंक टैंक इंटेल सेंटर ने कंट्री थ्रेट इंडेक्स (सीटीआई) के नाम से आतंकवादी और विद्रोही खतरे के रुप में सबसे खतरनाक 45 देशों की सूची जारी की.
  • इंटेल सेंटर ने कंट्री थ्रेट इंडेक्स (सीटीआई) की सूची पिछले 30 वर्षो में दुनिया के अलग-अलग देशों में आतंकी गतिविधियों, सैन्य और नागरिक विद्रोह, फोटोग्राफ, मानव तस्करी आदि घटनाओं की समीक्षा करने के बाद तैयार की. 
    शीर्ष 10 सबसेखतरनाकदेश
  • क्रम

    देश

    सीटीआईस्कोर

    1

    इराक

    576

    2

    नाइजीरिया

    458

    3

    सोमालिया

    336

    4

    अफ़ग़ानिस्तान

    309

    5

    यमन

    290

    6

    सीरिया

    233

    7

    लीबिया

    166

    8

    पाकिस्तान

    162

    9

    मिस्र

    95

    10

    केन्या

    86

  • इंटेलसेंटरकेबारेमें
  • इंटेलसेंटर अमेरिका में वर्ष 1989 में स्थापित किया गया. यह फर्म अमेरिका और दुनिया भर की खुफिया एजेंसियो, सेना और कानून प्रवर्तन समुदायों को 20 वर्षों से आतंकवाद खुफिया सेवाएं प्रदान कर रही है.

 

चीन ने परमाणु संयंत्रों के बड़े नेटवर्क का विस्तार करने हेतु परमाणु बिजली विस्तार परियोजना शुरु की

11-DEC-2014

  • चीन ने परमाणु संयंत्रों के बड़े नेटवर्क का विस्तार करने के लिए परमाणु बिजली विस्तार योजना (न्यूक्लियर पावर एक्सपैंशन स्कीम) का शुभारंभ किया. इस फैसले की घोषणा चीन के राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग (एनडीआरसी) द्वारा 5 दिसंबर 2014 को की गई.
  • राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग (एनडीआरसी) ने अपतटीय परमाणु बिजली परियोजनाओं को विकसित करने संबंधी योजनाओं की भी घोषणा की. इसने चीन में तीसरी पीढ़ी के रिएक्टरों के निर्माणाधीन परियोजनाओं में समस्याओं को दूर करने के लिए सर्वोच्च अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के अनुरुप होना भी सुनिश्चित किया. 
    वास्तव में, चीन के निर्माणाधीन तीसरी पीढ़ी के रिएक्टरों में पम्पों और वॉल्वों की समस्याओं के साथ– साथ डिजाइन की कठोरता की समस्या भी है. चीन इन समस्याओं से निपटने में लगा है.
    वर्तमान में, चीन में अमेरिका स्थित वेस्टंगहाउस के सहयोग से बनने वाले नए 1000 मेगावाट क्षमता वाले रिएक्टर के साथ 27 परमाणु बिजली संयंत्र निर्माणाधीन है. चीन करीब 200 परमाणु संयंत्रों का निर्माण करने वाला है. 
    हालांकि, चीन की बिजली आपूर्ति में परमाणु ऊर्जा का योगदान सिर्फ 2 प्रतिशत है जो कि वैश्विक औसत 15 प्रतिशत से बहुत कम है. इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि परमाणु बिजली क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, हाई एंड उपकरणों से उत्पादन और चीन में बिजली उत्पादन का अनुकूलन हो सकेगा.
  • वर्ष 2011 में चीन ने फुकुशिमा परमाणु दुर्घटना के बाद परमाणु बिजली परियोजनाओं को अनुमति देना बंद कर दिया था. चीन ने दक्षिण अफ्रीका के साथ परमाणु ईंधन के पुनर्चक्रण के लिए एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किया है.

विश्व आर्थिक फोरम ने यात्रा एवं पर्यटन प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक-2013 जारी की

11-DEC-2014

  • विश्व आर्थिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) ने वर्ष 2013 का यात्रा एवं पर्यटन प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक 8 दिसंबर 2014 को जारी किया. यात्रा एवं पर्यटन प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक-2013 सूचकांक का विषय था– ‘आर्थिक विकास और नौकरी के सृजन में बाधाओं को कम करना’.
  • सूचकांक में शामिल 140 अर्थव्यवस्थाओं में से स्विट्जरलैंड यात्रा एवं पर्यटन प्रतिस्पर्धात्मकता के मामले में सूची में प्रथम स्थान पर है. इसके बाद जर्मनी और ऑस्ट्रिया क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. 
    शीर्ष दस में शामिल अन्य देश हैं– यूनाइटेड किंग्डम, अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, स्वीडन और सिंगापुर.
    इस सूचकांक में भारत 65वें और एशिया– प्रशांत क्षेत्र में 11 वें स्थान पर है. 
    अफ्रीकी देश नाइजीरिया, चाड, मॉरिटानिया, लेसोथो, गिनी, सिएरा लियोन, बुरुंडी औऱ हैती सूचकांक में सबसे नीचे हैं.
    यात्रा एवं पर्यटन प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक-2013 
    यात्रा एवं पर्यटन प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक -2013 विश्व की 140 अर्थव्यवस्थाओं के यात्रा एवं पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के लिए आकर्षक नीतियों का निर्माण करता है. 
    रिपोर्ट बताती है कि कैसे, एक तरफ यात्रा और पर्यटन उद्योग में आर्थिक लचीलापन और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के क्षमता है लेकिन दूसर तरफ कई कारक हैं जो इसके विकास में बाधा बने हुए हैं

फ्रांस और अमेरिका ने हॉलकास्ट सरवाइवर्स को मुआवजा देने के लिए समझौता किया

11-DEC-2014

  • फ्रांस और अमेरिका ने जर्मन नाजी साम्राज्य में बड़े पैमाने पर मारे गए यहूदियों में से बचे हजारों यहूदियों के लिए (हॉलकास्ट सरवाइवर्स) मुआवजा देने हेतु 60 मिलियन अमेरिकी डॉलर के एक समझौते पर 8 दिसंबर 2014 को हस्ताक्षर किया. इन्हें फ्रांस की स्टेट रेल कंपनी एनएनसीएफ ने नाजी कब्जे के दौरान नजरबंद शिविरों में भेज दिया गया था.
  • हालांकि एनएनसीएफ इस समझौते में शामिल नहीं है, फिर भी कंपनी अगले पांच वर्षों में अमेरिकी, इस्राइल और फ्रांस में हॉलकास्ट स्मारकों और संग्रहालयों के कोष में 4 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान करेगी.
    यह समझौता फ़्रांस की संसद के अनुमोदन के बाद प्रभाव में आ जाएगा.
    समझौते की मुख्य बातें
    • समझौते के तहत फ़्रांस सरकार हॉलकास्ट सरवाइवर्स और उनके परिवारों को 60मिलियन अमेरिकी डॉलर का भुगतान करेगी.
    • समझौते का उद्देश्य 1946 और 1944 के बीच देश पर जर्मनों के कब्जे के दौरान उन लोगों को भुगतान देने का है जिन्हें फ्रांस से नाजी नजरबंदी शिवरों में फ्रेंच रेल कंपनी एसएनसीएफ के जरिए भेज दिया गया था. 
    • समझौते का लाभ उठाने के लिए, व्यक्ति को 1946 के बाद फ्रांस द्वारा प्रदान किया जा रहा किसी भी प्रकार के मुआवजे या पेंशन कार्यक्रम का हिस्सा नहीं होना चाहिए. 
    • भेजे गए लोगों के जीवनसाथी जो फ्रांस, बेल्जियम, पॉलिश या ब्रिटिश नागरिक नहीं है, उन्हें भी मुआवजा दिया जाएगा. ये देश फ्रांस के साथ द्विपक्षीय समझौते के तहत पहले से ही शामिल किए गए हैं. 
    • सरवाइवर्स में इस्राइल और कनाडा के नागरिकों के साथ अमेरिकी भी हैं जिन्हें एक लाख अमेरिकी डॉलर प्राप्त हो सकता है जबकि वारिस और जीवन साथी को कई हजार डॉलर मिल सकते हैं. 
    • समझौते के हिस्से के तौर पर, अमेरिकी सरकार मुकदमों को खत्म करने और एसएनसीएफ के खिलाफ मुआवजे के दावों को खत्म करने के लिए काम करेगी.
  • पृष्ठभूमि
  • यह समझौता मैरीलैंड के व्यवस्थापकों द्वारा एसएनसीएफ से करीब 2.4 मिलियन यूरो की 25 किलोमीटर (16 मील) लंबी सार्वजनिक निजी हल्की रेल परियोजना की बोली प्रक्रिया में शामिल होने से पहले हॉलकास्ट पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग के बाद किया गया.
  • साल 1942 से 1944 के बीच, यूरोप से यहूदी आबादी को खत्म करने के प्रयास में फ्रांस के विची साम्राज्य का नाजियों के साथ सहयोग के बाद करीब 76000 यहूदियों को फ्रेंच रेलवे द्वारा नाजी मौत शिविरों में भेज दिया गया था. उनमें से सिर्फ 3000 बच पाए थे.
  • ये यहूदी लोग दूसरे विश्व युद्ध  के दौरान नाजी विध्वंस शिवरों के रास्ते में पेरिस के करीब ड्रैंसी शिविर से होकर गुजरे थे.
  • हालांकि, फ्रांस ने 1946 में स्थापित एक योजना के तहत हॉलकास्ट के तहत फ्रांस के पीड़ित नागरिकों को पहले ही करीब 49 मिलियन यूरो का भुगतान कर दिया है.

एनटीपीसी ने 3000 करोड़ रुपए के दो ऋण समझौतों पर हस्ताक्षर किए

11-DEC-2014

  • सार्वजनिक क्षेत्र की विद्युत उत्पादक कंपनी एनटीपीसी ने अपने पूंजीगत व्यय के आंशिक वित्त पोषण के लिए 3000 करोड़ रुपए के दो ऋण समझौतों पर 9 दिसंबर 2014 को हस्ताक्षर किए. कंपनी ने एचडीएफसी बैंक के साथ 2000 करोड़ रुपए तथा सिंडिकेट बैंक के साथ 1000 करोड़ रुपए के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए.
  • समझौते के मुताबिक इस ऋण को कंपनी 15 वर्ष में पूरी तरह चुका देगी और इसका उपयोग पूंजीगत व्यय के आंशिक वित्त पोषण के लिए किया जाएगा. कंपनी को मौजूदा कारोबारी वर्ष में 22400 करोड़ रुपए खर्च करने की उम्मीद है. पूंजीगत वस्तुओं पर कंपनी ने गत वर्ष 21705 करोड़ रुपए खर्च किए थे.
  • राष्ट्रीय तापविद्युत निगम लिमिटेड के बारे में
    भारत की सबसे बड़ी विद्युत कंपनी एनटीपीसी (नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड) की स्थापना 7 नवंबर 1975 में भारत में विद्युत उत्पा्दन में तेजी लाने के लिए की गई. यह भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है जो मुम्बई स्टॉक विनिमय (Bombay Stock Exchange) में पंजीकृत है. इसमें वर्तमान में भारत सरकार का हिस्सा 89.5 प्रतिशत है.
  • फोर्ब्स की वर्ष 2014 के लिए विश्व की 2000 सबसे बड़ी कंपनियों की सूची में एनटीपीसी को 424वां स्थान प्राप्त है. वर्तमान 43128 मेगावॉट उत्पादन क्षमता के साथ एनटीपीसी ने वर्ष 2032 तक 128000 मेगावॉट कंपनी बनने की योजना बनाई है.

जेम्स डी वॉटसन ने डीएनए की खोज के लिए मिले चिकित्सा के नोबेल पुरस्कार पदक को नीलाम किया

11-DEC-2014

  • जेम्स डी वॉटसन 4.8 मिलियन डॉलर में नोबेल पुरस्कार पदक की नीलामी के कारण दिसंबर 2014 के पहले सप्ताह में सुर्खियों में थे. वह नोबेल पुरस्कार पदक की नीलामी करने वाले पहले व्यक्ति बने. उन्होंने नीलामी से प्राप्त आय का कुछ हिस्सा दान करने और वैज्ञानिक अनुसंधान में देने का फैसला किया.
  • जेम्स डी वॉटसन को वर्ष 1962 में डीएनए की संरचना की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें मौरिस विल्किंस और फ्रांसिस क्रिक के साथ नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
  • उन्हें वर्ष 2007 में अश्वेत अफ्रीकियों के बारे में अपनी सार्वजनिक टिप्पणी के बाद सात वर्ष के लिए बाहर किए जाने के कारण पदक की नीलामी के लिए मजबूर होना पड़ा था. अफ्रीकियों के बारे में टिप्पणी के बाद, वाटसन को सार्वजनिक व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया और कंपनी के बोर्ड से निकाल दिया.

एंजेला मार्केल आठवीं बार कंजर्वेटिव क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष निर्वाचित

11-DEC-2014

  • जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल को आठवीं बार कंजर्वेटिव क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक पार्टी का निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित किया गया. उनके निर्वाचन की घोषणा 9 दिसंबर 2014 को की गई. एंजेला मार्केल को प्रतिनिधियों के 96.7 फीसदी मत मिले. वह वर्ष 2000 से क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) की नेता और वर्ष 2005 से जर्मनी की चांसलर हैं. वह यह पद धारण करने वाली पहली महिला हैं.
  • भूतपूर्व अनुसंधान वैज्ञानिक मार्केल ने 1989 की क्रांति के बाद राजनीति में प्रवेश किया. वर्ष 1991 में उन्हें चांसलर हेलमट कोल के अंतर्गत महिलाओं और युवाओँ की संघीय मंत्री नियुक्त किया गया. वर्ष 1994 में वह पर्यावरण, प्रकृति संरक्षण और परमाणु सुरक्षा की संघीय मंत्री बनीं. इस पद पर वह वर्ष 1998 तक रहीं.
    वर्ष 2007 में मार्केल यूरोपीय काउंसिल की अध्यक्ष थीं और उन्होंने जी-8 की अध्यक्षता की थी, ऐसा करने वाली वह विश्व की दूसरी महिला (मार्गरेट थैचर के बाद) थीं. उन्होंने लिस्बन संधि वार्ता और बर्लिन घोषणा में केंद्रीय भूमिका निभाई.