12 jan
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई दर दिसंबर, 2016 में 3.41 फीसदी रही |
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उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर दिसंबर, 2016 में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 3.83 फीसदी आंकी गई उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर दिसंबर, 2016 में शहरी क्षेत्रों के लिए 2.90 फीसदी रही
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने आज दिसंबर, 2016 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर के आंकड़े जारी किए। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सीपीआई आधारित महंगाई दर 3.83 फीसदी (अनंतिम) रही, जो दिसंबर, 2015 में 6.32 फीसदी थी। इसी तरह शहरी क्षेत्रों के लिए सीपीआई आधारित महंगाई दर दिसंबर, 2016 में 2.90 फीसदी (अनंतिम) आंकी गयी, जो दिसंबर 2015 में 4.73 फीसदी थी। ये दरें नवंबर, 2016 में क्रमशः 4.13 तथा 3.13 फीसदी (अंतिम) थीं।
केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने आज दिसंबर, 2016 के लिए उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) पर आधारित महंगाई दर के आंकड़े भी जारी किए। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सीएफपीआई आधारित महंगाई दर 2.06 फीसदी (अनंतिम) रही, जो दिसंबर, 2015 में 6.41 फीसदी थी। इसी तरह शहरी क्षेत्रों के लिए सीएफपीआई आधारित महंगाई दर दिसंबर, 2016 में 0.15 फीसदी (अनंतिम) आंकी गई, जो दिसंबर, 2015 में 6.31 फीसदी थी। ये दरें नवंबर, 2016 में क्रमशः 2.79 तथा 0.75 फीसदी (अंतिम) थीं। अगर शहरी एवं ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों पर समग्र रूप से गौर करें तो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर दिसंबर, 2016 में 3.41 फीसदी (अनंतिम) आंकी गई है, जो दिसंबर, 2015 में 5.61 फीसदी (अंतिम) थी। वहीं, सीपीआई पर आधारित महंगाई दर नवंबर, 2016 में 3.63 फीसदी (अंतिम) थी। इसी तरह यदि शहरी एवं ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों पर समग्र रूप से गौर करें तो उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) पर आधारित महंगाई दर दिसंबर, 2016 में 1.37 फीसदी (अनंतिम) रही है, जो दिसंबर, 2015 में 6.40 फीसदी (अंतिम) थी। वहीं, सीएफपीआई पर आधारित महंगाई दर नवंबर, 2016 में 2.03 फीसदी (अंतिम) थी। ***** वीके/आरआरएस/एम |
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नवंबर, 2016 में औद्योगिक विकास दर 5.7 फीसदी रही |
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नवंबर, 2016 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 175.8 अंक रहा, जो नवंबर, 2015 के मुकाबले 5.7 फीसदी ज्यादा है। इसका मतलब यही है कि नवंबर, 2016 में औद्योगिक विकास दर 5.7 फीसदी रही। वहीं, दूसरी ओर अप्रैल-नवंबर, 2016 में औद्योगिक विकास दर पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 0.4 फीसदी आंकी गई है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा नवंबर, 2016 के लिए जारी किये गये औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के त्वरित आकलन (आधार वर्ष : 2004-05) से उपर्युक्त जानकारी मिली है। 15 स्रोत एजेंसियों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर आईआईपी का आकलन किया जाता है। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी), केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और उर्वरक विभाग भी इन एजेंसियों में शामिल हैं। नवंबर, 2016 में खनन, विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) एवं बिजली क्षेत्रों की उत्पादन वृद्धि दर नवंबर, 2015 के मुकाबले क्रमश: 3.9 फीसदी, 5.5 फीसदी तथा 8.9 फीसदी रही। वहीं, अप्रैल-नवंबर 2016 में इन तीनों क्षेत्रों यानी सेक्टरों की उत्पादन वृद्धि दर क्रमश: 0.3, (-) 0.3 तथा 5.0 फीसदी आंकी गई है। नवंबर, 2016 में बुनियादी वस्तुओं (बेसिक गुड्स), पूंजीगत सामान एवं मध्यवर्ती वस्तुओं की उत्पादन वृद्धि दर नवंबर, 2015 की तुलना में क्रमश: 4.7 फीसदी, 15.0 फीसदी तथा 2.7 फीसदी रही। जहां तक टिकाऊ उपभोक्ता सामान का सवाल है, इनकी उत्पादन वृद्धि दर नवंबर, 2016 में 9.8 फीसदी रही है। इसी तरह गैर-टिकाऊ उपभोक्ता सामान की उत्पादन वृद्धि दर नवंबर, 2016 में 2.9 फीसदी रही। कुल मिलाकर उपभोक्ता वस्तुओं की उत्पादन वृद्धि दर नवंबर, 2016 के दौरान 5.6 फीसदी आंकी गई है। इस दौरान उच्च धनात्मक उत्पादन वृद्धि दर दर्ज करने वाली कुछ महत्वपूर्ण वस्तुओं में केबल, रबर इंसुलेटेड (185.0%), ‘ट्रैक्टर (पूर्ण)’ (95.0%), ‘मोबाइल फोन एवं सहायक सामान सहित टेलीफोन उपकरण (42.8%), ‘यात्री कार’ (29.5%), ‘एविएशन टर्बाइन फ्यूल’ (28.3%), ‘मोल्डिंग मशीनरी सहित प्लास्टिक मशीनरी’ (24.1%) और ‘चीनी’ (21.2%) शामिल हैं। इस दौरान उच्च ऋणात्मक उत्पादन वृद्धि दर दर्ज करने वाली कुछ महत्वपूर्ण वस्तुओं में ‘एचआर शीट्स’ [(-) 49.7%), ‘केरोसीन’ [(-) 35.7%], ‘गुड़’ [(-) 26.2%], ‘रत्न एवं जेवरात’ [(-) 25.4%], ‘पॉलीप्रोपिलीन (सह-बहुलक सहित)’ [(-) 23.1%] और ‘चीनी मशीनरी’ [(-) 20.4%] शामिल हैं।
***** वीके/आरआरएस/एम- 123 |
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घाना में 25 जनवरी से 16 मार्च, 2017 तक |
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घाना में 25 जनवरी से 16 मार्च, 2017 तक भारत महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव कीगतिविधियों में भारतीय शास्त्रीय नृत्य, सूफी और लोक संगीत का संगम तथा सात शास्त्रीय नृत्य शैलियों कोमिलाकर तैयार किये गए सप्तरंग के जरिए वंदे मातरम का प्रदर्शन किया जाएगा। संपूर्ण आनन्द के लिए महोत्सव के दौरान खाद्य महोत्सव, योग और ध्यान तथा फिल्मोत्सव भीआयोजित किये जाएंगे। महोत्सव के दौरान घाना के चार शहरों- अकरा, कुमासी, कैप कोस्ट, तकोरादी में कार्यक्रम आयोजित कियेजाएंगे।
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समझौते पर त्रिपक्षीय समिति की 38वीं बैठक (सीओसी) |
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समझौते पर त्रिपक्षीय समिति की 38वीं बैठक (सीओसी) नई दिल्ली में 10 जनवरी, 2017 को श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव श्रीमती एम. सत्यवती की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, नियोक्ता संगठनों, राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों, आईएलओ के प्रतिनिधियों और श्रम तथा रोजगार मंत्रालय के अधिकारियों ने भाग लिया। सचिव (श्रम और रोजगार) ने समिति को बताया कि त्रिपक्षीय समिति भारत में श्रम नीति की प्रक्रिया का अभिन्न अंग रही है। सीओसी को अंतर्राष्ट्रीय श्रम मानकों की पुष्टि में अब तक हुई प्रगति पर चर्चा करने और भविष्य के रोडमैप की सिफारिश करने की शक्ति प्राप्त है। सीओसी ने रोजगार और कार्य में प्रवेश की न्यूनतम आयु से संबंधित समझौता संख्या 138, बाल श्रम के विकृत रूप से संबंधित समझौता संख्या 182, संघ बनाने की स्वतंत्रता और अधिकारों की सुरक्षा से संबंधित समझौता संख्या 87, संगठन बनाने तथा सामूहिक रूप से किसी समझौते पर बातचीत करने से संबंधित समझौता संख्या 98, मैरिटाइम श्रम समझौता 2006, नाविक पहचान दस्तावेज से संबंधित समझौता संख्या 185, व्यावसायिक सुरक्षा तथा स्वास्थ्य ढांचे को प्रोत्साहित करने संबंधी समझौता संख्या 187, सड़क परिवहन में काम के घंटे तथा विश्राम की अवधि से संबंधित समझौता संख्या 153 को लेकर हुई प्रगति तथा मानक समीक्षा व्यवस्था पर कार्य समूह की रिपोर्ट पर विचार किया। समिति ने समझौता संख्या 187, 153 के क्षेत्र में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और मानक समीक्षा व्यवस्था में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के कार्य में भारत के योगदान की समीक्षा की। सीओसी ने संघ बनाने की स्वतंत्रता और अधिकारों की सुरक्षा से संबंधित समझौता संख्या 87, संगठित होने की स्वतंत्रता और अधिकारों की सुरक्षा से संबंधित समझौता संख्या 98 की पुष्टि से संबंधित विषयों पर विचार के लिए केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग तथा अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन नई दिल्ली कार्यालय के प्रतिनिधियों की एक समिति बनाने का निर्णय लिया।
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वाइब्रेंट गुजरात 2017 के दौरान वस्त्र क्षेत्र में 8,835 करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये |
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गुजरात में वस्त्र शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं: केन्द्रीय वस्त्र मंत्री केन्द्रीय वस्त्र मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी ने कहा कि गुजरात के निवासियों की उद्यमिता भावना और निवेश के प्रवाह के मद्देनजर गुजरात की वस्त्र गाथा अभी हाल ही में शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि भारत में वस्त्र उद्योग के सबसे बड़े केन्द्रों में गुजरात को भी शुमार किये जाने के नाते यह राज्य सभी तरह के वस्त्रों की प्राप्ति का एकल केन्द्र है। उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात में वस्त्र शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं। श्रीमती इरानी ने कहा कि वस्त्र संबंधी पाठ्यक्रमों की पेशकश करने वाले गुजरात के 28 आईटीआई में चलाए जा रहे कपड़ा क्षेत्र संबंधी कौशल विकास कार्यक्रम 75 फीसदी प्लेसमेंट का आंकड़ा दर्ज कराने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि गुजरात के दो प्रमुख संस्थान अर्थात निफ्ट और एनआईडी तथा विभिन्न इंजीनियरिंग कालेज वस्त्र प्रौद्योगिकी, वस्त्र प्रसंस्करण एवं वस्त्र इंजीनियरिंग के क्षेत्र में डिग्री की पेशकश करते हैं। श्रीमती इरानी आज गुजरात के गांधीनगर में वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन के दौरान “मेक इन गुजरात” थीम पर आधारित संगोष्ठी को संबोधित कर रही थीं, जिसका विषय था “प्रवृतियां और वस्त्र संबंधी वैल्यू चेन पर असर डालने वाले नवाचार।” वस्त्र मंत्री संगोष्ठी के दौरान वस्त्र क्षेत्र में 8,835 करोड़ रुपये के सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर की भी साक्षी रहीं। वस्त्र पार्कों, वस्त्र प्रसंस्करण, मशीनरी, कालीन विकास इत्यादि जैसे क्षेत्रों में इन एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये हैं। वस्त्र मंत्री ने कहा कि भारत में कुल कपास उत्पादन का 29 फीसदी गुजरात में ही उत्पादित होता है। उन्होंने कहा कि यह इस राज्य में निहित असीम संभावनाओं के प्रति वस्त्र उद्योग के ठोस विश्वास को दर्शाता है। श्रीमती इरानी ने गुजरात की वस्त्र संबंधी वैल्यू चेन के विकास के साथ-साथ तकनीकी वस्त्रों एवं अऩुसंधान के क्षेत्र में संभावनाओं की तलाश के लिए भी अपने मंत्रालय की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। गुजरात सरकार में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, कॉटेज उद्योग, मुद्रण तथा लेखन सामग्री मंत्री श्री जयेश रादादिया, भारत सरकार में वस्त्र आयुक्त डॉ. कविता गुप्ता, फिक्की की वस्त्र समिति के अध्यक्ष श्री शिशिर जयपुरिया, गुजरात सरकार के शिक्षा विभाग में प्रधान सचिव श्रीमती सुनयना तोमर और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे। |
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कलवरी क्लास पनडुब्बियां देश के लिए आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण की दिशा में मील का पत्थर हैं : डॉ सुभाष भामरे |
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रक्षा राज्यमंत्री डॉ सुभाष भामरे ने आज भारतीय नौसेना की स्कार्पीन क्लास स्टेल्थ पनडुब्बी श्रृंखला की दूसरीपनडुब्बी खंदेरी का उद्घाटन किया। इससे इसके समुद्री परीक्षणों का मार्ग प्रशस्त हो गया है। मझगांव गोदीशिपयार्ड लिमिटेड में नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लाम्बा और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर परउपस्थित थे। यह पनडुब्बी इस वर्ष के अंत तक नौसेना को सौंपे जाने की संभावना है। मझगांव डाक शिपयार्ड लिमिटेड (एमडीएल) में वर्तमान में प्रोजेक्ट 75 के अंतर्गत 6 स्कार्पीन पनडुब्बियों का निर्माण प्रगति पर है। इसके लिएफ्रांस की सहयोगी कम्पनी मैसर्स डीसीएनएस ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरित की है। स्कार्पीन वर्ग की प्रथम कलवरीके वर्तमान में समुद्री परीक्षण चल रहे हैं और 2017 के मध्य में इसे नौसेना में शामिल कर लिए जाने की संभावनाहै। ये पनडुब्बियां नौसेना में शामिल होने के बाद उसके परम्परागत पनडुब्बी विभाग का महत्वपूर्ण हिस्सा बनजाएंगी। इस अवसर पर डॉ सुभाष भामरे ने कहा कि प्रोजेक्ट 75 कलवरी देश के लिए आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण कीदिशा में मील का पत्थर है। नौसेना अध्यक्ष एडमिरल सुनील लाम्बा ने अपने संबोधन में कहा कि यह एक तथ्य हैकि ‘‘खंदेरी’’ की तुलना दुनिया की श्रेष्ठतम पनडुब्बियों से की जा सकती है। हमारे जहाज निर्माताओं ने पिछलेवर्षों में इसके निर्माण में उच्च अनुभव और विशेषज्ञता अर्जित की है। उन्होंने कहा कि 2017 में नौसेना कापनडुब्बी विभाग अपनी स्वर्ण जयंती मना रहा है और ऐसे में प्रोजेक्ट 75 की पनडुब्बियां नौसेना के बेड़े में शामिलहोने से देश की पनडुब्बी क्षमताओं में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है।
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वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोवा ने फारवर्ड बेस पर मिग-21 टाइप 96 से अकेले उड़ान भरी |
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वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल बी एस धनोवा 12 से 14 जनवरी, 2017 तक एयर फोर्स स्टेशनउतरलाई के दौरे पर हैं। वायुसेना प्रमुख के रूप में फॉरवर्ड ऑपरेशन बेस की यह उनकी पहली यात्रा है। एयर चीफ मार्शल ने अकेले मिग-21 टाइप 96 की उड़ान भरी, जो भारतीय वायुसेना के बेडे का सबसे पुराना लडाकू विमान है। एयर चीफ मार्शल धनोवा ने इसी प्रकार का विमान करगिल ऑपरेशन के दौरान उड़ाया और पहाड़ी दर्रों में कई रात मिशन को अंजाम दिया था। इन शौर्य कार्यों के लिए उन्हें युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया गया था। वे ऑपरेशन की तैयारियों का आकलन करने और वहां तैनात कर्मियों के मनोबल की समीक्षा के लिए पश्चिमी क्षेत्र के फॉरवर्ड एयरबेस के दौरे पर हैं। ***** वीके/एमके/वाईबी |
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गाइडेड पिनाका का सफल प्रक्षेपण |
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गाइडेड पिनाका के रूप में परिवर्तित किये गये पिनाका रॉकेट का चांदीपुर के कॉम्प्लेक्स-3, आईटीआर से सफलप्रक्षेपण किया गया। पिनाका मार्क-1 से विकसित किया गया पिनाका रॉकेट मार्क-2 दिशा सूचक, निर्देशिका औरनियंत्रण उपकरण से सुसज्जित है और इसे एक गाइडेड पिनाका में परिवर्तित किया गया है। इस परिवर्तन सेपिनाका की मारक क्षमता और सटीकता बढ़ी है। प्रक्षेपण के दौरान यह मिशन के सभी उद्देश्यों पर खरा उतरा।चांदीपुर के राडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल और टेलीमैट्री प्रणालियों से पूरे उड़ान पथ पर यान की निगरानी की गई थी।गाइडेड पिनाका एआरडीई, पुणे, आरसीआई, हैदराबाद और डीआरडीएल, हैदराबाद द्वारा संयुक्त रूप सेविकसित की गई है। आईटीआर, चांदीपुर द्वारा प्रक्षेपण सहायता उपलब्ध कराई गई थी। एआरडीई पुणे, के निदेशक डॉ. के. एम. राजन, आरसीआई हैदराबाद के निदेशक श्री बी.एच.वी.एस. नारायणमूर्ति, आईटीआर, चांदीपुर के निदेशक श्री डॉ. बी.के. दास और पीएक्सई, चांदीपुर के निदेशक श्री आर. अप्पायुराज नेप्रक्षेपण कार्य की निगरानी की। प्रक्षेपण के दौरान सैन्य बल की एक टीम और रक्षा मंत्री के सुरक्षा सहायक डॉ. जी. सतीश रेड्डी भी उपस्थित थे। रक्षा मंत्री श्री मनोहर पर्रिकर ने सफल प्रक्षेपण के लिए डीआरडीओ, उद्योग और सेना को बधाई दी। एसीई केमहानिदेशक श्री पी.के. मेहता, रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग में सचिव डॉ. एस. क्रिस्टोफर और डीआरडीओके अध्यक्ष ने सफल प्रक्षेपण में भागीदार सभी टीमों को भी बधाई दी। ***** |
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हरियाणा के रोहतक में ‘डिजिटल इंडिया के लिए युवा’ थीम के साथ चार दिवसीय राष्ट्रीय युवा महोत्सव का शुभारंभ |
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आज हरियाणा के रोहतक में ‘डिजिटल इंडिया के लिए युवा’ थीम के साथ 21वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का शुभारंभ हुआ। इस चार दिवसीय महोत्सव के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए देश भर के उन युवाओं को संबोधित किया, जो इस आयोजन में भाग लेने के लिए रोहतक आए हुए हैं। इस समारोह का उद्घाटन केन्दीय युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विजय गोयल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के साथ किया। हरियाणा के खेल मंत्री श्री अनिल विज और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इस अवसर पर श्री विजय गोयल ने स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि दी और कहा कि वर्ष 1985 से ही भारत सरकार उनके जन्म दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मना रही है, क्योंकि उनका जीवन और उपदेश इस देश के करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि इस साल महोत्सव की थीम ‘डिजिटल इंडिया के लिए युवा’ है, जो भारत सरकार द्वारा डिजिटलीकरण एवं कौशल विकास पर दिए जा रहे विशेष बल की खास अहमियत को दर्शाती है। यह थीम ‘युवा की अगुवाई में विकास’ से संबंधित प्रधानमंत्री के विजन के लिए घोषित राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर होने की बात को भी दर्शाती है। श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में सरकार ने एकजुट, मजबूत एवं आधुनिक भारत के निर्माण का मिशन शुरू किया है। उन्होंने कहा कि ‘डिजिटल इंडिया’ और कौशल विकास पहल का उद्देश्य भारत को डिजिटल ढंग से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में तब्दील करना है। 500 रुपये एवं 1000 रुपये के करेंसी नोटों को बंद किये जाने का उल्लेख करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि काले धन, आतंकवादियों को धन प्रवाह और नकली नोटों की समस्या से निजात दिलाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि पैसे के लेन-देन के डिजिटल तरीकों का उपयोग करके भारत को लेस कैश सोसायटी में तब्दील करने में युवा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। महोत्सव में भाग ले रहे विभिन्न राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के लगभग 5000 युवा प्रतिनिधि इस दौरान अपने ज्ञान का संवर्धन करेंगे और अपने-अपने अनुभवों को साझा करेंगे। ***** वीके/आरआरएस/वाईबी-126 |
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भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत 11.01.2017 को 52.56 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल रही |
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पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीनस्थ पेट्रोलियम नियोजन एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) द्वारा आज संगणित/प्रकाशित सूचना के अनुसार भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीनस्थ पेट्रोलियम नियोजन एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) द्वारा आज संगणित/प्रकाशित सूचना के अनुसार भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत 11 जनवरी, 2017 को 52.56 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल दर्ज की गई। यह 10 जनवरी, 2017 को दर्ज कीमत 53.22 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से कम है। रुपये के संदर्भ में भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की कीमत 11 जनवरी, 2017 को घटकर 3586.13 रुपये प्रति बैरल हो गई, जबकि 10 जनवरी, 2017 को यह 3622.66 रुपये प्रति बैरल थी। रूपया 11 जनवरी, 2017 को कमजोर होकर 68.23 रुपये प्रति अमेरिकी डॉलर के स्तर पर बंद हुआ, जबकि 10 जनवरी, 2017 को यह 68.06 रुपये प्रति अमेरिकी डॉलर था। इस संबंध में विस्तृत ब्यौरा नीचे तालिका में दिया गया है:-
कच्चे तेल की दैनिक कीमत - 11.01.2017 *** |
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राज्य मंत्री श्री हंसराज गंगाराम अहीर ने जम्मू-कश्मीर में खेलों को प्रोत्साहन दिए जाने की समीक्षा की |
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गृह राज्य मंत्री श्री हंसराज गंगाराम अहीर ने आज यहां राज्य खेल परिषद के साथ एक बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर में विभिन्न खेलों को प्रोत्साहन दिए जाने की समीक्षा की। श्री अहीर ने परिषद से राज्य में विभिन्न खेलों को प्रोत्साहन में तेजी लाने की संभावनाएं तलाशने को कहा। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि विभिन्न खेल संगठनों, परिषद और केन्द्रीय एवं राज्य प्राधिकरणों द्वारा अपने-अपने खेलों में दिग्गज माने जाने वाले खिलाडि़यों और विभिन्न खेलों के विजेताओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि खिलाडि़यों को पुरस्कार एवं प्रचार संबंधी अन्य सुविधाएं दी जा सकती हैं। राज्य मंत्री ने इस बात का भी उल्लेख किया कि खेल के मैदानों और इंडोर स्टेडियम के रूप में बुनियादी ढांचे के विकास के अलावा परिषद को राज्य के नवोदित खिलाडियों को खेल उपकरण भी मुहैया कराए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय इसके लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेगा। ***** |
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डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्वयंसेवी एजेंसियों की स्थाई समिति (स्कोवा) की 29वीं बैठक की अध्यक्षता की |
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केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां स्वयंसेवी एजेंसियों की स्थाई समिति (स्कोवा) की 29वीं बैठक की अध्यक्षता की। स्कोवा की यह बैठक कार्मिक लोक, शिकायत और पेंशन मंत्रालय के पेंशन तथा पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा आयोजित किया गया है। इस तरह की पिछली बैठक 27 जून, 2016 को हुई थी। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आज का संवाद बहुत सार्थक और प्रेरित करने वाला रहा। यह कार्मिक तथा पेंशन कल्याण विभाग के काम को दिखाता है। उन्होंने कहा कि देश में लगभग 50-55 लाख पेंशनभोगी हैं और 88 प्रतिशत पेंशन खाते आधार से जोड़ दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर 9000 रुपए प्रति व्यक्ति कर दिया है और अनुग्रह राशि 10-15 लाख रुपए से बढ़ाकर 25-35 लाख रुपए कर दी गई है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमें सेवानिवृत्त कर्मचारियों के ज्ञान, अनुभव तथा प्रयासों का बेहतर इस्तेमाल करने के लिए संस्थागत व्यवस्था करने की आवश्यकता है। इससे वर्तमान परिस्थिति में मूल्यवर्द्धन होगा। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारी भारत के लिए स्वस्थ और उत्पादक कार्यबल हैं और हमें सेवानिवृत्त कर्मचारियों की ऊर्जाओं का उत्पादक दिशा में इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा हमें पेंशनभोगियों के अनुभव से सीखना चाहिए। पेंशन तथा पेंशनभोगी कल्याण विभाग को ऐसा बनना चाहिए ताकि पेंशनभोगी राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया का हिस्सा बन सकें। बैठक में स्कोवा की 28वीं बैठक के कार्य रिपोर्ट पर चर्चा हुई। इसमें पेंशनभोगियों से संबंधित विभिन्न विषयों पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ। इनमें 2006 से पहले के पेंशनभोगियों का पीपीओ संशोधन, गैर-सीजीएचएस क्षेत्र के निवासियों सहित पेंशनभोगियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना, सैनिकों की विधवाओं के लिए अधिक परिवारिक पेंशन, पीएंडटी पेंशनभोगियों के लिए सीजीएचएस सुविधाएं तथा सीजीएचएस स्वास्थ्य केंद्र देहरादून से संबंधित विषय शामिल हैं। डॉ. जितेंद्र सिंहने पेंशनभोगियों की शिकायतों के शीघ्र और समयबद्ध समाधान का निर्देश दिया और कहा कि हमें पेंशनभोगियों के प्रति हमदर्दी की भावना रखनी चाहिए। इस अवसर पर पेंशन तथा पेंशनभोगियों कल्याण सचिव श्री सी.विश्वनाथ तथा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में पेंशनभोगी एसोसिएशनों के सदस्य तथा भारत सरकार के महत्वपूर्ण मंत्रालयों/विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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विधि आयोग ने कानूनी फर्मों को अपने कार्य में लगाने से इंकार किया |
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भारत के विधि आयोग ने कहा है कि कुछ समाचार पत्रों और ई-पत्रिकाओं में विधि आयोग के कार्य में कानूनी फर्मों को लगाने संबंधी खबरें प्रकाशित हुई हैं। आयोग स्पष्ट करना चाहेगा कि अनेक अधिवक्ता, रिसर्च एसोसिएट, अकादमिक संस्थान, लॉ स्कूलों की फैकल्टी के सदस्य समय-समय पर आयोग के साथ जुड़ने का अनुरोध करते हैं और कार्य से संबंधित अपना वर्किेंग पेपर प्रस्तुत करते हैं। आयोग अपने अधिदेश से कार्य करता है और कार्याधिकार के पैरा 5 के अनुसार आयोग से यह आशा की जाती है कि वह प्रतिष्ठित विधि विश्वविद्यालयों/लॉ स्कूलों तथा नीति शोध संस्थानों के साथ साझेदारी का कार्य विकसित करेगा। इसको देखते हुए आयोग ऐसे संस्थानोंसे कोई भी अकादमिक कार्य स्वीकार करने के लिए तैयार रहता है, लेकिन किसी भी शोध संस्थान के साथ इस तरह की समझदारी का अर्थ यह नहीं कि आयोग अपने कार्यों के लिए किसी तीसरे पक्ष को लगा रहा है। आयोग यह भी स्पष्ट करता है कि आयोग ने अपनी कोई भी परियोजना किसी को नहीं दी है। इसलिए आयोग के कर्तव्य निर्वहन में किसी दूसरे को लगाने से संबंधित खबर गलत और बेबुनियाद है।
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विमुद्रीकरण से आतंक को मिलने वाले धन, हवाला कारोबार और मानव तस्करी में कमी आई: रवि शंकर प्रसाद |
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केंद्रीय विधि, न्याय और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सरकार के 8 नवंबर के विमुद्रीकरण के फैसले से आतंक, धन पोषण, हवाला कारोबार, सुपारी हत्या और मानव तस्करी विशेषकर नेपाल तथा पूर्वोत्तर की युवतियों की योण शोषण के लिए जैसी तस्करी की घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने कहा कि सरकार टैक्स आधार को व्यापक बनाने के लिए कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएगी। उन्होंने कहा कि टैक्स आधार बढ़ाए बिना विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अरुण जेटली के पास विकास कार्यों के लिए सिर्फ पांच लाख करोड़ रुपए हैं। यह बढ़ना चाहिए। नई दिल्ली में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, इंडियन वोमेन प्रेस कोर और सुप्रीम कोर्ट लायर्स कॉंफ्रेंस द्वारा आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि एकता और अखंडता की दृष्टि से पहले से अधिक मजबूत नया भारत उभर रहा है। यह भारत जाति, पंथ और धर्म की सीमा को पार करते हुए उभर रहा है। भारत के भूतपूर्व प्रधान न्यायामूर्ति एम.एन. वेंकटचेलैया ने मौलिक कर्तव्यों और आर्थिक तथा न्यायिक सुधारों पर संगोष्ठी की अध्यक्षता की। उन्होंने बेहतर भारत बनाने के लिए युवाओं की शिक्षा पर बल दिया। श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सरकारें आती-जाती रहती हैं। हमारी सरकार परिवर्तनकारी सरकार है और टैक्नोलॉजी उपकरण सुशासन में सक्रिय रूप में भूमिका निभा रहे हैं। आज 110 करोड़ आधार कार्ड और 104 करोड़ मोबाइल कनेक्शन हैं। डिजिटल गवर्नर का अर्थ तेजी से कार्य संपादित करना है और आज ग्रमीण क्षेत्रों में गरीब और अशिक्षित लोग भी नए विश्वास के साथ टैक्नोलॉजी अपना रहे हैं। उन्होंने राजस्थान में अलवर के स्कूल में गणित शिक्षक इमरान खान का उदाहरण दिया। इमरान खान के मोबाइल एप से 40 लाख बच्चों को फायदा हुआ। श्रीप्रसाद ने तेलंगना की बीड़ी कर्मी सतामा देवी द्वारा दुबई में अपने पोते से बातचीत करने के लिए स्काइप के उपयोग के बारे में सीखने का भी उदाहरण दिया। श्री प्रसादने कहा कि वर्तमान सरकार में ऐसे नेता हैं जो आपातकाल के दिनों में छात्र गतिविधियों में शामिल रहे हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार न्यायापालिका की स्वतंत्रता को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने अवसंरचना तथा न्यायिक नियुक्तियों से जुड़े विषयों को स्वीकार करते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में 1999 के बाद उच्च न्यायापालिका में सबसे अधिक 126 नियुक्तियां हुई हैं। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय के 131 न्यायाधीशों की पुष्टि की गई है। सेमिनार में वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. कर्ण सिंह, लोक सभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस.वाई. कुरैशी, बीएसएफ के पूर्व प्रमुख प्रकाश सिंह, पूर्व राज्यपाल ए.आर. कोहली, आईडब्ल्यूपीसी अध्यक्ष सुष्मा रामचंद्रन, अधिवक्ता अशोक अरोड़ा तथा पीसीआई के महासचिव विनय कुमार भी उपस्थित थे।
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बिहार में नारियल से जुड़ी योजनाओं को लागू करने के लिए 2014 से लेकर कुल 409.06 लाख रुपए नारियल विकास बोर्ड द्वारा मंजूर किए गए हैं: श्री राधा मोहन सिंह |
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किसान प्रशिक्षण केन्द्र राज्य में नारियल की खेती और उद्योग को मज़बूत बनाने में मदद करेगा: श्री सिंह
नारियल विकास बोर्ड का 37 वा स्थापना दिवस
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि केन्द्र सरकार बिहार में नारियल की खेती और इससे जुड़ी गतिविधियों को आगे बढ़ाने लिए कटिबद्ध है। श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि बिहार में नारियल से जुड़ी योजनाओं को लागू करने के लिए 2014 से लेकर कुल 409.06 लाख रुपए नारियल विकास बोर्ड द्वारा मंजूर किए गए हैं। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने यह बात आज नारियल विकास बोर्ड के 37वें स्थापना दिवस के अवसर पर पटना के वेटरेनरी कॉलेज में नारियल विकास बोर्ड के ‘किसान प्रशिक्षण केन्द्र एवं क्षेत्रीय कार्यालय भवन’ के शिलान्यास के मौके पर कही। नारियल विकास बोर्ड की स्थापना 12 जनवरी 1981 को हुई थी।
श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि वर्ष 2009 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिश के आधार पर नारियल विकास बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय पटना, बिहार से गुवाहटी, असम में अंतरित कर दिया गया। केन्द्रीय सरकार बनने के बाद बिहार की नारियल उत्पादन क्षमता को ध्यान में रखते हुए केन्द्रीय टीम गठित की गयी। इस टीम ने पटना में बोर्ड का नया एवं चौथा क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने की संस्तुति की जिस पर नारियल विकास बोर्ड ने दिनांक 30.01.2015 को संपन्न 119 वीं बोर्ड बैठक में सहमति व्यक्त की ।
श्री सिंह ने कहा कि भारत नारियल के उत्पादन और उत्पादकता में विश्व में अग्रणी देश हैं। देश में 16 राज्यों और तीन संघ शासित क्षेत्रों में 21.4 लाख हेक्टर क्षेत्र में नारियल की खेती की जाती है। नारियल की खेती, प्रसंस्करण, विपणन और व्यापार संबंधी गतिविधियों से एक करोड से अधिक परिवार अपनी आजीविका चलाते हैं। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार में 14,900 हेक्टर में नारियल की खेती होती है और नारियल का उत्पादन 14.138 करोड है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि उत्तर बिहार का कोसी क्षेत्र जिसमें कोसी नदी के दोनों तरफ के इलाके आते हैं, नारियल की खेती के लिए उपयुक्त है। अनुमान है कि बिहार में विशेषकर उत्तर बिहार में तकरीबन 50000 हेक्टर क्षेत्र में सिंचित स्थिति में नारियल की खेती की जा सकती है।
श्री राधा मोहन सिंह कहा कि नारियल विकास बोर्ड का लक्ष्य है कि नारियल किसानों को नारियल के उत्पादन, प्रसंकरण, विपणन और नारियल एवं मूल्यवर्धित उत्पादों के निर्यात में सहायता देकर भारत को नारियल के उत्पादन, उत्पादकता, प्रसंस्करण एवं निर्यात में अग्रणी बनाना। बिहार नारियल की खेती के गैर पारंपरिक क्षेत्रों में आता है और राज्य में नारियल क्षेत्र के विकास को बोर्ड विशेष ध्यान देता है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि पटना में क्षेत्रीय कार्यालय भवन के निर्माण के साथ ही किसान प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की भी पहल की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसान प्रशिक्षण केन्द्र किसानों को कौशल विकास दिलाने के लिए है और यह केन्द्र राज्य में नारियल की खेती और उद्योग को मज़बूत बनाने में मदद करेगा।
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प्रधानमंत्री ने स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन पर उन्हें श्रदांजलि अर्पित की |
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन पर उन्हें श्रदांजलि अर्पित की है ।
प्रधानमंत्री ने कहा “हम महान स्वामी विवेकानंद को नमन करते हैं और उनके सशक्त विचारों औरआदर्शों का स्मरण करते हैं, जो पीढि़यों की सोच का निरंतर निर्धारण करते रहेंगे।”
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रोहतक में राष्ट्रीय युवा महोत्सव के उद्घाटन समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित प्रधानमंत्री के भाषण का मूल पाठ |
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मंचस्थ सभी गण्यमान्य अतिथि और मेरे प्यारे नौजवान दोस्तों, आप सभी को 21वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव कीबहुत-बहुत बधाई। समय की कमी की वजह से मैं रोहतक में खुद मौजूद नहीं हूं लेकिन मैं जो तस्वीरें देख पा रहाहूं, उससे लग रहा है कि जैसे आज ये महोत्सव भी 21 वर्ष का युवा हो गया है। देश के अलग-अलग कोने से आएमेरे नौजवान साथियों के चेहरे पर इतनी ऊर्जा दिखाई दे रही है, जैसे आज रोहतक में युवा महोत्सव के साथ हीप्रकाश महोत्सव भी मनाया जा रहा है।
आज राष्ट्रीय युवा दिवस है। स्वामी विवेकानंद जी की जन्मजयंती। मैं आप सभी के माध्यम से देश के हरनौजवान को इस विशेष दिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूं। स्वामी विवेकानंद इस बात का सबसेउत्तम उदाहरण हैं कि अल्प अवधि में भी कितना कुछ हासिल किया जा सकता है। उनका जीवन बहुत कमसमय का था। स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति के असीम प्रेरक हैं। स्वामी विवेकानंद कहते थे- हमारे देश कोइस समय आवश्यकता है लोहे की तरह ठोस मांसपेशियों और मजबूत स्नायु वाले शरीरों की। आवश्यकता हैइस तरह की दृढ़ इच्छा-शक्ति-संपन्न युवाओं की।
स्वामी विवेकानंद ऐसे युवाओं का निर्माण करना चाहते थे जिनमें बिना भेद-भाव के एक दूसरे के प्रति प्रेम वविश्वास हो। युवा वह होता है, जो बिना अतीत की चिंता किए अपने भविष्य के लक्ष्यों की दिशा में कामकरता है। आप सभी युवा जो काम आज करते हैं, वही तो कल जाकर देश का भविष्य बन जाता है।
साथियों, आज देश के 80 करोड़ से ज्यादा लोगों की आयु इस समय 35 वर्ष से कम है। स्वामी विवेकानंद केबताए मार्ग पर चलकर के आज भारत में एक ऐसे युग की शुरुआत करने की क्षमता है, जो विश्वगुरू बनसकता है।
आज मेरे जो नौजवान साथी इस वक्त रोहतक में हैं, उनके लिए हरियाणा की ये धरती भी बहुत प्रेरणादाई है।हरियाणा की ये धरती वेदों की है, उपनिषदों की है, गीता की है। ये वीरों की कर्म वीरों की है, जय जवान-जयकिसान की धरती है। ये सरस्वती की पावन धरा है। अपनी संस्कृति, अपने मूल्यों को सहेजकर आगे बढ़ने कालगातार प्रयास, ये इस धरती से सीखा जा सकता है।
मुझे खुशी है कि इस बार राष्ट्रीय युवा महोत्सव की THEME है- YOUTH FOR DIGITAL INDIA...। इसमहोत्सव के माध्यम से युवाओं को रोजमर्रा की जिंदगी में डिजिटल तरीके से लेन-देन की ट्रेनिंग दी जाएगी।मेरी इस महोत्सव में ट्रेनिंग लेने वाले हर युवा से अपील है कि जब वो यहां से ट्रेनिंग लेकर जाएं तो अपनेआसपास के कम से कम 10 परिवारों को डिजिटल ट्रांजेक्शन करना सिखाएं। LESSCASH अर्थव्यवस्थाबनाने में आप सभी युवाओं की बहुत बड़ी भूमिका है। देश को कालेधन और भ्रष्टाचार से मुक्त कराने कीलड़ाई में ये आप लोगों का महत्वपूर्ण योगदान होगा।
इस वर्ष राष्ट्रीय युवा महोत्सव का शुभांकर बेटी के रूप में चुना गया है। दुलार से इसे नाम दिया गया है‘‘म्हारी लाडो’’। इस महोत्सव के माध्यम से ‘‘बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ’’ अभियान के बारे में जागरूकताबढ़ाने का प्रयास बहुत ही सराहनीय है। हरियाणा से ही केंद्र सरकार ने ‘‘बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ’’ अभियानकी शुरुआत की थी। इस अभियान का इस क्षेत्र में बड़ा असर दिख रहा है। बदलाव की शुरुआत हुई है। SEX RATIO में काफी बदलाव आया है। पूरे देश के लिये ये बदलाव बढ़ रहा है। मैं हरियाणा के लोगों को इसके लिएखास तौर पर बधाई देता हूं। ये दर्शाता है कि जब लोग ठान लेते हैं तो असंभव भी संभव हो जाता है। मुझेउम्मीद है कि जल्द ही पूरे देश के लिये गौरवपूर्ण स्थिति हरियाणा निर्माण करके दिखाएगा।
हरियाणा के भविष्य को संवारने में यहाँ का युवा वर्ग एक बड़ी भूमिका निभा रहा है। हरियाणा के युवाखिलाड़ियों ने अनेक अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में पदक हासिल कर सदा-सर्वदा पूरे देश का मान बढ़ाया है।
पूरे देश में विकास की नई बुलंदियों को छूने के लिए युवा शक्ति के और अधिक योगदान की आवश्यकता है।भारत का लक्ष्य अपने युवकों को, इस सदी को भारत की सदी बनाने के लिए क्षमताएं एवं कौशल प्रदानकरना है।
दोस्तों, राष्ट्रीय युवा महोत्सव आप सभी को अपनी प्रतिभा के प्रर्दशन के लिए एक मंच प्रदान करता है।अलग-अलग सांस्कृतिक परिवेश से आए हुए आप सभी नौजवानों को यहां एक दूसरे को जानने का समझनेका मौका मिलेगा। यही तो एक भारत-श्रेष्ठ भारत का वास्तविक अर्थ है। अभी थोड़ी देर पहले ही युवामहोत्सव में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सांस्कृतिक दलों का मार्च पास्ट निकाला गया है। एक भारत-श्रेष्ठ भारत एक प्रयास है देश की सांस्कृतिक विविधता को एक सूत्र में पिरोने का। हमारे देश मेंभाषाएं भले अलग-अलग हों, खान-पान अलग-अलग हों, रहने का तरीका अलग-अलग हो, रीति-रिवाजअलग-अलग हों, लेकिन आत्मा एक ही है। उस आत्मा का नाम है - भारतीयता। और इस भारतीयता के लियेमैं और आप हम सब गर्व करते हैं।
एक राज्य के नौजवान दूसरे राज्य के युवाओं से मिलेंगे तो उन्हें भी नया अनुभव होगा, एक दूसरे के प्रतिसम्मान बढ़ेगा, समझ बढ़ेगी। लोग जब साथ रहते हैं, मिलते-जुलते हैं तो समझ आता है कि ये खान-पानऔर भाषाई अंतर सतही हैं। गहराई से देखें तो स्पष्ट होता है कि हमारे मूल्य, हमारी मानवीयता, हमारा दर्शनएक जैसा ही है।
दोस्तों, एक भारत-श्रेष्ठ भारत के तहत दो अलग-अलग राज्यों में एक साल के लिए partnership कराई गईहै। इस वर्ष हरियाणा ने तेलंगाना के साथ अपनी partnership की है। दोनों राज्यों में किन विषयों पर परस्परसहयोग होगा, इसके लिए Action Points भी बनाए गए हैं। मुझे उम्मीद है कि आज हरियाणा में तेलंगाना सेआए छात्रों को विशेष रूप से बहुत कुछ जानने-सीखने को मिलेगा।
एक भारत-श्रेष्ठ भारत सिर्फ एक योजना नहीं है। इसे एक जनआंदोलन की तरह आगे बढ़ाया जा रहा है औरये तभी कामयाब होगी, जब देश के युवाओं का भरपूर साथ मिलेगा।
मेरे नौजवान साथियों, इस वर्ष देश पंडित दीन दयाल उपाध्याय की शताब्दी मना रहा है। देश के नौजवानों केलिए पंडित जी का मंत्र था- चरैवति-चरैवति, चरैवति यानी चलते रहो, चलते रहो, रुकना नहीं है, थमना नहीं, राष्ट्र निर्माण के पथ पर चलते जाना है।
टेकॉनोलॉजी के इस दौर में आज देश के नौजवानों को थ्री C’s पर ध्यान केंद्रित करना होगा। मैं जब थ्री C’s की बात करता हूं तो मेरा मतलब है पहला सी COLLECTIVITY, दूसरा सी CONNECTIVITY औरतीसरा सी CREATIVITY...। COLLECTIVITY सामूहिकता जब तक कि हम संगठित शक्ति नहीं बनतेहैं, हम भेद भाव को मिटाकर के भारतीय एकत्र नहीं होते हैं, COLLECTIVITY ताकत बहुत बड़ी ताकतहोती है। दूसरी बात है CONNECTIVITY देश युग बदल चुका है। टेक्नोलॉजी ने पूरे विश्व को बहुत छोटाबना दिया है। पूरा विश्व आपकी हथेली में आपके हाथ में होता है। CONNECTIVITY समय की मांग है।हम CONNECTIVITY दृष्टि से Technology के साथ-साथ हमारे मानवीय मूल्यों को भी बल देते चलेंगे।और तीसरा सी मैंने कहा CREATIVITY नये विचार, नए INNOVATION, पुरानी समस्याओं के नएसमाधान करने के लिये नये तरीके और यही तो युवाओं से अपेक्षा रहती है। जिसपर CREATIVITY खत्महो जाती है। INNOVATION खत्म हो जाता है। नयापन अटक जाता है एक प्रकार से जिंदगी ठहर जाती है।और इसलिये हमारे भीतर CREATIVITY को जितना अवसर दें हमें देते रहना चाहिए।
इसलिए एक दूसरे से संपर्क करिए, सामूहिक जिम्मेदारी निभाना सीखिए और नए विचारों पर काम करिए।अपने नए विचारों को ये सोचकर समाप्त मत होने दीजिए कि ये तो बहुत छोटे हैं या फिर दूसरे लोग क्याकहेंगे। याद रखिए कि दुनिया में ज्यादातर बड़े और नए विचारों को पहले खारिज ही किया गया है। जो भीमौजूदा सिस्टम होता है, वो नए विचारों का विरोध करता है। लेकिन मुझे विश्वास है कि हमारे देश कीयुवाशक्ति के आगे ऐसा हर विरोध ठंडा पड़ जाएगा।
साथियों, आज से पचास से भी ज्यादा वर्ष पूर्व एकात्म मानववाद पर बोलते हुए पंडित दीन दयाल उपाध्यायने जो कहा था, उसमें भी देश के युवाओं के लिए बड़ा संदेश है। दीन दयाल उपाध्याय जी ने राष्ट्र निर्माण औरदेश में मौजूद बुराइयों से लड़ने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था-
“हमें अनेक रूढ़ियां खत्म करनी होंगी। बहुत से सुधार करने होंगे। जो हमारे मानव का विकास और राष्ट्र कीएकात्मता की वृद्धि में पोषक हों, वह हम करेंगे और जो बाधक हो, उसे हटाएंगे। ईश्वर ने जैसा शरीर दिया है, उसमें मीनमेख निकालकर अथवा आत्मग्लानि लेकर चलने की आवश्यकता नहीं है। पर शरीर में फोड़ा होनेपर उसका ऑपरेशन तो आवश्यक है। सजीव और स्वस्थ अंगों को काटने की जरूरत नहीं है। आज यदिसमाज में छुआछूत और भेदभाव घर कर गए हैं, जिसके कारण लोग मानव को मानव समझकर नहीं चलतेऔर जो राष्ट्र की एकता के लिए घातक सिद्ध हो रहे हैं, हम उनको खत्म करेंगे”।
पंडित जी का ये आह्वान आज भी उतनी ही अहमियत रखता है। आज भी देश में छुआछूत है, भ्रष्टाचार है, कालाधन है, अशिक्षा है, कुपोषण है। इन सभी बुराइयों को खत्म करने के लिए देश के युवा को अपनी शक्तिझोंकनी होगी। अभी कुछ दिनों पहले सरकार ने कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इसकार्रवाई को जितना समर्थन मेरे नौजवान दोस्तों ने दिया है, वो इस बात का सबूत है कि समाज में व्याप्तबुराई को मिटाने की आप सभी में कितनी जबरदस्त इच्छाशक्ति है। इसलिए जब मैं कहता हूं मेरा देश बदल रहा है, तो उसके पीछे आपके प्रयास होते हैं। देश के अलग-अलगहिस्सों में हजारों-लाखों नौजवान अपनी-अपनी तरह से सामाजिक कुरितियों और चुनौतियों से लड़ रहे हैं।यही नहीं, वो ऐसे-ऐसे नए विचार सामने ला रहे हैं कि मैं उन्हें नमन किए बिना नहीं रह पाता।
अभी कुछ दिनों पहले मन की बात में मैंने एक बिटिया का जिक्र किया था जिसने ये आइडिया दिया कि शादीमें मेहमानों को रिटर्न गिफ्ट के तौर पर आम के पेड़ दिए जाएंगे। पर्यावरण को बचाने के लिए ये कितनाअद्भुत तरीका है।
इसी तरह एक इलाके में लोग कूड़े के डिब्बों की कमी से बहुत परेशान थे। ऐसे में वहां के नौजवानों ने मिलकरकूड़े के डिब्बों को एडवर्टाइजिंग से जोड़ दिया। अब वहां की सड़कों पर आपको हर जगह कूड़े के डिब्बे नजरआएंगे जिन पर विज्ञापन भी होगा। अब वहां कूड़े के डिब्बों को dustbin नहीं adbin बोलते हैं।
ऐसे भी नौजवान हैं जिन्होंने पिछले ही महीने relay format में सिर्फ 10 दिन में लगभग 6 हजार किलोमीटरसायकिल चलाकर “Golden Quadrilateral challenge” को पूरा किया है। इनका सूत्रवाक्य बहुत अच्छा है- “Follow the Rules & India will Rule”।
हमारे देश में ऊर्जा से भरे हुए ऐसे नौजवान हर कोने में उपस्थित हैं। कोई पहाड़ों से निकलने वाले छोटे झरनोंसे बिजली बना रहा है, कोई कूड़े से घर निर्माण की चीजें बना रहा है, कोई टेक्नोलॉजी के माध्यम से दूर-दराजवाले इलाके में मेडिकल सुविधा उपलब्ध करा रहा है, कोई सूखाग्रस्त इलाके में किसानों के लिए पानी बचानेके संसाधन जुटा रहा है। ऐसे लाखों युवा राष्ट्र निर्माण के लिए दिन रात एक कर रहे हैं।
ऐसे हर ऊर्जावान युवा के लिए मैं स्वामी विवेकानंद जी का संदेश फिर दोहराना चाहूंगा। उठो, जागो और जबतक लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होती, रुको मत।
उठो का मतलब है शरीर को चैतन्यमय करो, शरीर को ऊर्जावान बनाओ, शरीर को फिट रखो। कई बार ऐसाभी देखा गया है कि लोग उठ तो जाते हैं लेकिन जागृत नहीं होते। इस वजह से वो स्थिति का सही आकलननहीं कर पाते। इसलिए उठने के साथ ही जागृत होना भी आवश्यक है। जब तक लक्ष्य प्राप्ति ना हो, रुकोमत...में भी बड़ा संदेश है। पहले तो स्पष्ट ध्येय का होना ही बहुत आवश्यक है। जब यही नहीं तय होगा कि जाना कहां है, तो फिर ये कैसे तय हो पाएगा कि किस दिशा की और जाने वालीगाड़ी में बैठना है। इसलिए जब लक्ष्य तय हो जाए, तो फिर उसकी प्राप्ति के लिए बिना रुके , बिना थके प्रयासकरते रहो।
मेरे दोस्तों, मेरे सामने आप सब देश की बौद्धिक ताकत के तौर पर मौजूद है। आज आवश्कता है युवाओं कीउर्जा का रचनात्मक प्रयोग करने की। आज आवश्कता है युवाओं को दिगभ्रमित होने से बचाने की। आजआवश्कता है युवाओं को नशे और अपराध से दूर रखने की। आप चिंतन एवं मंथन करके नई राह बनाएं, नईमंजिलें हसिल करें। आपके सामने संभावनाओं का खुला आकाश है।
आज आवश्यकता है कि युवा सेवा की बेजोड़ मिसाल बनें। उनके चरित्र में ईमानदारी व निष्पक्षता हो। हरचुनौती का सामना करने का ज़ज्बा हो। उन्हें अपनी गौरवशाली विरासत पर गर्व हो। उनका आचरण एवंचरित्र नैतिक मूल्यों पर आधारित हो। इस पर इसलिए जोर दे रहा हूं, क्योंकि लक्ष्य पाना जितना मुश्किल है, उतना ही आसान लक्ष्य से भटकना होता है।
सुखी-संपन्न जीवन की आकांक्षा रखना सही है लेकिन इसी के साथ समाज और देश के प्रति जिम्मेदारी कोभी समझना आवश्यक है। मैं आपको 1,2,3,4,5,6 यानि 6 चुनौतियों के बारे में बताता हूं जिनसे निपटना बहुतही जरूरी है। 1.समाज के प्रति अज्ञान 2.समाज के प्रति असंवेदना 3.समाज के प्रति घिसी-पिटी सोच 4.जाति-समुदाय के विचार से ऊपर उठने की अक्षमता 5.माताओ-बहनों-बेटियों से दुर्व्यवहार 6.पर्यावरण के प्रति लापरवाही, गैर जिम्मेदार दृष्टिकोण इन 6 चुनौतियों को आज के नौजवानों को ध्यान में रखना होगा, उन्हें परास्त करने का प्रयास करना होगा।आप जहां भी रहें, जिस भी क्षेत्र में काम करें, वहां इन चुनौतियों के बारे में अवश्य सोचें, उन्हें दूर करने कीकोशिश करें।
आप सभी युवा tech-savvy हैं । आप सभी युवाओं को ये सन्देश जन-जन तक पहुँचाना है कि समाज मेंसकारात्मक परिवर्तन कैसे आ सकता है।
आप सभी युवा उन लोगों के जीवन को छूने का प्रयास करें जो वंचित हैं-शोषित हैं। दूसरों के भविष्य को बेहतरबनाने के लिए आप सभी युवाओं को अपनी ऊर्जा और समय देना है। युवाओं की ताकत, युवाओं की ऊर्जा औरयुवाओं का जज़्बा, बदलाव लाने में और भी अधिक कारगर होता है। अब करोड़ों युवा आवाज़ों को इस देश कीआवाज़ बनकर विकास के कामों को आगे बढ़ाने में मदद करना है ।
मेरे साथियों, आप सभी नए क्षितिज को छुएं। विकास का नया विज़न तैयार करें, नई उपल्बधियां हासिलकरें। इसी शुभकामना के साथ आपको राष्ट्रीय युवा दिवस और महोत्सव की बहुत-बहुत बधाई देता हूं औरबहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूं। और स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यस्मर्ण करते हुए हमारी भीतर की ऊर्जाको लेते हुए समाज के राष्ट्र के परिवार के गांव के गरीब के किसान के भलाई के लिये अपनी जिंदगी का कुछन कुछ समय उनके लिये खपाने का संकल्प करें। देखीये जीवन में जो करने का संतोष मिलेगा उस संतोष कीजो ताकत होगी। वो संतोष स्वयं में ऊर्जा का रूप धारण कर लेगा। मेरी आपको बहुत – बहुत शुभकामना है।देश के कोने कोने से आये हुए नौजवान एक प्रकार से लघु भारत मेरे सामने है। ये लघु भारत नई प्रेरणा नयेउत्साह लेकर के गीता का ये गीता की भूमि है। जो कर्म का संदेश देती है। निष्काम कर्म योग का संदेश देतीहै। उसी को लेकर के आप चलें इसलिये मेरी इस युवा महोत्सव को बहुत बहुत शुभकामनाएं।
धन्यवाद !!!
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राष्ट्रपति ने लोहड़ी, मकर संक्रांति और पोंगल की पूर्व संध्या पर बधाई दी |
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राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने लोहड़ी (13 जनवरी, 2017), मकर संक्रांति और पोंगल (14 जनवरी, 2017) त्योहारों की पूर्व संध्या पर देशवासियों को बधाई दी है। राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा है, “लोहड़ी, मकर संक्रांति और पोंगल के पावन अवसर पर मैं देश–विदेश में रहने वाले सभी देशवासियों को हार्दिक बधाइयां और शुभकामनाएं देता हूं। लोहड़ी, मकर संक्रांति और पोंगल कटाई उपरांत हासिल होने वाली नई फसल से उत्पन्न खुशियों एवं समृद्धि को अभिव्यक्त करने वाले त्योहार हैं। मैं यह कामना करता हूं कि ये त्योहार हमारे समाज के सभी वर्गों को प्रेम, करुणा और खुशी की भावना से अभिभूत रखे। मैं यह भी कामना करता हूं कि हमारे किसानों की कड़ी मेहनत का जश्न मनाने और प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने वाले ये त्योहार सभी के जीवन में खुशियां, शांति और समृद्धि लाए। ” ***** |
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राष्ट्रपति ने कहा, “भारत वैश्विक शांति एवं स्थिरता में अहम योगदान के उद्देश्य से केन्या के साथ काम करने के प्रति आशान्वित” |
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राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने कल (11 जनवरी, 2017) राष्ट्रपति भवन में केन्या गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम श्री उहुरू केन्याता की अगवानी की। उऩ्होंने श्री केन्याता के सम्मान में भोज का आयोजन भी किया। राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने केन्या के राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि केन्या के साथ भारत के रिश्ते सदियों पुराने हैं। भारत और केन्या ने उपनिवेशवाद के खिलाफ भाइयों के रूप में एक साथ लड़ाइयां लड़ी थीं। दोनों देश लोकतांत्रिक मूल्यों और परंपराओं के प्रति आम धारणा से बंधे हुए हैं। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का केन्याई राष्ट्रपति के पिता राष्ट्रपति जोमो केन्याता के साथ एक खास रिश्ता था, जिन्होंने केन्या राष्ट्र की नींव डाली थी। राष्ट्रपति ने कहा कि जुलाई 2016 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा के दौरान राष्ट्राध्यक्षों के स्तर पर दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग की नई शुरुआत के बाद भारत और केन्या ने इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। तीन दशकों के लंबे अंतराल के बाद दोनों देशों के बीच इतने उच्च स्तर पर आदान-प्रदान हो रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि केन्या के राष्ट्रपति की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच सहयोग और ज्यादा विस्तृत एवं गहरा होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार का स्तर फिलहाल अपेक्षित संभावनाओं से कम है और दोनों देशों के बीच आपसी आर्थिक सम्पर्कों में और ज्यादा वृद्धि करने तथा विविधता लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत दोनों ही देशों के उद्योग जगत एवं कारोबारियों द्वारा स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि, समुद्री संसाधनों से जुड़ी अर्थव्यवस्था और ऊर्जा क्षेत्र में आपसी सहयोग के अवसरों की तलाश के लिए किये जा रहे प्रयासों का स्वागत करता है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा व्यक्त की गई भावनाओं से सहमति जताते हुए केन्या के राष्ट्रपति ने केन्या में रह रहे भारतीय समुदाय की भूमिका की सराहना की, जिसे उन्होंने केन्याई समाज का अभिन्न अंग बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नेहरू द्वारा प्रोत्साहित किया गया भारतीय समुदाय केन्या के स्वतंत्रता संग्राम का एक अभिन्न हिस्सा था। उन्होंने उच्चतम स्तर पर आपसी संपर्कों को और ज्यादा बढ़ाने का आह्वान किया, ताकि दोनों देशों की जनता और कारोबारी आपसी रिश्तों को नये मुकाम पर ले जाने के लिए प्रेरित हो सकें। ***** |