11-12 July 2015 Hindi

इसरोनेपांचब्रिटिशउपग्रहोंकासफलतापूर्वकप्रक्षेपणकिया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation, इसरो) ने पांच ब्रिटिश उपग्रहों को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से सूर्य समकालिक (सन-सिंक्रोनस) कक्षा में सफलता पूर्वक 10 जुलाई 2015 को स्थापित किया. अब तक की सबसे बड़ी व्यावसायिक लांचिंग करते हुए इसरो ने पीएसएलवी सी-28 (PSLV -C28) रॉकेट की मदद से यह प्रक्षेपण किया.

यह उपग्रह तीन एक समान डीएमसी3 ऑप्टिकल पृथ्वी निगरानी उपग्रह और दो सहायक उपग्रह यथा- सीबीएन टी-1 (CBNT-1) और डी ऑर्बिट-सेल (De-OrbitSail) थे. इनमें से प्रत्येक डीएमसी-3 उपग्रह का वजन 447 किलोग्राम है. इसके अलावा माइक्रो सैटेलाइट सीबीएनटी-1 का वजन 91 किलोग्राम तथा नैनो सैटेलाइट डीऑर्बिटसेल का वजन सात किलोग्राम है.
तीनों डीएमसी3 उपग्रहों को पीएसएलवी-एक्सएल के आधुनिक संस्करण का उपयोग करते हुए 647 किलोमीटर दूर सौर-समकालिक कक्षा में स्थापित किया गया.
सभी उपग्रहों का निर्माण सूरी सॅटॅलाइट टेक्नोलॉजी लिमिटेड (Surrey Satellite Technology Limited, SSTL) द्वरा किया गया. इसका वजन 1440 किलोग्राम है. 
इसरो और उसकी व्यावसायिक शाखा एन्ट्रिक्स कॉरपोरेशन द्वारा किया गया यह सबसे वजनी व्यावसायिक प्रक्षेपण है.
पीएसएलवी की यह 29वीं सफल उड़ान थी, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. इससे पहले पीएसएलवी के 28 मिशन सफल रहे और एक असफल रहा.
इससे पहले, इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद) ने 30 जून 2014 को फ्रांस के 712 किलो के उपग्रह को अंतरिक्ष में छोड़ा था.
भारत ने अपना पहला कमर्शियल व्हीकल श्रीहरिकोटा से ही 26 मई 1997 को लॉन्च किया था.
PSLV क्या है?
PSLV भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा संचालित एक सैटेलाइट सिस्टम है. भारत ने इसे अपने रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट को सन सिंक्रोनस ऑर्बिट में लॉन्च करने के लिए विकसित किया है. भारत के पहले पीएसएलवी की तकनीक सिर्फ रूस के पास थी. भारत ने इसे बेहतर ढंग से विकसित ही नहीं किया, बल्कि कई सफल लॉन्चिंग भी की है. इसी कारण से  इसे दुनिया के सबसे विश्वसनीय सैटेलाइट व्हीकल के रूप में जाना जाता है.
PSLV- C28 से संबंधित मुख्य तथ्य 
• धुव्रीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) का यह अब तक का सबसे वजनी कमर्शियल (1440 किग्रा) मिशन है.
• इस पीएसएलवी की यह 30वीं और एक्सएल वर्जन की नौवीं उड़ान है.
• इससे पहले इसरो का सबसे भारी व विदेशी कमर्शियल मिशन स्पॉट-7 मिशन था. फ्रांस के 712 किलोग्राम वजनी सैटेलाइट को 30 जून 2014 को पीएसएलवी के जरिए ही लॉन्च किया गया था.
• 44.4 मीटर लंबे और 320 किलोग्राम वजनी यह पीएसएलवी चार चरणों वाला रॉकेट है.
मुख्य उपयोग 
ये उपग्रह पृथ्वी की सतह पर रोजाना किसी भी लक्ष्य की तस्वीर ले सकते हैं. इनका मुख्य उपयोग पृथ्वी पर संसाधनों और उसके पर्यावरण का सर्वेक्षण करना, शहरी अवसंरचना का प्रबंधन करना और आपदा प्रबंधन है.
भारत की PSLV सीरीज के तहत यह 30वीं लॉन्चिंग है. अभी तक भारत 40 कमर्शि‍यल विदेशी सैटेलाइट्स लॉन्च कर चुका है.

आपातस्थितिमेंअसुरक्षितजनसंख्याविषयकेसाथविश्वजनसंख्यादिवसमनायागया

11 जुलाईविश्वजनसंख्यादिवस
लोगों को दुनियाभर में जनसंख्या से जुड़े मुद्दों के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई 2015 को मनाया गया. वर्ष 2015 के विश्व जनसंख्या दिवस का विषय ‘आपात स्थिति में असुरक्षित जनसंख्या’ रखा गया. विस्थापित लोगों की बढ़ती संख्या के मद्देनज़र यह विषय चुना गया. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार-विस्थापित लोगों की संख्या 60 लाख है.

पृष्ठभूमि
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के संचालन परिषद ने वर्ष 1989 में अपने एक निर्णय (89/46) के माध्यम से 11 जुलाई को ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ के रूप में मनाने की सिफारिश की. जिसका मुख्य उद्देश्य, वैश्विक जनसंख्या के मुद्दों को समग्र विकास योजनाओं एवं कार्यक्रमों के संदर्भ में देखना एवं उसके निराकरण का प्रयास करना है. 
‘विश्व जनसंख्या दिवस’ 11 जुलाई 1987 को विश्व की जनसंख्या 5 अरब होने के बाद, जनसंख्या के प्रति लोगों को सचेत करने हेतु प्रारंभ हुआ.
वर्ष 2011 में विश्व जनसंख्या वर्ष 1950 के की तुलना में 2.5 अरब से बढ़कर 7 अरब हो गई. 
भारतमेंविश्वजनसंख्यादिवस
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की. 
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या  बढ़कर 1 अरब 21 करोड़ हो गई है. दशक 2001-11 के दौरान जनसंख्याय की वृद्धि दर 17.64 प्रतिशत रही, जबकि उससे पहले के दशक 1991-2001 के दौरान जनसंख्या0 वृद्धि दर 21.15 प्रतिशत थी. 1911-1921 दशक को छोड़कर 2001-2011 पहला दशक है जिसमें पिछले दशक की तुलना में वास्तशव में आबादी में कम वृद्धि हुई जबकि उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य1 प्रदेश, राजस्थापन, झारखंड, छत्ती्सगढ़ जैसे राज्यों  में आबादी में अधिक वृद्धि हुई.
विदित हो कि भारत विश्व का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है और यहां स्वास्थ्य, परिवार और पोषण से संबंधित कई चुनौतियां हैं. चीन विश्व का पहला सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है.
विश्वकेसर्वाधिकजनसंख्यावालेप्रथमदसदेशोंकीसूची

 

देश

जनसंख्या

क्षेत्रफल(वर्ग किमी)

चीन

1,339,190,000

9,596,960.00

भारत

1,270,272,105

3,287,590.00

अमेरिका

309,975,000

9,629,091.00

इंडोनेशिया

234,181,400

1,919,440.00

ब्राजील

193,364,000

8,511,965.00

पाकिस्तान

170,260,000

803,940.00

नाइजीरिया

170,123,000

903,768.00

बांग्लादेश

164,425,000

144,000.00

रूस

141,927,297

17,075200.00

जापान

127,380,000

377,835.00

भारत और पाकिस्तान को शंघाई सहयोग संगठन का पूर्ण सदस्य के रुप में शामिल करने का निर्णय

भारत और पाकिस्तान को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का पूर्ण सदस्य के रुप में शामिल करने का निर्णय 10 जुलाई 2015 को किया गया. भारत को एससीओ का पर्यवेक्षक 2005 में बनाया गया था. कुछ प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद तकनीकी रुप से वर्ष 2016 में भारत इसका पूर्ण सदस्य बन जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आभार व्यक्त करते हुए छह देशों वाले इस संगठन से कनेक्टिविटी बढाने, आतंकवाद से लडने और बाधाओं को दूर कर कारोबार अनुकूल वातावरण बनाने की दिशा में काम करने की पेशकश की.
भारत ने वर्ष 2014 में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) पूर्ण सदस्यता का आवेदन किया था. 
भारत की उर्जा और संसाधन की बढती जरुरतें और भारत में मौजूद एक बडा बाजार एससीओ क्षेत्र में समृद्धि लाने के लिए अहम भूमिका निभा सकता है.
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का पूर्ण सदस्य बनने के लिए इसके 6 सदस्यों- चीन, रुस, कजाखस्तान, किर्गिजस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान द्वारा सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव के मंजूरी की जरूरत होती है. रूस सुरक्षा समूह की पूर्ण सदस्यता के लिए भारत का मुख्य समर्थक था. 
शंघाई सहयोग संगठन 
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) एक क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठन है. इसकी स्थापना चीन, रूस, कज़ाख़स्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और उज़्बेकिस्तान के नेताओं द्वारा शंघाई में 15 जून 2001 को की गई थी.
अप्रैल 1996 में शंघाई में हुई एक बैठक में चीन, रूस, कज़ाकस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान आपस में एक-दूसरे के नस्लीय और धार्मिक तनावों से निबटने के लिए सहयोग करने पर राज़ी हुए थे. इसे शंघाई फ़ाइव कहा गया था. जून 2001 में चीन, रूस और चार मध्य एशियाई देशों कज़ाकस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज़बेकिस्तान के नेताओं ने शंघाई सहयोग संगठन शुरू किया और नस्लीय और धार्मिक चरमपंथ से निबटने और व्यापार और निवेश को बढ़ाने के लिए समझौता किया. शंघाई फ़ाइव के साथ उज़बेकिस्तान के आने के बाद इस समूह को शंघाई सहयोग संगठन कहा गया.
रूस, चीन, कज़ाकस्तान, किर्गिस्तान, तज़ाकिस्तान और उज़बेकिस्तान एससीओ के स्थायी सदस्य देश हैं.
शंघाई सहयोग संगठन के छह सदस्य देशों का भूभाग यूरोशिया का 60 प्रतिशत है. यहां दुनिया के एक चौथाई लोग रहते हैं.
संगठन का मुख्य उद्देश्य 
• आतंकवाद, अलगाववाद, उग्रवाद व मादक पदार्थों की तस्करी के विरुद्ध संघर्ष करना. 
• आर्थिक सहयोग, ऊर्जा के क्षेत्र में साझेदारी, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देना.
• मध्य एशिया में सुरक्षा चिंताओं के मद्देनज़र सहयोग बढ़ाना. 
एससीओ का अन्य संगठनों के साथ संबंध 
एससीओ ने संयुक्त राष्ट्र से भी संबंध स्थापित किए हैं और यह महासभा में पर्यवेक्षक है. एससीओ ने यूरोपीय संघ, आसियान, कॉमनवेल्थ और इस्लामिक सहयोग संगठन से भी संबंध स्थापित किए हैं.
शंघाई सहयोग संगठन के पर्यवेक्षक देश 
वर्ष 2005 में कज़ाकस्तान के अस्ताना में हुए सम्मेलन में भारत, ईरान, मंगोलिया और पाकिस्तान के प्रतिनिधियों ने भी पहली बार हिस्सा लिया.
भारत एससीओ में पर्यवेक्षक देश रहा है. रूस भारत को स्थायी सदस्य के तौर पर जुड़ने के लिए प्रेरित करता रहा. चीन ने भी एससीओ में भारत का स्वागत किया है. भारत ने सितंबर 2014 में एससीओ की सदस्यता के लिए आवेदन किया था. भारत 2016 तक स्थायी सदस्यता हासिल करने की प्रक्रिया में है.
पाकिस्तान भी एससीओ का पर्यवेक्षक देश है. रूस और चीन ने पाकिस्तान की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है. पाकिस्तान भी स्थायी सदस्यता हासिल करने की प्रक्रिया में है.
ईरान को भी पर्यवेक्षक देश का दर्जा प्राप्त है. हालांकि संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के कारण ईरान फिलहाल एससीओ में शामिल नहीं हो सकता है.
अमेरिका ने वर्ष 2005 में संगठन में पर्यवेक्षक देश बनने के लिए आवेदन किया था जिसे नकार दिया गया था.

पूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम ने ‘राष्ट्रीय आविष्कार अभियान’ का शुभारंभ किया

भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम ने ‘राष्ट्रीय आविष्कार अभियान’ (आरएए)  का शुभारंभ नई दिल्ली में 9 जुलाई 2015 को किया. इस अभियान का उद्देश्य बच्चों में विज्ञान एवं गणित के लिए उत्सुकता, सृजनता एवं प्रेम की भावना का समावेश करना है.

राष्ट्रीय आविष्कार अभियान (आरएए)  मानव संसाधान विकास मंत्रालय द्वारा विकसित एक विशिष्ट अवधारणा है.
राष्ट्रीय आविष्कार अभियान (आरएए) के तहत सरकारी स्कूलों को आईआईटी/आईआईएम/आईआईएसईआर और अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों तथा प्रख्यात संगठनों द्वारा नवाचार कार्यक्रमों, छात्रों के आदान-प्रदान, प्रदर्शनों, छात्रों के भ्रमणों आदि द्वारा परामर्श दिया जाएगा, ताकि विज्ञान और गणित को सीखने के लिए छात्रों में स्वभाविक उत्सुकता का विकास हो सकें.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने घोषणा की कि उच्च शिक्षा के लिए राष्ट्रीय आविष्कार अभियान (आरएए) का दूसरा चरण जनवरी 2016 में प्रारंभ किया जाएगा. जिसके तहत पूर्वोत्तर राज्यों के सभी जिलों में मॉडल विज्ञान प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी.
राष्ट्रीय आविष्कार अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और टीच इन इंडिया को आगे बढ़ाने का एक प्रयास है. यह अभियान छात्रों को कक्षा से बाहर विज्ञान को सीखने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु एक पहल है.

पूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम ने ‘राष्ट्रीय आविष्कार अभियान’ का शुभारंभ किया

भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम ने ‘राष्ट्रीय आविष्कार अभियान’ (आरएए)  का शुभारंभ नई दिल्ली में 9 जुलाई 2015 को किया. इस अभियान का उद्देश्य बच्चों में विज्ञान एवं गणित के लिए उत्सुकता, सृजनता एवं प्रेम की भावना का समावेश करना है.

राष्ट्रीय आविष्कार अभियान (आरएए)  मानव संसाधान विकास मंत्रालय द्वारा विकसित एक विशिष्ट अवधारणा है.
राष्ट्रीय आविष्कार अभियान (आरएए) के तहत सरकारी स्कूलों को आईआईटी/आईआईएम/आईआईएसईआर और अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों तथा प्रख्यात संगठनों द्वारा नवाचार कार्यक्रमों, छात्रों के आदान-प्रदान, प्रदर्शनों, छात्रों के भ्रमणों आदि द्वारा परामर्श दिया जाएगा, ताकि विज्ञान और गणित को सीखने के लिए छात्रों में स्वभाविक उत्सुकता का विकास हो सकें.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने घोषणा की कि उच्च शिक्षा के लिए राष्ट्रीय आविष्कार अभियान (आरएए) का दूसरा चरण जनवरी 2016 में प्रारंभ किया जाएगा. जिसके तहत पूर्वोत्तर राज्यों के सभी जिलों में मॉडल विज्ञान प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी.
राष्ट्रीय आविष्कार अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और टीच इन इंडिया को आगे बढ़ाने का एक प्रयास है. यह अभियान छात्रों को कक्षा से बाहर विज्ञान को सीखने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु एक पहल है.

हॉलीवुड अभिनेता उमर शरीफ का निधन

हॉलीवुड अभिनेता उमर शरीफ का दिल का दौरा पडऩे से मिस्र की राजधानी काहिरा में 10 जुलाई 2015 को निधन हो गया. वह 83 वर्ष के थे. डेविड लीन के निर्देशन में वर्ष 1962 में निर्मित फिल्म 'लॉरेंस ऑफ अरबिया' के लिए उमर शरीफ को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के ऑस्कर पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था.

उमर शरीफसे संबधित मुख्य तथ्य 
• उमर शरीफ को फिल्म 'लॉरेंस ऑफ अरबिया' में अभिनय के लिए उन्हें गोल्डन ग्लोब पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 
• मिस्र की 20 फिल्मों में अभिनय के बाद 'लॉरेंस ऑफ अरबिया' उनकी पहली अंग्रेजी फिल्म थी. 
• शरीफ अरब मूल के उन चुनिंदा कलाकारों में थे, जिन्होंने हॉलीवुड में अपने अभिनय का लोहा मनवाया.
• शरीफ का जन्म 10 अप्रैल, 1932 को मिस्र के अलेक्जेंडरिया में एक ईसाई परिवार में हुआ था.
• 'लॉरेंस ऑफ अरबिया' के आलावा 'डॉक्टर जिबागो' और 'फनी गर्ल' उमर शरीफ की प्रमुख फ़िल्में हैं. 
• उमर शरीफ ने अपनी सह अभिनेत्री फातेन हमामा से शादी के लिए इस्लाम धर्म अपना लिया था.
•हमामा के साथ शरीफ ने कई फिल्में कीं, जिनमें 1953 में बनी 'द ब्लेजिंग सन' को आज भी श्रेष्ठ फिल्मों में से एक है.
• वर्ष 1962 में आई फिल्म 'लॉरेंस ऑफ अरबिया' से अंतरराष्ट्रीय ख्याति पाने वाले उमर शरीफ हाल के वर्षों तक अभिनय से जुड़े रहे. 
• वर्ष 2013 में 'रॉक द कास्बा' में उन्होंने अभिनय किया था. 
• उनकी एक फिल्म '1001 इंवेंशंस एंड द वर्ल्ड ऑफ इब्न अल हेतम' अभी रिलीज होनी है.
• उमर ने 2008 में आई इमेरिक की फिल्म '10,000 बीसी' में अपनी आवाज दी थी.

कगिसो रबादा अपने पहले ही एकदिवसीय मैच में हैट्रिक बनाने वाले विश्व के दूसरे खिलाड़ी बनें

दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज कगिसो रबादा ने अपने पहले ही एकदिवसीय मैच में 16 रन पर 6 विकेट लेकर हैट्रिक बनाई.  इस हैट्रिक के साथ ही वह एकदिवसीय मैचों के इतिहास में अपने पहले ही मैच में हैट्रिक बनाने वाले विश्व के दूसरे तथा दक्षिण अफ्रीका के पहले खिलाड़ी बने.

यह मैच शेर-ए-बांग्ला नेशनल स्टेडियम, मीरपुर बांगलादेश में दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश के मध्य 10 जुलाई 2015 को खेला गया. 
कगिसो रबादा ने पहले 13 गेंदे डक देने के साथ सलामी बल्लेबाज तमीम इकबाल को आउट किया. इसके बाद डेविड मिलर के हाथों लिट्टन दास को कैच कराया. उसके बाद अगली ही गेंद में महमदुल्लाह को आउट किया.
इससे पहले अपने प्रथम एक दिवसीय मैच में हैट्रिक बनाने वाले विश्व के पहले खिलाड़ी बांग्लादेश के ताइजुल इस्लाम हैं, जिन्होंने इसी मैदान पर दिसंबर 2014 में जिम्बाब्वे के खिलाफ यह रिकॉर्ड बनाया था.
दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश के मध्य खेले गए इस मैच में दक्षिण अफ्रीका ने बांग्लादेश को 8 विकेट से हराया.
इसके साथ रबादा वनडे में हैट्रिक लेने वाले क्रिकेट जगत से 39वें गेंदबाज बने, जबकि चार्ल लैंगवेल्ड्ट और जेपी डुमिनी के बाद दक्षिण अफ्रीका के तीसरे गेंदबाज हैं. 
मैच का परिणाम 
• बांग्लादेश: 160 (36.3 ओवर)
• दक्षिण अफ्रीका: 164-2 (31.1 ओवर)
• मैन ऑफ़ द मैच: कगिसो रबादा
एक और रिकॉर्ड
यही नहीं रबादा ने 6 विकेट लेकर सिर्फ 16 रन ही दिए. यह एकदिवसीय क्रिकेट में पहला पहला मैच खेल रहे किसी भी खिलाड़ी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. इससे पहले ये रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के फिदेल एडवर्ड्स के नाम था, जिन्होंने 2003 में जिम्बाब्वे के खिलाफ 22 रन देकर 6 विकेट लिए थे.

भारत और पाकिस्तान ने उफा, रूस में संयुक्त बयान जारी किया

भारत और पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ के मध्य हुई द्विपक्षीय बैठक के बाद एक संयुक्त बयान रूस के उफ़ा शहर में 10 जुलाई  2015 को जारी किया. पाकिस्तान और भारत के प्रधानमंत्रियों की यह बैठक उफा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के अतिरिक्त हुई. बैठक सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय हित से जुड़े मामलों पर विचार-विमर्श किया.

यह संयुक्त बयान भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर और पाकिस्तान के विदश सचिव अजीज अहमद चौधरी ने जारी किया.
दोनोंविदेशसचिवोंद्वाराजारीबयान
• उन्‍होंने इस बात पर सहम‍ति व्यक्त की कि शांति सुनिश्चित करना और विकास को प्रोत्साहन देना भारत और पाकिस्तान की सामूहिक जिम्मेदारी है. ऐसा करने के लिए, वे सभी लम्बित मामलों पर चर्चा करने को तैयार हैं.
• दोनों नेताओं ने आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा की और दक्षिण एशिया से इस बुराई का सफाया करने के लिए एक-दूसरे से सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की.
• दोनों नेताओं ने दोनों पक्षों द्वारा निम्नलिखित कदम उठाए जाने पर भी सहमति प्रकट की :
a) आंतकवाद से जुड़े सभी मामलों पर चर्चा के लिए दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच नयी दिल्ली में बैठक.
b) सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक एवं पाकिस्तान रेंजर्स के महानिदेशक के बीच और उसके बाद डीजीएमओ की बैठकें जल्द.
c) एक-दूसरे की हिरासत में मौजूद मछुआरों की उनकी नौकाओं सहित रिहाई के बारे में पंद्रह दिन के भीतर फैसला.
d) धार्मिक पर्यटन को सुगम बनाने के लिए व्यवस्था.
e) दोनों पक्षों ने आवाज के नमूने मुहैया कराने जैसी अतिरिक्त सूचना सहित मुंबई मामले के मुकदमे की सुनवाई में तेजी लाने के तरीकों और साधनों पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की.
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने 2016 में होने वाले दक्षेस सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर पाकिस्तान आने का निमंत्रण दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका निमंत्रण स्वीकार कर लिया.