=> जी कल्याण कृष्णन ने परमाणु ईंधन परिसर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में पदभार ग्रहण किया

 

8 जून 2016 को विशिष्ट वैज्ञानिक जी कल्याण कृष्णन ने परमाणु ईंधन परिसर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में पदभार ग्रहण किया.

जी कल्याण कृष्णन ने एन साईबाबा का स्थान ग्रहण किया. एन साईबाबा अपनी दो वर्ष की विस्तारित अवधि की समाप्ति पर सेवानिवृत्त हुए.

जी कल्याण कृष्णन एनएफसी बोर्ड के अध्यक्ष भी होंगें.

जी कल्याण कृष्णन के बारे में

एनएफसी के मुख्य कार्यकारी के रूप में नियुक्त किये जाने से पूर्व जी कल्याण कृष्णन एनएफसी के उप मुख्य कार्यकारी के रूप में सेवा रत थे.

उनके पास भारी जल संयंत्रों के निर्माण और कमीशन में आपरेशन का व्यापक अनुभव है.

रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज वारंगल से 1980 में उन्होंने केमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की थी.

वे 1980-1981 में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के ट्रेनिंग स्कूल (बीएआरसी),मुंबई के 24 वें बैच में शामिल हुए थे.

परमाणु ईंधन कॉम्पलेक्स

परमाणु ईंधन परिसर की स्थापना 1971 में की गयी थी.

इसकी स्थापना परमाणु ईंधन बंडलों और रिएक्टर कोर घटकों की आपूर्ति के लिए भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग के एक प्रमुख औद्योगिक इकाई के रूप में की गयी थी.

यह एक अनोखी सुविधा है जहां प्राकृतिक और संवर्धित यूरेनियम ईंधन, जिर्कोनियम तथा मिश्र धातु आवरण (रिएक्टर मुख्य घटक) एक ही छत के अंतर्गत निर्मित किया जाता है.

एनएफसी यूरेनियम ऑक्साइड ईंधन और जिर्कोनियम मिश्र धातु संरचनात्मक घटकों की आपूर्ति भारत के 14 परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों को करता है

हैदराबाद संयंत्र की क्षमता प्रति वर्ष 250 टन UO2 उत्पादन करने की है और प्रति वर्ष इसे बढ़ाकर 600 टन करने की उम्मीद है.

एनएफसी के उत्पादों की आपूर्ति परमाणु ऊर्जा, भारतीय नौसेना, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और अन्य रक्षा संगठनों को की जाती है.

 

=> भारत ने कर चोरी और भ्रष्टाचार से निपटने हेतु यूरोप की योजना पर हस्ताक्षर किये

भारत ने 8 जून 2016 को यूरोप द्वारा संचालित एक योजना पर हस्ताक्षर किये जिसके तहत कर चोरी एवं भ्रष्टाचार को समाप्त किये जाने के लिए स्वतः सूचना का आदान-प्रदान किया जायेगा.

भारत के अतिरिक्त 40 अन्य देशों ने भी इस योजना पर हस्ताक्षर किये.

इस योजना पर हस्ताक्षर करने वाले सदस्यों को कर चोरी एवं भ्रष्टाचार में लिप्त व्यक्तियों की सूचना देनी होगी. इसके अगले चरण में अंतरराष्ट्रीय मानकों का विकास करना है.

इस योजना की अप्रैल 2015 में ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली एवं स्पेन में घोषणा की गयी.

हस्ताक्षरकर्ताओं को विभिन्न सूचनाओं का निःशुल्क आदान-प्रदान करना होगा.

यूरोप के अतिरिक्त अफगानिस्तान, नाइजीरिया, मेक्सिको एवं यूएई ने भी इस पर हस्ताक्षर किये हैं. स्विट्ज़रलैंड के अतिरिक्त अधिकतर यूरोपियन देश इसमें शामिल हैं.

गौरतलब है कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरबों रूपए के कर चोरी मामलों में पैसा वसूलने की बात कही थी.

 

=> सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पत्र-पत्रिकाओं हेतु विज्ञापन नीति जारी की

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 10 जून 2016 को पत्र-पत्रिकाओं हेतु विज्ञापन देने में ज्‍यादा पारदर्शिता और जवाबदेही के उद्देश्‍य से विज्ञापन एवं दृश्‍य प्रचार निदेशालय डीएवीपी ने  नई प्रिन्‍ट मीडिया विज्ञापन नीति तैयार की है.

इस नीति में सरकारी विज्ञापन जारी करने की सुचारू व्‍यवस्‍था करने और विभिन्‍न श्रेणियों की पत्र-पत्रिकाओं के प्रति समान और निष्‍पक्ष प्रक्रिया अपनाने पर जोर दिया गया है.

मंत्रालय के अनुसार इस नीति में पहली बार समाचार पत्रों के लिए नई आकलन प्रणाली शुरू की गई है. जिसमें बेहतर पेशेवर साख वाले अखबारों को प्रोत्‍साहन दिया जायेगा.

  • ए बी सी तथा आर एन आई से उनकी बिक्री की पुष्टि कराई जायेगी.
  • इससे डीएवीपी के विज्ञापन देने की प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही आयेगी.
  • नीति प्रारूप में अनिवार्य कर दिया गया है कि डीएवीपी विज्ञापनों हेतु भुगतान ईसीएस या एनईएफटी के जरिये ही अखबार या कम्‍पनी के खाते में करेगा.
  • नीति के अन्‍तर्गत पत्र-पत्रिकाओं को तीन श्रेणियों में बांटा गया है.
  • पहली श्रेणी में 25 हजार प्रतियों तक की बिक्री वाले छोटे, 25 हजार एक से 75 हजार प्रतियों की बिक्री वाले मझौले और 75 हजार या उससे ज्‍यादा बिक्री वाले बड़े पत्र-पत्रिका माने जायेंगे..
  • डीएवीपी विभिन्‍न मंत्रालयों और विभागों की ओर से विज्ञापन जारी करने वाली केन्‍द्रीय संस्‍था है.

 

=> प्रसिद्ध आइस हॉकी खिलाड़ी गोर्दी होवे का निधन

कनाडा के प्रसिद्ध आइस हॉकी खिलाड़ी गोर्दी होवे का 88 वर्ष की अवस्था में बीमारी से 10 जून 2016 को निधन हो गया. 

मिस्टर हॉकी उनका उपनाम था. उस समय के वह सबसे बड़ी आइस हॉकी खिलाड़ियों में से एक माने जाते है.

गोर्दी होवे के बारे में-

• उनका जन्म फ्लोरल सस्कैश्वन में 1928 में हुआ.

• राष्ट्रीय हॉकी लीग (NHL) में वह 26 सत्रों में और विश्व हॉकी एसोसिएशन में छह सत्रों (WHA) में खेले.

• उन्होंने स्टैनले कप खिताब हेतु चार बार डेट्रोइट रेड विंग्स का नेतृत्व किया.

• वह अंक जुटाने के साथ कैरियर के लक्ष्यों को बखूबी अंजाम देते थे.

• 1971 में वह सेवानिवृत्त हुए और 1972 में उन्हें टोरंटो में हॉकी हॉल ऑफ फ़ेम में शामिल किया गया.

• 2008 में आरम्भ हुआ एनएचएल लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रथम बार उन्हें ही दिया गया.

 

=> भारतीय डाक सेवा ने भारतीय डाक भुगतान बैंक हेतु लोगो और टैगलाइन डिजाइन प्रतियोगिता आरम्भ की

डाक विभाग ने 10 जून 2016 को अपने प्रस्तावित पेमेंट बैंक हेतु लोगो डिजाइन तथा टैगलाइन (ध्येय वाक्य) हेतु प्रतिस्पर्धा आरम्भ की है. इसके लिए डाक विभाग ने आम जनता से प्रविष्टियां आमंत्रित की हैं. विजेता को 50,000 रुपए पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी.

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1 जून 2016 को 800 करोड़ रुपए के कोष के साथ भारतीय डाक भुगतान बैंक गठित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.
  • डाक विभाग ने यह प्रतियोगिता माइ गाव वेबसाइट पर 10 जून 2016 को आरम्भ की.
  • प्रतियोगिता में सभी भारतीय नागरिकों, संस्थानों, एजेंसियों और संस्थान भाग ले सकते हैं.
  • प्रतियोगिता का उद्देश्य देश के विभिन्न तबकों की जरूरतों और लोगों की मानसिक स्थति को समझने अक प्रयास है.
  • प्रतियोगिता केंद्र सरकार की स्वीकृति पर शीघ्र ही गठित होने जा रहे भारतीय डाक पेमेंट बैंक के लिए है.
  • प्रतियोगिता में सभी भारतीय नागरिकों, संस्थानों, एजेंसियों और संस्थान भाग ले सकते हैं.
  • प्रतियोगिता का उद्देश्य देश के विभिन्न तबकों की जरूरतों और लोगों की मानसिक स्थति को समझने का प्रयास है.

कैसे किया जाएगा विजेता का चुनाव-

  • प्रख्यात डिजाइनर तथा विशेषज्ञ 20 बेहतरीन प्रविष्टियों का चयन करेंगे.
  • चयन बाद विजेता चुनने के लिए माई गाव प्लेटफॉर्म पर वोटिंग के लिए रखा जाएगा.
  • प्रतियोगिता नौ जुलाई को समाप्त होगी.
  • सरकार ने इससे पहले भारतीय मुद्रा रुपए के नए निशान तथा स्वच्छ भारत लोगो के लिए लोगों से प्रविष्टियां आमंत्रित की थी.

भारतीय डाक भुगतान बैंक (आईपीपीबीके बारे में-

  • परियोजना का कुल व्‍यय 800 करोड़ रुपये है.
  • आईपीपीबी मार्च 2017 तक भारतीय रिजर्व बैंक से बैंकिंग लाइसेंस प्राप्‍त कर लेगा औरसितंबर 2017 तक 670 शाखाओं को परिचालन में लाने की योजना है.
  • यह शाखाएं मोबाइल, एटीएम, पीओएस/एम-पीओएस उपकरणों एवं साधारण डिजिटल भुगतानों सहित अत्‍याधुनिक तकनीकों के साथ डाक घरों और वैकल्पिक चैनलों से संबद्ध होंगी
  • वर्ष 2018-19 तक पूरे देश में इसका विस्तार किया जाएगा.
  • इस से मूल बैंकिंग, भुगतान और प्रेषण सेवाएं प्रदान करने के द्वारा वित्‍तीय समावेशन और बीमा, म्‍युचुअल फंड, पेंशन और ग्रामीण क्षेत्रों एवं बैंक रहित और बैंक के अंतर्गत कार्य करने वाले क्षेत्रों पर विशेष रूप से ध्‍यान देते हुए तीसरे पक्ष के वित्‍तीय प्रदाताओं के साथ समन्‍वय के माध्‍यम से ऋण तक पहुंच जैसी वित्‍तीय सुविधाएं भी मिलेंगी

 

=> स्वच्छ युगगंगा के साथ ग्राम पंचायतों को भी खुले में शौच से मुक्त बनाया जाएगा

पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय गंगा किनारे बसे सभी ग्रामों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) बनाने हेतु पांच राज्यों उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल की सहायता में और वृद्धि कर रहा है.

पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के 06 जून, 2016 को निर्णय के अनुसार इस महत्वपूर्ण मुहिम को युवा मामले और खेल मंत्रालय एवं जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के साथ साझेदारी से आगे बढ़ा रहा है.

इस अभियान के तहत गंगा किनारे बसे 5 राज्यों के 52 जिलों की 1,651 पंचायतों में कुल 5,169 ग्राम हैं.

अभियान को स्वच्छ भारत मिशन, स्थानीय युवा नेताओं (युवा) और नमामि गंगे परियोजना (गंगा) के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास के माध्यम से ‘‘स्वेच्छ युग’’ के नाम से कार्यान्वितत किया जा रहा है.

नेहरू युवा केन्‍द्र संगठन के समन्वय के अंतर्गत युवा मामले मंत्रालय भारत स्काउट और गाइड, नेहरू युवा केन्द्र और राष्ट्रीय सेवा योजना जैसी युवा एजेंसियों की सहायता को सूचीबद्ध किय जा रहा है.

इन संगठनों से स्वच्छ‍ भारत अभियान के अंतर्गत 52 जिलों में व्यवहार परिवर्तन अभियान में सहायता के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय युवा स्वयंसेवकों को प्रदान करने का आहवान किया जाएगा.

कार्य योजना-

  • इस पहल को आगे बढ़ाने हेतु प्रत्येक जिले में मिशन मोड में खुले में शौच से मुक्त बनाने के कार्य के लिए एक क्षेत्रीय अधिकारी का चयन किया जा चुका है.
  • इसके साथ-साथ ठोस और तरल अपशिष्ट के उचित प्रबंधन और सामान्य स्वच्छ‍ता बनाने के माध्यम से ग्राम में ‘स्वच्छता’ पर खास ध्यान दिया गया है.
  • स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गये मौद्रिक प्रोत्साहनों के अतिरिक्त गंगा वाले 5 राज्यों में कक्षाओं के एक नेटवर्क के माध्यम से व्यवहार परिवर्तन संप्रेषण पर स्थानीय प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.
  • इसके लिए प्रथम कक्षा का शुभारंभ कल 7 जून, 2016 से बिहार के 12 जिलों में आरम्भ किया जा चुका है.
  • प्रत्येक स्थल पर प्रशिक्षण से संपर्क के साथ 50 युवा स्वेयंसेवकों को 5 दिन का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.
  • प्रशिक्षण के दौरान संवादात्मक घटकों के अलावा क्षेत्रीय दौरे जैसे घटक भी शामिल हैं.
  • सभी संबंधित सरकारी विभागों को भी इस पहल को सफल बनाने की दिशा में योगदान करने के लिए शामिल किया जाएगा.
  • वीडियो सम्मेलनों की एक श्रृंखला के माध्यम से 5 राज्यों के स्थानीय जिला प्रशासन इस कार्य का समर्थन करने के लिए स्थानीय गैर सरकारी संगठनों, संगठनों, निजी क्षेत्र के संगठनों और विकास एजेंसियों को लामबंद करने की सलाह दी गई है.
  • जिलों और राज्यों के इन प्रयासों के लिए केंद्र सरकार ने पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया है.
  • राज्यों ने भी इस पहल में पूर्ण उत्साह के साथ अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है.

 

=> रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने चंपारण सत्याग्रह एक्सप्रेस ट्रेन का लोकार्पण किया

रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने 10 जून 2016 को मोतीहारी में चंपारण सत्‍याग्रह एक्‍सप्रेस ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया. यह गाड़ी बापूधाम, मोतीहारी और दिल्‍ली के आनन्‍द विहार स्‍टेशन के बीच चलायी जाएगी.

रेलमंत्री ने इसके अलावा छः और अन्य रेल सुविधाओं का लोकार्पण किया.

  • रेलमंत्री ने बनमांखी-पूर्णिया रेलखंड और पिपरहा रेलवे स्‍टेशन का भी उद्घाटन किया.
  • प्रभु ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मोतीहारी, बेगुसराय और दानापुर स्‍टेशनों पर पैदल पार पुल का भी उद्घाटन किया.
  • बाद में एक समारोह में रेलमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में बिहार में यात्री सुविधाओं में और सुधार किया जायेगा.
  • रेल मंत्रालय ने यात्री सुविधाओं को रेल मंत्रालय की प्राथमिकता में सबसे ऊपर रखा है.

चंपारण सत्याग्रह रेल-

चंपारण सत्याग्रह रेल महात्मा गांधी द्वारा शुरू किए गए ऐतिहासिक चंपारण सत्याग्रह (आंदोलन) के 100 साल पूरे होने पर आराम्भ्की गयी है. चंपारण सत्याग्रह 1917 में शुरू किया गया था.

पृष्ठभूमि-

  • चंपारण सत्याग्रह भारत का पहला सत्याग्रह था.
  • महात्मा गांधी ने अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों, यूरोपीय नील, गिरमिटिया मजदूरों और चंपारण में हजारों गरीब किसानों और आसपास के इलाकों के लोगों के उत्पीडन और शोषण के विरुद्ध ब्रिटिश नेतृत्व के खिलाफ 1917 में आंदोलन का नेतृत्व किया.