13-14 May 2015 Hindi

लेखकनीलमुखर्जीवर्ष 2015 केएनकोरपुरस्कारसेसम्मानित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 मई 2015 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) की शुरुआत की. यह एक दुर्घटना बीमा योजना है (एआईएस) है.

प्रधानमंत्रीसुरक्षाबीमायोजनाकीमुख्यविशेषताएं

  • प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत दुर्घटना में मृत्यु और पूर्ण विकलांगता की स्थिति में 2,00,000 रुपये और आंशिक विकलांगता की स्थिति में 1,00,000 रुपये के बीमा लाभ का प्रावधान है.
  • प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के लिए वार्षिक 12 रुपए का प्रीमियम देना होगा.
  • यह योजना 18 से 70 वर्ष की आयु समूह के उन लोगों के लिए उपलब्ध होगी जिनका कोई बैंक खाता होगा, जिसमें से ‘‘स्वतः डेबिट’’ सुविधा के जरिए प्रीमियम वसूल किया जाएगा.
  • इस योजना को बैंको द्वारा जिसमें क्षेत्रीय ग्रामीण और सहकारी बैंक भी शामिल हैं द्वारा लागू किया जाएगा.
  • 5 वर्ष की अवधि में एपीवाई के अंशदाताओं के लिए सरकारी अंशदान के रूप में 2520 करोड़ रुपये लेकर 10,000 करोड़ रुपये तक की लागत आने की संभावना है.

तेलंगानासरकारनेगूगलकेसाथसमझौताकिया

तेलंगाना सरकार ने 12 मई 2015 को गूगल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. समझौते के तहत गूगल हैदराबाद में अपने एक परिसर का निर्माण करेगी. 
गूगल के कैलिफोर्निया में स्थित मुख्यालय में गूगल के उपाध्यक्ष डेविड रेडक्लिफ़ और तेलंगाना के सूचना तकनीक मंत्री जयेश रंजन ने समझौते पर हस्ताक्षर किए.
इस परिसर के निर्माण के लिए तेलंगाना सरकार ने गूगल को हैदराबाद के प्रमुख आईटी हब गाचीबोवली में सात एकड़ जमीन आवंटित की है.
इस परिसर का कार्य औपचारिक रूप से 2016 में शुरू होगा.
इसके अतिरिक्त  गूगल ने अपनी स्ट्रीट व्यू परियोजना में भी हैदराबाद को शामिल करने का निर्णय लिया है. 
गूगल की स्ट्रीट व्यू परियोजना गूगल मैप का ही अंग है.

गूगल परिसर के बारे में –  • निर्माण के समापन के बाद यह गूगल का विश्व में दूसरा और एशिया का पहला सबसे बड़ा परिसर होगा.
• इस परिसर के निर्माण के लिए 1000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा.
• परिसर का क्षेत्रफल 20 लाख वर्ग किलोमीटर होगा.
• अगले चार वर्षों में इसके कर्मचारियों की संख्या लगभग 13000 हो जाएगी.

इंडो-ग्लोबलफार्माएक्सपोऔरशिखरसम्मेलन 2015

वर्ष 2015 का इंडो-ग्लोबल फार्मा एक्सपो हैदराबाद में आयोजित किया जाएगा. चार दिवसीय इस सम्मेलन का आयोजन 24 जुलाई 2015 से किया जाएगा.
इस सम्मेलन की घोषणा भारत के औषधि निर्यात संवर्धन परिषद के महानिदेशक पीवी अप्पाजी द्वरा 11 मई 2015 को की गई
इस वर्ष इंडो-ग्लोबल फार्मा एक्सपो और शिखर सम्मेलन का विषय ‘इनोवेशन एंड एड्वान्सेस’ निर्धारित किया गया है.
सम्मेलन के दौरान फार्मा क्षेत्र से जुड़ी शिक्षा, प्रौद्योगिकी, स्वदेशी दवा और दवाओं के नियामक में सुधार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार विमर्श किया जाएगा.
सम्मेलन के दौरान प्रख्यात दवा विशेषज्ञ सभा को संबोधित करेंगे. इस शिखर सम्मेलन का आयोजन एफटीएपीसीसीआई और ओएमआईसीएस समूह के सहयोग से इंडस फाउंडेशन द्वारा किया जाएगा.

विश्वभरमें 12 मईकोअंतरराष्ट्रीयनर्सदिवसमनायागया

12 मई: अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस  आधुनिक नर्सिंग की जननी ‘फ्लोरेंस नाइटिंगेल’ की याद में प्रति वर्ष 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day) मनाया जाता है. इन्होंने मरीजों और रोगियों की सेवा की. प्राइमिया युद्ध के दौरान लालटेन लेकर घायल सैनिकों की प्राणप्रण से सेवा करने के कारण ही उन्हें ‘लेडी बिथ द लैम्प’ कहा गया.

ब्रिटि‍श परिवार ने 12 मई 1820 को जन्मी फ्लोरेंस नाइटिंगेल अपनी सेवा भावना के लिए याद की जाती हैं. उन्होंने 1860 में सेंट टॉमस अस्पताल और नर्सों के लिए नाइटिंगेल प्रशिक्षण स्कू‍ल की स्थापना की थी. उनका निधन 13 अगस्त 1910 में लंदन में हुआ था.  अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 35 नर्सों को ‘राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार’ से सम्मानित किया. नर्सों की उल्लेखनीय सेवा को मान्यता देने के लिये केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वर्ष 1973 में यह पुरस्कार शुरू किया था. इस पुरस्कार के तहत प्रत्येक विजेता को पचास हज़ार रुपये नकद राशि, प्रशस्ति पत्र और एक पदक प्रदान किया जाता है. इस पुरस्कार से वर्ष 2014 तक कुल 306 नर्सों को सम्मातनित किया जा चुका है.

प्रधानमंत्रीनरेंद्रमोदीनेप्रधानमंत्रीजीवनज्योतिबीमायोजना (पीएमजेजेबीवाईकीशुरुआतकी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 मई 2015 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) की शुरुआत की. इस योजना का उद्देश्य पात्र ग्राहकों को जीवन बीमा कवर प्रदान करना है.

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना की मुख्य विशेषताएं

  • प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के तहत सभी बचत बैंक खाताधारकों को वार्षिक 330 रुपये के प्रीमियम पर बीमित व्यक्ति की मौत होने की स्थिति में 2 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर प्रदान किया जाएगा.
  • पीएमजेजेबीवाई 18 से 50 वर्ष की आयु समूह के उन लोगों के लिए उपलब्ध होगी, जिनका कोई बैंक खाता होगा, जिससे 'स्वतः डेबिट' सुविधा के जरिए प्रीमियम वसूल किया जाएगा.
  • इस योजना की पेशकश भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) अथवा उन जीवन बीमा कंपनियों के जरिये की जा रही है, जो समान शर्तों पर जीवन बीमा की पेशकश करने की इच्छुक हैं.

·  केंद्र सरकार प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के बारे में जागरूकता/प्रचार संबंधी गतिविधियों पर वर्ष 2015 से वर्ष 2020 के बीच प्रति वर्ष 50 करोड़ रुपए खर्च करेगी.

भारतीयमूलकेडेनियलमुखीन्यूसाउथवेल्सकेसांसदनियुक्त

भारतीय मूल के डेनियल मुखी ने 12 मई 2015 को न्यू साउथ वेल्स में सांसद पद की शपथ ग्रहण की. 32 वर्षीय मुखी को लेबर पार्टी ने न्यू साउथ वेल्स के ऊपरी सदन (अपर हाउस) में स्टीव व्हान के स्थान पर सांसद चुना है
डेनियल मुखी इस प्रांत में भारतीय मूल के पहले मंत्री हैं साथ ही वे गीता पर हाथ रखकर शपथ ग्रहण करने वाले पहले आस्ट्रेलियाई राजनेता भी हैं. मुखी के माता-पिता वर्ष 1973  में पंजाब से ऑस्ट्रेलिया आए थे तथा उनका जन्म ब्लैकटाउन में हुआ. इससे पहले वे विभिन्न संगठनों,  सामाजिक संस्थानों तथा सामुदायिक समूहों के सलाहकार के तौर पर काम करते रहे हैं

दिनेशकुमारहस्तशिल्पनिर्यातसंवर्धनपरिषदकेअध्यक्षनियुक्त

हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हेंडीक्राफ्ट्स, ईपीसीएच) ने दिनेश कुमार को 11 मई 2015 को अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया. यह निर्णय प्रशासन समिति की नयी दिल्ली में हुई 144वीं बैठक में लिया गया.   दिनेश कुमार भारत की प्रमुख हस्तशिल्प निर्यातक कंपनी ओरिएंट आर्ट एंड क्राफ्ट के संचालक भी हैं.
वे प्रशासन समिति के सदस्य, ईपीसीएच ट्रेड फेयर के अध्यक्ष तथा ईपीसीएच के उपाध्यक्ष रह चुके हैं. अध्यक्ष के रूप में उन पर विकास परियोजनाओं, डिज़ाइन, उत्पाद विकास तथा नयी नीतियों के विषयों का कार्यभार भी रहेगा. वर्ष 2014-15 में भारतीय हस्तशिल्प का निर्यात 18.5 प्रतिशत बढ़कर 27,746.84 करोड़ रुपए हो गया जो कि वर्ष 2013-14 में 23,504.42 करोड़ रुपए था.

भारतीयरिजर्वबैंकनेसार्वजनिकक्षेत्रकेबैंकोंकोआंतरिकलोकपालनियुक्तकरनेकेनिर्देशदिए

भारतीय रिजर्व बैंक ने 11 मई 2015  को सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं.
यह लोकपाल बैंक के मुख्य ग्राहक सेवा अधिकारी के पद पर कार्य करेगा.
आंतरिक लोकपाल की इस पहल का उद्देश्य ग्राहक सेवा की गुणवत्ता को बढ़ावा देना और बैंक ग्राहकों की शिकायतों का समाधान सुनिश्चित करना है.
आंतरिक लोकपाल, ग्राहक शिकायत निवारण का एक ऐसा मंच होगा जिसका प्रयोग ग्राहक बैंकिंग लोकपाल में जाने से पहले कर सकेगा.
इसके अलावा रिजर्व बैंक ने कुछ निजी और विदेशी बैंकों को आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं.
इनमे आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, एक्सिस बैंक लिमिटेड, कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड, इंडसलैंडबैंक लिमिटेड, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, सिटी बैंक और एचएसबीसी लिमिटेड शामिल हैं.
इन बैंकों को उनके परिसंपत्ति आकार और व्यापार मिश्रण के आधार पर चयनित किया गया है.


बैंकिंग लोकपाल योजना – भारतीय रिजर्व बैंक ने 1995 में बैंकिंग लोकपाल योजना की शुरुआत की. 
बैंकिंग लोकपाल की इस योजना का उद्देश्य वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों द्वारा प्रदान की जा रही बैंकिंग सेवाओं में कमी संबंधित शिकायतों के समाधान के लिए बैंक ग्राहकों को त्वरित और सस्ता मंच प्रदान करना है.
बैंकिंग लोकपाल के अंतर्गत 27 बिन्दुओं को शामिल किया गया है जिसके आधार पर शिकायतों का आवेदन किया जा सकता है. 
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बैंकिंग लोकपाल की इस सेवा को नि: शुल्क और आसान बनाया गया है ताकि इसका प्रयोग सभी ग्राहकों द्वारा आसानी से किया जा सके.

कर्मचारीभविष्यनिधिपेंशनधारकोंकोन्यूनतम 1000 रुपयेमासिकपेंशनदेनेकीघोषणा

केंद्र सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि पेंशनधारकों को न्यूनतम 1000 रुपये मासिक पेंशन देने की घोषणा मई 2015 के दुसरे सप्ताह में की

केंद्र सरकार के कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के इस कदम से 19 लाख से अधिक पेंशनधारकों को फायदा होगा, जो ईपीएस-1995 के तहत पेंशन के रूप में 1000 रुपये मासिक से कम पेंशन पाने के योग्य थे.

विदित हो कि ईपीएफओ ने अप्रैल 2015 में 11 लाख 77 हजार रुपये के दावे (77 प्रतिशत ईपीएफ दावे) 10 दिन के अंदर संपन्न किये, जो अबतक का किसी संगठन द्वारा सबसे शीघ्र दावा निपटान का रिकार्ड है.

दीपकअय्यरभारतीएक्साजनरलइंश्योरेंसकेमुख्यकार्यकारीअधिकारीऔरप्रबंधनिदेशकनियुक्त

दीपक अय्यर को 12 मई 2015 को भारती एक्सा जनरल इंश्योरेंस का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) बनाने की घोषणा की गई.
अय्यर अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक मिलिंद चलिस्गाओंकर का स्थान लेंगे. इस वर्ष जून के अंत तक वह कंपनी के बोर्ड में शामिल हो जाएंगे.
वर्तमान में दीपक रीग्ले इण्डिया की भारतीय उपमहाद्वीप शाखा के प्रबंध निदेशक हैं जो की अमेरिका आधारित कम्पनी का एक सहायक उपक्रम है.

अय्यर को विभिन्न देशों में प्रबंधन, बिक्री, पी एंड एल प्रबंधन, विपणन, अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में 22 वर्षों का अनुभव है.
इससे पहले अय्यर ने 16 वर्षों तक पेप्सिको के विभिन्न विभागों में निदेशक के पद पर भी कार्य किया है.

जोरूट’ इंग्लैंडटेस्टक्रिकेटटीमकेउपकप्ताननियुक्त

इंग्लैंड के क्रिकेट खिलाड़ी ‘जो रूट’ को इंग्लैंड टेस्ट क्रिकेट टीम का उपकप्तान नियुक्त किया गया. इसकी घोषणा इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के निदेशक एंड्रयू स्ट्रॉस ने 12 मई 2015 को की. ‘जो रूट’ ने इयान बेल का स्थान ग्रहण किया.


इंग्लैंड टेस्ट टीम में मध्यक्रम में खेलने वाले रूट के पास 25 मैचों का अनुभव है. उन्होंने 55 की औसत से अबतक कुल 2090 रन बनाए हैं. इसमें छह शतक और नौ अर्धशतक शामिल हैं. विदित हो कि ‘जो रूट’ को इंग्लैंड का न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के साथ शुरू होने वाले टेस्ट सीरीज से पूर्व उपकप्तान के रूप में नियुक्त किया गया है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने समाजवादी जल एटीएम सेवा का शुभारम्भ किया

उत्तर प्रदेश सरकार ने 12 मई 2015 को बस स्टेशनों पर 'समाजवादी जल एटीएम सेवा' का शुभारम्भ किया. योजना का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा किया गया.
इस योजना का उद्देश्य बस यात्रियों को उचित मूल्य पर पीने योग्य जल उपलब्ध कराना है.
इस सेवा के अनतर्गत राज्य के अधिकतर बस स्टेशनों पर जल एटीएम स्थापित किए जाएंगे जिसके द्वारा 1 रुपए प्रति लीटर की कीमत पर सादा जल और 2 रुपए पर प्रति लीटर पर ठन्डे जल की सेवा उपलब्ध कराई जाएगी.

इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने 'लोहिया ग्रामीण बस सेवा' का भी शुभारम्भ किया. 
लोहिया ग्रामीण बस सेवा के तहत शुरू की गई बसों का किराया आम बस के किराए की तुलना में 25 प्रतीशत कम होगा.
योजना के तहत उन सभी क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा जहां शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में उचित सम्पर्क की व्यवस्था नहीं है और यातायात के साधनों का आभाव है.
इसके साथ ही स्वा संचालित पूछताछ सेवा 149 और सुपर लक्जरी वातानुकूलित बस सेवा का भी उद्घाटन मुख्यमंत्री द्वारा किया गया.

प्रधानमंत्रीनरेंद्रमोदीनेअसंगठितक्षेत्रकेश्रमिकोंकेलिएअटलपेंशनयोजनाकीशुरुआतकी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 मई 2015 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में अटल पेंशन योजना (एपीवाई) की शुरुआत की. अटल पेंशन योजना असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों पर केंद्रित होगी. यह योजना 1 जून 2015 से लागू होगी. यह भारत सरकार की एक योजना है और यह पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा प्रशासित की जाती है.

अटल पेंशन योजना की मुख्य विशेषताएं

योग्यता
अटल पेंशन योजना में शामिल होने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम आयु 40 वर्ष होगी. सरकार न्यूनतम नियत पेंशन लाभ की गारंटी प्रदान करेगी. किसी भी वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजना के सदस्य और आयकरदाता इस योजना के लाभार्थी नहीं बन सकेंगे. अंशदाता की मृत्यु होने की स्थिति में उसकी पत्नी/पति को पेंशन मिल सकेगी और उसके बाद पेंशन निधि नामित व्यक्ति को लौटा दी जाएगी. लाभ
अटल पेंशन योजना के अंतर्गत अंशदाताओं को 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक प्रतिमाह पेंशन मिलेगी, जो उनके अंशदान पर निर्भर करेगी. यह अंशदान किसी व्यक्ति के योजना में शामिल होने के समय उसकी आयु के अनुसार निर्धारित किया जाएगा. अनुदान
केंद्र सरकार पात्र अंशदाता के खाते में हर वर्ष कुल अंशदान का आधा हिस्सा अथवा 1000 रुपये, इनमें जो भी कम हो, जमा कराएगी. यह अंशदान 31 दिसम्बर, 2015 से पहले नई पेंशन योजना (एनपीएस) में शामिल होने वाले अंशदाताओं के खाते में 5 वर्ष अर्थात 2015-16 से 2019-20 तक जमा कराया जाएगा.

नामांकन एजेंसियां: स्वावलंबन योजना के तहत पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा संचालित राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के माध्यम से ग्राहक इस योजना में नामांकन करा सकेंगे. टिप्पणी
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ) के सर्वेक्षण वर्ष 2011-12 के 66 वें दौर के अनुसार, भारत में कुल श्रम शक्ति के अंतर्गत 88 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र के श्रमिक हैं. लेकिन इनके लिए किसी भी औपचारिक पेंशन का प्रावधान नहीं है. केंद्र सरकार ने वर्ष 2010 -11 में असंगठित क्षेत्र में कार्यरत व्यक्तियों के लिए 'स्वावलंबन' नामक एक अंशदायी पेंशन योजना आरंभ की थी.

हालांकि, यह योजना कई कारणों से सफल नहीं हो पाई. स्वावलंबन योजना को उपयुक्त समर्थन नहीं मिल पा रहा था इसलिए योजना को नए रूप में पेश करने के उद्देश्य से अटल पेंशन योजना (एपीवाई) शुरु की गई.

भारतीयसेनानेरक्षावेतनपैकेजकेलिएबैंकऑफइंडियाकेसाथसमझौताज्ञापनपरहस्ताक्षरकिए

भारतीय सेना ने 8 मई 2015 को रक्षा वेतन पैकेज हेतु बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये.  बीओआई और भारतीय सेना के बीच पहला समझौता ज्ञापन तीन वर्ष की अवधि के लिए वर्ष 2011 में हुआ था. यह संशोधित समझौता सेवारत सैनिकों, पेंशनरों और उनके परिवारों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है. विभिन्न प्रयासों के बाद संशोधित समझौते में अतिरिक्त सुविधाओं को शामिल किया गया है. एमओयू की विशेषताएं
इससे सेना में कार्यरत तथा सेवानिवृत्त सभी सैन्य कर्मी लाभान्वित हो सकेंगे जिनका बैंक ऑफ इंडिया में खाता है. इससे वे आधुनिक बैंकिंग सुविधाओं का उपयोग कर सकेंगे. इसके अंतर्गत विभिन्न सुविधाएं नि:शुल्क प्रदान की जायेंगी जिनमें नि:शुल्क ड्राफ्ट, नि:शुल्क चेक बुक, आरटीजीएस/एनईएफटी के माध्यम से भारत के किसी भी बैंक में नि:शुल्क धन हस्तांतरण तथा नि:शुल्क एटीएम कार्ड्स शामिल हैं. इस समझौता ज्ञापन के तहत व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कवर 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है.


इसमें आर्मी वेलफेयर हाउसिंग आर्गेनाईजेशन के तहत होम लोन बीमा का भी प्रावधान है जिसके अंतर्गत युद्ध, बाहरी आक्रमण, आतंकवादी हमले की स्थिति में 50 लाख रूपए का बीमा दिया जायेगा. यह बीओआई कार्ड धारकों के लिए सीएसडी कैंटीन में स्थापित बीओआई पीओएस टर्मिनल के माध्यम से लेन-देन हेतु व्यापारी सेवा शुल्क तथा पेंशनरों के लिए व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा एवं ओवरड्राफ्ट सुविधा प्रदान करता है. इसमें विशिष्ट सुविधाओं तथा याचिकाओं की वार्षिक समीक्षा करने का प्रावधान भी शामिल है.

 

प्रधानमंत्रीनरेंद्रमोदीनेप्रधानमंत्रीसुरक्षाबीमायोजना (पीएमएसबीवाईकीशुरुआतकी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 मई 2015 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) की शुरुआत की. यह एक दुर्घटना बीमा योजना है (एआईएस) है.

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की मुख्य विशेषताएं

  • प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत दुर्घटना में मृत्यु और पूर्ण विकलांगता की स्थिति में 2,00,000 रुपये और आंशिक विकलांगता की स्थिति में 1,00,000 रुपये के बीमा लाभ का प्रावधान है.
  • प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के लिए वार्षिक 12 रुपए का प्रीमियम देना होगा.
  • यह योजना 18 से 70 वर्ष की आयु समूह के उन लोगों के लिए उपलब्ध होगी जिनका कोई बैंक खाता होगा, जिसमें से ‘‘स्वतः डेबिट’’ सुविधा के जरिए प्रीमियम वसूल किया जाएगा.
  • इस योजना को बैंको द्वारा जिसमें क्षेत्रीय ग्रामीण और सहकारी बैंक भी शामिल हैं द्वारा लागू किया जाएगा.
  • 5 वर्ष की अवधि में एपीवाई के अंशदाताओं के लिए सरकारी अंशदान के रूप में 2520 करोड़ रुपये लेकर 10,000 करोड़ रुपये तक की लागत आने की संभावना है.

राष्ट्रपतिप्रणबमुखर्जीनेचारराज्योंहेतुराज्यपालोंकोनियुक्तकिया

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 12 मई 2015 को चार राज्यों हेतु राज्यपालों को नियुक्त किया और दो राज्यपालों का स्थानांतरण किया. इनमें त्रिपुरा के राज्यपाल पद हेतु तथागत राय, झारखंड के राज्यपाल पद हेतु द्रौपदी मुमरु, मेघालय के राज्यपाल पद हेतु वी षणमुगनाथन एवं अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल पद हेतु जेपी राजखोआ के नाम की घोषणा की गई. यह नियुक्तियां राज्यपालों के अपना अपना प्रभार ग्रहण करने के साथ ही प्रभावी हो जाएंगी.

इसके अलावा संप्रग सरकार के दौरान नियुक्त किए गए दो राज्यपालों का स्थानांतरण भी किया गया.

अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) निर्भय शर्मा का स्थानांतरण कर दिया गया और उन्हें शेष कार्यकाल के लिए मिजोरम का राज्यपाल बनाया गया. उनका कार्यकाल वर्ष 2018 तक है. वह मई 2013 से अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल थे.

झारखंड के राज्यपाल सैयद अहमद को उनके शेष कार्यकाल के लिए मणिपुर भेज दिया गया. उनका कार्यकाल सितंबर 2016 तक है. उन्हें सितंबर 2011 में राज्यपाल नियुक्त किया गया था.


राज्यपाल की नियुक्ति से सम्बंधित मुख्य तथ्य
राज्यपाल की नियुक्ति भारतीय संविधान के ‘अनुच्छेद 155’ के तहत (पांच वर्ष के लिए) भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है. राज्यपाल अपने संबंधित राज्य की कार्यपालिका का प्रमुख होता है, जो मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार कार्य करता है. राज्यपाल, राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है.
किसी व्यक्ति को राज्यपाल के रूप में चुने जाने हेतु निम्न आवश्यक शर्तों को पूरा करना अनिवार्य है:-
• वह भारत का नागरिक हो.
• वह 35 वर्ष की उम्र पूरी कर चूका हो.
• किसी प्रकार के लाभ के पद पर न हो.
• वह राज्य विधान सभा सदस्य चुने जाने के योग्य हो.

पहली एशियाई युवा एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भारत पांचवें स्थान

भारत पहली एशियाई युवा एथलेटिक्स प्रतियोगिता (2015) में दो स्वर्ण, छह रजत और छह कांस्य पदक सहित कुल 14 पदक जीतकर पांचवें स्थान पर रहा. एशियाई युवा एथलेटिक्स प्रतियोगिता 2015 का आयोजन कतर के दोहा में 8-11 मई 2015 के मध्य किया गया.  एशियाई युवा एथलेटिक्स प्रतियोगिता 2015 में चीन ने 16 स्वर्ण, 11 रजत और पांच कांस्य सहित कुल 32 पदक जीतकर पदक तालिका में पहला स्थान हासिल किया. ताइपे ने चार स्वर्ण सहित पांच पदक जीतकर दूसरा ,कजाखिस्तान ने तीन स्वर्ण सहित कुल आठ पदक जीतकर तीसरा और ब्रुनेई ने तीन स्वर्ण सहित चार पदक जीतकर चौथा स्थान हासिल किया. प्रतियोगिता में कुल 24 देशों ने पदक तालिका में अपना नाम दर्ज कराया.

पहली एशियाई युवा एथलेटिक्स प्रतियोगिता (2015) में भारत 
पहली एशियाई युवा एथलेटिक्स प्रतियोगिता (2015) में भारत ने दो स्वर्ण, छह रजत और छह कांस्य पदक सहित कुल 14 पदक जीतकर पदक तालिका में पांचवें स्थान पर रहा. चीन के बाद भारत एकमात्र ऐसा देश रहा जिसने दहाई की संख्या में पदक जीते.  भारतीय लड़कों ने जहां दो स्वर्ण, पांच रजत और चार कांस्य पदक जीते वहीं लड़कियों ने एक रजत और दो कांस्य पदक जीता.  भारतीय लड़कों की मेडले रिले टीम ने 1 मिनट 53.74 सेकंड का राष्ट्रीय युवा रिकार्ड बनाते हुये रजत पदक प्राप्त किया. सोनू कुमार ने तिहरी कूद में कांस्य पदक जीता. दिल्ली के बेअंत सिंह ने 800 मीटर में और महाराष्ट्र के किसान तद्वी ने 3000 मीटर में एक-एक स्वर्ण पदक जीते. भारत सर्वाधिक पदक जीतने के मामले में दूसरे स्थान पर रहा. लेकिन स्वर्ण संख्या के मामले में दो स्वर्ण जीतने के कारण भारत को पांचवां स्थान मिला.

किसान तद्वी 
नासिक के आदिवासी क्षेत्र से संबंध रखने वाले किसान तद्वी ने लंबी दूरी की 3000 मीटर रेस को 8.26.24 मिनट में पूरा कर पहला स्थान हासिल किया.जापान के ओनो चिहिरो ने रेस में 8.37.29 मिनट का समय लेकर दूसरा स्थान हासिल किया और रजत जीता जबकि यमन के सलीम गार ने 8.37.65 मिनट का समय लेकर तीसरा स्थान हासिल किया.  भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के कोच विजेन्दर ने जिला स्तर पर किसान का चुनाव किया था. इसके बाद किसान को नासिक के साई सेंटर में कोचिंग दी गई. किसान फिलहाल नासिक में भोनसाला मिलिट्री कालेज में पढ़ाई कर रहे है. इससे पहले वह हाल ही में गोवा में संपन्न राष्ट्रीय खेलों में भी पदक जीत चुके हैं.

ब्रिटेनकेलीएलनजॉन्सनभारतीयअंडर-19 फुटबालटीमकेमुख्यकोचनियुक्त

अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) ने 12 मई 2015 को ब्रिटेन के ली एलन जॉन्सन को भारतीय अंडर-19 फुटबाल टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया. जॉन्सन अंडर 19 टीम के प्रबंधन के अलावा सीनियर फुटबाल टीम के सह कोच तथा हेड स्काउट की भूमिका भी निभायेंगे.

भारतीय टीम से जुड़ने से पहले वे रवांडा की फुटबाल टीम के तकनीकी निदेशक और अंडर-17 टीम के कोच पद पर नियुक्त थे. ली वर्तमान में भारतीय सीनियर टीम के कोच स्टेफेन कांस्टेनटाइन के साथ भी पूर्व में रवांडा में काम कर चुके हैं.

ली इंग्लैंड के कई बड़े क्लबों के साथ काम कर चुके हैं और उन्हें शीर्ष फुटबाल कोचों के साथ काम करने का अनुभव भी है. ली ने अपने कोचिंग करियर में इंग्लिश प्रीमियर क्लब चेल्सी के अकादमी और क्रिस्टिल एफसी के साथ भी कार्य किया.

झारखंडसरकारनेविधायक-मंत्रियोंकेवेतनमेंवृद्धिकीघोषणाकी

झारखंड सरकार ने 12 मई 2015 को अपने विधायक-मंत्रियों के वेतन में वृद्धि की घोषणा की. इसके साथ ही राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (डीए) भी बढ़ा दिया. सरकारी कर्मचारियों को अब 107 फीसदी के बदले 113 फीसदी डीए मिलेगा. मुख्यमंत्री रघुबर दास की अध्यक्षता में चाईबासा में हुई कैबिनेट की बैठक में इसका फैसला लिया गया.
कैबिनेट ने मुख्यमंत्री, मंत्रियों, नेता प्रतिपक्ष, सचेतकों व विधायकों के वेतन भत्ते में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री को अब 1,33,000 रुपये के बदले 1,85,000 रुपये वेतन भत्ता प्रति माह मिलेगा. इसी तरह विधायकों को 88,000 के बदले 1,20,000 रुपये प्रति माह वेतन भत्ता मिलेगा. कैबिनेट के निर्णय के तहत विधानसभाध्यक्ष को 1,80,000 और मंत्रियों व नेता प्रतिपक्ष को 1,60,000 रुपये प्रति माह वेतन भत्ता मिलेगा. वेतन एवं भत्ते में हुई वृद्धि एक जनवरी 2015 से प्रभावी मानी जाएगी.

मोबाइलएप्पपरखबरोंकेप्रकाशनकेलिएफेसबुकऔर 9 समाचारप्रकाशकोंकेमध्यसमझौता

फेसबुक ने 12 मई 2015 को ख़बरों के सीधे प्रकाशन के लिए 9 समाचार प्रकाशक कंपनियों से समझौता किया. इस समझौते के बाद यह कम्पनियां फेसबुक के मोबाइल न्यूज़ फीड पर सीधे समाचार प्रकाशित कर सकेंगी.


इससे फेसबुक पर समाचार प्रकाशन 10 गुना तेज़ी से हो सकेगा. यह प्रकाशक विज्ञापनों से लाभ प्राप्त करने के लिए स्वयं प्रचार कर सकते हैं अथवा फेसबुक को इसकी अनुमति दे सकते हैं. प्रकाशक कॉमस्कोर एवं अन्य विश्लेष्ण उपकरणों के माध्यम से डाटा एवं ट्रैफिक ट्रैक कर सकेंगे.  इस समझौते में शामिल कंपनियां हैं – दि न्यूयॉर्क टाइम्स, नेशनल ज्योग्राफिक, बज्ज़ फीड, एनबीसी, दि अटलांटिक, दि गार्जियन, बीबीसी न्यूज़, स्पाईजेल तथा बिल्ड.

 

केंद्रीयमंत्रिमंडलनेइंडियनऑयलऔरएनटीपीसीमेंविनिवेशकोमंजूरीदी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 13 मई 2015 को इंडियन ऑयल कारपोरेशन (आईओसी) और राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) में विनिवेश को मंजूरी दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में एनटीपीसी में 5 फीसदी और आईओसी में 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दी गई.


केंद्र सरकार की ओर से चालू वित्त वर्ष 2015-16 में विनिवेश का यह पहला फैसला है. दोनों कंपनियों में विनिवेश से सरकार को करीब 14,000 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है. 70 हजार करोड़ विनिवेश लक्ष्य तय:
सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए करीब 70,000 करोड़ रुपए का विनिवेश लक्ष्य तय किया है. विनिवेश करने वाली कंपनियों को दो हिस्सों में बांटा गया है. इनमें 41,000 करोड़ रुपए पीएसयू में हिस्से दारी बेचकर जुटाए जाएंगे, जबकि 28,500 करोड़ रुपए सरकारी कंपनियों में स्ट्रैटजिक सेल से जुटाने की योजना है. बीएसई के आंकड़ों के अनुसार एनटीपीसी में अभी सरकार की हिस्सेमदारी 74.96 फीसदी और एनटीपीसी में 68.57 फीसदी हिस्सेईदारी है. केंद्र सरकार की योजना चालू वि‍त्त् वर्ष के दौरान करीब एक दर्जन सार्वजनि‍क क्षेत्र की कंपनि‍यों में अपनी हि‍स्सेदारी बेचने की है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 12 सरकारी कंपनियों में विनिवेश के जरिए 41000 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है. वि‍नि‍वेश वि‍भाग सरकारी कंपनि‍यों में 5 से 15 फीसदी हि‍स्सेदारी बेचने के लि‍ए कैबि‍नेट नोट का ड्राफ्ट जारी कर चुका है. विदित हो कि कैबिनेट की इस बैठक में नई यूरिया नीति, बेनामी बिल, नमामी गंगे परियोजना और चाइल्ड लेबर एक्ट में संशोधन को भी मंजूरी दी गई.

अरविंदसक्सेनासंघलोकसेवाआयोगकेसदस्यनियुक्त

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 7 मई 2015 को अरविंद सक्सेना को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का सदस्य नियुक्त किया. सक्सेना का कार्यकाल संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य के रूप में कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से शुरू होगा. इस नियुक्ति के साथ, सक्सेना रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) से संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य बनने वाले पहले अधिकारी बन गए.

वर्तमान में वह विमानन अनुसंधान केन्द्र (एआरसी) में निदेशक और पदेन विशेष सचिव हैं. वह वर्ष 1978 बैच के राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) के अधिकारी हैं.

संघ लोक सेवा आयोग से संबंधित मुख्य तथ्य: 
संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission), भारत के संविधान द्वारा स्थापित एक संवैधानिक निकाय है, जो भारत सरकार के लोकसेवा के पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए परीक्षाओं का संचालन करती है. इसकी स्थापना 1 अक्टूबर 1926 को हुई थी.

संविधान के अनुच्छेद 315-323 में एक संघीय लोक सेवा आयोग और राज्यों के लिए राज्य लोक सेवा आयोग के गठन का प्रावधान है. आयोग के सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होते हैं. कम से कम आधे सदस्य किसी लोक सेवा के सदस्य (कार्यरत या अवकाशप्राप्त) होते हैं, जिनके पास न्यूनतम 10 वर्षों तक लोक सेवा आयोग के सदस्य पद पर रहने का अनुभव हों. इनका कार्यकाल 6 वर्षों या 65 वर्ष की उम्र (जो भी पहले आए) तक का होता है.

मारुतिसुजुकी 1.5 करोड़कारेंबनानेवालीपहलीभारतीयकंपनीबनी

भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी 12 मई 2015 को 1.5 करोड़ कार बनाने वाली देश की पहली कंपनी बन गई.
मारुति सुजुकी के अनुसार, मानेसर (हरियाणा) प्लांट में बनी डिजायर वीडीआई कार मारुति सुजुकी की 1.5 करोड़वीं कार रही. मारुति सुजुकी ने अभी तक ऑल्टो मॉडल की 31 लाख कारें और मारुति-800 मॉडल की 29 लाख कारें बनाई हैं. इसी तरह कंपनी ने 17 लाख ओमनी वैन, 16 लाख वैगन आर, 13 लाख स्विफ्ट और 10 लाख सिडान डिजायर कारों का निर्माण किया है. विदित हो कि मारुति सुजुकी की पहली कार गुड़गांव प्लांट में दिसंबर 1983 में बनी थी. वह मारुति-800 मॉडल थी. मारुति सुजुकी का 1.5 करोड़ कार बनाने का सफर 31 साल और पांच महीने का रहा.

बालश्रम (प्रतिबंधऔरनियमनबिल, 2012 मेंपरिवर्तनकोकेंद्रीयमंत्रिमंडलकीमंजूरी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आधिकारिक बाल श्रम (प्रतिबंध और नियमन) बिल, 2012 में संशोधनों को शामिल करने के प्रस्ताव को 13 मई 2015 को  मंजूरी प्रदान की गयी. देश के सामाजिक ताने-बाने और सामाजिक-आर्थिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल ने 14 साल से कम उम्र के बच्चों को काम पर रखने पर प्रतिबंध लगाने संबंधी प्रस्तांव को मंजूरी प्रदान की. देश में बड़े पैमाने पर परिवारों के भीतर बच्चेे कृषि कार्य या कारीगरी में अपने माता-पिता की मदद करते हैं और इस तरह अपने माता-पिता की मदद करते हुए वे इस काम में प्रवीण हो जाते हैं. इसलिए बच्चेा की शिक्षा और देश की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के साथ इसके ताने-बाने के बीच संतुलन बैठाने की आवश्यकता है.यही वजह है कि कैबिनेट ने बाल श्रम कानून में संशोधनों को मंजूरी देते हुए बच्चों को उनके परिवार या परिवार के उद्यम में मदद देने की अनुमति दे दी है. ध्यातव्य है कि परिवार के अंदर चलने वाले ये काम खतरनाक किस्म के नहीं होने चाहिए. बच्चे इस काम को स्कूल से आने के बाद और छुट्टियों के दौरान कर सकते हैं. बच्चे विज्ञापन, फिल्मस, टेलीविजन धारावाहिकों या ऐसे किसी मनोरंजन या सर्कस को छोड़कर किसी खेल गतिविधि में काम कर सकते हैं. इसके तहत बाल श्रम (प्रतिबंध और नियमन) बिल, 1986 में कई संशोधन किये जायेंगें. इस बिल में किये जाने वाले संशोधनों में शामिल महत्वपूर्ण संशोधन हैं  1. सभी कार्यों और प्रक्रियाओं में 14 साल से कम उम्र के बच्चों  को काम पर रखना प्रतिबंधित होगा. इसमें प्रतिबंध की आयु, मुक्त  और अनिवार्य शिक्षा कानून, 2009 के तहत निर्धारित आयु के बराबर कर दी गयी है. किन्तु अपवाद स्वरूप यह नियम निम्नांकित शर्तों के साथ लागू नहीं होते -  क)  जहां बच्चा परिवार या परिवार के ऐसे कारोबार में काम कर रहा हो जो निर्धारित खतरनाक काम और प्रक्रिया के तहत न आता हो और यह काम भी वह स्कूरल से आने के बाद और छुट्टियों में करता हो. ख)  जहां बच्चा  विज्ञापन, फिल्मो, टेलीविजन धारावाहिकों या ऐसे किसी मनोरंजन या सर्कस को छोड़कर किसी खेल गतिविधि में काम कर रहा हो. इसमें शर्ते और सुरक्षा से जुड़े कदम शामिल हो सकते हैं तथा जो काम बच्चे की स्कूली शिक्षा को प्रभावित न करते हों. 2. बाल श्रम (प्रतिबंध और नियमन) कानून के तहत किशोरों (14 से 18 वर्ष की उम्र) के काम की नई परिभाषा तय की गई है. इसमें खतरनाक कामों और प्रक्रिया में उनके श्रम को प्रतिबंधित किया गया है. 3. कानून का उल्लंधघन न हो, इसके लिए नए संशोधनों में नियोक्ताेओं के खिलाफ कड़े दंड के प्रावधानों का प्रस्ताव है. क) पहली बार कानून का उल्लंनघन कर अपराध करने पर छह महीने से कम अवधि की सजा का प्रावधान नहीं होना चाहिए. आगे यह अवधि दो साल तक बढ़ाई जा सकती है. जुर्माने की रकम भी 20,000 से कम नहीं होगी और इसे 50,000 रुपए तक बढ़ाया जा सकता है या फिर जुर्माना और सजा एक साथ हो सकती है. इसके पहले सजा की अवधि तीन महीने से कम की नहीं होती थी और जुर्माने की रकम 10,000 थी, जो 20,000 रुपए तक बढ़ाई जा सकती थी या फिर दोनों एक साथ लागू होते थे.  ख) दूसरी बार अपराध करने पर न्यूनतम कैद की अवधि एक साल होगी और इसे बढ़ाकर तीन साल तक किया जा सकता है. इससे पहले दूसरी बार या उसके बाद भी अपराध करने पर कैद की न्यूानतम अवधि छह महीने की थी, जो दो साल तक बढ़ाई जा सकती थी. 4. कानून का उल्लंघन करते हुए बच्चे या किशोर को काम पर रखने के नियोक्ता के अपराध को संज्ञेय बना दिया गया है. 5. माता-पिता/अभिभावकों के लिए सजा : मूल कानून में बाल श्रम अपराध के लिए माता-पिता के लिए भी वही सजा है जो नियोक्ताओं के लिए हैं. हालांकि माता-पिता और अभिभावकों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को देखते हुए पहली बार अपराध करने पर किसी सजा का प्रावधान नहीं होगा लेकिन दूसरी और उसके बाद के अपराध के लिए जुर्माना लगाया जाएगा जो 10,000 रुपए तक बढ़ाया जा सकता है. 6. एक या अधिक जिलों में बाल और किशोर श्रम पुनर्वास कोष की स्थापना की जाएगी. इस कोष से बाल और किशोर श्रम से छुड़ाए गए बच्चों के पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी. इस तरह यह कानून भविष्य में अपने आप में पुनर्वास गतिविधियों के लिए एक कोष सिद्ध होगा.
सीएलपीआरएक्ट 1986 मेंसंशोधनकीआवश्यकताक्यों? प्रथम, संशोधन बिल 2012 एवं आधिकारिक संशोधनों द्वारा शिक्षा की आवश्यकता तथा सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य के बीच सामंजस्य स्थापित किया जा सकेगा.   दूसरे, भारत के सामाजिक-आर्थिक परिवेश में बच्चे अपने माता-पिता को कृषि, हथकरघा आदि व्यवसायों में मदद करते हैं तथा इन व्यवसायों की मूल बातें सीख कर आगे चलकर इसी के अनुसार कार्य करते हैं. तीसरे, बाल श्रम (प्रतिबंध और नियमन) कानून (सीएलपीआर एक्ट) 1986 के साथ निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून, 2009 के साथ समन्वयित नहीं था. यह कानून 6 से 14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा मुहैया कराता है. सीएलपीआर एक्ट, अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की धाराओं 138 तथा 182 के अनुरूप नहीं था जिसमें 18 वर्ष से कम आयु के बच्चो का ऐसे कार्यस्थलो पर रोज़गार करना प्रतिबंधित है जहां स्वास्थ्य, सुरक्षा तथा नैतिकता के नियमों का उल्लंघन होता हो.

14 may

मुद्राबैंकरोजगारसृजनकीओरबढ़तेकदम

भारत दुनिया के उन सबसे युवा देशों में से है जहां 25 वर्ष से कम लोगों की कुल आबादी 54 प्रतिशत से अधिक है. अतः हमारे युवाओं को इक्‍कसवीं शताब्‍दी की नौकरियों के अनुसार प्रशिक्षण देना तथा नौकरियों के लायक बनाना हमारा नैतिक दायित्व बनता है.गौरतलब है कि भारत में काम करने लायक 5 प्रतिशत से भी कम लोगों को औपचारिक कौशल प्रशिक्षण मिलता है जिससे वे नौकरी के योग्य बन सकें और नौकरियां कर सकें.भारत की आबादी की करीब 70 प्रतिशत जनसंख्या गांवों में निवास करती है इसलिए रोजगार प्राप्त करने के इक्छुक युवाओं की संख्‍या दिनों दिन बढ़ती जा रही है.

वर्ष 2022 में भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमरुत महोत्‍सव मनाया जायेगा. राज्‍यों के नेतृत्‍व और केंद्र सरकार के निर्देशन में टीम इंडिया के बारे में प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता में अन्‍य उद्देश्‍यों के अलावा युवाओं को शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण देना शामिल है ताकि उन्‍हें रोजगार मिल सके.इस उद्देश्य से स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया कार्यक्रम शुरू किए गए हैं और हमें भी भारत में उद्ममिता की भावना को प्रोत्‍साहित करना चाहिए और नए उद्ममों को शुरू करने के लिए सहयोग करना चाहिए ताकि हमारे  युवा रोजगार ढूंढने वालों से रोजगार सृजक बन सकें.

अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों द्वारा इसकी सराहना की जानी चाहिए जिससे अधिक से अधिक संख्‍या में लोगों को रोजगार मिलेगा.कुल मिलाकर 5.77 करोड़ लघु व्‍यावसायिक इकाईयां हैं,जिनमें से अधिकतर एकल स्‍वामित्‍व वाली हैं जो लघु निर्माण, ट्रेडिंग या सेवा व्‍यवसाय चलाती हैं.इनमें से 62 प्रतिशत का स्‍वामित्‍व अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/ओबीसी के पास है. निचले स्‍तर के कठोर परिश्रम करने वाले उद्यमियों की ऋण तक औपचारिक पहुंच कठिन हो गई है.इस दिशा में 2015-2016 के बजट में एक प्रमुख पहल करने की घोषणा की गई है ‍जिसका नाम मुद्रा बैंक है.

माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट रिफाईनेंस एजेंसी (मुद्रा) बैंक की घोषणा 2015 के बजट में की गई है जिसके लिए 20,000 करोड़ रुपये का कोष निर्धारित किया गया है और इसमें 3,000 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी राशि की घोषणा की गई है.मु्द्रा बैंक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के जरिए सूक्ष्‍म वित्‍त संस्‍थानों का पुनर्वित्‍तीयन करेगा.कर्ज देते समय अनुसूचित जाति/जनजाति उद्ममों को प्राथमिकता दी जाएगी.इन उपायों से युवाओं, शिक्षित अथवा कौशल प्राप्‍त श्रमिकों का आत्‍मविश्‍वास बढ़ेगा जो पहली पीढ़ी के उद्यमी बनने की आकांक्षा रखते हैं, साथ ही इसमें वर्तमान लघु उद्यमी भी शामिल होकर अपनी गतिविधियों का विस्‍तार कर सकेंगे.

मुद्रा बैंक निर्माण, ट्रे‍डिंग और सेवा गतिविधियों में लगे सूक्ष्‍म/लघु व्‍यावसायिक संस्‍थाओं को ऋण देने के कार्य में लगे सभी सूक्ष्‍म वित्‍तीय संस्‍थानों के नियमन और पुनर्वित्‍तीयन का दायित्व संभालेगा.

मुद्रा बैंक प्रमुख रूप से निम्‍न बातों के लिए जिम्‍मेदार होगा:

1) सूक्ष्‍म/ लघु संस्‍थाओं वित्‍तीय व्‍यवसाय के लिए नीति-निर्देश तैयार करना

2) एमएफआई संस्‍थाओं का पंजीकरण

3) एमएफआई संस्‍थाओं का नियमन

4) एमएफआई संस्‍थाओं को मान्‍यता/रेटिंग

5) ऋणग्रस्‍तता से बचने और ग्राहक के उचित संरक्षण सिद्धांतों और वसूली के तरीके सुनिश्चित करने के लिए वित्‍तीय व्‍यवस्‍था तैयार करना

6) सभी सूक्ष्‍म/लघु उद्यमों को अनुबंध के साथ ऋण

7) ऋण के लिए सही प्रौद्योगिकी समाधान को बढ़ावा

8) सूक्ष्‍म उद्यमों को दिए जाने वाले ऋणों के लिए गारंटी प्रदान करने के उद्देश्‍य से ऋण गारंटी योजना की व्‍यवस्‍था और संचालन करना

9) प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत सूक्ष्‍म व्‍यवसायों तक ऋण पहुंचाने के लिए संरचना तैयार करना

ऊपर बताये गए उपायों से न केवल उन लोगों को कर्ज मिल सकेगा जिनकी पहुंच बैंकों तक नहीं है बल्कि अनौपचारिक क्षेत्र से जुड़े अधिकतर सूक्ष्‍म/लघु उद्यमों को निचले स्‍तर तक कर्ज वितरित किया जा सकेगा.

इस बैंक के जरिए दलितों और आदिवासी उद्यमियों को प्राथमिकता दी जाएगी जिससे सामाजिक न्‍याय की प्रवृति को भी बढ़ावा मिल सके. उद्योग  में अधिकतर कुशल श्रमिक दलित समुदायों से ही आते हैं.उनमें अपनी सूक्ष्‍म इकाइयां शुरू करने की अपार संभावनाएं है बशर्तों उन्‍हें आसान शर्तों पर ऋण मिल सके. हालांकि अधिकतर लोग कौशल प्राप्‍त हैं और अपने काम की तकनीकी बारीकियों को समझते हैं, लेकिन पर्याप्त पूंजी के आभाव में वे अपना स्वयं का व्यवसाय नहीं कर सकते हैं.ऐसे में जब अनुसूचित जाति के छात्रों के बीच शिक्षा का प्रसार हो रहा है सूक्ष्‍म इकाइयों की पुनर्वित्‍तीयन सेवा उनके लिए उत्‍साहवर्द्धक कदम सिद्ध हो सकती है.

सरकार के मुद्रा बैंक प्रस्‍ताव से इन संस्‍थाओं के लिए समान नियामक और आचरण संहिता स्‍थापित हो सकेगी जिससे सभी कर्जदाताओं को जिम्‍मेदार कर्ज सिद्धान्‍त अपनाने होंगे और बदले में कर्जदारों के फायदा उठाने के मुद्दों से बचा जा सकेगा. यह गैर बैंकिंग वित्‍तीय कम्‍पनियों-सूक्ष्‍म वित्‍तीय संस्‍थाओं और इस क्षेत्र से जुड़े अन्‍य उद्यमियों को आर्थिक मदद और नगदी का प्रमुख स्रोत हो सकता है.3000 करोड़ रुपये का ऋण गारंटी कोष सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्य‍म क्षेत्र को बढ़ावा दे सकता है.एमएसएमई क्षेत्र ने भी मुद्रा बैंक की स्‍थापना की सराहना की है. एमएसएमई क्षेत्र के प्रतिनिधियों का मानना है कि यदि इसे सही तरीके से लागू किया जाय तो एनडीए सरकार की पहल से दोहरे अंकों में विकास दर हासिल करने में मदद मिलेगी और संभवतः हम चीन से भी आगे निकल सकते हैं.

जन-धन से जन सुरक्षा के जरिए वित्‍तीय समावेशन

वित्‍तीय समावेशन सरकार की सर्वोच्‍च प्राथमिकताओं में से एक है क्‍योंकि वित्‍तीय सेवाओं तक बड़ी संख्‍या में लोगों की पहुंच नहीं होने के कारण देश के विकास में बाधा उत्पन्न होती है.दुनिया में वित्‍तीय समावेशन की सबसे बड़ी पहल, प्रधानमंत्री जन-धन योजना के अंतर्गत 26 जनवरी, 2015 तक देश में 7.5 करोड़ परिवारों के बैंक खाते खोलने का लक्ष्‍य रखा गया था जबकि इससे आगे बढ़ते हुए 17 जनवरी, 2015 तक 11.50 करोड़ खाते खुल चुके थे.अब तक खोले गए खातों में 60 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में और 40 प्रतिशत शहरी इलाकों में हैं.महिला खाताधारकों की हिस्‍सेदारी करीब 51 प्रतिशत है.रूपे कार्ड 10 करोड़ से ज्‍यादा लाभार्थियों को जारी किए जा चुके हैं जिन्‍हें योजना के अंतर्गत एक लाख रुपये के व्‍यक्तिगत दुर्घटना बीमा का लाभ मिलेगा साथ ही पात्र लाभार्थियों के लिए 30,000 रुपये के जीवन बीमा की भी व्‍यवस्‍था है.

इस तथ्य को ध्‍यान में रखते हुए कि भारत की आबादी के अधिकांश हिस्‍से के पास स्‍वास्‍थ्‍य, दुर्घटना अथवा जीवन बीमा जैसी कोई सुविधा नहीं है जन धन योजना की शुरुआत की गयी.प्रधानमंत्री जन-धन योजना की सफलता से प्रोत्‍साहित होकर सरकार सभी भारतीयों, खासतौर से गरीबों और सुविधाओं से वंचित लोगों के लिए समान सामाजिक सुरक्षा व्‍यवस्‍था करने को  तत्पर है.6 मई 2015 से प्रारंभ प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत हर वर्ष 12 रुपये का प्रीमियम देकर 2 लाख रुपये का दुर्घटना मृत्‍यु जोखिम कवर मिलेगा.इसी तरह अटल पेंशन योजना के अंतर्गत एक निश्चित पेंशन दी जाएगी लेकिन यह योगदान और पेंशन की अवधि पर निर्भर करेगा.लोगों को इस योजना में शामिल होने के लिए प्रोत्‍साहित करने के उद्देश्‍य से सरकार लाभान्वित होने वालों के लिए 50 प्रतिशत योगदान देगी.इसके लिए प्रीमियम की सीमा 5 वर्ष तक हर वर्ष के लिए 1000 रुपये तय की गई है जो नए खाते 2015 से पहले खोले जाएंगे.तीसरी सामाजिक सुरक्षा योजना प्रधानमंत्री जीवन ज्‍योति बीमा योजना है जिसमें स्‍वाभाविक और दुर्घटना के कारण मृत्‍यु के लिए जोखिम की राशि 2 लाख रुपये होगी.इसके लिए 18-50 आयु वर्ग के लिए प्रीमियम की राशि हर वर्ष 330 रुपये अथवा प्रतिदिन 1 रुपये से भी कम होगी.

इसके अलावा बजट में पीपीएफ में करीब 3000 करोड़ रुपये और ईपीएफ कोष में पड़ी 6000 करोड़ रुपये की बिना दावे वाली जमा राशि का उपयोग करते हुए वरिष्‍ठ नागरिक कल्‍याण कोष बनाने का भी प्रस्‍ताव किया गया है,जिसका इस्‍तेमाल बुजुर्ग पेंशनरों, बीपीएल कार्ड धारकों, लघु और सीमान्‍त किसानों और अन्‍य कमजोर समूहों के प्रीमियम के लिए आर्थिक सहायता देने के लिए किया जाएगा.

देश में करीब 10.5 करोड़ वरिष्‍ठ नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए नई योजना शुरू की गई है जिसके अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले वरिष्‍ठ नागरिकों को विभिन्‍न सहायता यंत्रों के लिए सहायता दी जाएगी. इनमें से करीब एक करोड़ वरिष्‍ठ नागरिक 80 वर्ष से अधिक उम्र मे हैं जिनमें 70 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों से और अधिकतर बीपीएल श्रेणी के हैं.

सामाजिक सुरक्षा की ये योजनाएं सरकार की जन-धन मंच का इस्‍तेमाल करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं ताकि कोई भी भारतीय नागरिक बीमारी, दुर्घटना अथवा बुढ़ापे में अभाव को लेकर चिंतित न हो.गरीबों, सुविधाओं से वंचित लोगों और शोषितों की जरूरतों को लेकर संवेदनशील सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के लिए वर्तमान कल्याणकारी योजनाओं को लेकर प्रतिबद्ध है.सुकन्या समृद्धि योजना युवा महिलाओं के विवाह और शिक्षा के लिए सहायता प्रदान करेगी.अल्‍पसंख्‍यक युवाओं के लिए समेकित शिक्षा और आजीविका योजना की नई मंजिल इस वर्ष शुरू की जाएगी.

अभिप्रायतः यह कहा जा सकता है कि मुद्रा बैंक की स्थापना तथा अन्य रोजगार परक तथा आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने वाली योजनाओं का शुभारम्भ कहीं न कहीं भारत वर्ष में रोजगार सृजन की ओर बढ़ते कदम का एक प्रतिदर्श साबित होगा और सुहास्‍य मूलम धर्म, धर्मस्‍य मूलम अर्थ, अर्थस्‍य मूलम राज्‍यम- की परिकल्पना को सशक्त बनाएगा.

हरियाणासरकारनेपंचकुलामेंअंतरराष्ट्रीयसंग्रहालयकीस्थापनाकरनेकीघोषणाकी

हरियाणा सरकार के पुरातत्व मंत्री राम विलास शर्मा ने 13 मई 2015 को हरियाणा राज्य के पंचकूला जिले में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के संग्रहालय और हिसार जिले राखीगड़ी ग्राम में राज्य स्तर के संग्रहालय की स्थापना करने की घोषणा की.
अंतरराष्ट्रीय स्तर के संग्रहालय और राज्य स्तर के संग्रहालय के निर्माण में क्रमशः 30 करोड़ और 5 करोड़ रुपए की लागत अनुमानित है.


राखीगड़ी संग्रहालय का निर्माण कार्य जून 2015  में और पंचकूला संग्रहालय का कार्य अगले तीन से चार माह में प्रारंभ हो जाएगा.
राखीगड़ी दक्षिण-पूर्व एशिया में सबसे बड़ी हड़प्पा सभ्यता का एक महत्वपूर्ण भाग रहा है.

बेनामी लेनदेन संशोधन विधेयक, 2015 लोकसभा में पारित

बेनामी लेनदेन संशोधन विधेयक, 2015 13 मई 2015 को लोकसभा में पारित हो गया. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बेनामी लेनदेन(निषेध) (संशोधन) विधेयक, 2015 को मंजूरी दी थी. 
संशोधन विधेयक में कुछ ऐसे प्रावधान जोड़े गए हैं जिसके तहत देश में काले धन पर अंकुश लगाने वाले नियमों का उल्लंघन करने वालों व्यक्ति को जुर्माना और कारावास जैसी सजा हो सकती है.
इसके अतरिक्त विधेयक में बेनामी संपत्ति को कुर्क और जब्त करने के प्रावधानों को भी शामिल किया गया. बेनामी लेनदेन संशोधन विधेयक, 2015 में अभियोजन का भी प्रावधान किया गया है जिसका उद्देश्य बेनामी संपत्ति को  अवरुद्ध करना है जो रियल एस्टेट में काले धन का मुख्य कारण है.

इससे पहले यह विधेयक 2011 में यूपीए सरकार द्वारा लाया गया था परन्तु 15वीं लोकसभा के भंग होने के करण यह विधेयक संसद में पारित नहीं हो सका.
यदि यह विधेयक अधिनियमित हो जाता है तो यह 1988 के बेनामी लेनदेन(निषेध) अधिनियम का स्थान लेगा.

राष्ट्रीयहरितअधिकरणनेदिल्लीकेपांचसिताराहोटलोंमॉलऔरअस्पतालोंपरजुर्मानालगाया

राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने पांच सितारा होटलों, मॉल तथा अस्पतालों पर अपने परिसर में वर्षा जल संचय की व्यवस्था सही ढंग से न करने के लिए भारी जुर्माना लगाया. यह जुर्माना न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता में राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने 12 मई 2015 को लगाया.

न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने कहा कि बार-बार याद दिलाने के बावजूद इन संस्थानों ने इस व्यवस्था को अपनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जोकि चिंता जनक है.  राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने होटलों और अस्पतालों को यह निर्देश दिया है कि भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) की अनुमति के बिना भूजल का उपयोग नहीं करे और नियमों का पालन करें. राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने बीएम गुप्ता हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड, इंद्रप्रस्थ मेडिकल कॉरपोरेशन लिमिटेड, संतोम अस्पताल और जयपुर गोल्डन अस्पाताल पर पांच-पांच लाख रुपये तथा होली फेमिली अस्पताल पर तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया. राष्ट्रीय राजधानी में भूजल स्तर के घटने पर चिंता जताते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने हरी पैनल जेपी सिद्धार्थ और पिकाडेली होटल पर 7.50- 7.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया.

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, NGT)
पर्यावरण से संबंधित किसी भी कानूनी अधिकार के प्रवर्तन तथा व्यक्तियों एवं संपत्ति के नुकसान के लिए सहायता और क्षतिपूर्ति देने या उससे संबंधित या उससे जुड़े मामलों सहित, पर्यावरण संरक्षण एवं वनों तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से संबंधित मामलों के प्रभावी और शीघ्रगामी निपटारे के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम 2010 के अंतर्गत 18अक्टूबर 2010 को राष्ट्रीय हरित अधिकरण की स्थापना की गई. यह एक विशिष्ट निकाय है जो बहु-अनुशासनात्मक समस्याओं वाले पर्यावरणीय विवादों को संभालने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता द्वारा सुसज्जित है. अधिकरण, सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के अंतर्गत निर्धारित प्रक्रिया द्वारा बाध्य नहीं होगा, लेकिन नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित किया जाएगा. पर्यावरण संबंधी मामलों में अधिकरण का समर्पित क्षेत्राधिकार तीव्र पर्यावरणीय न्याय प्रदान करेगा तथा उच्च न्यायालयों में मुकदमेबाज़ी के भार को कम करने में सहायता करेगा. अधिकरण को आवेदनों या अपीलों के प्राप्त होने के 6 महीने के अंदर उनके निपटान का प्रयास करने का कार्य सौंपा गया है.  आरंभिक रूप से, एनजीटी को पांच बैठक स्थलों पर स्थापित करना प्रस्तावित है और वह स्वयं को अधिक पहुंच योग्य बनाने के लिए सर्किट प्रक्रिया का पालन करेगा. अधिकरण की बैठक का प्रधान स्थल नई दिल्ली होगा तथा भोपाल, पुणे, कोलकाता तथा चेन्नई अधिकरण की बैठकों के अन्य 4 स्थल होंगे.

राष्ट्रपतिनेनर्सिंगकर्मियोंकोराष्ट्रीयफ्लोरेंसनाइटिंगेलपुरस्कारसेसम्मानितकिया

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 35 नर्सिंग कर्मियों को उनके उल्लेखनीय कार्यो के लिए वर्ष 2015 के राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार से 12 मई 2015 को राष्ट्रपति भवन में सम्मानित किया. यह पुरस्कार प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर 12 मई को प्रदान किए जाते हैं.

राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नर्सों की उल्लेखनीय सेवा को मान्यता देने के लिये वर्ष 1973 में राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार शुरू किया था. इस पुरस्कार के तहत प्रत्येक विजेता को पचास हज़ार रुपये नकद राशि, प्रशस्ति पत्र और एक पदक प्रदान किया जाता है. इस पुरस्कार से वर्ष 2014 तक कुल 306 नर्सों को सम्मानित किया जा चुका है. ये पुरस्कार केन्द्र, राज्य, केन्द्रशासित प्रदेशों, गैर सरकारी संगठनों और स्वंयसेवी संगठनों में कार्यरत नर्सो को दिये जाते हैं.
फ्लोरेंस नाइटिंगेल
आधुनिक नर्सिंग की जननी फ्लोरेंस नाइटिंगेल की स्मृति में हर वर्ष 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है. ब्रिटि‍श परिवार में 12 मई 1820 को जन्मी फ्लोरेंस नाइटिंगेल अपनी सेवा भावना के लिए याद की जाती हैं. प्राइमिया युद्ध के दौरान लालटेन लेकर घायल सैनिकों की सेवा करने के कारण ही उन्हें लेडी विथ द लैम्प कहा गया. उन्होंने वर्ष 1860 में सेंट टॉमस अस्पताल और नर्सों के लिए नाइटेंगल प्रशिक्षण स्कूल की स्थापना की. उनका निधन 13 अगस्त 1910 में लंदन में हुआ.

किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी करने वाला पहला राज्य बना पंजाब

केंद्र सरकार की मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत पंजाब 12 मई 2015 को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है. 
केंद्र सरकार की इस योजना के तहत प्रत्येक राज्य के हर जिले में मोबाइल मृदा परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी. वर्तमान में पंजाब सरकार ने ऐसी 66 प्रयोगशालाओं को स्थापित किया है जिसकी क्षमता एक वर्ष में 3.5 लाख नमूने का परीक्षण करने की है. 
इसके अतिरिक्त पंजाब सरकार ने प्रत्येक तिमाही में मृदा स्वास्थ्य की जांच के निर्देश दिए है.

पंजाब में मृदा स्वास्थ्य कार्ड का महत्व – • पंजाब में हरित क्रांति के आगमन से यह आवश्यक हो गया है की नियमित आधार पर राज्य की मृदा का परीक्षण किया जाए.
• यह मृदा की संतुलित स्वास्थ्य संरचना को बनाए रखने में किसानों की मदद करेगा.
• मृदा को शुष्क बनने से रोकने के लिए उर्वरकों की सही मात्रा के उपयोग के विषय लिए किसानों को शिक्षित करेगा.

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के बारे में –  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 फ़रवरी 2015 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ कस्बे में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का शुभारंभ किया.
• इस योजना का उद्देश्य पोषक तत्वों और उर्वरकों के उचित उपयोग से उत्पादकता में सुधार लाकर किसानों की मदद करना है.
• योजना के तहत तीन साल में 14 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जाएंगे.करीब 3 करोड़ किसानों को वित्तीय वर्ष 2014-15 में इस परियोजना के तहत कवर किया जाएगा.

 

बांग्लासाहित्यकारसुचित्राभट्टाचार्यकानिधन

बांग्ला साहित्यकार सुचित्रा भट्टाचार्य का 12 मई 2015 को कोलकाता में 65 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वह समकालीन बंगाली साहित्य के  लोकप्रिय उपन्यासकारों में से एक थी. 
उनके लेखन में मुख्य रूप से शहरी मध्यम वर्ग को प्रभावित करने वाले समकालीन सामाजिक मुद्दों और आज के समाज में महिलाओं के दर्द और पीड़ा का उल्लेख होता था. सुचित्रा भट्टाचार्य के बारे में - • सुचित्रा भट्टाचार्य का जन्म बिहार के भागलपुर जिले में 10 जनवरी 1950 को हुआ था.
• उन्होंने 24 उपन्यासों और कई लघु कथाओं की रचना की.
• उनके कुछ प्रसिद्ध उपन्यासों में दहाना, काछेर देवाल, काछेर  मानुष, अलीक शुख, पाखी, गभीर अशुख शामिल हैं.
• उनके कुछ उपन्यासों के आधार पर फिल्मों का निर्माण भी हुआ है.
• सुचित्रा भट्टाचार्य के कई उपन्यासों का मराठी, गुजराती, पंजाबी, हिंदी, मलयालम, तेलुगू, तमिल, उड़िया, और अंग्रेजी भाषा में अनुवाद किया गया है.

पुरस्कार -  सुचित्रा भट्टाचार्य को निम्नलिखित पुरुस्कारों से सम्मानित किया गया है- ननजानागुडू थिरुमालम्बा राष्ट्रीय पुरस्कार (1996), ताराशंकर पुरस्कार (2000), शरत पुरोशकार  (2002), भारत निर्माण पुरस्कार , शैलाजनानंद स्मृति पुरोशकार, साहित्य सेतु पुरस्कार.

इतिहासकारपीटरगेकामैनहैटनमेंनिधन

प्रसिद्ध बौद्धिक इतिहासकार पीटर गे का न्यूयॉर्क स्थित मैनहैटन में 12 मई 2015 को निधन हो गया. वे 91 वर्ष के थे.  जर्मनी में जन्मे पीटर गे के निधन की पुष्टि उनकी पुत्री एलिजाबेथ ग्लेज़र ने की. वे 25 से अधिक विश्व प्रसिद्ध पुस्तकें लिख चुके हैं जिनमें पांच खंडों में प्रकाशित ‘नाइनटीन्थ सेंचुरी’ तथा दो खंडों में प्रकाशित ‘एन्लाईटमेंट’ विशेष रूप से शामिल हैं. वर्ष 1993 में रिटायर होने से पहले वे येल यूनिवर्सिटी में 24 वर्ष तक बतौर प्रोफेसर कार्यरत रहे.


उनके लेखों में मोज़ार्ट, 19वीं सदी के उपन्यास तथा 20वीं सदी के सिनेमा के बारे में विशेष रूप से उल्लेख मिलता है. इसके अतिरिक्त जर्मनी में हिटलर के शासन से पहले वहां मौजूद बौद्धिक जीवन तथा कला के बारे में उन्होंने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘वीमर कल्चर: दि आउटसाइडर एज़ इनसाइडर’ में जानकारी प्रदान की. उनके द्वारा लिखी गयी सिगमंड फ्रायड की जीवनी विशेष रूप से प्रसिद्ध है. डॉक्टर गे द्वारा लिखी गयी पुस्तक ‘दि एन्लाईटमेंट : एन इंटरप्रिटेशन’ को वर्ष 1967 में नेशनल बुक अवार्ड दिया गया. वर्ष 2004 में उन्हें अमेरिकन हिस्टोरिकल एसोसिएशन द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया.

भारतीय मूल की हरभजन कौर धीर ब्रिटेन में महापौर निर्वाचित होने वाली पहली एशियाई महिला

भारतीय मूल की हरभजन कौर धीर 12 मई 2015 को ब्रिटेन में महापौर के रूप में निर्वाचित होने वाली पहली एशियाई महिला बनीं. ईलिंग परिषद के विक्टोरिया हॉल में आयोजित एक समारोह में 62 वर्षीय हरभजन कौर धीर को तेज राम बाघा का उतराधिकारी चुना गया.

हरभजन कौर कई स्कूलों में बतौर गवर्नर भी कार्य कर चुकी हैं. इसके अलावा कौर मानसिक रूप से अशक्त बच्चों और वयस्कों के अधिकारों के लिए भी कार्य करती हैं. उन्होंने स्वयंसेवी के तौर पर देश में कई समाज सुधार के कार्य किए.

उन्होंने किंगस्टन विश्वविद्यालय से वर्ष 1995 में समाज शास्त्र में डिग्री हासिल की. हरभजन कौर धीर का जन्म वर्ष 1953 में पंजाब में हुआ था. वह वर्ष 1975 में भारत से ब्रिटेन में जाकर बस गई. उनके पति रंजीत धीर भी वर्ष 2001-02 तक ईलिंग परिषद के मेयर रह चुके हैं. कौर ने मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर के तौर पर वर्ष 2003 तक सरे काउंटी काउंसिल में काम किया. वे 1980 के दशक में लेबर पार्टी से जुड़ी. उन्होंने 1990 के दशक में स्वयंसेवी के रूप में घरेलू महिलाओं को अंग्रेजी सिखाने का कार्य किया.

झारखंडसरकारनेजिलापरिषदपंचायतसमितिऔरग्रामपंचायतकेसदस्योंकोमानदेयदेनेकीघोषणाकी

झारखंड सरकार ने 12 मई 2015 को जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत के सदस्यों को मानदेय देने की घोषणा की. मुख्यमंत्री रघुबर दास की अध्यक्षता में चाईबासा में हुई कैबिनेट की बैठक में इसका फैसला लिया गया. झारखंड सरकार के कैबिनेट के फैसले के अनुसार, जिला परिषद के सदस्यों को 1500, पंचायत सदस्यों को 700 और ग्राम पंचायत के सदस्यों को 200 रुपये प्रति माह मानदेय मिलेगा.


इसके साथ ही कैबिनेट के फैसले के अनुसार, पंचायत और नगर निकाय चुनाव के दौरान अगर किसी मतदानकर्मी की मृत्यु होती है, तो परिजनों को 10 लाख रुपये का तत्काल मुआवजा मिलेगा. नक्सली हमला या किसी दुर्घटना में यदि मृत्यु होती है, तो 20 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिये जायेंगे.  झारखंड सरकार के कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय:

• प्राकृतिक आपदा पर उपायुक्तों को 25 लाख तक खर्च करने का अधिकार, जो पहले पांच लाख था.
• कारा कक्षपाल की बहाली की नियमावली में बदलाव. स्टाफ सेलेक्शन कमेटी ही अब इस पद के लिए बहाली करेगी.
• राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद और जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद का गठन होगा.
• नगरपालिका का चुनाव करानेवाले सारे स्तर के कर्मचारियों और पदाधिकारियों को अलग से मानदेय.
• देवघर जिला के मधुपुर अनुमंडल में जिला व सत्र न्यायाधीश संवर्ग के तीन पद और एक सिविल न्यायाधीश का पद सृजित.
• 282 करोड़ से 145 किलोमीटर सड़क को मंजूरी.
• खूंटी से तोरपा होते हुए कोलेबिरा तक की 82.055 किलोमीटर सड़क के चौड़ीकरण व मजबूतीकरण के लिए 152 करोड़ पांच लाख रुपये.
• पश्चिमी सिंहभूम के झींकपानी से जोरापोखर, सिलगुंजी से टोंटो होते हुए 21.47 किलोमीटर की सड़क के लिए 35 करोड़ 50 लाख रुपये. इसे पथ निर्माण विभाग बनायेगा.
• रांची रिंग रोड के 6.10 किलोमीटर तक के एरिया का चौड़ीकरण व मजबूतीकरण के लिए 39 करोड़ 22 लाख रुपये.
• सरायकेला के खुखड़ी, आकर्षणी से गोंदपुर तक 14.98 किलोमीटर की सड़क के लिए 44.46 करोड़ का प्रावधान.

रक्षामंत्रालयने 20 हजारकरोड़रुपयेकेरक्षासौदोंकोमंजूरीदी

रक्षा मंत्रालय ने 13 मई 2015 को 20 हजार करोड़ रुपये के रक्षा सौदों (वायुसेना के लिए परिवहन विमान सौदे ) को मंजूरी दी. इसके तहत 20 हजार करोड़ रुपए की लागत से सेना के लिए परिवहन विमान खरीदे जाएंगे.

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि वायुसेना के पुराने पड़ चुके एब्रो विमान बेड़े को सी-295 विमानों से बदला जाएगा. इस सौदे के तहत एयरबस -टाटा समूह से 16 विमान खरीदे जाएंगे जबकि शेष 40 विमान मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत देश में ही इस समूह के द्वारा बनाए जाएंगे. इस बैठक में रूस के उस प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई, जिसमें मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत कामोव का-226टी हेलिकॉटरों का निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा बैठक में भारतीय नौसेना के लिए 2700 करोड़ रुपए की लागत से छह नयी ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली की खरीद और 2900 करोड़ रुपए की लागत से अमेरिका से 145एम 777 हाविट्जर गन की खरीद को भी मंजूरी दी गई.

हाउसिंग डॉट कॉम के सीईओ ने अपनी 200 करोड़ की हिस्सेदारी कंपनी के कर्मचारियों में वितरित की

हाउसिंग डॉट कॉम के संस्थापक तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राहुल यादव ने 13 मई 2015 को अपनी 200 करोड़ रूपए की शेयर होल्डिंग को कंपनी के 2,251 कर्मचारियों के बीच वितरित करने की घोषणा की है.


यादव हाउसिंग डॉट कॉम की होल्डिंग कंपनी लोकोन सल्यूशन में 4.57 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं. वर्तमान मूल्यांकन के अनुसार राहुल के स्टॉक की कीमत 70 करोड़ रुपए है. गौरतलब है कि 26 वर्षीय राहुल यादव ने पिछले दिनों सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन फिर जल्द ही इस्तीफा वापिस ले लिया. विदित हो कि अप्रैल 2015 में सिएटल की टेक्नॉलजी क्षेत्र से जुड़ी पेमेंट प्रोसेसिंग फर्म 'ग्रेविटी पेमेंट' के सीईओ डैन प्राइस ने कंपनी के निचले स्तर के कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने के लिए अपनी सैलरी में 90 प्रतिशत की कटौती कर दी थी.

 

अचलकुमारज्योतिनेचुनावआयुक्तकापदभारसंभाला

अचल कुमार ज्योति ने 13 मई 2015 को नए चुनाव आयुक्त का पदभार संभाला.

ज्योति वर्ष 1975 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं. वह जनवरी 2013 में गुजरात के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. ज्योति राज्य सतर्कता आयुक्त के तौर पर भी सेवा दे चुके हैं. वह अपने कैडर में विभिन्न पदों पर रहे, जिसमें वर्ष 1999 से वर्ष 2004 के बीच कांडला पोर्ट ट्रस्ट के अध्यक्ष का पद और सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमेटिड के प्रबंध निदेशक का पद शामिल हैं.

23 जनवरी 1953 को जन्मे ज्योति का चुनाव आयुक्त के तौर पर कार्यकाल तीन वर्ष का होगा.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्त

भारत के संविधान के अनुच्छेद 324(2) के अधीन मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियु‍क्ति का अधिकार भारत के राष्ट्रपति को दिया गया है. संविधान का अनुच्छेद 324 (2) मुख्य निर्वाचन आयुक्त को छोड़कर समय समय पर निर्वाचन आयुक्तों की संख्या को निश्चित करने का अधिकार भी भारत के राष्ट्रपति को देता है.

चुनाव आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल छह वर्ष या 65 वर्ष की उम्र, इनमें जो पहले हो, तक का होता है.

पॉपकलाकारक्रिसबर्डनकानिधन

प्रसिद्ध पॉप कलाकार क्रिस बर्डन का मेलेनोमा नामक बीमारी के कारण 10 मई 2015 को कैलिफ़ोर्निया स्थित टोपंगा कैनियन में उनके निवास स्थल तथा स्टूडियो में निधन हो गया. वे 69 वर्ष के थे. उन्होंने एक प्रशिक्षित मिनिमलिस्ट के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी, जिसके अंतर्गत वे न्यूनतम सामग्री द्वारा कलाकृतियाँ बनाते थे. उनके प्रसिद्ध कार्यों में 1971 में बनी एक अल्पावधि फिल्म ‘शूट’ बेहद चर्चित है. इसमें एक अन्य कलाकार उन्हें 15 फीट की दूरी से उनकी बांह में गोली मारता है. एक अन्य कार्य ‘ट्रांस-फिक्स्ड’ (1974) में उन्होंने स्वयं को एक कार के ऊपर हाथों में कीलें ठोक कर बांध लिया था. इसी प्रकार ‘फॉर थ्रू दि नाईट सॉफ्टली’ (1973) में वे कांच के टुकडों को अपने कपड़ों में डालकर 50 फीट तक घिसटते हुए गए. क्रिस के सभी कार्य साहस, दर्द, असामाजिक व्यवहार पर केन्द्रित रहे हैं. उनका जन्म 11 अप्रैल 1946 में हुआ था.

मूडीजनेअपनात्रैमासिकग्लोबलमैक्रोआउटलुक : 2015-16 रिपोर्टजारीकी

अमेरिका अनुसंधान विश्लेषक फर्म मूडीज ने त्रैमासिक ग्लोबल मैक्रो आउटलुक : 2015-16 रिपोर्ट 12 मई 2015 को जारी की. रिपोर्ट के अनुसार, मजबूत अमेरिकी डॉलर और पूंजी प्रवाह में बदलाव से वर्ष 2015-16 में वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के बीच की खाई चौड़ी होगी.  अमेरिका में मौद्रिक नीति का प्रत्याशित कसाव अन्य केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक सहजता की तुलना में दुनिया भर में वृद्धि और मुद्रास्फीति के लिए विभिन्न संभावनाओं को दर्शाता है.

इन अर्थव्यवस्थाओं के मध्य विस्तार ने अमेरिका और भारत जैसे देशों के मध्य लचीलेपन का निर्माण किया है, तथा ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की जैसे देशों की अर्थव्यवस्थाएं नकारात्मक झटके की चपेट में हैं. यह अंतर पूंजी प्रवाह और मुद्रा मूल्यों में बदलाव हेतु ईंधन और वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को प्रभावित करेगा. रिपोर्ट में आगे अनुमान लगाया है कि मजबूत अमेरिकी डॉलर अमेरिकी अर्थव्यवस्था की विकास की संभावनाओं में सेंध लगाएगा, हालांकि अभी भी आर्थिक वृद्धि मजबूत होगी. मूडीज ने अनुमान लगाया है कि वर्ष 2015 और 2016 दोनों में अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 2.8% होगी. चीन में आर्थिक विकास के लिए मुख्य रूप से घरेलू कारक जिम्मेदार हैं. रेटिंग एजेंसी मूडीज के अनुसार चीन की विकास दर वर्ष 2014 में 7.4%, वर्ष 2015 में 6.8 % और वर्ष 2016 में 6.5  रहने का अनुमान है.  वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए नकारात्मक जोखिम
त्रैमासिक ग्लोबल मैक्रो आउटलुक : 2015-16 रिपोर्ट में कई जोखिमों की पहचान की गई है जो कम वृद्धि करने के लिए कुछ अलग-अलग देशों में व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार हैं. 
• यूरो क्षेत्र से ग्रीक का बाहर होना. 
• मजबूत अमेरिका मौद्रिक नीति की उच्छृंखल प्रतिक्रिया.
• चीनी इक्विटी या संपत्ति की कीमतों का भविष्य के किसी भी सुधार का प्रभाव.
• चीन की पूंजी खाते का संभावित उच्छृंखल उदारीकरण. भारत की विकास संभावनाओं पर मूडीज
त्रैमासिक ग्लोबल मैक्रो आउटलुक : 2015-16 रिपोर्ट के अनुसार वित्तवर्ष 2015-16 में भारत की विकास दर 7.5 फीसदी होगी जो जी-20 देशों में सर्वाधिक है. आलोच्य अवधि में तेल की कम कीमत से विकास और सुधार कार्यो से आर्थिक गतिविधियों को संबल मिलता रहेगा. साथ ही भारत की विकास दर इतनी ही रेटिंग प्राप्त अपने समकक्ष देशों में वृद्धि के अनुमान के मुकाबले अधिक है. अमेरिका साख निर्धारण एजेंसी मूडीज ने भारत की 'बीएए3' रेटिंग के लिए सकारात्मक परिदृश्य जाहिर किया है.

मूडीज ने तेल मूल्य में गिरावट और सरकार के द्वारा अपनाए गए कई सुधारों के आधार पर यह अनुमान जारी किया है. रिपोर्ट के अनुसार चूंकि भारत बड़े पैमाने पर तेल आयात करता है, इसलिए तेल की कीमत घटने का देश को फायदा मिलेगा. मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में वृद्धि की स्थिति में नरमी से वैश्विक और घरेलू दोनों तत्व जाहिर होते हैं जिसमें घरेलू स्तर पर ऋण की स्थिति में नरमी, स्थानीय मांग में कमी और अनिश्चित वैश्विक वृद्धि शामिल है.  रिपोर्ट के अनुसार 'भारत के ढांचागत सुधार की कोशिश से निकट भविष्य के बजाय मध्यम अवधि में घरेलू निवेश और प्रतिस्पर्धात्मकता बहाल होगी लेकिन उक्त कारणों से अगली दो तिमाहियों में भारत में आर्थिक सुधार की रफ्तार सीमित होगी जबकि मॉनसून तथा वैश्विक वित्तीय उतार-चढ़ाव की संभावना वर्ष 2015-16 वृद्धि के लिए अतिरिक्त जोखिम है.' जी20 में दुनिया की शीर्ष 20 अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं.

ट्राइफेड ने आदिवासियों के हस्तशिल्प उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए स्नैपडील के साथ समझौता किया

भारत सरकार ने आदिवासियों के हस्तशिल्प उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल स्नैपडील के साथ 13 मई 2015 को समझौता किया.

जनजाति मामलों के मंत्रालय के अधीन कार्यरत भारतीय जनजाति सहकारी विपणन विकास महासंघ मर्यादित (ट्राइफेड) ने स्नैपडील के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए.

इस समझौते के तहत देशभर के आदिवासी कारीगरों द्वारा तैयार उत्कृष्ट कलाकृति व हस्तशिल्प वस्तुएं बिक्री के लिए स्नैपडील पर प्रदर्शित की जाएंगी. इसके अंतर्गत आदिवासी कारीगरों द्वारा निर्मित मूर्तियां, कला व हस्तकला उत्पादों, आदिवासी आभूषण, शिल्प, आदिवासी बुनाई और कढ़ाई, चित्रों आदि जैसे आदिवासी हस्तशिल्प की वस्तुएं शामिल होंगी.

सरकार का स्नैपडील के साथ समझौता करने का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समुदायों की आजीविका में सुधार और उनके सांस्कृतिक ज्ञान और पारंपरिक कौशल के आधार पर उनके लिए व्यापार के अवसर पैदा करना है.

भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ मर्यादित (ट्राईफेड) के बारे में
भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ मर्यादित (ट्राईफेड) की 6 अगस्त 1987 को स्थापना की गई और इसका बहुराज्यीय सहकारी समितियाँ अधिनियम 1984 के अंर्तगत पंजीकरण किया गया (जो अब बहुराज्यीय सहकारी समितियाँ अधिनियम, 2002 है),  ट्राईफेड ने भारत सरकार के कल्याण मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में वर्ष 1988 से कार्य करना प्रारंभ किया (जो अब भारत सरकार का जनजातीय कार्य मंत्रालय है).

ट्राईफेड का पंजीकृत मुख्य कार्यालय नई दिल्ली में स्थित है और देश के विभिन्न स्थानों पर 13 क्षेत्रीय कार्यालय हैं और एक केन्द्रीय गोदाम दिल्ली में है. ट्राईफेड के "ट्राइब्स इंण्डिया" नाम के ब्रांण्ड के अंर्तगत 37 शोरुम है एवं कन्साइनमेंट के आधार पर 6 राज्यों के एम्पोरियमों के माध्यम से आदिवासी उत्पादों का भी खुदरा विपणन कर रहा है.

शिक्षक, पत्रकार और निबंधकार विलियम जिंसर का निधन

ऑन राइटिंग वेल’ नामक पुस्तक के लेखक शिक्षक, पत्रकार और निबंधकार विलियम जिंसर का मैनहट्टन में 12 मई 2015 को निधन हो गया. यह जानकारी उनकी पत्नी कैरोलीन फ्रेसर जिंसर ने दी. वह 92 वर्ष के थे.

ऑन राइटिंग वेल’ नॉन-फिक्शन के क्षेत्र की एक प्रसिद्ध पुस्तक है. यह पुस्तक ‘ऑन राइटिंग वेल’ वर्ष 1976 में प्रकाशित हुई थी और इसकी सराहना करते हुए न्यूयार्क टाइम्स ने इसे ‘द एलीमेंट्स ऑफ स्टाइल’ के स्तर का बताया था. इसकी 10 लाख से अधिक प्रतियां बिकीं.

विलियम जिंसर ने पेशेवरों और इस क्षेत्र के नए लोगों को अपने आप को ज्यादा स्पष्टता और संक्षेप में अभिव्यक्त करने की प्रेरणा दी. 40 के दशक में एक अखबार और मैगजीन के संवाददाता जिंसर असंख्य लेखकों, पत्रकारों और संभावित लेखकों के लिए एक मार्गदर्शक रहे.

एचएसबीसीनेभारतकीरेटिंगओवरवेटसेघटाकरअंडरवेटकी

एचएसबीसी  (होन्गकोंग एंड शंघाई बैंक कारपोरेशन) ने 13 मई 2015 को भारत की रेटिंग को घटाकर ओवरवेट से अंडरवेट किया. 12 मई को जारी मुद्रास्फीति के आंकडों के बाद एचएसबीसी ने यह कदम उठाया. एचएसबीसी ने एशिया में भारत में ही सबसे ज्याददा निवेश किया है,  इसके बावजूद भारतीय बाजार को अंडरवेट रेटिंग में रखा गया है. कंपनियों के मुनाफे में कमी, अपर्याप्त नतीजों तथा बेमौसमी बरसात के कारण हुई आर्थिक हानि के चलते यह निर्णय लिया गया है.


एचएसबीसी ने चीन और सिंगापुर के बाजार की ओवरवेट रेटिंग कायम रखी है. एचएसबीसी के मुताबिक चीन में स्टिमुलस से कमोडिटी में तेजी आएगी और चीन में दरें घटना भारत के लिए निगेटिव होगा. साथ ही अल-नीनो का भारत पर निगेटिव असर हो सकता है. रेटिंग कम किये जाने के मुख्य कारण हैं, मुद्रास्फीति द्वारा लाभ में कमी के संकेत, ब्याज दरों में कटौती से रिटर्न में कमी, रूपए का अंतरराष्ट्रीय मूल्य कम होना तथा ख़राब मौसम से फसलों की बर्बादी.

व्यापकनईयूरियानीति-2015 केलिएकेंद्रीयमंत्रिमंडलकीस्वीकृति

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 13 मई 2015 को अगले चार वित्तीय वर्षों के लिए यूरिया नीति-2015 को मंजूरी प्रदान की गयी. इस नीति के लागू होने पर स्वदेशी यूरिया उत्पादन तथा यूरिया इकाइयों में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा दिया जायेगा. इससे घरेलू क्षेत्र की 30 यूरिया उत्पादन इकाइयों को अधिक ऊर्जा कुशल बनने में सहायता मिलेगी. साथ ही इससे किसानों को अधिकतम खुदरा मूल्य पर यूरिया की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करायी जाएगी.


इस नीति से आगामी चार वर्षों में, उर्जा खपत के नये मानदंडों को अपनाने तथा आयात प्रतिस्थापन से 2618 करोड़ रूपये की सब्सिडी की प्रत्यक्ष बचत होगी तथा 2211 करोड़ रूपये की अप्रत्यक्ष बचत होगी. साथ ही इससे हर साल 20 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त उत्पादन होने का अनुमान भी है. इससे पहले सरकार ने 26 लाख टन का अतिरिक्त उत्पादन करने के लिए बिहार में बरौनी तथा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बंद यूरिया इकाइयों को पुनर्जीवित करने का फैसला किया था. तेलंगाना में बंद पड़ी रामागुंडम और ओडिशा में बंद पड़ी तालचेर यूरिया इकाई के पुनरुद्धार के लिए विभिन्न हितधारकों के बीच संयुक्त उद्यम समझौतों पर दिसंबर, 2014 और जनवरी, 2015 में हस्ताक्षर किए गए. इन दोनो इकाईयों के शुरू होने से घरेलू उत्पादन में 26 लाख टन की वृद्धि होगी.


यूरिया नीति-2015 की विशेषताएं भारत में प्रतिवर्ष 310 लाख मीट्रिक टन यूरिया इस्तेमाल किया जाता है जबकि लगभग 80 लाख मीट्रिक टन यूरिया आयात किया जाता है. पी एवं के श्रेणियों की खादों को परिवहन योजना से मुक्त बना दिया गया है ताकि देश में किसी भी जगह किसी भी कंपनी की खाद मिल सके. इससे किसी विशेष क्षेत्र में किसी एक कंपनी के एकाधिकार को कम किया जा सकेगा. खाद ढोने के लिए रेल भाड़े में दी जाने वाली सब्सिडी को एकमुश्त आधार पर देना तय किया गया है ताकि कंपनियों को परिवहन लागत में किफायत हो. सरकार, देश के किसी भी हिस्से में जहां उर्वरकों की कमी हो रही हो, उर्वरकों की आपूर्ति के लिए खाद आपूर्तिकर्ताओं को सरकारी उपकरणों के जरिए निर्देशित करने के लिए स्वतंत्र होगी. उर्वरक मिलने के छह महीने के अंदर संबंधित राज्य सरकारों को उर्वरक की गुणवत्ता का प्रमाण पत्र देना होगा. यदि गुणवत्ता सही नहीं पाई गयी तो आपूर्तिकर्ता को सब्सिडी का भुगतान नहीं किया जायेगा.

पर्यटनकेक्षेत्रमेंभारतऔरचीनकेबीचसमझौतेपरहस्ताक्षरकिएजानेकोमंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए भारत और चीन के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने को 13 मई 2015 को मंजूरी प्रदान की.  इस समझौते पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए जाने हैं. इस समझौते से दोनों ही देशों को पर्यटन क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक संस्थागत व्यवस्था  कायम करने में मदद मिलेगी.


समझौते के मुख्य उद्देश्य 
• पर्यटन क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करना.
• एक-दूसरे के देश में आयोजित होने वाले यात्रा मेलों/प्रदर्शनियों में शिरकत करना.
• पर्यटन से जुड़े आंकड़ों और सूचनाओं का आदान-प्रदान करना.
• सुरक्षित, सम्माननीय एवं चिरस्थायी पर्यटन को बढ़ावा देना.
• होटलों एवं टूर ऑपरेटरों समेत पर्यटन के हितधारकों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना.
• पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्रों में निवेश करना.
• मानव संसाधन विकास में सहयोग के लिए कार्यक्रमों के आदान-प्रदान की व्यवस्था करना.

पर्यटन के क्षेत्र में भारत और चीन के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने को मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए भारत और चीन के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने को 13 मई 2015 को मंजूरी प्रदान की.  इस समझौते पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए जाने हैं. इस समझौते से दोनों ही देशों को पर्यटन क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक संस्थागत व्यवस्था  कायम करने में मदद मिलेगी.


समझौते के मुख्य उद्देश्य 
• पर्यटन क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करना.
• एक-दूसरे के देश में आयोजित होने वाले यात्रा मेलों/प्रदर्शनियों में शिरकत करना.
• पर्यटन से जुड़े आंकड़ों और सूचनाओं का आदान-प्रदान करना.
• सुरक्षित, सम्माननीय एवं चिरस्थायी पर्यटन को बढ़ावा देना.
• होटलों एवं टूर ऑपरेटरों समेत पर्यटन के हितधारकों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना.
• पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्रों में निवेश करना.
• मानव संसाधन विकास में सहयोग के लिए कार्यक्रमों के आदान-प्रदान की व्यवस्था करना.

राज्यवित्त्तीयआंकड़े : 2014-15 बजटकाअध्ययन’ शीर्षककेसाथआरबीआईकीरिपोर्टप्रकाशित

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने 12 मई 2015 को ‘राज्य वित्त आंकड़े : 2014-15 बजट का अध्ययन’ शीर्षक के साथ रिपोर्ट प्रकाशित की. इस वर्ष की रिपोर्ट का विषय है राजकोषीय समेकन: आकलन तथा मध्यम अवधि की संभावनाए.


यह रिपोर्ट एक वार्षिक प्रकाशन है जिसमें डाटा, विश्लेषण तथा राज्य सरकारों का वित्तीय आकलन प्रस्तुत किया गया है. यह रिपोर्ट पिछले वर्षों में हुई वित्तीय गतिशीलता पर भी प्रकाश डालती है. रिपोर्ट की विशेषताएं इसमें राज्यों के राजस्व में वृद्धि के लिए तथा वित्तीय घाटे को कम करने के लिए किये जाने वाले प्रयासों पर प्रकाश डाला गया. इसमें संसाधनों को अधिक पूंजीय लाभ हेतु मुक्त रखने तथा राजकोषीय समेकन की गुणवत्ता में सुधार लाने के बारे में कहा गया है. ई-कॉमर्स के बढ़ते दायरे से राज्यों को भी लाभ हो सकता है.


रिपोर्ट के अनुसार अप्रत्याशित लाभ प्राप्ति के लिए प्राकृतिक संसाधनों को व्यवस्थित करने की आवश्यकता है ताकि जिन राज्यों में संसाधनों की भरपूर मौजूदगी है उनमें विकास कार्यों को गति प्रदान की जा सके. 1 अप्रैल 2016 से वस्तु एवं सेवा कर के तहत कर व्यवस्था के लिए वर्तमान मूल आधारित अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था से केंद्र के लिए राजस्व का एक स्रोत पैदा होने की उम्मीद है. राजकोषीय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए वित्तीय निर्णयों को योजनाबद्ध तरीके से लागू करना होगा ताकि व्यय तथा लाभ में संतुलन बना रहे. यह रिपोर्ट आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग के अंतर्गत कार्यरत राजकोषीय विश्लेषण प्रभाग द्वारा तैयार की गयी थी.

खननएवंखनिजक्षेत्रमेंसहयोगकेलिएभारतऔरचीनकेबीचसमझौतेपरहस्ताक्षरकिएजानेकोमंजूरी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और चीन के बीच खनन एवं खनिज क्षेत्र में सहयोग संबंधी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने को 13 मई 2015 को मंजूरी प्रदान की.

इस समझौते पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए जाने हैं.

यह समझौता खनन एवं खनिज क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और चीन के बीच संस्थागत व्यवस्था की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करेगा.

इस समझौता से संसाधनों से जुड़ी सूचनाओं के आदान-प्रदान, कानून एवं नीति, विकास रणनीतियों पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए संगाष्ठियों के आयोजन, तकनीकों के हस्तांतरण को बढ़ावा देने और मूल्यवर्द्धन को प्रोत्साहित करने में भी मदद मिलेगी.

समुद्रीपरिवहनएवंलॉजिस्टिकमेंभारतऔरकोरियाकेबीचसमझौतेपरहस्ताक्षरकिएजानेकोमंजूरी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और कोरिया गणराज्य के बीच समुद्री परिवहन एवं लॉजिस्टिक के क्षेत्रों में सहयोग संबंधी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने को 13 मई 2015 को मंजूरी प्रदान की.

इस समझौते पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोरिया गणराज्य यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए जाने हैं.

इस समझौते से दोनों ही देशों को समुद्री परिवहन और लॉजिस्टिक के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने में मदद मिलेगी.
समझौते के मुख्य उद्देश्य 
•    प्रौद्योगिकियों के आदान-प्रदान के जरिये समुद्री परिवहन के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना
•    सूचना एवं अनुभवों में सहयोग बढ़ाना
•    नाविकों का प्रशिक्षण और बंदरगाह संचालन करना
•    समानता और परस्पर लाभ के सिद्धांत के आधार पर अंतरराष्ट्रीय समुद्रीय परिवहन के क्षेत्र में संबंधों का विकास करना
•    दोनों देशों के समुद्री परिवहन और लॉजिस्टिक से संबंधित संगठनों और कम्पनियों के बीच सहयोग और भागीदारी सुगम बनाना
•    घरेलू और विदेशी बंदरगाहों का उपयोग, विकास एवं प्रबंधन करना
•    साझा कारोबार
•    समुद्री परिवहन और लॉजिस्टिक के क्षेत्र में विशेषज्ञों का आदान-प्रदान करना
•    समुद्री विकास पर अनुसंधान करना
•    दोनों पक्षों द्वारा संयुक्त रुप से तय किये जाने वाला अन्य प्रकार का सहयोग