=> राष्ट्रद्रोह के मामले में परवेज मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित किया गया

पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ से जुड़े राजद्रोह के मामले में विशेष न्यायाधिकरण ने उन्हें 12 मई 2016 को भगोड़ा घोषित किया. न्यायाधिकरण ने मुशर्रफ को 30 दिन के भीतर पेश करने का निर्देश दिया.

जस्टिस मजहर आलम खान मिनाखेल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने सरकार को निर्देश दिया कि वह परवेज मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित करने वाला विज्ञापन अखबारों में प्रकाशित कराये. साथ ही इस आशय के पोस्टर अदालत के बाहर और मुशर्रफ के आवास के बाहर चिपकवाए. मुशर्रफ (72) अपनी बीमारी के इलाज हेतु सुप्रीम कोर्ट की अनुमति से 
दुबई गए हैं.

न्यायाधिकरण ने संघीय जांच एजेंसी को 30 दिन में मुशर्रफ को गिरफ्तार करके पेश करने का आदेश सुनाया. साथ ही 12 जुलाई को अगली सुनवाई पर आरोपी मुशर्रफ की संपत्तियों की जानकारी सरकार से मांगी गयी.

गौरतलब है कि वर्ष 2007 में संविधान को न मानने के मामले की सुनवाई 2013 से चल रही है. मुशर्रफ 1999 में नवाज शरीफ सरकार का तख्ता पलट कर खुद राष्ट्रपति बन बैठे थे. वर्ष 2008 में हुए चुनाव में हार जाने के बाद वह इस्तीफा देकर दुबई चले गए थे. वह 2013 में वापस पाकिस्तान लौटे लेकिन उन्हें वह सियासी रुतबा हासिल नहीं हो सका 
जिसकी उन्हें उम्मीद थी.

 

=> भारतीय बेने इज़राइल समुदाय में यहूदी सभ्यता की जड़ें मौजूद: अध्ययन

एक जेनेटिक अध्ययन में यह पुष्टि की गयी कि भारत के पश्चिमी भाग में रहने वाले बेने इज़राइल समुदाय के लोग वास्तव में यहूदी सभ्यता के वंशज थे. 

तेल अवीव यूनिवर्सिटी, कोर्नेल यूनिवर्सिटी एवं अल्बर्ट आइन्स्टाइन कॉलेज ऑफ़ मेडिसिन द्वारा किये गए अध्ययन के द्वारा किये गए अध्ययन की रिपोर्ट 10 मई 2016 को अमेरिकन फ्रेंड्स ऑफ़ तेल अवीव यूनिवर्सिटी पत्रिका में प्रकाशित की गयी.

डीएनए के इस अध्ययन में वैज्ञानिकों द्वारा जेनेटिक साक्ष्य प्रस्तुत किये गये. उनके द्वारा प्रस्तुत इन साक्ष्यों के आधार पर किये गये अध्ययन से स्पष्ट हुआ कि यहूदियों की वास्तविक जड़ें बेने इज़राइली समुदाय में निवास करती हैं.  

वैज्ञानिकों ने अत्याधुनिक जेनेटिक टूल्स का प्रयोग करते हुए जीनोम का विश्लेषण किया एवं बेने इज़राइल समुदाय के लोगों पर अध्ययन किया.

अध्ययन के मुख्य बिंदु

•    वैज्ञानिकों ने पाया कि बेने इज़राइल समुदाय के लोग जेनेटिक रूप से काफी हद तक भारतीयों से मेल खाते हैं लेकिन वे भारतीय जनसँख्या से काफी भिन्न हैं.

•    अध्ययन में यह पाया गया कि यह समुदाय भारतीय एवं यहूदी समुदाय का मिश्रण है.

•    इस समुदाय का पैतृक आबादी में आनुवंशिक योगदान पर्याप्त लगभग 19-33 पीढ़ियों (लगभग 650-1050 साल) पहले हुआ था.

•    शोधकर्ताओं का मानना है कि सबसे पहले मध्य-पूर्व की जनजातीय विवाह मामलों में दोनों समुदायों को एक साथ पाया गया.

•    इस अध्ययन द्वारा यह भी स्पष्ट हुआ कि जेनेटिक अध्ययन से हम अपने पूर्वजों एवं मानवीय सभ्यता के बारे में मूल्यवान जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

पृष्ठभूमि

मौखिक इतिहास के अनुसार, बेने इज़राइल समुदाय के लोग कोंकण तट पर एक जहाज़ की तबाही के बाद जीवित बचे 14 यहूदी लोगों के संपर्क में आये. 

इस घटना का वास्तविक समय एवं घटना का पूर्ण ब्योरा ज्ञात नहीं है. एक अनुमान के अनुसार इसे लगभग 2000 वर्ष पूर्व माना जाता है. कुछ लोगों का मानना है कि यह 175 ईसा पूर्व की घटना है.

 

=> महाराष्ट्र द्वारा 29000 गांवों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया

महाराष्ट्र सरकार ने 12 मई 2016 को प्रदेश के 29000 गांवों को सूखाग्रस्त घोषित किया. इनमें अधिकतर मराठवाड़ा एवं विदर्भ क्षेत्र में स्थित हैं.

मुंबई से सरकार द्वारा जारी एक सूचना में कहा गया कि अधिसूचना में जहां भी ‘सूखे जैसी स्थिति’ कहा गया है उसका अर्थ सूखा है. यह संदर्भ मुंबई उच्च न्यायालय द्वारा दिए गये एक आश्वासन के तहत जारी किया गया.

राज्य विभिन्न योजनाओं एवं प्रयासों से सूखे की स्थिति से निपटने का प्रयास कर रही है. सरकार द्वारा मराठवाड़ा एवं विदर्भ क्षेत्रों में विशेष योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है.

जिन गांवों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है वे पहले से ही योजनाओं का लाभ प्राप्त कर रहे थे. 

इससे पहले 7 मई 2016 को देवेन्द्र फडनवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करके 10000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की मांग की थी. इसमें से 7500 करोड़ रुपये अगले तीन वर्षों में मराठवाड़ा एवं विदर्भ क्षेत्रों में सिंचाई योजनाओं पर खर्च किये जायेंगे.

 

=>  राष्ट्रपति ने 35 नर्सों को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटन्गेल पुरस्कार प्रदान किए

 

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में 12 मई 2016 को अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के अवसर पर नर्सिंग कर्मियों को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटन्गेल पुरस्कार प्रदान किये. 
ये पुरस्कार भारत में नर्सों और नर्सिंग पेशेवरों को उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए प्रदान किया जाता है. चयनितों को पुरस्कार स्वरुप स्मृति चिह्न व प्रशस्ति पत्र स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दिया गया.
प्रति वर्ष 12 मई को दुनिया भर में फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म दिन मनाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति नर्सों के योगदान को चिह्नित करने के लिए यह दिन जाना जाता है.

फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार के बारे में-

• ये पुरस्कार संघ, राज्य / संघ राज्य क्षेत्रों में कार्यरत नर्सिंग कर्मियों को दिया जाता है.
• इस पुरस्कार हेतु सरकारी क्षेत्र, स्वयंसेवी संगठनों, मिशन संस्थानों और निजी संस्थानों में काम कर रहे नर्सों संबंधित राज्य सरकार के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं.
• पुरस्कार में 50000 रुपये नकद, प्रमाण पत्र, एक प्रशस्ति पत्र  और एक पदक प्रदान किया जाता है.

अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर-

• नर्स दिवस पहली बार वर्ष 1953 में डोरोथी सदरलैंड (स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण के अमेरिकी विभाग के एक अधिकारी) द्वारा प्रस्तावित किया गया था.
• अमेरिका के राष्ट्रपति ड्वाइट डी ने पहली बार इसकी घोषणा की. 
• यह पहली बार साल 1965 में अंतर्राष्ट्रीय नर्स परिषद (आईसीएन/ICN) द्वारा मनाया गया.
• आधुनिक नर्सिंग के संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म दिन 12 मई को प्ररि वर्ष उनकी वर्षगांठ के रूप में मनाया जाएगा. जनवरी 1974 में यह  घोषित किया गया था.

 

=> नील जॉर्डन द्वारा लिखित पुस्तक द ड्रान्ड डिटेक्टिव का लोकार्पण

 ड्रान्ड डिटेक्टिवनील जॉर्डन

नील जॉर्डन द्वारा लिखित पुस्तक द ड्रान्ड डिटेक्टिव एक ऐसे निजी जासूस पर आधारित कहानी है जो पूर्वी यूरोपीय देशों में बेहतर अवसर की तलाश में आता है, उसे बताया जाता है कि पूर्व सोवियत देशों में अवसरों की भरमार है.

इस कहानी में जासूस उसी देश के एक साथी के साथ वहां रहता है एवं वहीं अपराधियों को ढूंढता है एवं खोये हुए लोगों की तलाश करता है.

सारांश

•    पुस्तक के पहले कुछ पृष्ठों में एक मंत्री की कहानी है जो अपनी पत्नी को धोखे में रखता है.

•    इस मंत्री का जोनाथन नाम के एक जासूस द्वारा पीछा किया जाता है.

•    एक दिन, एक वृद्ध युगल जोनाथन के पास अपनी खोई हुई बेटी को खोजने के लिए अनुरोध लेकर आता है.

•    जोनाथन बच्ची की धुंधली तस्वीर देख कर उसे ढूंढने को मजबूर हो जाता है क्योंकि यह तस्वीर उसकी बेटी से मिलती जुलती है.

•    आगे चलकर जोनाथन का एक महिला से सामना होता है जो शहर को दो भागों में बांटने वाली नदी में कूद जाती है.

•    जोनाथन भी नदी में कूद जाता है लेकिन स्वयं को असमंजस, संयोग और साजिश से घिरा पाता है

नील जॉर्डन

•    नील पैट्रिक जॉर्डन एक आयरिश फिल्म निर्माता, लेखक एवं उपन्यासकार हैं. 

•    उन्होंने द क्राइंग गेम के लिए सर्वश्रेष्ठ स्क्रीनप्ले का एकैडमी अवार्ड जीता.

•    उन्होंने द बुचर बॉय के लिए बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में सिल्वर बेयर अवार्ड भी जीता.

•    जॉर्डन द्वारा रचित अन्य उपन्यास हैं – द पास्ट, नाईट इन ट्युनिशिया, सनराइज़ विद सी मॉन्स्टर एवं अन्य.

 

=> शशांक मनोहर सर्वसम्मति से आईसीसी अध्यक्ष निर्वाचित

शशांक मनोहर 12 मई 2016 को सर्वसम्मति से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए. 
शशांक मनोहर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद शासी निकाय के प्रथम निर्वाचित स्वतंत्र अध्यक्ष है. मनोहर के निर्विरोध चुने जाने के बाद तत्काल प्रभाव से उन्होंने पदभार संभाल लिया. वह दो साल की अवधि तक इस पद पर अपनी सेवाएँ बोर्ड को देंगे.
उन्होंने 10 मई 2016 को भारत क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया.
चुनाव से पूर्व आईसीसी ने संवैघानिक संशोधनों के बाद प्रेसीडेंट का पद समाप्‍त कर दिया था और नई स्थिति को समायोजित करने हेतु संवैधानिक संशोधनों को मंजूरी प्रदान कर दी.
2016 में एडिनबर्ग में आईसीसी के वार्षिक सम्मेलन में किए गए संशोधन भी  अध्यक्ष पद की प्रक्रिया में शामिल थे.
संशोधित व्‍यवस्‍था के अनुसार आईसीसी प्रमुख किसी क्रिकेट बोर्ड का पदाधिकारी नहीं हो सकता.

शशांक मनोहर सर्वसम्मति से कैसे निर्वाचित किए गए-

• प्रत्येक आईसीसी निर्देशक को 23 मई 2016 तक एक उम्मीदवार मनोनीत करने के लिए अनुमति दी गई; उम्मीदवार या तो वर्तमान या पूर्व आईसीसी निदेशक होना चाहिए.
• नामांकित व्यक्ति तभी चुनाव लड़ने के लिए पात्र होगा जब कम से कम दो या उससे अधिक पूर्ण सदस्य निर्देशक ने उसका समर्थन किया हो.
• इस पद के लिए मनोहर एकमात्र नामांकित व्यक्ति थे. बोर्ड ने सर्वसम्मति से उनकी नियुक्ति का समर्थन किया.
• लेखा परीक्षा समिति के स्वतंत्र अध्यक्ष, अदनान जैदी ने चुनाव प्रक्रिया की अध्यक्षता की और सफल उम्मीदवार के रूप में मनोहर की घोषणा की.

शशांक मनोहर ने बीसीसीआई अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया

आईसीसी की पूर्ण परिषद के बारे में- 

• आईसीसी की पूर्ण परिषद में 10 पूर्ण सदस्य, 38 एसोसिएट सदस्य और 57 सम्बद्ध सदस्य जो सामूहिक रूप से पांच क्षेत्रीय सहयोगी सदस्य के प्रतिनिधियों का प्रतिनिधित्व करते हैं, शामिल हैं.
• अध्यक्ष की भूमिका की मानद है.

शशांक मनोहर के बारे में-

वह एक प्रमुख भारतीय वकील हैं, उन्होंने 2008 -2011 तक बीसीसीआई के  अध्यक्ष पद पर कार्य किया. जगमोहन डालमिया के निधन के बाद, वह अक्टूबर 2015 में बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में फिर से निर्वाचित किए गए.

 

=> भारतीय अमेरिकी मंजीत सिंह को राष्ट्रपति की सलाहकार परिषद का सदस्य नियुक्त किया गया

 

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 12 मई 2016 को भारतीय-अमेरिकी इंजिनियर मंजीत सिंह को राष्ट्रपति की सलाहकार परिषद का सदस्य नियुक्त किया. उनकी यह नियुक्ति आस्था आधारित और पड़ोस-भागीदारी नीति के तहत की गयी.

इस घोषणा से पहले राष्ट्रपति ने अन्य विभिन्न पदों पर भी नियुक्तियों की घोषणा की.

मंजीत सिंह

•    सिंह एजीलियोस के अध्यक्ष हैं, यह एक सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी कंसल्टिंग फर्म है जिसकी स्थापना 2013 में की गयी.

•    वे सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फण्ड के सहायक संस्थापक भी हैं. यह संस्था अमेरिका में सिखों की शिक्षा, रोजगार आदि मुद्दों को सरकार के सम्मुख रखती है.

•    उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह फाउंडेशन में भी बोर्ड मेम्बर के रूप में कार्य किया एवं द बोर्ड ऑफ़ इंटरफेथ कांफ्रेंस ऑफ़ मेट्रोपोलिटन के मेम्बर-एट-लार्ज भी रहे.

•    उन्होंने बोम्बे यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग में स्नातक डिग्री प्राप्त की.

•    उन्होंने स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क, अमेरिका से विज्ञान विषय में स्नातकोतर डिग्री हासिल की.

विश्वास आधारित और पड़ोस-भागीदारी नीति एवं राष्ट्रपति की सलाहकार परिषद 

इसके अनुसार राष्ट्रपति की सलाहकार परिषद उन संगठनों से चुनिन्दा व्यक्तियों को चुनती है जिनसे सहभागिता एवं परस्पर सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके. इस परिषद् के मुख्य कार्य – 

•    समाजिक सेवाओं की पहचान करके उनके उन्हें सफलतापूर्वक लागू करना.

•    पड़ोसी संगठनों के साथ विश्वास पर आधारित नीतियों के कार्यान्वयन और उनमें सुधार की आवश्यकता का मूल्यांकन करना.

•    राष्ट्रपति को नीतियों, कार्यक्रमों एवं क्रियाकलापों में बदलाव हेतु सिफारिश करना.

यह परिषद अनुसंधान, रिव्यु एवं गणना के आधार पर अपनी रिपोर्ट जारी करती है एवं सिफारिशें भेजती है.

 

=> भारत और यूएई के मध्य अक्षय ऊर्जा निगम पर सामान्य ढांचा समझौता हुआ

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट मंत्रिमंडल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच हुए सामान्य ढांचा समझौते (जीएफए) को 13 मई 2016 को लागू कर दिया गया. नई दिल्ली में 11 फरवरी को यूएई के क्राउन प्रिंस की यात्रा के दौरान जीएफए पर हस्ताक्षर किए गए थे.

समझौते के उद्देश्य-

  • इस जीएफए का उद्देश्य इस फ्रेमवर्क के आधार पर बड़ी परियोजनाओं, निवेश, और व्यावसायिक प्रयासों, शोध एवं विकास में भागीदारी, अक्षय और स्वच्छ ऊर्जा में विकास और ज्ञान की साझेदारी से संबंधित मंचों को पारस्परिक फायदे और पारस्परिक लेनदेन के लिए लागू करना है.
  • जीएफए का उद्देश्य भारत और यूएई के बीच नवीन और अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में भागीदारी करना है.
  • जीएफए से निवेश के लिए संभावित अक्षय परियोजनाओं में अवसरों को तलाशना.
  • अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में सहयोग को जारी रखना.
  • अक्षय ऊर्जा में शोध एवं विकास में भागीदारी के अवसर तलाशना..
  • ज्ञान साझा करने के लिए तंत्र विकसित करना जिससे दोनों देशों में मानव पूंजी का विकास हो
  • निवेश बढ़ाने के लिए एक संयुक्त कोष बनाने के अवसर तलाशना आदि पर काम करने का रास्ता बनाना होगा.

 

 

=> एनएच-24: यूपी सीमा से डासना सेक्‍टर के दिल्‍ली-मेरठ एक्‍सप्रेस-वे-पैकेज-2 में 8/6 लेन को सीसीईए ने स्वीकृति दी

 

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 13 मई 2016 को उत्‍तर प्रदेश में एनएच-24 पर उत्‍तर प्रदेश सीमा से डासना सेक्‍टर के दिल्‍ली-मेरठ एक्‍सप्रेस-वे-पैकेज-2 में 8/6 लेन विकसित करने की मंजूरी दी. बैठक की अध्‍यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने की.

इस परियोजना पर 1983.51 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आयेगी.

जिसमें भूमि अधिग्रहण, पुन:स्‍थापन और पुनर्वास तथा निर्माण कार्य से पहले की अन्‍य गतिविधियों की राशि भी शामिल है.

सड़क की कुल लंबाई लगभग 19 किलोमीटर होगी.

यह कार्य राष्‍ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचबीटी) चरण-6 के अंतर्गत किया जायेगा.

यह मंजूरी मिश्र वार्षिक की तर्ज पर होगी.

यह परियोजना से उत्‍तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे में सुधार लाने में मददगार होगी.

राष्‍ट्रीय राजमार्ग-24 पर उत्‍तर प्रदेश सीमा से डासना सेक्‍शन पर ‘दिल्‍ली-मेरठ’ के बीच चलने वाले वाहनों का यात्रा समय और खर्च को कम किया जा सकेगा.

राज्‍य में इस क्षेत्र की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो सकेगा.

परियोजना से स्‍थानीय श्रमिकों के लिए रोजगार की संभावना भी बढ़ेगी.

राजमार्ग पर 1 किलोमीटर के सड़क निर्माण के लिए कुल 4,076 कार्य दिवस की आवश्‍यकता होगी.

इस प्रकार पूरी निर्माण अवधि के दौरान 78,602 (लगभग) कार्य दिवसों में स्‍थानीय लोगों के लिए रोजगार की संभावना होगी.

 

 

=> एप्पल ने चीन की टैक्सी प्रदाता कम्पनी दीदी चुक्सिन में एक अरब डालर का निवेश किया

 

अमेरिका की प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी एप्पल ने 12 मई 2016 को चीन की एप्प आधारित टैक्सी सेवा प्रदाता कम्पनी दीदी चुक्सिन में एक अरब डालर का निवेश करने का निर्णय लिया.

इस निवेश से एप्पल, दीदी चुक्सिन की रणनीतिक निवेशक बन गई है और यह टेन्सेंट, अलीबाबा और टन्सेंट की कतार में शामिल गई. दीदी के मुख्य कार्यकारी और संस्थापक चेंग वेई ने कहा, एप्पल का निवेश हमारी चार साल पुरानी कंपनी के लिए बड़ा प्रोत्साहन है.
इस निवेश को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि दीदी चुक्सिन अमेरिकी एप्प आधारित टैक्सी सेवा, उबर की प्रतिद्वंदी है.

 

=> इरान का ज़ाबोल विश्व का सबसे अधिक प्रदूषित क्षेत्र, दिल्ली 11वें स्थान पर

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा 12 मई 2016 को जारी विश्व के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में नई दिल्ली 11वें स्थान पर है.   

इसके अतिरिक्त भारत के चार शहर विश्व के पांच सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में शामिल हैं. 

इस रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्ली में वायु की गुणवत्ता को पीएम 2.5 के आधार पर मापा गया जिसका वार्षिक औसत 122 है.

सर्वेक्षण के मुख्य बिंदु

•    सबसे अधिक प्रदूषित वायु ईरान स्थित ज़ाबोल में मापी गयी. यहां आने वाले धूल भरे तूफानों के कारण यहां पीएम स्तर 2.5 एवं वार्षिक औसत 217 है.

•    इसके बाद ग्वालियर, इलाहाबाद, पटना एवं रायपुर सबसे प्रदूषित शहर पाए गये.

•    नई दिल्ली को इस सर्वेक्षण में 11वां स्थान मिला. इससे पहले वर्ष 2014 के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली विश्व का सबसे अधिक प्रदूषित शहर था.

डब्ल्यूएचओ शहरी वायु गुणवत्ता डाटाबेस

•    रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि शहरों के 80 प्रतिशत से अधिक लोग खराब हवा में सांस लेते हैं.

•    कम-आय वर्ग वाले शहर सबसे अधिक प्रभावित हैं.

•    निम्न एवं मध्यम आय वर्ग वाले देशों के 98 प्रतिशत शहर जिनकी जनसँख्या 1.40 करोड़ से अधिक है वहां डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित गाइडलाइन्स की पूरी तरह अपेक्षा की जा रही है. इसी सूची में उच्च आय वाले देशों में प्रतिशत स्तर गिरकर 56 प्रतिशत रह गया है.

 

=> आपसी सहयोग एवं तकनीकी सहायता हेतु भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड और वित्‍तीय सेवा नियामक प्राधिकरण, अबु धाबी के बीच सहमति को कैबिनेट ने मंजूरी दी

 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और वित्‍तीय सेवा नियामक प्राधिकरण (एफएसआरए) के बीच एक सहमति पत्र पर हस्‍ताक्षर किए जाने को 13 मई 2016 को अपनी मंजूरी दी है. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने बैठक की अध्‍यक्षता की .

समझौते के लाभ-

  • इस समझौते के बाद दोनों नियामकों के बीच आपसी सहयोग एवं तकनीकी सहायता का मार्ग प्रशस्‍त हो सकेगा.
  • सहमति पत्र (एमओयू) से इन दोनों हस्‍ताक्षरकर्ताओं के बीच आर्थिक संपर्कों एवं सहयोग को और ज्‍यादा बढ़ावा मिलेगा.
  • इस एमओयू से इन दोनों देशों में प्रतिभूति बाजारों के विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाने में मदद मिलेगी.
  • यह एमओयू दोनों नियामकों के बीच जानकारी साझा करने वाले फ्रेमवर्क को मजबूत करने में भी अहम योगदान देगा.

 

 

=> निरंकारी संप्रदाय के प्रमुख बाबा हरदेव सिंह का कार हादसे में निधन

निरंकारी संप्रदाय के धार्मिक गुरु बाबा हरदेव सिंह का 13 मई 2016 को कनाड़ा में एक कार हादसे में मृत्यु हो गई. वे 62 वर्ष के थे.

बाबा हरदेव सिंह न्यूयॉर्क से मॉन्ट्रियल जा रहे थे उसी दौरान यह हादसा हुआ. इस कार हादसे में वे गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे, जिसके बाद अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई. इस हादसे में उनके एक दमाद ‘अवनीत’ की भी मृत्यु हो गई जो उनके साथ ही उसी कार में सवार थे.

बाबा हरदेव सिंह से संबंधित मुख्य तथ्य:

•    बाबा हरदेव सिंह का जन्म 23 फरवरी 1954 दिल्ली में हुआ था.
•    उनकी शुरुआती पढ़ाई घर पर ही हुई. बाद में उन्होंने दिल्ली के संत निरंकारी कॉलोनी में स्थित रोसरी पब्लिक स्कूल और फिर पटियाला के एक बोर्डिंग स्कूल से पढ़ाई की.
•    वर्ष 1971 में उन्होंने निरंकारी सेवा दल ज्वॉइन किया.
•    वर्ष 1975 में उन्होंने फर्रुखाबाद की सविंदर कौर से शादी की.
•    वर्ष 1980 में पिता की हत्या के बाद वे संत निरंकारी मिशन के मुखिया बन गए.

विदित हो कि वर्ष 1929 में संत निरंकारी मिशन की स्थापना हुई थी.