सोशल, मोबिलिटी, एनालिटिक्स एंड क्लाउड (SMAC– सामाजिक, गतिशीलता, विश्लेषण एवं क्लाउड) का वर्ष 2016 में सामूहिक रूप से 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के अवसर प्रदान करने का अनुमान है. एसएमएसी के तहत क्लाउड सबसे अधिक अवसरों का प्रतिनिधित्व करता है, करीब 30 फीसदी के सीएजीआर के साथ बढ़ते हुए 2020 तक करीब 650-700 अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है. 

विश्व में आठवें स्थान पर आने वाले भारत के क्लाउड सेवा बाजार ने तकनीकी नेताओं के बीच रुचि पैदा की है और भविष्य के लिए आशा की किरण दिखाई है. 

भारत में क्लाउड कंप्यूटिंग के लिए नियामक और कानूनी ढांचा क्या है? 

अपने बहुआयामी प्रकृति की वजह से क्लाउड कंप्यूटिंग की नियामकों द्वारा बहुत सावधानी से जांच करनी होगी.आंकड़ों की गोपनीयता और आंकड़ों का संरक्षण, आंकड़ों का स्वामित्व, बहुन्यायाधिकरण के मामले और प्रकटीकरण एवं आंकड़ों की सीमा–पार गतिविधि जैसी क्लाउड सेवाओं के साथ सम्बंधित लोगों के लिए कानूनी ढांचा अनिवार्य किया जाना चाहिए.

भारतीय टेलिग्राफ अधिनियम,1885, नागरिक प्रक्रिया संहिता 1908, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 इस क्षेत्र के साथ अस्पष्ट तरीके से निपटान करता है. इस क्षेत्र को विनियमित करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम,2000 अधिक प्रासंगिक है.

कम-से-कम कंप्यूटर और साइबर–क्राइम के क्षेत्र में आईटी अधिनियम,2000 के अलग-अलग खंड, आंकड़ों की चोरी और निजता के लिए जुर्माने का प्रावधान करते हैं. यह अधिनियम सामान्य रूप से ई-कॉमर्स और साइबर अपराध पर फोकस करता है और इसके तहत आंकड़ों की निजता एवं संरक्षण को कवर किया जाता है.

हालांकि मौजूदा कानून क्लाउड कंप्यूटिंग द्वारा उठाए जाने वाले कुछ कानूनी मुद्दों को कवर करता है, लेकिन ये क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाओं और परिणामस्वरूप उन मुद्दों के बढ़ने की गुंजाइश पर गौर नहीं करते. 

क्लाउड कंप्यूटिंग क्षेत्र में सरकारें किस प्रकार की पहल कर रही है? 

 बुनियादी ढांचा क्षेत्र : केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटीज मिशन स्मार्ट नतीजों के लिए प्रौद्योगिकी के दोहन द्वारा स्थानीय विकास को सक्षम बना रहा है. इसके अलावा सरकार ने डिजिटल इंडिया की नींव स्थापित करने के लिए क्लाउड-आधारित सेवा–वितरण मंच के महत्व को समझा है, क्योंकि यह स्मार्ट उपकरणों और बुनियादी ढांचा का एकीकरण करता है और वास्तवित समय में बिखरे हुए संसाधनों की बड़ी मात्रा से आंकड़ों का प्रसंस्करण करता है. 

 -गवर्नेंस : सरकार अपने ई-गवर्नेंस पहल में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए क्लाउड आधारित एप्लीकेशन और डाटा एक्सेस मॉडल का विकल्प की पड़ताल कर रही है. देश भर में स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क्स (स्वान–एसडब्ल्यूएएन, डाटा सेंटर्स, आदि) जैसे सभी ई–गवर्नेंस मंचों को पब्लिक क्लाउड और प्राइवेट क्लाउड के विकल्प के साथ निकट भविष्य में क्लाउड वास्तुकला के दायरे में लाया जा सकता है. 

• बैंकिंग क्षेत्र : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) प्रौद्योगिकी की मदद से 100 फीसदी वित्तीय समावेशन प्राप्त करने की दिशा में काम कर रही है. आरबीआई कोर बैंकिंग सॉल्यूशंस के माध्यम से देश भर में बैंकिंग सेवा के विस्तार हेतु खासकर सहकारी बैंकों के लिए क्लाउड आधारित समाधान को शामिल कर रही है. 

• इस क्षेत्र में क्लाउड कंप्यूटिंग का प्रयोग कम समयसीमा, CapEx से OpEx पर लागत का जाना और कोर बैंकिंग व्यापार पर फोकस करने पर ध्यान दिया जाएगा. देश में बैंकिंग उद्योग के लिए पहला सामुदायिक क्लाउड पहल है–इंडियन बैंकिंग कम्युनिटी क्लाउड (आईबीसीसी). 

• विनिर्माण क्षेत्र : मेक इन इंडिया पहल जोर शोर के साथ चल रहा है, ऐसे में इस तकनीक का अपनाया जाना भारतीय विनिर्माण क्षेत्र के लिए और अधिक प्रासंगिक हो जाता है. क्लाउड के लिए विनिर्माण के क्षेत्र में कुछ सबसे उल्लेखनीय  प्रयोग क्षेत्र हैं सीआरएम और आपूर्ति श्रृंखला एप्लीकेशंस जो बाहरी हितधारकों और ग्राहकों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान कर रहे हैं. ऐसे दूसरे क्षेत्र जिसमें क्लाउड ने विनिर्माण प्रभावकारिता को बढ़ा है–डाटा वेयरहाउसिंग, सूचना सुरक्षा, ग्रीन आईटी, मानव मशीन इंटरफेस (एचएमआई) एप्लीकेशंस और अन्य हैं. 

 दूरसंचार क्षेत्र : इस क्षेत्र द्वारा कई व्यापारिक एवं तकनीकी चुनौतियों के समाधान में क्लाउड मंचों पर डिप्लॉइंग ऑपरेशनल सपोर्ट सिस्टम (ओएसएस) और बिजनेस सपोर्ट सिस्टम (बीएसएस) सॉल्यूशंस बहुत प्रभावी तरीका साबित हुआ है. क्लाउड आधारित बुनियादी ढांचा संसाधन साझा करने, स्वचालन और निगरानी, सॉफ्टवेयर अपग्रेड्स प्रबंधन (लगभग शून्य डाउनटाइम के साथ) और उसी हार्डवेयर पर वर्चुअल मशीनों का प्रयोग कर संचालनों का मांग के अनुसार बढ़ाए जाने के लिए कारगर तरीका प्रदान करता है. 

• स्टार्टअप और एसएमई : क्लाउड कंप्यूटिंग के प्रमुख लाभों में से एक है न्यूनतम पूंजीगत निवेश और नए विचारों के विपणन में तेजी. यह खासतौर पर देश में उद्यमिता को बढ़ावा देता है, स्टार्टअप्स और छोटे मझोले व्यापार को छोटे स्तर पर शुरु करने और मांग के आधार पर उनके व्यापार को बढ़ाने में सक्षम बनाता है. वर्ष 2012 और 2016 के बीच भारतीय एसएमई में क्लाउड को 20 फीसदी सीएजीआर की दर से अपनाए जाने की उम्मीद है. 

• भारतीय रेलवे : रेल भाड़ा प्रबंधन और यात्री आरक्षण प्रणाली के लिए रेलवे मोबाइल तकनीक का बड़े पैमाने पर प्रयोग कर रहा है. रेलवे में जीआईएस प्रबंधन, ई–टिकट बुकिंग और रेलवे परिसरों का स्वचालित निगरानी एवं क्लाउड डाटा सेंटर्स में वीडियो लॉग के स्टोरेज के लिए रणनीतियां लागू की गईं हैं.  

• शिक्षा क्षेत्र : मेघ–शिक्षक क्लाउड आधारित शिक्षण प्रबंधन प्रणाली है, जो ई–लर्निंग प्रणाली  (eSikshak)के परंपरागत मॉडल को SaaS मॉडल में बदलने के उद्देश्य से विकसित हुआ है. क्लाउड आधारित eSikshak ई–लर्निंग को उत्पाद की बजाए सेवा के रूप में देता है, जो संस्थानों/ संगठनों/ व्यक्तियों को परिसर में ई–लर्निंग एप्लीकेशन को लगाने, उसके रख–रखाव और प्रबंधन के बोझ से मुक्ति दिलाता है. इसके अलावा, आईआईटी दिल्ली, इग्नू और अन्य विश्वविद्यालयों ने अपना खुद का क्लाउड इनवायरमेंट लगाया है. 

• स्वास्थ्य क्षेत्र : भारतीय क्लाउड कंप्यूटिंग नवाचार परिषद (Cloud Computing Innovation council of India )ने भारतीय स्वास्थ्य क्षेत्र में क्लाउड सेवाओं के व्यवस्थित रूप से अपनाए जाने के लिए रूपरेखा प्रस्तावित की है. इसे ई–हेल्थ विजन (e-Health vision)के नाम से जाना जाता है. ई–हेल्थ विजन का उद्देश्य क्लाउड की सफल तैनाती के लिए स्वास्थ्य सूचना एक्सचेंज (एचआईई) प्रणाली को शामिल करना है. इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य सूचना एक्सचेंज (एचआईई) स्वास्थ्य आंकड़ों से जुड़े हितधारकों को मरीजों के महत्वपूर्ण चिकित्सा जानकारी को इलेक्ट्रॉनिक रूप में सुरक्षित रखने और सटीक तरीके से उस तक पहुंचने की अनुमति देता है. 

• सूचना का अधिकार : सरकार का अपने डाटाबेस का डिजिटलीकरण करना और पब्लिक डोमेन में अधिक से अधिक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए प्रभावी प्रदर्शनों हेतु आरटीआई के क्षेत्र में क्लाउड सेवाओं के अपनाए जाने की अनिवार्य आवश्यकता की मांग पर सरकार की पहल. 

• मेघराज : केंद्र सरकार का इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी विभाग ने (डीईआईटीवाई– DeitY) ने ‘GI Cloud’नाम से व्यापक परियोजना की शुरुआत की है. ‘GI Cloud’ मेघराज भारत सरकार का क्लाउड कंप्यूटिंग इनवायरमेंट है जिसका प्रयोग सरकारी विभाग और एजेंसियां आम प्रोटोकॉल, दिशा-निर्देश और मानकों का पालन करते हुए केंद्र और राज्यों में करेंगी. 

• राष्ट्रीय ईगव (eGov) एप स्टोर : eGov एप स्टोर में नेशनल क्लाउड पर एप्लीकेशंस को होस्ट और रन ( सराकरी एजेंसियों या निजी व्यक्तियों द्वारा विकसित) करने के लिए आम मंच स्थापित करना शामिल है. केंद्र और राज्य स्तर पर अलग–अलग सरकारी एजेंसियों या विभागों द्वारा ये आसानी से अनुकूलित और विन्यासित किए जा सकते हैं. ऐसे एप्लीकेशंस को विकसित करने में किसी प्रकार का प्रयास नहीं करना होता.

उपरोक्त सरकार–नीत पहलों के अलावा, माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने भारत में तीन डाटा सेंटर बनाने की घोषणा की है जो मुख्य रूप से सरकारी विभागों, राज्य-स्वामित्व वाली एजेंसियों, बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा पब्लिक क्लाउड सेवाओं के अपनाने से बनेंगी. भारत में अब पब्लिक क्लाउड बाजार में माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) की हिस्सेदारी 30 फीसदी है. 

भारत में क्लाउड कंप्यूटिंग के अपनाए जाने में क्या बाधाएं हैं?

भारत में क्लाउड कंप्यूटिंग की सबसे बड़ी चुनौती है डाटा सेंटर्स के लिए भरोसेमंद बुनियादी सुविधाओं की कमी. भारत में क्लाउड कंप्यूटिंग की सफलता के लिए बुनियादी डाटा सेंटर ग्रेड भौतिक बुनियादी ढांचा यानि कनेक्टिविटी, बिजली और कूलिंग (शीतलन) अनुरूप होना चाहिए. 

भारत में क्लाउड सेवाओं के अपनाए जाने से संबंधित कुछ अन्य प्रमुख बाधाएं हैं

• ऊर्जा संसाधन प्रबंधन : अनुमान के अनुसार बिजली और शीतलन की लागत डाटा सेंटर के कुल संचालन व्यय का 53 फीसदी बैठेगा. डाटा सेंटर  में ऊर्जा लागत को कम करना ही एक मात्र उद्देश्य नहीं है बल्कि सराकरी नियमों और पर्यावरण मानकों को पूरा करना भी इसका उद्देश्य है. 

 सर्वर का समेकन : एप्लीकेशन के प्रदर्शन को प्रभावित किए बिना सर्वर का प्रभावी समेकन प्राप्त करना ( ऊर्जा के प्रयोग को न्यूनतम करने के लिए रिमोर्ट सर्वरों का अधिकतम स्तर तक प्रयोग) प्रमुख चुनौती है. 

 मंच प्रबंधन : इसमें बहु-किराएदार, लोचदार और मापनीय माहौल में एप्लीकेशंस के निर्माण, तैनाती, एकीकरण और प्रबंधन हेतु मिडलवेयर क्षमताएं प्रदान करना भी चुनौती है.

 

=> नई एविएशन पॉलिसी को कैबिनेट की मंजूरी

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 15 जून 2016 को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में नई सिविल एविएशन पॉलिसी को मंजूरी मिल गई.

इस पॉलिसी को मंजूरी मिलने से हवाई यात्रियों को काफी लाभ होगा और उनके हितों की अधिक रक्षा हो सकेगी. साथ ही विमानन कंपनियों की मनमानी पर रोक लगेगी और उन्हें कुछ सहूलियतें भी दी जाएंगी. नई पॉलिसी में विमान कंपनियों को 5/20 नियम से राहत मिलेगी. साथ ही घरेलू उड़ानों पर अधिक जोर होगा व विदेश उड़ान के नियम अधिक आसान बनाए जाएंगे.

हवाई यात्रियों को होने वाले लाभ और सहूलियत:

•    नई नीति के लागू होने के बाद अब यात्रियों को टिकट कैंसिल कराने पर रिफंड महज 15 दिनों के अंदर मिल जाएगा.

•    अंतरराष्ट्रीय हवाई टिकट कैंसिल करवाने पर 30 दिन के अंदर रिफंड मिलेगा.

•    अगर कोई यात्री अपना टिकट कैंसल करवाता है तो कंपनी कैंसिलेशन चार्ज के तौर पर यात्री से 200 रुपए से ज्यादा नहीं वसूल सकती.

•    एक घंटे के हवाई सफर के लिए अब मात्र 2500 रुपए चुकाने होंगे. जबकि 30 मिनट की यात्रा के लिए मात्र 1200 रुपये चुकाना होगा.

•    इस पॉलिसी को मंजूरी मिलने से जहां हवाई यात्रियों को फायदा होगा वहीं विमानन कंपनियों की मनमानी पर भी रोक लग सकेगी.

•    अगर कोई भी एयरलाइंस कंपनी अपनी उड़ान अचानक रद्द करती है तो यात्रियों को चार सौ फीसदी तक जुर्माना देना होगा.

•    एविएशन कंपनी अगर कोई फ्लाइट रद्द करती है तो उसे इसकी सूचना ग्राहकों को 2 महीने पहले देनी होगी और पूरा पैसा रिफंड भी करना होगा.

•    विमान में यात्रा के दौरान यात्रियों को अपने साथ अब 15 किलो तक का सामान ले जाने की छूट होगी साथ ही उसके उपर हर एक किलो पर 100 रुपए देने होंगे. इससे पहले कंपनियां हर एक किलो पर 300 रुपये वसूलती थीं.

•    विमान में ओवर बुकिंग होने पर अगर यात्री को सवार नहीं होने दिया जाता है तो उसकी मुआवजा राशी बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दी गई है.

•    अब विमानन कंपनियों को अंतरराष्ट्रीाय उड़ानों के लिए 20 विमानों की जरूरत होगी लेकिन अंतरराष्ट्रीिय सेवा शुरू करने के लिए 5 साल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

•    नई पॉलिसी में कंपनियों को रीजन कनेक्टिविटी के मुद्दे पर बढ़ावा मिल सकता है.

 

=> एशिया के शीर्ष 50 शिक्षण संस्थानों में पांच भारतीयक्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग- 2016

 

जून 2016 में जारी क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2016 की सूची में एशिया के शीर्ष 50 शिक्षण संस्थानों में पांच भारतीय संस्थान शामिल हैं.

संबंधित मुख्य तथ्य:
•    इस सूची में एशिया के शीर्ष 50 बेहतरीन शिक्षण संस्थानों में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आइआइएससी), बेंगलुरु को शीर्षस्थ भारतीय संस्थान के तौर पर शामिल किया गया. 
•    क्यूएस की ओर से इस वर्ष के लिए जारी रैंकिंग में नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर पहले और यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग दूसरे स्थान पर है.
•    रैंकिंग के मुताबिक आइआइएससी (33वें स्थान) के बाद भारतीय शिक्षण संस्थानों में आइआइटी मुंबई (35वां स्थान), आइआइटी दिल्ली (36वां स्थान), आइआइटी मद्रास (43वां स्थान) और आइआइटी कानपुर (48वां स्थान) शीर्ष पचास में शामिल हैं. 
•    उपरोक्त के अलावा आइआइटी खड़गपुर (51), रुड़की (78) और गुवाहाटी (94) सौ बेहतरीन शिक्षण संस्थानों में शामिल हैं. 
•    इस सूची में दिल्ली विश्वविद्यालय 66वें स्थान पर है. डीयू की रैंकिंग में 25 पायदान का सुधार हुआ है. कलकत्ता विवि 108वें, मुंबई विवि 145वें, बीएचयू 155वें स्थान पर है.

विदित हो कि क्यूएस की ओर से हर साल एशिया के बेहतरीन शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग जारी की जाती है. क्यूएस की ताजा सूची में 350 शैक्षणिक संस्थानों को शामिल किया गया. कुल 920 संस्थानों का मूल्यांकन किया गया था. रैंकिंग की सूची में भारत के 23 संस्थानों को जगह मिली. चीन के सबसे यादा 82 शिक्षण संस्थान इसमें शामिल हैं. जापान के 72, दक्षिण कोरिया के 54 और ताइवान के 34 संस्थानों को जगह मिली.

 

=> महेन्द्र सिंह धोनी ने विकेटकीपर के रूप में 350 विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया

 

भारतीय क्रिकेट कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने 15 जून 2016 को एकदिवसीय क्रिकेट में विकेट के पीछे 350 विकेट लेने वाले भारत के पहले और विश्व के चौथे विकेटकीपर बन गए.

धोनी ने जिम्बाब्वे की पारी के 33वें ओवर में बुमराह की गेंद पर एल्टन चिगुम्बुरा का कैच लपकने के साथ ही इस विशिष्ट समूह में स्थान बना लिया. धोनी ने 278वें अंतरराष्ट्रीय वन-डे में चिगुम्बुरा के रूप में 350वां विकेट लिया जिसमे अभी तक 261 कैच लपके और 89 स्टंप किए.

अंतरराष्ट्रीय वन-डे में सबसे सफल विकेटकीपरों की सूची:

•    श्रीलंका के कुमार संगकारा सबसे उपर है. संगकारा ने 404 मैचों में 482 विकेट लिये जिसमे उन्होंने 383 कैच तथा 99 स्टंप किए.

•    ऑस्ट्रेलिया के एडम गिलक्रिस्ट 472 विकेट के साथ दूसरे स्थान पर है. उन्होंने 287 मैचों में 417 कैच तथा 55 स्टंप किए.

•    दक्षिण अफ्रीका के मार्क बाउचर 424 विकेट के साथ तीसरे स्थान पर हैं उन्होंने भी 295 मैचों में 402 कैच लपके तथा 22 स्टंप किए.

•    भारत के महेन्द्र सिंह धोनी ने 350 विकेट के साथ चौथे स्थान पर हैं उन्होंने 278 मैचों में 261  कैच लपके तथा 89 स्टंप किए.

महेन्द्र सिंह धोनी के बारे में:

•    महेंद्र सिंह धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को रांची, झारखंड में हुआ था.

•    वे भारतीय क्रिकेटर टीम के कप्तान है.

•    महेंद्र सिंह धोनी दाये हाथ के बल्लेबाज़ है.

•    भारतीय क्रिकेट में विशिष्ट योगदान के लिए धोनी को भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार जो की देश की चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से वर्ष 2009 में सम्मानित किया गया.

•    उन्हें वर्ष 2007 में 20-20 विश्व चैम्पियन तथा 2008 ऑस्ट्रेलिया श्रंखला में सफलता के लिए धोनी को राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कारसे सम्मानित किया गया था.

•    महेंद्र सिंह धोनी को दुबई में आयोजित की गई आईसीसी अवार्ड समारोह में आईसीसी वन्डे प्लेयर ऑफ़ दी इयर 2008 विशेष पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहली भारतीय खिलाड़ी है.

•    एकदिवसीय क्रिकेट की दूसरी पारी में 183 रनों का स्कोर बनाकर (इससे पहले 153 रनों का रिकॉर्ड लारा का है) विश्व रिकॉर्ड बनाया.

 

 

=> फ्लोरिडा के स्टोनगेट बैंक ने क्यूबा में उपयोग के लिए पहला अमेरिकी क्रेडिट कार्ड जारी किया

 

फ्लोरिडा के स्टोनगेट बैंक ने 14 जून 2016 को अमेरिकियों द्वारा अपनी यात्रा के दौरान क्यूबा में उपयोग करने के लिए नया क्रेडिट कार्ड जारी किया. यह कार्ड क्यूबा में अमेरिकियों को डॉलर पर लगने वाले 10 प्रतिशत पेनाल्टी से बचने में मदद करेगा.

पोम्पानो समुद्र तट पर स्थित स्टोनगेट क्यूबा में इस्तेमाल किये जा सकने योग्य एक डेबिट कार्ड शुरू करने वाला पहला अमेरिकी बैंक है.

इस बैंक ने घोषणा की है कि 15 जून 2016 से अमेरिकी यात्री क्यूबा सरकार द्वारा संचालित व्यवसायों और कुछ निजी व्यवसायों से सामान खरीदने में इस कार्ड का इस्तेमाल कर सकती हैं.

प्रारंभ में बैंक ने क्यूबा चित्रकार मिशेल मिराबल की कलाकृति वाली 1000 कार्ड जारी किया है.

 

=> गुजरात के शियाल बेट ने आजादी के 70 साल बाद बिजली की सुविधा प्राप्त की

 

शियाल बेट : गुजरात के अमरेली जिले के पीपावाव पोर्ट में स्थित एक द्वीप

गुजरात के शियाल बेट में आजादी के 70 वर्ष बाद बिजली की सुविधा मुहैया करायी गयी.

समुद्री केबलों के माध्यम से इस द्वीप के लिए ग्रिड बिजली की आपूर्ति हेतु राज्य की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने 18.35 करोड़ रुपये की परियोजना का उद्घाटन किया.

माध्यमिक विद्यालय के परिसर में आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री पटेल ने जनता के लिए समर्पित विद्युतीकरण परियोजना का अनावरण भी किया.

शियाल बेट परियोजना 2018 तक 18000 गांवों का विद्युतीकरण करने की प्रधानमंत्री के लक्ष्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

इससे पूर्व पीपावाव पोर्ट से विद्युतीकरण का प्रयास किया गया था लेकिन वो सफल नहीं रहा.

शियाल बेट के बारे में -

शियाल बेट अमरेली जिले के जाफराबाद तालुका में स्थित एक द्वीप है.

पीपावाव पोर्ट से शियाल बेट की दूरी 600 मीटर है

इस  द्वीप के लगभग 90% लोग मछुआरे हैं.

इस द्वीप पर 841 घर हैं जिनमें से 600 ने आवेदन किया था और उन्हें बिजली कनेक्शन मिला.

इस द्वीप के विद्युतीकरण से पूर्व यहाँ सौर ऊर्जा प्रणाली, केरोसिन तेल के लैंप या बैटरी से चलने वाले रोशनी यंत्र काम करते थे.

 

=> फिजी के पीटर थॉमसन संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष निर्वाचित

संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) द्वारा 13 जून 2016 को फिजी के पीटर थॉमसन को 71वें अधिवेशन के लिए अध्यक्ष निर्वाचित किया गया. 

उन्होंने सायप्रस के एंड्रियास मैव्रोयिआनिस को 90 के मुकाबले 94 वोटों से हराया. वे महासभा के वर्तमान अध्यक्ष मोगेंस लायक़तोफ्ट के स्थान पर निर्वाचित होंगे.

थॉमसन 71वीं सभा के लिए सितम्बर 2016 से कार्यकाल आरम्भ करेंगे.

पीटर थॉमसन

•    वे फिजी के राजनीतिज्ञ एवं कूटनीतिज्ञ हैं.

•    वे फरवरी 2010 से संयुक्त राष्ट्र में फिजी के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत हैं.

•    उन्हें 2014 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के कार्यकारी बोर्ड, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष एवं संयुक्त राष्ट्र परियोजना सर्विसेज कार्यालय का अध्यक्ष चुना गया.

•    उनके प्रयासों द्वारा ही यूएन ग्रुप ऑफ़ एशियन स्टेट्स का नाम परिवर्तित करके एशिया-पसिफ़िक ग्रुप रखा गया.

•    उन्हें 2014 में फिजी के राष्ट्रपति द्वारा ऑफिसर ऑफ़ द आर्डर ऑफ़ फिजी द्वारा सम्मानित किया गया.

संयुक्त राष्ट्र महासभा

•    यह संयुक्त राष्ट्र के छह मुख्य अंगों में से एक है.

•    इसमें सभी सदस्यों को एकसमान प्रतिनिधित्व प्रदान किया गया है.

•    इसकी शक्तियों में संयुक्त राष्ट्र का बजट, अस्थाई सदस्यों की सुरक्षा परिषद में नियुक्ति, संयुक्त राष्ट्र के अन्य भागों से रिपोर्ट प्राप्त करना एवं महासभा प्रस्ताव के लिए सिफारिश रखना शामिल हैं.

•    प्रतिवर्ष महासभा का आयोजन अध्यक्ष अथवा महासचिव के अधीन किया जाता है.

•    महासभा का पहला आयोजन 10 जनवरी 1946 को किया गया जिसमें 51 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था.

 

=> भारत ने ज़िम्बाब्वे के खिलाफ तीन मैचों की श्रृंखला 3-0 से जीती

 

भारत ने 16 जून 2016 को ज़िम्बाब्वे के खिलाफ तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला 3-0 से जीती.

हरारे में खेले गये तीसरे और अंतिम मैच में भारत ने ज़िम्बाब्वे को 10 विकेट से हराया.

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी ज़िम्बाब्वे की टीम 42.2 ओवर में 124 रन बनाकर ऑल आउट हो गयी. दूसरी इनिंग में भारतीय टीम ने 125 रनों का लक्ष्य 21.5 ओवर में बिना किसी विकेट के हासिल कर लिया.

सीरीज़ रिपोर्ट

•    पहला मैच: यह मैच 11 जून 2016 को हरारे स्पोर्ट्स क्लब में खेला गया. भारत ने ज़िम्बाब्वे को नौ विकेट से हराया. लोकेश राहुल मैन ऑफ़ द मैच घोषित किये गये.

•    दूसरा मैच: यह मैच 13 जून 2016 को हरारे स्पोर्ट्स क्लब में खेला गया. भारत ने ज़िम्बाब्वे को आठ विकेट से हराया. यज़ुवेंद्र चहल मैन ऑफ़ द मैच घोषित किये गये.

•    तीसरा मैच: यह मैच 15 जून 2016 को हरारे स्पोर्ट्स क्लब में खेला गया. भारत ने ज़िम्बाब्वे को 10 विकेट से हराया. लोकेश राहुल को मैन ऑफ़ द मैच घोषित किया गया.

मैन ऑफ़  सीरीज़: लोकेश राहुल

भारत ने 2013 एवं 2015 के बाद तीसरी बार ज़िम्बाब्वे को क्लीन स्वीप किया. इस एकदिवसीय श्रृंखला के बाद 18 जून 2016 से दोनों देशों के बीच 3 ट्वेंटी-20 मैच खेले जायेंगे.

 

=> मारग्रेट एटवुड पेन पिंटर पुरस्कार से सम्मानित

 

कनाडा की कवियत्री, साहित्यकार एवं पर्यावरणविद मार्गरेट एटवुड को 16 जून 2016 को वर्ष 2016 के पेन पिंटर पुरस्कार हेतु चयनित किया गया.

एटवुड ब्रिटिश लाइब्रेरी में 13 अक्टूबर 2016 को आयोजित किये जाने वाले एक कार्यक्रम में यह सम्मान प्राप्त करेंगी.

एटवुड का चयन विकी फीदरस्टोन, ज़िया हैदर रहमान, पीटर स्टोटहार्ड, एंटोनिया फ्रेजर एवं इंग्लिश पेन प्राइज के अध्यक्ष मॉरीन फ्रीली द्वारा किया गया.

मार्गरेट एटवुड

•    मार्गरेट एटवुड एक कनाडाई कवि, उपन्यासकार, साहित्यिक आलोचक, निबंधकार और पर्यावरण कार्यकर्ता है.

•    वे लॉन्गपेन की संस्थापक हैं तथा दस्तावेजों के लेखन हेतु रोबोटिक तकनीक से भी जुड़ी हैं.

•    वे आर्थर सी क्लार्क अवार्ड एवं प्रिंस ऑफ़ एस्टुरियस अवार्ड फॉर लिटरेचर से भी सम्मानित की जा चुकी हैं.

•    उन्हें पांच बार बुकर प्राइज के लिए नामांकित किया जा चुका है. वर्ष 2000 में उन्हें द ब्लाइंड असेसिन के लिए बुकर प्राइज भी मिला.

•    वर्ष 2001 में उन्हें कनाडा के वॉक ऑफ़ फेम में शामिल किया गया.

•    उनके कुछ प्रसिद्ध उपन्यासों में द हैंडमेड टेल, द रॉबर ब्राइड, द इयर ऑफ़ द फ्लड शामिल हैं.

पेन पिंटर पुरस्कार

पेन पिंटर पुरस्कार की स्थापना इंग्लिश पेन द्वारा वर्ष 2009 में नोबेल पुरस्कार विजेता नाटककार हेरॉल्ड पिंटर के सम्मान में की गयी थी. इसका उद्देश्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एवं उत्कृष्ट लेखकों को प्रोत्साहन देना है. यह प्रतिवर्ष, ब्रिटिश लेखक को उनकी साहित्यिक योग्यता के लिए प्रदान किया जाता है. वर्ष 2015 में यह पुरस्कार जेम्स फेंटन को दिया गया उन्होंने रैफ बदावी के साथ यह पुरस्कार साझा किया.

 

=> ब्रेंबल केयजलवायु परिवर्तन से विलुप्त होने वाला पहला स्तनपायी जीव घोषित

 

वैज्ञानिकों ने जून 2016 को ग्रेट बैरियर रीफ में पाया जाने वाले ब्रेंबल केय नामक स्तनपायी जीव को विलुप्त घोषित किया.

मानवीय कारणों के कारण हो रहे जलवायु परिवर्तन से यह पहला जीव है जिसे विलुप्त घोषित किया गया.

क्वीन्सलैंड के डिपार्टमेंट ऑफ़ एनवायरनमेंट एंड हेरिटेज के वैज्ञानिक इयान गायन्थर द्वारा किये गये सर्वेक्षण की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी.

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

•    जीव के विलुप्त होने का मुख्य कारण उच्च ज्वार एवं समुद्र का बढ़ता जलस्तर है. यह जलस्तर द्वीप पर भी मौजूद रहने लगा जिससे जीव के निवास स्थान के लिए खतरा पैदा हो गया.

•    समुद्र के बढ़ते स्तर के कारण बहुत से जीव जंतु मारे गये.

ब्रेंबल केय

•    इसे ऑस्ट्रेलियन ग्रेट बैरियर रीफ रोडेंट अथवा ब्रेंबल केय के नाम से भी जाना जाता है.

•    यह मुरिडे परिवार से जुड़ा एक जीव था.

•    यह केप यॉर्क मेलोम्यस जैसा दिखता था लेकिन इसमें कुछ आधारभूत प्रोटीन विभिन्नताए भी मजूद थीं.

•    यह अधिकतर मैदानी इलाकों में पाया जाता था एवं वनस्पति भोजन पर निर्भर रहने वाला जीव था.

•    यह ऑस्ट्रेलिया का अलग-थलग रहने वाला स्तनपायी जीव था.

•    पहली बार इसकी खोज अप्रैल 1845 में की गयी. उस समय इसकी जनसँख्या काफी अधिक थी.

 

=> केंद्रीय कैबिनेट ने अंतरराष्ट्रीय महाद्वीपीय वैज्ञानिक ड्रिलिंग कार्यक्रम में भारत की सदस्यता को स्वीकृति दी

 

हेल्महोल्ज़ सेंटर पोट्सडेम जीएफजेड जर्मन भू-विज्ञान अनुसंधान केन्द्र के साथ एक समझौता ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर के द्वारा अंतरराष्ट्रीय महाद्वीपीय वैज्ञानिक ड्रिलिंग कार्यक्रम (आईसीडीपी) संघ में भारत की सदस्यता को स्वीकृति मिली. यह जर्मनी के ब्रांडेनबर्ग का एक सरकार द्वारा वितपोषित सार्वजनिक विधि संस्थान है.

सदस्यता समझौते के एक अंग के रूप में भारत दो आईसीडीपी पैनलों-कार्यकारी समिति (ईसी) और असेम्बली ऑफ गर्वंनर्स (एओजी) में एक सीट हासिल करेगा. इसके अलावा, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के द्वारा चलाई जा रही कोयना वैज्ञानिक गहरी खुदाई परियोजना के लिए कार्यशालाओं में मदद, आंकड़े प्रबंधन एवं प्रतिदर्ष जैसे प्रमुख वैज्ञानिक क्षेत्र में मानव श्रम परीक्षण के संदर्भ में आईसीडीपी क्षमता निर्माण संवर्धन के अलावा संचालनगत और तकनीकी सहायता प्रदान करेगा. 

आईसीडीपी के सदस्य के रूप में भारत के वैज्ञानिकों/अभियंताओं को आईसीडीपी की सभी सह-वित्त पोषित कार्यशालाओं और खुदाई परियोजनाओं में भागीदारी के लिए अपने प्रस्तावों को दाखिल करने का अधिकार होगा और वे आईसीडीपी परियोजना से मिलने वाले सभी आंकड़ों के परिणामों को प्राप्त कर सकेंगे. इससे भूकम्पीय और भूकम्प प्रक्रियाओं के लिए उन्नत समझ के स्तर पर कार्य किया जा सकेगा.
विदित हो कि आईसीडीपी के साथ सदस्यता पर पांच वर्षों की अवधि के लिए समझौता ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर करने से, भारत कोयना क्षेत्र से संबंधित अन्वीक्षण और गहरी खुदाई के संदर्भ में वैज्ञानिक खुदाई के विभिन्न पहलुओं के बारे में गहन विशेषज्ञता के साथ अंतरराष्ट्रीय रूप से ख्याति प्राप्त विशेज्ञषों के साथ मिलकर कार्य करने में समर्थ हो जाएगा.

 

=> केंद्रीय कैबिनेट ने नागर विमानन नीति को मंजूरी दी

 

केंद्रीय कैबिनेट ने 15 जून 2016 को नागर विमानन नीति को अपनी मंजूरी दे दी. स्वतंत्रता के बाद यह पहला ऐसा अवसर है जब नागर विमानन मंत्रालय ने एक संपूर्ण नागर विमानन नीति को देश में लागू किया है. बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की.

नागर विमानन नीति के मुख्य तथ्य-

• केंद्रीय कैबिनेट ने लक्ष्य रखा है कि भारत को 2022 तक तीसरा सबसे बड़ा नागर विमानन बाजार बनाना है. वर्तमान में भारतीय नागर विमानन बाजार 9वें पायदान पर है.

• यात्री सुविधाएँ बढाकर घरेलू टिकटिंग को 2022 तक 8 करोड़ (जो 2015 में था) से बढाकर 30 करोड़ करना. 

• वाणिज्यिक उड़ानों हेतु हवाईअड्डों की संख्या 2019 तक 127 करना जो 2016 में 77 है.

• हवाई यात्रा के किराए को समय के अनुरूप भी समायोजित करने के प्रयास किए गए है. जिसके अनुसार एक घंटे के सफर हेतु अधितकम किराया 2500 रुपए से ज्यादा नहीं होगा, यदि यात्रा पर इससे अधिक खर्च आता है तो सरकार ने विमान कंपनियों को छूट का प्रावधान रख है.

• इसी प्रकार 30 मिनट के हवाई सफर के लिए 1200 रुपए से ज्यादा किराया देय नहीं होगा.

• हवाईअड्डों को कम बजट पर बढ़ावा दिया जाएगा. 

• क्षेत्रीय विमानन सेवा को बेहतर बनाने हेतु हर संभव प्रयास करने का लक्ष्य सरकार ने रखा है.

• नई नीति के अनुसार सरकार विमानों के मेन्‍टेनेंस एंड रिपेयर ऑपरेशंस (एमआरओ) पर विशेष ध्यान देगी.

• निजी सेवा प्रदाताओं को छुट देते हुए सरकार ने अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा शुरू करना की नीति में भी परिवर्तन किया है. जिसक्र तहत नई नीति में 5 साल घरेलू विमान सेवा देने की शर्त को समाप्त कर दिया गया है.

• निजी सेवा प्रदाता के पास 20 विमान होने पर घरेलू सेवा में बिना किसी अनुभव के विदेशी सेवा शुरू करने का प्रावधान किया गया है.

• विमानान सेवा अधिनियम 5/20 नियम को बदलकर 0/20 कर दिया गया है.

 

=> केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पांच सहायक कंपनियों के साथ भारतीय स्टेट बैंक के विलय को मंजूरी दी

 

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने निम्नलिखित सहायक बैंकों के विलय को मंजूरी दी:

•    स्टेट बैंक ऑफ़ बीकानेर एंड जयपुर 

•    स्टेट बैंक ऑफ़ हैदराबाद 

•    स्टेट बैंक ऑफ़ मैसूर 

•    स्टेट बैंक ऑफ़ ऑफ़ पटियाला 

•    स्टेट बैंक ऑफ़ त्रावणकोर 

इसके अतिरिक्त भारतीय महिला बैंक का भी एसबीआई में विलय किये जाने को मंजूरी प्रदान की गयी.

विलय के प्रमुख बिंदु

•    इस विलय से 37 लाख करोड़ रुपये का आधारभूत पूँजी लाभ एवं 22500 शाखाओं तथा 60000 एटीएम मशीनों का एकीकृत विशाल बेड़ा तैयार होगा.

•    एसबीआई एवं इसके सहायक बैंकों में यह विलय करने के लिए विभिन्न कानूनों में बड़े स्तर पर बदलाव भी करने होंगे.

•    इस विलय के बाद एसबीआई विश्व के टॉप 50 बैंकों में शामिल हो जायेगा. फ़िलहाल भारत का कोई भी बैंक टॉप 50 सूची में शामिल नहीं है.

पृष्ठभूमि

एसबीआई के कुल सात सहायक बैंक हैं जिनमें स्टेट बैंक ऑफ़ सौराष्ट्र एवं स्टेट बैंक ऑफ़ इंदौर का पिछले 10 वर्षों में पहले ही विलय किया जा चुका है. मूल बैंक में मार्च तिमाही के अंत में 15.09 ट्रिलियन रूपए अग्रिम राशि और 17.31 ट्रिलियन रूपए जमा राशि के रूप में संचालित किये गये.

केंद्र सरकार द्वारा मार्च 2016 में बैंकों के एकीकरण का प्रस्ताव रखा गया क्योंकि लम्बे समय से इस संबंध में विभिन्न शिकायतें आ रही थीं.

 

=> केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि और सम्बंधित क्षेत्र में ताइवान के साथ सहयोग हेतु समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी

 

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 15 जून 2016 को भारत में ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र (भारत में ताइवान का प्रतिनिधि कार्यालय) और ताइपे में भारत ताइपे एसोसिएशन (ताइवान में भारत का प्रतिनिधि कार्यालय) के बीच कृषि और सम्बंधित क्षेत्र में सहयोग और विमान सेवा समझौते पर हस्‍ताक्षर किये जाने को मंजूरी दी. बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की.

कृषि सम्बंधित समझौता के बारे में-

  • शुरूआत में समझौता ज्ञापन पर पांच साल की अवधि के लिए हस्ताक्षर किए गए हैं. भविष्य में इसे दोनों पक्षों की सहमति से बढ़ाया भी जा सकता है.
  • समझौता ज्ञापन के अनुसार दोनों देशों के बीच, कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्यपालन, खाद्य प्रसंस्करण, आनुवंशिक संसाधन के साथ पर्यावरण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाया जाएगा.
  • दोनों देश इन क्षेत्रों में निजी क्षेत्रों के ज्यादा से ज्यादा बढ़ावे को प्राथमिकता देंगे.
  • इसके साथ ही व्याव्यापारिक रुकावटों को कम करने के लिए दोनों देश यात्राओं, जानकारियों का आदान-प्रदान, प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण और कृषि क्षेत्र में व्यापार को बढ़ाने को प्राथमिकता देंगे.

विमान सेवा समझौते के बारे में-

  • वर्तमान में भारत एवं ताइवान के बीच कोई भी औपचारिक विमान सेवा समझौता नहीं है.
  • विमान सेवाओं का संचालन एयर इंडिया चार्टर्स लिमिटेड (एआईआरएल) और ताइपे एयरलाइंस एसोसिएशंस (टीएए) के बीच आदान-प्रदान किए गए एक सहमति पत्र (एमओयू) के तहत किया गया.
  • विमान सेवाओं से संबंधित समझौता भारत एवं ताइवान के बीच नागरिक विमानन संबंधों में एक ऐतिहासिक आयाम को दर्शाता है और इसमें दोनों पक्षों के बीच व्‍यापार, निवेश, पर्यटन एवं सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दिए जाने की असीम क्षमता है.

 

=> राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को आइवरी कोस्ट ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया

 

अफ़्रीकी देश आइवरी कोस्ट ने 14 जून 2016 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया.

तीन अफ्रीकी देशों की यात्रा पर अफ्रीका गए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को आइवरी कोस्ट ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया. आइवरी कोस्ट के राष्ट्रपति महल में आयोजित समारोह में वहां के राष्ट्रपति अलासाने क्वात्र ने प्रणब मुखर्जी को सम्मानित किया. मुखर्जी को इस तरह का सम्मान पहली बार मिला.

इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र के सुधारों का जिक्र करते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत और आइवरी कोस्ट के बीच बहुत सी समानताएं हैं. इसलिए हम साथ मिलकर काम भी कर सकते हैं. भारतीय राष्ट्रपति ने साथी देश में कृषि आधारित उद्योग लगाने में सहयोग का भी प्रस्ताव रखा.

विदित हो कि दुनिया में कोकोआ का सर्वाधिक उत्पादन करने वाला आइवरी कोस्ट उसके शोधन एवं प्रसंस्करण में भारत का सहयोग चाहता है. चॉकलेट बनाने में कोकोआ का ही इस्तेमाल होता है. दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़कर अब एक अरब डॉलर (करीब 67 अरब रुपये) तक हो गया है. राष्ट्रपति मुखर्जी के साथ मुलाकात में वहां के राष्ट्रपति क्वात्र ने भारत के निजी क्षेत्र से इस कार्य में निवेश कराने का अनुरोध किया.

 

=> मुजफ्फरपुर में भेल ने 195 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट का लोकार्पण किया

 

सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उपकरण निर्माता कम्पनी, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) ने 15 जून 2016 को मुजफ्फरपुर बिहार में 195 मेगावाट क्षमता की एक और इकाई के थर्मल पॉवर स्टेशन का लोकार्पण किया. 

कांति बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड (केबीयूएनएल) के साथ 2×195 योजना के अंतर्गत भेल की यह दूसरी परियोजना है 

यह परियोजना केबीयूएनएल, एनटीपीसी (नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन) और बीएसपीजीसीएल (बिहार राज्य विद्युत होल्डिंग कंपनी लिमिटेड) का एक संयुक्त उद्यम (जेवी) है.
2 × 195 योजना के प्रथम चरण में मार्च, 2015 में पहली बार 195 मेगावाट यूनिट के थर्मल पॉवर स्टेशन को कमीशन किया गया था.

बिहार की मुजफ्फरपुर थर्मल पावर परियोजना में डिजाइन, विनिर्माण, अभियांत्रिकी, आपूर्ति, निर्माण और भाप टरबाइन की कमीशनिंग, जनरेटर और बॉयलर, संबद्ध औक्सिल्लारिस आदि भेल परिकल्पित था. 

भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेलके बारे में-

  • कोयला आधारित संयंत्र एनटीपीसी हेतु भेल मुख्य उपकरणों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है.
  • एनटीपीसी के संयुक्त उपक्रम में अपनी स्थापित क्षमता का 80% से अधिक हिस्सा भेल का है.
  • भेल केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी है. इसे 1964 में स्थापित किया गया.
  • 2013 में इसे महारत्न से सम्मानित किया गया.
  • भारत में विद्युत इंजीनियरिंग और संयंत्र उपकरण निर्माण के क्षेत्र में यह कंपनी अपनी तरह की सबसे बडी निर्माता है.