17-18 April 2015 Hindi

चेक गणराज्य के पूर्व प्रधानमंत्री स्टानिस्लाव का निधन

चेक गणराज्य के पूर्व प्रधानमंत्री स्टानिस्लाव का निधन 16  अप्रैल 2015 को हो गया. वह 45 वर्ष के थे. स्टानिस्लाव चेक गणराज्य के सबसे यूवा प्रधानमंत्री थे.

प्रधानमंत्री के रूप में उनका चुनाव जुलाई 2004 में मात्र 34 वर्ष की आयु में हुआ था. प्रधान मंत्री के रूप में उनका यह कार्यकाल 2005 तक चला. प्रधानमंत्री बनने से पूर्व वह 2000 से 2004 तक सरकार में कई मंत्री पदों पर रहे हैं. उन्होंने 1989 में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. उन्होंने चेक गणराज्य में पहली बार 1992 में चुनाव में हिस्सा लिया था. स्टानिस्लाव का जन्म प्राग, चेकोस्लोवाकिया में 30 अक्टूबर 1969 को हुआ था.
चेक गणराज्य के किस सबसे यूवा पूर्व प्रधानमंत्री स्टानिस्लाव का निधन 16  अप्रैल 2015 को हो गया.

राष्ट्रीयहरितन्यायाधिकरणनेदिल्लीमेंवायुप्रदूषणकमकरनेकेलिएराज्योंकोनोटिसजारीकिए

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने 17 अप्रैल 2015 को दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए उत्तर प्रदेश, हरियाणा, और राजस्थान सरकारों को नोटिस जारी किए.
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने राष्ट्रीय राजधानी में ऊर्जा संयंत्रों और प्लास्टिक के जलने से उत्पन्न प्रदूषण पर तीन राज्यों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
राज्यों से 1 मई 2015 तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है.

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण का यह निर्णय विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की उस रिपोर्ट के बाद आया है जिसमे यह बताया गया है की भारत की राजधानी दिल्ली ने चीन की राजधानी बीजिंग को सबसे खराब वायु गुणवत्ता स्तर के  मामले में पिछाड दिया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार विश्व के 1600 शहरों में हवा की गुणवत्ता के स्तर के मामले में दिल्ली विश्व का सबसे प्रदूषित शहर है.
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में वायु प्रदूषण स्वीकार्य मानकों की तुलना में 10 गुना अधिक है.
शहर में पीएम के स्तर को भी 2.5 पाया गया है जो स्वास्थ्य के लिए सबसे हानिकारक है.

यमनमेंसंयुक्तराष्ट्रकेशांतिदूतजमालबेनोमारकाइस्तीफा

यमन में बतौर शांति दूत कार्य कर रहे जमाल बेनोमार ने 16 अप्रैल 2015 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
वे संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के विशेष दूत के तौर पर यमन में 2012 से सेवारत थे.
वे 1994 में संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुए. उन्हें संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न संस्थाओं में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ. इनमें संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी), संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (ओएचसीएचआर) तथा संयुक्त राष्ट्र राजनैतिक विभाग (डीपीए) शामिल हैं.


उनका इस्तीफ़ा उस समय आया है जब सऊदी गठबंधन ने 26 मार्च 2015 से शिया हाऊती की बढ़त को रोकने के लिए हवाई हमले आरंभ कर दिए. 
इससे पहले 14 अप्रैल 2015 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने यमन में हिंसा रोकने तथा शांति बहाली के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था.
यह प्रस्ताव जॉर्डन और खाड़ी अरब देशों के सम्मुख रखा गया लेकिन क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए हाऊतियों को अपने कब्जे वाले स्थानों से पीछे हटना होगा जिसमें राजधानी साना भी शामिल है.

आईएमएफनेवर्ल्डइकोनॉमिकआउटलुकअप्रैल 2015 अपडेटजारीकिया

14 अप्रैल 2015 को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) अप्रैल 2015 रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट का शिर्षक थाः शॉर्ट टर्म एंड लॉन्ग टर्म फैक्टर्स. 
जनवरी 2015 में किए गए डब्ल्यूईओ अपडेट के आधार पर साल 2015 में वैश्विक विकास के 3.5 फीसदी और 2016 में 3.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है. इसके अलावा साल 2015 में वैश्विक विकास 2014 के जैसा ही रहेगा.उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में विकास में तेजी आएगी
• साल 2015 में वैश्विक विकास उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में तेजी की वजह से होगा और इसमें तेल की कीमतों का कम होना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. 
• उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में साल 2014 की तुलना में साल 2015 में विकास को मजबूती मिलेगा लेकिन उभरते हुए बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में इसके कमजोर होने की संभावना है. 
• 2015–16 में अमेरिका में विकास के 3 फीसदी से अधिक होने का अनुमान है. घरेलू मांग को तेल की कम कीमतों, अधिक उदार राजकोषीय समायोजन और एक उदार मौद्रिक नीति के रूख से समर्थन दिया जाता रहेगा. 
• रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि निराशाजनक 2014 के बाद, कमजोर चीनी येन और तेल की कम कीमतों के जापान में विकास का नेतृत्व करने की उम्मीद कर रहे हैं. 
उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाएं धीमी होंगी 
• अधिकांश उभरते और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं ( भारत के महत्वपूर्ण अपवाद के साथ) के लिए विकास दर का अनुमान थोड़ा खराब है. साल 2014 में विकास दर के 4.6 फीसदी और 2015 में 4.3 फीसदी से धीमी रहने के अनुमान लगाया गया है. यह कई कारकों के किस्म को दर्शाता है. 
• तेल की कीमतों में गिरावट तेल के निर्यातकों खासकर वे जो मुश्किल आरंभिक परिस्थितयों का सामना करते हैं, के लिए विकास तेजी से धीमा होगा– उदाहरण के लिए, रूस के मामले में भू राजैनितक तनाव. 
• चीन के अधिकारी हाल के तेजी से बढ़ते ऋण से संभावित खतरों को कम करने पर जोर दे रहे हैं और निवेश विकास, खासकर रीयल स्टेट में निवेश में भी कमी आएगी. 
• लैटिन अमेरिका का आउटलुक वस्तुओं की कम कीमतों की वजह से कमजोर होना जारी रहेगा. सूखा, कठिन माइक्रोइकोनॉमिक्स नीतियां और निजी क्षेत्र के कमजोर भावना की वजह से ब्राजील का आउटलुक भी प्रभावित हुआ है. 
• बतौर एक समूह कम– आमदनी वाले देशों में विकास हालांकि, उच्च बना रहेगा. साल 2016 में 6 फीसदी से साल 2015 में विकास के आंशिक रूप से कम होने का अनुमान है और फिर 2016 में उछाल जिसकी वजह आंशिक रूप से उन्नत अर्थव्यवस्था वाले व्यापार भागीदार होंगे. 
बढ़ता विकास अभी भी प्राथमिकता है
• कई उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में, उदार मौद्रिक नीति अभी भी आर्थिक गतिविधियों का समर्थन करने और मुद्रास्फीति की उम्मीदों को हवा देने के लिए महत्वपूर्ण है. 
• कई उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में सिर्फ सीमित मात्रा में माइक्रोइकोनॉमिक नीति स्थान है जो विकास का समर्थन करते हैं. 
• तेल निर्यात करनेवाले देशों में तेल की कम कीमतें मुद्रास्फिती के दबाव और बाहरी संवेदनशीलता को कम करेगा और तेल सब्सिडी वाली अर्थव्यवस्थाओं में, कम कीमतें राजकोषीय स्थिति को मजबूत बना सकता है. 
• दूसरी तरफ तेल आयातक देशों को टर्म–ऑफ–ट्रेड–शॉक को अपनाना होगा और अधिक राजकोषीय और बाहरी अतिसंवेदनशीलता का सामना करना होगा. 
•  उभरते हुए बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के पास भी महत्वपूर्ण संरचनात्मक सुधार एजेंडा है. ये अर्थव्यवस्थाएं व्यापार और निवेश सीमाओं में ढील देकर,संरचनात्मक बाधाओं को दूर कर और व्यापार स्थितियों में सुधार लाकर उत्पादकता को बढ़ा सकती हैं.


भारत के बारे में अनुमान


• भारत के विकास का अनुमान 2014 में 7.2% और 2015 और 2016 में 7.5% से मजबूत बनने का अनुमान है. 
• साल 1999 से पहली बार, भारत का विकास पहली बार चीन से अधिक होगा और दोनों देशों के विकास रास्तों में विचलन बढ़ेगा. 
• जब चीन दूसरी दिशा में जा रहा है ऐसे में भारत निवेश नीत विकास की तरफ शिफ्ट होने की कोशिश करेगा.

जस्टिसआरदवेनेखुदकोएनजेएसीअधिनियम 2014 कीसुनवाईकररहीसंवैधानिकपीठसेअलगकिया

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एआर दवे ने 15 अप्रैल 2015 को राष्ट्रीय न्याययिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) अधिनियम, 2014 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई करने वाले पांच– जजों की संवैधानिक पीठ से खुद को अलग कर लिया.


अधिनियम ने एनजेएसी के साथ न्यायिक नियुक्तियों के दो दशक पुराने कोलोजियम सिस्टम की जगह ले ली है.


संवैधानिक पीठ के प्रमुख जस्टिट दवे, ने यह कदम सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं के रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) और अन्य याचिकाकर्ताओं की आपत्ति के बाद उठाया है.


SCAORA और अन्य याचिकाकर्ताओं ने इस आधार पर जस्टिट एआर दवे की एनजेएसी में नियुक्ति का विरोध किया था क्योंकि वे सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठ जजों में से एक हैं.


13 अप्रैल 2015 को एनजेएसी अधिनियम, 2014 अधिसूचित किया गया, इसमें एनजेएसी का संविधान दिया गया है जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बतौर अध्यक्ष होंगे.

सुप्रीम कोर्ट के दो सबसे वरिष्ठ जज, केंद्रीय कानून मंत्री और बतौर सदस्य दो प्रतिष्ठित व्यक्ति होंगे.


वर्तमान संवैधानिक पीठ भारत के मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू ने जस्टिस एआर दवे की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट के तीन सदस्यों वाली पीठ द्वारा 7 अप्रैल 2015 को दी गई अनुशंसा के आधार पर याचिका की सुनवाई के लिए बनाया था.

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एआर दवे ने 15 अप्रैल 2015 को राष्ट्रीय न्याययिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) अधिनियम, 2014 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई करने वाले पांच– जजों की संवैधानिक पीठ से खुद को अलग कर लिया.


अधिनियम ने एनजेएसी के साथ न्यायिक नियुक्तियों के दो दशक पुराने कोलोजियम सिस्टम की जगह ले ली है.


संवैधानिक पीठ के प्रमुख जस्टिट दवे, ने यह कदम सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं के रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) और अन्य याचिकाकर्ताओं की आपत्ति के बाद उठाया है.


SCAORA और अन्य याचिकाकर्ताओं ने इस आधार पर जस्टिट एआर दवे की एनजेएसी में नियुक्ति का विरोध किया था क्योंकि वे सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठ जजों में से एक हैं.


13 अप्रैल 2015 को एनजेएसी अधिनियम, 2014 अधिसूचित किया गया, इसमें एनजेएसी का संविधान दिया गया है जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बतौर अध्यक्ष होंगे.

सुप्रीम कोर्ट के दो सबसे वरिष्ठ जज, केंद्रीय कानून मंत्री और बतौर सदस्य दो प्रतिष्ठित व्यक्ति होंगे.


वर्तमान संवैधानिक पीठ भारत के मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू ने जस्टिस एआर दवे की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट के तीन सदस्यों वाली पीठ द्वारा 7 अप्रैल 2015 को दी गई अनुशंसा के आधार पर याचिका की सुनवाई के लिए बनाया था.

केंद्रसरकारनेअक्षयऊर्जाकेलक्ष्यकोपूराकरनेकेलिएग्रीनबॉन्ड्सकीयोजनाबनाई

ग्रीन बॉन्ड्सः जलवायु परिवर्तन समाधान से जुड़े निश्चित आय वाले वित्तीय संसाधन


हाल ही में ग्रीन बॉन्ड्स सुर्खियों में था क्योंकि केंद्र सरकार ने साल 2022 तक अपने 100 गिगावाट्स (जीडब्ल्यू) के सौर ऊर्जा और 60000 मेगावाट के पवन ऊर्जा स्थापित करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रयास किया. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर की जरूरत होगी.


ग्रीन बॉन्ड्स या क्लाइमेट बॉन्ड्स निश्चित आमदनी वाले वित्तीय इंस्ट्रूमेंट्स (बॉन्डस) हैं जो जलवायु परिवर्तन समाधानों से जुड़े हैं. ये बॉन्ड डॉलर या रूपये के होंगे और अपेक्षाकृत एक नई परिसंपत्ति वर्ग के हैं.


सामान्य बॉन्ड्स की तरह, ये बॉन्ड सरकार, बहुराष्ट्रीय बैंकों या निगमों द्वारा जारी किया जा सकता है. जारी करने वाली इकाई कुछ निर्धारित समय में बॉन्ड के पुनर्भुगतान की गारंटी देता है और साथ वापसी की निश्चित या चर दर निर्धारित करता है.


ये बॉन्ड्स उन परियोजनाओं को वित्त पोषित करने के लिए होगा जिनका पर्यावरणीय और/ या जलवायु लाभों पर सकारात्मक प्रभाव होगा. ज्यादातर जारी किए गए ग्रीन बॉन्ड्स मुनाफा या संपत्ति से जुड़े बॉन्ड के ग्रीन यूज के लिए किए गए है. इस बॉन्ड से मिले लाभ ग्रीन परियोजनाओं के लिए निर्धारित हैं लेकिन इसे जारीकर्ता के पूरे बैलेंस शीट द्वारा समर्थित है.


ग्रीन बॉन्ड्स स्वच्छ ऊर्जा की लागत को कम करने और डेलवपरों के लिए वितरण इकाईयों को ऊर्जा को बेचने में मदद करेगा.


इसके लिए, सरकार ने कम– लागत और लंबी अवधि वाले कोष जुटाने के लिए आठ उधारदाताओं से संपर्क किया है. ये उधारदाता हैं– इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस को. लिमिटेड (आईआईएफसीएल), पावर फाइनैंस कॉर्प. लिमि. (पीएफसी), आरईसी, आईडीबीआई बैंक लिमिटेड, इंडियन रीन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी लिमिटेड (इरडा), आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड और येस बैंक लिमिटेड.

भारतऔरकनाडानेयूरेनियमआपूर्तिकेलिएपरमाणुसमझौतेपरहस्ताक्षरकिए

भारत और कनाडा ने 15 अप्रैल 2015 को भारत को यूरेनियम आपूर्ति मुहैया कराने के लिए एक परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए. समझौता भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर द्वारा किया गया.
प्रधानमंत्री मोदी कनाडा में तीन दिन के सरकारी दौरे पर हैं. प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा पिछले 42 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा पहली यात्रा है.

समझौता

समझौते के अनुसार केनेडियन केमेको कोर्पोरेशन 2020 तक भारत को 7.1 लाख पाउंड यूरेनियम की आपूर्ति करेगा. समझौते की कीमत 350 मिलियन अमेरिकी डॉलर है. यूरेनियम केमेको के उत्तरी सेसकेशेवन स्त्रोतों से दिया जाएगा.
केमेको कोर्पोरेशन विश्व का सबसे बड़ा यूरेनियम उत्पादक है. वह 2015 के अंत में भारत को पहली खेप देगा तथा इसकी कीमत यूरेनियम के तत्कालीन बाजार मूल्य पर आधारित होगी.
भारत के लिए महत्व
यह समझौता वर्ष 2013 में हुए परमाणु समझौते का ही हिस्सा है तथा यह भारत के लिए रणनीतिक व आर्थिक रूप से महत्व रखता है.
वर्तमान समय में भारत का ऊर्जा उपभोग के लिए विश्व में चौथा स्थान है तथा वह अपनी कुल बिजली उत्पादन का 3 प्रतिशत परमाणु ऊर्जा द्वारा प्राप्त करता है. उर्जा योजना के तहत भारत इस आंकड़े को 2050 तक 25 प्रतिशत करना चाहता है.
इस समझौते से भारत तथा कनाडा के बीच द्विपक्षीय सहयोग मजबूत होगा. भारत द्वारा 1970 के दशक में परमाणु बम का परीक्षण किये जाने के बाद कनाडा ने भारत को किसी भी प्रकार के यूरेनियम तथा परमाणु निर्यात किये जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था.
इसके अलावा  यह समझौता दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास के नए स्तर को दर्शाता है.

रूसऔरपाकिस्तानपहलीबारसंयुक्तसैन्यअभ्यासकरनेकेलिएसहमतहुए

रूस और पाकिस्तान 16 अप्रैल 2015 को रक्षा संबंधों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से पहली बार संयुक्त सैन्य अभ्यास करने के लिए सहमत हुए. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और उनके रूसी समकक्ष सेर्गेई शोइगू के बीच मॉस्को में हुई बैठक में यह समझौता हुआ.

समझौतेकीमुख्यविशेषताएं

  • दोनों देश रक्षा उद्योग और सैन्य प्रशिक्षण में सहयोग बढ़ाने के लिए सहमत हुए.
  • हथियारों और उपकरण का आयात बढ़ाने पर भी सहमत हुए.
  • वे सैन्य अभ्यास में संयुक्त भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए सहमत हुए.
  • विवाद राजनयिक तरीके से सुलझाने और बल का इस्तेमाल बंद करने पर दोनों देश तैयार हो गए.

पृष्ठभूमि
रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने नवंबर 2014 में पिछले 45 वर्षों में पहली बार पाकिस्तान यात्रा के दौरान रक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए सैन्य सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए.

प्रधानमंत्रीमोदीकोकनाडाकेप्रधानमंत्रीद्वाराप्राचीनभारतीयमूर्तिपैरेटलेडीभेंटकीगयी

कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने 16 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्राचीन भारतीय मूर्ति पैरेट लेडी भेंट की. यह भेंट उन्हें उनकी आधिकारिक कनाडा यात्रा के दौरान भेंट की गयी.
पैरेट लेडी एक आदमकद मूर्ति है जो बलुआ पत्थर से बनी है. ऐसा माना जाता है कि यह लगभग 900 वर्ष पुरानी है. इसमें नायिका की पीठ पर एक तोता बैठा है. यह मूर्ति मध्य प्रदेश के खजुराहो मंदिरों में लगाने के लिए बनायी गयी थी. खजुराहो को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया गया है.


पैरेट लेडी की यह मूर्ति 2011 में कनाडा में पाई गयी थी. इसे एक व्यक्ति से उस समय उचित दस्तावेज नहीं होने के कारण सांस्कृतिक संपदा निर्यात और आयात कानून के तहत जब्त कर लिया गया था. इसे कनाडा के एडमोंटन स्थित केनेडियन हेरिटेज विभाग में रखा गया था.

सत्यनडेला ‘चैंपियनआफचेंज’ पुरस्कारसेसम्मानित

माइक्रोसाफ्ट के भारतीय मूल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्य नडेला को 16 अप्रैल 2015 को ‘चैंपियन आफ चेंज’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया. वे 12 स्थानीय चैंपियंस में से एक है जिन्हें अनुकरणीय नेतृत्व के लिए सम्मानित किया गया.

'चैंपियंस ऑफ चेंज' का पुरस्कार उन्हें दिया जाता है जो कर्मचारियों के परिवारों की मदद करते हैं और अपनी कंपनी, समुदाय या संगठन में बीमारी भत्ता, समान वेतन आदि की वकालत करते हैं.

सत्य नडेला पहले भारतीय मूल के माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) है. सत्य नडेला को अपने कर्मचारी के अनुकूल पहल के लिए ‘चैंपियन आफ चेंज’ पुरस्कार के लिए नामित किया गया.

माइक्रोसाफ्ट ने हाल ही में घोषणा की है कि अगले वर्ष 2016 तक यह सुनिश्चित करने के लिए बदलाव करेगी की अमेरिका में माइक्रोसाफ्ट के साथ कारोबार करने वाले आपूर्तिकर्ता हर वर्ष उन कर्मचारियों को कम से कम 15 दिन के वेतन सहित छुट्टी दें जो माइक्रोसाफ्ट का काम देखते हैं.


अन्य ‘चैंपियन आफ चेंज’
•    मेलिसा ब्रूम
•    डेविड डिएरी
•    नेत्सी फ्रीस्टीन
•    एनेलिया मेजिया
•    रैंडी जॉर्ज
•    फातिमा हसन
•    रोज मेरसेरियो 
•    एंड्रिया पेलूसो
•    रेनी स्ट्रोम
•    रिसोंडा यंग
•    कोरामिनिटा मार

संघर्षविरामलागूकरनेकेलिएवर्किंगग्रुपबनानेपरनॉरमैंडीफोरग्रुपसहमत

रूस, यूक्रेन, जर्मनी और फ्रांस के विदेश मंत्रियों वाले नॉरमैंडी फोर ग्रुप ने 13 अप्रैल 2015 को यूक्रेन विवाद पर सीजफायर के अनुपालन के आंकलन के लिए सक्रिय समूह बनाने पर सहमति जताई. इस सहमति पत्र पर 12 फरवरी 2015 को बेलारुस के मिंस्क शहर में हस्ताक्षर किए गए.
जर्मनी के बर्लिन में हुई समीक्षा बैठक में फ्रांस के विदेश मंत्री लॉरेंट फेबियस, यूक्रेन के विदेश मंत्री पाव्लो क्लिमकिन, जर्मन विदेश मंत्री फ्रेंक वॉल्टर स्टीनमीयर और रूस के विदेश मंत्री सरजी लार्वो ने इस पर सहमति प्रकट की. 
बैठक के मुख्य बिंदु 
यूक्रेन की पूर्वी सीमा पर तैनात छोटे हथियार (100 एमएम कैलेबर से कम) वापस हटाये जायेंगे.
अंतरराष्ट्रीय निरीक्षकों को समर्थन करने और विशिष्ट क्षेत्रों के निस्तारण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए चार कार्यशील समूहों की स्थापना की जाएगी.


इन विशेष क्षेत्रों में सुरक्षा, मिलिट्री, पूर्वी यूक्रेन में दोनाबास के आर्थिक पुननिर्माण, मानवीय तथा राजनीतिक सुधारों से जुड़े प्रश्न शामिल हैं.
सभी पक्षों से फायरिंग रोकने एवं संघर्ष विराम समझौते को अमल में लाने तथा भारी हथियारों का प्रयोग बंद करने के पालन में अपनी प्रतिबद्धता दिखाने का आग्रह किया गया.
मोर्टारों तथा 100 एमएम से कम वाले हथियारों व सभी प्रकार के टैंकों का इस्तेमाल रोकने के लिए भी प्रतिबद्धता जाहिर की गयी.
यूक्रेन विवाद पर मिंस्क समझौता 
यूक्रेन विवाद में युद्ध विराम के लिए समझौते की मध्यस्थता 12 फरवरी 2015 को बेलारुस, मिंस्क में की गई. इस समझौते की मध्यस्थता ऑर्गनाइजेशन फॉर सिक्योरिटी एंड को-आर्परेशन इन यूरोप (ओएससीई) की सहायता से फ्रांस, जर्मनी, यूक्रेन और रूस के विदेश मंत्रियों की बैठक में की गई. संघर्ष विराम 15 फरवरी 2015 से प्रभावी है.
मिंस्क समझौते के मुख्य बिंदु 
इस समझौते में निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं जिनपर शीघ्र ही प्रभावी कदम उठाये जाने के लिए कहा गया है. 
17 फरवरी 2015 से शुरू होने वाली अवधि के दो सप्ताह के भीतर भारी हथियारों का प्रयोग रोका जाए. 
यूक्रेन क्षेत्र से सभी विदेशी सेनाओं को हटाना और अवैध समूहों का निरस्त्रीकरण.
यूक्रेन के विद्रोही क्षेत्रों में प्रतिबंधों को बढ़ाना.
लड़ाई में शामिल कैदियों को माफी देना.
2015 के अंत तक विद्रोही क्षेत्रों का विकेंद्रीकरण. 
2015 के अंत तक रूस के साथ सीमा पर यूक्रेन का नियंत्रण.
समझौतों की पूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बैठकों में नियमित शामिल होने पर सभी प्रतिभागियों ने सहमति जताई.

कैंसरकीजांचकेलिएशोधकर्ताओंनेस्मार्टफोनआधारितडिजिटलडिफ्रेक्शनडायग्नोससिस्टमखोजा

संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) स्थित मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल (एमजीएच) के शोधकर्ताओं ने स्मार्ट फोन आधारित उपकरण विकसित किया है, जिसे डी 3 (डिजिटल डिफ्रेक्शन डायग्नोसिस)  सिस्टम नाम दिया गया. यह कैंसर से जुड़े ट्यूमर की जांच के लिए सही मॉलेक्यूलर का पता लगाता है.  
इस खोज के बारे में अप्रैल 2015 के दूसरे सप्ताह में एक शोध पत्र में जानकारी प्रकाशित की गयी, जिसका शीर्षक था, ‘डिजिटल डिफ्रेक्शन एनालिसिस इनेबल्स लो कॉस्ट मॉलिक्यूलर डाग्नोस्टिक ऑन ए स्मार्ट फोन’. शोध पत्र का प्रकाशन प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (पीएनएएस) ऑनलाइन जर्नल में किया गया.


डी 3 सिस्टम की कैंसर जांच प्रक्रिया में शामिल चरण 
प्रथम चरणः मरीज के खून अथवा टिशू का एक छोटा सा नमूना लिया जाता है और इस पर सूक्ष्म बीड्स का लेबल लगाया जाता है. कैंसर संबंधी मॉलीक्यूल्स का पता लगाने के लिए इन सूक्ष्म बीड्स को बांधा जाता है जिससे इमेजिंग के दौरान डिफ्रेक्शन पैटर्न उत्पन्न होता है. 
दूसरा चरणः डी 3 सिस्टम में एक इमेजिंग मॉड्यूल और एक बैटरी से चलने वाली एलईडी (लाइट एमिटिंग डायोड) लगी होती है, जो एक स्मार्ट फोन के कैमरे पर ऊपर की ओर होती है. 
तीसरा चरणः स्मार्ट फोन के उपयोग से नमूने का उच्च रिजॉल्यूशन इमेजिंग डाटा रिकॉर्ड हो जाता है.
चौथा चरणः रिकॉर्ड किया गया डाटा कंप्यूटर सर्वर से होकर क्लाउड के द्वारा विश्लेषण के लिए भेजा जाता है. 
पांचवा चरणः सर्वर माइक्रो बीड्स द्वारा उत्पन्न डिफ्रेक्शन पैटर्न का विश्लेषण करता है. 
छठवां चरणः अगले एक घंटे में क्लाउड के माध्यम से परिणाम भेज दिया जाता है. 
डी3 सिस्टम का महत्व 
यह सिस्टम एकल इमेज में रक्त अथवा टिशू के सैंपल से 10,000 से अधिक सेल्स के डाटा को रिकॉर्ड करने में सक्षम है. 
यह नूमनों को सटीक तरह से उच्च जोखिम अथवा कम जोखिम अथवा शुरुआती लक्षणों की निर्भरता के अनुसार श्रेणीबद्ध कर सकता है. 
सिस्टम के द्वारा उत्पन्न किया गया डाटा पारंपरिक गोल्ड स्टैंडर्ड पैथोलॉजी अथवा मॉलीक्यूलर परिणामों के लिए एचपीवी टेस्टिंग से मेल खाता है. 
इस सिस्टम के उपयोग के द्वारा कैंसर जांच करने का खर्च 1 से 80 यूएस डॉलर हो सकता है. 
सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए यह एक वरदान साबित हो सकता है.

भारतमेंइंटरनेटनूट्रैलिटी

पिछले कुछ महीनों से इंटरनेट नूट्रैलिटी या नेट नूट्रैलिटी खबरों में है लेकिन भारत में यह 15 मार्च 2015 को दूरसंचार नियामक प्राधिकरण द्वारा ओवर-द-टॉप (ओटीटी) सेवाओं के लिए नियामक फ्रेमवर्क पर परामर्श पत्र जारी करने के साथ सुर्खियों में आया.  
यह पत्र इंटरनेट पर डेटा ट्रैफिक को जिस तरह से नियंत्रित किया जाता है, से संबंधित है, दूसरे शब्दों में, यह नियामकों को नेट नूट्रैलिटी के सिद्धांत को फिर से समझने की मंशा को बताता है जिसका पालन 1990 के दशक से प्रचलन मे आने के बाद इंटरनेट के सभी हितधारकों ने किया है. 
नेट नूट्रैलिटी क्या है? 
नेट नूट्रैलिटी या इंटरनेट नूट्रैलिटी का सिद्धांत इंटरनेट पर सभी डाटा को इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आईएसपी) द्वारा समान व्यवहार को दर्शाता है. यह शब्द कोलंबिया यूनिवर्सिटी के मीडिया लॉ प्रोफेसर टिम वू ने 2003 में सामान्य वाहक की लंबे समय की अवधारणा के विस्तार के रूप में दिया था. 
सिद्धांत के अनुसार, बिना किसी प्राथमिकता वितरण या उपयोगकर्ता (व्यापार या घरेलू) के आधार पर भेदभावपूर्ण शुल्कों, सामग्री (वॉयस या वीडियो या डाटा), मंच, अनुप्रयोग (एप्लीकेशन), संलग्न उपकरण के प्रकार या संचार के साधन का प्रकार के विकल्प के बिना सरकार और आईएसपी को इंटरनेट पर प्रसारित होने वाले हर एक बिट (bit) के साथ समान व्यवहार करना चाहिए. 
भारत में नेट नूट्रैलिटी पर वर्तमान बहस शुरु होने के कारण :
ट्राई (TRAI) द्वारा इरादतन नीति बदलाव के अलावा दूरसंचार बाजार में निम्नलिखित विकास के सिद्धांत के पालन पर राष्ट्रव्यापी बहस का नेतृत्व किया गया. 
दिसंबर 2014 में भारत की प्रमुख दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल द्वारा स्काईप और वीबर जैसे सामाजिक नेटवर्किंग एप्लीकेशनों के इस्तेमाल के ग्राहकों से अतिरिक्त शुल्क लेने के फैसले की गंभीर आलोचना हुई और कंपनी को पुनर्विचार करने पर मजबूर होना पड़ा और अपने फैसले के कार्यान्वयन पर रोक लगानी पड़ी. कंपनी का तर्क था कि संचार संवाओं को उपलब्ध कराने के क्रम में ये एप्लीकेशन कंपनी के राजस्व को नुकसान पहुंचा रहे हैं. 
फरवरी 2015 में रिलायंस कम्युनिकेशंस ने कुछ चुनींदा वेबसाइटों और एप्लीकेशनों को उपभोक्ताओं को मुफ्त में देने की पेशकश की. इसके लिए उसने सोशल नेटवर्किंग के दिग्गज फेसबुक के internet.org के साथ भागीदारी की. 
06 अप्रैल 2015 को एयरटेल जीरो प्रोग्राम लांच किया गया था, इसके तहत एयरटेल के ग्राहक एयरटेल के साथ पंजीकृत कुछ चुनींदा वेबसाइटों और एप्लीकेशनों का प्रयोग मुफ्त में कर सकते थे. 
उपरोक्त घटनाएं आईएसपी द्वारा कंटेंट प्रोवाइडरों के साथ नई भागीदारी बनाने की मंशा का संकेत देता है जो नेट नूट्रैलिटी के सिद्धांत के खिलाफ है. 
नेट नूट्रैलिटी के पक्ष में तर्क:
सिद्धांत का प्राथमिक लाभ यह है कि यह कंटेंट प्रोवाइडरों  चाहे वह गूगल और फेसबुक या पड़ोस के स्टार्टअप हो, के लिए इंटरनेट के उपयोग के मामले में एक समान स्तर को सुनिश्चित करता है. 
जैसा कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के अध्यक्ष ने हाल ही में पाया, आईएसपी द्वारा सिद्धांत को अपनाने में किसी भी प्रकार का समझौता सिर्फ अनुचित व्यापार प्रथा है, क्योंकि यह चुनींदा वेबसाइटों और अनुप्रयोगों के प्राथमिकता व्यवहार में शामिल है. 
यह तर्क की सोशल नेटवर्किंग साइटें दूरसंचार कंपनियों के राजस्व को नुकसान पहुंचा रही हैं, बिल्कुल काल्पनिक है क्योंकि दूरसंचार कंपनियों द्वारा राजस्व का अनुमान कोरी कल्पना है और इसके तथ्यात्मक सबूत नहीं हैं. 
सिद्धांत का उल्लंघन का नई कंपनियों (स्टार्ट– अप्स) पर बुरा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इंटरनेट दिग्गज जिनके पास अतिरिक्त धन होता है वे इंटरनेट पर प्राथमिकता के आधार पर डाटा डालने के लिए आईएसपी को उच्च फीस का भुगतान कर सकते हैं. 
संक्षेप में सिद्धांत के समर्थकों का तर्क है कि सिद्धांत इंटरनेट के खुलेपन की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है. 
नेट नूट्रैलिटी सिद्धांत के विपक्ष में तर्क 
आईएसपी का तर्क है कि सरकार से स्पेक्ट्रम खरीदने, ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) बनाने और अन्य अनिवार्य संरचनाओं के निर्माण में उन्हें अरबों डॉलर की लागत आती है. इसलिए, भौतिक दुनिया के सेवा प्रदाताओं को इंटरनेट सेवाओं के वैध आपूर्तिकर्ता के तौर पर कंटेंट प्रोवाइडर्स और उपभोक्ताओं पर  उनके द्वारा प्राथमिकता के आधार पर इंटरनेट के उपयोग की मांग के आधार पर अतिरिक्त शुल्क लगाने के लिए अधिकृत किया जाना चाहिए. 
आईएसपी का यह भी कहना है कि उपरोक्त पैमाना लोगों के हित में हैं क्योंकि यह उनके नेटवर्क को विस्तार देने और मजबूत बनाने के लिए काम करता है जो आगे चलकर देश के आखिरी छोर पर भी वांछित कनेक्टिविटी को सुनिश्चित करेगा. 
दूरसंचारों (टेलीकॉमस) का तर्क है कि सोशल नेटवर्किंग साइटों के प्रति नूट्रैलिटी का रखरखाव नहीं किया जा सकता और इसमें तत्काल राजस्व साझा संबंध स्थापित किए जाने की जरूरत है क्योंकि ये एप्लीकेशन उनके द्वारा प्रदान किए जा रहे संचरना का प्रयोग कर बहुत राजस्व पैदा कर रहे हैं. 
कुछ साइबर विशेषज्ञों ने तर्क दिया है कि वर्तमान प्रथा ने उपभोक्ताओं को वांछित सामग्री के प्राथमिकता डिलीवरी के विकल्प का लाभ उठाने से रोक दिया है. इसलिए वे तेज बैंडविड्थ के लिए अतिरिक्त पैसे का भुगतान कर रहे हैं जो अप्रासंगिक और वांछनीय सामग्री दोनों ही को समान स्पीड से डिलीवर करता है. 
यह तर्क भी दिया जा रहा है कि सिद्धांत नई कंपनियों के विकास के अनुकूल नहीं है क्योंकि यह सामग्री के तेज डिलीवरी के आधार पर बने नए राजस्व मॉडलों को लागू करने में बाजार सक्षम नहीं है. 
संक्षेप में सिद्धांत के विरोधियों का तर्क है कि इंटरनेट के समान पहुंच को बनाए रखने के प्रयास में नियामकों ने अभी तक वह तरीका चुना जो इंटरनेट को हम सभी के लिए अपेक्षाकृत धीमा और महंगा बना दिया जो देश में उच्च डाटा शुल्क और कम बैंडविड्थ प्रचलन से स्पष्ट है. 
क्या कोई बीच का रास्ता है? 
फेसबुक और ह्वाट्सएप्प जैसे कुछ एकाधिकार के प्रसार के कारण नेट नूट्रैलिटी के मूल सिद्धांत पर फिर से गौर करने की बजाए, ट्राई सीधे राजस्व की समस्या पर गौर कर सकती है. इसके लिए उसे बाहरी नेटवर्कों और भारतीय नेटवर्कों ( चूंकि अधिकांश एकाधिकार बाहरी नेटवर्कों से संचालित हैं) के बीच अंतरसंपर्क दरों को विनियमित करना होगा या सीसीआई को मामला भेजना होगा. 
अंतरराष्ट्रीय आयाम 
फरवरी 2015 में, अमेरिका के संघीय संचार आयोग ने इंटरनेट सेवाओं को जनोपयोगी सेवाओं में वर्गीकृत किया जिसका अर्थ है आईएसपी नेट नूट्रैलिटी सिद्धांत का उल्लंघन करने के लिए अधिकृत नहीं हैं. 
यूरोप नेट नूट्रैलिटी के लिए 2013 के प्रस्ताव में सुधार लाने की कोशिश कर रहा है जिसमें विशेषाधिकार प्राप्त उपयोग की अनुमति विशिष्ट सेवाओं के लिए दी जाएगी. 
साल 2014 में चिली ने एयरटेल जीरो प्रोग्राम के जैसे ही जीरो– रेटेड स्कीमों पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसमें दूरसंचार उपभोक्ताओं को सोशल मीडिया का मुफ्त में इस्तेमाल करने की अनुमति है. 
निष्कर्ष 
चूंकि हमारा देश  डिजिटल डिवाइड जैसे शहरी इलाकों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की कम पहुंच, की समस्या से जूझ रहा है, नियामक के लिए यह जरूरी है कि वह इंटरनेट के खुलेपन को बरकार रखे और डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के उद्देश्यों को प्राप्त करने में अपनी जिम्मेदारियों को निभाएं.

वर्ष 2015 मेंभारतीयअर्थव्यवस्थाकीवृद्धिदर 7.3 प्रतिशतरहनेकीउम्मीदमूडीज

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडी ने 17 अप्रैल 2015 को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए वर्ष 2015 में 7.5 प्रतिशत विकास का पूर्वानुमान लगाया है. यह वृद्धि दर 2014 (7.2 प्रतिशत) की तुलना में मामूली बढ़त के साथ अनुमानित की गयी है.
रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था बढ़त पर है तथा घरेलू मांग की गति बढ़ने से इसके दूरंदेशी लाभ के संकेत भी दिखाई देते हैं.
इसके अलावा मुद्रास्फीति कम होने के कारण रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की कटौती किये जाने से निजी क्षेत्र से दबाव भी कम हुआ है.


कम ब्याज दर के साथ-साथ सरकार को बुनियादी ढांचे और विनिवेश कार्यक्रमों में घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना चाहिए.
ऐसा कहा जाता है कि भारत में लालफीताशाही और विभिन्न टैक्सों के कारण विदेशी निवेश कमज़ोर रहा है लेकिन अधिक से अधिक विदेशी निवेश के लिए सरकार इन नियमों को कम करने हेतु उत्साहवर्धक कदम उठा रही है. 
विनिवेश के लिए वित्त वर्ष 2015-2016 में 70,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना के तहत सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र में बिक्री आरंभ कर दी है. कम सरकारी खर्च आने वाले वर्ष के लिए एक एक नकारात्मक पक्ष हो सकता है क्योंकि यदि राजस्व होगा तो सरकार 2015-2016 के लिए 3.9 प्रतिशत घाटे के लक्ष्य को पूरा करने के लिए खर्च में कटौती की घोषणा कर सकती है.
विकास के अनुमानों में उस समय और तेज़ी आई जब 9 अप्रैल 2015 को मूडीज ने अपने अनुमान के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था को स्थिर से सकारात्मक रेटिंग दी. 
इससे पहले 14 अप्रैल 2014 को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) अपने अप्रैल 2015 के वर्ल्ड इकनोमिक आउटलुक में बताया था कि भारत 2015-16 में सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में चीन से आगे निकल जाएगा.
विश्व बैंक ने 13 अप्रैल 2015 को जारी अपनी दक्षिण एशिया आर्थिक फोकस रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2015-16 में 7.5 प्रतिशत से बढ़ेगी तथा 2017-18 में यह आंकड़ा 8 प्रतिशत तक पहुंच सकता है.

ट्राईनेनेटन्यूट्रैलिटीकेसमर्थनमेंतीनलाखईमेलप्राप्तकिए

नेट न्यूट्रैलिटी : इंटरनेट पर सभी डेटा के साथ समान व्यवहार के सिद्धांत

नेट न्यूट्रैलिटी शब्द अप्रैल 2015 में खबरों में रहा. नेट न्यूट्रैलिटी सिद्धांत के अनुसार कोई भी सर्विस प्रदान करने वाली कंपनी इंटरनेट के किसी भी कंटेट, डेटा और एप्लीकेशंस को बराबरी का दर्जा देगी. कोई भी वेबसाइट और पेज तब तक ब्लॉक नहीं किए जाए जब तक कि उस पर कोई गैर कानूनी तथ्य न हो. इसका अर्थ यह हुआ कि छोटी-बड़ी सभी वेबसाइट को इंटरनेट समान रूप से जगह देगी.

नेट न्यूट्रैलिटी शब्द का पहली बार इस्तेमाल कोलंबिया यूनिवर्सिटी में मीडिया लॉ के प्रोफेसर टीम वू ने किया था.  
यह शब्द खबरों में क्यों था?
14 अप्रैल 2015 तक भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 27 मार्च 2015 को जारी नेट न्यूट्रैलिटी के परामर्श पत्र के जवाब में तीन लाख ईमेल प्राप्त किए.
टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल ने हाल ही में मुफ्त इंटरनेट प्लान 'एयरटेल जीरो' लॉन्च किया. जिसे लेकर विवाद हो गया. इस प्लान के जरिये ग्राहक कई एप्लिकेशन्स को बिना किसी डेटा चार्ज के ही इस्तेमाल कर सकेंगे.  लेकिन ग्राहक केवल उसी वेबसाइट को ब्राउज या डाउनलोड कर सकेंगे जो एयरटेल के साथ रजिस्टर्ड होंगी.

एयरटेल के साथ 'एयरटेल जीरो' प्लान में रजिस्टर होने वाली फ्लिपकार्ट पहली बेवसाइट थी. इसके साथ ही यूजर्स फ्लिपकार्ट की रेटिंग कम करने लगे थे. फ्लिपकार्ट ने नेट न्यूट्रेलिटी का समर्थन करते हुए 14 अप्रैल 2015 को एयरटेल जीरो से हटने की घोषणा की.

एशियास्क्वॉशमहासंघनेवार्षिकपुरस्कारोंकीघोषणाकी

एशिया स्क्वॉश महासंघ (एएसएफ) ने 16 अप्रैल 2015 को वार्षिक पुरस्कारों की घोषणा की. दक्षिण कोरिया के इंचियोन में वर्ष 2014 में हुए एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय पुरूष टीम को "आउटस्टैंडिंग टीम ऑफ द ईयर" अवार्ड के लिए चुना गया.

भारतीय टीम के कोच साइरस पोंचा को "कोच ऑफ द ईयर" अवार्ड के लिए नामांकित किया गया. भारतीय जूनियर खिल़ाडी कुश कुमार को उनके प्रदर्शन के लिए "हसन मूसा अवार्ड" के लिए चुना गया.

एएसएफ परफारमेंस पुरस्कार 2014

दातो एलेक्स ली पुरस्कार - "आउटस्टैंडिंग टीम ऑफ द ईयर" 
•    पुरुष: अब्दुल्ला के.एच. अल-मुजेयान (कुवैत)
•    महिला: निकोल डेविड (मलेशिया)
हसन मूसा पुरस्कार - "आउटस्टैंडिंग परफारमेंस ऑफ द ईयर"
•    कुश कुमार (भारत)
•    वैनेसा राज (मलेशिया)

एएसएफ पुरस्कार – "आउटस्टैंडिंग टीम ऑफ द ईयर"
•    पुरुष टीम: भारत पुरुष टीम - एशियाई खेल 2014
•    महिला टीम: मलेशिया महिला विश्व टीम 2014

एएसएफ कोच पुरस्कार 2014
•    कोच ऑफ द ईयर: नासिर सईद जहरान (कुवैत) और साइरस पोंचा (भारत)
•    जूनियर कोच ऑफ द ईयर: ल्यूंग कान फई डिक (हांगकांग, चीन)
•    डेवलेपमेंट कोच ऑफ द ईयर: कांग हो सक (कोरिया)

दिल्लीसरकारनेस्कूलीबच्चोंकेलिएडीवार्मिंगकार्यक्रमकातीसराचरणआरंभकिया

दिल्ली सरकार ने 16 अप्रैल 2015 को बड़े स्तर पर डीवार्मिंग कार्यक्रम का तीसरा चरण आरंभ किया. इस चरण में 3032 स्कूलों के 3.7 मिलियन बच्चों तथा 11,500 आंगनवाड़ियों को राज्यव्यापी अभियान के रूप में शामिल किया जायेगा.
यह तीसरा चरण वर्ष 2012 से आगे नहीं बढ़ पाया है. इसका आरंभ दिल्ली स्वास्थ्य सेवा निदेशालय तथा परिवार कल्याण विभाग सहित एविडेंस एक्शन डीवार्म की देख रेख में शुरू किया गया.
इस अभियान में एक चबाने वाली एल्बेंडाज़ोल गोली कक्षा 3 से कक्षा 12 वीं के छात्रों को दी जाएगी. नर्सरी के छात्रों को यह घोल कर पिलाई जाएगी.


एल्बेंडाज़ोल एक बेन्ज़िमिदाज़ोल दवा है जिसका प्रयोग परजीवी कृमि के उपचार के लिए किया जाता है. कार्यक्रम का तीसरा चरण राज्य स्तरीय अभियान के तहत नेशनल डीवार्मिंग डे के रूप में आरंभ किया गया.
केंद्र सरकार ने 10 फ़रवरी 2015 को नेशनल डीवार्मिंग डे घोषित किया है ताकि इस दिन बड़े स्तर पर स्कूल आधारित कार्यक्रम आरंभ कर के परजीवी कृमि के उपचार के लक्ष्य को हासिल किया जा सके.
भारत में मिट्टी से शरीर में प्रवेश करने वाले परजीवियों की स्थिति
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार परजीवी कृमि भारत में एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्या है जिसमें 1 से 14 वर्ष तक के 241 मिलियन बच्चे इससे प्रभावित हैं.
भारत में मिट्टी से शरीर में प्रवेश करने वाले परजीवियों की समस्या विश्व में सबसे अधिक है. यह बच्चों के शरीर में प्रवेश कर के एनीमिया, कुपोषण, मानसिक तथा शारीरिक विकास में रुकावट का कारण बनते हैं.
स्कूल में परजीवी कृमि की समस्या से निपटान को सर्वत्र सुरक्षित, सरल और लागत प्रभावी माना गया है. इससे होने वाला लाभ तत्काल तथा स्थायी होता है.
इसके नियमित उपचार से स्कूलों में 25% तक अनुपस्थिति कम हो सकती है तथा वयस्कों की आय में 20% तक वृद्धि हो सकती है.

टेनेसीहाउसनेबाइबलकोअधिकारिकराज्यपुस्तकबनानेकेलिएवोटकिया

टेनेसी हाउस के प्रतिनिधियों ने 16 अप्रैल 2015 को एंड्रयू जैक्सन की बाइबिल को अमेरिकी राज्य टेनेसी की अधिकारिक राज्य पुस्तक बनाने के लिए मतदान किया. यह विधेयक पारित होने के लिए सीनेट भेजा जाएगा, यदि यह सीनेट में पारित हो जाता है तो एंड्रयू जैक्सन की बाइबिल को राज्य की आधिकारिक पुस्तक का दर्जा मिल जायेगा.


सांसदों ने सवालों और बहस के बीच रिपब्लिकन प्रतिनिधि जेरी सेक्सटन के मूल विधेयक के पक्ष में 55-38 मतदान किया.
सभा अध्यक्ष बेथ हरवेल, आरडी-नैशविले उन 20 रिपब्लिकन में शामिल हैं जिन्होंने इसके खिलाफ वोट किया.
केवल 6 डेमोक्रट्स ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया जबकि 6 लोग जिनमें हाउस माईनोरिटी लीडर क्रेग फित्ज़ुग हैं, जो वोटिंग में शामिल नहीं हुए.

भारतीयमूलकीराजराजेश्वरीन्यूयॉर्कमेंन्यायाधीशनियुक्त

भारतीय मूल की अमेरिकी महिला राज राजेश्वरी को 16 अप्रैल 2015 को न्यूयॉर्क में न्यायाधीश नियुक्त किया गया. ये पहला मौका है जब कोई भारतीय मूल का व्यक्ति न्यूयॉर्क में न्यायाधीश नियुक्त किया गया हो.

चेन्नई में जन्मी 43 वर्षीय राज राजेश्वरी 16 साल की उम्र से ही अमेरिका में हैं. उन्हें मेयर बिल डे ब्लेसियो ने न्यूयॉर्क न्यायालय के पीठ के लिए नामांकित किया था.

विदित हो कि एक वकील के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान राज राजेश्वरी ने दक्षिण एशियाई मूल के परिवारों में घरेलू उत्पीड़न के कई मामले को अपने स्तर पर न्यायालय में उठाया.

भारतऔरकनाडाकेप्रधानमंत्रीनेहंबरबेपार्कस्थितकनिष्कएयरइंडियामेमोरियलस्थलकादौराकिया

हंबर बे पार्क, टोरंटो: कनिष्क एयर इंडिया स्मारक स्थल

कनाडा के टोरंटो में स्थित हंबर बे पार्क 16 अप्रैल 2015 को उस समय सुर्खियों में आया जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने कनिष्क एयर इंडिया मेमोरियल स्थल पर जाकर मारे गए 329 लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की.

इस स्मारक का 22 जून 2007 को अनावरण किया गया था. यह स्मारक 23 जून 1985 को एयर इंडिया के कनिष्क विमान में हुए विस्फोट में मारे गए लोगों की स्मृति में बनाया गया था.

कनिष्क हादसे के बारे में
मांट्रियाल से नई दिल्ली जा रहा एयर इंडिया का विमान कनिष्क 23 जून 1985 को विष्फोट से उड़ा दिया गया. इस आतंकी हमले में 329 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकांश भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक थे. यह कनाडा के इतिहास की सबसे बड़ी आतंकी घटना थी.

18 April

ऑयलइंडियानेदोराज्योंमेंपवनऊर्जापरियोजनाशुरूकी

देश की दूसरी सबसे बड़ी सरकारी तेल उत्खनन कम्पनी ऑयल इंडिया ने 17 अप्रैल 2015 को गुजरात और मध्य प्रदेश में 54 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजना की शुरुआत की. परियोजना की कुल लागत 439 करोड़ रुपये है. जिसमें से गुजरात परियोजना पर 126.5 करोड़ और मध्य प्रदेश परियोजना पर 312.45 करोड़ रुपए लागत आई है. 
दो राज्यों में शुरू की गई इस परियोजना में 16 मेगावाट क्षमता की एक इकाई गुजरात के पाटन में और 38 मेगावाट की दूसरी परियोजना मध्यप्रदेश के चंदगढ़ में स्थापित की गई है.

परियोजना का संचालन चेन्नई आधारित गमेसा विंड टर्बाइन द्वारा किया जाएगा.जबकि दिल्ली आधारित पावर एंड एनर्जी कंसल्टेंस परियोजना प्रबंध सलाहकार है.
इस परियोजना की स्थापना के बाद कंपनी की कुल अक्षय ऊर्जा क्षमता (पवन उर्जा एवं सौर ऊर्जा) 126.60 मेगावाट पर पहुंच गयी है.

17 अप्रैलविश्वहीमोफीलियादिवस

विश्व हीमोफीलिया दिवस 17 अप्रैल 2015 को विश्व स्तर पर मनाया गया. इस वर्ष हीमोफीलिया दिवस का विषय ‘समर्थन के परिवार का निर्माण’ था.
इस विषय का उद्देश्य इस बिमारी के प्रति अपने परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों में जागरूकता फैलाना था.
हीमोफीलिया दिवस हीमोफीलिया वर्ल्ड फेडरेशन(डब्ल्यूएफएच) के समर्थन के साथ 1989 में स्थापित किया गया. 17 अप्रैल को हीमोफीलिया वर्ल्ड फेडरेशन(डब्ल्यूएफएच) के संस्थापक फ्रैंक स्केनएबल का जन्म दिवस होता है अतः उनके सम्मान के लिए इस दिन को चुना गया.

हीमोफीलिया

इसे रक्त स्राव विकार के रूप में जाना जाता है. जो की जींस की कमी के कारण होता है जिसके कारण शरीर की रक्त थक्का जमा कर रक्तस्राव को रोकने की क्षमता ख़त्म हो जाती है.
यह एक अनुवांशिक बिमारी है जो पिता से संतान में संचारित होती है.

हीमोफिलिया के प्रकार

हीमोफिलिया दो प्रकार के होते हैं.

हीमोफीलिया ए: यह हीमोफिलिया का एक आम प्रकार है और थक्के कारक के निम्न स्तर VIII (8) से जुड़ा है यह बीमारी एक 5,000 से 10,000 पुरुषों में से एक को होती है.
हीमोफीलिया बी: यह हीमोफिलिया का एक दुर्लभ प्रकार है और यह थक्के कारक IX (9) के निम्न स्तर के साथ जुड़ा हुआ है. यह बीमारी 20,000-34,000 पुरुषों में से एक को होती है.

विजेंद्रगुप्तादिल्लीविधानसभामेंविपक्षकेनेतानियुक्त

विजेंद्र गुप्ता को 16 अप्रैल 2015 को दिल्ली विधानसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया है. दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र(एनसीटी) की विधान सभा में विपक्ष के नेता अधिनियम 2001 की धारा 2 के तहत विपक्ष का नेता नियुक्त किया है. विदित हो दिल्ली विधानसभा में भाजपा के सिर्फ तीन विधायक हैं.

फ़रवरी 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने विधानसभा की कुल 70 सीटों में से मात्र तीन सीटें ही प्राप्त की थी जो की कुल संख्या का दसवां हिस्सा से कम हैं. 
जबकि, आम आदमी पार्टी(आप) को 67 सीटों पर जीत हासिल की है. गुप्ता भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हैं.
2015 के विधानसभा चुनाव में वह रोहिणी निर्वाचन क्षेत्र में आप के उम्मीदवार सी एल गुप्ता से लगभग 5,000 मतों से जीते थे.

टाइमपत्रिकानेदुनियाके 100 सबसेप्रभावशालीलोगोंकीसूचीजारीकी

टाइम पत्रिका ने 16 अप्रैल 2015 को दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची जारी की.इस  सूची में अमेरिकन रैपर और गायक कान्ये ओमरी वेस्ट शीर्ष स्थान पर रहे.
सूची में सबसे बुजुर्ग व्यक्ति ट्यूनीशियाई राष्ट्रपति बेजी कैद इससेबसी हैं जिनकी आयु 88 वर्ष है.
लगातार तीसरे वर्ष  पाकिस्तानी शिक्षा कार्यकर्ता मलाला युसुफ़ज़ई सूची में सबसे कम उम्र की सदस्य हैं.

सूची में चार भारतीय मूल के व्यक्तियों को शामिल किया गया है जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर, माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्य नडेला, और, गैर सरकारी संगठन संगठ के सह-संस्थापक विक्रम पटेल शामिल हैं.
चंदा कोचर को निजी बैंक को वैश्विक पहचान दिलाने और दूरदराज के गांवों में बैंकों की स्थापना जैसे सराहनीय कार्यों के लिए इस सूची में शामिल किया गया.
विक्रम पटेल को मानसिक बिमारी से ग्रस्त व्यक्तियों की सहायता हेतु गैर सरकारी संगठन संगठ और द सेंटर फॉर ग्लोबल मेंटल हेल्थ एट द लन्दन स्कूल ऑफ़ हाइजीन एंड ट्रपिकल मेडिसिन के की स्थापना के लिए उन्हें इस सूची में शामिल किया गया है.

बेंगलुरुक्रिकेटस्टेडियमसौरसंयंत्रवालापहलास्टेडियमबना

बंगलुरु का चिन्नास्वामी क्रिकेट स्टेडियम देश का पहला ऐसा क्रिकेट स्टेडियम बन गया है जिसकी छत पर सौर्य उर्जा संयंत्र लगाया गया है. यह सौर्य पैनल कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ द्वारा लगाया गया है.
कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ की यह एक अनूठी पहल है क्योंकि देश में पहली बार किसी स्टेडियम की छत पर सौर उर्जा संयंत्र लगाएं गए हैं और संभवत: यह इस तरह की सुविधा वाला विश्व का पहला क्रिकेट स्टेडियम भी है.

कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ ने एम चिन्नास्वामी स्टेडियम की छत पर 400 किलोवाट का एक सौर विद्युत संयंत्र लगाया है. इस चुनौतीपूर्ण परियोजना से जुड़ी डिजाइन, इंजीनियरिंग और परियोजना प्रबंधन गतिविधि के लिए रेनएक्ससोल इकोटेक को क्रिकेट संघ का सौर उर्जा सलाहकार नियुक्त किया गया है.
संयंत्र से हर साल 5.90 लाख यूनिट बिजली पैदा होगी. संयंत्र की स्थापना से प्रति वर्ष करीब 600 टन कॉर्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन कम होगा .

उच्चतमन्यायालयकीघोषणा : अभिव्यक्तिकीस्वतंत्रताकादुरुपयोगनहींकियाजासकता

भारत के उच्चतम न्यायालय ने 16 अप्रैल 2015 को मौलिक अधिकार के अनुच्छेद 19(1) में प्रदत्त वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इस अधिकार का प्रयोग राष्ट्रीय स्तर के प्रभावशाली व्यक्तित्व जैसे महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस को अपशब्द कहने के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकता.
उच्चतम न्यायालय ने आगे यह भी घोषणा की  कि कलात्मक अभिव्यक्ति की आड़ में ऐतिहासिक व्यक्तित्व के खिलाफ अपमानजनक भाषा का सहारा नहीं लिया जा सकता.

यह फैसला न्यायाधीश दीपक मिश्रा और प्रफुल्ल सी पंत की पीठ द्वरा एक याचिका पर सुनवाई के दौरान लिया गया. यह याचिका वसंत दत्तात्रेय गुर्जर द्वारा दायर की गई थी जो इस समय महात्मा गांधी पर एक आपत्तिजनक कविता लिखने के लिए आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं.
मराठी कविता गांधी माला भेटला(मेरी गांधी से मुलाकात) में कवि ने गांधी को एक वाचक के रूप में दर्शाया है जो कविता में अश्लील भाषा का उपयोग करता है. 
यह कविता महाराष्ट्र बैंक कर्मचारी संघ,1994 की एक पत्रिका में प्रकाशित हुई थी .

नरेंद्रमोदीनेस्टीफनहार्परकोगुरुनानकदेवशीर्षकलघुचित्रभेंटकिया

लघु चित्र शीर्षक गुरु नानक देव: जयपुर के कलाकार वीरेंद्र बन्नू द्वारा चित्रित
15 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर को गुरु नानक देव शीर्षक एक लघु चित्र उपहार में दिया. मोदी 14 अप्रैल 2015 से 16 अप्रैल 2015 तक कनाडा की सरकारी यात्रा पर थे.


इस लघुचित्र में गुरु नानक देव अपने दो शिष्यों भाई मरदाना तथा भाई बाला के साथ बैठे हैं. यह चित्र पारंपरिक भारतीय लघु शैली में चित्रित है. यह प्राकृतिक रंगों के साथ हस्तनिर्मित कागज पर तत्कालीन परिदृश्यों को दिखाते हुए बनाया गया चित्र है. 
यह चित्र जयपुर के कलाकार वीरेंद्र बन्नू द्वारा बनाया गया है, बन्नू का परिवार सात पीढ़ियों से इसी कला में माहिर है. बन्नू भी इस कला को अपने परिवार की विरासत के रूप में आगे ले जा रहे हैं.

रुसनेईरानको S-300 मिसाइलप्रणालीदेनेपरलगाप्रतिबंधहटाया

13 अप्रैल 2015 को रूस ने ईरान पर लगाए गए S- 300 मिसाइल प्रणाली देने पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया. S- 300 मिसाइल प्रणाली सतह-से-हवा में मार करने वाला मिसाइल रक्षा प्रणाली है जिसका इस्तेमाल जेट्स और दुश्मन की मिसाइलों समेत कई लक्ष्यों को भेदने के लिए किया जा सकता है.


रूस ने यह प्रतिबंध P5+1, ईयू और ईरान के बीच 2 अप्रैल 2015 को हुए एक अनौपचारिक समझौते के मद्देनजर किया जिसमें 30 जून 2015 तक ज्वाइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (JCPOA) का अंतिम मसौदा तैयार करने का फैसला किया गया है.


समझौते के तहत, ईरान अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा खुद पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने परमाणु हथियार विकास कार्यक्रम को रोकने के लिए सहमत हो गया है. 
ईरान द्वारा 2010 में अपने परमाणु कार्यक्रम की घोषणा करने के बाद से रूस द्वारा ईरान पर लगाया गया यह एकमात्र प्रतिबंध था.


अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा यह आशंका जाहिर करने के बाद कि मिसाइल प्रणाली का प्रयोग ईरान हवाई हमलों से अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की रक्षा के लिए कर सकता है, के बाद से रुस ने 800मिलियन अमेरिकी डॉलर के इस सौदे का निष्पादन रोक रखा था.

वन्कैदारथसरिताडीटीसीकीपहलीमहिलाबसचालकनियुक्त

वन्कैदारथ सरिता 17 अप्रैल 2015 को दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की पहली महिला बस ड्राइवर नियुक्त की गयीं. वह तेलंगाना के नलगोंडा की 30 वर्षीय ड्राइवर हैं. 
उन्हें सरोजनी नगर डिपो में दिन के समय ड्यूटी पर तैनात किया गया है. वह 20 अप्रैल 2015 से आधिकारिक तौर पर काम शुरू कर देंगी.


सरिता ने एक ऑटोरिक्शा चालक के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत की, वे हैदराबाद में बस ड्राइवर के रूप में पहले भी काम कर चुकी हैं. डीटीसी के लिए चयनित होने से पहले वह दिल्ली में एक टैक्सी चालक के रूप में काम कर रही थी.
डीटीसी में सरिता की भर्ती इस क्षेत्र में लिंग असमानता की खाई को कम करने में सहायक होगा.

पाकिस्तानसुप्रीमकोर्टनेसैन्यअदालतोंद्वाराफांसीकीसज़ापररोकलगायी

पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने 16 अप्रैल 2015 को सैन्य अदालतों द्वारा दिए गए मौत की सजा के आदेश को निलंबित कर दिया. यह निलंबन अप्रैल 2015 में सैन्य अदालतों द्वारा कैदियों को दी गयी मौत की सज़ा की वैधता साबित होने तक लागू रहेगा.
कोर्ट का यह आदेश सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा दायर एक याचिका में फांसी की सज़ा पर रोक लगाने की मांग के बाद आया है. यह याचिका मानवाधिकार कार्यकर्ता तथा वकील अस्मा जहांगीर द्वारा दायर की गई थी.
इस याचिका द्वारा सैन्य अदालतों में कैदियों की निष्पक्ष सुनवाई के प्रावधानों को चुनौती दी गयी. इसमें यह भी कहा गया कि सैन्य अदालतों में होने वाली सुनवाई न तो जनता के सम्मुख होती है न ही पारदर्शी होती है. इसमें सैन्य अदालतों द्वारा सिद्धांतों का पालन नहीं किये जाने का आरोप भी लगाया गया.
पृष्ठभूमि
पाकिस्तान ने 19 दिसम्बर 2014 को उग्रवादियों द्वारा पेशावर स्थित सेना के एक स्कूल में लगभग 150  छात्रों और कर्मचारियों की हत्या के बाद फांसी पर पिछले 7 वर्ष से लगाया गया प्रतिबन्ध हटा लिया गया.
संसद ने एक संवैधानिक संशोधन पारित कर के सेना को समानांतर अधिकार देते हुए संदिग्ध आतंकवादियों पर सैन्य अदालतों में मुकदमा चलाने की व्यवस्था कायम की ताकि इस मामलों पर तेज़ी से काम हो सके. इस संशोधन के बाद जनवरी 2015  में नौ सैन्य अदालतें स्थापित की गयीं.
फांसी पर लगे प्रतिबन्ध को हटाये जाने के बाद 60 कैदियों को नागरिक अदालतों के आदेश पर फांसी दी गयी.
मानव अधिकार समूहों के अनुसार पाकिस्तान में मौत की सज़ा प्राप्त कैदियों की संख्या 8000 से अधिक है.  मार्च 2015 में सरकार ने घोषणा की कि जिन कैदियों के अपील तथा क्षमादान अधिकार ख़ारिज कर दिए गए हैं उन्हें फांसी दी जाएगी.

पत्रकारओमथानवी 24वेंबिहारीपुरस्कार 2014 सेसम्मानित

रसिद्ध लेखक एवं पत्रकार ओम थानवी को 13 अप्रैल 2015 को ‘के.के. बिरला फाउंडेशन का 24वां बिहारी पुरस्कार-2014’ प्रदान किए जाने की घोषणा की गई.
ओम थानवी को यह प्रतिष्ठित सम्मान उनके यात्रा वृत्तांत ‘मुअनजोदड़ो’ (Muanjodoro) के लिए दिया जाएगा. इस पुरस्कार के तहत प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह व एक लाख रुपये की राशि भेंट की जाती है.

पत्रकार ओम थानवी के बारे में

ओम थानवी का जन्म 1 अगस्त 1957 में जोधपुर के फलोदी कस्बे में हुआ. पत्रकारिता में आने से पहले वे रंगमंच की गतिविधियों में संलग्न रहे. वर्ष 1980 में वे पत्रकारिता से जुड़े. वर्ष 1989 में राष्ट्रीय दैनिक जनसत्ता से जुड़े.

बिहारी पुरस्कार के बारे में
‘बिहारी पुरस्कार’ की स्थापना वर्ष 1991 में हुई थी. केके बिरला फाउंडेशन द्वारा स्थापित बिहारी पुरस्कार राजस्थान के हिन्दी या राजस्थानी भाषा के लेखकों को प्रदान किया जाता है. पिछले दस वर्षों में प्रकाशित राजस्थानी लेखकों की कृतियों में से विजेता का चयन किया जाता है.

प्रथम बिहारी पुरस्कार डा. जयसिंह नीरज को उनके काव्य संकलन ‘ढानी का आदमी’ के लिए दिया गया.

प्रधानमंत्रीनरेंद्रमोदीकीतीनदेशोंफ्रांस,जर्मनीऔरकनाडाकीयात्रासंपन्न

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन देशों फ्रांस, जर्मनी और कनाडा की यात्रा 17 अप्रैल 2015 को संपन्न हुई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 अप्रैल 2015 से 17 अप्रैल 2015 तक अपने नौ दिवसीय यात्रा के दौरान तीन देशों के नेताओं फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रेंकोइस ओलांद, जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल और कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर से मुलाकात की.

इस यात्रा के दौरान फ्रांस के साथ 36 राफेल विमानों की आपूर्ति और कनाडा के साथ यूरेनियम करार सहित विभिन्न महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. इस यात्रा में ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के जरिए भारत के विकास के लिए निवेश और तकनीक को आकर्षित करने पर विशेष जोर रहा.

फ्रांस और जर्मनी के साथ रक्षा और परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष, आर्थिक संबंधों, रेलवे, ऊर्जा, पर्यटन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, आयुर्वेद, निर्माण, शहरी विकास, पर्यावरण, रेलवे, नदियों की सफाई, भाषा आदि समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.

भारत ने कनाडा के साथ यूरेनियम, वीजा, आतंकवाद, विदेशी निवेश संवर्धन और संरक्षण, कनाडा-भारत व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए.

यात्राकेदौरानप्रधानमंत्रीमोदीनेसंबंधितदेशोंकेनेताओंकोकुछउपहारभीप्रदानकिए.

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर को गुरु नानक देव शीर्षक एक लघु चित्र उपहार में दिया. इस लघुचित्र में गुरु नानक देव अपने दो शिष्यों भाई मरदाना तथा भाई बाला के साथ बैठे हैं. यह चित्र पारंपरिक भारतीय लघु शैली में चित्रित है. यह प्राकृतिक रंगों के साथ हस्तनिर्मित कागज पर तत्कालीन परिदृश्यों को दिखाते हुए बनाया गया चित्र है.
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति फ्रेंकोइस ओलोंद को ‘ट्री ऑफ लाइफ’ पेंटिंग उपहार स्वरूप भेंट की. यह पेंटिंग भारत में प्रकृति के प्रति पारंपरिक सामाजिक आदर का प्रतीक है.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल को नोबेल पुरस्कार विजेता सर सी.वी.रमन की कुछ पांडुलिपियों की प्रतिकृति व कुछ पत्र भेंट किए.

इसके अलावा कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्राचीन भारतीय मूर्ति पैरेट लेडी भेंट की. पैरेट लेडी एक आदमकद मूर्ति है जो बलुआ पत्थर से बनी है. ऐसा माना जाता है कि यह लगभग 900 वर्ष पुरानी है. यह मूर्ति मध्य प्रदेश के खजुराहो मंदिरों में लगाने के लिए बनायी गयी थी. खजुराहो को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया गया.

पैरेट लेडी की यह मूर्ति वर्ष 2011 में कनाडा में पाई गयी थी. इसे कनाडा के एडमोंटन स्थित केनेडियन हेरिटेज विभाग में रखा गया था.

हरियाणासरकारनेअरावलीरेंजकोवनक्षेत्रसूचीसेबाहरकिया

14 अप्रैल 2015 को हरियाणा सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर अरावली पर्वतमाला को वन क्षेत्र की श्रेणी से बाहर कर दिया. नए आदेश के अनुसार मंगर बानी वन क्षेत्र सहित अरावली पर्वतमाला यह क्षेत्र वनीय श्रेणी में शामिल नहीं होगा.
मंगर बानी वन क्षेत्र दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के उन वन क्षेत्रों में से एक है जहां अभी तक लोगों का प्रवास नहीं हुआ है.


अधिसूचना के अनुसार केवल उन्हीं स्थानों को वन क्षेत्र के रूप में दर्शाया जायेगा जिन्हें अरावली क्षेत्र में वन के रूप में चिह्नित किया गया है. 
इस आदेश के बाद वन क्षेत्र को किसी अन्य भूमि क्षेत्र में स्थानांतरित करने के लिए वन विभाग से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी. इससे रियल एस्टेट तथा अन्य संस्थानों के लिए वनों की कटाई और भी आसान हो गयी है. 
सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि हरियाणा सरकार द्वारा 80,000 हेक्टेयर भूमि को नियंत्रण मुक्त करने के लिए बिल्डरों के हितों को प्रमुखता दी गयी है.
इससे पहले मार्च 2015 में प्राकृतिक क्षेत्रों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सर्वेक्षण के पश्चात् अरावली पर्वतमाला के क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित किया गया था.

विश्वविरासतदिवस 18 अप्रैलकोविश्वभरमेंमनायागया

विश्व विरासत दिवस (World Heritage Day): 18 अप्रैल
विश्व विरासत दिवस (World Heritage Day) 18 अप्रैल 2015 को विश्वभर में मनाया गया. विश्वभर में मूल्यवान संपत्ति और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और रक्षा हेतु लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए प्रतिवर्ष यह दिवस 18 अप्रैल को मनाया जाता है.

यूनेस्को ने 18 अप्रैल 2014 को भारत भर में स्थित 15 अतिरिक्त स्थलों को विश्व धरोहर स्थलों की अपनी अस्थायी सूची में शामिल किया. इन स्थलों के शामिल होने के पूर्व इस सूची में भारत के कुल 33 स्थलों को शामिल किया गया था.

जनवरी 2015 स्थिति के अनुसार, विश्व के कुल 160 देशों में कुल 981 विश्व विरासत स्थल हैं, जिनमें 704 ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक, 180 प्राकृतिक और 27 मिश्रित स्थल हैं.


विश्व विरासत दिवस का इतिहास 
एक अंतरराष्ट्रीय संगठन द्वारा वर्ष 1968 में विश्व प्रसिद्ध इमारतों और प्राकृतिक स्थलों की रक्षा हेतु एक प्रस्ताव रखा गया जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 1972 में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पारित किया गया. इसके बाद ‘यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर’ अस्तित्व में आया.
सबसे पहले 18 अप्रैल 1978 में विश्व के कुल 12 स्थलों को विश्व विरासत स्थलों की सूची में शामिल किया गया. इस दिन को तब ‘विश्व स्मारक और पुरातत्व स्थल दिवस’ के रूप में मनाया जाता था. परन्तु यूनेस्को ने वर्ष 1983 में इसे मान्यता प्रदान की और तभी से इस दिवस को ‘विश्व विरासत दिवस’ का नाम दिया गया.

विश्व विरासत दिवस (World Heritage Day) से संबंधित मुख्य तथ्य
• पहला विश्व विरासत दिवस (World Heritage Day) 18 अप्रैल 1982 को ट्यूनीशिया में इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ मोनुमेंट्स एंड साइट्स द्वारा मनाया गया था.
• संयुक्त राष्ट्र की संस्था युनेस्को (UNESCO) ने वर्ष 1983 में इस मान्यता प्रदान की थी. 
• इससे पहले प्रतिवर्ष 18 अप्रैल को विश्व स्मारक और पुरातत्व स्थल दिवस (International Monuments and Sites Day) के रुप में मनाया जाता था.

भारतऔरकनाडाद्वारासंयुक्तवक्तव्य ‘नयाउत्साहनएकदम’ जारी

भारत और कनाडा ने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया जिसका शीर्षक है, नया उत्साह, नए कदम. 
यह संयुक्त वक्तव्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 14 अप्रैल से 16 अप्रैल 2015 की कनाडा यात्रा के दौरान 15 अप्रैल 2015 को जारी किया गया. मोदी की यह यात्रा पिछले 42 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा पहली यात्रा है.
संयुक्त वक्तव्य का विवरण
द्विपक्षीय सम्बन्ध
दोनों देशों ने यूरेनियम, वीजा, आतंकवाद, विदेशी निवेश संवर्धन और संरक्षण, कनाडा-भारत व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए), मुक्त व्यापार समझौते, संस्कृति तथा क्षेत्रीय संबंधों को बढ़ाने के लिए समझौते किये.
अर्थव्यवस्था, व्यापार और निवेश
रेल परिवहन में सहयोग बढ़ाने के लिए भारत के रेल मंत्रालय तथा कनाडा के रेल और परिवहन मंत्रालय के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए इससे दोनों देशों के बीच नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा.
दोनों पक्षों ने भारत-कनाडा के आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने के उद्देश्य से वित्त मंत्रियों से सीधे संवाद स्थापित करने के लिए सहमति जताई.
सिविल-न्यूक्लियर सहयोग
ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग तथा कनाडा की कंपनी केमको के बीच भारत को लम्बे समय तक यूरेनियम की आपूर्ति के लिए समझौते पर हस्ताक्षर हुए. यह समझौता भारत-कनाडा असैन्य परमाणु सहयोग को नया महत्व प्रदान करेगा.


दोनों देशों के बीच परस्पर औद्योग्यिक सहयोग बढ़ाने, हेवी वाटर रिएक्टर तकनीक तथा वैश्विक परमाणु ऊर्जा जरूरतों के लाभ के लिए समझौता हुआ.
दोनों पक्षों ने रेडियो-आइसोटोप प्रणाली पर पारस्परिक लाभ हेतु प्रयोग करने पर भी सहमति जताई.
दोनों पक्षों ने आपसी सहयोग को सुविधाजनक बनाने तथा सकारात्मक कदम के रूप में विदेशी कंपनियों के सहयोग के साथ न्यूक्लियर इंश्योरेंस पूल बनाने के लिए सहमति जताई.
उन्होंने सुरक्षा और विनियामक मुद्दों पर अनुभव तथा कार्यों का आदान-प्रदान करने के लिए सहमति जताई. इसी क्रम को आगे बढ़ाने के लिए एटॉमिक एनर्जी बोर्ड ऑफ इंडिया तथा केनेडियन सेफ्टी कमीशन ने परमाणु और विकिरण सुरक्षा विनियमन प्रणाली को अंतिम रूप देने पर भी कार्य किया.
ऊर्जा
उन्होंने ऊर्जा दक्षता और नयी खोज, तेल तथा गैस क्षेत्र के विकास, विनियामक प्रक्रियाओं का हस्तांतरण, अक्षय ऊर्जा तथा परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर सहमति दर्ज की.
इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए 2015 के अंत तक मंत्री स्तर पर भारत-कनाडा ऊर्जा वार्ता कराई जाएगी. 
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने ब्रिटिश कोलंबिया में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन द्वारा तरलीकृत प्राकृतिक गैस परियोजना के निवेश के प्रस्ताव का भी स्वागत किया.
शिक्षा और कौशल विकास
दोनों देशों ने कनाडा के ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क्स ऑफ इंडिया (जीआईएएन) द्वारा भारतीय शिक्षण संस्थानों में कनाडा के शोधकर्ताओं का शिक्षा, अनुसंधान और शिक्षण में भागीदारी किये जाने का स्वागत किया.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम तथा कनाडा के मिताक्स ग्लोबलिंक द्वारा पहली बार स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम तैयार किया गया.
भारतीय राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद तथा कनाडा के 13 कॉलेजों, संस्थानों, और कौशल विकास परिषदों के बीच समझौते हुए.
दोनों देशों के नेताओं ने उच्च शिक्षा पर भारत-कनाडा एमओयू का लगातार नवीनीकरण करने पर सहमति दर्ज कराई. 
कृषि
पौधों, पादप उत्पादों तथा संबंधित कृषि सहयोग के लिए स्वच्छता और पादप मुद्दों से संबंधित विज्ञान आधारित चर्चाओं को बढ़ावा देने के लिए भी समझौते पर हस्ताक्षर हुए.
रक्षा और सुरक्षा
संबंधित सरकारी विभागों के बीच संयुक्त प्रयासों के माध्यम से आतंकवाद, कट्टरता और हिंसक उग्रवाद का मुकाबला करने में सतत सहयोग, तथा आपसी तालमेल को गहरा करने के लिए सहमति जताई गयी.
साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर भारतीय संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा कनाडा के डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक सेफ्टी एंड इमरजेंसी प्रीपेअरडनेस ऑफ कनाडा के बीच समझोते पर हस्ताक्षर.
विभिन्न क्षेत्रों जैसे ठंडे क्षेत्रों में युद्ध, शांति तथा रक्षा स्टाफ कॉलेज में प्रशिक्षण देने के लिए भागीदारी सुनियोजित की जाएगी.
नौसेना संबंधों को बढ़ाने, सहयोग तथा कर्मचारियों के आदान-प्रदान पर भी सहमति दर्ज की गयी.
भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन तथा डिफेन्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट कनाडा के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संभावित सहयोग को बढ़ावा दिया जायेगा. 
विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नयी खोज तथा अंतरिक्ष
जून 2015 में कनाडा-भारत की संयुक्त विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग समिति की 5वीं द्विवार्षिक बैठक बुलाने पर सहमति.
अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी साझेदारी कार्यक्रम में संयुक्त औद्योगिक अनुसंधान और विकास परियोजनाओं के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की गयी जिसमे दोनों देशों द्वारा 1 मिलियन डॉलर का सहयोग दिया जायेगा.
कनाडा ने भारत द्वारा 2017 के प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन साथी देश के रूप में शामिल होने के प्रस्ताव का को स्वीकार किया.
ग्रैंड चैलेंज कनाडा एवं इसके भारतीय सहयोगी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, के साथ पांच स्वास्थ्य सम्बन्धी खोजों में 2.5 मिलियन डॉलर के निवेश का स्वागत किया.
सुरक्षित व बुनियादी सुविधाओं तथा एकीकृत जल प्रबंधन और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर संयुक्त परियोजनाओं पर कार्य करने के लिए सहमति. 
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन तथा कनाडा अंतरिक्ष एजेंसी के बीच अंतरिक्ष सहयोग पर समझौते का नवीनीकरण किया गया.
इंस्टिट्यूट फॉर स्टेम सेल साइंस एंड रेजेनेरेटिव मेडिसिन ऑफ इंडिया तथा स्टेम सेल नेटवर्क ऑफ कनाडा के बीच शोध एवं सहयोग के लिए समझौता.
चिकित्सकीय उत्पादों के क्षेत्र में सहयोग को सुविधाजनक बनाने के क्रम में दोनों देशों के संबंधित विभागों के बीच संवाद स्थापित करने पर सहमति.
संस्कृति तथा लोगों के बीच संबंध
कनाडा और भारत के बीच सांस्कृतिक सहयोग पर समझौते का नवीनीकरण तथा कनाडा द्वारा भारत में इयर ऑफ कनाडा 2017 मनाने पर सहमति.
कनाडा-भारत सामाजिक सुरक्षा करार को 1 अगस्त 2015 से लागू करने पर सहमति.
संसदीय प्रतिनिधिमंडलों द्वारा पारस्परिक यात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए सहमति.