=> वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुप्रिया साहू दूरदर्शन की महानिदेशक नियुक्त

 

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुप्रिया साहू को 15 जून 2016 को  दूरदर्शन के महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया. जुलाई 2014 से रिक्त पड़े इस पद पर वह दो साल के लिए स्टेट रन ब्रोडकास्टर की  पूर्णकालिक निदेशक बनाई गयीं.

मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने इस पर उनकी नियुक्ति को मंजूरी प्रदान की.

वह दूरदर्शन की एक्टिंग हेड अपर्णा वैश्य का स्थान लेंगीं.

इनसे पूर्व त्रिपुरारी शरण दूरदर्शन के पूर्णकालिक महानिदेशक थे. उन्होंने जुलाई 2014 में अपना पद छोड़ा.

सुप्रिया साहू बारे में

वह 1991 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की  अधिकारी हैं.

नियुक्ति के समय वह तमिलनाडु कैडर में कार्यरत थीं.

पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए हिल स्टेशन ऊटी में प्लास्टिक के प्रयोग पर प्रतिबन्ध लगाने के पीछे कलेक्टर के रूप में इनकी मुख्य भूमिका रही.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में भी उन्होंने कार्य किया.

 

=> रूस द्वारा सबसे शक्तिशाली परमाणु आइसब्रेकर आर्कटिका का शुभारम्भ

16 जून 2016 को रूस ने नया प्रोजेक्ट 22220 परमाणु आइसब्रेकर–आर्कटिका का शुभारंभ किया. इसे रूस के दूसरे सबसे बड़े शहर सेंट पीटर्सबर्ग के बाल्टिक शिपयार्ड से शुरु किया गया था.

प्रोजेक्ट 22220 दुनिया का सबसे बड़ा और अपने प्रकार का सबसे शक्तिशाली पोत है. इसे यूनाइटेड शिपबिल्डिंग कारपोरेशन ऑफ रशिया के बाल्टिक शिपयार्ड में बनाया गया है. 

आर्कटिका की मुख्य विशेषताएं 

• पोत 189.5 गज लंबा और 37.1 गज चौड़ा है.

• यह 33540 मिट्रिक टन विस्थापित करता है और इसमें विशेष रूप से डिजाइन किए गए दो RITM-200 परमाणु बिजली रिएक्टर हैं.

• पोत के RITM-200 परमाणु-बिजली रिएक्टरों के लिए परमाणु ईंधन का उत्पादन TVEL नाम की इंधन कंपनी वर्ष 2016 के अंत तक करने लगेगी.

• यह पहला रूसी परमाणु आइसब्रेकर है जिसे आधुनिक रूप में पूरी तरह से बनाया गया है.

• यह आर्कटिक में काफिलों के रक्षा करने में सक्षम है और करीब 10 फीट (3 मी.) मोटी बर्फ की परत को काट सकता है.

रुस्तम (Rosatom) के साथ मिलकर बाल्टिक शिपयार्ड वर्ष 2020 तक दो और प्रोजेक्ट 22220 आइसब्रेकर्स बनाएगी. ये दो जहाज 84.4 बिलियन रुबल ( 1.2 बिलियन डॉलर) की लागत से बनाए जाएंगे और इन्हें क्रमशः दिसंबर 2019 और दिसंबर 2020 में शुरु किया जाएगा. 

टिप्पणी 

रुस्तम (Rosatom) के सीईओ सर्गेई किरीनेको के अनुसार, आर्कटिका आइसब्रेकर के सफलापूर्वक शुरु किए जाने से इस बात के संकेत मिलते हैं कि रूस परमाणु आइसब्रेकरों का क्रमिक उत्पादन करने में सक्षम है. अनुमान है कि आर्कटिक की खोज के लिए रूस को कम-से-काम पांच प्रोजेक्ट 22220 परमाणु आइसब्रेकरों की जरूरत होगी.

इसके अलावा यह रूस को आर्कटिक क्षेत्र में तेल एवं प्राकृतिक गैस की खोज में मदद करेगा क्योंकि माना जाता है कि आर्कटिक शेल्फ में तेल और प्राकृतिक गैस की भारी मात्रा उपलब्ध है. रूस ने अमेरिका, कनाडा, नॉर्वे और डेनमार्क की तरह अपने अपतटीय सीमावर्ती क्षेत्रों में इस प्रकार के भंडार होने का दावा किया है.

 

=> सरकारी स्कूलों में स्वयंसेवा के लिए केंद्र सरकार ने विद्यांजलि मोबाइल एप्प की शुरुआत की

 

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 16 जून 2016 को विद्यांजलि मोबाइल एप्प की शुरुआत की. सरकारी स्कूलों में स्वयंसेवा करने की इच्छा रखने वाला कोई भी व्यक्ति इस एप्प का इस्तेमाल कर अपना पंजीकरण करा सकता है. 

विद्यांजलि पहल केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पढ़े भारत बढ़े भारत के तहत जारी प्रयासों में से एक है. 

विद्यांजलि योजना की मुख्य बातें

• मानव संसाधन विकास मंत्री ने 21 राज्यों के 2200 स्कूलों में विद्यांजलि को प्रायोगिक चरण में शुरु किया. 

• MyGov वेबसाइट या app@mygovindia पर लॉगइन कर स्वयंसेवक आसानी से विद्यांजलि के लिए पंजीकरण करा सकते हैं. 

• हालांकि, स्वयंसेवक, शिक्षकों के कार्य का पूरक नहीं हो सकते क्योंकि शिक्षा का अधिकार अधिनियम इस प्रकार के शिक्षण की अनुमति नहीं देता.

• इसमें सिर्फ गैर–शैक्षणिक गतिविधियों जैसे पढ़ना या थिएटर, में मदद करने की अनुमति दी जाएगी. 

• यह भारत के दौरे पर आने वाले अनिवासी भारतीयों को सरकारी स्कूल की शिक्षा में मदद करने का भी अवसर देगा. 

• इसे इन स्कूलों द्वारा समानांतर पहलों से कैसे लाभ उठाया जाए, बताना उद्देश्य नहीं है, बल्कि सिर्फ यह उम्मीद की जाती है कि स्वयंसेवकों के पठन सत्रों से कुछ परिवर्तन होगा. 

पृष्ठभूमि

सरकारी स्कूल, जहां बड़ी संख्या में गरीब और वंचित बच्चे पढ़ने जाते हैं, गुणवत्ता के मामले में अक्सर पीछे रह जाते हैं. कई अध्ययनों में भारत में बच्चों के बीच सीखने के स्तर में समस्याओं की तरफ इशारा किया गया है.

स्वंयसेवी संगठन प्रथम के शिक्षा रिपोर्ट 2015 की वार्षिक स्थिति के अनुसार कक्षा 5 में पढ़ने वाले आधे से भी कम बच्चे कक्षा 2 के लिए लिखे गए पाठ को धाराप्रवाह बोलने में सक्षम थे.

 

=> रेल मंत्रालय ने पार्सल लीजिंग और पार्सल कार्गो ट्रेन एक्सप्रेस हेतु उदार नीतियों की शुरुआत की

 

15 जून 2016 को रेल मंत्रालय ने पार्सल लीजिंग और पार्सल कार्गो ट्रेन एक्सप्रेस से संबंधित दो नीतियों की शुरुआत की. इन नीतियों की शुरुआत रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान की. 

इन नीतियों की शुरुआत वित्त वर्ष 2016-17 के रेल बजट में की गई घोषणा के हिस्से के तौर पर हुई है. इसमें पार्सल से संबंधित नीति को और अधिक उदार और ग्राहकों के अनुकूल बनाने की कोशिश की गई है. 

उदारीकृत व्यापक पार्सल लीजिंग नीति (सीपीएलपी) 

• व्यापार के विकास के लिए स्थिरता लाने और पर्याप्त समय देने के लिए पार्सल लीजिंग योजना की अवधि को 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया गया है. 

• बजटीय बढ़ोतरी से पार्सल को बचाने के लिए (क) चौथे (4)  वर्ष से 10% की दर के साथ निश्चित बढ़ोतरी के साथ निश्चित पट्टा दरें और (ख) निविदाओं की यथार्थवादी मूल्यांकन. 

• सुरक्षा जमा को युक्तिसंगत बनाया गया है. सबसे पहले, पहले वर्ष के लिए यह सुरक्षा जमा को अनुबंध मूल्य के 10% पर निश्चित करता है और दूसरा, पूरी अवधि तक अनुबंध के जारी रहने के लिए प्रोत्साहित करता है. 

• पहली बार आरक्षित मूल्यों को निर्धारित करने के लिए क्षेत्रीय रेलवे को शक्ति प्रदान की गई है. यह एक बदलाव है और पार्सल के कारोबार में गतिशील मूल्य निर्धारण लाएगा. 

• ईएमडी की राशि को बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय रेलवे को शक्ति प्रदान की गई है. यह झूठे और फर्जी निविदाकर्ताओं पर लगाम कसेगा. 

पार्सल कार्गो एक्सप्रेस ट्रेन (पीसीईटीपर उदारीकृत नीति 

• व्यापार के विकास के लिए स्थिरता लाने और पर्याप्त समय देने के लिए पार्सल लीजिंग योजना की अवधि को 3 वर्ष से बढ़ाकर 6 वर्ष कर दिया गया है. 

• बजटीय बढ़ोतरी से पार्सल को बचाने के लिए (क) चौथे (4) वर्ष से 10% की दर के साथ निश्चित बढ़ोतरी के साथ निश्चित पट्टा दरें और (ख) निविदाओं की यथार्थवादी मूल्यांकन. 

• सुरक्षा जमा को युक्तिसंगत बनाया गया है. सबसे पहले, पहले वर्ष के लिए यह सुरक्षा जमा को अनुबंध मूल्य के 10% पर निश्चित करता है और दूसरा, पूरी अवधि तक अनुबंध के जारी रहने के लिए प्रोत्साहित करता है. 

• पहली बार आरक्षित मूल्यों को निर्धारित करने के लिए क्षेत्रीय रेलवे को शक्ति प्रदान की गई है. यह एक बदलाव है और पार्सल के कारोबार में गतिशील मूल्य निर्धारण लाएगा.

• आरंभिक चरण में व्यापार को विकसित करने के लिए पट्टाधारी को समय देने हेतु अनुबंध अवधि के पहले 6 माह तक पीसीईटी का न्यूनतम संरचना कम कर 15 वैन कर दिया गया है. 

• निविदा समिति को सशक्त बनाया गया है और पीसीईटी निविदाओं को अंतिम रूप देने का अधिकार प्रदान किया गया है. 

• यह मंडलीय रेल प्रबंधकों (डीआरएम) को 25 करोड़ रुपयों तक की निविदाओं को अंतिम रूप देने का अधिकार प्रदान करता है. 

• अधिक मध्यवर्ती स्टेशनों –200 किमी की दूरी में 4 मध्यवर्ती स्टेशनों की अनुमति पर लदान/ उतारने की सुविधा. 

इन दो नीतियों के अलावा रेल मंत्री ने निम्नलिखित सेवाएं शुरु की और राष्ट्र को समर्पित किया

• घरेलू कंटेनर टर्मिनल, ओखला (दिल्ली) और ह्वाइटफिल्ड (बेंगलुरु) से पहले समय–सरणी वाली कंटेनर रेल सेवा को हरी झंडी दिखाई. 

• शिकायतों के निपटारे के लिए एकीकृत (फेसबुक और ट्विटर) सामाजिक मीडिया मंच. 

• अस्थि/ पक्षाधात, मानसिक रूप से कमजोर, पूरी तरह से नेत्रहीन और मूक-बधिर विकलांग यात्रियों को, जो बिना किसी दूसरे व्यक्ति की अनुरक्षण के यात्रा कर रहे हैं, से संबंधित नीति के कार्यान्वयन की इजाजत दी.

 

=> केन्द्र सरकार ने 1000 मेगावाट पवन ऊर्जा परियोजना स्थापित करने के लिए योजना आरंभ की

 

केंद्र सरकार ने नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के साथ मिलकर 15 जून 2016 को केंद्रीय पारेषण उपयोगिता (सीटीयू) 1000 मेगावाट पवन ऊर्जा परियोजना स्थापित करने के लिए योजना आरंभ की.

योजना का आरंभ उन क्षेत्रों को पवन उर्जा प्रदान करना है जहां पवन की गति कम रहती है. इन क्षेत्रों में नीलामी द्वारा आवंटन किया जायेगा.

इस योजना के तहत सरकार वर्ष 2022 तक अक्षय उर्जा संसाधनों द्वारा 175 गीगावॉट बिजली के लक्ष्य को प्राप्त करना चाहती है. कुल 175 गीगावॉट में 60 गीगावॉट बिजली पवन उर्जा द्वारा प्राप्त की जाएगी.

योजना के मुख्य बिंदु

•    1000 मेगावाट की इस परियोजना की परिकल्पना सीटीयू से जुड़े पवन उर्जा कार्यक्रम के तहत निर्माण, स्वामित्व एवं संचालन आधार पर की गयी है.

•    डिस्कॉम एवं गैर-पवन वाले क्षेत्रों से मांग की अधिकता होने पर इसकी क्षमता को 1000 मेगावाट से अधिक किया जा सकता है.

•    भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) को योजना के कार्यान्वयन हेतु नोडल एजेंसी बनाया गया है.

•    इससे प्रतियोगी वातावरण तैयार होगा जिससे परियोजनाओं का आकार भी बढ़ेगा  एवं ई-नीलामी से पारदर्शिता आएगी. 

•    इससे विभिन्न राज्यों को जिनमे पवन उर्जा अथवा सौर उर्जा की कमी है उन्हें भी लाभ प्राप्त होगा.

भारत में पवन उर्जा

90 के दशक में भारत ने पवन उर्जा द्वारा बिजली प्राप्त करना आरंभ किया. उसी समय से इस क्षेत्र में सबसे अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गयी है.

वर्तमान में भारत में कुल क्षमता 26.7 गीगावाट है जो कुल उर्जा क्षमता का 9 प्रतिशत है. विश्व में चीन, अमेरिका एवं जर्मनी के बाद चौथे स्थान पर है.

राष्ट्रीय पवन उर्जा संस्थान द्वारा भारत में 100 मीटर की ऊंचाई पर पवन उर्जा की क्षमता का आकलन किया है, अनुमान के अनुसार यह क्षमता 302 गीगावाट हो सकती है.

भारत के वह राज्य जिनमें सबसे अधिक पवन उर्जा के अवसर मौजूद हैं – आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु एवं तेलंगाना.

 

=> सुनील भारती मित्तल इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष नियुक्त

 

भारती एंटरप्राइजेज के संस्थापक और अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल को 16 जून 2016 को इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) का अध्यक्ष चुना गया. उनका चुनाव ब्राज़ील स्थित साओ पाओलो में हुए मतदान में किया गया.

मित्तल इस पद पर टेरी मैकग्रॉ का स्थान लेंगे,  मैकग्रॉ एसएंडपी ग्लोबल के मानद अध्यक्ष हैं.

विश्व के सबसे पुराने वैश्विक औद्योगिक मंडलों में से एक, इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स के इतिहास में मित्तल तीसरे भारतीय उद्योगपति हैं जिन्हें इसका अध्यक्ष बनाया गया.

इससे पहले सुनील मित्तल आईसीसी के उपाध्यक्ष थे.

इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी)

• आईसीसी विश्व का सबसे बड़ा व्यापारिक संगठन है.
• यह संगठन मुक्त व्यापार और बाजार अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कार्य करता है.
• इस संगठन की 130 से अधिक देशों में राष्ट्रीय समितियां और सदस्य हैं.
• इसकी स्थापना वर्ष 1919 में हुई तथा इसका मुख्यालय फ़्रांस स्थित पेरिस में है.

 

=> भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कोच सैयद नईमुद्दीनमोहन बागान रत्न के लिए नामांकित

 

मोहन बागान ने 15 जून 2016 को घोषणा की कि वह देश के द्रोणाचार्य फुटबॉल कोच सैयद नईमुद्दीन को मोहन बागान रत्न से सम्मानित करेंगे.

नईमुद्दीन का चुनाव उनके द्वारा फुटबॉल खिलाड़ी के रूप में क्लब एवं देश को दिए गये योगदान के कारण किया गया.

सैयद नईमुद्दीन

•    वे पूर्व भारतीय खिलाड़ी एवं कोच हैं.

•    खिलाड़ी के रूप में उन्होंने 1970 में खेले गये एशियन खेलों में भारतीय टीम की कप्तानी की तथा भारत को रजत पदक दिलाया.

•    वर्ष 1997 में उन्हें कोच बनाया गया.

•    उनके चलते भारत ने पहली बार दक्षिण एशियन फुटबॉल फेडरेशन कप जीता जिसमे भारत ने मालदीव को 5-1 से हराया. साथ ही भारत पहली बार नेहरु कप के सेमी-फाइनल में पहुचने में कामयाब रहा.

•    वे इकलौते खिलाड़ी हैं जिन्होंने अर्जुन एवं द्रोणाचार्य पुरस्कार जीते.

मोहन बागान रत्न

•    यह पुरस्कार बेहतरीन फुटबॉल खिलाड़ियों को दिया जाता है.

•    इसका उद्देश्य क्लब एवं देश के लिए उत्कृष्ट खेल का प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का सम्मान करना है.

•    पुरस्कार 29 जुलाई को दिया जाता है, यह दिन मोहन बागान दिवस के रूप में मनाया जाता है.

•    वर्ष 2015 में करुणा शंकर भट्टाचार्य को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

 

=> मंत्रिमंडल ने भारत हिंद महासागर क्षेत्र में बहुधात्विक सल्फाइड के अन्वेषण हेतु आईएसए अनुबंध को मंजूरी दी

 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 15 जून 2016 को बहुधात्विक (पोली मैटेलिक) सल्फाइड से संबंधित हिन्द महासागर में आवंटित 10,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में अन्वेषण और अन्य विकासात्मक गतिविधियों को संचालित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सीबेड प्राधिकरण (आईएसए) के साथ पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के 15 साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर को अपनी मंजूरी दे दी.
यह अन्वेषण हिंद महासागर में स्थित – केंद्रीय और दक्षिण-पश्चिम भारतीय रिजों (एसडब्ल्यूआईआर) के हिस्सों में किया जाएगा.

अनुबंध के बारे में-

  • पन्द्रह साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर के साथ ही हिंद महासागर के इस क्षेत्र में बहुधात्विक सल्फाइड के अन्वेषण के लिए भारत के विशेष अधिकार पर औपचारिक मुहर भी लग जाएगी.
  • इससे हिंद महासागर में भारत की उपस्थिति में वृद्धि होगी जहां चीन, कोरिया और जर्मनी जैसे अन्य देश सक्रिय हैं.
  • अन्वेषण कार्य विभिन्न राष्ट्रीय संस्थानों और अनुसंधान प्रयोगशालाओं/ संगठनों के सहयोग से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अन्तर्गत किया जाएगा.

पृष्ठभूमि-

समुद्र तली में लोहा,तांबा,जस्ता,चांदी,सोना,प्लेटिनम युक्त यह बहुधात्विक सल्फाइड (पीएमएस) समुद्री क्रस्ट की चिमनी के माध्यम से गहराई में गर्म मेग्मा उमड़ने से तरल पदार्थ से बना अवक्षेप हैं.

  • पीएमएस के दीर्घकालिक वाणिज्यिक एवं सामरिक लाभ ने दुनिया भर का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है.
  • समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (यूएनसीएलओएस) के अधीन अंतर्राष्ट्रीय सीबैड प्राधिकरण (आईएसए) ने हिंद महासागर के केंद्रीय भारतीय रिज (सीआईआर) 85 दक्षिण- पश्चिम भारतीय रिज (एसडब्ल्यूआईआर) क्षेत्र में पोली मैटेलिक सल्फाइड (पीएमएस) के अन्वेषण के लिए 15 वर्षों की योजना के साथ 10,000 वर्ग किमी क्षेत्र का आवंटन करने के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) द्वारा प्रस्तुत आवेदन को अपनी मंजूरी दी.
  • आईएसए अंतर्राष्ट्रीय जल सीमा में सीबैड के अजीवित संसाधनों को नियंत्रित करता है.
    • धारित क्षेत्र में सबसे संभावित क्षेत्र की पहचान करना जो मध्‍य हिंद बेसिन में पिण्डिकाओं के लिए प्रथम पीढ़ी के खनन स्‍थल का केंद्र बनेगा.
    • प्रथम पीढ़ी खनन स्‍थल में आदर्श ब्लॉकों का चयन करना और प्रयोगिक खनन के लिए पूर्व संकेतक और आवश्यक डेटा प्रदान करने के लिए उच्चतम संभव विभेदन पर विस्तृत अवलोकन करना.
    • धारित क्षेत्र में मौजूदा डेटा के साथ ग्रेड और बहुतायत डेटा को एकीकृत करना और जहां तक ग्रेड और बहुतायत का संबंध है, सबसे अच्छे ब्लॉकों की अंतिम वस्‍तुस्‍थिति सृजित करना.
    • धारित क्षेत्र में पिण्डिका का व्यापक संसाधन मूल्यांकन
    • राष्ट्रीय अंटार्कटिक एंव समुद्री अनुसंधान केन्द्र, गोवा
    • राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान, गोवा
    • समोच्च नक्शे का सृजन, ढलान कोण का नक्शा, खनन स्‍थल-एम-3 (42 ब्लाक) का 3-डी मानचित्र और मौजूदा आंकड़ों से उच्च विभेदन अध्ययनों के लिए आदर्श ब्लॉकों का चयन करना.
    • सब-बॉटम भेदन का उपयोग करते हुए पूर्व चयनित ब्लॉकों की आरओवी जांच, सूक्ष्म स्थलाकृति आदि के लिए एक बीम और बहु बीम मानचित्रण
    • आरओवी से डेटा प्रोसेसिंग
    • कार्यक्रम से अपेक्षित डिलिवरेबल्स में बहु धातु खनिज अन्वेषण के लिए प्रासंगिकता संबंधी विस्तृत स्‍थल विशेष विषयगत नक्शे और इस क्षेत्र के लिए एक व्यापक भूवैज्ञानिक डेटाबेस शामिल होंगे.
    • जीआईएस का उपयोग करते हुए अन्‍वेषण क्षेत्र की सूक्ष्‍म स्‍थालाकृतिक रूपरेखाओं और संबंधित विश्‍लेषणों का सीमांकन करने के लिए उच्‍च विभेदन मानचित्र (3-डी और 2-डी) तैयार करना.
    • सीआईओबी नॉड्यूल युक्त क्षेत्र (प्रथम पीढ़ी खनन स्‍थल) में संभावित सीमाउंट जलतापीय निक्षेपों की समझ और आकलन.
    • भारत की स्थिति
    • भारत के पास 75,000 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल है, जो इसके दक्षिणी सिरे से दूर 1,600 किमी में स्थित है। भारत शीर्ष 8 देशों / संविदाकारों में से एक है और जो बहुधात्विक पिण्डिका के अन्वेषण और उपयोग के लिए एक दीर्घ अवधि कार्यक्रम कार्यान्‍वित कर रहा हैंबहुधात्विक पिण्डिका कार्यक्रम चार घटकों अर्थात् सर्वेक्षण और अन्वेषण, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन (ईआईए) अध्ययन, प्रौद्योगिकी विकास (खनन) और प्रौद्योगिकी विकास (निष्‍कर्षण धातुकर्म) को मिलाकर बना है.
    • सर्वेक्षण और अन्वेषण:
    • a) उद्देश्
    • b) प्रतिभागी संस्थाएं:
    • c) कार्यान्वयन योजना:
    • d) वितरण योग्:

 

 

=> रियो ओलंपिक एवं पैरालम्पिक खेलों का अधिकारिक स्लोगन जारी किया गया

 

रियो ओलंपिक आयोजन समिति ने 14 जून 2016 को अधिकारिक स्लोगन, ‘अ न्यू वर्ल्ड’ का उद्घाटन किया. यह स्लोगन दक्षिण अमेरिका में पहली बार ओलंपिक एवं पैरा ओलंपिक का आयोजन किये जाने के उपलक्ष्य में जारी किया गया.

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के अध्यक्ष थॉमस बाच ने इस स्लोगन का उद्घाटन किया. उन्होंने यह उद्घाटन ब्राज़ील में बारा दा तिजुका स्थित ओलंपिक पार्क में किया. 

इसके अतिरिक्त, आयोजन समिति ने 2488 स्वर्ण, कांस्य एवं रजत पदकों के डिजाईन का भी उद्घाटन किया. ओलंपिक खेलों में लगभग दस हज़ार खिलाड़ी भाग लेंगे.

स्लोगन

• ‘अ न्यू वर्ल्ड’ ओलंपिक 2016 के मध्य में लिखा जायेगा ताकि पूरे विश्व में इसका सन्देश दिया जा सके.

•  इस स्लोगन का चुनाव रियो-2016 द्वारा एक बेहतर विश्व की कल्पना के उद्देश्य से किया गया.

प्रत्येक ओलंपिक खेलों के आयोजन से पूर्व स्लोगन जारी करना एक परम्परा है. वर्ष 2004 के एथेंस ओलंपिक का स्लोगन था – वेलकम होम फॉर एथेंस, बीजिंग 2008 में एक विश्व, एक स्वप्न तथा लंदन 2012 ओलंपिक खेलों में ‘पीढ़ी को प्रेरणा’ नामक स्लोगन जारी किया गया.

 

=> वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुप्रिया साहू दूरदर्शन महानिदेशक नियुक्त

 

मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने 15 जून 2016 को वरिष्‍ठ आईएएस अधिकारी सुप्रिया साहू को  दूरदर्शन की महानिदेशक नियुक्‍त करने की मंजूरी दी. यह पद लगभग दो वर्ष जुलाई 2014 से खाली था. 1991 बैच की अधिकारी सुश्री साहू इससे पहले अपने कैडर राज्‍य- तमिलनाडु में कार्यरत थीं.

  • सुश्री साहू की नियुक्ति तीन वर्ष के लिए की गई है.
  • वे सूचना और प्रसारण मंत्रालय में संयुक्‍त सचिव के पद पर रह चुकी हैं.
  • उनकी नियुक्ति अपर्णा वैश्य के स्थान पर की गयी है.
  • पूर्व महानिदेशक (पूर्णकालिक) दूरदर्शन त्रिपुरारी शरण ने जुलाई 2014 में यह पद छोड़ दिया था.
  • बोर्ड द्वारा दूरदर्शन में वरिष्ठ अतिरिक्त महानिदेशक की नियुक्ति का फैसला करने के बाद उन्हें नियुक्त किया गया.

सुप्रिया साहू बारे में-

  • वह 1991 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी हैं.
  • नीलगिरि जिले में कलेक्टर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान हिल स्टेशन, ऊटी पर उन्होंने पर्यावरण हित में पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा हेतु प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने हेतु अभियान चलाया.
  • उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के लिए संयुक्त सचिव (एमआईबी) के रूप में काम किया है.

 

=> असम पीसीसी के अध्यक्ष अंजन दत्ता का निधन

 

असम प्रदेश कांग्रेस समिति (पीसीसी) के अध्यक्ष अंजन दत्ता का 16 जून 2016 को हृदयघात के कारण नई दिल्ली स्थित एम्स में निधन हो गया. वे 64 वर्ष के थे.

दत्ता ने अपने राजनैतिक करियर में विभिन्न उपलब्धियां हासिल कीं.

अंजन दत्ता

•    वर्ष 1952 में जन्में दत्ता ने जल्द ही राजनीति में भाग लेना आरंभ कर दिया था.

•    वर्ष 1988 में उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा राज्य युवा कांग्रेस की अगुवाई करने के लिए चयनित किया. दिसम्बर 2014 में राहुल गांधी द्वारा उन्हें पीसीसी की अध्यक्षता करने के लिए चुना गया.

•    वे सिवसागर जिले की अमगुरी सीट से तीन बार विधानसभा चुनाव जीते.

•    वर्ष 1985 एवं 1996 में कांग्रेस की राज्य में हार के बाद दत्ता ने ही राज्य में पार्टी का नेतृत्व किया.

•    वे पूर्वोत्तर यूथ कांग्रेस समन्वय समिति के भी अध्यक्ष रहे.

•    तरुण गोगोई की पहली केबिनेट (2001-2006) में वे मंत्री रहे एवं उन्हें राज्य में घटती राज्य परिवहन व्यवस्था को फिर से सुचाररु करने का श्रेय जाता है.

•    वे 1991 में हितेश्वर सैकिया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में मंत्री पद पर रहे.

•    वे लेखन कार्य में भी रुचि रखते थे, उन्होंने मासिक पत्रिका ‘अनुभूति’ एवं दैनिक समाचार पत्र ‘अजिर दैनिक बातोरी’ की भी शुरुआत की.

 

=> डीबीएस बैंक ने नीरज मित्तल को संस्थागत बैंकिंग प्रमुख नियुक्त किया

 

डीबीएस बैंक इंडिया ने जून 2016 के दूसरे सप्ताह में नीरज मित्तल को प्रबंध निदेशक और इण्डिया हेड संस्थागत बैंकिंग प्रमुख नियुक्ति किया है.

नीरज मित्तल समूह के कार्यकारी और सिंगापुर में संस्थागत बैंकिंग समूह के प्रमुख, जेनेट वोंग, और डीबीएस इंडिया के सीईओ सुरोजीत शोम को रिपोर्ट करेंगे.

इससे पहले, मित्तल डीबीएस बैंक के लिए उत्तर भारत में रॉयल बैंक स्कॉटलैंड एनवी (आरबीएस) के निदेशक और संस्थागत बैंकिंग कारोबार के प्रमुख के रूप में कार्यरत थे.

डीबीएस बैंक के बारे में-

• डीबीएस बैंक लिमिटेड सिंगापुर की बहुराष्ट्रीय बैंकिंग और वित्तीय सेवा कंपनी है.

• पूर्व में इसका नाम सिंगापुर विकास बैंक लिमिटेड था.

• नाम जुलाई 2003 में क्षेत्रीय बैंक के रूप में अपनी बदलती भूमिका को प्रतिबिंबित करने हेतु बैंक का वर्तमान नाम अपनाया गया. 

• आर्थिक विकास बोर्ड से औद्योगिक वित्तीय गतिविधियों का अधिग्रहण करने हेतु सिंगापुर सरकार द्वारा जून 1968 में इसे स्थापित किया गया.

 

=> ओबामा ने भारतीय मूल की कमला शिरीन को मलेशिया की राजदूत नामित किया

 

अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 17 जून 2016 को भारतीय मूल की राजनयिक कमला शिरीन लखधीर को मलेशिया में अमेरिका की अगली राजदूत नामित  किया. अमेरिकी सीनेट के अनुमोदन के बाद वह मलेशिया में अमेरिका की अगली राजदूत होंगी.
वह विदेश सेवा के अधिकारी जोसेफ वाई युन की जगह लेंगी. व्हाइट हाउस ने लखधीर के साथ अन्य कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक नियुक्तियों की भी घोषणा की.

कमला शिरीन लखधीर के बारे में-

  • लखधीर 2011 से 2015 तक राजनीतिक मामलों के लिए विदेश उप मंत्री के कार्यकारी सहायक के तौर पर विदेश सेवा वर्ग के काउंसलर की सदस्य थीं.
  • लखधीर 2009 से 2011 के दौरान बेलफास्ट, उत्तरी आयरलैंड, ब्रिटेन में अमेरिका की महावाणिज्यदूत के तौर पर सेवा दे चुकी हैं.
  • वह 2001 से 2005 तक बीजिंग में अमेरिकी दूतावास में एक पॉलिटिकल ऑफिसर के तौर पर कार्यरत थीं.
  • 1991 में विदेश सेवा में शामिल होने के बाद लखधीर ने इंडोनेशिया में पॉलिटिकल ऑफिसर और सऊदी अरब में काउंसलर ऑफिसर के तौर पर सेवा दी.
  • उन्होंने हार्वर्ड कॉलेज से अपनी बीए की पढ़ाई की और नेशनल वार कॉलेज से एमएस की डिग्री हासिल की.
  • कमला के पिता नूर लखधीर का जन्म 1920 के दशक के मध्य में मुंबई में हुआ था.

 

=> केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दोषपूर्ण ऋणों की वसूली के लिए विधेयक को मंजूरी दी

 

15 जून 2016 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रतिभूति हित एवं ऋण कानून की वसूली एवं प्रकीर्ण उपबंध (संशोधन) विधेयक, 2016 को मंजूरी दे दी.इसे 11 मई 2016 को लोकसभा में पेश किया गया था. 
विधेयक के जरिये व्यापार करने में आसानी में सुधार और दोषपूर्ण ऋणों की फास्ट ट्रैकिंग वसूली द्वारा अर्थव्यवस्था में निवेश को आकर्षित करने का प्रयास किया जायेगा. 

प्राथमिक तौर पर विधेयक चार मौजूदा कानूनों में संशोधन चाहता हैये कानून हैं

i. प्रतिभूतिकरण और वित्तीय आस्तियों का पुनर्निर्माण एवं प्रतिभूति हितों का प्रवर्तन (SARFAESI) अधिनियम, 2002

ii बैंकों और वित्तीय संस्थानों की वजह से ऋणों की वसूली (RDDBFI)अधिनियम,  1993 

iii भारतीय स्टांप अधिनियम, 1899 

iv निक्षेपागार अधिनियम, 1996 

विधेयक की मुख्य विशेषताएं

• SARFAESI अधिनियम, 2002 में संशोधनः SARFAESI अधिनियम सुरक्षित लेनदारों को सहायकों पर जमानत लेने की अनुमति देता है, जिसके खिलाफ ऋण दिया गया था, और जिसके भुगतान में चूक हुई. 

• यह प्रक्रिया जिलाधिकारी की सहायता से की जाती है और इसमें अदालतों या ट्रिब्यूनलों के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती. 

• जिलाधिकारी द्वारा इस प्रक्रिया को 30 दिनों के भीतर पूरा किए जाने की बात विधेयक में कही गई है. 

• इसके अलावा, यह अधिनियम ऋण चुकाने में अक्षम रहने पर कंपनी के प्रबंधन पर अधिकार स्थापित करने  में बैंक की सहायता करने के लिए जिलाअधिकारी को शक्ति प्रदान करता है.  

• ऐसा उस स्थिति में किया जाएगा जब बैंक अपने बकाया ऋण को इक्विटी शेयर में बदल देंगे और कंपनी में 51 फीसदी या उससे अधिक के हिस्सेदार बन जाएंगे. 

• यह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को उनके व्यापार से संबंधित कथनों और संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों के बारे में किसी भी जानकारी की जांच करने की शक्ति प्रदान करता है. 

• अधिनियम आरबीआई को इन कंपनियों के ऑडिट और निरीक्षण करने का भी अधिकार प्रदान करता है. आरबीआई खुद के द्वारा जारी किए गए निर्देशों का अनुपालन करने में विफल रहने वाली कंपनी को दंडित कर सकता है.

RDDBFI अधिनियम, 1993 में संशोधन :  RDDBFI अधिनियम ने ऋण वसूली न्यायाधिकरण और ऋण वसूली अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना की है. 

• अधिनियम में ऋण वसूली न्यायाधिकरण के पीठासीन अधिकारी की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी गई है. 

• इसने अपीलीय न्यायाधिकरण के अध्यक्ष की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष से बढ़ा कर 67 वर्ष कर दी है. इसमें पीठासीन अधिकारियों और अध्यक्ष को फिर से उनके पद पर नियुक्त किए जाने का भी प्रावधान किया गया है. 

• अधिनियम में बैंकों और वित्तीय संस्थानों को प्रतिवादी के घर या व्यापार क्षेत्र में अधिकार वाले अदालतों में मामला दायर करना आवश्यक किया गया है. 

• अधिनियम में बैंक की जिस शाखा में ऋण का भुगतान लंबित है, उस क्षेत्र के न्यायधिकरणों में मामले को दायर करने की अनुमति दी गई है. 

• अधिनियम में कहा गया है कि अधिनियम के तहत कुछ प्रक्रियाएं इलेक्ट्रॉनिक रूप में ही की जाएंगी. इसमें पक्षों द्वारा किए गए दावों की प्रस्तुति और न्यायाधिकरणों द्वारा अधिनियम के तहत जारी किए गए समन शामिल हैं.

 

=> नेट-न्यूट्रीलिटी रूल्स को अमेरिकी अपील न्यायालय ने वैध बताया

 

14 जून 2016 को कोलंबिया सर्किट के डिस्ट्रिक्ट के लिए यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स ने सरकार के नेट–नयूट्रीलिटी रूल्स को बरकार रखा. ये नियम प्लेइंग फेवरिट्स या प्रतिस्पर्धी ऑनलाइन सेवाओं को ब्लॉक करने से ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाताओं को रोकता है.

तीन-जजों के पैनल द्वारा किए गए इस फैसले ने उपभोक्ता ब्रॉडबैंड व्यापार पर सख्त निरीक्षण से बचने की कोशिश करने वाले केबल, वायरलेस और टेलीफोन कंपनियों की हार हुई है. 
नेट-न्यूट्रिलिटी नियमों पर दूरसंचार उद्योग की चुनौती को 2-1 मतों से हार का सामना करना पड़ा. 

फैसले के लाभ

• यह इंटरनेट-सेवा प्रदाताओँ से अनुचित प्रतिस्पर्धा को रोकेगा.

• सभी फोन और केबल कंपनियां बिना अपने प्रतिस्पर्धियों को ब्लॉक किए या धीमा किए अपने नेटवर्क के सभी यातायात के साथ एक समान व्यवहार कर सकेंगीं.  

• यह सेवा के लिए अधिक भुगतान करने वाली कंपनियों को फास्ट लेन प्रदान करने से सेवा प्रदाताओं को रोकेगा. 

तीन जजों के पैनल में डेविड टाटेल, श्री श्रीनिवासन और स्टीफन विलियम्स थे और इन्हें क्रमशः क्लिंटन, ओबामा और रीगन ने नियुक्त किया था. 

जज श्रीनिवासन ओबामा द्वारा नियुक्त किए गए थे. ये फरवरी 2016 में जस्टिस एंटोनिन स्कालिया की मृत्यु के बाद सुप्रीम कोर्ट में खाली हुए स्थान के लिए राष्ट्रपति द्वारा बनाई गई सूची में थे. 

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नेट–नयूट्रीलिटी क्या है ?

नेट न्यूट्रिलिटी का सिद्धांत या इंटरनेट न्यूट्रिलिटी इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आईएसपी) द्वारा इंटरनेट पर उपलब्ध सभी आंकड़ों के साथ समान व्यवहार को दर्शाता है. इस शब्द का प्रयोग कोलंबिया यूनिवर्सिटी के मीडिया लॉ प्रोफेसर टिम वू ने 2003 में  सामान्य वाहक की लंबे समय की अवधारणा के विस्तार के तौर पर किया था.

डॉट ने नेट तटस्थता पर ए के भार्गव समिति की रिपोर्ट जारी की


सिद्धांत के अनुसार, सरकार और आईएसपी को इंटरनेट पर संचारित होने वाले प्रत्येक बिट (bit) के साथ, प्राथमिकता वितरण के विकल्प के बिना या उपयोगकर्ता ( व्यापारिक या घरेलू), विषयवस्तु ( ध्वनि या वीडियो या डाटा), प्लेटफॉर्म, एप्लीकेशन, संलग्न उपकरण के प्रकार या संचार के तरीके के आधार पर अलग– अलग शुल्क लिए बिना, एक समान व्यवहार करना चाहिए।

 

=> उत्तरी अमेरिका में पहली बार डॉल्फिन के लिए अभयारण्य आरंभ किया जायेगा

 

बाल्टिमोर राष्ट्रीय एक्वेरियम ने 15 जून 2016 को डॉल्फिन के लिए एक अभ्यारण्य बनाने की घोषणा की. यह उत्तरी अमेरिका में इन समुद्री स्तनधारियों के लिए पहला अभ्यारण्य होगा.

अटलांटिक बॉटलनोज़ डॉल्फिन के इस एक्वेरियम को वर्ष 2020 तक खुले समुद्र में स्थानांतरित कर दिया जायेगा. इन आठ डॉलफिनों में (छह मादा एवं दो नर) केवल एक ही अब तक खुले समुद्र में रहने की अनुभवी है. 

इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु फ्लोरिडा एवं कैरिबियन पर स्थान की तलाश की जा रही है.

अभयारण्य स्थल के बारे में

•    यह पूरी तरह संरक्षित स्थल होगा जहां इन जानवरों की प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा देखभाल की जाएगी.

•    यह स्थल एक उष्णकटिबंधीय या उपोष्णकटिबंधीय स्थान पर स्थित होगा, यहां प्राकृतिक रूप से मछलियों, डॉल्फिन एवं समुद्री वनस्पति के लिए उपयुक्त स्थान होगा.

वर्षों से डॉल्फिन के व्यवहार पर हो रही रिसर्च एवं पशु अधिकार संगठनों के आह्वान पर राष्ट्रीय एक्वेरियम को अभ्यारण्य में तब्दील किया जा रहा है. पशु अधिकार संगठनों द्वारा डॉल्फिन को वर्षों तक एक ही सीमित स्थान पर रखने के पर एक्वेरियम की आलोचना की गयी.

बॉटलनोज़ डॉल्फिन

•    यह आमतौर पर समुद्र में पाई जाने वाली डॉल्फिन हैं, इनका रंग हल्का ग्रे एवं काला होता है.

•    इनकी लम्बाई 6 फीट (1.8 मीटर) से 12 फीट (3.6 मीटर) तक हो सकती है तथा इसका वजन 1400 पाउंड (635 किलोग्राम) तक हो सकता है.

चुनौतियां

•    इन आठ डॉल्फिनों में से एक, 1972 में जन्मीं नैनी, केवल इकलौती ऐसी डॉल्फिन है जो खुले समुद्र में पैदा हुई. 

•    इन डॉल्फिनों ने कभी खुले समुद्र में विचरण नहीं किया न ही वर्षा आदि का अनुभव लिया है.

•    इन डॉल्फिनों को समुद्र में जीवन व्यतीत करने के गुण सीखने होंगे. वर्तमान दौर में समुद्र में प्रदूषण, शोर, जेलीफिश एवं लाल टाइड का भी खतरा काफी बढ़ गया है.

•    उन्हें इस विशाल क्षेत्र में जीवनयापन करने का अनुभव महसूस करना होगा.

टिप्पणी

डॉल्फिनों को शेरों, हाथियों, चिम्पंज़ियों आदि की तरह संरक्षण प्रदान किये जाने से लगता है कि हमारे जीव वैज्ञानिक एवं पर्यावरणविद पहले की अपेक्षा अधिक सजग हो चुके हैं.

 

=> भारत और बंगलादेश के बीच संशोधित अंतर्देशीय जल परिवहन और व्यापार पारगमन सुविधा आरम्भ

 

भारत और बंगलादेश के आशूगंज बंदरगाह के बीच 16 जून 2016 को संशोधित अंतर्देशीय जल परिवहन और व्यापार समझौते के तहत पारगमन सुविधा शुरू हो गई.
इस समझौते पर पिछले साल जून में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ढाका यात्रा के दौरान हस्ताशक्षर किये गये.


कोलकाता से एक हजार टन इस्पात और लोहे की चादरें लेकर एक जहाज 15 जून की रात बंगलादेश में आशुगंज की नदी बंदरगाह पहुंचा. इस इस्पात को बांग्लादेश के रास्ते त्रिपुरा में भेजा जाएगा.

इसका उद्घाटन बांग्लादेश के जहाजरानी मंत्री शाहजहां खान ने आशुगंज में भारतीय उच्चायुक्त हर्षवर्धन श्रृंगला की उपस्थिति में किया.

सुविधा का उद्देश्य-

  • इसका उद्देश्य व्यापार को प्रोत्साहन देना और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए वस्तुओं की आसान आवाजाही सुनिश्चित करना है.
  • थल-जल पारगमन एवं व्यापार पर संशोधित संधि के तहत यह सुविधा शुरू की गई है.
  • दूसरी ओर हाइड्रोकार्बन सेक्टर में भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए बांग्लादेश के एक प्रतिनिधिमंडल ने पानीपत रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स का दौरा किया.

 

=> भारत-बांग्लादेश ने लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट को स्वीकृत किया

 

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 11 जून, 2016 को लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट दस्तावेजों पर दोनों राष्ट्रों की सरकारों के हस्ताक्षर हो गए. इस एग्रीमेंट को 41 वर्ष पहले आकार प्रदान किया गया.
भारतीय संसद पहले ही इस मामले में प्रस्ताव पास कर चुकी है.

लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट (एलबीए) से दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत होंगे और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी ताकतवर बनेंगी.

लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट के बारे में-

लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट (एलबीए) का संबंध कुल 17160.63 एकड़ क्षेत्रफल से है. इसमें भारत द्वारा अपने एक सौ ग्यारह गांवों को बांग्लादेश को हस्तांतरण करना है. 
बांग्लादेश भारत को इक्यावन गांव हस्तांतरित करेगा. जिनका कुल क्षेत्रफल 7110.02 एकड़ है.

  • इस समझौते से भारत और बांग्लादेश के मध्य 6.1 किलोमीटर अचिन्हित सीमा का भी सुनिश्चित तौर पर निर्धारण हो जाएगा.
  • भारत की दृष्टि से समझौते का लाभ-
  • भारत की दृष्टि से बांग्लादेश पूरब का प्रवेश द्वार है.
  • इस से बांग्लादेश के आर्थिक रिश्ते सुधारने के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण सवालों पर भी मदद मिल सकेगी.
  • उत्तर-पूर्व में राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी कॉरिडोर को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी.
  • भारत सरकार द्वारा अपने उत्तर-पूर्वी प्रांतों में तकरीबन दो लाख सैन्य तथा अर्धसैन्य बल तैनात किए हैं.