19-20 Dec 2014

रिचर्ड राहुल वर्मा ने 'भारत मेंअमेरिकी राजदूतकेरूप में शपथ ग्रहण किया

20-DEC-2014

  • भारतीय मूल के रिचर्ड राहुल वर्मा ने 'भारत में अमेरिकी राजदूत' के रूप में 20 दिसंबर 2014 को वाशिंगटन में शपथ ली. अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय में 46 वर्षीय राहुल वर्मा को उनके पद की शपथ दिलाई. वर्मा, नैंसी पॉवेल की जगह लेंगे, जिन्होंने वीजा फर्जीवाड़ा आरोपों पर भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के साथ सलूक को लेकर विवाद के बाद मार्च 2014 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
  • भारत में नवनियुक्त अमेरिकी राजदूत रिचर्ड राहुल वर्मा भारत में अमेरिकी दूत के तौर पर शपथ लेकर इस पद पर पहुंचने वाले पहले भारतीय मूल के अमेरिकी बन गए. वर्मा भारत और अमेरिका के बीच मजबूत संबंधों के हिमायती रहे हैं और उन्होंने भारत के साथ अमेरिका के असैन्य परमाणु करार पर अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी में अहम भूमिका निभाई थी.
  • अमेरिकी सीनेट ने दिसंबर 2014 के प्रथम सप्ताह में ही ध्वनिमत से राहुल वर्मा के नाम की पुष्टि कर दी थी. अमेरिकी प्रशासन में रहने के दौरान उन्होंने भारत-अमेरिकी संबंधों की जोरदार पैरवी की थी और हाल में शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक 'सेंटर फोर अमेरिकन प्रोग्रेस' में 'इंडिया 2020' परियोजना की शुरुआत की.
  • विदित हो कि नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के नेतृत्व की जिम्मेदारी कैथलीन स्टीफंस पर है. वर्मा का अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ वर्ष 2008 से ही मजबूत रिश्ता रहा है, जब ओबामा सीनेटर थे और उन्होंने राष्ट्रपति पद संबंधी तैयारियों पर काम किया था. वर्मा, वर्ष 2009 से वर्ष 2011 तक हिलेरी क्लिंटन के अंतर्गत विधायी मामलों के लिए विदेश उप मंत्री रहे थे. वर्मा को एक प्रतिभाशाली नेता और प्रबंधक के तौर पर संघीय सरकार में, निजी क्षेत्र में और गैर सरकारी संगठनों के साथ उच्च स्तरीय नीति पर कई सालों के अनुभवी काम के लिए जाना जाता है. खासकर, राजनीतिक-सैन्य संबंधों के साथ ही दक्षिण एशिया और भारत से जुड़े मामले पर उनकी पकड़ है.  वर्मा के माता-पिता वर्ष 1960 के दशक में भारत से अमेरिका चले गए थे.

वस्तु कर एवं सेवाकर को लागू करने हेतु संविधान (122 वां संशोधन) विधेयक 2014 लोकसभा में पेश

20-DEC-2014

  • केंद्र सरकार ने लोकसभा में 19 दिसंबर 2014 को वस्तु कर एवं सेवाकर से संबंधित संविधान (122वां संशोधन) विधेयक 2014 पेश कर दिया. संविधान (122वां संशोधन) विधेयक 2014 संविधान में नए अनुच्छेद 246A, 269A, अनुच्छेद 279A को शामिल करेगा और अनुच्छेद 268A को समाप्त कर देगा जो संविधान में 88 वें संविधान संशोधन अधिनियम 2003 द्वारा शामिल किया गया था.
  • यह संविधान संशोधन विधेयक संविधान की सातवीं अनुसूची में दी गयी संघ सूची से प्रविष्टि 92 और 92C और राज्य सूची से प्रविष्टि  52 और 55 समाप्त करेगा. सरकार ने यह विधेयक देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में अप्रत्यक्ष करों की एक जैसी प्रणाली को स्थापित करने के उद्देश्य से पेश किया है. इसके अलावा इस विधेयक के द्वारा अनुच्छेद 248, 249, 250, 268, 269, 270, 271, 286, 366, 368 छठी अनुसूची और संघ सूची की प्रविष्टि 84 और संविधान की सातवीं अनुसूची की राज्य सूची में प्रविष्टि 54 और 62 को संशोधित करने का भी प्रावधान है.
    वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की नयी प्रणाली से राज्यों को राजस्व का किसी प्रकार का घाटा नहीं होगा वास्तव में इससे राज्यों का राजस्व पहले से बढेगा. इसे संसद से दो तिहाई बहुमत से पास कराना होगा. कम से कम इसका 15 राज्यों की विधानसभाओं से पास होना जरूरी होगा.
  • अनुच्छेद 246A: प्रत्येक राज्य के विधानमंडल वस्तु कर एवं सेवाकर संबंधि त कानून को बना सकते हैं बशर्ते की वह कानून संसद द्वारा अनुच्छेद 246A(2) के तहत पारित किये गए किसी भी अधिनियम की अवहेलना नहीं करता हो.
  • अनुच्छेद 246A (2): केवल संसद के पास यह अधिकार होगा की वह  माल की आपूर्ति, या सेवाओं के अन्तर्राज्य व्यापार या वाणिज्य के विषय  में वस्तु कर एवं सेवाकर संबंधित कानून को बना सकती है.
  • अनुच्छेद 269A: अंतर-राज्यीय व्यापार के सन्दर्भ में  माल  की आपूर्ति और सेवाओं पर जो जीएसटी लगाया जायेगा  उसको केवल केंद्र सरकार  द्वारा ही एकत्र किया जायेगा किन्तु  जीएसटी परिषद की सिफारिश पर विधि द्वारा तय किये गए ढंग से संघ और राज्यों के बीच इसे विभाजित किया जाएगा.
  • अनुच्छेद 279A: यह विधेयक भारत के राष्ट्रपति को 122 संविधान संशोधन अधिनियम 2014 के प्रारंभ होने की साठ-दिनों के भीतर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद का गठन करने का अधिकार देता है.
  • विधेयक के मुख्य प्रावधान
  • • यह विधेयक माल और सेवाओं का समावेश और बहिष्करण पर सिफारिश करने के लिए एक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद के गठन का प्रावधान करता है
  • • यह संघ सूची और राज्य सूची के दायरे में पेट्रोलियम कच्चे तेल, हाई स्पीड डीजल, मोटर स्पिरिट, प्राकृतिक गैस,विमानन टरबाइन ईंधन और तंबाकू और तंबाकू उत्पादों को लाता है.
  • • यह अंतर राज्य व्यापार के सन्दर्भ में माल कीआपूर्ति पर एक प्रतिशत तक अतिरिक्त कर का प्रावधान करता हैऔर दो साल की अवधि के लिए संघ द्वारा उसे एकत्र करने का प्रावधान करता है एवं फिर राज्यों में उसे विभाजित किया जाएगा.
  • • संघ राज्य क्षेत्रों से प्राप्त आय को छोड़कर, माल की आपूर्ति से प्राप्त अतिरिक्त कर की शुद्ध आय, भारत की संचित निधि का हिस्सा नहीं बनेगी और जहाँ से उसे प्राप्त किया गया है उन्ही राज्यों में विभाजित कर दी जाएगी.
  • • यह जीएसटी परिषद की सिफारिश पर संसद द्वारा बनए गए कानून के अनुसार पांच साल की अवधि के लिए जीएसटी के कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न होने वाले राजस्व के नुकसान के लिए राज्यों को मुआवजा उपलब्ध कराने का प्रावधान भी करता है.
  • • GST में सभी केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर, उपकर और केन्द्रीय बिक्री कर और राज्य वैल्यू एडेड टैक्स और सेल्स टैक्स स्वतः शामिल हो जायेंगे.
  • • संविधान संशोधन विधेयक संविधान के तहत विशेष महत्व के अंतर्गत घोषित माल की अवधारणा को प्रतिपादित करता है.
  • • जीएसटीके अंतर्गत मानव उपभोग के लिए मादक शराब को छोड़कर सभी वस्तुओं और सेवाओं को शामिल किया गया है.
  • • जहाँ तक पेट्रोलियम उत्पादों का प्रश्न है,इन वस्तुओं को GST के अधीन नहीं किया जाएगा जब तक कि इस सम्बन्ध में एक तारीख/दिन की अधिसूचना जीएसटी परिषद द्वारा सिफारिश नहीं की जाती.
  • वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद के बारे में
  • 1. जीएसटी परिषद निम्नलिखित सदस्य शामिल होंगे
  • • केंद्रीय वित्त मंत्री: अध्यक्ष
  • • राजस्व या वित्त राज्य मंत्री: सदस्य
  • • वित्त कराधानराज्य मंत्री या प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा नामित कोई  अन्य मंत्री : सदस्य
  • 2. जीएसटी परिषद अपने ही सदस्यों में से किसी एक का परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में चयन कर सकती है.
  • 3.जीएसटी परिषद के कार्य
  • • राज्यों एवं केंद्र सरकार से उन करों, उपकरों, और अधिभार को जीएसटी में सम्मिलित करने के लिए सिफारिश करना जो संघ, राज्य या स्थानीय निकायों द्वारा लगाए गए हैं
  • • उन वस्तुओं और सेवाओं को जीएसटी के अधीन करने के लिए,या उन पर छूट देने के लिए सिफारिश करना.
  • • सरकार को जीएसटी कानून,सिद्धांतों,एकीकृत जीएसटी के सन्दर्भ में आपूर्ति के  मॉडल की सिफारिश करना
  • • जीएसटी की सीमा तय करना जिसके अंतर्गत वस्तुओं को इससे छूट प्रदान की जा सके.
  • • किसी भी प्राकृतिक आपदा या आपदा के दौरान अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए एक निर्धारित अवधि के लिए कोई विशेष दर या दरों की सिफारिश करना.
  • • अरूणाचल प्रदेश, असम, जम्मू-कश्मीर, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के संबंध में विशेष प्रावधानों की सिफारिश करना.
  • 4. परिषद का प्रतियेक निर्णय कम से कम तीन-चौथाई बहुमत से लिया जाएगा.
  • (A) केंद्र सरकार का मतदान में हिस्सा कुल वोटों की संख्या के एक-तिहाई के बराबरहोगा.
  • (B) सब राज्य सरकारों का मतदान में हिस्सा कुल वोटों की संख्या के दो तिहाई के बराबर  होगा.
  • 5. जीएसटी परिषद के सदस्यों की कुल संख्या का आधा इसकी बैठक को बुलाने के लिए आवश्यक होगा.
  • विश्लेषण
  • वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को 1947 के बाद से कर व्यवस्था में सबसे बड़ा सुधार बताते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इसके लागू होने पर अप्रैल, 2016 से प्रवेश शुल्क (चुंगी) सहित सभी अप्रत्यक्ष कर इसमें सम्माहित हो जाएंगे और पूरे देश में वस्तुओं व सेवाओं का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी केंद्र व राज्य, दोनों के लिए फायदे का सौदा है और राज्यों को दूसरे राज्य से आने वाली वस्तुओं के प्रवेश पर शुल्क के हटने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए दो वर्ष तक एक प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाने की छूट होगी.जीएसटी आने के बाद काफी हद तक टैक्स विवाद कम होंगे क्योंकि टैक्स का ढांचा पारदर्शी होगा और सब कुछ ऑनलाइन हो जाएगा.राज्यों को मिलने वाला वैट, मनोरंजन कर, लक्जरी टैक्स, लॉटरी टैक्स, एंट्री टैक्स, चुंगी वगैरह भी खत्म हो जाएगी.अभी जो सामान खरीदते हैं लोग उस पर 30-35 प्रतिशत टैक्स के रूप में चुकाते हैं। जीएसटी लागू होने के बाद ये टैक्स घटकर 20-25 प्रतिशत रहने की उम्मीद है.
  • जीएसटी का सबसे ज्यादा फायदा आम आदमी को होने वाला है क्योंकि तब कोई भी सामान पूरे देश में एक ही रेट पर मिलेंगी, चाहे किसी भी राज्य से खरीदें. जीएसटी के बारे में सबसे पहले मौजूदा राष्ट्रपति और तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने 2006-2007 के बजट में प्रस्ताव दिया था.माना जा रहा है कि जीएसटी के लागू होने के बाद देश की ग्रोथ रेट में तुरंत एक से डेढ़ फीसदी का इजाफा हो जाएगा. किन्तु जीएसटी को लेकर कुछ शंकाएभी हैंकि जीएसटी का सिस्टम पूरी तरह तैयार नहीं है इसलिए टैक्स स्लैब क्या होगा और नुकसान हुआ तो उसकी भरपाई कौन करेगा.साथ ही कई राज्यों को जो छूट मिली है टैक्स वसूलने वह खत्म हो जाएग. टैक्स बढ़ाने या घटाने का फैसला कौन करेगा इसपर भी चिंता है. राज्यों को मिली मनमर्जी से टैक्स वसूलने की छूट खत्म हो जाएगी.राज्यों की मांग है कि सरकार इस मुद्दे का कोई हल निकाले, या फिर उन्हें भारी-भरकम मुआवजा दे.

पहले चरण में रद्द किए गए 92 कोयला खदानों की ई-नीलामी के लिए मसौदा नियम अधिसूचित

20-DEC-2014

  • केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने पहले चरण में रद्द किए गए 92 कोयला खदानों की ई– नीलामी के लिए मसौदा नियम 17 दिसंबर 2014 को अधिसूचित किया. इसके लिए सरकार ने कैप्टिव पावर, स्टील, स्पॉन्ज आयरन और सीमेंट जैसे क्षेत्रों के लिए प्रति टन 150 रुपयों की फ्लोर प्राइस तय की है.
  • यह मसौदा अधिसूचना कोयला खदान (विशेष प्रावधान) अध्यादेश 2014 के अनुसार जारी किया गया था जिसमें मनोनीत प्राधिकरणों को निविदा दस्तावेज बनाना था. तदनुसार, केंद्र सरकार सार्वजनिक परामर्श के लिए अप्रोच पेपर तैयार किया और हितधारकों से 22 दिसंबर 2014 तक उसपर टिप्पणी मांगी है. 
    मसौदा अधिसूचना के अनुसार
    • ई– नीलामी फॉर्वर्ड/ रिवर्स आधार पर आयोजित की जा सकती है, जो कि एंड–यूज उद्योग पर निर्भर होगा. 
    • फॉर्वर्ड बिडिंग आयरन और स्टील के उत्पादन, कैप्टिव प्रयोग के लिए बिजली उत्पादन और सीमेंट के उत्पादन हेतु किया जाएगा जबकि रिवर्स बिडिंग का प्रयोग बिजली उत्पादन के लिए होगा. 
    • इच्छुक कंपनियों से इन क्षेत्रों के लिए आवेदन पूर्व योग्यता के लिए मांगी जाएगी और प्री– क्वालिफायड बीडर्स में से सिर्फ 50 फीसदी को ही अपनी बोली प्रस्तुत करने की अनुमति दी जाएगी. 
    • प्रस्तावित सांकेतिक मूल्य प्रति टन उत्पादित कोयले की बोली मूल्य होगी. फॉर्वार्ड बिडिंग के मामले में ऐसी बोली मूल्य फ्लोर प्राइस से अधिक और रिवर्स बीडिंग के मामले में उच्चतम मूल्य से कम हो सकती है. 
    • कोयला ब्लॉक की आंतरिक मूल्य की गणना उसके शुद्ध वर्तमान मूल्य की गणना द्वारा की जाएगी, जो कि डिस्काउंटेड कैश फ्लो मेथड पर आधारित होगा. आंतरिक मूल्य का दस फीसदी अग्रिम में देना होगा. 
    • विद्युत परियोजनाओं के लिए नीलाम किए जाने वाले कोयला खदानों की उच्चतम मूल्य फिक्सिंग पर – लगात के साथ विद्युत खरीद समझौते, प्रचलित सीआईएल के उच्चतम मूल्य जो कि प्रत्येक कोयला खदान के लिए अधिसूचित है को फिक्स किया जाएगा और बोली लगाने वाले को इस उच्चतम मूल्य से कम कोट करना अनिवार्य होगा. 
    • कोयला के लिए प्रति टन 100 रुपये की निश्चित रिवर्स मूल्य खान आवंटी द्वारा वास्तविक उत्पादन के अनुसार, देय होगा. 
    • अ–अनुबंधित क्षमता वाले बिजली संयंत्रों के लिए, बोलीकर्ता अपने कैप को आवंटित कोयला खदान से जुड़ी स्थापित विद्युत क्षमता के व्यापारी क्षमता के 20 फीसदी तक सीमित कर सकेगा. 

    यह मसौदा अधिसूचना सितंबर 2014 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किए गए 2014 कोयला ब्लॉक की नीलामी और आवंटन का मार्ग प्रशस्त करेगा.

लोकसभा ने मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2014 पारित किया

20-DEC-2014

  • ई-रिक्शा को मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के दायरे में लाकर उसे वैध बनाने के लिए मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2014 लोक सभा में 18 दिसंबर 2014 को पारित किया गया.
  • यह विधेयक लोक सभा में 15 दिसंबर 2014 को पेश किया गया था. इसमें मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में संशोधन की मांग की गई थी.
    विधेयक के प्रावधान
    अधिनियम के तहत, मोटर वाहन या वाहन की परिभाषा है– सड़कों पर उपयोग के लिए अनुकूलित कोई भी यांत्रिक रूप से चालित वाहन. 
    अधिनियम में ये शामिल नहीं हैं:
    क) तय रेल पर चल रहा वाहन या
    ख) विशेष प्रकार का वहान जिसे सिर्फ फैक्ट्री या किसी अन्य संलग्न परिसर में प्रयोग के लिए रखा गया है या 
    ग) 25 सीसी तक की इंजन क्षमता में चार से कम पहियों वाला वाहन. 
    यह विधेयक ई–कार्ट्स और ई–रिक्शा को मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के दायरे में लाता है. ई– कार्ट्स और ई– रिक्शा विशेष उद्देश्य वाला बैट्री चालित वाहन है जिसमें तीन पहिए और 4000 वाट तक की शक्ति होती है.
    इस अधिनियम के तहत, एक व्यक्ति को सार्वजनिक सेवा वाहन, माल गाड़ी, शिक्षण संस्थानों की बसें या निजी सेवा वाहन चलाने के लिए लर्नर्स लाइसेंस सिर्फ तभी जारी किया जाएगा जब उसके पास कम से कम एक वर्ष से हल्के मोटर वाहन चलाने का ड्राइविंग लाइसेंस हो. 
    • विधेयक में ई-कार्ट या ई–रिक्शा के लिए चालक लाइसेंस जारी करने की शर्तों का निर्धारण किया जाएगा. 
    • विधेयक ने केंद्र सरकार को ई–कार्ट्स एवं ई–रिक्शा की विशिष्टताओं एवं इसके लिए ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के तरीके एवं शर्तों पर नियम बनाने की शक्ति भी प्रदान करता है.

पूंजी बाजार नियामक ‘सेबी’ ने काले धन के संदेह में 260 कंपनियों पर पाबंदी लगाई

20-DEC-2014

  • भारत की पूंजी बाजार नियामक संस्था ‘सेबी’ ने कर चोरी और मनी लांडिंग के संदेह में अब तक की सबसे कठोर कार्रवाई करते हुए 19 दिसंबर 2014 को 260 कंपनियों पर शेयर बाजार में खरीद-फरोख्त करने से रोक लगा दी. दो अलग-अलग अंतरिम आदेशों के जरिये भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा कि इन 260 फर्मो को अगले निर्देश आने तक तत्काल प्रभाव से शेयर बाजार में कारोबार करने से रोका जाए.
  • सेबी की तरफ से स्टॉक एक्सचेंजों और डिपॉजिटरियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि सभी निर्देशों का सख्ती से पालन हो. नियामक ने 152 फर्मों पर एक ही मामले में कार्रवाई की.
    प्रतिबंधधित कंपनियों के मामलों में सेबी आगे और जांच करेगा. उसने आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), वित्तीय खुफिया इकाई समेत अन्य जांच एजेंसियों के साथ भी इन मामलों को साझा करने का फैसला किया है, ताकि अपने-अपने स्तर पर वे आवश्यक कार्रवाई कर सकें.
    संबंधित मुद्दा
    यह मामला फर्स्ट फाइनेंशियल सर्विस नाम की फर्म से संबंधित है. दूसरा मामला रैडफोर्ड ग्लोबल लिमिटेड से जुड़ा है, जिसमें 108 कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. सेबी ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब सरकार ने काले धन पर अंकुश लगाने के लिए अपनी मुहिम को तेज कर दिया है. हाल ही में बाजार नियामक ने भी ऐसी कंपनियों पर अपनी निगरानी बढ़ा दी है जो महज कर चोरी या मनी लांडिंग की गतिविधियों के मकसद से ही बनाई जाती हैं. पहले मामले में करीब दो साल तक शेयर बाजार में संदिग्ध सौदे हुए. ये 31 मार्च  2014 तक चले. जबकि दूसरे मामले में यह अवधि एक वर्ष से कुछ ऊपर रही. इसकी शुरुआत जनवरी 2013 में हुई थी. फर्स्ट फाइनेंशियल के मामले में प्रतिबंधित फर्मो में खुद यह कंपनी, इसके सात प्रमोटर व डायरेक्टर, 80 तरजीही आवंटियों और समूह की 57 फर्मे शामिल हैं. रैडफोर्ड के मामले में सेबी ने इस कंपनी, चार डायरेक्टरों, एक प्रमोटर कंपनी, ग्रुप फर्म के दो डायरेक्टरों, 49 तरजीही आवंटियों, रैडफोर्ड समूह की 39 कंपनियों, पांच संदेहास्पद फर्मो और सात अन्य पर रोक लगाई.
  • विदित हो कि सेबी के आदेश में प्रतिबंधित कंपनियों के काम करने के तरीके का भी जिक्र किया गया है. ये दीर्घकालिक पूंजी लाभ कर की चोरी में संलिप्त थीं. शेयर बाजारों के जरिये ये अपने आय के स्रोत को जायज दिखाती थीं. इनके खिलाफ कारोबार में अनियमितता और बाजार का दुरुपयोग करने के सुबूत मिले.

कैलाश सत्यार्थी और मलाला युसुफजई को शांति का प्रतीक मानने हेतु प्रस्ताव अमेरिकी सिनेट में पारित

20-DEC-2014

  • अमेरिकी सिनेट ने 16 दिसंबर 2014 को ध्वनिमत से एक प्रस्ताव पारित कर कैलाश सत्यार्थी और मलाला युसुफजई को शांति का प्रतीक माना. सत्यार्थी और मलाला वर्ष 2014 के नोबेल शांति पुरस्कार के संयुक्त विजेता हैं.
  • प्रस्ताव ने उन्हें शांति का प्रतीक के तौर पर मान्यता प्रदान की और बच्चों के वित्तीय शोषण को समाप्त करने एवं सभी बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकार की वकालत की. इन्हें बच्चों की गुलामी और सभी बच्चों के लिए आधुनिक शिक्षा के लिए किए गए अपने प्रयासों की वजह से मान्यता प्रदान की गई है.
    प्रस्ताव में दुनिया के उन सभी लोगों की प्रशंसा की गई है जो बच्चों की गुलामी को खत्म करने और सभी बच्चों के लिए आधुनिक शिक्षा मुहैया कराने की दिशा में काम कर रहे हैं. प्रस्ताव में बच्चों के वित्तीय शोषण को खत्म करने और सभी बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने की चुनौतियों को भी स्वीकारा गया. 
    प्रस्ताव निवर्तमान सिनेटर टॉम हारकिन ने 11 दिसंबर 2014 को पेश किया और यह अमेरिकी सिनेट के 113वीं कांग्रेस का आखिरी पारित आइटम था.

लेंस मुक्त एक चिप वाला माइक्रोस्कोप विकसित किया गया

20-DEC-2014

  • शोधकर्ताओं ने लेंस मुक्त एकचिप वाला माइक्रोस्कोप विकसित किया है जिसका प्रयोग पैथलॉजी नमूनों के व्यापक क्षेत्र कंप्यूटेशनल इमेजिंग में किया जा सकता है. यह अध्ययन 17 दिसंबर 2014 को साइंस ट्रांस्लेशनल मेडिसीन नाम के जरनल में प्रकाशित हुआ था.
  • यह अध्ययन यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग एवं बायो इंजीनियरिंग के प्रोफेसर आयडोगन ओजकन वाली शोधकर्ताओं के दल ने किया था.
  • लेंस मुक्त एक चिप वाला माइक्रोस्कोप कम लागत वाला और कैंसर की उपस्थिति का पता लगाने के लिए ऊतक, रक्त और अन्य जैव चिकित्सा नमूनों की आम परीक्षाओं को करने वाला अधिक पोर्टेबल तकनीक साबित हो सकता है.
  • यह तरीका सूदूर इलाकों और जहां बड़ी संख्या में नमूनों की जांच जल्द करने की जरूरत हो, वहां, के लिए लाभकारी हो सकता है.
  • लेंस मुक्त एक चिप वाला माइक्रोस्कोप
  • • लेंस मुक्त एक–चिप वाला माइक्रोस्कोप का प्रयोग बीमारी का अध्ययन करने के लिए हाइ–थ्रूपुट 3D ऊतक छवि बनाने में किया जा सकता है.
  • • यह उपकरण स्लाइड पर रखे और उपकरण में डाले गए ऊतक या खून के नमूने की जांच के लिए एक लेजर या प्रकाश– उत्सर्जक डायोड का प्रयोग करता है.
  • • माइक्रोचिप का संवेदक सरणी (सेंसर ऐरे) नमूना द्वारा बनाई गई छवि को कैप्चर एवं रिकॉर्ड करती है.
  • • माइक्रोस्कोप द्वारा उत्पादित व्यापक क्षेत्र लेंस मुक्त छवियों में नैदानिक मूल्यांकन के लिए पर्याप्त छवि रेजलूशन होता है.
  • अध्ययन प्रक्रिया
  • टीम ने उपकरण का परीक्षण पापानीकोलाउ स्मीयरों, मानव स्तन खंड जिसने गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का संकेत दिया, कैंसर स्तन कोशिकाओं से युक्त ऊतक नमूनों और सिकल सेल एनीमिया युक्त रक्त के नमूनों पर किया.
  • लेंस मुक्त उपकरण ने ऐसी छवियां प्रस्तुत कि जो परंपरागत ब्राइट– फिल्ड ऑपटिकल माइक्रोस्कोप द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली छवियों की तुलना में कई हजार गुणा बड़ी थीं.
  • पृष्ठभूमि
  • पैथोलोजी नमूनों में माइक्रोस्केल सुविधाओं की ऑप्टिकल परीक्षा रोग का निदान करने के लिए प्रमुख मानकों में से एक है. हालांकि, परंपरागत लाइट माइक्रोस्कोप का प्रयोग उसकी उच्च लागत, लेंस आधारित ऑप्टिक्स की स्थूलता, देखने का छोटा क्षेत्र (एफओवी) और पार्श्व स्कैनिंग एवं 3D फोकस समायोजन की जरूरतों की वजह से आंशिक रूप से सिमित हो गया है.

26/11 के मुंबई आतंकी हमले के मुख्य आरोपी जकी-उर-रहमान लखवी को जमानत

20-DEC-2014

  • 26/11 के मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड, जकी– उर– रहमान लखवी पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी न्यायालय (एटीसी) द्वारा 18 दिसंबर 2014 को जमानत दिए जाने के बाद सुर्खियों में रहा. उसे दस लाख रुपयों (10000 डॉलर) की जमानत राशि पर जमानत दी गई थी.
  • लश्कर– ए– तयैबा (एलईटी) का मुख्य ऑपरेशन कमांडर लखवी 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने के आरोपी सात लोगों में से एक था. इस आतंकी हमले में 160 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. भारत की आर्थिक राजधानी में आतंकी हमले को अंजाम देने की योजना बनाने, वित्त मुहैया कराने और अंजाम देने वाले छह अन्य आरोपी हैं– अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और अंजुम. 
    लखवी को एक मात्र जिंदा बचे गनमैन द्वारा मास्टरमाइंड के तौर पर पहचाने जाने के बाद 2009 में उसे पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था. उसे देश की राजधानी इस्लामाबाद के करीबी शहर रावलपिंडी में पाकिस्तान के सर्वोच्च सुरक्षित जेल अदीला में रखा गया था. 
    उस पर 2006 में मुंबई में हुए ट्रेन बम धमाकों का भी आरोप है. इसमें 200 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 700 लोग घायल हो गए थे. 
    अदालत का यह फैसला  पाकिस्तान में हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकवादी हमले के दो दिन बाद आया है. यह हमला पेशावर के आर्मी द्वारा संचालित एक स्कूल में हुआ था जिसमें 132 छात्रों समेत कम–से–कम 141 बच्चों की जान चली गई.
    अदालत के फैसले पर भारत की प्रतिक्रिया 
    भारत ने फैसला की निंदा की है और पाकिस्तान से कहा है कि वह जकीर– उर– रहमान लखवी को जमानत दिए जाने के अपने फैसले को तुरंत बदले. भारत ने कहा कि लखवी को जमानत दिया जाना भारत को मंजूर नहीं और यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

सुंदरवन तेल रिसाव को साफ करने के लिए अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का एक दल भेजा

20-DEC-2014

  • अमेरिका ने सुंदरवन तेल रिसाव को साफ करने में बांग्लादेश की मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का एक दल 18 दिसंबर 2014 को भेजा. संयुक्त राज्य आपदा आकलन एवं समन्वय (यूएनडीएसी) का यह दल बांग्लादेश सरकार के अनुरोध पर भेजा गया.
  • संयुक्त राष्ट्र का यह दल बांग्लादेश सरकार को जमीनी कार्य में मदद करेगा और स्थिति का आकलन कर रिकवरी और जोखिम को कम करने के उपायों पर सलाह भी देगा. इस दल में ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, फ्रांस और अमेरिका के विशेषज्ञ हैं.
    इसके अलावा, अमेरिका ने ढाका को कहा है कि वह सुंदरबन से किसी भी वाणिज्यिक पोत के आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करे. 
    दुनिया का सबसे बड़ा सदाबहार वन, सुंदरवन में 9 दिसंबर 2014 को बांग्लादेश में शेला नदी के निकट 35000 लीटर फर्नेस तेल ले जा रहे तेल– टैंकर का एक दूसरे जहाज से टकराने के बाद बहुत अधिक तेल फैल गया था. 
    तेल का रिसाव नाजुक संरक्षित सदाबहार वन क्षेत्र के अब तक 350 वर्ग किलोमीटर में फैल गया है. यह इलाका दुर्लभ इरावदी और गंगा डॉल्फिन एवं विलुप्तप्राय रॉयल बंगाल टाइगर्स का घर है. 
    एक अध्ययन जिसमें पाया गया कि वह इलाका 6000 डॉल्फिनों का घर है, के बाद, 2011 में वहां डॉल्फिनों के तीन अभयारण्य बनाए गए. यह हादसा उन्ही तीन अभयारण्यों में से एक में हुआ था. 
    सुंदरबन 10000 वर्ग किलोमीटर से भी अधिक इलाके में फैला है और यह यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल है. इस डेल्टा में बांग्लादेश और भारत की नदियों और नहरों का नेटवर्क है.

केपलर अंतरिक्ष यान ने पृथ्वी से 180 प्रकाश वर्ष दूर एक सुपरअर्थ ‘एचआइपी 11645-बी’ की खोज की

20-DEC-2014

  • अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के ‘केपलर’ अंतरिक्ष यान ने पृथ्वी से 180 प्रकाश वर्ष दूर एक सुपरअर्थ ‘एचआइपी 11645-बी’ की खोज की. नासा द्वारा इसकी घोषणा दिसंबर 2014 के तीसरे सप्ताह में की गई.
  • ‘एचआइपी 11645-बी’ नाम के इस ग्रह का व्यास पृथ्वी का ढाई गुना है और यह हमारे सूर्य जैसे ही एक तारे का चक्कर काटता है. इस सुपरअर्थ की खोज कैंब्रिज के हारवर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के स्नातक छात्र एंड्रयू वांडेरबर्ग ने केपलर द्वारा फरवरी 2014 में ‘के-2’ मिशन के दौरान इकट्ठा किए गए आंकड़ों से की. इस खोज की पुष्टि केनरी द्वीप में स्थापित हार्पस -नार्थ स्पेक्ट्रोग्राफ ऑफ द टेलेस्कोपियो नाजीओ नाले गैलिलियो द्वारा भी की गई. हार्पस के अनुसार, एचआइपी 11645-बी का वजन पृथ्वी से करीब 12 गुना है, जो इसे सुपरअर्थ बनाता है. इस शोध को ‘द एस्ट्रोफिजिकल’ जर्नल में प्रकाशित किया जाएगा.
  • विदित हो कि, हमारे सौर मंडल में कोई भी सुपरअर्थ नहीं है. इस सुपरअर्थ की खोज ऐसे समय हुई है जब खगोलविद और इंजीनियर केपलर को दूसरे मिशन के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.

भारत ने पहली बार एक जापानी कंपनी के साथ द्विपक्षीय मूल्य निर्धारण समझौते पर हस्ताक्षर किये

20-DEC-2014

  • भारत सरकार के केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 19 दिसंबर 2014 को एक जापानी कंपनी के साथ द्विपक्षीय मूल्य निर्धारण समझौते (एपीए) पर हस्ताक्षर किये. यह एपीए पांच वर्ष की अवधि के लिए हस्ताक्षरित किया गया. इस एपीए को तकरीबन डेढ़ वर्ष की अवधि में अन्तिम रूप दिया गया, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एपीए को अन्तिम रूप देने में सामान्य रूप से लगने वाली अवधि के मुकाबले कम है.
  • विदित हो कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों (एमएनसी) से जुड़े ट्रांसफर प्राइसिंग मामलों में निश्चितता एवं एकरूपता लाने और मुकदमेबाजी में कमी लाने के लिए एपीए योजना शुरू की गई. एपीए से देश में निवेश माहौल सुधरेगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जापान यात्रा के बाद जापान और भारत के बीच बढ़ते आर्थिक रिश्तों के मद्देनज़र इस एपीए से भारत में जापानी निवेशकों के सकारात्मक रुख की आशा है.
  • केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से संबंधित मुख्य तथ्य 
    केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), प्रत्यक्ष कर से संबंधित केंद्रीय वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग का एक हिस्सा है. भारत में प्रत्यक्ष कर से संबंधित सभी मामले 1 जनवरी 1964 से केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को सौंप दिए गए और इसे राजस्व बोर्ड अधिनियम 1963 से अधिकार प्राप्त है. एक ओर सीबीडीटी भारत में प्रत्यक्ष कर की नीतियों और योजनाओं के लिए आवश्यक निविष्टियां प्रदान करता है, वहीं दूसरी ओर यह आयकर विभाग के माध्यम से प्रत्यक्ष कर कानूनों के प्रशासन के लिए भी जिम्मेदार है.
  • अध्यक्ष, जो भारत सरकार के पदेन विशेष सचिव होते हैं, सीबीडीटी का प्रमुख होता है. इसके अलावा, सीबीडीटी के छह सदस्य होते हैं, जो भारत सरकार के पदेन अपर सचिव होते हैं. सीबीडीटी के अध्यक्ष और सदस्यों का चयन भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारियों के बीच से की जाती है.

साहित्य अकादमी पुरस्कार-2014 की घोषणा

20-DEC-2014

  • साहित्य अकादमी ने वर्ष 2014 हेतु 22 भाषाओं में अपने वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कारों की घोषणा 19 दिसंबर 2014 को की. इसकी घोषणा अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने की. सभी 22 भाषाओं के वार्षिक अकादमी पुरुस्कार 9 मार्च 2015 को नई दिल्ली में आयोजित विशेष कार्यक्रम में दिए जाने हैं.
  • इस वर्ष आठ कविता संग्रह, पांच उपन्यास, तीन निबंध संग्रह, तीन कहानी संग्रह तथा एक नाटक, एक आत्मकथा एवं एक समालोचना की पुस्तक के लिए यह पुरस्कार दिए जाएंगें.
    साहित्य अकादमी पुरस्कार-2014 हेतु हिंदी के कथाकार और कवि डॉ़ रमेश चंद्र शाह के उपन्यास 'विनायक' को, अंग्रेजी में आदिल जस्सावाला की कविता संग्रह 'ट्राइंग टु से गुडबाय' को डोगरी उपन्यासकार शैलेंद्र सिंह के उपन्यास 'हाशिए पर' को, कश्मीरी साहित्यकार प्रो. शाद रमजान के कश्मीरी कविता संग्रह 'कोरक काकुत' को पद्म विभूषण से सम्मानित जयंत विष्णु नार्लीकर की मराठी में उनकी आत्मकथा ‘चार नगरातले माझे वि’ को तथा शायर मुनव्वर राणा की शायरी ‘शाहदाबा’ को चुना गया.
    साहित्य अकादमी का वार्षिक पुरस्कार 24 भाषाओं में दिया जाता है. शेष दो भाषाओं, मणिपुरी एवं संस्कृत के लिए अकादमी पुरस्कारों की घोषणा बाद में की जानी है. साहित्य अकादमी पुरस्कार के रूप में एक उत्कीर्ण ताम्रफलक, शाल एवं एक लाख रुपये की राशि दी जाती है.

इतावली फिल्म अभिनेत्री विरना लिसि का निधन

20-DEC-2014

  • प्रख्यात इतावली अभिनेत्री विरना लिसि का 18 दिसंबर 2014 को निधन हो गया. वे 78 वर्ष की थीं. फ्रैंक सिनात्रा जैसे स्टार के साथ काम करने के लिए 1960 के दशक में ख्याति प्राप्त करने वाली लिसि ने हॉलिवुड में सफल करिअर बनाया.
  • विरनालिसापेरालिसि
  • उनका जन्म 8 नवंबर 1936 को अडराटिक कोस्ट के करीब एनकोना में हुआ था.
  • उन्होंने 1994 के फ्रेंच ऐतिहासिक महाकाव्य ला रेनी मार्गट के लिए कान में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता था.
  • उन्होंने कई पुरस्कार जीते. इनमें शामिल है–  डेविड डी डोनाटेल्लो (इतावली सिनेमा अकादमी द्वारा प्रदत्त), नासत्रो डी अर्जेंटो ( इसे सिल्वर रिबन भी कहा जाता है– यह इटालियन नेशनल सिंडेकट ऑफ फिल्म जर्नलिस्ट्स द्वारा दिया जाता है) और सीजर अवार्ड ( फ्रांस का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार).
  • उन्होंने ला कोर्डा डी एक्किएओ ( द लाइन ऑफ स्टील, 1953) से इतावली सिनेमा जगत में कदम रखा और फिर ई नापोली कान्टा (नापोली सिंग्स, 1953) और सफल क्वेस्टा ई ला वीटा (1954, लोकप्रिय टोटो के साथ) जैसी कई फिल्में की.
  • हॉलीवुड में उन्होंने हाउ टू मर्डर योर वाइफ (1965) के साथ कदम रखा और उनकी अन्य हॉलीवुड फिल्में रहीं–  नॉट विद माई वाइफ, यू डॉन्ट (1966), असॉल्ट ऑन ए क्वीन (1966),  द सीक्रेट ऑफ सैंटा विटोरिया, द 25थ आवर.
  • साल 2004 में उन्हें उनकी सिनेमा की उपलब्धियों के लिए प्रतिष्ठित इतावली गोल्डन ग्लोब अवार्ड से सम्मानित किया गया था.

वयोवृद्ध तेलुगु खेल पत्रकार माद्देनेनी बाबू राव का निधन

20-DEC-2014

  • वरिष्ठ तेलुगु खेल पत्रकार माद्देनेनी बाबू राव का 17 दिसंबर 2014 को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में हृदय की समस्या के कारण निधन हो गया. वे 74 वर्ष के थे.
  • माद्देनेनी बाबू राव
  • गन्नावरम, आंध्र प्रदेश में 1941 में जन्में बाबू राव कालुवापामूला, जगियापेटा, मयलावरम, पेनामालुरु, गुनटूपल्ली के जिला परिषद उच्च विद्यालय में शारीरिक शिक्षा के शिक्षक के तौर पर काम किया.
  • बतौर शारीरिक शिक्षा शिक्षक सेवानिवृत्ति के बाद राव ने एनाडु, वार्ता और आंध्र ज्योति जैसे कुछ तेलुगु अखबारों में खेल की खबरें लिखीं. उन्होंने कई राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं को भी कवर किया.
  • वे कृष्णा जिले के पहले तेलुगु खेल पत्रकार थे और सभी खेलों पर उनकी पकड़ थी.

 

कर्मचारीभविष्यनिधिसंगठननेपीएफकीब्याजदरोंमें 0.25 प्रतिशतकीबढ़ोतरीकीघोषणाकी

19-DEC-2014

  • कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने अंशधारकों को मौजूदा वित्त वर्ष (2014-15) के लिए अपनी जमाओं (पीएफ) पर 0.25 प्रतिशत ब्याज बढ़ोतरी की घोषणा 19 दिसंबर 2014 को की. ईपीएफओ की इस घोषणा के अनुसार, पीएफ खातों पर अब 8.50 के स्थान पर 8.75 प्रतिशत ब्याज मिलेगा.
  • विदित हो कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के प्रक्रिया के तहत ईपीएफओ न्यासी बोर्ड के फैसले का कार्यान्वयन केंद्रीय वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद होता है. वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद इस फैसले को केंद्रीय श्रम मंत्रालय व आयकर विभाग अधिसूचित करता है.

'फोर्ब्स' की व्यापार के लिए सर्वश्रेष्ठ देशों की वार्षिक सूची में भारत 93वें स्थान पर

19-DEC-2014

  • अमेरिका से प्रकाशित पत्रिका ‘फोर्ब्स’ की व्यापार के लिए सर्वश्रेष्ठ कुल 146 देशों की वार्षिक सूची में भारत 93वें स्थान पर रहा. फोर्ब्स ने यह सूची दिसंबर 2014 के तीसरे सप्ताह में न्यूयार्क में जारी किया. इस सूची में मेक्सिको, कजाखिस्तान और श्रीलंका जैसे देश भी भारत से आगे हैं. फोर्ब्स  ने भारत के इस स्थान के लिए गरीबी व भ्रष्टाचार जैसी चुनौतियों को जिम्मेवार बताया.
  • फोर्ब्स ने कहा कि वर्ष 2013 में भारत की वृद्धि दर दशक भर के निचले स्तर पर चली गई और उसके आर्थिक नेता देश की बढ़ते राजकोषीय व चालू खाते के घाटे पर अंकुश के लिए संघर्ष करते रहे. फोर्ब्स  के मुताबिक भारत में बढ़ते वृहद आर्थिक असंतुलन तथा पश्चिमी देशों में आर्थिक स्थिति में सुधार की वजह से निवेशकों ने भारत से पूंजी निकाली, इससे रुपये में भारी गिरावट आई. हालांकि वर्ष 2014 की शुरुआत में भारत को लेकर निवेशकों की धारणा में सुधार हुआ.
  • फोर्ब्स की नौवीं वार्षिक सूची (2014) में डेनमार्क पहले स्थान पर है. उसके बाद हांगकांग, न्यूजीलैंड, आयरलैंड व स्वीडन का स्थान है. व्यापार के माहौल के मामले में अमेरिका कई विकसित राष्ट्रों से पीछे 18वें स्थान पर है. पिछले वर्ष की तुलना में अमेरिका चार पायदान नीचे खिसका कर 18वें स्थान पर पहुंचा. वर्ष 2009 से यह लगातार पांचवां वर्ष है जब अमेरिका सूची में नीचे खिसका है.
  • विदित हो कि फोर्ब्स ने सर्वश्रेष्ठ देशों की सूची की ग्रेडिंग 11 विभिन्न कारकों, संपत्ति का अधिकार, नवप्रवर्तन, कर, प्रौद्योगिकी, भ्रष्टाचार, आजादी (निजी, व्यापार और मौद्रिक), लालफीताशाही, निवेशकों का संरक्षण और शेयर बाजार के प्रदर्शन के आधार पर तैयार किया.

टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविक और सेरेना विलियम्स वर्ष 2014 के आइटीएफ वार्षिक पुरस्कार से सम्मानित

19-DEC-2014

  • विश्व नंबर एक टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविक (पुरुष) और सेरेना विलियम्स (महिला) को वर्ष 2014 के अंतरराष्ट्रीय टेनिस संघ (आइटीएफ) के वार्षिक पुरस्कार से 18 दिसंबर 2014 को लंदन में सम्मानित किया गया. इन दोनों को अपनी अपनी श्रेणी में विश्व चैंपियन के ख़िताब से सम्मानित किया गया. अमेरिकी के ब्रायन बंधु बॉब और माइक को आइटीएफ युगल (डबल्स) चैंपियन, जबकि सारा ईरानी और रॉबर्टा विंसी को महिला युगल (डबल्स) चैंपियन चुना गया.
  • विदित हो कि आइटीएफ का यह वार्षिक पुरस्कार नियमित टूर और ग्रैंडस्लैम में प्रदर्शन के आधार पर दिया जाता है. विंबलडन चैंपियन जोकोविक ने चौथी बार इस पुरस्कार पर कक्जा जमाया, जबकि यूएस ओपन चैंपियन सेरेना ने पांचवीं बार इसे जीता.

टीबी एवं हृदय रोग से एक वर्ष के दौरान भारत में चार लाख युवाओं की मृत्यु: लैंसेट रिपोर्ट

19-DEC-2014

  • अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रकाशन लैंसेट द्वारा 18 दिसंबर 2014 को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, टीबी एवं हृदय रोग से एक वर्ष (वर्ष 2014) के दौरान भारत में चार लाख युवाओं की मृत्यु हुई. इसमें 15 से 49 वर्ष के लोगों को शामिल किया गया.
  • अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रकाशन लैंसेट द्वारा जारी इस रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में बीमारियों और उनसे होने वाली मौतों के आकलन के लिए वाशिंगटन विश्वविद्यालय के संयोजन में हुए अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में यह बात सामने आई. इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि, बीते वर्ष सभी आयु वर्ग में मृत्यु के कारणों में हृदय रोग, फेफड़े संबंधी रोग और लकवा सबसे ऊपर रहे. ये तीनों ही 30 फीसदी मौतों का कारण बने. सिर्फ हृदय रोग से 15.86 लाख लोगों की मौत हुई. इसी तरह 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में हृदय रोग सबसे बड़ा हत्यारा साबित हुआ. बच्चों में मौत का सबसे बड़ा कारण दिमागी संक्रमण (एंसेफेलोपैथी) रहा. इसकी वजह से पांच साल तक के 2.12 लाख बच्चों की जान गई. हालांकि इस रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 1990 के दशक की शुरुआत में सबसे बड़ा खतरा रहे निमोनिया का असर अब कम हुआ है. तब के मुकाबले इससे होने वाली मौतें अब आधी रह गई हैं.
  • इस अध्ययन के अनुसार, भारत में पुरुषों और महिलाओं दोनों की ही औसत आयु में सुधार हुआ है. पुरुषों की औसत आयु बढ़ कर 64.2 वर्ष और महिलाओं की 68.5 वर्ष हो गई है. वर्ष 1990 के मुकाबले यह 8.6 वर्ष ज्यादा है. इस लिहाज से भारत का प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय औसत से भी बेहतर है. औसत आयु में बढ़ोतरी के लिहाज से भारत दुनिया के शीर्ष 25 देशों में शामिल रहा.

इंपेज इंस्टेंट मनी ट्रांस्फर सर्विस को भारतीय रिजर्व बैंक की मंजूरी मिली

19-DEC-2014

  • बहु बैंक भुगतान प्रणाली प्रदाता कंपनी इंपेज (Empays) ने 17 दिसंबर 2014 को घोषणा की कि उसके इंस्टेंट मनी ट्रांस्फर (आईएमटी) सर्विस को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से प्रमाणीकरण प्राप्त हो गया है. 
    कंपनी को आईएमटी भुगतान प्रणाली प्रमाणपत्र का अधिकार–पत्र (आईएमटी पेमेंट सिस्टम सर्टिफिकेट ऑफ ऑथराइजेशन) पेमेंट्स एंड सेटेलमेंट एक्ट 2007 के तहत दिया गया.
  • इंपेज को जारी किए गए प्रमाणपत्र के बाद उसका आईएमटी भुगतान प्रणाली आरबीआई के तहत सदस्य बैंकों के बीच क्लीयरिंग एवं सेटेलमेंट व्यवस्था तक सीधे पहुंच बना सकेगी एवं बैंकों के बीच काम कर सकेगी. 
    आईएमटी भुगतान प्रणाली (पेमेंट सिस्टम) 
    आईएमटी भुगतान प्रणाली एक बहु बैंक मोबाइल ट्रांस्फर सॉल्यूशन है और यह बैंक की पहुंच से दूर लोगों के लिए मोबाइल फोन एवं एटीएम को जोड़ने का काम करता है जिससे यह भारत में पैसे के हस्तांतरण, भुगतान और वित्तीय समावेश के क्षेत्र में अद्वितीय मील का पत्थर साबित हो रहा है.
    पेमेंट एंड सेटेलमेंट एक्ट, 2007 (पीएसएस एक्ट, 2007) 
    पीएसएस एक्ट, 2007 जो 12 अगस्त 2008 से अस्तित्व में आया है, भारत में भुगतान प्रणालियों के विनियमन एवं निगरानी की सुविधा प्रदान करता है और आरबीआई को इसके एवं अन्य संबंधित मामलों के लिए अधिकार प्रदान करता है. एक्ट अंतिम निपटान के लिए कानूनी अधिकार भी देता है.

भारत-बांग्लादेश पर तीन महीने में बाड़ लगाने के काम को पूरा करने का सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश

19-DEC-2014

  • सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को भारत बांग्लादेश पर तीन महीने में बाड़ लगाने के काम को पूरा करने का निर्देश 17 दिसंबर 2014 को दिया. 
    यह निर्देश असम में बांग्लादेश के नागरिकों की सीमा पार कर आने की बढ़ रही घटनाओं को रोकने के लिए दिया गया था. सरकार से ऐसे बांग्लादेशी नागरिकों को वापस बांग्लादेश भेजने की प्रक्रिया को कारगर बनाने के बाबत भी पूछा गया.
  • सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से यह भी पूछा कि स्वतंत्रता के 67 वर्ष बाद भी आखिर क्यों भारत की पूर्वी सीमा पर बाड़ें नहीं लगाई जा सकीं जबकि पाकिस्तान के साथ लगी सीमा पर बाड़ें उचित तरीके से लगी हुईं हैं. न्यायालय ने आगे कहा कि वह सरकार के कार्रवाई पर निगरानी करेगा और हर तीन महीने पर वह आवधिक स्थिति रिपोर्ट की मांग करेगा. सर्वोच्च न्यायालय ने निर्वासन एवं अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के लिए मौजूदा तंत्र पर नोट लेते हुए सरकार से बांग्लादेश सरकार से बातचीत कर अवैध प्रवासियों की वापसी सुनिश्चित करने को भी कहा.
  • पीठ द्वारा अपने 70 पन्नों के फैसले में कुछ सुझाव दिए जिनमें शामिल हैं:
  • • बांग्लादेश से गैरकानूनी उपयोग को रोकने के लिए पीठ ने भारत-बांग्लादेश सीमा के उन जगहों जहां अभी बाड़ लगाई जानी बाकी है, पर, बाड़ (डबल कुंडलित तार की बाड़) लगाने का सुझाव दिया है.
  • • नदी सीमा पर निरंतर गश्त और  प्रभावी चौकसी.
  • • दुर्गम क्षेत्र होने के कारण अंतरराष्ट्रीय सीमा के ऐसे हिस्सों की निगरानी करना जो गैरकानूनी प्रवेश का साधन बनते हैं.
  • • प्रभावी एवं गहन गश्त के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ उन इलाकों में जहां सड़कें अधूरी हैं या बनाई नहीं गईं हैं, वहां उन्हें पूरा करने, बनाने का सुझाव.
  • • जरूरी जगहों पर फ्लड लाइटें लगाना.
  • • असम के नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) को अपडेट करना ताकि जनवरी 2016 के अंत तक अपडेट की गई एनआरसी प्रकाशित की जा सके.
  • • पीठ ने केंद्र सरकार को 25 मार्च 1971 के बाद असम आए सभी अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें वापस भजने को कहा और सलाह दी कि कानून के मुताबिक 1 जनवरी 1966 और 24 मार्च 1971 के बीच भारत आने वाले विदेशियों को नागरिकता देने की सलाह दी.
  • नागरिकता अधनियम, 1955 की धारा 6 ए की संवैधानिक वैधता
  • इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय ने प्रवासियों को नागरिकता देने के लिए कट ऑफ तारीख के संबंध में नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 6 ए की संवैधानिक वैधता के मुद्दे पर फैसला करने के लिए एक बड़ी बेंच का मामला संदर्भित किया.
  • बेंच ने कहा, नागरिकता अधिनियम की धारा 6 ए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 325 और 326 का उल्लंघन करती है और यह असम राज्य के नागरिकों के राजनैतिक अधिकार को कम कर देती है.
  • यह निर्देश सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएफ नरिमन एवं न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की पीठ ने पारित किया था.  ये निर्देश असम सनमिलिता महासंघ, असम लोकनिर्माण एवं ऑल असम अहोम एसोसिएशन की दलीलों पर सुनवाई करते हुए दिए गए थे.
  • इन तीनों संगठनों ने वर्ष 2012 और वर्ष 2014 में असम में हुए बड़े पैमाने पर दंगों जिसमें काफी संख्या में लोग मारे गए थे, के बाद याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि भारत की संप्रभुता और अखंडता पड़ोसी देश से आने वाले बड़ी तादात में अवैध प्रवासियों के कारण दांव पर है और उसके प्रमुख संवैधानिक मूल्यों को प्रभावित किया है.

ध्रूझाबा-दोस्ती भारतीय-रूसी भागीदारी को मजबूत बनाने का एक विजन है

19-DEC-2014

  • नई दिल्ली में 11 दिसंबर 2014 को आयोजित 15वें भारत–रुस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भारत औऱ रूस के अगले दशक में विजन स्टेटमेंट (विजन बयान) के लिए ध्रूझाबा– दोस्ती शब्द का प्रयोग किया गया था. 
    यह संयुक्त बयान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वार्षिक शिखर सम्मेलन में आने के लिए दिए गए आमंत्रण पर भारत के दौरे पर आए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर वी पुतिन के दौरान जारी किया गया था. 
    इसमें अगले दशक में विविध क्षेत्रों में ठोस पहल के माध्यम से साझेदारी को मजबूत बनाने पर फोकस किया गया ताकि द्विपक्षीय संस्थागत वार्ता वास्तुकला अधिक परिणामोन्मुख और दूरंदेशी हो सके. दोनों ही देशों ने बहुपक्षीय घटनाओं को पूरा करने के लिए मुलाकातों को जारी रखने का भी संकल्प किया.

डीएसी ने 4444 करोड़ रुपयों के सैन्य उपकरणों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दी

19-DEC-2014

  • रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 4444 करोड़ रुपयों के सैन्य उपकरणों की खरीद के प्रस्ताव को 17 दिसंबर 2014 को मंजूरी दी.
  • इन प्रस्तावों में शामिल हैं:
  • • भारतीय नौसेना के सर्वे जहाजों के लिए चार हेलिकॉप्टरों की खरीद, लागत 2324 करोड़ रुपये.
  • • स्वदेशी संयुक्त इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम (ईडब्ल्यूएस) का उन्नयन जिसपर 1682 करोड़ रुपये खर्च होगा. ईडब्ल्यूएस का आधुनिकीकरण अगले दस वर्षों के लिए रखरखाव अनुबंध के साथ किया जाएगा. संयुक्त में निगरानी, अवरोधन, सभी संचार एवं रडार संकेतों की निगरानी एवं जैमिंग से सुसज्जित वाहन हैं.
  • • पी–7 हेवी ड्रॉप प्लेटफॉर्म और नौसेना सर्वेक्षण जहाज के खरीद संबंधी प्रस्ताव जिसकी लागत 402 करोड़ रुपये होगी. यह आठ से पंद्रह वर्षों तक 7 टन से कम वजन वाले अंतरिक्ष उपकरणों में क्षति मुक्त उतरने के लिए प्लेटफ़र्म में लगे एयरबैग्स के जीवन को बढाएगा.
  • • तटरक्षक बल के अपतटीय गश्ती पोत के लिए प्रोपेलर इंजन प्राप्त करने का प्रस्ताव. लागत 36 करोड़ रुपये.
  • हालांकि, डीएसी भारतीय वायु सेना के एवरो परिवहन बेड़े को बदलने के लिए टाटा संस लिमिटेड एवं एयरबस के संयुक्त बोली पर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सका जबकि आईएएफ द्वारा जारी निवदा को डीएसी ने 19 जुलाई 2014 को हुई अपनी बैठक में मंजूरी दे दी थी.
  • टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) और एयरबस डिफेंस एंड स्पेस ने आईएएफ के 56 मध्यम– परिवहन विमान के लिए 20000 करोड़ (3 बिलियन अमेरिकी डॉलर) रुपयों की संयुक्त बोली लगाई थी.
  • एवरो परिवहन बेड़ा छह से आठ टन श्रेणी का ट्विन टर्बोप्रॉप सामरिक सैन्य विमान है जिसकी क्रूज गति 800 किलोमीटर प्रति घंटा है और रेंज 2500 किलोमीटर – 2800 किलोमीटर.
  • इससे पहले 22 नवंबर 2014 को डीएसी ने भारतीय रक्षा क्षमताओं की दूरी को पाटने के लिए 15750 करोड़ रुपयों की लागत से सेना के लिए 814 तोप खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. 1980 के दशक में हुए बोफोर्स घोटाले के बाद सेना ने एक भी तोप नहीं खरीदा है.
  • तोपों की खरीद स्वदेशी रक्षा क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए सरकार की वर्ष 2013 में शुरु की गई "बाई एंड मेक (खरीदो और बनाओ)" प्रक्रिया के तहत खरीदा जाएगा. योजना 100 तोपों की खरीदने और बाकी को देश में ही बनाने की है.
  • इस 4444 करोड़ रुपयों के प्रस्ताव के पारित होने और नवंबर 2014 के 15750करोड़ रुपयों के प्रस्ताव को शामिल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने मई 2014 में  सत्ता में आने के बाद से अब तक 140000 करोड़ रुपयों से अधिक की रक्षा परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है.

घंटा चक्रपाणि टीएसपीएससी के पहले अध्यक्ष नियुक्त

19-DEC-2014

  • शिक्षाविद् एवं पत्रकार घंटा चक्रपाणि को तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग (टीएसपीएससी) का पहला अध्यक्ष 17 दिसंबर 2014 को नियुक्त किया गया. वे इस पद पर छह वर्ष तक रहेंगे. फिलहाल घंटा चक्रपाणि बी. आर. आंबेडकर खुला विश्वविद्यालय (बीआरएओयू) में सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन हैं.
  • घंटा चक्रपाणि 
    • तेलंगाना के यशवदा गांव में जन्मे, घंटा चक्रपाणि ने संचार एवं पत्रकारिता उस्मानिया विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में परास्नातक की डिग्री ली.  
    • उन्होंने शिक्षा जगत में कदम रखने से पहले उद्यम, आंध्र ज्योति जैसे सभी लोकप्रयि तेलुगु अखबारों में काम किया. 
    • उन्होंने कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय फेलोशिप भी प्राप्त की. इनमें इंडिया चाइना इंस्टीट्यूट फेलोशिप भी शामिल है. इन्होंने भारत और चीन में वैश्वीकरण एवं असमनताओं पर भी काम किया है. 
    • उनकी 12 पुस्तकें और 52 शोध लेख प्रकाशित हो चुकी हैं. 
    • वर्ष 2014 मे उन्होंने सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का भी पुरस्कार प्राप्त किया था. 
    • वर्तमान में, वह नमस्ते तेलंगाना में घंटापाठम नाम से साप्ताहिक कॉलम लिख रहे हैं. 
    पृष्ठभूमि
    अगस्त 2014 में तेलंगाना सरकार ने तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग (टीएसपीएससी) के गठन के लिए एक सरकारी आदेश ( जीओ संख्या 43) अधिसूचित किया था. 
    भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315 और आंध्र प्रदेश पुनः संगठन अधिनियम, 2014 ( केंद्रीय अधिनियम 6/2014) की धारा 83 (2) के मुताबिक आंध्र प्रदेश से बंटवारे के बाद बने परवर्ती तेलंगाना राज्य में लोक सेवा आयोग के गठन की अनुमति प्रदान की जाती है

हरिओम सिंह ने 58वें राष्ट्रीय निशानेबाजी चैंपियंशिप में स्वर्ण पदक जीता

19-DEC-2014

  • हरिओम सिंह ने पुणे में आयोजित 58वें राष्ट्रीय निशानेबाजी चैंपियंशिप में पुरुषों की 50–मीटर राइफल प्रोन स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता. इसका फाइनल मैच 17 दिसंबर 2014 को खेला गया. भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व करते हुए हरिओम ने फाइनल मे कुल 205 अंकों के साथ स्वर्ण पदक पर कब्जा किया. वायु सेना के आदित्य यू सिंह ने 204.8 अंक हासिल कर रजत पदक जीता और बीजिंग ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा 183.8 अंकों के साथ कांस्य पदक जीता. ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता गगन नारंग आठ पुरुषों के फाइनल मुकाबले में चौथे स्थान पर रहे.
  • पुरुषों की 50–मीटर राइफल प्रोन स्पर्धा
    स्वर्णः आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट 1855.3 (चैन सिंह 625.7, सुरिन्दर सिंह राठौर 616.4, सुशील घाले 613.2) 
    रजतः वायु सेना 1845.2 (आदित्य यू सिंह 617.8, रवि कुमार 614.6, दीपक कुमार 612.8) 
    कांस्यः उत्तर प्रदेश 18424 (ईशान गोयल 622.4, अनुभव प्रताप सिंह 615.9, अजीत कुमार सिंह 604.1)

यूएस ने स्विट्जरलैंड और नीदरलैंड की तेल व्यापार करने वाली कंपनियों पर प्रतिबंध लगया

19-DEC-2014

  • 17 दिसंबर को यूनाइटेड स्टेट्स (यूएस) ने नीदरलैंड और स्विट्जरलैंड की तेल व्यापार करने वाली कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया. ये तेल कंपनियां नीदरलैंड की स्टारआयल बी वी और स्विट्जरलैंड की रिक्सो इंटरनेशनल ट्रेडिंग लिमिटेड व ब्लूमैरीन एसए हैं.
  • यूएस संघ ने उक्त कंपनियों पर यह प्रतिबंध सीरिया की सरकार के साथ व्यापार करने के कारण लगाया, जो विद्रोही बलों के साथ खूनी जंग में व्यस्त है. इसके परिणाम स्वरूप ये संस्थाएं यूएस वित्तीय तंत्र से प्रभावी ढंग से अलग कर दी गईं.
  • यूएस सरकार ने सीरिया में स्थित कई कंपनियों के अधिकारियों पर भी पाबंदी लगा दी है, साथ ही साथ संयुक्त अरब अमीरात और सीरिया की अन्य कंपनियों को भी प्रतिबंध के दायरे में रखा गया.

आयरलैंड के पॉल मैकगिनले ने साल 2014 का स्पोर्ट्स पर्सनालिटी कोच अवार्ड जीता

19-DEC-2014

  • ग्लासगो में बीबीसी स्पोर्ट्स पर्सनालिटी ईयर अवार्ड के तहत पॉल मैकगिनले ने स्पोर्ट्स पर्सनालिटी कोच अवार्ड जीता. उन्हें सितंबर 2014 में यूके के ग्लेनेगल्स में हुए गोल्फ के रायडर कप की विजेता रही यूरोपियन टीम के कुशल मार्गदर्शन करने के लिए पुरस्कृत किया गया.
  • उनके मार्गदर्शन में यूरोप ने यूनाइटेड स्टेट को 11.5 अंकों के मुकाबले 16.5 अंक अर्जित कर मात दी.
  • दिसंबर 2014 में, मैकगिनले 2016 में होने वाले रियो ओलंपिक के लिए आयरिश गोल्फ टीम के कप्तान नियुक्त किए गए हैं.
  • स्पोर्ट्स पर्सनालिटी आफ द ईयर अवार्ड बीबीसी स्पोर्ट्स द्वारा प्रति वर्ष दिसंबर में दिए जाते हैं.
  • अन्य स्पोर्ट्स पर्सनालिटी अवार्ड:
  • स्पोर्ट्स पर्सनालिटी आफ द ईयर : ब्रिटने के लेविस हेमिल्टन (एफ1 ड्रायवर)
  • यंग स्पोर्ट्स पर्सनालिटी आफ द ईयर : इटली में जन्मे ब्रिटेन के क्लोडिया फ्रेगापाने (कलात्मक जिम्नास्ट)
  • लाइफटाइम अचीवमेंट:  ब्रिटेन के सर क्रिस्टोफर एंड्रयू "चेरिस" हॉय (रेसिंग ड्रायवर और पूर्व साइक्लिस्ट)
  • ओवरसीज स्पोर्ट्स पर्सनालिटी आफ द ईयर: पुर्तगाल के क्रिसटिएनो रोनाल्डो (फुट्बोलर)
  • गुमनाम प्रेरक नायक : लिसेस्टरशायर के जिल स्टीडेवर (तैराकी प्रशिक्षक)
  • हेलन रोलासन अवार्ड: लंदन के इंविक्टुस खेलों के प्रतियोगी
  • टीम आफ द ईयर: इंग्लैंड की महिला रग्बी यूनियन टीम