=> उर्वरक क्षेत्र में कार्य करने हेतु एनटीपीसी ने कोल इंडिया लिमिटेड से अनुबंध किया

 

16 मई 2016 को सरकारी बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड ने उर्वरक के क्षेत्र में प्रवेश करने और फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एफसीआईएल) के संयंत्रों को पुनर्जीवित करने के लिए सरकारी खान कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड के साथ संयुक्त उपक्रम समझौता (जेवीए) किया.

जेवीए पर एनटीपीसी के महाप्रबंधक (बीडी) अरुण कुमार गुप्ता और कोल इंडिया के महाप्रबंधक (कोल विदेश) टी बंदोपाध्याय ने हस्ताक्षर किए.

 

एनटीपीसी और कोल इंडिया लिमिटेड के बीच हुए संयुक्त उपक्रम की मुख्य बातें 

• शुरुआत में जेवी कंपनी दोनों पक्षों के 50:50 इक्विटी भागीदारी के साथ बनाया जाएगा.

• इसमें जेवी कंपनी द्वारा व्यापार की आवश्यकताओं के आधार पर बाद में रणनीतिक भागीदारों को शामिल करने का भी प्रावधान है.

• संयुक्त उपक्रम कंपनी बिहार के सिंदरी और उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एफसीआईएल के संयंत्रों का पुनरुद्धार करेगी.

• यह प्रत्येक स्थान पर अमोनिया यूरिया संयंत्र की स्थापना करेगी.

 

=> अवैध मछली पकड़ने पर बना एफएओ पोर्ट स्टेट मेजर्स एग्रीमेंट 5 जून से प्रभावी होगा

 

खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) का पोर्ट स्टेट मेजर्स एग्रीमेंट (पीएसएमए) 5 जून 2016 से प्रभावी हो जाएगा. यह समझौता विश्व में सतत मछली पालन और उत्तरदायी मछली भंडार प्रबंधन को सुनिश्चित करना चाहता है.

यह समझौता अपनी तरह का खासकर एफएओ द्वारा संरक्षित अवैध, अनियंत्रित और रिपोर्ट नहीं किए जाने वाले (आईयूयू) मामलों को लक्षित करने वाला दुनिया का पहला अंतरराष्ट्रीय समझौता है.

29 देशों और यूरोपीय संघ का पीएसएमए का पालन करने संबंधी औपचारिकता पूरी करने के बाद संभव हो सका है.  

समझौते की मुख्य बातें

• नया समझौता नियंत्रण को आसान बनाने के लिए पार्टियों को विदेशी पोतों द्वारा इस्तेमाल किए जाने के लिए विशेष बंदरगाह निर्धारित करने की बात करता है.

• ऐसे जहाजों को समय से पहले बंदरगाह में प्रवेश करने के लिए अनुमति का अनुरोध करना होगा और स्थानीय अधिकारियों को जहाज पर उपलब्ध मछलियों समेत जानकारी प्रदान करनी होगी.

• जहाजों को अन्य चीजों के साथ-साथ अपने लॉग बुक, लाइसेंस, मछली पकड़ने के उपकरण और वास्तविक कार्गो की जांच करने की अनुमति देनी होगी.

• यह समझौता देशों को अवैध, अनियंत्रित या बिना रिपोर्ट की गई फिशिंग में शामिल पोतों की जांच और प्रवेश की अनुमति नहीं देने और अनिवार्य कार्रवाई करने की बात कहता है.

• कार्यान्वयन का समर्थन करने के लिए इस प्रकार की फिशिंग में शामिल किसी भी पोत के पता चलने के बारे में क्षेत्रीय और विश्व स्तर पर जानकारी साझा करने का देशों का दायित्व भी शामिल है.

• यह बंदरगाह के किसी भी उपयोग, चाहे वह पोतों द्वारा ईंधन भरना ही क्यों न हो, पोतों को जांच आवश्यकताओं को पूरा करना होगा, पर लागू होगा.

 

समझौते का कार्यान्वयन 

विकासशील तटीय देशों और छोटे द्वीप देशों द्वारा समझौते के कार्यान्वयन का समर्थन करने के क्रम में एफएओ इस प्रकार है–

क) पोर्ट स्टेट मेजर्स को लागू करने के समर्थन हेतु क्षमता-निर्माण परियोजनाओं में पर्याप्त निवेश करना और

ख) समझौते के कार्यान्वयन के लिए क्षमता विकास पर वैश्विक कार्यक्रम समेत राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर-क्षेत्रीय पहलों की श्रृंखला की शुरुआत करना. 

समझौता करने वाले देश 

ऑस्ट्रेलिया, बारबाडोस, चिली, कोस्टा रिका, क्यूबा, डोमिनिका, यूरोपीय संघ– सदस्य संगठन, गैबॉन, गिनी– बिसाऊ, गुएना, आईसलैंड, मॉरिशस, मोजाम्बिक, म्यांमार, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, ओमान, पलाऊ, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, सेंट किट्स एंड नेविस, सेशल्स, सोमालिया, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, सूडान, थाइलैंड, टोंगा, संयुक्त राज्य अमेरिका, उरुग्वे और वानुआतू आदि देश और क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण संगठन समझौता करने वाले पक्ष हैं. 

टिप्पणी 

पोर्ट स्टेट मेजर्स एग्रीमेंट के लागू होने के बाद दुनिया में आईयूयू फिशिंग मुश्किल हो जाएगी. 

ऐसा इसलिए क्योंकि समझौता करने वाले 30 देश दुनिया में होने वाले मछली के आयात का 62 फीसदी और मछली के निर्यात का 49 फीसदी हिस्से से अधिक के लिए जिम्मेदार हैं. वर्ष 2013 में यह क्रमशः 133 बिलियन डॉलर और 139 बिलियन डॉलर मूल्य का था.

एफएओ के अनुसार प्रत्येक वर्ष आईयूयू फिशिंग सालाना 26 मिलियन टन  मछली पकड़े के लिए उत्तरदायी होता है जिसकी कीमत 23 बिलियन डॉलर तक होती है.

 

=> साई इंग वेन ताइवान की पहली महिला राष्ट्रपति बनी

 

ताइवान में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) की नेता साई इंग वेन ने मई 2016 में देश की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है.

साई ने इस साल जनवरी में हुये चुनाव में उन्होंने डीपीपी पार्टी को बड़ी जीत दिलाई थी. उन्हें अंतमुर्खी लेकिन, दृढ़ इच्छाशक्ति वाला नेता माना जाता है.

ताइवान में पिछले 70 साल में डीपीपी मात्र दूसरी बार सत्ता में आई है. कौमिंतांग दल का ही इस दौरान अधिकतर सत्ता पर कब्जा रहा है.

डीपीपी पारंपरिक रूप से चीन से आजादी की समर्थक रही है. चुनावों में पार्टी की जीत से चीन के साथ ताइवान के संबंध शिथिल पड़े हैं क्योकि चीन ताइवान को अपने ही प्रांत में गिनता है जो उससे अलग हो गया है.

साई चीन के साथ यथास्थिति बनाये रखने के पक्ष में हैं और ताइवान की मंद पड़ती अर्थव्यवस्था और चीन के साथ संबंध उनके सामने दो सबसे बड़ी चुनौतियाँ हैं.

साई इंग वेन के बारे में:

• वेन का जन्म 31 अगस्त 1956 को थाताइपे, ताइवान में हुआ.

• इन्होंने नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी तथा लंदन के प्रतिष्ठित लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से शिक्षा प्राप्त की.

• राजनीति में आने के पहले यह प्राध्यापक थीं.

• वर्ष 2012 के चुनाव में यह डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति की उम्मीदवार थीं लेकिन इसमें पराजित हो गयीं थीं. इसमें इन्हें 45 % ही वोट मिले थे.

 

=> भारत और स्लोवेनिया ने दोहरा कराधान बचाव संधि में संसोधन हेतु हस्ताक्षर किए

 

भारत और स्लोवेनिया ने 17 मई 2016 को दोनों देशो के बीच मौजूदा दोहरा कराधान बचाव संधि में संसोधन हेतु हस्ताक्षर किए. दोनों देशो ने इस संधि पर स्लोवेनिया के राजधानी एलजुबलजाना में हस्ताक्षर किए.

इस संधि का उद्देश्य दोहरे कराधान निवारण और आय पर कर चोरी पर लगाम लगाना है.

भारत की और से स्लोवेनिया में भारत के राजदूत सर्वजीत चक्रवर्ती और स्लोवेनिया की ओर से वहाँ के वित्त मंत्री दुसान मरामोर ने हस्ताक्षर किये.

इससे संबंधित मुख्य तथ्य:

• इस प्रोटोकॉल से कर संबंधी सूचनाओं के आदान-प्रदान के वर्तमान ढांचे का दायरा बढ़ेगा.

• दोनों देशों के बीच कर की चोरी और कर निवारण पर अंकुश लगेगा और करों की उगाही में पारस्परिक सहायता मिलेगी.

• करों के संग्रहण के लिए आपसी सहयोग बढ़ सकेगा.

दोहरा कराधान बचाव संधि (DTAA)

• संधि के तहत कंपनी का मूल पता जिस देश का है, वहीं उस पर कैपिटल गेन्स टैक्स लग सकता है.

• टैक्स जहां से उसने कमाया है, वहां पर नहीं लगता.

• लाभांश, रॉयल्टी व ब्याज आय पर दोनों ही देशों में टैक्स लगता है.

• टैक्स की दर लाभांश पर 7.5% और ब्याज व रॉयल्टी पर 10% से ज्यादा नहीं हो सकती.

• भारत ने दुनिया के 79 देशों के साथ दोहरा कराधान बचाव संधि (डीटीएए) कर रखी है.

 

=> चीन और भारत विश्व भर के एक-तिहाई मानसिक मरीजों का घर: लैंसेट अध्ययन

 

विज्ञान पत्रिका दि लैंसेट में 18 मई 2016 को प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक चीन और भारत विश्व भर के एक-तिहाई मानसिक मरीजों का घर हैं. लेकिन इनमें से महज कुछ ही लोगों को चिकित्सीय मदद मिल पाती है.

यह अध्ययन ‘चीन-भारत मेंटल हेल्थ अलायन्स सीरीज’ के शुभारम्भ के उपलक्ष्य में जारी की गयी.

इससे संबंधित मुख्य तथ्य:

• इस रिसर्च के मुताबिक सबसे अधिक आबादी वाले इन दो देशों में मानसिक रोगियों की संख्या अच्छी आमदनी वाले सारे देशों के कुल मानसिक मरीजों से ज्यादा है.

• खासकर भारत में यह बोझ आने वाले दशकों में काफी बढ़ता जाएगा. अनुमान के मुताबिक यहां मनोरोगियों की तादाद 2025 तक एक चौथाई और बढ़ जाएगी.

• चीन में जन्मदर को रोकने के लिए महज एक बच्चे की सख्त नीति है. इसका स्वाभाविक असर चीन में तेजी से बढ़ती मानसिक बीमारी की रोकथाम पर भी पड़ने की उम्मीद जताई गई है.

• चीन में महज 6 प्रतिशत मानसिक मरीजों का उपचार हो पाता है.

• चीन के ग्रामीण इलाकों में मानसिक स्वास्थकर्मियों का भारी अभाव है. ठीक इसी तरह भारत मंय भी मानसिक मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पाना मुश्किल है.

• दोनों ही देशों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं के बजट का 1 प्रतिशत से भी कम खर्च किया जाता है.

• अमेरिका में यह 6 प्रतिशत है और जर्मनी और फ्रांस में यह 10 प्रतिशत या उससे भी ज्यादा है.

• दोनों ही देशों में योग या चीनी चिकित्सकीय पद्धति तथा पारंपरिक तरीकों को बढ़ावा देकर मानसिक स्वास्थ की चुनौतियों से निपट सकते है.

चीन-भारत मेंटल हेल्थ अलायन्स सीरीज के बारे में:

• चीन-भारत मेंटल हेल्थ अलायन्स सीरीज में भारत और चीन के विशेषज्ञों के अलावा बाकी देश के विशेषज्ञ भी शामिल है.

• इसका मकसद दोनों देशों के मेंटल हेल्थ से सम्बंधित शोधकर्ताओं के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा देना है.

• विक्रम पटेल (भारत) और माइकल आर फिलिप्स इस सीरीज के अध्यक्ष है.

 

=> ओबामा ने भारतीय और पाकिस्तानी मूल के दो अमेरिकियों को सम्मानित किया

 

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 19 मई 2016 को भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक और पाकिस्तानी मूल के एक अमेरिकी डॉक्टर को क्रमश: विज्ञान और तकनीक एवं नवाचार के क्षेत्र में दिए जाने वाले देश के सर्वोच्च पुरस्कारों से सम्मानित किया है.

नेशनल मेडल ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन पुरस्कार के बारे में-

यह पुरस्कार संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा कंपनियों या अमेरिका की आर्थिक, पर्यावरण और सामाजिक भलाई हेतु उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रति वर्ष प्रदान किया जाता है.

  • प्रौद्योगिकी और नवाचार के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है.
  • स्टीवेंसन-व्यद्लेर प्रौद्योगिकी अभिनव अधिनियम द्वारा स्थापित इस पुरस्कार की स्थापना 21 अक्तूबर 1980 में की गयी.
  • प्रथम पुरस्कार 1985 में प्रदान किया गया.

पुरस्कृत भारतीय राकेश केजैन

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल और मेसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल से जुड़े 65 वर्षीय राकेश के. जैन नेशनल मेडल ऑफ साइंस से नवाजा गया.
यह पुरस्कार उन्हें ट्यूमर के क्षेत्र में उनके काम और इससे जुड़ी रणनीतियों का इस्तेमाल इंसानों में कैंसर का बेहतर ढंग से पता लगाने में, उसकी रोकथाम और उपचार करने हेतु दिया गया.

पाकिस्तानी के हुमायूं पुरस्कृत-

नेशनल मेडल ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन प्राप्त करने वाले हुमायूं पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना के निजी चिकित्सक के पोते हैं.
53 वर्षीय हुमायूं को यह पुरस्कार चिकित्सा क्षेत्र में आविष्कार, विकास और बायोइलेक्ट्रॉनिक्स के इस्तेमाल के लिए दिया गया.
उन्होंने अंधेपन का शिकार हो चुके लोगों को आंखों की रोशनी लौटाने में मददगार रेटिना संबंधी सर्जरी हेतु विशेष कार्य किया.

हुमायूं के बारे में -

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 19 मई 2016 को भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक और पाकिस्तानी मूल के एक अमेरिकी डॉक्टर को क्रमश: विज्ञान और तकनीक एवं नवाचार के क्षेत्र में दिए जाने वाले देश के सर्वोच्च पुरस्कारों से सम्मानित किया है.

नेशनल मेडल ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन पुरस्कार के बारे में-

यह पुरस्कार संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा कंपनियों या अमेरिका की आर्थिक, पर्यावरण और सामाजिक भलाई हेतु उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रति वर्ष प्रदान किया जाता है.

  • प्रौद्योगिकी और नवाचार के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है.
  • स्टीवेंसन-व्यद्लेर प्रौद्योगिकी अभिनव अधिनियम द्वारा स्थापित इस पुरस्कार की स्थापना 21 अक्तूबर 1980 में की गयी.
  • प्रथम पुरस्कार 1985 में प्रदान किया गया.

पुरस्कृत भारतीय राकेश केजैन

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल और मेसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल से जुड़े 65 वर्षीय राकेश के. जैन नेशनल मेडल ऑफ साइंस से नवाजा गया.
यह पुरस्कार उन्हें ट्यूमर के क्षेत्र में उनके काम और इससे जुड़ी रणनीतियों का इस्तेमाल इंसानों में कैंसर का बेहतर ढंग से पता लगाने में, उसकी रोकथाम और उपचार करने हेतु दिया गया.

पाकिस्तानी के हुमायूं पुरस्कृत-

नेशनल मेडल ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन प्राप्त करने वाले हुमायूं पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना के निजी चिकित्सक के पोते हैं.
53 वर्षीय हुमायूं को यह पुरस्कार चिकित्सा क्षेत्र में आविष्कार, विकास और बायोइलेक्ट्रॉनिक्स के इस्तेमाल के लिए दिया गया.
उन्होंने अंधेपन का शिकार हो चुके लोगों को आंखों की रोशनी लौटाने में मददगार रेटिना संबंधी सर्जरी हेतु विशेष कार्य किया.

हुमायूं के बारे में -

  • विभाजन के बाद हुमायूं का परिवार जालंधर से पाकिस्तान चला गया था. उनके दादा कर्नल इलाही बख्श पाकिस्तान के संस्थापक जिन्ना के निजी चिकित्सक थे.
  • हुमायूं का परिवार वर्ष 1972 में अमेरिका चला गया.
  • उस समय हुमायूं नौ साल के थे.

पुरस्कार हेतु चयन प्रक्रिया -

  • अमेरिका के वाणिज्य सचिव द्वारा नियुक्त प्रौद्योगिकी के राष्ट्रीय पदक और अभिनव नामांकन मूल्यांकन समिति एक खुले, प्रतिस्पर्धी कानूनन प्रक्रिया के माध्यम से नामित सभी उम्मीदवारों की योग्यता का मूल्यांकन करती है.
  • इसके बाद समिट द्वारा वाणिज्य सचिव को उत्कृष्ट कार्य करने वालों के नाम भेजे जाते हैं.

 

=> केरल विधानसभा चुनाव परिणाम: लेफ्ट डेमोक्रेटिक पार्टी की सत्ता में वापसी

 

केरल विधानसभा चुनावों के 19 मई 2016 को घोषित परिणामों के अनुसार 91 वर्षीय वीएस अच्युतानंदन दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे. उनकी पार्टी लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) ने 140 में से 84 सीटें जीतीं.

वर्ष 2011 में एलडीएफ को 68 सीटें मिली थीं जबकि 2016 में 12 सीटों की बढ़ोतरी दर्ज की गयी.

इसके अतिरिक्त कांग्रेस समर्थित यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) को निराशाजनक परिणाम देखने पड़े. उन्हें 47 सीटें प्राप्त हुईं जो कि वर्ष 2011 से 23 कम हैं.

परिणाम

पार्टी

नतीजा

भारतीय जनता पार्टी

1

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया

19

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (मार्क्सवादी)

58

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

22

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी

2

भारतीय यूनियन मुस्लिम लीग

18

जनता दल (सेक्युलर)

3

केरल कांग्रेस (एम)

6

कम्युनिस्ट मार्क्सवादी पार्टी केरल राज्य समिति

1

कांग्रेस (सेक्युलर)

1

केरल कांग्रेस (जैकब)

1

केरल कांग्रेस (बी)

1

नेशनल सेक्युलर कांन्फ्रेस

1

स्वतंत्र

6

कुल

140

बीजेपी ने केरल में खाता खोला

भारतीय जनता पार्टी ने केरल के नेमोम में सीट जीतकर राज्य में अपना खाता खोला. इस सीट पर 86 वर्षीय पूर्व केन्द्रीय मंत्री ओ राजगोपाल ने 8000 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की. वे 140 सदस्यों वाली केरल विधानसभा के पहले एमएलए होंगे.

उन्हें राज्य में उनकी ईमानदार एवं समाजसेवी छवि के कारण जीत प्राप्त हुई.


सत्ता विरोधी कारक

कांग्रेस के मुख्यमंत्री ओमान चांडी के सत्ता विरोधी कारकों के कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा. सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों ने भी जनता में उनकी नकारात्मक छवि तैयार की.

हाल ही में राज्य में हुए बलात्कार के वीभत्स मामले तथा दलित छात्र के साथ हुए अत्याचार भी पार्टी की हार का कारण बने.

 

=> तमिलनाडु विधानसभा चुनाव: जयललिता दूसरी बार सत्ता में आईं

 

निर्वाचन आयोग द्वारा 19 मई 2016 को तमिलनाडु विधानसभा चुनावों के परिमाण घोषित किये गये. 

परिणामों के अनुसार ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की प्रमुख एवं मुख्यमंत्री जे जयललिता ने भारी बहुमत प्राप्त किया.

इस जीत से वे प्रदेश के इतिहास में भी अपना नाम दर्ज कराने में कामयाब रहीं. इससे पहले वर्ष 1989 में मुख्यमंत्री ने लगातार दूसरी बार सरकार बनाई थी. उनसे पहले अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम के एम जी रामचंद्रन दो बार लगातार मुख्यमंत्री रहे हैं.

परिणाम

पार्टी

नतीजा

ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (एआईएडीएमके)

134

द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके)

89

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी)

8

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल)

1

कुल

232

 

टिप्पणी

जयललिता की जीत के निम्नलिखित कारण हैं:

•    विभिन्न समाज कल्याण योजनाओं को अम्मा ब्रांड के तहत आरंभ किया गया जैसे अम्मा कैंटीन, अम्मा पानी एवं अन्य कल्याणकारी कार्य.

•    जयललिता द्वारा गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों को मुफ्त में बांटे गये पंखे, लैपटॉप एवं मिक्सर ने भी उनको वोट दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

•    एआईएडीएमके के पास गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों का जनसमर्थन हासिल था क्योंकि उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान विभिन्न समाज कल्याण योजनाओं को आरंभ किये जाने की घोषणा की.

 

=> पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में टीएमसी को दो तिहाई बहुमत मिला

 

निर्वाचन आयोग द्वारा 19 मई 2016 को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के परिमाण घोषित किये गये. राज्य में छह चरणों (4 अप्रैल से 5 मई 2016) में 294 सीटों पर मतदान हुआ.

इस चुनाव परिणाम में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को 211 सीटों के साथ दो तिहाई बहुमत मिला. कांग्रेस एवं लेफ्ट के गठबंधन को 76 सीटें एवं बीजेपी को 3 सीटें प्राप्त हुईं. अन्य प्रत्याशियों को चार सीटें मिलीं.

परिणाम

पार्टी

नतीजा

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)

3

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (सीपीआई)

1

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (मार्क्सवादी) (सीपीआई-एम)

26

इंडियन नेशनल कांग्रेस (आईएनसी)

44

आल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (एआईएफबी)

2

ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी)

211

रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी

3

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा

3

स्वतंत्र

1

कुल

294

 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी भबानीपुर विधानसभा से जीती हैं. उन्होंने अपनी प्रतिद्वंदी दीपा दासमुंशी को 25 हज़ार से अधिक वोटों के अंतर से हराया. पश्चिम बंगाल विधानसभा स्पीकर बिमन बनर्जी बरुईपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से जीते.

टिप्पणी
वर्ष 2011 की तुलना में 2016 के चुनाव नतीजों में ममता ने भारी जीत दर्ज की, इसका श्रेय उनके चुनावी अभियान “मां, माटी, मानुष” को जाता है. वर्ष 2011 में उनकी पार्टी को 184 वोट मिले थे.

इस जीत से यह कयास लगाये जा रहे हैं कि वे दिवंगत कम्युनिस्ट नेता ज्योति बासु के 23 वर्षों तक पश्चिम बंगाल का मुख्यमंत्री बने रहने के रिकॉर्ड को तोड़ेंगी. गौरतलब है कि बासु 21 जून 1977 से 5 नवम्बर 2000 तक मुख्यमंत्री रहे.

 

=> असम विधानसभा चुनावों के नतीजे में बीजेपी ने इतिहास रचा

 

निर्वाचन आयोग ने 19 मई 2016 को 2016 के असम विधानसभा चुनावों के नतीजे घोषित किये. राज्य में कुल 126 सीटों के लिए दो चरणों (4 अप्रैल एवं 11 अप्रैल) में चुनाव हुए.

इन चुनावों में बीजेपी एवं उसकी सहयोगी पार्टियों को पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ. बीजेपी को 126 में से 60 सीटें प्राप्त हुईं. इसकी सहयोगी पार्टी एजीपी को 14 एवं बीपीएफ को 12 सीटें मिलीं.

बीजेपी पहली बार इस राज्य में सत्ता में आएगी. सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस को 26 सीटें प्राप्त हुईं जबकि एआईयूडीएफ को 13 एवं स्वतंत्र उमीदवार को एक सीट मिली.

परिणाम

 

पार्टी

नतीजा

भारतीय जनता पार्टी

60

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

26

ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट

13

असम गण परिषद

14

बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट

12

स्वतंत्र

1

कुल

126

बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार सर्बानंद सोनोवाल माजुली सीट से जीते. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को लगभग 18000 वोटों से हराया. मुख्यमंत्री तरुण गोगोई तिताबर से 17000 वोटों के अंतर से जीते.

 

टिप्पणी

बीजेपी की इस जीत को उसके उत्तर-पूर्वी राज्यों में प्रवेश के रूप में देखा जा रहा है. सबसे बड़ी बात यह रही कि बीजेपी ने कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले इस प्रदेश में बहुमत हासिल किया.

=> ओला ने सफाई कर्मचारियों के लाभ हेतु केंद्र सरकार से एमओयू पर हस्ताक्षर किये

 

मोबाइल एप्प द्वारा संचालित टैक्सी ओला ने 18 मई 2016 को राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास संगठन (एनएसकेएफडीसी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये.  

समझौता ज्ञापन की विशेषताएं

•    इसका उद्देश्य सफाई कर्मचारी एवं मैला ढोने वालों के लिए उद्यमिता, कौशल विकास, प्रशिक्षण और आत्मरक्षा पाठ्यक्रम का समर्थन करके स्थायी ढांचे का निर्माण करना है.

•    ओला-एनएसकेएफडीसी गठजोड़ से भविष्य में ड्राईवर उद्यामियता को बढ़ावा मिलेगा एवं रोज़गार के अधिक अवसर पैदा होंगे.

•    ओला इन ड्राइवरों को इन्फ्रास्ट्रक्चर, फाइनेंसिंग एवं लाभ के लिए प्रशिक्षण प्रदान करेगा.

•    सफाई कर्मचारियों के सामाजिक-आर्थिक विकास हेतु महिला कर्मचारियों की पहचान कर उनके लिए जीवनयापन के अवसर पैदा किया जायेंगे.

•    एनएसकेएफडीसी द्वारा चयन करने के पश्चात् ओला द्वारा ड्राईवर-पार्टनर माइक्रो-उद्यामियता की भी स्थापना की जाएगी.

•    ओला प्रशिक्षित महिला ड्राइवरों को नयी गाड़ी खरीदने एवं वित्तीय सहायता प्रदान करने में भी सहायता करेगा.

पृष्ठभूमि

ओला विभिन्न राज्य सरकारों एवं सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर कार्य संचालन कर रहा है. इससे देश में हज़ारों लोगों को उद्यामियता एवं रोज़गार के अवसर प्रदान किये जाने के सरकार के लक्ष्य की पूर्ति में भी योगदान दिया जा रहा है.

 

=> भारत और अमेरिका ने पहली समुद्री सुरक्षा वार्ता आयोजित की

 

16 मई 2016 को भारत और अमेरिका ने हाल में गठित समुद्री सुरक्षा वार्ता के तहत पहले दौर की चर्चा का आयोजन किया. यह चर्चा रक्षा एवं विदेश मामलों के मंत्रियों और उनके अमेरिकी समकक्षों के बीच हुई.

भारत का प्रतिनिधित्व योजना और अंतरराष्ट्रीय सहयोग (पीआईसी) के प्रभारी संयुक्त सचिव शंभू कुमारन और विदेश मामलों के संयुक्त सचिव, मुनु महावर ने किया. 
जबकि डेविड शीर, एशिया एवं प्रशांत सुरक्षा मामलों के रक्षा सहायक सचिव, मनप्रीत आनंद, दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों के उप सहायक सचिव और वाइस एडमिरल ऑक्वाइन, कमांडर, यूएस सेवेंथ फ्लीट, अमेरिका की ओर से थे. 

समुद्री सुरक्षा वार्ता की विशेषताएं

• दोनों ही पक्षों ने एशिया–प्रशांत समुद्री चुनौतियों, नौसेना सहयोग और बहुपक्षीय कार्यों समेत अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की. 
• वाणिज्यिक नौवहन परिवहन पर आंकड़े साझा करने के क्षेत्र में सुधार हेतु वे ह्वाइट शिपिंग टेक्निकल एग्रीमेंट पर भी सहमत हुए. 
• पनडुब्बी सुरक्षा और पनडुब्बी रोधी युद्ध पर नौसेना में  चर्चा भी की गई . 

वार्ता कब की गई थी?

• यह वार्ता भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और उनके अमेरिकी समकक्ष एश्टन कार्टर की अप्रैल 2016 में भारत दौरे के दौरान सहमत हुए कई पहलों में से एक थी. 
• इसे एशिया–प्रशांत एवं हिन्द महासागर क्षेत्र के लिए भारत-अमेरिका संयुक्त सामरिक दृष्टिकोण के तहत समुद्री सुरक्षा उद्देश्यों के हिस्से के रूप में तैयार किया गया था. 

टिप्पणी 

भारत और अमेरिका के बीच नव गठित समुद्री सुरक्षा वार्ता दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंधों का संकेत है. 

यह वार्ता भारत और अमेरिका दोनों द्वारा चीन के बढ़ते प्रभुत्व के मद्देनजर हुई है. अमेरिका चाहता है कि उसके क्षेत्रीय सहयोगी दक्षिण चीन सागर में चीन के खिलाफ अधिक संगठित रूख अपनाएं. इस इलाके में चीन द्वारा सैन्य इस्तेमाल के लिए सुविधाओं के साथ कृत्रिम द्वीप बनाने के बाद से तनाव पैदा हो गया था. 
हालांकि अमेरिका चाहता है कि भारत दक्षिण चीन सागर जहां बीजिंग का कई पड़ोसी देशों के साथ समुद्री विवाद चल रहा है, समेत इलाके में संयुक्त नौ सेना गश्ती करने से स्पष्ट रूप से इनकार कर दे.

 

=> अमेरिका ने रोमानिया में यूरोपियन फेज्ड एडप्टिव अप्रोच मिसाइल रक्षा प्रणाली का दूसरा चरण शुरु किया

 

11 मई 2016 को संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूरोपियन फेज्ड एडप्टिव अप्रोच (EPAA) मिसाइल रक्षा  प्रणाली का दूसरा चरण रोमानिया में शुरु किया.

इसके हिस्से के तौर पर रोमानिया के देवेसेलू में अमेरिकी नौसेना समर्थन सुविधा में एक नई भू-आधारित मिसाइल रक्षा प्रणाली की स्थापना की जाएगी. 

प्रणाली से संबंधित जानकारी 

• इसे 2011 में हुए अमेरिका-रोमानिया बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा समझौते के तहत स्थापित किया गया था.

• यह एसएम-3 मिसाइल इंटरसेप्टर का प्रयोग कर लघु एवं मध्यम-दूरी की मिसाइलों से खतरों का मुकाबला करने के लिए लैस है.

• इसका निर्माण और रखरखाव अमेरिका करेगा. इसका संचालन अमेरिका और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) मिल कर करेंगे.

• यह यूरोप का पहला भू-आधारित रक्षा मिसाइल लॉन्चर है और जर्मनी, तुर्की एवं स्पेन में नाटो के रक्षात्मक बचाव क्षेत्र के अन्य तत्वों में शामिल होगा.

यूरोपीय फेज्ड एडप्टिव अप्रोच के बारे में

• इसकी घोषणा 2009 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने की थी.

• इसका उद्देश्य अमेरिका, अमेरिका द्वारा तैनात बलों, यूरोपीय सहयोगियों और उसके भागीदारों की बैलिस्टिक मिसाइलों से रक्षा करना है.

• इसका इरादा जॉर्ज बुश प्रशासन के पोलैंड और चेक गणराज्य में अलग प्रणाली के नियोजित द्विपक्षीय तैनाती की जगह लेना है.

• बुश के अमेरिका केंद्रित योजना की बजाए EPAA वैकल्पिक तकनीक का प्रयोग कर नाटो-केंद्रित दृष्टिकोण पर काम कर रहा है. 

इसके निम्नलिखित चार चरण हैं

चरण 1: लघु और मध्यम दूरी के बैलिस्टिक मिसाइल के खतरों से निपटने के लिए तुर्की में जमीन पर स्थित पूर्व चेतावनी रडार प्रणाली की स्थापना की गई थी.

चरण 2: रोमानिया में जमीन पर बना बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली

चरण 3: यह पोलैंड में अतिरिक्त जमीन पर बने अतिरिक्त एसएम-3 साइट के साथ मध्यम और मध्यवर्ती दूरी के मिसाइल खतरों की कवरेज में सुधार करना चाहता है. यह 2018 तक पूरा कर लिया जाएगा.

चरण 4: यह मध्यम और मध्यवर्ती रेंज की मिसाइलों और मध्य पूर्व के संभावित भावी अंतर–महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) के खतरों का मुकाबला करना चाहता है. यह 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा.

 

=> रीन्यूएबल एनर्जी कंट्री अट्रैक्टिवनेस इंडेक्स 2016 जारी : भारत तीसरे स्थान पर

 

10 मई 2016 को वैश्विक संगठन ईवाई ने रीन्यूएबल एनर्जी कंट्री अट्रैक्टिवनेस इंडेक्स 2016 जारी किया. रिपोर्ट में अक्षय ऊर्जा निवेश की आकर्षकता और कई संकेतकों पर आधारित विकास अवसरों पर 40 देशों को स्थान दिया गया है.

इस वर्ष यूरोपीय बाजार ईवाई के रीन्यूएबल एनर्जी कंट्री अट्रैक्टिवनेस इंडेक्स (RECAI) की रैंकिंग में कई देश नीचे फिसल गए जबकि लैटिन अमेरिका, अफ्रीका और एशिया के अपेक्षाकृत अपरिपक्व बाजार उपर बढ़ना जारी रखे हुए हैं. 

रिपोर्ट की विशेषताएं

• 40 मजबूत सूचकांक में उभरते बाजार अब आधे देशों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इसमें चार अफ्रीकी बाजार शीर्ष 30 में शामिल हैं.

• सूचकांक में संयुक्त राज्य अमेरिका शीर्ष पर है. इसके बाद चीन और फिर भारत का स्थान है.

• चिली जैसा देश चौथे, ब्राजील छठे औऱ मैक्सिको सातवें स्थान पर है.

• जर्मनी और फ्रांस अपने पिछले रैंक से नीचे गिरे हैं और इस बार उन्हें क्रमशः 5 वां और 8वां स्थान मिला है.

• सूचकांक में सबसे अधिक अंक प्राप्त करने वाला प्रवेशक अर्जेंटीना रहा. देश की अर्थव्यवस्था में बदलाव ने उसे सूचकांक में 18वें स्थान पर ला दिया.

RECAI 2016 अंक और रैंकिंग

रैंक

देश

स्कोर

1

अमेरिका

77.0

2

चीन

76.9

3

भारत

71.6

4

चिली

70.4

5

जर्मनी

69.0

6

ब्राजील

67.5

7

मैक्सिको

67.0

8

फ्रांस

66.7

9

कनाडा

64.6

10

ऑस्ट्रेलिया

63.8

RECAI के बारे में

• रीन्यूएबल एनर्जी कंट्री अट्रैक्टिवनेस इंडेक्स (RECAI) 40 बाजारों को अक्षय ऊर्जा में निवेश की उनकी आकर्षकता और रोजगार के अवसरों के आधार पर रैंक करता है.

• रैंकिंग कई मैक्रो, ऊर्जा बाजार और प्रौद्योगिकी– विशिष्ट संकेतकों के आधार पर दिया जाता है.

 

=> यूनिसेफ और यूरोपीय संघ ने संकट क्षेत्र में शिक्षा पर आपातकालीन सबक अभियान शुरु किया

 

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) और यूरोपीय संघ (ईयू) ने 16 मई 2016 को संकट क्षेत्र में शिक्षा पर आपातकालीन सबक अभियान (Emergency Lessons campaign) शुरु करने की घोषणा की.

यह अभियान सोशल मीडिया पर आधारित जन जागरुकता अभियान है. इसका उद्देश्य 20 मिलियन यूरोपीय नागरिकों तक पहुंचना और आपातकाल की वजह से प्रभावित होने वाले बच्चों के लिए शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालना है. 

आपातकालीन सबक अभियान (Emergency Lessons campaign) की विशेषताएं

• अभियान मुख्य रूप से 25 वर्षीय लोगों और युवाओं को लक्षित करता है. आगामी सात महीनों तक आपातकाल द्वारा प्रभावित बच्चों की कहानियों को सोशल मीडिया पर साझा किया जाएगा.

• यह ग्रीस, हंगरी, आयरलैंड, इटली, स्लोवेनिया, स्लोवाकिया और यूनाइटेड किंग्डम जैसे देशों को कवर करेगा.

• इसका उद्देश्य इन देशों के लोगों को उन लाखों बच्चों और युवाओं, जिनकी शिक्षा आपातकाल की वजह से बाधित हुईं हैं, की तरफ से अपनी आवाज बुलंद करने के लिए प्रेरित करना है.

• यह गिनी, इराक, नेपाल और यूक्रेन जैसे देसों में आपातकाल में जीवन बसर कर रहे बच्चों के वास्तविक जीवन के अनुभवों पर आधारित है.

• यह अभियान स्कूल जाने के अन्य लाभों जैसे बनाए गए दोस्त, नुकसान होने पर छात्रों के साथ खड़े रहने वाले शिक्षकों और कक्षाओं में शामिल होने की दिनचर्या में स्थिरता का उत्सव मनाता है. 

कई मशहूर हस्तियां इस अभियान को समर्थन दे रही हैं. इनमें समांथा क्रिटोफोरेटी, इतावली यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की अंतरिक्ष यात्री, बोत्सजन नचबर, स्लोवानिया के बास्केटबॉल खिलाडी, किस्ज्टा डी. टोथ, हंगरी के समाचार प्रस्तोता और मीडिया कर्मी औऱ जारो बर्क, स्लोवाकिया की नर्तकी आदि शामिल हैं . 

टिप्पणी 

दुनिया के स्कूल जाने की उम्र वाले बच्चों में करीब चार में से एक 462 मिलियन संकट प्रभावित 35 देशों में रह रहे हैं. अनुमान के अनुसार 75 मिलियन बच्चे ऐसे हैं जिन्हें शैक्षणिक सहायता की बहुत जरूरत है.

एजेंसी का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में पीछे रहने के अलावा इससे होने वाले लाभ और उनके समाज के लिए, स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों के दुरुपयोग, शोषण और सैन्य बलों में भर्ती किए जाने की संभावना अधिक होती है.

 

=> लिविंग लाइब्रेरी : एक ऐसी परियोजना जो विस्थापितों और समुदायों को एक साथ लाने में मदद करती है

 

लिविंग लाइब्रेरी : यूएनडीपी की परियोजना जो युक्रेन में विस्थापितों के बयान को "किताबोंमें बदलती है.

मई 2016 में परियोजना लिविंग लाइब्रेरी सुर्खियों में रहा. यह संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की यूक्रेन में विस्थापितों के लिए एक परियोजना है. इस परियोजना के तहत विस्थापितों के बयान को किताबों का रूप दिया जाता है और इसलिए इसे लिविंग लाइब्रेरी कहते हैं.

लिविंग लाइब्रेरी परियोजना की मुख्य विशेषताएं

• लक्ष्यः इसका उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति एक दूसरे के साथ थोड़ा अधिक सहज महसूस करे, के साथ शुरुआत करना है. यह यूक्रेन के अलग-अलग समुदायों के विस्थापित लोगों की चिकित्सीय कहानियों की मेजबानी करता है.

• यह विस्थापित लोगों की कहानियां मुहैया कराता है. उन्हें रिकॉर्ड करता है और एक पुस्तकालय में लाता है जहां दूसरे लोग उस पर विचार-विमर्श कर सकते हैं.

• यह यूक्रेन जैसे युद्धग्रस्त क्षेत्रों में समुदायों के बीच बातचीत एवं सुलह को बढ़ावा देने के लिए समर्थन मुहैया कराता है.

• डोनेट्स्क और लुहानस्क समेत इसमें देशभर के अलग-अलग समुदायों से ली गई कहानियां हैं.

• अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता और वार्ता (MediatEUr) के लिए परियोजना को यूरोपीय फोरम के साथ मिलकर कार्यान्वित किया जाता है. 

मानवता का एजेंडा 

लिविंग लाइब्रेरी प्रोजेक्ट संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के मानवता के एजेंडा को ध्यान में रख कर बनाया गया है, इसमें शामिल है–

I. युद्ध के नियम का सम्मान करना. 
II. किसी को भी पीछे नहीं छोड़ना. 
III. आवश्यकता को पूरा करने के लिए अलग तरीके से काम करना.  
IV. मानवता में निवेश करना.

 

 

=> पाराडिग्म एवं कोर डायग्नोस्टिक्स इंडिया ने पीसीडीएक्स ट्यूमर प्रोफाइलिंग समझौता पर हस्ताक्षर किए

 

कैंसर के मरीजों को अनुकूल इलाज हेतु ट्यूमर विशेषज्ञता रखने वाली आण्विक सूचना एवं नेक्स्ट जनरेशन सिक्वेंसिंग (एनएसजी) कंपनी पाराडिग्म ने भारत में मरीजों को अपनी कैंसर प्रोफाइलिंग सेवा पीसीडीएक्स प्रदान करने हेतु कोर डायग्नोस्टिक्स के साथ 18 मई 2016 को समझौते पर हस्ताक्षर किए.

इस क्षेत्र में हेल्थकेयर में निरंतर निवेश को देखते हुए पाराडिग्म ऑन्कोलॉजिस्ट और उनके मरीजों की बढाती संख्या के प्रासंगिक और कारगर कैंसर केयर प्रदान करने हेतु तैयार है.

पाराडिग्म के अध्यक्ष डेविड मैलेरी के अनुसार पाराडिग्म रणनीतिक मुहिम के तहत अमेरिकी बाजार से बाहर अपनी सेवा का विस्तार कर रही है.

कोर डायग्नोटिक्स के साथ पाराडिग्म को तेजी से टेस्टिंग विस्तार हेतु पर्याप्त एक्सटर्नल संसाधन प्रदान करता है. पीसीडीएक्स एक समग्र क्लिनिकल-ग्रेड का एनजीएस आधारित टेस्ट है.

पीसीडीएक्स फिजिशियनों और मरीजों को किसी ट्यूमर के डीएनए, आरएनए और प्रोटीन के महत्वपूर्ण जिनोमिक तथा प्रोटियोमिक बदलाव की पहचान कराते हुए कैंसर के इलाज में अधिक लक्षित, व्यक्तिगत पहुंच दिलाने के लिए तैयार किया गया है. 

यह टेस्ट 72 थेराप्यूटिक संगठनों के साथ 5,000 गुणा कवरेज की औसत गहराई पर सबसे प्रासंगिक जिनोमिक लक्ष्यों की परख करता है.

इसके परिणाम खासतौर से 4-5 कारोबारी दिनों में जारी हो जाते हैं.

गुड़गांव स्थित कोर डायग्नोस्टिक्स भारत में कार्डियोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, प्रजनन डिसऑर्डर, एंडोक्रिनोलॉजी और संक्रामक रोगों के क्षेत्रा में विशेष एवं एडवांस्ड डायग्नोस्टिक टेस्टिंग का समग्र मेन्यू पेश करती है.

कोर के संस्थापक और प्रबंध निदेशक जोया बरार के अनुसार “गोपनीय जांच पर फोकस, इस क्षेत्र में व्यापक अनुभव और 40 से अधिक डायग्नोस्टिक्स की समर्पित सेल्स टीम के जरिये कोर पाराडिग्म का एक उपयुक्त पार्टनर है.

कोर डायग्नोस्टिक्स इंडिया अमेरिका के प्रमुख मेडिकल सेंटरों के फिजिशियनों के साथ अपने भारतीय सहयोगियों को मिलाकर काम कर रही है.

यह कंपनी क्लिनिकल अनुप्रयोगों में आगामी पीढ़ी की क्रमबद्धता और अन्य टेक्नोलॉजीज स्थापित करती है.

टेस्ट परिणामों की समवर्ती वैश्विक समीक्षा को सक्षम बनाने के लिए डिजिटल पैथोलॉजी का इस्तेमाल करती है.

कंपनी पैथोलॉजिस्टों के किसी एक वैश्विक पैनल से कम से कम दो विशेषज्ञों द्वारा सभी मामलों में दूसरी राय देते हुए मरीजों को मानसिक शांति भी प्रदान करती है.

पाराडिग्म के बारे में
पाराडिग्म एक मॉल्येकुलर इन्फॉर्मेशन कंपनी है.

इसकी स्थापना कैंसर मरीजों और उद्योग को मरीजों के कैंसर और मरीज के उस ट्यूमर की विशिष्टताओं पर आधारित संभावित थेरापी की जिनोमिक मेकअप के बारे में सूचना प्रदान करते हुए अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक्स पेश करने के लिए की गई.

पाराडिग्म का नेक्स्ट-जनरेशन सिक्वेंशिंग आधारित डायग्नोस्टिक टेस्ट पीसीडीएक्स ऑन्कोलॉजिस्टों तथा मरीजों को मरीज के लिए कैंसर के विशेष तौर-तरीकों तथा इन तौर-तरीकों के बीच संबंधों एवं कैंसर को प्रभावित करने वाली विशिष्ट उपलब्ध दवाइयों के बारे में अधिक अमूल्य जानकारी प्रदान करता है.

यह टेस्ट समर्थक आंकड़ों और लेखों से संचालित है और बाजार में उपलब्ध मौजूदा विकल्पों की तुलना में मरीज की देखभाल के लिए अधिक विकल्प देता है.



कोर डायग्नोस्टिक्स के बारे में-
कोर डायग्नोस्टिक्स रोग के स्तरीकरण और थेरापी चयन के लिए नई पीढ़ी की डायग्नोस्टिक्स पर केंद्रित एक क्लिनिकल लेबोरेटरी है.

कंपनी भारत में अत्याधुनिक टेस्टिंग तकनीक और विशेषज्ञता लाने पर केंद्रित है और भारत की हाई-एंड डायग्नोस्टिक जरूरतों का केंद्र है.

कोर डायग्नोस्टिक्स हाई-एंड टेस्ट का समृद्ध मेन्यू है. पैथोलॉजिस्टों के वैश्विक पैनल के जरिये प्रत्येक टेस्ट पर दूसरी राय देती है. जांच प्रक्रिया की बहुत कम अवधि है

कंपनी की आरंभिक टेस्ट पेशकश कार्डियोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, प्रजनन डिसऑर्डर, एंडोक्रिनोलॉजी तथा संक्रामक रोगों के क्षेत्र में है.

 

=> भारतीय अमेरिकी डीन रूपा अय्यर को अमेरिका में उत्कृष्ट शिक्षण के लिए सम्मानित किया गया

 

भारतीय अमेरिकी जैवप्रौद्योगिकीविद को 19 मई 2016 को शिक्षा में उनके लगातार एवं महत्वपूर्ण योगदान के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन के शिक्षण संबंधी सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा गया है.

यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन के कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी में रिसर्च एंड ग्रेजुएट स्टडीज की भारतीय अमेरिकी एसोसिएट डीन रूपा अय्यर को ‘‘डिस्टिंगग्विश्ड लीडरशिप इन टीचिंग एक्सीलेंस अवार्ड’’ से सम्मानित किया गया है.

पुरस्कार से संबंधित मुख्य तथ्य:

• यह विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षण में दिया जाने वाला सबसे बड़ा और इस वर्ग में दिया जाने वाला एकमात्र पुरस्कार है.

• यह पुरस्कार ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है जिसे 10 वर्ष या इससे अधिक समय तक पढ़ाने का अनुभव हो और जिसने शिक्षा के क्षेत्र में लगातार एवं महत्वपूर्ण योगदान दिया हो.

 

 

=> मालदीव ने ईरान से राजनयिक संबंध खत्म किए

 

मालदीव ने 18 मई 2016 को इरान से अपने राजनयिक संबंध खत्म कर लिए. उसने वित्तीय मददगार सऊदी अरब का साथ पकड़ लिया.

इससे संबंधित मुख्य तथ्य:

ईरान खाड़ी देशों की शांति तथा सुरक्षा को नजरअंदाज कर रहा है. ईरान जिन नीतियों पर चल रहा है वह क्षेत्र की शांति तथा सुरक्षा के लिए घातक है. मालदीव ने इसका कोई विवरण नहीं दिया है.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि मालदीव की शांति तथा सुरक्षा खाड़ी क्षेत्र से जुड़ी है इस कारण वह ईरान से अपना राजनयिक संबंध तोड़ रहा है.

मालदीव ने ईरान से 1975 में राजनयिक संबंध कायम किया था.

दोनों देशों का एक दूसरे के यहां न तो कोई दूतावास था न ही उनके राजदूत थे.

मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन से हिन्द महासागर के ईरान के राजदूत ने कोलम्बो में पिछले महीने भेंट की थी. इस भेंट के बाद यामीन ने दोनों देशों के संबंधों को मजबूत बनाने की बात की थी और ईरान से तेल के आयात की उम्मीद जतायी थी.

सऊदी अरब ने इस बीच मालदीव को वित्तीय सहायता बढ़ा दी और सेना की आवास परियोजना के लिए पांच करोड़ डालर की रकम दी. माले दियार से अपने हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 10 करोड़ डालर की रकम मांग रहा है.

 

 

=> पांच भारतीय कारों के मॉडल एनसीएपी द्वारा कराये गये क्रैश टेस्ट में फेल

 

ग्लोबल न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम (NACP) द्वारा 17 मई 2016 को पांच भारतीय कारों पर क्रैश टेस्ट कराया गया जिसमें सभी को शून्य अंक प्राप्त हुए. इन कारों में रेनो क्विड, महिंद्रा स्कॉर्पियो, मारुती सुजुकी की सेलेरियो, फोर्ड ईको तथा हुंडई इयोन शामिल हैं.

ग्लोबल एनसीएपी ने फरीदाबाद के इंस्टिट्यूट ऑफ़ रोड ट्रैफिक एजुकेशन में दो दिवसीय सम्मेलन में भाग लिया.

एनसीएपी द्वारा किये गये क्रैश टेस्ट के प्रमुख बिंदु

•    परिणाम में पता चला कि सुरक्षा के उपाय बेहद निम्न स्तर के हैं.

•    रेनो क्विड के तीनों वर्गों का टेस्ट किया गया जिसमे एयरबैग्स वाली गाड़ियां भी शामिल हैं लेकिन सभी को शून्य अंक प्राप्त हुए.

•    स्कॉर्पियो को व्यस्क चालक की सुरक्षा में शून्य एवं बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से दो अंक प्राप्त हुए. जिन गाड़ियों में एयरबैग्स नहीं थे उनमें सुरक्षा को लेकर अधिक खतरा महसूस किया गया. 

•    हुंडई इयोन के स्टैण्डर्ड मॉडल को जीरो अंक प्राप्त हुए. ग्लोबल एनसीएपी के अनुसार इसमें एयरबैग्स न होने के कारण गंभीर चोट लगने का खतरा अधिक है.

•    बिना एयरबैग वाली मारुती सलेरियो एवं ईको को जीरो अंक प्राप्त हुए जबकि बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से इसे एक स्टार प्राप्त हुआ.

टिप्पणी

इससे पता चला कि कार कम्पनियों को बॉडी पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए. इसलिए अगली सीटों पर एयरबैग्स आवश्यक माने गये हैं.

इससे केंद्र सरकार द्वारा अक्टूबर 2017 से अगले एवं साइड क्रैश टेस्ट को अनिवार्य किये जाने को भी प्रोत्साहन मिलेगा.

 

 

=> केंद्र सरकार ने सूखा प्रभावित दस राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने मई 2016 में सूखा प्रभावित दस राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की.

सूखा प्रभावित राज्य निम्न हैं- तेलंगाना, झारखंड, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़

बैठक में लिए गए फैसले से संबंधित मुख्य तथ्य:

• पेयजल की कमी और अभाव, संरक्षण प्रयासों तथा विद्यमान जल संसाधनों का इष्टतम और सावधानीपूर्वक उपयोग जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए साप्ताहिक आधार पर कार्य योजना तैयार करना.

• जल संरक्षण, सिंचाई तालाबों की गाद निकाले जाने, वर्षा जल संचयन, भूमिगत जल रिचार्ज, पनधारा विकास इत्यादि के लिए एकीकृत कार्य योजना विकसित की जानी है.

• रोक बांधों, रिसन तालाबों का रख रखाव, नहरों की लाईनिंग, वितरण नेटवर्क में जल रिसाव तथा चोरी को रोकने को प्राथमिकता दी जाएगी.

• जल उपयोग को प्राथमिकता, व्यर्थ जल के पुन: चक्रण तथा इसका उपयोग अर्ध शहरी क्षेत्रों में कृषि के प्रयोजन के लिए इसके उपयोग को बढ़ावा देना.

• गन्ने  को चरणबद्ध तरीके से सूक्ष्म सिंचाई के तहत कवर करना. किसानों को इसके स्थान पर दूसरी फसलें बोने के लिए प्रोत्साहित किया जाना है.

• देश के विभिन्न भागों में निष्क्रिय परंपरागत/ऐतिहासिक स्टेप वैल्स की बहाली पर विशेष जोर देना.

• सभी जल निकायों को एक विशेष पहचान देकर उन पर संख्या डाला जाना.

• भूमिगत पाइप लाइनों का निर्माण करके कमान क्षेत्र में बीच-बीच में टूटी हुई नहरों को जोड़ना. इससे भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता को पूरा करने के अलावा वाष्पीकरण से होने वाली हानियों में कमी आएगी.

• जल की कमी से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासनिक निकायों को मानसून के आने से पहले जल संरक्षण के लिए तैयारी से संबंधित कदम उठाए जाएंगे.

• किसानों को ‘मोबाइल ऐप' पर उनकी भाषा में जिला-वार योजना बनाना, मौसम से संबंधित सूचना, फसल संबंधी परामर्श उपलब्ध कराना.

• भूमिगत जल संसाधन का पता लगाने के लिए विकेंद्रीकृत कंटूर एंड रिज मैपिंग के लिए व्यापक रूप से रिमोट सेंसिंग, सैटलाइट प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा.

• क्षेत्रों के मानचित्रण के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड का विश्लेषण और उपयोग तथा फसलों के लिए वैज्ञानिक सलाह जो ऐसे क्षेत्रों के लिए सर्वाधिक अनुकूल हो.

• तटीय क्षेत्रों में समुद्री शैवाल पालन, मोती और झींगापालन को प्रोत्साहित करना.

• मिल्क रूट के साथ-साथ मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दिया जाना.

• शहरी क्षेत्रों में बिल्डिंग के ऊपर वर्षा जल संचयन को अनिवार्य बनाया जाना.

• राज्य मूल्यवर्धन तथा वैकल्पिक आजीविका-डेयरी, कुक्कुट पालन, मछली पालन, मधुमक्खी पालन, पुष्प कृषि, इमारती लकड़ी के वृक्ष उगाना आदि को बढ़ावा देने पर विचार करना.

 

 

=> एप्पल ने हैदराबाद में डेवलपमेंट सेंटर खोला

एपल इंक ने 19 मई 2016 को हैदराबाद, तेलंगाना में डेवलपमेंट सेंटर खोला. यह सेंटर औपचारिक रूप से एप्पल के सीईओ टिम कुक द्वारा खोला गया.

यह आईफोन, आईपैड, मैक और एपल वॉच समेत इसके उपकरणों के लिए मानचित्र (एपल मैप्स) के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा.

इस निवेश से मानचित्र विकास में तेजी आएगी और 4000 रोजगार का सृजन होगा.

आईओएस 9 एपल में ‘ट्रांजिट' जुडने से विश्व भर के 300 से अधिक शहरों में रेलगाडी, सबवे, बस या चलने-फिरने के रास्ते की जानकारी उपलब्ध करायेगा.

नया केंद्र वेवरॉक परिसर में है जो विस्तृत होते ‘मैप्स' दल के लिए विश्व-स्तरीय एलईईडी प्रमाणित सुविधा प्रदान करेगा.

आरएमएसआई वैश्विक सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनी है जो जीआईएस, माडलिंग एवं एनेलिटिक्स और साफ्टवेयर सेवाएं प्रदान करती है.

एप्पल इंक के बारे में:

• एप्पल इंक एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी है.

• इसकी स्थापना 1 अप्रैल 1976 को हुई और 9 जनवरी 2007 को इसे एप्पल इंक॰ के नाम से निगमित किया गया.

• यह उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर उत्पादों का डिजाइन और विनिर्माण करता है.

• एप्पल मैकिन्टौश, आईपॉड और आईफ़ोन जैसे हार्डवेयर उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है.

 

 

=> एप्पल इंकने बेंगलुरू में ऐप डिजाइन एवं डेवलपमेंट सेंटर खोलेने की घोषणा की

 

टेक्नोलॉजी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी एप्पल इंक. ने  बेंगलुरू, कर्नाटक में ऐप डिजाइन एवं डेवलपमेंट सेंटर खोलने की घोषणा की. यह घोषणा 18 मई 2016 को एप्पल प्रमुख टिम कुक ने भारत यात्रा के दौरान की.

इस सेंटर की मदद से एप्पल  आईओएस (iOS) के लिए मोबाइल ऐप तैयार करने के लिए भारत में डेवलपरों को मदद करेगी. इस सेंटर की 2017 शुरआत में खुलने की उम्मीद है.

एप्पल की टीम बेहतरीन प्रौद्योगिकी के संबंध में डेवलपरों के साथ काम करेगी और इससे उन्हें अपना कौशल बढ़ाने और आईओएस से जुड़े अपने ऐप के डिजाइन, गुणवत्ता और प्रदर्शन में बदलाव लाने में मदद मिलेगी.

इस केंद्र की स्थापना से एप्पल को वैश्विक स्तर पर ग्राहकों के लिए नवोन्मेषी ऐप बनाने में भी मदद मिलेगी.

एप्पल ने बेंगलुरू ही क्यों चुना?

भारत में हजारों डेवलपर आईओएस, आईफोन, आईपैड और आईपैड टच फाउंडेशन के लिए ऐप बनाते हैं और बेंगलुरु, भारत के सूचना प्रौद्योगिकी निर्यातों का अग्रणी क्षेत्र है.

तकनीक के क्षेत्र में कम से कम एक लाख से अधिक लोग इस शहर में काम करते है तथा 40 प्रतिशत से अधिक छात्र स्थानीय विश्वविद्यालयों से इंजीनियरिंग या सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में स्नातक करते है.

 

 

=> खिलाड़ी और खेल से जुड़े लोगों के राष्ट्रीय कल्याण कोष योजना में संशोधन

 

केंद्र सरकार ने 19 मई 2016 को खिलाड़ियों और खेल से जुड़े लोगों हेतु राष्ट्रीय कल्याण कोष योजना में संशोधन किया है. संशोधन के तहत खिलाड़ियों हेतु वित्तीय सहायता प्राप्त करने की अहर्ता सीमा बढ़ा दी गई है.

राष्ट्रीय कल्याण कोष के बारे में-

  • खिलाड़ियों और खेल से जुड़े लोगों हेतु राष्ट्रीय कल्याण कोष की स्थापना 1982 में हुई थी.
  • कोष की स्थापना पुराने दौर के उन बेहतरीन खिलाड़ियों की सहायता के लिए की गई थी, जिन्होंने अपने प्रदर्शन से देश का गौरव बढ़ाया था लेकिन अब गरीबी में रह रहे हैं.
  • जुलाई, 2009 में इस योजना की अंतिम बार समीक्षा की गई थी और इसके आधार पर इसमें संशोधन हुआ था.

संशोधन-

  • संशोधित योजना के तहत अब खिलाड़ियों के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त करने की अहर्ता सीमा बढ़ा दी गई है.
  • पहले यह सीमा दो लाख रुपये वार्षिक आय थी, अब इसे बढ़ा कर चार लाख रुपये कर दिया गया है.
  • इस योजना का दायरा भी बढ़ाया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों और खेल से जुड़े लोगों को वित्तीय सहायता योजना का लाभ मिल सके.
  • कल्याण कोष से आवंटित होने वाली राशि भी बढ़ा दी गई है.

वित्तीय सहायता-

इस स्कीम के तहत गरीबी में रह रहे खिलाड़ी, खेल से जुड़े लोगों और उनके परिवार के सदस्य निम्नलिखित वित्तीय सहायता प्राप्त करने के हकदार होंगे-

1. गरीबी में रह रहे बेहतरीन खिलाड़ियों और खेल से जुड़े लोगों के लिए अधिकतम पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा सकती है.

2. प्रशिक्षण या प्रतियोगिता में हिस्सा लेते समय घायल होने पर खिलाड़ियों और खेल से जुड़े लोगों को 10 लाख रुपये तक की अधिकतम वित्तीय सहायता दी जा सकती है.

3. पांच लाख रुपये की अधिकतम वित्तीय सहायता उन बेहतरीन खिलाड़ियों और खेल से जुड़े लोगों के परिवार वालों को दिया जाएगा, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं.

4. गरीबी में रह रहे बेहतरीन खिलाड़ियों या उसके परिवार के किसी सदस्य के इलाज के दस लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी.

5. दो लाख रुपये तक की सहायता राशि कोच और उनसे जुड़े सहायक जैसे खेल डॉक्टर, खेल मनोचिकित्सक, परामर्शदाता और राष्ट्रीय कोचिंग शिविरों से जुड़े मालिश करने वालों को दी जाएगी.

  • वरिष्ठ श्रेणी के खिलाड़ियों और राष्ट्रीय टीम (वरिष्ठ श्रेणी) के कोचिंग कैंपों में शामिल इस तरह के लोगों को यह सहायता दी जाएगी.
  • अंतरराष्ट्रीय मैचों, ओलंपिक, एशियाई और कॉमनवेल्थ गेम में अंपायर, रेफरी, मैच अधिकारियों को भी यह मदद दी जाएगी.
  • यह सहायता उस स्थिति में मिलेगी जब इस तरह के खेलों से जुड़े खिलाड़ी और उनसे जुड़े लोग निर्धनता में रह रहे हों या उनका परिवार निर्धनता में रह रहा हो.

 

 

=> दिल्ली सरकार ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने हेतु मसौदा विधेयक जारी किया

 

दिल्ली सरकार द्वारा मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की अध्यक्षता में 18 मई 2016 को मसौदा विधेयक जारी किया गया. इस मसौदे में पुलिस, भूमि एवं नौकरशाही को प्रदेश सरकार के तहत लाने का प्रावधान मौजूद. इसपर 30 जून तक जनता से सुझाव मांगे गए हैं.

दिल्ली पूर्ण राज्य मसौदा विधेयक

•    इस विधेयक के तहत राज्य सरकार को विशेष अधिकार दिए जायेंगे.

•    दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में विस्तार् की मांग करते हुए पुलिस, भूमि, नगर निगमों और नौकरशाही को दिल्ली सरकार के अधीन करने की मांग की है.

•    नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) एवं दिल्ली छावनी बोर्ड के सीमांकन क्षेत्रों का अधिकार प्रस्तावित दिल्ली राज्य के विधायी और प्रशासनिक नियंत्रण से बाहर होगा.

•    विधेयक के मसौदे में ‘उपराज्यपाल’ के नाम को बदलकर ‘राज्यपाल’ किये जाने का प्रस्ताव भी रखा गया है.

•    विधेयक लागू होने पर दिल्ली का गवर्नर, संविधान के अनुच्छेद 163 के अनुसार मंत्रीपरिषद् की सहायता एवं परामर्श पर कार्य करेगा.

 

 

=> सार्वजानिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक को 5367 करोड़ रुपए का नुकसान

 

सार्वजानिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में तेज बढ़ोतरी के कारण 31 मार्च 2016 को समाप्त वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में 5367.14 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ.

पंजाब नेशनल बैंक ने वित्त वर्ष 2014-15 की समान तिमाही में 306.56 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा कमाया था. पंजाब नेशनल बैंक के निदेशक मंडल की 18 मई 2016 को हुई बैठक के बाद बैंक ने तिमाही तथा वार्षिक वित्तीय आंकड़े जारी किए.

पीएनबी के अनुसार, बैंक का सकल एनपीए 31 मार्च 2015 के 25694.86 करोड़ रुपए (कुल ऋण उठाव का 6.55 प्रतिशत) से बढ़कर 31 मार्च 2016 को 55818.33 करोड़ रुपए (12.90 प्रतिशत) पर पहुंच गया. शुद्ध एनपीए भी 4.06 प्रतिशत से बढ़कर 8.61 प्रतिशत पर पहुंच गया. एनपीए के लिए प्रावधान करने से बैंक को उपरोक्त नुकसान हुआ.

31 मार्च 2016 को समाप्त वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के दौरान पीएनबी की कुल आमदनी भी 13455.65 करोड़ रुपए की तुलना में 1.33 प्रतिशत घटकर 13276.19 करोड़ रुपए रह गई. नुकसान में होने के कारण निदेशक मंडल ने शेयरधारकों को कोई लाभांश नहीं देने का फैसला किया है. पूरे वित्त वर्ष के दौरान समग्र आधार पर बैंक को 3689.77 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. वित्त वर्ष 2014-15 में उसे 3399.60 करोड़ रुपए का लाभ हुआ था. इस दौरान उसकी कुल आमदनी में 5.28 फीसदी का इजाफा हुआ. यह 54884.42 करोड़ रुपए से बढ़कर 57780.47 करोड़ रुपए पर पहुंच गया.