21-22 JULY 2016

डोपिंग के आरोपी खेल मंत्री यूरी नागोरनिख को निलंबित किया

रूस के प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव ने सोच्चि शीतकालीन ओलंपिक 2014 की डोपिंग रिपोर्ट में नाम आने के बाद उप खेल मंत्री यूरी नागोरनिख को 19 जुलाई 2016 को निलंबित कर दिया. 
रिपोर्ट में सोच्चि शीतकालीन ओलंपिक 2014 और अन्य प्रतियोगिताओं में बड़े पैमाने पर सरकार समर्थित डोपिंग का पता चला है.

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने डोपिंग मामले को लेकर पिछले साल कनाडा के खेल मामलों के वकील रिचार्ड मैकलारेन की अगुआई में एक जांच दल का गठन किया गया था.

इससे पहले वाडा ने भी रूसी एथलीटों को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं जिसमें रियो ओलंपिक खेल भी शामिल हैं, से वंचित किया जाने की मांग की.

डोप के आरोपों के कारण रूस के ट्रैक एंड फील्ड एथलीटों पर रियो ओलंपिक खेलों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया गया है.

अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति केबारे में -

  • अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के लॉज़ेन में है.
  • इसकी स्थापना पियरे डे कोबेर्टिन ने 23 जून 1894 को की गयी.
  • ग्रीक व्यापारी देमित्रिस विकेलस इसके प्रथम अध्यक्ष बने.
  • वर्तमान समय मे विश्व की कुल 205 राष्ट्रीय ओलम्पिक समितिया (एनओसी) इसकी सदस्य हैं.

डोपिंग क्या है-

  • प्रतिबंधित दवाओ का सेवन जो खेल में खिलाडी के प्रदर्शन को प्रभावित करे डोपिंग कहलाती है.
  • डोप टेस्ट का अंतरास्ट्रीय संस्था वाडा (WADA) देखभाल करती है जिसका इस समय मुख्यालय कनाडा का मोंट्रियल शहर है.
  • डोप टेस्ट की लैब कई अन्य शहरों में भी है.
  • अंतरराष्ट्रीय खेलों में ड्रग्स के बढ़ते चलन को रोकने के लिए बनाई गयी एक विश्वस्तरीय स्वतंत्र संस्था है.
  • अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा वाडा की स्थापना 10 नवंबर, 1999 को स्विट्जरलैंड के लुसेन शहर में की गई थी.

द ग्रेट डीरेंजमेंट: क्लाइमेट चेंज एंड द अनथिंकेबल: अमिताव घोष

भारतीय उपन्यासकार अमिताव घोष द्वारा लिखित द ग्रेट डीरेंजमेंट: क्लाइमेट चेंज एंड द अनथिंकेबल का 12 जुलाई 2016 को लोकार्पण किया गया.

यह पुस्तक साहित्यिक क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन को लिखे जाने की कठिनाईयों पर प्रकाश डालती है तथा लेखकों की मनुष्यों द्वारा व्यक्त किये जा रही परेशानियों के प्रति जवाबदेही को तय करती है.

घोष के अनुसार कार्बन अर्थव्यवस्था का इतिहास विरोधाभासों एवं विभिन्न विचारों से भरा पड़ा है तथा या एक पेचीदा वैश्विक मसला है.

घोष पुस्तक के अंत में यह सुझाव देते हैं की राजनीति भी साहित्य की तरह है जिसमें सामूहिक कारवाई की तुलना में व्यक्तिगत प्रभाव अधिक दिखता है. पुस्तक में लेखक लेखक आज के समय के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों को करने के लिए प्रोत्साहित करता है.

अमिताव घोष

अमिताव घोष प्रसिद्ध लेखक एवं उपन्यासकार हैं. उनकी प्रसिद्ध पुस्तकों में द सर्किल ऑफ़ रीज़न, द शैडो लाइन्स, इन अन एंटीक लैंड, डांसिंग इन कंबोडिया, द कलकत्ता क्रोमोसोम, द ग्लास पैलेस, द हंगरी टाइड एवं अन्य कई पुस्तकें शामिल हैं.

आनंद कुमार को लक्ष्मीपत सिंघानिया आईआईएम लखनऊ राष्ट्रीय लीडरशिप पुरस्कार से सम्मानित

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 16 जुलाई 2016 को बिहार के सुपर 30 कोचिंग संस्थान के प्रमुख आनंद कुमार को लक्ष्मीपत सिंघानिया आईआईएम लखनऊ राष्ट्रीय लीडरशिप पुरस्कार से सम्मानित किया. गणितज्ञ आनंद कुमार को वंचित विद्यार्थियों को आईआईटी में दाखिले के लिए सुपर 30 का संचालन करने के लिए प्रदान किया गया है. इसकी सहायता से सैकड़ों छात्रों का आईआईटी में दाखिले का सपना साकार हुआ है. सुपर 30 आर्थिक रूप से पिछड़े 30 मेधावी छात्रों का चयन करता है और उन्हें आईआईटी की परीक्षा के लिए तैयारी कराता है.
आनंद कुमार से संबंधित तथ्य:
•    आनंद बिहार की सुपर 30 नामक संस्था के संस्थापक है.
•    वर्ष 2010 में आनंद कुमार को बिहार सरकार द्वारा सर्वोच्च शिक्षा पुरस्कार मौलाना अब्दुल कलाम आजाद पुरस्कार सम्मानित किया गया.

•    स्नातक की पढ़ाई के दौरान ब्रिटेन के गणितीय स्पेक्ट्रम एवं गणितीय राजपत्र में संख्या सिद्धांत पर आनंद कुमार का पत्र प्रकाशित किया गया.
•    आनंद कुमार को तीन बार अमेरिका गणितीय एसोसिएशन एवं अमेरिकन गणितीय सोसायटी गणितीय ने संयुक्त रूप से आमंत्रित किया.
सुपर 30 संस्था से संबंधित तथ्य:
•    सुपर 30 संस्था को आनंद कुमार ने गणित के रामानुजन स्कूल के नाम से वर्ष 2002 में बिहार के पटना में स्थापित किया.
•    यह संस्था वंचितों परिवारों में से चयनित 30 छात्रों को आईआईटी जेईई प्रवेश परीक्षा में नि: शुल्क आवासीय एवं कोचिंग सुविधा उपलब्ध कराती है. सुपर 30 संस्था ने सामाजिक जागृति के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान हासिल की है.
•    सुपर 30 संस्था को टाइम पत्रिका ने वर्ष 2010 में एशिया की सर्वश्रेष्ठ सूची में शामिल किया था.
•    सुपर 30 संस्था को न्यूजवीक पत्रिका द्वारा दुनिया में चार सबसे अभिनव स्कूलों की सूची में शामिल किया गया.

सीसीईए ने कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में नए ड्राई डॉक के निर्माण हेतु मंजूरी प्रदान की

आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी (सीसीईए) ने 20 जुलाई 2016 को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) में नए ड्राई डॉक के निर्माण हेतु मंजूरी प्रदान की. 

इस डॉक का निर्माण 1799 करोड़ रुपये की लागत से किया जायेगा.

उद्देश्य: इस परियोजना से जहाज निर्माण/पोत निर्माण की क्षमता को विशिष्ट एवं तकनीकी रूप से सहायता प्राप्त होगी. साथ ही उन्नत बड़े जहाजों के दोहन के लिए आवश्यक क्षमता भी हासिल होगी.

बड़े जहाज जैसे तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) उच्च क्षमता वाले स्वदेशी विमानवाहक पोत, जैक अप रिग्स, ड्रिल शिप्स तथा अन्य बड़े जहाजों की मरम्मत के लिए सहायता प्राप्त होगी.

जहाजों के निर्माण के लिए सीएसएल द्वारा यह एक महत्वपूर्ण कदम है. यह केंद्र सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ योजना में भी भागीदारी सुनिश्चित करेगी.

केंद्र सरकार ने स्वदेश दर्शन योजना हेतु तीन राज्यों में 275 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी

पर्यटन मंत्रालय ने 19 जुलाई 2016 को स्वदेश दर्शन योजना के तहत हरियाणा, राजस्थान में कृष्णा सर्किट हेतु 195 करोड़ और गुजरात गुजरात में गांधी थीम हेतु 80 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी. विकास हेतु सरकार ने कुल 275 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी है.

स्वदेश दर्शन योजना हेतु केंद्रीय मंजूरी एवं निगरानी समिति (सीएसएमसी) की अध्यक्षता पर्यटन सचिव विनोद जुत्शी ने की.  

राजस्थान में कृष्णा सर्किट-

  • कृष्णा सर्किट के तहत, राजस्थान राज्य में श्रीनाथ जी (नाथद्वारा), गोविंद देवजी (जयपुर), कनक वृंदावन (जयपुर), चरन मंदिर (जयपुर), गलताजी मंदिर परिसर (जयपुर) और खाटू श्याम (सीकर) स्थलों को शामिल किया गया.
  • परियोजना की लागत लगभग 98.00 करोड़ रुपये होगी.
  • इस परियोजना के तहत इन स्थलों का विश्व स्तरीय ढांचागत विकास किया जाएगा.
  • जिसमें ऑडियो विजुअल और प्रोजेक्शन शो, स्थलों पर प्रकाश व्यवस्था, सौर प्रकाश व्यवस्था और सड़कों की प्रकाश व्यवस्था, पर्यटक सहायता केंद्रों का निर्माण, यात्री शेड, सड़क के किनारे सुविधाओं के ढांचागत विकास, पार्किंग, जनसुविधाओं, ओपन एयर थियेटर, सांस्कृतिक व्याख्या केंद्र, फव्वारे और बागवानी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

हरियाणा में कुरुक्षेत्र कृष्णा सर्किट में-

  • कुरुक्षेत्र (हरियाणा) और उसके आसपास स्थित स्थलों को हरियाणा राज्य के कृष्णा सर्किट में शामिल किया गया है.
  • ज्योतिसर, ब्रह्म सरोवर, सन्नहित सरोवर, नर्कातरी, बान गंगा, अमीन, अभिमन्यु का टीला स्थलों का विकास, स्नान घाट की सुविधा (लॉकर्स, चेंजिंग रूम, आदि), महाभारत थीम पार्क का निर्माण, वाटर चैनल और फव्वारे (परिदृश्य का हिस्सा; सरस्वती नदी), बहु उद्देशीय पर्यटक सूचना केंद्र, ब्रह्म सरोवर की प्रकाश व्यवस्था और ब्रह्म सरोवर मंदिर की प्रकाश व्यवस्था, म्यूजिकल फाउंटेन के साथ मल्टीमीडिया लेजर शो, पार्किंग और जनसुविधाओं के विकास आदि को इस परियोजना में शामिल किया गया है.
  • हरियाणा में कृष्णा सर्किट के एकीकृत विकास हेतु  ल परियोजना लागत 96.00 करोड़ रुपये होने का अनुमान है.

गुजरात में विरासत सर्किट-

  • गांधी थीम पर गुजरात की विरासत सर्किट में मुख्य ध्यान अहमदाबाद (कोचरब आश्रम, साबरमती आश्रम, डांडी पुल,), राजकोट (अल्फ्रेड हाई स्कूल, काबा गांधी नोडेलो, राष्ट्रीय शाला), पोरबंदर (कीर्ति मंदिर), बारदोली (सरदार पटेल संग्रहालय) और डांडी (गांधी स्मृति रेलवे स्टेशन, कराडी गांव, दांडी मेमोरियल) जैसे स्थलों को शामिल किया गया है.
  • इस परियोजना की कुललागत 80.00 करोड़ रुपये होने का अनुमान है.
  • अति आधुनिक ऑडियो विजुअल और प्रोजेक्शन शो, स्थलों की प्रकाश व्यवस्था, पर्यटक सुविधा केंद्रों का निर्माण, सड़क किनारे सुविधाओं का ढांचागत विकास, पार्किंग, जनसुविधाएं और बागवानी आदि शामिल हैं.

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने गोरखपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना हेतु मंजूरी प्रदान की

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 20 जुलाई 2016 को उत्तर प्रदेश स्थित गोरखपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना हेतु मंजूरी प्रदान की.

इस संस्थान की स्थापना प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत की जाएगी.

परियोजना के मुख्य बिंदु

•    गोरखपुर में एम्स की स्थापना के लिए 1011 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.

•    इस अनुमानित लागत में आवर्ती व्यय (मजदूरी, वेतन और संचालन, रखरखाव आदि) शामिल नहीं है.

•    आवर्ती व्यय को नए बन रहे एम्स के वार्षिक बजट से पूरा किया जायेगा.

•    इस संस्थान में 750 बिस्तरों वाले अस्पताल की व्यवस्था की जाएगी साथ ही आपातकाल, आईसीयू एवं सुपर स्पेशलिटी केंद्र भी स्थापित किया जायेगा.

•    इसमें एक प्रशासनिक खंड, आयुष खंड, ऑडिटोरियम, रात्रि निवास, हॉस्टल एवं निवास क्षेत्र की भी व्यवस्था की जाएगी.

•    इस नए एम्स से यहां की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त होगी.

•    इससे डॉक्टरों का एक ग्रुप भी तैयार होगा जिससे क्षेत्र में प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर के संस्थानों को कुशल स्वास्थ्य कर्मचारी मिल सकेंगे.

•    इस संस्थान में क्षेत्रीय रोगों एवं अन्य स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर अनुसंधान किया जायेगा.

पृष्ठभूमि

•    एम्स की स्थापना देश में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत की जा रही है.

•    इस योजना के तहत भुवनेश्वर, भोपाल, रायपुर, जोधपुर, ऋषिकेश एवं पटना में भी एम्स बनाये जायेंगे.

•    रायबरेली में एम्स का कार्य प्रगति पर है.

•    इसके अतिरिक्त, नागपुर (महाराष्ट्र), कल्याणी (पश्चिम बंगाल) एवं मंगलागिरी (आंध्र प्रदेश) में भी एम्स की स्थापना हेतु मंजूरी प्रदान की गयी.

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन विधेयक-2015 को मंजूरी प्रदान की

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 20 जुलाई 2016 को संसद में बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन विधेयक-2015 को मंजूरी प्रदान की.

संशोधन का उद्देश्य कानूनी एवं प्रशासनिक दृष्टि से विधेयक को मजबूती प्रदान करना है ताकि विधेयक की व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर किया जा सके तथा उसके क्रियान्वयन में आसानी हो सके.


विधेयक द्वारा बेनामी लेनदेन पर पूर्ण रोक लगाने तथा अनुचित व्यव्हार द्वारा कानून का गलत उपयोग रोका भी जायेगा.

इस संशोधन द्वारा सरकार को बेनामी संपत्ति को जब्त करने का अधिकार प्राप्त होगा. हालांकि, जिन लोगों ने आय घोषणा योजना के तहत अपनी बेनामी संपत्ति का ब्योरा दिया है उन्हें राहत दी जाएगी.

जम्मू-कश्मीर के न्यायायिक केस अब देश के दूसरे हिस्सों में ट्रांसफर किए जा सकेंगे

सिविल और क्रिमिनल कानून में प्रावधान न होने के बावजूद सुप्रीमकोर्ट ने न्याय हित में 19 जुलाई 2016 को जम्मू-कश्मीर राज्य से जुड़ा हुआ अहम फैसला देते हुए कहा है कि अब वहां के कोर्ट में लंबित मामले भी सुनवाई के लिए दूसरे राज्यों में भेजे जा सकते हैं.

अब तक ऐसा प्रावधान नहीं था. इस मामले में 11 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट आई जिन पर 5 जजों मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर न्यायमूर्ति फकीर मोहम्मद कलीफुल्ला, न्यायमूर्ति एके सीकरी, न्यायमूर्ति एसए बोबडे और न्यायमूर्ति आर भानुमति की संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया.

इनमें से 9 याचिकाएं दीवानी मुकदमें से संबंधित थी और 2 आपराधिक मुकदमें की सुनवाई दूसरे राज्य में स्थानांतरित कराना चाहती थीं

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला-

  • संविधान के अनुच्छेद 32, 136 और 142 में प्राप्त शक्तियों के तहत सुप्रीमकोर्ट को ऐसा आदेश देने का अधिकार है
  • जम्मू कश्मीर के केस भी देश के दूसरे हिस्सों में ट्रांसफर हो सकते हैं.
  • कोर्ट ने कहा कि न्याय पाना अनुच्छेद 21 के तहत दिये गये जीवन के अधिकार का एक पहलू है.
  • कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 32 के अलावा सुप्रीमकोर्ट संविधान के अनुच्छेद 142 में मिले विशेषाधिकार के तहत भी सुनवाई जम्मू कश्मीर से बाहर स्थानांतरित करने का आदेश दे सकता है.
  • संविधान का आर्टिकल 14 के अनुसार सबको न्याय पाने का अधिकार है.
  • अगर कोई किसी दूसरे राज्य में जाकर यात्रा करने में असमर्थ है तो वो एक तरह से न्याय पाने से वंचित है.
  • ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को आर्टिकल 136 के तहत अधिकार है कि वो सभी को न्याय दिलाए.
  • सीआरपीसी (CRPC) 25 के अनुसार देश के किसी राज्य से कोई केस दूसरे राज्य में ट्रांसफर हो सकता है.
  • लेकिन जम्मू-कश्मीर में रनबीर पैनल कोड आरपीएस (RPS) में ये प्रावधान नहीं है. इसलिए केस ट्रांसफर नहीं हो सकते थे.
  • जम्मू कश्मीर के केस देश में कहीं भी ट्रांसफर करने का अधिकार सुप्रीम कोर्ट को होगा.

बचाव में तर्क -

  • मुकदमें के स्थानांतरण का विरोध करने वालों की दलील थी कि सुप्रीमकोर्ट सीपीसी की धारा 25 और सीआरपीसी की धारा 406 के तहत दीवानी और फौजदारी के मुकदमों की सुनवाई एक राज्य से दूसरे राज्य की अदालत में स्थानांतरित करता है लेकिन ये दोनों कानून जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। इसके अलावा जम्मू कश्मीर सीपीसी 1977 और जम्मू कश्मीर सीआरपीसी 1989 में भी सुप्रीमकोर्ट को राज्य से बाहर मुकदमा स्थानांतरित करने के कोई प्रावधान नहीं दिये गये हैं। ऐसे में सुप्रीमकोर्ट राज्य के बाहर मुकदमें का स्थानांतरण नहीं कर सकता.

आईआरसीटीसी रेल यात्रियों के लिए 10 लाख रुपए का बीमा कराएगा

आईआरसीटीसी जुलाई 2016 के तीसरे सप्ताह में रेल यात्रियों के लिए 10 लाख रुपए का बीमा योजना कराने का घोषणा किया है. भारतीय रेलवे सितंबर 2016 से स्वैच्छिक यात्री बीमा योजना शुरू करने की तैयारी में है.

इसके तहत यात्रियों को प्रति टिकट 10 रुपए से भी कम के न्यूनतम प्रीमियम में 10 रुपए तक का इंश्योयरेंस कवर मुहैया कराया जाएगा.

ट्रेन हादसे में मौत या पूर्ण विकलांगता की स्थिति में यह बीमा राशि देय होगी. आईआरसीटीसी (IRCTC)  ने इसके लिए 17 बीमा कंपनियों को शॉर्ट लिस्ट किया है. रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने इस साल रेल बजट में यात्री बीमा स्कीम शुरू करने की घोषणा की थी.

फिलहाल, इस‍ योजना को ऑनलाइन टिकट बुक करने वाले यात्रियों के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाया जाएगा. बाद में से काउंटर टिकट और मासिक सत्र टिकट वाले यात्रियों के लिए भी बढ़ाया जा सकता है.

इस योजना के तहत मिलने वाली सुविधा:

इस योजना के तहत यात्री की मृत्युल या स्थायी विकलांगता की स्थिति में 10 लाख रुपए, घायल या आंशिक विकलांगता की स्थिति में 7.5 लाख रुपए, अस्पताल में भर्ती होने पर 5 लाख रुपए तथा मृत्यु के बाद लाश को पहुचाने के लिए 10,000 रुपए के बीमा का प्रावधान किया जाएगा.

बीमा का विकल्प:

ई-टिकट बुक करते हुए यात्री को बीमा का विकल्प चुनना होगा. प्रीमियम यात्रा की अवधि या दूरी पर तय किया सकता है. ऐसी भी योजना है कि बीमा राशि को बढ़ाकर यात्रियों को और सुविधा मुहैया कराई जा सकती है.

इससे यात्रियों को सफर के दौरान बीमे की सहूलियत तो मिलेगी ही, हादसों की स्थिति में रेलवे द्वारा दिए जाने वाले मुआवजे के खर्च में भी कमी आने की उम्मीद है.

बाबरी मस्जिद के मुस्लिम पक्षकार मोहम्मद हाशिम अंसारी का निधन

बाबरी मस्जिद के मुस्लिम पक्षकार मोहम्मद हाशिम अंसारी का लंबी बीमारी के बाद 20 जुलाई 2016 को अयोध्या में निधन हो गया. वे 95 वर्ष के थे. हाशिम अंसारी बीते 60 सालों से बाबरी मस्जिद केस को लड़ रहे थे.

उन्होंने 1949 में पहली बार इस मामले में मुकदमा दर्ज करवाया था. उस समय विवादित ढांचे के भीतर कथित रूप से मूर्तियां रखी गईं थीं.

हाशिम अंसारी से संबंधित मुख्य तथ्य:

•    हाशिम अंसारी का जन्म वर्ष 1921 में हुआ था.

•    हाशिम अंसारी 22 दिसंबर 1949 को अयोध्या अधिगृहित परिसर में प्रकट हुए रामलला के मुकदमे में गवाह थे.
•    वर्ष 2014 में उन्होंने केस से नाम वापस लेने का एलान किया था.
•    अयोध्या भर में ‘चचा’ नाम से प्रख्यात थे. 
•    हाशिम का परिवार कई पीढ़ियों से अयोध्या में रह रहा है.
•    उनका हिन्दू और मुसलमान दोनों में बराबर का सम्मान था.
•    वर्ष 1975 में जब देश में इमरजेंसी लगाई गई थी तब हाशिम अंसारी को गिरफ्तार किया गया था और करीब 8 महीने वे जेल में रहे थे

जीएसटी विधेयक: एक संक्षिप्त समीक्षा

वर्तमान में संसद का मानसून सत्र चल रहा है और इस सत्र में जिस विधयेक पर सबकी नज़र है वह है- गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) विधेयक. इसे वर्तमान सरकार हर हाल में इस सत्र में राज्य सभा से पास करना चाहेगी. लोकसभा से यह विधेयक पहले ही पास हो चुका है. लेकिन इससे संबधित कई ऐसे मुद्दे है, जिसपर विपक्ष को विश्वास में लिए बिना इस बिल को पास करा पाना संभव नहीं लग रहा. लेकिन, गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) विधेयक अगर इस मानसून सत्र में पास हो जाता है तो इससे देश के टैक्स संरचना में बड़ा बदलाव होगा. अगर यह बिल संसद में पास हो जाता तो सरकार इस बिल को वर्ष 2016 से ही लागू कर देगी.

जीएसटी के लागू होने से हर सामान और हर सेवा पर सिर्फ एक टैक्स लगेगा यानी वैट, एक्साइज और सर्विस टैक्स की जगह एक ही टैक्स लगेगा. आम आदमी को जीएसटी से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पूरे देश में सामान पर देश के लोगों को एक ही टैक्स चुकाना होगा. जिससे पूरे देश में किसी भी सामान की कीमत एक ही रहेगी. वर्तमान में वस्तुओं पर भिन्न-भिन्न प्रकार के टैक्स लगते हैं. यदि जीएसटी लागू होता है तो आप किसी भी राज्य में रहते हो, आपको हर सामान एक ही कीमत पर मिलेगा.

भारत में वर्ष 2006-07 के आम बजट में पहली बार इसका जिक्र किया गया था. इसके तहत वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले अधिकतर करों को जीएसटी के अंतर्गत लाने का प्रस्ताव है. इसके लागू होते ही केंद्र को मिलने वाली एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स सब खत्म हो जाएंगे तथा राज्यों को मिलने वाला वैट, मनोरंजन कर, लक्जरी टैक्स, लॉटरी टैक्स, एंट्री टैक्स, चुंगी वगैरह भी खत्म हो जाएगी.

विदित हो कि राज्य सभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की शक्ति बढ़ी है और राजग के पास 81 सदस्य हैं. वर्तमान में जीएसटी बिल राज्य सभा में पास कराने के लिए कुल 164 सदस्यों का समर्थन चाहिए. ऐसे में इस बिल के लिए समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, जनता दल यूनाइटेड, बीजू जनता दल, बहुजन समाज पार्टी तथा कुछ अन्य छोटे दलों का समर्थन मोदी सरकार को पूर्व में ही प्राप्त है. इसके साथ ही साथ पिछले कुछ दिनों में जीएसटी को लेकर सरकार और कांग्रेस के बीच मतभेद कम हुए हैं. मॉनसून सत्र की शुरुआत में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस उस किसी भी विधेयक का समर्थन करेगी, जो देश, जनता और विकास के हित में हो. इसके साथ ही कांग्रेस ने कहा है कि वह जीएसटी के विरोध में नहीं है. लेकिन उसकी कुछ आशंकाओं का समाधान जरूरी है. कांग्रेस पार्टी ने जीएसटी दर 18 प्रतिशत रखने, 1 प्रतिशत अतिरिक्त कर से दूर रहने और विवाद निपटारा प्राधिकरण बनाए जाने की बात कही है. कांग्रेस मांग करती रही है कि जीएसटी दरों को संविधान का हिस्सा बनाया जाए. मगर सरकार का कहना है कि यह व्यावहारिक सुझाव नहीं है. अगर भविष्य में सरकार चाहती है कि दरों में बदलाव की जरूरत है, तो फिर से संविधान में संशोधन करना होगा. विश्व के ज्यादातर देशों में जीएसटी दरें कानून के रूप में हैं न कि संवैधानिक स्वरूप में.

ज्ञातव्य हो कि जीएसटी विधेयक में कर की दर को परिभाषित करने की व्यवस्था दी गई है. इन दरों में सामान्य बहुमत से कभी भी बदलाव किया जा सकता है. प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में बनी समिति ने मानक जीएसटी दर 17 से 18 प्रतिशत के बीच रखने का प्रस्ताव किया है. अभी उपभोक्ता औसतन 22-23 फीसद टैक्स चुकाते हैं. यहाँ यह उल्लेखनीय है कि जीएसटी की दर 18 प्रतिशत तय करने के मसले पर सरकार को 19 जुलाई 2016 को प्रमुख क्षेत्रीय दलों और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विशेष सहारा मिला है. लेकिन कांग्रेस इस बात पर जोर देती रही है कि जीएसटी पर संविधान संशोधन विधेयक में जीएसटी की दर 18 प्रतिशत रखी जानी चाहिए. ऐसे में अब जीएसटी की दर 18 फीसद तय करने में आम सहमति बनते हुए दिखाई दे रही है.

राज्यों के वित्तमंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति की जून 2016 में जीएसटी मसौदा कानून पर महत्त्वपूर्ण बैठक हुई. इसमें प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए केंद्र सरकार व राज्यों के बीच प्रशासनिक मतभेद को दूर करने के लिए केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने एक समिति का गठन किया गया. यह समिति करदाताओं से संबंधित प्रमुख मसलों को चिह्नित करेगी और बातचीत के माध्यम से उनका समाधान करेगी. इन मसलों में प्रशासनिक सीमा और पुनरीक्षण की शक्तियां शमिल हैं.

हाल ही में भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचैम) ने कहा कि संसद के चालू मॉनसून सत्र में यदि जीएसटी पारित होता है तो यह देश के लिए अधिक लाभप्रद सिद्ध होगा. इस समय जबकि मुद्रास्फीति में तेजी है और औद्योगिक वृद्धि में नरमी है, तब जीएसटी विकास संबंधी नकारात्मक स्थितियों से बचाएगा. यह भी कहा गया है कि जीएसटी लागू होने से देशी-विदेशी निवेश बढ़ेगा, महंगाई कम होगी. वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने अपनी नई अध्ययन में बताया है कि भारत में जीएसटी के शीघ्र लागू होने से निवेश की चमकीली संभावनाएं आकार ग्रहण कर सकती हैं.

विदित हो कि दुनिया के 150 से अधिक देशों में जीएसटी जैसी कर व्यवस्था लागू है. वस्तुत: लम्बे समय से जीएसटी का लागू होना देश में टैक्स सरलीकरण की दिशा में महत्त्वपूर्ण जरूरत अनुभव की जाती रही है. उल्लेखनीय है कि फिलहाल देश में किसी वस्तु का उत्पादन होता है, तो उस पर राज्य और केंद्र स्तर पर अलग-अलग तरह के टैक्स लगते हैं.

इसमें बात में कोई दो राय नहीं है कि जीएसटी का जो संशोधित विधेयक तैयार हुआ है, वह भारतीय अर्थव्यवस्था एवं आम लोगों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा. जीएसटी व्यवस्था से उत्पादक प्रदेश और उपभोक्ता प्रदेश दोनों को ही लाभ होगा. क्योंकि, इसमें ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है कि जो राजस्व वसूल होगा, उसका जितना भाग केंद्र को दिया जाना होगा और जितना भाग राज्य को दिया जाना होगा, वह शीघ्रतापूर्वक केंद्र और राज्य को हस्तांतरित हो जाएगा. इससे कर राजस्व वितरण संबंधी विवादों की संभावना कम होगी तथा देश की अर्थव्यवस्था को एक नई रफ़्तार मिलेगी.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने घाटमपुर उप्र में 1980 मेवा क्षमता की थर्मल बिजली परियोजना को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश में 1980 मेगावाट क्षमता वाली (3 X 660 मेगावाट) कोयला आधारित घाटमपुर ताप बिजली परियोजना (जीटीपीसी) की स्थाlपना को मंजूरी दे दी.
मंत्रिमंडल के आर्थिक मामलों की समिति की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  ने की.

इस परियोजना को ‘नेयवेली उत्तर प्रदेश पावर लिमिटेड (एनयूपीपीएल)’ नामक संयुक्तत उपक्रम कंपनी के माध्यम से स्थापित किया जाएगा.

जिसे नेयवेली लिगनाइट कारपोरेशन लिमिटेड (एनएलसी) और उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन लिमिटड (यूपीआरवीयूएनएल) द्वारा संयुक्त रूप से गठित किया है.

परियोजना के बारे में-

  • इस परियोजना को 3,202.42 करोड़ रूपये ब्याज घटक सहित 17,237.8 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से कार्यान्वित किया जाएगा.
  • शुरूआत की तिथि से परियोजना की पहली इकाई, दूसरी इकाई और तीसरी इकाई में उत्पादन का काम क्रमश: 52 महीने, 58 महीने और 64 महीने में शुरू कर दिया जाएगा.
  • परियोजना 13वीं पंचवर्षीय योजना अवधि में उत्पादन का शुभारम्भ कर देगी.
  • जीटीपीएस द्वारा उत्पादन की गई बिजली (लगभग 14000 एमयू प्रतिवर्ष) की आपूर्ति मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के लिए की जाएगी.
  • जीटीपीएस में कोयले की आवश्यवकता को पूरा करने हेतु कोयला मंत्रालय ने झारखंड राज्य स्थित पचवाड़ा दक्षिणी कोयला ब्‍लॉक आबंटित किया.

भारतीय निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रीय मतदाता सूची शुद्धिकरण-2016 की शुरूआत की

भारतीय निर्वाचन आयोग ने 20 जुलाई 2016 को राष्ट्रीय मतदाता सूची शुद्धिकरण-2016 की शुरूआत की. मतदाताओं को सुविधाजनक स्थान पर स्थित भवनों तक पहुंचने और उन्हें बिना किसी परेशानी के अपने वोट डालने के लिए उनकी सहायता करना. वर्ष 2016 के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग का उद्देश्य है कि "कोई भी मतदाता पीछे न छूटे".
इसका उद्देश्य मतदाता सूचियों की शुचिता और निष्ठा को बढ़ाना और मतदाताओं को अपने-अपने मतदान केंद्रों तक आसानी से पहुंचने में सहायता प्रदान करने के लिए मतदाताओं की सुविधा हेतु मतदाता केंद्रों का मानकीकरण करना है.
एनईआरपी 2016 के लक्ष्य हैं:
•    मतदाता सूचियों में सुधार लाने के लिए एक मिशन के रूप में सभी पात्र नागरिकों को शामिल करना.
•    मतदाता सूचियों में कोई त्रुटि न होना.
•    विशिष्ट मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) संख्या के साथ प्रत्येक पात्र मतदाता के लिए एकल मतदाता सूची प्रवेश.
•    सभी अनुपस्थित (ए) / स्थान बदलने वाले (एस) / मृत (डी) मतदाताओं की प्रविष्टियों. 
•    उनके दोहराव को हटाना और फोटो मतदाता सूची (पीईआर) को भारतीय निर्वाचन आयोग के मानकों की पुष्टि करते हुए प्रत्येक मतदाता के अच्छी गुणवत्ता वाले सही फोटो के साथ, फोटो मतदाता सूचियां सुनिश्चित करना.
•    मतदाताओं के संपर्क विवरणों को प्राप्त करके मतदाताओं को भारतीय निर्वाचन आयोग से जोड़ना. 
•    मतदान केंद्रों की चारदीवारियों और स्थल का मानकीकरण और जीआईएस प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए सेक्सनों के मानकीकरण के साथ चारदीवारियों के हिस्से के अधिकतम उपयोग द्वारा मतदान केंद्रों के नक्शे में सुधार करना.
•    मतदान केंद्रों को हिस्सों या आसन भागों में और संशोधित मतदाता केंद्र नक्शे को ‘मतदान केंद्र तक कैसे पहुंचे’ दर्शाने वाले नक्शे के हिस्से द्वारा स्थानांतरण करना.
•    इसके लिए मतदान केंद्र भवन के फोटो और न्यूनतम मूल सुविधाओं के विवरण के साथ परिमापित मतदान केंद्र कक्ष की ड्राइंग को भी शामिल किया जाएगा.
•    आयोग ने एनईआरपी 2016 की व्यापक फील्ड कार्यान्वयन चरण की शुरूआत की है.
नागरिकों और मतदाताओं की मतदान सूची से संबंधित सेवाओं में आसान पहुंच उपलब्ध कराने के लिए फील्ड कर्मचारियों द्वारा परिवार के सदस्यों के मोबाइल नंबर / ई-मेल आईडी का स्वैच्छिक संग्रह करना
एनईआरपी-2016 का उद्देश्य प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग और ‘स्वीप’ रणनीति के द्वारा मतदाता सूचियों की शुचिता में सुधार करना है.

कनाडा मनुष्यों पर जीका वैक्सीन का प्रयोग करेगा

कनाडा यूनिवर्सिटी ने जुलाई 2016 को यह घोषणा की कि वह पहली जीका वैक्सीन का प्रयोग मनुष्यों पर करेगा. यह वैक्सीन अभी विकसित की जा रही है जिसका भविष्य में मनुष्यों पर प्रयोग किया जायेगा. अब तक इसका प्रयोग केवल चूहों पर किया गया है.

यूनिवर्सिटी लावल के प्रोफेसर गैरी कोबिंगर ने कहा कि वे इस अंतरराष्ट्रीय टीम का सदस्य बनकर बेहद प्रसन्न हैं एवं इस प्रयोग के सभी चरणों को पूरा करने में पूरा सहयोग करेंगे.

जीका वैक्सीन को यूएस फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन एवं हेल्थ कनाडा द्वारा स्वीकृति दी जा चुकी है.

कोबिंगर पेशे से माइक्रोबायोलॉजी एवं मेडिसिन के प्रोफेसर एवं डॉक्टर हैं तथा वे इस शोध में आरंभ से जुड़े रहे हैं.

जीका वायरस

•    यह बीमारी एडिस मच्छर के काटने से होती है.

•    जीका से पीड़ित व्यक्ति को बुखार, त्वचा पर चकते, कंजक्टीवाइटिस, जोड़ों में दर्द, सरदर्द आदि लक्षण दिखाई देते हैं. यह लक्षण अधिकतर 2-7 दिन तक रहते हैं.

•    जीका वायरस से होने वाली स्नायु तंत्र की परेशानियों के कारण भी यह खतरनाक माना जाता है .

•    इससे जन्म लेने वाले बच्चों में अत्यधिक खतरा देखा गया है.

•    इस बीमारी का अभी तक कोई इलाज ढूंढा नहीं जा सका है.

•    करीब दर्जन भर कम्पनियां जीका वायरस के शोध में लगी हैं जिसमें फ्रांस की सनोफी एवं भारत की भारत बायोटेक भी शामिल हैं.

उत्तर प्रदेश सरकार ने जनेश्वर मिश्र राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना की धनराशि बढ़ाए जाने का प्रस्ताव मंजूरी दी

उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद ने जनेश्वर मिश्र राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना की धनराशि बढ़ाये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है.

संशोधित प्रावधान -

  • नए प्रावधान में इस योजना की गाइडलाइन्स को अपरिवर्तित रखा गया है.
  • वित्तीय वर्ष 2016-17 से जनेश्वर मिश्र राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना के अन्तर्गत प्रथम स्तर के पुरस्कार की राशि 50 हजार रुपये को बढ़ाकर एक लाख रुपये एवं द्वितीय स्तर के पुरस्कार की धनराशि 35 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की गयी है.
  • तृतीय पुरस्कार की धनराशि 25 हजार रुपए यथावत रहेगी.
  • पुरस्कार वितरण का आयोजन हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग द्वारा सम्पादित किया जाएगा.

राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना के बारे में-

  • प्रदेश के हथकरघा बुनकरों को प्रोत्साहित किये जाने तथा उनके उत्कृष्ट कार्या को मान्यता देने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा यह पुरस्कार योजना चलायी जा रही है.
  • योजना के अनुसार पुरस्कार हेतु बुनकरों का चयन द्विस्तरीय-परिक्षेत्र स्तर पर तथा राज्य स्तर पर किये जाने का प्राविधान है.
  • परिक्षेत्र स्तर पर पुरस्कार हेतु सम्बन्धित बुनकरों के उत्पादों का चयन परिक्षेत्रीय चयन समिति द्वारा किया जाता है.
  • जिसमें सम्बन्धित परिक्षेत्रीय जनपद के जिलाधिकारी (अध्यक्ष), परिक्षेत्रीय सहायक आयुक्त हथकरघा (संयोजक/सदस्य) के अतिरिक्त संयुक्त निदेशक उद्योग, क्षेत्रीय प्रबन्धक यूपिका, प्रोजेक्ट, आॅफिसर हथकरघा निगम, प्रभारी समीपस्थ बुनकर सेवा केन्द्र सदस्य होते हैं.
  • आयुक्त एवं निदेशक, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग की अध्यक्षता में गठित चयन समिति राज्य स्तर पर पुरस्कारों का चयन करती है.

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने तीन महीने के लिए आपातकाल की घोषणा की

तुर्की में तख़्तापलट की नाकाम कोशिश के बाद राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने 20 जुलाई 2016 को तीन महीने के आपातकाल की घोषणा की है.

तुर्की में 2016 तख्तापलट के प्रयास:

जुलाई 2016 को तुर्की में सेना ने तख्तापलट की कोशिश की जिसमें कई लोग मारे गए. एयरपोर्ट सहित कई महत्वपूर्ण जगहों पर विद्रोही सेना द्वारा कब्जा कर लिया गया और सेना ने दावा किया कि उसने देश की सत्ता पर कब्जा कर लिया है.

तख्तापलट का प्रभाव:

300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 1000 से ज्यादा लोग घायल हो गए है. जबकि 5000 विद्रोही सैनिकों गिरफ्तार किये जा चुके है.

तुर्की में 100 से ज़्यादा जनरल और एडमिरलों को हिरासत में लिया गया था. 21000 अध्यापकों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं. 1577 विश्वविद्यालय डीनों से इस्तीफ़ा ले लिया गया है.

8000 पुलिस अधिकारियों और 1500 वित्त मंत्रालय के कर्मचारियों समेत प्रधानमंत्री कार्यालय के 257 अफ़सरों को निलंबित कर दिया गया है.

वर्ष 1987 में दक्षिण पूर्वी तुर्की के एक हिस्से में आपातकाल की घोषणा की गई थी. जिसके अंतर्गत अधिकारियों को कर्फ्यू लगाने की इजाजत दी गई थी. लोगों की गिरफ्तारी के व्यापक अधिकार दिए गए थे. इसके अलावा गैरकानूनी ढंग से इकठ्ठा लोगों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे. उस समय आपातकाल का मकसद कुर्दिश लड़ाकों पर नियंत्रण स्थापित करना था. हालांकि 2002 तक धीरे-धीरे आपातकाल हटा लिया गया था.

22July

ग्रेटर नोएडा में विश्व स्तरीय गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी स्थापित की जाएगी

भारतीय बैडमिंटन टीम के कोच और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता पुलेला गोपीचंद ग्रेटर नोएडा के शहीद विजय सिंह पथिक स्टेडियम में विश्व स्तरीय बैडमिंटन अकादमी खोलने के लिए तैयार हैं.
इस अकादमी के लिए गोपीचंद ने ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास परिषद और खेल प्रबंधन कंपनी स्पोर्ट्सलिव से करार किया है. इस संबंध में 20 जुलाई 2016 को समझौते पर जीएनआईडीए के सीईओ दीपक अग्रवाल ने हस्ताक्षर किए.

अकादमी के बारे में-

  • हैदराबाद के बाद यह उत्तर भारत में गोपीचंद की पहली अकादमी होगी.
  • ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण विकसित किए गए शहीद विजय सिंह पथिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में अकादमी में खोली जाएगी.
  • गोपीचंद अकादमी का प्रबंधन स्पोर्ट्सलिव करती है.
  • सेंटर ऑफ एक्सिलेंस में 8-15 आयुवर्ग के करीब 25 प्रतिभाशाली छात्र है.
  • अकादमी में छात्रों की प्रतिभा को निखारने के लिए विदेशी कोच और अन्य भारतीय कोच भी हैं.
  • अकादमी उन सभी तरीकों और तकनीक का प्रयोग करेगी, जिसे अब तक गोपीचंद ने प्रयोग में लिया है.
  • इसके अलावा अकादमी में वैश्विक स्तर की तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा.
  • व्यावसायिक, तकनीकी और सुविधाओं के प्रबंधन की जिम्मेदारी स्पोर्ट्सलिव, गोपीचंद और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स मिलकर उठा रही हैं.
  • अकादमी का संचालन इस साल अक्टूबर से शुरू होगा.
  • इससे उत्तर भारत में बैडमिंटन को बढ़ावा मिलेगा.
  • अकादमी को हैदराबाद में बनाए गए एक्सिलेंस सेंटर की तर्ज पर विकसित किया गया है.

वैज्ञानिकों ने पहली बार 6000 वर्ष पुराने जौ के दानों के जीन्स अनुक्रमण में सफलता प्राप्त की

वैज्ञानिकों ने पहली बार 6000 वर्ष पुराने जौ के दानों के जीन्स का अनुक्रमण करने में सफलता प्राप्त की.

इससे यह प्राचीनतम जौ के दाने सबसे पुराने प्लांट के जीनोम बन गये हैं. इससे पहले केवल प्रागेतिहसिक काल की मकई को अनुवांशिक रूप से जांचा गया था.

इस शोध को पत्रिका नेचर जेनेटिक्स में 18 जुलाई 2016 को प्रकाशित किया गया.

अध्ययन के मुख्य बिंदु

•    6000 वर्ष पुराने इन जौ के दानों को मृत सागर के निकट इजराइल की योरम गुफा से प्राप्त किया गया.

•    दक्षिणी लेवंत में उगाया गया वर्तमान जौ प्रागेतिहासिक काल के जौ से मिलता-जुलता है.

•    इससे यह भी पता चलता है कि जौ की खेती ऊपरी जॉर्डन घाटी में आरंभ हुई.

•    इस अनाज का अन्य सैंकड़ों पौधों के साथ इसराइल में हाइफ़ा विश्वविद्यालय, जेरूसलम के हिब्रू विश्वविद्यालय और निमरॉड मारोम में गहन अध्ययन किया गया.

•    इन पौधों की सही आयु का पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने अनाज के आधे भाग को रेडियोकार्बन प्रणाली द्वारा जांचा. अनाज के दूसरे आधे भाग को पुरातन डीएनए के तहत जांचा गया.

ग्लोबल रिटायरमेंट सूचकांक में भारत सबसे अंतिम स्थान पर

20 जुलाई 2016 को जारी किए गए ग्लोबल रिटायरमेंट सूचकांक में भारत सबसे अंतिम स्थान पर है. एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बावजूद भारत में सेवानिवृत्त यानी रिटायर्ड लोगों की स्थिति बेहद दयनीय है. ग्लोबल रिटायरमेंट सूचकांक के मुताबिक भारत फिसड्डी है. ग्लोबल असेट मैनेजमेंट के चौथे वार्षिक ग्लोबल रिटायरमेंट इंडेक्स (जीआरआई) में भारत को सबसे निचले पायदान पर रखा गया है जो इसे सेवानिवृत्त होने वाले लोगों के लिए विश्व का सबसे खराब देश बना रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत सेवानिवृत बुजुर्गों के लिए सबसे बुरी जगह है.

ग्लोबल इंडेक्स के मुताबिक विश्व के टॉप 3 देश:

•    स्विटजरलैंड पहले स्थान

•    नॉर्वे दुसरे स्थान

•    आइसलैंड तीसरे स्थान

•    जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका 14वें स्थान पर है.

इस लिस्ट के मुताबिक स्विट्जरलैंड, नॉर्वे और आइसलैंड विश्व के टॉप 3 देश हैं जो रिटायर्ड लोगों के लिए सबसे बढ़िया हैं. इस सूची में 43 देश शामिल हैं और बीते 150 सालों में उनकी तुलना की गई है. इन देशों में 34 अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की विकसित अर्थव्यवस्थाएं, 5 ओईसीडी और 4 ब्रिक्स के सदस्य हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक सालाना सेवानिवृत्ति सूचकांक में रिटायर हो चुके या होने वाले लोगों के लिए ग्लोरबल बेंचमार्क शामिल किया गया. फिर इसके आधार पर रिटायरमेंट के बाद उनकी जरूरतों, उम्मीदों और भरोसे को पूरा करने वाले देशों का आकलन और उनकी तुलना की गई है. वर्ष 2015 के सर्वे में भारत 150 देशों में 88वें स्थान पर था जो अब सबसे पिछड़े देश में शुमार हो गया है.

पूर्व फ्रेंच साइकिलिस्ट डोमिनिक अरनोद का निधन

पूर्व फ्रेंच साइकिलिस्ट डोमिनिक अरनोद का फ्रांस स्थित एकुईटेन में 20 जुलाई 2016 को कैंसर के कारण निधन हो गया. वे 60 वर्ष के थे.

डोमिनिक अरनोद

•    उनका जन्म 19 सितम्बर 1955 को टार्नोस, फ्रांस में हुआ. वे एक फ्रेंच रेसिंग साइकिलिस्ट थे. 

•    उन्होंने टूर डी फ्रांस में 11 बार भाग लिया. टूर डी फ़्रांस साइकिलिंग का एक वार्षिक आयोजन है.


•    उन्होंने वुलेटा में तीन स्टेज में जीत दर्ज की थी.

•    उन्होंने 1983 में टूर डी लिमोसिन जीती. यह रेस चार दिन तक चली थी जिसका आयोजन लिमोसिन, फ्रांस में हुआ.

मंत्रिमंडल ने अंबुजा सीमेंट लि के होलकिम (इंडिया) प्राइवेट लि के 24 प्रतिशत शेयरों के अधिग्रहण प्रस्ताव को मंजूरी दी

मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने 21 जुलाई 2016 को मेसर्स अंबुजा सीमेंट लिमिटेड के मेसर्स होल्ड रिंड इनवेस्टशमेंट लिमिटेड और बाद में शेयरों के रिवर्स मर्जर से होलकिम (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के 24 प्रतिशत शेयरों के अधिग्रहण के प्रस्ताशव को मंजूरी दे दी. समिति की अध्य्क्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र  मोदी ने की.

इससे 3500 करोड़ रूपये के समतुल्ये लेनदेन होगा.

इन लेनदेन से लाफार्ज होलकिम ग्रुप भारत में अपने संचालन से महत्व पूर्ण लाभ प्राप्त  करने की दृष्टि से (अंबूजा और एसीसी के मौलिक और सहायक कंपनी बन जाने के साथ) एक कारपोरेट ढांचा तैयार कर पाने में सक्षम हो जाएगा.

इससे देश भर में अपनी उपस्थिति मजबूत करने, ऋणमुक्तह बैलेंसशीट और नकदी प्रवाह कायम करने, आगामी विस्ताेर के लिए बड़ी संभावनाएं तैयार करने तथा रोजगार के अवसर तैयार करने में मदद मिलेगी.

अंबुजा सीमेंट लि के बारे में-

  • भारत में प्रमुख सीमेंट कंपनियों में से एक अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड  विश्व स्तरीय कम्पनी लाफार्ज होल्किम का हिस्सा है.
  • अंबुजा सीमेंट की पांच एकीकृत विनिर्माण संयंत्र और देश भर में आठ सीमेंट इकाइयों के साथ 29.65 लाख टन की सीमेंट तैयार करने की क्षमता है.
  • यह पहली भारतीय सीमेंट निर्माता कंपनी है जो देश के पश्चिमी समुद्र तट बंदरगाह के साथ चार टर्मिनलों पर एक साथ प्रभावी लागत और पर्यावरण क्लीनर अपने ग्राहकों को थोक सीमेंट के लदान की सुविधा प्रदान करती है.
  • अंबुजा सीमेंट 30 साल से संचालित अपनी अनूठी सतत विकास परियोजनाओं और पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं के साथ सुविधा जनक घर  निर्माण सामिग्री समाधान प्रदान करती है.

होलकिम (इंडियाप्राइवेट लि के बारे में-

  • 90 देशों में सुदृढ़ रूप से संचालित सीमेंट, कंक्रीट समुच्चय के साथ, लाफार्ज होलकिम (छह स्विस एक्सचेंज, यूरोनेक्स्ट पेरिस: एलएचएन) निर्माण सामग्री उद्योग में दुनिया की अग्रिणी कंपनी है.
  • दुनिया भर भर इस कंपनी में 115,000 कर्मचारियों कार्यरत हैं और 2014 में 33 अरब स्विस फ्रैंक (अरब यूरो 27) के संयुक्त शुद्ध बिक्री है.

भारत एवं मोज़ाम्बिक के मध्य हवाई सेवा आरंभ करने हेतु समझौते को मंजूरी प्रदान की गयी

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 20 जुलाई 2016 को भारत एवं मोज़ाम्बिक के मध्य हवाई सेवा आरंभ किये जाने हेतु किये गये समझौते को मंजूरी प्रदान की.

अब तक भारत और मोज़ाम्बिक के बीच इस तरह की सेवा नहीं चलाई जा रही थी. दोनों देशों को हवाई मार्ग द्वारा जोड़ने के लिए वर्ष 2011 में इस मुद्दे पर चर्चा आरंभ की गयी एवं समझौते को अंतिम रूप प्रदान किया गया.

हवाई सेवा समझौते के मुख्य बिंदु

•    दोनों देशों द्वारा एक-दूसरे देश के विभिन्न स्थानों के लिए सेवा आरंभ की जाएगी.

•    इन हवाई सेवाओं के लिए विभिन्न प्राइवेट कम्पनियां अपनी सेवाओं के लिए आवेदन कर सकती हैं.

•    इसके लिए चुनी गयी विमान सेवा कम्पनियों द्वारा दोनों देशों अथवा विदेश में ऑफिस आरंभ किये जा सकते हैं.

•    दोनों देशों की विमान कम्पनियों के पास चुनिंदा रूट पर विमान सेवाओं के साथ अन्य सेवाओं के लिए भी अवसर उपलब्ध होंगे.

•    सुरक्षा एवं रक्षा संबंधी मुद्दों पर चुनिंदा कम्पनियों के लाइसेंस अथवा ऑपरेटिंग प्राधिकरण रद्द किये जा सकते हैं.

सुजलान समूह मध्य प्रदेश में 58.8 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजना स्थापित करेगा

सुजलान समूह मध्य प्रदेश के देवास जिले में 58.80 मेगावाट की पवन उर्जा परियोजना स्थापित करेगा. इस सम्बन्ध में 21 जुलाई 2016 को मध्य प्रदेश सरकार और कंपनी के मध्य समझौता हुआ है.

सुजलान समूह के अनुसार ‘‘सुजलान समूह को मध्य प्रदेश में 58.80 मेगावा की क्षमता वाली पवन उर्जा परियोजना स्थापित करने के लिए इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर (आईपीपी) से आर्डर मिला है.

परियोजना के बारे में-

  • इस परियोजना के जरिए 32,000 परिवारों को बिजली पहुंचाई जा सकेगी.
  • यह परियोजना पर्यावरण फ्रेंडली होगी.
  • सालाना 1.2 लाख टन कार्बन डायआक्साइड का उत्सर्जन कम होगा.

सुजलान समूह के बारे में -

  • सुजलान समूह विश्व की प्रमुख नवीकरणीय ऊर्जा समाधान प्रदाताओं में से एक है और यह एशिया, आस्ट्रेलिया, यूरोप, अफ्रीका और उत्तरी तथा दक्षिण अमेरिका के 19 देशों में परिचालन करती है.
  • समूह का पवन ऊर्जा कारोबार 19 देशों में है.
  • सुजलान पवन चक्की बनाने वाली विश्व की पांचवी सबसे बड़ी कंपनी है.

भारत में पवन ऊर्जा की स्थिति-

सुजलान एनर्जी ने पांच सौर कंपनियों का अधिग्रहण किया

  • भारत में पवन ऊर्जा की स्थापित क्षमता दुनिया में पांचवें स्थान पर है.
  • भारत में पवन ऊर्जा का विकास 1990 के दशक में शुरू हुआ.
  • 31 अक्टूबर 2009 तक भारत में स्थापित पवन ऊर्जा की क्षमता 11806.69 मेगावाट थी. पिछले कुछ वर्षों में इसमें वृद्धि हुई है.
  • भारत में स्थापित कुल ऊर्जा क्षमता का 6% पवन ऊर्जा से प्राप्त होता है. देश की ऊर्जा का 1% इससे उत्पन्न होती है.
  • भारत पवन एटलस भी तैयार कर रहा है.

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी के संस्थापन को मंजूरी प्रदान की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कंपनी अधिनियम-2013 के तहत 20 जुलाई 2016 को सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी (एसडीसी) के संस्थापन को मंजूरी प्रदान की. एसडीसी जहाजरानी मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में होगी. 

यह विशेष उद्देशीय कंपनी (एसपीवी) परियोजना को इक्विटी सहायता और सागरमाला कार्यक्रम के तहत अवशिष्ट परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. एसडीसी की स्थापना कंपनी अधिनियम 2013 के तहत 1,000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक प्राधिकृत शेयर पूंजी और 90 करोड़ रुपये की सदस्यता शेयर पूंजी के साथ की जाएगी.

सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी (एसडीसीके कार्य

•    कार्यान्वयन मुख्य तौर पर सार्वजनिक निजी साझेदारी यानी पीपीपी मॉडल के तहत होगा. 

•    बंदरगाहों, राज्य सरकारों/समुद्री बोर्डों, केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा विशेष उद्देशीय कंपनी (एसपीवी) परियोजना या अवशिष्ट परियोजनाओं की स्थापना अथवा कार्यान्वयन के लिए केवल इक्विटी सहायता प्रदान की जाएगी और किसी अन्य माध्यम से वित्तपोषण नहीं किया जा सकता.

•    एसडीसी बंदरगाह आधारित विकास परियोजनाओं की पहचान करेगी और परियोजना एसपीवी को परियोजना विकास एवं ढांचागत गतिविधियों, निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए बोली प्रक्रिया, विभिन्न राज्यों/क्षेत्रों में रणनीतिक परियोजनाओं के लिए जोखिम प्रबंधन के उचित उपाय करने और आवश्यक मंजूरियां हासिल करने में मदद करेगी.

•    एसडीसी एनपीपी के तहत पहचान किए गए तटवर्ती आर्थिक क्षेत्रों (सीईजेड) के लिए विस्तृत मास्टर प्लान तैयार करेगी और भारतीय समुद्री क्षेत्र के एकीकृत विकास सुनिश्चित करने के लिए एक ढांचा मुहैया कराएगीसागरमाला परियोजना

सागरमाला कार्यक्रम 25 मार्च 2015 को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद लॉन्च किया गया. इसे भारत में बंदरगाह आधारित आर्थिक विकास के व्यापक उद्देश्यों के साथ शुरू किया गया है.

भारत के 7,500 किलोमीटर लंबे तटवर्ती क्षेत्रों, 14,500 किलोमीटर संभावित जलमार्ग और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार मार्गों के रणनीतिक स्थानों के दोहन के उद्देश्य से सरकार ने महत्वाकांक्षी सागरमाला कार्यक्रम तैयार किया.