21 October
वाईस एडमिरल एस वी भोकारे ने भारतीय नौसेना अकादमी कमांडेंट का पद ग्रहण किया
वाईस एडमिरल एसवी भोकारे ने 20 अक्टूबर 2016 को केरल स्थित भारतीय नौसेना में अकादमी कमांडेंट का पद ग्रहण किया.
इससे भोकारे पनडुब्बी समूह से भारतीय नौसेना अकादमी में आने वाले पहले अधिकारी बन गये.
एडमिरल भोकारे
• वाईस एडमिरल भोकारे नेविगेशन एवं डायरेक्शन के विशेषज्ञ हैं.
• उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा अकादमी, तमिलनाडु से स्नातक डिग्री प्राप्त की.
• उन्होंने आर्मी वॉर कॉलेज, महू से उच्च कमांड कोर्स किया.
• उन्होंने ऑस्ट्रलियन डिफेन्स कॉलेज, केनबरा से डिफेंस एंड स्ट्रेटेजिक स्टडीज में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की.
• उन्होंने अपने 32 वर्ष के करियर में 3 फ्रंटलाइन पनडुब्बियों, आईएनएस सिंधुघोष, आईएनएस सिन्धुध्वज एवं आईएनएस सिंधुशास्त्र का नेतृत्व किया.
भारतीय नौसेना अकादमी
• भारतीय नौसेना अकादमी का ऑफिस एज़िमाला, केरल में स्थित है.
• यह माउंट दिल्ली एवं कव्याई बैकवाटर्स के मध्य स्थित है.
• इसका समुद्री किनारा अरब सागर से 7 किलोमीटर क्षेत्र में फैला है.
• यहां भारतीय नौसेना तथा भारतीय तटरक्षक बल में शामिल किये गये अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है.
• यह एशिया की सबसे बड़ी नौसेनिक अकादमी है.
• इसकी स्थापना मई 1969 में हुई थी जबकि एज़िमाला कैंपस का उद्घाटन 8 जनवरी 2009 को हुआ था.
पाकिस्तान ने 21 अक्तूबर से भारतीय टीवी तथा रेडियो कंटेंट पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया
पाकिस्तान के मीडिया नियामक प्राधिकरण ने 19 अक्टूबर 2016 को घोषणा किया कि 21 अक्टूबर 2016 से भारतीय टेलीविजन और रेडियो कार्यक्रमों पर पूरी तरह प्रतिबंधित लगा दिया जाएगा.
यह प्रतिबंध देश में प्रसारित होने वाले सभी भारतीय कार्यक्रमों पर लागू होगा. प्राधिकरण ने यह कहा है कि इस आदेश का उल्लंघन करने वाले का लाइसेंस निलंबित कर दिया जाएगा.
पेमरा ने इस महीने स्टार स्पोर्ट्स और स्टार वर्ल्ड जैसे कुछ चैनलों पर भारतीय कार्यक्रम दिखाने की समय सीमा 86 मिनट तय किया था लेकिन इसका उल्लंघन करते हुए एंटरटेनमेंट चैनलों और केबल ऑपरेटरों ने भारतीय फिल्मों और नाटकों का प्रसारण जारी रखा था.
हालांकि इसने वर्ष 2006 में जनरल परवेज मुशर्रफ के सैन्य शासन के दौरान भारतीय मीडिया को दिए गए एकतरफा प्रसारण अधिकार खत्म करने का फैसला भी किया है.
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के चैनलों पर सरकार द्वारा निर्धारित पांच फीसद से ज्यादा विदेशी कार्यक्रमों का प्रसारण किया जा रहा था. इसे देखते हुए प्राधिकरण ने पहले ही भारतीय कार्यक्रमों में कटौती का फैसला लिया था.
ध्रुबज्योति बोराह लिखित द स्लीपवॉकर्स ड्रीम का लोकार्पण
द स्लीपवॉकर्स ड्रीम: ध्रुबज्योति बोराह
ध्रुबज्योति बोराह द्वारा लिखित पुस्तक द स्लीपवॉकर्स ड्रीम का हाल ही में लोकार्पण हुआ. बोराह असम साहित्य सभा के अध्यक्ष हैं, उन्होंने इस पुस्तक में उग्रवादियों द्वारा लड़ी जा रही लड़ाई तथा उनके अंधेरे भविष्य के बारे में लिखा है.
स्लीपवॉकर्स ड्रीम में दिखाया गया है कि जून, रॉन एवं अन्य लड़ाके सेना के हमले के बाद भूटान में छिपे हुए हैं. वे अपने समूह के मुखिया के साथ हैं जो इस समय घायल अवस्था में असम बॉर्डर तक जा पाने की स्थिति में नहीं है.
पुस्तक के माध्यम से लेखक ने इन उग्रवादियों द्वारा जारी इस संघर्ष की दास्तान को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया है. पुस्तक में दिखाया गया है कि जून इस सदस्य की एकमात्र महिला है जो अपने गांव में मौजूद अपने परिवार की यादों में खो जाती है.
रॉन एक पुरुष लड़ाका है जो अपने बचपन के दिनों की यादों में खोया है तथा उन दिनों को याद करते हुए भावुक हो जाता है.
जीएसटी परिषद में राज्य मुआवजे के मामले पर आम सहमति
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद में 18 अक्टूबर 2016 को नई प्रत्यक्ष कर व्यवस्था के लागू होने के बाद राज्यों को होने वाले किसी भी प्रकार के राजस्व घाटे पर दिए जाने वाले मुआवजे के मुद्दे पर सहमति बन गई. नई प्रत्यक्ष कर व्यवस्था 1 अप्रैल 2017 से लागू होनी है.
बैठक के दौरान, जीएसटी परिषद में संभावित जीएसटी दरों पर भी चर्चा की गई. इसमें अनिवार्य वस्तुओं के लिए न्यूनतम दरें और विलासिता की वस्तुओँ पर अधिकतम बैंड समेत 6, 12, 18 और 26 के चार-स्लैब संरचना पर भी चर्चा की गई.
जीएसटी परिषद की तीन दिनों तक चली बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की एवं इसमें सभी राज्यों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. बैठक के पहले दिन, परिषद ने जीएसटी दरों के पांच विकल्पों पर चर्चा की लेकिन उस दिन कोई भी फैसला नहीं हो पाया. चर्चा बैठक के दूसरे दिन भी जारी रही.
आम सहमति की मुख्य बातें:
• किसी राज्य के राजस्व की गणना हेतु आधार वर्ष 2015-16 होगा.
• जीएसटी लागू होने के पहले पांच वर्षों में प्रत्येक राज्य के संभावित राजस्व की गणना हेतु 14 फीसदी की विकास दर मानी जाएगी.
• कम राजस्व पाने वाले राज्यों को केंद्र मुआवजा देगा.
• जीएसटी लागू होने की वजह से राज्यों को होने वाले राजस्व घाटे की क्षतिपूर्ति हेतु राजस्व की परिभाषा पर वे सहमत हुए.
• दर की संरचना ऐसी होगी जिसमें आगे चल कर कोई उतार-चढ़ाव नहीं होगा और अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए राज्यों और केंद्र दोनों ही के पास पर्याप्त धन होगा.
• दर को राजस्व-तटस्थ होना चाहिए ताकि उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त कर का बोझ न पड़े.
• मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने के लिए, आम इस्तेमाल की अन्य 50 फीसदी वस्तुओं के साथ खाद्य सामग्रियों को कर मुक्त किए जाने का प्रस्ताव दिया गया है.
• अनिवार्य वस्तुओं पर न्यूनतम दरें और विलासिता एवं दोषपूर्ण वस्तुओं पर उच्च दर लगाया जाएगा.
सऊदी अरब के राजकुमार को फांसी दी गयी
सऊदी अरब के राजकुमार तुर्की बिन सऊद अल कबीर को अक्टूबर 2016 में राजधानी रियाद में फांसी की सज़ा दी गयी. उन्हें तीन वर्ष पहले एक व्यक्ति आदेल अल-मोहम्मद की हत्या करने के आरोप में यह सज़ा सुनाई गयी.
प्रिंस तुर्की बिन सऊद अल कबीर इस वर्ष सज़ा-ए-मौत पाने वाले 134वें व्यक्ति हैं. रिपोर्ट के अनुसार यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें सज़ा किस प्रकार दी गयी लेकिन सऊदी अरब में मृत्युदंड सर कलम करके दिया जाता है.
पीड़ित के परिवार द्वारा मुआवजे के रूप में दी जा रही रकम लेने से मना कर दिया जिससे उन्हें मृत्युदंड देना पड़ा. सऊदी अरब के नियमों के अनुसार यदि पीड़ित परिवार ब्लड मनी (हत्या की एवज में मुआवजा राशि) लेने से मना कर दे तो मृत्युदंड निश्चित है.
इससे पूर्व शाही परिवार में 1975 में शाह फ़ैसल की हत्या करने वाले शाही परिवार के सदस्य फ़ैसल बिन मुसैद अल सऊद को भी मृत्युदंड दिया गया था.
मां का मोटापा बच्चे के जैविक उम्र को प्रभावित कर सकता हैः अध्ययन
एक नई अध्ययन के अनुसार गर्भधारण करने से पहले एक महिला का उच्च बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई), उनके नवजातों में जैविक उम्र का बायोमार्कर-टेलोमेर की कम अवधि की वजह हो सकता है.
अध्ययन बेल्जियम स्थित हैसेल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया था. यह अध्ययन बीएमसी मेडिसिन नाम के जरनल में प्रकाशित हुआ था.
अध्ययन की मुख्य बातें:
• अध्ययन के लिए, टीम ने 17 से 44 वर्ष के बीच की उम्र वाली 743 माताओं और उनके नवजात शिशुओं की जांच की.
• सामान्य बीएमआई वाली माताओं के नवजातों की तुलना में मोटी महिलाओं के नवजात आण्विक स्तर पर उम्रदराज थे. ऐसा टेलोमेर की लंबाई कम होने की वजह से था अर्थात उनकी कोशिकाओं का जीवन-काल कम समय का था.
• टेलोमेर लेंथ, जो उनमें मौजूद डीएनए के आधार जोड़े की संख्या द्वारा मापा जाता है, एक कोशिका के अपने जीवनकाल में विभाजित हो सकने की संख्या से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा होता है.
• इसलिए, लंबा टेलोमेर कोशिकाओं को ज्यादा जल्दी विभाजित होने देता है और टेलोमेर लेंथ एवं जैविक उम्र के बीच लिंक प्रदान करता है.
• व्यस्कों में टेलोमेर लेंथ को उम्र संबंधी बीमारियों जैसे हृदय रोग, टाइप 2 मधुमेह और मृत्यु-दर में बढ़ोतरी, से संबद्ध किया गया है.
• शोध टीम ने पाया कि मां के बीएमआई में बढ़ा हुआ प्रत्येक एक-प्वाइंट, बच्चों के टेलोमेर में करीब 50 आधार जोड़ों की कमी की वजह था.
• टेलोमेर लेंथ में 50 आधार जोड़ों की कमी, आम तौर पर व्यस्क जीवन के 1.1 - 1.6 वर्ष में खोने वाली टेलोमेर लंबाई के समकक्ष होता है. यह व्यस्कता में पुराने रोगों के खतरों को बढ़ा सकता है.
टेलोमेर क्या है?
• टेलोमेर गुणसूत्रों के सिरों पर बनी एक संरचना होती है. ये गुणसूत्रों को टूटने से बचाते हैं इसलिए व्यक्ति के जीनोम की स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं.
• गुणसूत्रों की प्रतिकृति के दौरान, डीएनए की प्रतिकृति करने वाले एंजाइम गुणसूत्र के आखिर तक अपनी प्रतिकृति बनाना जारी नहीं रखते. इसलिए, प्रत्येक प्रतिकृति में, गुणसूत्र का अंतिम सिरा छोटा हो जाता है.
• टेलोमेर गुणसूत्रों के आखिरी सिरों पर डिस्पोजेबल बफर्स होते हैं जो कोशिका विभाजन के दौरान टूट जाते हैं.
• उनकी उपस्थिति गुणसूत्रों पर जीनों को टूटने से बचाकर उनकी रक्षा करते हैं.
• टेलोमेर खुद को जटिल शेलट्रीन प्रोटीनों (shelterin proteins) के साथ-साथ आरएनए से खुद की रक्षा करता है. इसे टेलोमेरिक डीएनए (टेरा-TERRA) कहते हैं.
एचएफसी को खत्म करने के लिए हुआ किगाली समझौता
170 से भी अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने 15 अक्टूबर 2016 को रवांडा के किगाली में शक्तिशाली ग्रीन हाउस गैसों, हाइड्रोफ्लोरोकार्बन्स (एचएफसी) के प्रयोग और उत्पादन में 2045 तक चरणबद्ध तरीके से कमी करने को सहमत हुए. समझौते में 1987 में ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों पर हुए मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में संशोधन किया गया.
किगाली समझौता 2045 तक चरणबद्ध तरीके से शक्तिशाली ग्रीन हाउस गैसों, हाइड्रोफ्लोरोकार्बन्स (एचएफसी) के उत्पादन और उपयोग को खत्म करने के लिए बनाई गई समय-सारणी है. ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों पर हुए मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के दलों के बीच हुई 28वीं बैठक में समझौता हो पाया.
वर्ष 2050 तक विश्व के तापमान में संभावित 0.5 सेंटिग्रेट की बढ़ोतरी को रोकने की दिशा में यह एक कदम है.
समझौते की विशेषताएं:
• समझौते में एचएफसी को ग्लोबल वार्मिंग और परिणामस्वरूप ओजोन परत को नष्ट करने के लिए जिम्मेदार गैसों की सूची में शामिल किया गया है. ये शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस आमतौर पर रेफ्रिजरेटरों और एयर- कंडीशनरों में इस्तेमाल किए जाते हैं.
• विकसित देशों को 2019 तक अपने एचएफसी के प्रयोग को 2011-2013 के स्तर की तुलना में 10फीसदी तक कम करना चाहिए और वर्ष 2036 तक इसमें 85 फीसदी की कमी करनी चाहिए.
विकासशील देशों को खंडों में बांटा गया है और उनके लक्ष्य हैं:
क) चीन और अफ्रीकी देशों जैसे विकासशील देश 2024 से परिवर्तन की शुरुआत करेंगे. ये देश 2020-2022 की तुलना में 2029 तक एचएफसी के उत्पादन में 10 फीसदी तक कटौती करेंगे. वर्ष 2045 तक इन्हें इसमें 80 फीसदी तक कटौती करनी होगी.
ख) भारत, ईरान, इराक, पाकिस्तान, खाड़ी के अरब देशों में परिवर्तन 2028 से शुरु होगा. इन्हें 2024-2026 के स्तर से 2032 तक 10 फीसदी उत्सर्जन कम करना होगा और 2047 तक 85 फीसदी कम करना होगा.
टिप्पणीः एचएफसी जो ग्लोबल वार्मिंग के लिए घातक है, को बदलना विकासशील देशों के लिए मंहगा साबित होगा क्योंकि इन देशों के पास प्रौद्योगिकी के साथ विकल्पों की कमी है.
इससे पहले 13 अक्टूबर को, भारत ने एचसीएफ–23 के उत्पादन और उपभोग में कमी करने के अपने फैसले की घोषणा की थी. एचसीएफ–23 एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है और इसमें ग्लोबल वार्मिंग की क्षमता 14800 है. यह गैस सामान्य रेफ्रिजरेंट गैस– एचसीएफसी–22 के निर्माण के दौरान बनती है.
हाइड्रोफ्लोरोकार्बन्स (एचएफसी):
• यह एक पारिवारिक प्रकार की गैस है जिसका प्रयोग घर में इस्तेमाल किए जाने वाले रेफ्रिजरेटरों और एयर कंडिशनरों में बड़े पैमाने पर किया जाता है.
• ये ऐसी गैसें हैं जो ग्लोबल वॉर्मिंग को काफी खराब करती हैं. इनमें कार्बनमोनॉक्साइड के मुकाबले 3830 गुना अधिक क्षमता होती है और इन गैसों का जीवन काल 14 वर्षों का होता है.
• एचएफसी , सीएफसी का प्रतिस्थापन है. इसे 1987 में पृथ्वी के भंगुर ओजन परत की रक्षा और अंटार्कटिका के उपर ओजन छिद्र को भरने के लिए किए गए मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के तहत प्रतिस्थापित किया गया था.
• इंस्टीट्यूट फॉर गवर्नेंस एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट द्वारा किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि एचएफसी 2100 तक ग्लोबल वार्मिंग में 0.5 डिग्री की कमी ला सकता है. अध्ययन 2015 में जारी किया गया था.
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल:
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल वातावरण में ओजोन को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों की प्रचूरता को कम करने के लिए उनके उत्पादन और उपभोग को कम करने और इस प्रकार पृथ्वी के भंगुर ओजन परत की रक्षा के लिए बनाया गया था. मूल मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर 16 सितंबर 1987 को सहमति हुई थी और यह 1 जनवरी 1989 से प्रभावी हुआ था.
केन्द्र सरकार ने देश के सभी जिलों में कृषि विज्ञान केन्द्र खोलने का निर्णय लिया
केन्द्र सरकार देश के सभी जिलों में कृषि विज्ञान केन्द्र खोलने का निर्णय लिया है. इससे किसानों को उनके खेतों के नजदीक ही आधुनिक कृषि सहायता मिल सकेगी. इसके अतिरिक्त केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने भी दस राज्यों में मधुमक्खीशाला विकास केन्द्र खोलने की घोषणा की है.
केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने किसानों से जैविक उर्वरक बनाने, कागज बनाने तथा कार्डबोर्ड और पशुचारे के लिए धान की भूसी का उपयोग करने को कहा. कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी कृषि विज्ञान केन्द्र और जिला कृषि अधिकारियों को धान की भूसी के उपयोग के बारे में किसानों को आवगत कार्य जाए.
केन्द्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय वानिकी योजना के अंतर्गत माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मिशन के क्रियान्वयन हेतु खेतों की सीमाओं पर पौधे लगाने की संख्या बढ़ाने को कहा है.
खोलेगी धान की भूसी का उपयोग जैविक उर्वरक, कागज, कार्ड बोर्ड बनाने तथा पशु चारे के रूप में किया जाएगा.
केन्द्रीय मंत्री ने इस सम्बन्ध में नई दिल्ली में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से 12 राज्यों के विज्ञान कृषि विज्ञान केन्द्र विशेषज्ञों और कृषि विकास तथा किसानों से जुड़े जिलास्तरीय अधिकारियों को संबोधित किया.
यह पहला अवसर है जब कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने कृषि विज्ञान केन्द्र विशेषज्ञों और कृषि विकास तथा किसानों से जुड़े जिलास्तरीय अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की.
- उन्होंने किसानों से धान के खेतों में मछली पालन करने का सुझाव दिया.
- युवाओं से कृषि योजना आधारित स्टार्टअप से जुड़ने की सलाह दी.
- उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र विशेषज्ञ और जिलास्तरीय कृषि विकास अधिकारियों को स्वच्छ भारत मिशन में सकारात्मक सहयोग करने के निर्देश दिए.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सांग सू की ने तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सांग सू की ने 19 अक्टूबर 2016 को तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
प्रधानमंत्री मोदी ने सू की को विश्व का अहम नेता बताते हुए कहा कि अपने देश में लोकतंत्र लाने के लिए किए गए उनके संघर्ष और कामयाबी से पूरे विश्व को सीख मिली.
ये दोनों देशो के बीच कृषि, बिजली और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किया गया. म्यांमार के वित्तीय नियामक विभाग और भारतीय बीमा संस्थान के बीच हस्ताक्षर किए गए.
दोनों देशों ने तेल एवं गैस, कृषि और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी सहयोग करने पर सहमति दी. म्यांमार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता के लिए भी भारत को अपना समर्थन दुहराया.
आपसी रिश्तों को गहराई देने के लिए दोनों देशों ने आपस में व्यापार और सुरक्षा सम्बन्धों को भी मजबूत करने का संकल्प किया. जनतांत्रिक चुनावों में म्यांमार की सेना से सत्ता छीनने के बाद म्यांमार की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी की नेता आंग सान सू की की यह पहली भारत यात्रा है.
22 October
पुलिस स्मरणोत्सव दिवस मनाया गया
पुलिस स्मरणोत्सव दिवस 21 अक्टूबर 2016 को नई दिल्ली में मनाया गया. इस समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह थे.
इस दिवस को उन बहादुर पुलिस शहीदों की याद में मनाया गया जिन्होंने अपनी ड्यूटी के दौरान जान गवाईं.
समारोह के दौरान मेमोरियल परेड की गई और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पुलिस को श्रद्धांजलि देने के लिए जल्द ही राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल के गठन की घोषणा की.
पुलिस स्मरणोत्सव दिवस के बारे में:
• जनवरी 1960 में हुए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के इंस्पेक्टर जनरल के वार्षिक सम्मेलन में यह फैसला किया गया था कि आज से 21 अक्टूबर को पुलिस स्मरणोत्सव दिवस मनाया जाएगा.
• यह दिवस लद्दाख में मारे गए वीर जवानों और वर्ष में शहीद अन्य पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है.
मिलान सिटी ने दलाई लामा को मानद नागरिकता प्रदान की
इटली स्थित मिलान सिटी काउंसिल ने 20 अक्टूबर 2016 को दलाई लामा को मानद नागरिकता प्रदान की. चीन ने दलाई लामा को दिए गये इस सम्मान का विरोध जताया.
मिलान की काउंसिल के चेयरमैन लम्बेरतो बेर्तोले ने मिलान में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दलाई लामा को मानद नागरिकता प्रदान की.
दलाई लामा
• दलाई लामा तिब्बती बौद्ध धर्म के वर्तमान धर्मगुरु हैं.
• चीन द्वारा तिब्बत पर आक्रमण के बाद उन्हें ही राजनैतिक सत्ता संभालने का आग्रह किया गया.
• 1987 में दलाई लामा ने तिब्बत की खराब होती स्थिति का शांतिपूर्ण हल तलाशने की दिशा में पहला कदम उठाते हुए पांच सूत्रीय शांति योजना प्रस्तुत की.
• उन्हें 22 फरवरी 1940 में अधिकारिक रूप से पद ग्रहण कराया गया.
• उन्होंने 15 वर्ष की आयु में 1950 से अपना दायित्व संभालना आरंभ किया.
• 1959 में तिब्बत संघर्ष के समय दलाई लामा ने भारत में शरण प्राप्त की.
• चौदहवें दलाई लामा को वर्ष 1989 में नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
संपत्ति के मामले में मुंबई दुनिया के 15 शीर्ष शहरों में शामिल
भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई कुल संपत्ति के आधार पर दुनिया के 15 शीर्ष शहरों में शामिल है लंदन इस सूची में प्रथम स्थान पर है.
- न्यू वर्ल्ड वेल्थ नामक एक रिपोर्ट के अनुसार लंदन में कुल 2,700 अरब डॉलर की संपत्ति है. इसके साथ वह सूची में प्रथम स्थान पर है.
- न्यूयॉर्क शहर 2,600 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दूसरे और टोक्यो 2,200 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ तीसरे स्थान पर है.
- मुंबई इस सूची में 14वें स्थान पर है.
- मुंबई वासियों के पास 820 अरब डॉलर की संपत्ति है.
- रिपोर्ट के अनुसार 45,000 करोड़पतियों, 28 अरबपतियों के साथ-साथ मुंबई में बंबई शेयर बाजार भी है और यह देश की आर्थिक राजधानी भी है.
- इन 15 शहरों में सॉन फ्रांसिस्को समुद्री क्षेत्र 1,900 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ चौथे स्थान पर रहा.
- बीजिंग 1800 अरब डॉलर के साथ पांचवे, शंघाई 1600 अरब डॉलर के साथ छठे स्थान पर रहा.
- भारत का एक मात्र शहर मुंबई ही इस सूची में शामिल है.
- अन्य शहरों में लॉस एंजिलिस, हांगकांग, सिंगापुर, शिकागो, टोरंटो, फ्रैंकफर्ट और पेरिस भी शामिल हैं.
- इस रपट में कुल संपत्ति से आशय देश के सभी व्यक्तियों के पास उपलब्ध उनकी निजी संपत्ति से है.