=> राष्ट्रीय पवन-सौर हाइब्रिड नीति 2016 का मसौदा जारी

 

14 जून 2016 को केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने राष्ट्रीय पवन-सौर हाइब्रिड नीति 2016 का मसौदा जारी किया. 

यह नीति 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से 175  गिगावाट स्थापित क्षमताओं को प्राप्त करने के लक्ष्य तक पहुंचने के केंद्र सरकार के प्रयासों का हिस्सा है. इसमें 100 गिगावाट सौर ऊर्जा और 60 गिगावाट पवन ऊर्जा शामिल है 

लक्ष्यः 2022 तक 10 गिगावाट पवन-सौर हाइब्रिड क्षमता प्राप्त करना 

नीति का उद्देश्यः 

• पारेषण बुनियादी ढांचा और भूमि का अधिकतम एवं कुशल उपयोग के लिए पवन-सौर पीवी प्रणाली से जुड़े बड़े ग्रिड को प्रोत्साहित करने के लिए रूपरेखा प्रदान करना, अक्षय ऊर्जा उत्पादन में परिवर्तनशीलता को कम करना और इस प्रकार बेहतर ग्रिड स्थिरता प्राप्त करना.  

• नई प्रौद्योगिकियों, पद्धतियों और पवन एवं सौर पीवी संयंत्रों के संयुक्त संचालन में शामिल तरीकों को बढ़ावा देना. 

नीति की विशेषताएं– 

(क) पवन–सौर हाइब्रिड प्रणालीः 

• ये प्रणालिया ग्रिड कनेक्शन के एक ही बिन्दु पर संचालित करने के लिए विन्यस्त किए जाएंगे. 

• पारेषण संरचना का अधिकतम औऱ कुशल उपयोग और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में परिवर्तनशीलता को कम कर बेहतर ग्रिड स्थिरता प्राप्त करना. 

• सौर पीवी क्षमता का आकार सौर-हाइब्रिड घटक को जोड़ा जाएगा जो अपेक्षाकृत छोटा हो सकता है. 

(ख) कार्यान्वयनः 

पवन सौर हाइब्रिड प्रणाली का कार्यान्वयन अलग-अलग विन्यास और पवन-सौर हाइब्रिड-एसी एकीकरण, पवन-सौर हाइब्रिड-डीसी एकीकरण, मौजूदा पवन/ सौर पीवी संयंत्रों का नई पवन–सौर हाइब्रिड संयंत्रों के साथ हाइब्रिडिकरण जैसी तकनीकों का प्रयोग.

( ग) प्रोत्साहनः 

• सरकार विभिन्न प्रोत्साहनों के माध्यम से पवन-सौर हाइब्रिड प्रणालियों के विकास को प्रोत्साहित करेगी.


• पवन एवं सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए उपलब्ध सभी राजकोषीय और वित्तीय प्रोत्साहन को हाइब्रिड परियोजनाओं के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है. 

• इरडा (IREDA) और बहुपक्षीय बैंकों समेत अन्य वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से हाइब्रिड परियोजनाओं के लिए कम लागत वाले वित्त उपलब्ध कराए जा सकते हैं. 

(घ) अनुसंधान और विकासः 

सरकार हाइब्रिड प्रणाली के क्षेत्र में तकनीक विकास परियोजनाओं का समर्थन करेगी. इसके अलावा, हाइब्रिड प्रणाली के लिए मानकों के विकास के लिए समर्थन मुहैया कराया जाएगा. 
यह नीति जब तक सरकार द्वारा वापस नहीं ले ली जाती, तब तक लागू रहेगा. सरकार आवश्यकता के अनुसार जब चाहे नीति की समीक्षा कर सकती है.

 

=> वैज्ञानिकों ने मानव जीनोम परियोजना "राइट टू सिंथेसाइज इंटायर जीनोमकी घोषणा की

 

2 जून 2016 को 25 वैज्ञानिकों की टीम ने विज्ञान की पत्रिका में ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट–राइट (एचजीपी–राइट) के तहत शून्य से संपूर्ण मानव जीनोम के संश्लेषण पर अपने प्रस्ताव को प्रकाशित किया.

परियोजना का उद्देश्य प्रयोगशाला में डीएनए खंड में इंजीनियरिंग की लागत को कम करना है. 

इसके समर्थकों ने इसी स्तर पर एक परियोजना की कल्पना की थी-ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट-रीड (एचजीपी–रीड), इसके तहत ह्यूमन जीनोम को 2003 में अनुक्रमित किया गया था. 

ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट -राइट (एचजीपीराइट) 

• परियोजना को ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट–राइट इसलिए नाम दिया गया क्योंकि संश्लेषण आनुवंशिक कोड को पढ़ने की बजाए लिखने के बारे में होगा. 

• एचजीपी–राइट को नई, स्वतंत्र, गैरलाभकारी संगठन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर इंजीनियरिंग बायोलॉजी के माध्यम से लागू किया जाएगा. 

• प्रस्ताव से प्रत्यर्पण के लिए मानव अंगों के विकास को सक्षम बना सकता है और टीकों के विकास में तेजी ला सकता है.  

• इसमें 10 वर्षों का समय लग सकता है और शुरु करने के लिए न्यूनतम 100 मिलियन डॉलर की जरूरत होगी.


संभावित प्रयोग 

• संभावित प्रयोग में प्रत्यर्पणीय मानव अंगों का विकास और जीनोम में रिकॉर्डिंग के माध्यम से कोशिका में वायरस की प्रतिरोध क्षमता की अभियंत्रिकी शामिल है. 

• अन्य संभावित लाभों में शामिल है–नए चिकित्सीय कोशिका लाइनों में कैंसर प्रतिरोध इंजीनियरिंग और उच्च–उत्पादकता को बढ़ावा देना, कम कीमत वाला टीका और मानव कोशिकाओं एवं अंगों का प्रयोग कर दवा का विकास. 

टिप्पणी 

मानव का जीनोम प्रत्येक जीव का आनुवंशिक ब्लूप्रिंट होता है जो डीएनए का पूर्ण सेट है. इसमें जीवित रहने और फलने-फूलने के लिए आवश्यक निर्देश होते हैं. मानव जीनोम का अनुक्रमण करने के लिए 30000 जीनों में पैक डीएनए के करीब तीन बिलियन बेस युग्मों से सटीक क्रम को डीकोड करने की आवश्यकता होती है. 

जीनोम संश्लेषण अनुवंशिक अभियंत्रिकी उपकरणों का तार्किक विस्तार है जिसका प्रयोग जैव प्रौद्योगिकी उद्योग में 40 से भी अधिक वर्षों से सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है. इसने महत्वपूर्ण सामाजिक लाभ प्रदान किए हैं और यह जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांति ला सकता है. 

हालांकि यह एक दिन बिना जैविक माता-पिता के बच्चे पैदा करने की क्षमता और इस विषय पर हाल ही में हुए बंद कमरे की बैठक की गोपनीयता की वजह से नैतिक चिंताओं को बढ़ाता है.

 

=> एम के रसगोत्रा द्वारा लिखित  लाइफ इन डिप्लोमेसी

 

 लाइफ इन डिप्लोमेसीमहाराजकृष्णा रसगोत्रा

पुस्तक ए लाइफ इन डिप्लोमेसी जून 2016 के तीसरे सप्ताह चर्चा में थी. यह पुस्तक पूर्व भारतीय राजनयिक महाराजकृष्णा रसगोत्रा द्वारा लिखी गयी है.

यह पुस्तक भारतीय कूटनीति के व्यक्तित्व और नीतियों के अंदरूनी पहलुओं को उजागर करती है.

इस पुस्तक में श्रीलंका में हुई जातीय हिंसा, पिछले वर्ष का शीत युद्ध, सार्क के गठन हेतु की गयी बातचीत, इंदिरा गांधी हत्याकांड एवं भोपाल गैस त्रासदी के बारे में चर्चा की गयी है.

 

महाराजकृष्णा रसगोत्रा

•    उन्होंने वर्ष 1949 में विदेश सचिव पद पर भारतीय विदेश सेवा में पदभार संभाला था.

•    उन्होंने विदेश मंत्रालय के अधीन कार्य करते हुए विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया.

•    तीन दशकों से भी अधिक समय तक कार्यरत रहते हुए वे नेपाल, ब्रिटेन, फ़्रांस एवं अन्य देशों में रहे. वे संयुक्त राज्य अमेरिका में दो बार तैनात किये गये.

•    वे वर्ष 2005 से 2007 तक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष रहे.

•    उनकी अन्य पुस्तकें हैं – अमेरिका इन एशियन सेंचुरी, द न्यू एशियन पावर डायनामिक एवं साइंस एंड टेक्नोलॉजी इन चाइना.

 

=> अंजू बॉबी जॉर्ज ने केरल खेल परिषद के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दिया

 

विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत की एकमात्र पदक विजेता अंजू बॉबी जॉर्ज ने 22 जून 2016 को केरल खेल परिषद के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दिया. अंजू के अतिरिक्त 13 अन्य सदस्यों ने भी इस्तीफ़ा दिया.

उन्होंने एक बयान में कहा कि उन्होंने खेल परिषद में चल रहे कथित भ्रष्टाचार विवाद के कारण इस्तीफ़ा दिया. 

भ्रष्टाचार विवाद

अंजू बॉबी जॉर्ज ने 9 जून 2016 को केरल के खेल मंत्री ईपी नारायण पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अंजू पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. नयी सरकार के आने के बाद से खेल परिषद पर दबाव बनाया जा रहा था. 

अंजू बॉबी ने कहा कि वे खेल परिषद में चल रहे भ्रष्टाचार की शिकायत विजिलेंस डिपार्टमेंट में करेंगी ताकि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो सके.

 

अंजू बॉबी जॉर्ज

•    अंजू बॉबी जॉर्ज का जन्म जन्म 19 अप्रैल 1977 को हुआ.

•    उन्होंने वर्ष 2003 में पेरिस में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लंबी कूद में कांस्य पदक जीत कर इतिहास रचा.

•    वह पहली ऐसी भारतीय महिला एथलीट बनीं जिसने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 6.70 मीटर की छलांग लगाते हुए पदक जीता.

•    वर्ष 2002-2003 में उन्हें भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 

•    विश्व एथलेटिक मीट में उनकी सफलता के बाद उन्हें खेल के सर्वोच्च पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न से भी सम्मानित किया गया.

•    वर्ष 2004 में उन्हें नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया.

 

=> भारत ने ज़िम्बाब्वे के खिलाफ तीन मैचों की ट्वेंटी-20 श्रृंखला जीती

 

भारत ने 22 जून 2016 को ज़िम्बाब्वे के खिलाफ तीन मैचों की ट्वेंटी-20 श्रृंखला 2-1 से जीती. हरारे में खेले गये तीसरे और अंतिम मैच में भारत ने ज़िम्बाब्वे को तीन रन से हराया.

टॉस जीतकर पहले बॉलिंग करते हुए ज़िम्बाब्वे ने भारत को 20 ओवर ने 138 रनों पर रोका. दूसरी पारी में ज़िम्बाब्वे 20 ओवर में 6 विकेट पर 135 रन ही बना सका.

 

सीरीज़ रिपोर्ट

•    पहला मैच: यह मैच 18 जून 2016 को हरारे स्पोर्ट्स क्लब में खेला गया. ज़िम्बाब्वे ने भारत को 2 रन से हराया. एल्टन चिगुम्बुरा मैन ऑफ़ द मैच घोषित किये गये.

•    दूसरा मैच: यह मैच हरारे स्पोर्ट्स क्लब में 20 जून 2016 खेला गया. भारत बरिंदर सरन मैन ऑफ़ द मैच घोषित किये गये.

•    तीसरा मैच: यह मैच हरारे स्पोर्ट्स क्लब में 22 जून 2016 को खेला गया. भारत ने ज़िम्बाब्वे को 3 रनों से हराया. केदार जाधव मैन ऑफ़ द मैच घोषित किए गये.

मैन ऑफ़  सीरीज़: बरिंदर सरन (भारतीय बॉलर)

 

=> सॉफ्टबैंक ने केन मियोची को अध्यक्ष एवं सीओओ पद हेतु चयनित किया

 

जापान के प्रसिद्ध व्यापारिक समूह सॉफ्टबैंक ने 22 जून 2016 को केन मियोची को जापानी टेलीकम्युनिकेशन कार्यप्रणाली हेतु अध्यक्ष एवं मुख्य संचालन अधिकारी (सीओओ) के रूप में चयनित किया.

यह नियुक्ति निकेश अरोड़ा द्वारा अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दिए जाने के बाद की गयी. इससे यह साफ हो गया कि चेयरमैन एवं सीईओ मासायोशी इस पद पर बने रहेंगे.

यह भी पढ़ेंसॉफ्टबैंक के अध्यक्ष निकेश अरोड़ा ने इस्तीफ़ा दिया

केन मियोची

•    सॉफ्टबैंक के अध्यक्ष एवं सीओओ बनने से पहले वे जापानी टेलीकम्युनिकेशन कम्पनी के संचालक थे.

•    उनके पास 31 मार्च 2016 तक एसबीजी के 1101230 शेयर थे.

•    उन्होंने जापान की सॉफ्टबैंक कॉर्प को अक्टूबर 1984 में ज्वाइन किया.

 

सॉफ्टबैंक

•    यह जापानी मल्टीनेशनल टेलीकम्यूनिकेशन एवं इन्टरनेट कारपोरेशन है.

•    इसकी स्थापना जापान स्थित टोक्यो में 3 सितम्बर 1981 को की गयी.

•    वर्ष 2015 तक सेल्स, लाभ एवं संपत्ति के अनुसार सॉफ्टबैंक विश्व की 62वीं सबसे बड़ी कम्पनी बनी.

 

=> नासा ने एक नए ग्रह 'के2-33बीका पता लगाया

 

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सौरमंडल से बाहर एक नए ग्रह 'के2-33बी' का पता लगाया. इसकी घोषणा जून 2016 में की गई.

आकार में वरुण (नेप्चून) से थोड़े बड़े ‘के2-33बी’ नामक इस ग्रह की उम्र 50 लाख से एक करोड़ वर्ष के बीच होने का अनुमान लगाया गया है. अंतरिक्ष वैज्ञानिक सौरमंडल से बाहर अब तक तकरीबन तीन हजार नए ग्रहों का पता लगा चुके हैं.

नए ग्रह की खोज केपलर टेलीस्कोप की मदद से की गई. कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के अनुसार, पृथ्वी की उम्र 4.5 अरब वर्ष है. ऐसे में ‘के2-33बी’ युवा ग्रह है. यह ग्रह हर पांच दिन में एक बार तारे की परिक्रमा करता है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इसके बनने की प्रक्रिया के बारे में पता लगाकर पृथ्वी की उत्पत्ति के संबंध में नई जानकारी जुटाई जा सकेगी.

इस नए ग्रह और तारे की बीच की दूरी बुध और सूर्य के बीच की दूरी से दस गुना तक कम है. विदित हो कि किसी भी ग्रह के निर्माण की प्रक्रिया में हजारों वर्ष का समय लगता है.

 

=> संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस 23 जून को मनाया गया

 

23 जूनसंयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस

संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस 23 जून 2016 को मनाया गया. वर्ष 2016 का विषय लीविंग नो वन बिहाइंड: इनोवेटिव इंस्टिट्यूटनल अप्प्रोचेस एंड पब्लिक सर्विस डिलिवरी(Leaving No One Behind: Innovative Institutional Approaches and Public Service Delivery). यह दिवस सभी सरकारी कर्मचारियों के अमूल्य योगदान को चिह्नित करने और एक बेहतर दुनिया बनाने के प्रशासकीय प्रयास के लिए हर वर्ष मनाया जाता है.

संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस के बारे में:

•    वर्ष 2002 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 23 जून को संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी.

•    संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस का उद्देश्य समुदाय के लोक सेवा के मूल्य और पुण्य का समारोह मनाना है. यह विकास प्रक्रिया में सार्वजनिक सेवा के योगदान और सरकारी कर्मचारियों के कार्य को दर्शाता है.

•    यह दिवस युवाओं को लोक क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है. संयुक्त राष्ट्र इस दिन संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा अवार्ड प्रदान करता है.

•    यह पुरस्कार लोक सेवा में उत्कृष्ट पहचान के लिए दिए जाने वाला अंतरराष्ट्रीय स्तर का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार हैं.

 

=> अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस-2016 मनाया गया

 

23 जूनअंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस

विश्व भर में 23 जून 2016 को अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस मनाया गया. यह दिवस विधवा महिलाओं की समस्याओं की प्रति जागरुकता फ़ैलाने के लिए मनाया जाता है.

यह दिवस विधवाओं की स्थिति पर प्रकाश डालता है जिससे पता चलता है कि उन्हें समाज में किस प्रकार की उपेक्षा एवं दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ज्यादातर नागरिक समाज संगठन भी समाज के इस उपेक्षित वर्ग की अनदेखी करते हैं.

आमतौर पर विधवाओं को समाज से बहिष्कार जैसी स्थिति से गुजरना पड़ता है. विधवाओं एवं उनके बच्चों के साथ किया जाने वाला दुर्व्यवहार मानव अधिकारों की श्रेणी में गंभीर उल्लंघन है.

 

पृष्ठभूमि

विश्व में लाखों विधवाएं किसी विशेष कानून के आभाव के कारण गरीबी, बहिष्कार, हिंसा, बेघर एवं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रही हैं.

विश्व में मौजूद सभी विधवाओं को समाज की मुख्यधारा में लाने हेतु संयुक्त राष्ट्र आम सभा (यूएनजीए) ने 23 जून 2011 को पहला अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस मनाने की घोषणा की.

वर्ष 2011 से अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस विश्व के इस शोषित वर्ग के उत्थान के लिए मनाया जा रहा है.

 

=> अनुपम पाहुजा को पेपाल के लिए प्रबंध निदेशक और भारतीय कारोबार का प्रबंधक नियुक्त किया गया

 

डिजिटल भुगतान प्लेटफार्म पेपाल ने 22 जून 2016 को अनुपम पाहुजा को अपना प्रबंध निदेशक और भारतीय कारोबार का प्रबंधक नियुक्त किया है.

पाहुजा पहले कंपनी के एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रौद्योगिकी प्रमुख थे.

पाहुजा पेपाल के भारतीय कारोबार के सभी मामलों के प्रमुख होंगे और देश में कंपनी के संचालन को और मजबूत करेंगे.

पेपाल के बारे में:

•    पेपाल (PayPal) एक अमेरिकी कंपनी द्वारा प्रदान की एक दुनिया भर में ऑनलाइन भुगतान प्रणाली है.

•    इसका मुख्यालय कैलिफोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका में है.

•    पेपाल दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट भुगतान कंपनियों में से एक है.

•    पेपाल की स्थापना सन 1998 में हुई.

•    पेपाल एक प्रकार की वेबसाइट है जिसकी मदद से लैपटॉप, कंप्यूटर, स्मार्ट फ़ोन और टैबलेट से किसी के खाते (Account) में पैसे भेजे जा सकते हैं और किसी से भी पैसे ले सकते हैं.

 

=> अवीक सरकार ने एबीपी ग्रुप के मुख्य संपादक पद से इस्तीफ़ा दिया

 

अवीक सरकार ने 22 जून 2016 को आनंद बाज़ार पत्रिका (एबीपी) एवं द टेलीग्राफ से मुख्य संपादक पद से इस्तीफ़ा दिया. वे समूह के चेयरमैन पद पर कार्यरत रहेंगे. उनके स्थान पर अरुप सरकार यह पद संभालेंगे.

अनिर्बान भट्टाचार्य को आनंद बाज़ार पत्रिका का संपादक नियुक्त किया गया जबकि आर राजगोपालन को द टेलीग्राफ का संपादक बनाया गया.

अवीक सरकार अब संपादक (अवकाश प्राप्त) और कंपनी के वाइस चेयरमैन के रूप में सलाहकार की भूमिका निभाएंगे.

 

अवीक सरकार

•    वे भारतीय प्रकाशन जगत की एक प्रसिद्ध हस्ती हैं. उन्होंने हेरोल्ड इवांस से प्रशिक्षण प्राप्त किया.

•    उन्होंने अपने पिता अशोक सरकार की मृत्यु के पश्चात् 1983 में आनंद बाज़ार पत्रिका के संपादक का पद संभाला.

•    उनके प्रयासों से ही एबीपी एक स्थानीय संस्था से राष्ट्रीय ग्रुप तथा टेलीविज़न में अपनी पहचान बना सका.

•    उन्होंने पेंगुइन इंडिया की स्थापना में भी विशेष योगदान दिया, इसके उपरांत उन्होंने 2003 में स्टार न्यूज़ के अधिग्रहण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

 

=> मशहूर पाकिस्तानी कव्वाल अमजद साबरी की हत्या

 

मशहूर पाकिस्तानी कव्वाल अमजद साबरी की 22 जून 2016 को पाकिस्तान के कराची में गोली मारकर हत्या कर दी गई. 45 वर्षीय अमजद मशहूर साबरी ब्रदर्स के सदस्य थे. उनकी हत्या की आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान ने जिम्मेदारी ली.

पिछले वर्ष भारत में वे सलमान खान की फिल्म 'बजरंगी भाईजान' में अपने पिता की कव्वाली 'भर दो झोली...' के इस्तेमाल पर कॉपीराइट के मुद्दे पर चर्चा में थे.

संबंधित मुख्य तथ्य:
•    अमजद साबरी मशहूर कव्वाली गायक मकबूल साबरी के भतीजे थे. मकबूल का 2011 में इंतकाल हो चुका है.
•    मकबूल साबरी ने अपने भाई गुलाम फरीद साबरी के साथ मिलकर 50 के दशक में कव्वाली ग्रुप बनाया था. अमजद इस विरासत को आगे बढ़ा रहे थे.
•    जब भी साबरी ब्रदर्स ने एकसाथ कव्वाली गई, वे काफी चर्चा में रहे. उनकी कुछ मशहूर कव्वाली 'भर दो झोली मेरी', 'तजदर-ए-हरम' और 'मेरा कोई नहीं तेरे सिवा' है.
•    उनकी फारसी कंपोजिशन 'नमी दनम छे मंजिल बूद' भी काफी मशहूर हुई थी.
•    'भर दो झोली' को मूल रूप से साबरी ब्रदर्स ने ही गाया था.
•    साबरी ब्रदर्स ब्रांड को 1950 के दशक में उनके पिता गुलाम फरीद और चाचा मकबूल ने बनाया था.
•    हरियाणा के रोहतक में जन्मे इन दो भाइयों ने ही दुनियाभर में कव्वाली को पहचान दिलाई. बाद में अमजद ने परिवार की सूफी गायकी को आगे बढ़ाया.

 

=> टेक महिंद्रा ने ब्रिटेन की बीआईओ एजेंसी का अधिग्रहण किया

 

टेक महिंद्रा ने 22 जून 2016 को ब्रिटेन की बीआईओ एजेंसी (बीआईओ) का 4.5 करोड़ पाउंड के नकदी सौदे में अधिग्रहण किया.

जिससे भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी को अपने डिजिटल सेवा पोर्टफोलियो के विस्तार में मदद मिलेगी. टेक महिंद्रा ने नकदी सौदे में महिंद्रा बीआईओ के 100 प्रतिशत शेयरों का अधिग्रहण करेगी.

टेक महिंद्रा ने यह सौदा जुलाई 2016 के पहले सप्ताह में पूरा होने उम्मीद है.

अप्रैल 2006 में बनी कंपनी बीआईओ की आय 2015-16 में बढ़कर 1.25 करोड़ पाउंड हो गई जो 2014-15 में 73 लाख पाउंड थी.

कंपनी के वित्तीय सेवा, खुदरा, संपत्ति, यात्रा और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में सेवा ब्रांड हैं.

 

=> केंद्र सरकार ने बेल्जियम के साथ कर संधि के संशोधन को मंजूरी दी

 

केंद्र सरकार ने 22 जून 2016 को दोहरे कराधान से बचने और आयकर के संबंध में होने वाली अपवंचना की रोकने के लिए बेल्जियम के साथ एक संशोधित संधि पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दे दी.

इस संशोधन से दोनों देशों के बीच कर से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान के मौजूदा प्रारूप की संभावनाएं व्‍यापक होंगी, जिनसे कर वंचना और कर परिहार पर रोक लगाने में मदद मिलेगी.

इसके तहत पूंजीगत सामान क्षेत्र की कुछ श्रेणियों और विनिर्माण क्षेत्र के लिए तकनीक प्राप्त करने का समझौता किया गया है.

इस संबंध में जर्मनी की स्टीनबीस जीएमबीएस कंपनी के साथ 25 अप्रैल 2016 को जर्मनी में एक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे.

इस समझौते के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की विभिन्न कंपनियां और पूंजीगत सामान क्षेत्र की कई इकाइयों को स्टीनबीस की क्षमताओं और विशेषज्ञता का लाभ उठाने का मौका मिलेगा.

इस प्रोटोकॉल से करों के संग्रह में परस्पर सहायता से संबंधित मौजूदा संधि के प्रावधानों में भी संशोधन करेगा.

 

=> भारत ने राष्ट्रमंडल नागरिकों के लिए पूरी तरह वित्त पोषित पाठ्यक्रम शुरू किया

 

भारत ने 23 जून 2016 को राष्ट्रमंडल देशों के नागरिकों के लिए ग्रामीण विकास, नवीकरणीय उर्जा और आईटी सहित विभिन्न क्षेत्रों में पूरी तरह से वित्त पोषित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू किया है. इस कार्यक्रम का लक्ष्य सदस्य देशों के नागरिकों में क्षमता निर्माण करना है.

संबंधित मुख्य तथ्य:

•    पाठ्यक्रम भारत द्वारा प्रायोजित है और इसे भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक (आईटीईसी) कार्यक्रम के तहत संस्थानों के जरिए प्रदान किया जाएगा.

•    आईटीईसी ,राष्ट्रमंडल सचिवालय के तीसरी दुनिया के देशों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का हिस्सा है.

•    इसका लक्ष्य सदस्य देशों के नागरिकों को विकासात्मक क्षेत्र में विशेष प्रशिक्षण मुहैया कराकर उनकी क्षमता का निर्माण करना है.

•    भारत ने 2016-17 कार्यक्रम के लिए राष्ट्रमंडल सदस्य देशों के प्रतिभागियों के लिए 30 सीटें आवंटित की हैं.

 

=> कुंबी गुफाअस्थि कलाकृतियों के उपयोग के चिन्ह मिले

 

कुंबी गुफापूर्वी जंजीबार में स्थित गुफाओं का समूह (हिन्द महासागर)

मई 2016 में पत्रिका ‘अज़ानिया: अफ्रीका में पुरातात्विक अनुसंधान’, में प्रकाशित शोध के अनुसार पूर्वी अफ्रीका में 13000 वर्ष पहले शिकार के लिए हड्डियों से बने हथियार एवं जहर लगे हुए तीर प्रयोग किये जाते थे.

इन अस्थि कलाकृतियों को जंजीबार स्थित कुंबी गुफा में पाया गया.

कुंबी गुफा

•    यह गुफाओं का एक समूह है जो पूर्वी जंजीबार में चूना पत्थर की छतों की बनी हुई हैं

•    यह पुरातत्व विभाग का क्षेत्र है जहां हड्डियां, अस्थि कलाकृतियां, बर्तन एवं अन्य सांस्कृतिक वस्तुएं मौजूद हैं.

•    इनमें बड़े स्तर पर चूना पत्थर की आकृतियों से सजावट की गयी है.

•    इन गुफाओं में चमगादड़, ताज़े पानी के पक्षी एवं उष्णकटिबंधीय पक्षियों की एक बड़ी आबादी भी शामिल है.

•    इन गुफाओं का उपयोग व्यापार को अवैध घोषित किये जाने के पश्चात् व्यापारियों के छुपने के लिए किया जाता था.

•    वर्तमान में इन गुफाओं का उपयोग धार्मिक कारणों से किया जाता है.

 

=> मर्सर ने महंगे शहरों के सर्वेक्षण की सूची जारी कीभारत में मुंबई सबसे महंगा शहर

 

मर्सर द्वारा 22 जून 2016 को वर्ष 2016 के लिए कराये गये महंगे शहरों की सूची जारी की गयी. इस सूची में हॉंगकॉंग पहले स्थान पर रहा जबकि लुआंडा दूसरे स्थान पर रहा.

मर्सर की 22वीं वर्षिक सूची में उतार-चढ़ाव, माल और सेवाओं की लागत, मुद्रास्फीति, और आवास की कीमतों में अस्थिरता शामिल थे. 

सर्वेक्षण के मुख्य बिंदु

•    इस सर्वेक्षण में विश्व के 375 से अधिक शहरों को शामिल किया गया. पांच महाद्वीपों के 209 शहरों को रैंकिंग प्रदान की गयी.

•    इसमें कीमत निर्धारित करने के लिए प्रत्येक स्थान की 200 से अधिक चीजों को शामिल किया गया.

•    न्यूयॉर्क को सभी शहरों के लिए आधार माना गया तथा मुद्रा कीमत अमेरिकी डॉलर में आंकी गयी.

•     किंशासा को टॉप 10 सूची में पहली बार शामिल किया गया.

निम्नलिखित पांच भारतीय शहरों को भी इस सूची में स्थान प्राप्त हुआ:

•    मुंबई – 82

•    नई दिल्ली - 130

•    चेन्नई – 158

•    कोलकाता – 194

•    बंगलौर - 180 

प्रथम 10 देश हैं –

रैंक

शहर

देश

1

हॉंगकॉंग

चीन

2

लुआंडा

अंगोला

3

ज्यूरिख

स्विट्ज़रलैंड

4

सिंगापुर

सिंगापुर

5

टोक्यो

जापान

6

किंशासा

कांगो

7

शंघाई

चीन

8

जिनेवा

स्विट्ज़रलैंड

9

एन’जमेना

चाड

10

बीजिंग

चीन

 

 

=> वैज्ञानिकों ने विश्व की पहली 1000 प्रोसेसर कंप्यूटर चिप विकसित की

 

वैज्ञानिकों ने जून 2016 में किलोकोर नामक एक माइक्रोचिप विकसित की. इसकी क्षमता 1000 प्रोग्राम प्रोसेसर है. इसे यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफोर्निया में डिपार्टमेंट ऑफ़ इलेक्ट्रिकल एंड कंप्यूटर इंजीनियरिंग ने विकसित किया.

किलोकोर को होनोलुलु में आयोजित 2016 के वीएलएसआई तकनीक सेमिनार में 16 जून 2016 को प्रदर्शित किया गया.

किलोकोर

•    यह चिप प्रति सेकेंड 1.78 खरब निर्देशों की गणना कर सकती है.

•    यह 621 मिलियन ट्रांजिटर रख सकती है.

•    इसे आईबीएम् द्वारा 32 एनएम सीएमओएस तकनीक द्वारा विकसित किया गया.

•    प्रत्येक प्रोसेसर कोर अपना पृथक प्रोग्राम चला सकता है. यह औसतन अधिकतम 1.78 गीगाहर्ट्ज़ पर कार्य कर सकता है.


•    चूंकि यह प्रोसेसर स्वतन्त्र रूप से कार्य करता है इसलिए यह उपयोग न किये जाने की स्थिति में स्वतः ही बंद हो जाता है.

•    यह 0.7 वाट के उर्जा खर्च पर प्रति सेकेंड 115 बिलियन निर्देशों का पालन कर सकता है. इसे सिंगल एए बैटरी से उपयोग किया जा सकता है.

•    किलोकोर किसी मॉडम लैपटॉप प्रोसेसर की तुलना में 100 गुना अधिक तेज़ी से प्रयोग करता है.

 

=> अनिल कुंबले भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच नियुक्त

 

प्रसिद्ध पूर्व भारतीय गेंदबाज़ एवं पूर्व कप्तान अनिल कुंबले को 23 जून 2016 को भारतीय क्रिकेट टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया. वे वर्ष 2017 तक इस पद पर बने रहेंगे. वे इस पद पर रवि शास्त्री का स्थान लेंगे.

कुंबले का चयन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की क्रिकेट सलाहकार समिति की सिफारिश पर किया गया. इस समिति में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण भी शामिल थे.

बीसीसीआई ने इस पद हेतु विज्ञापन दिया था जिसके लिए 57 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था. बाद में इस सूची को 21 उम्मीदवारों तक सीमित कर दिया गया. उनके अतिरिक्त मुथैया मुरलीधरन एवं शेन वॉर्न भी इस दावेदारी में शामिल थे.

अनिल कुंबले
•    अनिल कुंबले का जन्म 17 अक्टूबर 1970 को कर्णाटक में हुआ.
•    पूर्व भारतीय लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने लगभग दो दशक तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला.
•    उन्होंने इस दौरान 132 टेस्ट मैच और 271 एकदिवसीय मैच खेले.
•    कुंबले ने टेस्ट मैचों में 619 विकेट और वनडे में 337 विकेट लिए. क्रिकेट के दोनों प्रारूपों को मिलाकर उन्होंने कुल 956 विकेट लिए.

पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम कोच
•    अजीत वाडेकर (भारत) – 1992-96
•    संदीप पाटिल (भारत) – 1996
•    मदन लाल (भारत) – 1996-97
•    अंशुमन गायकवाड़ (भारत) – 1997-99
•    कपिल देव (भारत) – 1999-2000
•    जॉन राईट (न्यूज़ीलैंड) – 2000-2005
•    ग्रेग चैपल (ऑस्ट्रेलिया) – 2005-2007
•    गैरी कर्स्टन (दक्षिण अफ्रीका) – 2007-2011
•    डंकन फ्लेचर (इंग्लैंड) – 2011-2015
•    रवि शास्त्री (भारत) – 2015-2016

 

=> कोलंबिया की सरकार और फार्क विद्रोहियों ने ऐतिहासिक दोतरफा युद्धविराम पर हस्ताक्षर किये

 

कोलंबिया की सरकार और फार्क विद्रोहियों ने 23 जून 2016 को ऐतिहासिक संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किये. क्यूबा में लगभग तीन वर्षों तक चली शांति वार्ता के बाद हुए इस संघर्ष विराम पर सहमति बनी.

संबंधित मुख्य तथ्य:

इस सहमति ने 1960 के दशक में शुरू हुए गुर्रिल्ला युद्ध को पूरी तरह खत्म करने का मंच भी प्रदान किया है. दशकों से चला आ रहा यह संघर्ष कई वामपंथी विद्रोही समूह, दक्षिण पंथी अर्द्धसैन्य बल और नशीले पदार्थों से जुड़े गिरोहों के बीच रहा है.

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस हिंसा में 2.6 लाख लोग मारे गए हैं, 45 हजार लोग लापता हैं और लगभग 70 लाख लोग विस्थापित हुए हैं.

कोलंबिया की सरकार और इन विद्रोहियों के बीच पिछले 50 साल से ज़्यादा लंबे वक्त से जंग चली आ रही है. सरकार और विद्रोहियों के बीच ये तय हुआ है कि फार्क शांति समझौते के छह महीने के भीतर हथियार छोड़ देगा.

 

=> विश्व हाइड्रोग्राफी डे -2016 मनाया गया

 

21 जूनविश्व हाइड्रोग्राफी डे

विश्व भर में 21 जून 2016 को विश्व हाइड्रोग्राफी डे मनाया गया. वर्ष 2016 का विषय हाइड्रोग्राफी – अच्छी तरह से प्रबंधित समुद्र और जलमार्ग की कुंजी (Hydrography - the key to well-managed seas and waterways).

विश्व हाइड्रोग्राफी दिवस, 21 जून, रेडियोग्राफर का काम और जल के महत्व को प्रचारित करने के लिए एक वार्षिक उत्सव के रूप में अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन द्वारा अपनाया गया था.

अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण ब्यूरो 1921 में स्थापित किया गया था.

वर्ष 2005 में अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन द्वारा 21 जून को विश्व हाइड्रोग्राफी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी.

हाइड्रोग्राफी:

•    हाइड्रोग्राफी पृथ्वी पर पानी और जलभंडार का नापजोख तथा विवरण देता है.

•    यह पृथ्वी पर मौजूद नदी, झील तालाब और समुद्र के आकार, गहिराई, पानी के मात्रा तथा पानी के लेवल का नियंत्रण रखता है.

•    इसका प्रमुख उद्देश्य नेविगेशन (जहाज और नाव के संचालन) में सुबिधा के लिए डेटा उपलब्ध करना.

 

=> ब्रिटेन यूरोपियन यूनियन से अलग हुआ

 

ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ से स्वयं को अलग करने के लिए 23 जून 2016 को जनमत संग्रह आयोजित कराया. 

इसके नतीजे में 51.89 प्रतिशत मतदाताओं ने यूरोपियन संघ (ईयू) से बाहर होने के पक्ष में वोट दिया जबकि 48.11 प्रतिशत मतदाताओं ने यूरोपीय संघ में बने रहने के पक्ष में वोट दिया.

मतदान के परिणाम के अनुसार, पूर्वोत्तर इंग्लैंड, वेल्स और मिडलैंड्स में अधिकतर मतदाताओं ने यूरोपीय संघ से अलग होने के लिए वोट किया जबकि लंदन, स्कॉटलैंड और नॉर्दन आयरलैंड के ज्यादातर मतदाता यूरोपीय संघ के साथ ही रहना चाहते थे.

वर्ष 1975 में ब्रिटेन ने यूरोपियन इकोनॉमिक कम्यूनिटी का सदस्य बने रहने के लिए मतदान किया था. यह समूह बाद में यूरोपीय संघ बना. इस जनमत संग्रह का परिणाम ब्रिटेन सरकार के लिए कानूनी तौर पर बाध्यकारी नहीं है लेकिन प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा कि जनता की इच्छा को स्वीकार किया जाएगा.

ब्रेग्ज़िट का ब्रिटेन पर प्रभाव
ब्रिटेन के इस निर्णय से ब्रिटेन की मुद्रा पाउंड में भारी गिरावट आई है. पाउंड में पिछले 31 सालों में ये सबसे बड़ी गिरावट है.
लाभ
- ब्रिटेन को यूरोपियन यूनियन के बजट के लिए 9 अरब डॉलर नहीं देने होंगे.
- ब्रिटेन की सीमाओं पर बिना रोक-टोक के आवाजाही पर लगाम लगेगी.
- फ्री वीज़ा पॉलिसी के कारण ब्रिटेन को हो रहा नुकसान भी कम होगा.

चुनौतियां
- ब्रिटिश जीडीपी को 1 से 3 प्रतिशत नुकसान हो सकता है.
- ब्रिटेन के लिए सिंगल मार्केट सिस्टम खत्म हो जाएगा.
- दूसरे यूरोपीय देशों में ब्रिटेन को कारोबार से जुड़ी दिक्कतें होंगी.
- पूरे यूरोपियन यूनियन पर ब्रिटेन का दबदबा खत्म हो जाएगा.

भारत पर प्रभाव
•    ब्रिटिश पाउंड में आई गिरावट के कारण अमेरिकी डॉलर की कीमत बढ़ेगी परिणामस्वरूप भारतीय रुपया कमज़ोर हो सकता है.
•    इससे भारत में तेल की कीमतें बढेंगी एवं पेट्रोल तथ डीज़ल के दाम बढ़ने से बाकी चीज़े भी महँगी हो जायेंगी.
•    इससे वे 800 भारतीय कम्पनियां प्रभावित होगीं जिन्हें यूरोपियन यूनियन को छोड़कर अमेरिकी डॉलर पर निर्भर होना पड़ेगा.
•    हालांकि इससे भारत को लाभ भी हुआ होगा जैसे भारत अब ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार को बढ़ावा दे सकेगा. 
•    इस बीच आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि विश्व के अन्य केन्द्रीय बैंकों की तुलना में भारतीय रुपया स्थिर रहेगा.

 

=> ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने ब्रेक्सिट मतदान के बाद इस्तीफे की घोषणा की

 

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने 24 जून 2016 को ब्रेक्सिट मतदान के बाद इस्तीफे की घोषणा की.

ब्रिटेन के यूरोपीय संघ (ईयू) में बने रहने या इसकी सदस्यता से बाहर निकलने को लेकर 23 जून 2016 को कराए गए जनमत संग्रह में करीब 51.89 फीसदी मतदान यूरोपीय संघ छोड़ने के लिए पसंद किया जबकि 48.11 प्रतिशत वोट साथ रहने के पक्ष में दिये.

वे अक्टूबर से पहले अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.

डेविड कैमरन के बारे में:

•    डेविड कैमरन का जन्म 9 अक्टूबर 1966 को लंदन में हुआ.

•    वे रॉबर्ट जेकिन्सन के बाद अबतक के सबसे युवा प्रधान मंत्री बने.

•    इन्हॊने कंज़र्वेटिव अनुसंधान विभाग ज्वाइन किया और नॉर्मन लेमाउण्ट एवं माईकल हावर्ड के विशेष सलाहकार बने.

 

=> एनएसजी एवं भारतवर्तमान स्थिति

 

हाल ही में न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) की वियना (आस्ट्रिया) में दो दिन चली बैठक बेनतीजा खत्म हो गई. इस बैठक में एनएसजी में भारत को शामिल करने के बारे में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका. इसके साथ ही वर्तमान में भारत द्वारा न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में शामिल होने का कुटनीतिक प्रयास काफी तेज हो गया है. यदि यह सफल होता है तब भारत निसंदेह रूप से परमाणु उर्जा के क्षेत्र में भारत काफी मजबूत स्थिति में आ जायेगा. जहाँ उसे परमाणु तकनीक एवं परमाणु आपूर्ति दोनों क्षेत्रों में लाभ होगा! परन्तु चीन के रवैये से यह सपना अभी पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा.

वर्तमान ख़बरों के अनुसार, अमेरिका के ठोस समर्थन के बाद भारत की सदस्यता का विरोध कर रहे दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और तुर्की जैसे कुछ देशों के रुख में नरमी आयी है और वे इस मुद्दे पर समझौते की ओर बढ़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन चीन का रवैया सही नहीं है. उसका कहना है कि परमाणु अप्रसार संधि से सहमति इस समूह में शामिल होने की आधारभूत शर्त है. जिसकी शर्त को भारत पूरा नहीं करता है.

विदित हो कि न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) परमाणु अपूर्तिकर्ता देशों का समूह है, जो परमाणु हथियार बनाने में सहायक हो सकनेवाली वस्तुओं, यंत्रों और तकनीक के निर्यात को नियंत्रित कर परमाणु प्रसार को रोकने की कोशिश करते हैं.

भारत द्वारा वर्ष 1974 में किये गये पहले परमाणु परीक्षण की प्रतिक्रिया के रूप में इस समूह के गठन का विचार पैदा हुआ था और इसकी पहली बैठक नवंबर 1975 में हुई थी. इस परीक्षण से यह संकेत गया था कि असैनिक परमाणु तकनीक का उपयोग हथियार बनाने में भी किया जा सकता है. ऐसे में परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर कर चुके देशों को परमाण्विक वस्तुओं, यंत्रों और तकनीक के निर्यात को सीमित करने की जरूरत महसूस हुई. वर्ष 1975 से वर्ष 1978 के बीच विभिन्न वार्ताओं के सिलसिले के बाद निर्यात को लेकर दिशा-निर्देश जारी किये गये, जिन्हें इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी द्वारा प्रकाशित किया गया. लंदन (ब्रिटेन) में हुई इन बैठकों के कारण इस समूह को ‘लंदन क्लब’, ‘लंदन समूह’ और ‘लंदन सप्लायर्स ग्रुप’ के नाम से भी जाना जाता है. इस समूह की अगली बैठक ‘हेग’ में वर्ष 1991 में हुई और नियमों में कुछ संशोधन किये गये तथा इसमें नियमित रूप से बैठक करने का निर्णय भी लिया गया. प्रारंभ में एनसीजी के सात संस्थापक सदस्य देश थे- कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, जापान, सोवियत संघ, ब्रिटेन और अमेरिका. वर्ष 1976-77 में यह संख्या 15 हो गयी. वर्ष 1990 तक 12 अन्य देशों ने समूह की सदस्यता ली. चीन को वर्ष 2004 में इसका सदस्य बनाया गया. वर्तमान में इसमें 48 सदस्य देश शामिल हैं और वर्ष 2015-16 के लिए समूह की अध्यक्षता अर्जेंटीना कर रहा है. मौजूदा 48 सदस्यों में से पांच देश परमाणु हथियार संपन्न हैं, जबकि अन्य 43 देश परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर कर चुके हैं. इस संधि को भेदभावपूर्ण मानने के कारण भारत ने अब तक इस पर हस्ताक्षर नहीं किया है. वर्ष 2008 में हुए भारत-अमेरिका परमाणु करार के बाद एनएसजी में भारत को शामिल होने की प्रक्रिया शुरू हुई.

यदि भारत के कुटनीतिक प्रयासों से इस समूह की सदस्यता मिल जाती है तो भारत को इसके कई लाभ हो सकते हैं जैसे कि दवा से लेकर परमाणु ऊर्जा सयंत्र के लिए जरूरी तकनीकों तक भारत की पहुंच सुगम हो जायेगी, क्योंकि एनएसजी आखिरकार परमाणु कारोबारियों का ही समूह है. भारत के पास देशी तकनीक तो है, पर अत्याधुनिक तकनीकों के लिए उसे समूह में शामिल होना पड़ेगा. इसके साथ ही साथ भारत ने जैविक ईंधन पर अपनी निर्भरता कम करते हुए अक्षय और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों से अपनी ऊर्जा जरूरतों का 40 प्रतिशत पूरा करने का संकल्प लिया हुआ है. ऐसे में उस पर अपनी परमाणु ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने का दबाव है, और यह तभी संभव हो सकेगा, जब उसे एनएसजी की सदस्यता मिले.

उपरोक्त परिस्थिति को देखते हुए हम कह सकते हैं कि यदि भारत अपने कुटनीतिक प्रयासों में सफल होता है एवं यदि उसे एनएसजी की सदस्यता मिल जाती है तो यह भारत ही नहीं पुरे दक्षिण एशिया के लिए एक नए सामरिक समीकरण को जन्म देगा जहाँ भारत की स्थिति पहले से काफी मजबूत हो जाएगी. कहीं न कहीं इसी स्थिति को देखते हुए चीन भारत के इस प्रयास में अडंगा डाल रहा है क्योकिं भारत की मजबूत स्थिति दक्षिण एशिया में चीन की दादागिरी को कमजोर करने की शुरुआत होगी जिसे चीन कभी सफल होने देना नहीं चाहेगा.