23-24 May 2015 Hindi

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने असम के नामरूप में अमोनिया यूरिया परिसर की स्थापना को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 21 मई 2015 को असम के नामरप में अमोनिया- यूरिया कॉम्पलेक्स की स्थापना को अपनी मंजूरी दे दी. कॉम्पलेक्स की स्थापना एक संयुक्त उपक्रम (जेवी) के तहत पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड से होगी. प्रस्तावित संयुक्त उपक्रम में पीएसयू ब्रहमपुत्र वेली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड ( बीवीएफसीएल) असम सरकार और आइल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) की हिस्सेदारी 11 प्रतिशत, क्रमशः 11 प्रतिशत और 26 प्रतिशत इक्विटी हॉल्डिंग और शेष 52 प्रतिशत प्राइवेट/पब्लिक सेक्टर की संस्थाओं का होगा, जो कि प्रतियोगिी निविदा प्रक्रिया के द्वारा सूचित किया जाएगा. 

अमोनिया-यूरिया कॉम्पलेक्स के कार्य


इसकी प्रतिवर्ष क्षमता 8.64 लाख मीट्रिक टन होगी और इसके संचालन पर 4500 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. 
प्लांट में नवीनतम तकनीक वाली अंतर्राष्ट्रीय मानक युक्त उच्च ऊर्जा दक्षता यूनिट होगी और वर्तमान इकाइयों के लिए इतनी ही मात्रा में प्राकृतिक गैस उपलब्ध होगी, नई इकाई के साथ यूरिया का उत्पादन क्षेत्र दोगुने से भी अधिक हो जाएगा, यह 3.6 टन से बढ़कर 8.64 लाख मीट्रिक टन प्रतिवर्ष हो जाएगा. 
इस इकाई से होने वाला यूरिया का समस्त उत्पादन नीम कोटेड होगा ताकि नीम के लाभ उत्तर पूर्व क्षेत्र के किसानों तक भी पहुंच पाएं.


अमोनिया-यूरिया कॉम्पलेक्स का महत्व


यह उत्तर पूर्व क्षेत्रों बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड में बढ़ रही यूरिया की मांग को पूरा करेगा और पश्चिम से केंद्रीय क्षेत्रों तक यूरिया के परिवहन में होने वाली परेशानी को दूर कर सरकार की भाड़ा सब्सिडी में भी बचत करेगा. यह उत्तर पूर्व क्षेत्र के लिए विकास के नए द्वार खोलेगा क्योंकि इसकी स्थापना के साथ क्षेत्र में रोजगार का अवसर बढ़ेगा और कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी. वर्तमान में भारत को प्रतिवर्ष 310 लाख मीट्रिक टन की मांग को पूरा करने के लिए 80 लाख मीट्रिक टन यूरिया का आयात करना पड़ता है. इस नई इकाई के संचालन और पांच इकाइयों, जिनके सबंध में हाल ही के महीनों में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अपनी अनुमति दी है के पुनः शुरू होने से भारत यूरिया का निर्यात करने लगेगा. इससे सरकार के 600 करोड़ रुपये की सालाना बचत होगी. पांच इकाइयां ओडिशा के तालचेर, तेलंगाना के रामागुंडम, बिहारी के बरौनी, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और झारखंड के सिंद्री में फर्टिलाइजर कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआईएल) के अधीन संचालित हैं.

वैज्ञानिक प्रकाशन के क्षेत्र में भारत छठवें स्थान पर

विज्ञान व तकनीकी विभाग के अनुसार 21 मई 2015 को वैज्ञानिक प्रकाशन के मामले में भारत छठवें स्थान पर पहुंच गया है. इससे पहले विभिन्न जरनल में शोध पत्र प्रकाशन में भारत का स्थान दसवां था. विज्ञान व तकनीकी विभाग के सचिव आशुतोष शर्मा ने यह जानकारी नई दिल्ली में रिसर्च काउंसिल यूके (आरसीयूके) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दी.

यह कार्यक्रम भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच वैज्ञानिक शोध के क्षेत्र में प्रगति के लिए आयोजित किया गया था. वर्तमान में भारत और यूके विभिन्न क्षेत्रों में आपसी समन्वय से काम कर रहे हैं, इनमें परमाणु ऊर्जा, सौर ऊर्जा, मॉनसून और जनस्वास्थ, गंगा का पुनरुद्धार और जलवायु परिवर्तन आदि शामिल हैं. वर्ष 2011 में भारत और यूके के बीच वैज्ञानिक सहयोग महज कुछ मिलियन पाउंड का था जो वर्तमान में 150 मिलियन पाउंड तक पहुँच गया है.

अंडमान व निकोबार पुलिस विभाग द्वारा 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित

21 मई 2015 को अंडमान और निकोबार पुलिस विभाग ने निरीक्षक और उप निरीक्षक पदों पर 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रखने का प्रस्ताव दिया. पुलिस विभाग में 33 प्रतिशत स्थान महिलाओं के लिए सुरक्षित रखने के निर्णय से संवेदनशील समस्याओं जैसे महिला, बच्चे और बिना किसी भय के उनकी शिकायतें पहुंचाने तथा कई समस्याओं को बेहतर ढंग से हल करने में मदद मिलेगी.

वर्तमान में अंडमान व निकोबार पुलिस विभाग में महिलाओं की संख्या मात्र 18 प्रतिशत है. इससे पहले जून 2014 में गुजरात सरकार ने पुलिस फोर्स में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत कोटे की घोषणा की थी. वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने दिल्ली को मिलाकर सभी संघ शासित राज्यों में पुलिस में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण को स्वीकृत किया था.

पश्चिम बंगाल के राजारहट में कोल इंडिया लिमिटेड के नए मुख्यालय का उद्घाटन

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने कोल इंडिया लिमिटेड के नए मुख्यालय का शुभारंभ 15 मई 2015 को नए कस्बे राजारहट में किया.उद्घाटन के मौके पर केंद्रीय ऊर्जा, कोयला व नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री पीयूष गोयल और शहरी विकास, गृह व शहरी गरीबी उन्मूलन केंद्रीय राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो मौजूद थे.

मुख्यालय का नया भवन 27,000 वर्गफीट क्षेत्र में फैला हुआ है और इसका निर्माण शहरी विकास मंत्रालय की एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी नेशनल बिल्डिंग कारपोरेशन (एनबीसीसी)  द्वारा किया गया है. कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) एक महारत्न कंपनी है, यह विश्व की सर्वाधिक कोयला उत्पादक कंपनी है. भारत में कोयला उत्पादन में इसका योगदान 81 प्रतिशत के करीब है.

जी मोहन कुमार नए रक्षा सचिव नियुक्त

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी जी. मोहन कुमार को भारत का रक्षा सचिव नियुक्त गया. इनके नियुक्ति का आदेश कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा 22 मई 2015 को जारी किया गया. जी. मोहन कुमार को 28 मई 2015 को सेवानिवृत्त हो रहे राधा कृष्णा माथुर का स्थान लेना है. 
रक्षा मंत्रालय में रक्षा सचिव के रुप में जी. मोहन कुमार की नियुक्ति पदभार संभालने की तिथि से 2 वर्ष की अवधि के लिए की गई है.

जी. मोहन कुमार ओड़िशा संवर्ग के 1979 बैच के आईएएस अधिकारी है. रक्षा सचिव नियुक्त होने से पहले वह रक्षा उत्पादन विभाग में सचिव रहे. राधा कृष्णा मणिपुर-त्रिपुरा संवर्ग के 1977 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. 
जी. मोहन कुमार वर्ष 2010 और सितंबर, 2013 के बीच जल संसाधन मंत्रालय में नदी विकास एवं गंगा पुनरुद्धार के संदर्भ में अवर और विशेष सचिव के रूप में कार्य किया है. 
जी. मोहन कुमार का संबंध केरल से है. वह 1सितंबर 2014 को रक्षा उत्पादन विभाग में सचिव का पदभार ग्रहण करने से पहले इस्पात सचिव थे.
जी. मोहन कुमार के स्थान पर 1981 बैच के आईएएस अधिकारी अशोक कुमार गुप्ता को रक्षा उत्पादन विभाग में सचिव नियुक्त किया गया. इसके पहले वह रक्षा उत्पादन विशेष सचिव पद पर रहे.

इसरो द्वारा अक्टूबर 2015 में एस्ट्रोसेट का शुभारम्भ करने की घोषणा

भारतीय आंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 19 मई 2015 को यह घोषणा की कि अक्टूबर 2015 में आंध्रप्रदेश के सतीशधवन आंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र श्रीहरिकोटा से पोलर सेटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) सी-34 द्वारा एस्ट्रोसेट का  शुभारम्भ किया जाएगा. 
एस्ट्रोसेट के कार्य
एस्ट्रोसेट पहला भारतीय आंतरिक्ष वेधशाला मिशन है, जिसका उद्देश्य दूर के आकाशीय पिंडों का अध्ययन करना है.

 

यह मिशन अल्टावायलेट (यूवी) में भी मिशन जारी रखने, ऑप्टिकल, एक ही समय पर कम व अधिक ऊर्जा एक्स रे वेब बैंड में सक्षम है.
सेटेलाइट को पृथ्वी की समान कक्षा में 650 किलोमीटर के करीब छोड़ा जाएगा.


एस्ट्रोसेट में चार एक्सरे पे लोड्स, एक यूवी टेलीस्कोप और एक चार्ज प्रेक्टीकल मॉनिटर है.

इसरो के अलावा, चार अन्य भारतीय संस्थान, जिनमें टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर),ए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए), ए इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (आईयूसीएए) और रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरआरआई)पेलोड्स के निर्माण में शामिल हैं. इनमें से दो पे लोड्स कनाडाई आंतरिक्ष एजेंसी (सीएसए) और यूनिवर्सिटी ऑफ लीस्टशायन (यूओएल) यूके के सहयोग से विकसित की गई हैं.


इसरो ने घोषणा की है कि अंतरिक्षयान पूरी तरह तैयार हो चुका है और आने वाले दिनों में इसके पर्यावरणीय परीक्षण जैसे इलेक्ट्रामैग्नेटिक इंटरफ्रेंस (ईएमआई), इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कॉम्पटेबिलिटी (ईएमसी), थर्मल वैक्यूम, वाइब्रेशन और एक्यूस्टिक आदि  परीक्षण किए जायेंगे.

आईजीबीसी की रिपोर्ट, भारत में 3 बिलियन वर्गफीट ग्रीन बिल्डिंग फुटप्रिंट पंजीकृत

भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) ने 21 मई 2015 को रिपोर्ट में बताया कि भारत में 3 बिलियन वर्गफीट से ज्यादा क्षेत्रफल में ग्रीन बिल्डिंग परियोजनाएं पंजीकृत हो चुकी हैं. इस उपलब्धि के साथ विश्व ग्रीन बिल्डिंग फुटप्रिंट में भारत  दूसरे स्थान पर पहुंच गया है. आईजीबीसी का लक्ष्य वर्ष 2022 तक 10 बिलियन वर्गफीट क्षेत्र में रोपण करना है. आईजीबीसी औद्योगिक संस्था कान्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) का एक भाग है, जो भारत में ग्रीन बिल्डिंग अभियान को प्रोत्साहित करने का कार्य करता है.

इस महत्वपूर्ण प्रगति का अहम कारण यह है कि स्टेकहोल्डर्स को यह अहसास हो चुका है कि ग्रीन बिल्डिंग एक अच्छी व्यापारिक समझ साबित हो सकती है.ग्रीन बिल्डिंग वह है, जिसमें पानी का कम इस्तेमाल, ऊर्जा क्षमता का सही उपयोग, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, कम कचरा उत्पादन और रहने वालों को एक पारंपरिक बिल्डिंग की तुलना में अधिक स्वास्थवर्द्धक माहौल मिलता है. रिहायशी बिल्डिंग क्षेत्र भारत में बिजली की खपत करने वाला सबसे बड़ा क्षेत्र है. बढ़ते शहरीकरण और आबादी के कारण इमारतों में बिजली की खपत में वृद्धि हो रही है.

यूएस आर्मी ने ब्लास्ट प्रूफ वॉलपेपर विकसित किया है

यूनाइटेड स्टेटस (यूएस) आर्मी ने अपने सैनिकों को विस्फोट से बचाने के लिए ब्लास्ट प्रूफ वॉलपेपर विकसित किया है. इसके एक प्रोटोटाइप का प्रदर्शन 21 मई 2015 को पेंटागन में आयोजित आर्मी आविष्कारों की प्रदर्शनी में किया गया. ब्लास्टिक वॉलपेपर का प्रदर्शन रक्षा विभाग के लैब डे पर यूएस आर्मी इंजीनियरों के 100 आविष्कारों के साथ किया गया.

इस प्रोटोटाइप को आर्मी इंजीनियरों द्वारा यूनाइटेड स्टेट्स में डिजाइन किया गया है. इस ब्लास्टिक वॉलपेपर की मुख्य विशेषता यह है कि यह छोटी सी सूचना के जरिये गैर विशेष इकाइयों द्वारा तुरंत और आसानी से अपनाया जा सकता है. इसमें महत्वपूर्ण सामरिक लाभ प्रदान करने की क्षमता है.

प्रोटाटाइप कम वजन वाला कठोर केवलर फाइबर्स सहित चिपकने योग्य वॉलपेपर है, जिसे सैनिक समूहों द्वारा अस्थायी इमारतों को मजबूती देने हेतु ले जाया जा सकता है. विशेष फेब्रिक एक जाल के तौर पर काम करता है जो आसपास उड़ने वालीं नुकीली चीजों को रोककर सैनिकों को और उसके अंदर फंसे नागरिकों को बचाता है.

यह भवन के अंदर मलबे में दबने से लोगों को होने वाले खतरे को कम करने में भी सक्षम होगा. इसका छोटा परीक्षण अभ्यास  ल्यूसिएना में पोक फोर्ट के नजदीक किया गया,जबकि बड़ा परीक्षण अभ्यास फ्लोरिडा में एगलिन एयरफोर्स बेस पर किए गए.

'निरंतर विकास के लिए जैव विविधता’ विषय के साथ अंतरराष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस मनाया गया

22 मई: अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 
‘अंतरराष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस’ 22 मई 2015 को मनाया गया. इसे 'विश्व जैव-विविधता संरक्षण दिवस' भी कहते हैं. वर्ष 2015 के अंतरराष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस का विषय 'निरंतर विकास के लिए जैव विविधता’ (Biodiversity for Sustainable Development) रखा गया.

अंतरराष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस’ का उद्देश्य पारिस्थितिकीय तंत्र के संरक्षण एवं संव‌र्द्धन के प्रति जन-जागरूकता को फैलाना है. अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पृथ्वी पर जीवन और मानवता की भलाई के लिए जैव विविधता की बुनियादी भूमिका को पहचानने के साथ-साथ जैव‍ विविधता के महत्व और खतरों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. प्रतिवर्ष इस दिवस को मनाकर हम भावी पीढि़यों के लिए जैव-संसाधनों की मूल्यवान विरासत की रक्षा करने का संकल्प और जिम्मेदारी लेते हैं.
अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस धरती को बच्चों से उधार लिया गया है न कि यह पूर्वजों से विरासत में मिली है. भारत के समक्ष अनिवार्य चुनौती निरंतर विकास के लिए जैव विविधता को आत्मसात करने की है.
संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्राकृतिक एवं पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में जैव-विविधता का महत्व देखते हुए ही जैव-विविधता  दिवस को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया. नैरोबी में 29 दिसंबर 1992 को हुए जैव-विविधता सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया था, किंतु कई  देशों द्वारा व्यावहारिक कठिनाइयां जाहिर करने के कारण इस दिन को 29 मई की बजाय 22 मई को मनाने का निर्णय लिया गया.

इसमें विशेष तौर पर वनों की सुरक्षा, संस्कृति, जीवन के कला शिल्प,  संगीत, वस्त्र-भोजन, औषधीय पौधों का महत्व आदि को प्रदर्शित करके जैव-विविधता के महत्व एवं उसके न होने पर होने वाले  खतरों के बारे में जागरूक करना है.
विदित हो कि भारत ने जैव-विविधता सम्मेलन के 11वें अधिवेशन का आयोजन अक्टूबर 2012 में हैदराबाद में किया था. इसलिए भारत  इस समय इससे जुड़े विभिन्न पक्षों के सम्मेलन का अध्यक्ष रहा. वर्ष 2014 के अंतरराष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस का विषय ‘द्वीपीय जैव-विविधता’ रखा गया.

जे. जयललिता ने 5वें कार्यकाल के लिए तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली

 

ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव जे. जयललिता ने 5वें कार्यकाल के लिए तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के पद की शपथ 23 मई 2015 को ली. तमिलनाडु के राज्यपाल के. रोसैया ने मद्रास युनिवर्सिटी सेंटीनरी ऑडिटोरियम में आयोजित शपथ-ग्रहण समारोह में उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.

इसके बाद राज्यपाल ने मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों को दो बार में सामूहिक रूप से पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. तमिलनाडु की 14वीं विधानसभा में जयललिता बतौर मुख्यमंत्री 29 सदस्यीय मंत्रिमंडल का नेतृत्व करेंगी.

जयललिता के मंत्रिमंडल में वही लोग शामिल हैं, जो पूर्ववर्ती ओ. पन्नीरसेल्वम के मंत्रिमंडल में थे. उनके विभागों में भी बदलाव नहीं किया गया है. हालांकि पूववर्ती सरकार में वन मंत्री रहे एम.एस.एम. आनंद और बिना किसी विभाग के मंत्री रहे पी. चेंदुर को इस बार मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया.
विदित हो कि एआईएडीएमके ने वर्ष 2011 में विधानसभा चुनाव जीता था और तब जयललिता मुख्यमंत्री बनी थीं. लेकिन सितंबर 2014 में बेंगलुरू की एक अदालत ने उन्हें 18 वर्ष पुराने आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराया था. अदालत ने उन्हें चार साल कैद की सजा सुनाई थी और उन पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी किया था.
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बेंगलुरू की निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ जयललिता की अपील स्वीकार करते हुए उन्हें सभी आरोपों से 11 मई 2015 को बरी कर दिया.
मंत्रीऔरउनकेविभागोंकीसूची

मंत्रीकानाम

मंत्रालय

ओ. पन्नीरसेल्वम

फाइनेंस, प्लानिंग, विधायी कार्य, पासपोर्ट, जनसेवा और सिंचाई.

नाथम आर. विश्वनाथन

बिजली, गैर पारम्परिक ऊर्जा और एक्साइज.

आर. वैथीलिंगम

आवास, शहरी विकास और एग्रीकल्चर.

के. पलानीस्वामी

राष्ट्रीय राजमार्ग, छोटे बंदरगाह और वन.

पी. मोहन

ग्रामीण उद्योग एवं श्रम.

बी. वालामार्थी

सामाजिक न्याय एवं दोपहर पौष्टिक आहार.

पी. पलानीअप्पन

उच्च शिक्षा.

सेल्लूर के. राजू

सहकारिता.

आर. कामराज

खाद्य, हिंदु सामाजिक संगठनों से जुड़े मामले.

पी. थंगामणि

उद्योग.

वी. सेंथिल बालाजी

परिवहन मंत्रालय.

एम.सी. संपत

बिजनेस टैक्स और रजिस्ट्रेशन.

एस.पी. बालामुनी

नगरीय प्रशासन, ग्रामीण विकास, कानून और जेल.

टी.के.एम. चिनैय्या

पशुपालन.

एस. गोकुला इंदिरा

हैंडलूम्स एंड टेक्सटाइल.

एस. सुंदरराज

खेल एवं युवा कल्याण.

एस.पी. षणमुगुनाथन

पर्यटन.

एन. सुब्रमण्यन

आदिवासी कल्याण.

के.ए. जयपाल

मत्स्य पालन.

एम. एन. सुब्रमण्यन

इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी.

आर.बी. उदयकुमार

राजस्व.

के.टी. राजेंद्र बालाजी

सूचना एवं स्पेशल प्रोग्राम इमप्लीमेंटेशन.

बी.वी. रामन्ना

दुग्ध एवं डेयरी.

के.सी वीरामणि

स्कूल शिक्षा.

एन.डी. वेंकटाचलम

पर्यावरण.

टी.पी. पोनाची

खादी एवं ग्रामीण उद्योग.

एस. अब्दुल रहीम

पिछड़ा विकास और अल्पसंख्यक कल्याण.

सी. विजय भास्कर

स्वास्थ्य.

 

जाज संगीतज्ञ बॉब बेल्डन का निधन

 

जाज संगीतज्ञ बॉब बेल्डन का 20 मई 2015 को निधन हो गया. वह 58 वर्ष के थे. बॉब बेल्डन के एक जाज संगीतकार, प्रबंधक और निर्माता थे. वह 1979 की क्रांति के बाद से ईरान में प्रदर्शन करने के लिए वर्ष 2015 में वहां का दौरा करने वाले पहले अमेरिकी संगीतकार थे.

बेल्डन बहु-कलाकार विषयगत एल्बमों की अवधारणा और उत्पादन के लिए जाने जाते थे जिसमें माइल्स फ्रॉम इण्डिया (2008) शामिल था जिस पर भारतीय और अमेरिकी संगीतकारों ने माइल्स डेविस धुनों का प्रदर्शन किया. इन्होंने तीन ग्रैमी अवार्ड जीते.

संपूर्ण भारत में 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया गया

21 मई 2015: आतंकवाद विरोधी दिवस/पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का शहीदी दिवस
भारत भर में 21 मई 2015 को आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया गया. इसी दिन यानी 21 मई 1991 को देश के 7वें प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरुंबुदूर में लिट्टे के एक मानव बम द्वारा हत्या कर दी गई थी. वह उस समय चुनाव प्रचार के लिए श्रीपेरुंबुदूर में एक आमसभा को संबोधित करने वाले थे. तभी से राजीव गांधी के सम्मान और उनको श्रद्धांजलि देने के लिए आज का दिन आतंकवाद विरोधी दिवस के तौर पर मनाया जाता है.

आतंकवाद विरोधी दिवस मनाने का उद्देश्य राष्ट्रीय हितों पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों, आतंकवाद के  कारण आम जनता को हो रही परेशानियों, आतंकी हिंसा से दूर रखना है.
इस दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 24वीं पुण्यतिथि भी मनाई गई. यह दिन देश के सभी वर्गों के लोगों के बीच आतंकवाद और हिंसा के प्रति जागरूकता फैलाने और उसका लोगों, समाज और देश पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताने के लिए मनाया जाता है.