=> अनुराग ठाकुर निर्विरोध बीसीसीआई के अध्यक्ष निर्वाचित

 

अनुराग ठाकुर 22 मई 2016 को मुंबई में निर्विरोध रूप से बीसीसीआई के 34वें अध्यक्ष निर्वाचित किये गये. वे सितंबर 2017 तक बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर रहेंगे.

अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले से बीजेपी के लोकसभा सांसद भी हैं. वे दूसरे सबसे युवा बीसीसीआई अध्यक्ष हैं. उनसे पहले 1963 में फतेह सिंह गायकवाड़ को 33 वर्ष की आयु में बीसीसीआई अध्यक्ष चुना गया था.

ठाकुर को शशांक मनोहर के स्थान पर चुना गया है. मनोहर को 12 मई 2016 को आईसीसी का पहला स्वतंत्र निदेशक चुना गया है.

अध्यक्ष चुने जाने से पहले ठाकुर ने बीसीसीआई के सचिव पद से इस्तीफ़ा दिया. ठाकुर (41) आईसीसी के कार्यकारी बोर्ड एवं एशियन क्रिकेट काउंसिल में भी बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व करेंगे.

इसके अतिरिक्त, ठाकुर ने अजय शिकरे को सचिव पद हेतु नामांकित किया. शिकरे आईसीसी की कार्यकारी बैठकों में बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व करेंगे.

 

 

=> विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया गया

 

22 मईअंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा 22 मई 2016 को अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया गया. वर्ष 2016 का विषय है - जैव विविधता को मुख्य धारा में लाना, लोगों एवं उनकी आजीविका का सतत विकास करना.

इस वर्ष के विषय द्वारा जैव विविधता द्वारा विकास पर प्रकाश डाला गया है. संयुक्त राष्ट्र ने भी विशेष रूप से कहा कि 2030 के सतत विकास एजेंडा के लिए जैव विविधता आवश्यक है.

इसके अतिरिक्त यह भी तय किया गया कि 4 से 17 दिसम्बर 2016 को मेक्सिको में होने वाले 13वें जैव विविधता सम्मेलन में जैव विविधता को मुख्य धारा में लाना प्रमुख मुद्दा होगा.

पृष्ठभूमि

•    संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसम्बर 2000 को 55/201 प्रस्ताव पारित करके 22 मई को अन्तराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के रूप में मनाये जाने का संकल्प लिया.

•    इस दिवस का उद्देश्य 22 मई 1992 को पारित किये गये नैरोबी एक्ट का पालन करना तथा इस संबंध में लोगों को जागरुक करना है.

•    अधिकारिक घोषणा से पहले 29 दिसम्बर को अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया जाता था.

•    अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस यूएन पोस्ट-2015 सतत विकास लक्ष्यों के विकास एजेंडा में शामिल है.

•    वर्ष 2015 का विषय था सतत विकास के लिए जैव विविधता.

 

 

=> वरिष्ठ ओलंपिक विजेता सैन्डोर टैरिक्स का निधन

 

विश्व के सबसे वरिष्ठ ओलंपिक पदक विजेता सैन्डोर टैरिक्स का 21 मई 2016 को सैन फ्रांसिस्को को निधन हो गया. वे 102 वर्ष के थे. हंगरी ओलंपिक समिति एमओबी ने उनके निधन की पुष्टि की.

टैरिक्स हंगरी के वॉटर पोलो टीम के सदस्य थे जिन्होंने नाज़ी सरकार के काल में हुए बर्लिन ओलंपिक्स के दौरान जीत दर्ज की थी.

सैन्डोर टैरिक्स

•    वे एक कुशल इंजिनियर एवं गणितज्ञ थे. उन्होंने 1948 में कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा टेकओवर किये जाने के बाद हंगरी छोड़ दिया एवं सैन फ्रांसिस्को में रहने लगे थे. यहां वे यूनिवर्सिटी प्रोफेसर के रूप में कार्यरत रहे.

•    उन्होंने भूकंप रोधी इमारतों के डिज़ाइन एवं भूकंप के शोध हेतु अमेरिका में ख्याति प्राप्त की.

•    उन्हें अमेरिका एवं हंगरी दोनों देशों द्वारा सम्मानित किया गया, वे संयुक्त राष्ट्र के भूकंप सलाहकार भी रहे.

•    वर्ष 2012 में उन्होंने वरिष्ठतम ओलंपियन के रूप में लंदन ओलंपिक में भाग लिया.

•    उनका जन्म 1913 में हंगरी स्थित बुडापेस्ट में हुआ.

 

 

=> भारत का पहला पुनः प्रयोग किया जाने वाला स्पेस शटल आरएलवी-टीडी श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया

 

भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 23 मई 2016 को पुनः प्रयोग हो सकने वाला स्वदेशी स्पेस शटल (आरएलवी-टीडी) श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) से लांच किया.

इसे सॉलिड राकेट मोटर (एसआरएम) द्वारा ले जाया गया. नौ टन के एसआरएम का डिजाईन इस प्रकार से बनाया गया है जिससे यह धीरे-धीरे घर्षण को सहन करता है.

शटल को लॉन्च करने के बाद व्हीकल को बंगाल की खाड़ी में बने वर्चुअल रनवे पर लौटाने का फैसला किया गया. 

सॉलिड फ्यूल वाला स्पेशल बूस्टर इसकी फर्स्ट स्टेज रही. ये आरएलवी-टीडी को 70 किमी तक ले गई. इसके बाद आरएलवी-टीडी को बंगाल की खाड़ी में नेविगेट करा लिया गया. स्पेस शटल और आरएलवी-टीडी पर जहाजों, सैटेलाइट और राडार से नजर रखी गई. इसकी गति ध्वनि की गति से 5 गुना ज्यादा थी, इसलिए लैंडिंग के लिए 5 किमी से लंबा रनवे 
बनाया गया.

हाइपरसोनिक फ्लाइट एक्सपेरिमेंट की अवधि 10 मिनट तक रही.

पुनः प्रयोग किया जाने वाला स्पेस शटल

•    यह स्पेस शटल रियूजेबल लॉन्च व्हीकल-टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर (RLV-TD) से लॉन्च होगा. लॉन्च व्हीकल स्पेस शटल को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर एक एयरक्राफ्ट की तरह वापस पृथ्वी पर लौट आएगा तथा इसे दोबारा इस्तेमाल किया जा सकेगा.

•    6.5 मीटर लंबे हवाई जहाज की तरह दिखने वाले स्पेसक्राफ्ट का वजन 1.75 टन है.

•    इस परियोजना की लागत 95 करोड़ रूपये है.

•    यह अमेरिका के स्पेस शटल जैसा ही है.

•    आरएलवी-टीडी के जिस मॉडल का प्रयोग किया जाएगा, वह इसके अंतिम रूप से 6 गुना छोटा है. आरएलवी-टीडी का अंतिम रूप बनने में 10-15 साल का समय लगेगा.

•    इसका निर्माण थिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में 600 वैज्ञानिकों की टीम द्वारा पांच वर्ष में किया गया.

टिप्पणी

फ़िलहाल किसी भी देश द्वारा इस प्रकार के स्पेसक्राफ्ट का प्रयोग नहीं किया जाता. इससे पहले केवल रूस और अमेरिका ने इनका प्रयोग किया है. अमेरिका में इन्हें 2011 में रिटायर कर दिया गया जबकि रूस ने केवल 1989 में इनका प्रयोग किया.

आरएलवी का मुकाबला दो प्राइवेट कंपनियों स्पेस एक्स फाल्कन-9 एवं ब्लू ओरिजिन से है जिन्होंने आंशिक रूप से इस प्रकार के पुनः प्रयोग किये जाने वाले शटल का प्रयोग किया है.

 

=> चक्रवाती तूफान रोआनु से आन्ध्र प्रदेश में कहर

 

पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर आया चक्रवाती तूफान रोआनु 19 मई, 2016 को 11.30 बजे मछलीपत्तनम से लगभग 80 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व, विशाखापत्तनम के 290 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम तथा काकीनाडा के 160 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में अक्षांश 15.6º एन और देशांतर 81.6 ºई में केंद्रित था.

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार पश्चिमी-मध्य तथा इससे सटे हुए दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में बना हुआ गहरा दबाव और तेज होकर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया. यह पहले उत्तर एवं उत्तर पूर्व की ओर गया और यह दक्षिण पूर्व गोपालपुर से लगभग 590 किलोमीटर पर केंद्रीत रहा.

  • गहरे दवाब का क्षेत्र बनने से आये तेज चक्रवाती तूफान ‘रोनू’ की वजह से आंध्र प्रदेश के नेलोर जिले में काफी जान माल की क्षति हुई है.
  • जगह-जगह पेड़ और बिजली के खंभे टूट कर गिर गये हैं.
  • भारी बारिश और तेज हवाओं की वजह से बहुत नुकसान हुआ है.
  • तेज हवाओं ने जहां पेड़ को जड़ से उखाड़ दिया है वहीं शहर की बिजली व्यवस्था को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है.
  • चक्रवाती तूफान रोनू के कहर को देखते हुए आईएनएस सुनयना और आईएनएस सतलज राहत सामग्री लेकर कोलंबो रवाना हो गये हैं.
  • श्रीलंका के कई हिस्सों में साइक्लोन रोनू का कहर बरपा है, जिसकी वजह से भारी बारिश और बाढ़ आ गयी है.


मौसम विभाग का अनुमान

  • अगले 12 घंटों में चक्रवाती तूफान उत्तर-उत्तर पूर्व दिशा और आंध्र प्रदेश तट की ओर बढ़ सकता है.
  • उसके बाद इसकी दिशा उत्तर पूर्व हो सकती है.
  • उत्तर पूर्व में बढ़ते हुए यह 21 मई की रात तथा 22 मई को तड़के खेपुपारा तथा कॉक्स बाजार के बीच दक्षिण बंगलादेश तट से गुजरेगा.

मौसम विभाग की संभावना-

  • मौसम विभाग के मुताबिक अब यह तूफान आंध्र प्रदेश के बाद उत्तर पूर्व इलाकों के साथ-साथ ओडिशा की ओर बढ़ सकता है.
  • साथ ही इसके प्रभाव से अगले 24 घंटों में दक्षिण एवं उत्तर ओडिशा के अधिकत्तर स्थानों में भारी बारिश और चक्रवाती तूफान आ सकता है.
  • विभाग के मुताबिक दक्षिण ओडिशा के एकाध स्थानों पर अत्धिक बारिश की संभावना है.
  • मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान रोनू के प्रभाव के कारण तटीय आंध्रप्रदेश, ओडिशा और गांगेय पश्चिम बंगाल में भारी वर्षा की चेतवानी दी है.
  • मौसम विभाग ने तटीय आंध्र प्रदेश, तटीय ओडिशा और तटीय गांगेय पश्चिम बंगाल में चक्रवात के कारण भारी से बहुत भारी वर्षा होने और नब्बे से सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की चेतावनी जारी की है.

 

 

=> किरण बेदी को पुडुचेरी का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया

 

भाजपा नेता और पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को 22 मई 2016 को पुडुचेरी का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया.

केंद्र सरकार ने गत 12 जुलाई 2014 को संप्रग सरकार द्वारा उपराज्यपाल बनाये गये वीरेंद्र कटारिया को नियुक्ति के महज एक साल बाद ही हटा दिया था जिसके बाद से यह पद खाली पड़ा था.

अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के उपराज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल अजय सिंह को पुडुचेरी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था.

तीन दिन पहले ही 30 सदस्यीय पुडुचेरी विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन ने 17 सीटें हासिल की हैं.

किरण बेदी के बारे में:

• किरण बेदी भारतीय पुलिस सेवा (आई.पी.एस) में आने वाली देश की पहली महिला अधिकारी हैं.

• वे संयुक्त आयुक्त पुलिस प्रशिक्षण तथा दिल्ली पुलिस स्पेशल आयुक्त (खुफिया) के पद पर कार्य कर चुकी है.

• वर्ष 2015 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर राजनीति में प्रवेश किया.

• वह वर्ष 2002 के लिए भारत की ‘सबसे प्रशंसित महिला’ चुनी गयीं.

• सन् 1987 में किरण बेदी ने नवज्योति तथा 1994 में इंडिया विजन फाउंडेशन नामक संस्थानों की शुरुआत की.

किरण बेदी द्वारा जीते गए पुरस्कार:

किरण बेदी को उनकी उल्लेखनीय सेवाओं के लिए कई राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया. इनमें से प्रमुख पुरस्कार निम्न हैं-

• प्रेसीडेंट गेलेट्री अवार्ड (1979)

• इटली का वीमेन ऑफ दी ईयर अवार्ड (1980)

• नार्वे के इंटशनेशनल ऑर्गेनाजेशन ऑफ गुड टेम्पलर्स का ड्रग प्रिवेंशन एवं कंट्रोल के लिए एशिया रीजन अवार्ड (1991)

• सराहनीय सेवा के लिए 'रेमन मैग्सेसे पुरस्कार' (1994)

• महिला शिरोमणि अवार्ड (1995)

• फादर मैचिस्मो ह्यूमेटेरियन अवार्ड (1995)

• प्राइड ऑफ इंडिया (1999)

• अमेरीकी मॉरीसन-टॉम निटकॉक अवार्ड (2001)

• मदर टेरेसा मेमोरियल नेशनल अवार्ड (2005)

किरण बेदी द्वारा लिखी कुछ पुस्तके निम्न है:

• यह संभव है

• जैसा मैंने देखा

• गलती किसकी

• हिम्मत है

 

 

=> चीन ने 14 वीं बार उबेर कप बैडमिंटन टूर्नामेंट जीता

 

चीन ने दक्षिण कोरिया को फाइनल में 21 मई 2016 को 3-1 से पराजित कर 14वीं बार प्रतिष्ठित उबेर कप बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया.

चीन का विश्व टीम चैंपियनशिप मानी जाने वाली इस प्रतियोगिता में यह लगातार 17वां फाइनल था और उसने 14वीं बार यह खिताब अपने नाम किया.

चीन को 2010 में कुआलालम्पुर में दक्षिण कोरिया से 1-3 से हार का सामना करना पड़ा था लेकिन चीन ने उसके बाद 2012 में दक्षिण कोरिया को 3-0 , 2014 में जापान को 3-1 से और 2016 में दक्षिण कोरिया को 3-1 हराकर खिताबी हैट्रिक पूरी कर ली.

मैच का परिणाम:

ओलंपिक चैपियन ली जुईरुई ने सुंग जी ह्यून को 58 मिनट में 14-21, 21-13, 21-10 से हराकर चीन को 1-0 से बढ़त दिलायी. युगल मैच में दक्षिण कोरियाई जोड़ी जुंग क्यूंग युन और शिन स्यूंग चान ने तियान किंग और झाओ युनलेई को एक घंटे 35 मिनट में 16-21, 21-17, 25-23 से हराकर अपनी टीम को 1-1 की बराबरी पर ला दिया.

वांग शिजियान ने किम ह्यो मिन को 45 मिनट में 21-13, 21-12 से हराकर चीन को 2-1 से आगे कर दिया. युगल मैच में चेन किंगचेन और तांग युआनतिन ने चांग यि ना और ली सो ही को 51 मिनट में 21-14, 21-16 से हराकर उबेर कप चीन ने जीत लिया.

उबेर कप के बारे में:

•    उबेर कप या महिला विश्व टीम चैंपियनशिप का पहला आयोजन वर्ष 1956-57 में किया गया था. वर्ष 1984 के बाद से उबेर कप  द्विवार्षिक आयोजित होता है.

•    उबेर कप का नाम एक पूर्व ब्रिटिश महिला बैडमिंटन खिलाड़ी  बेट्टी उबेर के नाम पर रखा गया था.

•    चीन ने सबसे अधिक 14 वीं बार उबेर कप का खिताब जीता है जबकि जापान ने पांच बार यह खिताब जीता है. इंडोनेशिया और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनो भी तीन बार उबेर कप का खिताब जीत चुके है.

 

 

=> डेनमार्क ने अपना पहला थॉमस कप खिताब जीता

 

आठ बार की उपविजेता रही डेनमार्क ने 22 मई 2016 को फाइनल मुकाबले में इंडोनेशिया को 3-2 से हरा थॉमस कप हासिल करने वाली पहली यूरोपीय टीम बन गई.

डेनमार्क की पुरुष टीम ने सभी एकल मुकाबलों में जीत हासिल करते हुए इस खिताब पर कब्जा जमाया.

डेनमार्क की बैडमिंटन टीम के लिए विक्टर एक्सेलेसेन, जान ओ जोर्गेनसेन और हांस क्रिस्टियन विटिंग्स ने जीत हासिल की.

इस टूर्नामेंट में दक्षिण कोरिया और मलेशिया को कांस्य पदक मिला है.

मैच के परिणाम:

•    इंडोनेशिया के विजयी क्रम पर रोक लगाने की शुरुआत डेनमार्क के विश्व के चौथी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी एक्सेलेसेन ने विश्व के सातवीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी टॉमी सुगियाटरे को 21-17, 21-18 से हराकर की.

•    विश्व के दूसरी वरीयता प्राप्त युगल जोड़ी हेंदारा सेतियावान और मोहम्मद एहसान ने नौवीं वरीयता प्राप्त जोड़ी माड्स कोनराद-पीटरसन और माड्स पिएलेर कोल्डिंग्स को 21-18, 21-13 को हराकर इंडोनेशिया का स्कोर बराबर कर दिया.

•    दूसरे एकल मुकाबले में जोर्गेसेन ने विश्व के 23वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी गिटनिंग एंथोनी को 21-17, 21-14 से हराकर एक बार फिर डेनमार्क को बढ़त दिलाई.

•    इंडोनेशिया ने फाइनल के रोमांचक मुकाबले में एक बार फिर एंग्गा प्रातमा और रिक्की कारंदा सुवार्दी की जोड़ी की बदौलत किम एस्ट्रुप और आंद्रेस स्कारुप रामुस्सेन को 21-16, 21-14 को हराकर मुकाबला 2-2 से बराबर कर लिया.

•    डेनमार्क के लिए अंतिम एकल मुकाबला इंडोनेशिया के साथ 2-2 से टाई हुए फाइनल में जीत हासिल करने में कारगार साबित हुआ, जिसमें विश्व के 13वीं वरीयता प्राप्त हांस क्रिस्टियन विटिंग्स ने 31वीं वरीयता प्राप्त एहसान मौलाना को 21-15, 21-7 मात दी.

थॉमस कप के बारे में:

•    थॉमस कप या पुरुष विश्व टीम चैंपियनशिप का पहला आयोजन वर्ष 1948-49 में और उबेर कप या महिला विश्व टीम चैंपियनशिप का पहला आयोजन वर्ष 1956-57 में किया गया था.

•    वर्ष 1984 के बाद से  दोनों कार्यक्रम द्विवार्षिक आयोजित हो रहे हैं.

•    थॉमस कप हर तीन वर्ष में आयोजित होता है और यह विश्व बैडमिंटन महासंघ के पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था.

•    इस प्रतिस्पर्धा और ट्राफी के दान का विचार विश्व बैडमिंटन महासंघ के पहले राष्ट्रपति, सर जॉर्ज थॉमस द्वारा किया गया जो 21 ऑल इंग्लैंड खिताब जीतने वाले दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी थे.

•    वर्ष 1948-49 से अब तक 28 थॉमस कप का आयोजन हो चुका है जिसे केवल अभी तक चार देश ही जीत चुके है.

•    इंडोनेशिया अब तक सबसे ज्यादा 13 थॉमस खिताब जीत चुका है. मलेशिया अब तक पांच खिताब तथा चीन नौ खिताब जीत चुका है.

 

 

=> हिमाचल प्रदेश में महसीर मछली के संरक्षण हेतु कृत्रिम प्रजनन कार्यक्रम की शुरुआत

 

हिमाचल प्रदेश मतस्य विभाग ने मई 2016 के तीसरे सप्ताह ने गोल्डन महसीर मछली के संरक्षण हेतु कृत्रिम प्रजनन कार्यक्रम की शुरुआत की. 

महसीर के संरक्षण के लिए मंडी जिले के जोगिंदर नगर इलाके में मछैल नामक स्थान पर 6 करोड़ की लागत से हैचरी का निर्माण किया गया. यहां पर जन्म लेने वाली मछलियों को नदियों एवं तालाबों में छोड़ा जायेगा.

स्थानीय नदियों एवं ताल क्षेत्रों से पकड़ी गयी मछलियों को यहां लाया जायेगा.

गोल्डन महसीर की जनसंख्या में गिरावट

•    मछली विभाग द्वारा कराये गये सर्वेक्षण के अनुसार इस प्रजाति की जनसँख्या तेजी से कम हो रही है.

•    इसके विभिन्न कारण हैं जैसे – बांध निर्माण, बैराज बनना, प्रदूषण, अवयस्क एवं किशोरावस्था की अंधाधुंध मछली पकड़ना, विदेशी प्रजातियों का अधिक आगमन.

•    इस मछली को वाशिंगटन आधारित इंटरनेशनल यूनियन ऑफ़ कंज़र्वेशन ऑफ़ नेचुरल रिसोर्सेज़ द्वारा विलुप्तप्राय घोषित किया जा चुका है.

गोल्डन महसीर

•    यह एक विलुप्तप्राय प्रजाति की मछली है जो अधिकतर तालाब, नदियों, झीलों एवं हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाती है.

•    इसकी अधिकतम लम्बाई 2.75 मीटर एवं वजन 54 किलोग्राम तक हो सकता है.

•    इसे भारतीय नदियों का टाइगर भी कहा जाता है.

•    इस मछली के निवास स्थान में कमी आने, निवास के लिए स्थान उपलब्ध न होने के कारण 50 प्रतिशत से भी अधिक की कमी दर्ज की गयी है.

•    भारतीय महसीर मछली अपनी प्रजाति की मछली से थोड़ी भिन्न है. इसकी पूँछ, श्रोणि और पंख सुनहरे रंग के होते हैं जबकि नर मछली का ऊपरी भाग सुनहरे रंग का होता है.

 

 

=> भारत और ईरान ने चाबहार बंदरगाह समेत 12 समझौतों पर हस्ताक्षर किए

 

भारत और ईरान ने 23 मई 2016 को चाबहार बंदरगाह समेत 12 समझौतों पर हस्ताक्षर किए. समझौतों पर हस्ताक्षर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के द्विपक्षीय बातचीत के उपरांत तेहरान में किए गए.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 वर्ष में ईरान का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री है.

साथ ही दोनों देशों ने विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर भी बातचीत की और आतंकवाद, ड्रग ट्रैफिकिंग और साइबर क्राइम जैसे उभरते हुए खतरों से निपटने के लिए सहमत हुए.

भारत और ईरान के बीच हुए 12 समझौते:

• भारत ईरान सांस्कृतिक आदान प्रदान कार्यक्रम

• दोनों सरकारों के बीच नीतिगत बातचीत और थिंक टैंक के बीच परिचर्चाएं होंगी

• दोनों देशों के बीच कूटनीतिज्ञों के प्रशिक्षण और प्रख्यात वक्ताओं के आदान प्रदान के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति

• विज्ञान और तकनीकि के क्षेत्र में परस्पर सहयोग

• सांसकृतिक आदानप्रदान बढ़ाने हेतु संस्थागत सहयोग

• चाबहार पोर्ट पर विकास एवं कार्यो के लिए द्विपक्षीय समझौता

• चाबहार पोर्ट प्रोजेक्ट में विशेष नियमों के लिए समझौता ज्ञापन

• चाबहार पोर्ट के विकास के लिए और स्टील रेल आयात करने के लिए 3000 करोड़ रुपये का क्रेडिट देने पर सहमति

• विदेशी व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने कि लिए सहयोग का ढांचा तैयार करने पर सहमति

• एल्यूमिनियम के संयुक्त उत्पादन की संभावनाओं को प्रदान करने के लिए समझौता ज्ञापन

• चाबहार जाहेदान रेलमार्ग के निर्माण के लिए सेवाएं देने के लिए समझौता ज्ञापन

• पुराने मुद्दों के मामलों में जानकारियों के आदान प्रदान में सहयोग हेतु समझौता ज्ञापन

टिपण्णी

दोनों देशो के बीच हुए हस्ताक्षर भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधो के इतिहास में एक नया अध्याय प्रारंभ करेंगे.

इन 12 समझौतों में से सबसे प्रमुख भारत द्वारा सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह के विकास पर समझौता ज्ञापन है.

इस बंदरगाह के विकास से भारत को बिना पाकिस्तान से गुज़रे अफ़ग़ानिस्तान, जिसके साथ भारत के सुरक्षा और आर्थिक सम्बन्ध है, में सजहता से प्रवेश मिल सकेगा.

 

 

=> संयुक्त राष्ट्र ने मैरी रॉबिन्सन और मचारिया कमाउ को एल नीनो और जलवायु मामलों हेतु विशेष दूत नियुक्त किया

 

संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून ने 20 मई 2016 को आयरलैंड के पूर्व राष्ट्रपति मैरी रॉबिन्सन और केन्याई राजनयिक मचारिया कमाउ को एल नीनो और जलवायु मामलों का विशेष दूत नियुक्त किया.

हर दो से सात साल में आने वाले अल नीनो मौसमी बदलाव के कारण बारिश का चक्र प्रभावित होता है और सूखे एवं बाढ़ जैसी स्थिति भी पैदा हो जाती है.

मैरी रॉबिन्सन कौन है?

• रॉबिन्सन वर्तमान में मैरी रॉबिन्सन फाउंडेशन के अध्यक्ष है.

• वह आयरलैंड की पहली महिला राष्ट्रपति थी जिनका कार्यकाल वर्ष 1990 से 1997 तक रहा.

• उन्होंने वर्ष 1997 से 2002 तक मानव अधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त के रूप में कार्य किया.

• रॉबिन्सन संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के उच्चायुक्त और जलवायु परिवर्तन के लिए बान के विशेष दूत भी रह चुकी हैं.

मचारिया कमाउ कौन है?

• कमाउ संयुक्त राष्ट्र में केन्या के स्थायी प्रतिनिधि है.

• वे संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष है.

• वह पूर्व सतत विकास लक्ष्यों पर महासभा कार्यकारी समूह के सह अध्यक्ष भी है.

अल नीनो से संबंधित तथ्य:

• यह पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में पश्चिमी प्रशांत और कम हवा के दबाव के कारण आता है.

• यह वर्षा पैटर्न को प्रभावित करता है और दोनों सूखे और बाढ़ का कारण बनता है.

• संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 4 लाख लोगों को अल नीनो संबंधित सूखे के कारण भोजन सहायता की आवश्यकता होगी.

• इथियोपिया पिछले 50 वर्षो में अब तक के सबसे भयंकर सूखे का सामना कर रहा है.

 

 

=> मैनचेस्टर युनाइटेड ने एफए कप जीता

 

मैनचेस्टर युनाइटेड ने 21 मई 2016 को एफए कप (फुटबॉल एसोसिएशन कप) के फाइनल मुकाबले में क्रिस्टल पैलेस को हारकर ख़िताब जीता.

मैनचेस्टर युनाइटेड ने क्रिस्टल पैलेस को 2-1 से हराया जिसमें दूसरे हाफ में जेसी लिंगार्ड के गोल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वर्ष 2004 के बाद यह पहला मौका है जब मैनचेस्टर यूनाइटेड ने खिताब जीता है.

दूसरे हाफ में क्रिस्टल पैलेस के लिए खिलाड़ी जैसन पूचेओन ने 78वें मिनट में बाएं पैर से गोल दागते हुए टीम को 1-0 की बढ़त दिला दी. कप्तान वेन रूनी ने पैलेस की रक्षापंक्ति को छकाकर बॉक्स में जुआन माटा को पास दिया, जिन्होंने गोल करने में कोई गलती नहीं की और मैच 1-1 की बराबरी पर आ गया. यूनाइटेड के स्थानापन्ना खिलाड़ी जेसी लिंगार्ड ने 110वें मिनट में गोल कर टीम को जीत दिला दी.

क्रिस्टल पैलेस टीम दूसरी बार फाइनल में पहुंची थी और अपने पहले खिताब की कोशिश में थी लेकिन उसका यह सपना पूरा नहीं हो सका. क्रिस्टल पैलेस टीम इससे पहले 1990 में फाइनल में पहुंची थी लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा.

ब्रिटेन में खेले जाने वाले फुटबॉल के इस सबसे पुराने आयोजन में मैनचेस्टर युनाइटेड की यह 12वीं जीत थी.

 

 

=> हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा शिमला जिले के लिए पहल कार्यक्रम आरंभ किया गया

 

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा 22 मई 2016 को शिमला जिले के लिए पहल नामक कार्यक्रम आरंभ किया गया.

इस कार्यक्रम का उद्देश्य उन क्षेत्रों की पहचान करना एवं उन पर अमल करना है जिनसे क्षेत्र के लोगों के जीवन पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है.

पहल के तहत निम्नलिखित पांच केन्द्रीय कार्यक्षेत्रों की पहचान की गयी है:

1.    प्राथमिक शिक्षा
2.    वन अधिकार
3.    स्वास्थ्य एवं स्वच्छता
4.    नशाखोरी के खिलाफ अभियान एवं कौशल विकास 
5.    महिला सशक्तिकरण

पहल कार्यक्रम के मुख्य बिंदु

प्रेरणा: इसके तहत कार्यक्रम में प्राथमिक शिक्षा पर प्रकाश डाला गया है. इसका उद्देश्य प्राथमिक शिक्षा की कमियों को दूर करना एवं अध्यापकों को अधिक जिम्मेदार बनाना है. इस कार्य्रकम के लिए जिले में 100 प्राथमिक विद्यालयों की पहचान की गयी है.

वन अधिकार: इसमें दो चरणों पर कार्य किया जायेगा, लोगों को वन अधिकारों के प्रति जागरुक करना एवं वन क्षेत्र की दिक्कतों के लिए प्रशासनिक हल के उपाय करना.

स्वास्थ्य एवं स्वच्छता: लोगों के बीच स्वास्थ्य एवं स्वच्छता हेतु सामुदायिक नेतृत्व में सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान (सीएलटीएस) एवं जागरुकता अभियान चलाना.

कौशल विकास: इसके तहत बुनियादी चिनाई, बिजली के काम, घरेलू उपकरणों, प्लम्बर पाठ्यक्रम आदि से सम्बंधित कौशल का विकास किया जायेगा.

महिला सशक्तिकरण: विभिन्न हितधारकों, विभागों, पंचायती राज संस्थाओं, महिला और युवक मंडलों आदि को इस कार्यक्रम को लागू करने में शामिल किया जायेगा.

 

 

=> एस के शर्मा भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नियुक्त

 

प्रसिद्ध वैज्ञानिक एस के शर्मा को 23 मई 2016 को भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) का अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया.

शर्मा डिजाईन, निर्माण, परमाणु उर्जा संयंत्रों के कमीशन एवं संचालन के लिए जिम्मेदार होंगे. उन्हें पांच वर्ष के लिए नियुक्त किया गया है.

शर्मा फ़िलहाल एनपीसीआईएल में विशिष्ट वैज्ञानिक और निदेशक (प्रचालन) के रूप में कार्यरत हैं.

भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल)

•    यह एक सरकारी संगठन है जिसका मुख्यालय महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित है.

•    यह पूर्णतया केंद्र सरकार द्वारा संचालित है तथा इसका उद्देश्य परमाणु उर्जा एवं विद्युत् उत्पादन करना है.

•    यह परमाणु उर्जा विभाग, भारत सरकार (डीएई) द्वारा संचालित है.

•    इसका गठन सितम्बर 1987 में कम्पनी एक्ट 1956 के तहत किया गया.

•    कम्पनी द्वारा चलाये जा रहे सभी उर्जा संयंत्र आईएसओ-14001 (वातावरण एवं प्रबंधन सिस्टम) सर्टिफाइड हैं. 

•    भारतीय नाभिकीय विद्युत् निगम (बीएचएवीआईएनआई) के अक्टूबर 2003 तक गठन से पहले तक यह भारत में नाभिकीय संयंत्रों के निर्माण में कार्यरत था.

 

 

=> पंकज आडवाणी ने 2016 एशियाई 6-रेड स्नूकर खिताब जीता

 

भारत के स्टार स्नूकर खिलाड़ी पंकज आडवाणी ने 22 मई 2016 को अबुधाबी में एशियाई 6-रेड स्नूकर खिताब जीता. इस जीत के साथ आडवाणी 6-रेड में विश्व और महाद्वीपीय खिताब दोनों को एक साथ जीतने वाले विश्व के पहले खिलाड़ी बन गए हैं.

आडवाणी का यह इस वर्ष का पहला खिताब है.

मैच का परिणाम:

उन्होंने फाइनल में मलेशिया के शीर्ष वरीयता प्राप्त कीन हो मो को 7-5 से हराकर खिताब अपने नाम किया.

फाइनल में आडवानी ने अच्छी शुरुआत की और पहला फ्रेम 39-4 से जीता लेकिन वह दूसरा फ्रेम 6-51 से हार गए. इसी क्रम में आडवाणी ने तीसरा फ्रेम 40-14 जीता लेकिन चौथा फ्रेम 0-37 से हार गए.

पांचवें और छठे फ्रेम में क्रमश: 41-7 और 44-8 के अंतर से जीत हासिल की।. छह फ्रेम के बाद आडवानी 4-2 से बढ़त पर थे लेकिन कीन हो मो ने सातवां फ्रेम 38-21 से जीतकर अच्छी वापसी की.

आडवाणी ने आठवां फ्रेम 45-24 से जीतकर फिर से अपनी बढ़त मजबूत कर ली.

फाइनल में आडवानी ने 12 वां फ्रेम 53-24 से खिताब जीत लिया.

पंकज आडवाणी:

•    महाराष्ट्र के पुणे में जन्में पंकज आडवाणी बिलियर्डस एवं स्नूकर के खिलाड़ी हैं.

•    पंकज ने अपना पहला खिताब 18 वर्ष की आयु में जीता था और स्नूकर और बिलियर्डस दोनों वर्गों में खिताब जीतने वाले पहले एशियाई हैं.

•    पंकज राजीव गांधी खेल रत्न सम्मान से सम्मानित होने वाले सबसे युवा भारतीयों में से हैं.

•    पंकज को अर्जुन अवार्ड और पद्मश्री अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.

•    पंकज आडवाणी विश्व के एक मात्र ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने आईबीएसएफ विश्व बिलियर्डस चैम्पियनशिप में प्वाइंट और टाइम फार्मेट ख़िताब एक साथ दो बार वर्ष 2005 और 2008 में जीता था.

 

 

=> केंद्र सरकार ने 'स्मार्ट सिटीहेतु 13 शहरों की सूची जारी की

 

मोदी सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना के पहले चरण हेतु 24 मई 2016 को केंद्र सरकार ने 'स्मार्ट सिटी' हेतु 13 शहरों की सूची जारी की. ये शहर  फास्ट ट्रैक कंपटीशन के जरिए चुने गए है. पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को चुना गया.

अन्य शहरों में वारांगल, धर्मशाला, चंडीगढ़, रायपुर, न्यूज टाउन कोलकाता, भागलपुर, पणजी, पोर्ट ब्लेयर, इंफाल, रांची, अगरत्तला और फरीदाबाद क्रमश: इस प्रतियोगिता में सफल हुए हैं.

'स्मार्ट सिटीहेतु सरकार की योजना

  • इस परियोजना में 100 शहरों को शामिल किया जाएगा और इसकी अवधि पांच साल (2015-16 से 2019-20) की होगी.
  • उसके बाद शहरी विकास मंत्रालय द्वारा मूल्यांकन किए जाने एवं प्राप्त अनुभवों को शामिल किये जाने के साथ मिशन को जारी रखा जा सकता है.
  • एक सौ स्मार्ट शहरों की कुल संख्या एक समान मापदंड के आधार पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच वितरित किया गया है.
  • इसी के तहत कायाकल्प और शहरी परिवर्तन हेतु धनराशि का आवंटन भी किया गया है.
  • शहरी विकास मंत्रालय के अनुसार इन प्रतियोगिता में विजेता 13 शहरों ने कुल तीस हजार 229 करोड़ रूपये के निवेश का प्रस्ताव किया है

'स्मार्ट सिटी हेतु मापदंड-

  • स्मार्ट सिटी के लिए चयनित शहरों को कई मापदंडों पर खरा उतरना होता है.
  • शहर में टेक्नोलॉजी का प्रयोग उच्च स्तर पर होना चाहिए.
  • शहर की सड़कें उच्च कोटि की होनी चाहिए.
  • इन शहरों में रोजगार के समुचित प्रबंध होंने चाहिए साथ ही लोगों की जीवन स्तर का भी विश्‍लेषण किया जायेगा.

योजना में शामिल कुल स्मार्ट सिटी-

  • शहरी विकास मंत्रालय ने यह तय कर दिया है कि देश के किस राज्य से कितने शहर स्मार्ट सिटीज प्रोजेक्ट के लिए चुने जाएंगे. सबसे ज्यादा 13 स्मार्ट सिटीज उत्तर प्रदेश में होंगे.
  • तमिलनाडु के 12 और महाराष्ट्र के 10 शहरों को स्मार्ट सिटीज के तौर पर विकसित किया जाएगा.
  • मध्य प्रदेश के सात और गुजरात और कर्नाटक में छह-छह शहर स्मार्ट सिटी बनेंगे.
  • इंटर-सिटी कंपटीशन के आधार पर शहरों के आधुनिकीकरण को प्राथमिकता दी जाएगी.
  • वर्ष के अंत तक 20 शहरों को स्मार्ट सिटीज के लिए चुना जाना है.
  • बाकी 80 शहरों के चयन का काम 2017-18 तक पूरा किया जाएगा.

 

 

=> केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू ने जेलों पर बनाई वेबसाइट जारी की

 

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू ने 23 मई 2016 को जेलों पर बनाई एक वेबसाइट जारी की. इस वेबसाइट का मकसद देश भर की जेलों को आपस में जोड़कर जेलों में सकारात्मक काम के लिए एक मंच तैयार करना है.

इस वेबसाइट से संबंधित मुख्य तथ्य:

यह जेलों पर अब तक की पहली ऐसी साइट है जिसके जरिए जेलों में शिक्षा, कौशल, साहित्य, लेखन और यहां तक कि मीडिया प्रशिक्षण को लेकर हो रहे हर प्रयास को बाहरी दुनिया तक पहुंचाया जाएगा ताकि जेलें भी राष्ट्र निर्माण से खुद को जोड़ सकें.

डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट तिनका तिनका डॉट ओआरजी’ पते वाली इस साइट में कई खास पहलू होंगे.

साइट का एक हिस्सा ‘जेल की सेल्फी’ जैसी पहलों के जरिए अलग-अलग जेलों में कौशल, जेल सुधार की खबरों और जेल सुधार पर हुए शोध को जगह देगा.

जेलों में हो रहे रेडियो कार्यक्रमों की खबरों को भी यहां प्रमुखता से जगह दी जाएगी.

दूसरे हिस्से में जेलों में चल रही उनकी खुद की मुहिम को पहुंचाया जाएगा जिसके तहत बंदी अपनी जिंदगियों में बदलाव लाते रहे हैं.

आने वाले दिनों में यह साइट जेल की रिपोर्टिंग और जेलों पर हो रहे शोध को लेकर एक नया अध्याय शुरू करेगी.

 

 

=> सर्बानंद सोनोवाल असम के मुख्यमंत्री बने

 

बीजेपी विधायक दल के नेता सर्बानंद सोनोवाल ने 24 मई 2016 को असम के  मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राष्ट्रगान से शुरू हुए शपथ ग्रहण समारोह में सोनोवाल के बाद हेमंत विस्व सरमा ने मंत्री पद की शपथ ली. 
शपथ लेने वाले अन्य मंत्रियों में चंद्र मोहन पटवारी, केशव मोहंता, अतुल बोरा, रंजीत दत्ता, परिमल सुक्रबैद्य, प्रमिला रानी ब्रह्मा, रिहोन दैमारी, पल्लव लोचन शामिल हैं.

सीएम के अलावा 10 मंत्री बने-

  • सीएम सोनोवाल के अलावा बीजेपी के छह, असम गण परिषद (एजीपी) और बोडोलैंड डेमोक्रेटिक फ्रंट (बीपीएफ) से दो-दो मंत्री सहित कुल 10 मंत्री कैबिनेट में शामिल  किए गए.
  • नबा कुमार और पल्लव लोचन को स्वतंत्र प्रभार दिया जाएगा.
  • बोडोलैंड डेमोक्रेटिक फ्रंट की प्रमिला रानी ब्रह्मा और रेहान दैमारी ने बोडो भाषा में शपथ ली
  • बीजेपी कोटे से परिमल बैद्य ने ली बांग्ला में शपथ
  • बीजेपी से सर्बानंद सोनोवाल ने मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की असमिया भाषा में शपथ ली.
  • इसके बाद बीजेपी से हेमंत विस्व सरमा, परिमल शुक्ला बैद्य, चंद्रमोहन पटवारी, रंजीत दत्ता, नबा कुमार डोले और पल्लव लोचन दास ने मंत्री पद की शपथ ली.

 

 

=> ब्रिटेन ने मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को राजनीतिक शरण दी

 

ब्रिटेन ने मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के वकील हसन लतीफ ने 23 मई 2016 को दावा किया कि नशीद को ब्रिटेन में राजनीतिक शरणार्थी का दर्जा दिया गया है.

नशीद को श्रीलंका, भारत और ब्रिटेन की मध्यस्थता वाले एक समझौते के बाद जनवरी 2016 में रीढ से जुडी सर्जरी करवाने के लिए ब्रिटेन जाने की अनुमति दे दी गयी थी. नशीद को उपचार के बाद मालदीव लौट आना था लेकिन वह लंदन में ही रहे.

मोहम्मद नशीद के बारे में:

•    मोहम्मद नशीद वर्ष 2008 से 2012 तक मालदीव के राष्ट्रपति रहे.

•    वे मालदीव डेमॉक्रेटिक पार्टी के संस्थापक भी है.

•    उन्होने 7 फरवरी 2012 को पुलिस और सेना के विद्रोह के बाद मालदीव के राष्ट्रपति के रूप में इस्तीफा दे दिया था

पृष्ठभूमि:

•    नशीद ने फरवरी 2013 में माले स्थित भारतीय उच्चायोग में शरण ली थी ताकि इसी मामले में गिरफ्तारी से बच सकें.

•    नशीद को कार्यालय के दुरुपयोग के आरोप में मार्च 2013 को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन एक दिन बाद उन्हें रिहा कर दिया गया.

•    फरवरी 2015 में, उन्हें फिर से गिरफ्तार किया गया क्योकि फरवरी 2012 में भ्रष्टाचार के आरोपों में जज अब्दुल्ला मोहम्मद की गिरफ्तारी के मुद्दे पर वे खड़े नहीं उतर पाये जबकि वह राष्ट्रपति थे.

•    13 मार्च 2015 को मोहम्मद नशीद को एक आपराधिक कोर्ट ने आतंकवाद निरोधक कानूनों के तहत 13 साल की सजा सुनाई.

•    16 जनवरी 2016 को रीढ से जुडी सर्जरी करवाने के लिए ब्रिटेन जाने की अनुमति दे दी गयी थी और उपचार के बाद मालदीव लौट आना था.

 

 

=> फीफा के कार्यवाहक महासचिव मार्कस काटनर को बर्खास्त किया गया

 

फुटबॉल की अंतर्राष्ट्रीय नियामक संस्था फीफा के कार्यवाहक महासचिव मार्कस काटनर को 23 मई 2016 को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है.

यह निर्णय एक आतंरिक जांच में काटनर के 'रोजगार अनुबंध में प्रत्ययी या विश्वास संबंधी जिम्मेदारियों में उल्लंघन का खुलासा होने के बाद लिया गया है.

काटनर अपने पूर्ववर्ती जेरोम वाल्को पर प्रतिबंध लगने के बाद से कार्यवाहक महासचिव पद पर आसीन थे. जेरोम पर ब्राजील फीफा विश्वकप 2014 के टिकटों की अवैध बिक्री में उनकी कथित संलिप्तता के चलते प्रतिबंध लगा दिया गया था.

काटनर ने वर्ष 2003 में फीफा के वित्त निदेशक के रूप में शामिल हुए और 2007 में उप सचिव जनरल बने.

13 मई 2016 को फीफा अध्यक्ष ने फातमा समौरा को फीफा की नई महासचिव नियुक्त किया गया. फातमा इस पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला हैं.

 

 

=> निर्देशक केन लोच की फिल्म ‘आईडेनियल ब्लेक’ पाल्मे डीओर 2016 से सम्मानित

 

ब्रिटिश निर्देशक केन लोच की फिल्म ‘आई, डेनियल ब्लेक’ 22 मई 2016  को कांस फिल्म फेस्टिवल में पाल्मे डी’ओर पुरस्कार से सम्मानित की गयी.

वर्ष 2006 के बाद सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए यह लोच को मिला दूसरा पुरस्कार है. इससे पहले उन्हें ‘द विंड दैट शेक्स द बार्ले’ के लिए यह पुरस्कार मिल चुका है.

केन लोच
•    लोच एक ब्रिटिश फिल्म निर्देशक हैं.
•    वे प्राकृतिक, सामाजिक एवं यथार्थवादी फिल्मों के निर्देशन हेतु जाने जाते हैं.
•    वर्ष 1969 में बनी उनकी फिल्म ‘केस’ को ब्रिटिश फिल्म इंस्टिट्यूट द्वारा 20वीं सदी की सातवीं सबसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म घोषित किया गया.

पाल्मे डीओर
•    पाल्मे डी’ओर (गोल्डन पाम) कांस फिल्म फेस्टिवल में दिया जाने वाला सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार है.
•    इसकी शुरुआत वर्ष 1955 में की गयी.
•     पाल्मे डी’ओर पुरस्कार डेल्बेर्ट मन को मार्टी के लिए दिया गया.
•    2016 में जेन कैंपियन एकमात्र ऐसी महिला निर्देशक बनीं जिन्हें फिल्म द पियानो के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया. 
•    वर्ष 2015 में जैक्स ऑडियार्ड को धीपन के लिए पाल्मे डी’ओर प्रदान किया गया.

कांस फिल्म फेस्टिवल
•    यह एक वार्षिक फिल्म फेस्टिवल है जिसका आयोजन फ़्रांस स्थित कांस में किया जाता है.
•    इसमें विश्व भर से नयी फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाती है.
•    इसकी स्थापना वर्ष 1946 में की गयी.
•    1 जुलाई 2014 को फ्रेंच टीवी ऑपरेटर कैनल+पियरे लेसक्योर को कांस फेस्टिवल का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया.
•     बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स ने गिल्स जैकब को फेस्टिवल का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया.
•    वर्ष 2016 का कांस फिल्म फेस्टिवल 11 मई से 22 मई 2016 तक आयोजित किया गया. ऑस्ट्रेलियन फिल्म डायरेक्टर जॉर्ज मिलर को जूरी प्रेसिडेंट घोषित किया गया.

 

 

=> भारतईरान और अफगानिस्तान ने बाधा रहित परिवहन के लिए तेहरान में ऐतिहासिक त्रिपक्षीय पारगमन समझौते पर हस्ताक्षर किए

 

भारत, ईरान और अफगानिस्‍तान ने 23 मई 2016 को ईरान की राजधानी तेहरान में एक ऐतिहासिक त्रिपक्षीय पारगमन समझौते पर हस्‍ताक्षर किए. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी, ईरान के राष्‍ट्रपति हसन रूहानी और अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति अशरफ गनी की मौजूदगी में तीनों देशों के प्रतिनिधियों ने समझौते पर हस्‍ताक्षर किए.

समझौते के मुख्य बिंदु-

  • त्रिपक्षीय समझौता चाबहार बंदरगाह के जरिए भारत और अफगानिस्‍तान के बीच बाधा रहित परिवहन की सुविधा प्रदान करेगा.
  • यह बंदरगाह की स्थिति दक्षिण पूर्व ईरान में सामरिक दृष्टि से महत्‍वपूर्ण मानी जाता है.
  • इससे पहले भारत और ईरान ने भारत द्वारा चाबहार बंदरगाह के प्रथम चरण के विकास के बारे में एक समझौत पर हस्‍ताक्षर किए. भारत एक निर्धारित अवधि तक इसे चालित करेगा.
  • इस  समझौते से यह बंदरगाह परियोजना और भी व्‍यवहारिक साबित होगी और क्षेत्र में आर्थिक गति‍विधियों को बढ़ावा देगी.
  • भारत और ईरान ने चाबहार परियोजना को पारंपरिक मित्रों के बीच मैत्री की नई शुरूआत का प्रतीक बताया है.
  • समझौता भारत, ईरान और अफगानिस्‍तान के लोगों के लिए समूचे आर्थिक परिदृश्‍य को बदल देगा इससे तीनों देशों के बीच आर्थिक गतिविधियों मे वृद्धि होगी.
  • त्रिपक्षीय पारगमन समझौते से माल परिवहन की दरों में काफी कमी आएगी.