23 November

अल नाहयान मदर टेरेसा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित

 

शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान को मुंबई की स्वयंसेवी संस्था हार्मनी फाउंडेशन ने प्रतिष्ठित मदर टेरेसा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया. 
संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मामलों एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग के मंत्री शेख अब्दुल्ला को यह पुरस्कार पश्चिम एशिया में शांति एवं स्थिरता को बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिए दिया गया है. 
उन्होंने ऐसे संस्थानों की स्थापना की जो युवाओं को आंतकवादी समूहों द्वारा उग्र सुधारवादी और कट्टरपंथी बनने से बचाती हैं. साथ ही ये संस्थाएं मासूम लोगों के खिलाफ हिंसा का प्रचार करने वालों से भी इन युवाओं की रक्षा करती हैं.

फराज अयाज हुसैन, बांग्लादेशी बंधक, जो ढाका के होली कैफे में 1 जुलाई 2016 को आतंकवादियों के हाथों मारा गया था, इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाला दूसरा व्यक्ति है. उन्हें मरणोपरांत मदर टेरेसा इंटरनेशनल अवॉर्ड फॉर सोशल जस्टिस फॉर 2016 से सम्मानित किया गया. उसे यह पुरस्कार इसलिए दिया जाएगा क्योंकि उसने दूसरे देशों के अपने दोस्तों को छोड़ कर जाने से मना कर दिया था जिसके बाद आतंकवादियों ने उसे भी मार डाला. यह पहली बार है जब यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया गया है.

2016 का मदर टेरेसा अवार्ड 20 नवंबर 2016 को मुंबई के जेडब्ल्यू मैरियट होटल में दिया गया.

मदर टेरेसा अवॉर्ड्स:

मदर टेरेसा अवॉर्ड उन व्यक्तियों और संगठनों को दिया जाता है जो शांति, सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देते हैं. यह वैसी हस्तियों को भी दिया जाता है जिनका उद्देश्य समाज में इन मूल्यों को आत्मसात करने के दौरान न्याय एवं शांतिपूर्ण सहअस्तित्व को बढ़ावा देना होता है. इस अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार की शुरुआत 2005 में दिवंगत मदर टेरेसा की याद में हुई थी.

इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाली मुख्य हस्तियों में अन्यों के साथ मलाला युसुफजई ( पाकिस्तान की नोबल पुरस्कार विजेता), दलाई लामा ( नोबल पुरस्कार विजेता और तिब्बत के नेता), मेडेसिन्स सैंस फ्रंटियर्स ( अंतरराष्ट्रीय मानवीय– सहायता गैर सरकारी संगठन और इसे डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स भी कहा जाता है), डॉ. महातिर मोहम्मद ( मलेशिया के भूतपूर्व प्रधानमंत्री) और बैरोनेस कैरोलीन कॉक्स ( हाउस ऑफ लॉर्ड्स के भूतपूर्व डिप्टी स्पीकर) भी शामिल हैं.

प्रख्यात हिंदी और भोजपुरी लेखक डॉ विवेकी राय का निधन

प्रख्यात हिंदी और भोजपुरी लेखक डॉ विवेकी राय का 22 नवम्बर 2016 को वाराणसी में निधन हो गया. वे 92 वर्ष के थे. डॉ. राय ने हिंदी के साथ-साथ भोजपुरी साहित्य जगत में भी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई थी. उन्होंने आंचलिक उपन्यासकार के रूप में अपनी ख्याति अर्जित की. उन्होंने लेखन का कार्य वर्ष 1945 से शुरुआत किया था. उनकी पहली कहानी वाराणसी के प्रसिद्ध दैनिक समाचार पत्र आज में प्रकाशित हुई थी.

डॉ विवेकी राय के बारे में:

•    डॉ विवेकी राय का जन्म 19 नवंबर 1924 को बलिया,उत्तर प्रदेश में हुआ था.

•    उन्होंने 50 से अधिक पुस्तकें लिखी.

•    उन्होंने महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ से पी-एच.डी. की.

•    उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा वर्ष 2006 में यश भारती पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

•    उन्हें हिंदी साहित्य में योगदान के लिए वर्ष 2001 में महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

•    उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महात्मा गांधी सम्मान से भी सम्मानित किया गया था.

•    वे आकाशवाणी तथा दूरदर्शन से भी जुड़े रहे.

•    उन्हें कई उपन्यास, कहानी संग्रह तथा ललित निबंध आदि की रचनायें की.

•    विवेकी राय का सबसे प्रसिद्ध उपन्यास ‘सोनामाटी’ उपन्यास है.

भारतीय मूल की मुस्लिम महिला ने अमेरिका में स्थानीय चुनाव जीता

अमेरिका में निवासित भारतीय मूल की मुस्लिम महिला राहीला अहमद ने 22 नवम्बर 2016 को स्थानीय चुनाव में जीत दर्ज की है. राहीला के माता-पिता क्रमश: भारत और पाकिस्तान से हैं. 

राहीला अहमद के बारे में-

  • राहीला ने अमेरिकी राज्य मेरीलैंड में जीत दर्ज की है.
  • जहां प्रवासी-विरोधी और मुस्लिम विरोधी बयानबाजी का बोलबाला था.
  • 23 वर्षीय राहीला अहमद ने लंबे समय से प्रशासन संभाल रहे व्यक्ति को 15 फीसदी वोटों के अंतर से हराया.
  • इसी पद के लिए राहीला अहमद चार वर्ष पूर्व 2012 में चुनाव हार गयीं थी.
  • जिस स्थान से राहीला अहमद ने जीत दर्ज की है वहां 80 फीसदी आबादी अफ्रीकी-अमेरिकी है.
  • राहीला अहमद को रिपब्ल्किन राष्ट्रीय समिति के पूर्व अध्यक्ष माइकल स्टील ने अपना समर्थन दिया था.
  • राहीला अहमद के अनुसार जिस दिन डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति चुने गए, उसी दिन मैं, एक हिजाबी युवा महिला भी, एक सावर्जनिक कार्यालय में सेवा के लिए चुनी गई'.

 

इंफोसिस साइंस फाउंडेशन द्वारा इंफोसिस पुरस्कार-2016 के विजेताओं के नामों की घोषणा

इंफोसिस साइंस फाउंडेशन द्वारा 18 नवम्बर 2016 को इंफोसिस पुरस्कार-2016 के विजेताओं के नामों की घोषणा की गयी. यह पुरस्कार छह श्रेणियों में प्रदान किया जाता है, जिसमें इंजीनियरिंग एवं कंप्यूटर विज्ञान, मानविकी, गणितीय विज्ञान, जीवन विज्ञान, भौतिक विज्ञान तथा सामाजिक विज्ञान शामिल है. सभी विजेताओं का चयन वैज्ञानिक अनुसंधान में उत्कृष्ट उपलब्धियों तथा योगदान हेतु किया गया.
प्रत्येक श्रेणी में पुरस्कार के अंतर्गत 65 लाख रुपए, 22 कैरट सोने का मेडल और एक प्रमाणपत्र दिया जाता हैं. इन्फोसिस प्राइज 2016 के लिए पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन 7 जनवरी 2017 को बेंगलुर में किया जाएगा.

इंफोसिस पुरस्कार 2016 के विजेताओं की सूची:

•    इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान: भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलूर के रसायन विज्ञान विभाग के प्रो. वी कुमारन.

•    मानविकी: हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सुनील अमृत.

•    जीवन विज्ञान: हेल्थ साइंस एण्ड टेक्नोलाजी इंस्च्ट्यिूट के कार्यकारी निदेशक डा गगनदीप कांग.

•    गणितीय विज्ञान: स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के गणित विभाग के प्राचार्य प्रो अक्षय वेंकटेश.

•    भौतिक विज्ञान: साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, तिरवनंतपुरम के निदेशक डा अनिल भारद्वाज.

•    सामाजिक विज्ञान: कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्राचार्य कैवन मुंशी शामिल हैं.

इंफोसिस पुरस्कार के बारे में:

इंफोसिस पुरस्कार की शुरूआत वर्ष 2009 में हुई. वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए दिए जाने वाले पुरस्कार के अंतर्गत 65 लाख रुपए, 22 कैरट सोने का मेडल और एक प्रमाणपत्र दिया जाता हैं.यह पुरस्कार छह श्रेणियों में प्रदान किया जाता है. इसमें इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान, मानविकी, जीवन विज्ञान, गणितीय विज्ञान, भौतिक विज्ञान और सामाजिक विज्ञान शामिल है.

 

प्रसिद्ध गायक एम बालमुरली कृष्ण का निधन

कर्नाटक संगीत के प्रसिद्ध गायक एम बालमुरली कृष्ण का 22 नवम्बर 2016 को चेन्नई में निधन हो गया. वे 86 वर्ष के थे. एम बालमुरली कृष्ण ने चार दशकों तक अपने संगीत से श्रोताओं को मन लुभाया. वे एक बाल कलाकार के रूप में कर्नाटक संगीत के मंच पर उनका उदय हुआ था. उन्होंने बाद में शास्त्रीय संगीत तथा सिनेमा की दुनिया में अपनी एक पहचान बनायी. बालमुरली कृष्ण राष्ट्रीय एकता को समर्पित प्रसिद्ध गाने मिले सुर मेरा तुम्हारा में दिखे थे. उन्होंने तमिल में भी ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ की कुछ पंक्तियां गायी थीं.

एम बालमुरली कृष्ण के बारे में:

•    एम बालमुरली कृष्ण का जन्म 6 जुलाई 1930 को हुआ था.

•    उन्होंने छह वर्ष की आयु में संगीत में अपना सफर शुरू किया था.

•    उन्हें वर्ष 1991 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया.

•    उन्हें पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था.

•    उन्हें वर्ष 1975 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

•    उन्होंने तमिल और तेलुगू की कई फिल्मों में अभिनय किया था.

•    उन्होंने तेलुगू, कन्नड़, संस्कृत और तमिल जैसी कई भाषाओं में 400 से अधिक गानों में संगीत दिए थे.

थाईलैंड की राजकुमारी महा चक्री सिरिनधर पहले विश्व संस्कृत पुरस्कार से सम्मानित

थाईलैंड की राजकुमारी महा चक्री सिरिनधर को  21 नवंबर 2016 को पहले विश्व संस्कृत पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें वर्ष 2015 में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए किए गए अनुकरणीय योगदान हेतु इस सम्मान से सम्मानित किया गया है. दूसरी तरफ अमेरिकी भाषाविद् और भारतविद् प्रोफेसर जॉर्ज कारडोना को भी सम्मानित किया गया. उन्हें वर्ष 2016 के लिए सम्मान मिला. नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने राजकुमारी सिरिनधर और प्रोफेसर कारडोना को इस सम्मान से सम्मानित किया. विश्व संस्कृत पुरस्कार की स्थापना भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) द्वारा की गई थी.

महा चक्री सिरिनधर के बारे में:

•    राजकुमारी महा चक्री सिरिनधर थाईलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यादेज की दूसरी बेटी हैं.

•    5 दिसंबर 1977 को हुए एक समारोह में उन्हें राजकुमारी के पद्वी से सम्मानित किया गया था.

•    वे चुलाखोमकलाओ रॉयल मिलिट्री अकेडमी के इतिहास विभाग में पढ़ाती हैं.

•    वे थाई, अंग्रेजी, फ्रांसिसी और चीनी भाषा धाराप्रवाह बोलती हैं. फिलहाल वे जर्मन और लातिन भाषा का अध्ययन कर रही हैं.

•    इसके अलावा वे कुशल कलाकार और थाईलैंड की परंपरागत संगीत की उत्सुक प्रोत्साहक भी हैं.

•    वर्ष 2004 में, उन्हें इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

•    वे 2015 में बैंकॉक में आयोजित किए गए 16वें विश्व संस्कृत सम्मेलन की शाही संरक्षक भी थीं.

 

भौतिक शास्त्री प्रोफेसर एमजीके मेनन का निधन

भौतिक शास्त्री प्रोफेसर एमजीके मेनन का 22 नवम्बर 2016 को 88 वर्ष की अवस्था में नयी दिल्ली में निधन हो गया. उन्होंने पिछले पांच दशक से देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.

भौतिक शास्त्री प्रोफेसर एमजीके मेनन पिछले कुछ समय से बीमार थे.

प्रोफेसर एमजीके मेनन के बारे में-

  • प्रधान मंत्री वीपी सिंह सरकार में प्रोफेसर एमजीके मेनन विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री रहे.
  • मेनन केंद्र सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पर्यावरण विभागों में सचिव पद पर काम कर चुके हैं.
  • वह 1972 में भारतीय अंतरिक्ष शोध संगठन के अध्यक्ष रहे.
  • उन्हें 35 वर्ष की उम्र में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च का निदेशक नियुक्त किया गया.
  • वह इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज और रॉयल सोसायटी ऑफ लंदन के फेलो भी रहे.
  • प्रोफेसर एमजीके मेनन 1982 से 1989 तक योजना आयोग के सदस्य रहे.
  • वर्ष 1986 से 1989 तक प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार रहे.
  • वर्ष 1989 से 1990 तक वैज्ञानिक और औद्योगिक शोध परिषद् के उपाध्यक्ष रहे.
  • प्रोफेसर एमजीके मेनन 1990 से 1996 तक राज्यसभा भी सदस्य रहे.

मेनन को पुरस्कार-

  • पद्म विभूषण सहित पद्म पुरस्कारों के विजेता मेनन ने कॉस्मिक किरणों, आण्विक भौतिकी के क्षेत्र में वैज्ञानिक कार्य किए.
  • इस क्षेत्र में शोध में उन्हें विशिष्टता हासिल थी.

 

जापान में आया 7.4 तीव्रता का भूकंपसुनामी की चेतावनी जारी

जापान के फुकुशिमा के तट पर 22 नवंबर 2016 को 7.4 तीव्रता वाला भूकंप आया जिसके बाद जापान में सुनामी का खतरा मंडराने लगा है. इसी इलाके में वर्ष 2011 में जापान का सबसे भयंकर भूकंप आया था जिसके बाद विनाशकारी सुनामी आई और करीब 18000 लोगों की मौत हो गई. इस भयंकर प्राकृतिक आपदा में जापान का एक परमाणु संयंत्र भी बर्बाद हो गया था.

मुख्य बातें:

भूकंप के झटके भूकंप के केंद्र से दक्षिणपश्चिम दिशा में 150 मील दूर स्थित टोक्यो में भी महसूस किए गए. हालांकि अभी तक इससे किसी के मौत होने की खबर नहीं आई है लेकिन मामूली चोट और नुकसान की खबरें मिली हैं. सेनडाई में सबसे उंची लहरों के साथ तटीय इलाकों में ज्वारीय लहरों में आई तेजी को देखते हुए सुनामी की आरंभिक चेतावनी जारी कर दी गई है. हालांकि ज्यादातर इलाकों में एडवाइजरी को हटा लिया गया है.

जापान के मौसमविज्ञान एजेंसी के अनुसार, यह भूकंप 2011 के भूकंप के बाद आया भूकंप है और संभव है कि आने वाले दिनों में भूकंप के कुछ और झटके आएं.

हालांकि फुकुशिमा डायची परमाणु बिजली संयंत्र में किसी प्रकार के नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं है, संयंत्र के इंधन पूल में ठंडा पानी की आपूर्ति करने वाले एक पंप ने काम करना बंद कर दिया है. बैकअप पंप के साथ स्थिति अब नियंत्रण में है और पहले वाले पंप को ठीक करने का काम किया जा रहा है. भूकंप को देखते हुए डायची परमाणु संयंत्र में चल रहे तोड़– फोड़ कार्य को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है. इस बीच मोटर कंपनी निसान ने फुकुशिमा स्थित अपनी फैक्ट्री में काम बंद कर दिया है. सेंडाई हवाईअड्डे से फिलहाल उड़ान सेवाएं निलंबित हैं.

भारत और स्विटजरलैंड ने एईओआई के क्रियान्वयन संबंधी संयुक् घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए

भारत और स्विटजरलैंड के मध्य स्‍वत: सूचना आदान-प्रदान (एईओआई) के क्रियान्‍वयन संबंधी संयुक्‍त घोषणा पत्र पर हस्‍ताक्षर किए गए.

संयुक्‍त घोषणा पत्र पर भारत की ओर से प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्‍यक्ष सुशील चंद्रा और स्विटजरलैंड सरकार की ओर से भारत में स्विस दूतावास के डेप्‍यूटी चीफ ऑफ मिशन गिल्‍स रोड्यूट ने सूचना के स्‍वत: आदान - प्रदान (एईओआई) के हस्‍ताक्षर किए.

संयुक् घोषणा पत्र के लाभ-

  • इसके परिणामस्‍वरूप अब स्विटजरलैंड में 2018 से खोले गए भारतीय नागरिकों के खातों की वित्‍तीय लेन-देन की सूचना सितंबर, 2019 और इसके बाद भारत को स्‍वत: ही मिलना प्रारम्भ हो जाएगा.
  • विदेशी खातों में जमा काले धन को समाप्‍त करना वर्तमान सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है.
  • संयुक्‍त घोषणा पत्र में संघीय परिषद के एईओआई अधिनियम पर संघीय अधिनियम के प्रावधानों का कार्यान्वयन शामिल है.
  • इसमे विशेष तौर पर अन्य वित्तीय संस्थानों तथा छूट वाले खातों का जिक्र है और इसमें स्विस वित्तीय संस्थानों के लिए परिसंपत्तियों तथा देनदारियों की अनिवार्यताओं और जानकारी मुहैया कराने से जुडे ब्योरे का नियमन किया जाता है.
  • इसके अलावा संयुक्‍त घोषणा पत्र में ऐसे प्रावधान हैं जिनका कार्यान्वयन सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के लिए आवश्यक है.
  • स्विट्जरलैंड के साथ कर सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान का समझौता होने से भारत को अवैध धन के प्रवाह पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी.

पृष्ठभूमि-

  • केंद्र सरकार ने मई 2016 में सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान पर अध्यादेश लाने की योजना तैयार की थी.
  • स्विस फेडरल काउंसिल ने कर मामलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान (एईओआई अधिनियम) पर अध्यादेश हेतु उस समय सहमती व्यक्त की थी.
  • भारत सहित 100 देशों और क्षेत्राधिकारों ने एईओआई मानक के कार्यान्वयन हेतु कर सूचनाओं के आदान-प्रदान और पारदर्शिता संबंधी वैश्विक मंच के साथ जुड़ने की अपनी मंशा का खुलासा किया.
  • इससे पहले स्विट्जरलैंड ने एईओआई पेश किए जाने के संबंध में यूरोपीय संघ के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया.
  • कई अन्य देशों और क्षेत्राधिकारों के साथ एमसीएए के आधार पर संयुक्त घोषणा की है.

 

जैक ब्राउन मैकलॉरेन टेक्नोलॉजी ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नियुक्त

मैकलॉरेन टेक्नोलॉजी ग्रुप ने जैक ब्राउन को 21 नवंबर 2016 को कंपनी के नए एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बनाए जाने की घोषणा की. नवंबर 2016 में मैकलॉरेन के चेयरमैन और चीफ एग्जीक्यूटिव के पद से रॉन डेनिस को जबरन हटाए जाने के बाद ब्राउन का इस पद के लिए चयन किया गया है.

जैक ब्राउन के बारे में:

•    जैक ब्राउन भूतपूर्व पेशेवर रेसिंग ड्राइवर हैं.

•    वे दुनिया की सबसे बड़ी मोटरस्पोर्ट मार्केटिंग एजेंसी जस्ट मार्केटिंग इंटरनेशल के संस्थापक और सीईओ हैं.

•    वर्ष 2013 में सीएसएम स्पोर्ट एंड इंटरटेनमेंट ने जेएमआई का अधिग्रहण कर लिया था. जेएमआई की स्थापना 1995 में हुई थी.

मैकलॉरेन टेक्नोलॉजी ग्रुप के बारे में:

•    मैकलॉरेन टेक्नोलॉजी ग्रुप यूनाइटेड किंग्डम के वर्किंग, सर्रे स्थित एक ब्रिटिश कन्ग्लामरेट है.

•    वर्ष 1981 में मैकलॉरेन फॉर्म्यूला वन टीम के अधिग्रहण के तुरंत बाद रॉस डेनिस ने इसकी स्थापना की थी.

•    मंसूर ओज्जेह टैग ग्रुप के साथ भागीदारी की वजह से शुरुआत में इस समूह का नाम टैग मैकलॉरेन ग्रुप था.

•    वर्ष 2003 में इसका नाम मैकलॉरेन ग्रुप कर दिया गया. वर्ष 2015 में इसका नाम एक बार फिर से बदला और मैकलॉरेन टेक्नोलॉजी ग्रुप हो गया.

•    मूल रूप से इसे न्यूजीलैंड के ब्रूस मैकलॉरेन द्वारा स्थापित फॉर्मूला वन टीम ने 1963 में बनाया था.

•    राजस्व के मामले में यह यूके की तीसरी सबसे बड़ी कन्ग्लामरेट है.