25-26 Jan 2016 Hindi

मार्सेलो रेबेलो डी सूजा ने पुर्तगाल का राष्ट्रपति चुनाव जीता 

24 जनवरी 2016  को मार्सेलो रेबेलो डी सूजा ने पुर्तगाल का राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया. सेंटर– राइट सोशल डेमोक्रेट उम्मीदवार और भूतपूर्व पत्रकार डिसूजा ने चुनाव में 52 फीसदी मत हासिल कर जीत दर्ज की.

अक्टूबर 2015 में हुए अनिर्णायक संसदीय मतदान के बाद इस नतीजे से राजनीतिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलने की संभावना है.

उनके  निकटम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी एंटोनियो सैमपैयो डा नोवाओ, ने करीब 23 फीसदी मत हासिल करने के बाद अपनी हार मान ली. वाम ब्लॉक के

उम्मीदवार मरीसा मतीअस को 10 फीसदी मत मिले थे.

डिसूजा, जो "प्रोफेसर मार्सेलो" के नाम से लोकप्रिय हैं और 67 वर्ष के हैं, एक समय सेंटर– राइट सोशल डेमोक्रेट्स के नेता थे. वे राष्ट्रपति अनिबल कावाको सिल्वा का स्थान लेंगें.

इससे पहले अक्टूबर 2015 में हुए राष्ट्रपति चुनावों में, सेंटर– राइट गठबंधन ने सबसे अधिक मत जीते लेकिन नवंबर 2015 में इन्होंने अपना समग्र बहुमत खो दिया. इनका स्थान लेफ्ट– विंग पार्टीज के गठबंधन ने लिया जिसने उनके संसद में मितव्ययिता कार्यक्रम को खारिज कर दिया था.

पुर्तगाल में राष्ट्रपति चुनाव

साल 1976 में अपनाए गए पुर्तगाली संविधान के तहत 1974 के कार्नेशन रेवल्यूशन के मद्देनजर सरकार का प्रारूप "अर्ध– राष्ट्रपति" प्रणाली का है. इसका मतलब है कि, हालांकि पुर्तगाल में राष्ट्रपति एक विधि द्वारा स्थापित पद है लेकिन पदस्थ व्यक्ति राजनीतिक अस्थिरता के समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. उसके पास संसद को भंग करने और प्रधानमंत्री को हटाने की शक्ति होती है.

राष्ट्रपति पांच वर्ष की कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं और उनके कार्यकाल की संख्या सीमित नहीं है.लगातार दो कार्यकाल पूरा करने वाले राष्ट्रपति, दूसरा कार्यकाल पूरा होने या इस्तीफा देने के अगले पांच वर्षों के लिए फिर से कार्यभार नहीं संभाल सकते. पुर्तगाली राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास बेलेम पैलेस है.

राष्ट्रपति का चयन दो– दौर प्रणाली में होता हैः अगर किसी भी उम्मीदवार को पहले दौर में 50% मत नहीं मिलता, तो सबसे अधिक मत पाने वाले दो उम्मीदवार दो सप्ताह के बाद आयोजित होने वाले दूसरे दौर में मुकाबला करते हैं. अभी तक दूसरे दौर की जरूरत सिर्फ एक बार ही पड़ी है, वह भी 1986 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान.

छठा मतदाता दिवस मनाया गया

25 जनवरी : राष्ट्रीयमतदातादिवस

भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा छठा मतदाता दिवस 25 जनवरी 2016 को देश भर में मनाया गया. इस दिवस का विषय “समावेशी और गुणात्मक भागीदारी” था.

इसका उद्देश्य लोगों को मतदान करने हेतु जागरुक करना था. इसके लिए नई दिल्ली में कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने की.

इस अवसर पर मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ नसीम जैदी ने पुस्तक, “बिलीफ इन द बैलट” का भी विमोचन किया.

सरकारी विभागों द्वारा इस उद्देश्य हेतु उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने एवं उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए कुछ नए पुरस्कारों की भी घोषणा की.

संकेतक

अधिकारियोंकेनाम

पद

अभिनवकेलिए

संजय कुमार अग्रवाल

डीईओ, गया

बालमुरूगन डी

डीईओ, पूर्णिया

एसवीईईपीकेलिए

लोकेश कुमार सिंह

डीईओ, पश्चिम चंपारण

अबुबकर सिद्दिकी

डीईओ, पश्चिम सिंहभूम

शिरीष मोहोड़

नोडल अधिकारी, महाराष्ट्र

शेखर चान्ने

महाराष्ट्र

मतदातासूचीप्रबंधनकेलिए

अंतरा आचार्य

डीईओ, मेदनीपुर

सुरक्षाप्रबंधनकेलिए

मनु महाराज

एसएसपी, गया

शरत कुमार सिन्हा

डीसीपी, दिल्ली

सव्रश्रेष्ठराज्यपुरस्कार

अजय नायक

सीईओ, बिहार

थिरू राजेश लाखोनी

सीईओ, तमिलनाडू

चन्द्र भूषण कुमार,

सीईओ, दिल्ली

सरकारी/एजेंसीकेलिएराष्ट्रीयपुरस्कार

अरविन्द कुमार चौधरी,

सचिव, ग्रामीण विकास

जीविका, बिहार

अनीश मांकड़

गुजरात शिक्षा विभाग

वसुमित्र, मुख्य पोस्टमास्टर जनरल

डाक विभाग

राष्ट्रीयसीएसओपुरस्कार

लालबाएकजुआला

लालमनछुअन

युवा मिजो एसोसिएशन

राष्ट्रीयमीडियापुरस्कार

हिंदुस्तान, बिहार संस्करण

 

25 जनवरी आयोग का स्थापना दिवस है जिसकी स्थापना 1950 में हुई थी.

राष्ट्रीय मतदाता दिवस के पूर्ण होने पर, आयोग नई दिल्ली स्थित द्वारका के सेक्टर 22 में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र संस्थान और निर्वाचन प्रबंधन (आईआईआईडीईएम) परिसर के निर्माण का उद्घाटन किया गया.

भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली के राजपथ पर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में ’समावेशी और गुणात्मक भागीदारी’ विषय के साथ एक झांकी भी प्रस्तुत करेगा.

भारतीय खान ब्यूरो, राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र ने खनन गतिविधि की निगरानी के लिए समझौता किया 26Jan2016

21 जनवरी 2016 को भारतीय खान ब्यूरो (IBM), राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (NRSC) ने उपग्रह प्रौद्योगिकी के माध्यम से खनन गतिविधि की निगरानी के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया. 
इस समझौते पर आईबीएम के नियंत्रण महानिदेशक आर के सिन्हा और एनआरएससी के निदेशक वी के डाधवाल ने हस्ताक्षर किया. इस अवसर पर केंद्रीय खान मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुभाष चंद्रा भी उपस्थित थे. 
यह समझौता सतत विकास और कीमती खनिज संसाधनों के समुचित उपयोग  में मदद करेगा और लाइसेंसियों द्वारा किसी प्रकार की विसंगतियों की जांच भी करेगा. 
समझौते की विशेषताएं–
• समझौते के तहत, आईबीएम नागपुर और हैदराबाद के अपने कार्यालयों में एनआरएससी के तकनीकी मार्गदर्शन में विशेष सुदूर संवेदन प्रकोष्ठ की स्थापना करेगा. 
• ये प्रकोष्ठ देश भर में खनन गतिविधियों की निगरानि के लिए भुवन– आधारित सेवाओं का उपयोग करेंगें.

• क्षेत्र से आंकड़ा एकत्र करने के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन का विकास किया जाएगा ताकि मंजूर प्रस्तावों के संदर्भ में जमीनी हकीकत का सत्यापन हो सके.

• चुनींदा खानों के समूह में अवधि विशेष में हुए बदलावों की निगरानी में उपग्रह से मिले उच्च रेजल्यूशन वाले छवियों के उपयोग की व्यवहार्यता प्रदर्शित करने के लिए एनआरएससी एक पायलट प्रोजेक्ट चलाएगा. 
• आरंभ में  पायलट आधार पर परियोजना को ओडीशा और कर्नाटक के होशपेट क्षेत्र में शुरु किया जाएगा. 
• पायलट परियोजना लीज बाउंड्री सर्वे पोरग्राम के हिस्से के तौर पर एकत्र किए गए डिफ्रेंशियल जीयो पोजिशनिंग सिस्टम प्वाइंट्स की निरंरता के सत्यापन में मदद करेगी. 
• एक बार सफल होने के बाद राज्यों के साथ भागीदारी में अन्य क्षेत्रों में भी पायलट प्रोजेक्ट का विस्तार किया जाएगा.
• तकनीक के उपयोग में आईबीएम स्टाफ के लिए एनआरएससी प्रशिक्षण का विस्तार करेगा, जिसे आने वाले समय में राज्य सरकारों के लिए भी उपलब्ध कराया जाएगा.

2016 एनटीआईन्यूक्लीयरसिक्योरिटीइंडेक्सजारी

25Jan2016

4 जनवरी 2016 को न्यूक्लियर थ्रेट इनिशिएटिव (एनटीआई), अमेरिका का थिंक–टैंक, ने 2016 एनटीआई न्यूक्लीयर सिक्योरिटी इंडेक्स जारी किया. इसका थीम था फ्रेववर्क फॉर अस्योरेंस, अकाउंटिबिलिटी एंड एक्शन.

इंडेक्स 176 देशों में वैश्विक परमाणु सुरक्षा स्थितियों का आकलन दो क्षेत्रों में करता है– हथियारों की संभावित चोरी– उपयोग करने योग्य परमाणु सामग्रियां और परमाणु सुविधाओं की संभावित तोड़फोड़.

दुनिया में एक किलोग्राम या अधिक हथियार– उपयोगी परमाणु सामग्रियों वाले 24 देशों में से, ऑस्ट्रेलिया को सबसे सुरक्षित माना गया. 21 वीं रैंक के साथ भारत सुरक्षा की दृष्टि से सबसे कमजोर देशों में है. 

फिर भी द्विवार्षिक प्रकाशन के पिछले संस्करण की तुलना में अमेरिका के साथ द्विपक्षीय सहायता गतिविधियों में शामिल होकर और आईएईए के अतिरिक्त प्रोटोकॉल का अनुसरण कर भारत ने अपने रैंक में दो स्थान का सुधार किया है. 

इंडेक्स में जहां सुधार हुए हैं उनकी भी पहचान की गई है और मार्च 2016 में वाशिंगटन डीसी में आयोजित होने वाले 2016 न्यूक्लियर सिक्योरिटी समिट (एनएसएस) के नेताओं द्वारा उठाए जा सकने वाले कदमों की सिफारिश भी की गई है. 

रिपोर्ट की विशेषताएं


• थेफ्ट रैंकिंगः ऑस्ट्रेलिया (1), स्विट्जरलैंड (2), कनाडा (3), पोलैंड (4), ये चार देश सबसे सुरक्षित हैं जबकि पाकिस्तान (22), इरान (23) और उत्तर कोरिया (24) सबसे असुरक्षित. 
• जापान सबसे बेहतर स्थिति वाला देश है. फ्रांस, अमेरिका और यूनाइटेड किंग्डम को न्यूक्लियर– आर्म्ड स्टेट्स (परमाणु हथियार वाले देश) में सबसे अधिक अंक मिले हैं. 
• अमेरिका, भारत, रूस और यूनाइटेड किंग्डम सबसे बेहतर परमाणु हथियारों से लैस देश हैं. 
• एक किलोग्राम से कम या हथियार– उपयोगी परमाणु सामग्रियों के बगैर वाले देशों में स्वीडन का स्थान सबसे पहला है. जिबूती सबसे बेहतर है. 
• सैबटाश रैंकिंग– सैबटाश की चपेट में आने वाले परमाणु सुविधाओँ वाले 45 देशों में सबसे पहला स्थान फिनलैंड का है. 
• मुख्य रूझानः मुख्य सुरक्षा और नियंत्रण उपायों में कोई सुधार नहीं किए जाने के साक्ष्य के साथ सामग्रियों को सुरक्षित और कम करने की दिशा में प्रगति में कमी आई है.
• हथियार– उपयोगी सामग्रियों के वैश्विक भंडार में समग्र रूप से कमी आई है, लेकिन रूझान बताते हैं कि निकट भविष्य में इसमें बढ़ोतरी होगी. 
• बिना सामग्रियों वाले देश वैश्विक मानकों का समर्थन कर रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को लागू भी कर रहे हैं. 
• शेष चुनौतियां– न्यूक्लियर सिक्योरिटी समिट का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है लेकिन प्रभावी वैश्विक परमाणु सुरक्षा प्रणाली के विकास का रणनीतिक लक्ष्य अभी भी हासिल करना बाकी है. 
• नई या उभरती हुई परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम वाले देश खतरों से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. 
• उभरते साइबर खतरों से निपटने में परमाणु सुविधाएं तैयार नहीं हैं. हथियार– उपयोगी परमाणु सामग्रियों वाले 24 देश और वैसे 23 देश जिनके पास परमाणु सुविधाएं तो हैं लेकिन हथियार– उपयोगी परमाणु सामग्रियां नहीं में से 13 देशों को साइबर सुरक्षा में सबसे अधिक अंक मिले हैं. 

सिफारिशें


रिपोर्ट में प्रभावी वैश्विक परमाणु सुरक्षा प्रणाली बनाने के लिए निम्नलिखित उपाए करने का सुझाव दिया गया है.
• सैन्य सामग्रियों की सुरक्षा और आत्मविश्वास को बढ़ाना. 
• परमाणु सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून की नींव पर काम करना. 
• परमाणु सुरक्षा की प्रभावकारिता और जवाबदेही निर्माण में मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय आत्मविश्वास को बढ़ाना. 
• उपयोग करने योग्य परमाणु सामग्रियों के भंडार को कम करने की प्रतिबद्धता. 

ये सुझाव वैश्विक स्तर के उपायों से संबंधित हैं, निम्नलिखित सुझाव देशों को उनके परमाणु सामग्रियों की सुरक्षा में सुधार लाने के लिए दिए जा रहे हैं.
• परमाणु सुविधाओं में साइबर सुरक्षा को मजबूत करना और तकनीकी क्षमता का निर्माण. 
• सामग्रियों को चोरी और सुविधाओं में तोड़फोड़ से बचाने के लिए सुरक्षा और नियंत्रण उपायों में सुधार करना. 
• परमाणु ऊर्जा कार्यक्रमों के निर्माण से पहले प्रभावी परमाणु सुरक्षा व्यवस्था तैयार रहे, को सुनिश्चित करना . 
• स्वतंत्र नियामक एजेंसियों की स्थापना और मौजूदा एजेंसियों को मजबूत बनाना. 
• परमाणु सुरक्षा प्रतिबद्धताओं को पूरा करना. 

इंडेक्स के बारे में


• इंडेक्स में एक किलोग्राम या अधिक के हथियार– उपयोगी परमाणु सामग्रियों वाले 24 देशों के वैश्विक परमाणु सामग्री सुरक्षा स्थितियों की दिशा में योगदान का आकलन किया गया है, इसमें 5 श्रेणियों– मात्राएं और स्थान, सुरक्षा और नियंत्रण उपाय, वैश्विक मानदंड, घरेलू प्रतिबद्धताएं और क्षमता एवं जोखिम पर्यावरण को शामिल किया गया है. 
• "थेफ्ट रैंकिंग" में एनटीआई इंडेक्स के 2012 और 2014 संस्करणों को शामिल किया गया था, "पोटेंशियल सैबटाश पार्ट" को इंडेक्स में पहली बार जगह दी गई है. इसके अलावा  2016 इंडेक्स में परमाणु सुविधाओं के लिए उभरते साइबर खतरे से निपटने के लिए अलग– अलग देशों द्वारा किए जा रहे कार्यों के आकलन को भी शामिल किया गया है. 
• अतिरिक्त 151 देश जिनके पास एक किलोग्राम से कम सामग्री है या सामग्री है ही नहीं, का आकलन– वैश्विक मानदंड, घरेलू प्रतिबद्धताएं और क्षमता एवं जोखिम पर्यवरण, इन तीन श्रेणियों के तहत किया गया है. 
• इंडेक्स एनटीआई और अमेरिका के इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (ईआईयू) का संयुक्त प्रयास है.

भारतनेपहलीद्विवार्षिकअपडेटेडरिपोर्ट UNFCCC कोसौंपी

22 जनवरी 2016 को भारत ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन (UNFCCC) को अपनी पहली द्विवार्षिक अपडेटेड रिपोर्ट सौंप दी. यह रिपोर्ट सम्मेलन के तहत रिपोर्ट करने के दायित्व की पूर्ति के लिए सौंपी गई थी. सम्मेलन के प्रावधानों के अनुसार देशों को उनके राष्ट्रीय संचार के रूप में समय– समय पर जानकारी मुहैया कराने की जरूरत है.

द्विवार्षिक अपडेटेड रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं

(बीयूआर– BUR)

• BUR में वर्ष 2010 के लिए भारत का राष्ट्रीय जीएचजी वस्तुसूची है. इसे जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी पैनल (IPCC) के दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है.  
• वस्तुसूची में छह ग्रीनहाउस गैसों को कवर किया गया है– कार्बन डाइऑक्साइड ( CO2), मिथेन (CH4), नाइट्रस ऑक्साइड (N2O), हाइड्रोफ्लोरोकार्बन्स (HFC), परफ्लूरोकार्बन्स (PFC) और सल्फर हेक्साफ्लोराइड (SF6). 
• इसमें पांच श्रेणियां हैं– ऊर्जा, औद्योगिक प्रक्रियाएं एवं उत्पादन उपयोग (IPPU), कृषि, कचरा और भूमि– उपयोग, बदलाव और वानिकी (LULUCF). 
• BUR के अनुसार, भारत ने साल 2010 में 2136.84 मिलियन टन CO2 के समकक्ष ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन किया है. 
• साल 2010 में कुल उत्सर्जन के 71 फीसदी के साथ उत्सर्जन में मुख्य योगदान ऊर्जा क्षेत्र का रहा. 
• राष्ट्रीय जीएचजी वस्तुसूची में औद्योगिक प्रक्रियाएं एवं उत्पादन उपयोग (IPPU) ने 8 फीसदी योगदान किया. कृषि और कचरा क्षेत्र ने क्रमशः 18 फीसदी और 3 फीसदी का योगदान किया. 
• उत्सर्जन का करीब 12 फीसदी वनों और फसल भूमि के कार्बन सिंक ऑफसेट से हुआ. राष्ट्रीय जीएचजी उत्सर्जन कुल 1884.31 मिलियन टन CO2 के समकक्ष रहा. 
• भारत का प्रति व्यक्ति जीएचजी उत्सर्जन साल 2010 में 1.56 टन CO2 के समकक्ष रहा. यह दुनिया के प्रति व्यक्ति उत्सर्जन के एक– तिहाई और कई विकसित एवं विकासशील देशों की तुलना में बहुत कम है. 
• साल 2005 और 2010 के बीच उत्सर्जन तीव्रता में जीडीपी के करीब 12 फीसदी तक कमी साल 2020 तक उत्सर्जन तीव्रता में जीडीपी के 20– 25 फीसदी कमी करने के हमारे स्वैच्छिक प्रतिज्ञा के तहत हासिल किया गया है. 
• जलवायु परिवर्तन के लिहाज से प्रासंगिक, राष्ट्रीय स्तर पर 137 और राज्य स्तर पर 286 नीतियों और पैमानों को रिपोर्ट में गैर–व्यापक आधार पर शामिल किया गया है. 

द्विवार्षिक अपडेटेड रिपोर्ट (BUR) को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने नैटकॉम (NATCOM) परियोजना के तहत तैयार किया है. इस परियोजना का वित्त पोषण ग्लोबल इंवायरमेंट फैसिलिटी (डीईएफ) ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के माध्यम से किया है.



पृष्ठभूमि


UNFCC ने अपने सोलहवें सत्र में फैसला किया कि विकासशील देश अपने राष्ट्रीय संचार को द्विवार्षिक आधार पर द्विवार्षिक अपडेटेड रिपोर्ट के रूप में जमा करेंगे.

BUR के कार्यक्षेत्र में UNFCC में देश द्वारा जमा किए गए नवीनतम राष्ट्रीय संचार के लिए अपडेट मुहैया कराना है. UNFCC के नियमों के अनुसार, BUR इंटरनेशनल कंसल्टेशन एंड एनालिसिस (ICA) नाम से जाने जाने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया के विषयाधीन है.

UNESCAP नेवर्ल्डइकोनॉमिकसिचुएशनएंड

प्रोस्पेक्ट्स 2016 रिपोर्टजारीकी

19 जनवरी 2016 को द यूनाइटेड नेशंस इकोनॉमिक एंड सोशल कमिशन फॉर एशिया एंड द पेसेफिक (UNESCAP) ने वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन एंड प्रोस्पेक्ट्स (WESP) 2016 रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट में 2015 में  दुनिया की अर्थव्यवस्था के लड़खड़ाने और 2016/17के लिए इसमें सिर्फ मामूली सुधार के अनुमान पर प्रकाश डाला गया है.

रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं

• साल 2015 में वैश्विक विकास के मामूली 2.4 फीसदी का अनुमान किया गया है. यह 2015 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रस्तुत किए गए अनुमान से 0.4 फीसदी अंक कम (डाउनवार्ड रीविजन) है.  
• साल 2016 में विश्व अर्थव्यवस्था के 2.9 फीसदी और 2017 में 3.2 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है. इसे सामान्य तौर पर कम प्रतिबंधित राजकोषीय और दुनियाभर में अभी भी उदार मौद्रिक नीति के रूख का समर्थन प्राप्त है. 
• बड़ी पूंजी का प्रवाह और वित्तीय बाजार में बढ़ती अस्थिरता, विकासशील और संक्रमण काल से गुजर रही अर्थव्यवस्थाओं में बढ़ोतरी, 2008 में आए वैश्विक वित्तीय संकट के बाद से गति को मंद कर दिया है. 
• चीन की बहुप्रतिक्षित मंदी और विशेष रूप से रूसी संघ और ब्राजील जैसी अन्य बड़ी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में आई मंदी के कारण 2016 में वैश्विक विकास की धुरी आंशिक रूप से फिर से विकसित अर्थव्यवस्थाओं की ओर जा रहा है. 
• साल 2016 और 2017 में चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिस्थितियों  के बावजूद दक्षिण एशिया क्षेत्र को  दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ता क्षेत्र  बन जाने की उम्मीद है. 
• सबसे कम विकसित देशों में जीडीपी में सुधार होने की उम्मीद है. ये 2015 के 4.5 फीसदी से बढ़कर 2016 में 5.6 हो सकते हैं लेकिन सतत विकास लक्ष्य से पीछे रह जाएंगें क्योंकि निकट भविष्य में कम– से– कम 7 फीसदी के डीजीपी विकास दर को नहीं छू पाएंगे. 
• यह इस बात का संकेत देता है कि विश्व अर्थव्यवस्था में थोड़े समय के लिए कमजोरी के मद्देनजर दुनियाभर के  नीतिनिर्माताओं के लिए चुनौतियां बहुत अधिक होने वाली हैं. 
• इसने पर्यावरणीय स्थिरता में कुछ सकारात्मक हल के रूझानों को भी साझा किया है. कार्बन उत्सर्जन संबंधी वैश्विक ऊर्जा में बीते 20 वर्षों में पहली बार 2014 में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई. 
• कई विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक विकास के क्षेत्र में व्यापक मंदी और आम तौर पर कमजोर वेतन वद्धि, निकट भविष्य में गरीबी में कमी के लिए प्रगति नियंत्रित करना होगा. 
• वस्तुओं के निर्यातकों में व्यापार– शर्तों के लिहाज से स्थिति काफी खराब हुई है, बाकी दुनिया से वस्तुओं और सेवाओं की मांग की उनकी क्षमता को सीमित कर दिया है. 


वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए पांच प्रमुख विरोधी तत्व


WESP 2016 रिपोर्ट में वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए पांच प्रमुख विरोधी तत्व बताए गए हैं. ये हैं– 
1. लगातार व्यापक अर्थव्यवस्था की अनिश्चितताएं 
2. वस्तुओं के कम मूल्य और कम व्यापार प्रवाह 
3. विनिमय दरों और पूंजी प्रवाह में बढ़ते उतार– चढ़ाव 
4. स्थिर निवेश और उत्पादकता में बढ़ोतरी 
5. वित्त और रीयल सेक्टर की गतिविधियों के बीच निरंतर बढ़ती दूरी.



WESP 2016 में भारत


साल 2016 में भारत दुनिया का सबसे तेजी से विकास करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था होगा. रिपोर्ट में साल 2016 के लिए भारत की विकास दर के 7.3 फीसदी होने का अनुमान किया गया है. साल 2017 के लिए यह 7.5 फीसदी होगा, जो कि 2015 में 7.2 फीसदी के पूर्व अनुमान से थोड़ा अधिक है. 

द यूनाइटेड नेशंस इकोनॉमिक एंड सोशल कमिशन फॉर एशिया एंड द पेसेफिक (UNESCAP) रिपोर्ट के बारे में
WESP रिपोर्ट हर वर्ष के शुरुआत में सालाना प्रकाशित की जाती है. संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक मामला विभाग (यूएन/डीईएसए), संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (यूएनसीटीएडी), संयुक्त राष्ट्र के पांच क्षेत्रीय आयोग और विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) मिलकर इसका प्रकाशन करते हैं.

भारत-फ्रांसकेमध्य 16 समझौताज्ञापनोंपरहस्ताक्षर

फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद एवं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 जनवरी 2016 को भारत-फ़्रांस चंडीगढ़ बिज़नेस सम्मेलन के दौरान 16 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये.

इन समझौतों में शहरी विकास, शहरी परिवहन, जल व कचरा प्रबंधन तथा सौर उर्जा जैसे क्षेत्रों से जुड़े समझौते भी शामिल हैं. गौरतलब है कि राष्ट्रपति ओलांद वर्ष 2016 की गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि के रूप में तीन दिवसीय भारत यात्रा पर आये हैं.

चंडीगढ़ में हुए समझौतों में शामिल इन कंपनियां में एलस्ताम ट्रांसपोर्ट, सीएएन, दसाल्त, ईडीएफ एनर्जी नोवेलस, एजिस, लयूमीप्लान, पोमागल्सकी, श्नाइडर इलेक्ट्रिक व थेलेस नाम प्रमुख हैं.

16 समझौते

•    एएफडी और महाराष्ट्र के बीच नागपुर में स्मार्ट सिटी बनाने के लिए समझौता.
•    एएफडी और चंडीगढ़ के बीच चंडीगढ़ में स्मार्ट सिटी बनाने के लिए समझौता.
•    एएफडी और केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी में स्मार्ट सिटी बनाने के लिए समझौता.
•    भारत के एसआईटीएसी ग्रुप और फ्रांस के ईडीएफ एनर्जी नावेलेस कंपनी के बीच भी संयुक्त उद्यम संबंधी समक्षौता किया गया.
•    ईपीआई लिमिटेड एवं डस्सौल्ट सिस्टम्स के मध्य शहरी विकास हेतु समझौता.
•    ईपीआई-एजिस के मध्य शहरी विकास हेतु समझौता.
•    ईपीआई- श्नाइडर इलेक्ट्रिक के मध्य शहरी विकास हेतु समझौता.
•    ईपीआई-थेल्स के मध्य शहरी विकास हेतु समझौता.
•    ईपीआई-ईडीएफ के मध्य शहरी विकास हेतु समझौता.
•    ईपीआई-एल्सटन के बीच शहरी विकास हेतु समझौता.
•    ईपीआई – एसए कैन के बीच शहरी विकास हेतु समझौता.
•    ईपीआई और ल्यूमिप्लान आईटीएस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मध्य शहरी विकास हेतु समझौता.
•    ईपीआई और पोमा के मध्य शहरी विकास हेतु समझौता.
•    फ्रेंच अल्टरनेटिव एनर्जीज़ एंड एटॉमिक एनर्जी कमीशन एवं ग्रीन वेंचर्स के मध्य वाराणसी में सौर उर्जा परियोजना पर समझौता.
•    फ्रेंच अल्टरनेटिव एनर्जीज़ एंड एटॉमिक एनर्जी कमीशन एवं क्रॉम्पटन ग्रीव्स के मध्य भारत में हवाई अड्डों पर सौर उर्जा भंडारण हेतु समझौता.
•    महिंद्रा समूह तथा एयरबस समूह के बीच भारत में हेलीकॉप्टर विनिर्माण के साझा उद्यम का समझौता.

अरुणाचलप्रदेशमेंराष्ट्रपतिशासनलागूकरनेकी

सिफारिश

केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति से अरुणाचल प्रदेश में 24 जनवरी 2016 को राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की.
अरुणाचल प्रदेश में 16 दिसंबर 2015 को उस समय से राजनीतिक संकट शुरू हो गया था जब कांग्रेस के 21 बागी विधायकों ने बीजेपी के 11 सदस्यों और दो निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर एक अस्थाई स्थान पर आयोजित सत्र में विधानसभा अध्यक्ष नबाम रेबिया पर 'महाभियोग' चलाया.
विधानसभा अध्यक्ष ने इस कदम को 'अवैध और असंवैधानिक' बताया था.
इन विधायकों ने एक सामुदायिक केंद्र में सत्र आयोजित किया, इनमें 14 सदस्य वे भी थे, जिन्हें एक दिन पहले ही अयोग्य करार दिया गया था.

पृष्ठभूमि

•    अक्टूबर 2015 - मुख्यमंत्री ने 4 मंत्रियों को हटाया.
•    नवंबर 2015 - 47 में से 21 कांग्रेसी विधायकों ने मुख्यमंत्री को हटाने के लिए स्पीकर को नोटिस दिया.
•    गवर्नर ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया. 
•    स्पीकर द्वारा सत्र बुलाने से इनकार किया गया. बागी विधायकों ने गवर्नर के समर्थन से सत्र बुलाया.
•    दिसंबर 2015 - गुवाहाटी हाइकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गयी.
•    21 जनवरी 2016 - सुप्रीम कोर्ट ने मामला 5 जजों की संविधान बेंच को दिया.
•    24 जनवरी 2016 - केंद्र ने राष्ट्रपति शासन की सिफ़ारिश की

राष्ट्रपति शासन

•   राष्ट्रपति शासन (या केन्द्रीय शासन) भारत में शासन के संदर्भ में उस समय प्रयोग किया जाने वाला एक पारिभाषिक शब्द है जब किसी राज्य सरकार को भंग या निलंबित कर दिया जाता है और राज्य प्रत्यक्ष संघीय शासन के अधीन आ जाता है.
•    भारत के संविधान का अनुच्छेद-356, केंद्र की संघीय सरकार को राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता या संविधान के स्पष्ट उल्लंघन की दशा में उस राज्य सरकार को बर्खास्त कर उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने का अधिकार देता है.
•    राष्ट्रपति शासन उस स्थिति में भी लागू होता है, जब राज्य विधानसभा में किसी भी दल या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत न हो.
•    इसे राष्ट्रपति शासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि, इसके द्वारा राज्य का नियंत्रण निर्वाचित मुख्यमंत्री के बजाय, सीधे भारत के राष्ट्रपति के अधीन आ जाता है, लेकिन प्रशासनिक दृष्टि से राज्य के राज्यपाल को केंद्रीय सरकार द्वारा कार्यकारी अधिकार प्रदान किये जाते हैं.
•    अनुच्छेद 356 को पहली बार 31 जुलाई 1959 को लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी केरल की कम्युनिस्ट सरकार बर्खास्त करने के लिए किया गया था.

ऑस्ट्रेलियानेपांचमैचोंकीश्रृंखला 4-1 सेजीती

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गये पांच मैचों की एकदिवसीय क्रिकेट श्रृंखला का अंतिम मैच 23 जनवरी 2016 को सिडनी में खेला गया. ऑस्ट्रेलिया ने यह श्रृंखला 4-1 से जीती. 

अंतिम मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत को 331 रन का लक्ष्य दिया जिसे भारतीय टीम ने चार विकेट पर बनाकर जीत दर्ज की. ऑस्ट्रेलियाई वनडे क्रिकेट के इतिहास में उनके घरेलू मैदान पर पहली बार ऑस्ट्रेलिया को 300 से अधिक रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए हराया गया.

300 से अधिक के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की यह तीसरी सबसे बड़ी जीत है. इससे पहले 16 अक्टूबर 2013 को जयपुर में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक विकेट पर 362 जबकि 30 अक्टूबर 2013 में नागपुर में चार विकेट पर 351 रन बनाकर जीत दर्ज की थी.

श्रृंखला रिपोर्ट

पहला मैच : 12 जनवरी 2016 को डब्ल्यू ए सी ए ग्राउंड, पर्थ में खेले गये इस मैच को ऑस्ट्रेलिया ने 5 विकेट से जीता. स्टीवन स्मिथ (ऑस्ट्रेलिया) को मैन ऑफ़ द मैच चुना गया.

दूसरा मैच : ब्रिसबन स्थित गाबा में 15 जनवरी 2016 को खेले गये मैच को ऑस्ट्रेलिया ने 7 विकेट से जीता. भारत के रोहित शर्मा मैन ऑफ़ द मैच घोषित किये गये.

तीसरा मैच : यह मैच 17 जनवरी 2016 को मेलबर्न में खेला गया जिसे ऑस्ट्रेलिया ने 3 विकेट से जीता. ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्सवेल को मैन ऑफ़ द मैच चुना गया.

चौथा मैच : ऑस्ट्रेलिया के केनबेरा स्थित मनुका ओवल में 20 जनवरी 2016 को खेले गये इस मैच को ऑस्ट्रेलिया ने 25 रनों से जीता. ऑस्ट्रेलिया के केन रिचर्डसन को मैन ऑफ़ द मैच घोषित किया गया.

पांचवां मैच : सिडनी स्थित सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में 23 जनवरी 2016 को खेले गये इस मैच में भारत ने 6 विकेट से जीत दर्ज की. भारत के मनीष पांडे को मैन ऑफ़ द मैच घोषित किया गया.

मैन ऑफ़ द सीरीज़ : भारत के खिलाड़ी रोहित शर्मा को उनके द्वारा बनाये गये सर्वाधिक रनों के कारण मैन ऑफ़ द सीरीज़ चुना गया.

भारतनेपहलादृष्टिहीनटी-20 एशियाकपजीता

भारतीय क्रिकेट टीम ने 24 जनवरी 2016 को पाकिस्तान टीम को हराकर पहला दृष्टिहीन टी-20 एशिया कप खिताब जीता.

कोच्चि में खेले गये इस मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान की टीम को 44 रनों से हराया.

पहले खेलने उतरी भरतीय टीम ने 20 ओवर में 5 विकेट पर 208 रन बनाये और पाकिस्तान की टीम को जीतने के लिए 209 रनों का लक्ष्य दिया. जवाब में उतरी पाकिस्तानी टीम भारतीय लक्ष्य के करीब भी नहीं पहुंच पायी और पूरी टीम महज 164 रनों पर सिमट गयी.

पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने फाइनल तक कोई हार नहीं देखी थी जबकि भारत दूसरे स्थान पर था. लीग मैच में पाकिस्तान ने भारत को 19 रनों से हराया था.

देशकासबसेबड़ाऔरऊंचाराष्ट्रीयध्वजरांचीमें

फहरायागया

25Jan2016

रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने 23 जनवरी 2016 को रांची के पहाड़ी मंदिर पर देश का सबसे बड़ा एवं ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज लहराया. यह विश्व का सबसे बड़ा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज है.

इसे नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन पर फहराया गया. इसका निर्माण पैराशूट के कपड़े से किया गया है. इसे तैयार करने में 120 कारीगरों ने 40 दिनों तक लगातार कार्य किया तथा इसपर 1.25 करोड़ रुपये का खर्च आया.

ध्वजकीविशेषताएं

•   राष्ट्रीय ध्वज के लिए रांची में 81.5 मीटर ऊंचा पोल लगाया गया.
•    यह तिरंगा झंडा जमीन से 494 फीट की ऊंचाई पर है.
•    इस तरह रांची ने फरीदाबाद का रिकार्ड तोड़ दिया जहां 246 फीट के पोल पर तिरंगा लहराता है.
•    रांची में फहराए गए तिरंगे का वजन 60 किलोग्राम है. इसकी लंबाई 99 फीट और चौड़ाई 66 फीट है.