25 November

लैंडिंग क्राफ्ट यूटीलिटी एलसीई 57 का शुभारंभ

एलसीयू एमके IV परियोजना के 7वें पोत का 24 नवंबर, 2016 गार्डन रीच शिपबिल्‍डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई), कोलकाता में आयोजित समारोह में शुभारंभ किया गया.

लैंडिंग क्राफ्ट यूटीलिटी एलसीई 57 का के शुभारंभ अवसर पर परंपरानुसार अथर्ववेद का मंत्रोच्‍चार किया गया. माननीय रक्षा राज्‍य मंत्री की पत्‍नी बीना भामरे ने जहाज के मस्‍तूल पर ‘कुमकुम’ लगाया. उन्‍होंने जहाज का नामकरण ‘एलसीयू-एल57’ किया.

लैंडिंग क्राफ्ट यूटीलिटी के बारे में-

  • लैंडिंग क्राफ्ट यूटीलिटी श्रृंखला का ‘एलसीयू-एल57’ सातवां पोत है.
  • इसे भारतीय नौसेना के लिए मेसर्स जीआरएसई ने डिजाइन और निर्मित किया है.
  • इस जहाज को तटीय गतिविधियों, मानवीय सहायता पहुंचाने, आपदा राहत गतिविधियों और दूर-दराज के द्वीपों में बचाव कार्य जैसी गतिविधियों के लिए तैनात किया जा सकता है.
  • समारोह की अध्यक्षता मुख्‍य अतिथि माननीय रक्षा राज्‍य मंत्री डॉ. सुभाष रामाराव भामरे ने की.

हरजीत सिंह जूनियर विश्व कप हॉकी टूर्नामेंट में भारतीय टीम के कप्तान नियुक्त

पंजाब के हरजीत सिंह को जूनियर विश्व कप हॉकी टूर्नामेंट के लिए भारतीय टीम के कप्तान नियुक्त किया गया है. दिपसान तिर्की टीम के उपकप्तान होंगे. जूनियर विश्व कप हॉकी टूर्नामेंट के मुकाबले 8 दिसंबर से 18 दिसंबर 2016 तक स्पोर्ट्स कॉलेज के मेजर ध्यानचंद एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम में होंगे. हॉकी इंडिया के हाई परफॉर्मेंस निदेशक और कोच रोलेंट ओल्त्मेंस इस टूर्नामेंट में भारतीय जूनियर टीम की आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए कोच हरेन्द्र सिंह की सहायता करेंगे.

भारतीय हॉकी टीम 10 दिसंबर 2016 को उनका सामना इंग्लैंड से होगा तथा 12 दिसम्बर 2016 को टीम दक्षिण अफ्रीका से भिड़ेगी.

भारतीय हॉकी टीम इस प्रकार है: गोलकीपर: विकास दहिया, कृष्ण पाठक, डिफेंडर: दिपसान तिर्की (उपकप्तान), हरमनप्रीत सिंह, वरुण कुमार, विक्रमजीत सिंह और गुरिंदर सिंह, मिडफील्डर: हरजीत सिंह (कप्तान), संता सिंह, नीलकंठ शर्मा, मनप्रीत और सुमित, फारवर्ड: परविंदर सिंह, गुरजंत सिंह, अरमान कुरैशी, मनदीप सिंह, अजीत कुमार पांडे और सिमरनजीत सिंह.

हरजीत सिंह के बारे में:

•    हरजीत सिंह पंजाब के मोहाली के रहने वाले है.

•    हरजीत सिंह अक्टूबर 2016 में हॉकी टूर्नामेंट में जर्मनी को हराकर खिताब जीतने वाली टीम के कप्तान रहे हैं.

•    वे मोस्ट प्रोमिसिंग प्लेयर के खिताब से सम्मानित हो चुके हैं.

•    हरजीत को उनकी परफॉर्मेंस के लिए 10 लाख का पुरस्कार भी मिल चुका है.

•    हरजीत वर्ष 2016 लंदन में हुई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी टूर्नामेंट की सिल्वर मेडलिस्ट टीम के भी सदस्य रहे थे.

47वां आईएफएफआई बार्को प्रोजेक्शन तकनीक का प्रयोग करने वाला पहला फिल्म महोत्सव बना

भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 47वां संस्करण में पहली बार बार्को लेजर प्रोजेक्शन तकनीक (Barco’s Laser Projection Technology) का इस्तेमाल हुआ.

बार्को लेजर प्रोजेक्शन तकनीक का उद्देश्य दर्शकों को बेहतर छवि गुणवत्ता प्रदान है. 47वें आईएफएफआई में सभी फिल्मों का प्रदर्शन इसी तकनीक के माध्यम से किया जा रहा है.

आईएफएफआई इस सफलतम तकनीक का चलन शुरू करने वाला भारत में पहला फिल्म महोत्सव बन गया. आईएफएफआई देशभर में फिल्म समारोह के लिए मानकों की स्थापना करता है.

बार्को लेजर प्रोजेक्शन तकनीक के बारे में-

  • बार्को का लेजर फॉस्फॉर डिजिटल प्रोजेक्टर (DP2K-20CLP) लागत बचत और देखने का बेहतर अनुभव प्रदान करने के साथ-साथ कई अन्य फायदे प्रदान करता है.
  • यह प्रोजेक्टर परिचालित करने में भी काफी सरल है.
  • यह तेजी से धीमा होने वाले, नियमित रूप से दीपक आधारित प्रकाश स्रोत (Regular Lamp based light source) के स्थान पर DP2K-20CLP नीली लेज़र तकनीक के साथ कार्य करता है.
  • इसमें फॉस्फॉर पहिए के माध्यम से रंगों की रचना एवं सृजन किया जाता है.
  • बार्को की भारतीय शाखा आईएफएफआई के साथ तकनीक सहयोग के तौर पर काम करने को लेकर काफी उत्साहित है.
  • यह अवसर बार्को को नई तकनीक के प्रदर्शन में सक्षम बनाने के साथ-साथ सर्वोत्तम दृश्य प्रदर्शन की पेशकश करेगा.
  • आईएफएफआई 2016 में इस्तेमाल किए जा रहे इस मॉडल के जरिए स्क्रीनिंग सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली है और उसकी छवि गुणवत्ता भी अत्यंत स्पष्ट है.
  • यह लेजर फॉस्फॉर प्रोजेक्टर 2048x1080 पिक्सल का रेज़ोल्युशन प्रदान करता है और किसी भी 3डी उपकरण के साथ संचालित हो सकता है. DP2K-20CLP की अनूठी शीतलन प्रणाली और 50 फीसदी बिजली पर 30,000 घंटे तक आजीवन कार्य करने की इसकी क्षमता इस प्रोजेक्टर को लागत के नज़रिए से भी किफायती बनाता है.

 

केंद्र सरकार ने 62 नए जवाहर नवोदय विद्यालय खोलने की मंजूरी दी

केंद्र सरकार ने 23 नवम्बर 2016 को 62 जिलों में एक-एक जवाहर नवोदय विद्यालय खोलने को मंजूरी दी. इन जिलों में अभी तक कोई भी जवाहर नवोदय विद्यालय नहीं हैं. प्रधानमंत्री की उपस्थिति में हुई बैठक में अर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 62 जिलों में एक-एक जवाहर नवोदय विद्यालय खोलने को मंजूरी दी. परियोजना की कुल लागत 2,871 करोड़ रुपए है. नए जवाहर नवोदय विद्यालय जिन राज्यों में खुलने हैं, वे निम्न हैं- छत्तीसगढ़ में 11, गुजरात में 8, दिल्ली में 7, जम्मू-कश्मीर में 5 और उत्तर प्रदेश में 5. केन्द्र सरकार द्वारा चलाए जाने वाले अन्य राज्यों में भी ये स्कूल खोले जायेंगे. 12वीं योजना के अंतर्गत इसमें पूरा खर्च 109.53 करोड़ रूपए आएगा.

देश में 35 राज्यों और केंद्र शासित राज्यों के 576 जिलों में 598 नवोदय की अनुमति दी गई हैं इनमें से 591 नवोदय अभी कार्य कर रहे हैं.

जवाहर नवोदय विद्यालय के बारे में:

•    जवाहर नवोदय विद्यालय भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा चलाई जाती हैं.

•    यह विद्यालय पूरी तरह से आवासीय, सह शिक्षा, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, नई दिल्ली से संबद्ध शिक्षण परियोजना है.

•    इस विद्यालय की स्थापना वर्ष 1985 में हुआ था.

•    इस परीयोजना का प्रमुख लक्ष्य गांव-गांव तक उत्तम शिक्षा पहुचाना है.

•    ये विद्यालय पूर्णतः आवासीय एवं निःशुल्क विद्यालय होते हैं.

•    विद्यार्थियों को नि:शुल्क आवास, भोजन, शिक्षा एवं खेलकूद सामग्री उपलब्ध कराई जाती है.

•    नवोदय विद्यालयों में 75 प्रतिशत ग्रामीण तथा 25 प्रतिशत शहरी बच्चों को प्रवेश दिया जाता है.

हिमाचल प्रदेश का पालमपुर विधानसभा क्षेत्र देश का पहला -विधानसभा बना

कांगड़ा जिले का पालमपुर विधानसभा क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश देश में पहला ई-विधानसभा क्षेत्र बन गया. इस ई - प्रणाली का उद्घाटन पालमपुर में आयोजित समारोह में 22 नवंबर 2016 को राज्य विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुताइल ने किया.

इस प्रणाली से निर्वाचन क्षेत्र के निवासियों को कंप्यूटर पर एक क्लिक के माध्यम से प्रदेश सरकार की विकास परक नीतियों की जानकारी मिलेगी. 
निर्वाचन क्षेत्र के निवासी भी अपने-अपने क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं हेतु धन के बारे में आवश्यकताओं को ऑनलाइन भेज सकते हैं.
इस प्रणाली को अगले छह महीनों में राज्य के अन्य 67 विधानसभा क्षेत्रों में भी सुचारू किया जाएगा.

टिप्पणी: पालमपुर निर्वाचन क्षेत्र का ई- प्रणाली में रूपांतरण केंद्र सरकार के डिजिटल भारत मिशन हेतु हिमाचल प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है.

नोट: हिमाचल प्रदेश की पालमपुर विधानसभा कागज रहित ई-विधान प्रणाली को अपनाने हेतु, भारत की पहली विधानसभा है.
इस ई-विधान प्रणाली के माध्यम से विधान सभा क्षेत्र में नित्य प्रति होने वाले  कामकाज बारे में जनता को स्वत: जानकारी मिल सकेगी.

प्रणाली का निम्न उद्देश्यों के साथ आरम्भ किया गया

• इस प्रणाली के माध्यम से कागज के उपयोग को कम किया जा सकेगा.   
• इससे ऑनलाइन संचार बढ़ाने में मदद मिलेगी.
• ई- प्रणाली के माध्यम से पर्यावरण को अनुकूल बनाने में भी मदद मिलेगी.
• विभिन्न हितधारकों के बीच सूचना प्रवाह में देरी के लिए जिम्मेदार अनावश्यक प्रक्रियाओं का हटाए जाने में भी यह प्रणाली सहायक सिद्ध होगी.
• ई- प्रणाली के माध्यम से कार्य दक्षता में भी सुधार किया जा सकेगा.
• प्रश्न और रिपोर्ट का स्वाती: संकलन हो सकेगा.
• विधानसभा में सरकारी विभागों और अन्य की निगरानी करने में भी यह मददगार सिद्ध होगा.
• इस प्रणाली के शुरू होने से विधानसभा क्षेत्र की विकास योजनाओं एवं अन्य कार्यों का जायजा और समीक्षा इंटरनेट और मोबाइल फोन पर ही हो जाएगी
• इस प्रणाली के लागू होने से विकास कार्यों में तेजी आएगी और आम आदमी तक जानकारी पहुंचने से पारदर्शिता भी आएगी
प्रदेश विधानसभा में ई-विधान प्रणाली लागू करने से हर वर्ष 15 करोड़ रुपये की बचत हो रही है.
• ई-विधान को लागू करने के लिए भारत सरकार ने तपोवन स्थित विधानसभा परिसर में राष्ट्रीय ई-विधान अकादमी बनाने पर सहमति प्रदान की है.
• अकादमी के स्थापित होने से देशभर से सांसद, विधायक तथा अधिकारी यहां ई-विधान का प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे.
• ई-विधान मोबाइल ऐप लांच करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना.

 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मर्चेंट शिपिंग बिल, 2016 को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 23 नवंबर 2016 को संसद में मर्चेंट शिपिंग बिल, 2016 को मंजूरी दे दी. इसके साथ ही, मर्चेंट शिपिंग अधिनियम, 1958 और समुद्रतटीय पोत अधिनियम, 1838 के निरसन को भी मंजूरी दी. मर्चेंट शिपिंग अधिनियम, 1958 में 1966 से 2014 के बीच 17 बार संशोधन किया गया था जिसकी वजह से इसमें 560 से भी अधिक धाराएं बन गईं थी. हालांकि, बिल में इन प्रावधानों को कम कर 280 धाराओं में समेट दिया गया है.

बिल के प्रावधान:

•    इसमें मूल– स्वामित्व वाले पोतों और बेयरबोट–कम–डिमाइस (बीबीसीडी) पर पोतों को भारतीय झंडा पोतों के तौर पर पंजीकरण करने की अनुमति दी गई है.

•    यह भारतीय नियंत्रित टनभार को अलग श्रेणी में रखता है.

•    यह तटीय संचालनों के लिए भारतीय झंडा पोतों को लाइसेंस जारी करता है और सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा बंदरगाह पर मंजूरी देने की अनुमति देता है.

•    तटीय शिपिंग को विकसित और प्रोत्साहित करने के लिए यह तटीय पोतों के लिए अलग नियम बनाने की बात करता है.

•    सुमद्री डाकुओं के चंगुल से छुड़ाने और सुरक्षित घर पहुंचने तक मजदूरी देकर यह नाविकों के कल्याण की व्यवस्था करता है.

•    मछली पकड़े, नौकायन आदि समेत पोतों पर काम कर रहे चालक दल के सदस्यों का बीमा पोतों के मालिकों को कराने का निर्देश देता है. यह उन पोतों के लिए लागू होगा जिसका शुद्ध टनभार 15 टन से कम हो.

•    यह कहता है कि चालक दल के सदस्यों द्वारा समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की अब आवश्यकता नहीं है.

•    किसी भी कानून के तहत नहीं आने वाले पोतों के लिए यह कुछ अवशिष्ट श्रेणी के पंजीकरण की बात कहता है और सुरक्षा– संबंधी पहलुओं के लिए प्रावधान बनाता है.

•    यह सात अलग– अलग सम्मेलनों से संबंधित प्रावधानों को शामिल करता है– हस्क्षेप सम्मेलन 1969, तलाश एवं बचाव सम्मेलन 1979, जहाजों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए समुद्री प्रदूषण सम्मेलन के तहत प्रोटोकॉल, जहाज के बेसाल्ट पानी और अवसादों के नियंत्रण एवं प्रबंधन पर सम्मेलन 2004, नैरोबी मलबा निवारण सम्मेलन 2007, कबाड़ सम्मेलन 1989 और बंकर तेल प्रदूषण नुकसान के लिए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 2001.

•    यह भारतीय जहाज–रानी उद्योग की सुविधा के लिए सरलीकृत शासन हेतु पोतों के सर्वेक्षण, निरीक्षण और प्रमाणीकरण की व्यवस्था प्रदान करता है.

एशिया पेसिफिक स्क्रीन अवार्ड्स में मनोज बाजपेयी सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुने गए

भारतीय अभिनेता मनोज बाजपेयी का 10वें ‘एशिया पेसिफिक स्क्रीन अवार्ड्स’ में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार हेतु चयन किया गया. उन्होंने इस पुरस्कार के लिए अपने प्रतिद्वंदी नवाजुद्दीन सिद्दीकी को हराया.

उप विजेता रहे नवाजुद्दीन सिद्दीकी को इसी श्रेणी में एक विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

मनोज बाजपेयी के बारे में-

  • मनोज बाजपेयी को निर्देशक हंसल मेहता की फिल्म ‘अलीगढ़’ में निभाई उनकी प्रोफेसर ‘सिरास’ की भूमिका के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया.
  • एशिया पेसिफिक स्क्रीन अवार्ड्स’ (एपीएसए) में यह उनका दूसरा नामंकन था.
  • इससे पहले 2012 में उन्होंने अनुराग कश्यप की फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के लिए भी नामंकन प्राप्त किया था.
  • नवाजुद्दीन सिद्दीकी को अनुराग कश्यप की फिल्म ‘रमन राघव 2.0’ के लिए विशेष पुरस्कार प्रदान किया गया.
  • फिल्म जगत में क्षेत्र के सर्वोच्च सम्मान के तौर पर पहचाने जाने वाले ‘एशिया पेसिफिक स्क्रीन अवार्ड्स’ (एपीएसए) की घोषणा कल रात ब्रिस्बेन में आयोजित एक समारोह के दौरान की गई.

एपीएसए के बारे में -

  • दुनिया के सबसे तेजी से विकसित हो रहे फिल्मी क्षेत्र की सिनेमाई उत्कृष्टता और सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देने और पहचान दिलवाने के लिए इसका आयोजन किया जाता है.
  • आस्ट्रेलियाई अभिनेता डेविड वेन्हम ने इसकी मेजबानी की.
  • 2016 में आयोजित यह समारोह ‘एशिया पेसिफिक स्क्रीन अवार्ड्स’ का 10वां संस्करण था.
  • पुरस्कार की शुरूआत सर्व प्रथम 2007 में की गयी.

आईबीबीआई ने दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 के तहत नियमों के तीन सेट अधिसूचित किया

भारतीय दिवाला और दिवालियापन बोर्ड ( आईबीबीआई) ने 23 नवंबर 2016 को नियमों के तीन सेट– (दिवाला व्यवसायी), विनियम, 2016, पंजीकरण के लिए अन्य बातों के साथ विनियम, दिवाला व्यावसायिकों के लिए नियमन औऱ निरीक्षण, को अधिसूचित किया. इन नियमों को दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 के तहत अधिसूचित किया गया है और  29 नवंबर 2016 से ये प्रभावी हो जाएंगे. ये सभी नियम संहिता के तहत दिवाला व्यावसायियों के पंजीकरण, नियमन और निरीक्षण के लिए बनाए गए हैं.

दिवाला व्यावसायी के तौर पर व्यक्ति पंजीकरण के योग्य होंगे:

•    10 वर्षों से प्रैक्टिस या नौकरी कर रहे वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, कंपनी सचिव और कॉस्ट अकाउंटेंट.

•    सीमित दिवाला परीक्षा पास किया व्यक्ति जिसके पास स्नातक के बाद 15 वर्षों का प्रबंधकीय अनुभव हो.

•    राष्ट्रीय दिवाला परीक्षा पास करने वाला कोई भी व्यक्ति.

•    हालांकि ऐसे वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट, कंपनी सचिव और कोस्ट अकाउंटेंट जिनके पास 15 वर्षों से अधिक का कार्यानुभव है वे 31 दिसंबर 2016 तक बिना किसी परीक्षा में पास हुए पंजीकरण करा सकते हैं और ऐसा पंजीकरण छह माह की अवधि तक वैध होगा.

•    राष्ट्रीय दिवाला परीक्षा और सिमित दिवाला परीक्षा हुआ करेगी. इन परीक्षाओं का सिलेबस और प्रारूप परीक्षा से कम– से– कम एक महीने पहले बोर्ड की वेबसाइट पर प्रकाशित होगा.

•    सिमित देयता भागीदारी, पंजीकृत भागीदार कंपनी या फर्म को तब दिवाला पेशेवर इकाई माना जाएगा जब ज्यादातर भागीदार या पूर्णकालिक निदेशकों में से अधिकांश संहिता के तहत दिवाला पेशेवर के तौर पर पंजीकृत हों.

•    एक दिवाला पेशेवर एक मान्यताप्राप्त दिवाला पेशेवर इकाई के संगठनात्मक संसाधनों का उपयोग कर सकता है लेकिन सिर्फ इसी शर्त पर कि इकाई के साथ– साथ दिवाला पेशेवर बतौर दिवाला पेशेवर अपने भागीदारों की चूक या कमीशन से संबंधित सभी कार्यों का उत्तरदायी हो.

तुर्की शंघाई सहयोग संगठन ऊर्जा क्लब 2017 की अध्यक्षता करेगा

तुर्की शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) ऊर्जा क्लब 2017 की अध्यक्षता करेगा. इसके साथ ही, यह संगठन के क्लब की अध्यक्षता करने वाला पहला गैर पूर्ण कालिक सदस्य देश बन जाएगा. 
22 नवंबर 2016 को हुई बैठक में ऊर्जा क्लब की अध्यक्षता की मेजबानी हेतु गैर–एससीओ सदस्य देश का अंकारा का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया. तुर्की के राष्ट्रपति रजब तईब इरदुगान द्वारा तुर्की को एससीओ का विकल्प बताए जाने के बाद रुस और चीन के अधिकारियों ने अंकारा के नाम को हरी झंडी दे दी.

एससीओ के ऊर्जा क्लब के बारे में:

•    30 नवंबर 2006 को एससीओ में, अल्माटी में परिणाम और परिप्रेक्ष्य (Results and Perspectives) , अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था. रुस के विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि ने घोषणा की थी कि रूस एससीओ "ऊर्जा क्लब" बनाने की योजना बना रहा है.

•    नवंबर 2007 में एससीओ शिखर सम्मेलन में ऊर्जा क्लब बनाए जाने की बात मास्को ने एक बार फिर कही थी. हालांकि, एससीओ के अन्य सदस्यों ने इस विचार पर अपनी सहमति नहीं दी थी.

संघाई सहयोग संगठन के बारे में: