25th Feb to 26th Feb 2015 Hindi

राज्य सभा में संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश संशोधन विधेयक, 2014 ध्वनिमत से पारित

25-FEB-2015

राज्य सभा ने 24 फरवरी 2015 को सर्वसम्मति से संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश संशोधन विधेयक, 2014 को ध्वनिमत से पारित कर दिया. यह विधेयक तीन राज्यों हरियाणा, कर्नाटक, ओडिशा और एक केंद्र शासित प्रदेश- दादरा और नगर हवेली में अनुसूचित जातियों की सूची को संशोधित करने का प्रयास है.

विधेयक के प्रावधान
•    इस विधेयक में संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 और संविधान (दादरा और नगर हवेली) अनुसूचित जाति आदेश,1962 को संशोधित करने का प्रस्ताव है.
•    यह हरियाणा, कर्नाटक, ओडिशा, और दादरा और नगर हवेली में अनुसूचित जातियों की सूची में नए समुदायों को जोड़ने का प्रस्ताव है.
•    उत्तराखंड की जगह राज्यं का नाम उत्तेरांचल करने का प्रस्ताव है.


इसमें निम्नलिखित जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव है.
•    हरियाणा: कबीरपंथी जुलाहा
•    कर्नाटक: ओड, ओडे, वेद्दार, वद्दार, बोवी (गैर वेस्टा), कालूवद्दार और मनुवद्दार
•    ओडिशा: रजक, रजाका, अधूरिया डोम, खटिया, सपुआ केला, नलुआ केला, सबाखिया केला, मटिया केला, गोड़िया केला, खडल, खोदाल और बेत्रा
•    दादरा और नगर हवेली: रोहित
पृष्ठभूमि
यह विधेयक पहले 11 फरवरी 2014 को पेश किया गया था लेकिन 15वीं लोकसभा में भंग कर दिया गया. इसको फिर से इन राज्यों में अनुसूचित जातियों के खिलाफ सभी प्रकार के अत्याचार समाप्त करने हेतु राजग सरकार द्वारा शुरू किया गया.

यह विधेयक एक बार फिर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 341 के प्रावधानों के अनुसार संसद में पेश किया गया था. अनुच्छेद 341 संसद को अधिसूचना के माध्यम से अनुसूचित जातियों की सूची में से जातियों को शामिल या बाहर करने का अधिकार प्रदान करती है.

बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन द फिल्म हेरीटेज फाउंडेशन के ब्रांड एंबेसडर नियुक्त

25-FEB-2015

बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन को ‘द फिल्म हेरीटेज फाउंडेशन’ का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया. इसकी घोषणा 22 फरवरी 2015 को मुंबई में आयोजित द फिल्म हेरीटेज फाउंडेशन’ कार्यक्रम में की गई. इसका उद्देश्य  फिल्मों और उससे जुड़े अन्य कामों को संरक्षित करना है.

द फिल्म हेरीटेज फाउंडेशन
द फिल्म हेरीटेज फाउंडेशन’ की स्थापना वर्ष 2014 में शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर ने की थी. यह एक गैर लाभकारी संगठन है. इसका कार्य फिल्मों को सुरक्षित करना है.  
अमिताभ बच्चन से सम्बंधित मुख्य तथ्य 
• अमिताभ बच्चन का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में 11 अक्टूबर 1942 को हुआ.  
• उनके पिता का नाम डॉ. हरिवंश राय बच्चन जो एक हिंदी कवि थे, और माता का नाम तेजी बच्चन है. अमिताभ बच्चन हिंदू कायस्थ परिवार से संबंध रखते हैं.
• अमिताभ बच्चन को भारत सरकार द्वारा पद्मश्री और पद्म भूषण (2000) से सम्मानित किया गया.
• इन्हें बिग बी और मेगास्टार के उपनाम से भी जाना जाता है.
• अमिताभ बच्चन ने फिल्मों में अपने कैरियर की शुरूआत वर्ष 1969 में ख्वाज़ा अहमद अब्बास के निर्देशन में बनी फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' के सात कलाकारों में से एक कलाकार के रूप में की.
• अमिताभ बच्चन को सात हिंदुस्तानी फिल्म के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ नवागंतुक का पुरस्कार दिया गया.
• अमिताभ बच्चन की पहली सफल फिल्म जंजीर वर्ष 1973 में आई. इस फिल्म के निर्माता और निर्देशक प्रकाश मेहरा हैं.
• वर्ष 2000 में आई फिल्म मोहब्‍बतें ने बिग बी को एक बार फिर सफलता के शिखर पर पहुंचा दिया. उसके बाद तो वह छोटे पर्दे पर भी 'कौन बनेगा करोड़पति' और 'बिग बॉस' जैसे शो लेकर आए जो बेहद सफल रहे.
• अमिताभ बच्चन को अब तक चार बार 'राष्ट्रीय पुरस्कार' मिल चुका है. इनमें उन्हें फ़िल्म 'पा' में उनके अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला है. अमिताभ बच्चन ने यह पुरस्कार तीसरी बार जीता है. इससे पहले उनको यह पुरस्कार फ़िल्म 'अग्निपथ' और 'ब्लैक' के लिए मिल चुका है. इसके अलावा वह 'सात हिन्दुस्तानी' के लिए सर्वश्रेष्ठ नवोदित कलाकार का 'राष्ट्रीय पुरस्कार' प्राप्त कर चुके हैं.
• ब्रिटेन में कराए गए एक सर्वेक्षण-बॉलीवुड के 100 महानतम स्टार में अभिनेता अमिताभ बच्चन को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ.
• अमिताभ बच्चन को वर्ष 2005 में यूनीसेफ का सद्भावना राजदूत नियुक्त किया गया था.
• अमिताभ बच्चन को भारत में झांसी और दिल्ली विश्वविद्यालय ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया.
• भारतीय मेगास्टार अमिताभ बच्चन को जुलाई 2014 में महाराष्ट्र के बागवानी का राजदूत नियुक्त किया गया. 
• अभिनेता अमिताभ बच्चन गुजरात पर्यटन और पोलियो उन्मूलन अभियान के भी राजदूत हैं.
• अमिताभ बच्चन को हृदयनाथ मंगेशकर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार-2013 प्रदान किया गया.
• वर्ष 2011 में ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलजी ने अमिताभ बच्चन को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया था.
• दादा साहेब फाल्के अकादमी पुरस्कार के तहत अमिताभ बच्चन को वर्ष 2012 में फाल्के रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
• बालीवुड के अभिनेता अमिताभ बच्चन को वर्ष 2010 में दशक के नायक का पुरस्कार दिया गया.
• फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन को 25 दिसंबर 2014 को ‘यश चोपड़ा मेमोरियल पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया.
• अमिताभ बच्चन को सोशल मीडिया पर्सन ऑफ द ईयर पुरस्कार से मुंबई में 13 जनवरी 2015 को सम्मानित किया गया.

डी के पांडेय झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त

25-FEB-2015

भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी डी के पांडेय को 24 फरवरी 2015 को झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के पद पर नियुक्त किया गया. डी के पांडेय वर्ष 1984 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं. उन्होंने राजीव कुमार का स्थान लिया.

झारखंड के गृह विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार वर्ष 1981 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी राजीव कुमार को राज्य के निवर्तमान पुलिस महानिदेशक पद से तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित कर पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) नियुक्त किया गया. इसके साथ ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के पद पर कार्यरत वर्ष 1981 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के झारखंड कैडर के अधिकारी डीके पांडेय को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस झारखंड में बुलाया गया. जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया.

विदित हो कि डी के पांडेय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले झारखंड में अपर पुलिस महानिदेशक (आपरेशन) के पद पर तैनात थे. इसके साथ ही साथ वे पूर्व में बोकारो एवं रांची के पुलिस महानिरीक्षक पद कार्य कर चुके हैं. वे वर्ष 1996 से वर्ष 2002 के दौरान भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP)  में अपनी सेवा दे चुके हैं.

डॉ राजेन्द्र कुमार पचौरी का जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा

25-FEB-2015

डॉ राजेन्द्र कुमार पचौरी ने जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) के अध्यक्ष पद से 24 फरवरी 2015 को इस्तीफा दे दिया. पचौरी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून को भेजे अपने पत्र में संगठन को मजबूत नेतृत्व प्रदान करने में असमर्थता जताई.

जलवायु परिवर्तन पर अन्तर सरकारी पैनल के ब्यूरो ने नए अध्यक्ष के चुनाव संपन्न होने तक इस्माइल इल गिजौली को संगठन का कार्यवाहक प्रमुख बनाने का फैसला किया. पचौरी अप्रैल 2002 से आईपीसीसी के अध्यक्ष थे और उनका दूसरा कार्यकाल अक्टूबर 2015 में समाप्त होने वाला था.

वर्तमान में पचौरी ऊर्जा और संसाधन संस्थान (टेरी) के महानिदेशक के रूप में सेवारत है और जलवायु परिवर्तन पर प्रधानमंत्री के परिषद के सदस्य हैं.

तीसरा कछुआ महोत्सव असम के हजोंग झील में आयोजित

25-FEB-2015

तीसरा कछुआ महोत्सव  21 फरवरी 2015 को असम के दीमा हसो जिले की हाजोंग झील में आयोजित किया गया.यह महोत्सव दीमा हसो के पर्यावरण एवं वन विभाग द्वारा लोगों के बीच लुप्तप्राय कछुआ प्रजातियों पर जागरूकता पैदा करने के लिए आयोजित किया गया.

दिन भर चले इस महोत्सव में प्रजातियों के संरक्षण  के विषय पर विचार विमर्श, प्रस्तुति और विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गईं.

हाजोंग झील के बारे में

  • हाजोंग झील विभिन्न प्रकार के कछुओं का वास स्थल है और यह गुवाहाटी से लगभग 300कीमी दूर स्थित लैंग्टिंग मूपा  अभ्यारण में स्थित है.
  • झील असम का  एक मात्र प्राकृतिक कछुआ घर है.
  • हाजोंग झील कछुआ झील के नाम से लोकप्रिय है और यह हिल टेर्रपिन्स कछुओं (एक दुर्लभ प्रजाति) का भी वास स्थल है.
  • वर्तमान में चारों ओर 400 से 500 कछुए हाजोंग झील में निवास करते हैं.

केंद्र सरकार ने 14वें वित्त आयोग की सिफारिश स्वीकार की

25-FEB-2015

केंद्र सरकार ने 14 वें वित्त आयोग की सिफारिशों को फरवरी 2015 के तीसरे सप्ताह में पूरी तरह स्वीकार करने की घोषणा की. इससे राज्यों को मिलने वाली धनराशि में बढोत्तरी होने की संभावना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर यह जानकारी दी. केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर डॉ. वाईवी रेड्डी की अध्यक्षता में 14वें वित्त आयोग का गठन किया किया था. आयोग ने 15 दिसंबर 2014 को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी थी.

संबंधित मुख्य तथ्य 
•    राज्यों को संसाधनों के हस्तांतरण के लिए कर हस्तांतरण प्राथमिक मार्ग होना चाहिए.
•    14 वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार राज्यों को विभाज्य पूल से किये जाने वाले अंतरण में 10 प्रतिशत की बढोत्तरी की गयी है. 
•    राज्यों को दिये जाने वाले अनुदान को दो भागों में विभाजित किया जाना सुनिश्चित है;
क) विधिवत ग्राम पंचायतों का गठन करने के लिए अनुदान
ख) विधिवत नगर निकायों का गठन करने के लिए अनुदान
•    वर्ष 2014-15 की तुलना में वर्ष 2015-16 मे राज्यों को कुल हस्तांतरण अधिक होगा.
•    अनुदान को दो भागों में विभाजित किया जाना चाहिए और इसमें जो बुनियादी अनुदान शामिल वह ग्राम पंचायतों और नगर निकायों के प्रदर्शन पर निर्भर करता है. प्रदर्शन अनुदान नगर पालिकाओं के लिए 90:10 एवं पंचायतों के लिए 80:20 निर्धारित है.
•    14वें वित्त आयोग के अनुसार राज्यों को वर्ष 2014-15 में 348,000 करोड़ रुपये और वर्ष 2015-16 में 526,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे.
•    राज्य के योजना राजस्व खर्च के लिए दी जाने वाली सारी केन्द्रीय सहायता को राज्य के राजस्व खर्च का हिस्सा माना गया है और इसी आधार पर हस्तांतरण निर्धारित किया गया है. 
•    केंद्र सरकार से अनुदानों और योजनाओं से आधरित सहायता से हटकर कर-अंतरण की दिशा में बदलाव किया गया है. इसलिए विभाज्य पूल का 42 प्रतिशत अंतरण हो रहा है.
•    वर्ष 2015-20 के दौरान की अवधि में राज्यों के राजस्व और खर्चो का आकलन करने के बाद वित्त आयोग ने 11 राज्यों के घाटे की क्षतिपूर्ति के लिए कुल 1.94 करोड़ रुपये की सहायता देने का सुझाव दिया था.
विश्लेषण
14 वें वित्त आयोग की सिफारिशों से केंद्र सरकार की वित्त-व्यवस्था पर भारी प्रभाव पड़ेगा, लेकिन सरकार ने इन्हें स्वीकार करने का फैसला किया. इसपर वर्तमान केंद्र सरकार का तर्क है कि वित्तीय अनुशासन को ध्यान में रखते हुये राज्यों को अधिक वित्तीय मजबूती और स्वायत्ता के साथ अपने कार्यक्रम और योजना तैयार करने की छूट दी जानी चाहिये. 
विदित हो कि आमतौर पर राज्यों का भी यही विचार रहा है कि ज्यादातर संसाधन, कर-अंतरण के रूप में मिले और केंद्र प्रायोजित योजनाओं की संख्या कम की जाए. इस प्रकार, केंद्र सरकार से अनुदानों और योजनाओं से आधरित सहायता से हटकर कर-अंतरण की दिशा में बदलाव किया गया है. 
वित्त आयोग से संबंधित मुख्य तथ्य 
वित्त आयोग का गठन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है. आयोग का गठन केंद्र एवं राज्य के बीच वित्तीय संबंधों को परिभाषित करने के उद्देश्य से किया जाता है. भारतीय संविधान के अनुसार आयोग का गठन प्रत्येक पांच वर्षों के लिए होगा और इसमें एक अध्यक्ष एवं चार अन्य सदस्य होंगे.
भारत का पहला वित्त आयोग वर्ष 1951 में गठित किया गया था जिसके अध्यक्ष के. सी. नेगी थे. उनकी योजना का संचालन वर्ष 1952– 57 के दौरान किया गया था.
13वां वित्त आयोग वर्ष 2007 में गठित हुआ और भूतपूर्व केंद्रीय वित्त सचिव और वित्त मंत्री के सलाहकार डॉ. विजय एल. केलकर इसके अध्यक्ष थे. उनकी योजना वर्ष 2010–15 के दौरान परिचालित की गई थी.

रवि चौधरी संघीय उड्डयन प्रशासन के क्षेत्रीय एवं केंद्रीय संचालन के कार्यकारी निदेशक नियुक्त

25-FEB-2015

भारतीय मूल के अमेरिकी रवि चौधरी को 24 फरवरी 2015 को संघीय उड्डयन प्रशासन (एफएए) के क्षेत्रीय एवं केंद्रीय संचालन के कार्यकारी निदेशक पद पर नियुक्त किया गया. इस पद पर रहते हुए चौधरी नौ अलग-अलग क्षेत्रों में विमानन के संचालन की देखरेख करेंगे.

चौधरी पर एफएए में 288 मिलियन अमेरिकी डॉलर के बजट को क्रियान्वित करने और देशभर के नौ क्षेत्रों में 2100 से ज्यादा संघीय कर्मचारियों का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी होगी.

नेशनल एरोस्पेस सिस्टम के लिए केंद्रीय सहयोग के अलावा एआरसी के लिए उप सहायक प्रबंधक के रूप में वह अभियानों के क्षेत्रों में सुरक्षा, नीति, आपात स्थिति के लिए मुस्तैदी और प्रतिष्ठान प्रबंधन आदि के लिए एफएए और परिवहन विभाग की सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए भी जिम्मेदार होंगे. इससे पहले चौधरी ने एयर फोर्स डिस्ट्रिक्ट ऑफ वाशिंगटन के एंड्रयूज़ वायु सेना बेस में 21 वर्ष तक सेवा की.


रवि चौधरी

  • रवि चौधरी सी-17 पायलट हैं और वायुसेना में रहते हुए उन्हें विभिन्न कमानों, संचालन, इंजीनियरिंग और वरिष्ठ कर्मचारी कार्यों का अनुभव है.
  • वह पेंटागन में भाषण लेखक रह चुके हैं. वह वायुसेना कार्यकारी कार्य समूह के सचिव के रणनीतिक योजनाकार और वायुसेना की योजनाओं एवं कार्यक्रमों हेतु स्टाफ उप प्रमुख रह चुके हैं.
  • मई 2014 को चौधरी को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एशियाई अमेरिकी एवं प्रशांत द्वीपवासियों पर बने राष्ट्रपति के परामर्श आयोग का सदस्य नियुक्त किया.
  • चौधरी ने एयर फोर्स एकेडमी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री, एयर यूनिवर्सिटी से ऑपरेशनल आर्ट्स एंड साइंस में एमए किया. उन्होंने नासा के स्नातक शोधार्थी के रूप में सेंट मेरीज यूनिवर्सिटी से इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग में एमएस भी किया.

अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने अब्दुल जब्बर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई

25-FEB-2015

अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने जातीय पार्टी के नेता और बांग्लादेश के पूर्व सांसद अब्दुल जब्बर को आजीवन कारावास की सजा और दस लाख टका का जुर्माना सुनाया. अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने यह निर्णय 24 फरवरी 2015 को दिया. उन्हें यह सजा वर्ष 1971 में पाकिस्तान के विरूद्ध लड़ी गई आजादी की लड़ाई (मुक्ति संग्राम) के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए दी गई.

बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के तीन सदस्यीय पैनल के अध्यक्ष इनायत उर रहीम ने निर्देश दिया कि भगौड़े नेता को उसके युद्ध अपराधों के लिए शेष समय जेल में ही बितानी होगी. उन्होंने निर्देश दिया कि अब्दुल जब्बार के विरूद्ध लगाए गए पांचों आरोप उनकी गैर मौजूदगी में चलाए गए मामले के दौरान निःसंदेह सही साबित हुए.
अब्दुल जब्बर से संबंधित मुख्य तथ्य 
अब्दुल जब्बर वर्ष 2009 से ही फरार थे. 79 वर्षीय अब्दुल जब्बर मथबरिया में विवादास्पद शांति समिति के अध्यक्ष थे जिसने युद्ध अपराधों की साजिश में मदद की थी. उनपर हत्या, आगजनी, लूटपाट और नरसंहार के आरोप थे. 
जातीय पार्टी प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ताधारी आवामी लीग की सहयोगी एवं पूर्व राष्ट्रपति एचएम इरशाद की पार्टी है.
बांग्लादेश ने मुख्य रूप से बंगाली बोलने वाले उन साजिशकर्ताओं के विरूद्ध मामले चलाने की शुरूआत की थी, जिन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों का पक्ष लिया था और अत्याचार एवं जनसंहार किया था. बांग्लादेश की तरफ से इसकी शुरूआत किए जाने के बाद से अब्दुल जब्बार ऐसे 17वें संदिग्ध हैं, जिनपर मामला चलाया गया. इसके अलावा वह 5वें ऐसे संदिग्ध हैं, जिनपर मामला उनकी गैर मौजूदगी में चलाया गया. अब्दुल जब्बार पर पाकिस्तान समर्थक बलों का अपने दक्षिण-पश्चिमी गृह जिले पिरोजपुर में नेतृत्व करने का आरोप लगाया गया था.
वर्ष 1986 में वह जातीय पार्टी में शामिल हुए और सांसद चुने गए. वर्ष 1991 में जब बीएनपी सत्ता में आई थी, तब उनपर टिन और चावल के गबन के मामलों में आरोप लगा था.

पीआर मोहन राव ने ‘फ्लोरा गुंटूर सिटी ऑफ आंध्र प्रदेश’ शीर्षक से एक पुस्तक लिखी

25-FEB-2015

फ्लोरा गुंटूर सिटी ऑफ आंध्र प्रदेश (Flora of Guntur City Andhra Pradesh) : पीआर मोहन राव 
पीआर मोहन राव ने ‘फ्लोरा गुंटूर सिटी ऑफ आंध्र प्रदेश’ (Flora of Guntur City Andhra Pradesh) शीर्षक से एक पुस्तक लिखी. यह पुस्तक गुंटूर शहर के वनस्पति पर प्रकाश डालता है. इस पुस्तक में गुंटूर के पेड़ों की कई प्रजातियों के बारे में बताया गया है. इस पुस्तक में गुंटूर से सम्बंधित तथ्यों कि जानकारी देने का उत्कृष्ट प्रयास किया गया है.

इस पुस्तक में कुल 431 फूल पौधे, झाड़ियाँ और वनस्पतियों के 76 परिवारों से संबंधित जानकारी दी गई है. इसमें पौधों, झाड़ियों और पेड़ों के परिवारों को बेन्थम एवं हूकर प्रणाली के आधार पर व्यवस्थित ढंग से वर्गीकरण किया गया है.

विदित हो कि मोहन राव नागार्जुन विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर एमेरिटस और विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष हैं. एसके खासिम एवं पूर्व शोध छात्र बीबी आसिया इस पुस्तक के सह-लेखक हैं. यह पुस्तक देहरादून से बिशन सिंह महेंद्र पाल सिंह द्वारा प्रकाशित किया गया.

हिताची लिमिटेड ने 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर में फिनमैकेनिका रेल व्यवसाय का अधिग्रहण किया

25-FEB-2015

हिताची लिमिटेड ने 23 फरवरी 2015 को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर में फिनमैकेनिका रेल व्यवसाय के अधिग्रहण की घोषणा की.

इटली की कंपनी फिनमैकेनिका अपनी रेल कार इकाई अंसलदोब्रेदा (AnsaldoBreda) और अंसलदो एसटीएस (Ansaldo STS)  को विशाल जापानी समूह को बेचने पर सहमत हो गई. इसकी अंसलदो एसटीएस (Ansaldo STS) में मोटे तौर पर 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

इस सौदे के तहत हिताची के पहले दो कंपनियों में फिनमैकेनिका के सभी शेयरों के अधिग्रहण और उसके बाद मिलान स्टॉक में एक्सचेंज में सूचीबद्ध अंसलदो एसटीएस को एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बनाने की योजना है.

यह अधिग्रहण हिताची के वार्षिक रेल से संबंधित बिक्री में 400 अरब येन से अधिक की वृद्धि करेगा. हिताची का रेल ऑपरेशन अब वैश्विक होगा और इटली रेल कार उत्पादन की सुविधाऐं प्राप्त करेंगा.

फिनमैकेनिका के बारे में
फिनमैकेनिका इटली में उच्च प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी औद्योगिक समूह है और एयरोस्पेस, रक्षा और सुरक्षा में मुख्य वैश्विक औद्योगिक समूह में से एक है.
यह सात क्षेत्रों: वैमानिकी, हेलीकाप्टर, अंतरिक्ष, इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा प्रणाली, परिवहन और निर्माण में कार्य करता है.

कंपनी का 100 से अधिक देशों में कार्यालय है. यह आंशिक रूप से इटली सरकार के स्वामित्व में है जिसमें फिनमैकेनिका के पास लगभग 30 प्रतिशत शेयर है.
हिताची के बारे में
हिताची जापान की एक बहुराष्ट्रीय समूह की कंपनी है. इसका मुख्यालय जापान के टोक्यो में चियोदा में स्थित है.

हिताची एक विविध कंपनी है जो ग्यारह व्यावसायिक क्षेत्रों में काम करती है: सूचना एवं दूरसंचार प्रणाली, सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर, उच्च कार्यात्मक सामग्री और घटक, वित्तीय सेवाएं, पावर सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली और उपकरण, ऑटोमोटिव सिस्टम्स, रेलवे और शहरी सिस्टम, डिजिटल मीडिया और उपभोक्ता उत्पाद, निर्माण मशीनरी और अन्य घटक और प्रणाली

वित्त वर्ष 2015-16 के लिए उत्तर प्रदेश का आम बजट विधान सभा में पेश

25-FEB-2015

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश कुमार सिंह यादव ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए 302687 करोड़ रूपए का बजट विधानसभा में 24 फरवरी 2015 को पेश किया, जो कि वित्त वर्ष 2014-15 के बजट से 10.2 प्रतिशत अधिक है. मुख्यमंत्री अखिलेश कुमार सिंह यादव, जिनके पास वित्त मंत्रालय भी है, द्वारा प्रस्तुत यह चौथा बजट है. उन्होंने वर्ष 2015-16 को किसान वर्ष के रूप में मनाने की भी घोषणा की.

इस बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया है परन्तु सरकार का राजकोषीय घाटा बढ़कर 31559.80 करोड़ रुपये होने का आकलन प्रस्तुत किया गया. प्रस्तुत बजट में पूंजीगत परिव्यय के तहत 63154 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है जो वित्त वर्ष 2014-15 से लगभग 12.8 प्रतिशत अधिक है.
वर्ष 2013-14 के अनुमान के अनुसार उन्होंने उत्तर प्रदेश की विकास दर पांच प्रतिशत होने का दावा किया जो कि राष्ट्रीय विकास दर 4.7 प्रतिशत से अधिक है. राज्य सरकार प्रदेश की विकास दर 10 प्रतिशत करने के लिए प्रयासरत है. 
उत्तर प्रदेश बजट 2015-16 की मुख्य विशेषताएं 
• तीन लाख दो हजार छह सौ सत्तासी करोड़ बत्तीस लाख रुपये (302687.32 करोड़ रुपये) का बजट प्रस्तुत. 
• बजट में 5964.07 करोड़ रुपये के घाटे का अनुमान.
• राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 2.96 प्रतिशत है जबकि ऋणग्रस्तता 27.5 प्रतिशत है. 
• वर्ष 2015-16 में राज्य सरकार का कर्ज बढ़कर 293200 करोड़ रुपये हो जाने अनुमान. 
• सरकार को कुल 296723.25 करोड़ रुपये की प्राप्तियां होंगी जबकि खर्च 302687.23 करोड़ रुपये अनुमानित है. 
• सरकार का राजस्व बचत 3124.05 करोड़ रुपये अनुमानित.
• बजट में समाजवादी पेंशन योजना, कन्या विद्याधन योजना, कृषि उत्पादन बढ़ाने, स्वास्थ्य, शिक्षा, नगरीय विकास एवं ग्राम विकास की योजनाओं के लिए विशेष धनराशि की व्यवस्था.
• लखनऊ मेट्रो के लिए बजट में 425 करोड़ रुपये का प्रावधान.
• वित्त वर्ष 2015-16 में 9388.79 करोड़ रुपये की नयी परियोजनाएं शामिल.
• बजट में अवस्थापना सुविधाओं के लिए 51517 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया. इसमें सड़कों के लिए 17872 करोड़, विद्युत आपूर्ति के लिए 25764 करोड़ और सिंचाई परियोजनाओं के लिए 7881 करोड़ रुपये का प्रावधान है. 
• स्वास्थ्य सेवाओं को और सुगम बनाने के लिए 500 नयी एम्बुलेंस खरीदे जाने का प्रस्ताव.
• युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देकर रोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उन्नाव में स्किल डेवलपमेंट अकादमी बनाने का प्रस्ताव.
• गन्ना किसानों के बकाये के भुगतान के लिए बजट में 2 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था.
• बजट में कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए विकास दर 5 प्रतिशत का आकलन किया गया जबकि देश की कृषि विकास दर 4.7 प्रतिशत है. 
• कृषि शिक्षा प्राप्त युवाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए ‘वन स्टाप शॉप’ स्थापित किये जाएंगे, जिनका नाम ‘ एग्री जंक्शन’ होगा. 
• कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए संकर एवं प्रमाणित बीजों एवं रासायनिक खादों के अग्रिम भण्डारण के लिए 231 करोड़ रुपए का प्रावधान. 
• किसानों को मुफ्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 200 करोड़ रुपए का प्रावधान. 
• ग्रामीण क्षेत्रों एवं कृषि के लिए बिजली उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 7000 करोड़ रुपये का प्रावधान. 
• आपातकाल के दौरान मीसा/डीआईआर/राजनीतिक बंदियों की मौजूदा पेंशन राशि 6000 रुपए से बढ़ाकर 10 हजार करने का प्रावधान. 
• स्वतंत्रता संग्राम सेनानी या उनके आश्रितों को प्रतिमाह मिल रही पेंशन 8811 रुपए को बढ़ाकर 12 हजार करने की व्यवस्था.
• महिला उत्पीड़न रोकने के लिए 100 करोड़ रुपए से महिला सम्मान कोष का गठन.
• निराश्रित महिलाओं व उनके बच्चों की शिक्षा के लिए 637 करोड़ रुपए का प्रावधान.