=> वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता के सी मैथ्यू का निधन
वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता के सी मैथ्यू का कोच्ची के एक निजी अस्पताल में 24 मई 2016 को निधन हो गया. वे 92 वर्ष के थे.
उन्हें फरवरी 1950 में एडापल्ली पुलिस स्टेशन पर हमले का मुख्य दोषी ठहराया गया. इसके परिणामस्वरुप पुलिस कई वर्षों तक कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं की छानबीन में लगी रही.
उनका जन्म 1924 में उत्तरी परावुर में हुआ तथा उन्होंने अलुवा के यू सी कॉलेज से स्नातक डिग्री प्राप्त की. वे कॉलेज दिनों से ही कम्युनिस्ट विचारधारा से प्रभावित थे.
उन्हें सच्चे कम्युनिस्ट के रूप में जाना जाना था जिन्होंने कभी अपने सिधान्तों के साथ समझौता नहीं किया. वे आम आदमी की इच्छाओं की पूर्ति करने के लिए सदैव प्रोत्साहित रहते थे
=> बसिरो जा गिनी बिसाऊ के प्रधानमंत्री घोषित
गिनी बिसाऊ के राष्ट्रपति जोस मारियो वाज़ ने 26 मई 2016 को कानून पारित करके बसिरो जा को देश का प्रधानमंत्री घोषित किया.
जा मई 2016 को बर्खास्त किये गये कार्लोस कोरिया का स्थान लेंगे. उनकी बर्खास्तगी से पश्चिमी अफ़्रीकी देश में राजनैतिक उथल-पुथल का वातावरण तैयार हो सकता है.
राष्ट्रपति द्वारा पारित कानून
• राष्ट्रपति के आदेश के बाद राजनैतिक विरोधियों के बीच मतभेद उभरे जिन्होंने इस नियुक्ति को गैर-संवैधानिक करार दिया.
• सत्ताधारी पार्टी का कहना है कि वे जा को समर्थन नहीं देंगे. वे वर्ष 2015 से आंशिक रूप से इस पद पर आसीन हैं.
• जा को सुप्रीम कोर्ट के दखल देने पर इस्तीफ़ा देना पड़ा. कोर्ट का कहना था कि उनकी नियुक्ति दूसरी राजनैतिक पार्टियों से बातचीत किये बिना की गयी जो असंवैधानिक है.
गिनी बिसाऊ
• यह एक पश्चिमी अफ़्रीकी देश है.
• यह 36125 वर्ग किलोमीटर (13948 स्क्वायर मीटर) क्षेत्र में फैला है तथा यहां की जनसंख्या लगभग 1704000 है.
• 19वीं सदी में यह देश पोर्तोगीज़ गुएना नामक कॉलोनी था.
• वर्ष 1974 में स्वतंत्रता के पश्चात् इसकी राजधानी बिसाऊ को इसके नाम के साथ जोड़ दिया गया.
• स्वतंत्रता के पश्चात् से ही इस देश में राजनैतिक संकट बरकरार रहा है. कोई भी राष्ट्रपति पांच वर्ष के कार्यकाल तक नहीं टिक सका.
• वर्ष 1980 से अब तक नौ बार इस देश पर सैन्य शासन या तख्तापलट की कोशिशें की जा चुकी हैं.
• राजनैतिक संकट के कारण यह देश दक्षिणी अमेरिका एवं यूरोप में कोकेन की तस्करी के लिए अवागमन का केंद्र बन गया है.
=> केंद्र सरकार ने भारतवाणी' वेब पोर्टल और मोबाइल एप का लोकार्पण किया
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने 25 मई 2016 को लखनऊ स्थित बाबासाहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय परिसर में 'भारतवाणी' वेब पोर्टल और मोबाइल एप का लोकार्पण किया.
एप के माध्यम से हर स्तर पर छात्र-छात्राओं के अध्ययन व शिक्षकों के प्रयासों,. जिला और स्कूल स्तर तक की गतिविधियों पर ऑनलाइन नजर राखी जा सकेगी. शिक्षा क्षेत्र की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एप के माध्यम से एक विशेष कार्यक्रम बनाया गया है.
एप की विशेषताएँ-
- इसके लिए दुनिया का सबसे बड़ा 'चाइल्ड-टीचर ट्रैकिंग सिस्टम' जून में लांच किया जाएगा।
- उन्होंने मोबाइल एप के बारे में बताया कि एप में अभी 22 भारतीय भाषाओं के शब्दकोष जोड़े गए हैं.
- एक साल के भीतर इसमें 250 भाषाओं के शब्दकोष शामिल किए जाएंगे.
- देश में 40 करोड़ से अधिक लोग हिंदी में काम करते हैं लेकिन इंटरनेट पर एक फीसद से कम जानकारी हिंदी में मिलती है.
- प्रौद्योगिकी की मदद से भाषाओं को बचाने में भी सफलता मिलेगी.
- भारत के इतिहास में पहली बार तकनीक का इस्तेमाल करते हुए भारत की असीम विरासत को दुनिया के सामने लाया गया है।.
- भारत में 1535 मातृभाषाएं हैं और पूरी दुनिया मानती है कि बच्चों को मातृभाषा में पढ़ाया जाना चाहिए. यह पोर्टल इस दिशा में भी मददगार साबित होगा.
- मंत्री ने कहा कि भारतीय भाषाओं पर चिंतन, संवाद व विवाद सामान्य बात हो गई है.
- 1980 में नासा के वैज्ञानिक ने संस्कृत को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए सर्वश्रेष्ठ भाषा करार दिया था.
- अमेरिका की कॅार्नेल यूनिवर्सिटी के गणित विभाग के शिक्षकों ने भी माना कि दुनिया की सबसे पुरानी ज्यामिती की किताब संस्कृत में है.
- इसके विपरीत आइआइटी में संस्कृत की शुरुआत के नाम पर मुझे ताने सुनने पड़े और दंडित तक करने की बात कही गई.
- एप का विकास भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर के निदेशक अवधेश कुमार मिश्र ने किया है. उनके अनुसार यह पोर्टल व ऐप देश की सबसे बड़ी बहुभाषी डिक्शनरी है.
=> भारतीय अमेरिकी ऋषि नायर ने 28वीं नेशनल जियोग्राफिक बी प्रतियोगिता जीती
भारतीय अमेरिकी छात्र ऋषि नायर ने 26 मई 2016 को प्रतिष्ठित नेशनल जियोग्राफिक बी प्रतियोगिता-2016 का ख़िताब जीता.
नायर को पुरस्कार स्वरुप 50,000 अमेरिकी डॉलर की कॉलेज स्कॉलरशिप एवं नेशनल जियोग्राफिक सोसाइटी की लाइफटाइम सदस्यता प्राप्त हुई. इसके अतिरिक्त उन्होंने अलास्का एवं गलेशियर बे नेशनल पार्क की यात्रा का अवसर भी जीता.
28वीं नेशनल जियोग्राफिक बी प्रतियोगिता
• इस वर्ष, इस प्रतियोगिता में भारतीयों ने प्रथम तीन पुरस्कार प्राप्त किये.
• फ्लोरिडा के रहने वाले एवं छठी कक्षा के छात्र नायर ने इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया.
• मेसाचुसेट्स के आठवीं कक्षा के छात्र साकेत जोनालगडा दूसरे स्थान पर रहे, उन्होंने 25000 अमेरिकी डॉलर का ख़िताब जीता.
• अलाबामा के छठी कक्षा के छात्र कपिल नाथन ने 10,000 डॉलर की राशि वाला तीसरा स्थान प्राप्त किया.
• सात अन्य विजेताओं को 500 डॉलर प्रति विजेता की राशि दी गयी. यह विजेता हैं – ग्रेस रेम्बर्ट, ऋषि कुमार, प्रणय वरदा, लुकास एग्गर्स, समन्यु दीक्षित, थॉमस राईट एवं अश्विन शिवकुमार.
लगातार पांचवें वर्ष किसी भारतीय ने इस प्रतियोगिता का शीर्ष पुरस्कार प्राप्त किया. वर्ष 2015 में करन मेनन विजेता रहे थे.
=> रेलवे मंत्रालय ने रेल हमसफर सप्ताह आरंभ किया
रेलवे मंत्रालय ने 26 मई 2016 को रेल हमसफर सप्ताह आरंभ किया. इसका उद्देश्य रेलवे मंत्रालय द्वारा यात्रियों की सुरक्षा के लिए किये गये उपायों पर प्रकाश डालना है.
रेल हमसफर सप्ताह 1 जून 2016 तक मनाया जायेगा.
इस सप्ताह के प्रत्येक दिन को एक विशेष विषय प्रदान किया गया है:
26 मई : स्वच्छता दिवस
27 मई : सत्कार दिवस
28 मई : सेवा दिवस
29 मई : सतर्कता दिवस
30 मई : सामंजस्य दिवस
31 मई : संयोजन दिवस
1 जून : संचार दिवस
इस अवसर पर निम्नलिखित कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे
• सभी ज़ोनल रेलवे दफ्तरों में यह सुनिश्चित किया जायेगा कि यात्री सुविधा क्रियाकलापों को पूरा किया जायेगा.
• 26 मई को स्टेशनों एवं रेलगाड़ियों में स्वच्छता पर बल दिया जायेगा. स्टेशनों पर की गयी स्वच्छता की जीएम एवं डीआरएम द्वारा निगरानी की जाएगी. इस स्थानों पर रेलवे स्टाफ, एनजीओ, कर्मचारियों एवं स्काउट द्वारा सफाई की जाएगी.
• 27 मई को स्टेशनों एवं ट्रेनों में पानी की व्यवस्था की जांच की जाएगी. साथ ही गाड़ियों में पैंट्री कार की भी जांच एवं निगरानी की जाएगी.
• 28 मई को 10 से 4 बजे तक ट्रेनों की आवाजाही पर ध्यान दिया जायेगा तथा उन्हें समयसारणी के अनुसार ही चलाया जाना सुनिश्चित किया जायेगा.
• 29 मई को सभी ज़ोनल रेलवे स्टेशनों पर समयनिष्ठा एवं टिकट चेकिंग ड्राइव चलायी जाएगी.
• 30 मई को रेलवे स्टाफ कॉलोनियों की निगरानी की जाएगी. इन कॉलोनियों में सफाई अभियान चलाया जायेगा तथा सुविधाओं का आकलन किया जायेगा. प्रत्येक ज़ोनल क्षेत्र में कम से कम 1000 पेड़ लगाये जायेंगे जिनमे रेलवे कॉलोनियां एवं अन्य क्षेत्र शामिल हैं.
• 31 मई को डीआरएम एवं जीएम अपने स्टाफ के साथ बैठक आयोजित करेंगे तथा विभिन्न सुधारों एवं आवश्यकताओं पर चर्चा करेंगे.
• 15 जून को डीएआरएम एवं जीएम इस एक सप्ताह के दौरान किये गये कार्यों एवं गतिविधियों की समीक्षा करेंगे.
=> सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का भारतीय वायुसेना द्वारा सफल परीक्षण
भारतीय वायुसेना द्वारा 27 मई 2016 को सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का वेस्टर्न फायरिंग रेंज में सफल परीक्षण किया गया. इसके पहले नबंवर 2015 में सेना ने पोखरण मोबाइल लॉन्चर से इसका टेस्ट किया था.
शॉर्ट रेंज वाली यह मिसाइल 290 किलोमीटर तक मार कर सकती है. यह मिसाइल डीआरडीओ एवं रशियन टेक्नोलॉजी के सहयोग से बनाई गई है. इसीलिए इसका नाम दो नदियों, ब्रह्मपुत्र (भारत) और मोस्क्वो (रूस), के नाम पर रखा गया है.
सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल
• ब्रह्मोस मिसाइल की स्पीड 2.8 मैक है. यह विश्व की सबसे अधिक तीव्र गति की मिसाइलों में शामिल है.
• ब्रह्मोस मिसाइल जमीन और समुद्र से आसमान में दुश्मन पर हमला कर सकती है.
• वर्ष 2007 में ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम को भारतीय सेना के सैन्य बेड़े में शामिल किया गया.
• ब्रह्मोस मिसाइल अपने साथ 300 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जा सकती है.
=> सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने वेबसाइटों पर केंद्र सरकार के विज्ञापनों हेतु नीतिगत दिशा-निर्देश जारी किए
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 27 मई 2016 को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर वेबसाइटों हेतु केंद्र सरकार के विज्ञापनों के लिए प्रमुख नीतिगत दिशा-निर्देश जारी किए हैं. नीतिगत दिशा-निर्देशों की मुख्य बातों में विभिन्न विज्ञापन प्रॉपर्टीज के लिए अलग-अलग दरें शामिल हैं.
नीतिगत दिशा-निर्देश-
- जिसके तहत मंत्रालय ने उपयुक्त एजेंसियों का पैनल और वेबसाइटों पर विज्ञापनों हेतु दर निर्धारण के दिशा-निर्देश एवं मानदंड तैयार किए हैं.
- इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य वेबसाइटों पर सरकारी विज्ञापनों को जारी करने की व्यवस्था को दुरुस्त करने हेतु सिद्धांतों एवं उपकरणों को ईजाद करना है.
- विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) द्वारा पैनल बनाने के लिए केवल उन्हीं वेबसाइटों पर विचार किया जाएगा जिनका स्वामित्व एवं संचालन उन कंपनियों के हाथों में है, जिनका गठन भारत में हुआ है.
- विदेशी कंपनियों/ मूल के स्वामित्व वाली वेबसाइटों को अब भी पैनल में शामिल किया जा सकता है. बशर्ते कि इस तरह की कंपनियों के शाखा कार्यालय हों जो पंजीकृत होने के साथ-साथ भारत में कम से कम एक वर्ष से संचालनरत हों.
- नीति में वेबसाइटों के लिए पात्रता मानदंडों का उल्लेख किया गया है, जिनके आधार पर वे डीएवीपी के पैनल में शामिल हो सकती हैं.
- इसमें प्रति माह के आंकड़ों के अनुसार अनोखे उपयोगकर्ता (यूयू) भी शामिल किए गए हैं. जिनकी दोबारा जांच एवं सत्यापन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत एवं विश्वसनीय थर्ड पार्टी टूल द्वारा किया जाएगा. जो भारत में वेबसाइट्स से जुड़े ट्रैफिक की निगरानी करता है.
- दिशा-निर्देशों का उद्देश्य सरकारी विज्ञापनों की ऑनलाइन दृश्यता में वृद्धि सुनिश्चित करना है.
- इसके लिए विज्ञापनों को उन वेबसाइटों पर डाला जाता है जिनमें प्रति माह अनोखे उपयोगकर्ताओं (यूनिक यूजर्स) की संख्या अपेक्षाकृत ज्यादा होती है.
- इस नीति में यह आवश्यक किया गया है कि वेबसाइटों द्वारा सरकारी विज्ञापनों का संचालन किसी थर्ड पार्टी के एड सर्वर (3-पीएएस) के जरिये किया जाएगा. जिसकी सेवा डीएवीपी द्वारा ऑनलाइन बिलिंग से जुड़ी सभी प्रासंगिक रिपोर्टों को प्रदान करने हेतु ली जा रही है.
- इसका इस्तेमाल भुगतान के लिए बिलों के सत्यापन हेतु किया जाएगा.
- पैनल में शामिल प्रत्येक वेबसाइट के यूनिक यूजर आंकड़ों की समीक्षा हर साल अप्रैल के प्रथम सप्ताह में की जाएगी.
- दिशा-निर्देशों में वेबसाइटों के प्रति माह यूनिक यूजर आंकड़ों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है.
जो निम्न प्रकार है-
श्रेणी ए- प्रति माह यूनिक यूजर्स - 5 मिलियन और उससे अधिक
श्रेणी बी- प्रति माह यूनिक यूजर्स - 2 मिलियन से लेकर 5 मिलियन तक
श्रेणी सी- प्रति माह यूनिक यूजर्स - 0.25 मिलियन से लेकर 2 मिलियन तक
नीतिगत दिशा-निर्देशों की मुख्य बातों में विभिन्न विज्ञापन प्रॉपर्टीज के लिए अलग-अलग दरें शामिल हैं.
प्रति हजार इंप्रेशंस की लागत (सीपीटीआई) के आधार पर स्टैंडर्ड बैनर्स एवं 0.30 का एक न्यूनतम क्लिक-थ्रू रेट (सीटीआर), प्रति पांच सेकेंड के वीडियो के लिए वीडियो एड,
6 घंटे के स्लॉट की समय सीमा (सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक, दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक, शाम 6 बजे से लेकर मध्य रात्रि के 12 बजे तक और मध्य रात्रि के 12 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक) में 300 X 250 पिक्सेल के न्यूनतम डिस्प्ले आकार के साथ होम पेज पर फिक्स्ड बैनर और होम पेज पर 24 घंटे के टाइम स्लॉट के लिए फिक्स्ड वीडियो एड इन विज्ञापन प्रॉपर्टीज में शामिल हैं.
इस नीति में विशेष जोर देते हुए कहा गया है कि डीएवीपी के पैनल में शामिल इंटरनेट वेबसाइटों के जरिये विज्ञापन करने हेतु केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों/ विभागों के लिए डीएवीपी ही मुख्य एजेंसी होगा.
वैसे तो स्वायत्त निकाय/पीएसयू सीधे ही विज्ञापन जारी कर सकते हैं, लेकिन इन्हें डीएवीपी की दरों पर ही और डीएवीपी के पैनल में शामिल एजेंसियों को ही जारी करना होगा.
=> केंद्र सरकार ने अटल मिशन के अंतर्गत छह राज्यों में बुनियादी ढांचा विकास हेतु धन राशि स्वीकृति की
केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2016-17 हेतु अटल मिशन योजना (एएमआरयूटी) के अंतर्गत छह राज्यों में बुनियादी ढांचा विकास हेतु 27 मई 2016 को 5,534 करोड़ रुपये धनराशि निवेश करने की स्वीकृति दी है.
अंतर मंत्रालयी सर्वोच्च समिति के अध्यक्ष और शहरी विकास सचिव राजीव गाबा ने समिति की अध्यक्षता की. समिति द्वारा मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, ओडिशा, झारखंड और मेघालय के 111 अटल मिशन शहरों का बुनियादी ढांचा विकास हेतु चयन किया है.
- सर्वोच्च समिति ने कार्यान्वयन के अंतर्गत जेएनएनयूआरएम योजनाओं हेतु 520 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता को जारी करने को भी स्वीकृति दी है.
- समिति ने इन प्रदेशों के चयनित शहरों में घर में पानी के नल, जलापूर्ति में सुधार, सीवेज नेटवर्क/ सेपटेज प्रबंधन, तूफान और बारिश से आने वाले जल की निकासी हेतु नालियां, प्राथमिकता पर बनवाने के निर्देश दिए हैं.
- शहरी परिवहन और खुले एंव हरित स्थलों के प्रावधान जैसी सुविधाओं को प्रदान करने के लिए कुल 5,534 करोड़ रुपये के निवेश को स्वीकृति दी गयी है.
- इन राज्यों को 2,453 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता भी प्रदान की जाएगी.
धनराशि व्यय योजना-
- वर्तमान वित्त वर्ष में अमृत योजना के अंतर्गत प्रथम अनुमोदन के तहत 2,126 करोड़ रुपये जलापूर्ति को बढ़ाने और पानी के कनेक्शन से रहित घरों को जलापूर्ति कनेक्शन प्रदान करने पर खर्च किए जाएंगे.
- छह राज्यों में 111 मिशन शहरों में 2,848 करोड़ रुपये सीवरेज नेटवर्क पर, 140 करोड़ रुपये तूफान से आने वाले जल निकासी हेतु नालियों पर, 190 करोड़ रुपये शहरी परिवहन पर और 101 करोड़ रुपये खुले एंव हरित स्थलों पर खर्च किये जाएंगे.
- इन छह राज्यों में अमृत योजना के अंतर्गत वर्ष 2019-20 तक प्रस्तावित कुल निवेश 43,569 करोड़ रुपये हैं,
राज्य वार स्वीकृत बजट-
- वर्ष 2016-17 के लिए मध्य प्रदेश के 34 मिशन शहरों में स्वीकृति निवेश 2,074 करोड़ रुपये है. मध्य प्रदेश के लिए 2019-20 तक प्रस्तावित कुल निवेश 8,279 करोड़ रुपये है. जिसमें 862.80 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता शामिल है.
- गुजरात के 31 शहरों के लिए 599.18 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 1,401 करोड़ रुपये साथ ही 2019-20 तक प्रस्तावित कुल निवेश 15,375 करोड़ रुपये है.
- राजस्थान के 29 शहरों के लिए 536 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 1120 करोड़ रुपये और वर्ष 2019-20 तक प्रस्तावित कुल निवेश 5,498 करोड़ रुपये है.
- ओडिशा के 9 शहरों हेतु 265 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 531 करोड़ रुपये वित्तीय वर्ष 2019-20 तक प्रस्तावित कुल निवेश 10,226 करोड़ रुपये है.
- झारखंड के 7 शहरों के लिए 164 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 381 करोड़ रुपये और 2019-20 तक प्रस्तावित कुल निवेश 3,919 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रस्तावित है.
- मेघालय के एकमात्र शहर शिलांग हेतु 24 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 26.67 करोड़ रुपये है. 2019-20 तक प्रस्तावित कुल निवेश 172 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शामिल है.
- अटल मिशन के अंतर्गत मूल शहरी बुनियादी ढांचे के सुधार में कुल स्वीकृत निवेश 26,416 करोड़ रुपये है, जिसमें 12,347 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता शामिल है.
समिति ने 240 बसों की खरीद हेतु दूसरी किस्त के तौर पर मेघालय को 20.19 करोड़ रुपये, घनसोली में बस डिपो और अत्याधुनिक ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली विकासित करने हेतु महाराष्ट्र को 4 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता जारी करने की स्वीकृति भी दी. केन्द्र सरकार 2,453 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करेगी.
=> ममता बैनर्जी दूसरी बार पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री बनी
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बैनर्जी ने लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए 27 मई 2016 को पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने 294 में से 211 सीटें जीतकर भारी बहुमत हासिल किया है.
- कोलकाता में प्रसिद्ध रैड रोड़ पर आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी.
- ममता बैनर्जी ने बंगला में शपथ ली. उनके मंत्री मंडल में 42 मंत्री बनाये गए हैं. जिनमें से 18 नये चेहरे हैं.
- सात मंत्री अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. तीन महिलाओं को मंत्रिपरषिद में शामिल किया गया है.
- भूटान के प्रधानमंत्री त्शेरिंग तोबगे(Tshering Tobgay), बंगलादेश के उद्योग मंत्री अमीर हुसैन अमु और कोलकाता में उप-उच्चायुक्त भी समारोह में शामिल हुए.
=> गूगल ने जावा कॉपीराइट केस जीता
सेन फ्रांसिस्को की ज्यूरी ने 26 मई 2016 को गूगल को ओरैकल द्वारा दायर किये गये कॉपीराइट उल्लंघन मामले में क्लीन चिट देने का निर्णय दिया. यह केस ओरैकल द्वारा दायर किया गया उसका कहना था कि गूगल ने एंड्राइड में जावा का उपयोग किया. ओरैकल 9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की भरपाई राशि चाह रहा था.
आठ महिलाओं एवं दो पुरुषों वाली इस ज्यूरी ने तीन दिन में यह निर्णय सुनाया. ज्यूरी ने पाया कि इससे ओरैकल के कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं होता.
गूगल-जावा कॉपीराइट केस
• ओरैकल अमेरिका द्वारा केस दायर किया गया कि गूगल एंड्राइड सिस्टम में ओरैकल का प्रयोग कर रहा है.
• जावा का विकास सन माइक्रोसिस्टम्स द्वारा वर्ष 1991 की शुरुआत में किया गया. इसमें एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज, वर्चुअल मशीन तथा लैंग्वेज की लाइब्रेरी शामिल है.
• एंड्राइड इंक का 2003 में मोबाइल फोन प्लेटफार्म के रूप में विकास किया गया.
• गूगल ने 2005 में एंड्राइड का अधिग्रहण किया तथा विभिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम विकसित किये.
• 5 नवम्बर 2007 को गूगल ने एंड्राइड में बीटा सिस्टम आरंभ किया. सन सीईओ जोनाथन श्वार्ट्ज ने उसी दिन गूगल को बधाई दी.
• गूगल ने 12 नवम्बर 2007 को एंड्राइड सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट जारी की.
• अन्य एपीआई के साथ गूगल के इस सिस्टम में जावा एस ई का प्रयोग किया गया है.
• गूगल ने सन के साथ पार्टनरशिप एवं लाइसेंस प्राप्त करने के लिए बातचीत की लेकिन किसी समझौते पर नहीं पहुंच सके.
• ओरेकल ने सन का जनवरी 2010 में अधिग्रहण किया.
• ओरैकल ने गूगल पर अगस्त 2010 में कॉपीराइट का मामला दायर किया.
=> भारतीय तटरक्षक बल के जहाज आरुष का जलावतरण
भारतीय तटरक्षक बल के जहाज आरुष का 26 मई 2016 को तटरक्षक बल कमांडर (पश्चिमी समुद्रीसीमा) अतिरिक्त निदेशक जनरल एसपीएस बसरा द्वारा कोच्ची में जलावतरण किया गया.
इसका नाम आरुष रखा गया है, जिसका अर्थ है सूर्य की पहली किरण. आरुष तीव्र पेट्रोल वाहनों (एफपीवी) की श्रेणी में सातवां जहाज है, जबकि इस बेड़े में 20 जहाज शामिल किए जायेंगे.
आईसीजीएस आरुष
• स्वदेश निर्मित 50 मीटर लम्बे इस एफपीवी का वजन 421 टन है तथा यह 1500 नॉटिक्ल्स माइल्स के साथ अधिकतम 33 नॉट्स की गति प्राप्त कर सकता है.
• यह अत्याधुनिक आयुध एवं नेविगेशन साजो-सामान से सुसज्जित है.
• इसे निगरानी, खोज और बचाव और चिकित्सा कार्यों में प्रयोग किया जा सकता है.
• इसमें इंटीग्रेटेड ब्रिज मैनेजमेंट सिस्टम (आईबीएमएस) एवं इंटीग्रेटेड मशीनरी कंट्रोल सिस्टम (आईएमसीएस) लगाए गये हैं.
• यह कोस्ट गार्ड क्षेत्र (उत्तर पूर्व) के कमांडर के अधीन पोरबंदर में तैनात रहेगा.
• इसका संचालन कमान्डेंट प्रमोद पोखरियाल द्वारा किया जायेगा तथा इसपर 33 अधिकारी भी तैनात रहेंगे.
पृष्ठभूमि
तीव्र पेट्रोल वाहन भारतीय तटरक्षक बल के विशेष सहयोगी हैं. सामुद्रिक सुरक्षा के लिए तटरक्षक बलों का होना अति आवश्यक है.
अगले कुछ वर्षों में भारतीय तटरक्षक बल में 150 जहाज एवं 100 वायुयान शामिल होंगे. इसके अतिरिक्त तटरक्षक निगरानी के लिए 46 स्टेशनों पर नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किये जायेंगे.
=> मोदी सरकार के दो वर्ष: एक संक्षिप्त सर्वेक्षण
केंद्र में सत्तासीन मोदी सरकार ने 26 मई 2016 को दो वर्ष पूरे किये. इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में प्रधानमंत्री मोदी ने एक रैली की एवं अपनी सरकार की उपलब्धियों को सामने रखा. इसके साथ ही देशभर में इसे लेकर 26 मई से 15 जून तक कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. ये कार्यक्रम देशभर के 198 शहरों में आयोजित किए जाएंगे जिसे लेकर 33 टीमें बनाई गईं हैं. इन टीमों में केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री समेत प्रदेश के नेता भी शामिल हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर 'मेरा देश बदल रहा है...आगे बढ़ रहा है...' गाना ट्वीटर पर जारी किया. इस गाने में सरकार की दो साल की उपलब्धियों का लेखा-जोखा पेश किया गया है.
मोदी सरकार के दो वर्ष पूरे होने एवं हाल ही में संपन्न चार राज्यों एवं एक केन्द्र शासित प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों को नरेंद्र मोदी की सरकार के पिछले दो सालों के कामों पर दिया गया जनमत मान लिया जाये तो निश्चित रूप से निष्कर्ष उनके पक्ष में जायेंगे. यदि मोदी सरकार के कामों की तुलना पिछली यूपीए सरकार के कामों से करके उत्तर तलाशा जायेगा, तो यह उत्तर भी 'सफल एवं संतोषजनक कार्यकाल' का ही होगा.
पूर्वर्ती यूपीए सरकार की तुलना में मोदी सरकार भ्रष्टाचार के मामले में अबतक पाक-साफ साबित हुई है. इसके साथ ही मोदी सरकार राजनीति में पारदर्शिता (राजनीतिक दलों को आरटीआई कानून के दायरे में लाना) लाने की कोशिश करती हुई भले ही दिखाई न दे रही हो, लेकिन सरकार के सर्वोच्च स्तर के आर्थिक निर्णयों को पारदर्शी बनाने में सफल रही है.
मोदी सरकार द्वारा प्रारंभ की गई मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया जैसी योजनाओं ने एक नई आशा जगाने का कार्य किया है. ये योजनायें भविष्य की आर्थिक स्थितियों के प्रति आशा पैदा करती हैं. इनसे युवाओं में एक जोश भी आया है. लेकिन दुर्भाग्य से ये योजनायें अभी तक रोजगार उपलब्ध करा पाने में समर्थ नहीं हो पाई हैं. फिर भी आधारभूत संरचना तथा ऊर्जा के क्षेत्र में जिस तेजी और तन्मयता से कामों की शुरुआत हुई है, उसमें रोजगार की संभावनायें देखी जा सकती हैं.
मोदी सरकार ने 'स्वमच्छ ता अभियान' को जन आंदोलन का रूप दिया. इस सरकार ने जिस प्रकार इस योजना को एक जन आंदोलन का रूप दिया, वह उसकी कार्यप्रणाली की अपनी विशिष्टता है. इसे एक 'राजनीतिक निर्णय का लोकतांत्रिकीकरण' कहा जा सकता है, जो जरूरी भी है. जनधन योजना, मुद्रा बैंक, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तथा राष्ट्रीय कृषि बाजार की स्थापना के पीछे यही जनतांत्रिक सोच काम कर रही है.
विदेश मामले में भी मोदी सरकार सफल नज़र आती है. पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध भले ही बहुत बेहतर न हुये हों, लेकिन पीएम मोदी ने विदेश नीति की अपरम्परागत शैली से उसे अन्तरराष्ट्रीय मंच पर ‘रक्षा की मुद्रा’ अख्तियार करने के लिए तो मजबूर कर ही दिया है. इसके साथ ही चीन में भी अब कहीं न कहीं भारत के प्रति एक बराबरी का नजरिया विकसित होते देखा जा सकता है. इस सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप अमेरीका, जर्मनी, फ्रांस, जापान तथा आस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ भारत की बढ़ी हुई नजदीकियों ने विश्व में उसकी छवि में सकारात्मक वृद्धि की है. इसके साथ ही विदेशों में रह रहे आप्रवासी भारतीयों को भावनात्मक स्तर पर देश से जोड़ने के मोदी सरकार के प्रयास भी रंग ला रहे हैं.
उपरोक्त तथ्यों के आलोक में हम अंततः कह सकते है कि मोदी सरकार का विगत दो वर्ष सकारात्मक बदलावों का समय रहा जिसे आगामी तीन वर्षों में अन्य क्षेत्रों एवं नई ऊंचाईयों तक पहुँचाने की चुनौती है. जिसे पार कर मोदी सरकार एक बेहतर सरकार की मिशाल पेश कर सकती है.
=> जिंबाब्वे दौरे के लिये संजय बांगड़ टीम इंडिया के मुख्य कोच बने
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने 27 मई 2016 को भारत और रेलवे के पूर्व आल राउंडर संजय बांगड़ को राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के आगामी जिम्बाब्वे दौरे हेतु कोच नियुक्त किया. साथ ही अभय शर्मा को श्रीधर की जगह फील्डिंग कोच नियुक्त किया है.
- वनडे और टी-20 सिरीज के लिए भारतीय टीम महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में अगले महीने जिम्बाब्वे दौरे पर जाएगी.
- ज़िम्बाब्वे में आठ जून से शुरू होने वाले टूर्नामेंट में भारतीय टीम हरारे में तीन वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच और तीन टी-20 अंतरारष्ट्रीय मैच खेलेगी.
- पूर्व क्रिकेटर और आंध्र क्रिकेट संघ के क्षेत्रीय सचिव कोका रमेश को जिम्बाब्वे दौरे हेतु भारतीय टीम का प्रशासनिक मैनेजर नियुक्त किया है.
- पहला वनडे 11 जून, दूसरा वनडे 13 और तीसरा वनडे 15 जून को खेला जाएगा। वहीं, पहला टी20 मैच 18 जून, दूसरा 20 और तीसरा मैच 22 जून को खेला जाएगा.
संजय बांगड़ के बारे में-
- इससे पहले बांगड़ भारतीय टीम के बैटिंग कोच थे.
- वह आईपीएल में पंजाब की टीम को कोच कर रहे थे.
- इससे पहले रवि शास्त्री ने भारतीय क्रिकेट टीम के निदेशक के रूप में 18 महीने के कार्यकाल तक अपनि सेवाएँ दीं.
- महाराष्ट्र में जन्मे बांगर ने फ़स्र्ट क्लास क्रिकेट की शुरुआत रेलवे के लिए विदर्भ के खिलाफ की. यहाँ उन्होने सिर्फ 45 और 16 रन ही बनाए.
- बांगर ने अपना पहला शतक 7 नंबर पर बल्लेबाज़ी करते हुए बनाया, जिसमे वो नॉट आउट गए.
- संजय बांगर ने जो 12 टेस्ट खेले उसमे से इंडिया एक भी नहीं हारी, सिवाए आखरी के दो टेस्ट जो न्यूज़ीलैंड मे हुए.
- संजय ने 2004-05 के सीजन में रेलवे की कप्तानी की और टीम को उस साल सीजन भी जिताया
- संजय बांगर इंडिया टीम के कोच भी रहे चुके है,
- साथ ही में कोची ट्स्कर्स केरला के बैटिंग कोच भी रहें है. वह पंजाब के 2014 सीजन में सहायक कोच भी रहें है.
- यह भारत के 2014 से बल्लेबाज़ी कोच भी रहें है.
- संजय बांगर अपने ऑल राउंड खेल की बदैलत रणजी में 6000 रन बनाने के साथ 200 विकटे लेने वाले विजय हज़ारे के बाद दूसरे गेंदबाज हैं.
- संजय बांगर कपिल देव (1999-2000) के बाद पहले भारतीय कोच होंगे. रवि शास्त्री टीम में डाइरेक्टर के पद पर थे. इससे पहले बीसीसीआई ने सिर्फ विदेशी जॉन राइट, गैरी कर्सटन,डंकन फ्लेचर को ही भारत का कोच बनाया.