29-30 April 2015 Hindi

मंत्रिमंडलनेभ्रष्टाचार (संशोधनविधेयक, 2013 कोमंजूरीप्रदानकी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 29 अप्रैल 2015 को भ्रष्टाचार अधिनियम, 1988 में संशोधन करने वाले भ्रष्टाचार (संशोधन) विधेयक, 2013 को मंजूरी प्रदान कर दी.
प्रस्तावित संशोधन का उद्देश्य भ्रष्टाचार से और अधिक कठोर तरीके से निपटना है.
प्रस्तावित संशोधन घरेलू भ्रष्टाचार निरोधक कानूनों को संयुक्त राष्ट्र का भ्रष्टाचार के विरूद्ध सम्मेलन(UNCAC) में भारत द्वारा किए गए दायित्वों को पूरा करने में मदद करेगा.


विधेयक के बारे में 
• विधेयक के तहत रिश्वत दाता और रिश्वत लेने वाले दोनों के लिए और अधिक कठोर दंड का प्रावधान किया गया है.
• अब दंडात्मक प्रावधानों के अंतर्गत दी जाने वाली न्यूनतम 6 माह की सजा को बढ़ा कर 3 वर्ष और अधिकतम 5 वर्ष की सजा को बढ़ा कर 7 वर्ष कर दिया गया है.
• भ्रष्टचार के तहत जब्त करने की शक्ति को जिला न्यायालय से निचली अदालत (विशेष न्यायाधीश) को हस्तांतरित कर दिया गया है.
• विधेयक में लोगो को रिश्वत देने से रोकने के लिए वाणिज्यिक संगठनों को कुछ दिशा निर्देश प्रदान किए गए हैं.
• नए विधेयक के अनुसार पिछले 4 वर्षों से किसी मामले पर निर्णय लेने की अवधी को 8 वर्ष से घटा कर 2 वर्ष कर दिया गया है.
• गैर-मौद्रिक परितोषण शब्द को परितोषण की परिभाषा के अंतर्गत शामिल किया गया है.

लोकयान-2015 केलिएआईएनएसतरंगिनीरवाना

भारतीय नौसेना की जलयान प्रशिक्षण पोत आईएनएस तरंगिनी 27 अप्रैल 2015 को कोच्चि से लोकयान-15  के लिए रवाना हो गया. 
इस वर्ष की लोकयान-2015 का विषय ‘टेकिंग फॉर ए बोर्डर रीच’था.
पोत को कोच्चि में आयोजित दक्षिणी नौसेना कमान के प्रस्थान समारोह में वाइस एडमिरल सुनील लांबा, पीवीएसएम, एवीएसएम, फ्लैग अधिकारी कमांडिंग-इन-चीफ द्वारा हरि झंड्डी दिखा कर रवाना किया गया.
लोकयान-15  के भाग के रूप में तरंगिनी का यह दौरा आठ माह का होगा. यात्रा के दौरान पोत यूरोप जाएगी और अंतिम में जलयान प्रशिक्षण इंटरनेशनल के तत्वावधान में आयोजित जलयान प्रतियोगिता में भाग लेगी .
यात्रा के दौरान यह पोत कुल 17 हजार मील की यात्रा करेगा .

इस वर्ष आयोजित होने वाली जलयान प्रतियोगिता ब्रिटेन, नार्वे, डेनमार्क, जर्मनी और नीदरलैंड के तट पर आयोजित की जाएगी, प्रतियोगिता में दुनिया भर से विभिन्न आकारों के लगभग 300 जलयान भाग लेंगे.
इस प्रतियोगिता के दौरान भारतीय प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षुओं के आदान-प्रदान के अंतर्गत विदेशी जहाजों को चलाने का अवसर भी मिलेगा.
आईएनएस तरंगिनी का निर्माण 11 नवंबर 1997 को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में किया गया था. इसका संचालन 6 अधिकारियों, 40 नाविकों और 30 प्रशिक्षुओं द्वारा चलाया जाता है.

श्रीलंकाकीसंसदनेराष्ट्रपतिकीशक्तियोंमेंकटौतीकरनेवालेविधेयककोमंजूरीप्रदानकी

श्रीलंका की संसद ने 29 अप्रैल 2015 को राष्ट्रपति की शक्तियों में कटौती करने वाले संशोधन विधेयक को अनुमति प्रदान कर दी .
यह संविधान का 19वां(19ए) संशोधन है. श्रीलंका की संसद के 225 सदस्यीय में से 215 सदस्यों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट डाला और एक ने विपक्ष में वोट किया जबकी एक सदस्य ने मतदान से दूरी बरती, जबकि सात सदस्य अनुपस्थित रहे.
विधेयक के अनुसार – 
• संशोधन के तहत राष्ट्रपति की संसद को भंग करने की शक्ति को नियंत्रित किया गया है. अब जब तक संसद पांच वर्ष की निर्धारित अवधि में से साढ़े चार वर्ष पूरे नहीं कर लेती तो उसे भंग नहीं किया जा सकता है जबकि पहले राष्ट्रपति केवल एक साल बाद ही संसद को भंग कर सकते थे.
• राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेने की सीमा फिर से लागू हो गई है. राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने अपने कार्यकाल में दो कार्यकाल की समय सीम को खत्म कर दिया था और वह स्वयं तीसरी बार चुनाव में खड़े हुए थे. जिसमे उन्हें मैत्रीपाल सिरिसेना से हार का सामना करना पड़ा था.
• राष्ट्रपति के कार्यकाल को 6 वर्ष से घटा कर पुनः 5 वर्ष कर दिया गया है.


पृष्ठभूमि-
• 19वां संशोधन राष्ट्रपति के रूप में अपने एक दशक लंबे कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे द्वारा प्रयोग की गई शक्तियों में परिवर्तन लाएगा.
• वर्तमान राष्ट्रपति मैत्रीपाल श्रीसेन ने चुनाव अभियान के दौरान राष्ट्रपति की अत्यधिक शक्तियों में कटौती करने का वादा किया था.

अंतर्राष्ट्रीययोगदिवसकाप्रतीकचिन्हजारीकियागया

नई दिल्ली में 29 अप्रैल 2015 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रतीक चिन्ह जारी किया गया. इस प्रतीक चिन्ह का शुभारम्भ केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राज्य मंत्री (आयुष) श्रीपद येस्सो नाइक के द्वारा किया गया.

यह प्रतीक चिन्ह आयुष मंत्रालय द्वारा गठित किए गए योग विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा चयनित किया गया है.

इस प्रतीक चिन्ह का अनुमोदन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया.

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के प्रतीक चिन्ह के बारे में-
• यह प्रतीक चिन्ह योग का सार है, जो मानवता के लिए शांति और सदभाव को दर्शाता है.
• प्रतीक चिन्ह में दर्शाए गए दोनों हाथों का मिलन व्यक्तिगत चेतना का सार्वभौमिक चेतना से मिलन को दर्शाता है.
• यह मन और शरीर, मनुष्य और प्रकृति और स्वास्थ्य और भलाई के लिए समग्र दृष्टिकोण के बीच एक सही सामंजस्य को दर्शाता है.
• प्रतीक चिन्ह में दर्शाया गया सूर्य ऊर्जा और प्रेरणा के स्रोत का प्रतीक है और पत्तियों का भूरा रंग पृथ्वी तत्व का प्रतीक है.
पृष्ठभूमि

• अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाने का विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान प्रस्तावित किया गया.
• दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र द्वरा सर्वसम्मति से 21 जून को 'अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया.
• यह संकल्प 75 दिनों के रिकार्ड समय के भीतर पारित किया गया और इसमें सभी 177 देश एक पक्ष में आए जो की एक विश्व रिकॉर्ड था.

जॉर्जियानेमहिलाविश्वटीमशतरंजचैंपियनशिपजीती

जॉर्जिया ने 29 अप्रैल 2015 को महिला विश्व टीम शतरंज चैंपियनशिप जीती. महिला विश्व टीम शतरंज चैम्पियनशिप फाइड के तत्वावधान में 18 अप्रैल 2015 से 29 अप्रैल 2015 के बीच चीन के चेंगदू में आयोजित की गई.

जॉर्जिया ने चीन को हरा कर 17 अंक के साथ स्वर्ण पदक जीता. रुस ने अंतिम दौर में अमेरिका को हरा कर कुल 15 अंक के साथ रजत पदक प्राप्त किया. चीन ने 11 अंक के साथ कांस्य पदक जीता.
मारिया मुजीचुक को वर्ष 2015 का महिला विश्व चैंपियन घोषित किया गया

सऊदीअरबकेशाहसलमानबिनअब्दुलअजीजनेमोहम्मदबिननायेफकोक्राउनप्रिंसनियुक्तकिया

सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज ने 29 अप्रैल 2015 को अपने भतीजे मोहम्मद बिन नायेफ को क्राउन प्रिंस (युवराज) नियुक्त किया और अपने बेटे मोहम्मद-बिन-सलमान को डिप्टी क्राउन प्रिंस (युवराज) नियुक्त किया.

मोहम्मद बिन नायेफ युवराज के साथ उप प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राजनीतिक एवं सुरक्षा परिषद के प्रमुख भी होंगे. वर्ष 2009 में अल-कायदा के हमले में वे बाल-बाल बचे थे.

मोहम्मद बिन नायेफ को जनवरी 2015 में रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया था. मार्च 2015 में उनकी देखरेख में यमन के ख़िलाफ़ सऊदी अरब के नेतृत्व में अभियान चलाया गया था.

सउदी अरब के शाह सलमान ने युवराज मोकरेन बिन अब्दुल अजीज बिन सउद को उनके पद से हटा दिया था. मुकरिन की बर्खास्तगी से शाह अब्दुल्ला के युग का अंत हो गया. शाह अब्दुल्ला का 23 जनवरी 2015 को निधन हो गया था और उनकी जगह 79 वर्ष के शाह सलमान सउदी के नए शाह नियुक्त हुए थे.


अन्य नियुक्तियां
• सलमान के बेटे प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को डिप्टी क्राउन प्रिंस (युवराज) नियुक्त किया गया.
• सऊदी अरब के वाशिंगटन में राजदूत अदेल अल जुबैर को प्रिंस सऊद अल-फैसल के स्थान पर विदेश मंत्री नियुक्त किया गया.
• खालिद अल-फलिह को देश का स्वास्थ्य मंत्री और सऊदी अरामको का अध्यक्ष नियुक्त किया गया.

18 वर्षबादजापानऔरअमेरिकाकेबीचरक्षासमझौतेमेंसंशोधन

जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपनी सेनाओं के बीच अधिक सहयोग तथा सामंजस्य स्थापित करने के लिए 27 अप्रैल 2015 को रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किए. 
दोनों देशों ने वैश्विक सुरक्षा के बढ़ते खतरे के चलते 18 वर्ष बाद रक्षा सौदा में संशोधन करने का निर्णय लिया है.


इस समझौते पर अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी, रक्षा सचिव, एश्टन कार्टर तथा जापानी विदेश मंत्री फुमियो किशिदा तथा रक्षा मंत्री जनरल नेकातनी द्वारा हस्ताक्षर किये गए.
यह समझौता जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबे की अमेरिका यात्रा से पहले किया गया है. इसके दिशा निर्देशों के अनुसार जापान और अमेरिका के बीच बैलिस्टिक मिसाइल, साइबर, समुद्री सुरक्षा तथा अंतरिक्ष हमलों के खिलाफ सुरक्षा को लेकर सैन्य सहयोग किया जायेगा.
इस समझौते के तहत सामूहिक आत्मरक्षा का अधिकार भी दिया गया है जिसके अनुसार जापान संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर छोड़ी गयी किसी मिसाइल को निशाना बना सकता है तथा मित्र देशों की सहायता ले सकता है.
इस समझौते के अनुसार युद्ध की स्थिति में अमेरिकी और जापानी सेनाएं संयुक्त रूप से पूर्वी चीन सागर अथवा उत्तर कोरिया में काम कर सकेंगी.
इससे किसी भी भौगोलिक बाधा को दरकिनार करते हुए अमेरिका और जापान न केवल वैश्विक मुद्दों पर आपसी सहयोग करेंगे बल्कि स्थानीय मुद्दों पर भी ध्यान केन्द्रित करेंगे.
इन संशोधित दिशानिर्देशों के चलते जापान के संविधान के कुछ हिस्सों में भी संशोधन की आवश्यकता है. यह समझौता एबे द्वारा जापान के संविधान को शांति सहयोग के लिए नरम बनाने की प्रतिबद्धता का ही हिस्सा है.
अमेरिका और जापान में पहली बार 1978 में रक्षा सम्बन्धी दिशा निर्देशों की स्थापना की गयी थी, इसके बाद शीत युद्ध के चरम समय में तथा वर्ष 1997 में यह समझौता किया गया. 
नए दिशा-निर्देश जापान की बढती सैन्य शक्ति को प्रतिबिंबित करते हैं तथा क्षेत्र में उसके प्रभाव को भी दर्शाते हैं.

फ्लिप्कार्टनेएपिटेरेटकाअधिग्रहणकिया

भारत की प्रमुख ई-कॉमर्स कम्पनी फ्लिप्कार्ट ने 29 अप्रैल 2015 को दिल्ली आधारित मोबाइल वाणिज्य कंपनी एपिटेरेट का अधिग्रहण करने की घोषणा की.
एपिटेरेट ई-कॉमर्स कंपनियों को अधिक ग्राहक मुहैया कराने के लिए पुश नोटिफिकेशन तथा इन-एप्प मेसेज प्रदान कराती है. फ्लिप्कार्ट ने अभी इस अधिग्रहण की कीमत का खुलासा नहीं किया है.


एपिटेरेट ने वर्ष 2014 में 5,00,000 डॉलर से अधिक का मुनाफा हासिल किया था जिसमें फेसबुक, लाइम रोड तथा सेफ रोड्स जैसे निवेशक शामिल हैं. इस अधिग्रहण के दौरान फ्लिप्कार्ट के कॉरपोरेट डेवलपमेंट सीनियर डायरेक्टर निशांत वर्मन ने कहा कि एपिटेरेट ने पिछले डेढ़ वर्ष में उम्दा प्रदर्शन द्वारा इस इंडस्ट्री के दिग्गजों को प्रभावित किया है.
इस अधिग्रहण के बाद एपिटेरेट का मोबाइल मार्केटिंग सिस्टम फ्लिप्कार्ट के अधीन होगा. फ्लिप्कार्ट ने मार्च 2015 में मोबाइल विज्ञापन नेटवर्क एडलक्विटी का अधिग्रहण किया था. कंपनी ने यह स्पष्ट किया कि वह अपने मोबाइल बिजनेस में बढ़ोतरी के लिए अभी और अधिक अधिग्रहण कर सकती है.
कंपनी के अनुसार निकट भविष्य में वह केवल मोबाइल आधारित बिजनेस ही करेगी. ऑनलाइन ट्रेवल कंपनी क्लियर-ट्रिप का 53 प्रतिशत से अधिक व्यापार मोबाइल पर ही आधारित है. एमेज़ोन, स्नेपडील तथा पेटीएम भी इसी कड़ी में शामिल हैं.

केंद्रीयमंत्रिमंडलने 500 शहरोंकेलिएअमरुतमिशनकोमंजूरीदी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 500 शहरों के लिए अटल मिशन फॉर रेजुवनेशन एंड अर्बन ट्रांस्फॉर्मेशन (Atal Mission for Rejuvenation and Urban Transformation, AMRUT, अमरुत) मिशन को अगामी पांच वर्षों ( 2015–16 से 2019-20) में 50000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 29 अप्रैल 2015 को मंजूरी दी. 
इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 48000 करोड़ रुपयों के परिव्यय के साथ स्मार्ट सिटीज मिशन को भी मंजूरी प्रदान की.
इन दो मिशनों का उद्देश्य देश में बढ़ते शहरीकरण की चुनौतियों का स्थायी समाधान के साथ साथ शहरी स्थान तक गरीबों की पहुंच, शहरी विकास के लाभों को सुनिश्चित करना और रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है. 
अमरुत (AMRUT) कीमुख्यविशेषताएं
उद्देश्यःएक लाख और उससे अधिक की आबादी वाले 500 शहरों और कस्बों में नागरिक बुनियादी ढांचे का विकास करना. इस मिशन में प्रमुख नदियों के किनारे बसे शहर, कुछ राजधानी शहर, पहाड़ी इलाके में स्थित शहर, द्वीपों और पर्यटक स्थलों को भी शामिल किया गया है.
कार्यान्वयनः कार्यान्वयन शहरी सुधारों में अन्य सुधारों के साथ ई– गवर्नेंस, पेशेवर नगर निगम कैडर का गठन, शहरी स्थानीय निकायों की क्रेडिट रेटिंग, ऊर्जा एवं जललेखा–परीक्षण और नागरिक– केंद्रित शहरी नियोजन को बढ़ावा देने से जुड़ा है. इस संदर्भ में केंद्र सरकार राज्यों को मिशन के दिशानिर्देशों के अनुसार समय सीमा के साथ सुधार मैट्रिक्स भेजेगी.
दृष्टिकोणः मिशन जलापूर्ति, सीवरेज, परिवहन और हरित क्षेत्र के विकास से संबंधित बुनियादी संरचनात्मक सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए परियोजना आधारित दृष्टिकोण अपनाएगा. 
राज्यअधिकस्वतंत्रतादेंगेः इस मिशन के तहत, राज्यों को पहचान किए गए शहरों की जरूरतों के आधार पर योजना बनाने और उनके कार्यान्वयन एवं निगरानी की अनुमति दी जाएगी. इसके अलावा यह जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (JNNURM) के समाप्त होने के बाद अब राज्य व्यापक सहमति के लिए केंद्र को सिर्फ राज्य वार्षिक एक्शन प्लान (एसएएपी) जमा करेंगे और इसी आधार पर उन्हें धन जारी किया जाएगा. 
अनुदानः मिशन के तहत आगामी पांच वर्षों में 50000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएगें. दस लाख की आबादी तक वाले शहरों और कस्बों में परियोजना लागत का 50 फीसदी खर्च और दस लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों की परियोजना लागत का एक तिहाई खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी. 
केंद्रीय सहायता एसएएपी में लक्ष्य प्राप्ति के आधार पर 20:40:40 के अनुपात में तीन किश्तों में जारी की जाएगी. आवंटित बजट का दस फीसदी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को पिछले वर्ष की सुधार की उपलब्धि के आधार पर प्रोत्साहन के तौर पर दिया जाएगा. 
JNNURM केतहतअधूरीपरियोजनाएः अमरुत (AMRUT) के तहत वैसी परियोजनाओं को केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी जो जेएनएनयूआरएम (JNNURM) के तहत पूरी नहीं की जा सकती हैं. जेएनएनयूआरएम वित्तवर्ष 2005–12 के दौरान शहरी विकास से संबंधित मंजूर की गई परियोजनाएं थी और केंद्र द्वारा 50 फीसदी सहायता से 50 फीसदी लक्ष्यों को पूरा किया था और जो परियोजनाएं वर्ष 2012–14 में मंजूर की गईं उन्हें मार्च 2017 तक सहायता प्रदान की जाएगी. तदनुसार, क्रमशः 102 और 296 परियोजनाओं को पूरा करने के लिए केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी. 
स्मार्टसिटीजमिशनसेअमरुत (AMRUT) किसप्रकारअलगहै
हालांकि दोनों मिशन एक दूसरे से सम्बद्ध हैं क्योंकि अमरुत (AMRUT) छोटे शहरों और कस्बों को स्मार्ट सिटीज में विकसित करने की नींव रखना चाहता है, फिर भी दोनों मिशन में फर्क है– 
स्मार्ट सिटीज मिशन चुनींदा बड़े शहरी इलाकों पर फोकस करता है जबकि अमरुत मिशन का लक्ष्य सिर्फ एक लाख और उससे अधिक की आबादी वाले छोटे शहरों और विशेष महत्व वाले कस्बों में संरचनात्मक सुधार लाना है.

रियलएस्टेटपोर्टल 'प्रॉपटाइगरडॉटकॉमने 'मकानडॉटकॉमकाअधिग्रहणकिया

रियल एस्टेट पोर्टल प्रॉपटाइगर डॉट कॉम ने 29 अप्रैल 2015  को सेकेंडरी प्रोपर्टी मार्केट के बाजार में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने हेतु मकान डॉट कॉम (Makaan.com) का अधिग्रहण किया.

डील की शर्तों और राशि का खुलासा नहीं किया गया. प्रॉपटाइगर डॉट कॉम रूपर्ट मर्डोक की न्यूज-कॉर्प के निवेश वाली एलारा टेक्नोलॉजीज की ऑनलाइन रियल्टी सर्विसेज फर्म है.

रियल स्टेट पोर्टल प्रॉपटाइगर ने मार्च 2015 में बेंगलुरू की स्टार्टअप आउट ऑफ बॉक्स इंटरएक्शन (OoBI) कंपनी का अधिग्रहण किया था.

उल्लेखनीय है कि नवंबर 2014 में मर्डोक के नेतृत्व वाली न्यूज कॉर्प ने डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की रणनीति के तहत प्रॉपटाइगर में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी 3 करोड़ डालर (185 करोड़ रुपये) में खरीदी थी.

मकान डॉट कॉम (Makaan.com) संपत्ति पुनर्विक्रय बाजार में मजबूत स्थिति रखती है, जबकि प्रॉपटाइगर डॉट कॉम प्राथमिक बाजार में मजबूत है.

प्रॉपटाइगर में 500 से ज्यादा लोग कार्यरत हैं, जबकि Makaan.com के एंप्लॉयीज की संख्या 165 है. इसके साथ ही मकान डॉट कॉम से 50 शहरों के 40000 से ज्यादा ब्रोकर्स जुड़े हुए हैं.

न्यूजीलैंडकेपूर्वखिलाड़ीजॉनब्रेसवेलआयरलैंडक्रिकेटटीमकेकोचनियुक्त

न्यूजीलैंड के पूर्व खिलाड़ी जॉन ब्रेसवेल 30 अप्रैल 2015 को आयरलैंड क्रिकेट टीम के कोच नियुक्त किए गए. उन्होंने वर्ष 2017 तक आयरलैंड के कोच पद की जिम्मेदारी संभालने के समझौते पर हस्ताक्षर किए.

उनका मुख्य लक्ष्य एसोसिएट आयरलैंड की टीम को वर्ष 2019 तक टेस्ट खेलने वाले देश का दर्जा दिलाना होगा. जॉन ब्रेसवेल आयरलैंड टीम के वर्तमान कोच फिल सिमंस का स्थान ग्रहण करेंगे.

जॉन ब्रेसवेल के बारे में
जॉन ब्रेसवेल ने वर्ष 1980 से वर्ष 1990 के बीच न्यूजीलैंड की ओर से 41 टेस्ट मैच खेले थे और 20.42 के औसत से 1101 रन बनाए थे जिसमें 4 अर्धशतक और 1 शतक शामिल थे. उन्होंने टेस्ट मैचों में 35.81 के औसत से 102 विकेट भी प्राप्त किए.
जॉन ब्रेसवेल ने 51 वनडे मैचों में 16.51 के औसत से 512 बनाए और 33 विकेट हासिल किए.

नेल्प (नईउत्खननएवंलाइसेंसिंगनीतिकोमंजूरी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 29 अप्रैल 2015 को नेल्प (नई उत्खनन एवं लाइसेंसिंग नीति) को मंजूरी प्रदान की. इससे उत्खनन ब्लॉकों में की गई खोजों के लिए परीक्षण संबंधी आवश्यकताओं पर स्पष्ट नीति बनाने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही इस नीति से निर्णय लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता एवं एकरूपता आएगी.


इस नीति को मंजूरी देने के फलस्वरूप ओएनजीसी एवं रिलायंस इंडस्ट्रीज से जुड़े पांच ब्लॉकों में की गई 12 खोजों से संबंधित लंबित मुद्दे को निपटाने में मदद मिलेगी और इसके साथ ही भविष्य के लिए एक स्पष्ट नीति का मार्ग भी प्रशस्त होगा.
कैबिनेट समिति (सीसीईए) द्वारा दी गई इस मंजूरी से इन 12 खोजों के विकास का रास्ता साफ होगा, जिनमें तकरीबन 90 बीसीएम (बिलियन क्यूबिक मीटर) गैस का भंडार होने का अनुमान लगाया गया है और सकल कैलोरी मूल्य (जीसीवी) के लिहाज से 4.66 अमेरिकी डॉलर प्रति एमएमबीटीयू (मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट) के मौजूदा गैस मूल्य के आधार पर इसकी कुल कीमत एक लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा है.

केंद्रीयकैबिनेटने 1000 रुपयेकीन्यूनतममासिकपेंशनयोजनाकोजारीरखनेकोमंजूरीदी

केंद्रीय कैबिनेट ने 29 अप्रैल 2015 को 1000 रुपये की न्यूनतम मासिक पेंशन योजना को जारी रखने को मंजूरी प्रदान की. 1000 रुपये की न्यूनतम मासिक पेंशन योजना मार्च 2015 तक ही लागू थी.

केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले से एम्प्लॉयीज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन की पेंशन स्कीम के तहत आने वाले करीब 20 लाख सेवानिवृत लोगों को फायदा होगा. इसके तहत कैबिनेट ने पेंशन स्कीम से जुड़ी उत्तरदायित्व को पूरी करने के लिए 850 करोड़ रुपये का अनुदान भी मंजूर किया.
विदित हो कि यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार ने फरवरी 2014 में ईपीएस के पेंशनर्स को 1,000 रुपये की न्यूनतम मासिक पेंशन देने का प्रस्ताव स्वीकार किया था. यह पेंशन वर्ष 2014-15 के लिए दी जानी थी. इसके लिए 1,217.03 करोड़ रुपये का बजटीय सहायता मुहैया कराया गया था. जिसकी अवधि मार्च 2015 में खत्म हो गई थी.

कृषिसंकटसेनिपटनेकेलिएइस्त्राइलमहाराष्ट्रकेसाथसहयोगकरनेपरसहमत

इस्त्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू ने 29 अप्रैल 2015 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस को भारत के वर्तमान कृषि संकट से निपटने में सहयोग करने का आश्वासन दिया है. देवेन्द्र फडणवीस अपनी चार दिन की इस्राइल यात्रा पर हैं.
देवेन्द्र फडनवीस ने बयान जारी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नेतनयाहू विशेष रूप से महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा में कृषि संकट का मुकाबला करने में सहयोग के लिए सहमत हुए हैं.


फडनवीस ने प्रधानमंत्री नेतनयाहू को अन्य क्षेत्रों जैसे आंतरिक सुरक्षा, साइबर सुरक्षा तथा निर्माण एवं प्रोद्योगिकी में महाराष्ट्र के साथ सहयोग करने के लिए उन्हें आमंत्रित किया.
उन्होंने इस्त्राइल को इंजीनियरिंग और एयरोस्पेस में अपार अवसर दिए जाने का भरोसा दिलाया. भारत एवं इस्त्राइल के बीच कृषि तथा रक्षा दो प्रमुख सहयोग क्षेत्र हैं.
भारत को इस्राइल से बागवानी मशीनीकरण, प्रौद्योगिकी, संरक्षित खेती, नर्सरी प्रबंधन, सूक्ष्म सिंचाई और कटाई उपरांत प्रबंधन जैसे मुद्दों पर लाभ प्राप्त हुआ है. 
फडनवीस ने इस्त्राइल की 19वीं अंतरराष्ट्रीय कृषि प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी में भाग लिया. कृषि प्रौद्योगिकी पर दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण प्रदर्शनियों में शामिल एग्रीटेक इस्राइल-2015 28 से 30 अप्रैल के बीच आयोजित किया गया.

गोपीनाथपिल्लईनेगेटवेडिस्ट्रीपार्क्सलिमिटेडकेअध्यक्षपदसेइस्तीफादिया

गोपीनाथ पिल्लई ने गेटवे डिस्ट्रीपार्क्स लिमिटेड के अध्यक्ष पद से 29 अप्रैल 2015 को इस्तीफा दिया. गेटवे डिस्ट्रीपार्क्स लिमिटेड कंपनी की संस्थापक गोपीनाथ पिल्लई ने इस कंपनी के साथ 19 वर्षों तक काम किया.

कंपनी ने सह-संस्थापक प्रेम किशन गुप्ता को नया अध्यक्ष नियुक्त किया. वह कंपनी की शुरुआत से ही प्रबंध निदेशक के रूप में काम कर रहे है.

पिल्लई सिंगापुर स्थित थिंक टैंक दक्षिण एशियाई अध्ययन संस्थान के अध्यक्ष (ISAs) और सिंगापुर राज्य सरकार के ‘एम्बेसडर एट लार्ज’ है.
गेटवे डिस्ट्रीपार्क्स को नवी मुंबई में भंडारण, हैंडलिंग और कंटेनरीकृत रूप में निर्यात माल के समाशोधन का व्यवसाय शुरू करने हेतु वर्ष 1994 में स्थापित किया गया.

गेटवे डिस्ट्रीपार्क्स कंटेनर फ्रेट स्टेशन (सीएफएस), इनलैंड कंटेनर डिपो, लॉजिस्टिक और कोल्ड चेन स्टोरेज (हाल ही में स्नोमैन लॉजिस्टिक लिमिटेड में सूचीबद्ध) में कार्य करती है.


गोपीनाथ पिल्लई के बारे में
•    गोपीनाथ पिल्लई का जन्म सिंगापुर में हुआ और उन्होंने अपने बचपन के 8 वर्ष केरल में बिताए.
•    उन्होंने मलाया विश्वविद्यालय से कला में स्नातक की डिग्री प्राप्त की.
•    उन्होंने न्यूज़ एजेंसी रायटर के एक पत्रकार के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत की.
•    वर्तमान में वह आईटी कंपनी स्टैंडर्ड्स केबल्स के अध्यक्ष हैं.
•    पिल्लई पिछले 25 वर्षों से एक राजनयिक के रूप में सिंगापुर में अपनी सेवा दे रहे हैं. 
•    गोपीनाथ पिल्लई ने 1990 से 2008 तक ईरान के लिए अनिवासी राजदूत के रूप में भी अपनी सेवा दी है. 
•    गोपीनाथ पिल्लई को 2012 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से समानित किया गया था.

गोपीनाथपिल्लईनेगेटवेडिस्ट्रीपार्क्सलिमिटेडकेअध्यक्षपदसेइस्तीफादिया

गोपीनाथ पिल्लई ने गेटवे डिस्ट्रीपार्क्स लिमिटेड के अध्यक्ष पद से 29 अप्रैल 2015 को इस्तीफा दिया. गेटवे डिस्ट्रीपार्क्स लिमिटेड कंपनी की संस्थापक गोपीनाथ पिल्लई ने इस कंपनी के साथ 19 वर्षों तक काम किया.

कंपनी ने सह-संस्थापक प्रेम किशन गुप्ता को नया अध्यक्ष नियुक्त किया. वह कंपनी की शुरुआत से ही प्रबंध निदेशक के रूप में काम कर रहे है.

पिल्लई सिंगापुर स्थित थिंक टैंक दक्षिण एशियाई अध्ययन संस्थान के अध्यक्ष (ISAs) और सिंगापुर राज्य सरकार के ‘एम्बेसडर एट लार्ज’ है.
गेटवे डिस्ट्रीपार्क्स को नवी मुंबई में भंडारण, हैंडलिंग और कंटेनरीकृत रूप में निर्यात माल के समाशोधन का व्यवसाय शुरू करने हेतु वर्ष 1994 में स्थापित किया गया.

गेटवे डिस्ट्रीपार्क्स कंटेनर फ्रेट स्टेशन (सीएफएस), इनलैंड कंटेनर डिपो, लॉजिस्टिक और कोल्ड चेन स्टोरेज (हाल ही में स्नोमैन लॉजिस्टिक लिमिटेड में सूचीबद्ध) में कार्य करती है.


गोपीनाथ पिल्लई के बारे में
•    गोपीनाथ पिल्लई का जन्म सिंगापुर में हुआ और उन्होंने अपने बचपन के 8 वर्ष केरल में बिताए.
•    उन्होंने मलाया विश्वविद्यालय से कला में स्नातक की डिग्री प्राप्त की.
•    उन्होंने न्यूज़ एजेंसी रायटर के एक पत्रकार के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत की.
•    वर्तमान में वह आईटी कंपनी स्टैंडर्ड्स केबल्स के अध्यक्ष हैं.
•    पिल्लई पिछले 25 वर्षों से एक राजनयिक के रूप में सिंगापुर में अपनी सेवा दे रहे हैं. 
•    गोपीनाथ पिल्लई ने 1990 से 2008 तक ईरान के लिए अनिवासी राजदूत के रूप में भी अपनी सेवा दी है. 
•    गोपीनाथ पिल्लई को 2012 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से समानित किया गया था.

सिम्प्लॉटफूडप्रोसेसिंगपरजलप्रदूषणकेआरोपमें 6,30,000 डॉलरकाजुर्माना

चीन ने अमेरिकी फास्ट फूड कंपनी मैक्डोनाल्ड को फ्रेंचफ्राई देने वाली फर्म पर 30 अप्रैल 2015 को जल प्रदूषण करने के आरोप में अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना लगाया.


चीन की अदालत ने बीजिंग सिम्प्लॉट फूड प्रोसेसिंग पर जल प्रदूषण के आरोप में 6,30,000 अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाया,  जो इस तरह के मामलों में सबसे बड़ा जुर्माना है.
वर्ष 2014 में कंपनी के जल संयंत्रों में 563 एमजी प्रति लीटर केमिकल ऑक्सीजन पाया गया था जो कि तय मानक सीमा 500 एमजी प्रति लीटर से अधिक है.
बीजिंग सिम्प्लॉट फेंगताई जिले में वर्ष 1992  से कार्यरत है. यह अमेरिकी कृषि कारोबार कंपनी जे. आर. सिम्प्लॉट कंपनी,  मैक्डोनाल्ड और बीजिंग एग्रीकल्चरल,  इंडस्ट्रियल एंड कामर्स जनरल कंपनी का संयुक्त उद्यम है.

आरबीआईनेकेवाईसीनियमोंकाउल्लंघनकरनेपरसार्वजनिकक्षेत्रकेतीनबैंकोंपरजुर्मानालगाया

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 29 अप्रैल 2015 को केवाईसी नियमों और मनी लॉन्ड्रिंग नियमों का उल्लंघन करने पर सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों पर कुल 4.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया. भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र, देना बैंक और ओरिएण्टल बैंक ऑफ कॉमर्स पर कुल 4.5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया. 
भारतीय रिजर्व बैंक ने यह दंड बैंक विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 47ए (1) के प्रावधानों के तहत भारतीय रिजर्व बैंक में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाए. इसके अलावा आरबीआई ने आठ अन्य बैंकों को नियमों का कड़ाई से पालन करने की चेतावनी भी दी. इनमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, यूको बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और विजया बैंक शामिल है.

भारतीय रिजर्व बैंक ने भविष्य में बैंको को केवाईसी आवश्यकताओं के सख्त अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर उपयुक्त उपाय और समीक्षा की व्यवस्था करने को कहा गया.

रिजर्व बैंक की ओर से यह कार्रवाई निजी संगठन की शिकायत पर की गई. उसने पाया कि खातों को खुलवाने में बिचौलिये शामिल थे. आरबीआइ ने 11 बैंकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें सभी बैंकों ने अलग-अलग स्पष्टीकरण दिए थे.

मराठीअभिनेत्रीबिम्बामोदककानिधन

प्रख्यात मराठी फिल्म एवं रंगमंच अभिनेत्री बिम्बा मोदक का 29 अप्रैल 2015 को निधन हो गया. वे  97 वर्ष की थीं. 
बिम्बा ने मराठी सिनेमा में उस समय प्रवेश किया जब महिलाओं का सिनेमा में काम करना निंदनीय समझा जाता था. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत विश्राम बेडकर द्वारा वर्ष 1946 में निर्देशित “चुल आनी मुल” नामक फिल्म से की.


उसी समय उन्होंने भावबंधन नामक मराठी मंच पर अपनी पहली भूमिका निभाई. बाद में उन्होंने नाट्यसंगीत सीखा तथा “स्वयंवर”, “सुभद्रा” तथा “मानापमन” में भी अभिनय किया. यह नाटक अपनी पौराणिक कथाओं और शास्त्रीय संगीत के कारण प्रसिद्ध थे.
उनकी अन्य फिल्मों “मिन सादेतिन” तथा “अन पाउस” शामिल हैं. 
उन्हें अपनी बहुमुखी अभिनय प्रतिभा के लिए वर्ष 1980 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया.