प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ भारत सरकार और राज्य सरकारों को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण मंच है : श्री ध्यानेश्वर मुले |
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14वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन ‘‘प्रवासी भारतीयों के साथ पुनर्परिभाषित संबंध’’ विषय पर कर्नाटक के साथ साझेदारी में बेंगलुरु में 7 से 9 जनवरी 2017 को आयोजित होगा
आधिकारिक प्रवक्ता, श्री विकास स्वरूप : नमस्कार मित्रों। 2017 की प्रथम प्रेस वार्ता में आपका स्वागत है। मैं आप सबको सुखद और शान्तिपूर्ण 2017 की शुभकामनाएं देता हूं। जैसा कि आप जानते हैं कि आज हम यहां आगामी प्रवासी भारतीय दिवस 2017 पर आपको जानकारी देने के लिए एकत्र हुए हैं। यह एक नये प्रारूप के अंतर्गत पहला प्रवासी भारतीय दिवस होने जा रहा है जिसके बारे में विदेश मंत्री ने अपने संवाददाता सम्मेलनों में आपको जानकारी दी थी इसलिए आज यहां हम आपको इस बेहद महत्वपूर्ण सम्मेलन के बारे में और अधिक बताने के लिए यहां उपस्थित है जो वास्तव में प्रवासी भारतीयों के साथ हमारे संबंध का प्रतीक है। यहां मेरे साथ एक अत्यंत प्रतिष्ठित पैनल के रूप में प्रवासी भारतीय मामले और सीपीवी के सचिव श्री ध्यानेश्वर मुले, कर्नाटक सरकार के औद्योगिक विकास आयुक्त श्री गौरव गुप्ता और प्रवासी भारतीय मामलें की संयुक्त सचिव श्रीमती वाणी राव भी उपस्थित हैं। इस सम्मेलन का आयोजन हम किस तरह से करेंगे और इससे हम क्या उम्मीद रखते हैं इसके बारे में आपको प्रवासी भारतीय दिवस के कार्यक्रम की व्यापक जानकारी प्रवासी भारतीय मामलों के सचिव देंगे। इसके पश्चात श्री राजीव गुप्ता आपको बेंगलुरु ही नहीं बल्कि कर्नाटक के विशिष्ट विवरण की भी जानकारी देंगे। इस बार के कार्यक्रम में हमने कर्नाटक सरकार का चयन सहभागी के तौर पर क्यों किया इसका भी एक विशेष कारण है। इसलिए वह इस पक्ष पर आपको विस्तृत जानकारी देंगे। इसके साथ ही मैं श्री ध्यानेश्वर मुले को आमंत्रित करता हूं। श्री ध्यानेश्वर मुले, सचिव (सीपीवी और ओआईए) : नमस्कार मित्रों मंत्रालय कर्नाटक के बेंगलुरु में 7 से 9 जनवरी तक 14वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ भारत सरकार और राज्य सरकारों को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण मंच है। प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन प्रत्येक वर्ष 9 9 जनवरी को महात्मा गांधी के एक प्रवासी के तौर पर दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के उपलक्ष्य में पारंपरिक रूप से आयोजित किया जाता है। वर्तमान में लगभग 3.12 करोड़ अर्थात करीब 31.2 मिलियन प्रवासी भारतीय समूचे विश्व में बसे हुए हैं जिनमें से 1.34 करोड़ अर्थात 13.4 मिलियन व्यक्ति भारतीय मूल के हैं और 1.78 करोड़ अर्थात 17.8 मिलियन अनिवासी भारतीय हैं। प्रथम प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन नई दिल्ली में जनवरी 2003 में किया गया था। अब तक प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलनों के 13 संस्करणों का आयोजन हो चुका है। इनमें से पिछले का आयोजन दक्षिण अफ्रीका से महात्मा गांधी की वापसी की 100वीं वर्षगांठ के साथ जनवरी, 2015 में गुजरात के गांधी नगर में किया गया था। प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन आमतौर पर दिल्ली से बाहर के शहरों में उन राज्यों की साझेदारी के साथ किया जाता है जिनमें दिल्ली से बाहर प्रवासी भारतीयों की बड़ी जनसंख्या है। प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलनों में पारंपरिक रूप से बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों की भागीदारी देखी जाती है, हालाकि यह सम्मेलन बिना किसी महत्वपूर्ण परिणामों के एक पुनरावृत्तीय सम्मेलन बन गया था इसलिए इसलिए सम्मानीय विदेश मंत्री के मार्गदर्शन के अंतर्गत प्रवासी भारतीय दिवस के प्रारूप को नया रूप दिया गया है। इसलिए सरकार ने यह निर्णय किया है कि प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन दो वर्ष में एक बार किया जायेगा। इस निर्णय के अनुसार 2016 में, प्रवासी भारतीय समुदाय और भारत सरकार दोनों के लिए प्रासंगिक विषयों पर नई दिल्ली में 10 प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलनों का आयोजन किया गया। इन प्रत्येक सम्मेलनों में हमने उन प्रवासी भारतीय को आमंत्रित किया जो अपने संबंधित क्षेत्रों में विशेषज्ञ, नीति निर्माता और भारत में हितधारक हैं एवं भारत में प्रवासी भारतीयों और हितधारकों के बीच सीधी वार्ता करने में सक्षम हैं। 14वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन ‘‘प्रवासी भारतीयों के साथ पुनर्परिभाषित संबंध’’ विषय पर कर्नाटक के साथ साझेदारी में बेंगलुरु में 7 से 9 जनवरी 2017 को आयोजित होगा। हम इस सम्मेलन का आयोजन करने के लिए कर्नाटक सरकार और प्रतिनिधियों के साथ समन्वय से कार्य कर रहे हैं। हम इस आयोजन में शामिल राज्य सरकार और विभिन्न विभागों से प्राप्त सहयोग और सहायता की सराहना करता है। अब मैं 14वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के कुछ प्रमुख कार्यक्रमों की जानकारी दूंगा। प्रथम 7 जनवरी को युवा प्रवासी भारतीय दिवस का उद्घाटन युवा मामले एवं खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विजय गोयल और विदेश राज्य मंत्री जनरल वी. के. सिंह के द्वारा किया जायेगा। सूरीनाम के 36 वर्षीय उप-राष्ट्रपति माइकल अश्विन अधिन विशेष अतिथि होंगे। युवा प्रवासी भारतीय दिवस सत्र में युवा प्रवासी भारतीयों को भारत की संस्कृति और विरासत के साथ-साथ समकालीन भारत दोनों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और भारतीय जड़ों से जोड़ने की मंशा रहेगी। ‘‘भारत के परिवर्तन में प्रवासी युवाओं की भूमिका’’ विषय के साथ उद्घाटन सत्र होगा। ‘‘भारत को जानो’’ कायक्रमों के अंतर्गत युवा प्रवासी भारतीय दिवस में भारतीय मूल के करीब 160 युवा भागीदारी करेंगे। इनमें राष्ट्रीय सेवा योजना से 250 स्नातक और स्नाकोत्तर छात्र और बेंगलुरु महाविद्यालयों से 200 छात्र होंगे। युवा पीबीडी में स्टार्ट-अप्स और अभिनव पर सत्र होंगे। जिनका भारत में सामाजिक प्रभाव और कर्नाटक में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव होगा। कर्नाटक सरकार अपने राज्य के संगीत और नृत्य को प्रोत्साहन देते हुए एक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन करेगी। 8 जनवरी को पीबीडी सम्मेलन का उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री करेंगे और इस अवसर पर अपना संभाषण देंगे। पुर्तगाल के प्रधानमंत्री डॉ. एनटोनियो कोस्टा उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। मलेशिया के मंत्री दातो सेरी एस.सेमी वेलू बुनियादी ढांचे के लिए मलेशिया सरकार के विशेष दूत दातों सेरी डॉ. एस सुब्रमण्यम, स्वास्थ्य मंत्री और मॉरिशस के मंत्री श्री पृथ्वीराज सिंह रूपम विशेष अतिथियों के तौर पर पीबीडी में शामिल होंगे। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्राकश जावड़ेकर, संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री महेश शर्मा, स्वास्थ्य मंत्री श्री जे. पी. नड्डा के अलावा राज्य सरकारों के कुछ मंत्री और कई सांसद भी भाग लेंगे। पीबीडी सम्मेलन के अंतिम दिन 9 जनवरी को विभिन्न मुद्दों पर समापन सत्रों का आयोजन किया जायेगा। 9 जनवरी 2017 को ही समूचे विश्व में भारतीय मिशन और कॉन्सुलेट अपने अपने क्षेत्राधिकारों के साथ प्रवासी भारतीय समुदाय की सहभागिता से प्रवासी भारतीय दिवस मनायेंगे। प्रवासी भारतीय दिवस के लोगो (चिन्ह) का चयन को एक खुली प्रतिस्पर्धा के माध्यम से इस वर्ष के प्रारंभ में www.mygov.in पर आयोजित करके किया गया था। हमने सम्मेलन के कार्यक्रमों की जानकारी देने के लिए एक पोर्टल www.pbdinida.gov.in तैयार किया है जिस पर निंरतर रूप से जानकारी अद्यतन की जा रही है। प्रवासी भारतीय दिवस 2017 के सभी सत्र विस्तृत स्वरूप के होंगे कोई समवर्ती सत्र नहीं होगा। ऐसा सभी सत्रों में अच्छी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए किया गया है। सभी सत्र प्रश्नोत्तर सत्र के माध्यम से इंटरैक्टिव होंगे ताकि सभी प्रतिनिधियों से सीधा संवाद स्थापित किया जा सके। इस दौरान प्रवासी भारतीय प्रतिनिधि अपने सुझाव और टिप्पणियां व्यक्त कर सकते हैं। सभी सत्रों को विश्व स्तर पर प्रदर्शित किया जाएगा। प्रवासी भारतीय दिवस का एक आकर्षण एक प्रदर्शनी है, जिसके द्वारा प्रतिनिधियों को सरकार के मौजूदा कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्राप्त करने तथा देश के विभिन्न क्षेत्रों में हुई विशाल प्रगति के बारे में जानने का अवसर प्राप्त होगा। पहली बार प्रवासी भारतीय दिवस प्रदर्शनी में पांच विशिष्ट विषय और क्षेत्र होंगे, जो इस प्रकार हैं- भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रम, प्रवासी भारतीयों और पीआईओ के लिए योजनाएं और कार्यक्रम, व्यापार निवेश पर्यटन के लिए राज्यों में अवसर, एनआरआई और पीआईओ के लिए प्रोत्साहन, दस्तकारों द्वारा बिक्री और प्रदर्शन सहित भारतीय हस्तशिल्प और सांस्कृतिक बाजार तथा कारपोरेट क्षेत्र आदि। प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण एक बार फिर भारत के शीर्ष 20 सामाजिक नवीन अविष्कारों के बारे में एक मंडप होगा जिसमें विदेश मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता के आधार पर चुने गये 20 स्टार्ट अप को शामिल किया गया है। इस प्रतियोगिता के विजेता को एक प्रमाण पत्र और एक लाख रुपये का नकद ईनाम दिया जाएगा। पहली बार प्रदर्शनी क्षेत्र में एक नामित बी 2 बी बैठक लांज बनाया जाएगा। हमने बी2बी प्लेटफार्म ऑनलाइन www.pbdb2b.in की शुरूआत की है। जिसके द्वारा प्रतिनिधि आपस में, प्रदर्शकों, कॉरपोरेट क्षेत्र तथा प्रवासी भारतीय दिवस में भाग ले रहे सरकारी अधिकारियों के साथ पूर्व निर्धारित बैठकें कर सकते हैं। युवा भारतीय मूल के लोगों की भागीदारी को बढ़ाने के उद्देश्य से इस क्षेत्र के लिए पंजीकरण शुल्क में भारी कटौती की गई है। समूह में पंजीकरण के लिए पंजीकरण शुल्क को युक्तिसंगत बनाया गया है ताकि विदेशों मे स्थित भारतीय संगठन और भारतीय व्यावसायिक संगठन बड़ी संख्या में भागीदारी कर सकें। हमारे मिशनों और विदेशों में स्थित वाणिज्य दूतावास 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाएंगे। प्रवासी भारतीय में 4000 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है और अभी तक बड़ी संख्या में पंजीकरण हुए हैं। आऩे वाले दिनों में और अधिक प्रवासी भागीदारों के पंजीकरण होने की उम्मीद है। हम मलेशिया, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात और कतर से प्रवासी भारतीयों के समूह का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। कतर 140 व्यक्तियों का अपने सबसे बड़ा शिष्टमंडल भेज रहा है। गूगल प्ले और एप्पल प्ले स्टोर में उपलब्ध है, जिसे बिना लागत के स्थापित किया जा सकता है। यह एप प्रतिनिधियों को कार्यक्रम और पीबीडी 2017 की अन्य विशेषताओं के बारे में अद्यतन जानकारी देगा और आयोजनों के बारे में भी वास्तविक अद्यतन उपलब्ध कराएगा। कार्यक्रम स्थल पर मुफ्त वाई फाई भी उपलब्ध होगा और यह एप प्रतिनिधियों के लिए बहुत लाभकारी उपकरण साबित होगा। हमें उम्मीद है कि यह सम्मेलन प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ अपने संबंधों को जारी रखने में सरकार को सक्षम बनाएगा। इस सम्मेलन में उनसे संबंधित कुछ मुद्दों दूर को करने और उनके सुझाव प्राप्त करने तथा उनके विचार जानने में मदद मिलेगी। सरकारी प्रवक्ता श्री विकास स्वरूप ने ओआईए सचिव को 14वें प्रवासी दिवस के अवसर पर व्यापक जानकारी के लिए धन्यवाद देते हुए कर्नाटक सरकार के वरिष्ठ आईएस अधिकारी श्री गौरव गुप्ता को संबोधन करने के लिए आमंत्रित किया। श्री गुप्ता ने कहा कि सभी प्रवासी भारतीयों को नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रवासी भारतीय सम्मेलन विदेश मंत्रालय का एक महत्वपूर्ण आयोजन है, जो प्रतिवर्ष 7 से 9 जनवरी तक आयोजित किया जाता है और इस बार बंगलुरु में इसकी मेजबानी हो रही है। प्रवासी भारतीय दिवस से संबंधित मुख्य आयोजनों में युवा प्रवासी भारतीय दिवस 7 जनवरी को, प्रधानमंत्री द्वारा प्रवासी भारतीय का उद्घाटन 8 जनवरी विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ सत्रों का आयोजन आदि शामिल हैं। इस सम्मेलन का अयोजन बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र पर किया जा रहा है। कर्नाटक राज्य सरकार और विदेश मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं। कर्नाटक सरकार दो सत्रों का आयोजन कर रही है, जिनमें कर्नाटक में प्रास्थितिकीय स्टार्टअप का प्रदर्शन किया जाएगा। अन्य सत्र में कर्नाटक ने निवेश अवसरों का प्रदर्शन किया जाएगा। कर्नाटक सरकार 7 जनवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करेगा, जिसमें युवा प्रवासी दिवस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के छात्रों की भागीदारी होगी। 7 और 10 जनवरी को राज्य सरकार औद्योगिक भ्रमणों का जिसमें विभिन्न दिलचस्प स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा। कर्नाटक सरकार का पर्यटन विभाग भ्रमण टूर आयोजन कर रहा है, जिसमें बेंगलुरु, मैसूर और काबिनी के आस पास के सुंदर स्थलों का शामिल किया गया है। कर्नाटक सरकार को अपनी नीतियों, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की प्रगति के प्रदर्शन के लिए पीबीडी प्रदर्शनी में 1000 वर्ग मीटर जगह आवंटित की गई है। अब कर्नाटक के मंडप का डिजाइन और निष्पादन कर रहे हैं। मेहमानों की सहायता और प्रोटोकॉल के लिए हम लाइजन अधिकारी नियुक्त कर रहे हैं। बेंगलुरू शहर और आयोजन स्थल के मध्य शटल सर्विस उपलब्ध कराई जा रही है। सुरक्षा के बारे में अनेक प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें अतिरिक्त सीसीटी कैमरा और सामान स्कैनर लगाए जा रहे हैं। आयोजन दिवसों पर पीबीडी प्रतिनिधियों की आवाजाही के लिए टोल फ्री लेनों की व्यवस्था की गई है। अग्नि और आकस्मिक सेवाएं तैयार की गई हैं। कर्नाटक पर्यटन गाइड बुक प्रतिनिधियों को दी जाने वाली कीट में शामिल की जा रही हैं। शहर को सुंदर बनाने का कार्य शुरू किया गया है। अपने सामान की इच्छा रखने वाले प्रदर्शनी भागीदारों के लिए अस्थायी टीआईएन नंबर की व्यवस्था की गई है। विशिष्ट लोगों और प्रतिनिधियों के लिए समन्वय हेतु हवाई अड्डें पर सहायता डेस्क की व्यवस्था की गई है। विदेश मंत्रालय के परामर्श के साथ पंजीकृत प्रतिनिधियों के लिए पास जारीकरने का प्रबंध किया गया है। विदेश मंत्रालय पासों की छपाई कर रहा है, जिसका वितरण हमारी देख-रेख में होगा। हम इस काम के लिए एक केंद्र उपलब्ध करा रहे हैं। हमारे पास अन्य कार्यक्रमों का विवरण भी है, जिसे हम आवश्यक होने पर आपके साथ साझा करेंगे। धन्यवाद। *** |
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भारत सरकार के फ्लोटिंग रेट बॉन्डों की बिक्री (पुनर्निर्गम) के लिए नीलामी |
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भारत सरकार ने (i) मूल्य आधारित नीलामी के जरिये 2,000 करोड़ रुपये (सांकेतिक) की अधिसूचित राशि केलिए “भारत सरकार के अस्थायी दर बॉन्ड 2024” (ii) मूल्य आधारित नीलामी के जरिये 5,000 करोड़ रुपये(सांकेतिक) की अधिसूचित राशि के लिए “6.79 प्रतिशत ब्याज वाले सरकारी स्टॉक 2029” (iii) मूल्य आधारितनीलामी के जरिये 2,000 करोड़ रुपये (सांकेतिक) की अधिसूचित राशि के लिए “6.57 फीसदी ब्याज वाले सरकारीस्टॉक 2033” (iv) मुनाफा आधारित नीलामी के जरिये 2,000 करोड़ रुपये (सांकेतिक) की अधिसूचित राशि केलिए “6.62 फीसदी ब्याज वाले सरकारी स्टॉक 2051” की बिक्री (पुनर्निर्गम) करने की घोषणा की है। एकाधिकमूल्य पद्धति का उपयोग करते हुए नीलामियों का संचालन किया जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक का मुम्बईकार्यालय 6 जनवरी, 2017 (शुक्रवार) को इन नीलामियों का संचालन करेगा। स्टॉक बिक्री की कुल अधिसूचित राशि के पांच फीसदी तक का आवंटन सरकारी प्रतिभूतियों की नीलामी से जुड़ीगैर-प्रतिस्पर्धी बोली सुविधा योजना के मुताबिक योग्य व्यक्तियों एवं संस्था़नों को किया जायेगा। नीलामी के लिए स्पर्धी एवं गैर-प्रतिस्पर्धी दोनों ही बोलियां 6 जनवरी, 2017 (शुक्रवार) को भारतीय रिजर्व बैंक कीकोर बैंकिंग सोल्यूसशन (ई-कुबेर) सिस्टम पर इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप (फॉर्मेट) में पेश की जानी चाहिए। गैर-प्रतिस्पर्धी बोलियां प्रात: 10.30 बजे से लेकर 11.30 बजे तक तथा प्रतिस्पर्धी बोलियां प्रात: 10.30 बजे से लेकरदोपहर 12.00 बजे तक पेश की जानी चाहिए। इन नीलामियों के नतीजों की घोषणा 6 जनवरी, 2017 (शुक्रवार) को ही कर दी जायेगी और सफल बोली लगानेवालों द्वारा भुगतान 9 जनवरी, 2017 (सोमवार) को किया जायेगा। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 16 नवंबर 2006 को जारी सर्कुलर नं. आरबीआई/2006-07/178 के अंतर्गत ‘केन्द्र्सरकार प्रतिभूतियों में जारी लेन-देन’ पर बने दिशा-निर्देशों और समयानुसार हुए संशोधनों के क्रम में स्टॉक्सजारी होने के साथ ही ट्रेडिंग के योग्य हो जाएंगे। *** |
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देश भर में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को लाभ पहुंचाने के लिए मातृत्व लाभ कार्यक्रम (एमबीपी) का अखिल भारतीय विस्तार |
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भारत सरकार मानव विकास के लिए पोषण के रूप में विशेष तौर पर सर्वाधिक कमजोर समुदायों में प्रत्येक महिला की इष्टतम पोषण स्थिति को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह गर्भावस्था और स्तनपान दोनों की अवधि के दौरान अधिक महत्वपूर्ण है। एक महिला के पोषण की स्थिति और उसके स्वास्थ्य प्रभावों के साथ-साथ उसके शिशु के स्वास्थ्य और विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। एक कुपोषित महिला अधिकांश तौर पर एक कम वजन वाले बच्चे को जन्म देती है। जब इस कुपोषण का प्रारंभ गर्भाशय से होता है तो विशेष रूप से इसका प्रभाव महिला के सम्पूर्ण जीवन चक्र पर पड़ता है। आर्थिक और सामाजिक दवाब के कारण बहुत सी महिलाओं को अपनी गर्भावस्था के अंतिम दिनों तक परिवार के लिए आजीविका कमानी पड़ती है। उपर्युक्त मुद्दों के समाधान के लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 4 (बी) के प्रावधानों के अनुसार गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लाभ हेतु सशर्त नकद हस्तांतरण योजना मातृत्व लाभ कार्यक्रम का गठन किया गया था। इस योजना के अंतर्गत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को नकद प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है। इस योजना में प्रसव से पूर्व और पश्चात आराम, गर्भधारण और स्तनपान की अवधि में स्वास्थ्य और पोषण स्थिति में सुधार एवं जन्म के छह महीनों के दौरान बच्चे को स्तनपान कराना बच्चे के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस योजना के अंतर्गत, केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार अथवा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में नियमित रूप से रोजगार करने वाली अथवा इसी प्रकार की किसी योजना की पात्र महिलाओं को छोड़कर सभी गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले दो जीवित शिशुओं के जन्म के लिए तीन किस्तों में 6000 रुपये का नकद प्रोत्साहन देय है। नकद हस्तांतरण को डीबीटी मोड में व्यक्तिगत बैंक/डाकघर खाते से जुड़े आधार के माध्यम से किया जायेगा। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 31 दिसम्बर, 2016 को राष्ट्र को दिये गये अपने संबोधन में सभी जिलों में मातृत्व लाभ कार्यक्रम के अखिल भारतीय विस्तार की घोषणा की थी और यह 1 जनवरी 2017 से लागू है। इससे करीब 51.70 लाख लाभार्थियों को प्रतिवर्ष लाभ मिलने की उम्मीद है। इस योजना के कार्यान्वयन और निगरानी के लिए विस्तृत दिशा निर्देश शीघ्र ही जारी किये जायेंगे। *** |
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डॉ. जितेंद्र सिंह ने मणिपुर की स्थिति के बारे में राज्यपाल डॉ. नजमा हेपतुल्ला से चर्चा की |
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पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज मणिपुर की राज्यपाल डॉ. नजमा हेपतुल्ला से मुलाकात कर राज्य के मौजूदा हालात के बारे में चर्चा की। डॉ. जितेंद्र सिंह ने पिछले कुछ हफ्तों के दौरान हुए हालातों के बारे में राज्यपाल से चर्चा की। उन्होंने पूर्वोत्तर समाज के विभिन्न वर्गों की चिंताओं से राज्यपाल को अवगत कराने के साथ कुछ सुझाव दिए। उन्होंने कहा इन सूचनाओं को समय-समय पर गृह मंत्रालय और संबंधित एजेंसियों के साथ साझा किया जा रहा है। डॉ. सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार न केवल राज्य में हालिया घटनाक्रम पर नजर रख रही है बल्कि राज्य सरकार को हरसंभव मदद की पेशकश भी कर रही हैं। डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने भी डॉ. सिंह के साथ राज्य के ताजा हालातों के बारे में अपने अनुभवों को साझा किया। डॉ. हेपतुल्ला ने कहा कि वह निजी तौर पर राजनीतिक और सामाजिक समुदाय के लोगों के साथ-साथ समाज के विभिन्न वर्गों और समूहों के साथ बातचीत कर रही हैं ताकि राज्य में शांति और सौहार्द का माहौल सुनिश्चित किया जा सके। डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने राज्य सरकार के विभिन्न सदस्यों सहित मुख्यमंत्री से हुई अपनी मुलाकातों और विचार-विमर्श के बारे में भी डॉ. जितेंद्र सिंह को अवगत कराया। उन्होंने पिछले दो-तीन महीनों के दौरान स्वयं द्वारा आयोजित बैठकों के बारे में भी डॉ. जितेंद्र सिंह को जानकारी दी। डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यपाल को आश्वासन दिया कि वह उनके साथ नियमित संपर्क में रहेंगे और हालातों की जानकारी लेते रहेंगे। उन्होंने कहा कि वह राज्यपाल द्वारा साझा की गई जानकारियों को केंद्र सरकार तक पहुंचाएंगे। *** |
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भीम समानता का सृजन करेगा |
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अम्बेडकर का नाम भारत की अर्थव्यवस्था की धुरी बनेगा : रमेश जिगाजीनागी
देश में नव विकसित भुगतान एप भीम (धन के लिए भारत इंटरफेस) का नाम भारतीय संविधान के मुख्य वस्तुकार श्री भीम राव अम्बेडकर के नाम पर रखा गया। इस एप्लिकेशन के माध्यम से भारत रत्न भीम राव अम्बेडकर का नाम भारत की अर्थव्यवस्था की धुरी बनेगा। वह दिन दूर नहीं है जब लोग इससे अपने व्यापार का संचालन करेंगे। यह एप देश में वित्तीय समानता का सृजन करेगा जैसा कि डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने परिकल्पना की थी। केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता राज्य मंत्री श्री रमेश जिगाजीनागीने यह कहते हुए बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दलितों, पिछड़ें वर्गों और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों के विकास के लिए अनेक कल्याण योजनाएं शुरू की हैं। भीम काले धन की प्रणाली पर अंकुश लगाने के साथ समाज में समानता का सृजन करेगा।
भीम आधार प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए एक बायोमीट्रिक भुगतान प्रणाली वाला एप है, जो सीधे ही बैंक के माध्यम से ई-भुगतान की सुविधा के लिए एकीकृत भुगतान इंटरफेस पर आधारित है। इसे प्रौद्योगिकी और डिजिटल लेन-देन के महत्व पर जोर देना शुरू किया गया है। इसे सभी मोबाइल उपकरणों स्मार्ट फोन, फीचर फोन, द्वारा इंटरनेट कनेक्शन के साथ या उसके बिना उपयोग किया जा सकता है। भीम एप द्वारा आधार गेटवे से जुड़े बैंक खाते में अंगूठे के निशान से ही भुगतान किया जा सकता है। वास्तव में भीम के माध्यम से प्रौद्योगिकी गरीब से गरीब छोटे व्यापारियों और हाशिए पर पड़े वर्गों को सशक्त बनाएगी।
यह स्मरण करते हुए भारत को कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था। यह देश कुछ गलतियों के कारण गरीब हुआ। हमारे प्रधानमंत्री का सपना देश की क्षमता और अतीत के गौरव को एक बार फिर लौटाना है। प्रधानमंत्री ने जनता से यह अपील की है कि प्रतिदिन कम से कम 5 लेन-देन मोबाइल फोन के माध्यम से करें ताकि देश डिजिटल आंदोलन में आगे बढ़े। नए एप से प्लास्टिक कार्ड और पीएस मशीनों की भुमिका कम होने की उम्मीद है यह एप मास्टर कार्ड और वीसा जैसे सेवा प्रदाताओं के शुल्क के भुगतान को समाप्त करेगा।
इस एप को स्मार्ट फोन के माध्यम से पैसा मंगाने और भेजने में भी प्रयोग किया जा सकता है। जनता को यह एप उपयोग करना चाहिए ताकि काले धन की रोकथाम और वित्तीय समानता के सृजन में मदद मिल सके। |
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भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत 02.01.2017 को 54.41* अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल रही |
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पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीनस्थ पेट्रोलियम नियोजन एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) द्वारा आज संगणित/प्रकाशित सूचना के अनुसार भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीयकीमत 02 जनवरी, 2017 को 54.41* अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल दर्ज की गई। रुपये के संदर्भ में भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की कीमत 02 जनवरी, 2017 को बढ़कर 3701.40 रुपये प्रतिबैरल हो गई, जबकि 30 दिसंबर, 2016 को यह 3697.71 रुपये प्रति बैरल थी। रूपया 02 जनवरी, 2017 कोकमजोर होकर 68.02 रुपये प्रति अमेरिकी डॉलर के स्तर पर बंद हुआ, जबकि 30 दिसंबर, 2016 को यह 67.95 रुपये प्रति अमेरिकी डॉलर था। इस संबंध में विस्तृत ब्यौरा नीचे तालिका में दिया गया है:-
* 02.01.2017 को ओमान और दुबई में छुट्टी होने के कारण ब्रेंट की कीमत उपलब्ध नहीं है इसलिए भारतीयबॉस्केट में कच्चे तेल की कीमत नहीं प्राप्त की जा सकी है और 30.12.2016 के अनुरूप भारतीय बॉस्केट कीकीमत है। *** |
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एलपीजी ग्राहकों को अब गैस रिफिल के लिए ऑन लाइन भुगतान करने पर मिलेगी छूट |
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इंडियन ऑयल, बीपीसीएल और एचपीसीएल जैसी तेल विपणन कंपनियों ने अपने उन सभी एलपीजी ग्राहको को 5 रुपये की अग्रिम छूट देने की पेशकश की है जो अपना एलपीजी सिलेंडर ऑनलाइन बुक कर उसका ऑनलाइन भुगतान करेंगे। ग्राहक सिलिंडर रिफिल की वेब बुकिंग के समय उसका भुगतान मौजूदा ऑनलाइन मोड जैसे- नेट बैंकिग, क्रेडिट और डेबिट कार्ड के माध्यम से कर सकते हैं। बुकिंग के दौरान ग्राहकों को उनको मिलने वाली छूट (5 रुपये) स्क्रीन पर दिखायी देगी और भुगतान के दौरान उन्हें 5 रुपये का कम भुगतान करना होगा। छूट में मिलने वाली राशि का विवरण गैस सिलेंडर की होम डिलीवरी के समय मिलने वाले कैश मेमो में भी दिखाई देगा। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीन आने वाली सभी तेल विपणन कंपनियों का लक्ष्य ग्राहकों को तेजी से डिजिटल प्लेटफॉर्म की तरफ आकर्षित करना है तांकि नो-कैश या लैस-कैश लेनदेन के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। इस छूट से अधिक से अधिक एलपीजी उपभोक्ताओं को कैशलेस मोड के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। *** |
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केंद्रीय गृह मंत्री ने लखनऊ के लिए किया प्रदर्शन आवास परियोजना का शिलान्यास -गरीबों के लिए नवीन तकनीक से बनेंगे पर्यावरण अनुकूल घर |
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केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए लखनऊ, उत्तर प्रदेश, में प्रदर्शन आवास परियोजना का शिलान्यास किया। इस मौके पर श्री सिंह ने कहा कि निर्माण सामग्री एवं प्रौद्योगिकी संवर्धन परिषद (बी.एम.टी.पी.सी) का यह प्रोजेक्ट एक आदर्श हाउसिंग प्रोजेक्ट है जिसमें पर्यावरण अनुकूल सामग्री व नवीन तकनीक के सहयोग से गरीबों के लिए घर बनाए जाएंगे। भारत सरकार की आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय की संस्था निर्माण सामग्री एवं प्रौद्योगिकी संवर्धन परिषद द्वारा लखनऊ स्थित औरंगाबाद जागीर, तहसील सरोजनी नगर में 40 घरों का निर्माण किया जाएगा। इन घरों के निर्माण के लिए राज्य शहरी विकास प्राधिकरण (सूडा), उत्तर प्रदेश सरकार ने 40 घरों के निर्माण हेतु जमीन का चयन किया है। प्रत्येक घर का क्षेत्रफल 380 वर्ग फुट होगा। इसमे प्रत्येक घर में दो कमरे, रसोई, स्नानघर तथा शौचालय की सुविधा होगी। प्रदर्शन आवास परियोजना के अंतर्गत निर्मित घरों में आवश्यक सुविधाएं जैसे जल आपूर्ति की लाइनें, ट्यूब वेल का निर्माण, जल-मल निष्पादन, बरसाती पानी की निकासी के लिए नालियां, कंक्रीट की सड़क, इंटरलाक टाइल की पगडंडी, चाहरदीवारी व बाहरी विद्युतीकरण जैसी सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। इस प्रदर्शन आवास परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 360 लाख रूपए आएगी। उल्लेखनीय है कि बी.एम.टी.पी.सी देश के विभिन्न भागों में भवन निर्माण सामग्री एवं प्रौद्योगिकी की पहचान, मूल्यांकन, मानकीकरण एवं जमीनी स्तर पर कार्य कर रही है। ************** |
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केंद्रीय गृह मंत्री ने लखनऊ में बीएमटीपीसी के डिमांस्ट्रेशन हाउसिंग प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी |
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केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लखनऊ में बीएमटीपीसी (बिल्डिंग मैटीरियल्स एंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन काउंसिल) के डिमांस्ट्रेशन हाउसिंग परियोजना की आधारशिला रखी। इस अवसर पर श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बीएमटीपीसी की यह परियोजना एक आदर्श हाउसिंग परियोजना है जिसमें गरीबों के लिए पारिस्थितिकी के अनुकूल सामग्री और अभिनव प्रौद्योगिकी का उपयोग करके घर तैयार किए जाएंगे। बीएमटीपीसी भारत सरकार के आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय के तहत आने वाला एक स्वायत्त संगठन है, जिसने 40 आवासीय इकाइयों (ग्राउंड फ्लोर + 1) का निर्माण कार्य शुरू किया है। प्रत्येक इकाई में 380 स्क्वायर फीट का निर्माण क्षेत्र है, जिसमें एक लिविंग रूम, एक बेडरूम, रसोई, एक बाथरूम और डब्ल्यूसी शामिल है। डिमांस्ट्रेशन हाउसिंग परियोजना में पानी की आपूर्ति, ट्यूबवेल, सीवरेज सिस्टम, जल निकासी, कंक्रीट की सड़कें, इंटरलॉकिंग टाइल्स, चारदीवारी और बाह्य विद्युतीकरण जैसी ऑनसाइट बुनियादी सुविधाएं भी शामिल होंगी। इसका लक्ष्य निर्माण क्षेत्र में नए और उभरते आपदा प्रतिरोधी टिकाऊ प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाना है। डिमांस्ट्रेशन हाउसिंग प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग 3.6 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है। *** |
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वर्षांत समीक्षा 2016-खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की प्रमुख उपलब्धियां |
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खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय 12 वीं पंचवर्षीय योजना से ही देश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास और प्रोत्साहन की अनेक केन्द्रीय योजनाएं को लागू करने के लिए काम कर रहा है। वर्ष 2016 में मंत्रालय की प्रमुख उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:- सरकार ने ई-कॉमर्स के माध्यम से व्यापार के लिए भारत में विनिर्मित या उत्पादित उत्पादों के संबंध में 100% एफडीआई अनुमति दी है। खाद्य उत्पादों के निर्माण में पहले से ही 100% एफडीआई की अनुमति दी हुई है। इससे खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में विदेशी निवेश के प्रोत्साहन में प्रेरणा मिलेगा जिससे किसानों को भी लाभ होगा तथा बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में विनिवेश को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित अतिरिक्त वित्तीय रियायतें दी गई हैं: (अ) रेफ्रिजेरेटेड कंटेनरों के उत्पाद शुल्क में कटौती कर 12.5 प्रतिशत से 6 प्रतिशत करना (ब) रेफ्रिजेरेटेड कंटेनरों के बुनियादी सीमा शुल्क में कटौती कर 10 प्रतिशत से 5 प्रतिशत करना (स) 5 प्रतिशत बुनियादी सीमा शुल्क जो अभी कोल्ड स्टोरेज के लिए आयात परियोजना के तहत उपलब्ध है तथा कोल्ड रूम के पूर्व शीतलन इकाई, पैक हाउस, छंटाई और ग्रेडिंग लाइनों और पकने कक्षों सहित कोल्ड चेन तक भी बढ़ाया गया है। मेगा फूड पार्क योजना के तहत: (अ) सिंधु मेगा फूड पार्क, खरगोन (मध्य प्रदेश), झारखंड मेगा फूड पार्क, रांची (झारखंड) और जंगीपुर बंगाल मेगा फूड पार्क, मुर्शिदाबाद (पश्चिम बंगाल) को शुरू कर उद्घाटन भी कर दिया गया है। (ब) पंजाब के लुधियाना में पंजाब एग्रो उद्योग निगम (पीएआईसी) मेगा फूड पार्क परियोजना की आधारशिला रखी गई थी। (स) अब तक ऐसे 8 मेगा फूड पार्क कार्यान्वित कर दिए गये हैं। (द) मुख्यत: ग्रामीण इलाकों में एक मेगा फूड पार्क के जरिए करीब पच्चीस से तीस हजार किसानों को लाभ होता है तथा पांच से छह हजार लोगों को रोजगार भी मिलता है। (ज) सतारा (महाराष्ट्र), अजमेर (राजस्थान), रायगढ़ (उड़ीसा) और अगरतला (त्रिपुरा) के मेगा फूड पार्क परियोजनाओं का कार्य अंतिम दौर में है तथा जिसके इस वित्तीय वर्ष के अंत तक शुरू हो जाने की प्रबल संभावना है। (झ) 2000 करोड़ रूपये के “खाद्य प्रसंस्करण कोष” से नाबार्ड ने 10 मेगा फूड पार्कों तथा 2 प्रसंस्करण इकाईयों को 427.69 करोड़ रूपये को ऋण स्वीकृत किया है जिसमें से 81.10 करोड़ रूपया दिया भी जा चुका है। (च) मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों में 157 फूड पार्कों को अधिसूचित किया है। एकीकृत कोल्ड चेन और मूल्य संवर्धन आधारिक संरचना योजना के तहत: (अ) इस योजना के तहत वर्ष 2016 में 20 परियोजनाएं शुरू की गई है। इसके शुरू होने के बाद, मंत्रालय ने 2016 में 0.63 लाख मीट्रिक टन का कोल्ड स्टोरेज, 15 मीट्रिक टन प्रति घंटा का व्यक्तिगत क्विक फ्रीजिंग (आईक्यूएफ), 10.65 लाख लीटर दूध का प्रतिदिन प्रसंस्करण/भंडारण और 99 बादबानी वैन की अतिरिक्त क्षमता विकसित किया है। (ब) पिछले ढ़ाई वर्षों में 54 एकीकृत कोल्ड चेन परियोजनाओं को शुरू किया गया है जिससे कुल संख्या बढ़कर 91 हो गई है। मंत्रालय ने करीब 135 कोल्ड चेन परियोजनाओं को जिनकी क्षमता 3.67 लाख मीट्रिक टन का कोल्ड स्टोरेज, 94.29 मीट्रिक टन प्रति घंटा का व्यक्तिगत क्विक फ्रीजिंग (आईक्यूएफ), 37.93 लाख लीटर दूध का प्रतिदिन प्रसंस्करण/भंडारण और 549 बादबानी वैन की है, को सहायता प्रदान किया है। (स) मंत्रालय ने प्राप्त अनुभवों और प्रतिक्रियाओं के आधार पर योजना के दिशा-निर्देशों को निवेशकों के अनुकूल बनाने के लिए संशोधित किया है। (द) सामान्यत: हरेक कोल्ड चेन परियोजना से फलों और सब्जियों के क्षेत्र में लगे करीब 500 किसानों को तथा डेयरी क्षेत्र में करीब 5000 किसानों को लाभ पहुंचा है और 100 लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा हुए हैं। मंत्रालय ने मेगा फूड पार्क तथा कोल्ड चेन परियोजनाओं के खाली पदों को भरने के लिए ईओआई आमंत्रित किया गया है। मंत्रालय को अब तक 8 खाली मेगा फूड पार्कों के लिए 54 प्रस्ताव और 100 कोल्ड चेन परियोजनाओं के लिए 308 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। बूचड़खानों की स्थापना/आधुनिकीकरण योजना के तहत, गोवा के पणजी में एक परियोजना शुरू किया गया है। इस वर्ष 10 खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं का काम पूरा हो चुका है। एफएसएसएआई ने उत्पाद अनुमोदन की प्रक्रिया को सरलीकृत किया है: (अ) अंतर्राष्ट्रीय कोडेक्स मानकों के साथ नए योज्य सामंजस्य की एक बड़ी संख्या को मंजूरी दी है। (ब) नियमों में संशोधन को अधिसूचित किया है। इससे इस उद्योग को काफी राहत मिला है। एक वेब आधारित ऑन लाइन प्रणाली मेगा फूड पार्क और एकीकृत कोल्ड चेन तथा मूल्य संवर्धन आधारिक संरचना योजना के तहत प्रसंस्करण के अनुदान लिए शुरू किया गया है। राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमशीलता और प्रबंधन संस्थान (एनआईएफटीईएम), कुंडली, सोनीपत, हरियाणा तथा भारतीय फसल प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीपीटी), तंजावूर, तमिलनाडु को उत्कृष्टता के केन्द्र के रूप में सरकार द्वारा विकसित किया जा रहा है। इन संस्थानों के पास होने वालों को 100 प्रतिशत प्लेसमेंट मिल गया है। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के पूर्ण विकास के लिए मंत्रालय ने कृषि-समुद्री प्रसंस्करण उत्पादन और कृषि समूहों के विकास (सम्पदा) नामक नई योजना के तहत भी कई कदम उठाए हैं।इसके लिए 14 वें वित्त आयोग ने 6000 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की है।
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अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने स्वच्छता पखवाड़े का आयोजन किया |
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अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने स्वच्छता पखवाड़ा मनाया जिसकी शुरूआत 16 दिसंबर 2016 से हुई थी। संयुक्त सचिव/उप महानिदेशक स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में पांच टीमों का गठन किया गया था, जिन्हें इस बारे में किये जाने वाले प्रयासों की अगुवाई करनी थी। नयी दिल्ली नगरपालिका निगम (एनडीएमसी) और दिल्ली नगरनिगम के साथ तालमेल करके इन तीनों ने जहां भी आवश्यक था स्वच्छता अभियान की गतिविधियां चलाई। स्वच्छता पखवाड़े की शुरूआत अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के सचिव श्री एमिसिंग लुईखम ने 16 दिसंबर को पं. दीन दयाल अंत्योद्य भवन सीजीओ कॉम्पलैक्स में इसकी शुरूआत की। सचिव ने अधिकारियों को प्रोत्साहित करने के लिए संबोधित किया और कहा कि पखवाड़ा समाप्त होने के बाद भी स्वच्छता अभियान जारी रहना चाहिए। संयुक्त सचिव श्री एसके देव वर्मन के नेतृत्व में एक दल ने प्रबंधन सदस्यों के साथ 19 दिसंबर को गुरूद्वारा रकाबगंज का दौरा किया और गुरूद्वारे के चारों ओर के क्षेत्र की सफाई करवाई। एनडीएमसी स्टॉफ को भी इस उद्देश्य में शामिल किया गया। गुरूद्वारा अधिकारियों ने इस पहल की सराहना करते हए यह अनुरोध किया कि ऐसे अऩेक अभियान शुरू किये जाने चाहिए। स्वच्छता पर आधे दिन की कार्यशाला का मंत्रालय के सचिव एमिसिंग लुईखम ने उद्घाटन किया। इस कार्यशाला का आयोजन मंत्रालय ने कार्यक्रम के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए 19 दिसंबर को स्कोप परिसर में किया था। इस कार्यशाला ने मंत्रालय और मंत्रालय से संबद्ध कार्यालयों के अधिकारियों ने भाग लिया। इसके अलावा बौद्ध मठ और रकाबगंज गुरूद्वारा के पदाधिकारियों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। पूर्व सीएलएम और वर्तमान में मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी जोधपुर के कुलपति प्रोफेसर वारसी में भी इस कार्यशाला में भाग लिया। वक्ताओं ने दैनिक जीवन में स्वच्छता के महत्व और इसके सकारात्मक प्रभाव पर प्रकाश डाला। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के 28 अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलाकर एक टीम का संयुक्त सचिव श्रीमती राखी गुप्ता भंडारी के नेतृत्व में गठन किया गया। जिसने लक्ष्मीनारायण मंदिर, मंदिर मार्ग नई दिल्ली मे 20 दिसंबर को स्वच्छता अभियान का आयोजन किया। एनडीएमसी की एक टीम ने भी इस प्रयास में आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई। उप महानिदेशक श्री मुकुट सिंह के नेतृत्व में 30 सदस्यों की टीम ने हनुमान मंदिर, बाबा खड़कसिंह मार्ग नई दिल्ली में 21 दिसंबर को स्वच्छता अभियान आयोजित किया। टीम ने लगभग दो घंटे की मेहनत में मंदिर परिसरों को पूरी तरह साफ किया। एनडीएमसी एक टीम ने भी इस कार्य में आर्थिक सहायता प्रदान की। 26 व्यक्तियों में मंत्रालय द्वारा 22 दिसंबर को आयोजित नारा लेखन प्रतियोगिता में भाग लिया और 26 प्रतिभागियों ने पोस्टर ड्राइंग प्रतियोगिता में भाग लिया। मंत्रालय की 24 अधिकारियों की प्रति एक टीम ने संयुक्त सचिव श्री केसी समीरा के नेतृत्व में श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर चांदनी चौक में स्वच्छता अभियान आयोजित किया और एमसीडी की टीम के साथ तालमेल करते पूरे मंदिर परिसरों की सफाई की। संयुक्त सचिव श्री जान-ए-आलम के नेतृत्व में मंत्रालय के 28 अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम ने बौद्ध मंदिर मठ, बेला रोड़, आईएसबीटी, कश्मीरी गेट, रेलवे कालोनी, सिविल लाइन नई दिल्ली में 26 दिसंबर को स्वच्छता अभियान चलाया। मंत्रालय विभिन्न धर्मों में संजोई गयी स्वच्छता और उसके महत्व पर लिखे गये निबंधों का संकलन रहा है। इस कार्य के पूरा होने और उसके अवलोकन के बाद इसे उचित समय मे इसे जारी कर दिया जाएगा। मंत्रालय के केन्द्रीय वक्फ बोर्ड, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम, एनसीएम,सीएलएम जैसे विभिन्न संगठनों ने भी अपने-अपने कार्यालयों और शाखा कार्यालयों में स्वच्छता पखवाड़े का आयोजन किया। मंत्रालय के अधिकारियों ने इस अवसर पर दिल्ली स्थित संगठनों का दौरा किया और उनके साथ बातचीत की। *** |
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म्यांमार के स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति का संदेश |
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राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने म्यांमार गणराज्य की सरकार और वहां की जनता को उनके स्वतंत्रता दिवस (4 जनवरी, 2017) के अवसर पर अपनी बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। म्यांमार के राष्ट्रपति महामहिम यू थीन क्वाउ को भेजे अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार, देश की जनता और अपनी ओर से मैं आपके स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आपको और म्यांमार की जनता को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। भारत और म्यांमार सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई संपर्कों की स्थायी संबंधों के हिस्सेदार हैं जो हमारे घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों का आधार हैं। अगस्त 2016 में आपके भारत दौरे में दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत हुए हैं। हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध रणनीतिक साझेदारी में भी लगातार मजबूत हुए हैं। मुझे विश्वास है कि हमारे दोस्ताना संबंध भविष्य में लगातार आगे बढ़ते हुए नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे और हमारी जनता के विकास और समृद्धि को आगे बढ़ाने में योगदान देंगे। मैं इस अवसर पर आपकी खुशहाली और म्यांमार की मैत्रीपूर्ण जनता की प्रगति और समृद्धि के लिए अपनी शुभकामनाएं देता हूं। *** |
4 jan
सर लुई ब्रेल के जन्मदिवस के अवसर पर सहायक उपकरणों का वितरण |
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सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावर चंद गहलोत आज सर लुई ब्रेल के जन्म दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की एडीआईपी योजना के अंतर्गत दृष्टिबाधित छात्रों को 270 स्मार्ट फोन और 40 डेजी प्लेयर्स का वितरण किया गया। नेशनल फेडरेसन ऑफ़ दी ब्लाइंड की राष्ट्रीय छात्रवृति योजना के अंतर्गत दृष्टिबाधित 66 छात्रों में से प्रत्येक को पांच लाख रुपये के छात्रवृति चैक भी वितरित किये गये। कार्यक्रम के दौरान मंत्री महोदय ने कहा कि सरकार ‘सबका साथ सबका विकास’ के उद्देश्य के साथ समाज के हर वर्ग के समग्र विकास के लिए समर्पित है। उन्होंने प्रसन्नता जताई कि विभाग ने अब तक सफलतापूर्वक चार विश्व रिकॉर्ड कायम किये हैं, यह दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कार्यक्रम के दौरान दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग के संयुक्त सचिव श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि हाल ही में पारित हुआ आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम, 2016 दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण में एक नया आयाम जोड़ देगा। उन्होंने भविष्य में सशक्तिकरण के लिए स्वयं को शिक्षित बनाने के लिए संभाषण से पाठ सुविधा का उपयोग करने के लिए एडीआईपी योजना के अंतर्गत स्मार्ट फोन प्राप्त करने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित किया। नेशनल फेडरेसन ऑफ़ दी ब्लाइंड के अध्यक्ष श्री संतोष कुमार रूंगटा ने दिव्यांगजनों के लिए कल्याणकारी योजनाओं में सहायता प्रदान करने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री एवं विभाग को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम से पूर्व नेशनल फेडरेसन ऑफ़ दी ब्लाइंड के नई दिल्ली के पुष्प विहार स्थित मुख्यालय में 3 और 4 जनवरी, 2016 को अखिल भारतीय प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं में विभिन्न राज्यों से करीब 500 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता के विजेताओं को 30 पुरस्कार भी वितरित किए गए। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ब्रेल प्रेसों की स्थापना, आधुनिकीकरण, क्षमता संवर्धन सहायता की केन्द्रीय योजना के अंतर्गत अपने संगठन में ब्रेल प्रेस के आधुनिकीकरण के लिए एनएफबी को 49.5 लाख रुपये का अनुदान दे चुका है। *** |
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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की पहलकदमियां व उपलब्धियां: वर्ष 2016 की समीक्षा |
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1. प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) का लक्ष्य सुरक्षित गर्भावस्था व सुरक्षित प्रसव के जरिये मातृ व शिशु मृत्युदर को कम करना है। इस राष्ट्रीय कार्यक्रम के जरिए देश भर में लगभग 3 करोड़ गर्भवती महिलाओं को विशेष मुफ्त प्रसव पूर्व देखभाल मुहैया कराई जा रही है, ताकि उच्च जोखिम वाले गर्भधारण का पता लगाने के साथ-साथ इसकी रोकथाम की जा सके। इस देशव्यापी कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं को संपूर्ण व गुणवत्तापूर्ण प्रसवपूर्व देखभाल व जांच के लिए हर महीने की 9 तारीख का दिन निर्धारित किया गया है। गर्भवती महिलाएं अब सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर अपनी दूसरी या तीसरी तिमाही में स्त्री रोग विशेषज्ञों/चिकित्सकों द्वारा मुहैया कराए जाने वाले विशेष प्रसव पूर्व चेक-अप का लाभ उठा सकती हैं। यह सुविधा निजी क्षेत्र के डॉक्टरों के सहयोग से मुहैया कराई जा रही है, जो सरकारी क्षेत्र के प्रयासों के पूरक के तौर पर उपलब्ध होगा। इसमें ग्रामीण एवं शहरी दोनों ही क्षेत्रों में चिन्हित स्वास्थ्य सेवा केंद्रों पर सामान्य प्रसव पूर्व चेक-अप के अलावा अल्ट्रासाउंड, रक्त और मूत्र परीक्षण सहित इन सेवाओं को उपलब्ध कराया जाएगा। इसका एक उद्देश्य उच्च जोखिम वाले गर्भधारण का पता लगाना और इस दिशा में समुचित कदम उठाना है, ताकि एमएमआर और आईएमआर में कमी संभव हो सके। 2. मां- माता का पूरा प्यार स्तनपान को बढ़ावा देने व इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किया गया। कार्यक्रम का नाम ‘एमएए’ स्तनपान कराने वाली माताओं को उनके परिजनों और स्वास्थ्य सुविधाओं से मिलने वाले समर्थन को दर्शाता है। एमएए कार्यक्रम के मुख्य घटक है- सामुदायिक जागरूकता बढ़ाना, आशा के जरिए अंतर संपर्क मजबूत करना, सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में प्रसूति केंद्रों पर स्तनपान के लिए सहयोग और निगरानी तथा पुरस्कार/सम्मान।
3. नए टीकाओं की शुरुआत
a) रोटा वायरस टीका: बच्चों में रोटा वायसर की वजह से होने वाली अस्वस्थता व मृत्यु को कम करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के मद्देनजर शुरुआती चरण में चार राज्यों हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, आंध्र प्रदेश व हरियाणा में अप्रैल 2016 से रोटा वायरस टीकाकरण को संपूर्ण टीकाकरण में शामिल किया गया है।
b) वयस्क जेई टीकाकरण: उन जिलों में जहां वयस्क आबादी में जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) बीमारी बड़े पैमाने पर फैलती है वहां जेई टीकाकरण को वयस्कों तक विस्तारित किया गया है। हाल में असम, उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल के अधिक बीमारी वाले 21 जिलों को वयस्क जेई टीकाकरण के लिए चिन्हित किया गया है। असम के 3 जिलों (दरांग, नौगांव व सोनितपुर) व पश्चिम बंगाल के 3 जिलों (दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार) के चिन्हित प्रखंडों में वयस्क जेई टीकाकरण अभियान को पूरा किया गया है। उत्तर प्रदेश के 6 जिलों के चिन्हित प्रखंडों में यह अभियान चल रहा है। 4. मिशन इंद्रधनुष · मिशन इंद्रधनुष का दूसरा चरण जनवरी 2016 में 352 जिलों में चला। तीसरा चरण अप्रैल से जुलाई 2016 के बीच देशभर के 216 जिलों में चलाया गया।
· तीसरे चरण के दौरान 2.8 करोड़ बच्चों का टीकाकरण किया गया जिसमें 54.5 लाख बच्चों का संपूर्ण प्रतिरोधन हुआ। इसके अतिरिक्त, 55.4 लाख गर्भवती महिलाओं को भी टिटनेस के टीके लगाए गए।
· समेकित बाल स्वास्थ्य एवं प्रतिरोधक सर्वेक्षण 2016 के मुताबिक मिशन इंद्रधनुष के शुरू होने के बाद से पूरी तरह से रोग प्रतिरोधक होने का दायरा 5-7 प्रतिशत बढ़ गया है।
5. परिवार नियोजन
· नए विकल्प: राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम में तीन नई विधियों को शामिल किया गया है: · इंजेक्शन से लिया जाने वाला गर्भनिरोधक डीएमपीए (अंतारा) - तीन महीने में एक बार · सेंटक्रोमैन गोली (छाया) – गैर-हार्मोनयुक्त जिसे सप्ताह में एक बार लिया जाना है। · प्रोजेस्टिन युक्त गोलियां (पीओपी) – स्तनपान करने वाली माताओं के लिए · संवर्धित गर्भनिरोधक पैकेज: गर्भनिरोधक उपायों जैसे कि कंडोम, गर्भनिरोधक गोलियां व आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियों की पैकेजिंग की डिजाइन में बदलाव किया गया है और उन्हें और आकर्षक बनाया गया ताकि इन उत्पादों की मांग में वृद्धि हो सके। · परिवार नियोजन का नया मीडिया अभियान: परिवार नियोजन के प्रति जागरुकता के लिए 360 डिग्री की सूचना संचार के साथ नया अभियान शुरू किया गया है जिसमें एक नए लोगो के साथ श्री अमिताभ बच्चन को इसका ब्रांड एंबेस्डर बनाया गया है।
6. सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा (आईडीसीएफ) देशभर में 11 से 23 जुलाई के बीच सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा मनाया गया। इस गतिविधि का महत्व इसमें है कि डायरिया होने पर हर घर में ओआरएस उपलब्ध रहे। इसमें ओआरएस बनाने की विधि का भी प्रदर्शन किया गया। डायरिया के दौरान बच्चों को ओआरएस व जिंक देने के बारे में बताया गया। आईडीसीएफ गतिविधियों का खास जोर आईईसी गतिविधियों के जरिये न केवल जागरुकता लाना था बल्कि इसकी मांग में बढ़ोतरी करना भी था। सफाई रखने और ओआरएस तथा जिंक के उपाय अपनाने को लेकर राज्यों, जिला व ग्राम स्तर पर सघन सामुदायिक जागरुकता अभियान चलाया गया। देशभर में 5 साल से कम उम्र के करीब 10 करोड़ बच्चे हैं। पिछले साल के दौरान, आईडीसीएफ की गतिविधियों के तहत 6.3 करोड़ बच्चों तक पहुंचा गया। इस वर्ष पखवाड़े के दौरान इसे और विस्तारित करने के क्रम में 5 साल से कम उम्र के सभी बच्चों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया। पिछले साल 21 लाख बच्चों को डायरिया की वजह से मौत व अस्पताल में भर्ती होने से बचाया जा सकता था। आईडीसीएफ के इस अभियान में 5 लाख से ज्यादा स्कूल शामिल हुए और देश में 3.5 लाख ओआरएस केंद्र स्थापित किए गए।
7. राष्ट्रीय कृमि निवारण दिवस (एनडीडी) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एक प्रमुख पहल के तहत 10 फरवरी, 2016 राष्ट्रीय कृमि निवारण दिवस के रूप में मनाया गया। यह विश्व में सबसे बड़ा एक दिवसीय सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियान था, जिसके तहत 1-19 आयु वर्ग के लगभग 27 करोड़ बच्चों को कृमि से मुक्ति की दवाई खिलाने का लक्ष्य रखा गया। यह अभियान स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों के मंच द्वारा चलाया गया। इसके लिए लक्षित जनसंख्या में देश के 561 जिलों के 1-5 आयुवर्ष तथा 6-19 आयुवर्ष के क्रमशः 8 करोड़ और 19 करोड़ बच्चों को रखा गया। 900,000 से अधिक शिक्षा और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने करोड़ों बच्चों को स्कूलों और आंगनवाड़ी केन्द्रों में एलबेंडेजोल गोली खिलाई। इसमें 14 राज्यों के 137 जिलों को शामिल नहीं किया गया जिन्हें पहले ही यह दवा खिलाई जा चुकी है।
8. भारत में दीर्घ आयु (लांग्टिड्यूनल एजिंग) का अध्ययन (एलएएसआई) एलएएसआई देश में वृद्धजनों पर सबसे बड़ा अध्ययन है। यह अध्ययन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संरक्षण में अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आईआईपीएस), मुंबई ने हावर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (एचएसपीएच) और यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न कैलिफोर्निया (यूएससी) के संयुक्त तत्वावधान में “द लांग्टिड्यूनल एजिंग स्टडी इन इंडिया” कर रहे हैं। एलएएसआई के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष-भारत ने मिलकर फंड किया। अभी तक भारत के पास वृद्धजनों की जनसंख्या के बारे में पूरे देश का प्रतिनिधित्व करने वाला आंकड़ा नहीं था, ऐसे में वृद्धजनों के संबंध में समग्रतापूर्ण नए वैज्ञानिक आंकड़ों की जरूरत थी जिससे कि वृद्ध हो रही जनसंख्या के स्वास्थ्य, आर्थिक व सामाजिक चुनौतियों का विश्लेषण किया जा सके ताकि उन चुनौतियों से निपटने के लिए मध्य और दीर्घकालीन नीतियां व कार्यक्रम बनाए जा सकें। एलएएसआई, हाल ही शुरू की गई राष्ट्रीय वृद्धजन स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम (एनपीएचसीई) और सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय द्वारा सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा के लिए बनाए जाने वाले कार्यक्रमों में भी काफी योगदान करेगा। एलएएसआई वृद्ध लोगों के स्वास्थ्य व सामाजिक सुरक्षा से जुड़े कार्यक्रमों का विस्तार करने में मदद करेगा।
9. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिल कार्यक्रम
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिल कार्यक्रम के अंतर्गत गरीब लोगों को मुफ्त डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राज्यों को सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के जिला अस्पतालों में पीपीपी मोड के आधार पर डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 27 अप्रैल, 2016 को दिशानिर्देश भेजे गए हैं। दिशानिर्देश के मुताबिक निजी साझेदार को चिकित्सकीय मानवसंसाधन, डायलिसिस मशीन उपलब्ध करानी होगी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग आरओ का पानी के लिए संयंत्र, डाइलेजर व दवाइंया देगा जबकि राज्य सरकार जिला अस्पतालों में जगह, बिजली व पानी का आपूर्ति मुहैया कराएंगी। सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के कार्यक्रम क्रियान्वयन योजना 2016-17 को लागू करने के लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं। 10. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सेंटर फॉर इंटेग्रेटिव मेडिसीन एंड रिसर्च सेंटर फॉर इंटेग्रेटिव मेडिसीन एंड रिसर्च एम्स, नई दिल्ली की अहम पहल है जिसके तहत भारत की प्राचीन व पारंपरिक चिकित्सा उपायों को समकालीन दवाओं के साथ मिश्रित कर अनुसंधान किया जाएगा। इसमें परिकल्पित किया गया है कि इस अत्याधुनिक शोध संस्थान में देशभर के समकालीन औषधी विशेषज्ञ, योग व आर्युवेद विशेषज्ञों के साथ मिलकर रोगों के उपचार व निवारक तरीकों के लिए काम करेंगे। यह केंद्र हमारी प्राचीन औषधिक व्यवस्था को वैज्ञानिक प्रमाण प्रदान करने में योगदान करेगा। इसमें योग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
11. आई.टी. संबंधी पहलकदमियां
a) स्वच्छ भारत मोबाइल एप्लीकेशन - “स्वच्छ भारत मोबाइल एप्लीकेशन” नागरिकों को विश्वसनीय व वांछित स्वास्थ्य संबंधी सूचनाएं प्रदान कर उन्हें सशक्त करेगा। यह एप्लीकेशन स्वस्थ जीवनशैली, बीमारियों की पूरी जानकारी, लक्षण, उपचार के विकल्प, प्राथमिक उपचार और जन स्वाथ्य चेतावनियों से अवगत कराएगा। यह एंड्रोयड आधारित मोबाइल एप्लीकेशन है जिसे 2.3 या अधिक वर्जन वाले एंड्रोयड ओएस में इंस्टॉल किया जा सकता है। जल्द ही यह एप्लीकेशन दूसरे प्लेटफॉर्मों के लिए भी जारी किया जाएगा।
b) एएनएम ऑनलाइन एप्लीकेशन (अनमोल) – अनमोल टेबलेट आधारित एप्लीकेशन है जो एएनएम को अपने दायरे में आने वाले लाभार्थियों से संबंधि आंकड़ों को अपडेट करने की सुविधा प्रदान करता है। स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा स्वयं आंकड़ों को इसमें फीड करने और उसमें बदलाव करने के विकल्प से आंकड़े त्वरित गति से अपडेट हो सकेंगे। यह एप्लीकेशन आधार से जुड़ा है ऐसे में कार्यकर्ता और लाभार्थी दोनों के रिकॉर्ड को प्रमाणित करने में मदद मिलेगा।
c) ई-रक्तकोष पहल – यह इंटिग्रेटेड ब्लड बैंक मैनेजमेंट इंफोर्मेशन सिस्टम है जिसे इसके सभी साझेदारों के साथ कई परामर्श के बाद तैयार किया गया है। वेब-आधारित यह तकनीकी प्लेटफॉर्म राज्य के सभी ब्लड बैंकों को एक साथ जोड़ देगा। इंटिग्रेटेड ब्लड बैंक एमआईएस रक्तदान व ट्रांसफ्यूजन सेवाओं से जुड़ी सूचनाओं तथा रक्त की उपलब्धता, मान्यता, भंडारण व अन्य तरह के आंकड़ों के प्रवाह को सुनिश्चित करेगा। इस व्यस्था से विविध तरह के आंकड़ों को सुस्पष्ट रिपोर्टों में तब्दील करने में मदद करेगा।
d) इंडिया फाइट डेंगू- 2016 में जारी यह एप्लीकेशन समुदाय के लोगों को डेंगू से लड़ने व उसकी रोकथाम के तरीकों के बारे में बताता है।
e) किलकारी, एक ऐसा एप्लीकेशन है जो गर्भावस्था की दूसरी तिमाही से शिशु की एक वर्ष की आयु तक, शिशु जन्म व शिशु की देखभाल से संबंधित उपयुक्त समय पर मुफ्त, साप्ताहिक, 72 ऑडियो संदेश परिवार के मोबाइल फोन पर उपलब्ध कराता है। इसे झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व मध्य प्रदेश तथा राजस्थान के उच्च प्राथमिकता वाले जिलों में शुरू किया गया है।
f) मोबाइल एकेडमी, आशा कार्यकर्ताओं के ज्ञान को विस्तारित व तरोताजा करने व उनकी संवाद कौशलता को निखारने के मकसद से तैयार किया गया ऑडियो प्रशिक्षण पाठ्यक्रम है। यह आशा कार्यकर्ताओं को उनके मोबाइल फोन के जरिये किफायती और प्रभावी तरीके से प्रशिक्षित करता है। इससे वह बिना कहीं गए अपनी सुविधा के अनुसार सुनकर सीख सकती हैं। इसे झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान व उत्तराखंड में शुरू किया गया है।
g) एम-सेसेशन उन लोगों के लिए है जो तंबाकू उत्पादों का सेवन छोड़ना चाहते हैं। यह उन्हें मोबाइल फोन के जरिये संदेश भेजकर इस दिशा में मदद करता है। यह पारंपरिक तरीकों से कहीं ज्यादा किफायती है। दुनिया में ऐसा पहली बार है जिसमें एम-स्वास्थ्य पहल के जरिये इस तरह की दो तरफा सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
h) राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल (एनएचपी) भारत के नागरिकों को स्वास्थ्य से जुड़ी सभी तरह की सूचनाएं एक ही प्लेटफॉर्म के जरिये पहुंचाने के लिए शुरू किया गया है।
i) ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम (ओआरएस): यह देशभर के विभिन्न अस्पतालों में आने वाले मरीजों को आधार पर आधारित ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने तथा अप्वाइंटमेंट देने की व्यवस्था है। हॉस्पिटल मैनेजमेंट इंफोर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) के जरिये अस्पताल के ओपीडी रजिस्ट्रेशन को डिजिटलाइज किया गया है। यह पोर्टल मरीजों को उनके आधार नंबर में दर्ज मोबाइल नंबर के आधार पर विभिन्न अस्पतालों के विभागों में निर्धारित भेंट के लिए अप्वाइंटमेंट देता है।
j) राष्ट्रीय ई-स्वास्थ्य प्राधिकरण (नेहा) स्वास्थ्य संबंधी सूचनाओं को एकीकृत करेगा। यह अस्पतालों के आईटी सिस्टम और जन स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच अनियोजन से आने वाली समस्या को दूर करने में मदद करेगा। यह मरीजों के स्वास्थ्य संबंधी सूचनाओं व आंकड़ों की सुरक्षा व निजता से संबंधित कानून व नियमन को लागू कराएगा। इसमें मरीज के इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य आंकड़े का प्रावधान होगा।
k) एम-डाइबिटिज पहल मोबाइल टेलीफोन के वृहद नेटवर्क की ताकत व क्षमता का लाभ उठाने के मकसद से शुरू किया गया। इसमें 011-22901701 नंबर पर मिस्ड कॉल करके डाइबिटिज से जुड़ी सूचनाएं, इसके रोकथाम व प्रबंधन के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। ज्यादा जानकारी के लिए वेबसाइट www.mdiabetes.nhp.gov.in से भी सूचनाएं ली जा सकती हैं।
12. रोग नियंत्रण
(a) तपेदिक · तपेदिक कार्यक्रम में 500 कैटरेज आधारित न्यूक्लिक एसिड एम्पलीफिकेशन टेस्ट (सीबीनैट) मशीनों को शामिल किया गया है। सीबीनैट मशीन माइक्रबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस का पता लगाने में परिवर्तनकारी है। यह टेस्ट पूरी तरह से स्वचलित है और दो घंटे के अंदर परिणाम मिल जाता है। यह बहुत ही संवेदनशील उपचारात्मक उपकरण है जिसे सुदूर या ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिना किसी विशेष ढांचे या प्रशिक्षण के इस्तेमाल किया जा सकता है। 2015 तक देश में 121 सीबीनैट केंद्र संचालित हो रहे हैं। इन 500 अतिरिक्त मशीनों से देश के सभी जिलों में प्रत्यक्ष या नमूना एकत्रित कर डीआर टीबी और टीबी का पता लगाने की गति तेज होगी।
· बीडाक्विलाइन को आरएनटीसीपी के हिस्से के तौर पर शुरू किया गया था। यह दवा एमडीआर-टीबी के इलाज के लिए नई तपेदिक रोधी दवा है। दवा का यह नया वर्ग डायरिलक्विनोलिन है जो माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस और अन्य माइक्रोबैक्टीरिया को ऊर्जा की आपूर्ति के लिए जरूरी एंजाइम, माइक्रोबैक्टीरियल एटीपी सिंथेज को विशेष रूप से निशाना बनाती है। बीडाक्विलिन का इस्तेमाल देश भर में छह विशेष तृतीयक देखभाल केंद्रों (टर्शरी केयर सेंटर) में शुरू किया जा रहा है। इन केंद्रों में प्रयोगशाला परीक्षण और रोगियों के गहन देखभाल के लिए उन्नत सुविधाएं उपलब्ध हैं। बीडाक्विलाइन उन मरीजों को दिया जाएगा जो बहु-दवा प्रतिरोधी टीबी के मरीज हैं। (b) एचआईवी/एड्स नियंत्रण एचआइवी से ग्रस्त लोगों के लिए तीसरी कतार के एआरटी कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस बीमारी की दवा का खर्च प्रति रोगी करीब 1.18 लाख रुपए सालाना आता है। इन्हें नि:शुल्क उपलब्ध कराकर न केवल जीवन सुरक्षित हो सकेगा, बल्कि रोगियों की सामाजिक आर्थिक स्थिति में भी सुधार आयेगा। इस पहल से भारत के एआरटी कार्यक्रम को विकसित देशों के कार्यक्रमों की बराबरी पर लाने में मदद मिलेगी। (c) संक्रामक बीमारियों का नियंत्रण (मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, कालाजार) 1. 11 फरवरी, 2016 को मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय संरचना की शुरुआत की गई। इस रणनीति के तहत निरोधक उपयों जैसे कि मच्छर पैदा होने वाली जगहों की रोकथाम, अभियांत्रिकी उपाय, छिड़काव, मच्छरदानी, रोग का त्वरित पता लगाना और संपूर्ण उपचार शामिल है। 2. मंत्रालय ने राज्यों को वेक्टर जनित रोगों के नियंत्रण व रोकथाम के लिए तकनीकी दिशानिर्देश उपलब्ध कराए हैं। इसे राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम की वेबसाइट www.nvbdcp.gov.in पर भी डाला गया है। 3. आईईसी/बीसीसी गतिविधियों के तहत राष्ट्रीय व राज्यों के स्तर पर संक्रामक बीमारियों के स्रोतों व व्यक्तिगत निवारक उपायों के बारे में मीडिया अभियान चलाया गया।7 अप्रैल, 2016 को उपभोक्ता अनुकूल डेंगू एप्लीकेशन इंडिया फाइट डेंगू शुरू किया गया। 4. 16 मई, 2016 को देशभर में राष्ट्रीय डेंगू दिवस के रूप में मनाया गया। ‘डेंगू नियंत्रण व रोकथाम में प्रभावी सामुदायिक भागीदारी के लिए योजना एवं रणनीति’ को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा किया गया और एनवीबीडीसीपी की वेबसाइट पर भी डाला गया है। 5. डेंगू नियंत्रण के लिए आशा कार्यकत्रियों को स्रोतों की सफाई गतिविधियों में शामिल किया गया। मंत्रालय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को वेक्टर जनित रोगों जिसमें की डेंगू भी शामिल है, के रोकथाम व नियंत्रण के लिए कोष प्रदान कर रहा है। 6. काला-जार को वर्ष 2017 तथा लम्फेटिक फिलेरिसिस को 2020 तक जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा गय है। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल व उत्तर प्रदेश के 625 प्रखंडों में से 502 में इस खत्म किया जा चुका है।
(d) गैर-संक्रामक रोग (एनसीडी) इस कार्यक्रम का लक्ष्य साधारण एनसीडी का शीघ्र उपचार व प्रबंधन प्रदान करना, अलग-अलग स्तरों पर इस तरह के रोगों के उपचार, रोकथाम के लिए स्वास्थ्य उपायों की क्षमता का विकास करना शामिल है। · कैंसर, मधुमेह, ह्रद्य संबंधी रोग व घात के नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत 356 जिलों में एनसीडी ईकाई व एनसीडी क्लिनिक स्थापित किए गए हैं। · 103 कार्डिक केयर यूनिट, 71 डे केयर सेंटर और 1871 सीएचसी स्तर के एनसीडी क्लिनिक स्थापित किए जा रहै हैं। · टेरीटरी केयर कैंसर सेंटर (टीसीसीसी) योजना में 20 राज्यस्तरी कैंसर संस्थान (एससीआई) और 50 टीसीसीसी परिकल्पित हैं। · अभी तक पांच (10) टीसीसीसी और छह (10) एससीआई को इस योजना के तहत आर्थिक रूप से मदद दी गई है। · आयुष सुविधाओं व उपायों तथा योग को एनपीसीडीसीएस सेवाओं के साथ जोड़ा गया है। · मधुमेह में योग के प्रभाव को दस्तावेजित करने के लिए वैज्ञानिक अध्ययन शुरू किया गया है। (ए-व्यास विश्वविद्यालय व एचएलएल)
13. अस्पतालों को बढ़ावा
(a) प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) पीएमएसएसवाई का लक्ष्य सस्ती/विश्वसनीय क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में क्षेत्रीय असमानताओं का पाटना और देश में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा के लिए सुविधाओं का विस्तार करना है। 1. तीसरे चरण में 39 जीएमसी के लिए डीपीआर को मंजूरी मिल गई है। सिविल कार्य के लिए मानक निविदा दस्तावेज, परियोजना प्रबंधन के लिए मानक संविदा समझौता व निगरानी परामर्श सेवाओं को मंजूरी मिल गई है। कार्यकारी एजेंसियों यथा, एचएससीसी (आई) व एचआईटीईएस तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए हैं। सीपीडब्ल्यूडी और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच भी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए हैं। 2. 38 जीएमसी के लिए निविदाएं संबंधित कार्यकारी एजेंसियों द्वारा जारी किए गए हैं। 3. 33 जीएमसी के सिविल कार्य के लिए निविदाएं आवंटित की जा चुकी हैं। 4. 19 में से 12 राज्य सरकारों व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए हैं। 5. सिविल कार्य के लिए कार्यकारी एजेंसियों को परियोजना मद में 398.6695 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। 6. माननीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री द्वारा असम मेडिकल कॉलेज, डिब्रूगढ़, गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज, गुवाहाटी असम, राजकीय टीडी मेडिकल कॉलेज, अल्पुझा, केरल, गजरा राजा मेडिकल कॉलेज, ग्वालियर, मध्यप्रदेश, श्याम शाहा मेडिकल कॉलेज, रीवा, बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, जबलपुर की आधारशिला रखी गई है। एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज, मेरठ व एमएलबी मेडिकल कॉलेज झांसी तथा एमएलएल मेडिकल कॉलेज इलाहाबाद की आधार शिला। 7. तीसरे चरण में अपग्रेडेशन के काम की प्रगति समीक्षा के लिए कार्य समिति गठित की गई है। 8. पीएमएसएसवाई के तहत चौथे चरण में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में नए एम्स को मंत्रीमंडल ने मंजूरी दे दी है। 9. पीएमएसएसवाई के तहत चौथे चरण में पंजाब के बठिंडा में नए एम्स को मंत्रीमंडल ने मंजूरी दे दी है। 10. पीएमएसएसवाई के तहत चौथे चरण में मंत्रीमंडल ने 13 राजकीय मेडिकल कॉलेज के अपग्रेडेशन को मंजूरी दी है।
14. चिकित्सा शिक्षा
(a) केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना के तहत 12 राज्यों को जिला/रेफेरल अस्पतालों से जुड़े नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए 400 करोड़ रुपये जारी किए गए। (b) 4 राज्यों को केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना के तहत राज्य के मेडिकल कॉलेजों में पीजी की सीटों में बढ़ोतरी के लिए केंद्रीय सहयोग के रूप में 10 करोड़ रुपये दिए गए। (c) अकादमिक सत्र 2016-17 में 7 नए मेडिकल कॉलेज (कुल 1050 सीट) स्थापित करने का अनुमति पत्र जारी हुआ। (d) अकादमिक सत्र 2016-17 में 2 मौजूदा मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 100 सीटे बढ़ाने के लिए अनुमति पत्र जारी हुआ। (e) अकादमिक सत्र 2016-17 के लिए 7 मौजूदा मेडिकल कॉलेजों (कुल 700 सीट) के अनुमति पत्र का नवीनीकरण। (f) 12 मेडिकल कॉलेजों को मान्यता देने के लिए अनुमति पत्र जारी हुआ। (g) अकादमिक सत्र 2016-17 में बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश पूरा करने की समय अवधि को बढ़ाकर 7 अक्टूबर, 2016 किया गया ताकि देश में बीडीएस की सीटों को भरा जा सके। (h) वर्ष 2016-17 के लिए विभिन्न लाभार्थी राज्य/केंद्रशासित/सरकारी विभागों के लिए केंद्रीय पूल से 236 एमबीबीएस व 38 बीडीएस सीटे आवंटित करने का आदेश जारी किया गया। (i) आईएमए अधिनियम, 1956 के तहत 98 पीजी मेडिकल कोर्सों को मान्यता दी गई। (j) आईएमए अधिनियम, 1956 के तहत 9 एमडीएस कोर्स व 6 बीडीएस कोर्स को मान्यता दी गई। (k) अकादमिक सत्र 2016-17 के लिए 17 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए अनुमति पत्र जारी किया गया। इसमें से 12 सरकारी व 5 निजी क्षेत्र के कॉलेज हैं। इनकी क्षमता 2150 एमबीबीएस सीट है। (l) अकादमिक सत्र 2016-17 के लिए 8 मेडिकल कॉलेजों को 595 एमबीबीएस सीट बढ़ाने के लिए के अनुमति पत्र जारी किया गया। (m) अकादमिक सत्र 2016-17 के लिए 40 सुपर-स्पेश्यिलटी सीटों को बढ़ाने के लिए अनुमति पत्र जारी किया गया। (n) राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड के नियम व नियामक के नियम 6 (i) के तहत राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड की प्रबंधकीय निकाय का गठन किया गया। (o) 17 राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों को केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना के तहत जिला/रेफरेल अस्पतालों से जुड़े नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए 445 करोड़ रुपये जारी किए गए। (p) केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना के तहत 8 राज्यों के 22 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटें बढ़ाने के लिए 110 करोड़ रुपये जारी किए गए।
(q) राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) माननीय उच्चतम न्यायालय ने 28 अप्रैल, 2016 व 9 मई, 2016 को संकल्प चेरिटेबल ट्रस्ट व अन्य द्वारा दायर एक रिट पीटिशन नं. 261/2016 की सुनवाई के बाद एनईईटी (यूजी) को तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश दिया है। इसके लिए लाये गए अध्यादेश का उद्देश्य मेडिकल/दंत कॉलेजों में स्नातक व परा स्नातक में प्रवेश के लिए एक समान प्रवेश परीक्षा को संवैधानिक दर्जा प्रदान करना है। साथ ही राज्यों को उनके तकलीफों को ध्यान में रखते हुए केवल स्नातक की प्रवेश परीक्षा इस वर्ष (2016-17) उन्हें कराने की छूट दी गई है। अगले वर्ष से राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-यूजी देशभर में हिंदी व अंग्रेजी के अलावा 6 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित की जाएगी। इस दिशा में सीबीएसई को 8 दिसंबर को दिशानिर्देश भेजे गए और अगले साल आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा की तैयारी पहले ही शुरू हो चुकी है। सीबीएसई ने 2016 में नीट-यूजी का सफलतापूर्वक आयोजन किया। 2017 में आयोजित होने वाली परीक्षा के लिए सीबीएसई ने बड़े पैमाने पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए मानदंड पहले ही उसे बताये जा चुके हैं। आगे यथा 2018 से होने वाली नीट-यूजी परीक्षाओं के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों से भी परामर्श किया जाएगा।
15. राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना (एनएचपीएस)
भारत सरकार ने एक नई स्वास्थ्य बीमा योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (एनएचपीएस) लाने का प्रस्ताव किया है जिसमें गरीब व आर्थिक रूप से कमजोर परिवार को 1.0 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर दिया जाना परिकल्पित है। 60 साल से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों के लिए इसमें 30,000 रुपये की राशि अतिरिक्त होगी। वरिष्ठ नागरिक वाला घटक 01.04.2016 से लागू होगा।
16. अंग दान भारत सरकार ने मानव अंग और कोशिका प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 के प्रावधानों के अनुरूप मानवसंसाधन को प्रशिक्षित करने व मृतक लोगों के अंगदान को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय अंग दान कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत, सफदरगंज अस्पताल, नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय संगठन राष्ट्रीय अंग व ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) स्थापित किया गया है। यह राष्ट्रीय स्तर पर नेवर्किंग और अंग व ऊतक दान के लिए ऑनलाइन वितरण की व्यवस्था करेगा, साथ ही मृतक लोगों का अंग व ऊतक दान करने के लिए भी लोगों को प्रोत्साहित करेगा। · सरकार ने अंग दान से संबंधित कानून/नियमों को सरलीकृत करने के लिए कई सारे कदम उठाए हैं जिसमें राष्ट्रीय अंग व ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) की वेबसाइट (www.notto.nic.in) अंग दान के लिए अद्यतन जानकारी व प्रतिज्ञाओं के पंजीकरण की सुविधा प्रदान करती है। · अंग दान के बारे में जानकारी प्रदान करने और मतृक से अंगदान के वितरण व अन्य संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर (1800114770) के साथ एक 24x7 कॉल सेंटर भी स्थापित किया गया है। · राष्ट्रीय अंग व ऊतक दान तथा प्रत्यारोपण पंजीकरण (एनओटीटीआर) भी शुरू किया गया है। एनओटीटीआर अंग या ऊतक चाहने वाले मरीजों की एक राष्ट्रीय प्रतिक्षा सूची तैयार करेगा। · प्रत्यारोपण अस्पतालों की नेटवर्किंग को सर्वप्रथम दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में शुरू किया गया। क्षेत्रीय स्तर के पांच संगठन जिसे क्षेत्रीय अंग व ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (आरओटीटीओ) कहा जाता है को तमिलनाडु, महाराष्ट्र, असम, पश्चिम बंगाल व चंडीगढ़ में चिन्हित किया गया है। ये संगठन क्षेत्रीय स्तर पर अंगों के वितरण व सरकारी उपलब्धता की नेटवर्किंग व समायोजन करेंगे। राष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम का दिशानिर्देश जारी किया जा चुका है। · गुर्दा, लीवर, दिल व फेफड़े तथा कॉर्निया के आवंटन संबंधी नीति व नियमावली को स्वीकृत किया गया है। विभिन्न अंगों के लिए मानकीकृत ऑपरेशन प्रक्रिया को भी स्वीकृत कर एनओटीटीओ की वेबसाइट पर डाला गया है। · एक लाख से ज्यादा लोगों से अंग दान की प्रतिज्ञा प्राप्त हुई है।
17. तंबाकू नियंत्रण पर डब्ल्यूएचओ संरचना सम्मेलन (एफसीटीसी) का सातवां सत्र
भारत ने नवंबर 2016 में तंबाकू नियंत्रण पर डब्ल्यूएचओ संरचना सम्मेलन के सातवें सत्र का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस सम्मेलन के दौरान संबंधित पक्षों ने सम्मेलन की प्रतिज्ञाओं जिसमें जनस्वास्थ्य संधि व लक्ष्य 2030 के लिए तहत निरंतर विकास संबंधी को दोहराया। इसमें लक्ष्य 3 पर विशेष जोर दिया गया जिसमें सभी आयुवर्गों के लिए स्वस्थ जीवन व जीवनशैली को बढ़ावा दिया जाना है। सम्मेलन को बेहतर तरीके से लागू कराने के लिए इसमें डब्ल्यूएचओ व अन्य साझेदारों के उन निरंतर शोध व अध्ययनों के महत्व पर जोर दिया गया जिसमें तंबाकू इस्तेमाल के सामाजिक व आर्थिक पहलुओं, इसे बढ़ाने वाले कारकों व नियंत्रण की रणनीतियों की चर्चा है। स्वास्थ्य सचिव श्री सी के मिश्रा को अगले दो साल के लिए सीओपी ब्यूरो का अध्यक्ष चुना गया है।
18. 6वीं ब्रिक्स देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक नई दिल्ली में 16 दिसंबर, 2016 को ब्रिक्स देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की 6वीं बैठक आयोजित हुई। इसमें संघीय गणराज्य ब्राजील, रूसी संघ, भारतीय गणराज्य, लोक गणराज्य चीन व दक्षिण अफ्रीकी गणराज्य के स्वास्थ्य मंत्री शामिल हुए। बैठक में मंत्रियों ने, अक्टूबर, 2016 में गोवा घोषणापत्र में ब्रिक्स देशों के नेताओं द्वारा स्वास्थ्य विषय पर की गई प्रतिज्ञाओं का संज्ञान लिया। ब्रिक्स के पहले सम्मेलन से अब तक की प्रगति और “स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग के लिए रणनीतिक परियोजना संबंधी ब्रिक्स संरचना” तथा तकनीकी कार्य समूह के जरिये स्वास्थ्य के क्षेत्र में निरंतर सहयोग व समाधान का भी संज्ञान लिया। मंत्रियों ने नवंबर, 2016 में गोवा, भारत में हुई औषधी व चिकित्सा उपकरणों पर ब्रिक्स कार्यशाला की सिफारिशों का भी स्वागत किया, जिसमें नियामक मानकों में सुधार, मेडिकल उत्पादों के प्रमाणन व व्यवस्था के संबंध में एक सहमति पर पहुंचने की जरूरत भी बताई गई है। वे लोग नियामक व्यवस्था को सुदृढ़ करने, सूचनाओं के आदान-प्रदान, अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति में उचित नियामक नजरिया और नवोन्वेषी चिकित्सा उत्पादों (दवा, टीका व चिकित्सा तकनीक) के क्षेत्र में शोध को प्रोत्साहन व विकास पर सिफारिशें देने के लिए एक कार्यसमिति गठित करने पर भी सहमत हुए। मंत्रियों ने ब्रिक्स टीबी सहयोग योजना को अपनाया, साथ ही नवंबर, 2016 में अहमदाबाद में एचआईवी व तपेदिक पर आयोजित ब्रिक्स कार्यशाला की सिफारिशों का भी समर्थन किया। मंत्री, तपेदिकपर शोध के लिए ब्रिक्स नेटवर्क तथा तपेदिक, एचआईवी, मलेरिया पर शोध एवं विकास संकाय गठित करने पर सहमत हुए। मंत्रियों ने, मास्को में 2017 में होने वाले तपेदिक से लड़ाई पर वैश्विक मंत्रीस्तरी सम्मेलन का समर्थन करने व 2018 में संयुक्त राष्ट्र संघ मुख्यालय में होने वाले उच्चस्तरीय बैठक का समर्थन किया।
19. जैव चिकित्सा उपकरण प्रबंधन व रखरखाव कार्यक्रम (बीएमएमपी): सभी जैव चिकित्सा उपकरणों की कार्यक्षमता स्थिति सहित माल सूची बनाने के कार्य के लिए एक व्यापक प्रक्रिया चलाई गई। यह प्रक्रिया 29 राज्यों में सफलता पूर्वक संपन्न हुई जिसके परिणामस्वरूप 29,115 स्वास्थ्य सुविधाओं में 7,56,750 उपकरणों की पहचान हुई, जिनका मूल्य लगभग 4564 रुपये करोड़ रुपए आंका जा रहा है। यह भी पाया गया है कि 13% से 34% के दायरे में यह उपकरण सभी राज्यों में अप्रयुक्त स्थिति में पाए गए। ऐसे अप्रयुक्त उपकरणों की लागत लगभग 1015.74 करोड़ रुपये है। मंत्रालय ने उपकरणों के अपटाइम से जुड़े जैव चिकित्सा उपकरण प्रबंधन और रखरखाव कार्यक्रम (बीएमएमपी) पर आरपीएफ के साथ व्यापक दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। बीएमएमपी के अधीन सभी सुविधाओं से संबंधित समस्त उपकरणों के लिए चिकित्सा उपकरण रखरखाव को आउटसोर्स करने के लिए राज्य सरकारो को सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। माल सूची मैपिंग के लिए संबंधित राज्यों हेतु रखरखाव, ठेके देने के लिए आरपीएफ/ निविदाएं निकाली गई थीं। परिणामस्वरुप ग्यारह राज्यों- आंध्र प्रदेश, केरल, राजस्थान, मिजोरम, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, सिक्किम, मध्य प्रदेश, पंजाब, झारखंड और पुडुचेरी ने चिकित्सा उपकरणों के रखरखाव को आउटसोर्स कर दिया है। तीन राज्यों (त्रिपुरा, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश) में अपनी निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली है और वे कार्यक्रम के कार्यान्वयन चरण में हैं। पांच राज्यों - उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, गुजरात ने आरएफपी जारी किया हैं और निविदाओं को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं। अन्य राज्यों को अभी आरपीएफ जारी करने हैं। ऐसे 12 राज्य जहां कार्य आदेश जारी किए गए हैं, 378.11 करोड़ रुपये के बेकार उपकरण कार्य आदेश जारी होने के 4 महीनों में कार्य करने लगे हैं। 3 से 4 महीने के अन्तराल में अनुप्रयुक्ता दर में भी लगभग 25 प्रतिशत की कटौती हुई है। *** |
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तमिलनाडु के उदय के तहत आने के बाद कुल 90 प्रतिशत से अधिक डिस्कॉम ऋण वाले राज्यों को उदय के तहत लाया जाएगा: श्री पीयूष गोयल |
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'उदय' वेब पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन की शुरूआत उदय क्लब में 20 राज्य शामिल हुए, असम और तेलंगाना ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए तेलंगाना को 6116 करोड़ रुपए और असम को कुल मिलाकर लगभग 1663 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ विद्युत, कोयला, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा और खान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल ने आज उज्ज्वल डिस्कॉम एश्युरेंस योजना (उदय) वेब पोर्टल एंड मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया। यह उदय योजना के तहत परिचालन और वित्तीय मानकों पर डिस्कॉम कंपनियों की प्रगति की निगरानी करेगा। 'डिजिटल इंडिया पहल' का एक महत्वपूर्ण भाग पोर्टल ऐप पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा और विभिन्न हितधारकों की जवाबदेही बढ़ाएगा और इसके अलावा उनके लिए बेहतर सेवाओं की मांग और उपभोक्ताओं को अपने लिए बेहतर सेवाओं की मांग करने में समर्थ बनाने के साथ-साथ वास्तविक प्रगति जानने में भी मदद करेगा। उदय पोर्टल ऐप का ब्यौरा देते हुए श्री गोयल ने बताया कि यह विभिन्न डिस्कॉम द्वारा पिछले महीने/तिमाही में की गई नवीनतम प्रगति का विवरण उपलब्ध कराएगा। डिस्कॉम लेवल डाटा को राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर में एकीकृत किया जाएगा, जो प्रोसेस के बाद उन्नत कार्य निष्पादन विश्लेषण में प्रयुक्त किया जाएगा। राष्ट्रीय, राज्य और डिस्कॉम स्तर डैशबोर्ड इस प्रकार सार्वजनिक क्षेत्र में नवीनतम वित्तीय और परिचालन प्रदर्शन की जानकारी उपलब्ध कराएंगे। श्री गोयल ने कहा कि यह पोर्टल/ऐप विभिन्न राज्यों द्वारा हस्ताक्षर किए गए समझौता ज्ञापन की तार्किक अनुवर्ती कार्यवाही है, जो न केवल केन्द्रीय मंत्रालय स्तर पर डिस्कॉम द्वारा की गई प्रगति की निगरानी करने में समर्थ बनाएगा, बल्कि डिस्कॉम के कार्य प्रदर्शन में सुधार के लिए भविष्य की योजनाओं को बनाने में भी सहायता करेगा। यह पहली बार होगा जब विभिन्न विद्युत वितरण कंपनियों के कार्य प्रदर्शन का विवरण एक मंच पर ही उपलब्ध होगा, जिससे डिस्कॉम/राज्यों में एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा। वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप की शुभारंभ के साथ पारदर्शिता और जवाबदेही की शुरूआत की प्रशंसा करते हुए श्री गोयल ने कहा की सार्वजनिक कार्यक्रमों और योजनाओं का कार्यान्वयन एक नागरिक प्रक्रिया बन गया है, क्योंकि इन पोर्टलों और ऐप में सभी जानकारियों को जांच के लिए सार्वजनिक क्षेत्र में रख दिया गया है। राज्यों में उदय की उपलब्धियों का उदाहरण देते हुए उन्होंने राजस्थान डिस्कॉम का हवाला देते हुए बताया कि दो साल से भी कम अवधि में 15000 करोड़ रुपए की वार्षिक हानि जल्दी ही लाभ में बदल जाएगी। उन्होंने हरियाणा की प्रगति का भी उल्लेख किया, जहां एक उदाहरण के रूप में पंचकुला के 173 गांवों में 24 घंटे बिजली प्राप्त हो रही है। उन्होंने मंत्रालय के अधिकारियों को प्रोत्साहित करते हुए नवाचार रूप से सोचने और उदय के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाले राज्यों के लिए प्रदर्शन आधारित पुरुस्कार के साथ आगे आने के लिए कहा। उन्होंने विभिन्न योजनाओं की जमीनी स्तर की उपलब्धियों की जानकारी प्राप्त करने के लिए सिटीजन पोल शुरू करने के बारे में भी बातचीत की। आयोजन के दौरान तेलंगाना और असम अपने-अपने डिस्कॉम की वित्तीय और परिचालन प्रगति के लिए विद्युत मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करके उदय में शामिल हो गए है। इससे उदय क्लब में सदस्यों की संख्या 20 हो गई है। तमिलनाडु के बाद कुल 90 प्रतिशत से अधिक डिस्कॉम ऋण वाले राज्यों को उदय के तहत लाया जाएगा। तेलंगाना सरकार कुल 11897 करोड़ रुपए के डिस्कॉम ऋण के 8923 करोड़ रुपए का अधिग्रहण करेंगी, जबकि असम 1510 करोड़ रुपए के डिस्कॉम ऋण के 928 करोड़ रुपए का अधिग्रहण करेंगी और बकाया ऋण को राज्य गारंटी वाले डिस्कॉम बांड के रूप में पुनः मूल्यांकित जारी किया जाएगा। इससे तेलंगाना और असम को ब्याज के रूप में क्रमशः 387 करोड़ और 37 करोड़ रुपए की वार्षिक बचत होगी। तेलंगाना को एटी एंड सी हानि और पारेषण हानियों में क्रमशः 9.95 प्रतिशत और 3 प्रतिशत की कटौती होने से 1476 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा, जबकि असम को लगभग 899 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। इन राज्यो को उदय में मांग पक्ष के प्रयासों के माध्यम से क्रमशः 1200 और 260 करोड़ रुपए का लाभ होने की उम्मीद है। इन राज्यों को विभिन्न कोयला सुधार प्रयासों के माध्यम से केन्द्र द्वारा दी जा रही सहायता के कारण क्रमशः 2250 करोड़ रुपए और 520 करोड़ रुपए का लाभ होने की भी उम्मीद है। तेलंगाना और असम को उदय के तहत क्रमशः 6116 करोड़ रुपए और 1663 करोड़ रुपए का कुल निवल लाभ भी प्राप्त होगा। इस आयोजन में विद्युत सचिव, श्री पी. के. पुजारी, एमएनआरई सचिव, श्री राजीव कपूर, विशेष सचिव विद्युत और अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आरईसी लिमिटेड, श्री बी.पी. पांडे, विशेष मुख्य सचिव ऊर्जा, तेलंगाना सरकार, श्री अजय मिश्रा, विद्युत सचिव, असम सरकार, जरीन रहमान अहमद और विद्युत मंत्रालय तथा मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारी, उदय राज्यों के राज्य विद्युत सचिव भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे। *** |
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केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के सभी वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व विचार-विमर्श किया |
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काले धन का पता लगाने के लिए हाल में केन्द्र सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों से भ्रष्टाचार को रोकने और भारतीय अर्थव्यवस्था को और अधिक पारदर्शी, स्वच्छ तथा कुशल बनाने के लिए राज्यों से भारत को उच्च विकास के पथ पर ले जाने के लिए मिलकर काम करने को कहा
केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा है कि काले धन का पता लगाने के लिए हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों से भ्रष्टाचार को रोकने और भारतीय अर्थव्यवस्था को और अधिक पारदर्शी, स्वच्छ तथा कुशल बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था कठिन दौर से गुजर रही है, जो काफी नाजुक है। हालांकि वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के मामले में स्थूल और सूक्ष्म संकेतक काफी मजबूत है और भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने में सक्षम है। वित्त मंत्री ने राज्यों से अपील की कि हाल ही में केन्द्र सरकार की ओर से प्रांरभ किये गये सुधारों को आगे बढ़ाते हुए भारत को उच्च विकास के पथ पर आगे ले जाने में मिलकर कार्य करें। वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने यह विचार सभी राज्यों और संघशासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों से बजट पूर्व वार्ता के दौरान व्यक्त किए। विचार-विमर्श के समापन पर वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को विश्वास दिलाया कि बैठक के दौरान उनके द्वारा दिए गए सुझावों और प्रस्तुत किये लिखित ज्ञापनों की विधिवत समीक्षा की जाएगी और संविधान में प्रतिष्ठापित संघवाद की भावना को ध्यान में रखते हुए 2017-18 के बजट प्रस्तावों के अंग के रूप में उपयुक्त सुझावों/लिखित ज्ञापनों पर विचार किया जाएगा।
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वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने केन्द्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों में कैशलेस लेन-देन और ई-भुगतान के लिए मोबाइल बैंकिंग/ई-बैंकिंग प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने हेतु अनेक कदम उठाए हैं |
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‘सीपीजीआरएएमएस’ के तहत 4508 शिकायतों में से 4475 का सफलतापूर्वक निपटारा किया गया
व्यय विभाग ने सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) को सरल एवं मजबूत बनाने हेतु चालू वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान अनेक कदम उठाए हैं
चालू वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग (डीओई) के प्रमुख सुधार, नीतिगत कदम एवं उपलब्धियां निम्नलिखित रहीं-
सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस): सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) एक वेब आधारित ऑनलाइन सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है, जिसे एनआईसी के तकनीकी सहयोग से महालेखा नियंत्रक (सीजीए) के कार्यालय द्वारा विकसित एवं क्रियान्वित किया गया है। पीएफएमएस का मुख्य उद्देश्य एक बेहतर कोष प्रवाह प्रणाली के साथ-साथ एक भुगतान सह लेखांकन नेटवर्क की स्थापना कर भारत सरकार के लिए एक मजबूत सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली का मार्ग प्रशस्त करना है। भारत सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के एक हिस्से के रूप में पीएफएमएस विभिन्न हितधारकों को वास्तविक समय पर एक विश्वसनीय एवं सार्थक प्रबंधन सूचना प्रणाली और एक कारगर निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस) मुहैया कराती है। पीएफएमएस की सबसे बड़ी खासियत देश के बैंकिंग नेटवर्क के साथ इसका एकीकरण करना है। इसके परिणामस्वरूप पीएफएमएस में एक अनोखी क्षमता है जिसकी बदौलत वह देशभर में किसी भी बैंक में खाता रखने वाले लगभग सभी लाभार्थियों/वेंडरों को ऑनलाइन भुगतान कर सकता है। पीएफएमएस के तहत उपलब्धियां- · अब तक लगभग 18 लाख क्रियान्वयनकारी एजेंसियों को पीएफएमएस पर पंजीकृत किया जा चुका है (30 नवंबर, 2016 तक)। · पीएफएमएस में पंजीकृत लाभार्थियों के बैंक खातों की कुल संख्या 19.07 करोड़ है (30 नवंबर, 2016 तक)। · कुल केन्द्रीय डीबीटी भुगतान 37 योजनाओं के लिए 33417.36 करोड़ रुपये के 26.52 करोड़ लेन-देन हेतु किया गया है (वर्ष 2016-17 में 30 नवंबर तक)। · कुल राज्य स्तरीय डीबीटी भुगतान 27 योजनाओं के लिए 4363.28 करोड़ रुपये के 2.88 करोड़ लेन-देन हेतु किया गया है। (वर्ष 2016-17 में 30 नवंबर तक)। आंतरिक ऑडिट के तहत नये कदम/उपलब्धियां · महालेखा नियंत्रक (सीजीए) ने आतंरिक ऑडिट से जड़े कार्यों के मार्ग दर्शन के लिए जेनरिक आतंरिक ऑडिट नियमावली के रूप में एक जोखिम आधारित नियंत्रण रूपरेखा विकसित की है। इस नियमावली में न केवल आतंरिक ऑडिट कार्यों से जुड़ी जटिलताओं के बारे में विस्तार से बताया गया है, बल्कि इसके तहत ऑडिट प्रक्रिया, टेम्पलेट्स और दिशा-निर्देशों को उपलब्ध कराते हुए समूची प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाया गया है। · इंस्टीट्यूट ऑफ द इंटरनल ऑडिटर्स (आईआईए) इंडिया के सहयोग से जेनरिक आतंरिक ऑडिट नियमावली के दूसरे संस्करण को विकसित करने का कार्य भी नवंबर 2016 में शुरू हो गया है। इंटरनेशनल प्रोफेशनल प्रैक्टिसेज फ्रेमवर्क (आईपीपीएफ) के मुताबिक संशोधित जेनरिक आतंरिक ऑडिट नियमावली विकसित की जाएगी। संशोधित संस्करण में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा की गई सिफारिशों को भी शामिल किया जाएगा, ताकि भारत सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों एवं योजनाओं के जेंडर ऑडिट से संबंधित दिशा-निर्देशों को भी इसमें समाहित किया जा सके। · वर्ष 2015-16 के लिये सिविल मंत्रालयों/विभागों में संगठन की फील्ड इकाइयों द्वारा किये गये आंतरिक ऑडिट की वार्षिक समीक्षा वित्त मंत्रालय को पेश की जा चुकी है। वित्तीय प्रभावो के आधार पर ऑडिट से जुड़े निष्कर्षों को निर्धारित किया गया है और इसमें निम्नलिखित श्रेणियों के तहत 85392.20 करोड़ रुपये की राशि शामिल है-
व्यय विभाग (डीओई) की अन्य उपलब्धियां – 1. भविष्य पोर्टलः संबद्ध/अधीनस्थ कार्यालयों के साथ-साथ इस विभाग ने भी भविष्य पोर्टल के जरिये पेंशन मामलों की प्रोसेसिंग का काम शुरू कर दिया है। 2. पीजीआरएएमएसः केन्द्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) को इस विभाग में प्रभावशाली ढंग से क्रियान्वित किया गया है और अब तक 4508 शिकायतों में से 4475 शिकायतों का सफलतापूर्वक निपटारा किया गया है। इसके अलावा, सीपीजीआरएएमएस पर प्रदर्शन हेतु वर्ष 2016 की दूसरी तिमाही के लिए श्रेणी बी में प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) की ओर से मान्यता प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए व्यय विभाग का चयन किया गया है। 3. स्वच्छ अभियान: इस विभाग ने नवंबर, 2016 के दौरान 15 दिनों की अवधि के लिए ‘स्वच्छता अभियान पखवाड़ा’ मनाया है और स्वच्छता के लिए विभिन्न गतिविधियां शुरू की हैं। इसके अलावा विभाग ने एक निबंध लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित की, जिसका विषय था ‘अधिकारियों एवं कर्मचारियों के व्यवहार में बदलाव लाकर कार्यस्थल को किस तरह से साफ और स्वच्छ रखें’। 4. नोटबंदी पर कार्यशाला: व्यय विभाग ने वित्त मंत्रालय के कर्मचारियों/अधिकारियों के लिए मोबाइल बैंकिंग/ई-बैंकिंग के उपयोग पर 28 नवम्बर, 2016 को कार्यशाला आयोजित की, जिसमें एसबीआई,पीएनबी और आरबीआई के प्रतिनिधियों ने कैशलेस लेन-देन के लिए मोबाइल बैंकिंग/ई-बैंकिंग प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में प्रस्तुतियां दीं। इस कार्यशाला में वित्त मंत्री के साथ-साथ वित्त मंत्रालय के सभी विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों ने भी भाग लिया। 5. ई-ऑफिस का क्रियान्वयन: इस विभाग ने चरणबद्ध ढंग से मिशन मोड वाली एक परियोजना ‘ई-ऑफिस’का क्रियान्वयन शुरू कर दिया है और इसे संबद्ध/अधीनस्थ कार्यालयों में भी क्रियान्वित किया जा रहा है। वेब आधारित ऑडिट पैरा मॉनीटरिंग सिस्टम (एपीएमएस) सार्वजनिक लेखा समिति (पीएसी) की सिफारिशों पर ऑडिट पैरा मॉनीटरिंग सिस्टम (एपीएमएस) को क्रियान्वित किया गया है, ताकि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सी एंड एजी) के विभिन्न पैराग्राफों के कार्रवाई नोटों (एटीएन) के विभिन्न चरणों में लम्बित रहने की कम्प्यूटरीकृत निगरानी की जा सके। इस एप्लिकेशन से एटीएन की प्रस्तुति/पुनरीक्षण में आसानी होती है, क्योंकि इसके तहत प्रत्येक चरण में पोर्टल पर इनको अपलोड किया जाता है। मुख्य सलाहकार लागत (सीएसी) का कार्यालय यह मंत्रालयों और सरकारी उपक्रमों को कॉस्ट एकाउंट से जुड़े मसलों पर सलाह देता है। यह इनकी ओर से लागत संबंधी जांच का काम भी करती है। यह एक पेशेवर संस्था है जिसमें कॉस्ट एकाउंटेंट/चार्टर्ड एकाउंटेंट काम करते हैं। मुख्य सलाहकार लागत (सीएसी) के कार्यालय द्वारा नवंबर, 2016 तक कुल मिलाकर 8556 अध्ययनों/रिपोर्टों को पूरा किया गया, जिनमें से 52 रिपोर्टों को वर्ष 2016 के दौरान (30 नवंबर तक) पूरा किया गया था। वर्ष के दौरान अध्ययन विभिन्न विषयों पर पूरे किए गए थे और इन्हें मोटे तौर पर निम्नलिखित शीर्षकों में वर्गीकृत किया जा सकता है: (i) प्रणालीगत अध्ययन वर्ष 2011-12 और वर्ष 2013-14 के लिए आगरा स्थित हाइड्रोजन फैक्टरी में उत्पादित हाइड्रोजन गैस के बिक्री मूल्य के संबंध में ओवरहेड रेट तय करना। (ii) ऐसे उत्पादों/सेवाओं के उचित बिक्री मूल्य तय करना जिनमें सरकार/सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम उत्पादक/सेवाप्रदाता के साथ-साथ उपयोगकर्ता भी हैं (क) वर्ष 2016-17 के लिए अफीम खरीद का उचित मूल्य तय करना (ख) वर्ष 2010-11 के दौरान डब्ल्यूडीओ द्वारा आपूर्ति की गई बेड दरियों के उचित मूल्य तय करना (ग) वर्ष 2010-11 के दौरान डब्ल्यूडीओ द्वारा आपूर्ति किए गए बैरक कंबल के उचित मूल्य तय करना
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पुलिस के लिए आईपीआर प्रवर्तन टूलकिट और बच्चों हेतु आईपीआर जागरूकता अभियान का शुभारंभ |
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वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज पुलिस के लिए आईपीआर प्रवर्तन टूलकिट का शुभारंभ किया। इस टूलकिट को संयुक्त रूप से आईपीआर संवर्धन और प्रबंधन प्रकोष्ठ (सीआईपीएएम) तथा भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) द्वारा तैयार किया गया है। यह टूलकिट देश भर के पुलिस अधिकारियों के लिए खासतौर पर ट्रेडमार्क जालसाजी और कॉपीराइट चोरी जैसे आईपी अपराधों से निपटने में प्रभावी साधन सिद्ध होगी। विभिन्न कानूनों के अंतर्गत अपराधों के विवरण के अलावा यह शिकायत दर्ज करने के लिए और जांच एवं जब्ती हेतु एक सूची भी प्रदान करती है। यह आईपी अपराधों के मामले में जब्ती और जांच करने के लिए सामान्य दिशा-निर्देश भी प्रदान करती है। यह टूलकिट देश भर के सभी राज्य पुलिस विभागों को प्रदान की जाएगी और यह उन्हें ट्रेडमार्क तथा कॉपीराइट उल्लंघन से संबंधित मामलों से निपटने में मदद प्रदान करेगी। वाणिज्य और उ़द्योग मंत्रालय के अंतर्गत औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग के तत्वाधान में आईपीआर संवर्धन और प्रबंधन प्रकोष्ठ (सीआईपीएएम) राष्ट्रीय आईपीआर नीति 2016 के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य कर रहा है। देश भर में आईपी तंत्र को मजबूत बनाने के लिए सीआईपीएएम के द्वारा कई उपाय किये गये हैं। राष्ट्रीय आईपीआर नीति आईपीआर के बारे में जागरूकता और आईपीआर का सम्मान रखने को मान्यता देती है, क्योंकि एक स्वस्थ आईपी तंत्र के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है। बच्चे देश का भविष्य हैं और कम आयु में ही उनके बीच आईपीआर के प्रति सम्मान का भाव जगना चाहिए, ताकि वे भविष्य में आईपीआर के जिम्मेदार उपयोगकर्ता बन सकें। सीआईपीएएम छात्रों में आईपीआर जागरूकता अभियान का शुभारंभ करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय ट्रेडमार्क एसोसिएशन के साथ सहयोग कर रहा है। इससे आईपीआर पर एक सृजनात्मक और रचनात्मक संदेश को फैलाने में मदद मिलेगी। प्रवर्तन तंत्र को मजबूत करने के क्रम में, सीआईपीएएल ने आंध्र प्रदेश में पुलिस अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों के सात बैचों और उत्तर प्रदेश में एपीओ तथा पुलिस अधिकारियों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी आयोजन किया है। प्रशिक्षुओं ने आईपीआर पर आधारित प्रश्नोत्तरी और अन्य गतिविधियों में भागीदारी की। सीआईपीएएम ने बौद्धिक संपदा अधिकारों के प्रवर्तन पर पुलिस और न्यायिक अधिकारियों के प्रशिक्षण को संचालित करने के लिए सभी राज्य पुलिस और न्यायिक अकादमियों को भी पत्र लिखा है। सीआईपीएएम बौद्धिक संपदा अधिकारों के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को भी सुसाध्य बनाने में सक्रिय रूप से कार्यरत है। हाल ही में आईपीआर पर ब्रिटेन और सिंगापुर के साथ दो समझौता ज्ञापन पत्रों पर हस्ताक्षर किये गये। व्यापार गोपनीयता और उद्योग पर इसके प्रभाव से संबंधित विभिन्न पक्षों पर विचार-विमर्श के लिए व्यापार गोपनीयता की सुरक्षा पर सीआईपीएएम के द्वारा भारत-अमरीका कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। सीआईपीएएम सृजनात्मक भारत; अभिनव भारत के निर्माण की अपनी यात्रा में विभिन्न हितधारकों के साथ कार्य के लिए आशान्वित है। ***
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श्री श्रीपद नाईक ने मधुमेह के लिए तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया |
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आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपद येस्सो नाईक ने आज नई दिल्ली में ‘मधुमेह के लिए योग’ पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया। अपने उद्धाटन संबोधन में मंत्री महोदय ने जानकारी दी कि संस्कृति के लिए विश्व की सर्वोच्च संस्था यूनेस्को ने हाल ही में योग को अपनी अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल किया है। मंत्री महोदय ने कहा कि यह योग की सार्वभौमिक प्रासंगिता की एक और पहचान है और यह राष्ट्रीय सीमाओं के पार भी अपने सम्मान को बढ़ाता है। श्री नाईक ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य योग के माध्यम से मधुमेह के नियंत्रण के लिए अपनाए गए माध्यम और मधुमेह की रोकथाम तथा प्रबंधन में योग की भूमिका पर विचार-विमर्श करना है। यह मधुमेह के खिलाफ कार्य करने वाले एलोपैथी और आयुष चिकित्सकों, अनुसंधानकर्ताओं, शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं और छात्रों को समान मंच प्रदान करेगा। इस सम्मेलन में भारत और विदेशों से करीब 400 प्रतिनिधियों और 50 विशेषज्ञों के भाग लेने की उम्मीद है। पारम्परिक चिकित्सा और आयुष प्रणाली के साथ-साथ योग के प्रख्यात विशेषज्ञ भी इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। तीन दिवसीय सम्मेलन में शोध, नीति निर्माण और पैनल वार्ता के साथ योग और मधुमेह के विभिन्न पक्षों पर सत्रों का आयोजन शामिल है। भारत में मधुमेह खासतौर पर शहरी जनसंख्या में तेजी के साथ फैल रहा है। यह न सिर्फ वृद्ध जनसंख्या बल्कि युवा पीढ़ी में भी बढ़ रहा है। माननीय प्रधानमंत्री ने चंडीगढ़ में दूसरे अंतर्राष्ट्रीय योग सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि: आने वाले दिनों में हम एक बात पर ध्यान केन्द्रित करते हैं, योग के माध्यम से मधुमेह को कैसे कम किया जा सकता है। मधुमेह को योग के माध्यम से निश्चित रूप से नियंत्रित किया जा सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए आयुष मंत्रालय ने मधुमेह की रोकथाम और प्रबंधन में योग की भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कई कार्यक्रमों की पहल की है। आयुष मंत्रालय ने डॉ. एच आर नगेन्द्र की अध्यक्षता में मधुमेह के नियंत्रण के लिए एक समान योग प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की है। इस समिति ने ही इसे अंतिम रूप दिया। इस पुस्तिका का विमोचन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा नई दिल्ली में प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर 2 अक्टूबर, 2016 को किया गया। इस अवसर पर मंत्री महोदय ने योग पर एक पुस्तक का भी विमोचन किया, जिसमें 2001 से लेकर 2016 तक के चयन किये गये शोध पत्र शामिल हैं। श्री नाईक ने योग और मधुमेह पर 2017 का कैलेंडर भी जारी किया। |
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सचिवों के तीन समूहों ने प्रधानमंत्री को शासन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा ऊर्जा और पर्यावरण संबंधी अवधारणाओं से अवगत कराया |
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भारत सरकार के सचिवों के तीन समूहों ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को शासन के विभिन्नम क्षेत्रों में सुधार से जुड़े बदलाव पर आधारित अवधारणाओं से अवगत कराया। ‘अभिशासन’ पर आधारित प्रस्तुवति में नागरिक-केन्द्रित सेवा वितरण, डिजिटल समावेशन, नवीन खोज और कानूनों का सरलीकरण जैसे विषय शामिल थे। ‘विज्ञान और प्रौद्योगिकी’ पर आधारित प्रस्तु ति उन्नेत अवसर और शिक्षण के लिए पहुंच, रोजगार और स्टांर्ट-अप तथा विज्ञान में सहजता जैसे क्षेत्रों पर केन्द्रित थी। ‘ऊर्जा और पर्यावरण’ पर आधारित प्रस्तुपति में विभिन्न ऊर्जा स्रोतों और ऊर्जा दक्षता से संबंधित सुझाव शामिल थे। इस अवसर पर कई केन्द्रीय मंत्री और नीति आयोग के अधिकारी भी उपस्थित थे। कुल मिलाकर नौ निर्धारित प्रस्तुऔतियों के मौजूदा क्रम में शासन संबंधी विभिन्नर बिन्दु ओं पर अब तक कुल चार प्रस्तुीतियां की गई हैं। |
7 जनवरी को राष्ट्रपति के सुरक्षा गार्ड अदला-बदली का समारोह 11:30 बजे होगा |
राष्ट्रपति भवन के प्रांगण (प्रवेश गेट नंबर 2 या 37 से) में सुरक्षा गार्ड अदला-बदली का समारोह इस शनिवार यानि 07 जनवरी, 2017 को नियमित समय 10:00 बजे के बजाय 11:30 बजे आयोजित किया जाएगा। *** वीके/आईपीएस/डीके– 19 |
राष्ट्रपति वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यपालों और उपराज्यपालों को नववर्ष का संदेश देंगे |
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी कल (05 जनवरी, 2017) को राष्ट्रपति भवन से राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क का उपयोग करते हुए राज्यों/संघशासित प्रदेशों के राज्यपालों और उपराज्यपालों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से नववर्ष का संदेश देंगे। *** |