=>  ऊर्जा सुरक्षास्वच्छ ऊर्जा एवं जलवायु परिवर्तन पर भारत तथा अमेरिका के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

 

ऊर्जा सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर 2 जून 2016 को  भारत और अमेरिका के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया. भारत सरकार की ओर से बिजली मंत्रालय के सचिव पी के पुजारी और भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा ने अमेरिका की ओर से इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.

इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य ऊर्जा सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग को द्विपक्षीय संलिप्तता के जरिये स्थायी वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त पहल करना है. इन गतिविधियों का उद्देश्य शोध और विकास जैसे नवाचारों को शामिल करना, स्वैच्छिक और पारस्परिक सहमति के आधार पर तकनीकी हस्तांतरण, दोनों देशों में स्व्च्छ तकनीकी की तैनाती, वैश्विक स्तर पर ग्रीन हाउस गैसों के उर्त्स‍जन को रोकना और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना है.

 

समझौता ज्ञापन के उद्देश्य:

•    भारत-अमेरिका ऊर्जा स्मार्ट सिटिज साझेदारी

•    ग्रिड को हरा-भरा करना

•    स्वच्छ ऊर्जा (पीईएसीई) के जरिये ऊर्जा पहुंच को बढ़ावा देना

•    स्थान प्रशीतन के साथ ऊर्जा दक्षता

•    अक्षय ऊर्जा

•    ऊर्जा सुरक्षा

•    स्वच्छ ऊर्जा के लिए वित्त

•    जलवायु सुधार के लिए भारत-अमेरिका साझेदारी

•    हवा की गुणवत्ता 

•    वानिकीकरण और भूदृश्यता और आरईडीडी

•    फेलोशिप

•    जलवायु परिवर्तन और स्वच्छ ईंधन के क्षेत्र में नवाचार में तेजी लाना

 

=> भारतीय बैंकर राघवन सीतारामन को ग्रीन इकॉनमी विज़नरी अवार्ड दिया गया

 

कतर आधारित भारतीय बैंकर राघवन सीतारमन को 30 मई 2016 को ग्रीन इकॉनमी विज़नरी अवार्ड से सम्मानित किया गया.

सीतारमन को इको-फ्रेंडली कार्यों द्वारा पिछले दो दशकों में ग्रीन इकॉनमी का विस्तार करने के लिए पुरस्कृत किया गया. उन्हें यह सम्मान रोम में आयोजित अरब बैंकों के अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग शिखर सम्मेलन में प्रदान किया गया.

यूनियन ऑफ़ अरब बैंक के चेयरमैन जराह अल-सबाह ने सीतारमन को पुरस्कार प्रदान किया.

राघवन सीतारमन

•    वे ग्रुप ऑफ़ दोहा बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं. यह कतर का सबसे बड़ा बैंक है.

•    वर्ष 2015 में फ़ोर्ब्स पत्रिका ने, सीतारमन को अरब देशों में भारतीय नेताओं की सूची में छठा स्थान दिया था.

•    उन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्राइसवाटरहाउस कूपर्स (पीडब्ल्यूसी) से की.

•    वर्ष 2002 में वे दोहा बैंक के डिप्टी सीईओ बने.

•    वर्ष 2007 में उन्हें बतौर सीईओ नियुक्त किया गया.

•    उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़ मद्रास से कॉमर्स डिग्री प्राप्त की एवं चार्टेड अकाउंटेंट के रूप में पहली नौकरी की.

•    उनहोंने दोहरी डॉक्टरेट भी की, पहली ग्लोबल गवर्नेंस तथा दूसरी ग्रीन बैंकिंग.

•    उन्हें वाशिंगटन कॉलेज की ओर से डॉक्टरेट ऑफ़ लॉ की उपाधि भी दी गयी.

 

=> बलात्कार पीड़ितों हेतु राष्ट्रीय मुआवजा नीति बनाई जाएसुप्रीम कोर्ट

 

उच्चतम न्यायालय ने 26 मई 2016 को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह बलात्कार पीड़ितों को पर्याप्त राहत मुहैया कराने के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाए. न्यायालय ने यह भी कहा कि ‘निर्भया कोष’ जैसा एक अलग कोष बनाना पर्याप्त नहीं है और यह ‘जुबानी जमा खर्च’ जैसा है.

न्यायमूर्ति पीसी पंत और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अवकाश कालीन पीठ ने यह दिशा निर्देश 2012 और 2013 के बीच अदालत में दाखिल की गयी छह याचिकाओं की सुनवाई के दौरान जारी किए.

अदालत ने महिलाओं के साथ होने वाली घटना और उनकी सुरक्षा के विषय पर विभिन्न चिंता के दृष्टिगत यह निर्देश जारी किए.
अब तक 29 राज्यों में से सिर्फ 25 राज्यों ने इस योजना को अधिसूचित किया है

न्यायालयों का अवलोकन और दिशा-

• अदालत के अनुसार इस विषय पर ‘अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग योजनाएं हैं.
• इस विषय पर कोई राष्ट्रीय योजना नहीं है कि बलात्कार पीड़ितों को मुआवजा कैसे दिया जाए.
• भारत सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को पर्याप्त राहत मुहैया कराई जाए. 
• पीठ ने केंद्र व सभी राज्य सरकारों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस भी जारी किया.
• सीआरपीसी की धारा 357-ए को प्रभावी तौर पर लागू कराने और पीड़िता मुआवजा योजनाओं की स्थिति को लेकर उनसे जवाब तलब किया है.
न्यायालय ने ऐसे बलात्कार पीड़ितों की संख्या बताने को भी कहा है जिन्हें मुआवजा दिया गया.

 

=> सिंधु घाटी सभ्यता 8000 वर्ष पुरानीआईआईटी खड़गपुर रिसर्च

 

हरियाणा के भिर्राना नामक स्थान पर की गयी खुदाई एवं शोध कार्यों से यह पता चला है कि सिंधु घाटी सभ्यता हमारे पूर्वानुमान से काफी पहले विद्यमान थी. साथ ही, यह भी पता चला है कि जलवायु परिवर्तन ही हड़प्पा सभ्यता के विनाश का कारण नही था.

आईआईटी खड़गपुर, पुरातत्व इंस्टिट्यूट, डेक्कन कॉलेज ऑफ़ पुणे, भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा यह अध्ययन किया गया.

इस शोध की जानकारी नेचर साइंटिफिक में 25 मई 2016 को प्रकाशित की गयी. इस अध्ययन के अनुसार यहां से प्राप्त किये गये बर्तन लगभग 8000 वर्ष पुराने हैं.

•    भिर्राना नामक स्थान पर सिंधु घाटी सभ्यता के हड़प्पा सभ्यता के आरम्भिक काल से इसके परिपक्व होने तक के अवशेष मिलते हैं.
•    अब तक प्राप्त सबसे पुराने बर्तनों के अवशेषों के अध्ययन से पता चलता है कि यह लगभग 6000 वर्ष पुराने हैं.
•    हड़प्पा काल से पहले के अध्ययन से पता चलता है कि यह सभ्यता 8000 वर्ष से भी पुरानी थी.
•    इसका अर्थ यह हुआ कि पहले के अनुमानों की अपेक्षा 2500 वर्ष अधिक पुरानी है.

जलवायु परिवर्तन हड़प्पा सभ्यता के अचानक पतन के लिए जिम्मेदार नहीं

•    शोधकर्ताओं ने इन स्थानों से प्राप्त अवशेषों के आधार पर ऑक्सीजन आइसोटोप रचना द्वारा जलवायु परिवर्तन के कारणों का पता लगाया.
•    शोध में पाया गया कि पिछले 7000 वर्षों में मानसून के लगातार कमज़ोर होने के बावजूद सभ्यता विलुप्त नहीं हुई अपितु उन्होंने अपनी खेती के नए तरीकों से खेती में सुधार किया.
•    वे गेंहूं की खेती की अपेक्षा धान की खेती अधिक करने लगे.
•    घरों में स्टोर की सुविधा कम थी लेकिन सभ्यता के परिपक्व होने पर यह प्रणाली भी विकसित की गयी.

हड़प्पा अध्ययन स्थल भिर्राना

•    इस स्थान की खुदाई 2005-2006 में स्वर्गीय डॉ एल एस राव द्वारा की गयी.
•    शोधकर्ताओं का मानना है कि सिंधु घाटी सभ्यता का विस्तार भारत के बड़े हिस्से में था. इसका विस्तार सिंधु नदी से लेकर विलुप्त हो चुकी सरस्वती नदी के किनारे तक था. 
•    पुरातन सभ्यता में गांव कृषि आधारित थे जबकि परिपक्व सभ्यता में निवासियों का एशिया के विभिन्न स्थानों तक व्यापर होता था.

पृष्ठभूमि
•    वर्तमान अध्ययन से हड़प्पा सभ्यता के पाषाण काल को 5700-3300 ई.पू. माना गया है.
•    यह सभ्यता पाकिस्तान से उत्तर पश्चिमी भागों तक फैली हुई थी, इन क्षेत्रों में गुजरात एवं अरब सागर भी शामिल हैं.
•    भारतीय उपमहाद्वीप में हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ो की उपस्थिति लोथल, धोलावीरा, कालीबंगन एव, राखीगढ़ी में पाई गयी है.
•    विभिन्न पुरातात्विक शोधकर्ताओं का मानना है कि 5000 वर्षों बाद मानसून में आई कमी एवं भयानक सूखे के कारण हड़प्पा संस्कृति का पतन हुआ.
•    नए प्राप्त हुए आंकड़ों के आधार पर इसे मेसोपोटामिया और मिस्त्र की सभ्यता से भी पुराना कहा जा सकता है. मिस्त्र की सभ्यता को 8000 ईसा पूर्व से 3000 ईसा पूर्व तक बताया जाता है, और मेसोपोटामिया सभ्यता का आस्तित्त्व 6500 ईसा पूर्व से 3100 ईसा पूर्व तक माना जाता है.

 

=> मंत्रिमंडल ने गैरराष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम राज्यों में बीपीएल और एपीएल परिवारों हेतु अतिरिक् आवंटन को मंजूरी दी

 

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में 02 जून 2016 को संपन्‍न हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने गैर- राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम राज्‍यों में बीपीएल और एपीएल परिवारों के लिए अतिरिक्‍त आवंटन को मंजूरी दी.

इसके तहत बीपीएल परिवारों के लिए 41,800 टन खाद्यान का मासिक अतिरिक्‍त आवंटन और एपीएल परिवारों के लिए न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य की दो तिहाई दर पर 20,507 टन खाद्यान का मासिक अतिरिक्‍त आवंटन किया जाएगा.

  • यह आवंटन तीन गैर- राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम राज्‍य– तमिलनाडु, केरल और नगालैंड को किया जाएगा.
  • जो अप्रैल से जून 2016 के बीच या इन राज्‍यों द्वारा राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू करने या दोनों में से जो शीघ्र हो, तक होगा.

पृष् भूमिका:

  • राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) 5 जुलाई 2013 से प्रभावी हो गया है.
  • इसके दायरे में 2011 की जनगणना के आकलनों के अनुसार देश की दो तिहाई आबादी को रखा गया है.
  • एनएफएसए के तहत 2 रुपये प्रति किलो ग्राम की दर से गेहूं और 3 रुपये प्रति किलो ग्राम की दर से चावल उपलब्‍ध कराया जा रहा है.
  • आशा की जाती थी कि मार्च, 2016 तक सभी राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अधिनियम लागू हो जाएगा तथा लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत लाभार्थियों को उच्‍च राजसहायता प्राप्‍त खाद्यान मिलेगा.
  • वर्ष 2015-16 के दौरान 16 गैर- एनएफएसए राज्‍यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को मार्च, 2016 तक बीपीएल तथा एपीएल परिवारों के लिए अतिरिक्‍त खाद्यान आवंटित किया गया। अब तक 33 राज्‍यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में एनएफएसए को क्रियान्वित किया जा चुका है.
  • तमिलनाडु, केरल और नगालैंड में अभी अधिनियम लागू नहीं हुआ है और उन्‍हें पूर्ववर्ती लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्यान का आवंटन किया जा रहा है.
  • आने वाले महीनों में ये तीनों राज्‍य एनएफएसए को लागू करने की प्रक्रिया में हैं

 

 

=> आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मऊ-तरिघाट रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी प्रदान की

 

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 1 जून 2016 को उत्तर पूर्व रेल लाइन के मऊ स्टेशन एवं पूर्व मध्य रेलवे के तरिघाट रेलवे स्टेशन के बीच ब्रॉड गेज की लाइन बिछाने हेतु मंजूरी प्रदान की.

इससे इस लाइन की कुल लम्बाई 51 किलोमीटर हो जाएगी.

इस परियोजना की अनुमानित लागत 1765.92 करोड़ होगी, तथा प्रतिवर्ष पांच प्रतिशत की बढोतरी के पश्चात् परियोजना समाप्ति तक इसकी लागत 2109.07 करोड़ हो जाएगी.

इस परियोजना के अगले छह वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है.

परियोजना की विशेषताएं

•    इस परियोजना से गंगा नदी से पृथक होने वाले क्षेत्र के लिए सुविधाजनक और बेहतर परिवहन विकल्प उपलब्ध हो सकेगा.

•    इससे क्षेत्र में होने वाली परिवहन समस्याओं से छुटकारा मिलेगा तथा सामाजिक-आर्थिक प्रगति हो सकेगी.

•    इस परियोजना के पूरा होने पर यहां के निवासी भारत के अन्य क्षेत्रों से जुड़ सकेंगे एवं उन्हें भी विकास की मुख्य धारा में जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा.

•    इससे रेलवे ट्रैफिक में वृद्धि होगी एवं क्षेत्र को बेहतर परिवहन व्यवस्था मिलेगी.

•    यह लाइन राष्ट्रीय राजमार्ग 97 के समानांतर बिछाई जाएगी.

•    यह हावड़ा से दिल्ली आने वाली ट्रेनों के लिए वैकल्पिक मार्ग भी हो सकता है.

•    यह लाइन इलाहाबाद-पटना इलेक्ट्रिक डबल लाइन को लिंक प्रदान करेगी.

•    इससे इलाहाबाद-मुगलसराय-पटना रूट पर भीड़ कम हो सकेगी.

 

=> केंद्रीय कैबिनेट ने चेन्नई मैट्रो रेल परियोजना विस्तार प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की

 

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 1 जून 2016 को वाशेरमैनपेट से विम्कोनगर तक चेन्नई मैट्रो रेल चरण-1 परियोजना विस्तार के प्रस्ताव को पूर्व व्यापी स्वीकृति प्रदान की. इस परियोजना के विस्तार में 3770 करोड़ रूपए की कुल लागत से 9.051 किलोमीटर लंबाई की मेट्रो रेल बनाया जाना प्रस्तावित है. सीसीईए समिति की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की.

परियोजना को भारत सरकार की मौजूदा एसपीवी और तमिलनाडु सरकार अर्थात चेन्नई मैट्रो रेल लिमिटेड प्रत्येक की 50:50 की इक्विटी के द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा.

परियोजना के बारे में-

 

  • इस विस्तार से मुख्य रूप से चेन्नई के सघन आबादी में रहने वाले औद्योगिक श्रमिकों को कार्य के लिए शहर के मध्य व्यापार हेतु जाने में उन्नत सुविधा के रूप में सार्वजनिक परिवहन मिलेगा.
  • कुल परियोजना लागत में, भारत सरकार की हिस्सेदारी 713 करोड़ रूपए और तमिलनाडु सरकार हिस्सेदारी 916 करोड़ रुपये होगी.
  • तमिलनाडु सरकार की हिस्सेदारी में 203 करोड़ रूपए की भूमि की लागत और आर एंड आर शामिल है.
  • शेष धनराशि 2141 करोड़ रूपयों को बहुपक्षीय/ द्विपक्षीय/ घरेलू निधीयन एजेंसी के ऋण से पूरा किया जाएगा.
  • एक अनुमान के अनुसार संचालन के प्रथम वर्ष में प्रतिदिन 1.6 लाख यात्री इस रेल में यात्रा करेंगे.

 

 

=> प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की पहली राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना का शुभारम्भ किया

 

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा 1 जून 2016 को देश में तैयार की गयी पहली राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (एनडीएमपी) (NDMP) का शुभारम्भ किया गया. योजना में आपदा से निपटने की क्षमता बढ़ाने और जानमाल का नुकसान कम करने पर मुख्‍य रूप से ध्‍यान केन्द्रित किया जायेगा.

आपदा प्रबंधन योजना समुदायों को आपदाओं से निपटने, उन्हें आपदाओं के प्रति तैयार करने, सूचना देने, शिक्षा और संचार गतिविधियों की अधिक आवश्यकता पर जोर दिया है.

योजना सेंडाइ फ्रेमवर्क अर्थात् चार प्राथमिकविषयों पर आधारित हैजो निम्न है-

• आपदा जोखिम को समझना, 
• आपदा जोखिम प्रशासन में सुधार,
• आपदा जोखिम में कमी में निवेश (संरचनात्मक और गैर संरचनात्मक उपायों के माध्यम से),
• आपदा पूर्व तैयारी, समय पूर्व चेतावनी, और आपदाका पूर्व आंकलन

योजना की मुख्य विशेषताएं-

• योजना में आपदा प्रबंधन के सभी चरण जिसमे रोकथाम, शमन, प्रतिक्रिया और प्रतिलाभ शामिल किए गए हैं. 
• यह सभी एजेंसियों और सरकारी विभागों के बीच क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर एकीकरण प्रदान करता है.
• योजना सभी सरकारी स्तरों शहरी, स्थानीय निकाय पंचायत स्तर पर मैट्रिक्स प्रारूप में भूमिका और जिम्मेदारियों की वाहक है. 
• इस योजना का एक क्षेत्रीय दृष्टिकोण है जो विकास की योजना बनाने के साथ-साथ आपदा प्रबंधन के लिए फायदेमंद होगा.
• योजना को इस तरह तैयार किया गया है कि यह आपदा प्रबंधन के सभी चरणों में एक सामान ढंग से लागू की जा सकता है.

• योजना एक काम्‍प्रेहेंसिव डाक्‍यूमेंट है इसमे डिजास्‍टर मैनेजमेंट के सभी पहलू  जैसे प्रिवेंशन, मिटिगेशन, प्रिपेयरनेस, पोस्‍ट डिजास्‍टर है रिसपोंस, रिलिफ, रिहेबिटेशन सारे एक्‍सपेक्‍ट इसमें कवर किए गए हैं.

• प्रारंभिक चेतावनी, सूचना प्रसार, चिकित्सा देखभाल, ईंधन, परिवहन, खोज और बचाव, निकासी, आदि प्रमुख गतिविधियों के प्रति भी आपदा एजेंसियों की  जिम्मेवारी टी की गयी है.
• योजना प्रतिलाभ के लिए एक सामान्यीकृत रूपरेखा प्रदान करती है. स्थिति का आकलन करने और उसे बेहतर बनाने के के लिए भी लचीलापन प्रदान करती है.
• योजना में एक टाइम बाउण्‍ड डिडेक्‍शन शार्टट्रम पीरियड प्रोग्राम 5 साल के लिए 10 साल के लिए और 15 साल के भी दिया गया है.
राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्‍थान के पूर्व निदेशक डॉ. पी जी धर चक्रवर्ती के अनुसार यह एक अच्‍छा कदम है.

 

=> जर्मन पार्लियामेंट ने आर्मेनियन हत्याकांड को नरसंहार माने जाने का प्रस्ताव पारित किया

 

जर्मन पार्लियामेंट, बंड्सटैग, ने 2 जून 2016 को एक प्रस्ताव पारित करके प्रथम विश्व युद्ध (1915) के दौरान ऑटोमन फोर्सेज द्वारा आर्मेनियन लोगों को मारे जाने की घटना को नरसंहार करार दिया.

संसद के समक्ष चांसलर एंजेला मर्केल द्वारा मसौदा रखा गया. इसे सभी पार्टियों द्वारा सहमति से पारित कर दिया गया.

प्रस्ताव के प्रभाव

•    इस प्रस्ताव से तुर्की और जर्मनी के संबंधो पर प्रभाव पड़ा है.

•    तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तययिप एरडोगन के अनुसार इस प्रस्ताव से दोनों देशों के संबंधों पर गहरा असर होगा.

•    तुर्की ने 1915 से 1917 के बीच उनके देश द्वारा हुए  ऐसे किसी भी हत्याकांड का खंडन किया. तुर्की ने इसे नरसंहार की बजाय सिविल वॉर एवं युद्ध का परिणाम बताया.

•    आर्मेनियन राष्ट्रपति ने एवं विदेश मंत्री ने इस फैसले का स्वागत किया एवं देश के प्रति आभार व्यक्त किया.

•    आर्मेनिया ने इस निर्णय को महत्वपूर्ण एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहायक बताया.

ऑटोमन फोर्सेज द्वारा आर्मेनियनों का नरसंहार

आर्मेनिया का यह नरसंहार ऑटोमन साम्राज्य का वीभत्स निर्णय था जिसमें उन्होंने तत्कालीन अल्पसंख्यक आर्मेनियन लोगों को समाप्त करने का निर्णय लिया. इस दौरान 15 लाख से अधिक लोगों को मौत के घाट उतारा गया.

यह नरसंहार प्रथम विश्व युद्ध के दौरान एवं उसके बाद किया गया. इसे दो चरणों में लागू किया गया.

•    पुरुषों की एकमुश्त हत्याएं.

•    सेना द्वारा जबरन गुलामी व महिलाओं, बच्चों व बूढों को सीरिया के रेगिस्तान में मौत की पदयात्रा (डेथ मार्च) पर भेजना.

विभिन्न विद्वानों ने इसे 20वीं सदी का पहला नरसंहार बताया है.

 

=> वी  चिदंबरनार बंदरगाह को लागत प्रबंधन हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार

 

तमिलनाडु स्थित वी ओ चिदंबरनार बंदरगाह को इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्टम एकाउंटेंट ऑफ इंडिया द्वारा श्रेष्ठ लागत प्रबंधन के लिए वर्ष 2015 के राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया. बंदरगा‍ह को यह पुरस्कार लघु जनसेवा श्रेणी में उल्लेंखनीय योगदान के लिए दिया गया.

वी ओ चिदंबरनार बंदरगाह ने लागत प्रबंधन 2015 के लिए 13वें राष्ट्री  पुरस्कार में शिरकत की जिसे इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउंटेंट ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित किया गया. बंदरगाह को तीसरी बार इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इससे पूर्व 2008 और 2012 में भी बंदरगाह इस पुरस्कार को प्राप्त कर चुका है.

विदित हो कि वी ओ चिदंबरनार बंदरगाह को उत्कृष्ट कार्यों जैसे मानव संसाधनों का बेहतरीन प्रयोग, बिजली की बचत, सौर ऊर्जा का उपयोग, मशीनों के उपयोग के दौरान लागत में कटौती और कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए पुरस्कृउत किया गया है. 
इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउंटेंट ऑफ इंडिया संसदीय अधिनियम के तहत गठित एक विधायी संस्था है, जो लागत प्रबंधन के क्षेत्र में श्रेष्ठ योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान करती है. यह कारपोरेट सेक्टर में लागत प्रबंधन संबंधी व्यवस्थाओं के लिए भी जानी जा‍ती है. ये पुरस्कार विभिन्न श्रेणियों में एक निर्णायक समिति के पैनल द्वारा प्रदान किए जाते हैं जिसके प्रमुख भारत के पूर्व मुख्य न्याायाधीश माननीय वी एन खरे हैं. इनके अलावा इसमें सरकारी, न्या‍यिक तथा अन्य महत्वपूर्ण उद्योगों से जुड़े लोग भी शामिल हैं.

 

 

=> ईएसपीएन ने विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की सूची जारी की

स्पोर्ट्स चैनल ईएसपीएन की ओर से विश्व भर के टॉप-100 खिलाड़ियों की सूची जारी की गयी. इस सूची में भारत के केवल दो क्रिकेटर शामिल हैं और यह दोनों ही क्रिकेटर भारतीय हैं.

  • टीम इंडिया के वनडे, टी-20 कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और टेस्ट कप्तान विराट कोहली इस सूची में शामिल हैं.
  • ईएसपीएन वर्ल्ड फेम-100 रैंकिंग में कोहली 8वां स्थान हासिल किया तो वहीं धोनी 13वें स्थान पर हैं.
  • क्रिकेट के अतिरिक्त भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा भी इस सूची में शामिल हैं. सानिया इस रैकिंग में 41वें नंबर पर हैं.
  • इस सूची में रूस की टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा का नाम भी शामिल है.
  • यह सूची खिलाड़ियों की सैलरी, एंडॉर्समेंट, सोशल मीडिया फॉलोइंग और गूगल सर्च पॉपुलैरिटी पर आधारित है.
  • इस सूची में प्रथम स्थान पर फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो हैं. दूसरे नंबर पर अमेरिकी बास्केट बॉल खिलाड़ी लेब्रॉन जेम्स हैं.
  • अर्जेंटीना के फुटबॉलर लियोनल मेसी इस सूची में तीसरे पायदान पर हैं और चौथे पर फुटबॉलर नेमार हैं, जबकि पांचवें नंबर पर टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर हैं.

 

 

=> कम्प्यूटेक्स एशिया का सबसे बड़ा प्रौद्योगिकी व्यापार शो ताइपेई में आरम्भ

 

एशिया का सबसे बड़ा प्रौद्योगिकी व्यापार शो कम्प्यूटेक्स ताइपेई में 31 मई 2016 को शुरू हो गया. प्रौद्योगिकी व्यापार शो में 30 देशों की 1600 से अधिक कंपनियां अपने नवीनतम उत्पादों को प्रदर्शित करने हेतु मौजूद हैं. इससे और अधिक आकर्षित बना गया है.

पिछले पांच सालों में अब तक सबसे अधिक संख्या में देशों की भागीदारी से यह सबसे बड़ा व्यापार शो बन गया है.

व्यापार शो कम्प्यूटेक्स का समापन 4 जून 2016 को होगा. इसके आयोजकों को अनुमान है कि व्यापार मेले में 130000 से अधिक दर्शकपहुंचेंगे.

कम्प्यूटेक्स की मुख्य विशेषताएं-

• फरवरी 2016 में शुरू हुए आभासी वास्तविकता (वीआर) के कारण  ताइवान की एचटीसी ने अपने हेडसेट विवे (Vive) सबसे अधिक मीडिया का ध्यान आकर्षित किया.
• एचटीसी का सर्वप्रथम वी.आर.इन हाउस जिसे फ्रंट डिफेन्स कहा जाता में प्रदर्शन किया गया. यहाँ प्रशिक्षुओं को दुश्मन से लड़ने के लिए विभिन्न प्रकार के हथियारों पिस्तौल और राइफलों से लेकर . रॉकेट लांचर जैसे हथियारों का प्रयोग सिखाया जाता है. 
• इसमे दुनिया का पहल वी.आर. फिटनेस जिसे होलोदिया कहा जाता है का भी अनुभव होता है.
• एमएसआई वी.आर. गेमिंग के लिए पहले बैक पैक आकार के पीसी के साथ शो में मौजूद है. इस वी.आर. हेडसेट के साथ खेलते हुए व्यक्ति तारों पर बिना ट्रिपिंग किए पीसी को एक निश्चित दूरी तक कही भी ले जाने में सक्षम है.
• 2016 की दूसरी छमाही में इसके बाजार में आने की उम्मीद है.
•  एसस ने ज़ेनबो नाम का अपने पहले रोबोट का अनावरण किया जो मुख्य रूप से घर में वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों के लिए एक निजी सहायक के रूप में डिजाइन किया गया है.

 

=> राहुल जौहरी ने बीसीसीआई के पहले सीईओ का कार्यभार संभाला

 

पूर्व मीडिया पेशेवर राहुल जौहरी ने 01 जून 2016 को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पहले मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में अपना कार्यभार संभाल लिया.

  • सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति आर.एम. लोढ़ा समिति द्वारा की गई सिफारिशों को मानते हुए यह फैसला लिया गया.
  • वह बीसीसीआई के मुंबई मुख्यालय में सचिव अजय शिर्के को रिपोर्ट करेंगे. बोर्ड ने नए सीईओ का स्वागत किया है.
  • बोर्ड की नियमावली के अनुसार, सचिव में सभी कार्यकारी शक्तियां निहित होती है. नियमावली खुद ही जांच के दायरे में है.

राहुल जौहरी के बारे में-

• उनकी जिम्मेवारी "आपरेशनों के सुचारू संचालन, क्रिकेट के हितधारक प्रबंधन और खेल को बढ़ावा देने हेतु मजबूत रणनीति तैयार करना होगा.

• मीडिया उद्योग में उन्हें 20 से अधिक वर्षों का अनुभव है.

• डिस्कवरी को चैनल- 11 में परिवर्तित करने के लिए उन्हें प्रसारण उद्योग में सम्मानित लिया गया.

• वह पिछले 15 वर्षों से डिस्कवरी नेटवर्क के साथ जुड़े थे और पिछले आठ वर्षों से दक्षिण एशिया चैनल के संचालन में अग्रणी भूमिका में थे.

• इससे पहले, राहुल एशिया पेसिफिक के कार्यकारी उपाध्यक्ष और डिस्कवरी नेटवर्क के साथ दक्षिण एशिया के लिए महाप्रबंधक के रूप में भी काम कर चुके हैं.

 

 

=> भारत बैलिस्टिक मिसाइल प्रसार व्यवस्था एचसीओसी में शामिल हुआ

 

भारत 02 जून 2016 को वैश्विक बैलिस्टिक मिसाइल प्रसार व्यवस्था में शामिल हो गया. भारत ने स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और देश के मिसाइल कार्यक्रम पर इसका कोई असर नहीं होगा.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप के अनुसार मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था में प्रवेश भारत की कोशिश रास्ते पर है और सदस्यता देने की प्रक्रिया जल्द पूरी हो सकती है.

भारत राजनयिक माध्यमों से वियना में एचसीओसी सेंट्रल कांटेक्ट की अधिसूचना जारी होने के साथ बैलिस्टिक मिसाइल प्रसार के लिए हेग आचार संहिता (एचसीओसी) में शामिल हो गया.

  • एचसीओसी एक स्वैच्छिक, कानूनी तौर पर अबाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय विश्वास बहाली और पारदर्शी कदम है.
  • यह जनसंहार के शस्त्रों की आपूर्ति करने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रसार को रोकने के लिए है.
  • एचसीओसी में शामिल होकर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा हित किसी भी तरह से प्रभावित नहीं होंगे.
  • भारत परमाणु सदस्यता के लिए वासेनार व्यवस्था जैसी अन्य नियंत्रण प्रणालियों के साथ चर्चा कर रहा है.

 

 

=> भारत और कतर के मध्य सीमा शुल्क समझौते पर हस्ताक्षर

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सीमा शुल्क मामलों में सहयोग और आपसी सहायता हेतु भारत और कतर के मध्य 2 जून 2016 को समझौते की अभिपुष्टि करने और हस्ताक्षर करने की मंजूरी दी. इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की.

समझौते का उद्देश्य-

  • इस समझौते का उद्देश्य भारत और कतर के मध्य सीमा शुल्क के मामलों पर द्विपक्षीय समझौता करना है.
  • यह समझौता सीमा शुल्क अपराधों की रोकथाम और जांच के लिए प्रासंगिक जानकारी उपलब्धता कराने में मदद करेगा.
  • समझौते से व्यापार को सुविधाजनक बनाने तथा दोनों देशों के मध्य व्यापार होने वाली वस्तुओं की कुशल निकासी सुनिश्चित होने की उम्मीद है.
  • कतर भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार देश है.
  • पिछले कुछ वर्षों से दोनों देशों के बीच व्यापार में विस्तार हो रहा.
  • दोनों देशों के सीमा शुल्क अधिकारियों के बीच जांच व व्यापारिक जानकारियों के आदान-प्रदान के लिए कानूनी ढांचा उपलब्ध कराना जरूरत बन गई थी.
  • द्विपक्षीय व्यापार में लगातार वृद्धि को देखते हुए सीमा शुल्क नियमों को उचित रूप से लागू करने और सीमा शुल्क अपराधों की रोकथाम और जांच, व्यापार में सुविधा के लिए दोनों देशों के सीमा शुल्क अधिकारियों के मध्य जानकारी और गुप्त सूचनाओं को साझा करने के लिए कानूनी ढांचा उपलब्ध कराने की जरूरत महसूस की गयी.
  • समझौते के मसौदे को आपसी विचार विमर्श के बाद अंतिम रूप दिया गया.
  • इसमें सीमा शुल्क मूल्य घोषणा की सत्यता, माल के मूल स्थान के प्रमाणपत्र की सत्यता तथा दोनों देशों के बीच व्यापार होने वाली वस्तुओं के विवरण के बारे में जानकारी के आदान-प्रदान के क्षेत्र में भारतीय सीमा शुल्क विभाग की चिंताओं और आवश्यकताओं का ध्यान रखा गया है.

 

 

=> भारत और ट्यूनिशिया ने सूचना प्रौद्योगिकी  परम्परागत हस्तशिल्प के विकास हेतु सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किये

भारत और ट्यूनिशिया ने सूचना प्रौद्योगिकी और परम्परागत हस्तशिल्प के विकास में आपसी सहयोग बढ़ने हेतु 2 जून 2016 को सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किये. ट्यूनिश में दोनों देशों के बीच प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के बाद इन समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये.

समझौते के उद्देश्य-

  • भारत और ट्यूनीशिया के बीच संबंधों को मजबूत करना और नये क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना उपराष्ट्र्पति हामिद अंसारी का श्री इसिद के साथ मिलने का प्रमुख मुद्दा है
  • सूचना तकनीक और हथकरघा के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए.
  • क्षेत्रीय और वैश्विक दोनों स्तर पर आपसी हित के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ाने पर चर्चा हुई.
  • अंसारी ने संयुक्त् राष्ट्र् सुरक्षा परिषद को लेकर ट्यूनीशिया द्वारा किए गये भारत के समर्थन की भी सराहना की.
  • उपराष्ट्र पति ने ट्यूनीशिया के करीब 350 नागरिकों को अगले पांच वर्षों में भारत आने का भी निमत्रंण दिया.
  • यहाँ वे विभिन्न संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे.

 

 

=> प्रधान मंत्री मोदी ने भारत में इस्लामिक बैंकिंग को मंजूरी दी

भारत में इस्लामिक बैंकिंग को मंजूरी के तहत पहली जेद्दा के इस्लामिक डेवेलपमेंट बैंक (आईडीबी) की शाखा प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में खोली जाएगी. भारत पहला ग़ैर इस्लामिक देश है जहां यह बैंक अपनी सेवाएं देने जा रहा है. प्रधान मंत्री मोदी ने भारत में इस्लामिक बैंकिंग को 2 जून 2016 को मंजूरी दी.

इस्लामिक बैंकिंग के बारे में-

  • इस्लामिक डेवेलपमेंट बैंक नॉन बैंकिंग फ़ाइनेंस कंपनी की शाखा खोलने जा रहा है और साथ में 200 करोड़ रुपये की पूंजी भी ला रहा है.
  • बैंक ने भारत के ग्रामीण इलाक़ों के लिए 400 करोड़ रुपये वर्क की मोबाइल यूनिट देने के एक समझौते पर दस्तख़त किए थे, जो जल्द ही अस्तित्व में आ जाएगा.
  • क़रीब 10 करोड़ डॉलर के क्रेडिट लाइन का एक और समझौता सरकारी मालिकाने वाले एक्ज़िम बैंक के साथ हुआ था.
  • इस बैंक में सऊदी अरब सबसे बड़ा साझीदार होगा और उसकी क़रीब 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
  • इस्लामी बैंकिंग का कॉन्सेप्ट इस्लाम के बुनियादी उसूल इंसाफ़ और सामाजिक न्याय पर आधारित है.
  • इस्लाम सूद के ख़िलाफ़ इसलिए है क्योंकि ब्याज की बुनियाद पर बने निज़ाम में बहुत सारे लोगों के पैसे कुछ चंद लोगों के हाथ में आ जाते हैं.
  • इसके मुक़ाबले ज़कात (बचत के एक हिस्से का दान) की व्यवस्था है, जिसमें कुछ लोगों का पैसा बहुत सारे लोगों के पास जाता है.
  • इस्लामिक बैंकिंग एक साझेदारी वाली व्यवस्था है.
  • इस्लामिक बैंकिंग ब्याज नहीं देता अपितु कर्जदार के साथ नफ़े नुक़सान में बराबर की हिस्सेदारी रखता है.
  • इससे ऐसे मुसलमानों को भी मुख्य धारा में लाना आसान होगा जो सूद की वजह से क़र्ज़ नहीं लेते.
  • वर्तमान में परम्पागत बैंकिंग को यहूदियों ने शुरू किया था. यूरोप, मलेशिया, सिंगापुर और लंदन जैसे जिन जिन जगहों पर इस्लामिक बैंकिंग चल रही है, वहां इसका इस्तेमाल करने वाले ज़्यादातर ग़ैर मुसलमान हैं.

यह बैंक प्रधानमंत्री मोदी के क़रीबी ज़फ़र सरेशवाला के नेतृत्व में खुल रहा है.

सरेशवाला के बारे में-

  • सरेशवाला गुजरात के नामी बिज़नेसमैन हैं.
  • प्रधानमंत्री बनने के बाद ही मोदी ने उन्हें मौलाना आज़ाद नेशनल यूनिवर्सिटी का चांसलर नियुक्त किया.

 

 

=> मुक्केबाज मुहम्मद अली का निधन

महान मुक्केबाज मोहम्मद अली का 74 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. 03 जून 2016 को पर्किंसन के कारण उन्हें सांस लेने में परेशानी के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अमरीका के फीनिक्स इलाके के एक अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांसें ली.

मोहम्मद अली के बारे में -

  • मोहम्मद अली ने अपने प्रोफेशनल करियर में ज्यादातर फाइट नॉकआउट में जीती.
  • 6 फीट 3 इंच लंबे अली ने अपने करियर में 61 फाइटें लड़ी और 56 जीतीं इनमें से 37 का फैसला नॉकआउट में हुआ.
  • उन्हें अपने करियर में सिर्फ पांच बार हार का सामना करना पड़ा.
  • अली ने तीन बार 1964, 1974 और फिर 1978 में विश्व चैंपियनशिप का ख़िताब जीता.
  • द ग्रेटेस्ट, द पीपल्स चैंपियन और द लुइसविले लिप' आदि निकनैम से मशहूर अली ने चार शादियां की थी.
  • उन्हें सात बेटियां और दो बेटे हैं.
  • अली का जन्म 17 जनवरी 1942 को हुआ था.
  • उनका शुरुआती नाम कैसियस मर्सेलुस क्ले जूनियर था.
  • अली ने 12 साल की उम्र में बॉक्सिंग ट्रेनिंग शुरू की थी और सिर्फ 22 साल की उम्र में 1964 में सोनी लिस्टन को हराकर उलटफेर करते हुए वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियनशिप जीत ली थी.
  • इस जीत के कुछ ही वक्त बाद उन्होंने डेट्रॉएट में वालेस डी फ्रैड मुहम्मद द्वारा शुरू किया गया 'नेशन ऑफ इस्लाम' ज्वाइन कर अपना नाम बदल लिया.
  • अपनी मशहूर जीत के तीन साल बाद उन्होंने यूएस मिलिट्री ज्वाइन करने से इनकार कर दिया.
  • इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया कि अमरीका के वियतनाम युद्ध में भाग लेने के चलते उनकी धार्मिक मान्यताएं आहत हुई हैं.
  • सेना को मना करने के चलते अली को गिरफ्तार कर उनका हैवीवेट टाइटल छीन लिया गया.
  • कानूनी पचड़ों के चलते अली अगले चार साल तक फाइट नहीं कर पाए.
  • 1971 में अमरीकी सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पलट दी.
  • अली के युद्ध के लिए ईमानदारी से मना करने के फैसले ने उन्हें ऐसे लोगों का नायक बना दिया जो युद्ध के खिलाफ थे.
  • कैसियस क्ले के नाम से मशहूर इस बॉक्सर ने 1975 में सुन्नी इस्लाम धर्म कबूल कर लिया.
  • इसके तीस साल बाद उन्होंने सूफिज्म अपना लिया.

1980 में बीमारी पर्किंसन का पता चला -

  • 1980 के दशक में उनकी इस बीमारी पर्किंसन का पता चला.
  • अली के प्रवक्ता बाब गुनेल के अनुसार, इस पूर्व हैवीवेट चैंपियन के सांस की तकलीफ के कारण एक अज्ञात अस्पताल में इलाज चल रहा था.
  • गुनेल ने कहा था कि इस 74 साल के मुक्केबाज की स्थिति ठीक हो रही थी, लेकिन उन्हें कुछ समय अस्पताल में बिताना पड़ रहा था.
  • पिछले कुछ सालों में अली को कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया.
  • इससे पहले उन्हें 2015 के शुरू में पेशाब संबंधी परेशानी के कारण अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था.