3-4 May 2015 Hindi
उत्तरऔरदक्षिणीअमेरिकासेरूबेलाकाउन्मूलन
27 अप्रैल 2015 को उत्तर और दक्षिण अमेरिका रूबेला को नष्ट करने वाले विश्व के पहले प्रांत बन गए. रूबेला को जर्मन मीजल्स के नाम से भी जाना जाता है. किसी भी स्थान से इस बीमारी के संबंध में पांच साल से कोई सूचना नहीं आने के बाद दोनों प्रांतों को रूबेला के स्थानिक ट्रांसमिशन और जन्मजात रूबेला सिंड्रोम (सीआरएस) से मुक्त घोषित कर दिया गया. इस क्षेत्र में अंतिम बार दर्ज किए गए स्थानिक मामले 2009 में अर्जेंटीना और ब्राजील में सामने आए थे. इस संबंध में घोषणा एक अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की समिति द्वारा पेन अमेरिकन स्वास्थ्य संगठन/विश्व स्वास्थ्य संगठन (पीएएचओ/ डब्लूएचओ ) की बैठक के दौरान की गई. अमेरिका प्रांत से रूबेला और सीआरएस के उन्मूलन के साथ, टीकाकरण से बचाव योग्य बीमारियों की संख्या चार हो गई है, जो इस प्रांत से पूरी तरह समाप्त की जा चुकी हैं. इससे पहले 1971 में, स्मालपॉक्स के उन्मूलन में यह क्षेत्र दुनिया का पहला क्षेत्र बना था और 1994 में पोलियो के उन्मूलन में भी इसका प्रथम स्थान रहा.
इस क्षेत्र से रूबेला कैसे नष्ट किया गया
ये क्षेत्र रूबेला का समाप्त करने में अपने जन टीकाकरण अभियान के माध्यम से सक्षम हुए. इस अभियान की शुरुआत 15 साल पहले वर्ष 2000 में की गई थी. उन्होंने पूरे पश्चिमी अर्ध गोलार्द्ध में मीजल्स, मम्पस और रूबेला (एमएमआर) के विरुद्ध टीकाकरण का प्रयोग किया. इसके परिणाम स्वरूप, 1998 से 2008 के बीच 32 देशों और प्रदेशों में 250 मिलियन किशोरों और वयस्कों को टीके लगाए गए और रूबेला व सीआरएस का अंतिम स्थानीय मामला अमेरिका में वर्ष 2009 में सामने आया था.
रूबेला के बारे में
रूबेला, रूबेला वायरस के कारण होने वाला एक संक्रमण है. यह वायरस छींक या खांसी से फैलता है, जिसके संपर्क में यदि गर्भवती महिला आ जाए तो बच्चे जन्म से ही इससे प्रभावित हो सकते हैं. यह सामान्यता चेहरे से शुरू होता है और फिर पूरे शरीर में फैलता है. यह रोग मुख्य रूप से गर्भवती महिलाओं के लिए खतरा है. यदि वे गर्भ के पहले तीन महीनों में बीमारी के संपर्क में आती हैं, तो यह वायरल जन्मजात रूबेला सिंड्रोम का कारण हो सकता है. यह कई समस्याओं का कारण भी हो सकता है, जैसे गर्भपात और जन्म दोष जैसे अंधापन, बहरापन अथवा दिल की खराबीआदि .
मुक्केबाजीमुकाबलेमेंफ्लॉयडमेवेदरनेमैनीपैकियाओकोहराया
फ्लॉयड मेवेदर ने 2 मई 2015 को लास वेगास में खेले गए मुक्केबाजी मुकाबले में मैनी पैक्वे को सर्वसम्मत फैसले से हरा दिया. 38 वर्षीय मेवेदर ने तीन जजों के स्कोर कार्ड के आधार पर अपना डब्ल्यूबीसी और डब्ल्यूबीए वेल्टरवेट खिताब बरकरार रखा और पैक्वे की डब्ल्यूबीओ बेल्ट भी अपने नाम की.
यह मुकाबला मुक्केबाजी इतिहास का अब तक का सबसे महंगा मुकाबला था. मेवेदर को मुकाबला जीतने के बाद 1147 करोड़ रुपये मिले जबकि पैक्वे को हारने के बावजूद 764 करोड़ रूपये मिले. विजेता को 6.34 करोड़ रुपये की हीरों से जड़ी एक बेल्ट भी दी गयी.
लास वेगास के एमजीएम ग्रैंड में खेले गए इस मुकाबले में अमेरिकी मुक्केबाज मेवेदर ने करियर की लगातार 48वीं जीत दर्ज की. मेवेदर को दो जजों ने 116-112 जबकि तीसरे जज ने 118-110 अंकों से विजेता घोषित किया. पैकियाओ ने अब तक 64 में से 57 मैच जीते हैं जबकि दो मैच ड्रॉ रहे और पांच में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है.
मुक्केबाजी में पिछले बड़े मुकाबले
2002 में हैवीवेट खिताब के लिए माइक टाइसन और लेनॉक्स लुइस भिड़े थे, जिसमें लुइस ने टाइसन को आठवें राउंड में नॉकआउट कर दिया.
2011 में व्लादीमिर क्लिशको और डेविड हो के बीच मुकाबला 12 राउंड तक चला जिसमें क्लिशको अंकों के आधार पर विजेता बने.
माइक टायसन और इवेंडर होलीफील्ड के बीच दो मुकाबले हुए. 1996 में 11वें राउंड में होलीफील्ड ने टायसन को हराकर खिताब जीता था। 1997 में खेले गए दूसरे मुकाबले में टायसन ने तीसरे राउंड में होलीफील्ड के कान पर काट लिया था जिस कारण उन्हें मैच से बाहर कर दिया गया.
मोटरस्पोर्ट्सकोएनएसएफकेतहतकेंद्रीयखेलमंत्रालयकीमान्यता
केंद्रीय युवा मामले व खेल मंत्रालय ने 23 मार्च 2015 को मोटर स्पोर्ट्स को एक खेल के तौर पर अपनी मान्यता दे दी. मान्यता मिलने के साथ ही इस खेल को खेल मंत्रालय से समर्थित संस्था राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) की सूची में शामिल कर लिया जाएगा.
मोटर स्पोर्ट्स उन 59 खेलों में से एक है, जिन्हें मंत्रालय द्वारा विभिन्न खेलों की श्रेणी में उच्च प्राथमिकता, प्राथमिकता व अन्य
संवर्ग के तहत की गई समीक्षा के दौरान मान्यता दी गई है. समीक्षा के बाद मोटर स्पोर्ट्स को अन्य की श्रेणी में रखा गया, जिसका अर्थ होता है कि इसे किसी प्रकार की वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की जाएगी. मोटर स्पोर्ट्स को शामिल करने के निर्णय का फेडरेशन ऑफ मोटर स्पोर्ट्स क्लब्स ऑफ इंडिया (एफएमएससीआई) द्वारा स्वागत किया गया. एफएमएससीआई भारत मोटर स्पोर्ट्स की संचालक संस्था है. खेल मंत्रालय इन खेलों में प्रदर्शन के आधार पर प्रत्येक ओलंपिक खेलों और एशियन गेम्स की समीक्षा व विभिन्न खेलों का श्रेणीकरण उनके संबंधित संवर्ग में करता है. यह श्रेणीकरण एनएसफ को वित्तीय सहायता प्रदान करने और समीक्षा की दृष्टि से किया जाता है. इस प्रकार की समीक्षा इससे पूर्व साल 2008 में की गई थी. तदनुसार 9 खेल संवर्ग को उच्च प्राथमिकता की श्रेणी में रखा गया है, जिनमें तीरंदाजी, बॉक्सिंग, भारत्तोलन, कुश्ती, टेनिस, निशानेबाजी, हॉकी, बैडमिंटन और एथलेटिक्स शामिल है. जबकि 23 खेल संवर्ग को प्राथमिकता की श्रेणी में रखा गया और शेष खेलों को अन्य श्रेणी में स्थान मिला.
आंध्रप्रदेशऔरतेलंगानानेट्रांसपोर्टकेलिए 5 लाखरुपयेकीदुर्घटनाबीमायोजनाशुरूकी
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्य सरकार ने 1 मई 2015 को ट्रांसपोर्ट चालकों के लिए 5 लाख रुपये की दुर्घटना बीमा योजना शुरू की है. इस योजना में लाभार्थी के परिवार के दो बच्चों की शिक्षा भी कवर होगी.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने यह योजना राझमुंद्री में जारी की, जबकि तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखरा राव ने इस बारे में हैदराबाद में घोषणा की. दोनों राज्य सरकारों ने बीमा कवर की 3 लाख रुपये की राशि के अतिरिक्त राशि को वहन करने के लिए बीमा करने वाली कंपनी के साथ समझौता अनुबंध (एमओयू ) पर हस्ताक्षर किए और दो लाख रुपये का कवर केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाय) के तहत दिया जाएगा. दावे का लाभ लेने के लिए ट्रांसपोर्ट चालकों को अपना नाम एक विशेष पोर्टल पर पंजीकृत कराना होगा. दोनों राज्यों में इस योजना से करीब 11 लाख ट्रांसपोर्ट चालक और पत्रकारों को लाभ होगा. तेलंगाना में इस योजना से करीब 16 हजार होमगार्ड को भी लाभ होगा.
रूसकीप्रसिद्धबेलीकलाकारमायाप्लित्साक्याकानिधन
रूस की प्रसिद्ध बेली कलाकार माया प्लित्साक्या का 2 मई 2015 को म्यूनिख जर्मनी में निधन हो गया. वे 89 वर्ष की थीं.
उनके परिवार में उनके पति एवं भाई अज़ारी प्लित्साक्या हैं. उनके भाई नृत्य से संन्यास ले चुके हैं.
माया का जन्म 20 नवम्बर 1925 को मॉस्को में हुआ, उन्हें 20वीं सदी के महानतम बेली कलाकारों में से एक माना जाता है.
उन्होंने आधी सदी तक अपने नृत्य से लोगों को मंत्रमुग्ध किया लेकिन उन पर सोवियत परम्पराओं का उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया गया.
वे रूस के अंतरराष्ट्रीय बोल्शोई थिएटर का प्रमुख चेहरा रहीं. उन्होंने वर्ष 1943 में 18 वर्ष की आयु में बेली कंपनी में दाखिला लिया था. वे वर्ष 1960 में बोल्शोई की मुख्य बेली डांसर बनीं. आगे चलकर 1990 में वे 65 वर्ष की आयु में बतौर सोलोसिट रिटायर हुईं.
सोवियत बेली कलाकार, नृतक निर्देशक, बेली निर्देशक तथा अभिनेत्री रह चुकीं माया की वर्ष 1994 में जीवनी, “आई, माया प्लित्साक्या” खासी चर्चा में रही.
केन्द्रीयसंस्कृतिराज्यमंत्रीडॉ. महेशशर्मानेपुद्दुचेरीमेंविज्ञानकेन्द्रकाउद्घाटनकिया
केन्द्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने 3 मई 2015 को पुद्दुचेरी (केन्द्र शासित प्रदेश) में विज्ञान केन्द्र सह तारामंडल का उद्घाटन किया. यह विज्ञान केन्द्र और तारामंडल संस्कृति मंत्रालय के राष्ट्रीय विज्ञान संग्राहलय परिषद (एनसीएसएम) द्वारा स्थापित किया गया.
करीब 5.50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित पुद्दुचेरी विज्ञान केन्द्र और तारामंडल में डिजिटल तारामंडल का आठ मीटर का गुम्बद और एक ‘ओपन एयर साइंस पार्क’ के अलावा समुद्री जीव विज्ञान तथा फन साइंस पर आकर्षक प्रदर्शनी दीर्घाए हैं. यह केंद्र विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए पूरे वर्ष गतिविधियां आयोजित करेगा और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी की प्रक्रियाओं के जरिए लोगों की समझ, सराहना और संपर्क को बढ़ाएगा.
विदित हो कि पुद्दुचेरी में स्थापित यह विज्ञान केन्द्र देश का 47वां विज्ञान केन्द्र है. इसके साथ ही राष्ट्रीय विज्ञान संग्राहलय परिषद (एनसीएसएम) देश के विभिन्न हिस्सों में 21 और विज्ञान केन्द्रों को विकसित करने की प्रक्रिया में है. एनसीएसएम ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 23 मोबाइल प्रदर्शनी इकाई भी चलाती है. 13.5 मिलियन से अधिक दर्शक हर वर्ष इन केन्द्रों पर आते हैं.
राफेलनडालकोस्पेनमेंउत्कृष्टकार्यकेलिएगोल्डनमेडलफॉरमेरिटसेसम्मानितकियागया
टेनिस खिलाड़ी राफेल नडाल को 1 मई 2015 को स्पेन में उत्कृष्ट कार्य के लिए गोल्डन मेडल फॉर मेरिट प्रदान किया गया.
गोल्डन मेडल स्पेन के शीर्ष नागरिक सम्मान में से एक है जो किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया जाता है. नडाल ने मैड्रिड में प्रधानमंत्री के सरकारी निवास मोनकोआ पैलेस में स्पेन के प्रधानमंत्री मारियानो राजोय से यह सम्मान प्राप्त किया.
राफेल नडाल ने 14बार ग्रैंड स्लैम का खिताब जीता है जिसमें उनके नाम नौ बार फ्रेंच ओपन का खिताब जीतने का रिकार्ड शामिल है. राफेल नडाल को 'द किंग ऑफ क्ले' भी कहा जाता है और वर्तमान में वह विश्व रैकिंग में 5वें स्थान पर है.
इसके अलावा उन्होंने वर्ष 2008 के ओलंपिक में टेनिस में एकल वर्ग का स्वर्ण पदक जीता था.
दूरसंचारविभागनेमोबाइलनंबरपोर्टेबिलिटीकेपूर्णकार्यान्वयनकीसमयसीमाबढ़ाई
दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के पूर्ण कार्यान्वयन की समय सीमा 01 मई 2015 को दो महीने के लिए बढ़ा दी. अब यह समय सीमा 3 जुलाई 2015 तक है. इससे पहले दूरसंचार विभाग ने 3 नवंबर 2014 को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (टीआरएआई) की अनुशंसा के आधार पर भारतीय दूरसंचार कंपनियों को पूर्ण एमएनपी कार्यान्वयन के लिए 3 मई 2015 तक आदेश दिया था.
दूरसंचार विभाग ने भारतीय सेलुलर ऑपरेटर्स संघ (सीओएआई ) के निवेदन के आधार पर समय सीमा में वृद्धि की है. इसकी वजह है कि टेलीकॉम ऑपरेटर्स को अपने नेटवर्क में नेशनल नंबरिंग प्लान (एनएनपी) में बदलाव होने के कारण परिवर्तन करने होंगे, जिसमें करीब आठ सप्ताह का समय लगेगा. पूर्ण एमएनपी होने से टेलीकॉम उपभोक्ताओं को देश के किसी भी हिस्से में अपने मोबाइल नंबर को बनाए रखने की अनुमति मिलेगी, भले ही वे अपना ऑपरेटर अथवा टेलीकॉम सर्किल में बदलाव कर लें. वर्तमान में, एमएनपी उपभोक्ताओं को अपना मोबाइल नंबर बनाए रखने की अनुमति तभी देता है, जब वे अपना मोबाइल नेटवर्क सिर्फ एक टेलीकॉम सर्किल में बदलते हैं.
केंद्रीयपर्यटनमंत्रालयनेराष्ट्रीयपर्यटननीति- 2015 कामसौदाजारीकिया
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने 1 मई 2015 को राष्ट्रीय पर्यटन नीति-2015 का मसौदा जारी कर दिया. यह मसौदा राष्ट्रीय पर्यटन नीति-2002 की री-विजिट करने के बाद किया गया. नीति का लक्ष्य देश में पर्यटन क्षेत्र का विस्तार करना है. इसका उद्देश्य वर्ष 2020 तक विश्व पर्यटक आगमन में भारत का हिस्सा वर्तमान स्थिति 0.68 प्रतिशत से बढ़ाकर 1 प्रतिशत तक बढ़ाना और 2025 तक इसे 2 प्रतिशत तक लेकर जाना है. साथ ही देश के राष्ट्रीय राजनीतिक और आर्थिक एजेंडे में पर्यटन क्षेत्र के स्थान को प्राथमिकता में लाना है.
राष्ट्रीय पर्यटन नीति-2015 मसौदे की मुख्य विशेषताएं
• यह भारत के विकास और स्थिति के दृष्टिकोण को एक आवश्यक अनुभव और आवश्यक पुनरागमन स्थल के रूप में प्रतिष्ठापित करता है, जिसमें स्वच्छता, सुरक्षा और स्वागत के पहलू शामिल हैं.
• यह पर्यटन विकास के लिए एक निश्चित रूपरेखा, जो सरकारी नेतृत्व, निजी क्षेत्र से प्रेरित और समुदाय के कल्याण के लिए उन्मुख हो को तैयार करने की पुष्टि करती है.
• यह पर्यटन उद्योग के विकास में सतत प्रक्रिया के तौर पर सामुदायिक भागीदारी और रोजगार सृजन को भी शामिल करती है.
• इस नीति का जोर सभी अनुभागों में कौशल विकास पर होगा, जिसमें पर्यटन व आतिथ्य शिक्षा के लिए समर्पित विश्वविद्यालय की स्थापना और पर्यटन प्रोत्साहन के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग शामिल है.
• राष्ट्रीय पर्यटन सलाहकार बोर्ड (एनटीएबी) की स्थापना केंद्रीय पर्यटन मंत्री की अध्यक्षता में की जाएगी और नीति के अनुपालन की निगरानी के लिए राज्य सरकारों/ केंद्र शासित प्रदेश के पर्यटन मंत्री और डोमेन विशेषज्ञ सदस्य के रूप में शामिल होंगे.
• नीति को लागू करने के लिए राष्ट्रीय पर्यटन प्राधिकरण की स्थापना व्यापार व उद्योग और अंतरसंबंधित विभागों अथवा एजेंसियों के प्रस्तुतिकरण के साथ की जाएगी.
• प्रमुख बुनियादी ढांचा (हवाईमार्ग, रेलमार्ग, सड़क मार्ग, जलमार्ग इत्यादि) साथ ही पर्यटन ढांचा (स्वदेश दर्शन, प्रसाद, बौद्ध सर्किट इत्यादि) विकसित किया जाएगा.
• यह पर्यटन वृद्धि के मुख्य वाहक के रूप में घरेलू पर्यटन पर और जम्मू व कश्मीर राज्य व पूर्वात्तर क्षेत्र के विकास व प्रोत्साहन पर ध्यान केंद्रित करता है.
• विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सरकार बहुपक्षीय पर्यटन पर पहले से अधिक सक्रिय और निर्णायक भूमिका निभाएगी, उदाहरण के लिए दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (एसएएआरसी) 'द एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस' (एएसईएएन), इंडिया-ब्राजील-साउथ अफ्रीका (आईबीएसए) और ब्राजील रूस, इंडिया, चीन, साउथ अफ्रीका (बीआरआईसीएस) को बौद्ध सर्किट, रामायण सर्किट, हिमालय सर्किट इत्यादि विषयों द्वारा देशों को जोड़ने के लिए.
नई पर्यटन नीति को अंतिम रूप आम जनता से प्रतिक्रियाएं और सुझाव लेने के बाद दिया जाएगा. मंत्रालय द्वारा 10 मई 2015 तक सुझाव आमंत्रित किए गए हैं.
मर्करीकेलिएमैसेंजरमिशनकासंचालननासानेबंदकिया
नेशनल एयरनोटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा ) ने 30 अप्रैल 2015 को मैसेंजर मिशन का संचालन समाप्त कर दिया. मैसेंजर मर्करी की सतह, अंतरिक्ष वातावरण और भू-रसायनशास्त्र के लिए जाना जाता है.
इसे मर्करी (बुध) के वातावरण का अध्ययन करने के लिए 3 अगस्त 2004 को लॉन्च किया गया था.
मर्करी की सतह पर एक्सपेक्टेड इंपेक्ट (ईआई ) के साथ अंतरिक्ष यान का सफर समाप्ति की ओर आ गया. यह मर्करी की सतह में करीब 14000 किलो मीटर प्रति घंटे की गति के साथ दाखिल हुआ है और 52 फीट चौड़ा गड्ढा बना रहा है. हालांकि यह मिशन अपने प्राथमिक वैज्ञानिक उद्देश्यों के साथ मार्च 2012 में पूरा हो गया था. अंतरिक्षयान के मिशन को ग्रह के संबंध में चित्र और जानकारी अभूतपूर्व विवरण के साथ जुटाने के लिए दो बार आगे बढ़ाया गया. अपनी कई उपलब्ध्यिों के अलावा मिशन मर्करी की संरचना को निर्धारित करता है, इसके भूवैज्ञानिक इतिहास को प्रकट करता है, ग्रह के केंद्र से इसके आंतरिक चुंबकीय क्षेत्र की खोज और इसके ध्रुवीय जमावट मुख्यतः पानी बर्फ हैं यह भी निष्कर्ष निकालता है.
यूएसए मेरीलेंड में लॉरेल में स्थित जॉन्स होप्किंस यूनिवर्सिटी एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी (एपीएल) ने इस स्पेसयान को बनाया व संचालित किया. साथ ही वॉशिंगटन में नासा साइंस मिशन डायरेक्टरेट के लिए इसे प्रबंधित किया.
सुरेंद्रसिंहनेसीआईएसएफकेमहानिदेशककापदभारसंभाला
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने 1 मई 2015 को केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के महानिदेशक का पदभार ग्रहण किया.
सुरेंद्र सिंह पश्चिम बंगाल केडर के 1980 बैच के पुलिस अधिकारी हैं.
इस नई जिम्मेदारी से पहले वह इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) में स्पेशल डायरेक्टर के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
उनकी नियुक्ति को प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने पुष्ट किया है.
उनका कार्यकाल अगस्त 2016 में समाप्त होगा. वह अरविंद रंजन का स्थान लेंगे.
अरविंद राजन सीआईएसएफ के महानिदेशक पद से 30 अप्रैल 2015 को सेवानिवृत्त हुए हैं. वह केरला केडर के 1977 बैच के पुलिस अधिकारी हैं. वह 16 माह तक सीआईएसएफ के प्रमुख रहे, अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई अहम पहल कीं. खासतौर पर बल की परामर्श विंग का विस्तार करने की उनकी पहल चर्चित रही. सीआईएसएफ विश्व का सबसे बड़ा औद्योगिक सुरक्षा बल है. यह केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रत्यक्ष अधीन है और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है. इस बल में 1.41 लाख सुरक्षा कर्मी हैं, जो देश में सबसे प्रमुख और रणनीति से संबंधित संस्थानों जैसे नागरिक हवाई अड्डे में मजबूत सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालते हैं और परमाणु व एयरोस्पेस डोमेन के लिए सुरक्षा सुविधाएं देता है.
नितिनगडकरीनेपूर्वोत्तरमेंदोप्रमुखराजमार्गपरियोजनाएंराष्ट्रकोसमर्पितकीं
मेघालय के शिलांग में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 01 मई 2015 को शिलांग बायपास राजमार्ग परियोजना और एनएच-40 के सेक्शन फोरलेन जोराबट-बारापानी को राष्ट्र को समर्पित किया.
दोनों परियोजनाओं का उद्देश्य गुवाहाटी और शिलांग व पूर्वोत्तर के अन्य भागों के बीच संपर्क में सुधार करना है. 48.76 किलोमीटर लंबे शिलांग बायपास का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा निर्माण, संचालन और हस्तांतरण (बीओटी) मोड के आधार पर निर्मित किया गया है और यह राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 40 और एनएच 44 (नवीन एनएच 6) को जोड़ता है. इससे असम के पूर्वोत्तर भागों, त्रिपुरा और मिजोरम से शिलांग की ओर आने वाले भारी वाहनों व ट्रकों के आवागमन के भार को कम करने में मदद मिलेगी .
जोराबट-बारापानी सेक्शन के 61.80 किलोमीटर के फोरलेन का लक्ष्य शिलांग और गुवाहाटी के बीच संपर्क बढ़ाना है. यह योजना एनएचएआई द्वारा वार्षिकी आधार पर डिजाइन बिल्ड फाइनेंस ऑपरेट एंड ट्रांसफर (डीबीएफओटी) मोड पर निर्मित की गई.
उपरोक्त योजनाएं पूर्वोत्तर राज्यों के अंदर और पूर्वोत्तर क्षेत्रों से देश के बीच अन्य भागों में संपर्क बढ़ाने के लिए क्षेत्रों के अलगाव से निपटने और सामाजिक आर्थिक स्थितियों में सुधार करने की दिशा में केंद्र सरकार के विस्तृत एजेंडे का एक हिस्सा है.
भारत-फ्रांससंयुक्तनौसैनिकअभ्यास ‘वरुण’ गोवामेंसंपन्न
भारत-फ्रांस संयुक्त नौसैनिक अभ्यास वरुण का 14वां संस्करण 2 मई 2015 को गोवा में संपन्न हो गया. यह 10 दिवसीय अभ्यास 23 अप्रैल 2015 को गोवा तट पर शुरू हुआ था.
फ्रांसीसी नौसेना का प्रतिनिधित्व करते हुए विमानवाहक पोत चार्ल्स डी गॉल, दो विध्वंसक शेवेलियर पॉल और जीन डे वीनी, टैंकर म्यूस तथा गश्ती विमान अटलांटिक 2 इस युधाभ्यास में शामिल हुए.
विमान वाहक पोत चार्ल्स डी गॉल पर राफेल एम, स्ट्राइक एयरक्राफ्ट, ई-2-सी हॉक आई अवाक्स तथा हेलीकॉप्टर डॉफिन तथा एल्युट-3 शामिल थे.
भारत की और से विमान वाहक पोत आईएनएस विराट, विध्वंसक मुंबई, जहाज़ तरकश, निर्देशित मिसाइल फ्रिगेट, टैंकर दीपक, पनडुब्बी शंकुल तथा तेज़ गति के विमानों ने भाग लिया. वरुण-15 में भाग ले रहे भारतीय लड़ाकू विमानों में सी-हर्रिअर, पी 8 वन तथा ड्रोनीयर ने अपनी कला का प्रदर्शन किया.
वरुण के अभ्यास के अंतर्गत दोनों देशों के बीच विमान वाहक कार्यक्रम, पनडुब्बियों के युद्ध कौशल तथा समुद्री जहाजों की बहुउद्देशीय परियोजनाओं पर भी विचार किया गया.
भारतीय नौसेना फ्रांसीसी नौसेना के बीच यह नौसेनिक युद्धाभ्यास पहली बार वर्ष 1983 में आयोजित किया गया जिसे वरुण नाम दिया गया.
राष्ट्रीयतापविद्युतनिगमलिमिटेडऔरझारखंडसरकारकेबीचसमझौताज्ञापनपरहस्ताक्षर
सार्वजनिक उपक्रम ‘राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड’ (एनटीपीसी) और झारखंड सरकार के बीच 3 मई 2015 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुआ. यह समझौता पत्रातू ताप विद्युत स्टेशन (पीटीपीएस) की क्षमता बढ़ाने के लिए किया गया.
74:26 इक्विटी भागीदारिता के साथ एनटीपीसी और झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) द्वारा संयुक्त उद्यम कंपनी के जरिए पत्रातू ताप विद्युत स्टेशन (पीटीपीएस) हेतु सहमति बनीं. इस समझौते का निम्नलिखित उद्देश्य है:
• झारखंड को तुरंत अधिक बिजली देने के लिए मौजूदा स्टेयन के विद्युत उत्पादक क्षमता में 15 प्रतिशत पीएलएफ से 82 प्रतिशत का सुधार,
• दो चरणों में 4000 मेगावॉट की एक कुशल सुपर महत्वपूर्ण परियोजना तैयार करना,
• प्रत्येक घर के लिए 24x7 सस्ती और किफायती बिजली की आपूर्ति करना और झारखंड में किसानों के लिए पर्याप्त बिजली प्रदान करना,
• त्वरित औद्योगिकीकरण, जिससे झारखंड के युवाओं को नये उद्योग में रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध होंगे,
• कोई अतिरिक्त राशि निवेश किए बिना झारखंड सरकार इस परियोजना में भागीदार होगी. संयुक्त उद्यम कंपनी इस पुराने स्टेशन में सभी कार्य करने वालों को रोजगार देगी और यूएमपीपी आकार की इस महत्वपूर्ण परियोजना से कई सेवा प्रदाताओं के लिए आय के अवसर बढ़ेंगे.
रेलवेस्पोर्ट्सप्रमोशनबोर्डने 5वींहॉकीइंडियासीनियरमहिलाराष्ट्रीयचैम्पियनशिपजीती
रेलवे स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड (आरएसपीबी) ने 3 मई 2015 को 5वीं हॉकी इंडिया सीनियर महिला राष्ट्रीय चैम्पियनशिप जीती.
सैफई के मास्टर चंदगीराम स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित पांचवीं सीनियर राष्ट्रीय महिला हॉकी चैंपियनशिप -2015 के फाइनल में रेलवे ने झारखंड को 12-2 से हराया. पंजाब ने मध्य प्रदेश को 2-0 से हराकर तीसरा स्थान प्राप्त किया.
प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली इतवारी मुंडू को बेस्ट मिडफिल्डर ऑफ द टूर्नामेंट के पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
इससे पहले रेलवे स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड (आरएसपीबी) ने 28 अप्रैल 2015 को 5वीं सीनियर पुरुष राष्ट्रीय हॉकी चैम्पियनशिप 2015 जीती. फाइनल मैच में रेलवे ने उत्तर प्रदेश हॉकी टीम को 5-3 से हराया था.
चीनकेएनडीआरसीनेनईकार्ययोजनावनबेल्ट, वनरोडनईपहलजारीकी
चीन की शीर्ष आर्थिक योजना एजेंसी नेशनल डेवलपमेंट एंड रिफॉर्म कमीशन (एनडीआरसी) ने 28 मार्च 2015 को एक नई कार्य योजना वन बेल्ट, वन रोड पहल जारी की. इस पहल के माध्यम से एशिया, यूरोप और अफ्रीका को जोड़ने के लिए नए मार्ग स्थापित किए जाएंगे.
इसके दो भाग हैं, पहला सिल्क रोड इकॉनोमिक बेल्ट(एसआरईबी ) चीन को यूरोप से जोड़ने के लिए, जो मध्य एशिया में पर्वतीय प्रांतों को काटते हुए गुजरता है और मेरीटाइम सिल्क रोड (एमएसआर) जो चीन की बंदरगाह सुविधाओं को अफ्रीकन तटों से जोड़ता है और फिर सेज केनाल से होकर मध्य सागर तक आगे जाता है.
बेल्ट शब्द का संबंध जमीन से ऊपर सड़क और रेल मार्गों, तेल और प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों और अन्य संरचनात्मक योजनाओं के सुनियोजित नेटवर्क से है, जो मध्य एशिया से मध्य चीन से विस्तारित होगा और अंततः सुदूर मास्को, राटरडैम और वेनिस तक पहुंचता है. जबकि, सड़क अपने समुद्र के बराबर, यह नियोजित बंदरगाहों और अन्य तटीय संरचना योजना का एक नेटवर्क है, जो दक्षिण व दक्षिण पूर्व एशिया से पूर्वी अफ्रीका और उत्तरी मूमध्य सागर तक नक्शे में अंकित करता है.
योजना की संभावनाएं
पहल की संभावनाएं बुनियादी ढांचे के निर्माण से परे अच्छी तरह से विस्तारित होगा. इसमें बड़ी वित्तीय एकाग्रता को प्रोत्साहन और विदेशी देशों द्वारा चीन की मुद्रा रेनमिन्बी का उपयोग करने के प्रयासों को भी शामिल हैं.
इसके आगे यह योजना सिल्क रोड से जुड़े क्षेत्रों की जानकारियां सृजित करने और सूचना व संचार तकनीक नेटवर्क का विस्तार करेगी. साथ ही इन सब पहलों के बीच क्षेत्रों में सीमा के आरपार व्यापार और निवेश की बाधाओं को कम किया जाएगा.
बेल्ट और सड़क के विकास के समर्थन और पूरक के लिए नवीन क्षेत्रीय संस्थान जैसे, एशियन इंफ्रास्टक्चर इंवेस्टमेंट बैंक ;.प्प्ठद्ध और न्यू सिल्क रोड फंड ;छैत्थ्द्ध भी डिजाइन होने हैं..
चीन के लिए लाभ
संरचना योजना को बेल्ट और भाग के तौर पर प्रस्तावित किया गया है- जिनमें से कई चीन के गरीब और कम विकास वाले क्षेत्रों से होकर गुजरेंगे. इससे चीन की गिरावट वाली स्थिति और मंदी को उभरने में प्रभावी मदद मिल सकती है.
बेल्ट और रोड चीन की आंतरिक आर्थिक अखंडता और प्रतिस्पर्धा में सुधार लाएंगे और अधिक संतुलित क्षेत्रीय विकास प्रेरित होगा.
निर्माण का इरादा चीन के ओवरकैपेसिटी उद्योग का मेकअप करना है और क्षेत्रीय बाजारों में चीन के माल के प्रवेश को आसान बनाना है.ण्
यह योजना चीन की स्थिति को उसके पड़ोसियों और संभावितों के बीच एक आर्थिक साझेदार के तौर पर मजबूत करेगा तथा क्षेत्र में बीजिंग के राजनयिक लाभ का फायदा उठाने का मौका भी मिलेगा.
इससे ऊर्जा और खनन स्रोतों में निवेश में वृद्धि हुई है, विशेषतौर पर मध्य एशिया में. इससे विदेशों से आयतित वस्तुओं पर चीन की निर्भरता भी कम हो सकती है, जिसमें ओवरसीज मलक्का से लाया जाने वाले तेल भी शामिल है.
टिप्पणी
चीन के राष्ट्रपति झी जिनपिंग ने कार्यक्रम को अपनी विदेश नीति और घरेलू आर्थिक रणनीति का केंद्र बना दिया है. प्रारंभ में क्षेत्रीय बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के एक नेटवर्क के तौर पर बिल भेजा गया. यह नवीनतम जारी कार्यक्रम इंगित करता है कि इसे बेल्ट और रोड पहल के दायरे का विस्तार करने के लिए लाया गया है और अब इसमें एशियाई देशों में समन्वय नीति को बढ़ाना, वित्तीय एकीकरण, व्यापार उदारीकरण और लोगों के बीच संपर्क का विस्तार शामिल होगा. इस पहल को लागू करने के लिए चीन के प्रयासों का संभावित प्रभाव क्षेत्रों की आर्थिक संरचना, क्षेत्र के व्यापार के तरीके, निवेश, आधारभूत विकास पर पड़ेगा और बदले में इसमें चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य प्रमुख शक्तियों को रणनीतिक प्रभाव मिलेगा.
मौनावाहिदुद्दीनसैयदियानाइमामअलहसनइब्नअलीशांतिपुरस्कारसेसम्मानितला
प्रसिद्ध इस्लामिक विद्वान और कार्यकर्ता मौलाना वाहिदुद्दीन खान को 30 अप्रैल 2015 को यूएई के आबूधाबी में सैयदियाना इमाम अल हसन इब्न अली शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
मौलाना वाहिदुद्दीन को उनके ज्ञान और शांति कायम रखने के प्रयासों के कारण जाना जाता है. 90 वर्षीय मौलाना ने इस्लाम पर कई पुस्तकें और लेख लिखे हैं. मौलाना वाहिदुद्दीन एक इस्लामिक धार्मिक विद्वान हैं जिन्होंने शांति को अपने जीवन के मिशन के तौर पर अपनाया और वह गांधीवादी विचारधारा के लिए भी प्रसिद्ध हैं. उनका विश्वास है कि सफलता प्राप्त करने के लिए सिर्फ अहिंसा ही एक मात्र विधि है.
वह इस्लाम, बहु जातीय समाज में भविष्यवाणी ज्ञान, आध्यात्म और शांतिपूर्ण सह अस्तित्व के बारे में 200 से ज्यादा पुस्तकों के लेखक हैं. उनकी हाल ही में लिखी गई किताब “शांति के पैगंबरः पैगंबर मुहम्मद की शिक्षाएं” है. उन्हें कई पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें डेम्यिूरगस पीस इंटरनेशनल पुरस्कार और वर्ष 2000 जनवरी में मिला पदम भूषण पुस्कार शामिल हैं. उन्हें भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान, नेशनल सिटीजंस अवार्ड मदर टेरेसा द्वारा तथा वर्ष 2009 में राजीव गांधी नेशनल सदभावना पुरस्कार दिया गया.
गौ-उत्पादोंपरअनुसंधानकेलिएगौ-मूत्ररिफाइनरीकाउद्घाटन
3 मई 2015 को राजस्थान के जालौर जिले में स्थित पथमेडा गांव में गौ-उत्पादों पर अनुसंधान हेतु गौ-मूत्र रिफाइनरी का उद्घाटन किया गया. रिफाइनरी का उद्घाटन राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने किया.
गाय उत्पादों पर अनुसंधान के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण द्वारा भारतीय पारंपरिक प्रणाली के अनुसार दवाओं का उत्पादन किया जायेगा.
इस संबंध में जोधपुर के डॉ एस राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय तथा राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए.
गौ-मूत्र से निकले अपशिष्ट को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में सफाई के लिए उपयोग किया जायेगा.
वर्तमान में गाय के गोबर से प्राप्त फाइबर को आगरा और जालौर दो स्थानों पर औद्योगिक इकाइयों को चलाने के लिए ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
महाराष्ट्र एफडीए द्वारा स्नैपडील व सीईओ कुनाल बहल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी
महाराष्ट्र खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने 1 मई 2015 को स्नैपडील और इसके सीईओ कुनाल बहल व संचालकों के खिलाफ डॉक्टर की लिखित अनुमति के बिना दवाइयां ऑनलाइन बेचने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किया. औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के अनुसार डॉक्टर की पर्ची के बिना दवाएं बेचना अपराध है.
एफडीए अधिकारी द्वारा जांच में पाए जाने पर कि जापानी इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड ने डीलर के साथ पूरे भारत में इसकी वेबसाइट स्नैपडील डॉट कॉम पर दवाओं की बिक्री और प्रदर्शन के लिए अनुबंध के आधार पर प्रवेश किया है और उनकी ओर से बिक्री से प्राप्त आय को प्राप्त करने की पेशकश की गई हैं तो एफआईआर दर्ज की जाएगी. एफडीए ने आपत्तिजनक दवाओं के साथ प्रदर्शित 45 दवाएं ऐसी भी पाईं जो औषधि और चमत्कारी उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन है. एफडीए अन्य ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों जैसे फ्लिपकार्ट और एमेजॉन की भी जांच करेगी.
पूनमसूरीद्वारालिखितचाइना– कन्फ्यूशियसइनदशैडोनामकपुस्तककाविमोचन
चाइना – कन्फ्यूशियस इन द शैडो: पूनम सूरी
उपराष्ट्रपति मो. हामिद अंसारी ने चाइना – कन्फ्यूशियस इन द शैडो नामक पुस्तक का विमोचन 1 मई 2015 को किया. कन्फ्यूशियस को चीन के इतिहास में सबसे कुशल लेखक के रूप में माना जाता है.
यह पुस्तक पूनम सूरी द्वारा लिखी गयी है. पूनम सूरी इंस्टीयूट ऑफ चाइनीज स्टडीज, नई दिल्ली में एक सहायक फैलो है. इस पुस्तक में चीन के उभरते सामाजिक-राजनीतिक परिवेश और कन्फ्यूशियस के दर्शन को दर्शाया गया.
न्यूजीलैंडकेगोल्फरमाइकलकैम्पबेलकीपेशेवरगोल्फसेसंन्यासकीघोषणा
न्यूजीलैंड के गोल्फर माइकल कैम्पबेल ने 2 मई 2015 को पेशेवर गोल्फ से संन्यास की घोषणा की. माइकल कैम्पबेल ने महान गोल्फर टाइगर वुड्स को हराकर वर्ष 2005 का यूएस ओपन खिताब जीता था.
कैम्पबेल से पहले बॉब चार्ल्स ने वर्ष 1963 में न्यूजीलैंड के लिए ब्रिटिश ओपन का खिताब जीता था. कैम्पबेल ने अपने करियर में 15 टूर्नामेंट जीते है जिसमें से अधिकांश यूरोपियन टूर पर जीते. उन्होंने अपना आखिरी खिताब वेंटवर्थ में वर्ल्ड प्ले मैच चैंपियनशिप में जीता था. माइकल ने लगभग 29 वर्षों तक पेशेवर गोल्फ खेला है.
रोजरफेडररनेइस्ताम्बु्लओपनकाखिताबजीता
स्विट्जरलैंड के टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर ने 3 मई 2015 को पहली बार इस्तारम्बु्ल ओपन का खिताब जीत लिया. फाइनल मुकाबले में फेडरर ने उरुग्वे के पाब्लो चुवास को सीधे सेटों में 6-3, 6-4 से हराकर पहली बार इस्ताम्बुल ओपन का खिताब जीता. यह उनके करियर का 85वां खिताब था.
17 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता फेडरर का वर्ष 2012 के बाद यह दूसरा क्ले खिताब है. इससे पहले उन्होंने मेड्रिड मास्टर्स का खिताब जीता था. फेडरर अब तक 19 अलग-अलग देशों में खिताब जीत चुके हैं.
रोजरफेडररकेबारेमें
- रोजर फेडरर का जन्म स्विट्जरलैंड के शहर बासेल में 8 अगस्त 1981 को हुआ था.
- फेडरर अब तक 17 ग्रैंड स्लैम एकल खिताब (4 ऑस्ट्रेलियन ओपन, 7 विम्बलडन, 5 अमेरिकी ओपन), 4 टेनिस मास्टर्स कप खिताब, 16 एटीपी मास्टर्स श्रृंखलाएं, तथा एक ओलंपिक युगल स्वर्ण पदक जीत चुके हैं.
- उनके नाम 2 फरवरी 2004 से 17 अगस्त 2008 तक 237 हफ्तों तक प्रथम स्थान पर रहने का रिकॉर्ड है.
- उनके नाम कई रिकॉर्ड हैं, जिसमें लगातार 10 ग्रैंड स्लैम फाइनलों (2005 विंबलडन प्रतियोगिता से 2007 अमेरिकी ओपन प्रतियोगिता तक) तथा लगातार 19 ग्रैंड स्लैम सेमीफाइनल मुकाबलों (2004 विंबलडन से वर्तमान तक) में शामिल होना भी सम्मिलित है.
5 may
भेलनेबिहारमेंकेबीयूएनएलकी 195 मेगावॉटक्षमताकीतापबिजलीइकाईशुरुकी
सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उपकरण विनिर्माता कंपनी भेल ने बिहार के मुजफ्फरपुर में कांति बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड (केबीयूएनएल) की ताप बिजली इकाई शुरु की. यह कांति बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड (केबीयूएनएल) के मुजफ्फरपुर थर्मल पावर स्टेशन (2 गुणा 195 मेगावॉट) की पहली 195 मेगावॉट क्षमता की इकाई है. इस संयंत्र की 195 मेगावॉट क्षमता की दूसरी इकाई वित्त वर्ष 2015-16 में शुरु होने का अनुमान है.
केबीयूएनएल, एनटीपीसी और बिहार राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड (बीएसपीजीसीएल) का संयुक्त उपक्रम है. इससे पहले मार्च 2015 के पहले सप्ताह में भेल ने बिहार के बाढ़ में 660 मेगावॉट क्षमता की सुपरक्रिटिकल थर्मल यूनिट स्थापित की थी.
विनिर्माणउत्पादनमेंभारतनेचीनकोपीछेछोड़ा: एचएसबीसी
वैश्विक वित्तीय संस्था ‘एचएसबीसी’ के अनुसार चालू वित्त वर्ष (2015-16) के पहले महीने में भारत और चीन दोनों में विनिर्माण सूचकांक में भारी कमी के बीच भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया.
एचएसबीसी द्वारा मई 2015 में जारी ‘पर्चेजिंग मैनेजर्स सूचकांक’ (पीएमआई) में भारत का विनिर्माण सूचकांक मार्च 2015 के 52.1 से घटकर 51.3 रह गया है जबकि चीन का सूचकांक 49.6 से घटकर 48.9 पर आ गया.
विदित हो कि सूचकांक का 50 से ऊपर रहना विनिर्माण में बढ़ोतरी को दिखाता है, जबकि इसका 50 से नीचे रहना उत्पादन में कमी की ओर इशारा करता है.
भारत, अफगानिस्तान का संयुक्त वक्तव्य जारी
भारत और अफगानिस्तान ने 28 अप्रैल 2015 को द्विपक्षीय समझौते को उच्च स्तर तक ले जाने के लिए एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया. यह संयुक्त वक्तव्य अफगानिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के बाद जारी किया गया. मोहम्मद गनी 27 अप्रैल से 29 अप्रैल 2015 तक भारत की यात्रा पर आए थे. राष्ट्रपति पद पर आसीन होने के बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आमन्त्रण पर गनी की यह पहली भारत यात्रा थी.
संयुक्त वक्तव्य का विवरण
• दोनों देश आपसी रिश्तों को व्यवस्थित और धैर्य के साथ दीर्घकालिक संबंधों की ओर ले जाने तथा भारत-अफगानिस्तान के बीच सामरिक भागीदारी को मजबूत करने पर सहमत हुए.
• दोनों देशों ने रणनीतिक भागीदारी अनुबंध के तहत परिकल्पना सहयोग के सभी क्षेत्रों में हुई प्रगति की समीक्षा की.
• प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति को भारत की ओर से 2015-24 के दशक और इसके आगे के लिए अफगानिस्तान में चल रहे महत्वपूर्ण आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक बदलावों में समर्थन देने का भरोसा दिलाया.
• दोनों देशों ने सहमति जताई कि वे अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में नहीं होने देंगे.
• दोनों देशों ने आतंकवाद और इसके सभी रूपों का अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर मुकाबला करने का दृढ़ संकल्प जताया.
• राष्ट्रपति गनी ने दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदम पर संतोष व्यक्त किया तथा हाल ही में पीएटीटीटीए (पाकिस्तान, अफगानिस्तान, तजाकिस्तान व्यापार और पारगमन अनुबंध) वार्ता में एक चौथे दल के रूप में शामिल होने के भारत के निर्णय पर संतोष जताया, जो व्यवस्था में व्यापक क्षेत्रीय एकीकरण के लिए सार्थक ढंग से योगदान देने की अनुमति प्रदान करेगा.
• अफगानिस्तान ने ‘हार्ट ऑफ द एशिया’ कार्यक्रम के तहत व्यापार, वाणिज्य और निवेश विश्वास बहाली उपाय (टीसीआई-सीबीएम) के लिए भारतीय प्रबंधन के कदम का भी स्वागत किया जिनकी गतिविधियां अफगानिस्तान के संभावित प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करती हैं और यह एशिया के हृदय स्थल में अद्वितीय स्थान है.
• दोनो नेता बड़े, मध्यम और छोटे सभी प्रकार के प्रतिष्ठानों सहित अन्य व्यापार के लिए अधिक उदार व्यापार वीजा व्यवस्था की दिशा में काम करने के लिए सहमत हो गए.
• दोनों देशों के नेताओं ने चहाबहार बंदरगाह की योजना को वास्तविकता में बदलने के लिए ईरान सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए सहमति जताई.
• दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में सुधार लाने के लिए साझा लक्ष्य के तौर पर काम करने पर सहमति जताई और प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुधार में जी-4 संकल्प को सह-प्रायोजित करने व अफगानिस्तान द्वारा भारत का समर्थन करने के लिए अफगानिस्तान का धन्यवाद किया. इन सुधारों में संयुक्त राष्ट्र के 70वें वर्ष में सुरक्षा परिषद का विस्तार करना भी शामिल है.
दोनों नेता दौरे के तीन माह में इन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने पर भी सहमत हुए. दस्तावेजों में शामिल है :
1. भारत और अफगानिस्तान के बीच प्रत्यर्पण संधि
2. भारत और अफगानिस्तान के बीच सजा प्राप्त व्यक्तियों के हस्तांतरण का अनुबंध
3. आपराधिक मामलों में पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी)
4. भारत और अफगानिस्तान के बीच नागरिक व वाणिज्यिक मामलों में पारस्परिक कानूनी सहायता के लिए दो पक्षीय संधि
5. भारत और अफगानिस्तान के बीच यात्री, व्यक्तिगत और कारगो वाहनों के आवागमन के नियमन के लिए मोटर वाहन अनुबंध
6. राजनयिक पासपोर्ट धारकों को वीजा से मुक्त प्रवेश के लिए एमओयू
चारभारतीयोंकोजापानका 2015 स्प्रिंगइंपीरियलडेकोरेशंससम्मान
चार भारतीयों को जापान का स्प्रिंग इंपीरियल डेकोरेशंस सम्मान प्रदान किया जायेगा, इस बारे में 29 अप्रैल 2015 को घोषणा की गई. ये भारतीय 85 विदेशी प्राप्तकर्ताओं में शामिल हैं, जिन्हें 8 मई 2015 को टोक्यो में इंपीरियल पैलेस में पुरस्कार प्रदान किया जाएगा. पुरस्कार जापान के शासक अखितो द्वारा दिए जाएंगे.
राइजिंग सन, गोल्ड और सिल्वर स्टार सम्मान
थोटूवेल्ली कृष्णा पिल्लई अययप्पन कुट्टी नायर (75): वह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पूर्व सलाहकार और प्रमुख सचिव हैं. उन्हें भारत और जापान के बीच मैत्री संबंध सुधारने और संबंधों को बढ़ाने में अपना योगदान देने के लिए पुरस्कृत किया गया.
चिंतामनि नागेसा रामचंद्र राव (80): वह बैंगलौर में स्थित जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस साइंटिफिक रिसर्च के माननीय अध्यक्ष हैं और जापान-भारत विज्ञान परिषद के पूर्व अध्यक्ष हैं. उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से 2014 में नवाजा गया. उन्हें भारत व जापान के बीच शैक्षिक, आंतरिक बदलावों और विज्ञान व तकनीक में पारस्परिक योगदान देने के लिए पुरस्कृत किया गया.
सनराइज़, गोल्ड व सिल्वर रेज़ सम्मान
निकुंज पारेख (74) : वह इंडो-जापानी संघ, मुंबई के अध्यक्ष और इंडो-जापानी संघ, मुंबई के बोनसाई स्टडी ग्रुप के संचालक हैं. उन्हें भारत में जापानी संस्कृति को प्रोत्साहित व प्रस्तुत करने में योगदान देने के लिए पुरस्कृत किया गया.
सेक्रेड ट्रेज़र, गोल्ड व सिल्वर रेज़ सम्मान
टोपगे भूटिया (64): वह भारत में जापानी दूतावास के पूर्व कर्मचारी थे, जिन्हें दूसरे देशों में जापानी गतिविधियों को स्थापित करने के लिए सम्मानित किया गया.
इंग्लिशफुटबॉलक्लबचेल्सीनेक्रिस्टलपैलेसकोपराजितकरइंग्लिशप्रीमियरलीग 2014-15 काखिताबजीता
इंग्लिश फुटबॉल क्लब चेल्सी ने 3 मई 2015 को लंदन के स्टैमफोर्ड ब्रिज में आयोजित फाइनल मैच में क्रिस्टल पैलेस को 1-0 से पराजित कर इंग्लिश प्रीमियर लीग 2014-15 का खिताब जीता. चेल्सी की टीम की ओर से केवल एकमात्र गोल मैच के 45वें मिनट में इडेन हजार्ड ने किया.
चेल्सी ने वर्ष 2010 में अंतिम बार इंग्लिश प्रीमियर लीग का खिताब जीता था. यह चेल्सी का चौथा इंग्लिश प्रीमियर लीग खिताब है. इस जीत के साथ ही चेल्सी ने चैम्पियन्स लीग 2015-16 के ग्रुप स्टेज के लिए क्वालीफाई कर लिया, जिसका आयोजन सितंबर 2015 से दिसंबर 2015 के बीच होगा.
मैनचेस्टर यूनाइटेड ने सबसे अधिक 13 बार इंग्लिश प्रीमियर लीग ख़िताब जीता, जबकि चेल्सी ने चार बार ख़िताब अपने नाम किया.
प्रीमियर लीग के बारे में
प्रीमियर लीग इंग्लिश फुटबॉल की शीर्ष लीग प्रतियोगिता है. वर्ष 1888 में द फुटबॉल लीग से कुछ क्लबों के अलग होने के बाद 20 फ़रवरी 1992 को इंग्लिश प्रीमियर लीग की स्थापना की गई. अब तक केवल पांच क्लब ही इंग्लिश प्रीमियर लीग का खिताब जीते है, जिसमें मैनचेस्टर यूनाइटेड, ब्लैकबर्न रोवर्स, आर्सेनल, चेल्सी और मैनचेस्टर सिटी शामिल हैं. इसे आधिकारिक तौर पर बार्क्लेज़ प्रीमियर लीग के रूप में भी जाना जाता है.
सीरियाईपत्रकारमाजेनडेरविशकोयूनेस्कोकाप्रेसफ्रीडमपुरस्कार-2015 देनेकीघोषणा
संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक संस्था ‘यूनेस्को’ ने 3 मई 2015 को सीरियाई पत्रकार एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता माजेन डेरविश को यूनेस्को का प्रेस फ्रीडम पुरस्कार/ गिलेरमो कानो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम पुरस्कार- 2015 देने की घोषणा की. माजेन डेरविश वर्तमान में सीरिया के एक जेल में बंद हैं.
डेरविश को यह पुरस्कार सीरिया में उनके 10 साल से भी ज्यादा समय के काम के लिए दिया गया. यूनेस्को की डायरेक्टर जनरल इरियाना बोकावा ने यह जानकारी 3 मई 2015 को वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम दिवस पर आयोजित एक समारोह में दी. डेरविश एक स्वतंत्र न्यूज वेबसाइट 'सीरिया व्यू डॉट नेट' के संस्थापकों में से एक हैं. सीरियाई प्रशासन ने वर्ष 2006 में इस वेबसाइट पर प्रतिबंध लगा दिया था.
विदित हो कि डेरविश को 16 फरवरी 2012 को हनी जैतानी और हुसैन ग्रीर के साथ गिरफ्तार किया गया था. ये दोनों सीरियन सेंटर फॉर मीडिया एंड फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन में उनके सहयोगी थे. सीरियाई प्रशासन ने इन तीनों को आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
यूनेस्को के प्रेस फ्रीडम पुरस्कार से संबंधित मुख्य तथ्य:
यूनेस्को द्वारा वर्ष 1997 से हर वर्ष 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर प्रेस फ्रीडम पुरस्कार/ गिलेरमो कानो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम पुरस्कार दिया जाता है. यह पुरस्कार उस व्यक्ति अथवा संस्थान को दिया जाता है, जिसने प्रेस की स्वतंत्रता के लिए उल्लेखनीय कार्य किया हो.
केंद्रीयमंत्रिमंडलद्वाराप्रतिपूरकवनीकरणकोषविधेयक- 2015 कोमंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29 अप्रैल 2015 को संसद में प्रतिपूरक वनीकरण कोष (सीएएफ ) विधेयक, 2015 की शुरुआत के लिए अपनी मंजूरी प्रदान की. कानून का उद्देश्य केंद्र और प्रत्येक राज्य केंद्र शासित प्रदेशों के गैर-वन क्षेत्र के भूमि परिवर्तन के एवज में जरूरी धनराशि के उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए संस्थात्मक तकनीक प्रदान करना है.
विधेयक के मुख्य बिंदु
• संघ राज्य क्षेत्र प्रशासकों और राज्यों से प्राप्त राशि से राष्ट्रीय वनीकरण प्रतिपूरक कोष और राज्य वनीकरण कोष की स्थापना करना, जिसके माध्यम से डायवर्ट की गई भूमि से हुए नुकसान की भरपाई हो.
• राष्ट्रीय सीएएफ के खाते में जमा होने वाली धनराशि के उपयोग और प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय वनीकरण प्रतिपूरक कोष और योजना प्राधिकरण (सीएएमपीए) की स्थापना.
• प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य सीएएफ में जमा राशि के उपयोग और प्रबंधन के लिए राज्य सीएएमपीए की स्थापना.
• राष्ट्रीय सीएएफ और राज्य सीएएफ के तहत गतिविधियों के लिए जारी होने वाली धनराशि की निगरानी और मूल्यांकन के लिए राष्ट्रीय सीएएमपीए के सहयोग के लिए एक निगरानी समूह की स्थापना करना.
विधेयक का महत्व
• प्रस्तावित कानून राज्य विधानसभाओं और संसद दोनों में सीएएफ को विस्तृत पटल पर लेकर आएगा और उन्हें कभी लैप्स नहीं होने वाले ब्याज युक्त कोष के हस्तांतरण द्वारा जनता की दृष्टि में लेकर आएगा, यह व्यवस्था भारत के संघीय और प्रत्येक राज्य में जनता के खातों के तहत बनाई जाएगी.
• यह प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंध और योजना प्राधिकरण (सीएएमपीए) के खाते में संचित धनराशि के खर्च होने पर भी ध्यान केंद्रित करेगा, जो वर्तमान में 38000 करोड़ रुपये के क्रम में है.
• इसके अलावा, यह खर्च नहीं की गई संचित धनराशि के ताजा प्रतिपूरक ब्याज उपार्जन को भी सुनिश्चित करेगा, जो कि एक कुशल और पारदर्शी स्थिति में प्रतिवर्ष लगभग 6000 करोड़ रुपये है .
• वन भूमि के भूमि उपयोग में बदलाव के प्रभावों को कम करने के लिए राशि का उपयोग सही समय पर कार्यान्वयन करने पर खर्च किया जायेगा, जिसके लिए यह धनराशि जारी की गई हो.
• इस राशि का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में खासतौर पर पिछड़े जनजातीय क्षेत्रों में उत्पादनशील संपत्तियों के सृजन और वृहद रोजगार अवसरों को निर्मित करने में किया जाएगा.
वरिष्ठपत्रकारअमिताभचौधरीकानिधन
वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और टैगोर शोधकर्ता अमिताभ चौधरी का 2 मई 2015 को कोलकाता में 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया.
वे लगभग तीस वर्षों से प्रमुख बंगाली दैनिक समाचार पत्रों आनंद बाजार पत्रिका, युगांतर और आजकल से जुड़े थे. इसके अलावा, उन्होंने लगभग 40 किताबों का लेखन भी किया, जिसमें अधिकांश रवीन्द्रनाथ टैगोर पर आधारित थी.
उनका जन्म वर्ष 1928 में सिलचर में हुआ था. वर्ष 1956 में वे एक पत्रकार के रूप में आनंद बाजार पत्रिका से जुड़े थे.
पुरस्कार
• अमिताभ चौधरी को वर्ष 1983 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया.
• वर्ष 2013 में राज्य सरकार द्वारा बंगविभूषण से सम्मानित किया गया.
• उन्हें भारत में व्यक्तिगत अधिकारों और समुदाय के हितों पर उनकी रिपोर्टिंग के लिए रेमन मैगसेसे पुरस्कार प्रदान किया गया.
संदीप जाजोदिया को बॉक्सिंग इंडिया के अध्यक्ष पद से हटाया गया
बॉक्सिंग इंडिया (बीआई) की आम सभा की विशेष बैठक में 3 मई 2015 को संदीप जाजोदिया को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया.
इस बैठक के लिए आम सभा के 64 सदस्यों में से 57 सदस्यों ने भाग लिया और जाजोदिया के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 55-2 से मतदान किया.
संदीप जाजोदिया मोनेट समूह (एक बुनियादी सुविधा फर्म) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) है और 11 सितंबर 2014 को अध्यक्ष पद पर निर्विरोध चुने गए. इससे पहले, युवा मामले और खेल मंत्रालय ने 2 जनवरी 2015 को 2 वर्ष के प्रतिबंध के बाद भारत में मुक्केबाजी का प्रतिनिधित्व करने हेतु शासी निकाय के रूप में बॉक्सिंग इंडिया को मान्यता प्रदान की थी.
बॉक्सिंग इंडिया (बीआई) देश भर के विभिन्न राज्यों या क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले 32 मुक्केबाजी संघों का महासंघ है.
विश्वप्रेसस्वतंत्रतादिवसविश्वस्तरपरमनायागया
3 मई: विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस
विश्व स्तर पर प्रेस की आजादी को सम्मान देने के लिए 3 मई 2015 को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस (World Press Freedom Day) मनाया गया. विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का उद्देश्य प्रेस की आजादी के महत्त्व के प्रति जागरूकता फैलाना है. विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2015 का विषय ‘लेट जर्नेलिज्म थ्राइव ! टोवार्ड्स बेटर रिपोर्टिंग, जेंडर इक्विलिटी ड मीडिया सेफ्टी इन द डिजिटल एज’ (Let Journalism Thrive! Towards better reporting, gender equality and media safety in the digital age.) है.
संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations) ने वर्ष 1993 में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस (World Press Freedom Day) की घोषणा की थी. संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations) के अनुसार यह दिन प्रेस की स्वतंत्रता के सिद्धांत, प्रेस की स्वतंत्रता का मूल्यांकन, प्रेस की स्वतंत्रता पर बाहरी तत्वों के हमले से बचाव और प्रेस की सेवा करते हुए दिवंगत हुए संवादाताओं को श्रद्धांजलि देने का दिन है.
यूनेस्को द्वारा 1997 से प्रतिवर्ष 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘गिलेरमो कानो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम प्राइज’ भी दिया जाता है. यह पुरस्कार उस व्यक्ति अथवा संस्थान को दिया जाता है जिसने प्रेस की स्वतंत्रता के लिए उल्लेखनीय कार्य किया हो.
संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक संस्था ‘यूनेस्को’ ने 3 मई 2015 को सीरियाई पत्रकार एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता माजेन डेरविश को यूनेस्को का प्रेस फ्रीडम पुरस्कार/ गिलेरमो कानो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम पुरस्कार- 2015 देने की घोषणा की. माजेन डेरविश वर्तमान में सीरिया के एक जेल में बंद हैं. वर्ष 1997 से वर्ष 2014 तक भारत के किसी भी पत्रकार को यह पुरस्कार नहीं दिया गया.
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस से संबंधित मुख्य तथ्य
• प्रेस की आजादी और समाचारों को लोगों तक पहुंचाकर, सशक्त हो रहे मीडियाकर्मियों का व्यापक विकास करना इसका उद्देश्य है.
• 3 मई 1991 को अफ्रीकी समाचारपत्रों के पत्रकारों द्वारा जारी किए गए विंड हॉक की घोषणापत्र की वर्षगांठ भी 3 मई को ही होती है.
• प्रत्येक वर्ष इसी तिथि को प्रेस की आजादी के बुनियादी सिद्धांतों को याद किया जाता है.
• विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी पत्रकार अपना काम निर्भय होकर करने की शपथ लेते है.
ग्लोबलवार्मिंगकेकारणसदीकेअंततक 6 मेंसे 1 प्रजातिकेविलुप्तहोनेकाखतरा : अध्ययन
ग्लोबल वार्मिंग के कारण उत्सर्जित होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड के कारण इस सदी के अंत तक प्रत्येक 6 में से 1 प्रजाति विलुप्त होने का कगार पर है. इस तथ्य का खुलासा 1 मई 2015 को साइंस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन द्वारा किया गया.
कनेक्टिकट विश्वविद्यालय में पारिस्थितिकी विभाग में कार्यरत मार्क सी इस अध्ययन के लेखक हैं. इस अध्ययन में जलवायु परिवर्तन से होने वाले बदलावों पर शीघ्र ही उपयुक्त कदम उठाने पर भी बल दिया गया है.
अध्ययन के मुख्य बिंदु
जलवायु परिवर्तन से भविष्य में विलुप्त होने वाले प्राणियों पर खतरा पहले से अधिक बढ़ा है.
वैश्विक स्तर पर विलुप्त होने का खतरा 2.8 प्रतिशत से बढ़कर 5.2 प्रतिशत हो सकता है.
कुल 7.9 प्रतिशत प्रजातियों के विलुप्त होने की भविष्यवाणी की गयी है.
यदि वैश्विक तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ता है तो विलुप्त होने का खतरा 8.5 प्रतिशत बढ़ सकता है.
यदि हमने जलवायु परिवर्तन पर काबू नहीं किया और इसकी गति यही बनी रही तो एक सदी में 16 प्रजातियां विलुप्त हो जायेंगी.
उत्तरी अमेरिका तथा यूरोप में विलुप्त होने की दर काफी कम रहेगी.
दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूज़ीलैंड में यह दर सबसे अधिक रहेगी, यहां वन्यजीवों के लिए अपना घरेलू स्थान बदलने के लिए भी उपयुक्त जगह नहीं बचेगी.
स्थानीय, उभयचर एवं सरीसृप समूहों की प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा अधिक है. स्थानिक प्रजातियों के लिए अन्य प्रजातियों की तुलना में विलुप्त होने की सम्भावना 6 प्रतिशत अधिक है.
परिणामस्वरूप, वैश्विक जलवायु परिवर्तन (ग्लोबल वार्मिंग) से निपटने के प्रभावी उपायों को अपनाने की आवश्यकता है.
भारतीयप्रशासनिकसेवाकेअधिकारीअरुणझानेजनजातीयकार्यमंत्रालयकेसचिवकापदभारसंभाला
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अरुण झा ने 5 मई 2015 को जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव का पदभार संभाला. वे बिहार कॉडर के वर्ष 1981 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं. इससे पहले वे कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के विशेष सचिव पद पर थे.
अरुण झा से संबंधित मुख्य तथ्य:
वर्ष 1981 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, अरुण झा ने बिहार सरकार और भारत सरकार में विभिन्नद पदों पर काम किया है. भारत सरकार में वे कृषि और रसायन तथा उर्वरक मंत्रालयों में उच्चर पदों पर रहे. उन्होंनने भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्सभ लिमिटेड में मुख्यृ सर्तकता अधिकारी के रूप में भी कार्य किया.
भारतमें 250 मेंसे 48 भंवरोंकीप्रजातियांकानिवासस्थल: इंडियनबम्बलबीज़
अप्रैल 2015 में प्रकाशित पुस्तक ‘इंडियन बम्बलबीज़’ के अनुसार भारत में 250 में से 48 भंवरों की प्रजातियों का निवास स्थान है.
यह पुस्तक प्रसिद्ध कीटविज्ञानी एम.एस सैनी एवं उनके सहयोगियों रिफात एच रैना तथा हरप्रीत सिंह घटोर द्वारा लिखी गयी है.
भंवरों के बारे में जानकारी
मधुमक्खियों की भांति भंवरे भी सामाजिक प्राणी हैं तथा झुण्ड में रहना पसंद करते हैं. इनकी कालोनियों का आकार प्रजातियों के अनुरूप भिन्न हो सकता है.
इनके शरीर पर अधिकतर काले, पीले और लाल रंग के बाल होते हैं तथा यह 2000 से 15000 फीट की ऊंचाई पर पाए जाते हैं जिसमें हिमालय, जम्मू कश्मीर तथा नागालैंड क्षेत्र शामिल हैं.
कालोनी की स्थापना रानी करती है जो शीत ऋतु में सुप्तप्राय अवस्था में रहती है. वसंत ऋतु में रानी एक स्थान पर अंडे देती है, जिससे निकलने वाली मक्खियां आगे चलकर कार्यकारी भूमिका निभाती हैं.
वनस्पति जीविका के लिए इनका महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि वे ही ऐसे प्राणियों में शामिल हैं जो प्रतिकूल जलवायु में भी रह सकती हैं.
वे हिमालय के उच्च स्थानों में सब्जियों, फलदार पेड़ों तथा फसलों के परागकणों को छिड़कने का कार्य भी बखूबी करती हैं.
इंग्लैंडकेबल्लेबाजजोनाथनट्राटकाअंतरराष्ट्रीयक्रिकेटसेसंन्यास
इंग्लैंड के बल्लेबाज जोनाथन ट्राट ने 4 मई 2015 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की. जोनाथन ने वेस्टइंडीज दौरे पर अपने खराब प्रदर्शन के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया.
ट्राट ने अप्रैल 2015 में वेस्टइंडीज दौरे पर तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के दौरान तीन पारियों में शून्य पर आउट होने के साथ मात्र 72 रन बनाये.
जोनाथन ट्राट इंग्लैंड के काउंटी क्लब वार्विकशायर की ओर से खेलना जारी रखेंगे.
जोनाथन ट्राट के बारे में
दक्षिण अफ्रीका में जन्मे ट्राट ने वर्ष 2009 में एशेज सीरीज में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था और पहले ही मैच में शतक बनाया था. उन्होंने कुल 52 टेस्ट मैचों में 44.08 की औसत से 3835 रन बनाए, जिसमें 9 शतक और 19 अर्धशतक भी शामिल हैं.
तीन बार एशेज सीरीज में खेलने वाले ट्राट वर्ष 2011 में क्रिकेटर ऑफ द ईयर भी रहे थे. उन्होंने 68 एकदविसीय मैच खेले हैं जिनमें 51.25 की औसत से 2819 रन बनाए, जिसमें 4 शतक और 22 अर्धशतक भी शामिल हैं
डब्ल्यूएचओनेवायुप्रदूषणकेस्वास्थ्यपरप्रभावएवंआर्थिकलागतपरएकरिपोर्टजारीकी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के यूरोप के क्षेत्रीय कार्यालय ने 28 अप्रैल 2015 को यूरोप में वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव एवं आर्थिक लागत (Economic cost of the health impact of air pollution in Europe: Clean air, health and wealth) शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की.
इस रिपोर्ट में यूरोपीय क्षेत्र के 53 देशों में आउटडोर (बाह्य) और इनडोर (आंतरिक) वायु प्रदूषण से उत्पन्न होने वाली मौतों और बीमारियों एवं उसके आर्थिक बोझ का आकलन प्रस्तुत किया गया है. इस रिपोर्ट में पर्यावरण के अनुकूल मानदंडों विकसित करने के लिए की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई है.
रिपोर्ट के महत्वपूर्ण निष्कर्ष
• इस रिपोर्ट में वर्ष 2010 में यूरोपीय क्षेत्र 600000 समय से पहले होने वाली मौतों एवं 1.4 खरब अमेरिकी डॉलर की हानि की मुख्य वजह वायु प्रदूषण को बताया गया है.
• वर्ष 2013 में वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव पर खर्च हुए 16 ट्रिलियन अमेरिकी डालर की राशि पूरे यूरोपीय संघ के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के दसवें भाग के बराबर हैं.
• इस क्षेत्र में वायु प्रदूषण, हृदय और सांस की बीमारियों, रक्त वाहिनियों की स्थिति और स्ट्रोक और फेफड़ों के कैंसर से वर्ष 2012 में 482,000 लोगों के समय से पहले होने वाली मौतों के लिए जिम्मेदार है.
• वर्ष 2012 में, घर के अंदर वायु प्रदूषण उच्च आय वाले देशों की तुलना में कम और मध्यम आय वाले देशों में पांच गुना अधिक थी. जहाँ इससे 117,200 लोगों की समय से पहले मौत हुई.
स्वदेशी निर्मित सुपरसोनिक मिसाइल ‘आकाश’ सेना में शामिल
स्वदेशी निर्मित सुपरसोनिक मिसाइल ‘आकाश’ को 5 मई 2015 को सेना में शामिल किया गया. सेना के प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने औपचारिक रूप से इसका लोकार्पण किया.
आकाश मिसाइल दुश्मन के हेलीकॉप्टरों, विमानों और मानवरहित विमानों को 25 किलोमीटर दूर से निशाना बना सकता है. इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा विकसित किया गया है. आकाश डीआरडीओ द्वारा वर्ष 1984 में शुरू किए गए इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम की पांच मूल मिसाइल प्रणालियों में से एक है.
विदित हो कि आकाश मिसाइल प्रणाली स्वदेशी तौर पर विकसित ऐसी मिसाइल है, जो सतह से हवा में छोटी दूरी तक वार कर सकती है. इसमें विमानों, हेलीकॉप्टरों और मानवरहित विमानों जैसे विभिन्न हवाई खतरों पर अधिकतम 25 किलोमीटर की दूरी पर और 20 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर वार करने की क्षमता है. इसकी तकनीकी प्रणाली सभी मौसमों में एकसाथ एक से अधिक लक्ष्यों को साधने में सक्षम है और यह सेना को छोटी दूरी के मिसाइल का समग्र कवर उपलब्ध करवाने में सक्षम है.