‘भारत महोत्सव’ 10 जनवरी से लेकर 16 फरवरी, 2017 तक कंबोडिया में आयोजित किया जाएगा |
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‘भारत महोत्सव’ 10 जनवरी से लेकर 16 फरवरी, 2017 तक कंबोडिया में आयोजित किया जाएगा। महोत्सव के दौरान आयोजित किए जाने वाले विशेष कार्यकमों में ‘रामायण’ पर नाटक का मंचन , राजस्थानी लोक संगीत और नृत्य समूह (नृत्य समूह के साथ-साथ मांगनियार समूह), शास्त्रीय नृत्य शामिल हैं। इस दौरान भगवान बुद्ध के जीवन, शिक्षाओं और उनसे जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं को दर्शाने के लिए एक बौद्ध महोत्सव भी आयोजित किया जाएगा, जो ‘धम्म दर्शन’ के शीर्षक वाली एक प्रदर्शनी है। इसके साथ ही इस दौरान भारत में बौद्ध धार्मिक/धरोहर स्थलों पर फोटो प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी। इस महोत्सव में शिरकत करने वालों को हर तरह का मनभावन अनुभव कराने के लिए एक ‘खाद्य महोत्सव’ भी आयोजित किया जाएगा। इस महोत्सव से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन कंबोडिया के तीन शहरों नॉम पेन्ह, सिएम रीप और बत्तामबैंग में किया जाएगा। |
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जे पी नड्डा ने डॉ आर एम एल अस्पताल में "धर्मशाला परिसर" लोगों को समर्पित किया |
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दिल्ली से बाहर के गरीब रोगियों के साथ आने वाले सहायकों के लिए नि:शुल्क आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी.नड्डा ने आज डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) में 'धर्मशाला परिसर' का उद्घाटन किया। इस परिसर में 35 बिस्तरों वाले एकल, दो और शयनकक्ष कमरों के साथ एक तल महिलाओं के लिए आरक्षित होने की सुविधा उपलब्ध है। इस परिसर का निर्माण करीब 6.15 करोड़ रूपए के परिव्यय से किया गया है और यह आगंतुकों के लिए नि:शुल्क संचार सुविधाओं का लाभ भी प्रदान करता है। यहां केयर टेकर, सुरक्षा और स्वच्छता की सेवाएं चौबीसों घंटे उपलब्ध हैं। इस अवसर पर, माननीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी उपस्थित थे। इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि यह अस्पताल शहर और पड़ोसी राज्यों से आने वाले रोगियों को यह विश्वास दिलाता है कि उन्हें देश में उपलब्ध सेवाओं में से सबसे अच्छी सेवाएं प्राप्त होगीं। श्री नड्डा ने कहा कि आरएमएल गरीब लोगों को सेवाएं प्रदान करने के मामले में गुणवत्ता और मात्रा में संतुलन रखने में सफल रहा है। परिसर में प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर जोर देते हुए श्री नड्डा ने कहा कि परिसर में सेवाओं का नियमित रूप से निरीक्षण और निगरानी की जानी चाहिए। श्री नड्डा ने कहा कि हम हार्डवेयर बनाते हैं लेकिन सॉफ्टवेयर पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा कि अस्पताल के साधनों और परिसर में सुविधा प्रदान करने में यह दिखना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस सुविधा के साथ उचित स्वच्छता को भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से इस सुविधा में इस पहलू पर नजर रखने के निर्देश भी दिए। आईसीटी आधारित 'मेरा अस्पताल’ एप्लीकेशन का जिक्र करते हुए श्री नड्डा ने मंत्रालय स्वास्थ्य केन्द्रों में सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए लोगों की प्रतिक्रिया को डिजिटल रूप से प्राप्त करने की मंशा रखता है। इससे पूर्व, श्री नड्डा ने डॉ आरएमएल अस्पताल में एच1एन1 इन्फ्लूएंजा के मामलों से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा की। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा सर्दियों के मौसम में एच1एन1 इन्फ्लूएंजा के मामलों में आम तौर पर वृद्धि देखी जाती है। उनका आज का दौरा अस्पताल की तैयारी की समीक्षा करने के लिए था। श्री नड्डा ने इस संदर्भ में की गई तैयारियों पर संतोष व्यक्त किया। इस अवसर पर, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक, डॉ जगदीश प्रसाद, विशेष स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक, डॉ. बी.डी.अठानी, अपर सचिव (स्वास्थ्य) संजीव कुमार, सीजीएचएस के एएस और डीजी डॉ.आर.के.वत्स, आरएमएल अस्पताल, दिल्ली के अपर महानिदेशक और चिकित्सा अधीक्षक डॉ (प्रोफेसर) डॉ गदपायले और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। *** |
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चेन्नई, अहमदाबाद और वाराणसी को स्मार्ट सिटी बनाने में सहायता करेगा जापान |
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जापान ने स्मार्ट सिटी के रूप में चेन्नई, अहमदाबाद और वाराणसी के विकास कार्यों से जुड़ने का निर्णय लिया है। इस आशय की जानकारी भारत में जापान के राजदूत श्री केंजी हीरामत्सु ने शहरी विकास मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू के साथ अपनी बैठक के दौरान दी। श्री हीरामत्सु ने यह भी कहा कि जापान भारत सरकार के शहरी विकास से जुड़े कदमों में काफी दिलचस्पी रखता है और उसने इसमें एक भागीदार बनने का फैसला किया है। ब्रिटेन के उच्चायुक्त श्री डोमिनिक एसक्विथ ने भी श्री वेंकैया नायडू से मुलाकात की और उन्होंने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री सुश्री थेरेसा मे की हालिया भारत यात्रा के दौरान शहरी विकास के क्षेत्र में सहयोग पर दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित सहमति-पत्र (एमओयू) को मूर्त रूप देने के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के विकास के लिए सरकारी स्तर पर सहयोग को संस्थागत रूप देने की व्यापक संभावनाएं हैं। अब तक कई प्रमुख देश 15 स्मार्ट शहरों के विकास से जुड़ने के लिए आगे आ चुके हैं। इनमें ये शामिल हैं: अमेरिकी व्यापार विकास एजेंसी (यूएसटीडीए)- विशाखापत्तनम, अजमेर एवं इलाहाबाद, ब्रिटेन- पुणे, अमरावती (आंध्र प्रदेश) एवं इंदौर, फ्रांस- चंडीगढ़, पुडुचेरी एवं नागपुर और जर्मनी - भुवनेश्वर, कोयंबटूर एवं कोच्चि। ***
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वैसे तो दुनिया की अर्थव्यवस्था काफी कमजोर है, लेकिन अपने वृहद आर्थिक बुनियादी तत्वों में बेहतरी के बल पर भारत की स्थिति आज अपेक्षाकृत काफी मजबूत नजर आती हैः वित्त मंत्री |
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श्री अरुण जेटली ने कहा, ‘सरकार द्वारा समानांतर अर्थव्यवस्था एवं कर चोरी से निजात पाने के लिए उठाये गये कदमों का आगे चलकर जीडीपी और राजकोषीय मजबूती दोनों पर ही सकारात्मक असर पड़ने की आशा है’ वित्त मंत्री ने आज राष्ट्रीय राजधानी में वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (एफएसडीसी) की 16वीं बैठक की अध्यक्षता की केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि वैसे तो दुनिया की अर्थव्यवस्था काफी कमजोर है, लेकिन अपने वृहद आर्थिक बुनियादी तत्वों में बेहतरी के बल पर भारत की स्थिति आज अपेक्षाकृत काफी मजबूत नजर आती है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा आभासी अर्थव्यवस्था एवं कर चोरी से निजात पाने के लिए उठाये गये कदमों का आगे चलकर जीडीपी और राजकोषीय मजबूती दोनों पर ही सकारात्मक असर पड़ने की आशा है। वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज नई दिल्ली में आयोजित की गई वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (एफएसडीसी) की 16वीं बैठक की अध्यक्षता करने के दौरान अपने शुरुआती संबोधन में ये बातें कहीं। एफएसडीसी की बैठक में सभी वित्तीय नियामकों और वित्त मंत्रालय एवं वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। आज की बैठक में जिन गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया उनमें भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डॉ. उर्जित आर.पटेल, वित्त सचिव श्री अशोक लवासा, आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) में सचिव श्री शक्तिकांत दास, राजस्व विभाग में सचिव डॉ. हसमुख अधिया, वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) में सचिव सुश्री अंजुली चिब दुग्गल, निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) में सचिव श्री नीरज कुमार गुप्ता, मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) डॉ. अरविंद सुब्रमण्यन, सेबी के चेयरमैन श्री यू.के. सिन्हा, आईआरडीएआई के चेयरमैन श्री टी.एस.विजयन, पीएफआरडीए के चेयरमैन श्री हेमंत जी कांट्रैक्टर और भारत सरकार एवं वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण शामिल थे। इस अवसर पर मुख्य आर्थिक सलाहकार ने अर्थव्यवस्था की हालत पर एक प्रस्तुति दी। परिषद ने अर्थव्यवस्था से जुड़े प्रमुख मसलों एवं इसके समक्ष मौजूद चुनौतियों की समीक्षा की और इसके साथ ही यह बात नोट की कि अपने वृहद आर्थिक बुनियादी तत्वों में बेहतरी के बल पर भारत की स्थिति आज अपेक्षाकृत काफी मजबूत नजर आती है। परिषद ने यह बात भी नोट की कि समानांतर अर्थव्यवस्था और काले धन की समस्या से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गये कदमों का आगे चलकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और राजकोषीय मजबूती दोनों पर ही सकारात्मक असर पड़ने की आशा है। *** |
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आयातित एवं निर्यात वस्तुओं से संबंधित विदेशी मुद्रा की विनिमय दर अधिसूचित |
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सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 (1962 का 52) की धारा 14 द्वारा प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए केंद्रीयउत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने सं. 147/2016-कस्टम्स (एन.टी.), दिनांक 15 दिसंबर, 2016 कीअधिसूचना के पश्चात अनुसूची-I और अनुसूची-II में दर्ज प्रत्येक विदेशी मुद्रा, जिसका उल्लेख कॉलम (2) मेंकिया गया है, की नई विनिमय दर निर्धारित की है जो आयात और निर्यात वस्तुओं के संदर्भ में कॉलम (3) में कीगयी तत्संबंधी प्रविष्टि के अनुसार 06 जनवरी, 2017 से प्रभावी होंगी। अनुसूची- I
अनुसूची- II
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व्यापार विकास एवं संवर्धन परिषद की दूसरी बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई – भारत से निर्यात बढ़ाने के लिए राज्यों को सक्रिय भागीदार बनाना |
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व्यापार विकास एवं संवर्धन परिषद की दूसरी बैठक के लिए 8 राज्यों से आये मंत्रियों, अन्य राज्यों से आये अपर मुख्य सचिवों एवं प्रधान सचिवों और केन्द्र की ओर से आये परिषद के अन्य सदस्यों का स्वागत करते हुए केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने भारत से निर्यात को नई गति प्रदान करने के लिए निरंतर जारी प्रयासों में केन्द्र के साथ भागीदारी के लिए राज्यों की सक्रिय भूमिका की सराहना की। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने परिषद के सदस्यों से व्यापार की राह में मौजूद उन बाधाओं और बुनियादी ढांचे की उन खामियों को दूर करने का आग्रह किया जो भारत से होने वाले निर्यात को बुरी तरह प्रभावित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि परिषद की पहली बैठक में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को नई गति प्रदान करने में सहायक माहौल बनाने के लिए राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ रचनात्मक चर्चाएं हुई थीं। उन्होंने कहा कि पहली बैठक के दौरान राज्यों द्वारा उठाये गए मुद्दों को सुलझाने के लिए केन्द्र ने प्रयास किये हैं। विश्व स्तर पर छाई आर्थिक सुस्ती का भारतीय निर्यात पर पड़ रहे असर को कम करने के लिए वाणिज्य मंत्री ने राज्यों से भारत से होने वाले निर्यात में विविधता लाने का आग्रह किया, जिसके तहत कई ओर क्षेत्रों को इसके दायरे में लाने और नये बाजारों में प्रवेश करने पर विशेष जोर दिया गया है। श्रीमती निर्मला सीतारमण ने राज्य सरकारों से परीक्षण, प्रमाणन, भंडारन और पैकेजिंग के लिए आवश्यक सुविधाएं सृजित करने हेतु केन्द्रीय एजेंसियों से आपसी सहयोग बढ़ाने को कहा है। उन्होंने कहा कि जैसा कि भारतीय व्यापार पोर्टल पर देखा जा सकता है, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्य देशों द्वारा हर महीने 100-150 एसपीएस अधिसूचनाएं और इतनी ही संख्या में टीबीटी अधिसूचनाएं जारी की जा रही हैं। इनमें से 50 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक उपायों में हमारे व्यापार पर असर डालने की क्षमता है। तीन क्षेत्रों (सेक्टर) की विशिष्ट जरूरतों को मोटे तौर पर कृषि एवं समुद्री उत्पादों के लिए, वन उपज के लिए और औद्योगिक उत्पादों के लिए आवश्यक कदमों में वर्गीकृत किया जा सकता है। श्रीमती सीतारमण ने सेवा निर्यात को बढ़ावा देने की ओर राज्यों का ध्यान आकृष्ट किया जिसमें भारत का व्यापार अधिशेष काफी अधिक है। उन्होंने कहा कि भारत से आईटी और इससे संबंधित सेवाओं के निर्यात के अलावा भी अन्य सेवाओं के निर्यात पर विशेष ध्यान देकर सेवाओं के निर्यात बास्केट में विविधता लाने की जरूरत है, ताकि योग, स्वास्थ्य सेवाओं, पर्यटन एवं शिक्षा को भी इसमें शामिल किया जा सके। असम के मंत्री श्री चन्दर मोहन पटवारी ने पूर्वोत्तर राज्यों से व्यापार बढ़ाने से संबंधित मुद्दों को चिन्हित किया। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचागत सुविधाओं और व्यापार केन्द्रों में निवेश को बढ़ावा देने की जरूरत है। आंध्र प्रदेश के मंत्री श्री पी. नारायण ने गुंटूर में अवस्थित एनएबीएल से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं को सहायता देने और एक रसद (लॉजिस्टिक) संस्थान की स्थापना के लिए मदद देने का आग्रह किया। छत्तीसगढ़ के मंत्री श्री अमर अग्रवाल ने वन उपज को बढ़ावा देकर जनजातीय राज्यों की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के कदम उठाने की मांग की। गुजरात के मंत्री श्री रोहित भाई पटेल ने इस परिषद के गठन के लिए भारत सरकार द्वारा की गई पहल की सराहना की क्योंकि इससे राज्यों को अपने विचार व्यक्त करने के लिए एक प्लेटफॉर्म मिल गया है। झारखंड के मंत्री श्री सी.पी. सिंह ने कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने की जरूरत पर विशेष बल दिया क्योंकि झारखंड कृषि उत्पादों का एक प्रमुख उत्पादक है। केरल के उद्योग एवं व्यापार मंत्री श्री ए.सी. मोइद्दीन ने कृषि उत्पादों के उदार आयात पर अंकुश लगाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की, ताकि घरेलू किसानों की आजीविका की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। मध्य प्रदेश के मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ला ने उपयुक्त बुनियादी ढांचे के साथ-साथ परिवहन संबंधी सहायता मुहैया कराते हुए चारों ओर से भूमि से घिरे राज्यों की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक उपाय करने की मांग की। राजस्थान के उद्योग मंत्री श्री राजपाल शेखावत ने चारों ओर से भूमि से घिरे राज्यों यानी बंदरगाह विहीन प्रदेशों को सहायता देने की मांग की। अन्य राज्यों ने भी अपनी चिंता से संबंधित क्षेत्रों के बारे में विशेष सुझाव दिये। विशेषकर ज्यादातर राज्यों ने ‘एएसआईडीई’ योजनाओं को बहाल करने की अहमियत पर प्रकाश डाला।
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देश में वर्तमान खेल संचालन रूपरेखा और खेल शासन से संबंधित मुद्दों के अध्ययन के लिए समिति |
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सरकार ने देश में मौजूदा खेल संचालन रूपरेखा और खेल शासन से संबंधित मुद्दों के अध्ययन के लिए एक समिति के गठन का फैसला किया है। इन मुद्दों में हाल ही में खेल शासन से संबंधित विकास,न्यायालय के फैसले और सर्वोत्तम अंतर्राष्ट्रीय कार्य प्रणालियों के अलावा खेल प्रतिस्पर्धाओं में एक व्यापक राष्ट्रीय खेल विकास संहिता लाने पर सिफारिश करना शामिल है। समिति की रूपरेखा इस प्रकार है:
देश में खेल प्रशासन में बेहतर शासन से संबंधित मुद्दों की पहचान और राष्ट्रीय ओलंपिक समिति एवं राष्ट्रीय खेल संघों से संबंधित शासन के मुद्दों के समाधान के लिए एक व्यापक खेल संहिता लाने हेतु विशेष सिफारिशों के लिए सर्वोत्तम अंतर्राष्ट्रीय कार्य प्रणाली आईओसी चार्टर के आधार पर नैतिकता और अच्छे प्रशासन के मूल सार्वभौमिक सिद्धांतों की पहचान, राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक मसौदा, राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के निर्णय समिति के विचारार्थ हैं। समिति को अपनी रिपोर्ट एक माह के भीतर प्रस्तुत करना आवश्यक है। *** |
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डॉ. जितेंद्र सिंह ने एनईसी के सदस्य प्रोफेसर गंगमुमेई कामेई के निधन पर शोक व्यक्त किया |
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केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के सदस्य प्रोफेसर गंगमुमेई कामेई के निधन पर शोक व्यक्त किया है। प्रोफेसर गंगमुमेई कामेई का निधन 77 वर्ष की आयु में आज मणिपुर के इम्फाल में हुआ। उनके सम्मान में शिलांग के एनईसी सचिवालय में एक शोकसभा का आयोजन किया गया। अपने शोक संदेश में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रोफेसर गंगमुमेई कामेई के योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। मंत्री महोदय ने कहा कि उन्हें न केवल एक प्रोफेसर के रूप में, बल्कि एक लेखक और इतिहासकार के रूप में याद नहीं किया जाएगा, जिनकी विशेषज्ञता क्षेत्रीय इतिहास पूर्वोत्तर भारत का इतिहास और मणिपुर थी। डॉ. सिंह ने कहा कि उन्होंने क्षेत्र के इतिहास, संस्कृति और समकालीन मुद्दों पर विस्तार से लिखा। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रोफेसर कामेई का निधन हमारे लिए कष्टपूर्ण है, लेकिन आने वाले समय में पूर्वोत्तर क्षेत्र में उनके योगदान हमारे लिए प्रेरणादायी बने रहेंगे। *** |
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भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत 04.01.2017 को 54.30 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल रही |
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पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीनस्थ पेट्रोलियम नियोजन एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) द्वारा आज संगणित/प्रकाशित सूचना के अनुसार भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत 4 जनवरी, 2017 को 54.30 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल दर्ज की गई। यह 3 जनवरी, 2017 को दर्ज कीमत 54.88 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से कम है। रुपये के संदर्भ में भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की कीमत 4 जनवरी, 2017 को घटकर 3702.29 रुपये प्रति बैरल हो गई, जबकि 3 जनवरी, 2017 को यह 3736.33 रुपये प्रति बैरल थी। रूपया 4 जनवरी, 2017 को कमजोर होकर 68.18 रुपये प्रति अमेरिकी डॉलर के स्तर पर बंद हुआ, जबकि 3 जनवरी, 2017 को यह 68.09 रुपये प्रति अमेरिकी डॉलर था। इस संबंध में विस्तृत ब्यौरा नीचे तालिका में दिया गया है:-
कच्चे तेल की दैनिक कीमत - 05.01.2017 *** |
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श्री राधा मोहन सिंह ने “कौशल विकास से कृषि विकास” पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया |
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कृषि में एग्री वेयरहाउसिंग, कोल्ड चेन, सप्लाई चेन, डेरी, पोल्ट्री, मीट, मच्छी, बागवानी, खेत मशीनीकरण, सूक्ष्म सिंचाई, में हुनरमंद नौजवानों के लिए रोजगार के मौके पैदा हुए हैं माननीय प्रधानमंत्री ने ’उत्पादन केंद्रित कृषि’ से हटकर ’किसान केंद्रित कृषि’ का आवाह्न किया है : राधा मोहन सिंह
“कृषि का ऐसा समग्र विकास अब से पहले कभी देखने को नहीं मिला”: राधा मोहन सिंह
केंद्रीय कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री, श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि कृषि में हुए नवीनतम विकास की वजह से एग्री वेयरहाउसिंग, कोल्ड चेन, सप्लाई चेन, डेरी, पोल्ट्री, मीट, मच्छी, बागवानी, खेत मशीनीकरण, सूक्ष्म सिंचाई, में हुनरमंद नौजवानों के लिए रोजगार के मौके पैदा हुए हैं जिसका नौजवानों को लाभ उठाना चाहिए। श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि इन क्षेत्रों में स्व-रोजगार के भी अवसर बढ़े हैं जिसमें कुशल नौजवानों की मांग है। श्री सिंह ने कहा कि कृषि का ऐसा समग्र विकास अब से पहले कभी देखने को नहीं मिला। केंद्रीय कृषि मंत्री ने यह बात आज नई दिल्ली में “कौशल विकास से कृषि विकास” पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में कही। इस कार्यशाला में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, आईसीएआर के कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रतिनिधि और प्रशिक्षित उद्यमी नौजवान हिस्सा ले रहे हैं। श्री सिंह ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ’कौशल भारत - कुशल भारत’ के सपने को साकार करने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने तेज़ी से कदम बढाए हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री ने ’उत्पादन केंद्रित कृषि’ से हटकर ’किसान केंद्रित कृषि’ का आवाह्न किया है। सरकार का मानना है कि कृषि को एक निजी उद्यम के रूप में विकसित करने और नौजवानों को इससे जोड़ने की जरूरत है। श्री सिंह कहा कि इसके लिए कृषि मंत्रालय में चार स्तरों पर काम हो रहा है। उत्पादकता में वृद्धि, पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट एवं किसानों को उत्पादन का उचित दाम दिलाने, कृषि में जोखिम कम करने एवं चौथे स्तर पर किसानों की आय के अन्य साधन जैसे कि हॉर्टीकल्चर, पशुपालन, मत्स्यकी, मधुमक्खी पालन विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि मंत्रालय, युवाओं व किसानों के कौशल विकास की दिशा में रणनीति बनाकर काम कर रहा है और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ई-नाम, सॉयल हेल्थकार्ड, परम्परागत कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, कौशल विकास से कृषि विकास के इस प्रयास में बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। श्री सिंह ने बताया कि कृषि मंत्रालय ने कौशल विकास के कार्य को अमली जामा पहनाने के लिए वर्ष 2016-17 के लिए 3.52 करोड़ रूप्ए के बजट का प्रावधान किया था, जिससे 100 कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा मंत्रालय के अन्य विशिष्ट प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की गयी है जिनमें प्रमुख हैं: जैविक खेती के तहत और अधिक क्षेत्र लाने के लिए ’परम्परागत कृषि विकास योजना’; किसानों को लाभकारी मूल्य मुहैया कराने के लिए ’राष्ट्रीय कृषि मंडी (ई-नाम) आदि। सरकार ’श्वेत क्रांति’ के माध्यम से दूध उत्पादन तथा ’नीली क्रांति’ के माध्यम से मछली उत्पादन में वृद्धि पर भी जोर दे रही है। श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, जल संरक्षण के लिए प्रति बूंद अधिक फसल, जल प्रबंधन, जल संचयन एवं सूक्ष्म सिंचाई जैसी अनेक योजनायों से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है। गोजातीय नस्लों के विकास और संरक्षण के लिए पहली बार ’राष्ट्रीय गोकुल मिशन’ शुरू किया गया है ताकि स्वदेशी गोजातीय नस्लों का संरक्षण और विकास किया जा सके। ’मेरा गांव-मेरा गौरव’ में गांवों के लिए वैज्ञानिक खेती प्रभावी बनाने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों तथा आईसीएआर के संस्थानों के कृषि विशेषज्ञों को शामिल किए जाने की बात कही गई है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि इस वर्ष रबी की बुआई पिछले वर्ष के मुकाबले 6 प्रतिशत अधिक है। सॉयल हेल्थ कार्ड योजना के तहत अभी तक देश में कुल 2 करोड़ 30 लाख मृदा के नमूने एकत्र किये गये हैं, जिससे 12 करोड़ 65 लाख किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड जारी किये जा सकेंगे। श्री राधा मोहन सिंह ने इस मौके पर राज्य स्तर पर स्थापित सेक्टर स्किल कोंसिल से आग्रह किया कि वे इसमें केन्द्र सरकार का सहयोग करें। “कौशल विकास से कृषि विकास” पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन अवसर पर केंद्रीय कृषि एंव किसान कल्याण राज्यमंत्री, श्री सुदर्शन भगत ने कहा कि इस कार्यशाला का आयोजन, कृषि क्षेत्र में कौशल विकास की दशा में सराहनीय कदम है। ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं के कौशल विकास के प्रशिक्षण के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। श्री भगत ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि राज्य सरकारें, केंद्र सरकार के साथ हाथ मिलाकर इस कार्य को आगे बढ़ाएंगी। |
6 jan
प्रेस नोट: राष्ट्रीय आय के प्रथम अग्रिम अनुमान, 2016-17 |
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सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए स्थिर मूल्यों (2011-12) और वर्तमान मूल्यों पर राष्ट्रीय आय के प्रथम अग्रिम अनुमान जारी कर दिए हैं। स्थिर (2011-12) मूल्यों पर अनुमान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वर्ष 2016-17 में स्थिर (2011-12) मूल्यों पर वास्तविक जीडीपी अथवा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के बढ़कर 121.55 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2015-16 में जीडीपी का अनंतिम अनुमान 113.50 लाख करोड़ रुपये आंका गया था, जो 31 मई 2016 को जारी किया गया था। वर्ष 2016-17 में जीडीपी वृद्धि दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2015-16 में जीडीपी वृद्धि दर 7.6 फीसदी आंकी गई थी। बुनियादी मूल्यों पर सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) वर्ष 2016-17 में बुनियादी स्थिर मूल्यों (2011-12) पर वास्तविक जीवीए अर्थात जीवीए के बढ़कर 111.53 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया है, जो वर्ष 2015-16 में 104.27 लाख करोड़ रुपये था। वर्ष 2016-17 में बुनियादी मूल्यों पर वास्तविक जीवीए की अनुमानित वृद्धि दर 7.0 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जो वर्ष 2015-16 में 7.2 फीसदी थी। जिन क्षेत्रों ने 7.0 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि दर दर्ज की है उनमें ‘लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाएं’, ‘वित्तीय, अचल संपत्ति एवं प्रोफेशनल सेवाएं’ और ‘विनिर्माण’ शामिल हैं। ‘कृषि, वानिकी एवं मत्स्य पालन’, ‘खनन एवं उत्खनन’, ‘विद्युत, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य उपयोगी सेवाओं’, ‘निर्माण’ और ‘व्यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण से जुड़ी सेवाओं’ की वृद्धि दर क्रमश: 4.1, (-) 1.8, 6.5, 2.9 और 6.0 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2016-17 के दौरान वास्तविक रूप में (2011-12 के मूल्यों पर) प्रति व्यक्ति आय के बढ़कर 81805 रुपये हो जाने की संभावना है, जो वर्ष 2015-16 में 77435 रुपये थी। वर्ष 2016-17 के दौरान प्रति व्यक्ति आय की वृद्धि दर 5.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले वर्ष 6.2 फीसदी थी। वर्तमान मूल्यों पर अनुमान सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2016-17 में वर्तमान मूल्यों पर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के बढ़कर 151.93 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच जाने की संभावना है, जो वर्ष 2015-16 में 135.76 लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी। यह 11.9 फीसदी की वृद्धि दर दर्शाती है। |
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पूर्वोत्तर क्षेत्र का क्षेत्रीय श्रम सम्मेलन गुवाहाटी में आयोजित किया गया |
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पूर्वोत्तर क्षेत्र में 18 मॉडल करियर केंद्र स्थापित किए जाएंगे: श्री बंडारू दत्तात्रेय ‘श्रम सुविधा पोर्टल’ से श्रम कानूनों पर अमल में और ज्यादा पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित होगी: श्री बंडारू दत्तात्रेय पूर्वोत्तर राज्यों के श्रम मंत्रियों और प्रधान सचिवों (श्रम) का क्षेत्रीय सम्मेलन कल श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री बंडारू दत्तात्रेय की मौजूदगी में आयोजित किया गया। असम के मुख्यमंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुवाहाटी में इसका उद्घाटन किया। भारत सरकार में श्रम एवं रोजगार सचिव श्रीमती सत्यवती और पूर्वोत्तर के सभी सातों राज्यों के अधिकारीगण भी इस अवसर पर उपस्थित थे। असम के मुख्यमंत्री ने सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए बेलटोला स्थित ईएसआईसी मॉडल अस्पताल को उन्नत कर इसमें बिस्तरों की संख्या को मौजूदा 50 से बढ़ाकर 150 बिस्तर करने का आग्रह किया। श्री सोनोवाल ने नोटबंदी के दौरान लोगों को हुई कठिनाइयों को कम करने के लिए असम की राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर रोशनी डाली। इस अवसर पर श्री बंडारू दत्तात्रेय ने सरकार द्वारा लागू किए गए विभिन्न श्रम सुधारों, कामगारों की रोजगार सुरक्षा एवं सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों और राष्ट्रीय करियर सेवा परियोजना के क्रियान्वयन पर प्रकाश डाला। भारत में स्थापित किए जाने वाले 100 मॉडल करियर केंद्रों में से 18 केंद्र पूर्वोत्तर राज्यों में ही स्थापित किए जाएंगे। श्री दत्तात्रेय ने कहा कि वर्तमान सरकार की एक पहल ‘श्रम सुविधा पोर्टल’ से और ज्यादा पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित हुई है, जिससे श्रम कानूनों को बेहतर ढंग से लागू करना संभव हो पाया है। 43 श्रम कानूनों का सरलीकरण करके उन्हें 4 प्रमुख श्रम संहिताओं में तब्दील करने की प्रक्रिया जारी है। पारिश्रमिक पर संहिता, औद्योगिक संबंधों पर संहिता, सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण के रूप में संहिता और सुरक्षा एवं कार्य के माहौल पर संहिता इन 4 प्रमुख श्रम संहिताओं में शामिल हैं। श्री दत्तात्रेय ने पूर्वोत्तर राज्यों में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे की बेहतरी के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर रोशनी डाली। मंत्री महोदय ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री के अनुरोध के अनुसार ही असम (बेलटोला) में स्थित 50 बिस्तरों वाले मौजूदा अस्पताल का उन्नयन चरणबद्ध ढंग से 150 बिस्तरों वाले अस्पताल के रूप में किया जाएगा। श्री दत्तात्रेय ने यह भी कहा कि विशेषकर अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत कामगारों को पारिश्रमिक की कैशलेश अदायगी सुनिश्चित करने के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने बैंक खाते खोलने हेतु अथक प्रयास किए हैं। लगभग 25.68 करोड़ जन-धन खाते खोले जा चुके हैं और शेष कामगारों को भी इस दायरे में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। *** |
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भारत और कजाखस्तान ने दोहरा कराधान निवारण संधि (डीटीएसी) में संशोधन के लिए प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए |
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भारत और कजाखस्तान ने दोनों देशों के बीच मौजूदा दोहरा कराधान निवारण संधि (डीटीएसी) में संशोधन के लिए आज यहां एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए, जिस पर इससे पहले 9 दिसंबर, 1996 को दस्तखत किए गए थे। आय पर लगने वाले करों के संदर्भ में दोहरे कराधान को टालने और वित्तीय अपवंचन की रोकथाम के उद्देश्य से इस पर हस्ताक्षर किए गए थे। उपर्युक्त प्रोटोकॉल की विशेष बातें निम्नलिखित हैं : 1. प्रोटोकॉल में कर संबंधी मसलों की जानकारी के कारगर आदान-प्रदान के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य मानकों का उल्लेख है। इसके अलावा, कर संबंधी उद्देश्यों से कजाखस्तान से प्राप्त होने वाली सूचनाओं को कजाखस्तान के सक्षम प्राधिकरण की अधिकृत अनुमति से अन्य विधि प्रवर्तन एजेंसियों से साझा किया जा सकता है। इसी तरह कर संबंधी उद्देश्यों से भारत से प्राप्त होने वाली सूचनाओं को भारत के सक्षम प्राधिकरण की अधिकृत अनुमति से अन्य विधि प्रवर्तन एजेंसियों से साझा किया जा सकता है। 2. प्रोटोकॉल में ‘लाभ की सीमा’ से जुड़ा अनुच्छेद है, ताकि डीटीएसी का दुरुपयोग रोका जा सके और इसके साथ ही कर अदायगी से बचने अथवा इसकी चोरी के विरुद्ध बनाए गए घरेलू कानून और संबंधित उपायों को लागू किए जाने की अनुमति दी जा सके। 3. ट्रांसफर प्राइसिंग मामलों में आर्थिक दोहरे कराधान से राहत देने के उद्देश्य से भी इस प्रोटोकॉल में कुछ अन्य विशिष्ट प्रावधान किए गए हैं। यह करदाताओं के अनुकूल कदम है। 4. प्रोटोकॉल में एक तय सीमा के साथ सर्विस संबंधी पीई (स्थायी प्रतिष्ठान) के लिए भी प्रावधान हैं। इसमें इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि पीई के खाते में जाने वाले लाभ का निर्धारण संबंधित उद्यम के कुल लाभ के संविभाजन के आधार पर किया जाएगा। *** |
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राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की दिल्ली जोनल यूनिट ने आईजीआई हवाई अड्डे पर हवाला रैकेट का पर्दाफाश किया, एक करोड़ रुपये मूल्य की विदेशी मुद्राएं जब्त कीं |
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वित्त मंत्रालय के राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की दिल्ली जोनल यूनिट (डीजेडयू) ने कल नई दिल्ली स्थित आईजीआई हवाई अड्डे पर हवाला रैकेट का पर्दाफाश किया और लगभग एक करोड़ रुपये मूल्य की विदेशी मुद्राएं जब्त कीं। इस रैकेट के तहत विदेशी मुद्रा की तस्करी के लिए विशेष शातिर तरीका अपनाया जाता था। डीआरआई की दिल्ली जोनल यूनिट के अधिकारियों ने कड़ी निगरानी रखते हुए नई दिल्ली स्थित आईजीआई हवाई अड्डे के टर्मिनल 3 पर एक घरेलू यात्री और दुबई जाने की तैयारी कर रहे एक विदेशी यात्री को उस समय जा पकड़ा, जब वे आईजीआई हवाई अड्डे के विशेष सुरक्षा वाले क्षेत्र में स्थित एक शौचालय में अपने-अपने बैगों की अदला-बदली कर रहे थे। डीआरआई के अधिकारियों ने इन दोनों यात्रियों से 1,00,88,237 रुपये मूल्य की विभिन्न राशियों वाले सऊदी रियाल, यूएई दिरहम और अमेरिकी डॉलर जब्त किए हैं। घरेलू यात्री ने एयर इंडिया की भुवनेश्वर जाने वाली अंतर्राष्ट्रीय उड़ान एआई 075 का एक टिकट बुक किया था, जिसका परिचालन ‘हब एंड स्पोक’ मॉडल पर किया जा रहा था। वह केवल उस विदेशी यात्री को विदेशी मुद्राएं सौंपने के उद्देश्य से ही सफर कर रहा था, जो कस्टम क्लीयरेंस के साथ-साथ एक घरेलू यात्री के रूप में आव्रजन और सुरक्षा जांच के बाद जेट एयरवेज की उड़ान से दुबई जाने की तैयारी में था। कस्टम द्वारा विदेशी यात्रियों की कड़ी जांच से बचने के लिए ही इस विदेशी यात्री ने यह तरीका अपनाया था। आमतौर पर, तस्कर विदेशी मुद्राएं दुबई ले जाते हैं और वहां से सोना लाते हैं, जिसकी मांग नोटबंदी के बाद अत्यंत ज्यादा बढ़ गई थी। इस दिशा में आगे की जांच प्रगति पर है। *** |
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नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला महिलाओं के लेखन और नेशनल बुक ट्रस्ट के 60 वर्षों के सफर का जश्न मनाने के लिए तैयार है |
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नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 7 से 15 जनवरी 2017 तक आयोजित किया जायेगा। नई दिल्ली में नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) के सहयोग से इस पुस्तक मेले का आयोजन किया जा रहा है। मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर 10 जनवरी को थीम पवेलियन का उद्घाटन करेंगे। मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डॉ महेन्द्र नाथ पांडे इस मेले का उद्घाटन करेंगे। विख्यात ओडिया लेखिका और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित डॉ प्रतिभा रे इस समारोह की मुख्य अतिथि होंगी तथा इस अवसर पर भारत में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के माननीय राजदूत महामहिम श्री तोमाज कोजलोस्की विशिष्ट अतिथि होंगे। नेशनल बुक ट्रस्ट अपनी स्थापना की 60 वीं वर्षगांठ मना रहा है और एक विशेष प्रदर्शनी “पीछे मुड़कर नहीं देखना है!” के जरिए यह पुस्तकों और पढ़ने वालों को बढ़ावा देने की अपनी यात्रा का प्रदर्शन भी करेगा। इस प्रदर्शनी के जरिए नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) विभिन्न गतिविधियों जैसे पुस्तकों को बढ़ावा देने के लिए ट्रस्ट द्वारा पूरे देश में पुस्तक मेलों का आयोजन, अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेलों में एनबीटी की भागीदारी तथा कार्यक्रमों का प्रकाशन इत्यादि, को प्रदर्शित भी करेगा। नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला पुस्तकों के माध्यम से ज्ञान की हमारी समृद्ध खजाने को प्रदर्शित करने का एक मंच है। भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन ने पुस्तक मेले को और अधिक दर्शकों के अनुकूल बनाने के लिए विशेष प्रयास भी किये हैं। *** |
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डॉ. जितेंद्र सिंह ने पूर्वोत्तर परिषद का कैलेंडर 2017 जारी किया |
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पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज पूर्वोत्तर परिषद का कैलेंडर 2017 जारी किया। 2017 के लिए पूर्वोत्तर परिषद कैलेंडर की थीम साल के विभिन्न महीनों के लिए "मौसमी फलों" पर आधारित है। इस अवसर पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से विशेष रूप से "पूर्वोत्तर पर्यटन विकास परिषद" (एनईटीडीसी) के गठन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि सरकार ने एक अलग पर्यटन विकास एजेंसी का गठन करने का निर्णय लिया है जो देश के एक विशेष भाग पर केंद्रित होगी। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि पूर्वोत्तर पर्यटन परिषद उन अनेक पहलों के अतिरिक्त है जो पूर्वोत्तर के लिए शुरू की गईं हैं। उदाहरण के लिए किसी भी युवा उद्यमी को प्रारंभिक वित्तीय सहायता देने के लिए "वेंचर फंड' बनाया गया है। मंत्री महोदय ने कहा कि भारत में "पूर्वोत्तर सड़क क्षेत्र विकास योजना" (एनईआरएसडीएस) भी क्षेत्र आधारित सड़क विकास कार्यक्रम है जो सड़कों के रखरखाव, निर्माण और उन्हें आगे ले जाने में मील का पत्थर साबित हुई है। इस अवसर पर पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। *** |
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भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत 05.01.2017 को 54.57 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल रही |
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पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीनस्थ पेट्रोलियम नियोजन एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) द्वारा आज संगणित/प्रकाशित सूचना के अनुसार भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत 5 जनवरी, 2017 को 54.57 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल दर्ज की गई। यह 4 जनवरी, 2017 को दर्ज कीमत 54.30 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से अधिक है। रुपये के संदर्भ में भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की कीमत 5 जनवरी, 2017 को घटकर 3699.32 रुपये प्रति बैरल हो गई, जबकि 4 जनवरी, 2017 को यह 3702.29 रुपये प्रति बैरल थी। रूपया 5 जनवरी, 2017 को मजबूत होकर 68.09 रुपये प्रति अमेरिकी डॉलर के स्तर पर बंद हुआ, जबकि 4 जनवरी, 2017 को यह 68.18 रुपये प्रति अमेरिकी डॉलर था। इस संबंध में विस्तृत ब्यौरा नीचे तालिका में दिया गया है:-
कच्चे तेल की दैनिक कीमत - 06.01.2017 ***
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गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की राज्य विधानसभाओं के आम चुनाव-2017 - जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 में उल्लिखित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज |
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गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की विधान सभाओं के लिए आम चुनाव का कार्यक्रम 4 जनवरी 2017 को चुनाव आयोग ने घोषित कर दिया है। चुनाव में मतदान सात चरणों में आयोजित करने का फैसला लिया गया है। जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 में निर्वाचन क्षेत्र में मतदान के लिए तय समय से 48 घंटे पूर्व अवधि के दौरान टेलीविजन या इसी प्रकार के उपकरण के साथ-साथ किसी अन्य माध्यम द्वारा चुनाव सामग्री को प्रदर्शित करने की मनाही है। कथित 126 धारा के संबंधित अंशों को नीचे उद्धृत किया गया है- (126. मतदान होने के लिए निर्धारित समय से 48 घंटे पूर्व की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभाओं या किसी भी तरह के जनमत सर्वेक्षण पर रोक" 1) कोई व्यक्ति-- (अ)........................ (ब) किसी चुनाव में मतदान के लिए तय निर्धारित समय से 48 घंटे पूर्व की अवधि के दौरान सिनेमा, टेलीविजन या इसी तरह के प्रचार माध्यम द्वारा जनता में किसी तरह की प्रचार सामग्री का प्रदर्शन नहीं करेगा। (स) किसी मतदान क्षेत्र में मतदान के लिए निर्धारित अवधि से 48 घंटे पूर्व की अवधि के दौरान ऐसी किसी सामग्री को प्रदर्शित नहीं करेगा: 2). कोई भी व्यक्ति अगर उप-धारा (1) के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उसे दो वर्ष का कारावास या जुर्माना या फिर दोनों एक साथ होगा। 3). इस धारा में "चुनाव सामग्री" की अभिव्यक्ति का अर्थ है, किसी चुनाव के परिणाम को परिकलित या प्रभावित करने के आशय वाली सामग्री 2. चुनाव के दौरान पैनल चर्चा/बहस और अन्य समाचारों एवं समसामयिक कार्यक्रमों के प्रसार में टीवी चैनलों द्वारा जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की उपर्युक्त धारा 126 के प्रावधानों के उल्लंघन के कुछ आरोप लगते रहे हैं। आयोग ने विगत में यह स्पष्ट किया है कि कथित धारा 126 में टेलीविजन या इसी प्रकार के उपकरणों सहित अन्य माध्यमों द्वारा किसी चुनाव क्षेत्र में मतदान के लिए तय अवधि से 48 घंटे पूर्व की अवधि के दौरान किसी चुनाव सामग्री के प्रदर्शन पर प्रतिबंध है। इस धारा में चुनाव सामग्री को किसी चुनाव के प्रभाव को परिकलित या प्रभावित करने के आशय वाली सामग्री के रुप में परिभाषित किया गया है। धारा 126 के उपरोक्त प्रावधानों का उल्लंघन होने पर अधिकतम दो वर्ष तक की अवधि की सजा या जुर्माना या दोनों दंड दिए जाने का प्रावधान है। 3. आयोग एक बार फिर यह दोहराता है कि टीवी /रेडियो चैनल और केबल नेटवर्क यह सुनिश्चित करें कि धारा 126 में निर्दिष्ट 48 घंटे की अवधि के दौरान टेलीकास्ट/प्रसारित/प्रदर्शित कार्यक्रमों की विषयवस्तु में पैनल व्यक्तियों/प्रतिभागियों के विचारों / अपील सहित ऐसी कोई सामग्री नहीं होनी चाहिए, जो किसी पार्टी विशेष या उम्मीदवार (रों) की संभावनाओं को प्रोत्साहित करने वाली / पक्षपातपूर्ण या चुनाव के परिणाम को प्रभावित करती हो। 4. इस संबंध में जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126-अ की ओर ध्यान आकर्षित किया जाता है, जिसमें उल्लिखित अवधि के दौरान पहले चरण में मतदान शुरू होने के लिए निर्धारित समय में और सभी राज्यों में आखिरी चरण में मतदान समाप्त होने के लिए निर्धारित समय के आधे घंटे बाद एक्जिट पोल आयोजित करने और उनके परिणाम प्रसारित करने पर प्रतिबंध है। 5. धारा 126 या धारा 126-अ के अंतर्गत आने वाली अवधि के दौरान संबंधित टीवी/ रेडियो/केबल/एफएम चैनल प्रसारण संबंधित घटनाओं को आयोजित करने के लिए राज्य/जिला/स्थानीय पदाधिकारियों से आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन वे घटनाएं शालीनता, साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के संबंध में सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा केबल नेटवर्क (विनियम) अधिनियम के अधीन उल्लिखित आचरण एवं व्यवहार के मॉडल कोड के प्रावधानों की भी पुष्टि करें। उन्हें पेड़-न्यूज एवं संबंधित मामलों के संबंध में आयोग के दिनांक 27 अगस्त 2012 के दिशा निर्देशों के प्रावधानों के अंतर्गत बने रहना भी अपेक्षित है। संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारी / जिला निर्वाचन अधिकारी ऐसी अनुमति देते समय कानून एवं व्यवस्था सहित सभी संबंधित पहलुओं को ध्यान में रखेंगे। 6. समस्त प्रिंट मीडिया का ध्यान चुनाव के दौरान भारतीय प्रेस परिषद द्वारा जारी निम्नलिखित दिशा निर्देशों के अनुपालन की ओर आकर्षित किया जाता है- 7. i) चुनाव और उम्मीदवारों के बारे में उद्देश्यपूर्ण रिपोर्ट देना प्रेस का कर्तव्य है। चुनाव के दौरान समाचार पत्रों से गलत चुनाव अभियान, किसी व्यक्ति/पार्टी या घटना के बारे में अतिश्योक्तिपूर्ण रिपोर्ट प्रकाशित करने की उम्मीद नहीं है। प्रचलन के अनुसार नजदीकी मुकाबले के दो या तीन उम्मीदवार मीडिया का ध्यान आकर्षित करते हैं। वास्तविक अभियान की रिपोर्ट करते समय समाचार पत्र को उम्मीदवार द्वारा उठाए गए मुख्य मुद्दे को नहीं छोड़ना चाहिए और उसके विरोधी पर हमला नहीं बोलना चाहिए। 8. ii) चुनाव नियमों के अधीन साम्प्रदायिक या जाति के आधार पर चुनाव अभियान पर प्रतिबंध है। इसलिए प्रेस को ऐसी रिपोर्ट नहीं करनी चाहिए, जो धर्म, वंश, जाति, सम्प्रदाय या भाषा के आधार पर जनता के बीच नफरत या दुश्मनी की भावना को बढ़ावा देती हों। iii) प्रेस को चुनाव में किसी उम्मीदवार की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए उम्मीदवार या उसके संबंधी के चरित्र और व्यक्तिगत आचरण या किसी उम्मीदवार की नाम वापसी या उसकी उम्मीदवारी के संबंध में कोई झूठा या आलोचनात्मक बयान प्रकाशित करने से बचना चाहिए। 1. iv) प्रेस किसी उम्मीदवार या पार्टी को प्रोजेक्ट करने के लिए किसी प्रकार का वित्तीय या अन्य प्रलोभन स्वीकार नहीं करेगा। वह किसी उम्मीदवार या पार्टी की ओर से दिए गए आतिथ्य या अन्य सुविधाओं को स्वीकार नहीं करेगा। 2. v) प्रेस से किसी विशेष उम्मीदवार या पार्टी का प्रचार करने की उम्मीद नहीं है। अगर ऐसा किया जाता है तो उसे अन्य उम्मीदवार/पार्टी को इसका जवाब देना होगा। 3. vi) प्रेस किसी व्यक्ति /शासन करने वाली सरकार की उपलब्धियों के संबंध में राष्ट्रीय कोषागार की लागत से प्राप्त होने वाले विज्ञापन को स्वीकार/प्रकाशित नहीं करेगा। vii) प्रेस निर्वाचन आयोग/निर्वाचन अधिकारियों या मुख्य चुनाव अधिकारी द्वारा समय-समय पर जारी सभी निर्देशों/आदेशों/अनुदेशों का अनुपालन करेगा। 7. एनबीएसए द्वारा दिनांक 3 मार्च, 2014 को जारी किए गए 'चुनाव संबंधी प्रसारण के लिए दिशा-निर्देश' में इलैक्ट्रोनिक मीडिया पर भी ध्यान दिया गया- (i) समाचार प्रसारकों को चुनाव संबंधी मामलों, राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों, चुनाव प्रचार के मुद्दों और मतदान प्रक्रियाओं के बारे में जनता को तटस्थ रूप से जानकारी देने का प्रयास करना चाहिए। जैसा कि जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 और भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के नियमों और प्रावधानों में निर्दिष्ट है। (ii) समाचार चैनलों को किसी राजनैतिक जुड़ाव, किसी दल या उम्मीदवार से ताल्लुक के बारे में खुलासा करना चाहिए। समाचार प्रसारकों का कर्तव्य है कि वे अपनी चुनावी रिपोर्टिंग बिना भेद-भाव और संतुलित रूप से करें। (iii) समाचार प्रसारकों को हर प्रकार की अफवाहों, आधारहीन अनुमानों और गलत जानकारी प्रसारित करने से बचना चाहिए विशेष रूप से अगर यह किसी विशेष राजनीतिक दल या उम्मीदवार से संबंधित हो। कोई उम्मीदवार/राजनीतिक दल जिसके बारे में गलत बात कही गयी या गलत प्रदर्शन, गलत जानकारी अथवा इस तरह हानि पहुंचाने वाली अन्य जानकारी देने पर, प्रसारक को तुरंत सुधार करना चाहिए और जिसके बारे में यह जानकारी दी गई है उन्हें अपना पक्ष रखने का उचित मौका दिया जाना चाहिए। (iv) समाचार प्रसारकों को सभी प्रकार के राजनीतिक और वित्तीय दबावों से प्रभावित नहीं होना चाहिए, जो चुनाव कवरेज और चुनाव संबंधी मामलों पर असर डाल सकते हैं। (v) समाचार प्रसारकों को अपने समाचार चैनलों में संपादकीय और विशेषज्ञों की राय के बीच अंतर स्पष्ट करना चाहिए। (vi) समाचार प्रसारकों को राजनीतिक दलों से मिले वीडियो के उपयोग के बारे में बताना चाहिए और साथ ही उचित रूप से लेबल भी करना चहिए। (vii) चुनाव तथा चुनाव संबंधी समाचारों/कार्यक्रमों के मामले में कार्यक्रम, दिनांक, स्थान और उद्धरणों से संबंधी सारे तथ्य सही हों यह सुनिश्चित करने में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। अगर गलती या लापरवाही से गलत जानकारी प्रसारित हो जाती है और गलती के बारे में पता चलते ही प्रसारक को जल्द से जल्द इसमें सुधार करना चाहिए और वही प्राथमिकता देनी चाहिए जैसी पहले दी गई। (viii) समाचार प्रसारकों, उनके पत्रकारों और उनके अधिकारियों को कोई धन या मंहगे उपहार या कोई फायदा नहीं लेना चाहिए जो किसी को प्रभावित या प्रभावित करने जैसा प्रतीत हो क्योंकि इससे प्रसारक या कर्मचारी की विश्वसनीयता कम होती है। (ix) समाचार प्रसारक को किसी भी रूप में भड़काऊ भाषण या अन्य निंदनीय सामग्री प्रसारित नहीं करनी चाहिए जिससे हिंसा या लोगों में अशांति अथवा उपद्रव फैलता हो जैसा कि चुनाव प्रावधानों के तहत सम्प्रदाय या जाति आधारित चुनाव प्रचार प्रतिबंधित है। समाचार प्रसारकों को धर्म, जाति, समुदाय, क्षेत्र और भाषा पर ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं प्रसारित करनी चाहिए जिससे दुश्मनी की भावना या जनता के बीच घृणा बढ़ती हो। (x) समाचार प्रसारकों को समाचार और पैसे देकर तैयार किए गए समाचार के बीच निष्ठापूर्वक अंतर बनाये रखने की आवश्यकता है। पैसे देकर प्रसारित की गई सामग्री पर स्पष्ट रूप से यह चिंहित किया जाना चाहिए कि यह 'पेड विज्ञापन या पेड सामग्री' है। पेड सामग्री को राष्ट्रीय प्रसारण संगठन (एनबीए) द्वारा दिनांक 24.11.2011 को जारी किए गए 'पेड समाचारों पर नीतियों और दिशा-निर्देश' के अनुरूप ही प्रसारित किया जाना चाहिए। (xi) चुनाव पूर्व सर्वेक्षण रिपोर्ट को सही और निष्पक्ष रूप से प्रसारित करने में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इसके बारे में दर्शकों को यह बताना चाहिए कि किसने सर्वेक्षण के लिए पैसे दिए और किसने सर्वेक्षण करवाया। अगर कोई समाचार प्रसारक चुनाव पूर्व सर्वेक्षण के परिणाम या अन्य चुनाव आकलन को प्रसारित करता है तो उसे इसके संदर्भ, प्रयोजन और इस तरह के सर्वेक्षणों की सीमाओं के बारे में जानकारी देनी चाहिए। चुनाव पूर्व सर्वेक्षण के प्रसारण में सर्वेक्षण में उपयोग की गई विधि, जिनके बीच सर्वेक्षण किया गया, त्रुटि की संभावना, सर्वेक्षण की दिनांक और इसमें इस्तेमाल किए गए आंकड़ों सहित सभी जानकारी होनी चाहिए ताकि सर्वेक्षण के महत्व को समझने में दर्शकों को सहायता मिल सके। प्रसारकों को यह भी बताना चाहिए कि कैसे मतों को सीटों के रूप में बदलते हैं। (xii) भारतीय चुनाव आयोग चुनाव की घोषणा के समय से चुनाव परिणाम की घोषणा की समाप्ति तक समाचार प्रसारकों के प्रसारण पर निगरानी रखेगा, अगर निर्वाचन आयोग को पता चलता है कि समाचार प्रसारण मानक प्राधिकरण (एनबीएसए) के किसी सदस्य द्वारा कोई उल्लंघन किया गया है तो उस पर एनबीएसए के नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। (xiv) प्रसारकों को मतदाताओं को मतदान प्रक्रिया, मतदान का महत्व, कैसे, कब और कहां मतदान के लिए पंजीकरण कराना चाहिए तथा मतपत्र की गोपनियता बनाये रखने के लिए मतदाता को जागरूक करने संबंधी कार्यक्रम प्रसारित करने चाहिए। (xv) समाचार प्रसारकों को, भारतीय चुनाव आयोग द्वारा औपचारिक रूप से घोषित परिणामों के पहले किसी भी अंतिम, औपचारिक या निश्चित परिणाम के बारे में प्रसारण नहीं करना चाहिए। ऐसे परिणामों के प्रसारण के दौरान यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि यह परिणाम आधिकारिक नहीं है या अपूर्ण अथवा आंशिक या संभावित है जिन्हें अंतिम परिणाम के तौर पर नहीं देखा जाए। सभी संबंधित मीडिया द्वारा उपरोक्त दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए। *** |
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प्रेस नोट : पंजाब के 2 - अमृतसर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा में आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए उपचुनाव हेतु कार्यक्रम के बारे में |
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पंजाब के 2- अमृतसर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा में स्पष्ट रिक्तियां हैं, जिन्हें भरने की जरूरत है: विभिन्न कारकों जैसे कि त्योहारों, मतदाता सूचियों इत्यादि को ध्यान में रखने के बाद आयोग ने निम्नलिखित कार्यक्रम के अनुसार इस रिक्ति को भरने के लिए उपचुनाव कराने का निर्णय लिया है:
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केंद्रीय गृह मंत्री आंध्र प्रदेश में नए एनडीआरएफ परिसर की आधारशिला रखेंगे |
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केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह 9 जनवरी, 2017 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले स्थित राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के नए परिसर की आधारशिला रखेंगे। परिसर में एनडीआरएफ की 10 वीं बटालियन का आवास होगा जिसके पास आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक राज्यों में आपदाओं के दौरान सहायता प्रदान करने की जिम्मेदारी होगी। यह यूनिट फैलिन, हुदहुद, वरधा और बाढ़ जैसी विभिन्न आपदाओं के समय कार्य करेगी। एनडीआरएफ की 10वीं बटालियन का स्टेशन 15 नवंबर, 2011 से आचार्य नागार्जुन विश्वविद्यालय में था। इकाई की सेवाओं की सराहना करते हुए आंध्र प्रदेश सरकार ने इस इकाई के लिए परिसर निर्माण हेतु कृष्णा जिले में 50 एकड़ भूमि का आवंटन किया। नए परिसर में एक आवासीय भवन और विश्व स्तरीय प्रशिक्षण क्षेत्र के अलावा एक प्रशासनिक भवन भी होगा। इस अवसर पर केंद्रीय शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उपशमन और सूचना और प्रसारण मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री एन चंद्रबाबू नायडू भी उपस्थित रहेंगे।
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रबी की फसल की 602 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई |
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राज्यों से प्राप्त प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार 6 जनवरी, 2017 को बुवाई की गई रबी फसलों का कुल क्षेत्र 2016 के लिए 565.89 लाख हेक्टेयर की तुलना में 602.75 लाख हेक्टेयर है। 303.16 लाख हेक्टेयर में गेहूं, 12.74 लाख हेक्टेयर में चावल, 152.63 लाख हेक्टेयर में दालों, 53.60 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाज और 80.63 लाख हेक्टेयर में तिलहन की बुवाई/रोपाई की गयी है। अब तक हुई बुवाई का क्षेत्र और पिछले वर्ष के दौरान इस समय तक हुई बुवाई इस प्रकार है: लाख हेक्टेयर
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राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के वक्फ बोर्डों के अध्यक्षों एवं कार्यकारी अधिकारियों का अखिल भारतीय सम्मेलन कल आयोजित किया जाएगा |
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राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वक्फ बोर्ड के अध्यक्षों और कार्यकारी अधिकारियों का अखिल भारतीय सम्मेलन कल नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन का आयोजन अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है, जिसका उद्धाटन अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी द्वारा किया जाएगा। इस बैठक में विभिन्न प्रासंगिक मुद्दों के बारे में हरियाणा, कर्नाटक, केरल राज्य वक्फ बोर्डों और राष्ट्रीय वक्फ विकास निगम लिमिटेड द्वारा प्रस्तुतियां दी जाएंगी, जिनके बारे में सत्र के दौरान भी चर्चा की जाएगी। उपरोक्त सभी मुद्दों सहित वक्फ संपत्तियों के कम्प्यूटरीकरण के लिए राज्य वक्फ बोर्डों को वित्तीय सहायता प्रदान करने से संबंधित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा, वक्फ बोर्डों को मजबूत बनाने और राष्ट्रीय वक्फ विकास निगम लिमिटेड द्वारा वक्फ संपत्तियों के विकास हेतु उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की जाएगी। *** |
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एनसीसी हमारे युवा लोगों के चरित्र और नैतिक ताने-बाने को नया स्वरूप दे रहा है: उपराष्ट्रपति |
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उपराष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी ने कहा कि एनसीसी हमारे युवा लोगों के चरित्र और नैतिक ताने-बाने के साथ प्रभावी ढंग से राष्ट्र की गतिशीलता को नया स्वरूप प्रदान कर रहा है। उपराष्ट्रपति आज एनसीसी गणतंत्र दिवस कैंप 2017 का उद्धाटन करने के बाद संबोधित कर रहे थे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि एनसीसी जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से भारत सरकार आज के युवाओं का भविष्य निर्माण कर रही है। यदि देश के युवा शिक्षित होंगे और सकारात्मक बदलाव लागू करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करेंगे तो देश महानता की ओर अग्रसर होगा। एनसीसी कैडेटों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे इस देश के युवाओं के आदर्श हैं इसलिए उनका आचरण अनुकरणीय होना चाहिए। उन्होंने युवाओं से कड़ी मेहनत जारी रखने का आग्रह किया ताकि वे अपने लक्ष्य को हासिल कर सकें। एनसीसी कैडेटों को नव वर्ष की बधाईयां देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि हमारे युवा कैडेटों का भविष्य उज्जवल है। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि गणतंत्र दिवस कैंप हर कैडेट के लिए यादगार और रोचक रहेगा, जहां उसे अनेक यादगार अनुभव प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि यह न केवल आपको देश के अन्य भागों के कैडेटों से मुलाकात का अवसर देगा, बल्कि उन विदेशी मित्र देशों के कैडटों से भी आपको मिलने का अवसर प्रदान करेगा जो जल्द ही आपके साथ शामिल होने वाले हैं। *** |
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राष्ट्रपति ने अप्रवासी उड़िया सम्मेलन का उद्घाटन किया |
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राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (6 जनवरी, 2017) नई दिल्ली में ओडिशा फोरम द्वारा आयोजित एक अप्रवासी ओडिया (एनआरओ) सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वह इस बात को लेकर निश्चिंत थे कि भारत के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले ओड़िशा के लोग बड़ी संख्या में एकसाथ एकत्र होंगे और अपनी विविध प्रतिभा और विकास, विकास के लिए राज्य की प्रतिभा को एक मंच पर लाएंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि आगे भी एक विजन के साथ इस तरह के प्रबासी कॉन्क्लेव का आयोजन किया जाएगा। राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत के साथ-साथ ओड़िशा के लोग दुनिया भर में अपना परचम लहरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ओड़िशा के लोग भारत के हर नुक्कड़ और कोने में उच्च शैक्षिक योग्यता, उत्कृष्टता के आधार पर अपनी मौजूदगी का दर्ज करा रहे हैं। राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि आज हमारे पास बड़ी संख्या में ऐसे प्रबासी उड़िया लोग मौजूद हैं जो राजनीति, न्यायपालिका, पत्रकारिता, नौकरशाही और साहित्य के विविध क्षेत्रों में अपनी उत्कृष्टता के लिए जाने जाते हैं।
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