5-6 JULY 2016
ऑस्ट्रेलिया के नीचले सदन में निर्वाचित होने वाली पहली महिला बनी लिंडा बर्नी
2 जुलाई 2016 को लिंडा बर्नी भूतपूर्व शिक्षक, ऑस्ट्रेलिया के संसद के हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव्स (लोअर हाउस) के लिए निर्वाचित होने वाली पहली स्वदेशी महिला बन गईं. उन्होंने यह सम्मान बार्टन सीट पर मामूली अंतर से मिली जीत के साथ हासिल किया.
राष्ट्रीय चुनावों में सेंटर-लेफ्ट लेबर पार्टी के उमीदवार के तौर पर उन्होंने यह सीट जीता है.
इसके साथ ही वे कंजर्वेटिव लिबरल पार्टी के आदिवासी एमपी केन याट्ट की श्रेणी में आ गईं जो 2010 में निर्वाचित हुए थे. ओलंपियन नोवा पेरिस संसद के उपरी सदन (अपर हाउस) में पहली स्वदेशी महिला थीं.
लिंडा बर्नी के बारे में
• वर्ष 2003 में बर्नी (59) न्यू साउथ वेल्स स्टेट पार्लियामेंट में प्रवेश पाने वाली पहली महिला ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी थीं.
• वे चार्ल्स स्टुअर्ट यूनिवर्सिटी से शिक्षण में डिप्लोमा करने वाली भी पहली ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी थीं.
• उन्होंने राष्ट्रीय ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी सुलह परिषद और अंतरराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र कार्य समूहों के साथ काम किया है.
• वे विराडज्यूरी वंश की हैं और लीटन के पास दक्षिण पश्चिम एनएसड्ब्लयू के छोटे से शहर ह्विट्न में पली–बढ़ी हैं.
• उन्होंने देश की संसद में 13 वर्षों तक काम किया जहां वे पांच वर्षों तक उपनेता भी थीं
• वर्ष 2005 में उन्हें शिक्षा एवं प्रशिक्षण के लिए संसदीय सचिव नियुक्त किया गया था.
• वर्ष 2007 के चुनाव के बाद वे मेला व्यापार मंत्री, युवा मंत्री और स्वयंसेवा मंत्री बनीं.
• सितंबर 2008 में उनका पदोन्नति कर उन्हें सामुदायिक सेवा मंत्री बना दिया गया.
• दिसंबर 2009 में वे राष्ट्रय नियोजन मंत्री के पद पर नियुक्त की गईं.
• वर्ष 2011 में हुए राष्ट्रीय चुनावों में सरकार बदलने के बाद वे अपने पद से हटाईं गईं.
• दिसंबर 2014 में डॉन रॉबरसन के इस्तीफे के बाद वे विपक्ष की अंतरिम नेता बनीं.
• वे ऑस्ट्लियाई महिला शिक्षा संघ (Australian woman Education Foundation) की राजदूत भी हैं.
द डीयर हंटर फिल्म के निदेशक माइकल किमिनो का निधन
वियतनाम युद्ध पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म द डीयर हंटर के निदेशक माइकल किमिनो का लॉस एंजिल्स में 2 जुलाई 2016 को निधन हो गया. वे 77 वर्ष के थे.
किमिनो को 1978 में एकेडमी अवॉर्ड विजेता फिल्म द डीयर हंटर के निदेशक, निर्माता और सह-लेखक के तौर पर जाना जाता है. इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ निदेशक और सर्वश्रेष्ठ फिल्म समेत किमिनो को पांच ऑस्कर पुरस्कार दिलाए थे.
इन्हें हेवन्स गेट फिल्म को लिखने और निर्देशित करने के लिए भी याद किया जाता था. कमाई के लिजाह से यह फिल्म असफल थी.
माइकल किमिनो
• वर्ष 1974 में शुरुआत के बाद से इन्होंने आठ फिल्मों का निर्देशन किया. इसमें अपराध पर बनी फिल्म थंडरबोल्ट और लाइटफुट भी शामिल है, इन फिल्मों की पटकथा भी इन्होंने लिखी थी.
उनके द्वारा अन्य निर्देशित फिल्मों में शामिल हैं–
क) द डीयर हंटर (1978)
ख) द रोज (1979)
ग) हेवेन्स गेट (1980), यह फिल्म 1889-93 में हुए योमिंग जॉन्सन काउंटी युद्ध पर आधारित थी.
घ) द डॉग्स ऑफ वॉर (1981)
ङ) ईयर ऑफ द ड्रैगन (1985)
च) द सिसिलियन (1986), इस फिल्म की कहानी गॉडफादर के लेखक मारियो पुजो के उपन्यास से लिया गया था.
छ) डेस्परेट आवर्स (1990)
ज) सनचेजर (1996)
वर्ष 2001 में इन्होंने खुद के लिखे एकमात्र उपन्यास –बिग जेन, को प्रकाशित किया. इस किताब में 1950 के दशक और कोरियाई युद्ध की कहानी थी.
ब्रिक्स युवा शिखर सम्मेलन 2016 संपन्
3 जुलाई 2016 को असम के गुवाहाटी में आयोजित 2016 ब्रिक्स युवा शिखर सम्मेलन 2016 समाप्त हो गया. 1 जुलाई 2016 को आरंभ हुए इस सम्मेलन का थीम था–अंतर–ब्रिक्स आदान-प्रदान के लिए पुल के तौर पर युवा (“Youth as bridge for Intra-BRICS Exchanges”).
तीन दिनों तक चले इस शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स देशों–ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के कई अधिकारियों और युवा प्रतिनिधिमंडलों ने हिस्सा लिया.
शिखर सम्मेलन का समापन कुछ खास अनुशंसाओं के साथ हुआ और वे हैं–
कौशल विकास एवं उद्यमिता के लिए अनुशंसाएं–
• मौजूदा ब्रिस संस्थानों में प्रशिक्षु कार्यक्रम बनाना और उन्हें मजबूत करना.
• ब्रिक्स देशों के बीच सफल दस्तावेजों एवं सफल कहानियों का प्रसार करना.
• ब्रिक्स देशों के बीच गुरु एवं शिष्यों के बीच कौशलों के हस्तांतरण की सुविधा देना.
• ब्रिक्स देशों के बीच युवाओं के लिए अच्छी नौकरी सुनिश्चित करना.
• ब्रिक्स देशों में नो अबाउट बिजनेस एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम (Know About Business (KAB) entrepreneurship programme) को बढ़ावा देना और उसे दोहराना.
• व्यापार विकास सेवाओँ, व्यापार योजनाओं और वेबसाइट डेवलपमेंट पर लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए प्रशिक्षण प्रदान करना.
• सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान -प्रदान, नई प्रौद्योगिकियों एवं वित्तीय समर्थन की सुविधा हेतु युवाओं एवं युवा उद्यमियों के नियमित प्रदर्शनियों को तैयार करना और उसे बढ़ावा देना.
सामाजिक समावेशन के लिए अनुशंसाएं
• ब्रिक्स देशों में सामाजिक समावेशन गंभीर चिंता का विषय है. इसलिए हाशिए पर खड़े और कमजोर युवाओँ की प्राथमिकता तय करने हेतु पहल करना अनिवार्य है ताकि उन तक प्रजनन स्वास्थ्य एवं सामाजिक संरक्षण सेवाओं समेत शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा की पहुंच सुनिश्चित की जा सके.
• ब्रिक्स देशों में युवाओँ के साथ काम करने वाले पेशेवरों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों की शुरुआत करना.
• ब्रिक्स समाजिक विज्ञान युवा अनुसंधान नेटवर्क तैयार करना.
युवा स्वयंसेवा के लिए अनुशंसाएं
युवा स्वयंसेवियों के मूल्यों को बढ़ाने के लिए-
• नेतृत्व के विकास के लिए अवसरों तक पहुंच हेतु सीखने की सुविधा.
• ब्रिक्स देशों में स्वीकृति के लिए मान्यताप्राप्त युवा स्वयंसेवी कार्यक्रम.
• सर्वोत्तम प्रथाओं, अवसरों और अच्छे काम को मान्यता प्रदान करने के लिए ऑनलाइन मंच बनाना.
ब्रिक्स देशों में संरचित स्वयंसेवा और नागरिक सेवा परियोजनाओं के माध्यम से स्वयंसेवा पर आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के क्रम में–
• एकीकृत मानकों के साथ स्वयंसेवी आदान– प्रदान कार्यक्रमों का डिजाइन तैयार करना और उसकी सुविधा प्रदान करना.
• आधिकारिक संस्थानों में इंटर्नशिप समेत स्वयंसेवकों को सीखने के अनुभवों को समृद्ध करने के लिए अवसर प्रदान करना.
• स्वयंसेवक कार्यक्रमों का प्रबंधन करने वाले पेशेवरों की क्षमता विकसित करना.
प्रशासन में युवाओं की भागीदारी पर अनुशंसाएं–
• ब्रिक्स देशों में युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम तैयार करने और रोड मैप को व्यवस्थित करने के लिए संबंधित देशों में ब्रिक्स समर स्कूल मॉडल को बढ़ावा देना और युवाओं को भागीदारी करने के लिए अवसर मुहैया कराना.
• प्रशासन एवं निर्णय लेने में युवाओं की भागीदारी के लिए मौजूदा अवसरों में समन्वय स्थापित करना और नई अवसर पैदा करना.
• सरकारी नीति, कार्यक्रम तैयार करने और निगरानी एवं मूल्यांकन में क्षमताओं की सुविधा एवं युवाओं की भागीदारी.
• सरकारी नीति, प्रशासन एवं स्कूल के पाठ्यक्रम में नागरिकों की संलिप्तता पर पाठ शामिल करने की वकालत करना.
• न्यूनतम दो-तिहाई युवा भागीदारी के सथ ब्रिक्स युवा परिषद (बीवाईसी) बनाने की संभावनाओं का पता लगाना.
कार्यान्वयन का तरीका
• न्यू डेवलपमेंट बैं से ब्रिक्स देशों द्वारा प्रस्ताव के अनुसार युवा पहलों के लिए वित्तीय समर्थन प्रदान करने की अपील करना.
• चार विषयगत क्षेत्रों में एक्सचेंज प्रोग्रामों का डिजाइन तैयार करना और सुविधा प्रदान करना.
• ब्रिक्स युवा सचिवालय की शुरुआत में आभासी रुप में स्थापना. इसमें प्रत्येक देश से एक सरकारी अधिकारी और एक युवा प्रतिनिधि होगा जो ब्रिक्स युवा शिखरसम्मेलनों में सहमत हुए युवा पहलों को वास्तविकता में बदलना सुनिश्चित करेंगे.
• सर्वोत्तम प्रथाओं और अवसरों को साझा करने के लिए ऑनलाइन मंच तैयार करना.
• अगले ब्रिक्स युवा शिखर सम्मेलन में प्रगति पर रिपोर्ट पेश करना.
पहला ब्रिक्स युवा शिखर सम्मेलन रूस के कर्जान में 2015 में हुआ था.
ऊर्जा बचत और ऊर्जा दक्षता पर ब्रिक्स कार्य समूह की बैठक विशाखापत्तनम में आयोजित
ऊर्जा की बचत और ऊर्जा दक्षता पर ब्रिक्स कार्य समूह की पहली बैठक 4 जुलाई 2016 को विशाखापत्तनम में आयोजित की गयी.
इस दो दिवसीय बैठक में सभी 5 ब्रिक्स सदस्यों (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका) ने भाग लिया. यह बैठक केन्द्रीय उर्जा मंत्रालय द्वारा आयोजित कराई गयी.
भारत ने 2016 ब्रिक्स बैठक की अध्यक्षता की जिससे वह अपने मुद्दों एवं लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु मार्ग प्रशस्त कर सकेगा.
ब्रिक्स कार्य समूह बैठक का एजेंडा
• ब्रिक्स देशों द्वारा ऊर्जा की बचत और ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए उपायों पर प्रस्तुतियां दी गयीं.
• भारत द्वारा भी उर्जा संरक्षण एवं उर्जा बचत पर किये गये प्रयासों पर प्रकाश डाला गया.
• भारत की ओर से एलईडी स्ट्रीट लाइट कार्यक्रम को प्रदर्शित किया गया.
• कार्य समूह द्वारा ब्रिक्स देशों में उर्जा दक्षता एवं उर्जा की बचत में सहयोग के विकास हेतु कार्ययोजना पर विचार-विमर्श किया गया.
• बैठक के दौरान एक संयुक्त वक्तव्य भी जारी किया गया.
पृष्ठभूमि
• ब्रिक्स के उर्जा मंत्रियों ने 20 नवम्बर 2015 को मॉस्को में आयोजित बैठक के दौरान उर्जा बचत एवं उर्जा दक्षता हेतु आपसी सहमति के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये.
• समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से सभी देशों ने पारस्परिक अनुसंधान, तकनीक स्थानांतरण एवं सम्मेलन योजना हेतु भी सहमति व्यक्त की.
• इस दौरान मंत्रियों ने उर्जा संरक्षण एवं उर्जा दक्षता हेतु एक कार्यसमूह बनाने का निर्णय भी लिया था.
अन्नू रानी ने जेवलिन थ्रो में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया
उत्तर प्रदेश की जेवलिन थ्रोअर अन्नू रानी ने 2 जुलाई 2016 को 56वीं नेशनल स्टेट सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया.
उन्होंने चैंपियनशिप में 59.87 मीटर की दूरी तक भाला फेंककर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया.
इंचियोन एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता अन्नू ने पहले प्रयास में 59.06 मीटर तक भाला फेंका लेकिन उन्होंने चौथे राउंड में 59.87 मीटर की दूरी तक भाला फेंक कर अपने पिछले 59.53 मीटर के रिकॉर्ड को तोड़ा
इसी प्रतियोगिता में उनकी टीम की साथी सुमन देवी ने 55.88 मीटर की दूरी तक भाला फेंक कर दूसरा स्थान हासिल किया. हरियाणा की शर्मिला कुमारी 53.80 मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहीं.
पुरुष वर्ग में आंध्र प्रदेश के 24 वर्षीय खिलाड़ी अमित कुमार ने (79.14 मीटर) पुरुषों की जेवलिन थ्रो स्पर्धा जीती. उन्होंने रविंद्र सिंह खैरा (78.11 मीटर), विपिन कासना (77.9 मीटर) और राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक राजेंद्र सिंह (76.65 मीटर) को पछाड़ा.
जवाहरलाल नेहरु बंदरगाह प्रत्येक कंटेनर की रेडियो टैगिंग करने वाला देश का पहला बंदरगाह बना
जवाहरलाल नेहरु बंदरगाह 1 जुलाई 2016 को प्रत्येक कंटेनर की रसद का रेडियो टैगिंग एवं लॉजिस्टिक डाटा रखने वाला देश का पहला बंदरगाह बना.
इससे आयात-निर्यात करने वाले व्यापारियों को उनके द्वारा मंगाई/भेजी गयी रसद की जानकारी रखना सुगम होगा.
सुविधा की विशेषताएं
• प्रत्येक कंटेनर के साथ एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग (आरएफआईडी) लगाया जायेगा. इससे किसी भी स्थान पर मौजूद कंटेनर के स्थान की उचित जानकारी प्राप्त हो सकेगी.
• इससे रेल अथवा रोड द्वारा भेजे जाने वाले कंटेनरों की आवाजाही पर पारदर्शिता बनी रहेगी.
• सप्लाई चेन के माध्यम से जुड़ी विभिन्न एजेंसियों द्वारा रियल टाइम जानकारी दी जा सकेगी.
• इससे समय की बचत होगी तथा लेन-देन की लागत तथा व्यापारियों की सुगमता हेतु मार्ग प्रशस्त होगा.
जवाहरलाल नेहरु बंदरगाह
• यह भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह है.
• यह महाराष्ट्र स्थित मुंबई के पूर्व में है. यह अरब सागर में स्थित है तथा यहां तक पहुंचने के लिए ठाणे क्रीक का सहारा लेना पड़ता है.
• इसे न्हावा शेवा बंदरगाह के नाम से भी जाना जाता है.
• इसका यह नाम न्हावा और शेवा नाम से नजदीकी गांवों के कारण रखा गया.
• यह पोर्ट भारतीय रेलवे द्वारा प्रस्तावित वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के रूप में भी जाना जाता है.
भारत के पहले वाणिज्यिक न्यायालय एवं विवाद निपटान केंद्र का छत्तीसगढ़ में शुभारम्भ
भारत के पहले वाणिज्यिक न्यायालय एवं विवाद निपटान केंद्र का 2 जुलाई 2016 को छत्तीसगढ़ में उद्घाटन किया गया.
इस केंद्र एवं न्यायालय परिसर का उद्घाटन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह एवं सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश मदन बी लोकुर द्वारा किया गया.
विशेषताएं
• इस न्यायालय में मध्यस्थता केंद्र भी स्थापित किया गया है.
• यहां दी गयी कुछ अन्य सुविधाओं में विडियो-कांफ्रेंसिंग, ई-कोर्ट, ई-लाइब्रेरी, ई-फाइलिंग एवं ई-समन भी शामिल हैं.
• यह अत्याधुनिक सुविधाएं निवेशकों को वाणिज्यिक गतिविधियों में सहायता करेंगी.
• न्यायालय द्वारा न्यायिक प्रक्रिया में भी सुधार किया जा सकेगा.
स्पेसक्राफ्ट 'जूनो' पांच साल का सफर पूरा कर जूपिटर ऑर्बिट में पहुंचा
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का स्पेसक्राफ्ट 'जूनो' पांच साल का लंबा सफर तय कर जूपिटर (बृहस्पति) की कक्षा में पहुंच गया है. जूनो के चीफ साइंटिस्ट स्कॉट बोल्टन के अनुसार यह नासा का सबसे मुश्किल काम था. यान ने 05 जुलाई 2016 रात 11 बजकर 53 मिनट पर (अंतरराष्ट्रीय समयानुसार तड़के तीन बजकर 53 मिनट पर) बृहस्पति की कक्षा में प्रवेश किया.
मानवरहित अंतरिक्षयान जूनो पांच साल पहले फ्लोरिडा के केप केनवेराल से प्रक्षेपित किया गया.
जूनो के बारे में-
- मानवरहित अंतरिक्षयान जूनो अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा सौर मंडल के पाँचवे ग्रह, बृहस्पति, पर अध्ययन हेतु 5 अगस्त 2011 को पृथ्वी से छोड़ा गया एक अंतरिक्ष शोध यान है.
- जूनो टेनिस कोर्ट के आकार जैसा एक अंतरिक्ष यान है.
- इसका भार लगभग साढ़े तीन टन है.
- जूनो बृहस्पति के आस-पास ऐसी परिक्रमा कक्षा में स्थान लेगा जो इसे उस ग्रह के ध्रुवों के ऊपर से ले जाया करेगी.
- इस पर हाइड्रोजन धातु के रूप में मौजूद है.
- जूपिटर की कक्षा में पहुंचने के लिए जूनो ने 5 वर्षों में करीब 280 करोड़ किलोमीटर का सफर तय किया.
- जूनो यान की एवरेज स्पीड 38 हजार किलोमीटर प्रति घंटा है.
- लेकिन जूपिटर के करीब पहुंचने पर इसकी रफ्तार 2 लाख 66 हजार किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी.
- नासा का यह जूनो स्पेसक्राफ्ट बृहस्पति ग्रह की बनावट, वहां के मौसम, चुंबकीय क्षेत्र की जानकारी पृथ्वी की ओर ट्रांसमिट करेगा.
- जूनो यह भी पता लगाने की कोशिश करेगा कि क्या गैस जायंट माने जाने वाले जूपिटर प्लैनेट की गैस की परत के नीचे कोई पथरीला केंद्र है या नहीं.
- फरवरी 2018 तक इस यान का ग्रह की खोज का अभियान पूरा होगा.
- फरवरी 2018 में, ग्रह की 37 परिक्रमाएँ पूरी होने पर इस यान को धीमा कर के बृहस्पति के वायुमंडल में घुसाकर ध्वस्त कर दिया जाएगा.
- वातावरण में आक्सीजन और हाइड्रोजन की मात्राओं का अध्ययन करके पानी की मात्रा का भी अंदाज़ा लगाने का प्रयास किया जाएगा.
- जूनो के सामने चुनौती बृहस्पति ग्रह के भयानक बादलों को घेरे हुए इसके विकिरण बेल्ट में सही दशा-दिशा में बने रहने की है.
- उल्लेखनीय है कि इस अभियान से 20 साल पहले 1996 में गेलेलियो मिशन को बृहस्पति ग्रह पर भेजा गया था.
जूपिटर के बारे में -
- बृहस्पति (ज्यूपिटर) एक टाइम कैप्सूल की तरह है.
- बृहस्तपति यानी जूपिटर हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है.
- रोमन सभ्यता ने अपने देवता जूपिटर के नाम पर इसका नाम रखा.
- जूपिटर एक चौथाई हीलियम के साथ मुख्य रूप से हाईड्रोजन से बना हुआ है.
- बृहस्पति ग्रह का आकार 1300 पृथ्वियों के बराबर है. जबकि इसका वज़न पृथ्वी से 360 गुना ज्यादा है.
- यह कोई ज़मीन यानी सरफेस नहीं है, बल्कि ये मूल रूप से गैस से बना ग्रह है.
- ग्रह पर गैस की अधिकता की वजह से इसे 'गैस जायंट' भी कहा जाता है.
- यह चार गैसीय ग्रहों में (सैटर्न, यूरेनस, नेप्च्यून, जूपिटर) में सबसे बड़ा है.
मिशन का उद्देश्य-
- 1 अरब डॉलर से अधिक लागत वाले इस अभियान का उद्देश्य बृहस्पति के विकिरण बेल्ट में प्रवेश करते हुए इस ग्रह का अध्ययन एवं विश्लेषण करना है.
- जूनो बृहस्पति के कोर का पता लगाने के लिए उसके चुंबकीय और गुरुत्वीय क्षेत्रों का नक्शा खींचेगा.
- साथ ही यह ग्रह की बनावट, तापमान और बादलों को भी मापेगा और पता लगाएगा कि कैसे इसकी चुंबकीय शक्ति वातावरण को प्रभावित करती है.
- इसका द्रव्यमान पृथ्वी की तुलना में 300 गुना अधिक है इसलिए इसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र अत्यंत प्रबल है.
- जिसके कारण यह इस पर मौजूद सभी सामग्रियों को धारण किए हुए है.
- इसके अध्ययन से हमारे सौर तंत्र के विकास के विषय में जानकारी मिल सकती है.
पूर्व भारतीय राजनयिक न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के भारत प्रमुख नियुक्त किए गए
आस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय न्यू साउथ वेल्स (यूएनएसडब्ल्यू) ने 04 जुलाई 2016 को पूर्व भारतीय राजनयिक और लेखक अमित दास गुप्ता को भारत में निदेशक नियुक्त किया है.
अमित दासगुप्ता, सिडनी में भारत के महावाणिज्यदूत और फिलीपींस में राजदूत रह चुके हैं. अमित दासगुप्ता की यह नियुक्ति दिल्ली में की गयी है. दासगुप्ता को भारत के साथ संबंधों को उच्च स्तर पर ले जाने के लिए नियुक्त किया गया है.
शिक्षा, ज्ञान के आदान प्रदान और शोध के क्षेत्र में विश्वविद्यालय का भारत के साथ संबंधों को मजबूत उनका जिम्मेवारी होगी. सिडनी में शिक्षा और भारत में नई साझेदारी के जरिये यूएनएसडब्ल्यू के शिक्षण की प्रगतिशील शैली से भारतीय छात्र को भी रूबरू करना है.
अमित दासगुप्ता के बारे में-
- अपने राजनयिक कॅरियर के दौरान दासगुप्ता ने विदेशों में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं. जिसमें सिडनी में भारत के महावाणिज्य दूत के पद पर नियुक्त रहे. वह सिडनी के पूर्व भारतीय कौंसल जनरल के पद पर भी रहे.
- फिलीपींस में राजदूत, तथा जर्मनी, बेल्जियम, और नेपाल में विभिन्न पदों पर रहे.
- उन्होंने विदेश मंत्रालय में वित्त निदेशक के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं तथा वे मंत्रालय के लोक राजनय विभाग के प्रथम प्रमुख थे
- अमित दासगुप्ता न सिर्फ एक राजनयिक रह चुके हैं अपितु वह उत्तम कोटि के लेखक भी हैं.
- उनकी चर्चित "पुस्तक लेसंस फ्रॉम रासलाना: इन सर्च ऑफ़ ट्रांसफोर्मेटीव थिंकिंग" (Lessons from Ruslana: In search of Transformative Thinking) है. जिसमें उन्होंने अपना नया दर्शन प्रस्तुत किया है, पुस्तक में मुख्य रूप से उन्होंने दर्शाया है कि जो कुछ बाहर से दिखाई देता है, हक़ीक़त में ज़रूरी नहीं की वो ऐसा ही हो.
- न्यू साउथ वेल्स कम्युनिटी रिलेशन कमीसन (New South Wales Community Relations Commission) ने ऑस्ट्रेलिया में उनके कार्यकाल के दौरान समाज में एकता स्थापित करने हेतु उन्हें पुरस्कृत किया.
सुपरमैन सीरीज़ की प्रसिद्ध अभिनेत्री नोएल नील का निधन
सुपरमैन सीरीज़ की प्रसिद्ध अभिनेत्री नोएल नील का एरिज़ोना स्थित उनके आवास पर लम्बी बीमारी के बाद 3 जुलाई 2016 को निधन हो गया. वे 95 वर्ष की थीं.
टेलीविज़न सीरीज़ में सुपरमैन सीरीज़ में लुइस लेन का महत्वपूर्ण किरदार निभा चुकी नील ने अपने किरदार एवं अभिनय के कारण प्रसिद्धी बटोरी थी.
नोएल नील
• नोएल नील का जन्म 25 नवम्बर 1920 को मिनीपोलिस में हुआ, उनके पिता मिनीपोलिस स्टार ट्रिब्यून में जर्नलिस्ट थे.
• हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करके उन्होंने कैलिफ़ोर्निया जाकर बतौर गायक की नौकरी की.
• 1940 के दशक में उन्होंने विभिन्न फिल्मों में काम किया लेकिन उनमें उन्हें विशेष प्रसिद्धी प्राप्त नहीं हुई.
• वर्ष 1948 में नील को कोलंबिया पिक्चर्स से एक टीवी सीरीज़ में काम करने का अवसर मिला जिसमें उन्हें एक ऐसे व्यक्ति की प्रेमिका, लुईस लेन, का किरदार निभाना था जो किसी अन्य ग्रह का था, उसमें असाधारण शक्तियां थी एवं उस पर गोलियों का भी असर नहीं होता था. इस किरदार का नाम सुपरमैन रखा गया.
• किर्क एलेन ने सुपरमैन का किरदार निभाया जबकि नील ने डेली प्लेनेट में कार्यरत लुईस लेन का किरदार निभाया.
• यह टीवी सीरीज़ 1958 तक चली, वर्ष 1978 में क्रिस्टोफर रीव बतौर सुपरमैन किरदार में नज़र आये एवं नोएल नील लुईस लेन की मां के किरदार में नज़र आयीं.
प्रधान मंत्री ने केबिनेट में 19 नए मंत्री शामिल किए
नरेंद्र मोदी ने 05 जुलाई 2016 को कैबिनेट में 10 राज्यों से 19 नए मंत्रियों को शामिल किया. एन्वायरन्मेंट मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर को राज्य मंत्री से प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. पांच पुराने मंत्रियों निहालचंद, रामशंकर कठेरिया, सांवरलाल जाट, मनसुखभाई डी. वासवा और एमके. कुंदरिया ने इस्तीफा दिया.
कैबिनेट के सभी नए सदस्यों को राष्ट्रपति भवन के अशोका हॉल में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राज्य मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. 75 साल से ऊपर के नेताओं को मंत्री नहीं बनाया गया.
राजस्थान से 4 मंत्री-
. अर्जुन राम मेघवाल: बीकानेर से सांसद मेघवाल हैं. आईएएस भी रह चुके हैं. साइकिल से संसद जाने के लिए चर्चित हैं.
. सीआर चौधरी: नागौर से सांसद हैं.
. पीपी चौधरी: पाली से सांसद हैं. चार दशकों तक सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील रहे हैं
. विजय गोयल: राजस्थान से राज्यसभा सदस्या हैं। हालांकि उन्हें दिल्ली का नेता ज्यादा माना जाता है.
यूपी से 3 मंत्री-
. अनुप्रिया पटेल: एनडीए के सहयोगी दल अपना दल की नेता हैं. मिर्जापुर से सांसद हैं. अब टीम मोदी में सबसे युवा सांसद.
. कृष्णा राज: शाहजहांपुर से सांसद. दलित चेहरा हैं.
. महेंद्रनाथ पांडे: चंदौली से सांसद.
उत्तराखंड से एक को जगह-
. अजय टमटा: दलित नेता, अलमोड़ा से सांसद हैं.
एमपी-
. अनिल माधव दवे: एमपी से राज्यसभा सदस्य हैं. संगठन से जुड़े हैं.
. फग्गन सिंह कुलस्ते: मंडला से सांसद हैं.
. एमजे अकबर: राज्यसभा सदस्य हैं. पत्रकार रहे हैं.
महाराष्ट्र-
. सुभाष भामरे: धुले से बीजेपी सांसद हैं. वे कैंसर सर्जन हैं.
. रामदास अठावले: एनडीए के सहयोगी दल आरपीआई के चीफ हैं.
गुजरात-
. जसवंतसिंह भाभोर: दाहोद से सांसद.
. मनसुख मनदाविया: राज्यसभा मेंबर हैं.
. पुरुषोत्तम रूपाला: मंत्री रह चुके हैं.
असम-
. राजेश गोहैन: नागांव से बीजेपी सांसद.
कर्नाटक-
. राजेश जिगजिगानी
बंगाल
. एसएस अहलूवालिया: दार्जिलिंग से सांसद हैं. लंबे वक्त तक राज्यसभा में बीजेपी के उपनेता रहे हैं.
जिन्हें प्रोमोट किया गया-
- प्रकाश जावड़ेकर: (एन्वायरन्मेंट मिनिस्टर) स्वन्त्रत प्रभार राज्य मंत्री थे. अब कैबिनेट दर्जा मिला.
- शिवसेना कोटे से किसी को मंत्री नहीं बनाया गया.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल से स्तीफा देने वाले मंत्री-
. एमके कुंदरिया- कृषि राज्यमंत्री
. श्रीगंगानगर से सांसद निहालचंद- रसायन मंत्री
. सांवरलाल जाट- जल संसाधन राज्यमंत्री
. मनसुख वसावा- आदिवासी मामलों के राज्यमंत्री
. रामशंकर कठेरिया- मानव संसाधन राज्यमंत्री
मोदी सरकार में शामिल सभी नए मंत्रियों को विभिन्न क्षेत्रों से लिया गया है जिनके पास अपने-अपने क्षेत्रों से जुड़ा पुराना अनुभव है. वहीं सुभाष राम राव भामरे कैंसर के मशहूर डॉक्टर हैं. एम जे अकबर लंबे समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवाएं देते रहे हैं और वो पूर्व में संपादक भी रह चुके हैं जिन्हें अंतराष्ट्रीय स्तर पर पत्रकारिता के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. नई प्रतिभाओं और नए आइडिया को मौका देने के लिए कैबिनेट में युवाओं को भी जगह दी है. अनुप्रिया पटेल और रामदास आठवले के अलावा मंत्री बनाए गए सभी नेता भाजपा से हैं।
जातिगत समीकरण-
नए मंत्रियों को चुनते समय जातिगत, सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों को अहमियत दी गयी है. दो नए मंत्री- जसवंत सिंह भाभोर, फग्गन सिंह जो अनुसूचित जनजाति से आते हैं, जबकि अजय टम्टा, रामदास आठवले, अर्जुन राम मेघवाल, रमेश चंदप्पा समेत कृष्णा राज पांच मंत्री अनुसूचित जाति से हैं. दो मंत्रियों एमजे अकबर और एसएस अहलुवालिया को अल्पसंख्यक समुदाय से चुना गया है. कैबिनेट में अनुप्रिया पटेल और कृष्णा राज दो महिलाएं भी हैं.
यूपी विधानसभा चुनाव का असर-
आज जिन 19 मंत्रियों को कैबिनेट में जगह दी गई है वे सभी मंत्री 10 राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, कर्नाटक और असम से आते हैं. उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को देखते हुए यहां से तीन मंत्रियों को जगह दी गई है. जिनमें दो महिलायें हैं. यहां से एक ओबीसी, एक दलित और एक ब्राहमण चेहरा लाया गया है.
केन्द्र सरकार ने उत्तर प्रदेश में चार शहरों के हवाई अड्डों के विकास हेतु चार सौ करोड़ रुपये स्वीकृत किए
भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण (एआईआई) ने 05 जुलाई 2016 को उप्र सरकार के साथ क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) के तहत राज्य में नौ हवाई अड्डों को विकसित करने हेतु समझौता किया.
इस सम्बन्ध में नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री डॉ. महेश शर्मा ने राजधानी में घोषणा की कि उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद आरसीएस के तहत आगरा, इलाहाबाद, कानपुर और बरेली के लिए उड़ानें डेढ़ महीने में शुरू हो जायेंगी.
क्षेत्रीय संपर्क योजना के मुख्य तथ्य-
- इन हवाई अड्डों के विकास हेतु केंद्र सरकार कुल 400 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराएगी.
- इनमें आगरा और इलाहाबाद हवाई अड्डों पर परिचालन अविलंब शुरू किया जाएगा.
- केन्द्र ने कुशी नगर में हवाई अड्डे के विकास हेतु राज्य सरकार ने 200 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं.
- इसे आरआईटीईएस लिमिटेड द्वारा विकसित किया जा रहा है.
- हवाई अड्डे के एक साल में तैयार हो जाने की उम्मीद है.
- मुरादाबाद, मेरठ और फैजाबाद में नो फ्रिल्स हवाई अड्डे बनाने के लिए वित्तीय लाभ की संभावना (फीजिबिलिटी) के अध्ययन हेतु चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है.
- इसमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय के दो वरिष्ठ अधिकारी तथा उत्तर प्रदेश सरकार के दो अधिकारी शामिल हैं.
- दिल्ली के इंदिरा गाँधी हवाई अड्डे पर बढ़ते बोझ के मद्देनजर उप्र के ही ग्रेटर नोएडा के पास स्थित जेवर में हवाई अड्डे के निर्माण की फाइल अनापत्ति हेतु रक्षा मंत्रालय भेज दी गई है.
आरसीएस के बारे में-
- केंद्र सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) के तहत उड़ान को सस्ती बनाकर राज्यों के प्रमुख शहरों को हिस्सेदारी देश के अन्य शहरों से जोड़ने की है.
- राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति में आरसीएस में हिस्सा लेने वाले राज्यों के लिए शर्तें तय की गई हैं. जिसके तहत भूमि और बुनियादी ढांचा मुफ्त मुहैया कराने के साथ ही राज्यों को एटीएफ पर मूल्यवर्धित कर भी 10 साल के लिए घटाकर 1 प्रतिशत करना होगा.
- साथ ही बिजली, पुलिस और अग्निशमन सेवाएं भी मुहैया करानी होगी.
- आरसीएस के तहत स्वाभाविक रूप से छोटे शहरों में हवाई अड्डों के विकास पर जोर दिया जायेगा.
- आरसीएस के तहत मझोले तथा छोटे शहरों के लिए सस्ती कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने की सरकार की योजना को अमली जामा पहनाने हेतु अन्य राज्यों के साथ भी इस तरह की बैठकों की योजना है.
- सरकार ने शुक्रवार को आरसीएस का प्रारूप जारी किया. इसमें 201 से 225 किलोमीटर के हवाई सफर का अधिकतम किराया 177० रुपये करने का प्रस्ताव है.
- 476 से 500 किलोमीटर तक की यात्रा (लगभग एक घंटे की उड़ान) के लिए अधिकतम किराया 2500 करोड़ रुपये रखने की बात कही गई है.
- आरसीएस 800 किलोमीटर तक की यात्रा पर लागू होगा. 776 से 800 किलोमीटर तक के लिए अधिकतम 4070 रुपये तय किया गया है.
- आरसीएस योजना उसी स्थिति में लागू होगी जब विमान के उड़ान भरने या उतरने वाले स्थल में कम से कम एक हवाई अड्डा ऐसा हो जहाँ वर्तमान में सप्ताह में औसतन सात शिड्यूल उड़ानें भी नहीं भरी जा रही हैं.
योजना के तहत एयरलाइंसों कोहोने वाले नुकसान की भरपाई के कंपनियों को केंद्र तथा राज्य सरकारें करों एवं शुल्कों में छूट के अलावा उन्हें आर्थिक क्षतिपूर्ति की भरपायी भी करेंगी.
चर्च की अदालतों के तलाक के आदेश की कानूनी वैधता नहीं: सर्वोच्च न्यायालय
उच्चतम न्यायालय ने 05 जुलाई 2016 को फैसला दिया कि चर्च की अदालतों से तलाक के बारे में दिए गए आदेशों की कोई कानूनी मान्यता नहीं है. मुख्य न्यायाधीश टी.एस. ठाकुर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने फैसले में कहा कि जो कोई भी व्यक्ति चर्च से दिए गए तलाक के फैसले के बाद दोबारा विवाह करेगा, ऐसे विवाह को अपराध माना जाएगा.
क्या है मामला-
- न्यायालय में बंगलूरू के एक कैथोलिक वकील क्लैरेंस पाएस ने याचिका दायर की थी.
- याचिका में चर्च की अदालतों से दिए गए तलाक के आदेशों को कानूनी मान्यता देने का अनुरोध किया था.
- याचिका में उनका तर्क था कि कैथोलिक इसाइयों में विवाह और तलाक के मामले चर्च से संचालित होते हैं.
- मुसलमानों में प्रचलित तीन तलाक और चार शादियों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट संविधान के दायरे और पूर्व फैसलों के आलोक में विचार कर रहा है.