5 October

गगनजीत भुल्लर ने कोरिया ओपन गोल्फ टूर्नामेंट का खिताब जीता

भारतीय गोल्फर गगनजीत भुल्लर ने हाल ही में कोरिया ओपन गोल्फ टूर्नामेंट का खिताब जीता. उन्होंने एशियाई टूर में वे छठी बार चैंपियन बने.

गगनजीत भुल्लर ने अंतिम राउंड की समाप्ति के बाद कुल 269 स्कोर बनाए तथा जिम्बाब्वे के स्कॉट विन्सेंट को 1 अंक के अंतर से हराते हुए शीर्ष स्थान हासिल किया.

उन्होंने दस लाख डॉलर की पुरस्कार राशि जीत ली. इससे पहले उन्होंने वर्ष 2013 में एशियाई टूर का खिताब जीता था.

गगनजीत भुल्लर से सम्बंधित मुख्य तथ्य:

•    गगनजीत भुल्लर का जन्म अप्रैल 1988 में पंजाब के अमृतसर में हुआ था.

•    उन्होंने वर्ष 2005 के विश्व जूनियर मास्टर्स चैम्पियनशिप का खिताब जीता.

•    गगनजीत भुल्लर को गोल्फ के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

•    उन्होंने अपना पहला एशियाई टूर खिताब इंडोनेशिया में इंडोनेशिया प्रेजीडेंट आमंत्रण वर्ष 2009 में जीता था.

•    उन्होंने मकाउ ओपन गोल्फ टूर्नामेंट का खिताब 14 अक्टूबर 2012 को जीता. भुल्लर का यह चौथा एशियन टूर खिताब था.

•    उन्होंनें वर्ष 2010 में एशियन टूर इंटरनेशनल और चीनी ताइपे में येंगदर टूर्नामेंट प्लेयर्स चैंपियनशिप जीती.

 

वन्यजीव फ़िल्मकार प्रग्ना चौटा को फ्रांस द्वारा नाईटहुड उपाधि प्रदान की गयी

फिल्म निर्माता एवं हाथियों के शोधकर्ता प्रग्ना चौटा को हाल ही में फ्रांस सरकार द्वारा नाईट इन द नेशनल ऑर्डर ऑफ़ मेरिट उपाधि से सम्मानित किया गया. उन्हें इसी वर्ष बेंगुलुरु में सम्मानित किया जायेगा.

प्रग्ना चौटा

•    चौटा आने माने फाउंडेशन के संस्थापक हैं. 

•    यह फाउंडेशन एशियन वन्य हाथियों पर शोध करती है तथा उन्हें संरक्षण प्रदान करती है.

•    उन्होंने हाथियों पर एक कोड बुक भी लिखी है जिसके अनुसार हाथियों के संरक्षण में प्रबंधन पर विस्तृत जानकारी दी गयी है. यह पुस्तक आदिवासियों द्वारा बनाये गये चित्रों तथा उनके हाथियों के साथ संबंधों को बताती है.

•    शोधकर्ता के रूप में उन्होंने भारत में पहली बार हाथियों में जीपीएस कॉलर फिट किये.

•    इससे पहले 2016 में किरन मजूमदार, कमल हसन को भी फ्रांस सरकार द्वारा यह सम्मान प्रदान किया जा चुका है.

नेशनल ऑर्डर ऑफ़ मेरिट

•    नेशनल ऑर्डर ऑफ़ मेरिट एक फ्रेंच पुरस्कार है जिसे फ़्रांस के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है.

•    इसकी स्थापना 3 दिसंबर 1963 को पूर्व राष्ट्रपति चार्ल्स डी गुल द्वारा की गयी.

•    इस पुरस्कार की स्थापना के दो कारण थे, मंत्रालयों द्वारा दिए जाने वाले विभिन्न पुरस्कारों के स्थान पर एक पुरस्कार देना तथा लीजन ऑफ़ ऑनर के स्थान पर छोटे स्तर पर एक पुरस्कार आरंभ करना.

 

डेविड थोलुजडंकन हेल्डन और माइकल कोस्टरलिट्ज भौतिकी के नोबल पुरस्कार हेतु चयनित

नोबल पुरस्कार संस्था ने 4 अक्टूबर 2016 को वर्ष 2016 के भौतिकी नोबल पुरस्कार हेतु डेविड थोलुज, डेंकन हेल्डन और माइकल कोस्टरलिट्ज का चयन किया. उन्हें पदार्थ और द्रव्य अवस्थाओं पर शोध हेतु यह पुरस्कार दिया गया. 

डेविड जे थोलुज, यूनिवर्सिटी ऑफ़ वाशिंगटन में प्रोफेसर हैं. एफ डंकन एम हेल्डन प्रिन्सटन यूनिवर्सिटी, अमेरिका में भौतिकी के प्रोफेसर हैं. जे माइकल कोस्टरलिट्ज ब्राउन यूनिवर्सिटी में भौतिकी के प्रोफेसर हैं. यह तीनों संयुक्त रूप से 8 मिलियन स्वीडिश क्रोनोर का पुरस्कार साझा करेंगे.

विजेताओं द्वारा की गयी खोज

•    सभी तीनों विजेताओं ने भौतिकी में खोज हेतु टोपोलॉजिकल अवधारणाओं का प्रयोग किया.

•    1970 के शुरूआती वर्षों में माइकल कोस्टरलिट्ज एवं डेविड थोलुज ने इस अवधारणा को बदला कि सुपरकंडक्टिविटी पतली परतों में नहीं पाई जाती.

•    इन वैज्ञानिकों द्वारा की जा रही खोज अभी शोध के स्तर पर है लेकिन भविष्य में उनकी खोज का प्रयोग पदार्थ विज्ञान में किया जा सकेगा.

•    यदि उनकी खोज सफल रही तो भविष्य में वर्तमान से भी छोटे कंप्यूटर और फोन बनाये जा सकेंगे.

•    इन तीनों वैज्ञानिकों की खोज तत्वों की डिजाइनिंग की अवस्था से सम्बंधित है.

 

एसबीआई म्यामार में शाखा खोलने वाला देश का पहला बैंक बना

देश के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक एसबीआई ने म्यांमार में 53 साल बाद अपना कामकाज एक बार फिर शुरू किया. 3 अक्टूबर 2016 को म्यांमार की राजधानी यंगून में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा की शुरुआत की गई. म्यांमार में कारोबार करने वाला एसबीआई भारत का पहला बैंक है.

म्यांमार में एसबीआई बैंक का शुभारम्भ की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य सेंट्रल बैंक ऑफ म्यांमार के वाइस गवर्नर क्हिन सॉ ऊ की उपस्थिति में किया गया. म्यांमार में एसबीआई बैंक के शुभारम्भ के साथ ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मौजूदगी दुनिया भर के 37 देशों में हो गई.

एसबीआई के बारे में-

  • एसबीआई की विदेशों में कुल 54 शाखाएं हैं और 198 कार्यालय हैं.
  • एसबीआई बैंक की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य के अनुसार म्यामांर में ब्रांच खुलने से रिश्तों को नया आयाम मिला है. दोनों देशों के सम्बन्ध 1861 के उस दौर में पहुंच गए हैं, जब यहां बैंक ऑफ बंगाल की शाखा हुआ करती थी.
  • म्यांमार में बैंकों के राष्ट्रीयकरण की प्रक्रिया में फरवरी 1963 में बैंक ऑफ बंगाल की यंगून शाखा का अधिग्रहण पीपल्स बैंक ऑफ बर्मा ने कर लिया था.
  • एसबीआई म्यांमार से दुनिया के कारोबार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता रहा है.
  • इसी वर्ष के आरम्भ में एसबीआई को म्यामांर में बैंकिंग ऑपरेशन का लाइसेंस मिला.

 

संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप एवं पुरस्कार प्रदान किये गये

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा 4 अक्टूबर 2016 को वर्ष 2015 के लिए संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप एवं पुरस्कार प्रदान किये गये. इन्हें अकादमी रत्न और अकादमी पुरस्कार के नाम से भी जाना जाता है. यह पुरस्कार राष्ट्रपति भवन में प्रदान किये गये.

कला प्रदर्शन क्षेत्र के प्रसिद्ध कलाकार सीवी चंद्रशेखर को संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप (अकादमी रत्न) से सम्मानित किया गया. यह अकादमी द्वारा दिया जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है.

वर्ष 2015 के लिए संगीत, नृत्य, रंगमंच, पारंपरिक कला/ लोक/ जनजातीय संगीत/ नृत्य/ रंगमंच और कठपुतली कला के लिए 43 लोगों को पुरस्कार हेतु चयनित किया गया. इन 43 कलाकारों में से दो को संयुक्त पुरस्कार दिया गया.   

पुरस्कार विजेता इस प्रकार हैं:

क्षेत्र

विजेता

संगीत क्षेत्र में पुरस्कार

संगीत क्षेत्र में वर्ष 2015 का संगीत कला पुरस्कार निम्न 11 कलाकारों की दिया गया:

  • हिन्दुस्तानी संगीत के लिए कृष्ण बिष्ट एवं मशकूर अली खान.
  • हिन्दुस्तानी वाद्य यंत्र-सितार हेतु कार्तिक कुमार.
  • हिन्दुस्तानी वाद्य यंत्र सरोद हेतु ब्रिज नारायण.
  • कर्नाटक गायन संगीत के लिए आर एन त्यागराजन एवं आर एन थरानाथन (संयुक्त पुरस्कार)
  • कर्नाटक गायन संगीत हेतु सुगुण वर्धाचारी
  • कर्नाटक वाद्य यंत्र वायलिन हेतु लालगुडी जी जे आर कृष्णन.
  • कर्नाटक वाद्य यंत्र नागस्वरम हेतु एम के एस सिवा.
  • सुगम संगीत के लिए भूपिंदर सिंह, हृदयनाथ मंगेशकर एवं प्रफुल्ल कर आदि.

नृत्य के क्षेत्र में पुरस्कार

निम्न नौ कलाकारों को नृत्य क्षेत्र में 2015 का अकादमी पुरस्कार दिया गया.

  • भरतनाट्यम के लिए रंगनायकी जयरमन
  • कथकली के लिए के कुन्हीरमन.
  • कुचिपुड़ी के लिए जी पदमजा.
  • ओडिसी आलोका कानूनगो.
  • सत्तरिया नृत्य हेतु शरोदी सैकिया.
  • मोहिनीअट्टम हेतु मंदाकिनी त्रिवेदी.
  • छऊ नृत्य के लिए सदाशिव प्रधान.
  • समकालिक नृत्य हेतु डब्ल्यू लोकेन्द्रजीत सिंह.
  • नृत्य के लिए संगीत हेतु राजकुमार भारती.

रंगमंच के क्षेत्र में पुरस्कार

निम्न नौ कलाकारों को रंगमंच क्षेत्र में 2015 का अकादमी पुरस्कार दिया गया

  • पटकथा लेखन हेतु नंद किशोर आचार्य एवं शफात खान.
  • निर्देशन के लिए परवेज़ अख्तर एवं मुश्ताक काक.
  • अभिनय हेतु मनोज एन जोशी एवं हिमानी शिवपुरी.
  • पृष्ठभूमि डिजाईन हेतु प्रदीप मुले.
  • रंगमंच की अन्य विधाओं के लिए सरोजिनी नांगियार.
  • रंगमंच में ओवरऑल योगदान हेतु रानी बलबीर कौर.

पारंपरिक / लोक / जनजातीय संगीत / नृत्य / रंगमंच और कठपुतली कला के क्षेत्र में

वर्ष 2015 के अकादमी पुरस्कारों के लिए इस श्रेणी में 10 कलाकारों का चयन किया गया.

  • छतीसगढ़ के लोकसंगीत हेतु खुमन लाल साओ.
  • बिहार के लोक रंगमंच हेतु रामचंद्र सिंह.
  • जम्मू एवं कश्मीर के लोक संगीत के लिए खेम राज.
  • केरल की मार्शल आर्ट्स के लिए एस आर डी प्रसाद.
  • महाराष्ट्र के लोक नृत्य हेतु छाया एवं माया खुटेगावकर (संयुक्त पुरस्कार).
  • मणिपुर के पारंपरिक नृत्य और संगीत हेतु गंग्मे अलूना.
  • पंजाब के लोक संगीत हेतु परमजीत सिंह सिद्धू.
  • राजस्थान की कव्वालियों हेतु सैयद सबरी जयपुरी.
  • कठपुतली के लिए के के रामचंद्र पुलावर एवं टी एन शंकरनाथन.

कला प्रदर्शन के लिए समग्र योगदान / छात्रवृत्ति के क्षेत्र में

  • शांता गोखले एवं चमन आहूजा
     

अकादमी फेलोशिप 1954 से तथा अकादमी पुरस्कार 1952 से दिए जा रहे हैं. यह पुरस्कार क्षेत्र विशेष में उत्कृष्टता तथा उपलब्धि को प्रदर्शित करता है. अकादमी फेलोशिप में 3 लाख रुपये तथा अकादमी पुरस्कार में एक लाख रुपये, ताम्रपत्र तथा अंगवस्त्रम दिए जाते हैं.

6 October

इनकम डिक्लेरेशन स्कीम के तहत 65,250 करोड़ के काले धन की घोषणा की गई

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा हाल ही में इनकम डिक्लेरेशन स्कीम के तहत 65,250 करोड़ के काले धन की घोषणा की गई. 64, 275 लोगों ने इसे घोषित किया था.

देश में काले धन की अब तक की यह सबसे बड़ी घोषणा है. वित्त मंत्री द्वारा 56, 378 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता लगाया गया जो कब्जे में लेने की बात कही गई है.

एचएसबीसी की लिस्ट से लगभग 8,000 करोड़ रुपयों का टैक्स मूल्यांकन पूरा हो गया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा सरकार के द्वारा कर चोरी रोकने के लिए उठाए गए प्रयासों की प्रसंशा की.

केंद्र सरकार द्वारा दिए गए आंकडें अस्थायी है. इसमें संशोधन भी हो सकती है.

केंद्र सरकार पिछले काफी समय से काले धन को वापस लाने तथा देश में छिपे हुए काले धन को खोज निकालने का दबाव था. हालांकि लोकसभा चुनाव के समय नरेन्द्र मोदी द्वारा काले धन को लेकर वादा किया था. विपक्ष जिसके बाद से ही इसे मुद्दा बनाकर प्रधानमंत्री को घेरता रहा है.

इनकम डिक्लेरेशन स्कीम क्या था?

कालेधन खुलासे को लेकर केंद्र सरकार ने 1 जून 2016 से लेकर 30 सितंबर 2016 तक के लिए एक स्कीम चलायी थी.

इस स्कीम के अंतर्गत 45 फीसदी टैक्स और पेनल्टी देकर कोई शख्स काले धन  को व्हाइट कर सकता है. केंद्र सरकार ने कालेधन की खुलासा करने वाले लोगों को कई सुविधा दी थी.

हालांकि घोषित ब्लैकमनी पर, पेनाल्टी, सरचार्ज टैक्स की 25 प्रतिशत राशि 30 नवंबर 2016 तक जमा करनी होगी. इसकी दूसरी किस्त 25 फीसदी राशि 31 मार्च 2017 तक जमा की जा सकेगी. तीसरी किस्त की राशि की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2017 है.

यू आर राव आईएएफ हॉल ऑफ़ फेम में शामिल होने वाले पहले भारतीय बने

भारतीय अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख यूआर राव अंतरराष्ट्रीय वैमानिकी संघ (आईएएफ) के हॉल ऑफ़ फेम में शामिल होने वाले पहले भारतीय बने. 

उडुपी रामचंद्र राव

•    वे भारतीय अनुसंधान संगठन के पूर्व निदेशक थे.

•    राव वर्तमान में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला, अहमदाबाद की गवर्निंग काउंसिल के निदेशक हैं. 

•    वे भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी), तिरुवनंतपुरम के कुलपति भी हैं.

•    उन्हें भारत सरकार द्वारा 1976 में पदम् भूषण द्वारा सम्मानित किया गया.

•    यू आर राव को 19 मार्च 2013 को सेटेलाईट हॉल ऑफ़ फेम, वाशिंगटन में शामिल किया गया. वे यह सम्मान प्राप्त करने वाले पहले भारतीय हैं.

अंतरराष्ट्रीय वैमानिकी संघ (आईएएफ)

•    अंतरराष्ट्रीय वैमानिकी संघ अन्तरिक्ष संबंधित वैश्विक मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करने वाला पेरिस आधारित संगठन है.

•    इसकी स्थापना वर्ष 1951 में गैर-सरकारी संगठन के रूप में हुई थी.

•    विश्वभर में 66 देशों में इसके 300 से अधिक सदस्य हैं.

•    यह इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ़ एस्ट्रोनॉटिक्स (आईएए) तथा इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पेस लॉ (आईआईएसएल) के बीच कड़ी का काम भी करता है. यह वार्षिक अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रोनॉटिकल कांग्रेस का भी आयोजन करता है.

•    आईएएफ हॉल ऑफ़ फेम में सम्मानित व्यक्तियों को प्रदर्शित किया जाता है. इसके अतिरिक्त एक प्रशस्ति पत्र, जीवन संबंधी जानकारी तथा आईएएफ की वेबसाइट पर फोटो लगाई जाती है.

केंद्र सरकार ने भारतीय पुल प्रबंधन प्रणाली की शुभारंभ की

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सुरक्षित सड़क यातायात को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में भारतीय पुल प्रबंधन प्रणाली की शुभारंभ की.

भारतीय पुल प्रबंधन प्रणाली देश में सभी पुलों की एक सूची बना सकते है जिससे पुल की गंभीर हालत के आधार पर मरम्मत का काम किया जा सकता है.

पुलों की खराब हालत से परिवहन पर बहुत खराब असर पड़ता है और अनेक बार दुर्घटनाओं में जीवन का नुकसान होता है.

भारतीय पुल प्रबंधन प्रणाली का उद्देश्य:

•    भारतीय पुल प्रबंधन प्रणाली का उद्देश्य देश में सभी पुलों का डाटाबेस तैयार करना है.

•    वे सभी पुलों की विस्तृत ब्योरा देना है ताकि पुलों की समय पर मरम्मत की जा सके और नया पुल बनाया जा सके.

यह कैसे काम करेगा?

•    इनवेंटरी बनाते समय प्रत्येक पुल को अनूठी पहचान संख्या या राष्ट्रीय पहचान संख्या दी जाती है.

•    जीपीएस के माध्यम से अक्षांश, देशांतर के संदर्भ में पुल के वास्तविक स्थान का पता किया जाता है और इसी के अधार पर पुल स्थान संख्या दी जाती है.

•    मेटेरियल,डिजाइन,पुल के प्रकार, पुल की आयु, लोडिंग, यातायात लेन,लम्बाई, चौड़ाई संबंधी जानकारिया एकत्रित की जाती है और इनका इस्तेमाल करके पुल वर्गीकरण संख्या दी जाती है.

•    पुलों को ढांचागत रेटिंग संख्या भी दी जाती है. यह संख्या शून्य के 9 के स्केल पर प्रत्येक पुल को दी जाती है.

•    यह रेटिंग पुल के ढांचे से संबंधित घटकों पर विचार करने के बाद दी जाती है.

•    सूची के आधार पर आईबीएम डाटा का विश्लेषण करेगा और उन पुलों की पहचान करेगा जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है.

•    पुल की संचालन उपलब्धता में सुधार, अवधि में वृद्धि तथा मरम्मत कार्य को प्राथमिकता देने के लिए निरीक्षण कार्य किया जाएगा.

•    डाटा से यह निर्णय लेने में मदद मिलेगी कि किस पुल की स्थिति कितनी गंभीर हैं और किसे फिर से बनाने की जरूरत है.

भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 0.25 फीसदी की कटौती की घोषणा की

भारतीय रिज़र्व बैंक ने हाल ही में नीतिगत दरों में अर्थात रेपो रेट में 0.25 फ़ीसदी की कटौती करने की घोषणा की. हालांकि 0.25 फीसदी की कटौती के बाद रेपो रेट 6.5 फीसदी से घटकर 6.25 फीसदी हो गया है.

हाल ही में गठित 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने पहली बार मौद्रिक नीति समीक्षा प्रस्तुत की. मौद्रिक नीति तैयार करने में अभी तक भारतीय रिज़र्व बैंक गवर्नर की ही पूरी भूमिका होती थी. लेकिन अब भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति ने यह काम करना शुरू कर दिया है.

उर्जित पटेल ने भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर नियुक्त होने के बाद उनकी ये पहली क्रेडिट पॉलिसी है. मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 6-7 दिसंबर को होगी.

इससे संबंधित मुख्य तथ्य:

•    रेपो रेट में कटौती से अब बैंकों को आरबीआई से सस्ता कर्ज़ मिल सकेगा और बैंक उसका फायदा ग्राहकों को भी देगा.

•    अब रिवर्स रेपो रेट 6 फ़ीसदी से घटकर 5.75 फीसदी के स्तर पर आ गया है. रिवर्स रेपो रेट पर ही बैंक अपना पैसा भारतीय रिज़र्व बैंक के पास रखते हैं.

•    भारतीय रिज़र्व बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) 4 फीसदी ही रखा है.

•    सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर): 20.75 प्रतिशत हैं.

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने मार्शल द्वीप द्वारा भारत के खिलाफ परमाणु आरोप को ख़ारिज किया

संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने मार्शल द्वीप समूह द्वारा भारत और पाकिस्तान के खिलाफ किये गये परमाणु परीक्षण मामले को ख़ारिज कर दिया. 

हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में 16 जजों की बेंच ने 5 अक्टूबर 2016 को यह निर्णय सुनाया. हवाई और फिलीपींस के मध्य स्थित मार्शल द्वीप समूह का आरोप है कि ये देश परमाणु हथियारों की दौड़ को रोक पाने में विफल रहे हैं.

भारत, पाकिस्तान और इंग्लैंड के खिलाफ आरोप लगाये गये कि इन देशों ने परमाणु परीक्षण करके विश्व में परमाणु हथियारों को की होड़ को और तेज़ किया. मार्शल द्वीप समूह का मानना है कि यह देश 1968 की परमाणु अप्रसार संधि को सफल नहीं बना सके. 

गौरतलब है कि मार्शल द्वीप समूह के आस-पास वर्ष 1946-58 के मध्य अमेरिका ने कई परमाणु परीक्षण किए जिससे वहां की प्राकृतिक संपदा एवं नागरिक जीवन पर प्रभाव पड़ा. इन वर्षों में अमेरिका और रूस के मध्य शीत युद्ध चरम पर था.

पृष्ठभूमि

•    वर्ष 2014 में माजुरो (मार्शल की राजधानी) द्वारा 9 देशों पर आरोप लगाया था कि 1968 के परमाणु अप्रसार संधि के बावजूद परमाणु हथियारों का विस्तार हो रहा है.

•    मार्शल द्वीप का कहना है कि परमाणु हथियारों को बढ़ावा देकर भारत, पाकिस्तान और इंग्लैंड ने इस संधि के प्रावधानों का उल्लंघन किया.

•    मार्शल द्वीप समूह के पूर्व विदेश मंत्री टोनी डीब्रूम द्वारा 2014 में संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में कैलिफ़ोर्निया आधारित न्यूक्लियर ऐज पीस फाउंडेशन द्वारा यह मामला दायर किया गया.  

•    टोनी के इन प्रयासों के कारण पीस ब्यूरो द्वारा उन्हें 2016 के नोबल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया. 

•    गौरतलब है कि चीन, फ्रांस, इज़राइल, उत्तर कोरिया, रूस और अमेरिका ने अभी तक अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायिक दायरे को मान्यता प्रदान नहीं की है.

वंदना कटारिया एशियाई महिला हॉकी चैंपियन्स ट्रॉफी में भारत की कप्तान नियुक्त

वंदना कटारिया हाल ही में एशियाई महिला हॉकी चैंपियन्स ट्रॉफी में भारत की कप्तान नियुक्त की गई. एशियाई महिला हॉकी चैंपियन्स ट्रॉफी 29 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच सिंगापुर में आयोजित होगा.

डिफेंडर सुनीता लाकड़ा को उप कप्तान बनाया गया है. चौथी इस टूर्नामेंट में एशियाई महाद्वीप की ओर से पांच टीमें भाग लेंगी जिनमें भारत, चीन, जापान, कोरिया और मलेशिया शामिल हैं.

मैच से संबंधित मुख्य तथ्य:

भारत अपना पहला मैच 29 अक्टूबर को जापान से खेलेगा. इसके बाद भारत कोरिया से 30 अक्टूबर, मलेशिया से 1 नवंबर और चीन से 4 नवंबर को खेलेगा. फाइनल तथा तीसरे स्थान के मैच 5 नवंबर को खेले जाएंगे.

टीम इस प्रकार है:

गोलकीपर: सविता, रजनी इतिमापरु

रक्षा पंक्ति: दीप ग्रेस एक्का, रेणुका यादव, सुनीता लाकड़ा, हेनियालम लाल राउत फेली, नमिता टोप्पो

मध्य पंक्ति: निक्की प्रधान, नवजोत कौर, मोनिका, रानी, दीपिका, नवदीप कौर

अग्रिम पंक्ति: पूनम रानी, अनुराधा रानी थोकचोम, वंदना कटारिया (कप्तान), प्रीति दुबे, पूनम बाला

वंदना कटारिया के बारे में:

•    वंदना कटारिया का जन्म 15 अप्रैल 1992 को उत्तर प्रदेश में हुआ था.

•    वे एक भारतीय हॉकी खिलाड़ी है.

•    उन्होंने वर्ष 2013 में जूनियर महिला विश्व कप में कांस्य पदक जीती.

•    उन्होंने पहली बार जूनियर अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में वर्ष 2006 में भाग लिया था.

•    उन्होंने वर्ष 2010 में सीनियर राष्ट्रीय टीम में भाग लिया था.

फ़्रांस प्लास्टिक कप और प्लेटों पर प्रतिबन्ध लगाने वाला पहला देश बना

फ़्रांस प्लास्टिक कपों और प्लास्टिक की प्लेटों पर प्रतिबन्ध लगाने वाला विश्व का पहला देश बन गया. फ़्रांस द्वारा सितंबर 2016 में एक विधेयक पारित किया गया जिसे जनवरी 2020 में लागू किया जायेगा. इस विधेयक के अनुसार सभी डिस्पोज़ेबल टेबल सामग्री में 50 प्रतिशत जैविक पदार्थ प्रयोग किये जाने चाहिए. इस मात्रा को जनवरी 2025 में 60 प्रतिशत कर दिया जायेगा. 

यह फ्रांस के एनर्जी ट्रांजीशन फॉर ग्रीन ग्रोथ एक्ट का ही भाग होगा. यह क़ानून देश में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए लाया गया है. जुलाई 2016 में फ़्रांस द्वारा सुपरमार्केट में प्लास्टिक के थैलों पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा दिया गया था.

प्रतिबन्ध क्यों

स्वास्थ्य और पर्यावरण फ्रेंच एसोसिएशन के अनुसार फ़्रांस में प्रत्येक एक सेकेंड 150 प्लास्टिक कप फेंके जाते हैं. यह आंकड़ा प्रतिवर्ष 4.73 बिलियन तक पहुंच जाता है. 

एनर्जी ट्रांजीशन फॉर ग्रीन ग्रोथ एक्ट

•    फ्रांस ने 17 अगस्त 2015 को यह कानून बनवाकर देश में पर्यावरण सुरक्षा एवं हरित विकास हेतु ठोस कदम उठाये. इसके लिए देश में 2012 तथा 2013 में सार्वजनिक सम्मेलनों तथा विशेष कार्यक्रमों में बात रखी गयी.

•    यह विधेयक फ़्रांस के एनर्जी मॉडल को नवीन रूप प्रदान करने में उपयोगी होगा. इसमें इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि नए एनर्जी मॉडल में सतत विकास को किसी प्रकार की हानि न पहुंचे.

इस विधेयक के छह उद्देश्य

•    1990 की तुलना में 2030 तक सीएचजी उत्सर्जन 40 प्रतिशत कम करना.

•    2012 की तुलना में 2050 तक उर्जा खपत आधा करना.

•    2012 के स्तर की तुलना में 2030 तक जीवाश्म ईंधन की खपत 30 प्रतिशत कम करना.

•    वर्ष 2030 तक अक्षय उर्जा की खपत 30 प्रतिशत कम करना.

•    वर्ष 2025 तक कचरा प्रबंधन को अब की तुलना में आधा करना.

•    उर्जा खपत में 2025 तक परमाणु उर्जा का भाग 50 प्रतिशत तक कम करना.

 

नितिन गडकरी ने भारतीय सेतु प्रबंधन प्रणाली आरंभ की

भारत में बनने वाले पुलों और सेतुओं को सुरक्षा के मद्देनजर मजबूत बनाये जाने के लिए केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने 4 अक्टूबर 2016 को भारतीय सेतु प्रबंधन प्रणाली (आईबीएमएस) का नई दिल्ली में शुभारम्भ किया.

आईबीएमएस द्वारा देश में पुलों की मौजूदा हालत, उनके रख-रखाव, मरम्मत तथा उनकी संरचना के अनुरूप कदम उठाये जायेंगे. पुलों की संरचनात्मक स्थिति को जानने के लिए विशेषज्ञों की सहायता ली जाएगी तथा उनके द्वारा सटीक परीक्षण करके ही अंतिम निर्णय पर पहुंचा जायेगा.

भारतीय सेतु प्रबंधन प्रणाली (आईबीएमएस)

•    यह पुलों से सम्बंधित विश्व का सबसे बड़ा प्लेटफार्म है जिसे एक संस्था अथवा स्वामी द्वारा चलाया जा रहा है. इसके डाटाबेस में डेढ़ लाख से अधिक पुल हैं.

•    अभी तक एक लाख पंद्रह हज़ार पुलों को दर्ज किया जा चुका है जबकि पांच हज़ार पुलों के आंकड़े अभी एकत्रित किये जा रहे हैं.

•    पुलों को निर्माण के समय सम्बंधित राज्य द्वारा एक भिन्न नंबर प्रदान किया जाता है जिससे इसकी पहचान होती है. इसे दिया जाने वाला नंबर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, राष्ट्रीय राजमार्ग अथवा जिला सड़क आदि मानकों पर आधारित होता है.

•    पुल का सटीक स्थान जीपीएस के माध्यम से अक्षांश-देशांतर के अनुरूप तय किया गया जबकि कुछ पुलों को पुल नंबर के द्वारा चिन्हित किया गया है.

•    पुल के डिजाईन, उसके निर्माण में प्रयोग की गयी सामग्री, पुल की आयु, लम्बाई, चौड़ाई तथा उसकी अन्य विशेषता के अनुसार उसे सेतु वर्गीकरण संख्या दी जाती है.

•    इस पुलों को 0 से 9 तक रेटिंग दी जाती है.

•    संरचनात्मक रेटिंग के अतिरिक्त इन्हें सामाजिक-आर्थिक रेटिंग भी दी जा रही है. आसपास के क्षेत्र में इन पुलों के माध्यम से आये सामाजिक-आर्थिक बदलाव तथा इसके महत्व को दर्शाते हुए भी इन्हें रेटिंग दी जाती है.

आईबीएमएस की आवश्यकता

•    भारत में सभी पुलों के बारे जानकारी न होने के कारण उनकी मौजूदा हालत तथा उनकी संरचना में आ रहे बदलावों का पता नहीं चल पाता जिससे उन्हें आवश्यक मरम्मत प्रदान नहीं की जाती.

•    जानकारी के आभाव में कमजोर पुल दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं तथा इससे जान-माल की हानि होती है.

रसायन विज्ञान में नोबल पुरस्कारों की घोषणा

वर्ष 2016 के लिए रसायन विज्ञान क्षेत्र के नोबल पुरस्कारों की घोषणा की गयी. इसमें फ़्रांस के जीन पियरे शावेज़, ब्रिटेन के जे फ्रेज़र स्टोडार्ट एवं नीदरलैंड के बर्नार्ड फेरिंगा को इस वर्ष का रसायन विज्ञान का नोबल पुरस्कार दिया जायेगा. 

इस संबंध में 5 अक्टूबर 2016 को घोषणा की गयी. तीनों वैज्ञानिकों को आणविक मशीनों के अविष्कार तथा नैनो तकनीकी को नए स्तर पर ले जाने हेतु इस पुरस्कार के लिए चयनित किया गया. यह तीनों वैज्ञानिक संयुक्त रूप से 9.33 लाख डॉलर (लगभग 6.21 करोड़ रुपये) की पुरस्कार राशि साझा करेंगे.

तीनों वैज्ञानिकों द्वारा की गयी खोज

•    पुरस्कार का चयन करने वाली ज्यूरी के अनुसार तीनों वैज्ञानिकों ने नियंत्रणीय गति के साथ अणुओं का विकास करने में सफलता प्राप्त की जो उर्जा संचार होने के लक्ष्य को पूरा करने में सक्षम है. 

•    वैज्ञानिकों की इस खोज के कारण साधारण मशीन से कई गुना छोटी आणविक मशीन बनाने की दिशा में प्रयोग किये गये.

•    यह बाल से हज़ार गुना छोटी मशीन है जिसे चलाने के लिए नैनो मोटर का विकास किया गया. 

•    ज्यूरी का मानना है कि यह आणविक मशीन वर्ष 1830 में बनाई गयी इलेक्ट्रॉनिक मोटर के समान है जिसे बनाये जाने के बाद पंखों, वाशिंग मशीन, फ़ूड प्रोसेसर आदि की खोज की गयी. 

•    पुरस्कार की घोषणा करते हुए ज्यूरी सदस्यों ने कहा कि इन आणविक मशीनों द्वारा सेंसर, उर्जा भंडारण तथा उर्जा आकार को नई दिशा मिल सकेगी.

चयन प्रक्रिया

रसायन विज्ञान में नोबल पुरस्कार प्रत्याशियों के नामों के नामांकन के आधार पर दिए जाते हैं. नोबल पुरस्कार संस्था के अनुसार नामांकित प्रत्याशियों के नाम के बारे में अगले 50 वर्षों तक खुलासा नहीं किया जाता. रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ़ साइंसेज की कमेटी द्वारा रसायन विज्ञान के क्षेत्र में दिए जाने वाले पुरस्कार का अंतिम चयन किया जाता है. 

नोबल कमिटी द्वारा चयनित व्यक्तियों को रसायन विज्ञान के क्षेत्र में पुरस्कार हेतु नामांकन दाखिल करने के लिए आमंत्रण भेजा जाता है. केवल यह चुनिंदा व्यक्ति ही प्रत्याशियों के नामों का चुनाव कर सकते हैं, कोई भी प्रत्याशी स्वयं को नामांकित नहीं कर सकता उसे केवल इन चयनित व्यक्तियों के आमंत्रण के आधार पर ही प्रवेश मिलता है. 

रसायन विज्ञान के नोबल पुरस्कार से सम्बंधित तथ्य

•    वर्ष 1901 से 2016 तक 108 पुरस्कार दिए जा चुके हैं.

•    अब तक केवल 4 महिला वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार दिया गया.

•    फ्रेडरिक संगेर को दो बार, 1958 और 1980 में, पुरस्कार दिया गया.

•    फ्रेडरिक जोलियट अब तक के सबसे कम उम्र के विजेता है जिन्हें 1935 में मात्र 35 वर्ष की आयु में रसायन विज्ञान में नोबल पुरस्कार दिया गया.

•    वर्ष 2002 में जॉन बी फेन 85 वर्ष की आयु में सबसे अधिक आयु के विजेता बने.

•    विजेताओं की औसत आयु 58 वर्ष है.

•    रसायन विज्ञान में मरणोपरांत पुरस्कार नहीं दिया जाता.

•    वर्ष 1901 में जैकब हेनरीक्स रसायन विज्ञान में नोबल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले विजेता थे.

 

नयनजोत लाहिड़ी जॉन एफ. रिचर्ड पुरस्कार से सम्मानित

नयनजोत लाहिड़ी को हाल ही में उनकी किताब ‘अशोका इन एनसियंट इंडिया’ के लिए जॉन एफ. रिचर्ड पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

अमेरिकन हिस्टोरिकल एसोसिएशन ने प्रोफेसर नयनजोत लाहिड़ि को जॉन एफ. रिचर्ड पुरस्कार से नवाजा हैं.

अशोका इन एनसियंट इंडिया को अमेरिकन हिस्टोरिकल एसोसिएशन द्वारा दक्षिण एशियाई इतिहास की सर्वश्रेष्ठ पुस्तक बताया है.

नयनजोत लाहिड़ी से संबंधित मुख्य तथ्य:

•    नयनजोत लाहिड़ी का जन्म 3 मार्च 1960 को हुआ था.

•    नयनजोत लाहिड़ी भारत की एक प्रख्यात इतिहासकार और आर्कियोलॉजिस्ट है.

•    वे अशोका यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत है.

•    वे वर्ष 2007 से वर्ष 2010 तक दिल्ली नगर कला आयोग के सदस्य रही.

•    नयनजोत लाहिड़ी को वर्ष 2013 में ह्यूमेनिटिज के लिए इन्फोसिस पुरस्कार से सम्मानित किया था.

•    जॉन एफ. रिचर्ड पुरस्कार प्रत्येक वर्ष अमेरिकन हिस्टोरिकल एसोसिएशन द्वारा दिया जाता है.

केंद्र सरकार ने एचआईवी एवं एड्स विधेयक, 2014 को स्वीकृति प्रदान की

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पांच अक्तूबर 2016 को ‘एचआईवी एवं एड्स विधेयक, 2014’ को मंजूरी दे दी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा के अनुसार विधेयक में राज्य और केंद्र सरकार एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) प्रदान करना अनिवार्य बनाया गया है.

एचआईवी एवं एड्स विधेयक, 2014 के तहत एचआईवी आौर एड्स से पीड़ित मरीजों के साथ भेदभाव करने वाले व्यक्ति को अपराधी मानकर उसके खिलाफ अधिकतम दो साल की जेल और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

सरकार ने इस संबंध में कानून में संशोधनों को मंजूरी दे दी. मसौदा कानून के माध्यम से ऐसे लोगों के साथ भेदभाव करने वालों के विरुद्ध शिकायतों की जांच हेतु एक औपचारिक तंत्र स्थापित करने और कानूनी जवाबदेही सुनिश्चित करने का प्रावधान करके एड्स मरीजों और एचआईवी विषाणु से संक्रमित लोगों के हितों की रक्षा करने की कोशिश की है.

‘एचआईवी एवं एड्स विधेयक, 2014’ अधिनियम के तहत इस तरह के मरीजों के साथ भेदभाव करने वालों को न्यूनतम तीन महीने और अधिकतम दो साल के कारावास की सजा का प्रावधान है.

एचआईवी एवं एड्स विधेयक, 2014 के बारे में-

  • विधेयक में भेदभाव के तरीकों को भी सूचीबद्ध किया गया है.
  • विधेयक में भेदभाव के तरीकों को प्रतिबंधित भी किया गया है.
  • भेदभाव के तरीकों में रोजगार, शैक्षणिक संस्थानों, स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं, निवास के लिए या किराए पर दी गई संपत्तियों समेत अन्य के संबंध में अस्वीकृति, समाप्ति या अनुचित व्यवहार शामिल है.

भारत और सिंगापुर ने तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए

सिंगापुर के प्रधानमंत्री हाल ही में भारत के पांच दिवसीय दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सिएन लूंग के बीच प्रतिनिधि मंडलस्तर की वार्ता के बाद तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए.

दोनों देशों के नेता कौशल विकास और औद्योगिक संपदा से संबंधित समझौतों पर बात किया गया.

तीन समझौता इस प्रकार है:

•    तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए सिंगापुर के तकनीकी शिक्षण संस्थान शिक्षा सेवा (आईटीईईएस) तथा भारत के कौशल विकास निगम के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.

•    तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक दूसरा समझौता असम सरकार और आईटीईईएस सिंगापुर के बीच हुआ.

•    तीसरा समझौता औद्योगिक संपदा सहयोग के क्षेत्र में हुआ.

सुशील चन्द्र सीबीडीटी के अध्यक्ष नियुक्त

केंद्र सरकार द्वारा अक्टूबर 2016 के पहले सप्ताह में भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी सुशील चन्द्र को केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) का अध्यक्ष नियुक्त किया.

चन्द्र मौजूदा सीबीडीटी निदेशक रानी सिंह नायर के 31 अक्टूबर 2016 को सेवानिवृत होने पर यह पद संभालेंगे.

चन्द्र फ़िलहाल सीबीडीटी के सदस्य के रूप में कार्यरत हैं.

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड

•    केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड भारत में प्रत्यक्ष करों के लिए नियम तथा योजनाएं प्रस्तुत करता है.

•    यह केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत आयकर विभाग का नीति निर्माता है.

•    यह राजस्व अधिनियम, 1963 के तहत स्थापित एक वैधानिक प्राधिकरण है.

•    सीबीडीटी का अध्यक्ष, भारतीय राजस्व सेवा का उच्चाधिकारी होता है.

•    केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड का अध्यक्ष भारत सरकार के अधीन विशेष सचिव पद के समकक्ष होना चाहिए.

•    सीबीडीटी अध्यक्ष, लेफ्टिनेंट जनरल, वाईस-एडमिरल, एयर मार्शल, सीबीआई निदेशक तथा उप नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक से उच्च पद होता है.

भारतीय संचार उपग्रह जीसैट-18 का फ्रेंच गुयाना से सफल प्रक्षेपण

भारतीय संचार उपग्रह जीसैट-18 का 6 अक्टूबर 2016 को फ्रेंच गुयाना से सफल प्रक्षेपण किया गया. कोरू अन्तरिक्ष केंद्र से एरियन 5 यान द्वारा जीसैट-18 ने उड़ान भरी जिसे सफलतापूर्वक अन्तरिक्ष में स्थापित कर दिया गया.

इस मिशन में ऑस्ट्रेलिया के उपग्रह स्काई मस्टर-2 को भी सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया. अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के आंकड़ों के अनुसार जीसैट-18 यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा प्रक्षेपित किया जाने वाला 20वां भारतीय उपग्रह है. साथ ही यह एरियन स्पेस का 280वां मिशन है.

जीसैट-18

भारतीय उपग्रह जीसैट-18 की अनुमानित परिचालन आयु 15 वर्ष आंकी गयी है. इसका वजन 3,404 किलोग्राम है. यह अपने साथ नॉर्मल सी बैंड, अपर एक्सटेंडेड सी बैंड और के यू बैंड में सेवा प्रदान करने के लिए 48 संचार ट्रांसपोंडर लेकर गया है.

भारतीय अनुसंधान संगठन अपने भारी उपग्रहों के लिए एरियन-5 रॉकेट पर निर्भर होना पड़ता है जिसके चलते भारतीय अंतरिक्ष संगठन द्वारा जीएसएलवी एमके-3 का निर्माण किया जा रहा है.

लाभ

जीसैट-18 भारत के लिए विभिन्न प्रयोजनों में सहायक होगा. इससे टेलीविज़न, टेलीकम्यूनिकेशन, वीसैट तथा डिजिटल सूचनाएं एकत्रित करने में सहायता मिलेगी. इस उपग्रह की सफलता के उपरांत इसरो वर्ष 2017 में जीसैट-17 और जीसैट-11 भी प्रक्षेपित करेगा.

रिलायंस इन्फ्रा ने बिजली-पारेषण कारोबार अडाणी को बेचेने का फैसला किया

अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कम्पनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने बिजली पारेषण कारोबार को अडाणी समूह को बेचने का समझौता किया है. रिलायंस इन्फ्रा इस धनराशि से कर्ज का भुगतान करेगा.

रिलायंस इन्फ्रा के सीईओ ललित जालान के अनुसार कम्पनी ने तीन ऐसेट्स बेच दी हैं और मुंबई के ट्रांसमिशन प्रॉजेक्ट्स उनके स्वामित्व में हैं. कंपनी इंजिनियरिंग और कंस्ट्रक्शन सेगमें, पावर, डिफेंस और ओएंडएम बिजनस पर ध्यान देगी. इससे पहले कंपनी ने हाल ही में सीमेंट सब्सिडियरी बिड़ला कॉर्प को 4,800 करोड़ में बेचने का सौदा पूरा किया.

  • 2000 करोड़ रुपये से अधिक के इस समझौता पर दोनों पक्षों की ओर से हस्ताक्षर किए गए.
  • 100 प्रतिशत हिस्सेदारी अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड को बेचने की घोषणा की.
  • दोनों कंपनियों ने समझौता की धनराशि के बारे में स्पष्ट नहीं किया है. बैंक  के अनुसार रिलांयस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (आरइन्फ्रा) ने अपनी पारेषण आस्तियों की.

रिलायंस इन्फ्रा के बारे में-

  • रिलायंस इन्फ्रा की दो बिजली पारेषण लाइनें हैं.
  • जो महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश व कर्नाटक में हैं.
  • रिलायंस इन्फ्रा की हिमाचल प्रदेश व पंजाब की एक अन्य लाइन परबती कोलडम ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड में उसकी 74 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
  • यह पावर ग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया के साथ संयुक्त उद्यम है.
  • रिलायंस इन्फ्रा देश की पहली 100 प्रतिशत निजी पारेषण परियोजना - वेस्टर्न रीजन सिस्टम स्ट्रेंथिंग स्कीम (डब्ल्यूआरएसएसएस) बीएंडसी प्रोजेक्ट्स की मालिक है.
  • उक्त तीनों पारेषण परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और आय अर्जित कर रही हैं.

अर्जुन वाजपेयी ने विश्व की छठी सबसे उंची पर्वत चोटी चो ओयू फतेह करके नया रिकार्ड बनाया

भारत के पेशेवर पर्वतारोही अर्जुन वाजपेयी ने हाल ही में विश्व की छठी सबसे उंची पर्वत चोटी चो ओयू फतेह करके नया रिकार्ड बनाया.

वे अब तक विश्व की 14 सबसे उंची पर्वत श्रृंखलाओं में से 5 पर चढाई कर चुके हैं जिनमें माउंट लहोत्से, माउंट मनास्लु और माउंट मकालु पर्वत श्रृंखला शामिल है.

उन्होंने सात घंटे की चढाई के बाद शिखर पर पहुंचकर तिरंगा लहराया. यह चढाई उनके लिये काफी महत्वपूर्ण थी क्योंकि वर्ष 2011 में पहले कोशिश के समय ही उन्हें लकवा मार दिया था. दोबारा इस पर चढाई के लिए उन्हें काफी परिश्रम करना पड़ा.

अर्जुन वाजपेयी के बारे में:

•    अर्जुन वाजपेयी एक भारतीय पर्वतारोही हैं.

•    अर्जुन वाजपेयी का जन्म 9 जून 1993 को हुआ था.

•    उन्होने 23 मई 2016 को विश्व की पांचवी सबसे ऊंची चोटी माउंट मकालू (8,463 मी.ऊंची) पर तिरंगा फहराने में सफलता प्राप्त की.

•    वे इस चोटी पर चढ़ने वाले सबसे कम उम्र के पर्वतारोही हैं.

•    उन्होंने विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट, विश्व की चौथी सबसे ऊंची चोटी ल्होत्से तथा विश्व की आठवीं सबसे ऊंची चोटी मानसलु पर चढ़ चुके हैं.

•    इसके साथ ही वे विश्व के पहले ऐसे पर्वतारोही हैं, जिन्होंने सबसे कम उम्र में 8,000 मीटर से ऊंची चार चोटियों पर चढ़ाई की है.

ओआईएल ने ह्यूस्टन विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

तेल और गैस के सार्वजनिक उपक्रम ऑयल इंडिया लिमिटेड ने ह्यूस्टन विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. समझौता ज्ञापन पर नई दिल्ली में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र प्रधान की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए.

समझौते का उद्देश्य -

  • समझौते का उद्देश्य कम्पनी के भंडार आधार को बढ़ाना और पुराने हो चुके तेल क्षेत्रों से अधिक से अधिक रिकवरी का उद्देश्य है.
  • भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा खपत वाला देश होने के बावजूद कच्चे तेल हेतु आयात पर निर्भरता बनी हुई है.
  • इस समझौता ज्ञापन में तेल रिकवरी में बढ़ोत्तरी करने, भूकंप विवेचना और भंडारण लक्षण अध्ययन, ड्रिलिंग में सुधार और बेहतर प्रयास प्रक्रियाओं के साथ-साथ अपरंपरागत हाइड्रोकार्बन अध्ययनों के क्षेत्रों में सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया है.
  • अनुमान के अनुसार कंपनी द्वारा देश में ऊर्जा सुरक्षा क्षेत्र में दिए जा रहे योगदान और उत्पादन में सुधार करने की दिशा में, कंपनी की विभिन्न पहलों को और अधिक मजबूत तथा उन्नत बनाने हेतु आयल इंडिया लिमिटेड को मदद मिलेगी.
  • समझौता से 2022 तक तेल और गैस की आयात पर निर्भरता 10% घटाने हेतु निर्धारित राष्ट्रीय दायित्व में भी सहायता मिलेगी.

ह्यूस्टन के बारे में-

  • ह्यूस्टन विश्वविद्यालय दुनिया में तेल और गैस क्षेत्र में शीर्ष विश्वविद्यालय है.
  • संयुक्त राज्य अमेरिका की ऊर्जा राजधानी शीर्ष तेल और गैस कंपनियों और सेवा प्रदाताओं का घर है. जहाँ ह्यूस्टन विश्वविद्यालय एक प्रमुख संस्थान है.
  • विश्वविद्यालय ने जाने-माने शिक्षाविदों और उद्योग विषय से संबंधित विशेषज्ञों के साथ साझेदारी स्थापित की है.

 

कनाडा ने पेरिस जलवायु समझौते का अनुमोदन किया

ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करने हेतु कनाडा ने पेरिस जलवायु समझौते का अनुमोदन किया. कनाडा में जलवायु समझौते के प्रति घरेलू स्तर पर प्रतिकूल प्रतिक्रिया मिल रही थी.

इसके बावजूद प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो के कार्बन मूल्य प्रस्ताव को लेकर ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते का अनुमोदन किया. इस वैश्विक स्तर पर समझौते के लागू होने से 30 दिन पूर्व हाउस ऑफ कॉमन्स में 81 के मुकाबले 207 मत मिले.

इसके साथ ही समझौते का समर्थन करने वाले देशों की कुल संख्या बढ़कर 74 हो गई है. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार कनाडा वैश्विक उत्सर्जन का 1.95 प्रतिशत उत्सर्जन करता है.

कनाडा के प्रयास-

  • राष्ट्रीय जलवायु रणनीति बनाने के उद्देश्य से ट्रुडो ने ओटावा के साथ पर्यावरण संबंधी जिम्मेदारी साझा करने वाले कनाडा के 13 प्रांतों एवं क्षेत्रों से पिछले साल संपर्क किया था.
  • हर प्रांत एवं क्षेत्र ने कहा था कि वे अपने..अपने क्षेत्रों के लिए रणनीति में बदलाव करेंगे.
  • ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन मामले में सभी क्षेत्रों की आर्थिक परिस्थितियां एवं लक्ष्य बहुत अलग..अलग हैं.
  • इस गतिरोध को तोड़ने हेतु ट्रुडो ने सोमवार को चेतावनी दी कि यदि क्षेत्रीय सरकारों के साथ जल्द ही कोई समझौता नहीं होता तो वह राष्ट्रीय न्यूनतम कार्बन मूल्य लागू करने को तैयार हैं. जिसका विभिन्न प्रांतों ने विरोध किया.

अनुमोदन करने वाले अन्य देश-

  • वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का 56 फीसदी से अधिक उत्सर्जन करने वाले विश्व का तीसरा सबसे बड़े कार्बन उत्सर्जक भारत ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते का पहले ही दो अक्तूबर को अनुमोदन कर चुका है.
  • भारत विश्व के 4.1 प्रतिशत उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है.
  • ऑस्ट्रिया, बोलीविया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, हंगरी, माल्टा, नेपाल, पुर्तगाल और स्लोवाकिया के साथ साथ यूरोपीय संघ ने महासचिव को 5 अक्टूबर को अपने अनुमोदन संबंधी दस्तावेज सौंप दिए.
  • 72 देशों द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौता 30 दिन में लागू हो जाएगा.
  • संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के अनुसार पेरिस जलवायु समझौता 4 नवंबर को प्रभाव में आएगा.
  • स समझौते को लागू करने के लिए 55 प्रतिशत वैश्विक ग्रीनहाउस उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार कम से कम 55 देशों के हस्ताक्षर आवश्यक थे.

 

गोवा में पहले ब्रिक्‍स अंडर 17 फुटबॉल टूर्नामेंट का शुभांरभ

गोवा में आयोजित पहले ब्रिक्‍स अंडर 17 फुटबॉल टूर्नामेंट का शुभांरभ केंद्रीय युवा मामले और खेल राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) विजय गोयल ने किया.

ब्रिक्‍स अंडर 17 फुटबॉल टूर्नामेंट से ब्रिक्‍स राष्‍ट्रों के बीच बातचीत के पारंपरिक क्षेत्रों से आगे बढ़कर खेल के क्षेत्र में भी चर्चा की संभावना बढ़ी है.

ब्रिक्‍स अंडर 17 फुटबॉल टूर्नामेंट-

  • पहले ब्रिक्‍स अंडर 17 फुटबॉल टूर्नामेंट के उद्घाटन की मेजबानी करना भारत के लिए सम्‍मान की बात है.
  • भारत देश में खेलकूद की संस्‍कृति को बढ़ाना चाहता है.
  • खेल मंत्रालय द्वारा ‘खेलों इंडिया’, ‘मिशन 11‍ मिलियन’ और आगामी फीफा अंडर 17 विश्‍व कप जैसी पहल इस प्रयास को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से ही शुरू की गई.
  • ब्रिक्‍स अंडर 17 फुटबॉल टूर्नामेंट से प्रतिभागियों में प्रोत्‍साहन के साथदर्शकों के साथ उनका तालमेल भी बढ़ेगा.
  • फुटबॉल टीम के कप्‍तानों ने शुभारम्भ के अवसर पर मशाल जलायी.

ब्रिक्‍स अंडर 17 के खिलाड़ी देश-

  • भारत की पहल पर ब्रिक्स अंडर 17 फुटबॉल टूर्नामेंट ब्रिक्स देशों- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला जाएगा.
  • टूर्नामेंट का उद्घाटन मैच चीन और ब्राज़ील के बीच आयोजित होगा. टूर्नामेंट का फाइनल मैच 15 अक्टूबर 2016 को पंडित जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, फार्तोदा में खेला जाएगा.
  • यह टूर्नामेंट सभी के लिए नि:शुल्‍क है.
  • आगामी वर्ष भारत फीफा अंडर-17 फुटबॉल विश्व कप की मेज़बानी करेगा.