पेरिस में शून्य पर अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया

फ़्रांस स्थित पेरिस के यूनेस्को मुख्यालय में 4 से 5 अप्रैल 2016 को शून्य पर अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसका आयोजन यूनेस्को में भारत के स्थायी प्रतिनिधिमंडल एवं पियरे एवं मैरी क्यूरी यूनिवर्सिटी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया.
इस अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन में गणित के प्रतिभाशाली एवं उल्लेखनीय इतिहास को साझा किया गया. इस दौरान यूनेस्को द्वारा विश्वभर से गणितज्ञों को जानकारी साझा करने के उद्देश्य से आमंत्रित किया गया.

सम्मेलनकेमुख्यबिंदु

•    केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी, फ़ील्ड्स मेडल के विजेता एम भार्गव एवं एल लाफ़ोर्ज ने इस सम्मेलन में भाग लिया.
•    इस सम्मेलन में निम्न बिन्दुओं पर चर्चा की गयी:
-    रामानुजन के सूत्र और गणित पर उनका स्थायी प्रभाव
-    भारतीय गणित - ऋणात्मक संख्याएं, शून्य, इनफिनिटी एवं उससे भी आगे
-    शून्य – अनन्तता एवं सेट सिद्धांत
-    गणित में अरबी परंपराओं पर पैनल विमर्श
-    भारतीय संगीत में गणित की भूमिका
•   यूनेस्को मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री द्वारा महान भारतीय गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आर्यभट्ट की कांस्य की प्रतिमा का अनावरण किया गया.

पृष्ठभूमि

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी यूनेस्को मुख्यालय में 16-17 नवम्बर 2015 को यूनेस्को की आमसभा में 38वें अधिवेशन में शामिल हुईं.
इस दौरान उन्होंने यूनेस्को के महानिदेशक इरानिया बोकोव से बैठक भी की एवं भारत द्वारा सहयोग दिए जाते रहने का भरोसा दिलाया.
इसी दौरान 22 दिसंबर 2015 राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर दोनों नेताओं ने वर्ष 2016 में 'शून्य' सम्मेलन आयोजित कराये जाने की घोषणा की

भारतीयपुरुषटीमनेएशियननेशन्सकपशतरंजप्रतियोगिताजीती

07-APR-2016
भारतीय पुरुष टीम ने 6 अप्रैल 2016 को आबू धाबी में आयोजित वर्ष 2016 की एशियन नेशन्स कप शतरंज प्रतियोगिता जीती. भारतीय टीम ने फाइनल मुकाबले में वियतनाम को 3-1 से हराकर यह प्रतियोगिता जीती.
वियतनाम के साथ फाइनल मुकाबले में खेलते हुए ग्रैंडमास्टर एसपी सेतुरमन एवं के शशिकिरन ने दूसरे एवं चौथे बोर्ड में जीत दर्ज की, जबकि बी अधिबान एवं विदित संतोष गुजराती ने तीसरे बोर्ड पर मैच ड्रा किया.
ख़िताब जीतने के लिए भारत ने 17 अंक हासिल किये जो कि ओलंपिक विजेता चीन से 2 अंक अधिक हैं. भारत ने 22 टीमों के बीच नौ राउंड के इस टूर्नामेंट में मंगोलिया से ड्रॉ खेला.
कजाखस्तान और ईरान ने क्रमश: तीसरा और चौथा स्थान हासिल किया. 
महिला वर्ग में चीन ने 15 अंक के साथ खिताब जीता. उज्बेकिस्तान 14 अंक के साथ दूसरे जबकि कजाखस्तान 13 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रहा. दूसरी वरीयता प्राप्त भारतीय महिला टीम अंतिम दौर में ईरान से ड्रॉ खेलने के बाद 12 अंक के साथ चौथे स्थान पर रही.

चीननेएसजे-10 उपग्रहकासफलप्रक्षेपणकिया

07-APR-2016
चीन ने 5 अप्रैल 2016 पुन: प्राप्त किए जा सकने वाले वैज्ञानिक अनुसंधान उपग्रह एसजे-10 (Shijian -10) का प्रक्षेपण किया.
इसका प्रक्षेपण उत्तरपश्चिमी चीन के गोबी मरूस्थल स्थित जिउक्वाल उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से लॉन्ग मार्च 2-डी रॉकेट के जरिए किया गया.
इसका उद्देश्य सूक्ष्म गुरूत्व और अंतरिक्ष जीवन विज्ञान का अध्ययन करने में वैज्ञानिकों की मदद करना है.
सीएएस (CAS) कार्यक्रम के चार वैज्ञानिक उपग्रहों में से एसजे-10 दूसरा वैज्ञानिक उपग्रह है और यह अन्यों से इस बात में अलग है कि यह लौटकर आ सकता है.
पिछले कुछ दशकों में चीन की ओर से प्रक्षेपित किया गया यह ऐसा 25वां उपग्रह है, जिसे वापस प्राप्त किया जा सकता है.

एसजे-10परहोनेवालेप्रयोग

अंतरिक्ष में रहने के दौरान यह कुल 19 प्रयोगों को अंजाम देगा, जिनमें सूक्ष्म गुरूत्व द्रव भौतिकी, सूक्ष्म गुरूत्व दहन, अंतरिक्षीय पदार्थ, अंतरिक्ष विकिरण प्रभाव, सूक्ष्म गुरूत्व जैविक प्रभाव और अंतरिक्ष जैव-तकनीक से जुड़े प्रयोग शामिल होंगे. इसके बाद यह नतीजों के साथ पृथ्वी पर लौट आएगा.
इनमें एक प्रयोग के तहत सूक्ष्म गुरूत्व के अंतर्गत चूहे के भ्रूण के शुरुआती चरण के विकास का भी अध्ययन किया जाएगा ताकि अंतरिक्ष में मानवीय प्रजनन पर प्रकाश डाला जा सके.
इसके अलावा एक अध्ययन के तहत मधुमक्खियों और चूहे की कोशिकाओं की जीन संबंधी स्थिरता पर विकिरण के प्रभाव का अध्ययन किया जाएगा.
एसजे-10 पर किए जाने वाले सभी प्रयोग पूरी तरह नए हैं और इन्हें देश या विदेश में कभी अंजाम नहीं दिया गया है.

भारतीयवैज्ञानिकोंनेजलशोधनहेतुइको-फ्रेंडलीनैनो-टेक्नोलॉजीविकसितकी

07-APR-2016
असम स्थित विज्ञान और प्रौद्योगिकी उन्नत अध्ययन संस्थान (आईएएसएसटी) के वैज्ञानिकों की टीम ने जल शोधन के लिए इको-फ्रेंडली नैनो-टेक्नोलॉजी विकसित करने में सफलता प्राप्त की.
इस संबंध में 30 मार्च 2016 को पत्रिका नैनोस्केल में जानकारी प्रकाशित की गयी. इसे आईएएसएसटी के उपमा बरुआ एवं अच्युत कोंवर द्वारा लिखा गया.

मुख्यबिंदु

•    यह हरित तकनीक पहली बार प्रयोग में लाई जाएगी जिसके द्वारा पानी को स्वच्छ करने के लिए बायोडिग्रेडेबल एवं हरित पदार्थों का उपयोग किया जायेगा.
•    इसे पीने योग्य पानी तैयार करने के लिए नगर-निगम संगठनों के संयंत्रों में प्रयोग किया जा सकता है.
•    यह तकनीक दरअसल बायोपोलीमर है जिसमें प्राकृतिक पदार्थ चिटोसन का प्रयोग करता है.
•    चिटोसन शेलफिश के कठोर कंकाल से प्राप्त किया जाता है, इसके अतिरिक्त इसे केकड़े और झींगे से भी प्राप्त किया जाता है.

आरबीआई ने पहले द्वि–मासिक मौद्रिक नीति कथन 2016–17 में रेपो दर में 0.25% की कमी की

07-APR-2016

5 अप्रैल 2015 को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पहला द्वि–मासिक मौद्रिक नीति कथन 2016–17 जारी किया.

इस नीति के तहत की गई मुख्य घोषणाओं में से एक थी आरबीआई द्वारा वित्तीय प्रणाली पर लगाए जाने वाली रेपो दर में कमी. 

नीतिकीमुख्यविशेषताएं

• चलनिधि समायोजन सुविधा (LAF) के तहत नीति रेपो दर में 25 बेसिक प्वाइंट्स की कमी की गई है. यह 6.75 फीसदी से कम होकर अब 6.50 फीसदी हो गया है, पांच वर्षों की यह सबसे कम दर है.

• नकद आरक्षित अनुपात (कैश रिजर्व रेश्यो– CRR) का न्यूनतम दैनिक रखरखाव को 95 फीसदी से घटाकर 90 फीसदी कर दिया गया है. यह 16 अप्रैल 2016 से शुरू हो रहे पखवाड़े से प्रभावी हो जाएगा.

• पॉलिसी रेट कॉरिडोर (नीतिगत दर गलियारा) को +/-100 बेसिक प्वाइंट्स (बीपीएस) से +/- 50 बीपीएस कर दिया जाएगा. इस वजह से रिवर्स रेपो रेट , रेपो रेट की तुलना में 50 बेसिक प्वाइंट्स कम हो जाएगा और एमएसएफ रेट रेपो रेट की तुलना में 50 बेसिक प्वाइंट्स अधिक हो जाएगा.

• इससे पहले रिवर्स रेपो रेट, रेपो रेट से 100 बेसिक प्वाइंट्स कम होता था और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट रेपो रेट से 100 बेसिक प्वाइंट्स अधिक होता था. 

वर्तमान एवं उभरते हुए व्यापक आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर नीतिगत दरों में निम्नलिखित प्रमुख बदलावों की घोषणा की गई है –

• रेपो रेट- चलनिधि समायोजन सुविधा (LAF) के तहत नीति रेपो दर में 25 बेसिक प्वाइंट्स की कमी की गई है. यह 6.75 फीसदी से कम होकर अब 6.50 फीसदी हो गया है.

• एलएएफ के तहत रिवर्स रेपो रेट- 6.0 फीसदी पर समायोजित

• कैश रिजर्व रेश्यो (CRR)- निवल मांग और मियादी देयताओं (NDTL) के 4.0 फीसदी पर अपरिवर्तित

• सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) रेट- 7.0 फीसदी

• बैंक रेट- एमएसएफ के साथ रखे गए बैंक दर को भी 7.0 फीसदी पर समायोजित किया गया है. 

दरों में कटौती क्यों जरूरीथी ? 


• मुद्रास्फीति की दर का अनुमान प्रक्षेप वक्र के साथ किया गया है और जनवरी 2016 के निर्धारित किया गया लक्ष्य मामूली अंडरशूट्स के साथ प्राप्त किया गया.

• CPI मुद्रास्फीति के साधारण घोषित किए जाने की उम्मीद है और छोटे अंतर– तिमाही बदलावों के साथ 2016–17 के दौरान यह करीब 5 फीसदी बना रहेगा,

• 2015–16 में विकास में असमान वसूली का 2016–17 में धीर– धीरे मजबूत होने की संभावना है.

• यह अनुमान सामान्य मॉनसून के आधार पर लगाया गया है, 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों और ओआरओपी को लागू करने एवं मौद्रिक नीति जारी रखने के बाद खपत की मांग में तेजी आने की संभावना है.

म्यांमार संसद ने आंग सान सू की को विशेषाधिकार प्रदान करने हेतु प्रस्ताव पारित किया

 

नायपीडॉ स्थित म्यांमार संसद ने 5 अप्रैल 2016 को एक प्रस्ताव पारित किया जिससे आंग सान सू की को प्रधानमंत्री जैसी शक्तियां प्राप्त हुईं. 
निचले सदन ने राज्य सलाहकार पद हेतु एक प्रस्ताव पारित किया, इसे राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने पर कानून माना जायेगा.
इससे पहले यह प्रस्ताव ऊपरी सदन से पारित हो चुका है जिसे राष्ट्रपति ह्तिन क्याव की मंजूरी मिलनी बाकी है.
हालांकि देश में सेना इसका विरोध कर रही है, क्योंकि संसद में 25 प्रतिशत सांसद सेना के हैं. पार्टी के चुनाव जीतने के बावजूद सू की को राष्ट्रपति बनने की अनुमति नहीं दी गयी.

बर्मा के संविधान के अनुच्छेद 59 (एफ) के अनुसार वह व्यक्ति जिनके जीवनसाथी अथवा बच्चों के पास विदेशी नागरिकता हो उन्हें राष्ट्रपति नहीं बनाया जा सकता. सू की के दो बेटों के पास ब्रिटिश पासपोर्ट है.
नवनिर्वाचित नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के नेताओं का मानना है कि संविधान में यह प्रावधान 70 वर्षीय सू की को सत्ता न संभालने के लिए बनाया गया.
वर्तमान में सू की विदेश मंत्रालय, राष्ट्रपति कार्यालय, शिक्षा मंत्रालय एवं उर्जा विभाग जैसे केंद्रीय मंत्रालय देख रही हैं.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और स्वीडन के बीच रेलवे क्षेत्र में तकनीकी सहयोग को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 6 अप्रैल 2016 को  भारत और स्वीडन के बीच रेलवे क्षेत्र में तकनीकी सहयोग को पूर्व क्रियाकलाप के अनुसार मंजूरी दी.

दोनों देशो के बीच में इस सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर 15 फरवरी 2016 को हुए थे.

इसस्वीकृतिसेनिम्नक्षेत्रोंमेंतकनीकीसहयोगसंभवहोसकेगा:

• रेलवे नीति के विकास, नियम, संगठन और प्रत्येक देश के विशिष्ट विशेषताएं को बेंचमार्क करना.

• ज्ञान, तकनीकी विशेषज्ञता, नवाचार, प्रौद्योगिकी, सतत समाधान और अनुसंधान का आदान-प्रदान करना.

• दोनों देशों के बीच अन्य परियोजनाओं जैसे ठंडे क्षेत्रों में माल ढुलाई के प्रचालन, टिल्टिंग कोच/रेलगाडि़यां, क्षमता आवंटन (समय सारणी) और अनुरक्षण का अनुकूल एवं बेहतर माल ढुलाई/सम्मिलित यातायात में भी सहयोग पर सहमति बनाना.

• रेलवे अभियंता और प्रबंधक हेतु रेल परिवहन प्रणाली की विश्वसनीयता और अनुरक्षण के लिए प्रशिक्षण और निरंतर शिक्षा कार्यक्रम चलाना.

पृष्ठभूमि

रेल मंत्रालय ने विभिन्न विदेशी सरकारों और राष्ट्रीय रेलवे के साथ रेलवे क्षेत्र में तकनीकी सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. स्वीडन के साथ यह समझौता ज्ञापन इसी का एक हिस्सा है.

समझौता ज्ञापन भारतीय रेलवे के लिए  बातचीत करने और रेलवे क्षेत्र में नवीनतम घटनाओं और ज्ञान का प्रसार करने के लिए एक मंच मुहैया कराता है.

शिक्षा और प्रशिक्षण हेतु यूनेस्को ने दो नई सिफारिशों को अपनाया

07-APRIL-2016

यूनेस्को के महासभा सम्मेलन के अध्यक्ष स्टेनली मुटुम्बा सिमाट्टा और यूनेस्को की महानिदेशक ईरिना बोकोवा ने 4 अप्रैल 2016 को शिक्षा और प्रशिक्षण हेतु  यूनेस्को के पेरिस स्थित मुख्यालय में दो नईं सिफारिशों पर हस्ताक्षर किए. ये सिफारिशें एजुकेशन 2030 फ्रेमवर्क फॉर एक्शन के लिए नए वैश्विक रूझान और समर्थन को प्रतिबिंबित करती हैं. 

ये दो सिफारिशें हैं– प्रौढ़ शिक्षा और शिक्षण (Adult Learning and Education– ALE) पर सिफारिश और तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण (Technical and Vocational Education and Training– TVET) पर सिफारिश. 

इनसिफारिशोंकीमुख्यबातें

• इन मुख्य अंतरराष्ट्रीय नियमों में संशोधन सदस्य देशों द्वारा नए शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रुझानों को अनुकूल करने के अनुरोध का जवाब है.

• इन सिफारिशों को नवंबर 2015 में पेरिस आयोजित महासम्मेलन के 38वें सत्र में सदस्य देशों ने बहुत उत्साह से अपनाया था.

• यह इन दो पूरक क्षेत्रों में नीति– निर्माताओं, शिक्षकों, सामाजिक भागीदारों, नागरिक समाज और अन्य हितधारकों के लिए सबसे अधिक अपडेट किया हुआ और व्यापक उपकरण है.

• इसका प्रयोग युवाओँ और वयस्कों के लिए शिक्षा के समान अवसरों को बदलने और उसके विस्तार के लिए मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु पूरे विश्व में इस्तेमाल किया जाएगा.

• प्रौढ़ शिक्षा और शिक्षण (ALE) पर सिफारिश ALE को मजबूत बनाने की शक्ति प्रदान करता है क्योंकि यह पूरे विश्व में इसे बढ़ावा देने और विकास के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों और व्यापक, इंटरसेक्टोरल अप्रोच प्रदान करता है.

• TVET से संबंधित सिफारिश में TVET के नए रुझान प्रतिबिंबित होते हैं क्योंकि यह शिक्षा एवं प्रशिक्षण के लिए एकीकृत एवं समग्र दृष्टिकोण मुहैया कराता है जो ज्ञान, कौशल एवं काम और जीवन के लिए दक्षताओं के व्यापक स्पेक्ट्रम को बढ़ावा देना सुनिश्चित करता है.
• दोनों उपकरणों को एक साथ अपनाया जाना अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा आजीवन सीखने के विकास को उच्च प्राथमिकता देना सिद्ध करता है.

• ये उपकरण आजीवन सीखने के लिए अवसरों, प्रौढ़ शिक्षा और शिक्षण एवं समावेशी आर्थिक विकास, रोजगार और अच्छे काम हेतु कौशल विकास, गरीबी उन्मूलन, सामाजिक भलाई, लैंगिक समानता और स्थायी शिक्षण सोसायटियों के महत्व पर जोर देते हैं.

• इन्हें सही समय पर अपनाया गया है क्योंकि एजुकेशन 2030 फ्रेमवर्क फॉर एक्शन के कार्यान्वयन के लिए सदस्य देशों के नीतिगत सुधारों और स्थायी विकास के लिए व्यापक 2030 एजेंडा को चालू करने के लिए ये बहुमूल्य संसाधन हैं.

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने ट्रेंड्स इन वर्ल्ड मिलिट्री एक्सपेंडीचर

2015 रिपोर्ट जारी की

7-APRIL-2016

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने 5 अप्रैल 2016 को ट्रेंड्स इन वर्ल्ड मिलिट्री एक्सपेंडीचर 2015 रिपोर्ट जारी कर दी. 

रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 में अमेरिका सबसे बड़ा खर्च करने वाला देश बना रहा, भारत सैन्य खर्चों के मामले में विश्व रैंकिगं में एक स्थान उपर उठकर छठे स्थान पर पहुंच गया. 

ट्रेंड्स इन वर्ल्ड मिलिट्री एक्सपेंडीचर 2015 की विशेषताएं

• वर्ष 2015 में विश्व सैन्य खर्चा करीब 1.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलरों का रहा. वर्ष 2014 की तुलना में वास्तव में 1 फीसदी का इजाफा हुआ. वर्ष 2011 के बाद से सैन्य क्षेत्र में किए जाने वाले खर्च में यह पहली बढ़ोतरी थी. 

• यह बढ़ोतरी एशिया और ओशियाना, मध्य एवं पूर्वी यूरोप और कुछ मध्य पूर्वी देशों में लगातार विकास को दर्शाती है. 

• इसी समय अफ्रीका और लैटिन अमेरिका और कैरेबिया में खर्चों में कमी दर्ज की गई है. इसलिए सैन्य क्षेत्र में किए जाने वाले खर्च की वैश्विक तस्वीर मिली– जुली है. 

• 2015 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने सैन्य क्षेत्र में 2.4 फीसदी की कमी की और 596 बिलियन अमेरिकी डॉलर ही इस क्षेत्र में खर्च किए. बावजूद इसके इस क्षेत्र में वह दुनिया का सबसे बड़ा खर्च करने वाला देश बना रहा. 

• अन्य शीर्ष खर्च करने वाले देशों में चीन है, जिसने 7.4 फीसदी की बढ़ोतरी करते हुए 215 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च किए. सउदी अरब जिसने 5.7 फीसदी की बढ़ोतरी करते हुए 87.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च किए और इसी वजह से यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा खर्च करने वाला देश बन गया. 

• तेल की उच्च कीमतें और नए तेल की खोजों और निकाले जाने के काम ने  पिछले कुछ दशकों से दुनिया के कई देशों में सैन्य खर्च में बढ़ोतरी में योगदान किया है. 

• हालांकि 2014 में तेल की कीमतों में शुरु हुई कमी ने इस प्रवृत्ति को कई तेल राजस्व– निर्भर देशों में उलटना शुरु किया. वर्ष 2016 में इसमें और कमी आने की संभावना है. 

• वर्ष 2015 में सबसे नाटकीय स्तर पर तेल राजस्व– संबंधी कटौती में शामिल है, वेनेजुएला (-64%) और अंगोला (-42%). 

• बहरीन, ब्रुनेई, चाड, एक्वाडोर, कजाकिस्तान, ओमान और दक्षिण सूडान में भी कमी दर्ज की गई. 

• रुस का खर्च उसके बजट में अनुमानित खर्च से कम था और सउदी अरब के खर्च में कमी आई होगी लेकिन यमन में सैन्य हस्तक्षेप में उस पर अतिरिक्त 5.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बोझ पड़ा.

• उत्तरी अमेरिका, पश्चिमी एवं मध्य यूरोप में 2009 से सैन्य क्षेत्र में किए जाने वाले खर्च में कमी आ रही थी. यह मुख्य रूप से वैश्विक आर्थिक मंदी का नतीजा था. साथ ही अफगानिस्तान और इराक से अमेरिकी और संबद्ध सैनिक टुकड़ियों को वापस बुलाए जाना भी कमी की वजह रहीं. 

• वर्ष 2015 में इस कमी के खत्म होने के संकेत थे. उदाहरण के लिए अमेरिकी सेना का खर्च 2015 में 2.4 फीसदी कम हो गया था, हाल के वर्षों में कम होने की बहुत ही धीमी दर. 

• एशिया और ओशियाना में सैन्य खर्च 2015 में 5.4 पीसदी बढ़ गया और इसमें चीन का बहुत प्रभाव रहा. 

•  चीन और अन्य देशों के बीच बढ़ते तनाव ने इंडोनेशिया, फिलिपिन्स और वियतनाम द्वारा किए जाने वाले खर्च में काफी बढ़ोतरी करवाई और इसने जापानी सैन्य खर्च में काफी समय से हो रही गिरावट को उलटने की शुरुआत कर दी. 

भारत के संदर्भ में रिपोर्ट

• सैन्य खर्च के लिए भारत 2015 में ग्लोबल रैंकिंग्स में एक स्थान उपर उठकर छठे स्थान पर पहुंच गया. 

• वर्ष 2015 में सबसे अधिक खर्च करने वाले 15 देशों में से विश्व सैन्य खर्च में भारत की हिस्सेदारी 3.1% की है. 

• वर्ष 2015 में भारत का सैन्य खर्च 51.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर या राष्ट्रीय जीडीपी का 2.5% था. वर्ष 2014 की तुलना में इसमें 0.4% की बढ़ोतरी हुई थी. 

• आंशिक रूप से कई बड़ी जारी एवं नियोजित खरीद कार्यक्रमों के लिए भारत की योजना वर्ष 2016 में सैन्य खर्च में 8% (वास्तविक रूप में) की बढ़ोतरी करने की है.

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के बारे में

• स्टॉकहोम स्थित यह संगठन विश्व में सैन्य खर्चों में होने वाली बढ़ोतरी पर नजर रखता है. 

• यह सैन्य खर्च के क्षेत्र में उपबल्ध सबसे व्यापक, तर्कसंगत और विस्तृत डाटा संसाधन रखता है. 

• जब सैन्य खर्च को हथियारों पर किए गए खर्च के संदर्भ में दर्शाया जाता है तो यह आर्म्स स्पेंडिंग जैसे शब्दों के प्रयोग को नकारता है. 

• यह मिलिट्री एक्सपेंडीचर (सैन्य खर्च) का व्यापक अर्थों में प्रयोग करता है और वर्तमान सैन्य बलों एवं गतिविधियों पर सरकार के सभी खर्च को इसके दायर में रखता है. 

• इसमें यह वेतन और लाभ, परिचालन खर्च, हथियार और उपकरण की खरीद, सैन्य निर्माण, अनुसंधान और विकास एवं केंद्रीय प्रशासन, कमांड और समर्थन को शामिल करता है.

फ्यूचरग्रुपनेऑनलाइनफर्नीचरस्टोरफैबफर्निशकाअधिग्रहणकिया

08-APR-2016
फ्यूचर ग्रुप ने अप्रैल 2016 को रॉकेट इंटरनेट के ऑनलाइन फर्नीचर प्लेटफ़ॉर्म फैबफर्निश का 20 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया. यह फ्यूचर ग्रुप द्वारा ई-कॉमर्स पोर्टल का पहला अधिग्रहण है.

इस कैश डील द्वारा फ्यूचर ग्रुप का समस्त पोर्टफोलियो फैबफर्निश ब्रांड के तहत होम फर्निशिंग एवं डेकोर बिज़नेस संभालेगा.

फ्यूचरग्रुप

•    फ्यूचर ग्रुप एक भारतीय व्यापारिक समूह है जिसका मुख्यालय मुंबई में है.
•    कम्पनी भारतीय रिटेल एवं फैशन सेक्टर में विशेष स्थान रखती है. 
•    इसके सुपरमार्केट में बिग बाज़ार एवं फ़ूड बाज़ार नाम से ब्रांड कार्यरत हैं.

फैबफर्निश

•    फैबफर्निश डॉट कॉम भारतीय होमडेकोर एवं फर्नीचर की ऑनलाइन सुविधा प्रदान करता है. 
•    कम्पनी के उत्पाद ऑनलाइन एवं शोरूम में उपलब्ध हैं.
•    कम्पनी का मुख्यालय गुडगाँव में स्थित है.

हाशिमथाचीनेकोसोवोकेराष्ट्रपतिपदकीशपथग्रहणकी

08-APR-2016
कोसोवो की डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता हाशिम थाची ने 7 अप्रैल 2016 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली. कोसोवो संसद में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह का विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया.
थाची, अतिफेट जह्ज्गा के स्थान पर 26 फरवरी 2016 को निर्वाचित हुए थे. चुनाव के दौरान लगभग किसी भी विरोधी पार्टी ने मतदान नहीं किया एवं मतदान प्रक्रिया को आंसू गैस से प्रभावित करने का प्रयास भी किया.
शपथ लेने के पश्चात् थाची ने कहा, उनका लक्ष्यों में कोसोवो का नाटो और यूरोपीय संघ में एकीकरण तथा सर्बिया के साथ संबंधों को सामान्य करने की प्रक्रिया को जारी रखना है.

हाशिमथाची

•    वर्ष 1990 में वे कोसोवो लिबरेशन आर्मी (केएलए) के नेता थे, जिसने 1998-99 में सर्बिया के विरुद्ध गोरिल्ला युद्ध में भाग लिया.
•    वे कोसोवो के पहले प्रधानमंत्री थे एवं ईसा मुस्तफा के कार्यकाल में विदेश मंत्री तथा उप प्रधानमंत्री रहे, जिन्होंने 12 दिसंबर 2014 को पदभार ग्रहण किया था.
•    वर्ष 2008 में उन्होंने सर्बिया से कोसोवो की स्वतंत्रता की घोषणा की.

केंद्रीयमंत्रिमंडलने ‘वनरैंकवनपेंशन’ केकार्यान्वयनकोमंजूरीदी

08-APR-2016
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 6 अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में वन रैंक वन पेंशन के कार्यान्वयन के लिए पूर्व कार्योत्तर स्वीकृति दी.
वन रैंक-वन पेंशन” के लागू हो जाने पर रक्षा बलों के पेंशनधारियों/परिवार-पेंशनधारियों को बढ़ी हुई पेंशन मिलेगा.

इसकाविवरणइसप्रकारहैः

• वन रैंक वन पेंशन का लाभ 01 जुलाई 2014 से प्रभावी होंगे.
• वर्ष 2013 में सेवानिवृत्त पेंशनधारियों को मिलने वाली न्यूनतम और अधिकतम पेंशन के औसत के अनुसार समान पद और समान सेवाकाल के आधार पर 01 जुलाई 2014 के पूर्व के पेंशनधारियों की पेंशन दोबारा तय होगी. जो पेंशनधारी औसत से अधिक पेंशन प्राप्त कर रहे हैं, उनकी सुरक्षा की जाएगी.
• इसका लाभ युद्ध में शहीद सैनिकों कि विधवाओं और शारीरिक रूप से अक्षम पेंशनधारियों सहित परिवार-पेंशनधारियों को भी मिलेगा.
• जो कर्मचारी सेना नियम, 1954 के नियम, 16बी या नौसेना या वायुसेना के समान नियमों के तहत अपने निवेदन पर डिस्चार्ज होने का विकल्प चुनते हैं, उन्हें “वन रैंक-वन पेंशन” के लाभ नहीं मिलेगा.
• बकाया राशि का भुगतान 04 छमाही किस्तों में होगा. अक्षम परिवार-पेंशनधारियों को बकाया राशि का भुगतान एक किस्त में किया जाएगा, जिनमें विशेष/उदार परिवार-पेंशन तथा शौर्य पुरस्कार विजेता शामिल हैं.
• भविष्य में हर पांच साल में पेंशन दोबारा तय किया जायेगा.
• पटना हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त मुख्यन्यायाधीशन्यायमूर्तिएल.नरसिम्हारेड्डी की अध्यक्षता 14 दिसम्बर 2015 को गठित न्यायिक समिति भारत सरकार द्वारा दिए गए संदर्भों पर अपनी रिपोर्ट छः माह में सौंपेगी.
समय से पहले सेवानिवृत्त होने वाले लोगों सहित “वन रैंक-वन पेंशन” के लागू होने से बकाया राशि के भुगतान के संबंध में 10925.11 करोड़ रुपए और वार्षिक वित्तीय बोझ 7488.7 करोड़ रुपए होगा.

सिगुरदुरइंगीजोहानसनआइसलैंडकेनएप्रधानमंत्रीचयनित

08-APR-2016
आइसलैंड में सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार ने 6 अप्रैल 2016 को कृषि मंत्री सिगुरदुर इंगी जोहानसन को नया प्रधानमंत्री बनाने का निर्णय लिया. सरकार द्वारा इसी शरद ऋतु में चुनाव कराये जाने की भी घोषणा की गयी.
पार्टी के उपनेता और कृषि मंत्री जोहानसन पूर्व प्रधानमंत्री सिगमुंदुर डेविड गुनलाउगसन के स्थान पर पदभार संभालेंगे. उन्होंने पनामा पेपर्स लीक मामले में नाम उजागर होने पर 5 अप्रैल 2015 को त्यागपत्र दे दिया था.
राष्ट्रपति ओलाफुर रेगनर ग्रिमसन द्वारा जोहानसन की नियुक्ति को मंजूरी दिए जाने के बाद उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया जायेगा. ग्रिमसन जून 2016 में सेवानिवृत्त होंगे. आइसलैंड का आगामी चुनाव मूल रूप से अप्रैल 2017 में निर्धारित था.