विदेश राज्य मंत्री जनरल (डॉ.) वी.के.सिंह (सेवानिवृत्त) का युवा प्रवासी भारतीय दिवस के उद्घाटन सत्र में भारत के रूपांतरण में प्रवासी युवाओं की भूमिका पर संबोधन |
सुरीनाम के उपराष्ट्रपति महामहिम माइकल अश्विन अधीन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री सिद्दरमैया जी, केंद्रीय युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विजय गोयल जी, प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में भाग ले रहे मेरे युवा मित्रों एवं शिष्टमंडल, चार ‘भारत को जानिए‘ (नो इंडिया प्रोग्राम्स) कार्यक्रमों के युवा प्रवासी भारतीय, राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र, बेंगलूरु क्षेत्र के महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के छात्र
युवा प्रवासी भारतीय दिवस के उद्घाटन सत्र में उपस्थित होकर मैं बहुत प्रसन्न हूँ। प्रारंभ में मैं आप सभी को इस नए वर्ष 2017 में प्रसन्नता, शांति एवं समृद्धि के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ। बहुत समय पहले, आपके अग्रजों ने अपने स्वप्नों को पूरा करने के लिए अपने परिचित वातावरणों से खुद को अपदस्थ कर एक कठिन यात्रा की शुरूआत की थी। उनका अस्त्र केवल अपनी क्षमताओं में विश्वास था और उन्होंने सभी बाधाओं से लड़ते हुए अपने आस-पास की दुनिया को रूपांतरित कर दिया और स्वप्नों से वास्तविकताओँ का निर्माण किया। वह समान धागा, एक अविनाशी तन्तु जो आप सभी को एक सूत्र में पिरोता है, वह है ऐसे देश के साथ एक स्थायी जुड़ाव, जिसका इतिहास पांच हजार वर्ष पुराना है, जिसकी समसामयिक वास्तविकता आपको एक अविश्वसनीय यात्रा पर ले जाती है और जिसका भविष्य आपके लिए अनंत संभावनाएं प्रस्तुत करता है। हम आपको अपना ही समझते हैं और जो हमारे पास है, उसका सर्वश्रेष्ठ आपको प्रस्तुत करते हैं। आप चाहें रोमांचक पर्यटन की खोज कर रहे हों या किफायती गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की या टेक स्टार्टअप्स या यहां तक कि अभिनव उपयोगी उत्पादों के लिए एक बाजार की, भारत आपको असीम अवसर प्रस्तुत करता है। उदाहरण के लिए, बेंगलुरू अकेला ही ऐसे अनेक शैक्षणिक तथा अनुसंधान संस्थानों का केंद्र है। यह कई सक्रिय टेक स्टार्टअप्स का भी केंद्र है। देश भर के शहरों तथा नगरों में इसी प्रकार की सुविधाएं और अवसर उपस्थित हैं। प्रवासी युवाओं को भारत में उपस्थित असीम अवसरों तथा संभावनाओं से परिचित कराने तथा उनकी कल्पना और सृजनशीलता को प्रेरित करने के लिए हमने कई कार्यक्रमों की शुरूआत की है। नो इंडिया प्रोग्राम (केआईपी), जिसके जरिए आपमें से कई वर्तमान में भारत की यात्रा कर रहे हैं एक ऐसी ही योजना है जिसका लक्ष्य आपको भारत की महक से परिचित कराना तथा नीति निर्माताओं, उद्योग एवं सिविल सोसायटी के साथ परस्पर बातचीत के लिए एक मंच उपलब्ध कराना है। हमें उम्मीद है कि केआईपी के पूर्व छात्र एक दूसरे के साथ तथा हमारे साथ भी नए नेटवर्किंग प्लेटफॉर्मों के जरिए समेत संपर्क में रहेंगे। प्रवासी बच्चों के लिए छात्रवृत्ति कार्यक्रम प्रवासी युवाओँ को भारतीय विश्वविद्यालय तथा संस्थानों में स्नातक पूर्व पाठ्यक्रमों को शुरू करने में सक्षम बनाता है। इस कार्यक्रम में अभी हाल में सुधार किया गया है तथा इसे 44 से 66 देशों तक विस्तारित कर दिया गया है : और छात्रवृत्तियों की संख्या भी बढ़ा दी गयी है। ऑनलाइन आवेदन एवं प्रोसेसिंग में सक्षम बनाने के लिए एक पोर्टल का भी निर्माण किया गया है। भारत को जानिए (नो इंडिया) पहेली कार्यक्रम जिसे प्रधानमंत्री ने 2015 में गांधीनगर में पिछले प्रवासी भारतीय दिवस में युवा प्रवासी भारतीयों के लिए आरंभ किया था, एक ऐसी ही पहल थी जिसे बेशुमार प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं। विजेताओं को इस वर्ष 02 अक्टूबर को गांधी जयंती पर प्रवासी भारतीय केंद्र के उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री से पदक प्राप्त हुए। युवा प्रवासी भारतीय दिवस जिसे हमने 2015 में आरंभ किया था, बदलाव लाने के लिए युवा प्रवासी भारतीयों की ताकत में हमारे विश्वास का एक अन्य प्रतिबिम्ब था। मैं इस युवा प्रवासी भारतीय दिवस 2017 में चार टी के बारे में जिक्र करना चाहूँगा जिसके जरिए आप अपने जीवन तथा भारत को भी रूपांतरित कर सकते हैं। ये हैं : · टैलेंट (प्रतिभा) : 2020 तक भारत में औसत आयु 29 की होगी जो कामकाजी आयु समूह में आबादी के 64 प्रतिशत के साथ इसे दुनिया का सबसे युवा देश बनाता है। प्रधानमंत्री का विजन भारत को 2022 तक दुनिया की कौशल राजधानी बना देगा। प्रतिभाओं या कौशलों को धार देने के लिए अवसंरचना की आवश्यकता पड़ती है जिसका निर्माण हम साझेदारों के रूप में एक साथ मिलकर कर सकते हैं।
· टेक्नोलॉजी (प्रौद्योगिकी) : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीयों की उपलब्धियों को दोहराए जाने की आवश्यकता नहीं है। सुपर कम्प्यूटर से लेकर अत्याधुनिक अंतरिक्ष कार्यक्रमों तक; मंगल अभियान से चंद्रयान; अंटालटिक मिशन से सामुद्रिक अनुसंधान तक ऐसे कई बेहतरीन उदाहरण हैं। हमने हमेशा मानवीय पहलू के साथ प्रौद्योगिकी में विश्वास रखा है। ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्थाओं की कोई सीमा नहीं होती। आज विश्व पहले से ही एक डिजिटल गांव में बदल चुका है। प्रौद्योगिकी के साथ हम अपने जीवन को बटन के एक स्पर्श से बदल सकते हैं। · ट्रेनिंग (प्रशिक्षण) : तेजी से बदलते प्रौद्योगिकी रूपांतरण के युग में अध्ययन एक निर्धारित आरंभ एवं अंत के साथ एक अकेली प्रक्रिया नहीं है बल्कि सतत् अध्ययन, विस्मरण एवं पुनः अध्ययन की एक निरंतर जारी प्रक्रिया है। हम इस पर एक दोतरफा प्रक्रिया के रूप में विचार करते हैं। ज्ञान बांटने से बढता है। हम पहले से ही आपको ऐसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण एवं शिक्षा की पेशकश करने के लिए तैयार है जिनमें हम अच्छी स्थिति में हैं और इसी प्रकार हम आपको आपकी दिलचस्पी के क्षेत्रों में आपकी विशेषज्ञता का अवसर प्रदान कर प्रसन्न होंगे। छात्र के रूप में घर से दूर रहना चुनौतीपूर्ण है। हमें छात्रों के लिए इसे सरल बनाने का प्रयास करना चाहिए जिससे कि वे उत्कृष्टता पर ध्यान केंद्रित कर सकें – चाहे वें विदेशों में रहने वाले भारतीय छात्र हों, या एनआरआई छात्र हों या भारत में अन्य विदेशी छात्र हों। · टीमवर्क (टीम भावना) : कोई देश कभी भी अकेला वैश्विक अच्छाई अर्जित नहीं कर सकता। इसके अतिरिक्त आज हम विश्व में जिन चुनौतियों का भी सामना करते हैं वे भी इतनी जटिल हैं कि कोई एक देश उनका समाधान नहीं कर सकता। हमें इसे महसूस करने की आवश्यकता है और एकजुट बने रहने की जरूरत है। हमें उन पुलों को, जो हमें जोड़ती हैं मजबूत बनाने और नए पुल का निर्माण करने की आवश्यकता है। हमने अपने विकास उद्देश्यों को अर्जित करने के लिए कई प्रमुख योजनाएँ शुरू की हैं। हमारा स्वप्न एक समृद्ध, कुशल, उद्यमी, स्वच्छ एवं प्रगतिशील भारत का है। समापन करने से पूर्व मैं इस अवसर पर विदेश मंत्रालय की तरफ से युवा मामले तथा खेल मंत्रालय और कर्नाटक सरकार के प्रति इस समारोह को सम्भव बनाने के लिए कृतज्ञता प्रकट करना चाहूँगा। धन्यवाद |
युवा प्रवासी भारतीय दिवस के मौके पर कर्नाटक के बेंगलुरु में श्री विजय गोयल का संबोधन |
केंद्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विजय गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रभावशाली नेतृत्व में वर्तमान सरकार देश को एकजुट, मजबूत और आधुनिक बनाने की दिशा में ‘सबका साथ सबका विकास’ के सिद्धांत पर चलते हुए ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ बनाने की ओर अग्रसर है। बंगलुरु में युवा प्रवासी दिवस समारोह के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कई अभूतपूर्व शुरुआत की गई है और ये भारत का बेहद शानदार दौर है। उन्होंने कहा कि देश को वैश्विक उत्पादन का केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए ‘मेक इन इंडिया कैंपेन’ की शुरुआत की गई है। डिजिटल इंडिया की शुरुआत का लक्ष्य डिजिटल सशक्तिकरण के साथ ही देश को ज्ञान आधारित उद्योग में बदलना है। ‘स्किल इंडिया’ की शुरुआत का मकसद देश के युवाओं को भारत के साथ ही विदेश में मिल रहे मौकों के लिए भी तैयार करना है। देश की आधारभूत संरचना को विकसित करने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट समेत कई योजनाएं शुरू की गई हैं। देश को स्वच्छ और और हरा-भरा रखने के लिए ‘स्वच्छ भारत मिशन’ और ‘गंगा सफाई मिशन’ की शुरुआत की गई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार भारत में युवाओं की ऊर्जा का सही इस्तेमाल कर देश के आर्थिक दर को विकसित करने और रोजगार बढ़ाने के लिए करेगी ताकि देश तेज रफ्तार से प्रगति करे। ‘स्टार्टअप इंडिया’ कैंपेन की शुरुआत हो चुकी है और इसको प्रोत्साहित करने के लिए भारत में टैक्स और नॉन टैक्स प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है। श्री गोयल ने कहा कि सरकार की इन सभी योजनाओं में सभी संबंधित लोगों का सहयोग जरूरी है। इसके लिए भारी मात्रा में निवेश की भी जरूरत होगी। दुनिया में फैले भारतीय मूल के युवा आधुनिक और संपन्न भारत बनाने की इस महत्वाकांक्षी योजना में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। सरकार विदेश में रह रहे भारतीयों तक इस योजना को पहुंचाने के लिए नियमों को आसान करने समेत कई कदम उठा रही है। श्री गोयल ने कहा युवा किसी भी देश की जनसंख्या का सबसे गतिशील और जोशीला वर्ग होता है। भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है। यहां की कुल जनसंख्या में 35 साल से नीचे की आबादी का हिस्सा 65% है। अनुमान के मुताबिक 2020 तक देश की 50% आबादी की उम्र 28 साल या इससे कम होगी। जबकि अमेरिका में ये उम्र 38 साल, चीन में 42 साल और जापान में 48 साल है। उन्होंने कहा कि भारतीय युवा हमेशा से बेहद कुशल, मेहनती और उद्यमशील रहा है। बड़ी संख्या में भारतीय युवा दुनिया के अलग-अलग देशों में गए हैं जहां उन्होंने बेहतर काम किया है, अच्छी कमाई की है और अपने साथ ही देश का भी नाम रौशन किया है। प्रवासी भारतीयों में से ज्यादातर बेहद पढ़े लिखे और कुशल पेशेवर हैं, जिन्होंने अपने कार्यक्षेत्र में बेहद सफलता हासिल की है। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी के पेशेवरों का दुनिया भर में नाम है। श्री गोयल ने कहा कि युवाओं को समाज सेवा और दूसरे देश के विकास के कार्यों से जोड़कर मंत्रालय उनके व्यक्तित्व और नेतृत्व कौशल में निखार लाने का प्रयास कर रहा है। इसे दो स्वयंसेवी संस्थाओं ‘राष्ट्रीय सेवा योजना’ और ‘नेहरु युवा केंद्र संगठन’ के जरिए किया जा रहा है। फिलहाल नेहरु युवा केंद्र संगठन के ग्रामिण इलाकों में 3.06 लाख युवा क्लब से 86 लाख युवा स्वयंसेवक जुड़े हुए हैं। जबकि 36 लाख से ज्यादा सीनियर सेकेंडरी स्कूल और कॉलेज के युवा राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना की शुरुआत 1969 में महात्मा गांधी की जन्मशती पर हुई थी। महात्मा गांधी ने एकबार कहा था ‘खुद की पहचान करने का सबसे अच्छा तरीका है देश सेवा के लिए खुद को समर्पित कर दो’। इन्हीं आदर्शों पर चलते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना का सिद्धांत है ‘‘मैं नहीं आप’’। हमारे पास राजीव गांधी राष्ट्रीय युवा विकास संस्थान भी है, जो कि युवाओं के विकास के क्षेत्र में हमारा प्रमुख संस्थान है।
श्री गोयल ने कहा कि विदेश में रह रहे भारतीय जो समाज सेवा करना चाहते हैं वो नेहरु युवा केंद्र संगठन, राष्ट्रीय सेवा योजना और राजीव गांधी राष्ट्रीय युवा संस्थान के साथ मिलकर मजबूत भारत बनाने की दिशा में कार्य कर सकते हैं। *** |
अखिल भारतीय वक्फ सम्मेलन आरंभ |
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामले राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं संसदीय मामले राज्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि केंद्र, राष्ट्रीय वक्फ विकास निगम (नवाडको) एवं केंद्रीय वक्फ परिषद ने एक साथ मिलकर अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से मुसलमानों के सामाजिक- आर्थिक-शैक्षणिक अधिकारिता के लिए वक्फ संपत्तियों का उपयोग करने के लिए एक अभियान आरंभ किया है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय मुसलिम समुदायों के कल्याण के लिए विभिन्न कार्य नीतियों पर कार्य कर रहा है, जिसमें वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और विकास शामिल हैं। श्री नकवी ने आज नई दिल्ली में अखिल भारतीय वक्फ सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान ये उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि कई राज्य मुसलमानों की प्रगति के लिए वक्फ संपत्तियों के बेहतर उपयोग के लिए आगे आए हैं। ज्यादातर राज्य अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं,लेकिन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अभी बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है। मंत्री महोदय ने कहा कि सभी राज्यों को तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल का गठन करना चाहिए। श्री नकवी ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं कि देशभर में सभी वक्फ बोर्डों और उनके रिकार्डों का कप्यूटरीकरण किया जाए और अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय राज्य वक्फ बोर्डों को सभी संभव सहायता उपलब्ध करा रहा है। वक्फ बोर्डों और उनकी संपत्तियों का कंप्यूटरीकरण वक्फ बोर्डों के कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मदद करेगा। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को यह सुनिश्चित करने के उनके प्रयासों के लिए सराहना की कि उनके प्रभार के तहत सभी औकाफों का समुचित ढंग से रखरखाव हो, उन पर बेहतर नियंत्रण हो, उन्होंने आग्रह किया कि ऐसी संपत्तियों से प्राप्त आय का उपयोग उन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए किया जाए जिनके लिए ऐसे औकाफों का सृजन किया गया था। उन्होंने वक्फ अधिनियम, पट्टा नियमों, महत्वपूर्ण योजनाओं आदि के कार्यान्वयन में उनको पूर्ण सहयोग देने का आग्रह किया जिससे न केवल सभी रिकार्डों के कम्युटरीकरण में मदद मिलेगी बल्कि इससे वक्फ बोर्डों/ मुत्तवलियों की आमदनी में भी इजाफा होगा। बैठकों के दौरान अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय, केंद्रीय वक्फ परिषद, नवाडको, हरियाणा, कर्नाटक एवं केरल राज्य वक्फ बोर्डों द्वारा वक्फ मुद्दों पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण किए गए और कार्यसूची के सभी विषयों पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया गया। इस अवसर पर अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय में सचिव श्री अमैसिंग लुईखम ने कहा कि संशोधित वक्फ अधिनियम 1995 के प्रावधानों के तहत अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय ने 3.6.14 को वक्फ संपत्ति पट्टा नियमों को अधिसूचित किया। इन नियमों में कुछ विशिष्ट मामलों में पट्टा दिए जाने पर प्रतिबंध, पट्टा/ पंजीकरण/पट्टा संपत्तियों के नवीकरण के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रियाएं, पट्टादाताओं और पट्टेदारों के अधिकारों एवं दायित्वों आदि के प्रावधान हैं। अधिसूचित नियमों के कार्यन्वयन में कुछ राज्य वक्फ बोर्डों के सामने आने वाली कठिनाइयों के आधार पर 25.8.15 को उनमें कुछ संशोधन किए गए। अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधानों में एक का संबंध राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा वक्फ नियमों के निर्माण से है। इस बारे में राज्य/ केंद्र शासित सरकारों की सहायता करने के लिए अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय ने आवश्यक मॉडल नियम तैयार किए और उस पर विचार करने के लिए 18.7.16 को सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को उसकी प्रतियां उपलब्ध कराईं। तथापि अधिकांश राज्यों ने अभी तक संशोधित नियमों को अधिसूचित नहीं किया है। उन्होंने उम्मीद जताई की आज के विचार-विमर्शों से रचनात्मक और सकारात्मक परिणाम निकलेंगे। इससे पूर्व, जन समूह का स्वागत करते हुए मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री जान-ए-आलम ने बैठक की कार्यसूची रेखांकित की। नवाडको के सीईओ श्री अशोक पाई ने कहा कि विशाल वक्फ संपत्तियों से केवल 163 करोड़ रुपयों की आमदनी से प्रदर्शित होता है कि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाने के लिए कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। संशोधित अधिनियम के तहत पट्टा नियमों के कारगर कार्यान्वयन पर जोर देते हुए उन्होंने वक्फ संपत्तियों के विकास में सभी संभावित सहायता करने का वायदा किया। उन्होंने कहा कि अभी तक देशभर में 100 संपत्तियों की पहचान की गई है और 35 संपत्तियों के विकास के लिए आशय प्राप्त हुए हैं। सीडब्ल्यूसी के सचिव श्री जमाल अहमद ने उद्घाटन सत्र के समापन पर धन्यवाद प्रस्ताव दिया।
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राष्ट्रपति ने श्री ओम पुरी के निधन पर शोक जताया |
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने स्वर्गीय श्री ओम पुरी के पुत्र श्री इशान पुरी को भेजे एक संदेश में कहा , “मैं आपके पिता श्री ओम पुरी के निधन के बारे में जानकर व्यथित हूँ। श्री ओम पुरी एक कुशल और प्रतिष्ठित अभिनेता थे, जिन्होंने अपने शानदार सिनेमाई कौशल और भूमिकाओं से विश्व भर के लोगों को मनोरंजन प्रदान किया। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए वर्ष 1990 में प्रतिष्ठित ‘पद्मश्री’ समेत उन्हें अनगिनत पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। श्री ओम पुरी के निधन से भारतीय फिल्म उद्योग ने एक बेहद प्रतिभाशाली और विख्यात अभिनेता को खो दिया है, जिन्होंने अनगिनत फिल्मों में यादगार भूमिकाएं निभाईं। उन्हें हमेशा उनके जोरदार और बहुमुखी अभिनय के लिए याद किया जाएगा जो फिल्मों में निभाई गई अपनी भूमिकाओं से अपने चरित्रों में जान डाल देते थे। उनके दुखद निधन से भारतीय फिल्म उद्योग के क्षेत्र में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है जिसे भरना मुश्किल होगा। कृपया मेरी हार्दिक सहानुभूति स्वीकार करें और उन्हें अपने परिवार के सभी सदस्यों को प्रेषित करें। मैं ईश्वर से आपके परिवार और आपको इस अपूरणीय क्षति को सहने की ताकत और हिम्मत प्रदान करने की प्रार्थना करता हूँ।”
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8 jan
श्री पीयूष गोयल कल दुनिया के सबसे बड़े स्ट्रीट लाइट रिप्लेसमेंट कार्यक्रम को राष्ट्र को समर्पित करेंगे |
दक्षिण दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में दो लाख स्ट्रीट लाइट बदले गए दोषपूर्ण स्ट्रीट लाइट की शिकायतों को दूर करने के लिए एसएलएनपी अनुप्रयोग शुरू किया जाएगा केन्द्रीय बिजली,कोयला, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और खान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल राष्ट्रीय स्ट्रीट लाइट कार्यक्रम (एसएलएनपी) को कल 9 जनवरी, 2017 को देश को समर्पित करेंगे। यह काय्रक्रम अभी दक्षिणी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में चल रहा है। यह दुनिया का सबसे बड़ा स्ट्रीट लाइट प्रतिस्थापन कार्यक्रम है। इसका क्रियान्वयन ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (ईईएसएल) द्वारा किया जा रहा है। ईईएसएल भारत सरकार का बिजली मंत्रालय के तहत काम करने वाला एक संयुक्त उपक्रम है। इस समय एसएलएनपी कार्यक्रम पंजाब, हिमाचल प्रदेश, असम, त्रिपुरा,झारखंड,छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल,गोवा महाराष्ट्र ,गुजरात और राज्स्थान में चल रहा है। अब तक पूरे देश में 15.36 लाख स्ट्रीट लाइटस एलईडी बल्बों द्वारा प्रतिस्थापित किए जा चुके हैं। परिणाम स्वरूप 20.35 करोड़ मेगावाट बिजली की बचत हुई है। इस कारण 50.71 मेगावाट क्षमता को टाले जाने से प्रति वर्ष 1.68 लाख टन ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन में कमी आई है। भारत में 12 अरब अमेरिकी डॉलर के ऊर्जा दक्षता बाजार के होने का अनुमान है। इससे वर्तमान उपभोग में अभिनव व्यापार और क्रियान्वयन के माध्यम से 20 प्रतिशत ऊर्जा की बचत होने की संभावना है। एसएलएनपी के तहत दक्षिणी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में अकेले दो लाख से अधिक स्ट्रीट लाइट प्रतिस्थापित किए गए हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से दक्षिणी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में प्रतिवर्ष 2.65 करोड़ मेगावाट बिजली की बचत होती है। इससे 6.6 मेगावाट क्षमता को टालने में मदद मिली है जिस कारण प्रति दिन 22,000 टन ग्रीन हाउस गैस को कम करने में मदद मिली है। इसके साथ ही दिल्ली में इस र्काक्रम के अगले चरण-II में पार्कों को ध्यान में ध्यान में रखते हुए 75,000 और स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए ईईएसएल ने बीएसईएस और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र की इस परियोजना में ईईएसएल विभिन्न स्रोतों से शिकायतों को दूर कर रहा है। उदाहरण के लिए बीएसईएस हेल्पलाइन से पंजीकृत, ईईएसएल के रात्रि गश्त दल,मोबाइल वैन, सोशल मीडिया और पार्षदों सहित अन्य स्रोतों से प्राप्त शिकायतों के जरिये। ईईएसएल के पास दूर- दराज के स्ट्रीट लाइटस के संचालन और निगरानी के लिए ईईएसएल सख्त शिकायत निवारण प्रणाली और केन्द्रीकृत नियंत्रण एंव निगरानी प्रणाली(सीसीएमएस) भी है। इस मौके पर श्री गोयल दक्षिणी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में मोबाइल एप ईईएसएल एल कंम्पलेंट एपका भी शुभारंभ करेंगे। इसके जरिये लोग दोषपूर्ण स्ट्रीट लाइट की शिकायत कर सकेंगे। इन शिकायतों को 48 घंटों के भीतर हल किया जाएगा। उपभोक्ता व्हाट्स अप के माध्यम से भी अपनी शिकायत 7827999111/ 7827999222 या फिर This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it.. पर भी भेज सकते हैं। ***
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विमुद्रीकरण पर केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली के लेख का मूलपाठ |
केन्द्रीय वित्त् मंत्री श्री अरुण जेटली के लेख ‘विमुद्रीकरण- पिछले दो महीने पर एक दृष्टि’ का पूरा मूलपाठनिम्न है: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के उच्चतर मूल्य वर्ग के करेंसी नोटों के लीगल टेंडर होने की समाप्ति के निर्णय को दोमहीने बीत चुके हैं। परिणामस्वरूप उन नोटों का विमुद्रीकरण हो गया है। जब किसी देश की 86 प्रतिशत करेंसीजो कि उसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 12.2 प्रतिशत है, को बाजार से निचोड़कर बाहर फेंका जाएगा औरइसके स्थान पर नई मुद्रा लाई जाएगी तो स्पष्ट तौर पर इस निर्णय के महत्वपूर्ण परिणाम होंगे। अब बैंकेों केआगे लगने वाली कतारें खत्म हो गई हैं और पुनर्विमुद्रीकरण आगे बढ़ चला है, यहां इस निर्णय और इसके प्रभावके पीछे के तर्कों का विश्लेषण करना सार्थक होगा। 1. काले धन के खिलाफ कदम नरेंद्र मोदी सरकार को पहले ही दिन से यह एकदम स्पष्ट था कि वह छाया अर्थ व्यवस्था और काले धन केखिलाफ कदम उठाएगी। इस दिशा में सरकार का सर्वोच्च न्यायलय के आदेश पर एसआइटी का गठन करनापहला कदम था। प्रधानमंत्री ने ब्रिसबेन में जी-20 देशों के सम्मेलन में इसका प्रस्ताव दिया था कि आधार केअपक्षरण और लाभ के हस्तांरतरण की दिशा में सूचना साझेदारी के अंतरराष्ट्रीय सहयोग की गति तेज की जानीचाहिए। इस उद्देश्य को अमेरिका के साथ की गई व्यवस्था ने आगे बढ़ाया। राजग सरकार ने स्विटजरलैंड के साथ 2019 से लागू होने वाली व्यववस्था को भी पूरा किया। इसके तहत स्विटजरलैंड में रखे गए भारतीय नागरिकों केधन का विस्तृत विवरण और इसी तरह भारत में स्विस नगरिकों के धन के बारे में एक-दूसरे को सूचना देने काप्रावधान है। वर्ष 1996 से मॉरिशस के साथ चली आ रही दोहरा कर बचाव संधि पर फिर बातचीत की जा रही है।संधि प्रभावी ढंग से वापसी(राउंड ट्रिपिंग) को बढ़ावा देने वाली है। इस पर पुन: बातचीत हो गई है। इसी तरह कीसंधियों पर साइप्रस और सिंगापुर के साथ भी फिर से बातचीत हुई। भारत के बाहर अवैध संपत्ति से संबंधित कालेधन कानून ने एक खिड़की खोली है जिसके तहत ऐसे खुलासों के लिए 60 प्रतिशत कर के साथ दस साल की कैदका प्रावधान है। 45 प्रतिशत कर वाली आयकर खुलासा घोषणा स्कीम(आईडीएस) -2016 बहुत ही सफल रही। काले धन के जरियेखर्च करने पर दो लाख से अधिक के खर्च पर पैन कार्ड अनिवार्य करने से बाधा पैदा हुई है। सन् 1988 में बनाबेनामी कानून कभी भी लागू नहीं किया गया। अब इसमें संशोधन किया गया है और इसे क्रियान्वित किया गयाहै। इस साल जीएसटी लागू होना है, जिससे बेहतर अप्रत्यक्ष कर प्रशासन मिलेगा और कर अपवंचना को औरअधिक दक्ष कानून से रोका जाएगा। इस दिशा में उच्च मूल्य वर्ग के नोटों का विमुद्रीकरण करने का निर्णय एकबड़ा कदम था।
2. नया सामान्य वर्ष 2015-16 में कुल जनसंख्या 125 करोड़ में केवल 3.7 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किया। इनमें 99 लाख लोगों ने 2.5 लाख रुपये से अपनी आय कम दिखाई और इन्होंने कोई कर का भुगतान नहीं किया,1.95 करोड़लोगों ने अपनी आय पांच लाख रुपये से कम दिखाई ,52 लाख लोगों ने अपनी आय पांच से दस लाख रुपये के बीचदिखाई और केवल 24 लाख लोगों ने अपनी आय दस लाख रुपये से अधिक दिखाई। इसके लिए कोई ठोस प्रमाणकी जरूरत नहीं कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यकक्ष कर दोनों के मामले में भारत अभी भी कर अदा करने के मामले मेंबड़ा गैर- अनुपालना वाला समाज बना हुआ है। गरीबी उन्मूलन,राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिएजरूरी व्यय के मामले पर कर अदा न करने के कारण समझौता करना पड़ा है। सात दशक तक एक सामान्यभारतीय नकदी और चेक द्वारा लेन-देन करता रहा है। ‘पक्का ’ और ‘कच्चा ’ खाता व्यापार की भाषा है। करचोरी न तो गलत माना जाता है और न ही अनैतिक। यह जीने का एक रास्ता था। कई सरकारों ने सार्वजनिकहितों से समझौते के बाद भी इसे ‘सामान्य’ रूप से चलने दिया। प्रधानमंत्री के निर्णय का इरादा एक नया‘सामान्य’ बनाने का है। यह भारत और भारतीयों के खर्च करने की रुपरेखा में परिवर्तन चाहता है। यह स्पष्ट’ रूपसे विध्नकारी कदम है। सभी तरह के सुधार विध्नकारी होते हैं। ये पीछे से चले आ रही यथास्थिति को बदलते हैं।विमुद्रीकरण ईमानदारी के लिए प्रीमियम और बेईमानी के व्यवहार करने वालों को दंडित करना है।
3. नकदी के प्रतिकूल परिणाम कागजी मुद्रा एक गुमनाम ब्याज वाला बांड है। इसके साथ कोई नाम या इतिहास संबंधित नहीं होता। अपराधनकदी और बिना नकदी के भी हो सकता है लेकिन अति नकदी को विनिमय के माध्य म के रूप में भूमिगतअर्थव्यवस्था द्वारा मदद की जाती है। कर भुगतान के मामले में गैर अनुपालना का परिणाम कर चोरों के पक्ष मेंऔर वंचितों तथा गरीबों के विरुद्ध अन्यायपूर्ण संवर्द्धन का निर्माण करता है। हवाला के रास्ते के जरिये नकदी कापहाड़ टैक्स हैवेन में मूल कागजी मुद्रा से पहुंचता है। नकदी की सुविधा रियल टाइम में पता न लगने योग्य़भुगतान है। नकदी घुसखोरी,भ्रष्टाचार, नकली मुद्रा और आतंकवाद का निधिकरण करती है। नैतिक औरविकसित समाज सतत रूप से अति नकदी से प्रौद्यौगिकी सहायक बैंकिंग और डिजिटल कारोबार की ओर बढ़चले हैं। कागजी मुद्रा कई तरह की बुराइयों के दरावाजा खोलती है। जब सरकारें कर चोरों से अधिक कर संग्रहकरने में सक्षम होती हैं तो वे अन्य दूसरों से कम कर जमा करने की बेहतर स्थिति में होती हैं। नकदी कम करने सेहो सकता है कि अपराध और आतंकवाद खत्म न हो लेकिन इन्हें गंभीर चोट पहुंचा सकती है। राज्यों को बतायागया कि नकदी के भंडार तब तक अपने आप खत्म नहीं होंगे जब तक कि सरकारें कागजी मुद्रा की मात्रा कमकरने के लिए कोई कदम न उठाएंगी।
4. निर्णय की व्यापकता प्रधानमंत्री के उच्च मूल्य वर्ग करेंसी को विस्थापित करने और अंततोगत्वा इसे विमुद्रित करने के निर्णय के लिएसाहस और सहनशीलता दोनों की आवश्यकता थी। इस निर्णय के कार्यान्वयन में पीड़ा छुपी थी। इससे अल्पअवधि में आलोचना और असुविधा दोनों हो सकती है। विमुद्रीकरण की अवधि के दौरान करेंसी की अल्प मात्रा कीवजह से आर्थिक कार्यकलापों में कमी का अर्थव्यवस्था पर एक अस्थायी प्रभाव पड़ सकता था। इस निर्णय मेंगोपनीयता का उच्च स्तर और कागजी करेंसी की भारी मात्रा में छपाई, बैंकों, डाकघरों, बैंक मित्रों एवं एटीएम केजरिए वितरण शामिल हैं। यह तथ्य कि भारी मात्रा में उच्च मूल्य वर्ग करेंसी बैंकों में जमा की गई है, इस धन को वैध नकदी नहीं ठहराता।काला धन अपना रंग केवल इसीलिए नहीं बदल लेता कि इसे बैंकों में जमा किया गया है। इसके विपरीत, यहअपनी गुमनामी खो बैठता है और अब इसे इसके मालिक की पहचान मिल जाती है। इस प्रकार राजस्व विभागइस धन पर कर लगाने का हकदार बन जाएगा। किसी भी सूरत में, आयकर अधिनियम के संशोधन में ही इसकाप्रावधान है कि अगर कथित धन को स्वैच्छिक रूप से घोषित किया गया, या अस्वैच्छिक रूप से इसका पता लगातो यह विभेदकारी और कराधान के उच्च दरों और आर्थिक दंड के लिए उत्तरादायी होगा।
5. आज की स्थिति पीड़ा और असुविधा की अवधि अब समाप्त होती जा रही है। आर्थिक कार्यकलापों की पुनर्बहाली हो रही है। स्पष्टरूप से आज बैंकों के पास विकास के लिए उधारी देने हेतु काफी अधिक धन उपलब्ध है। चूँकि यह धन बैंकों केपास निम्न लागत जमाओं की स्थिति में है, इससे ब्याज दरों का नीचे आना तय है। ये दोनों चीजें पहले ही हो चुकीहैं। लाखों करोड़ रूपये, जो बाजार में खुली करेंसी के रूप में प्रचलन में थे, अब बैंकिंग प्रणाली में प्रवेश कर चुके हैं।न केवल इस धन ने अपनी गुमनामी खो दी है, इस पर कर लगाए जाने के बाद, इस धन के मालिक इसे अधिककारगर तरीके से उपयोग करने के हकदार हो जाते हैं। इससे बैंकिंग लेन-देन के आकार और इसके बादअर्थव्यवस्था के आकार में वृद्धि होना तय है। मध्यकालिक एवं दीर्घकालिक स्थिति में जीडीपी अधिक बड़ा औरअधिक स्वच्छ होगा। बैंकिंग प्रणाली में प्रविष्ट और आधिकारिक रूप से लेन-देन में शामिल धन प्रत्यक्ष एवंअप्रत्यक्ष दोनों ही प्रकार से उच्चतर कराधान की पर्याप्त संभावना पैदा करेगा। केंद्र और राज्य सरकारें दोनों हीनिश्चित रूप से लाभान्वित होंगी। अर्थव्यवस्था में नकदी एवं उच्च रूप से डिजिटाइज्ड लेन-देन का उपयोगहोगा।
6. विपक्ष ऐसे बड़े निर्णय का कार्यान्वयन करते समय सामाजिक रूप से कोई बड़ी अराजक स्थिति पैदा नहीं हुई। स्वतंत्रमीडिया संगठनों द्वारा कराए गए सभी जनमत सर्वेक्षणों से प्रदर्शित हुआ है कि बड़ी संख्या में लोगों ने सरकार केनिर्णय का समर्थन किया है। विपक्षी दलों ने संसद का एक पूरा सत्र बाधित कर दिया। उनके विरोध अप्रभावी रहेहैं। अर्थव्यवस्था में बाधा पड़ने के उनके अतिश्योक्तिपूर्ण दावे गलत साबित हुए हैं। यह दुःख की बात है किकांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी ने प्रौद्योगिकी, बदलाव एवं सुधारों दोनों का विरोध करते हुए एक राजनीतिक स्थितिअपनाने का निर्णय किया। इसने काले धन के अनुकूल यथास्थिति का पक्ष लिया।
7. सुस्पष्ट अंतर प्रधानमंत्री एवं उनके विरोधियों के दृष्टिकोण में एक सुस्पष्ट अंतर था। प्रधानमंत्री एक भविष्यदर्शी के रूप मेंकाम कर रहे थे और एक अधिक आधुनिक, प्रौद्योगिकी केंद्रित स्वच्छ अर्थव्यवस्था के बारे में सोच रहे थे। अबवह राजनीतिक निधीयन प्रणालियों को स्वच्छ करने की बात कर रहे हैं जबकि उनके विरोधी एक नकदी केंद्रित, नकदी पैदा करने वाली और नकदी विनिमय प्रणाली को जारी रखने वाली प्रणाली के पक्षधर हैं। प्रधानमंत्री श्रीनरेन्द्र मोदी और श्री राहुल गांधी के बीच का अंतर स्पष्ट है – प्रधानमंत्री अगली पीढ़ी के बारे में सोच रहे थे जबकिराहुल गांधी केवल यह देख रहे थे कि किस प्रकार संसद के अगले सत्र को बाधित किया जा सके। *** |
आयकर नियमों में संशोधन कर यह प्रावधान किया गया है कि बैंक 28.02.2017 तक सभी वर्तमान बैंक खातों (बीएसबीडीए के अतिरिक्त) में पैन या फॉर्म नं. 60 (जहां पैन उपलब्ध नहीं है) प्राप्त करेंगे और उन्हें पैन के साथ जोडेंगे |
आयकर नियमों में संशोधन कर यह प्रावधान किया गया है कि बैंक 28.02.2017 तक सभी वर्तमान बैंक खातों (बीएसबीडीए के अतिरिक्त) में पैन या फॉर्म नं. 60 (जहां पैन उपलब्ध नहीं है) प्राप्त करेंगे और उन्हें पैन के साथ जोडेंगे, अगर पहले से ऐसा नहीं किया गया है। इस संबंध में उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने दिनांक 15.12.2016 के परिपत्र के द्वारा यह अधिदेशित किया है कि वैसे खातों से नकदी की निकासी की अनुमति नहीं दी जाएगी जिनमें भारी मात्रा में क्रेडिट शेष/जमाएं हैं, अगर ऐसे खातों के संबंध में पैन या फॉर्म नं. 60 उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। इसलिए ऐसे व्यक्तियों को, जिनके पास बैंक खाते हैं लेकिन जिन्होंने पैन या फॉर्म नं. 60 जमा नहीं किए हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे बैंक में 28.02.2017 तक पैन या फॉर्म नं. 60 उपलब्ध करा दें। बैंकों एवं डाकघरों को भी 01.04.2016 से 08.11.2016 तक ऐसे खातों में नकदी जमाओं के संबंध में सूचना देने को अधिदेशित किया गया है, जहां 09.11.2016 से 30.12.2016 तक की अवधि के दौरान नकदी जमाएं निर्धारित सीमाओं से अधिक हैं। यह भी प्रावधान किया गया है कि ऐसे व्यक्तियों को, जिन्हें पैन या फॉर्म नं. 60 प्राप्त करने की आवश्यकता है, वे सभी दस्तावेजों में पैन या फॉर्म नं. 60 दर्ज कराएंगे और आयकर विभाग को प्रस्तुत सभी रिपोर्टों में इसे उद्धृत करेंगे। उपयुक्त नियमों में संशोधन से संबंधित अधिसूचना आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट अर्थात् www.incometaxindia.gov.in पर उपलब्ध है। |
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी नोबेल पुरस्कार विजेताओं से भेंट करेंगे |
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी देश में तीव्र गति के विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी की अहम भूमिकामानते है। गत एक सप्ताह में उन्होंने इस संबध में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कर इस बात पर फिर से बल दियाहै। 03 जनवरी 2017 को प्रधानमंत्री श्री मोदी ने तिरुपति में भारतीय विज्ञान कांग्रेस को संबोधित किया औरवैज्ञानिकों से देश की प्रगति में भागीदारी करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस भाषण के बाद शाम को सचिवों के साथ एक बैठक में परिवहन और दूरसंचार केविकास से जुड़े मुद्दों पर विचार विमर्श किया। अगले दिन उन्होंने विज्ञान और प्रोद्योगिकी, ऊर्जा और पर्यावरणसचिवों की बैठक को भी संबोधित किया। इन सभी बैठकों में विज्ञान के प्रयोग द्वारा देश में विकास को उच्चतमस्तर पर पहुंचाने पर विचार-विमर्श किया गया। कल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कई नोबेल पुरस्कार विजेताओं से मुलाकात कर देश में विज्ञान औरप्रौद्योगिकी द्वारा विकास के मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। बैठक का आयोजन अहमदाबाद स्थित विज्ञान शहरमें किया जाएगा, जहां नोबेल मीडिया भारत में पहली बार नोबेल पुरस्कार श्रृंखला का आयोजन कर रहा है। गत वर्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग और नोबेल मीडिया के बीचअगले पांच वर्षों तक भारत में नोबेल पुरस्कार श्रृंखला के आयोजन को लेकर सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गयेथे। नोबेल पुरस्कार श्रृंखला एक अनूठा कार्यक्रम है जिसमें नोबेल पुरस्कार विजेताओं और अन्य विजेताओं कोसम्मेलन, भाषण, गोलमेज सम्मेलन और प्रदर्शनी के संयुक्त आयोजन द्वारा नवाचार तथा सृजन विचारों केलिए प्रोत्साहित किया जाता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 9 जनवरी, 2017 को नोबेल पुरस्कार श्रृंखला विज्ञान प्रदर्शनी के औपचारिक शुभारंभके साथ वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन में नोबेल पुरस्कार श्रृंखला भारत-2017 का उद्घाटन करेंगे। इसके बादप्रधानमंत्री इस सम्मेलन-प्रदर्शनी में भाग लेने वाले विभिन्न नोबेल पुरस्कार विजेताओं से विचार – विमर्शकरेंगे। इस अवसर पर केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं भू-विज्ञान मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन भी उपस्थित रहेंगे। 10 जनवरी, 2017को नोबेल पुरस्कार विजेताओं के साथ एक समूह परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा, जिसकासीधा प्रसारण देश और दुनियाभर में किया जाएगा। इसके बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सीईओ कान्क्लेव काउद्घाटन करेंगे, जिसमें नोबेल पुरस्कार विजेता भी भागीदारी करेंगे। *** |
तिरुपति में आयोजित 104 वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस -2017 में डीआरडीओ |
तिरुपति के वेंकटेश्वर विश्व विद्यालय परिसर में 3 जनवरी से 7 जनवरी तक आयोजित 104 वें ‘प्राइड ऑफ इंडिया साइंस एक्सिपो -2017’ में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) हिस्सास ले रहा है। पांच दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम को 104 वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस -2017 (आईएससी -2017) के हिस्सेे के रूप में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था। |
गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा नोटबंदी से वामपंथी उग्रवाद को भारी नुकसान पहुंचा है |
केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि नोटबंदी से वामपंथी उग्रवाद को भारी नुकसान पहुंचा है और इस समस्या को कुछ वर्षों में सतत प्रयास से समाप्त किया जा सकता है। गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज अपने एक दिन के झारखंड दौरे के दौरान रांची में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल(सीआईएसएफ) के पूर्वी क्षेत्र मुख्यालय का उद्घाटन किया और सीआईएसएफ के आवासीय परिसर की आधारशिला रखी। कार्यक्रम के बाद लोगो को संबोधित करते हुए गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। वामपंथी उग्रवादी संगठनो को हिंसा का त्याग करना चाहिए। कुछ भारत विरोधी शक्तियां देश को विकास के पथ पर अग्रसर होते नहीं देखना चाहती हैं। इसलिए वो हिंसा और आंतक का सहारा ले रही हैं। हमें आतंकवाद के खिलाफ लड़ना होगा। श्री राजनाथ सिंह ने सीआईएसफ की सराहना करते हुए कहा कि बल कई चुनौतियों का सामने करते हुए बहु-आयामी सुरक्षा संगठन की भूमिका निभा रहा है। बल न सिर्फ महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा कर रहा है बल्कि वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में भी कार्यरत है। सीआईएसफ को वित्तीय सहायता का आश्वासन देते हुए श्री सिंह ने कहा कि जब किसी बल की आधारभूत सुविधाओं में विकास होता है तो इससे बल की क्षमताओं को सशक्त करने में सहायता मिलती है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के केंद्रीय प्रशिक्षण केंद्र के लिए 100 एकड़ जमीन आवंटित करने की घोषणा भी की। केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने इसके पश्चात मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्य में वामपंथी उग्रवाद की स्थिति की समीक्षा की। सीआईएसएफ के महानिदेशक श्री ओ पी सिंह ने कहा कि पहली बार एक श्वान प्रशिक्षण विद्यालय बल के रांची स्थित कैंपस में स्थापित किया जा रहा है। अपने दौरे के दौरान गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सीआईएसएफ के रांची स्थित पूर्वी क्षेत्र मुख्यालय में एक पौधा भी रोपा। इस अवसर पर झारखंड के शहरी विकास मंत्री श्री सी पी सिंह और स्थानीय सांसद श्री राम तहल चौधरी और अन्य गणमान्य अतिथि भी उपस्थित थे। *** |
20वें राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन के बारे में प्रारंभिक सूचना |
भारत सरकार का प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत विभाग, भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग तथा आंध्र प्रदेश सरकार के साथ मिल कर 9-10 जनवरी, 2017 के दौरान विशाखापट्टनम में 20वें राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन का आयोजन करने जा रहा है। इस कार्यक्रम में सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ, शिक्षाविद् और उद्योग जगत एवं स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू; केंद्रीय शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उप-शमन मंत्री एवं सूचना और प्रसारण मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू, केंद्रीय नागर विमानन मंत्री श्री अशोक गजपति राजू पुसापति, केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग राज्य मंत्री, डॉक्टर जीतेंद्र सिंह, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, विधि और न्याय राज्य मंत्री श्री पीपी चौधरी और केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री श्री वाईएस चौधरी 9 जनवरी 2017 को पूर्वाह्न 10 बजे उद्घाटन सत्र के अवसर पर उपस्थित होंगे। इस अवसर पर आंध्र प्रदेश सरकार ने सूचना और जनसम्पर्क, आईटी और संचार, एनआरआई अधिकारिता और सम्बंध, तेलुगु भाषा और संस्कृति, अल्प संख्यक कल्याण और अधिकारिता मंत्री श्री पल्ले रघुनाथन रेड्डी, संसद सदस्य (राज्य सभा) डॉ टी. सुब्बारामी रेड्डी, संसद सदस्य (लोक सभा) डॉ. कम्भमपति हरी बाबू, डीएआरपीजी सचिव श्री सी. विश्वनाथ, इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार में सचिव श्रीमती अरुणा सुंदराजन, दूरसंचार विभाग, भारत सरकार में सचिव श्री जे. एस. दीपक, डीएआरपीजी में अपर सचिव श्रीमती ऊषा शर्मा और भारत सरकार एवं विभिन्न राज्य/संघ शासित प्रदेशों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। इस दौरान वर्ष 2016-17 के लिए राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस के विभिन्न पहलुओं से सम्बद्ध 12 श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। प्रत्येक श्रेणी में स्वर्ण और रजत पुरस्कार शामिल होंगे। इस अवसर पर एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी। सम्मेलन दो दिन तक चलेगा, जिसमें चुने हुए विषयों और उप विषयों से संबंधित सत्र, प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम और अन्य संबंधित गतिविधियां शामिल होंगी। उद्घाटन सत्र के बाद सम्मेलन के मुख्य विषय ‘‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन’’ के बारे में सत्र का आयोजन किया जाएगा। पूर्ण सत्र के दौरान विशेष उप-विषयों जैसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और डेटा एनेलेटिक्सः आईओटी के इस्तेमाल पर विचार-विमर्श तथा सरकारी प्रक्रियाओं के रूपांतरण में डेटा एनेलेटिक्स और सर्विस डिलीवरी पर चर्चा की जाएगी। इसके अतिरिक्त साइबर सुरक्षा नीति, अंतिम मील तक डिजिटल कनेक्टिविटी प्रौद्योगिकी के नेतृत्व में नकदी लेन-देन और आधार के जरिये नकदी रहित भुगतान जैसे विषय भी शामिल किए जाएंगे। सम्मेलन में भारत सरकार, राज्य सरकारों, उद्योग, शैक्षिक जगत और निजी क्षेत्र से एक हजार से अधिक प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की संभावना है। *****
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पटना (बिहार) में आयोजित डिजि-धन मेला के मुख्य अतिथि केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह जी का अभिभाषण |
मा. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा विमुद्रीकरण गरीब कल्याण हेतु एक साहसिक निर्णय है। सरकार इस दृढ़ निर्णय का विश्वसनीयता के साथ सफल क्रियान्वयन कर रही है। भारत के 125 करोड़ जनमानस की ताकत ने अपने धैर्य और विश्वास के साथ सरकार के, कालेधन के खिलाफ, गरीबों के हित में साहसिक निर्णय का पूर्ण समर्थन किया है। फलस्वरूप देश में कालेधन, भृष्टाचार, आतंकवाद, जाली नोट एवं काली कमाई के द्वारा निर्मित सामानांतर अर्थव्यवस्था के खिलाफ एक महत्वपूर्ण एवं सफल अभियान को सरकार ने पूर्ण किया है। यह लड़ाई सशक्त, समरस और समर्थवान भारत के पुनर्निर्माण का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। सरकार के इस कदम से इस विश्वास को बल मिला है कि भारत की राजनीतिक परंपरा में अब केवल मात्र देशहित की बात करना देशभक्ति नहीं है अपितु देशहित के लिए राजनीति से ऊपर उठकर समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के पक्ष में निर्णय लेकर दृढता एवं विश्वसनीयता के साथ कार्य करना देशभक्ति है। देशहित का यह कार्य भारत के गरीबों के आर्थिक समायोजन, पारदर्शी शासन एवं समतामूलक समाज की स्थापना के लिए बड़ा पड़ाव है। विमुद्रीकरण की यह प्रक्रिया टैक्स नहीं देने वालों के काले धन का गरीबों और कमजोरों में वितरण है। यह जानकर आश्चर्य होगा कि 125 करोड़ की आबादी में 2015-16 में 3.7 करोड़ लोगों ने रिटर्न फाइल किया जिसमें 1 करोड़ लोग 2.50 लाख के नीचे थे जिसमें टैक्स नहीं देना पड़ता है। शेष 2.7 करोड़ में 1.95 करोड़ लोगों ने 5 लाख के नीचे का रिटर्न दिया, 52 लाख लोगों ने 5 से 10 लाख के बीच तथा सिर्फ 24 लाख लोगों ने 10 लाख के ऊपर का रिटर्न दिया। देश के ईमानदार नागरिकों को सम्यक आजीविका, एक मजबूत अर्थव्यवस्था एवं पारदर्शी शासन देने के लिए प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने के अभियान की यह पहली कड़ी है।
विमुद्रीकरण के इस पवित्र अभियान में एक ओर देश का जनमानस जहाँ उत्साह एवं सकारात्मक ऊर्जा के साथ, देश को लम्बे कष्ट से मुक्ति दिलाने के लिए थोड़ी तकलीफ सहकर भी पुननिर्माण के संकल्प के लिए खड़ा था। वहीं दूसरी ओर विमुद्रीकरण के 50 दिन के दौर में ना तो आमजन का धैर्य टूटा, ना ही बाजार के आपूर्ति में बाधा आई और ना ही सार्वजनिक जीवन में किसी प्रकार की क्षति हुई। देश में रबी की बुवाई भी पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष ज्यादा हुई। मैं आज देश की महान जनता का अभिनंदन करता हूँ।
कालेधन के खिलाफ सुशासन के बढ़ते कदम मोदी सरकार आने के तुरंत बाद मा. प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में कैबिनेट ने पहला निर्णय जहां कालेधन के खिलाफ एसआईटी के गठन का निर्णय लिया वहीं स्वैच्छिक आयकर योजना, जनधन योजना, ब्लैकमनी एक्ट, Bankruptcy insolvency लॉ, डीआरटी संशोधित लॉ, Sarfaesi लॉ, बेनामी संपत्ति एक्ट जैसे कानूनों को पास करके कालेधन के खिलाफ इस लड़ाई को लड़ने के लिए व्यवस्थागत एवं कानूनी प्रावधानों को सुसंगत बनाने के लिए कदम उठाये गये हैं। आधार कानून के द्वारा गरीबों को उनका हक देने की सुनिश्चितता सरकार द्वारा की गई है। देश में जीएसटी कानून के भविष्य में कुशल उपयोग के लिए, कालेधन की सामानांतर अर्थव्यवस्था को समाप्त करने के लिए विमुद्रीकरण आवश्यक था। आज देश में बैंको के पास देने के लिए पहले से ज्यादा पैसा है और ब्याज दरें नीचे गिर रही हैं। 1. मध्यम छोटे एवं लघु व्यापारियों के लिए ऋण प्रवाह में वृद्धि होगी क्योंकि इतनी अधिक मात्रा में नकद जमा होने के बाद बैंक आसानी से उधार दे सकेंगे। इससे आर्थिक कार्यकलापों रोजगार सृजन में तेजी आएगी। 2. पिछले कुछ वर्षों से पूंजी के अधिक प्रवाह के कारण रियल स्टेट के मूल्यों में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही थी। अधिक मात्रा में नगद जमा होने के कारण बैकों को ब्याज दर घटाने का अवसर मिलेगा, जिससे सामान्यत: ऋण की मांग और विशेष रूप से आवास ऋण में वृद्धि होगी। इससे आवास की मांगों में भी वृद्धि होगी तथा रियल स्टेट के मूल्यों में कमी होगी। 3. विमुद्रीकरण से बैंकों के पास उपलब्ध जमा राशि में वृद्धि होगी और तरलता में वृद्धि होगी जिससे मुद्रा स्फीति में कमी आएगी। अब अनौपचारिक और औपचारिक दोनों अर्थव्यवस्थायें ठीक तरीके से आपस में जुड़ जायेंगी जिससे राज्यों और केन्द्र को अधिक आय होगी और हम एक साफ बढ़ी हुई जीडीपी (GDP) की तरफ बढ़ेंगे। 1. देश में 100 करोड़ से ज्यादा फोन हैं जिसमें से 30-40 करोड़ स्मार्टफोन हैं एवं करीब 50 करोड़ इंटरनेट के उपभोक्ता हैं। अगर इनका सही से इस्तेमाल किया जाए तो क्रेडिट कार्ड की जरूरत नहीं है। 2. 147 करोड़ बैंक अकाउंट में से 117 करोड़ सेविंग अकाउंट एवं 25 करोड़ जनधन अकाउंट हैं। 3. कुल आधार कार्ड 107 करोड़ 4. बैंक अकाउंट जो आधार कार्ड से जुड़े हैं - 40 करोड़ 5. 75 करोड़ से ज्यादा डेबिट कार्ड भारत की डिजिटल कारोबारी व्यवस्था के विकास हेतु एक सक्षम प्लेटफार्म है। 6. देश भर में 20 करोड़ लोगों के पास रूपे कार्ड है जिसका इस्तेमाल वर्तमान में 40 प्रतिशत बढ़ा है।
केन्द्र सरकार द्वारा कैशलैस ट्रांजेक्शन बढ़ाने के लिए यूपीआई, यूएसएसडी, एईपीएस एवं रूपे-कार्ड के प्रयोग को बढ़ाना स्वागत योग्य है। सरकार का यह कदम भ्रष्टाचार मुक्त भारत की ओर की दिशा में एक बड़ा कदम है।
डिजिटल अर्थव्यवस्था नये भारत की ताकत डिजिटल इंडिया को आगे ले जाने में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बहुत सक्रिय भूमिका निभायी है। आधार आधारित सेवाओं के द्वारा सुशासन की स्थापना कर, हम डिजिटल माध्यमों से जन सशक्तिकरण का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। आधार आधारित प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण से पिछले दो वित्तीय वर्षों में सरकार को लगभग 36,000 करोड़ रूपये की बचत हुई है, जिसमें से लगभग 21,672 करोड़ रूपयों की बचत सिर्फ गैस सब्सिडी को सीधा बैंक खातों में प्रदान करने से हुई है। देश में मनरेगा, निर्धन छात्रों की छात्रवृत्ति, वंचित वर्गों को सब्सिडी, एससी/एसटी एवं ओबीसी को दिये जाने वाली लाभकारी योजना में सरकार द्वारा डिजिटल प्रयोग से गरीबों के लाभ में बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो रही है। कर देने वालों के आंकड़े पर यह स्पष्ट मत है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था के माध्यम से जहां एक ओर देश की करों की चोरी को रोका जायेगा वहीं औद्योगिक विवाद अधिनियम, न्यूनतम वेतन अधिनियम, बोनस का भुगतान अधिनियम, कारखाना अधिनियम, संविदा मजदूर अधिनियम तथा इस प्रकार के अन्य कानूनों से गरीबों के हित में अनुपालना हो सकेगी। सरकार के द्वारा वर्तमान में जो वेतन अधिनियम का संशोधन प्रस्ताव लाया गया है वह देश के मजदूरों एवं कर्मचारियों के हित में सही समय पर लिया जाने वाला व्यवस्थानुकूल परिवर्तन है। सरकार के डिजिटल व्यवस्था के इस कदम से जहां ईमानदार मध्यमवर्गीय करदाता, छोटा व्यापारी, छोटे कामगार, छोटे प्रोफेशनल जो अभी तक कालाबाजारी के आगे मूकदर्शक बने हुए थे, उन्हें सरकार के इस निर्णय से ताकत मिली है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा नवर्ष के प्रारंभ में देश के सर्वसमाज के लिए जो BHIM एप को समर्पित किया है, वह बाबा साहब अंबेडकर के द्वारा निर्मित भारतीय संविधान के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के संकल्पों को पूरा करने में सार्थक सिद्ध होगा। न इंटरनेट की जरूरत-न स्मार्टफोन की जरूरत-भीम एप भरेगा अमीर-गरीब के बीच का गैप।
मा. प्रधानमंत्री जी का देश को आश्वासन 8 नवंबर को मा. प्रधानमंत्री जी की घोषणा में जहां देश को ईमानदारी के जीवन को सम्मान प्रदान किया, वहीं 31 दिसम्बर की घोषणा ने किसान, छोटे व्यापारी, वरिष्ठ नागरिक, व्यापारी, महिलाओं और युवाओं को एक नया विश्वास प्रदान किया है। 50 दिनों के पूरा होने पर प्रधानमंत्री जी ने एटीएम से पैसे निकालने की सीमा ढ़ाई हजार रूपये से बढ़ाकर साढ़े चार हजार रूपये कर दी। प्रधानमंत्री जी ने सामान्य और गरीबों के लिए जो घोषणायें की हैं, वे स्वागत योग्य हैं- 1. किसानों को सस्ता ऋण उपलब्ध करने के लिए नाबार्ड के कोष में 20,000 करोड़ रूपये 2. रबी की फसल के लिए 60 दिन का बिना ब्याज का ऋण 3. 3 करोड़ किसान क्रेडिट कार्डों को रूपे डेबिट कार्ड 4. प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ग्रामीण आवासों में 33 प्रतिशत की वृद्धि 5. दलित आदिवासी, पिछड़े और महिलाओं को मुद्रा योजना में प्राथमिकता 6. वरिष्ठ नागरिकों के लिए 10 साल की सावधि जमा पर 8 प्रतिशत ब्याज 7. 12 लाख के गृह निर्माण ऋण पर ब्याज में छूट 8. संस्थागत प्रसव पर 6000 रूपये की सहायता राशि सीधे प्रसूता के खाते में 9. छोटे और मंझोले उद्योगों के ऋणों की गारंटी 20 प्रतिशत से बढ़कर 25 प्रतिशत की। राजनीतिक दलों के चुनाव खर्च के बारे में प्रधानमंत्री जी का आह्वान परिवर्तनकारी है। भ्रष्टाचार और कालेधन से राजनैतिक दलों की मुक्ति भविष्य के भारत के निर्माण के लिए आवश्यक है।
बदलेगा भारत बढ़ेगा भारत भारत की अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ाना आवश्यक है। केन्द्र सरकार के विमुद्रीकरण के इस कदम से सरकारी व्यवस्था के बाहर तहखाने में कैद पैसा वापस बैंक में आया है। सरकार के द्वारा चलाये गये इस अभियान में जिस दृढ़ता से सरकार द्वारा दोहरी चालाकियों एवं भ्रष्ट लोगों से लड़ाई लड़ी। वह स्वागत योग्य है। देश के विकास का लाभ देश में हर नागरिक तक पहुंचे इसके लिए ईमानदार तरीके से देश में व्यापार का वातावरण बनाना आवश्यक है। विमुद्रीकरण और डिजिटल इकनॉमी पर उसकी नीतियों एवं उनके कुशल क्रियान्वयन से हम विकसित भारत के लक्ष्यों को पूरा करेंगे। सरकार के इस कदम से हम उस आधुनकि भारत को बनाने में सफल सिद्ध होगे जहां आधुनिक तकनीक, पारदर्शी शासन, सर्वजन हित, समरस समाज और सम्यक आजीविका के बेहतर तालमेल से हम सबका साथ-सबका विकास के लक्ष्य को पूरा करेंगे। |
राष्ट्रपति कल प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के 14 वें संस्करण में समापन भाषण करेंगे |
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी कल(9 जनवरी,2017) को बंगलुरू का दौरा करेंगे और वहां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में समापन भाषण करेंगे। इस दौरान वे प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार भी प्रदान करेंगे। **** |
राष्ट्रपति ने पुर्तगाल के पूर्व राष्ट्रपति श्री मारियो अल्बर्टो नोब्रे लोपेस सोरेस के निधन पर शोक जताया |
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने पुर्तगाल के पूर्व राष्ट्रपति महामहिम श्री मारियो अल्बर्टो नोब्रे लोपेस सोरेस केनिधन पर शोक जताया है। पुर्तगाल के राष्ट्रपति महामहिम श्री मार्सेलो रेबेलो डी सौसा को भेजे एक संदेश में राष्ट्रपति महोदय ने कहा, “मैंपुर्तगाल के पूर्व राष्ट्रपति महामहिम श्री मारियो अल्बर्टो नोब्रे लोपेस सोरेस के निधन के बारे में जानकर बहुतदुखी हूँ।” कृपया भारत सरकार एवं भारत के लोगों की तरफ से मेरी हार्दिक संवेदना स्वीकार करें। राष्ट्रपति सोरेस पुर्तगाल के लोकतंत्र के संस्थापक जनक एवं विश्व की एक हस्ती के रूप में लंबे समय तक यादकिए जाएंगे तथा मानव अधिकारों एवं विश्व शांति में उनके योगदान के लिए उनकी काफी सराहना की जाएगी।हम भारतवासी 1974 में पुर्तगाल एवं भारत के बीच राजनयिक संबंधों के पुनः स्थापन में उनकी केंद्रीय भूमिकाका स्मरण करते हैं। मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि इस सम्मानित नेता के निधन पर राष्ट्रपति मारियो सोरेस के शोक संतप्त परिवारएवं पुर्तगाल सरकार और पुर्तगाल के लोगों को मेरी हार्दिक संवेदनाएं प्रेषित करें। *** |