7-8 January 2016 HINDI

आक्सीजन वैलेट बना मास्टर्स चैंपियंस लीग का टाइटल प्रायोजक

07-JAN-2016

भारत की अग्रणी मोबाइल वॉलेट एप कंपनी आक्सीजन वैलेट को 7 जनवरी 2016 को मास्टर्स चैंपियंस लीग का टाइटल चुना गया.  इस फैसले के साथ ही मास्टर्स चैंपियंस लीग को अब आक्सीजन मास्टर्स चैंपियंस लीग के नाम से जाना जाएगा.  विदित हो मास्टर्स चैम्पियन लीग का शुभारम्भ 28 जनवरी 2016 को दुबई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, दुबई में किया जाएगा.  जबकि फाइनल मैच 13 फरवरी को दुबई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, दुबई में आयोजित किया जाएगा.  ज्ञात हो इस लीग के सारे मैच शारजाह क्रिकेट स्टेडियम, शारजाह और दुबई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, दुबई में आयोजित किए जाएंगे.  इस लीग के ब्रांड एम्बेसडर महेंद्र सिंह धोनी हैं.

मास्टर्स चैंपियंस लीग के बारे में

• इस लीग में केवल वो ही खिलाड़ी भाग लेंगे जिन्होंने क्रिकेट के सारे प्रारूपों से संन्यास ले लिया है.  • मास्टर्स क्रिकेट लीग में 6 टीमें हिस्सा लेंगी, ये टीमें हैं- कैप्रीकॉर्न कमांडर्स, सैजिटेरियस स्ट्राइकर्स, लिब्रा लीजेंड्स, जेमिनी अरेबियंस, लिओ लॉयन्स और विर्गो सुपर किंग्स. • इस लीग में कुल 18 मैच खेले जाएंगे. • हर टीम में 15 खिलाड़ी रखे गए हैं, लीग को अमीरात क्रिकेट बोर्ड से 10 वर्ष के लिए स्वीकृति मिली है. • इस लीग के आयोजक जीएम ग्रुप ऑफ होटल्स के मालिक मोहम्मद जफर शाह हैं. • लीग में भारत के पूर्व खिलाड़ी सौरव गांगुली, मुरली कार्तिक, अजय रात्रा, सुनील जोशी, रमेश पवार, विरेन्द्र सहवाग भाग लेंगे.

आक्सीजन सर्विस इण्डिया प्राइवेट लिमटेड

• आक्सीजन सर्विस इण्डिया प्राइवेट लिमटेड भारत का सबसे बड़ा भुगतान समाधान प्रदाता है. 

• इस कम्पनी द्वारा ऑनलाइन भुगतान और मनी ट्रांसफर जैसी सेवाएँ प्रदान की जाती है.

• आक्सीजन वैलट आक्सीजन सर्विस इण्डिया प्राइवेट लिमटेड का ही एक वैलट है.

ग्रामीण डाक सेवकों के वेतनमान तय करने के लिए कमेटी गठित

07-JAN-2016

सरकार ने 01 जनवरी 2016 को ग्रामीण डाक सेवकों के वेतनमान और सेवा शर्तों पर पुनर्विचार करने के लिए एक सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. एक सदस्यीय कमेटी डाक विभाग के ग्रामीण डाक सेवकों की सेवा शर्तों और उनके वेतनमान आदि के संशोधन पर विचार करेगी डाक विभाग में 2.6 लाख डाक सेवक हैं. डाक सेवा बोर्ड के सेवानिवृत्त सदस्य कमलेश चंद्र इस एक सदस्यीय कमेटी के सदस्य होंगे. इस काम में उनकी सहायता प्रशासनिक ग्रेड अफसर टीक्यू मोहम्मद करेंगे. उनका यह सहयोग बतौर सचिव होगा. कमेटी डाक सेवकों की कार्यप्रणाली और कार्य दशाओं का गहन अध्ययन करेगी और आवश्यक्तानुसार उसमें बदलाव के सुझाव भी देगी.

बुनियादी ढांचे का विकास और उसकी व्यावहारिकता का पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल

07-JAN-2016

निरंतर व्यापक एवं समावेशी विकास के लिए बुनियादी ढांचे का विकास एक पूर्व शर्त है .12 वीं पंचवर्षीय योजना ( 2012-2017) में बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश का महत्वकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है. बहुत सारे धन की जरूरत और सार्वजनिक संसाधनों की सीमित उपलब्धता को देखते हुए, बुनियादी ढांचे के विकास के वित्त पोषण के लिए नए रास्ते ढूंढ़ना जरूरी हो जाता है. ऐसा ही एक रास्ता है पीपीपी जिसे पूरी दुनिया में मान्यता मिली है. पीपीपी या पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में सार्वजनिक क्षेत्र के भागीदार और एक निजी पक्ष के बीच अनुबंध होता है जिसमें निजी पक्ष सार्वजनिक सेवा या परियोजना मुहैया कराता है और परियोजना के वित्तीय, तकनीकी और संचालन का पर्याप्त जोखिम खुद उठाता है. पीपीपी में कई मॉडल हैं जैसे डिजाइन– बिल्ड (डीबी), ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट (ओएंडएम), बिल्ड–ओन–ऑपरेट–ट्रांस्फर (बीओओटी– बूट), बिल्ड– ओन– ऑपरेट (बीओओ– बू) आदि.

पीपीपी से जुड़े लाभ

यह बुनियादी ढांचे संबंधी परियोजनाओं के निर्माण के लिए धन की मांग और आपूर्ति के बीच की खाई को पाटने का काम करता है.

यह निजी क्षेत्र की बहुत जरूरी विशेषज्ञता, परिचालन योग्यता और प्रबंधकीय क्षमता मुहैया कराता है.

यह नई और लागत प्रभावी प्रौद्योगिकी को लाता है.

यह उपयोगकर्ताओं को समय से और गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचा सेवा मिल सके, को सुनिश्चित करने के लिए निजी पक्ष पर अनुबंधात्मक जवाबदेही डालता है.

पीपीपी फाइनैंसिंग का "ऑफ– बैलेंस शीट" तरीका है. निजी क्षेत्र की परिसंपत्तियों का नया वितरण. ऐसा इसलिए है क्योंकि परियोजना के लिए निजी क्षेत्र से उधार लिया जाता है.

वर्तमान स्थिति

पीपीपी इंडिया के डाटाबेस के अनुसार अब तक 3833 बिलियन रुपयों की लागत वाली 758 पीपीपी परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई है/ या मंजूरी मिलने का इंतजार कर रही हैं. पीपीपी परियोजनाओं की संख्या और मूल्य के मामले में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश अग्रणी राज्य हैं. केंद्र स्तर पर, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) पीपीपी मॉडल का उपयोग करने वाला अग्रणी उपयोगकर्ता है.

पीपीपी को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की पहल

पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप समिति (पीपीपीएसी) की स्थापना करना जो केंद्रीय क्षेत्र में पीपीपी परियोजनाओं के मूल्यांकन के लिए जिम्मेदार होगी. सरकार ने पीपीपी परियोजनाओं के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्त पोषण योजना बनाई है. यह योजना बुनियादी ढांचों की परियोजनाओं को व्यावसायिक रूप से व्यावहारिक बनाने के लिए अनुदानों के रूप में वित्तीय सहायता  मुहैया कराती है. सरकार ने बुनियादी ढांचे संबंधी परियोजनाओं के लिए दीर्घ कालिक ऋण उपलब्ध कराने के आदेश के साथ इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस कंपनी लिमिटेड की स्थापना की है. पीपीपी परियोजनाओं के विकास के लिए वित्तपोषण हेतु 'इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट डेवलपमेंट फंड (आईआईपीडीएफ)' के लिए योजना शुरु की गई है. आईआईपीडीएफ परियोजना विकास खर्चों के 75% खर्च तक मुहैया करा सकती है. भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर पीपीपी के लिए निर्णय– लेने में सुधार हेतु वेब आधारित टूल किट भी उपलब्ध हैं. बुनियादी ढांचे संबंधी परियोजनाओं की स्थिति के बारे में मुख्य जानकारी मुहैया कराने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स डाटाबेस (www.infrastructureindia.gov.in ) भी तैयार किया गया था. नीति, योजनाओं, कार्यक्रमों और क्षमता निर्माण संबंधी मामलों के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनर्शिप (पीपीपी) सेल जिम्मेदार है. डॉ. विजय केलकर के अधीन सरकार ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र के पीपीपी मॉडल पर पुनर्विचार और उसे सशक्त बनाने के लिए समिति बनाई है. समिति ने अपनी अनुशंसाएं सरकार को भेज दी हैं.

भारत में पीपीपी की चुनौतियां और मुद्दे एवं केलकर समिति

नियामक माहौलः भारत में फिलहाल कोई भी स्वतंत्र पीपीपी नियामक नहीं है. इससे नीजि कंपनियां तोल–मोल की शक्ति खो रही हैं क्योंकि समय के साथ माहौल में आए बदलाव ने लाभ के सौदे का प्रचलन कम कर दिया है. इसके अलावा कई पीपीपी परियोजनाएं वित्तीय मामलों से संबंधित कानूनी विवादों के कारण ठप्प  पड़ीं हैं. आर्थिक सर्वेक्षण 2014-2015 के अनुसार ठप्प पड़ी  परियोजनाओं की लागत 8.8 ट्रिलियन रुपय या भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 7% है. इसकी वजह से बैंकों पर बैड लोन का बोझ बहुत अधिक हो गया है. सूचना की कमीः पीपीपी कार्यक्रम में पीपीपी के तहत चलाई जाने वाले परियोजनाओं/ अध्ययनों से संबंधित व्यवहार्यता रिपोर्ट, समझौतों आदि वाले व्यापक डाटाबेस की कमी है. इस संदर्भ में समिति ने अनचाहे प्रस्तावों ( स्विस चैलेंज) के  खिलाफ बात कही है क्योंकि उनकी सूचना में विषमताएं होती हैं और परिणामस्वरूप पारदर्शिता में कमी आती है और संभावित बोली लगाने वाले से निष्पक्ष एवं समान व्यवहार नहीं किया जाता. संस्थागत क्षमता का अभावः विभिन्न स्तरों पर बड़ी एवं जटिल परियोजनाओं को पूरा करने की सीमित संस्थागत क्षमता पीपीपी परियोजना को नुकसान पहुंचाती है. विभिन्न हितधारकों के लिए संरचित क्षमता निर्माण कार्यक्रम बनाए जाने की जरूरत है. केलकर समिति ने "3PI" की सिफारिश की है जो, पपीपी में उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में काम करने के अलावा अनुबंध एवं विवाद निपटान के लिए अनुसंधान, समीक्षा और परिष्कृत मॉडल का समर्थन करेगा. संस्थान ने कई और संस्थानों के गठन की भी सिफारिश की है जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर पीपीपी प्रोजेक्ट रीव्यू कमिटि (आईपीआरसी), इंफ्रास्ट्रक्चर पीपीपी एडज्युडिशल ट्रिब्यूनल (आईपीएटी) और एक राष्ट्रीय पीपीपी नीति. वित्तीय उपलब्धताः पीपीपी परियोजनाओं के लिए ऋण हेतु निजी क्षेत्र वाणिज्यिक बैंकों पर निर्भर होता है. हालांकि, क्षेत्रीय जोखिम सीमा पर पहुंचने के साथ वाणिज्यिक बैंक और बुनियादी ढांचा क्षेत्र की बड़ी भारतीय कंपनियों को बहुत लाभ दिया जा रहा है, इससे पीपीपी परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण प्राप्त करना मुश्किल हो रहा है. समिति ने सरकार से यह सिफारिश की है कि वह बैंकों और वित्तीय संस्थानों को जीरो कूपन या डीप डिस्काउंट बॉन्ड्स जारी कर पीपीपी परियोजनाओं के कम लागत पर दीर्घ–कालिक पूंजी  की व्यवस्था करने को प्रोत्साहित करे. जोखिम का आवंटनः पीपीपी में अकुशल और असमान जोखिम आवंटन इसकी विफलता का प्रमुख कारक हो सकता है. इस क्षेत्र और परियोजना विशेष संदर्भ में में तर्कसंगत जोखिम आवंटन किया जा सकता है.

निष्कर्ष

बुनियादी क्षेत्र में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप देश में बुनियादी ढांचा विकास को गति देने के लिए एक मूल्यवान साधन है. बड़ी युवा आबादी जिन्हें अच्छी नौकरी की जरुरत होगी और वैश्विक बचत का बहुत बड़ा पूल जिसे बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, के साथ भारत की वर्तमान स्थिति काफी बेहतर है. भारत को आर्थिक वृद्धि और विकास की दिशा में तेजी से बढ़ने में सक्षम बनाने हेतु पीपीपी महत्वपूर्ण नीति उपकरण हैं. भारत के जनसांख्यिकीय संक्रमण की तात्कालिकता को देखते हुए और पीपीपी के प्रबंधन में भारत द्वारा अर्जित अनुभव के साथ सरकार को पीपीपी मॉडल को परिपक्वता और परिष्करण के अगले स्तर पर ले जाना होगा.

केंद्र सरकार को काले धन से 2428.4 करोड़ रुपये की कर प्राप्ति

07-JAN-2016

केंद्र सरकार को 31 दिसंबर 2015 तक काले धन से 2428.4 करोड़ रुपये का कर प्राप्त हुआ. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 7 जनवरी 2016 को इसकी घोषणा की. केंद्र द्वारा कालेधन से संबंधित कानून कड़े किए जाने के बाद सरकार को 2428.4 करोड़ रूपये टैक्स के रूप में प्राप्त हुए. यह धन विदेशों में जमा कालेधन की घोषणा के लिए दी गई अनुपालन खिड़की सुविधा के तहत सरकार को मिला. पिछले वर्ष (2015) संपन्न हुई इस अनुपालन खिड़की के तहत कुल 644 घोषणाएं की गई. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अनुसार, उपरोक्त राशि कर और जुर्माने के रूप में 31 दिसंबर 2015 तक मिली. नए कालाधन रोधक कानून के तहत 90 दिन की अनुपालन खिड़की सुविधा 30 सितंबर, 2015 को बंद हुई. इस दौरान कुल 4,164 करोड़ रुपये के कालेधन के बारे में 644 घोषणाएं की गईं. बेहिसाबी धन के बारे में घोषणा करने वालों को घोषित राशि पर 30 प्रतिशत कर और 30 प्रतिशत जुर्माना 31 दिसंबर, 2015 तक चुकाना था. विदित हो कि अघोषित विदेशी आय और आस्ति (कर अधिरोपण) कानून 2015,1 जुलाई 2015 को प्रभाव में आया था. इस कानून के तहत 30 सितंबर 2015 तक स्वयं विदेशों में जमा अवैध संपत्ति की घोषणा करने पर 30 फीसदी कर और 30 फीसदी जुर्माना देने का विकल्प दिया गया था. ऐसा करने वालों पर कोई आपराधिक कार्रवाई नहीं करने का भरोसा दिया गया था. इसके बाद संपत्ति का पता चलने पर 120 फीसदी कर व जुर्माना लगाने का प्रावधान है. इसके साथ दस साल तक जेल हो सकती है.

खाद्य सुरक्षा के लिए टाटा ट्रस्ट और मार्स इन्कोर्पोरेटेड के मध्य समझौता

07-JAN-2016

टाटा ट्रस्ट्स और वैश्विक खाद्य कंपनी मार्स, इनकॉरपोरेटेड ने 6 जनवरी 2016 को कृषि विकास के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए इस समझौते का उद्देश्य देश में कृषि विकास करना, कुपोषण की समस्या को समाप्त करना और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देना है. टाटा ट्रस्ट की ओर से इसमें सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट, सर रतन टाटा ट्रस्ट, और नवाज भाई  रतन टाटा ट्रस्ट शामिल हैं. दोनों के मध्य फसल उत्पादकता, कृषि आय और चुनिंदा कृषि जींसों का टिकाउपन बढ़ाने के तरीके ढूंढने के लिए सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. इसके अतिरिक्त दोनों कंपनियां देश में सुरक्षित, सस्ते और टिकाउ कच्चे माल को उपलब्ध कराने के लिए भी सहयोग करेंगी. समझौते के अनुसार मुख्य रूप से मिंट, मूंगफली, चावल, और फलियों को शामिल किया जाएगा. टाटा ट्रस्ट और मार्स मुख्य रूप से भारत अफ़्लोटोक्सिन नामक विषैले केमिकल को समाप्त करेंगे. अफ़्लोटोक्सिन के क्षेत्र में मार्स की विशेषज्ञता है. जीएआईएन रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष पांच साल से कम उम्र के 3 लाख बच्चों की मृत्यु कुपोषण के कारण होगी. कुपोषण और अल्पपोषण भारत में चिंता का महत्वपूर्ण मुद्दा है. यूनिसेफ के अनुसार वर्तमान में, प्रत्येक तीन कुपोषित बच्चों में से एक भारत में रहता है.

स्नोफ्लेक मूंगे के तिरुवनंतपुरम में मिलने से समुद्री पारिस्थितिकी को खतरा

07-JAN-2016

फ्रेंड्स ऑफ़ मरीन लाइफ (एफएमएल) नामक एनजीओ के लिए काम करने वाली स्कूबा डाइवर्स की टीम ने दिसम्बर 2015 को स्नोफ्लेक मूंगे की विभिन्न प्रजातियों के विकास को रिकॉर्ड किया. यह विकास तिरुवनंतपुरम एवं कन्याकुमारी तटों से कुछ दूर देखने को मिला. वैज्ञानिकों के अनुसार मूंगे की इस प्रजाति के इतने तेज़ी से बढ़ने के कारण क्षेत्र की समुद्री पारिस्थितिकी को खतरा उत्पन्न हो गया है. इस प्रजाति की खोज तिरुवनंतपुरम में कोवलम समुद्री किनारे से 10 मीटर गहराई में तथा कन्याकुमारी में एनायम स्थित 18 मीटर गहराई में की गयी. इस प्रजाति को क्षेत्रीय मछुआरों की जानकारी में वृद्धि एवं पारंपरिक धारणाओं के तहत क्षेत्र में समुद्री पारिस्थितिकी को बेहतर बनाने के उद्देश्य से खोजा गया. यह परियोजना शोधकर्ता रोबर्ट पनिपिल्ला द्वारा संचालित की गयी.

स्नोफ्लेक मूंगा

•    कारिजोया रिसेई अथवा स्नोफ्लेक मूंगा क्लावुलारिया प्रजाति से जाना जाता है. •    इसका मूल निवास उष्णकटिबंधीय पश्चिमी अटलांटिक महासागर, कैरेबियन सागर और मैक्सिको की खाड़ी है. इसकी रेंज ब्राजील से दक्षिण कैरोलिना तक फैली हुई है. •    यह विश्व के अन्य क्षेत्रों जैसे अमेरिका स्थित हवाई में भी पाया जा रहा है. •    यह छाया में उगने वाली प्रजाति है जो पानी के नीचे उन स्थानों पर उगती है जहां प्रकाश कम होता है. यह गुफाओं, पत्थरों के नीचे आदि स्थानों पर देखी जा सकती है. यह किसी भी प्रकार के पदार्थ जैसे धातु, लकड़ी, कंक्रीट, प्लास्टिक अथवा रस्सी पर भी उग सकती है. •    यह तेज़ धाराओं या लहरों में किसी भी स्थिति में पानी में पनपती है.

प्रजाति का आवधिक विकास

स्नोफ्लेक मूंगा को सबसे पहले वर्ष 1972 में हवाई में खोजा गया था जो पर्ल हार्बर में देखी गयी. इसके बाद यह अन्य महाद्वीपों जैसे ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, इंडोनेशिया एवं फिलिपिन्स में भी फैल गयी. भारत के सन्दर्भ में, इसे निकोबार स्थित कुंडोल द्वीप पर मई 2009 में खोजा गया. इसके बाद समस्त मूंगे की चट्टानों वाले क्षेत्र में इसे पाया जाने लगा जिसमें मन्नार की खाड़ी, कच्छ की खाड़ी, गोवा एवं अंडमान निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं.

खतरा

इसके विस्तार से अन्य प्रजातियों को खतरा हो सकता है जैसे मूंगा, स्पोंज, काई, एसीडीयन्स आदि. यह प्रजातियां समुद्री पारिस्थितिकी में संतुलन बनाये रखती हैं जिन्हें खतरा हो सकता है. इनकी अधिकता से मूंगे की चट्टानों को खतरा हो सकता है जिससे यहां की अन्य समुद्री प्रजातियों के लिए भोजन एवं निवास की समस्या उत्पन्न हो सकती है.

मनन चतुर्वेदी राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष नियुक्त

07-JAN-2016

राजस्थान सरकार ने 7 जनवरी 2016 को समाजसेवी मनन चतुर्वेदी को राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया. राजस्थान राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग के अनुसार, राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष के रूप में मनन का कार्यकाल कार्य ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष के लिए होगा.

मनन चतुर्वेदी से संबंधित मुख्य तथ्य:

मनन चतुर्वेदी राजस्थान में कार्यरत एक प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता हैं. वे कई वर्षों से अपनी संस्था ‘सुरमन’ के माध्यम से अनाथ बच्चों के लिए काम कर रही हैं और अब तक कुल 98 लावारिस बच्चों को गोद ले चुकी हैं. जिसे 2500 तक करना उनका लक्ष्य है. वे सीकर रोड पर अपने इस प्रोजेक्ट के लिए फंड जमा करती हैं. बच्चों के मदद के लिए वे मैराथन पेंटिंग शो भी करती हैं.

डॉ. अच्युत सामंत वर्ष 2017-18 के भारतीय विज्ञान कांग्रेस के अध्यक्ष निर्वाचित

07-JAN-2016

डॉ. अच्युत सामंत को 6 जनवरी 2016 को वर्ष 2017-18 के भारतीय विज्ञान कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया. इसके तहत डॉ. अच्युत सामंत वर्ष 2017-18 के 105वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस की अध्यक्षता करेंगे.

डॉ. अच्युत सामंत से संबंधित मुख्य तथ्य:

डॉ अच्युत सामंत का जन्म 19 अप्रैल 1965 को ओड़िशा के कटक जिले के कलारबंका नामक गाँव में हुआ. उन्होने उत्कल विश्वविद्यालय से रसायन विज्ञान में एएसससी की. वे प्रसिद्ध सामाजोद्यमी एवं शिक्षाशास्त्री हैं. उन्होने कलिंग प्रौद्योगिकी संस्थान (KIT), कलिंग औद्योगिक प्रौद्योगिकी संस्थान (KIIT) तथा कलिंग समाज विज्ञान संस्थान के संस्थापक हैं. इन संस्थानों में आदिवासी छात्र-छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा दी जाती है. वे भारत के किसी विश्वविद्यालय के सबसे कम उम्र के उप कुलपति रह चुके (लिम्का बुक ऑफ वर्ड रिकार्ड्स) हैं.

भारतीय विज्ञान कांग्रेस से संबंधित मुख्य तथ्य:

भारतीय विज्ञान कांग्रेस या 'भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ' (Indian Science Congress Association/ISC) भारतीय वैज्ञानिकों की शीर्ष संस्था है. इसकी स्थापना वर्ष 1914 में हुई थी. प्रतिवर्ष दिसंबर/जनवरी के बीच इसका सम्मेलन आयोजित होता है. भारतीय विज्ञान कांग्रेस की स्थापना का मुख्य उद्देश्य भारत में विज्ञान को बढ़ावा देना था.

बिहार में कारागारों की स्थिति पर एनएचआरसी ने दिया नोटिस

07-JAN-2016

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 06 जनवरी 2016 को कारागारों की खराब स्थिति के मामले में बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है. एनएचआरसी ने "बिहार में कारागार स्थिति रिपोर्ट 2015' शीर्षक से शोधकर्ता स्मिता चक्रवर्ती की मीडिया में आई विस्तृत रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया. आयोग ने मुख्य सचिव और कारागार महानिदेशक, बिहार सरकार को चार सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को कहा है. पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और बिहार राज्य विधि सेवा प्राधिकार के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी एन सिन्हा ने बिहार कारागारों की स्थिति सम्बन्धी कार्य स्मिता चक्रवर्ती को प्रदान किया था. जिसमे राज्य के सभी 58 कारागारों का दौरा करने और उनकी स्थिति का अध्ययन कर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यह भी माना कि वह पूरे देश में कारागार की खराब स्थिति से अनजान नहीं है, लेकिन वर्तमान खबर कैदियों के  मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन हैं. शोधकर्ता स्मिता चक्रवर्ती ने अपने अध्ययन के दौरान 30,070 कैदियों से बात की और अंतिम रिपोर्ट 15 नवंबर 2015 को जारी की.

नियमों का उल्लंघन-

रिपोर्ट में वर्तमान कैदियों के मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन बताया गया है.

रिपोर्ट कैदियों के मानव अधिकारों और उनके बुनियादी हकों के हनन पर प्रकाश डालती है.

रिपोर्ट के अनुसार देश भर में जेल सुधारों की तत्काल आवश्यकता है.

रिपोर्ट में विशेष रूप से महिलाओं के लिए, जेलों में चिकित्सा सुविधाओं के अभाव पर प्रकाश डाला गया है.

जेलों में कैदियों को जबरन काम करने के लिए बाध्य करने के तथ्यों पर भी प्रकाश डाला गया है. इसे पूर्वाग्रह से ग्रस्त बताया गया है.

ऐसे लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के अनुरूप कार्यवाही करने का सुझाव दिया गया है.

सुझाव-

संपूर्ण अध्ययन की मुख्य बात यह है कि बिना किसी अपीलीय निकाय द्वारा पर्यवेक्षण के जेल मैनुअल नियमों द्वारा प्रदान विवेकाधीन शक्तियों के तहत कैदियों की सजा के मुद्दों को सामने लाया जाय.

अधिवक्ताओं को उनके मुवक्किल (वादी) से जेल में मिलने दिया जाय. जिससे वे उनके परीक्षणों को पूरा करने के लिए मजिस्ट्रेट के समक्ष तथ्यों को पेश कर सकें.

आवश्यकताओं होने पर विचाराधीन बंदियों को परीक्षणों के तहत नि: शुल्क कानूनी सहायता हेतु  वकील से वंचित न रखा जाय.

भारत की पहली नदी सूचना प्रणाली का शुभारम्भ

07-JAN-2016

केंद्रीय जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने 6 जनवरी 2015 को गंगा नदी पर 145 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय जलमार्ग 1 (हलदिया से फरक्का) पर भारत की पहली नदी सूचना प्रणाली (आरआईएस) का उद्घाटन किया.

इस प्रणाली का उद्देश्य हवाई यातायात नियंत्रण की तरह जलमार्ग पर भी सुरक्षित और सटीक नेविगेशन की सुविधा प्रदान करना है.

नदी सूचना प्रणाली आधुनिक ट्रैकिंग उपकरण और संबंधित हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर का संयोजन है.

इस सुविधा को चरण 2(फरक्का से पटना) और चरण 3(पटना से वाराणसी) तक प्राथमिकता के आधार पर विस्तृत किया जाएगा.

इस परियोजना के अनतर्गत 26.23 करोड़ रुपए की लागत से सात दूरस्थ (बेस स्टेशन साइटों) को हल्दिया, गार्डन रीच (जीआर) घाट, त्रिवेणी, स्वरूपगंज, कुमारपुर, बलिया और फरक्का में स्थापित किया जाएगा.

कार्यक्रम के अंतर्गत फरक्का और जीआर घाट पर दो नियंत्रण केन्द्रों को स्थापित किया जाएगा जो  स्वचालित पहचान प्रणाली (एआईएस) और वीएचएफ के के माध्यम से जहाजों पर नजर रखेंगे और संवाद करेंगे.

राष्ट्रीय जलमार्ग विधेयक, 2015 , 21 दिसंबर 2015 को लोक सभा द्वारा पारित किया गया था परन्तु यह राज्यसभा में लंबित है. इस विधेयक के मध्यम से जलमार्ग नेविगेशन में सुधर की संभावना है.

भारत में वेदांता के धातु व्यापार प्रमुख के रूप में समीर केयरे की नियुक्ति

07-JAN-2016

वैश्विक धातु एवं खनन समूह वेदांता लिमिटेड ने समीर केयरे को 6 जनवरी 2016 को भारत में धातु विभाग का मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया. इसके तहत समीर को वेदांता लिमिटेड के डायवर्सिफाइड मेटल्स (इंडिया) का सीईओ नियुक्त किया गया है.

समीर केयरे, वेदांता रिर्सोसेस के सीईओ टॉम अल्बानीज को रिपोर्ट करेंगे और वेदांता कार्यकारी समिति के सदस्य भी होंगे. वेदांता लिमिटेड के एल्युमीनियम, इंडिया कॉपर, पावर आयरन ओर डिविजन आदि के बेहतर प्रदर्शन की खातिर समीर केयरे को इसका परिचालनात्मक व रणनीतिक नेतृत्व दिया गया.

विदित हो कि समीर केयरे वेदांता से पहले केयरी लाफार्ज आदि कंपनियों में काम कर चुके हैं. इन्होंने आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली और एचईसी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, पेरिस से प्रबंधन में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की.

वेदांता से संबंधित मुख्य तथ्य:

वेदांता लिमिटेड, मुख्य रूप से धातु एवं खनन क्षेत्र से संबंधित कंपनी है. इसकी स्थापना वर्ष 1976 में मुंबई में अनिल अग्रवाल द्वारा की गई, जोवर्तमान में वेदांता लिमिटेड के चेयरमैन भी हैं. वेदांता का कार्यक्षेत्र भारत के साथ साथ अफ्रीका,आस्ट्रेलिया एवं जिम्बाम्बे में है. इसका मुख्यालय लंदन (इंग्लैंड) में स्थित है.

मुफ़्ती मोहम्मद सईद का निधन

07-JAN-2016

जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सईद का 7 जनवरी 2016 को नई दिल्ली स्थित एम्स में उनका निधन हो गया. वे 79 वर्ष के थे. सईद ने जम्मू कश्मीर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की स्थापना की थी. उन्हें गले में दर्द एवं बुखार की शिकायत होने पर एम्स में भर्ती कराया गया.

मुफ़्ती मोहम्मद सईद

•    12 जनवरी 1936 को जन्मे सईद वर्ष 1987 तक इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी के सदस्य रहे. •    वर्ष 1987 में उन्होंने वी पी सिंह की पार्टी जन मोर्चा में शामिल होने के लिए कांग्रेस से त्यागपत्र दे दिया था. •    वे वर्ष 1989 में पहले मुस्लिम गृह मंत्री बने. •    वे पीवी नरसिंह राव के कार्यकाल में दोबारा कांग्रेस में शामिल हुए. इसके बाद उन्होंने वर्ष 1999 में कांग्रेस छोड़ कर अपनी बेटी महबूबा मुफ़्ती के सहयोग से जम्मू एवं कश्मीर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का गठन किया. •    वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में कश्मीर घाटी में पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी. •    मुफ़्ती मोहम्मद सईद ने 1 मार्च 2015 को जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.

कुणाल शाह आईएएमएआई के अध्यक्ष नियुक्त

07-JAN-2016

गैर लाभकारी औद्योगिक संगठन आईएएमएआई(इन्टरनेट एंड मोबाइल एसोसिएश्न ऑफ़ इण्डिया) ने 6 जनवरी 2016 को फ्रीचार्ज के सह-संस्थापक कुणाल शाह को आईएएमएआई का अध्यक्ष नियुक्त किया है. शाह लिंक्डइन के पूर्व प्रबंध निदेशक निशांत राव का स्थान लेंगे. राव को फ्रेशडेस्क ने ग्लोबल चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर नियुक्त कर लिया है. इसके अतिरिक्त संघ ने भुगतान सेवा प्रदाता सीसीएवेन्यू के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्वास पटेल को  नया कोषाध्यक्ष नियुक्त किया है. शाह ने वर्ष 2010 में फ्रीचार्ज से जुड़े थे. ज्ञात हो वर्ष 2015 में फ्रीचार्ज को स्नेपडील ने खरीद लिया था.

आईएएमएआई के बारे में

• आईएएमएआई एक गैर लाभकारी उद्योग संगठन है जो की सोसायटी अधिनियम, 1896 के अंतर्गत पंजीकृत है.

• यह संगठन ऑनलाइन और मोबाइल वैल्यू ऐडेड सेवाओं का विस्तार करने के प्रति समर्पित है.

• यह संगठन इंटरनेट और मोबाइल क्षेत्र की चुनौतियों को पहचान कर उसे दूर करने का कार्य करता है.

नर्सरी एडमिशन: दिल्ली सरकार ने स्कूलों में खत्म किया मैनेजमेंट कोटा

07-JAN-2016

दिल्ली सरकार ने 6 जनवरी 2016 को महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी दाखिले के लिए निजी स्कूलों में प्रबंधन कोटा और अन्य सभी कोटा खत्म कर दिया है. सरकार ने एक बार पुन: गाइडलाइंस जारी की हैं. आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए केवल 25 प्रतिशत आरक्षण हो जाएगा और बाकी 75 प्रतिशत आम जनता के लिए उपलब्ध कराया जाएगा. दिल्ली सरकार ने यह निर्णय दाखिलों में मनमानी करने की शिकायतें मिलने के बाद लिया. सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को निर्देश दिया है कि ईव्ब्ल्यूएस (EWS) के 25 फीसदी कोटे के अलावा 75 फीसदी सीटें आरक्षित नहीं की जानी चाहिए. सरकार ने प्रवेश के लिए अपनी वेबसाइटों पर स्कूलों द्वारा सूचीबद्ध 62 मनमानी और भेदभावपूर्ण मापदंड खत्म कर दिए हैं. मैनेजमेंट कोटे के बारे में सरकार का मानना है कि इसमे पारदर्शिता नहीं है. निर्णय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया.राज्य सरकार के अनुसार कुछ स्कूल मानदंडों का पालन न कर अनुच्छेद 14 का उल्लंघन कर रहे थे. दिल्ली में निजी स्कूलों में मनमाने ढंग से प्रबंधन के लिए कोटा, भाई बहन, पूर्व छात्रों और कई अन्य लोगों के लिए नियत किया हुआ है. निर्णय राजधानी में 2500 से अधिक निजी स्कूलों में नर्सरी कक्षाओं के लिए प्रवेश प्रक्रिया के बीच में आया. जो स्कूल इस नियम को नहीं मानेंगे उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्टैंड अप इंडिया योजना को मंजूरी दी

07-JAN-2016

6 जनवरी 2016 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजातियों एवं महिलाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए स्टैंड अप इंडिया योजना को मंजूरी दे दी. योजना का उद्देश्य प्रत्येक उद्यमी वर्ग के लिए औसतन प्रति बैंक शाखा न्यूनतम दो परियोजनाओं को सरल बनाना है. योजना से 2.5 लाख उधारकर्ताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है. कम– से– कम 2.5 लाख मंजूरी का यह लक्ष्य योजना के शुरु होने के 36 माह के भीतर प्राप्त करना तय किया गया है. 

स्टैंड अप इंडिया योजना की मुख्य विशेषताएं

• 10,000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक धनराशि के साथ भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के माध्यम से पुनर्वित्त खिड़की (रिफाइनैंस विंडो) 

• यह राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी (एनसीजीटीसी) के जरिए क्रेडिट गारंटी तंत्र बनाएगा. 

• यह उधारकर्ताओं को ऋण पूर्व चरण और संचालन दोनों ही के दौरान समर्थन मुहैया कराएगा. 

• इसका फोकस एससी/एसटी और महिला उधारकर्ताओं को समर्थन देना है. 

• इसका उद्देश्य 7 वर्ष तक बैंक का कर्ज चुकाने की सुविधा के साथ आबादी के पिछड़ों तक संस्थागत ऋण संरचना का लाभ पहुंचाना और एससी, एसटी और महिला उधारकर्ताओं द्वारा गैरकृषि क्षेत्र वाले सेटअप में ग्रीनफिल्ड इंटरप्राइजेज के लिए 10 लाख रुपयों से 100 लाख रुपयों के बीच की धनराशि उपलब्ध कराना है. 

• इस योजना के तहत ऋण उचित तरीके से संरक्षित एवं ऋण गारंटी योजना के माध्यम से ऋण गारंटी द्वारा समर्थित होगा. इसके लिए वित्तीय सेवा विभाग निपटानकर्ता होगा. 

• राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी (एनसीजीटीसी) ऋण के लिए संचालक एजेंसी होगी. 

• संयुक्त ऋण की मार्जिन मनि 25 फीसदी तक होगा. 

15 अगस्त 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में स्टार्ट अप इंडिया स्टैंड अप इंडिया पहल की घोषणा की थी.

शौचालय बिहार पंचायत चुनाव प्रत्याशियों की अनिवार्य अर्हता

07-JAN-2016

बिहार में त्रिस्तरीय आम पंचायत चुनाव 2016 के द्रष्टिगत राज्य चुनाव आयोग प्रमुख अशोक कुमार चौहान ने 04 जनवरी 2016 को उम्मीदवार के घर में शौचालय को प्राथमिक योग्यता घोषित कर दिया. चुनाव 10 चरणों में कराया जायेगा. चुनाव के संबंध में तिथियों की अधिसूचना 15 फरवरी तक जारी होने की संभावना है.

घर में शौचालय होने का शपथ पत्र-

  • सभी उम्मीदवारों को एक जनवरी 2015 की तिथि तक अपने घर में शौचालय होने संबंधी शपथ पत्र देना होगा. अन्यथा उम्मीदवार चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जायेगा.
  • सभी उम्मीदवारों के चुनाव खर्च की सीमा को निर्धारित किया जाएगा.

इन पदों के लिए होना है चुनाव-

  • राज्य में चुनाव मुखिया, सरपंच, पंचायत सदस्य, पंच, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य के 2 लाख 58 हजार 772 पदों के लिएहोना है.

चुनाव दलीय आधार पर नहीं-

  • पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होगा.
  • इसमें प्रत्याशियों के लिए दो संतान की बाध्यता भी नहीं होगी.
  • ग्राम पंचायत के मुखिया के 8397 पद, सरपंच के 8397 पद, ग्राम पंचायत सदस्य के 114650 पद, ग्राम कचहरी के पंच के 114650 पद,पंचायत समिति के 11516 पद, और जिला परिषद सदस्यों के 1162 पदों जो कुल मिलाकर दो लाख 58 हजार 772 पदों के लिए चुनाव करायाजाना है.
  • पंचायत चुनाव में 12-13 लाख के करीब प्रत्याशी शामिल होने की संभावना है. चुनाव में पदों के आरक्षण का चक्र बदल जायेगा.
  • लगभग 90 फीसदी पदों में आरक्षण की स्थिति में बदलाव होगा.
  • मतदान के लिए अभी तक एक लाख 17 हजार बूथ हैं जो बाद में बधायी जाएंगी.

प्रत्येक चरण में 53 प्रखंडों में होंगे पंचायत चुनाव-

  • प्रत्येक चरण में 53 प्रखंडों में पंचायत चुनाव कराए जाएंगे. प्रत्येक चरण में 16 हजार 823 होमगार्ड के जवानों की तैनाती की जाएगी.
  • पुलिस बलों की उपलब्धता के आधार पर सभी बूथों पर सशस्त्र बल तैनात किए जाएंगे.

 

पृष्ठभूमि-

  • यह निर्णय 5 अगस्त 2015 को बिहार विधान सभा द्वारा पारित बिहार पंचायत राज (संशोधन) विधेयक, 2015, पर आधारित है.
  • विधान पंचायत राज के सभी स्तर पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के लिए कुछ अनिवार्य प्रावधान किए गए थे.
  • जिनमे से एक 31 जनवरी 2016 तक प्रत्येक प्रत्याशी के घर में शौचालय को आवश्यक किया गया है.

 

सैम पित्रोदा, ओडिशा सरकार को तकनीकी सलाहकार नियुक्त

07-JAN-2016

ओडिशा सरकार ने 6 जनवरी 2016 को राज्य में आईटी सेक्टर में विकास के लिए दूरसंचार इंजीनियर और आविष्कारक सैम पित्रोदा को राज्य का तकनीकी सलाहकार नियुक्त किया है. सैम पित्रोदा ओडिशा के लिए समग्र विकास को समर्पित विज़न 2036 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. इसके अतिरिक्त सैम पित्रोदा को कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी प्रदान किया जाएगा. विदित हो ओडिशा वर्ष 1936 में एक अलग राज्य के रूप में स्थापित किया गया था और वर्ष 2036 में ओडिशा राज्य के गठन के 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे. इससे पूर्व वर्ष 2015 के अक्टूबर माह में सैम पित्रोदा ने ओडीशा में अपनी आत्मकथा ' ड्रीमिंग बिग : माई जर्नी तो कनेक्ट इंडिया’ का विमोचन भी किया था. ज्ञात हो वर्ष 2014-15 में ओडिशा से सॉफ्टवेयर निर्यात 2564 करोड़ रुपए था जो पिछले वर्ष की तुलना में में 11 प्रतिशत अधिक था. इसके अतिरिक्त 200 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाले निवेशकों को राज्य सरकार की ओर से 25 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाएगी, और यदि प्रोजेक्ट में निवेश सरकारी बैंक के मध्यम से हो रहा है तो ब्याज का 5 प्रतिशत सरकार द्वारा दिया जाएगा. ध्यातव्य हो सैम पित्रोदा भारत के पहले टेलिकॉम कमीशन के अध्यक्ष थे.

अपूर्वी चंदेला ने स्वीडिश कप ग्रां प्री में विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता

07-JAN-2016

भारतीय महिला निशानेबाज अपूर्वी चंदेला ने स्वीडिश कप ग्रां प्री में 5 जनवरी 2016 को 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता. चंदेला ने 211.2 अंक अर्जित करके चीन की ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता यी सिलिंग के 211 अंक का रिकार्ड तोड़ा. इस प्रतियोगिता में स्वीडन की एस्ट्रिड स्टीफेन्सन (207.6 ) ने रजत पदक और स्टीन नीलसन (185.0) ने कांस्य पदक जीता.

अपूर्वी चंदेला

•    4 जनवरी 1993 को जन्मीं अपूर्वी सिंह चंदेला भारतीय महिला शूटर हैं जो 10 मीटर एयर राइफल प्रतिस्पर्धा में कुशल हैं.

•    उन्होंने महारानी गायत्री देवी कन्या विद्यालय, जयपुर से अपनी स्कूली शिक्षा संपन्न की.

•    उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के जीसस एंड मैरी कॉलेज से सामाजिक विज्ञान में स्नातक उत्तीर्ण की.

•    वर्ष 2012 में उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल प्रतिस्पर्धा में राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप के दौरान स्वर्ण पदक जीता.

•    वर्ष 2014 में उन्होंने द हॉज में इंटरशूट चैंपियनशिप के दौरान चार पदक जीते, इसमें दो व्यक्तिगत एवं दो टीम प्रतिस्पर्धा के दौरान जीते गये.

•    उन्होंने वर्ष 2014 में ग्लासगो में आयोजित कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान स्वर्ण पदक जीता.

•    अपूर्वी वर्ष 2016 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों के लिए भी 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में क्वालीफाई कर चुकी हैं.

हाशिम अमला ने दक्षिण अफ्रीका टेस्ट कप्तान पद से इस्तीफ़ा दिया

07-JAN-2016

दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट खिलाड़ी हाशिम अमला ने 6 जनवरी 2016 को टेस्ट कप्तान के पद से इस्तीफ़ा दे दिया. उनके स्थान पर एबी डिविलियर्स कप्तान बनेंगे. उन्होंने यह इस्तीफ़ा इंग्लैंड के साथ दूसरा टेस्ट ड्रॉ होने के बाद अपने पद से इस्तीफा दिया. भारतीय दौरे में टीम को 3-0 की हार मिली थी जिसके बाद से अमला की कप्तानी पर सवाल उठाए जा रहे थे. अमला की कप्तानी में टीम को बॉक्सिंग डे टेस्ट में भी इंग्लैंड के हाथों हार मिली थी. इससे पहले ग्रिम स्मिथ के 2014 में संन्यास लेने के बाद हाशिम अमला को टेस्ट टीम की कप्तानी सौंपी गई थी, उस वक्त उन्होंने लगातार तीन टेस्ट सीरीज में टीम को लगातार जीत दिलाई थी लेकिन भारत दौरे पर दक्षिण अफ्रीका के 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में मेजबान टीम भारत से 3-0 से हारने के बाद वे आलोचकों के निशाने पर थे.

वर्ष 2014-15 के बीसीसीआई पुरस्कारों की घोषणा

07-JAN-2016

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने 5 जनवरी 2016 को नौंवें बीसीसीआई पुरस्कारों की घोषणा की. वर्ष 2014-15 के लिए दिए गये इन पुरस्कारों का वितरण मुंबई में किया गया. यह पुरस्कार बीसीसीआई के अध्यक्ष शशांक मनोहर द्वारा प्रदान किये गये. यह पुरस्कार भारत के खिलाडियों को घरेलू एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर किये गये प्रदर्शन के आधार पर दिए गये.

पुरस्कार

विजेता

कर्नल सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड

सैयद किरमानी

वर्ष के अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेटर के लिए पॉली उमरीगर ट्रॉफी

विराट कोहली

रणजी ट्रॉफी में बेस्ट ऑलराउंडर हेतु लाला अमरनाथ पुरस्कार

जलज सक्सेना (मध्य प्रदेश)

सीमित ओवरों के खेल में घेरलू मैच के लिए लाला अमरनाथ अवार्ड

दीपक हूडा (बड़ोदा)

रणजी ट्रॉफी में सर्वाधिक स्कोर के लिए माधवराव सिंधिया अवार्ड

रोबिन उथप्पा (कर्नाटक)

रणजी ट्रॉफी में सर्वाधिक विकेट लेने वाली खिलाड़ी के लिए माधवराव सिंधिया अवार्ड

आर विनय कुमार (कर्नाटक)

शारदुल ठाकुर (मुंबई)

अंडर 23 खिलाड़ी के तौर पर एमए चिदंबरम ट्रॉफी

अल्मास शौकत (उत्तर प्रदेश)

एमए चिदंबरम ट्रॉफी अंडर-19 सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी

अनमोल प्रीत सिंह (पंजाब)

अंडर-16 के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के रूप में एमए चिदंबरम ट्रॉफी

शुभम गिल (पंजाब)

सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी (सीनियर) के लिए एमए चिदंबरम ट्रॉफी

मिताली राज (रेलवे)

सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी (जूनियर)

देविका वैद्य (महाराष्ट्र)

घरेलू क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ अंपायर

ओ नंदन

पीएसपीबी ने जीते पुरुष एवं महिला राष्ट्रीय टेबल टेनिस

खिताब

08-JAN-2016

पेट्रोलियम स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड (पीएसपीबी) ने 7 जनवरी 2016 को हैदराबाद के कोटला विजय भास्कर रेड्डी इंडोर स्टेडियम में आयोजित 77वीं सीनियर नेशनल एंड इंटरनेशनल टेबल टेनिस चैम्पियनशिप में पुरुष एवं महिला वर्ग का खिताब जीता.

पीएसपीबी की पुरुष टीम ने हरियाणा को 3-1 से पराजित कर 18वीं बार बारना बलाक कप पर कब्जा किया जबकि उसकी महिला टीम ने पश्चिम बंगाल को 3-0 से हराकर ओवरऑल 14वीं बार जयलक्ष्मी कप अपने नाम किया.

ज्ञात हो 77वीं सीनियर नेशनल एंड इंटरनेशनल टेबल टेनिस चैम्पियनशिप का आयोजन 5 जनवरी 2016 को हैदराबाद में किया गया था.

केंद्र सरकार ने सांडों के खेल जल्लीकट्टू से प्रतिबंध हटाया

08-JAN-2016

केंद्र सरकार ने 7 जनवरी 2015 को सांडों के खेल जल्लीकट्टू से प्रतिबंध हटाने की घोषणा की. तमिलनाडु में प्रसिद्ध सांड को काबू करने के इस परंपरागत खेल पर सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2014 में प्रतिबंध लगा दिया था.

पर्यावरण मंत्रालय ने जानवरों पर आधारित खेल और उनकी पौराणिक मान्यता को देखते हुए नई अधिसूचना जारी की. इसके तहत सभी तरह के जानवरों भालू, शेर, टाइगर, पैंथर, बंदर आदि के दिखाने वाले खेल पर प्रतिबंध रहेगा लेकिन सांड को इससे बाहर कर दिया गया है. 

केंद्र सरकार के नए दिशा निर्देश के बाद तमिलनाडु में प्रसिद्ध ओणम के मौके पर होने वाले जल्लीकट्टू खेल को अनुमति मिल गई है. अधिसूचना के मुताबिक, जल्लीकट्टू के तहत सांड या बैलों को 15 मीटर के दायरे के अंदर ही काबू करना होगा. इसके अलावा महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा, केरल और गुजरात मं होने वाले परंपरागत बैलगाड़ी दौड़ पर भी लगी रोक हट गई है. बशर्ते ये दौड़ एक विशेष ट्रैक पर ही कराई जाए जो दो किलोमीटर से ज्यादा लंबा ना हो.

पूर्व आईएएस अधिकारी डीके सीकरी सीसीआई प्रमुख नियुक्त

08-JAN-2016

गुजरात के पूर्व आईएएस अधिकारी डीके सीकरी 8 जनवरी 2016 को सीसीआई प्रमुख नियुक्त किए गए. 65 वर्ष की आयु तक उनका कार्यकाल ढाई साल का  होगा.

देवेंद्र कुमार सीकरी, गुजरात कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी हैं.

सीकरी ने केन्द्र में और उनके कैडर राज्य गुजरात में विभिन्न पदों पर कार्य किया.

बासठ वर्षीय सीकरी अशोक चावला के उत्तराधिकारी होंगे.

अशोक चावला का कार्यकाल 07 जनवरी 2016 को चार साल बाद खत्म हो गया.

चावला पूर्व वित्त सचिव थे और जून 2011 में पद छोड़ कर धनेन्द्र कुमार के उत्तराधिकारी बने.

वरिष्ठता के आधार पर 31 जुलाई 2013 को उन्हें न्याय विभाग में सचिव बनाया गया.

पूर्व आईएएस अधिकारी महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में सचिव, जनगणना के रजिस्ट्रार जनरल, राजकोट, जामनगर और अन्य स्थानों पर कलेक्टर और दूसरों रहे.

अब तक सीसीआई प्रमुख रहे अशोक चावला विभिन्न विवादों से भी घिरे रहे. जिनमे डीएलएफ, जेपी समूह आईटीडीसी आदि के मामले हैं.

केंद्र सरकार ने विदेश मंत्रालय के साथ प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय का विलय किया

08-JAN-2016

केंद्र सरकार ने 7 जनवरी 2016 को न्यूनतम सरकार, अधिकतम गवर्नेंस के लक्ष्य को प्राप्त करने के क्रम में विदेश मंत्रालय के साथ प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय का विलय किया.

इस विलय के साथ प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम प्रवासी भारतीय दिवस अब 9 जनवरी को विदेश मंत्रालय द्वारा मनाया जाएगा.

ज्ञात हो वर्ष 2004 के मई माह में प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय (एमओआईए) को अनिवासी भारतीयों के मामलों के मंत्रालय के रूप में स्थापित किया गया था. पुनः इसे वर्ष 2014 के सितम्बर माह में प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय नाम दिया गया.

इस मंत्रालय का मुख्य कार्य भारतीय मूल के लोगों को अपनी मातृभूमि से जोड़ना है.

प्रारंभ में प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के दो अलग-अलग मंत्री हुआ करते थे. परन्तु वर्ष 2014 से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राज्य मंत्री विदेश मंत्रालय वीके सिंह दोनों मंत्रालयों को संभाल रहे थे.

टाटा स्टील ने आठवीं बार प्रधानमंत्री ट्रॉफी जीती

08-JAN-2016

टाटा स्टील लिमिटेड को वर्ष 2013-14 के लिए प्रधानमंत्री ट्रॉफी का विजेता घोषित किया गया. टाटा स्टील को यह ट्रॉफी देशभर की इस्पात कंपनियों में बेस्ट परफॉर्मिंग इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट के लिए दी गई. टाटा स्टील ने यह ट्रॉफी आठवीं बार जीती. इसकी घोषणा जनवरी 2016 में की गई.

विशिष्ट जजों के पैनल ने टाटा स्टील को इस ट्रॉफी के लिए चयन किया. इसमें टाटा स्टील के क्षमता उपयोग, संचालनों की दक्षता, वित्तीय प्रदर्शन, उत्पाद स्तर, पर्यावरण प्रबंधन, कॉरपोरेट एवं सामाजिक दायित्व, सुरक्षा, अनुसंधान एवं विकास पर जोर, ग्राहक संतुष्टि, क्षमताजनक मापदंड, कर्मचारी संतुष्टि सूचकांक के आधार कंपनी को यह ट्रॉफी दी गई.

विदित हो कि भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के सुझाव के बाद देश में प्रधानमंत्री ट्रॉफी की शुरुआत की गई थी. ऑपरेशन में दक्षता, उत्पादन स्तर और खर्च में कटौती में अंतराष्ट्रीय मानकों तक पहुंचने का लक्ष्य तय करने और देश में समेकित इस्पात संयंत्रों के बीच प्रतियोगिता को बढ़ावा देने के लिए यह ट्रॉफी दी जाती है. इसके तहत 1992-93 में ट्रॉफी शुरू होने के बाद टाटा स्टील को सर्टिफिकेट फॉर एक्सलेंस दो बार और स्टील मिनिस्टर्स ट्रॉफी एक बार प्राप्त हो चुका है. टाटा स्टील को यह अवार्ड वर्ष 1994-95, 1998-99, 1999-2000, 2000-01, 2001-02, 2008-09, 2010-11 और 2013-14 हेतु मिल चुका है.

मिगुएल तबुएना हिल्टन एशियन टूर गोल्फर घोषित

08-JAN-2016

फिलीपिंस के मिगुएल तबुएना को 7 जनवरी 2016 को दिसंबर महीने के लिए हिल्टन एशियन टूर गोल्फर घोषित किया गया.

21 वर्षीय तबुएना ने विभिन्न एशियन टूर में भाग लिया, वे वर्ष 2008 के बाद पहले फिलिपिन्स नागरिक हैं जिसने फिलिपीन नेशनल ओपन जीता.

यह निर्णय हिल्टन गोल्फ की वेबसाइट (www.asiantour.hiltongolf.com) पर हुए वोटिंग के आधार पर लिया गया. गोल्फ फैन्स ने वोटिंग के आधार पर वर्ष 2015 के अंत में वर्ष के सबसे पसंदीदी गोल्फर के रूप में मिगुएल तबुएना का चयन किया.

तबुएना ने थाईलैंड के फचारा खोंगवात्मई एवं भारत के हिम्मत राय को पीछे छोड़ते हुए यह पुरस्कार प्राप्त किया. इन तीनों का चयन पैनल द्वारा वोटिंग से पहले किया गया जिसमें सबसे अधिक वोट तबुएना को मिले.

मिगुएल तबुएना

•    मिगुएल तबुएना का जन्म 13 अक्टूबर 1994 को हुआ वे फिलिपिन्स के पेशेवर गोल्फ खिलाड़ी हैं.

•    आरंभिक खिलाड़ी के रूप में उन्होंने मलेशिया एवं सिंगापुर चैंपियनशिप जीती. उन्होंने वर्ष 2010 के एशियन खेलों में पुरुषों की स्पर्धा में भी पहला स्थान प्राप्त किया.

•    वे वर्ष 2011 से एशियन टूर खेल रहे हैं लेकिन वर्ष 2015 में उन्होंने फिलिपींस ओपन जीता.

शैलेष, देश के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त नियुक्त

08-JAN-2016

गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव शैलेष, को 7 जनवरी 2016 को भारत का महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त नियुक्त किया गया.

शैलेष, देश के पूर्व जनगणना आयुक्त सी चंद्रमौली का स्थान लेंगे.

चंद्रमौली का कार्यकाल 8 जनवरी 2016 को पूरा हो गया.

शैलेष, अपने पद पर 28 जुलाई 2017 तक रहेंगे.

शैलेष,गृह मंत्रालय से ज्वाइंट सेकेट्री के रूप में 1 अप्रैल 2014 को जुड़े थे और उन्हें 30 जुलाई 2015 को मंत्रालय का एडिशनल सेकेट्री नियुक्त किया गया था.

शैलेष, असम- मेघालय कैडर के 1985 बैच के अधिकारी हैं.

जयदीप आर रे दलाल स्ट्रीट इन्वेस्टमेंट जर्नल के कार्यकारी संपादक और सीओओ नियुक्त

08-JAN-2016

जयदीप आर रे को 7 जनवरी 2016 को भारत की शीर्ष निवेश पत्रिका(इन्वेस्टमेंट जर्नल) दलाल स्ट्रीट इन्वेस्टमेंट जर्नल का कार्यकारी संपादक और मुख्य संचालन अधिकारी नियुक्त किया गया है.

दलाल स्ट्रीट इन्वेस्टमेंट जर्नल में कार्य करने से पहले जयदीप इंडियन एक्सप्रेस और बिजनेस स्टैंडर्ड के गुजरात संस्करण का नेतृत्व कर चुके हैं. इसके अतिरिक्त वह एनडीटीवी प्रॉफिट और एनडीटीवी 24*7 में भी अपनी सेवा दे चुके हैं.

इसके अलवा वह विश्व की सबसे बड़ी न्यूज़ एजेंसी एसोसिएटेडी प्रेस में भी अपनी सेवा दी चुके हैं.

पुणे और मुंबई के बाहर जयदीप दलाल स्ट्रीट इनवेस्टमेंट जर्नल की संपादकीय गतिविधियों और उसके उत्पादों की देखरेख करेंगे.

बाड़मेर में स्वच्छ पीने के पानी के लिए राजस्थान सरकार ने केयर्न इंडिया के साथ समझौता किया

08-JAN-2016

राजस्थान सरकार ने 7 जनवरी 2016 को बाड़मेर में स्वच्छ पीने के पानी के लिए केयर्न इंडिया के साथ समझौता किया है. पीने का पानी थार रेगिस्तान में एक बहुमूल्य वस्तु है. समझौते के बाद प्रदेश में बाड़मेर ज़िले के लोगों को आरओ प्लांट से साफ़ सुथरा पीने का पानी उपलब्ध हो सकेगा. 

एमओयू: केयर्न इंडिया बाड़मेर में 3 सालों में लगाएगी 333 आरओ प्लांट-

इस करार के तहत केयर्न इंडिया बाड़मेर में आने वाले तीन सालों में 333 आरओ प्लांट (क्षमता प्रति 1,000-3,000 लीटर प्रति घंटा) लगाएगी.

इस एमओयू पर राजस्थान सरकार के जलदाय विभाग और केयर्न इंडिया के बीच  हस्ताक्षर किए गए.

जलदाय विभाग की ओर से मुख्य अभियंता ग्रामीण अखिल कुमार जैन और केयर्न की ओर से सिद्धार्थ बालाकृष्णन ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए.

बड़ी संख्या में आरओ प्लांट लग जाने के बाद बाड़मेर ज़िले के 800 से भी ज़्यादा गांवों को पीने का साफ़ पानी मिल सकेगा. जिसमे एक लाख से अधिक लोगों को लाभान्वित होने का अनुमान है.

इन जल परियोजनाओं को आस-पास के गांवों तक अधिकतम सुविधाजनक तरीके से स्थापित किया जाएगा, जिससे ग्रामीणों को इस सुविधा के लिए अधिक दूर तक न जाना पड़े.

वितरण को सुगम बनाने के लिए कई स्थानों पर वाटर एटीएम भी लगाए जाएंगे.

इन प्लांट्स की स्थापना का खर्च केयर्न इंडिया से जुड़ा केयर्न एंटरप्राइज सेंटर वहन करेगा.

जबकि जलदाय विभाग भूमि, जल स्त्रोत और विद्युत उपलब्धता में ग्राम पंचायत की सहायता से सहयोग करेगा.

प्रोजेक्ट के तहत वाटर एटीएम कियोस्क की स्थापना गांवों में ऐसे स्थानों पर की जाएगी, जहां ग्रामीण आसानी से पहुंच सकें. ये जल कियोस्क ग्राम जल समिति द्वारा संचालित किए जाएंगे.

आरओ प्लांट से स्वच्छ पानी के लिए ग्रामीणों को न्यूनतम भुगतान करना होगा.

केयर्न इंडिया के बारे में-

केयर्न इंडिया तेल और गैस की खोज कंपनी द्वारा समर्थित संस्था है.

बाड़मेर जिले में केयर्न इंडिया की तेल क्षेत्र की प्रमुख कंपनी प्रति दिन 175,000 से अधिक बैरल तेल का उत्पादन करती है.

केयर्न इंडिया ने रिवर्स ऑस्मोसिस सुविधाओं की स्थापना के माध्यम से बाड़मेर और जालौर में लोगों को स्वच्छ पेयजल सुनिश्चित कराने के लिएराज्य सरकार के सहयोग से 2014 में 'जीवन अमृत "पायलट परियोजना शुरू की थी.

गुरबीर ग्रेवाल अमेरिकी काउंटी में शीर्ष अभियोजक नियुक्त

08-JAN-2016

भारतीय मूल के अमेरिकी सिख गुरबीर ग्रेवाल को 4 जनवरी 2016 को न्यूजर्सी की सबसे अधिक सघन आबादी वाली काउंटी में शीर्ष अभियोजक नियुक्त किया गया. वह राज्य में इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले दक्षिण एशियाई व्यक्ति हैं.

42 वर्षीय गुरबीर ग्रेवाल ने बर्जन काउंटी के कार्यकारी अभियोजक के तौर पर शपथ ग्रहण की. उन्होंने जॉन मोलिनेल्ली का स्थान लिया है जिनका 14 वर्ष लंबा कार्यकाल पूरा हो गया.

गुरबीग्रेवाल

•    पूर्व संघीय अभियोजक ग्रेवाल ने अमेरिकी अटॉर्नी ऑफिस के लिए धोखाधड़ी के बहुत से मामले लड़े हैं. 

•    इससे पहले वे नेवार्क में आर्थिक अपराध इकाई के प्रमुख के तौर पर सेवा दे रहे थे. 

•    वे कंप्यूटर हैकिंग सेक्शन के भी प्रमुख रह चुके हैं.

•    गुरबीर ग्रेवाल, ग्लेन रॉक के नागरिक हैं तथा इस पद पर नियुक्त किये जाने वाले पहले सिख हैं.

•    उन्हें न्यूजर्सी के गवर्नर क्रिस क्रिस्टी द्वारा 2013 में नामांकित किया गया.

•    ग्रेवाल ने द कॉलेज ऑफ़ विलियम एंड मैरी मार्शल वाईट लॉ स्कूल से कानून शिक्षा में मानद उपाधि प्राप्त की.

यूपी के गढ़मुक्तेश्वर में गंगा ग्राम योजना का शुभारम्भ

08-JAN-2016

यूपी के गढ़मुक्तेश्वर में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री ने 5 जनवरी 2016 को गंगा ग्राम योजना का शुभारम्भ किया. गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए टास्क फ़ोर्स का भी गठन किया गया है. 

योजना के पहले चरण में 200 गांवों को चुना गया है, जिसके तहत गढ़मुक्तेश्वर के इन दो सौ गांवों में साफ सफाई पर जोर दिया जाएगा और पौधरोपण किया जाएगा.

इसके तहत मुख्य रूप से पूठ गांव को गंगा ग्राम घोषित किया गया है.

पूठ गांव को मॉडल गांव बनाने के लिए पक्के शौचालय बनवाए जाएंगे.

बाद यह योजना अन्य गाँव में लागू की जाएगी, इसके लिए प्रत्येक गांव पर एक करोड़ रूपए खर्च का अनुमान है.

इन गांवों को पंजाब स्थित सीकेवाल मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा. सीकेवाल में ग्रामीणों के सहयोग से जटिल समस्या जल प्रबंधन और अपशिष्ट के निपटान का समाधान निकाला गया है.

गंगा सफाई के लिए ईको फ्रेंडली टास्क फोर्स गठित किया गया है.

नालियां और सड़कें पक्की बनवाई जाएंगी.

नालों का पानी सीधे गंगा में प्रवाहित नहीं होने दिया जाएगा.

गंदे पानी को गंगा में जाने से रोकने के लिए आरएसडी योजना लागू की जा रही है.

ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से नालों के पानी को ट्रीटमेंट के बाद ही गंगा में प्रवाहित होने दिया जाएगा.

गंगा में रेत के खनन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.

खनन पर रोक के लिए स्थानीय प्रशासन को भी सचेत किया गया है.

आधुनिक शवदाह गृह बनाए जाएंगे और निर्मल ग्राम के तहत 1600 करोड़ रुपए दिए जाएंगे.

सेना के जवानों को भी गंगा में प्रदूषण रोकने की जिम्मेदारी दी गई है.

बीस हजार करोड़ से होगा ब्रजघाट-गढ़म़ुक्तेश्वर गंगा पीठ

का विकास-

नमामि गंगे योजना भी गढ़ मुक्तेश्वर और अनूपशहर से लॉन्च की जाएगी.

नमामि गंगे योजना के क्रियांवयन के लिए 20 हजार करोड़ की लागत से विकसित होने वाला ब्रजघाट-गढ़मुक्तेश्वर गंगा पीठ धाम योजना की कड़ी बनेगा.

टास्क फ़ोर्स की कंपनियां गंगा किनारे बसे अन्य शहरों कानपुर, वाराणसी और इलाहाबाद में जल्द ही तैनात की जाएंगी.

इसके लिए 1619 ग्राम पंचायतों के 4 हजार गांवो को निर्मल गांवो के रूप में विकसित किया जाएगा और गंगा को स्वच्छ बनाए रखने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा.

औद्योगिक ईकाइयों के विरूद्ध होगी कार्रवाई-

गंगा को प्रदूषित करने वाली औद्योगिक ईकाइयों के खिलाफ जल संसाधन मंत्रालय और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सख्त कार्रवाई करेगा.

गंगा को प्रदूषित करने वाली औद्योगिक ईकाइयों के लिए प्रदेश सरकार से वार्ता कर कानून बनाया जाएगा.

भारत में गुलाबी गेंद से खेली जाएगी क्रिकेट, दलीप ट्रॉफी से होगा शुभारंभ

08-JAN-2016

भारत का प्रतिष्ठित घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट दलीप ट्रॉफी गुलाबी गेंद से खेला जाएगा. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की तकनीकी व दौरा एवं कार्यक्रम निर्धारण समिति ने 05 जनवरी 2016 को यह फैसला लिया.

दलीप ट्रॉफी में आगामी संस्करण के मैच दिन-रात के प्रारूप में खेले जाएंगे. आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की क्रिकेट टीमों के बीच हुए पहले दिन-रात्रि टेस्ट मैच की सफलता को देखते हुए यह निर्णय किया गया है.

दलीप ट्रॉफी के बारे में-

दलीप ट्रॉफी टूर्नामेंट का आयोजन अब अगले वर्ष 2017 में होगा.

वर्ष 1996-97 में रणजी ट्राफी फाइनल भी डे-नाइट खेला गया था, लेकिन उसमें गुलाबी गेंद का इस्तेमाल नहीं हुआ था.

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा 1961-62 में शुरू किया गया  तब से लेकर अब तक इसके प्रारूप में काफी बदलाव किए गए.

दलीप ट्रॉफी पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण और मध्य इन पांच जोन के बीच आयोजित होने वाला घरेलू टूर्नामेंट है.

इस प्रतियोगिता के मैच नॉक आउट आधार पर खेले जाते हैं.

पाकिस्तान ने भी अपने घरेलू मैच डे-नाइट कराने का फैसला किया है.

भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली डे-नाइट टेस्ट का समर्थन कर चुके हैं.

भारत एवं फ़्रांस के मध्य संयुक्त सैन्य अभ्यास शक्ति-2016 आरंभ

08-JAN-2016

भारत और फ़्रांस ने 8 जनवरी 2016 को आठ दिवसीय आतंकवाद विरोधी संयुक्त सैन्य अभ्यास शक्ति-2016 राजस्थान में आरंभ किया. इसका आयोजन राजस्थान के बीकानेर स्थित महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में किया जा रहा है.

भारत-फ्रांस संयुक्त आतंकवाद निरोधक अभ्यास एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे दोनों देशों की सेनाओं को संयुक्त रूप से प्रशिक्षण और अति अहम ऑपरेशनल अनुभव प्राप्त होगा.  

•    फ़्रांस की सातवीं आर्म्ड ब्रिगेड की 35वीं इंफेन्ट्री रेजीमेन्ट के 56 सैनिकों के दल का नेतृत्व मेजर थीबू ड्यूलैकॉस्ट लाहेमॉंड्यू कर रहे हैं. इस सैन्य टुकड़ी ने अफगान युद्ध में भी भाग लिया था.

•    भारतीय सैन्य दल में सप्त शक्ति कमांड के अधीन द्वितीय गढ़वाल राइफल्स को इस युद्धाभ्यास के लिए नियुक्त किया गया है. 

•    इस अभ्यास के लिए इस यूनिट ने कठिन प्रशिक्षण लिया है जिसमें फायरिंग, सामरिक आपरेशन व हैली-बोर्न संचालन आदि शामिल हैं.

•    इस यूनिट को अच्छे सेना आदेश व अनुशासन का पालन करने, आतंकवाद पर काबू रखने और उत्तरी इलाके की सीमा में शांति बनाए रखने के लिए एक बार सेनाध्यक्ष यूनिट प्रशंसा पत्र और दो बार जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ उत्तरी कमान यूनिट प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया जा चुका है.

35 वीं फ्रेंच इन्फेंट्री रेजिमेंट

यह 35वीं इन्फेंट्री रेजिमेंट 1604 में लोरेन के सदस्य नेमोंद द्वारा स्थापित की गयी थी. इन्हें 12 युद्धों में विजय प्राप्त करने का श्रेय हासिल है. इस बटालियन ने अल्जीरिया, अफ्रीका, इराक एवं अफगानिस्तान में युद्ध में भाग लिया है.

प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इसका उपनाम एस डी ट्रेफल था. वर्तमान में यह बेलफोर्ट नामक स्थान पर मौजूद सैन्य स्थल पर तैनात है.

वर्ष 2015-16 के लिए पंजाब एवं उत्तराखंड की अटल मिशन योजना को मंजूरी

08-JAN-2016

केंद्र सरकार ने वर्ष 2015-16 के लिए पंजाब एवं उत्तराखंड की अटल मिशन योजना को 7 जनवरी 2016 को मंजूरी प्रदान की. केंद्रीय शहरी विकास सचिव मधुसूदन प्रसाद की अध्यक्षता में एक अंतर-मंत्री स्तरीय शीर्ष समिति द्वारा मंजूर राज्य वार्षिक कार्य योजनाए (एसएएपी) के तहत पंजाब को 319 करोड़ रुपए की सहायता मिलेगी, जबकि उत्तराखंड को 134 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे.

उपरोक्त निर्णय के तहत पंजाब सरकार वर्ष 2015-16 के लिए अटल कायाकल्प एवं शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) 16 नगरों में मूलभूत शहरी ढांचे को बेहतर बनाने पर 720 करोड़ रुपए का निवेश करेगी जबकि उत्तराखंड सरकार 6 नगरों में 267 करोड़ रुपए का निवेश करेगी.

पंजाब में देश भर में सर्वश्रेष्ठ‍ सीवरेज उपचार ढांचा है, जहां 16 मिशन नगरों में से 12 में 100 प्रतिशत सीवरेज उपचार क्षमता उपलब्ध है. केवल अमृतसर, बरनाला, बटाला एवं फिरोजपुर में इस मामले में कमी है, जिसके लिए 2015-16 के लिए एसएएपी के तहत परियोजनाओं का प्रस्ताव रखा गया है.

उत्तराखंड सरकार ने 6 मिशन नगरों में 20 जल आपूर्ति संबंधी परियोजनाओं में 133 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव रखा. उत्तराखंड में 6 अटल मिशन नगरों में पानी के कनेक्शन वाले परिवारों का प्रतिशत रुद्रपुर में 11, काशीपुर में 15, रुड़की में 49, देहरादून में 78, हलद्वानी में 80 एवं हरद्वार में 90 है.

विदित हो कि अटल मिशन के तहत वर्ष 2015-16 के लिए एसएएपी के अंतर्गत उत्तराखंड सरकार ने रुद्रपुर में 67 करोड़, देहरादून में 59 करोड़, काठगोदाम में 50 करोड़, हरिद्वार में 39 करोड़, हलद्वानी में 37 करोड़ एवं रुड़की में 37 करोड़ रुपए निवेश करने का प्रस्ताव रखा.

उपरोक्त मंजूरी के साथ शहरी विकास मंत्रालय ने कुल 20,137 करोड़ रुपए के परियोजना व्यय के साथ 20 राज्यों में 469 नगरों एवं शहरों के लिए नगर स्तरीय सेवा बेहतरी योजनाओं (एसएलआईपी) को मंजूरी दी, जिसमें केंद्रीय सहायता लगभग 10,000 करोड़ रुपए की है.

पनडुब्बी रोधी स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस कदमत नौसेना में शामिल

08-JAN-2016

नौसेना प्रमुख एडमिरल आरके धवन ने कमोर्ता श्रेणी के दूसरे युद्धपोत आईएनएस कदमत को 7 जनवरी 2016 को नौसेना में शामिल कर लिया.

इस युद्धपोत का विशाखापत्तनम के विजाग में जलावतावरण किया गया.

इस युद्धपोत का निर्माण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड ने किया है.

यह गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा प्रोजेक्ट 28 के अंतर्गत निर्मित चार पनडुब्बी रोधी स्वदेशी युद्धपोतों में से दूसरी है.

इस युद्धपोत का नाम लक्षदीप में कदमत नामक आइसलैंड के नाम पर रखा गया है.

इस पोत का 90 प्रतिशत डिजाइन नौसेना डिजाइन निदेशालय द्वारा तैयार किया गया है जबकि इउसका निर्माण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा किया गया है.

यह 109 मीटर लम्बा और 14 मीटर चौड़ा है.

आईएनएस कदमत नामक यह पोत चार डीजल इंजन से चालित है.

यह युद्धपोत पनडुब्बी रोधी हेलीकॉप्टर, टारपीडो और एंटी सबमेरिन रॉकेट जैसे मारक हथियारों से भी लैस है. इसके अतिरिक्त यह जंगी जहाज डीआरडीओ द्वारा विकसित 3डी एयर/सरफेस सर्विलांस रडार से लैस जो सैकड़ों किलोमीटर दूर हवा और गहरे पानी में देश की ओर बढ़ रहे दुश्मन के लक्ष्य को पकड़ने में सक्षम है.

इस पोत पर कमांडिंग ऑफिसर कमांडर महेश चन्द्र मुदगिल के साथ 13 अधिकारी और 180 नाविक रहेंगे.

जलावतावरण के पश्चात यह पूर्वी नौसेना कमान के तहत पूर्वी बेड़े का अभिन्न हिस्सा बन जाएगा.

यह शिप आईआर सबप्रेशन सिस्टम से लैस है जो की पोत के इंजन से पैदा होने वाली ऊष्मा को कम करेगा और इस तरह से यह पोत हीट सीकिंग मिसाइल से बचने में भी सक्षम होगा.

यह परमाणु, जैविक और रासायनिक (एनबीसी) युद्ध की स्थिति में लड़ने में सक्षम है.

रघुराम राजन सेंट्रल बैंकर ऑफ़ द इयर पुरस्कार से सम्मानित

08-JAN-2016

भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को 7 जनवरी 2016 को वर्ष 2016 के लिए सेंट्रल बैंकर ऑफ़ द इयर अवार्ड (ग्लोबल एंड एशिया पसिफ़िक) से सम्मानित किया गया. यह पुरस्कार फाइनेंशियल टाइम्स ग्रुप के मासिक प्रकाशन द बैंकर द्वारा दिया गया.

सेंट्रल बैंकर ऑफ़ द इयर 2016 पुरस्कार उन अधिकारियों को दिया जाता है जिन्होंने देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दिया हो.

रघुराम राजन

•    3 फरवरी 1963 को जन्मे रघुराम गोविन्द राजन भारतीय रिज़र्व बैंक के 23वें गवर्नर हैं.

•    उन्होंने इस केन्द्रीय बैंक के साथ 5 सितंबर 2013 को कार्य करना आरंभ किया था.

•    उन्होंने वित्त मंत्रालय में भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

•    वे अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में 2003 से 2007 तक मुख्य अर्थशास्त्री भी रहे.

द बैंकर

•    द बैंकर एक मासिक अन्तरराष्ट्रीय आर्थिक पत्रिका है जिसका प्रकाशन द फाइनेंशियल टाइम्स लिमिटेड द्वारा होता है. 

•    इसका पहला अंक जनवरी 1926 में इसके संस्थापक ब्रेडन ब्रेकन द्वारा प्रकाशित किया गया.

•    बैंकर ऑफ़ द इयर एक वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह है जिसमें विश्व के प्रसिद्ध आर्थिक संगठनों को शामिल किया जाता है.

कैलिफ़ोर्निया ने लॉस एंजलिस में मीथेन गैस रिसाव के बाद आपातकाल घोषित किया

08-JAN-2016

कैलिफ़ोर्निया गवर्नर जेरी ब्राउन ने 6 जनवरी 2016 को लॉस एंजलिस के बाहरी क्षेत्र में मीथेन गैस के रिसाव के कारण राज्य में आपातकाल की घोषणा की. गवर्नर ने  इसे रोकने के सभी उपाय करने का आदेश जारी किया.

यह लीकेज दक्षिण कैलिफ़ोर्निया में मौजूद पोर्टर रैंच में 23 अक्टूबर 2015 को गैस कंपनी एलिसो कैनियन स्टोरेज फील्ड में गैस रिसाव हुआ. इस घटना से सैंकड़ों लोग स्थांनांतरित हो गये तथा बहुत से परिवारों को बेघर होना पड़ा.

यह गैस वातावरण में बहुत तेज़ी से स्थान बना रही है जो कि राज्य की कुल मीथेन गैस का एक चौथाई है. पर्यावरण सुरक्षा कोष के एक अनुमान के अनुसार लगभग 62 मिलियन क्यूबिक फीट मीथेन प्रतिदिन वातावरण में लीक हो रही है.

इससे पहले दिसम्बर 2015 में, लॉस एंजलिस के एक सिटी कोर्ट ने पोर्टर रैंच को हज़ारों लोगों को शरण देने के लिए कहा था. इस आदेश में 2000 से अधिक परिवारों को नए स्थान पर बसाये जाने का निर्णय लिया गया.

यह केंद्र वर्ष 1953 में बनाया गया था जिसके सुरक्षा वाल्व को इस पर्वतीय क्षेत्र में 8,000 फीट की गहराई में बनाया गया है.

मीथेन

मीथेन (सीएच4) एक कठोर ग्रीनहाउस गैस है जो वायुमंडल में सोलर रेडिएशन को नियंत्रित कर सकती है. यह साधारण एल्केन है जो प्राकृतिक गैस का प्रमुख भाग है. यह वातावरण को कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में सैंकड़ों अथवा हज़ारों गुना अधिक गर्म कर सकता है. मीथेन की सर्वप्रथम नवम्बर 1776 में इटली के अविष्कारक एलेसेंड्रो वोल्टा द्वारा खोज की गयी.

स्वीडिश कप ग्रां प्री में अपूर्वी चंदीला ‘शूटर ऑफ द टूर्नामेंट’ से सम्मानित

08-JAN-2016

भारत की महिला निशानेबाज अपूर्वी चंदीला ने 7 जनवरी 2016 को स्वीडिश कप ग्रां प्री में दूसरा स्वर्ण पदक जीतकर ‘शूटर ऑफ द टूर्नामेंट’ का ख़िताब जीता.

स्वीडन के साव्जो में खेली गयी चैंपियनशिप में चंदीला ने महिलाओं की 10 मीटर ट्राई सीरीज स्पर्धा में 208.9 का स्कोर कर स्वर्ण जीता. उन्होंने नॉर्वे की मलिन वेस्टरहेम को 0.5 अंकों से हराया और क्वालिफिकेशन में वो चौथे स्थान पर थीं.

विदित हो अपूर्वी चंदीला ने इससे पूर्व स्वीडिश कप ग्रांप्री में महिलाओं की दस मीटर एयर राइफल में वर्ल्ड् रिकार्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था.

इसके अतिरिक्त चंदीला ने वर्ष 2015 में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था और अप्रैल,2015 में चंगवोन, कोरिया में आईएसएसएफ विश्व कप में कांस्य पदक जीतने के बाद भारत के लिए एक ओलंपिक कोटा हासिल किया था.