विश्व स्वास्थ्य संगठन ने श्रीलंका को मलेरिया मुक्त देश घोषित किया

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 5 सितम्बर 2016 को श्रीलंका को मलेरिया मुक्त देश घोषित कर दिया है और इसे जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में असाधारण उपलब्धि करार दिया है.

डब्‍ल्‍यूएचओ ने श्रीलंका को मलेरिया उन्मूलन का प्रमाणपत्र दिया. 20वीं सदी के मध्य में यह मलेरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में शामिल था.

कैसे श्रीलंका ने घातक बीमारी पर विजयी प्राप्त किया?

•    श्रीलंका ने मलेरिया को खत्म करने के लिए कोने-कोने तक जागरूकता अभियान चलाया.

•    मलेरिया को खत्म करने के लिए मोबाइल मलेरिया क्लीनिक शुरू किए गए. इन क्लीनिक की मदद से मलेरिया के असर को कम किया गया और मलेरिया को आगे बढ़ने से रोका गया.

•    मलेरिया के सभी केसों को पहचानकर उनका पूरी तरह इलाज किया.

•    मलेरिया के मच्छरों को मारने के लिए घरों में भी छिड़काव नीति को अपनाया.

•    वर्ष 2006 तक श्रीलंका में हर साल मलेरिया के 1000 मामले सामने आते थे. वर्ष 2012 तक यह संख्या घटकर शून्य तक पहुंच गई.

•    पिछले साढ़े तीन साल में स्थानीय स्तर पर एक भी मलेरिया का मामला सामने नहीं आया है.

मलेरिया के बारे में:

•    मलेरिया एक वाहक-जनित संक्रामक रोग है जो प्रोटोज़ोआ परजीवी द्वारा फैलता है.

•    यह मुख्य रूप से अमेरिका, एशिया और अफ्रीका महाद्वीपों के उष्ण तथा उपोष्ण कटिबंधी क्षेत्रों में फैला हुआ है.

•    मलेरिया के परजीवी का वाहक मादा एनोफ़िलेज़ मच्छर है.

•    इसके काटने पर मलेरिया के परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश कर के बहुगुणित होते हैं जिससे रक्तहीनता (एनीमिया) के लक्षण उभरते हैं.

•    इसके अलावा अविशिष्ट लक्षण जैसे कि बुखार, सर्दी और जुखाम जैसी अनुभूति भी देखे जाते हैं.

•    देश में राष्ट्रीय मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम वर्ष 1953 से ही शुरू किया गया.

 

भारतीय संरक्षणवादी बिभूति लहकर ने आईयूसीएन का हेरिटेज हीरोज़ अवार्ड जीता

भारतीय पारिस्थितिक तंत्र विद्वान एवं संरक्षणवादी बिभूति लहकर को 4 सितंबर 2016 को प्रकृति संरक्षण हेतु अंतर्राष्ट्रीय संघ द्वारा  प्रतिष्ठित हेरिटेज हीरोज अवार्ड प्रदान किया गया.

लहकर को यह पुरस्कार हवाई स्थित होनुलुलू में आयोजित विश्व संरक्षण कांग्रेस में प्रदान किया गया.

भारतीय प्रकृति विज्ञानी को पांच अन्य विजेताओं के साथ वर्ष 2016 का हेरिटेज हीरोज़ अवार्ड प्रदान किया गया.

इस पुरस्कार का उद्देश्य चुनौतीपूर्ण स्थितियों में विश्व धरोहर स्थलों के संरक्षण में किये गये असाधारण प्रयासों की पहचान करके उन्हें पुरस्कृत करना है.

बिभूति लहकर

•    बिभूति लहकर ने भारत के असम राज्य में चरागाह पारितंत्रों पर व्यापक शोध किया है.

•    उन्होंने मानस राष्ट्रीय उद्यान के चारागाहों पर पीएचडी की है.

•    उनके शोध कार्यो में मानस राष्ट्रीय उद्यान एवं काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान विशेष एवं विस्तृत रूप से शामिल हैं.

•    उन्हें प्रतिष्ठित रुफोर्ड फाउंडेशन की ओर से ग्रांट भी प्रदान की गयी. 

•    उन्होंने मानस राष्ट्रीय उद्यान पर जीआईएस सर्वेक्षण भी किया.

•    उनके शोध निष्कर्ष एवं सिफारिशें बाघ संरक्षण योजना के महत्वपूर्ण घटक हैं.

 

सिंचाई योजनाओं को केन्द्रीय सहायता उपलब्ध कराने हेतु नाबार्ड के साथ समझौता

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के अधीन सिंचाई योजनाओं को केन्‍द्रीय सहायता उपलब्ध कराने हेतु 06 सितंबर 2016 को नाबार्ड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किये गए. पीएमकेएसवाई में प्राथमिकता वाली 99 सिंचाई योजनाएं हैं.

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की 2015-16 के दौरान शुरुआत की गई.

इस कार्यक्रम से 25 राज्‍यों को लाभ पहुंचा.

केन्‍द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती के अनुसार देश में त्‍वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआईबीपी) के तहत 99 प्राथमिकता वाली परियोजनाओं को तेजी से लागू करने हेतु अगले चार वर्षों के दौरान बाजार से 77000 करोड़ रुपये जुटाये जायेंगे.

56 एआईबीपी परियोजनाओं के अंतर्गत देश के 18 राज्‍यों के सभी सूखा प्रभावित जिलों को शामिल किया जायेगा.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 27 जुलाई 2016 को 99 प्राथमिकता वाली परियोजनाओं को पूरा करने और नाबार्ड के माध्यम से धन की व्यवस्था हेतु एक मिशन की स्‍थापना को मंजूरी प्रदान की.

केन्द्र सरकार ने देश में प्रमुख/ मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के लिए केन्द्रीय सहायता प्रदान करने के लिए त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम की वर्ष 1996-97 में शुरूआत की थी.

एआईबीपी की शुरुआत से लेकर अब तक वित्तीय व्‍यवस्‍था के लिए 297 सिंचाई/ बहुउद्देशीय परियोजनाओं को इसके तहत शामिल किया गया.

इन परियोजनाओं से 24.39 लाख हेक्‍टेयर भूमि की सिंचाई संभावनाओं का सृजन हुआ और इस योजना के तहत राज्‍यों को 31 मार्च, 2015 तक 67539.52 करोड़ रुपये की सकल केन्‍द्रीय ऋण सहायता /अनुदान उपलब्‍ध कराया गया.

संबंधित राज्‍यों द्वारा 2019-20 तक 99 परियोजनाओं की पूरा करने हेतु पहचान की गई.

23 परियोजनाओं (प्राथमिकता-1) की पहचान 2016 तक पूरी करने के लिए की गई है.

31 अन्‍य परियोजनाओं (प्राथमिकता-2) की 2017-18 तक पूरा करने की पहचान की गई है.

बकाया 45 परियोजनाओं (प्राथमिकता-3) की दिसम्‍बर 2019 तक पूरा करने की पहचान की गई है.

सभी 99 परियोजनाओं के लिए आवश्‍यक कुल धनराशि 77595 करोड़ रुपये (परियोजना कार्यों के लिए 48546 करोड़ रुपये और सीएडी कार्यों के लिए 29049 करोड़ रुपये) तथा 31342 करोड़ रुपये की अनुमानित सीए के साथ व्‍यय होने का अनुमान लगाया गया.

इन परियोजनाओं के माध्‍यम से संभावित उपयोग 76.03 लाख हेक्‍टेयर होने का अनुमान है.

2015-16 के दौरान एआईबीपी के तहत परियोजना के लिए 2327.82 करोड़ रुपये की केन्‍द्रीय सहायता और सीएडीडब्‍ल्‍यूएम, एसएनवाई और जल निकायों के आरआरआर के अधीन परियोजना के लिए तथा 1905.8 करोड़ रुपये की सीए राशि जारी की गई.

पीएमकेएसवाई (एआईबीपी और एचकेकेपी) के लिए 2015-16 के दौरान कुल 4233.63 करोड़ रुपये की सीए जारी की गई.

बजटीय अवरोधों को ध्‍यान में रखते हुए वर्ष वार आवश्‍यकता के अनुसार नाबार्ड से केन्‍द्रीय हिस्‍सा/ सहायता (सीए) को उधार लेने का निर्णय लिया गया है.
जिसका तीन वर्ष की रियायती अवधि रखते हुए 15 वर्ष की समावधि में वापस भुगतान किया जायेगा.

केन्‍द्रीय स्‍तर पर योजना को मंजूरी दी गई और इन परियोजनाओं को एक मिशन के रूप में पूरा किया जायेगा.

 

के जी जॉर्ज ने वर्ष 2015 का जे सी डेनियल अवार्ड जीता

प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक के जी जॉर्ज को 6 सितंबर 2016 को प्रतिष्ठित जे सी डेनियल अवार्ड से सम्मानित किया गया. उन्हें यह पुरस्कार मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में उनके योगदान के कारण दिया गया.

यह पुरस्कार उन्हें राज्य फिल्म अवार्ड कार्यक्रम के दौरान अक्टूबर 2016 पलाक्काड में प्रदान किया जायेगा.

के जी जॉर्ज

•    वे एक भारतीय फिल्म निर्देशक एवं पटकथा लेखक हैं.

•    उन्हें 1970 के दशक में उन निर्देशकों की श्रेणी में गिना जाता है जिन्होंने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में क्रन्तिकारी बदलाव लाने में अहम भूमिका निभाई.

•    वे अपनी फिल्मों में गहरे मनोवैज्ञानिक विश्लेषण एवं किरदारों पर विशेष अध्ययन के लिए जाने जाते हैं.

•    उन्होंने वर्ष 1975 में फिल्म स्वप्नादानम से पदार्पण किया, इस फिल्म को मलयालम भाषा की सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय फिल्म का पुरस्कार मिला.

•    उनकी प्रसिद्ध फ़िल्में हैं – उल्कदल, मेला, यवनिका आदि.

•    वे मलयालम सिने टेक्निशियन एसोसिएशन (एमएसीटीए) के संस्थापक एवं चेयरमैन हैं.

जे सी डेनियल अवार्ड

•    यह पुरस्कार केरल सरकार द्वारा भारतीय फिल्म निर्देशक जे सी डेनियल द्वारा मलयालम सिनेमा में उनके योगदान के स्मरण में प्रदान किया जाता है. 

•    यह प्रत्येक वर्ष केरल राज्य चलचित्र अकादमी द्वारा प्रदान किया जाता है.

•    इसका आरंभ वर्ष 1992 में हुआ.

•    विजेताओं का चयन स्वतंत्र जूरी द्वारा किया जाता है. अभिनेता मधु इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले पहले कलाकार थे.

 

मध्यप्रदेश सरकार ने सिंचाई परियोजना हेतु 2937.39 करोड़ रुपये की मंजूरी प्रदान की

मध्यप्रदेश सरकार ने 05 सितम्बर 2016 को प्रदेश की चार सिंचाई परियोजनाओं हेतु 2937.39 करोड़ रुपये धनराशी की मंजूरी प्रदान की. इन परियोजनाओं से 95,730 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जाएगी.

बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की.

  • मंत्रिपरिषद ने खंडवा जिले की भाम (राजगढ़) मध्यम उद्वहन सिंचाई परियोजना के कुल सिंचाई क्षेत्र 6,100 हेक्टेयर के लिए 228.11 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी है.
  • राजगढ़ जिले में बाँकपुरा लघु सिंचाई परियोजना की 1990 हेक्टेयर रबी सिंचाई के लिए 93 करोड़ 61 हजार रुपये की स्वीकृति प्रदान की है.
  • पुनरीक्षित, छिंदवाड़ा जिले की पेंच व्यपवर्तन परियोजना की 85,000 हेक्टेयर रबी सिंचाई के लिए 2544.57 करोड़ रुपये की तृतीय पुनरीक्षित और खरगोन जिले की खारक सिंचाई परियोजना के कुल सिंचाई क्षेत्र 2640 हेक्टेयर के लिए 71.70 करोड़ रुपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी है.

मंत्रिपरिषद के अन्य निर्णय-

  • इसके अतिरिक्त मंत्रिपरिषद ने वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग के तहत उद्योग एवं रोजगार संचालनालय का अलग से गठन करने की मंजूरी प्रदान की.
  • मंत्रिपरिषद ने अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए तीन नए क्रीड़ा परिसर, 20 प्री-मेट्रिक एवं 20 पोस्ट मेट्रिक छात्रावास, 65 कन्या शिक्षा परिसर भवन का निर्माण, संभाग मुख्यालय में चार आदर्श आवासीय विद्यालय की स्थापना तथा विशेष पिछड़ी जनजाति समूह के लिए आदर्श एकलव्य आवासीय विद्यालय का संचालन, स्थापना पदों का सृजन और भवन निर्माण की मंजूरी दी.
  • मंत्रिपरिषद ने 40 माध्यमिक शाला का हाई स्कूल में उन्नयन करते हुए प्राचार्य के 40 पद, संविदा शाला शिक्षक वर्ग-दो के 240 पद, संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 के 40 पद, सहायक ग्रेड-3 कम्प्यूटर ज्ञान प्राप्त के 40 पद तथा भृत्य के 40 पद, इस तरह कुल 400 पद की स्वीकृति दी है.
  • मंत्रिपरिषद ने खनिज क्षेत्र में प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने और खनिज राजस्व में वृद्धि के उद्देश्य से एनएमडीसी (नेशनल मिनरल डेव्हलपमेंट कापरेरेशन) और मैंगनीज इंडिया लिमिटेड के साथ एमओयू करने का निर्णय लिया.
  • इस सम्बंद्झ में समझौता भौमिकी तथा खनिकर्म संचालनालय और राज्य खनिज निगम द्वारा किया जायेगा.

 

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा देश में कुष्ठ रोग निदान अभियान की शुरुआत

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 5 सितंबर 2016 को कुष्ठ रोग निदान अभियान की शुरुआत की गयी. अभियान का उद्देश्य प्रभावित व्यक्तियों में कुष्ठ रोग का शुरुआत में ही निदान करना तथा उन्हें शारीरिक अक्षमता और अंगों की खराबी से बचाना है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 19 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 32 करोड़ लोगों की जांच की जाएगी.

अभियान के मुख्य बिंदु

•    इस अभियान में 2,97,604 टीमों को लगाया गया है जिनमें प्रत्येक टीम में एक महिला आशाकर्मी और एक पुरुष स्वसयंसेवी शामिल हैं.

•    ये टीमें निर्धारित क्षेत्रों के प्रत्येक घर का दौरा करेंगी और कुष्ठ रोग के संबंध में परिवार के सभी सदस्यों की जांच करेंगी.

•    इस अभियान के तहत जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को रखा गया है, उनमें आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, नगालैंड, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, चंडीगढ़, दादरा एवं नागर हवेली, दिल्ली और लक्षद्वीप शामिल हैं.

•    इस अभियान में उन जिलों को शामिल किया गया है जहां पिछले तीन सालों में कुष्ठ रोग दर 10,000 की आबादी पर एक से अधिक मामलों में पाई गई है.


•    इसके अतिरिक्त ऐसे लोगों का समय पर उपचार किया जाएगा ताकि सामुदायिक स्तर पर रोग के फैलाव को रोका जा सके.

पहला एलसीडीसी मार्च-अप्रैल 2016 को 7 राज्यों के 50 जिलों में शुरू किया गया था. इसके तहत बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य‍ प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और उत्तर प्रदेश को रखा गया था तथा लगभग 60.8 करोड़ आबादी इसके दायरे में थी.

कुष्ठ रोग

•    कुष्ठ रोग मुख्यतः ऊपरी श्वसन तंत्र के श्लेष्म और बाह्य नसों की एक ग्रैन्युलोमा-संबंधी बीमारी है, त्वचा पर घाव इसके प्राथमिक बाह्य संकेत हैं.

•    इसमें चेहरे पर, नितंबों पर, शरीर के अन्य हिस्सों पर लाल व स्परर्शहीन धब्बे हो जाते हैं.

•    यदि कुष्ठ रोग का उचित समय पर उपचार न किया जाये तो यह रोग बढ़ सकता है, जिससे त्वचा, नसों, हाथ-पैरों और आंखों में स्थायी क्षति हो सकती है.

•    इसका उपचार सभी सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क उपलब्ध है.

 

ओडिशा सरकार ने 'बीजू कन्या रत्न योजनाकी शुरुआत की

ओडिशा सरकार ने 3 सितम्बर 2016 को राज्य के तीन जिलों में लड़कियों के विकास के लिए ‘बीजू कन्या रत्न योजना’ की शुरुआत की.

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य सचिवालय में योजना का शुभारंभ किया.

यह योजना कम लिंगानुपात वाले तीन ज़िलों - गंजाम, ढेंकनाल और अंगुल में लैंगिक भेदभाव पर जागरूकता पैदा करने के लिए शुरू किया गया हैं.

योजना की मुख्य विशेषताएं:

•    इस योजना का उद्देश्य तीन जिलों में जन्म के समय लिंगानुपात और बाल लिंगानुपात में सुधार लाना है.

•    तीन जिलों में गंजाम, ढेंकनाल और अंगुल में तीन साल के लिए यह योजना लागू किया गया हैं.

•    इस योजना को प्राथमिक स्कूलों में लड़कियों के नामांकन, लड़कियों के स्कूल छोड़ने पर निगरानी और उनके लिए बेहतर माहौल सुनिश्चित करना है.

•    नयागढ़, गंजाम, ढेंकनाल और अंगुल जिले में बाल लिंगानुपात वर्ष 1991 की जनगणना में 963 था तथा वर्ष 2011 की जनगणना में घटकर 941 हो गया.

•    नयागढ़ जिले में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना का प्रचार-प्रसार हो रहा है.

 

माइक्रोसॉफ्टगूगल एवं सेल्सफ़ोर्स ने ईयू-यूएस प्राइवेसी शील्ड फ्रेमवर्क को अपनाया

अमेरिका की अग्रणी टेक्निकल कम्पनियों - माइक्रोसॉफ्ट, गूगल एवं सेल्सफ़ोर्स ने 3 सितंबर 2016 को ईयू-यूएस प्राइवेसी शील्ड फ्रेमवर्क को अपनाये जाने की घोषणा की. इससे वे नए मानकों के तहत यूरोपियन यूनियन (ईयू) से डाटा प्राप्त कर सकेंगे.

सेफ हारबर नेटवर्क के तहत हस्ताक्षरित 5526 कम्पनियों में से 103 कम्पनियों ने इस फ्रेमवर्क को अपनाया है. फेसबुक, एप्पल एवं ट्विटर ने अभी प्राइवेसी शील्ड फ्रेमवर्क को नहीं अपनाया है.

प्राइवेसी शील्ड फ्रेमवर्क

•    यूरोपियन कमिशन ने जुलाई 2016 को ईयू-यूएस प्राइवेसी शील्ड फ्रेमवर्क को अपनाया ताकि ईयू से संयुक्त राज्य अमेरिका को डाटा हस्तांतरित किया जा सके.

•    प्राइवेसी शील्ड एक स्वैच्छिक योजना है जिसमें वेब कम्पनियां यूरोपियन नागरिकों के निजी आंकड़ों को यूरोपियन डाटा नियमों के तहत जारी करती हैं.

•    इन नियमों को अमेरिकी वाणिज्य संस्था की ओर से जारी किया जा रहा है.

 

ब्रिक्स फिल्म समारोह में थीथी ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार जीता

प्रशंसित कन्नड़ फिल्म थीथी ने 6 सितंबर 2016 को प्रथम ब्रिक्स फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार जीता. ब्रिक्स फिल्म समारोह नई दिल्ली में आयोजित किया गया.

• ब्रिक्स फिल्म महोत्सव भारत में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के ही एक भाग के रूप में विशेष तौर आयोजित किया गया.
• यह ब्रिक्स फिल्म महोत्सव पांच दिनों तक चला. जिसमे भारत, ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका में बनी फिल्मों को दर्शाया गया. 
• चीन का चेंगदू शहर ब्रिक्स फिल्म समारोह के अगले संस्करण की मेजबानी करेगा.

फिल्म थीथी बारे में-

• फिल्म थीथी 2016 में कन्नड़ भाषा में निर्मित ड्रामा फिल्म है. इसके सह लेखक और निर्देशक राम रेड्डी हैं.
• फिल्म में कर्नाटक के मांड्या जिले में गांवों से गैर पेशेवर अभिनेताओं ने प्रस्तुति दी है.
• फिल्म में 101 वर्षीय कुलपिता की मृत्यु पर प्रतिक्रिया व्यक्त की गयी है. हल्के-फुल्के मनोरंजन के साथ फिल्म का विषय पुरुषों की तीन पीढ़ियों की कहानी के बारे में है.
• 68 वें लोकार्नो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में 8 अगस्त 2015 को फिल्म का प्रीमियर किया गया. 
• वर्तमान श्रेणी के फिल्म निर्माता रेड्डी के लिए लोकार्नो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में इस फिल्म को स्वर्ण लेपर्ड प्रदान किया गया. फिल्म को  पहला फीचर पुरस्कार स्वाच भी दिया गया.
• 63 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में कन्नड़ भाषा में  सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किया गया.

समारोह में अन्य पुरस्कार-

• चीन के फिल्मकार जिंकी हुओ को फिल्म क्सुं झांग (Xuan Zang) के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार प्रदान किया गया.
• रूस की यूलिया पेरेसिल्ड को बैटल फॉर सेवास्तोपोल (The Battle for Sevastopol) के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार प्रदान किया गया.
• दक्षिण अफ्रीका के थाबो रामेत्सी को फिल्म कलुषि में उनकी भूमिका, द स्टोरी ऑफ़ सोलोमन मह्लान्गु हेतु सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया गया.

 

 

जीआरएसई ने वॅाटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट "तिहायुभारतीय नौसेना को सौंपी

गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) ने वॅाटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट "तिहायु" को 30 अगस्त 2016 को कोलकाता में भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया.

पूर्वी नौसेना कमान के चीफ स्टाफ अधिकारी रियर एडमिरल एस. आर. सरमा ने नौसेना के द्वारा स्वीकृत किए जाने से पहले जहाज का अंतिम निरीक्षण किया.

इससे पहले जीआरएसई ने 2009 से 2011 तक 10 वॅाटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट का निर्माण करके उन्होंने भारतीय नौसेना में शामिल किया था, जो अच्छी सेवाएं प्रदान कर रहा हैं.

वॅाटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट "तिहायुसे संबंधित मुख्य तथ्य:

•    इस युद्धपोत को भारतीय नौसेना के लिए जीआरएसई द्वारा बनाया गया फास्ट अटैक क्राफ्ट्स के उन्नत संस्करण में से हैं.

•    यह युद्धपोत को जीआरएसई के इन-हाउस डिजाइन केंद्र में विकसित किया गया है.

•    यह युद्धपोत व्यापक मॉडल परीक्षण से साबित हुआ है, कि यह 35 समुद्री मील की गति प्राप्त कर सकता है.

•    यह युद्धपोत 48 मीटर लम्बाल और 7.5 मीटर चौड़ा है.

•    इस युद्धपोत में करीब 315 टन के लगभग विस्थापन क्षमता है.

•    यह युद्धपोत 12-14 समुद्री मील की गति पर यह लगभग 2000 समुद्री मील तक बिना रुके चल सकता है.

•    इस युद्धपोत में रहने की अत्याधुनिक सुविधाएं हैं और इसमें 29 कर्मी रह सकते हैं.

•    इस युद्धपोत का नाम ‘तिहायु’ अंडमान के एक द्वीप के नाम पर रखा गया है.

•    इस युद्धपोत में तीन वॉटर जेट प्रोपलशन सिस्टमम लगे हैं जो की 2720 किलोवॉट क्षमता प्रदान करने वाले मेरीन डीजल इंजनों द्वारा पावर्ड किया गया है.

 

प्राकृतिक गैस के प्रोत्साहन हेतु धर्मेंद्र प्रधान ने गैस4इण्डिया अभियान का शुभारम्भ किया

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र प्रधान ने 6 सितंबर 2016 को गैस4इण्डिया (Gas4India) अभियान का शुभारंभ किया. 
यह अभियान देश में प्राकृतिक गैस के उपयोग को प्रोत्साहन हेतु आरम्भ किया गया है.

देश में प्राकृतिक गैस के उपयोग को प्रोत्साहन हेतु सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियां मिलकर काम करेंगी.

प्रधान ने अभियान को प्रभावी बनाने हेतु वेबसाइट ट्विटर हैंडल, फेसबुक पेज और थीम गीत का भी शुभारंभ किया.

अभियान के मुख्य तथ्य

• गैस फॉर इण्डिया (Gas4India) सम्पूर्ण बाह्रत में मल्टीमीडिया, बहु उद्देशीय  अभियान है.

• ईंधन के रूप में प्राकृतिक गैस का उपयोग राष्ट्रीय, सामाजिक, आर्थिक और पारिस्थितिक लाभ को बढ़ावा देता है.

• अभियान को सामाजिक मीडिया साइटों ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब, लिंक्डइन, और इसकी आधिकारिक ब्लॉगसाइट्स के माध्यम से भी प्रसारित किया जा रहा है.

वैज्ञानिकों ने एक नई समुद्री मछली का नाम अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा के नाम पर रखा

वैज्ञानिकों ने सितम्बर 2016 के पहले सप्ताह में एक नई समुद्री मछली का नाम अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा के नाम पर रखा है.

ओबामा की पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा संबंधी वैश्विक सोच के के कारण मछली का नाम बराक ओबामा रखने का फैसला किया गया.

यह ओबामा द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान बनाए गए लोगो की तरह दिखता है.

इससे संबधित मुख्य तथ्य:

•    यह मछली प्रशांत महासागर के द्वीप कुरे एटोल के जलक्षेत्र में 300 फ़ीट की गहराई में मिली थी.

•    मछली की पीठ पर लाल धब्बा है जो नीली रेखा से घिरी हुई है.

•    संरक्षित क्षेत्र में सात हजार से ज्यादा मछली की प्रजातियां पाई जाती हैं.

•    यह विश्व का सबसे बड़ा संरक्षित समुद्री क्षेत्र माना जाता है.

•    पिछले सप्ताह ओबामा ने इसका दायरा चार गुना बढ़ा दिया था. अब यह विश्व का सबसे सुरक्षित समुद्री क्षेत्र बन गया है. इसका महासागर कुल क्षेत्रफल 9,37,568 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है.

•    यह इकलौती मछली है जो पापाहना उमोकुआकी में रहती है.

 

अमृत योजना को विश्व बैंक ब्रिक्स बैंक एआईआईबी  अन्य बैंक ऋण सुविधा प्रदान करेंगी

देश में शहरों के कायाकल्प हेतु आरम्भ की गयी अटल मिशन (अमृत) योजना (स्मार्ट सिटी) के क्रियान्वयन हेतु विश्व बैंक ब्रिक्स बैंक एआईआईबी के साथ अन्य विभिन्न बैंक ऋण सुविधा प्रदान करेंगी.

इनमें एशियन इनफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक- पांच अरब अमेरिकी डॉलर, एशियन डवलेपमेंट बैंक – एक अरब अमेरिकी डॉलर, जैपनीज इंटरनेशनल कोपरेशन एजेंसी– 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर, ब्रिक्सबैंक– प्रति शहर 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर और एएफडी– 100 से 200 मिलियन यूरो शामिल हैं.
हुडको भी 10,000 करोड़ रुपये के साथ स्मार्ट सिटी मिशन को समर्थन दे सकता है.

शहरी बुनियादी ढांचे को पुनर्जीवित करने हेतु अमृत, स्मार्ट सिटी मिशन और सभी के लिए आवास

  • शहरी विकास मंत्रालय द्वारा बुनियादी शहरी सुधार हेतु 1.24 लाख करोड़ रूपये का निवेश स्वीकृत किया है.
  • इसमें 33 शहरों हेतु स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत 78 हजार करोड़ रुपये का निवेश तथा कायाकल्प एवं शहरी रूपांतरण के लिए अटल मिशन (अमृत) के तहत 45,935 करोड़ रुपये शामिल हैं.
  • शहरी विकास मंत्रालय द्वारा मौजूदा वित्त वर्ष के अंतिम पांच महीनों की अवधी में 2016-17 हेतु योजना निधि की 70 प्रतिशत धनराशि खर्च की जा रही है.

शहरी स्थानीय निकायों की क्रेडिट रेटिंग-

  • अहमदाबाद नगर निगम और नई दिल्ली नगर पालिका परिषद को ए रेटिंग प्रदान की गयी है.
  • इस पहल के तहत 85 शहरों ने यह प्रक्रिया शुरू कर दी है.
  • अगले वर्ष मार्च तक सभी 85 शहरों को क्रेडिट रेटिंग प्रदान कर दी जाएगी.
  • 12 शहरों में इसको पूरा कर लिया गया है.
  • पुणे और अहमदाबाद निगम बांडों के संबंध में अग्रणी स्तर पर पहुंच गए हैं.

पृष्ठ भूमि-

  • जून में 2016 में 14 स्मार्ट शहरों में जो 68 परियोजनाएं शुरू की गई थी, उनके अतिरिक्त अन्य 134 परियोजनाओं को चिन्हित किया गया है.
  • इनमें से 114 परियोजनाएं बोली लगाए जाने की प्रक्रिया में हैं.
  • सभी 20 स्मार्ट शहरों के पहले समूह ने स्पेशल पर्पज व्हेकिल तैयार कर लिया है.
  • फास्ट ट्रेक कंप्टीशन के अंतर्गत चिन्हित 13 शहर इस माह के अंत तक यह काम पूरा कर लेंगे.
  • शहरों के ठोस कचरे को कंपोस्ट में बदलने हेतु राज्यों और शहरी स्थानीय निकायों को प्रोत्साहित कर इसके निदान हेतु प्रक्रिया शुरू की गयी है.

 

8 September

जन शिक्षण संस्थान को यूनेस्को के कन्फ़्यूशियस शिक्षण पुरस्कार से सम्मानित किया गया

केरल स्थित मल्लपुरम के जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) को 1 सितंबर 2016 को वर्ष 2016 के यूनेस्को कन्फ़्यूशियस शिक्षण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. जेएसएस को यह पुरस्कार ग्रामीण क्षेत्रों में वंचितों के बीच साक्षरता कार्यक्रम चलाये जाने पर दिया गया.

जेएसएस को यह पुरस्कार शिक्षण पद्धति में नए तकनीकी विकास कार्यक्रम आरंभ किये जाने पर दिया गया. नए अन्वेषण जैसे ब्रेल एप्प एवं टॉकिंग पेन को यूनेस्को ने भी मान्यता दी. 

चीन द्वारा प्रायोजित इस पुरस्कार में 20,000 डॉलर, एक डिप्लोमा एवं एक रजत पदक दिया जाता है. जेएसएस की टीम को चीन में निःशुल्क स्टडी टूर का अवसर दिया जायेगा.

जन शिक्षण संस्थान का कौशल विकास कार्यक्रम

•    जेएसएस द्वारा विधवाओं, आदिवासियों एवं आर्थिक रूप से विषम लोगों को शिक्षण प्रदान किया जाता है.

•    अब तक लगभग 53,000 लोग इस परियोजना से लाभान्वित हो चुके हैं.

•    जेएसएस द्वारा चलाये जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों के कारण 40,000 से अधिक लोग विभिन्न कार्यक्रमों जैसे सिलाई, मोबाइल रिपेयरिंग, हस्तशिल्प, चोक-मेकिंग एवं बैग आदि बनाने के कारण आर्थिक रूप से सक्षम हुए हैं.

 

अंजुम चोपड़ा मेरिलबोन क्रिकेट क्लब की मानद आजीवन सदस्यता से सम्मानित

भारत की पूर्व महिला कप्तान अंजुम चोपड़ा को सितम्बर 2016 के पहले सप्ताह में मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) की मानद आजीवन सदस्यता से सम्मानित किया गया.

वे मेरिलबोन क्रिकेट क्लब की सदस्यता हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर है.

हाल ही में वीरेंद्र सहवाग और जहीर खान को भी मानद आजीवन सदस्य बनाया गया था. सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर को वर्ष 2015 में यह सम्मान मिल चूका है.

अंजुम चोपड़ा:

•    अंजुम चोपड़ा का जन्म 20 मई 1977 को हुआ था.

•    भारत की राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम की सदस्य और भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान हैं.

•    वे वाएं हाथ के बल्लेबाज और दाएं हाथ के मध्यम तेज गेंदबाजी करती हैं.

•    अंजुम ने भारत की तरफ से 12 टेस्ट, 127 वनडे और 18 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले हैं.

•    उन्होंने टेस्ट मैचों में 548 रन बनाए जबकि वनडे में 2856 रन बनाए हैं जिसमें एक शतक और 18 अर्धशतक शामिल हैं.

•    उन्हें वर्ष 2006 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.

•    उन्हें वर्ष 2014 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया.

मेरिलबोन क्रिकेट क्लब और क्लब की सदस्यता:

•    मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) लन्दन में एक क्रिकेट क्लब है.

•    इसकी स्थापना वर्ष 1787 में की गयी थी.

•    काफी प्रभावी और पुराना होने के कारण क्लब के निजी सदस्य क्रिकेट के विकास के लिए समर्पित हैं.

•    यह लन्दन एन डब्ल्यू 8 के सेंट जॉनस वुड में लोर्डस क्रिकेट ग्राउंड में स्थित है.

•    एमसीसी पहले इंग्लैण्ड और वेल्स तथा पूरी दुनिया में क्रिकेट का नियंत्रण करने वाली इकाई थी.

•    वर्ष 1993 में इसके कई विश्वस्तरीय कार्यों को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट काउन्सिल (आईसीसी) को स्थानांतरित कर दिया गया.

•    मेरिलबोन क्रिकेट क्लब में दो तरह की सदस्यता का प्रावधान है पहली आजीवन सदस्य और दूसरी सहयोगी सदस्य.

आजीवन सदस्यों को निम्न सुविधाएँ प्रदान की जाती है:

•    आजीवन सदस्य लॉर्ड्स में आयोजित सभी मैचों में उपस्थित रह सकता है.

•    एमसीसी की वार्षिक आम बैठक में वोट डाल सकता है.

•    क्लब के भविष्य सदस्यता के लिए उम्मीदवार मनोनीत कर सकता है.

 

बीबीआईएन मोटर वाहन अनुबंध (एमवीएके तहत निर्बाध यातायात का शुभारम्भ

बांग्लादेश, भूटान, इंडिया, नेपाल (बीबीआईएन) के मध्य मोटर वाहन अनुबंध (एमवीए) के तहत 05 सितम्बर 2016 को यातायात की निर्बाध आवाजाही का शुभारम्भ हुआ.   
भारत और बांग्लादेश के बीच मालवाहक वाहनों की परीक्षण यात्रा के रूप में बांग्लादेश से मालवाहक ट्रक सीमा शुल्क मुक्त सीमाओं को निर्बाध गति से पार करते हुए पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज स्थित अंतरर्देशीय सीमा शुल्क डिपो  में पहुंचा.

बांग्लादेश की नजरूल परिवहन एजेंसी और एक्सपो फ्रेट प्राइवेट का यह ट्रक 27 अगस्त, 2016 को बांग्लादेश, भूटान, इंडिया, नेपाल (बीबीआईएन) मोटर वाहन अनुबंध (एमवीए) के तहत ढाका से रवाना हुआ.

मालवाहक वाहन 28 अगस्त, 2016 को पेट्रापोल तथा 29 अगस्त, 2016 को कोलकाता पहुंचा.

यह भारत के पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली राज्यों में 1,850 किलोमीटर की यात्रा करके नई दिल्ली में पटपड़गंज पहुंचा.

इस ट्रक को ऑनलाइन वेब आधारित प्रणाली के माध्यम से परीक्षण यात्रा हेतु ई-परमिट जारी किया गया.

बीबीआईएन-एमवीए समझौता-

बीबीआईएन समझौते पर 15 जून, 2015 को थिम्पू, भूटान में हस्ताक्षर किए गए.
समझौते का उद्देश्य इस उप-क्षेत्र में मालवाहक वाहनों और यात्रियों की सीमा पार आवाजाही को सुविधाजनक बनाना था.
इस अनुबंध को यात्री और माल वाहनों के लिए अलग-अलग लागू करने के प्रोटोकॉल के बारे में चारों देशों के मध्य बातचीत की जारी है.

बीबीआईएन-एमवीए समझौता के लाभ-

इस से समझौते सभी बीबीआईएन देशों द्वारा मान्य और स्वीकार्य उपभोक्ता अनुकूल प्रक्रिया स्थापित करने में मदद मिलेगी.
समझौतेके बाद सीमा पर किसी भी तरह की कस्टम मंजूरी की प्रक्रिया समाप्त कर दी जाएगी.
प्रक्रिया के तहत पेट्रापोल सीमा पर भारतीय सीमा शुल्क स्टेशन पर जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस के साथ एक इलेक्ट्रॉनिक सील मॉल वहां पर लगा दी जाएगी. ताकि इसके माल की कस्टम मंजूरी हेतु दिल्ली में ही जांच की जा सके.
इस उप क्षेत्र में निर्बाध परिवहन की आवाजाही से समय और धन की बचत की जा सकेगी.

बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल के बीच मोटर-वाहन समझौता

पृष्ठभूमि-

इससे पहले सीमा पर मालवाहक ट्रक का सारा माल उतारा जाता था और उसे सीमा शुल्क मंजूरी से गुजरना होता था.
इससे काम में देरी होती थी और सामान को नुकसान पहुंचता था.
ये कदम मालवाहक वाहनों की निर्बाध आवाजाही में मदद हेतु उठाए गए, जिससे इस क्षेत्र में व्यापार को बढ़ावा मिलेगा.
इससे पूर्व मालवाहक वाहन की परीक्षण यात्रा का आयोजन कोलकाता से ढाका होते हुए अगरतला तक नवंबर, 2015 में आयोजित किया गया.
इस परीक्षण यात्रा से यह निष्कर्ष निकला कि कोलकाता से अगरतला के बीच 1550 किलोमीटर से अधिक की दूरी को भारत की चिकननेक होते हुए घटा कर 650 किलोमीटर किया जा सकता है.
इसके लिए ट्रकों को बांग्लादेश के रास्ते गुजरना होगा. 
जिससे कुल लेनदेन लागत में भी कमी आएगी.
यात्री वाहनों की परीक्षण यात्रा को भी 30 अगस्त, 2016 को कोलकाता में हरी झंडी दिखाई गई.
ये वाहन बांग्लादेश के शहर खुलना गए थे.

 

भारत-कजाखस्तान के मध्य संयुक्त सैन्य अभ्यास प्रबल दोस्तकी-2016 आयोजित

भारत-कजाखस्तान संबंधों को मजबूत बनाने हेतु भारत और कजाखस्तान की सेना द्वारा 3 सितंबर 2016 को संयुक्त सैन्य अभ्यास प्रबल दोस्तकी-16 आरंभ किया गया. 

कजाखस्तान की सेना में विशेष संचालन इकाई की पालटून को शामिल किया गया है. यह अभ्यास कजाखस्तान के कारागंडा क्षेत्र में चलाया जा रहा है जो 17 सितंबर 2016 तक आयोजित किया जायेगा.

चौदह दिनों तक चलने वाले इस अभ्यास का प्रमुख उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में ग्रामीण और अर्ध शहरी माहौल में आतंकवाद और उग्रवादी चुनौतियों का सामना करने में अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना है.


अभ्यास दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है. पहले चरण में एक-दूसरे के युद्ध कौशल, ड्रील, हथियार और उपकरण से परिचित होना है, जबकि दूसरे चरण में दोनों सेनाओं की टुकड़ियां कृत्रिम माहौल में हेलिकॉप्टर से युद्ध कार्रवाई करेंगी. 

अभ्यास में ड्रील और शारीरिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. प्रबल दोस्तकी अभ्यास दोनों देशों के बीच सैन्य और राजनयिक संबंध को मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.

 

केंद्र सरकार ने बिजली कटौती हेतु अखिल भारतीय हेल्पलाइन की शुरूआत की

केंद्र सरकार ने 6 सितंबर 2016 को ऊर्जा मित्र हेल्पलाइन नंबर 14401 का  शुभारम्भ किया. यह हेल्पलाइन बिजली कटौती हेतु अखिल भारतीय स्तर पर समर्पित हेल्पलाइन है.

इस हेल्पलाइन नंबर 14401 के माध्यम से उपभोक्ता अपने क्षेत्र में बिजली कटौती के बारे में बिजली वितरण कंपनियों से एक अद्यतन प्राप्त कर सकते हैं.
यह अद्यतन सूचना वॉयस कॉल और एसएमएस के जरिये दी जाएगी.

दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने अखिल भारतीय उपयोग हेतु ग्राहकों को अपने क्षेत्र में बिजली की स्थिति के बारे में अवगत कराने हेतु आवाज कॉल और एसएमएस के माध्यम से जानकारी के लिए हेल्पलाइन तैयार की है.

यह एक अनिवार्य सेवा है.

जो सभी दूरसंचार ऑपरेटरों द्वारा प्रदान की जाएगी.

अभी तक अधिकतर बिजली बोर्ड और कंपनियों ने अपने अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर जारी कर रखें हैं जहां उपभोक्ता बिजली कटौती और वितरण से जुड़ी शिकायतें दर्ज कराते हैं.

 

पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन के तहत 450 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी

पर्यटन मंत्रालय ने 06 सितम्बर 2016 को स्‍वदेश दर्शन के तहत मध्‍य प्रदेश, उत्‍तराखंड, तमिलनाडु, उत्‍तर प्रदेश और सिक्किम के लिए 450 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी है.

केंद्रीय अनुमोदन और निगरानी समिति (सीएसएमसी) ने मध्‍य प्रदेश और उत्‍तराखंड में विरासत सर्किट, उत्‍तर प्रदेश में रामायण सर्किट, सिक्किम में पूर्वोत्‍तर सर्किट और तमिलनाडु में तटीय सर्किट के विकास हेतु यह मंजूरी प्रदान की.

मध्यप्रदेश का हैरिटेज सर्किट-

  • मध्‍यप्रदेश के विरासत सर्किट में अनुमानित 100 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत से ग्‍वालियर-ओरछा-खजुराहो-चंदेरी-भीमबेटका-मांडू को कवर किया जायेगा.
  • परियोजना स्‍थलों पर विश्‍व स्‍तरीय बुनियादी ढांचा विकसित किया जायेगा. जिनमें खजुराहो में थीम पार्क और कन्‍वेंशन सेंटर विकसित करना तथा मांडू में साउंड एंड लाइट शो शामिल हैं.
  • पर्यटक स्‍थलों पर रोशनी, पर्यटक सुविधा केंद्रों का निर्माण और पार्किंग क्षेत्र इस सर्किट के लिए अन्‍य प्रस्‍ताव हैं.

उत्तराखंड का विरासत सर्किट-

  • उत्‍तराखंड में विरासत सर्किट में लगभग 83 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत से जागेश्‍वरी-देवीधुरा-कटारमल-बैजनाथ स्‍थलों पर पर्यटन बुनियादी ढांचा विकसित किया जा रहा है.
  • उत्‍तराखंड की परियोजनाओं के मुख्‍य बिंदु पर्यावरण अनुकूल लट्ठों से झोपड़ी बनाना (इको लॉग हट), साउंड और लाइट शो और मंदिरों के मार्ग में सुधार करना है.

तमिलनाडु तटीय सर्किट-

  • तमिलनाडु में तटीय सर्किट चेन्‍नई-मामल्‍लपुरम-रामेश्‍वरम-मनपाड़ू-कन्‍याकुमारी परियोजना के लिए एक सौ करोड़ रूपये मंजूर किए गए हैं.
  • साउंड और लाइट शो, समुद्र तट पर सुविधाओं का विकास, विवेकानंद स्‍मारक से तिरूवलुर प्रतिमा तक पैदल यात्रियों के लिए पुल का निर्माण इस परियोजना के प्रमुख आकर्षण हैं.

उत्तरप्रदेश में रामायण सर्किट-

  • उत्‍तरप्रदेश में रामायण सर्किट के अन्‍तर्गत दो स्‍थलों चित्रकूट और श्रृंगवेरपुर का विकास किया जायेगा.
  • इस सर्किट पर परिक्रमा मार्ग का विकास, फूड प्‍लाजा, लेज़र शो, चित्रकूट के मध्‍यप्रदेश और उत्‍तरप्रदेश के हिस्‍सों को जोड़ने के लिए फुटओवर ब्रिज, घाटों का विकास, पर्यटक सुविधा केंद्र और पार्किंग क्षेत्र के वास्‍ते लगभग 70 करोड़ की परियोजना लागत रखी गयी है.
  • उत्‍तरप्रदेश के रामायण सर्किट में अयोध्‍या भी शामिल है जिसके लिए उत्‍तर प्रदेश का पर्यटन विभाग विस्‍तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर रहा है.

सिक्किम पूर्वोत्तर सर्किट-

  • पूर्वोत्‍तर सर्किट में सिक्‍किम में पर्यटन विकास योजना पर 95.50 करोड़ रूपये खर्च किए जायेंगे.
  • परियोजना लागत से इको लॉग हट बनाना, सांस्‍कृतिक केंद्र, पैराग्‍लाइडिंग सेंटर, वास्‍तुशिल्‍प बाजार, पर्वतारोहण के लिए आधार शिविर और ध्‍यान कक्ष विकसित किये जाने की योजना है.