=> वैज्ञानिकों ने एक्सफाइल से डीएनए अणु को दूर करने की प्रक्रिया की पहचान की

 

शेफील्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने आईकोनिक डबल–हेलिकल स्ट्रक्चर से डीएनए अणु को दूर करने की प्रक्रिया की खोज की है. वैज्ञानिक इस रहस्य का पता 20 वर्षों से अधिक समय से लगा रहे थे. 
6 जून 2016 को नेचर स्ट्रक्चरल एंड मॉलेक्यूलर बायोलॉजी जरनल में यह शोध प्रकाशित हुआ था. 

इस नए शोध में रहस्य के महत्वपूर्ण हिस्से का खुलासा किया गया है और बताया गया है कि मनुष्य का डीएनए कैसे खुद की प्रतिकृति और मरम्मरत करता है. यह जीवन के सभी रूपों के लिए आवश्यक है. 
शेफिल्ड यूनिवर्सिटी के फंक्शनल जीनोमिक्स के प्रोफेसर, जॉन सायेर्स इस अध्ययन के मुख्य लेखक हैं.

शोध के प्रमुख निष्कर्ष 

• शाखायुक्त डीएनए एक्स–फाइलों (X-Files) के कई एपिसोड में रक्त में एजेंट स्कुल्ली सस्पेक्ट्स एलिएंस (Agent Scully suspects aliens) के रूप में पाए गए. यह शाखायुक्त डीएनए मनुष्य के शरीर में प्रत्येक दिन बनता है. जब भी हमारी कोशिका विभाजित होती है,ऐसा होता है. 
• ये शाखाएं मानव डीएनए की प्रतिलिपि की प्रक्रिया के दौरान बनने वाले अनिवार्य मध्यवर्ती हैं. 
• शोध टीम ने अविश्वसनीय विस्तार में आण्विक घटनाओं की तस्वीर ली है और इसे पहले कभी नहीं देखा गया था. 
• ये दिखाते हैं कि कोशिकाओं के विभाजित होने के बाद शाखायुक्त डीएनए के अणु फ्लैप एंडोन्यूक्लिएज एंजाइम्स (एफईएन) तराशते हैं.

• धड़ के साथ फिसलने से पहले एंजाइम में छेद के माध्यम से इन्होंने शाखा के एफईएन धागों के मुक्त सिरे पाए. ये आण्विक कैंची के जोड़े की तरह काम करते हैं, शाखा को तराशते हैं और आइकोनिक डबल–हेलिक्स को स्वस्थ बनाते हैं. 
• टीम ने डायमंड लाइट सोर्स का प्रयोग किया जिसे यूके सिंक्रोट्रॉन (UK's synchrotron)कहा जाता है. यह उनकी खोज के लिए विशाल माइक्रोस्कोप की तरह काम करता है. 
• यह तेज एक्स–रे प्रकाश को पैदा करने के लिए इलेक्ट्रॉन की शक्ति का प्रयोग करता है जिसका प्रयोग वैज्ञानिक जीवाश्म और जेट इंजनों से लेकर वायरस और वैक्सीन तक, वृहद रेंज का अध्ययन करने के लिए करते हैं.
• डीएनए की प्रतिकृति जीवन के सभी रूपों के लिए अनिवार्य है.इसलिए अणु के स्तर पर इसके प्रदर्शन को समझना महत्वपूर्ण है.यह सभी जीवन में आम रूप से पाए जाने वाले आण्विक प्रक्रियाओं की सबसे गहरी जानकारी प्रदान कर सकता है.

 

=> सीजीपीसीएस के तहत भारत समुद्री स्थिति जागरुकता पर कार्य समूह का सह-अध्यक्ष नियुक्त

 

4 जून 2016 को भारत सोमालिया के तट पर चोरी पर बने संपर्क समूह (Contact Group on Piracy off the Coast of Somalia (CGPCS)) के तहत समुद्री स्थिति जागरुकता पर कार्य समूह का सह-अध्यक्ष नियुक्त किया गया.

यह फैसला माहे, सेशेल्स में 31 मई-3 जून 2016 के बीच सीजीपीसीएस के 19वें पूर्ण अधिवेशन के दौरान आम सहमति से किया गया. 

सोमालिया के तट और हिन्द महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना द्वारा उठाए गए कदम 

• भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल ने गहरे समुद्र में गश्ती को बढ़ाने और इस क्षेत्र में चलने वाले जहाजों को नौसेना एस्कॉर्ट्स उपलब्ध कराने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

• समुद्र–यात्रा के काम में नियुक्त भारतीय जहाजों और भारतीय नागरिकों की रक्षा करने में भारतीय नौसेना ने 23 अक्टूबर 2008 से अदन की खाड़ी में डकैत-विरोधी गश्त शुरु की थी.

• भारती का झंडा लगे जहाजों की रक्षा के अलावा अन्य देशों के जहाजों की भी भारतीय नौसेना ने रक्षा की है.

• वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय संस्तुत ट्रांजिट कॉरिडोर (आईआरटीसी) के पूरे रास्ते, जिस पर भारतीय नौसेना बहुत गश्त लगाती है, पर व्यापारी जहाजों को सुरक्षा प्रदान की जा रही है.

• इलाके में उच्च डिग्री की सतर्कता को बनाए रखने के लिए बीते वर्ष करीब 19 तटीय सुरक्षा अभियान और अभ्यास किए गए. 

सोमालिया के तट पर चोरी पर बने संपर्क समूह (Contact Group on Piracy off the Coast of Somalia (CGPCS)) के बारे में 

• यह राष्ट्रों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज का गठबंधन है जो डकैती के खिलाफ समन्वित तरीके से लड़ाई लगने के लिए एक जुट हुए हैं.

• इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिष्द के संकल्प 1851 (2008) के तहत की गई थी, जिसे बाद में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संकल्प 1918 (2010) से बदल दिया गया.

• यह कॉनटैक्ट ग्रुप मॉडल के आधार पर काम करता है जो राष्ट्रों और संगठनों के बीच सोमालिया की डकैती को दबाने के लिए चर्चा और समन्वित कार्रवाई की सुविधा प्रदान करता है.

• अब तक भारत समेत 60 से अधिक देश और अंतरराष्ट्रीय संगठन इस फोरम के हिस्सा बन चुके हैं.

• सेशेल्स सीजीपीसीएस का वर्तमान अध्यक्ष है. यह दो वर्षों (2016-17) के लिए अध्यक्ष बना रहेगा.

 

=> दिल्ली में यातायात विसंकुलन पर राजीव गाबा समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी

 

5 जून 2016 को दिल्ली में यातायात विसंकुलन पर रिपोर्ट देने के लिए बनी राजीव गाबा समिति ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को सौंप दी. 
शहर में सुरक्षित, टिकाऊ, किफायती, न्यायसंगत, सहज, सुलभ और पर्यावरण के अनुकूल सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को सुनिश्चित करने के लिए समिति ने 4-आयामी रणनीति की सिफारिश की है, इसमें शामिल है– 

i.  सार्वजनिक परिवहन में सुधार और निजी वाहनों के प्रयोग को हतोत्साहित करना. 
ii. सड़क सुरक्षा और कुशल यातायात प्रबंधन को बढ़ावा देना. 
iii एकीकृत महानगरीय परिवहन प्राधिकरण की स्थापना और संस्थागत क्षमता में सुधार 
iv. एकीकृत भूमि प्रयोग और परिवहन योजना के माध्यम से ट्रांजिट उन्मुख विकास को बढ़ावा 

समिति की प्रमुख सिफारिशें

• यह राष्ट्रीय राजधानी में परिवहन योजना में बदलाव और ऑटोमोबाइल आबादी में विस्फोटक बढ़ोतरी को रोकने के लिए नीतिगत हस्तक्षेप की बात करता है. 
• यह लोगों को कारों की तुलना में कुशल सार्वजनिक परिवहन प्रणाली से यात्रा करने की अनुशंसा करता है. 
• समिति ने इस बात पर गौर किया कि शहर का 21 फीसदी इलाका सड़कों के तहत आता है  और सड़कों के नेटवर्क का विस्तार करने की संभावना सीमित है. साथ ही 60 फीसदी यात्री दौरे 4 किमी से कम दूरी की और 80 फीसदी यात्री दौरे 6 किमी दूरी से कम की होती है. 
• चूंकि ये छोटी दूरियां गैर–मोटरकृत परिवहन के लिए आदर्श हैं, यह राष्ट्रीय राजधानी में पैदल चलने और साइकिल से चलने को बढ़ावा देने के लिए अनिवार्य संरचनात्मक ढांचे को विकसित करने की दृढ़ता से सिफारिश करता है. 
• इस समिति की राय में सड़कों को चौड़ा कर, अधिक से अधिक फ्लाइओवरों, फुट ओवर ब्रिजों, अंडर पास आदि के निर्माण पर फोकस के साथ ऑटोमोबाइल सेंट्रिक योजना ने सिर्फ निजी वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया गया है जो परिवहान की आवश्यकताओं का 20 फीसदी से भी कम को पूरा करते हैं और इसे तब तक और बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए जब तक कि नदियों जैसे प्राकृतिक बाधाओँ द्वारा वारंटी न हो.

• समिति ने कुकुरमुत्ते की तरह बढ़ रहे निवासी सोसायटी, जो स्थानीय यातायात को लोगों को चलने के लिए शॉर्ट कट्स का इस्तेमाल करने पर रोक कर मुख्य सड़कों पर आने के लिए मजबूर करते हैं, पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. 
• समिति ने शहर में कुल परिवहन में  आगामी पांच वर्षों में सार्वजनिक परिवहन और गैर–मोटरीकृत दौरों के लिए 80 फीसदी हिस्सेदारी सक्षम करने के लिए विभिन्न उपाय करने की भी मांग की है. 
• समिति ने यह कहते हुए अपनी बात खत्म की कि ऑटोमोबाइल की आबादी के विस्फोटक विकास को 'कैरट एंड स्टिक' नीति को अपनाकर जल्द रोकने की जरूरत है ताकि सार्वजनिक और गैर– मोटरीकृत परिवहन का प्रयोग बढ़ाया जा सके.
• यह हतोत्साहित करने वाले पार्किंग शुल्क और भीड़ टैक्स के माध्यम से निजी वाहनों के इस्तेमाल को हतोत्साहित करने की भी सिफारिश करता है. 
• बेहतर समन्वय, त्वरित फैसले और कार्यान्वयन के लिए एककीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण बनाया जाना चाहिए . यह शहर में परिवहन के विभिन्न पहलुओं की देखरेख करने वाले केंद्र और दिल्ली सरकार के 18 विभागों और एजेंसियों का स्थान ले लेगा.  
• इसकी अनुसंशाओं को लागू करने के लिए, समिति ने बस रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (बीआरटीएस), बसों, पैदल चलने और साइकिल से चलने के लिए संरचनात्मक ढांचे के माध्यम से 20000 करोड़ रुपयों के इस्तेमाल का सुझाव दिया है. 

पृष्ठभूमि 

• दिल्ली में यातायात के भीड़ से होने वाली समस्याओं पर मीडिया रिपोर्टों को देखते हुए शहर में यातायात की विसंकुलन पर बनी उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने अक्टूबर 2014 में की थी. 
• अंतर–मंत्रालयी शहरी विकास समिति के अध्यक्ष के सचिव राजीव गौबा थे. उनके साथ केंद्र और दिल्ली सरकार के 19 अलग–अलग मंत्रालयों और एजेंसिया, दिल्ली पुलिस और सभी शहरी स्थनीय निकायों के प्रतिनिधि थे. 
• समिति ने 126 पेजों के व्यापक रिपोर्ट में यातायात संकुलन के कारणों और परिणामों का विश्लेषण किया है और इसे दूर करने का सुझाव दिया है.

 

=> जलवायु चुनौतियों का सामना करने के लिए विश्व की अंतरिक्ष एजेंसियां एकजुट हुईं

 

60 से अधिक देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी (सीएनईएस) के अधीन जलवायु संबंधी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एकजुट होने पर सहमति जताई है. इस संबंध में घोषणा 3 जून 2016 को की गई.

यह पहली बार है जब अंतरिक्ष एजेंसियों ने मानव प्रेरित ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन की निगरानी के लिए अपने उपग्रहों के तरीकों और उनके आंकड़ों के समन्वय को शामिल करने पर सहमत जतायी हैं. 

विश्व की अंतरिक्ष एजेंसियों को किस बात ने एक साथ आने पर मजबूर किया? 

• उपग्रहों के बिना,ग्लोबल वार्मिंग की वास्तविकता का पता नहीं चल सकता और 22 अप्रैल 2016 को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए गए होते.

• वर्तमान समय में जलवायु को प्रभावित करने वाली 50 अनिवार्य वस्तुओं में से 26, इसमें समुद्र का बढ़ता जल स्तर, समुद्री बर्फ की सीमा और वायुमंडल के सभी परतों में ग्रीनहाउस गैस की सांद्रता भी शामिल है, सिर्फ अंतरिक्ष से ही मापा जा सकता है.

• पेरिस समझौता संधि के कुशलता से लागू करने का एक मात्र तरीका देशों के ग्रीन हाउस गैस उत्सर्न को कम करने की उनकी  प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की क्षमता में है.

• विश्व की अंतरिक्ष एजेंसियों ने 16 मई 2016 से आधिकारिक रूप से प्रभावी हो चुके नई दिल्ली घोषणा के माध्यम से अपने पृथ्वी–अवलोकन उपग्रह से आंकड़ों के केंद्रीकृत करने के लिए एक स्वतंत्र, अंतरराष्ट्रीय प्रणाली स्थापित करने का फैसला किया है.

• एजेंसियां इन उपग्रहों के आंकड़ों की जांच करेंगी ताकि उन्हें समय के साथ मिलाया और तुलना किया जा सके.

 

=> अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ द्वारा मारिया शारापोवा पर दो वर्ष का प्रतिबंध

 

अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आईटीएफ) ने 8 जून 2016 को रूस की महिला टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा पर दो वर्ष के प्रतिबन्ध की घोषणा की. उन पर यह प्रतिबंध डोपिंग टेस्ट में फेल होने पर लगाया गया.

शारापोवा को ऑस्ट्रलियन ओपन के दौरान प्रतिबंधित दवा मेल्डोनियम के सेवन के लिए पॉजिटिव पाया गया था जिसके चलते उन्हें डोपिंग टेस्ट से गुजरना पड़ा. वर्ष 2016 डोपिंग रोधी कार्यक्रम के अनुच्छेद 8.1 के तहत नियुक्त किए गए स्वतंत्र न्यायाधिकरण ने मारिया शरापोवा को डोपिंग रोधी नियम के अनुच्छेद 2.1 का दोषी पाया.

29 वर्षीय शारापोवा पर यह प्रतिबंध वर्ष 2016 की 26 जनवरी से लागू माना जाएगा जिसके परिणामस्वरूप शारापोवा द्वारा ऑस्ट्रेलियन ओपन के क्वार्टरफाइनल में पहुंचने का परिणाम रद्द माना जाएगा.

गौरतलब है कि शारापोवा रियो ओलंपिक का हिस्सा हैं एवं इस प्रतिबन्ध के बाद वे ओलम्पिक में भाग नहीं ले पाएंगी.

शारापोवा ने अब तक 25 डब्ल्यूटीए ख़िताब जीते हैं तथा वे विश्व की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी हैं. मारिया शारापोवा अब इस फैसले के खिलाफ खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) में अपील करेंगी.

मारिया शारापोवा
•    उनका जन्म 19 अप्रैल 1987 में साइबेरिया स्थित रूस में हुआ.
•    वे अगस्त 2005 में विश्व की नम्बर 1 खिलाड़ी घोषित की गयीं.
•    उन्होंने वर्ष 2008 में ऑस्ट्रेलियन ओपन ख़िताब जीता.
•    वर्ष 2012 में उन्होंने फ्रेंच ओपन जीता.
•    इसके अतिरिक्त वे 2004 में विम्बल्डन तथा 2006 में अमेरिकन ओपन विजेता रहीं.

 

 

=> भारतीय मूल के प्रोफेसर लॉर्ड कुमार भट्टाचार्य क्वीन द्वारा सम्मानित

 

वारविक मैन्युफेक्चरिंग ग्रुप (डब्ल्यूएमजी) के संस्थापक प्रोफेसर लॉर्ड कुमार भट्टाचार्य को 7 जून 2016 को क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा रेजियस प्रोफेसरशिप से सम्मानित किया गया.   

कुमार भट्टाचार्य

•    वे भारतीय ब्रिटिश इंजिनियर, शिक्षाविद एवं सरकारी सलाहकार हैं.

•    वर्ष 1980 में वे यूनिवर्सिटी ऑफ़ वारविक में मैन्युफेक्चरिंग सिस्टम्स के प्रोफेसर बने तथा उन्होंने वारविक मैन्युफेक्चरिंग ग्रुप की स्थापना की.

•    उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से मेकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की.

•    वे 1960 के दशक में ब्रिटेन चले गये जहां उन्होंने लुकास इंडस्ट्रीज में छह वर्ष तक कार्य किया.

•    उन्होंने बर्मिंघम यूनिवर्सिटी से एमएससी तथा इंजीनियरिंग प्रोडक्शन में पीएचडी डिग्री प्राप्त की.

•    वर्ष 1997 में उन्हें आर्डर ऑफ़ ब्रिटिश एम्पायर से सम्मानित किया गया तथा 2003 में नाईट की उपाधि दी गयी.

•    उन्हें 3 जून 2004 को काउंटी ऑफ़ वेस्ट मिडलैंड में लाइफ पियर बनाया गया.

•    वे हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स में लेबर बेंच देखते हैं.

•    2014 में वे फेलो ऑफ़ रॉयल सोसाइटी चुने गये.

रेजियस प्रोफेसरशिप

•    इस प्रोफेसर को रॉयल अधिकार एवं सम्मान प्राप्त होता है.

•    अकादमिक करियर में उन्हें विशेष प्रतिष्ठा दी जाती है.

•    पहली रेजियस प्रोफेसरशिप मेडिसिन क्षेत्र में दी गयी थी. इसकी स्थापना स्कॉटिश किंग जेम्स चतुर्ध द्वारा 1497 में की गयी.

•    ग्लासगो यूनिवर्सिटी में सबसे अधिक रेजियस प्रोफेसर कार्यरत हैं.

 

=> वरिष्ठ पत्रकार केके कत्याल का निधन

 

वरिष्ठ पत्रकार केके कात्याल का संक्षिप्त बीमारी के बाद 8 जून 2016 को दिल्ली में निधन हो गया.

वे 89 वर्ष के थे और उनके परिवार में पत्नी के अलावा 2 बेटियां हैं.

केके कात्याल के बारे में:

•    कत्याल ने 'द स्टेट्समैन', 'हिन्दुस्तान टाइम्स' और 'द हिन्दू' समेत विभिन्न समाचार पत्रों में काम किया.

•    उन्होंने आपातकाल के ठीक बाद काम करना शुरू किया था और वर्ष 2004 में एसोसिएट एडिटर के पद से सेवानिवृत्त हुए.

•    उन्होंने अमेरिकी सूचना सेवा के लिए भी काम किया.

•    कात्याल को हिंदू अखबार के दिल्ली ब्यूरो के चेहरे के रूप में जाना जाता था.

•    उऩ्होंने ही साल 1986 में द हिंदू का दिल्ली संस्करण शुरू किया था.

•    कात्याल का राजनयिक और राजनीतिक हलकों में व्यापक संपर्क था.

•    वे साल 1994 में उऩ्हें व्यावहारिक कॉलम और विश्लेषणात्मक लेखन के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव द्वारा जीके रेड्डी मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

•    कात्याल ने भारत-पाक के संबंधों में सुधार की दिशा में काफी काम किया था.

•    वे साल 2004 में सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने दक्षिण एशिया फ्री मीडिया एसोसिएशन के साथ जुड गए थे.

 

 

=> फोर्ब्स द्वारा जारी 100 शक्तिशाली महिलाओं की लिस्ट में चार भारतीय महिलाऐं

 

फोर्ब्स की ओर से 8 जून 2016 को जारी दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में चार भारतीय महिलाएं स्थान पा सकी हैं. एसबीआई की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अरुंधती भट्टाचार्य 25वें, आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक चंदा कोचर 35वां, स्थान पर हैं. मजूमदार को 85वां और भरतिया को 93वां स्थान दिया गया है.

सूची में विश्व की 100 सबसे शक्तिशाली उन महिलाओं के नाम हैं. जो अरबों डॉलर के ब्रांड बना रही हैं और वित्तीय बाजारों में अहम भूमिका निभा रही हैं.
फोर्ब्स के अनुसार 'ये महिलाएं विश्व की सबसे तेज-तर्रार, सख्त महिला कारोबारी नेतृत्व, उद्यमी, निवेशक, वैज्ञानिक, परोपकारी महिलाएं हैं.

जो अरबों डॉलर के ब्रांड बना रही हैं, वित्तीय बाजार में अपना दबदबा बना रही हैं. 

जर्मन चांसलर सबसे शक्तिशाली महिला-

फोर्ब्स की 2016 की 100 सबसे अधिक शक्तिशाली महिलाओं में जर्मनी की चांसलर एंजला मर्केल शीर्ष पर हैं और इसमें पेप्सीको प्रमुख इंदिरा नूई, बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार शॉ और एचटी मीडिया की प्रमुख शोभना भरतिया शामिल हैं.

हिलेरी क्लिंटन दुनिया की दूसरी शक्तिशाली महिला-

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रैटिक पार्टी की उम्मीदार हिलेरी क्लिंटन दूसरे स्थान पर हैं.

सूची में फेडरल रिजर्व प्रमुख जेनेट येलेन (तीसरे), फेसबुक की मुख्य परिचालन अधिकारी शेरिल सैंडबर्ग (सातवें), अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा (13वें), म्यांमार की आंन सान सू की (26वें), पर हैं.

महारानी एलिजाबेथ-1 (29वें), बांग्लोदश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (36वें), नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी (52वें) और यूनेस्को की महानिदेशक आईरीना बाकोवा (89वें) का स्थान है.

वहीं भारतीय मूल की पेप्सिको कंपनी की चीफ इंदिरा नूई और सिस्को की चीफ टेक्निोलॉजी एंड स्ट्रेटेजी ऑफिसर पद्मश्री वॉरियर का नाम भी इस सूची में शामिल है.

महिला कर्मचारियों को आकर्षित करने हेतु कोचर ने 'आईवर्कऐटहाम' पेश किया, जिसके तहत महिला कर्मचारियों को साल भर के लिए घर से काम करने की सुविधा है.

बायोकॉन की संस्थापक मजूमदार-शॉ इस सूची में 77वें स्थान पर हैं. अपने दम पर सफल उद्यमी बनीं 63 वर्षीय मजूमदार-शॉ ने बायोकॉन को इन्स्यूलिन क्षेत्र की बड़ी कंपनी के तौर पर स्थापित किया.

एचटी मिडिया की भरतिया 93वें स्थान पर हैं.

फोर्ब्स की इस 12वीं वार्षिक सूची में एंटरप्रेन्यॉर्स, सीईओ, राजनीतिज्ञ, सेलेब्रिटी रोल मॉडल्स, बिलेनियर एक्टिविस्ट्स और समाज सेवी शामिल हैं.

1. एंजेला मर्केल - जर्मन चांसलर

2. हिलेरी क्लिंटन - राजनीतिज्ञ 
3. मेलिंडा गेट्स - समाज सेवी 
4. जेनेट येलेन - फेडरल रिजर्व की चेयरपर्सन 
5. मैरी बैरा - जीएम की सीईओ 
6. क्रिस्टीन लगार्डे - आईएमएफ चीफ 
7. डिलमा रॉसेफ - ब्राजीली राष्ट्रपति
8. शैरिल सैंडबर्ग - फेसबुक सीओओ 9
9. सुसैन वोजसिकी - यूट्यूब सीईओ 
10. मिशेल ओबामा - अमरीकी फर्स्ट लेडी

 

=> यूरोपियन न्यायालय के निर्देशों के तहत अवैध प्रवासियों को गिरफ्तार नहीं किया जायेगा

 

यूरोपियन न्यायालय ने 7 जून 2016 को यह घोषणा की कि गैर-यूरोपीय प्रवासियों को अनाधिकृत प्रवेश करने पर गिरफ्तार नहीं किया जायेगा. यूरोपियन 2008 वापसी निर्देशों के अनुसार अवैध प्रवासियों को उनके देश में भेजे जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए, उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जायेगा.

यह निर्देश शेनगेन पासपोर्ट फ्री ज़ोन पर लागू होगा तथा इस ज़ोन को छोड़कर जाने वाले लोगों पर भी लागू होगा.

यह निर्देश घाना की प्रवासी सेलिना एफ्फुम के सिलसिले में दिया गया. 22 मार्च 2013 को उसके पास फ्रेंच पुलिस द्वारा नकली बेल्जियन कागजात पाए गये. उस समय वह बेल्जियम से लंदन बस में जा रही थीं.

फ्रेंच पुलिस ने उसे फ़्रांस में नकली कागजात रखने के आरोप में हिरासत में रखने के आदेश दिए. इस मामले में एफ्फुम ने हिरासत में रखे जाने को यूरोपियन यूनियन के निर्देशों के खिलाफ बताते हुए केस दायर किया.

इस केस को बाद में यूरोपियन कोर्ट में दर्ज किया गया जहां मामले की सुनवाई की गयी.

2008 वापसी निर्देश

•    इस नियम के तहत प्रवासी व्यक्ति को स्वेच्छा से 30 दिन के भीतर देश छोड़ने को कहा जाता है. इस प्रक्रिया में जबरदस्ती अथवा उस व्यक्ति का जीवन खतरे में नहीं डाला जाना चाहिए.

•    इस संबंध में विभागों को बच्चों, परिवारों एवं देशों के द्विपक्षीय संबंधों का ध्यान रखना चाहिए.

•    यह शेंगेन क्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश कर गये व्यक्ति का बचाव करता है तथा उसके मानवीय अधिकारों की रक्षा करता है.

•    हालांकि किसी व्यक्ति द्वारा अपराध किये जाने की अवस्था में एवं घर वापसी के आदेशों की तय सीमा के बाद अवहेलना करने पर उसे 18 माह के लिए हिरासत में लिया जा सकता है.

•    यदि व्यक्ति एक बार देश छोड़ कर चला जाए एवं दोबारा अवैध रूप से प्रयास करे तो भी उसे सज़ा हो सकती है.

 

=> केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय योग पुरस्कार योजना लागू की

 

केंद्र सरकार ने 8 जून 2016 को अंतरराष्ट्रीय योग पुरस्कार योजना शुरू करने का फैसला किया. पुरस्कार का उद्देश्य योग को प्रोत्साहित करना है.  

वर्तमान में, आयुष मंत्रालय इस योजना पर काम कर रहा है और वर्ष  2017 से योग्य व्यक्तियों को पुरस्कार वितरण शुरू कर देंगे.

नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्वास्थ्य संपादकों के सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर आयुष राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाइक ने इस योजना की घोषणा की.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य संपादकों के सम्मेलन के बारे में-

• सम्मेलन का विषय मानव के समग्र स्वास्थ्य हेतु योग पर हालिया शोध था.

• सम्मेलन का उद्देश्य मीडिया के माध्यम से जनता के लिए योग के लाभ और उसका व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करना है.

सम्मेलन का आयोजन आयुष मंत्रालय द्वारा प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) के साथ किया गया. सम्मेलन योग अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2016 हेतु रूप रेखा बनाने के उद्देश्य के तहत अग्रणी श्रृंखला का हिस्सा है.

 

=> 'द मार्शियन' के निर्देशक रिडले स्कॉट को अमेरिकन सिनेमाथिक अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा

 

'द मार्शियन', 'ग्लैडिएटर' व 'ब्लैड रनर' सरीखी अति सफल फिल्मों के निर्देशक रिडले स्कॉट को 8 जून 2016 को 30वें अमेरिकन सिनेमाथिक अवार्ड से सम्मानित करने की घोषणा किया गया. वे 78 वर्ष के है.

रिडले को यह पुरस्कार अक्टूबर 2016 में बेवर्ली हिल्टन में आयोजित होने वाले पुरस्कार समारोह में उनके दोस्तों व सहकर्मियों के हाथों मिलेगा.

रिडले स्कॉट चलचित्र के इतिहास में महान निर्देशकों में से एक हैं.

पूर्व में स्टीवन स्पिलबर्ग, मार्टिन स्कोर्सीज, मेल गिब्सन, टॉम क्रूज, जूलिया रॉबर्ट्स, अल पचीनो, रॉबर्ट डाउनी जूनियर, मैट डैमन व रीस विदरस्पून को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.

रिडले स्कॉट के बारे मे:

•    रिडले स्कॉट का जन्म 30 नवम्बर 1937 को इंग्लैंड में हुआ.

•    वे एक अंग्रेजी फिल्म निर्देशक और निर्माता है.

•    स्कॉट को अत्यधिक ध्यान केंद्रित दृश्य शैली के लिए जाना जाता है.

•    उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि से वर्ष 2015 में कला रॉयल कॉलेज, लंदन में सम्मानित किया गया.

•    स्कॉट को निर्देशन के लिए तीन बार अकादमी पुरस्कार(थेल्मा और लुईस, 'ग्लैडिएटर' व 'ब्लैड रनर) के लिए नामित किया गया है.

 

 

=> नाटो ने अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त सैन्य अभ्यास एनाकोंडा-16 पोलैंड में आरंभ किया

 

उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) सदस्यों एवं साथी राष्ट्रों ने 6 जून 2016 को विशालतम संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास एनाकोंडा-16 पोलैंड में आरंभ किया. 

यह नाटो के सैन्य कार्यक्रम का ही एक भाग है, इसे नाटो द्वारा वारसा में आयोजित किये जाने वाले शिखर सम्मेलन से कुछ समय पहले कराया जा रहा है. इसमें नाटो के सैनिक एवं सैन्य साजो-सामान बाल्टिक क्षेत्र में मौजूद रहेगा.

यह अभ्यास ऐसे समय में आयोजित किया जा रहा है जब मध्य एवं पूर्वी यूरोप के देश रूस से सुरक्षा की गारंटी चाहते हैं.

सैन्य अभ्यास की विशेषताएं

• सैन्य अभ्यास की अध्यक्षता पोलैंड के सैन्य अभियानों के कमांडर द्वारा की जाती है.

• इसमें 31000 सैनिक भाग लेंगे पोलैंड एवं अमेरिका के अतिरिक्त 17 अन्य नाटो देशों के सदस्य भी शामिल होंगे.

• इसमें 12000 सैनिक पोलैंड से, 14000 अमेरिका एवं 1000 ब्रिटेन से भाग लेंगे.

• एनाकोंडा-16 पोलैंड के विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जायेगा तथा इसका समापन 17 जून को होगा.

• इस दौरान पोलैंड के सैनिकों को प्रशिक्षण एवं तकनीकी ज्ञान भी प्राप्त होगा. वे सैनिक, केमिकल, साइबर एवं वायु युद्ध का प्रशिक्षण भी प्राप्त करेंगे. 

• इसमें 3000 वाहन, 105 हवाई जहाज एवं हेलीकॉप्टर तथा 12 नेवी जहाज भाग लेंगे.

• इसमें नाईट टाइम हेलीकॉप्टर, अमेरिकी सैनिकों को छोड़ने के लिए विस्तुला नदी पर एक नकली पुल बनाया गया है.

एनाकोंडा अभ्यास का आरंभ पोलैंड में 2006 में हुआ था तथा इसमें अब तक विभिन्न नाटो सदस्यों ने भाग लिया है तथा यह आंकड़ा बढ़ रहा है.

 

=> संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून रूस के “ऑर्डर ऑफ फ्रेंडशिप” सम्मान से सम्मानित

 

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 8 जून 2016 को संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून को “ऑर्डर ऑफ फ्रेंडशिप” (order of friendship) सम्मान से सम्मानित किया.

बान को यह सम्मान शांति, दोस्ती, सहयोग और आपसी समझ को मजबूत बनाने में विशेष गुण के लिए सम्मानित किया गया.

बान की-मून के बारे में:

•    बान की-मून संयुक्त राष्ट्र के आठवें और वर्तमान महासचिव हैं.

•    महासचिव बनने से पहले वे दक्षिण कोरिया के विदेश मामलों के मंत्रालय में एक कैरियर राजनयिक थे.

•    बान ने लोक प्रशासन में मास्टर की उपाधी हार्वर्ड विश्वविद्यालय में जॉन एफ कैनेडी सरकारी स्कूल से प्राप्त की.

•    वे जनवरी 2004 से नवम्बर 2006 तक कोरिया गणराज्य के विदेश मंत्री रहे.

•    वे 13 अक्टूबर 2006 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आठवें महासचिव चुने गए.

 

 

=> टाइम पत्रिका की 'नेक्स्ट जनरेशन लीडर'-2016 सूची में एकमात्र भारतीय

 

प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका की ओर से 9 जून 2016 को जारी 'नेक्स्ट जनरेशन लीडर'-2016 सूची में एकमात्र भारतीय उमेश सचदेव को जगह मिली है.

उन्हें यह सम्मान ऐसा फोन बनाने के लिए मिला है, जो तकरीबन सभी भाषा समझ सकता है.

इससे संबंधित मुख्य तथ्य:

टाइम की लिस्टम में ओलंपिक जिम्नॉसस्टै सिमोन बिल्स , केव एक्सएप्लोररर फ्रेनसिस्को  सौरी और सीरियाई रिफ्यूजी फिरास अल्सजतर भी शामिल हैं.

चेन्नई स्थित यह स्टार्टअप एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाता है, जिसके जरिए लोग अपने फोन से इंट्रेक्टि कर सकते हैं और ऑनलाइन बैंकिंग जैसी सर्विसेज अपनी लोकल लैंग्वेाज में एक्सेनस कर सकते हैं.

यूनिफोर के प्रोडक्ट्सस को इंडिया में 50 लाख से अधिक लोग इस्तेमाल कर रहे हैं.

इस प्रोडक्ट के जरिए 25 से अधिक ग्लोबल लैंग्वेज और 150 बोलियो में वर्चुअल सहायता ली जा सकती है.

फोन वित्तीय समावेशीकरण में मदद कर सकता है या एक किसान को मौसम की सूचना हासिल करने में मदद कर सकता है.

उमेश सचदेव:

उमेश सचदेव ने अपने कॉलेज फ्रेंड रवि सराओगी के साथ मिलकर यूनिफोर सॉफ्टवेयर सिस्टेम्स की स्थापना की.

सचदेव यूनीफोर सॉफ्टवेयर सिस्टम्स के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं.

 

 

=> गूगल और टाटा की संयुक्त पहल "इंटरनेट साथीका पश्चिम बंगाल में शुभारम्भ

 

इंटरनेट सर्च इंजन गूगल और टाटा ट्रस्ट ने 8 जून 2016 को संयुक्त रूप से पहल करके "इंटरनेट साथी" का कोलकाता, पश्चिम बंगाल में शुभारम्भ किया.

इस पहल का उद्देश्य भारत के ग्रामीण क्षेत्रों जैसे पुरुलिया आदि में डिजिटल लैंगिक अंतर को कम करना है, जहां लड़कियों को इंटरनेट का उपयोग करने और दूसरों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. 

इंटरनेट साथी पांच राज्यों में सफलतापूर्वक शुरू किया गया. जुलाई 2015 में, यह पश्चिम बंगाल सहित चार राज्यों में शुरू हुआ.

इंटरनेट साथी के बारे में-

• इंटरनेट साथी का उद्देश्य इंटरनेट के लाभ पर बुनियादी प्रशिक्षण प्रदान करके  महिलाओं और उनके समुदायों को सशक्त बनाना है.

• कार्यक्रम से ग्रामीण भारत में महिलाओं के जीवन और उनके समुदायों में सुधार आ रहा है.

• यह ग्रामीण भारत में महिलाओं के इंटरनेट प्रशिक्षण के विभिन्न उपयोगों पर केंद्रित है. जो प्रशिक्षण करने के बाद अपने स्वयं के और पड़ोसी गांवों में बड़े  ग्रामीण समुदाय को प्रशिक्षण दे सकेंगी.

• साथी के प्रशिक्षण में गूगल मदद करता है और प्रशिक्षण सामग्री के साथ-साथ डेटा सक्षम उपकरणों प्रदान करता है.

• जमीनी स्तर पर प्रशिक्षण स्वयं सहायता समूह, महासंघों और स्थानीय गैर सरकारी संगठनों के सदस्यों जो टाटा ट्रस्ट द्वारा समर्थित हैं, के माध्यम से दिया जाता है.   
• पिछले दस महीनों में यह पहल भारत के पांच राज्यों अर्थात् राजस्थान, गुजरात, झारखंड, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के गांवों में सक्रिय रूप से कार्यरत है.

 

 

=> खगोलभौतिकविद् ने अंतरिक्ष में कनारिस आइंस्टीन रिंग की खोज की

 

खगोलभौतिकविदों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने नई प्रकाशीय आइंस्टीन रिंग जिसे कनारिस आइंस्टीन रिंग कहा जा रहा है, की खोज की है. आइंस्टीन रिंग आकाशगंगा की विकृत छवि स्रोत है जो पृथ्वी से बहुत दूर है.

खोज के परिणाम रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी के अंतरराष्ट्रीय जरनल मंथली नोटिसेस में 16 मई 2016 को प्रकाशित हुए थे. 

खोजी टीम के सदस्यों में इंस्टीट्यूटो डी एस्ट्रोफिजिका डी कनारिस (आईएसी) और स्पेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ला लागुना (यूएलएल) से डॉक्टरेट की छात्रा मार्गेरिटा बेट्टिनेल्ली प्रमुख हैं. 

अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष 

• इस दुर्लभ घटना की खोज स्कल्पचर कान्स्टलेशन, IAC J010127-334319 में स्कल्पचर ड्रॉर्फ स्फेरॉयडल गैलेक्सी  के आस–पास के क्षेत्र में हुई है. 

• 300 डिग्री के कोण और 4.5 आर्कसेक ( arcsec) के व्यास वाली खोज की गई आकाशगंगा (आइंस्टीन रिंग) का नया स्रोत लगभग पूर्ण वृत्त है. 

• खोज किए गए ऑप्टिकल आइंस्टीन रिंग से दो पूर्ण रूप से पंक्तिबद्ध आकाशगंगा–सोर्स गैलेक्सी और लेंस गैलेक्सी का पता चलता है. 

• सोर्स गैलेक्सी पृथ्वी से 10000 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर है और यह नीले रंग की आकाशगंगा की तरह दिखता है जिसमें युवा तारों की आबादी विकसित होती जान पड़ती है. ये युवा सितारे बहुत उच्च दर से बन रहे हैं. 

• लेंस गैलेक्सी पृथ्वी से 6000 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर और अधिक विकसित हैं, हालांकि इसमें सितारों का बनना लगभग बंद हो चुका है और इसकी आबादी पुरानी है. 

आइंस्टीन रिंग की उपस्थिति की पुष्टि कैसे हुई थी? 

वस्तु की पुष्टि स्पेक्ट्रोग्राफ ओसिरिस (OSIRIS) के साथ 10.4 एम ग्रैन टेलिस्कोपियो कनाराएस (जीटीएस) पर लेंस और सोर्स के लिए स्पेक्ट्रोस्कोपिक रेडशिफ्ट्स प्राप्त करने के लिए किए गए अध्ययन से प्राप्त किया गया था.

 

 

=> विश्व का पहला 3D–प्रिंटेड विमान थॉर अंतरराष्ट्रीय एयरोस्पेस एग्जीबिशन में प्रदर्शित

 

1 जून 2016 को कोनेफी (Schoenefe)में अंतरराष्ट्रीय एयरोस्पेस एग्जीबिशन में विश्व का पहला 3D–प्रिंटेड विमान थॉर (THOR)का प्रदर्शन किया गया.

ड्रोन थॉर (THOR)वास्तविकता में उच्च–तकनीक उद्देश्यों के परीक्षण का काम है और यह सफेद मॉडल वाले बड़े हवाईजहाज के जैसा दिखता है. 

3D-प्रिंटेड विमान थॉर(THOR)के बारे में 

• यह दुनिया का पहला 3D-प्रिंटेड विमान है. इसमें सिर्फ 3 हिस्से हैं.

• यह खिड़कीरहित विमान है. वजन 21 किलोग्राम (46 पाउंड) और लंबाई में 4 मीटर (13 फीट) से भी कम है. यह हल्का, तेज और सस्ता है. 

• विद्युत तत्वों को छोड़ कर सभी अन्य हिस्से पॉलिमेड (polyamide)से प्रिंट (3D) किए गए हैं. 

• थॉर ने अपनी पहली उड़ान नवंबर 2015 में उत्तरी जर्मनी शहर हैम्बर्ग के पास भरी थी. 
• एयरबस और बोइंग में 3D प्रिंटिंग का प्रयोग पहले से ही हो रहा है, विशेष रूप से उनके विशाल यात्री विमान A350 और B787 ड्रीमलाइनर के हिस्से बनाने में.

 

विमानन में 3D प्रिंटिंग 

• नए 3D प्रिंटर्स 40 सेंटीमीटर (15 इंट) लंबे टुकड़े बना सकते हैं और इनका ज्यादातर प्रयोग विशेष रूप से जटिल डिजाइनों में किया जाता है. 

• लागत में बचत के अलावा, 3D प्रिंटिंग पारिस्थितिकी लाभ जैसे हल्के जेट कम ईंधन का प्रयोग करते हैं और कम प्रदूषण फैलाते हैं, देने का भी वादा करता है. 

• आगामी 20 वर्षों में वायु यातायात से लगभग दुगने होने वाले कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए यह क्रांतिकारी तकनीकी नवाचार होगा.

 

=> नासा के वैज्ञानिकों ने विषैले सल्फर डाईऑक्साइड उत्सर्जन के मानवनिर्मित 39 स्रोतों का पता लगाया

 

नासा के वैत्रानिकों ने विषैले सल्फर डाईऑक्साइड उत्सर्जन के 39 गैर–रिपोर्ट किए गए और प्रमुख मानव–निर्मित स्रोतों का पता लगाया है. इन्होंने विषैले उत्सर्जनों के स्रोतों का पता लगाने के लिए नई उपग्रह–आधारित पद्धति का प्रयोग किया.

इस पर किया गया अध्ययन 30 मई 2016 को द नेचर जीयोसाइंस जरनल में प्रकाशित हुआ था. 

पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के नासा के वैज्ञानिकों, यूनिवर्सिटी ऑफ मारिलैंड, कॉलेज पार्क और हेलीफैक्स में डलहॉजी यूनिवर्सिटी, नोवा स्कोटिया ने इस अध्ययन में योगदान दिया है. 

अध्ययन की मुख्य बातें 
• 39 गैर-रिपोर्ट किए गए उत्सर्जन स्रोतों का पता 2005 से 2014 के बीच उपग्रह से मिले आंकडों के विश्लेषण के बाद चला. 

• ये कोयला जलाने वाले बिजली संयंत्र, स्मेलेटर्स, विशेष रूप से मध्यपूर्व के देशों में तथा मैक्सिको और रूस के हिस्सों में भी, पाए जाने वाले तेल एवं गैस संचालन के समूह हैं.

• इसके अलावा इन इलाकों में ज्ञात स्रोतों से रिपोर्ट किए गए उत्सर्जन की मात्रा कुछ मामलों में उपग्रह–आधारित अनुमानों की तुलना में दो से तीन गुना तक कम हैं.

• गैर–रिपोर्ट किए गए और अंडररिपोर्टेड स्रोत सल्फर डाईऑक्साइड के मानव–निर्मित कुल उत्सर्जन का करीब 12 फीसदी है. 

• शोध टीम ने यह भी बताया कि सुप्त ज्वालामुखी जैसे 75 प्राकृतिक स्रोत भी पूरे वर्ष धीरे-धीरे इस जहरीली गैस का उत्सर्जन करते रहते हैं. 

• मानवनिर्मित स्रोतों जैसे तेल–संबंधित गतिविधियों और मध्यम–आकार के बिजली संयंत्रों द्वारा कम मात्रा में SO2 सांद्रता के उत्सर्जन का भी पता चला है.

 

=> आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2016-17 सीजन के लिए खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दी

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 1 जून  2016 को 2016-17 सीजन के लिए खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दे दी. 
ये मूल्य 1 अक्टूबर 2016 से लागू हो जाएंगे. उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों को सुनिश्चित पारिश्रमिक के माध्यम से निवेश और उत्पादन को बढ़ाएगा. 

मंजूर किया गया एमएसपी कृषि लागत और मूल्यों  पर बने आयोग (सीएसीपी) के सिफारिशों पर आधारित है जिसमें अन्य बातों के अलावा उत्पादन लागत, कुल मांग-आपूर्ति को ध्यान में रखा गया था. 

सीएसीपी की अनुशंसाओं के अलावा सीसीईए ने खरीफ दालों जैसे अरहर, उड़द और मूंग के लिए 425 रुपये प्रति क्विंटल, तिल के लिए प्रति क्विंटल 200 रुपये और छिलके वाली मूंगफली, सूर्यमुखी के बीज, सोयाबीन और नाइजरसीड जैसे खरीफ तिलहन के प्रति क्विंटल पर 100 रुपये का बोनस देने का भी फैसला किया है.

इससे किसानों को रकबा बढ़ाने और दालों एवं तिलहन की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए निवेश हेतु मजबूत मूल्य संकेत देने की उम्मीद है.

कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपीके बारे में 

• यह केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का संबद्ध कार्यालय है जो जनवरी 1965 में अस्तित्व में आया था. 

• यह भारत में उभरती मांग पैटर्न को देखते हुए आधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाने और उत्पादकता एवं समग्र खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की अनुशंसा करता है. 

• सीएसीपी प्रत्येक वर्ष मूल्य नीति रिपोर्ट के रूप में सरकार को अपनी अनुशंसाएं सौंपता है. ये अनुशंसाएं पांच समूहों-खरीफ, रबी, गन्ना, कच्चा जूट और नारियल के लिए अलग-अलग होता है.

 

=> राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण और अपीलीय न्यायाधिकरण का संविधान अधिसूचित

 

1 जून 2016 को केंद्रीय कॉरपोर्ट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) और राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के संविधान को तत्काल प्रभाव से अधिसूचित कर दिया. 

सुप्रीमकोर्ट के जज (सेवानिवृत्त) जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय को एनसीएलएटी का अध्यक्ष बनाया गया है जबकि जस्टिस एमएम कुमार, जज (सेवानिवृत्त) को एनसीएलटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. 

आरंभ में एनसीएलटी की ग्यारह शाखाएं होंगी, दिल्ली में दो और अहमदाबाद, इलाहाबाद, बेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई में एक-एक. 

एनसीएलटी के संविधान बनने के साथ ही कंपनी अधिनियम 1956  के तहत गठित कंपनी विधि बोर्ड (सीएलबी) को भंग कर दिया गया. 

एनसीएलटी और एनसीएलएटी दोनों ही को कंपनी अधिनियम 2013 के तहत बनाया गया है जिसने कंपनी अधिनियम 1956 का स्थान लिया है. अधिनियम 12 सितंबर 2013 से प्रभावी है. 

राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) 

एनसीएलटी कंपनी अधिनियम 2013 या किसी अन्य कानून के माध्यम से उसे दी गईं शक्तियों और कार्यों को करेगा एवं उनका निर्वहन करेगा. 

इसका अध्यक्ष ऐसा व्यक्ति होगा जो उच्च न्यायालय का जज हो या पांच वर्षों तक इस पद पर रह चुका हो. 

न्यायिक सदस्य के तौर पर कोई व्यक्ति नियुक्त किए जाने के योग्य तब तक नहीं होगा जब तक कि– 

क) उच्च न्यायालय का जज हो, या रह चुका हो, या

ख) कम-से-कम पांच वर्षों से जिला जज हो या तक रह चुका हो, या 

ग) एक अदालत में बीते दस वर्षों से वकील हो. 

राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) 

एनसीएलएटी का गठन न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेशों के खिलाफ की जाने वाली अपील की सुनवाई के लिए किया गया है. 

क) इसका अध्यक्ष वह व्यक्ति होगा जो सुप्रीम कोर्ट का जज हो या पूर्व जज रह चुका हो या उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश हो. 

ख) न्यायिक सदस्य वह व्यक्ति होगा जो उच्च न्यायालय का जज हो या रह चुका हो या न्यायाधिकरण का पांच वर्षों से न्यायिक सदस्य हो. 

ग) एक तकनीकी सदस्य वह व्यक्ति होगा जिसने क्षमता और ईमानदारी सिद्ध की हो और जिसे कानून, औद्योगिक वित्त, औद्योगिक प्रबंधन या प्रशासन, औद्योगिक पुनर्निर्माण, निवेश, एकाउंटेंसी, मजदूर मामले या प्रबंधन से संबंधित ऐसे अन्य विषयों, मामलों, पुनरुद्धार, पुनर्वास और कंपनियों के समापन के प्रबंधन में विशेष ज्ञान और पच्चीस वर्षों से कम का अनुभव न हो. 

एनसीएलटी के अध्यक्ष और एनसीएलएटी के अध्यक्ष एवं न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति भारत के मुख्य न्यायाधीश के साथ परामर्श के बाद ही की जाएगी.

 

=> भारतीय रिज़र्व बटालियन का नाम महाराणा प्रताप पर रखा जायेगा

 

केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 जून 2016 को यह घोषणा की कि राजस्थान स्थित भारतीय रिज़र्व बटालियन का नाम महाराणा प्रताप के नाम पर रखा जायेगा. अब इसे महाराणा प्रताप रिज़र्व बटालियन के नाम से जाना जायेगा.

महाराणा प्रताप एक राजपूत योद्धा एवं शासक थे. उन्होंने मुगलों के खिलाफ युद्ध किया तथा कभी उनके सामने नहीं झुके, उन्हें मेवाड़ के महानतम शासक के रूप में जाना जाता है.

यह घोषणा राजनाथ सिंह द्वारा राज्य की दो दिवसीय यात्रा के दौरान की गयी. यह निर्णय मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के आग्रह पर लिया गया.

सरकार ने वर्ष 1971 में भारतीय रिज़र्व बटालियन योजना आरंभ की थी, अब तक 153 बटालियन बनाई जा चुकी हैं.

इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार ने जोधपुर स्थित सरदार पटेल यूनिवर्सिटी में आतंकवाद से निपटने हेतु केंद्र बनाये जाने की स्थापना करने की भी घोषणा की.

 

=> भारतीय लेखक अखिल शर्मा अंतरराष्ट्रीय डबलिन साहित्य सम्मान से पुरस्कृत

 

भारतीय मूल के अमेरिकी लेखक अखिल शर्मा को 9 जून 2016 को 'अंतरराष्ट्रीय डबलिन साहित्य पुरस्कार' से सम्मानित किया गया. यह आयरलैंड का सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान है. 

इसे उनके आत्मकथात्मक उपन्यास 'फैमिली लाइफ' के लिए दिया गया. उन्हें पुरस्कार स्वरूप एक लाख यूरो (करीब 75 लाख रुपये) की राशि मिली.

'फैमिली लाइफ' को वर्ष 2015 का फोलियो पुरस्कार भी मिल चुका है. यह पुरस्कार ब्रिटेन में अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित फिक्शन श्रेणी की सर्वश्रेष्ठ रचनाओं को दिया जाता है. उस समय पुरस्कार स्वरूप अखिल को ट्रॉफी और 40 हजार पौंड मिले थे. दिल्ली में जन्में अखिल शर्मा अब न्यूयॉर्क में रहते हैं.

'फैमिली लाइफ'

'फैमिली लाइफ' एक ऐसे व्यक्ति पर आधारित कहानी है जो बेहतर जिंदगी की तलाश में परिवार सहित दिल्ली से न्यूयॉर्क जाकर बस जाता है. वहां एक दुर्घटना में बड़े भाई का ब्रेन डेड हो जाता है. इस घटना के पश्चात् उन परिवार का परिदृश्य ही बदल जाता है. अखिल ने यह उपन्यास 13 वर्षों में पूरा किया.

 

=> एन आर विसाख मुंबई मेयर्स अंतरराष्ट्रीय ओपन शतरंज टूर्नामेंट जीतने वाले पहले भारतीय बने

 

तमिलनाडु के युवा अंतरराष्ट्रीय मास्टर एन आर विसाख ने 9 जून 2016 को मुंबई मेयर्स अंतरराष्ट्रीय ओपन शतरंज टूर्नामेंट जीतने वाले पहले भारतीय बन गए.

सत्रह वर्ष के विसाख ने अंतिम दौर में ग्रैंडमास्टर दिप्तायन घोष से ड्रा खेला.

उन्होंने आठ अंक लेकर घोष और चंडीगढ के हिमाल गुसाईं के साथ शीर्ष पर थे.

टाइब्रेक में बेहतर स्कोर के कारण विसाख को विजेता घोषित किया गया.

वे टूर्नामेंट के नौ साल के इतिहास में इसे जीतने वाले पहले भारतीय हैं.

उन्हें तीन लाख रूपये पुरस्कार के तौर पर मिले जबकि घोष को दो लाख और गुसाईं को एक लाख रूपये मिले.

 

 

=> असम में शोधकर्ताओं ने धान की दो किस्मों रंजीत सब-1 एवं बहादुर सब-1 का विकास किया

 

असम कृषि अनुसंधान विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं ने धान की दो किस्मों रंजीत सब-1 एवं बहादुर सब-1 का विकास किया. धान की इन किस्मों को राज्य की बराक वैली में बेहतर पैदावार प्राप्त करने हेतु विकसित किया गया.

असम के विभिन्न भागों में, विशेषकर बराक वैली, आकस्मिक बाढ़ आने से धान की फसल की बर्बादी होती है.

धान की दो किस्में

•    यह दोनों किस्में जलमग्न क्षेत्रों में खरीफ सीजन के दौरान उत्तम हैं.

•    यह किस्में रंजीत एवं बहादुर का उन्नत रूप है. इन दोनों किस्मों को राज्य के किसान वर्षों से प्रयोग कर रहे हैं.

•    इस दौरान एक अन्य किस्म का भी विकास किया गया जिससे आकस्मिक बाढ़ के समय पैदावार को जारी रखा जा सके.

 

=> भारत-अमेरिका ने आर्थिक एवं सतत विकास हेतु आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किये

 

भारत एवं संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) ने विभिन्न आठ क्षेत्रों में 8 जून 2016 को हस्ताक्षर किये. इन विषयों में उर्जा सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग, आतंकवाद में सूचना विनिमय, स्वच्छ उर्जा एवं जलवायु परिवर्तन शामिल हैं.


इन समझौतों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच बैठक के बाद हस्ताक्षर किये गये. मोदी 6 जून से 8 जून 2016 तक संयुक्त राज्य अमेरिका के अधिकारिक दौरे पर थे.


समझौते/समझौता ज्ञापन
•    आतंकवादी स्क्रीनिंग सूचना के आदान-प्रदान की व्यवस्था: समझौते के अनुसार, दोनों देशों द्वारा आतंकवाद से सम्बंधित सूचना का आदान-प्रदान किया जायेगा. इससे देशों में बढ़ रहे आतंकवाद पर नियंत्रण पाया जा सकेगा. इसपर मल्टी-एजेंसी सेंटर/इंटेलीजेंस ब्यूरो ऑफ़ इंडिया एवं अमेरिका के टेरोरिस्ट स्क्रीनिंग सेंटर द्वारा हस्ताक्षर किये गये.
•    ऊर्जा सुरक्षास्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन पर सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापन: इसका उद्देश्य भारत एवं अमेरिका के बीच उर्जा सुरक्षा, स्वच्छ उर्जा एवं जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर सहयोग बढ़ाना है ताकि इनपर संयुक्त रूप से कदम उठाये जा सकें. 

वन्य जीव संरक्षणप्रबंधन और वन्यजीव तस्करी पर सहयोग बढ़ाने हेतु समझौता ज्ञापन: इसमें दोनों देशों के बीच निम्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया जायेगा –

a.    वन्यजीव फोरेंसिक और संरक्षण आनुवंशिकी
b.    प्राकृतिक विश्व विरासत संरक्षण और प्रकृति व्याख्या
c.    संरक्षण जागरूकता
•    अंतर्राष्ट्रीय यात्री सुविधा विकास के लिए समझौता ज्ञापन (ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम): ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम, अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा कार्यक्रम है. दोनों देशों द्वारा इस पर शोध के उपरांत कम जोखिम वाले यात्रियों का अमेरिका में आना-जाना आसान हो जायेगा. इस पर कौंसुलर, पासपोर्ट और विदेश मंत्रालय के वीजा प्रभाग और अमेरिका के सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के होमलैंड सुरक्षा विभाग ने हस्ताक्षर किए.
•    अवर्गीकृत समुद्री जानकारी साझा करने हेतु तकनीकी व्यवस्था स्थापित करना: इस व्यवस्था में भारत और अमेरिका के बीच सफेद शिपिंग पर अवर्गीकृत जानकारी साझा करने की अनुमति होगी. इसके लिए दोनों देशों के कानूनों, नीतियों एवं निर्देशों के तहत जानकारी साझा की जाएगी. इस पर भारतीय नेवी तथा अमेरिकन नेवी ने हस्ताक्षर किये.
•    गैस हाइड्रेट क्षेत्र में सहयोग हेतु समझौता ज्ञापन: इसका उद्देश्य दोनों देशों की भूगर्भिक घटनाओं, वितरण तथा गैस उत्पादन को समझने में सहायता मिलेगी. इस पर पट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा संयुक्त राज्य के डिपार्टमेंट ऑफ़ एनर्जी द्वारा हस्ताक्षर किये गये.
•    विमान वाहक तकनीक के विषय में मास्टर सूचना विनिमय हेतु सूचना एक्सचेंज एनेक्स (आईईएसमझौता: आईईए का उद्देश्य भारत एवं अमेरिका के मध्य विमान वाहक तकनीक की जानकारी साझा करना शामिल है. इस समझौते को रक्षा मंत्रालय एवं अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा अंतिम रूप दिया गया.
•    लॉजिस्टिक एक्सचेंज समझौता ज्ञापन: इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच संयुक्त लॉजिस्टिक सहयोग उपलब्ध कराना है. इसमें संयुक्त अभ्यास, बंदरगाह भ्रमण एवं संयुक्त एचआर अभ्यास शामिल हैं. भारत का रक्षा मंत्रालय एवं अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने इस पर हस्ताक्षर किये.
•    समझौतों पर हस्ताक्षर करने के अतिरिक्त मोदी एवं ओबामा ने संयुक्त वक्तव्य जारी किया. इसके अनुसार, अमेरिका द्वारा भारत को उन्नत तकनीक प्रदान की जाएगी. इससे भारत को मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (मीटीसीआर) में प्रवेश प्राप्त करने में आसानी होगी.
•    अमेरिका द्वारा भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के सदस्य के रूप में नामित किये जाने पर भी अमेरिका ने सहमति व्यक्त की.

 

=> भारत के बुनियादी ढांचागत क्षेत्र में राष्ट्रीय निवेश एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफलिमिटेड और कतर निवेश प्राधिकरण(क्यूीआईएके बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर

 

एनआईआईएफ के अंतर्गत कतर से निवेश आकर्षि‍त करने के लिए राष्ट्रीय निवेश एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफ) लिमिटेड ने कतर निवेश प्राधि‍करण (क्यूआईए) के साथ 5 जून 2016 को एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये.

भारत के प्रधानमंत्री की दोहा यात्रा के दौरान इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए गये.

समझौता ज्ञापन की विशेषताएं:

•    सहमति पत्र का उद्देश्य भारत के बुनियादी ढांचागत क्षेत्र में निवेश अवसरों का अध्ययन करना.

•    इस तरह के निवेश अवसरों के संबंध में सूचनाओं के आदान-प्रदान की रूपरेखा विकसित करने के लिए क्यूआईए को सुविधा प्रदान करना है जिससे की दोनों पक्ष संयुक्त निवेश के बारे में फैसला कर सकें.

•    यह 12 माह प्रभावी रहेगा, जिस दौरान दोनों पक्ष इस तरह के निवेश की शर्तों, सिद्धांतों एवं मानदंड पर चर्चा करेंगे और सहमत होंगे.

•    एनआईआईएफ भारत के बुनियादी ढांचागत क्षेत्र में उपलब्ध निवेश अवसरों को क्यूआईए के साथ साझा करेगा.

कतर निवेश प्राधिकरण के बारे में:

•    कतर निवेश प्राधिकरण (क्यूआईए) कतर का सॉवरेन वेल्थ फंड है.

•    वे दीर्घकालिक निवेशक है और सभी भौगोलिक क्षेत्रों, सेक्टर एवं परिसंपत्ति वर्गों में निवेश अवसरों तक अपनी पहुंच सुनिश्चित करता है.

•    इससे पहले एनआईआईएफ के सृजन को मंजूरी दी गयी थी, ताकि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही स्रोतों से निवेश आकर्षित किया जा सके.

इसका उद्देश्य मुख्य रूप से वाणिज्यिक दृष्टि से लाभप्रद परियोजनाओं में बुनियादी ढांचे के विकास के जरिए पड़ने वाले आर्थिक असर को अधिकतम करना था.

 

 

=> एनआरडीसी और आंध्र प्रदेश सरकार के साथ सहमति पत्र पर स्याही एग्रीबिजनेस ऊष्मायन केन्द्र शुरू करने के लिए हस्ताक्षर

 

एपी खाद्य प्रसंस्करण सोसायटी के माध्यम से आंध्र प्रदेश सरकार राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (एनआरडीसी) ने 9 जून 2016 को वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग का उपक्रम, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ एक ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किया.

आंध्र प्रदेश के स्मार्ट एग्रीबिजनेस प्लेटफार्म नेटवर्क (एसएपीएनएपी) की स्थापना से कृषि व्यवसाय एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को मजबूत करना है.

यह समूह सभी साझेदारों को शामिल करके कृषि व्यवसाय के त्वरित विकास के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को सक्षम करने के सृजन पर ध्यान दिया जाएगा.

एसएपीएनएपी का दो प्रमुख विकास प्लेटफार्म होगा,जो निम्न हैं:

(i)स्मार्ट एग्रीबिजनेस वैल्यू-चेन:

•    स्मार्ट एग्रीबिजनेस वैल्यू-चेन स्मार्ट एग्रीबिजनेस मूल्य श्रृंखला खुफिया, विश्लेषणात्मक, बड़े आंकड़े, नई खोज और भागीदारी पर ध्यान देगा.

(ii)स्मार्ट एग्रीबिजनेस इनक्यूबेटर्स और एक्सीलेटर्स:

•    स्मार्ट एग्रीबिजनेस इन्क्यूबेटर्स शुरूआत, उद्यम विकास और एफपीओ सलाह के लिए बुनियादी ढांचे.

•    पारिस्थितिकी तंत्र को सक्रिय करने के साथ 13 जिला स्तर इन्क्यूबेटरों की स्थापना पर ध्यान देना.

राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (एनआरडीसी):

•    एनआरडीसी इस कार्यक्रम में सहयोगी साझेदार होगा.

•    राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हितधारकों को एसएपीएनएपी के शुरूआत और संबंधों के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकियों, जानकारी, आईपीआर और अन्य मूल्य वर्धित तकनीकी-वाणिज्यिक सेवाएं भी प्रदान करेगा.