Current Affaires 13-14 Sep 2015 Hindi

केंद्र सरकार ने इस्राइल से 10 हेरॉन टीपी ड्रोन खरीदने को मंजूरी प्रदान की

11 सितंबर 2015 को केंद्र सरकार ने इस्राइल से 10 हेरोन टीपी ड्रोन खरीदने को मंजूरी दे दी. 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सैन्य मिसाइल– सशस्त्र ड्रोन की यह खरीद भारत के सीमा पार सैन्य हमले का सामना करने की क्षमता को बढ़ाएगा. 
ये ड्रोन टोही ड्रोन के बेड़े वाले भारतीय वायु सेना (आईएएफ) द्वारा संचालित किए जाएंगे. आईएएफ के पास इस्राइल से लिया गया हर्पी यूएवी का भी बेड़ा है जो स्व–विध्वंसक प्रणाली है जो मुख्य रूप से दुश्मन के रडार की स्थितियों को बताता है. 
सशस्त्र बलों ने इन्ही सैन्य ड्रोन की खरीददारी का प्रस्ताव 2012 में भी रखा था लेकिन यूपीए–2 शासनकाल में उस प्रस्ताव को राजनीतिक समर्थन नहीं मिल सका था. मोदी सरकार में 2015 की शुरुआत में इस प्रोजेक्ट पर फिर से विचार किया गया और इस पर तेजी से काम किया गया.

हेरॉनड्रोनकेबारेमें

इस्राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज द्वारा विकसित हेरॉन ड्रोन मध्यम उंचाई स्तरों पर लगातार 52 घंटों की उड़ान भर सकता है.

इस्राइल का हेरॉन ड्रोन टोही, युद्धक और समर्थन भूमिकाओं में सक्षम प्रीडेटर मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) के जैसा ही है. 
हेरॉन ड्रोन्स 1000 किलोग्राम से अधिक वजन के पेलॉड ले जा सकते हैं. 
ये हवा से जमीन पर वार करने वाले मिसाइलों से लैस हैं जो दुश्मन के इलाके में छुपे लक्ष्यों की पहचान कर सकते हैं, उन्हें ट्रैक कर सकते हैं और उन्हें भेद सकते हैं. 
फिलहाल भारत असैन्य हेरॉन और खोजी यूएवी के बेड़े का संचालन निगरानी और खुफिया जानकारी जुटाने के लिए करता है.

मुंबई वार्ताः टीबी–मुक्त भारत की ओर का शुभारम्भ

मुंबईवार्ताःटीबी– मुक्तभारतकीओरः भारत में टीबी समाप्त करने के लिए कॉरपोरेट जगत को शामिल करने का लक्ष्य
भारत में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन और टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष रतन टाटा के साथ 10 सितंबर 2015 को मुंबई वार्ताः टीबी– मुक्त भारत की ओर, का शुभारंभ किया. 
इस वार्ता का उद्देश्य भारत सरकार द्वारा भारत को टीबी– मुक्त बनाने के प्रयासों को और सशक्त करने के लिए कॉरपोरेट जगत को इसमें शामिल करना था.

टीबी मुक्त भारत के लिए कॉल टू एक्शन की शुरुआत केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने 23 अप्रैल 2015 को की थी. देश में टीबी को खत्म करने के लिए सरकार नीत इस अभियान का उद्देश्य इसमें कॉरपोरेट, नागरिक समाज और सामुदायिक नेताओं की भागीदारी को बढ़ाना था. कॉल टू एक्शन पहल का समापन मार्च 2016 में एक राष्ट्रीय सम्मेलन में किया जाएगा. 
इसकी शुरुआत सभी संदिग्ध टीबी (तपेदिक) मरीजों तक परामर्श और उपचार के लिए पहुंच हेतु शुरु किया गया था. 
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)के वैश्विक टीबी रिपोर्ट 2014 के अनुसार हर वर्ष भारत में टीबी से 240000 भारतीयों की मौत हो जाती है और 61000भारतीय बहु दवा प्रतिरोधी टीबी से पीड़ित हैं.

अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान प्रबंधन अपने कर्मचारियों का शोषण नहीं कर सकते-इलाहाबाद उच्च न्याययालय

10 सितंबर 2015 को दिए एक फैसले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यह कहा कि भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों के अनुच्छेद 30(1) के प्रावधानों के तहत अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान के प्रबंधन कर्मचारियों का शोषण और परेशान नहीं कर सकते. 
अनुच्छेद 30(1) के तहत सभी अल्पसंख्यकों, चाहे वे धर्म या भाषा के आधार पर अल्पसंख्यक हों, को उनकी पसंद का शिक्षण संस्थान स्थापित और प्रशासित करने का अधिकार है.

यह टिप्पणी कानपुर के एक कॉलेज प्राचार्य, जिन्हें एक अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान के प्रबंधन ने बिना उचित पूछताछ के बर्खास्त कर दिया था, के द्वारा दायर की गई याचिका की सुनवाई के दौरान दी गई. प्राचार्य को वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में बर्खास्त किया गया था. 
कॉलेज प्रबंधन के आदेश को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने कहा कि प्राचार्य को बर्खास्त करने से पहले, सुनवाई का मौका और गवाहों से पूछताछ किया जाना अनिवार्य था लेकिन पूछताछ अधिकारी ने प्रक्रिया का पालन नहीं किया. 
अदालत के अनुसार प्रबंधन ने उत्तर प्रदेश इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम, 1921 का उल्लंघन किया है.

होरमस्जी एन कामा प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष निर्वाचित

होरमस्जी एन कामा 14 सितंबर 2015  को सर्वसम्मति से प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) का नया अध्यक्ष निर्वाचित किया गया है.
वह बंबई समाचार के प्रबंध निदेशक हैं जो वर्ष 1855 से समाचार पत्र प्रकाशित कर रही है. 
प्रेस परिषद के सदस्य कामा जागरण प्रकाशन लिमिटेड(जेपीएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक महेंद्र मोहन गुप्ता का स्थान लेंगे.
वर्तमान में कामा भारत के पाठकों की अध्ययन परिषद और इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी (आईएनएस) के अध्यक्ष हैं.
इसके अतिरिक्त वह बोर्ड ऑफ़ काउंसिल फॉर फेयर बिज़नेस प्रेक्टिस और ऑडिट ब्यूरो ऑफ़ सरकुलेशन(एबीसी) के भी सदस्य हैं.
रियादमैथ्यूउपाध्यक्षनिर्वाचित
रियाद मैथ्यू को सर्वसम्मति से पीटीआई के उपाध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया. वह मलयाला मनोरमा के निदेशक हैं और मलयाला मनोरमा के वरिष्ठ सहायक संपादक हैं जो भारत की अग्रणी साप्ताहिक ‘द वीक’ का का प्रकाशन करती है.
उन्होंने वाशिंगटन में एसोसिएटेड प्रेस(एपी) के साथ एक संवाददाता के रूप में भी कार्य किया है.
यह निर्णय नई दिल्ली में आयोजित पीटीआई की 67वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में लिया गया.


पीटीआईबोर्डकेअन्यसदस्योंमें
महेंद्र मोहन गुप्ता (जेपीएल), के.एन. शांथ कुमार (डेक्कन हेराल्ड), विनीत जैन (टाइम्स ऑफ इंडिया), अवीक कुमार सरकार (आनंद बाजार पत्रिका), विवेक गोयनका (इंडियन एक्सप्रेस), एन रवि (हिन्दू), एमपी वीरेन्द्र कुमार (मातृभूमि ), संजय नारायण (हिंदुस्तान टाइम्स), विजय कुमार चोपड़ा (हिन्द समाचार) और आर लक्ष्मीपति (दिनामलार). 
प्रेसट्रस्टऑफइंडियाकेबारेमें

प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) भारत की एक प्रमुख समाचार एजेंसी है इसके पास लगभग 400 पत्रकारों का कार्यबल है. यह दैनिक आधार पर लगभग 2000 से अधिक खबरों और 200 से अधिक चित्रों का प्रकाशन करती है. प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) वर्ष 1947 में पंजीकृत हुई और 1949 में कार्य करना शुरू किया.

विशेषज्ञों ने तंजावुर जिले में संगम कालीन बंदरगाह के अस्तित्व की खोज की

सितंबर 2015 के दूसरे सप्ताह में तमिल विश्वविद्यालय के समुद्र इतिहास और समुद्र पुरात्तव विभाग के विशेषज्ञों ने तमिलनाडु के तंजावुर जिले में संगम कालीन और मध्य चोल कालीन समृद्ध बंदरगाह शहर के अस्तित्व की खोज की.

यह खोज तंजावुर जिले के मंदरीपट्टिनम मछली टोला में पुरातात्विक खुदाई के दौरान किया गया.

संगम काल ई.पू. से तीसरी शताब्दी के आम युग से पहले तीसरी शताब्दी से संबंधित है जबकि मध्य चोल काल की अवधि 850 से 1250 ई. के बीच थी.

नतीजे

सेंधलाईपट्टिनम की खाइयों में से एक में मध्य चोल काल के आठ सीलोन पुरुष के आठ तांबे के सिक्के मिले हैं. चांदी का सिक्का विजयनगर साम्राज्य का था जो यहां पाया गाया.

उल्टी दिशा में चौकोर सिक्के पर हाथी की आकृति मुद्रित था जिसे धनुष के साथ पाया गया.

पास ही में एक बहुत ही पतला  धातु का टुकड़ा भी मिला जो वहां के कारीगरों की दक्षता और जटिल हस्तशिल्प क्षमताओं के बारे में बताता है.

खाइयों में मध्यकालीन मिट्टी के बने बैल के सिर की मूर्ति और सांप का फन भी मिला है.

सेंधलाइपट्टिनम में खुदाई करने वालों को मिट्टी के दीवार के अवशेष, बहुत बड़ा मटका और स्वदेशी जल शुद्धिकरण प्रणाली जिसमें कम–से–कम दस फिट के पाइपों का इस्तेमाल किया गया था, मिला है.

टोले से मिलने वाली कलाकृतियों में सोने और सोने के आभूषण के टूटे हुए हिस्से भी थे.

निष्कर्ष

खोज इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि यह संपन्न बंदरगाह ई.सन की शुरुआत में अस्तित्व में था. सभी स्थानों में खाइयों में से 600 से भी अधिक विभिन्न प्रकार और रंग के कम बहुमूल्य पत्थर मिले हैं.चौंकाने वाली बात यह है कि सरसों के दाने के आकार के कई पत्थरों में आज भी छेद मौजूद है जिसमें धागा डालकर माला तैयार की जा सकती है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने गैर–सदस्य प्रेक्षक देशों के झंडों को भी फहराने का संकल्प पारित किया

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 सितंबर 2015 को गैर– सदस्य देशों के झंडों को भी लगाने के संकल्प को पारित कर दिया. यह संकल्प सितंबर 2015 माह के लिए अरब समूह के अध्यक्ष के तौर पर इराक ने पेश किया था. 
संकल्प के अनुसार फिलिस्तीन जैसे गैर– सदस्य प्रेक्षक देशों के झंडों को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालयों और संयुक्त राष्ट्र के कार्यालयों में संगठन के सदस्य देशों के झंडों के साथ लगाया जाना चाहिए. 
इसके साथ ही गैर–सदस्य पर्यवेक्षक देश फिलिस्तीन और वेटिकन संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अपने झंडे लगा सकेंगे.
इस संकल्प को यूएनजीए में रिकॉर्ड मतों के साथ अपनाया गया. संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से भारत समेत 119 देशों ने इसके पक्ष में वोट डाला जबकि आठ देशों ने फिलिस्तीन के मसौदे वाले संकल्प के खिलाफ वोट डाला. मतदान में 45 देशों ने हिस्सा नहीं लिया.

संकल्प के खिलाफ वोट देने वाले देश थे– ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इस्राइल, मार्शल द्वीप, फेडरेटेड स्टेट्स ऑफ माइक्रोनेशिया, पलाउ, तुवालु और संयुक्त राज्य अमेरिका. 
इसके अलावा यूएनजीए ने संप्रभु ऋण पुनर्गठन की प्रक्रिया पर बुनियादी सिद्धांतों वाले प्रस्ताव को भी पारित किया. 
संकल्प में कहा गया है कि संप्रभु ऋण पुनर्गठन प्रक्रियाओं को तदर्थ समिति की रिपोर्ट के अनुसार बुनियादी सिद्धांतों द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए. इसके पक्ष में 136 देशों ने वोट डाला जबकि 6 देशों ( कनाडा, जर्मनी, इस्राइल, जापान, यूनाइटेड किंग्डम, संयुक्त राज्य अमेरिका) ने इसके खिलाफ वोट डाले और 41 देश अनुपस्थित रहे. 
टिप्पणी
संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित संकल्प बड़े और छोटे सभी देशों की समानता पर जोर देता है, का बहुत अधिक प्रतीकात्मक महत्व है. बतौर पर्यवेक्षक देश फिलिस्तीन ने कहा, "झंडा लगाने से काम खत्म नहीं होगा, यह दुनिया के किसी भी कोने में रहने वाले फिलिस्तीन के लोगों को बताएगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने उन्हें अपना समर्थन दिया है."
इसके अतिरिक्त इराक, जिसने इस संकल्प को यूएनजीए में बतौर अरब समूह अध्यक्ष के तौर पर पेश किया था, ने कहा, " फिलिस्तीनी लोगों के समर्थन, आत्मनिर्णय के उनके अधिकार और उनके अधिकार की जगह उन्हें दिलाने की जरूरत की दिशा में कदम बढ़ाना महत्वपूर्ण है." फ्रांस के मुताबिक, "वोट दो– देश समाधान के लिए है."
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2012 में फिलिस्तीन को गैर–सदस्य पर्यवेक्षक देश का दर्जा दिया गया था.

नीलगिरि परियोजना के तहत भारतीय रेल का गूगल के साथ समझौता

वर्ष 2015  के सितम्बर माह में नीलगिरि परियोजना चर्चा में रही. इस परियोजना पर रेलटेल और गूगल कार्य कर रहे हैं.
इस परियोजना के तहत देश के 400 रेलवे स्टेशनों में यात्रियों को मुफ्त वाई-फाई की सेवा प्रदान की जाएगी.


इसके तहत उपयोगकर्ता पहले 30 मिनट में वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) का उपयोग करके के हाई स्पीड इंटरनेट का उपयोग कर सकेंगे. परन्तु 30 मिनट के बाद इंटरनेट की  गति कम हो जाएगी.
इस परियोजना में गूगल की फाइबर प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है. जिसमे कंपनी 1 जीबीपीएस तक की इन्टरनेट गति प्रदान करती है.

गूगल फाइबर तकनीक वर्ष 2010 में प्रारंभ की गई थी और यह सेवा वर्तमान में केवल संयुक्त राज्य अमेरिका में उपलब्ध है.

नोवाक जोकोविच ने अमेरिकी ओपन का पुरुष एकल खिताब जीता

नोवाक जोकोविच ने 13 सितंबर 2015 को अमेरिकी ओपन का पुरुष एकल खिताब जीता. न्यूयॉर्क में आर्थर ऐश स्टेडियम में आयोजित खिताबी मुकाबले में सर्बियाई खिलाड़ी जोकोविच ने रोजर फेडरर को 5-7, 6-4, 6-4, 6-4 से पराजित किया.

जोकोविच का यह दूसरा अमेरिकी ओपन एकल खिताब और 10वां ग्रैंड स्लैम एकल खिताब था. इसके साथ ही जोकोविच ने अमेरिका के बिल टिल्डेन की बराबरी की.

हालांकि, स्विस खिलाड़ी फेडरर अभी भी 17 ग्रैंड स्लैम एकल खिताब के साथ इस सूची में शीर्ष पर बने हुए है. फेडरर ने वर्ष 2009 के बाद पहली बार अमेरिकी ओपन के फाइनल में पहुंचे थे. यह फाइनल फेडरर और जोकोविच के बीच 42वीं भिड़ंत थी. अब फेडरर और जोकोविच का एक दूसरे के खिलाफ जीत हार का रिकार्ड 21-21 का हो गया.

वर्ष 2014 का अमेरिकी ओपन का पुरुष एकल खिताब बोस्निया और हर्जेगोविना के मारिन सिलिक ने जीता था.

इटली की फ्लाविया पेनेटा ने अमेरिकी ओपन महिला एकल खिताब जीता

फ्लाविया पेनेटा ने 12 सितंबर 2015 को अमेरिकी ओपन महिला एकल खिताब जीत लिया. न्यूयॉर्क के आर्थर ऐश स्टेडियम में आयोजित खिताबी मुकाबले में पेनेटा ने इटली की रोबर्टा विंसी को 7-6 (7-4), 6-2 से पराजित कर अपना पहला ग्रैंड स्लैम खिताब जीता.

यह फ्लाविया पेनेटा का पहला ग्रैंड स्लैम खिताब था और इस जीत के बाद उन्होंने टेनिस से संन्यास लेने की घोषणा की.

इस जीत के साथ ही पेनेटा टेनिस का मेजर एकल महिला खिताब जीतने वाली इटली की दूसरी महिला बनीं. इससे पहले मेजर एकल महिला खिताब जीतने वाली इटली की एकमात्र खिलाड़ी फ्रांसिस्का शियावोन थी, जिन्होंने वर्ष 2010 में फ्रेंच ओपन जीता था.

वर्ष 2014 का अमेरिकी ओपन का महिला एकल खिताब संयुक्त राज्य अमेरिका की सेरेना विलियम्स ने जीता था.

नृत्यांगना कलामंडलम सत्यभामा का निधन

पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित मोहिनीअट्टम नृत्यांगना कलामंडलम सत्यभामा का 13 सितम्बर 2015 को निधन हो गया. वह 77 वर्ष की थी.
मोहिनीअट्टम के साथ कई प्रयोगात्मक सुधार करने वाली सत्यभामा ने इस पारंपरिक नृत्य शैली को राज्य में एक लोकप्रिय नृत्य शैली बनाया.


कलामंडलमसत्यभामाकेबारेमें
• कलामंडलम सत्यभामा का जन्म शोरानूर,केरल में वर्ष 1937 में हुआ था और उन्होंने मात्र 12 वर्ष की आयु में नृत्य की शिक्षा ग्रहण करना आरम्भ कर दिया था.
• उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत कलामंडलम विश्वविद्यालय की रजत जयंती समारोह के कार्यक्रम से की थी. 
• वह कलामंडलम विश्वविद्यालय, केरल की पहली महिला उप प्रधानाचार्य नियुक्त की गईं तत्पश्चात वह वर्ष 1992 तक प्रधानाचार्या के पद पर कार्यरत रहीं.
• कलामंडलम सत्यभामा ने मलयालम भाषा में मोहिनीअट्टम- हिस्ट्री, टेकनीक एंड परफॉरमेंस शीर्षक से एक लेख भी प्रकाशित किया.
• उन्हें वर्ष 2014 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इसके अतिरिक्त उन्हें केरल संगीता नाटक अकादमी पुरस्कार (1976), संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1994), केरल सरकार के न्रुथ्य नाट्य पुरस्कारम (2005), कलामंडलम पुरस्कार (1988) से भी सम्मानित किया गया.
विदित हो मोहिनीअट्टम केरल की शास्त्रीय नृत्य शैली है जिसका हिंदी में अर्थ ‘मोहित कर लेने वाला नृत्य’ होता है.

प्रसिद्ध अमेरिकी अभिनेता एवं नाटककार जॉन पी. कोनेल का निधन

प्रसिद्ध अमेरिकी अभिनेता एवं नाटककार जॉन पी. कोनेल का 10 सितंबर 2015 को 91 वर्ष की आयु में लॉस एंजिल्स में निधन हो गया. कोनेल एक टेलीविजन लेखक, नाटककार और व्यावसायिक वॉयसओवर कलाकार थे.

फिलाडेल्फिया में जन्में कोनेल अभिनय क्षेत्र में आने से पूर्व द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान वायु सेना के साथ रेडियो ऑपरेटर एवं गनर के रूप में सेवारत थे. द्वितीय विश्व युद्ध में उनके अतुल्य योगदान हेतु कोनेल को फाइव बैटल स्टार्स तथा एक पर्पल हर्ट से सम्मानित किया गया.

इनकी कुछ प्रमुख फिल्में एवं धारावहिक थ्री डेज ऑफ द कंडोर, फेल सेफ, फैमिली बिजनेस, द एज ऑफ नाईट, लव ऑफ लाइफ हैं

डीआरडीओ वैज्ञानिक डॉ जी सतीश रेड्डी रॉयल एयरोनॉटिकल सोसायटी द्वारा सम्मानित

लंदन स्थित ‘द रायल एयरोनाटिकल सोसाइटी’ (आरएईएस) ने सितम्बर,2015 को रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ जी सतीश रेड्डी को एयरोस्पेस की प्रगति एवं विकास में योगदान देने के लिए वर्ष 2015 के रजत पदक से सम्मानित करने की घोषणा की है.

डॉजीसतीशरेड्डीकेबारेमें
• डॉ जी सतीश रेड्डी ने आंध्र प्रदेश के जेएनटीयू अनंतपुर से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और वर्ष 1985 में डीआरडीओ में शामिल हुए.
• वर्तमान में वह हैदराबाद स्थित अनुसंधान केंद्र इमारत के निदेशक हैं. इसके अतिरिक्त वह वर्ष 2013 से एमआरएसएएम(मध्यम दूरी की सतह से हवा में मिसाइल) कार्यक्रम के निदेशक हैं.
• वर्तमान में वह रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार है.
• उनके नेतृत्व में भारत ने प्रमुख राष्ट्रीय सामरिक कार्यक्रमों और अन्य रक्षा अनुप्रयोगों के लिए अत्याधुनिक हवाई जहाज सेंसरों और सिस्टमों को विकसित किया है.
• मिसाइल वैज्ञानिक डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने सेंसर, जहाजरानी योजनाओं, गणितिय परिकल्पना, सेंसर मॉडल, जहाजरानी उपग्रहों के रिसीवर समेत कई प्रणालियों की अवधारणा, डिजाइन एवं विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया. इनके नेतृत्व में अग्नि ए 1, ए 2, ए 3, ए 4, ए 5, पृथ्वी, धनुष, आकाश, ब्रह्मोस, निर्भय जैसे कई मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है.


रॉयलएयरोनॉटिकलसोसायटीकेबारेमें
• यह एयरोस्पेस समुदाय को समर्पित एक वैश्विक संस्था है. इसका मुख्यालय लंदन में है.
• यह सोसायटी वर्ष 1866 में स्थापित की गई थी और यह विश्व की सबसे प्राचीन ऐवीएशन सोसायटी है.
• यह संस्था वर्ष 1909 से एयरोस्पेस उद्योग में उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने वालों को सम्मानित करती आई है. वर्ष 1909 में इस संस्था ने विल्बर और ऑरविले राइट को प्रथम स्वर्ण पदक से सम्मानित किया था.
• यह सोसायटी विभिन्न क्षेत्रों में स्वर्ण,रजत और कांस्य पदक प्रदान करती है.
• इसके अतिरिक्त यह संस्था उड़ान परीक्षण क्षेत्र में विकास के लिए आरपी एल्स्टन मेमोरियल पुरस्कार और एप्लाइड एरोडायनेमिक्स के लिए एडवर्ड बस्क पुरस्कार भी प्रदान करती है.

सानिया मिर्जा और मार्टिना हिंगिस की जोड़ी ने अमेरिकी ओपन महिला युगल खिताब जीता

सानिया मिर्जा और मार्टिना हिंगिस की जोड़ी ने 13 सितंबर 2015 को अमेरिकी ओपन महिला युगल खिताब जीत लिया.

शीर्ष वरीयता प्राप्त इंडो-स्विस जोड़ी ने न्यूयॉर्क में आयोजित खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की केसी डेलाक्वा और कजाकिस्तान की यारोस्लावा श्वेदोवा की चौथी वरीयता प्राप्त जोड़ी को सीधे सेटों में 6-3, 6-3 से पराजित किया.

इससे पहले मार्टिना हिंगिस ने लिएंडर पेस के साथ 12 सितंबर 2015 को अमेरिकी ओपन का मिश्रित युगल खिताब जीता था.

सानिया और हिंगिस का वर्ष 2015 का यह दूसरा ग्रैंड स्लैम खिताब है. इससे पहले दोनों ने जुलाई 2015 में इंग्लैंड में विंबलडन महिला युगल खिताब जीता था. सानिया अब तक तीन मिश्रित युगल ट्राफियां सहित कुल पांच ग्रैंड स्लैम खिताब जीत चुकी है.

मिश्रित युगल वर्ग में, सानिया ने हमवतन महेश भूपति के साथ ऑस्ट्रेलियाई ओपन (2009) और फ्रेंच ओपन (2012) और ब्राजील के ब्रूनो सोरेस के साथ वर्ष 2014 का यूएस ओपन जीता था.

इससे पहले, सानिया मिर्जा और मार्टिना हिंगिस की जोड़ी ने 21 मार्च 2015 को बीएनपी परिबास ओपन और 12 अप्रैल 2015 को डब्ल्यूटीए फैमिली सर्किल कप का युगल खिताब जीता था.

भारतीय टेनिस खिलाड़ी युकी भांबरी ने शंघाई चैलेंजर खिताब जीता

भारतीय टेनिस खिलाड़ी युकी भांबरी ने 13 सितंबर 2015 को चीन में आयोजित ‘शंघाई चैलेंजर खिताब’ जीता. शंघाई चैलेंजर खिताब जितने के साथ ही युकी भांबरी ने सत्र 2015 का दूसरा चैलेंजर खिताब जीतकर चेक गणराय के खिलाफ भारत के डेविस कप मुकाबले में अपनी स्थिति मजबूत बना ली.

शंघाई ओपन के फाइनल में विश्व की चौथी वरीयता प्राप्त युकी ने स्थानीय खिलाड़ी डिवु को 3-6, 6-0, 7-6 से पराजित किया. यह मुकाबला दो घंटे तक चला. चैलेंजर स्तर पर यह युकी का चौथा खिताब है. विदित हो कि सेमीफाइनल में रूस के विपक्षी खिलाड़ी दानिल मेदवेदेव के बीच मैच से हट जाने के बाद युकी ने फाइनल में जगह बनाई थी.

सीमा सुरक्षा बल एवं पाकिस्तान रेंजर्स के बीच द्विपक्षीय वार्ता नई दिल्ली में संपन्न

भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) एवं पाकिस्तान रेंजर्स के बीच द्विपक्षीय वार्ता 12 सितंबर 2015 को नई दिल्ली में संपन्न हुआ.

उपरोक्त वार्ता बीएसएफ एवं पाकिस्तान रेंजर्स के निदेशक (डीजी) स्तर पर 9 सितंबर 2015 से 12 सितंबर 2015 तक चला. जिसमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और पाकिस्तान रेंजर्स ने शांति बनाये रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए विश्वास बहाली के उपायों पर अमल करने तथा सीमा पर समन्वित गश्त करने पर सहमति जतायी.

वार्ता के लिए पाकिस्तान रेंजर्स का 16 सदस्यीय शिष्टमंडल 9 सितम्बर 2015 को भारत पहुंचा था. दोनों के बीच वार्ता 10 सितम्बर को बीएसएफ मुख्यालय में शुरू हुई. वार्ता में भारत के 23 सदस्यीय शिष्टमंडल का नेतृत्व बीएसएफ के महानिदेशक देवेन्द्र कुमार पाठक ने किया. पाकिस्तान के 16 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पाकिस्तान रेंजर्स के महानिदेशक उमर फारुक बर्की ने किया
बैठक में दोनों देशों के विदेश और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों तथा मादक पदार्थ नियंत्रण और सर्वेक्षण विभाग के प्रतिनिधि भी शामिल थे.
महत्वपूर्णतथ्य:
•    बैठक में बीएसएफ एवं पाकिस्तान रेंजर्स के बीच परस्पर सहयोग पर सहमति बनीं.
•    इसके अलावा विश्वास बहाली के उपायों को अमल में लाने, सूचनाओं का फील्ड स्तर तक आदान प्रदान करने, एक साथ समन्वित गश्त, आवश्यकतानुसार मोबाइल संपर्क को बनाये रखने और खेल स्पर्धाओं के बारे में भी दोनों पक्षों में सहमति बनी.
•    बैठक में यह भी तय हुआ कि अगली बैठक 2016 में पाकिस्तान में होगी.
•    बैठक में सीमा पर गोलीबारी,नशीले पदार्थों की तस्करी, घुसपैठ के प्रयासों और सीमा पर रक्षा निर्माण कार्यों से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से बातचीत हुई.
•    इसके अलावा सीमावर्ती लोगों के अंजाने में सीमा पार कर जाने पर उनकी सुरक्षित वापसी जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई.
•    भारत और पाकिस्तान के सीमा बलों के बीच इसे पहले 2013 में इस्लामाबाद में बैठक हुई थी.
विदित हो कि रूस के ऊफा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की जुलाई 2015 में हुई बातचीत में यह सहमति बनी थी कि पहले दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक होगी, जिसके बाद सीमा प्रहरी बलों के महानिदेशकों तथा सैन्य संचालन महानिदेशकों की भी बैठक होगी. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की वार्ता रद्द होने के बाद सीमा पर शांति बनाये रखने के लिए इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा था.
भारत और पाकिस्तान के गृह सचिवों की 1989 में हुई वार्ता में यह सहमति बनी थी कि सीमा से जुडे मुद्दों पर चर्चा के लिए सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तान रेंजर्स के महानिदेशकों की हर दो साल में एक बार बैठक होगी. यह भी सहमति बनी थी कि इन बैठकों में सामान्य वस्तुओं के साथ मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम और सूचनाओं का आदान प्रदान भी किया जायेगा.