Current Affaires 17-18 Sep 2015 Hindi
भारत की स्थाई सदस्यता और संयुक्त राष्ट्र सुधार
किसी स्थिर और स्थाई रोजगार का महत्व देश के बेरोजगार युवा से अच्छा भला कौन समझ सकता है. निश्चित तौर पर किसी संस्थान में कार्यरत एक कर्मचारी स्वयं को थोड़ा सुरक्षित तब महसूस करता है जब उसका प्रोबेशन पीरियड अर्थात वह काल जब किसी कर्मचारी के कार्य और उसके व्यवहार आदि का विशेलेषण संस्थान द्वारा किया जाता है, समाप्त हो जाता है और वह संस्थान का स्थाई सदस्य बन जाता है.
कारण स्पष्ट है की इस स्थायित्व के साथ कर्माचारी अपना और अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित करने में सक्षम हो जाता है, इसके अतिरिक्त संस्थान द्वारा उसे कुछ ऐसी सुविधाएँ प्रदान की जाती है जो सिर्फ स्थाई पदों पर बैठे लोगों को ही प्राप्त होती हैं.
स्थायित्व की एसी ही माँग संयुक्त राष्ट्र नामक संस्थान से भारत, जापान, जर्मनी और ब्राजील जैसे कुछ कर्मचारी पिछले कई वर्षों से कर रहे हैं.
इस विषय पर आगे चर्चा करने से पहले यह आवश्यक है की हम संयुक्त राष्ट्र से परिचित हों.
संयुक्तराष्ट्र
द्वितीय विश्व युद्ध(1939 – 45) की समाप्ति के बाद लगभग सम्पूर्ण विश्व एक खंडहर में परिवर्तित हो गया था, इस भारी नर संहार के बाद विश्व को शान्ति की आवश्यकता थी इस क्रम में विश्व के 51 देश सेन फ्रांसिस्को में एकत्रित हुए और उन्होंने एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए, यह दस्तावेज एक चार्टर था जिसके तहत वर्ष 1945 में ‘संयुक्तराष्ट्र’ नामक एक अंतरराष्ट्रीय संस्था की स्थापना की गई. वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र में 193 सदस्य हैं.
संयुक्त राष्ट्र के 6 मुख्य अंगों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् एक महत्वपूर्ण अंग है. वर्ष 2015 के सितम्बर माह में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद उस समय चर्चा में आई जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सुरक्षा परिषद में सुधार के मुद्दे पर महासभा के अध्यक्ष सैम कुटेसा द्वारा पेश दस्तावेज को आगे चर्चा के लिए स्वीकार कर लिया. इसे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया गया.
अब प्रश्न यह है की भारत के लिए यह उपलब्धि कैसे है ? लेकिन इससे पहले जान लेते है की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् क्या है ?
संयुक्तराष्ट्रसुरक्षापरिषद्केबारेमें
संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत सुरक्षा परिषद की प्राथमिक जिम्मेदारी अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना है. पूर्व में इसके कुल सदस्यों की संख्या 12 थी परन्तु वर्तमान में इसके कुल 15 सदस्य हैं. जिनमे से 5 सदस्य (चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम, और संयुक्त राज्य अमेरिका) स्थाई हैं और 10 सदस्य अस्थाई है. हर सदस्य के पास एक मत होता है. इन 10 अस्थाई सदस्यों का चयन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा किया जाता है. हर अस्थाई सदस्य का कार्यकाल 2 वर्षों का होता है और सेवा-निवृत्ति हुआ राष्ट्र तत्काल चुनाव में नहीं खड़ा हो सकता है. विदित हो अंतर्राष्ट्रीय कानून द्वारा केवल सुरक्षा परिषद के यह पांच स्थाई सदस्यों की नाभिकीय योग्यताएं अनुमोदित हैं.
जी4 नामक समूह पिछले कई वर्षों से स्थाई सदस्यता की माँग कर रहा है. अब प्रश्न यह है की जी4 समूह क्या है, और ये क्यों स्थाई सदस्यता की माँग कर रहा है, क्या स्थाई सदस्यता के कुछ विशेष लाभ हैं ?
जी4 समूह
जी4 अर्थात ‘ग्रुप ऑफ़ फोर कन्ट्रीज’ अर्थात उन चार देषों का समूह जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में स्थाई सदस्यकता के उद्देश्य से एक दूसरे का समर्थन करते हैं. जी4 देशों को नियमित तौर पर संयुक्त राष्ट्रोसंघ की सुरक्षा परिषद में अस्थाई सदस्यता के लिए चुना जाता रहा है. जी4 के अंतर्गत ब्राजील, जर्मनी, भारत और जापान आते हैं.
ब्राजील अब तक 10 बार, जर्मनी 3 बार, भारत 7 बार, और जापान अब तक 10 बार सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य बन चुका हैं.
सुरक्षापरिषदकाइतनामहत्वक्यों ?
• सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र के सभी अंगों में सबसे महत्वपूर्ण अंग है. इसके महत्व का परिचय यह है की सुरक्षा परिषद की अनुशंसा पर ही महासभा संयुक्त राष्ट्र के नए सदस्य राष्ट्रों का चयन करता है. संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के क्षेत्र में सुरक्षा परिषद द्वारा किया लिया गया निर्णय सर्वोपरी होगा.
• वर्तमान चार्टर के अनुसार संयुक्त राष्ट्र, सुरक्षा परिषद के निर्णयों को मानने के लिए बाध्य है इसके अतिरिक्त सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र की एक मात्र एसी संस्था है जिसका निर्णय मानना सदस्यों के लिए बाध्यकारी है.
• चार्टर के अनुसार प्रक्रियात्मक मामलों में किसी भी निर्णय को लेने के लिए 9 सकारात्मक मत आवश्यक हैं, जबकि अन्य मुद्दों पर 9 सकारात्मक मतों के अतिरिक्त स्थाई सदस्यों की सहमती भी अनिवार्य है.
• संयुक्त राष्ट्र चार्टर में किसी भी परिवर्तन पर अनुमोदन करने की शक्ति भी सुरक्षा परिषद के पास है.
भारतऔरअन्यजी4 देशोंद्वारासुरक्षापरिषदमेंस्थाईसदस्यताकीमाँगक्यों ?
क्षेत्रविशेषकाप्रतिनिधित्व
पिछले कई वर्षों से विश्व के कुछ देश संयुक्त राष्ट्र सुधार और विस्तार की बात कह रहे हैं. इसके पीछे उनका यह तर्क है की इस विस्तार से संयुक्त राष्ट्र में व्याप्त क्षेत्र विशेष का प्रतिनिधित्व कम होगा और सही अर्थों में संयुक्त राष्ट्र में लोकतंत्र आएगा. यदिविश्वकेमानचित्रमेंदेखाजाएतोयहपाँचदेशविश्वमानचित्रकीउत्तरीक्षेत्रकेऔद्योगिकऔरसम्पन्नदेशोंकाप्रतिनधित्वकरतेहैं.इस क्रम में अफ्रीका जैसे दक्षिणी क्षेत्र वाले देश अपने आप को उपेक्षित महसूस करते हैं और कहीं न कहीं यह उनके मूलभूत मुद्दों के समाधान न होने का एक मुख्य कारण भी है जो इन देशों के विकास क्रम में बाधक है.
वीटो
संयुक्त राष्ट्र चार्टर के 27वें अनुच्छेद में वीटो का उल्लेख किया गया है. संयुक्त राष्ट्र के सिर्फ पांच स्थाई देशों को प्रतिनिषेधशक्तिअर्थात वीटोपॉवर प्राप्त है. इसका अर्थ है कि सुरक्षा परिषद के बहुमत द्वारा स्वीकृत कोई भी प्रस्ताव इन पांच में से किसी भी एक की असहमती पर समाप्त हो जाता है और ऐसा कई बार हुआ भी है, वर्ष 1946 से वर्ष 2012 तक चीन 9, फ़्रांस 18, ब्रीटेन 32, संयुक्त राज्य अमेरिका 83 और यूएसएसआर/रूस 128 बार वीटो का प्रयोग कर चुके हैं. अर्थात वर्ष 1946 से 2012 तक इन पाँच देशों ने 269 वीटो का प्रयोग किया है.
स्पष्ट है यह देश ऐसे किसी भी विषय पर अपनी सहमती नहीं देते हैं और वीटो लगाते हैं जहाँ उनका प्रभुत्व और शक्ति कम होती हो, उनके आर्थिक लाभ में कटौती होती हो. अमेरिका द्वारा कई बार ऐसे विषयों पर वीटो लगाया है जो अंतरराष्ट्रीय शांति ( संयुक्त राष्ट्र का एक महत्वपूर्ण कर्तव्य है) से सम्बंधित है क्योंकि अमेरिका स्वयं विश्व का सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश है और अपनी जीडीपी का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका को हथियारों के निर्यात से प्राप्त होता है.
इसी तरह चीन द्वार भारत की स्थायी सदस्यता का विरोध करने के पीछे स्पष्ट कारण क्षेत्रीय विवाद और आर्थिक प्रतिस्पर्धा है.
स्थाई सदस्यता और वीटो जैसी माँग को ठुकराए जाने के क्रम में भारत,जर्मनी ,ब्राजील और जापना जैसे देश संयुक्त राष्ट्र को वित्तीय या सैन्य योगदान में कटौती करने की धमकी भी दी चुके है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में सुधार के किसी भी प्रस्ताव को कुल 193 देशों में से दो तिहाई बहुमत यानी कम से कम 129 देशों के मतों की जरूरत पड़ती है. जिनमें सुरक्षा परिषद के सभी स्थाई सदस्य देशों -चीन अमरीका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस की सहमति भी जरूरी होती है. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र महासभा में दो तिहाई देशों से अधिक समर्थन वाले किसी भी प्रस्ताव पर वीटो करना स्थाई सदस्य देश के लिए संभव नहीं होगा.
हलांकि अब तक पिछले 23 वर्षों में अमेरिका और चीन जैसे पी5 सदस्य कई बार मौखिक रूप से विदेश यात्रा और उच्च स्तरीय वार्ता के दौरान भारत की स्थाई सदस्यता और यूएन सुधार की बात कह चुके हैं परन्तु यह एहला मौका है जब महासभा के अध्यक्ष सैम कुटेसा द्वारा 69वें अधिवेशन के अंतिम दिन पेश किए गए एक प्रस्ताव पर महासभा सहमत हो गई जिसके तहत महासभा के 70वें अधिवेशन में इस विषय के लिखित प्रस्ताव पर चर्चा करने का निर्णय लिया गया. शायद यह भारत जैसे विकासशील देशों के प्रति पी5 देशों का भय ही है जो भारत का 'प्रोबेशन' अब भी जारी है.
एपस समूह का मोबाइल विज्ञापन नेटवर्क इनमोबी के साथ समझौता
विश्व के सबसे बड़ी एप्प डेवलेपर एपस समूह ने 15 सितम्बर 2015 को मोबाइल विज्ञापन नेटवर्क कम्पनी इनमोबी के साथ समझौता किया.
समझौते के तहत बंगलुरु आधारित मोबाइल विज्ञापन नेटवर्क कम्पनी इनमोबी, एपस समूह को भारत में अपने व्यवसाय को विस्तारित करने में सहयोग करेगी.
इसके बदले में बीजिंग आधारित एपस समूह, एपस यूजर सिस्टम में 200 मिलियन उपभोक्ताओं तक इनमोबी की पहुँच सुनिश्चित कर मौद्रिकरण करेगा.
एपससमूहकेबारेमें
• इस समूह की स्थापना वर्ष 2014 में की गई थी. यह समूह उपभोक्ताओं को एंड्राइड आधारित फोन और टेबलेट पर नया अनुभव प्रदान करने के प्रति समर्पित है.
• एपस समूह ने अब तक एपस लॉन्चर, एपस ब्राउजर, एपस बूस्टर, एपस सर्च , एपस रडार एपस मेसेज सेंटर एपस फ्लेशलाईट जैसे एप्प निर्मित किए हैं .
इनमोबीकेबारेमें
• इनमोबी विश्व के सबसे बड़े मोबाइल विज्ञापन नेटवर्क में शामिल है. यह बंगलुरु आधारित कम्पनी है.
• यह वैश्विक स्तर पर कई सारे ब्रांड्स, डेवलेपर और प्रकाशकों का अपने मंच के माध्यम से विज्ञापन करती है.
शॉट पुट में मनप्रीत कौर ने 18 वर्ष पुराना राष्ट्रीय रिकॉर्ड ध्वस्त किया
भारतीय रेलवे की शॉट पुट खिलाड़ी मनप्रीत कौर ने 16 सितम्बर 2015 को 18 वर्ष पुराना राष्ट्रीय रिकॉर्ड ध्वस्त किया. उन्होने यह रिकॉर्ड राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के 55वें सीजन में कोलकाता में बनाया.
पटियाला की निवासी मनप्रीत ने वर्ष 1997 में हरबंस कौर द्वारा बनाये गये 17.43 मीटर के रिकॉर्ड को 17.96 मीटर की दूरी से ध्वस्त किया. यह कीर्तिमान उन्होंने दूसरे प्रयास में स्थापित किया तथा स्वर्ण पदक जीता व नेशनल ओपन में टाइटल जीतने की हैट ट्रिक भी बनाई.
इस उपलब्धि से मनप्रीत कौर (25) ने रियो ओलंपिक (2016) के लिए भी क्वालीफाई किया. रियो ओलंपिक 5 अगस्त 2016 से 21 अगस्त 2016 के बीच खेले जायेंगे.
आईएएएफ के मानदंडों के अनुसार 2016 के रियो ओलंपिक खेलों के लिए महिला शॉट पुट के लिए प्रवेश सीमा 17.80 मीटर है जबकि लंदन 2012 के ओलंपिक खेलों के दौरान प्रथम तीन महिला खिलाड़ियों ने 20 मीटर से अधिक दूरी अर्जित की थी.
ब्रिटिश भारतीय संजीव सहोता मैन बुकर प्राइज 2015 के लिए चयनित छह लेखकों की सूचीं में शामिल
भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक संजीव सहोता को प्रतिष्ठित मैन बुकर प्राइज 2015 के लिए चयनित छह लेखकों की सूचीं में शामिल किया गया.
डेर्बीशर में जन्मे सहोता की किताब ‘द इयर ऑफ द रनअवेज' में 13 भारतीय युवकों की कहानी है, जो ब्रिटेन के शेफील्ड में एक घर में रहते हैं. इनमें हर कोई युवक एक नई जिंदगी की तलाश में है.
यह पुरस्कार पहली बार वर्ष 1969 में दिया गया था. गौरतलब है कि वर्ष 2014 से पहले इस पुरस्कार में केवल ब्रिटेन और राष्ट्रमंडल, आयरलैंड एवं जिंबाब्वे के लेखक ही शामिल हो सकते थे. अब केवल यही शर्त रखी गई है कि रचना मूल रूप से अंग्रेजी में लिखी और ब्रिटेन में प्रकाशित हुई हो.
संजीव मैन बुकर प्राइज 2015 के लिए फिक्शन कैटेगरी में चयनित 6 लेखकों में से एक हैं. मैन बुकर प्राइज 2015 के विजेता की घोषणा 13 अक्तूबर 2015 को की जायेगी.
अन्यचयनितउपन्यासकार
- साटन आइलैंड: ब्रिटिश लेखक टॉम मैकार्थी
- ए स्पूल ऑफ ब्लू थ्रैड: ऐनी टायलर (अमेरिका)
- ए लिटिल लाइफ: हन्या यानागिहारा (अमेरिका)
- ए बीफ हिस्ट्री ऑफ सेवन किलिंग्स: मार्लोन जेम्स (जमैका)
- द फिशरमैन: शिगोजिए ओबिओमा (नाइजीरिया)
संजीवसहोताकेबारेमें
संजीव सहोता भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक हैं. उनका जन्म वर्ष 1981 में डेर्बीशर में हुआ था. उनकी पहली किताब 'ऑवर्स आर द स्ट्रीट्स' साल 2011 में प्रकाशित हुई थी. यह किताब एक ब्रिटिश पाकिस्तानी युवक पर आधारित थी जो एक आत्मघाती हमलावर बन जाता है. संजीव को वर्ष 2013 में ग्रैंटा बेस्ट यंग ब्रिटिश नॉवेलिस्ट घोषित किया गया था.
मैनबुकरपुरस्कार
मैन बुकर पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1969 में इंग्लैंड की बुकर मैकोनल कंपनी द्वारा की गई थी. इस पुरस्कार के तहत विजेता को 60 हज़ार पाउण्ड की राशि दी जाती है.
मैन बुकर पुरस्कार फ़ॉर फ़िक्शन (अंग्रेजी: Man Booker Prize for Fiction) जिसे लघु रूप में मैन बुकर पुरस्कार या बुकर पुरस्कार भी कहा जाता है, राष्ट्रमंडल या आयरलैंड के नागरिक द्वारा लिखे गए मौलिक अंग्रेजी उपन्यास के लिए प्रति वर्ष दिया जाता है.
इस पुरस्कार के लिए पहले उपन्यासों की एक लंबी सूची तैयार की जाती है और फिर पुरस्कार वाले दिन की शाम के भोज में पुरस्कार विजेता की घोषणा की जाती है. पहला बुकर पुरस्कार अलबानिया के उपन्यासकार इस्माइल कादरे को दिया गया था.
वर्ष 2008 का पुरस्कार भारतीय लेखक अरविन्द अडिगा को दिया गया. अरविन्द अडिगा को मिलाकर कुल 5 बार यह पुरस्कार भारतीय मूल के लेखकों को मिला है (अन्य लेखक - वी एस नाइपॉल, अरुंधति राय, सलमान रुश्दी और किरन देसाई).
आरबीआई ने लघु ऋण बैंक लाइसेंस के लिए 10 आवेदकों को सैद्धांतिक मंजूरी दी
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए 16 सितम्बर 2015 को 10 इकाइयों को लघु ऋण बैंकों की स्थापना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी. ये लघु ऋण बैंक छोटे किसानों और सूक्ष्म उद्योगों को बुनियादी बैंकिंग सेवाएं प्रदान करेगीं.
आरबीआई ने 27 नवंबर 2014 को जारी ‘निजी क्षेत्र में स्मॉल फाइनेंस बैंक के लाइसेंसिंग के दिशानिर्देशों के तहत’ ये सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की.
आरबीआईनेजिनबैंकोंकोसैद्धांतिकमंजूरीदी, उनकीसूचीइसप्रकारहै.
• एयू फाइनेंसर्स (इंडिया) लि., जयपुर
• कैपिटल लोकल एरिया बैंक लि. जालंधर
• दिशा माइक्रोफिन प्राइवेट लि., अहमदाबाद,
• इक्वीटाज होल्डिंग्स प्राइवेट लि.,चेन्नई
• ईएसएएफ माइक्रोफाइनेंस एंड इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लि. चेन्नई
• जनलक्ष्मी फाइनेंशियल र्सिवसेज प्राइवेट लि., बेंगलुरु
• आरजीवीएन (नॉर्थ ईस्ट) माइक्रोफाइनेंस लि., गुवाहाटी
• सूर्योदय माइक्रो फाइनेंस प्राइवेट लि., नवी मुंबई
• उज्जीवन फाइनेंशियल र्सिवसेज प्राइवेट लि., बेंगलुरु और
• उत्कर्ष माइक्रो फाइनेंस प्राइवेट लि., वाराणसी
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने भुगतान बैंक शुरू करने के लिए 11 इकाइयों को मंजूरी दी. इनके अलावा, वर्ष 2014 में दो नयी इकाइयों- आईडीएफसी और बंधन को सम्पूर्ण बैंकिंग सेवा लाइसेंस दिया गया. रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि सैद्धांतिक मंजूरी 18 महीने के लिए वैध रहेगी ताकि ये इकाइयां लघु ऋण बैंकों की स्थापना संबंधी दिशानिर्देशों का अनुपालन कर काम शुरू करने की तैयारी कर सकें.
विदित है कि वर्ष 2015 के आरंभ में भुगतान बैंक और लघु वित्तीय बैंकों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे जिनके लिए आरबीआई को क्रमश: 41 और 72 आवेदन मिले थे. 19 अगस्त 2015 को डाक विभाग और रिलायंस इंडस्ट्रीज समेत 11 कंपनियों को भुगतान बैंक का लाइसेंस देने की सैद्धांतिक मंजूरी दी गई.
लघु ऋण बैंक छोटे किसानों, कुटीर उद्योग चलाने वाले उद्यमियों, अति लघु व लघु उद्योगों एवं असंगठित क्षेत्र की इकाइयों को प्राथमिक बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करा सकते हैं जिसमें एक सीमित स्तर की जमाएं स्वीकार करना और छोटे ऋण देना शामिल है.
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने ईपीएफ सदस्यों के लिए मोबाइल आधारित सेवाओं की शुरूआत की
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 15 सितंबर 2015 को ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) सदस्यों के लिए मोबाइल आधारित सेवाओं की शुरूआत की. केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बंडारु दत्तात्रेय ने हैदराबाद में इसका शुभारंभ किया. इसके तहत ईपीएफ सदस्यों के लिए तीन नई मोबाइल आधारित सेवाओं की शुरूआत की गई- मोबाइल एप्लीकेशन, एसएमएस आधारित यूएएन संचालन और मिस कॉल सेवा.
उपरोक्त के तहत ईपीएफओ वेबसाइट से नए मोबाइल एप्लीकेशन को डाउनलोड कर, सदस्य अपने यूएएन खातों की जानकारी अपने मोबाइल फोन पर प्राप्त कर सकते हैं. इसी प्रकार से ईपीएफ पेंशनर इस मोबाइल एप के द्वारा पेंशन वितरण के ब्यौरे देख सकते है. इसी प्रकार से नियुक्ता भी अपने प्रेषण के ब्यौरे को देख सकते हैं. इस अवसर पर एक नई एसएमएस आधारित यूएएन कार्यशीलन सेवा की भी शुरूआत हुई. इस नई सेवा से ऐसे सदस्य जिनकी सहज पहुंच कम्प्यूटरों तक या स्मार्ट फोन तक नहीं है वे इसका खासतौर पर लाभ उठा सकते हैं.
विदित हो कि केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा ईपीएफ सदस्यों के लिए मोबाइल आधारित सेवाओं की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘डिजिटल इंडिया’ परियोजना का हिस्सा है.
1965 के भारत-पाक युद्ध पर शौर्यांजलि प्रदर्शनी का उद्घाटन
नई दिल्ली में 1965 के भारत-पाक युद्ध में भारत की जीत और भारतीय सैनिकों के बलिदान की स्मृति में आयोजित शौर्यांजलि प्रदर्शनी का उद्घाटन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने किया.
भारतीय सशस्त्र बलों की अदभुत वीरता और बहादुरी को याद करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस अवसर पर एक स्मारक सिक्के का अनावरण भी किया.
1965 केभारत-पाकयुद्ध
वस्तुतः 1965 का भारत पाक युद्ध पाकिस्तान और भारत के बीच अप्रैल 1965 और सितंबर 1965 के मध्य हुए झड़प की एक परिणति थी. यह युद्ध भारतीय शासन के खिलाफ विद्रोह के रूप में ऑपरेशन जिब्राल्टर के तहत जम्मू-कश्मीर में सेना में घुसपैठ करने के लिए पाकिस्तान द्वारा प्रारंभ किया गया था.
सोवियत संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका के राजनयिक हस्तक्षेप के बाद ताशकंद घोषणा को जारी कर इस युद्ध को अंतिम विराम दिया गया. विदित हो कि ताशकंद समझौता पर भारत की ओर से तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे.
केंद सरकार ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी ग्रामीण मिशन को मंजूरी दी
केंद्र सरकार ने 16 सितंबर 2015 को श्यामा प्रसाद मुखर्जी ग्रामीण मिशन को मंजूरी दी. इसके तहत देश में स्मार्ट सिटी की तर्ज पर स्मार्ट गांव भी विकसित किये जायेंगे. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ग्रामीण मिशन का लक्ष्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विकास क्षमताओं का उपयोग करना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ग्रामीण विकास मंत्रालय के कुल 5142 करोड़ रुपये के ‘श्यामा प्रसाद मुखर्जी ग्रामीण मिशन’ प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इसका मकसद गांव को स्मार्ट गांव में बदलना, स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार, महानगरों की ओर पलायन रोकना और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास को गति देना है.
वर्ष 2024 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों की मेजबानी हेतु पांच शहर नामित
अन्तरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने 16 सितंबर 2015 को वर्ष 2024 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों की मेजबानी हेतु पांच शहरों की उम्मीदवारी की घोषणा की. यह स्थान हैं लॉस एंजलिस, हैम्बर्ग, पेरिस, रोम एवं बुडापेस्ट.
इस स्थानों पर अंतिम परिणाम 15 सितंबर 2015 को प्रविष्टियां जमा कराये जाने के बाद आया. आईओसी वर्ष 2017 में पेरू में अंतिम निर्णय लेगी.
इन पांच स्थानों में लॉस एंजलिस तथा पेरिस दो बार ओलंपिक खेल आयोजित करा चुके हैं. लॉस एंजलिस में वर्ष 1932 एवं 1984 में तथा पेरिस में 1900 एवं 1924 में खेल आयोजित कराये गये.
यदि इन दोनों देशों में से कोई भी ओलम्पिक खेल आयोजित कराने का अवसर प्राप्त करता है तो वह लंदन के बाद ऐसा दूसरा शहर होगा जहां तीन बार ओलंपिक खेल आयोजित कराये जा चुके हैं.
इसके अतिरक्त रोम वर्ष 1960 में ओलंपिक करा चुका है. हैम्बर्ग एवं बुडापेस्ट ने अब तक ओलंपिक खेलों का आयोजन नहीं कराया है.
हैम्बर्ग ने पहली बार ओलंपिक खेलों के लिए आवेदन किया है.
देश भर में 15 सितंबर को 48वां अभियंता दिवस मनाया गया
देश भर में 15 सितंबर 2015 को 48वां अभियंता दिवस मनाया गया. वर्ष 2015 के अभियंता दिवस का विषय ‘ज्ञान के इस युग में इंजीनियरिंग की चुनौतियां’ (Engineering Challenges for Knowledge Era) था.
विदित है कि देश भर के अभियंता (इंजीनियर) भारत रत्न से सम्मानित इंजीनियर सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 15 सितंबर को अभियंता दिवस मनाया जाता है. भारत में मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को आधुनिक भारत का विश्वकर्मा कहा जाता है.
मोक्षगुंडमविश्वेश्वरैया
विश्वेश्वरैया का जन्म मैसूर, जो कि अब कर्नाटक में है, के 'मुद्देनाहल्ली' नामक स्थान पर 15 सितम्बर 1861 को हुआ था. 19 वर्ष की आयु में बैंगलोर के कॉलेज से उन्होंने बी.ए. की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की.
उनके इंजीनियरिंग के असाधारण कार्यों में मैसूर शहर में कन्नमबाडी या कृष्णराज सागर बांध का निर्माण शामिल था. उसकी योजना वर्ष 1909 में बनाई गई थी और वर्ष 1932 में यह योजना पूरी हुई.
बम्बई प्रेसीडेन्सी में कई जलाशय बनाने के बाद, सिंचाई व विद्युत शक्ति के लिए उन्होंने कावेरी नदी को काम में लाने के लिए योजना बनाई. यह बांध 124 फुट ऊँचा था, जिसमें 48,000 मिलियन घन फुट पानी का संचय किया जा सकता था. जिसका उपयोग 150,000 एकड़ भूमि की सिंचाई और 60,000 किलो वाट्स ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए होना था. उस समय तक कृष्णराज सागर बांध भारत में बना सबसे बड़ा जलाशय था. इस बहुउद्देशीय परियोजना के कारण अनेक उद्योग विकसित हुए, जिसमें भारत की विशालतम चीनी मिल, मैसूर चीनी मिल भी शामिल है.
मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को उनके असाधारण कार्यों हेतु वर्ष 1955 में भारत रत्न प्रदान किया गया. 14 अप्रैल 1962 को विश्वेश्वरैया का निधन हुआ.
दिल्ली सरकार ने पीड़ित मुआवजा योजना को मंजूरी दी
दिल्ली सरकार ने 15 सितंबर 2015 को पीड़ित मुआवजा योजना को मंजूरी दे दी. इस योजना के तहत बलात्कार पीड़ितों को मुआवजा 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपये और एसिड हमले के शिकार लोगों के लिए मौजूदा 3 लाख रुपये से 7 लाख रुपये तक कर दिया गया है.
यह निर्णय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक में लिया गया.
पीड़ित मुआवजा योजना के मुख्य बिंदु
• इस योजना में सामूहिक बलात्कार पीड़ित, अप्राकृतिक यौन अपराध और जलने से पीड़ित भी शामिल हैं.
• पूर्व में चल रही योजना के अनुसार पीड़ित की मृत्यु हो जाने पर परिजनों को 3 लाख से 5 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाता था, लेकिन नई योजना में 5 लाख से 10 लाख रुपये तक का प्रस्ताव किया गया है.
• इस योजना में किसी भी अंग में 80 प्रतिशत स्थायी विकलांगता होने पर मुआवजे की एक ही धनराशि का प्रस्ताव है.
दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने दिल्ली के गृह मंत्री सत्येन्द्र जैन को हाल ही में पत्र लिख कर लंबे समय से लंबित इस योजना के अनुमोदन की मांग की थी. इसके बाद केबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
चिली में 8.3 तीव्रता का भूकंप, 10 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
दक्षिण अमेरिकी देश चिली में 17 सितम्बर 2015 को 8.3 रिएक्टर पैमाने की तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया.
अमरीकी भूगर्भ सर्वेक्षण के अनुसार भूकंप स्थानीय समयानुसार शाम को 7:54 मिनट पर आया तथा इसका केंद्र इल्लापेल शहर से 55 किलोमीटर दूर पश्चिम में था. भूकंप के उपरांत सूनामी की चेतावनी जारी की गयी.
चिली में भूकंप के बाद खनन का काम रोक दिया गया है. पेरू और हवाई में भी सूनामी की चेतावनी जारी की गई.
भूकंप के 90 मिनट बाद समुद्र में 15 फीट ऊंची लहरें उठीं, जिससे चिली के शहर कोक्विम्बो के निचले इलाकों में पूरी तरह से पानी भर गया. दस लाख लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया. शहर में कई इमारतें भी ढह गयीं.
इससे पहले वर्ष 2010 में चिली में 8.8 तीव्रता का भूकंप आया था जिसके बाद सूनामी की लहरें उठने पर सैकड़ों लोगों की मौत हो गई तथा लाखों घर तबाह हो गए थे.
दक्षिण अमेरिकी देश चिली में 17 सितम्बर 2015 को 8.3 रिएक्टर पैमाने की तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया.
अमरीकी भूगर्भ सर्वेक्षण के अनुसार भूकंप स्थानीय समयानुसार शाम को 7:54 मिनट पर आया तथा इसका केंद्र इल्लापेल शहर से 55 किलोमीटर दूर पश्चिम में था. भूकंप के उपरांत सूनामी की चेतावनी जारी की गयी.
चिली में भूकंप के बाद खनन का काम रोक दिया गया है. पेरू और हवाई में भी सूनामी की चेतावनी जारी की गई.
भूकंप के 90 मिनट बाद समुद्र में 15 फीट ऊंची लहरें उठीं, जिससे चिली के शहर कोक्विम्बो के निचले इलाकों में पूरी तरह से पानी भर गया. दस लाख लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया. शहर में कई इमारतें भी ढह गयीं.
इससे पहले वर्ष 2010 में चिली में 8.8 तीव्रता का भूकंप आया था जिसके बाद सूनामी की लहरें उठने पर सैकड़ों लोगों की मौत हो गई तथा लाखों घर तबाह हो गए थे.
तंबुल लीफ प्लेट को सीड स्पेशल रिकाग्नाइजेशन अवार्ड प्रदान किया गया
तंबुल लीफ प्लेट (Tambul Leaf Plates) को नैरोबी, केन्या में 9 सितम्बर 2015 को सीड स्पेशल रिकाग्नाइजेशन अवार्ड (SEED Special Recognition Award) से सम्मानित किया गया. यह विशेष पुरस्कार सीड वार्षिक पुरस्कार की 10 वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारत आधारित संगठन को प्रदान किया गया.
सीड (SEED) केबारेमें
- यह सतत विकास और ग्रीन अर्थव्यवस्था के कार्रवाई हेतु एक वैश्विक साझेदारी है.
- इसके संस्थापक भागीदारों में इंटरनेशनल यूनियन ऑफ कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) शामिल हैं.
- यह पूरे विश्व में खोजपरक छोटे और स्थानीय स्तर पर संचालित उद्यमियों का समर्थन करता है.
सीडपुरस्कार (SEED Special Recognition Award) केबारेमें - यह पुरस्कार वर्ष 2005 में न्यूयॉर्क में सतत विकास के मुद्दे पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCSD) में 5 उद्यमों को पहली बार प्रदान किए गए.
- अब तक 202 प्रेरणादायक सामाजिक और पर्यावरण के उद्यमों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
- स्पेशल रिकाग्नाइजेशन अवार्ड से सम्मानित तंबुल लीफ प्लेट वर्ष 2013 के सीड लो कार्बन (SEED Low Carbon) पुरस्कार का विजेता रहा था.
ऐमेच्योर गोल्फर अदिति अशोक ने सिंघला थाइलैंड ऐमेच्योर ओपन-2015 प्रतियोगिता जीती
भारतीय ऐमेच्योर गोल्फ खिलाड़ी अदिति अशोक ने 81वें सिंघला थाइलैंड ऐमेच्योर ओपन-2015 गोल्फ प्रतियोगिता के महिला वर्ग का खिताब 11 सितंबर 2015 को जीत लिया.
इसके साथ ही अदिति लेडीज ब्रिटिश ऐमेच्योर स्ट्रोक प्ले चैंपियनशिप जीतने वाली प्रथम भारतीय खिलाड़ी बन गई. उल्लेखनीय है कि अदिति अशोक इंडियन गोल्फ यूनियन (IGU) की लेडीज आर्डर ऑफ मेरिट में शीर्ष पर हैं. ऑस्ट्रेलिया की जेनाई गुडविन और थाईलैंड चाकानसिम खामबोर्न इस प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहीं.
प्रतियोगिता के पुरुष वर्ग का खिताब ऑस्ट्रेलिया के ब्लेक प्रोवबर्स ने जीता.
यह अदिति का तीसरा अंतर्राष्ट्रीय स्तर का खिताब है. इससे पहले अदिति ने जून 2015 में सेंट एंड्रयूज में सेंट रूल ट्रॉफी और अगस्त 2015 में इंग्लैंड में लेडीज ब्रिटिश एमेच्योर स्ट्रोक प्ले चैम्पियनशिप खिताब हासिल किया था. इस चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने वाली अन्य भारतीय सहर अटवाल और अनीसा पादुकोण क्रमश: 28वें और 38वें स्थान पर रहीं.
जेरेमी कोर्बिन ब्रिटेन में लेबर पार्टी के नेता निर्वाचित
जेरेमी कोर्बिन को 12 सितंबर 2015 को यूनाइटेड किंगडम में लेबर पार्टी के नेता के रूप में चयनित किया गया. इस चयन के उपरांत वे हाउस ऑफ कॉमन्स में विपक्ष के नेता बन गए. विदित हो कि एड मिलिबैंड ने 2015 के आम चुनाव में पार्टी की हार के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था जिससे यह चुनाव आवश्यक हो गया था.
कोर्बिन इस्लिंगटन उत्तरी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए 1983 से संसद सदस्य हैं.
लंबे समय से अपने कट्टरपंथी वामपंथी झुकाव के कारण कोर्बिन का विपक्ष के नेता के रूप में चुनाव सामान्य रूप से यूरोपीय संघ के लिए काफी अहमियत रखता है.
उनके कट्टरपंथी एजेंडे में रेल और ऊर्जा क्षेत्र का पुनरराष्ट्रीयकरण, नाटो से ब्रिटेन की वापसी, ट्रिडेंट परमाणु मिसाइल कार्यक्रम, सीरिया से सैन्य वापसी आदि उल्लेखनीय प्रस्ताव है.
कृष्णा-गोदावरी नदियों को वापस में जोड़ने का काम संपन्न
देश में पहली बार दो नदियों (कृष्णा-गोदावरी) को जोड़ने का काम 16 सितंबर 2015 को आंध्र प्रदेश में पूरा हुआ. यहां कृष्णा और गोदावरी नदियों को आपस में जोड़ दिया गया. इस अवसर पर गोदावरी नदी से पोलावरम नहर के जरिए 80 टीएमसी पानी कृष्णा नदी में छोड़ा गया.
कृष्णा-गोदावरी नदियों को वापस में जोड़े जाने से कृष्णा, गुंटूर, प्रकाशम, कुर्नूल, कडप्पा, अनंतपुर और चित्तूर जिले के किसानों को इससे फायदा होगा. करीब 17 लाख एकड़ (13 लाख एकड़ कृष्णा डेल्टा में) जमीन पर दो फसलों की सिंचाई के लिए पानी मिलेगा. इसके अलावा सैकड़ों गांवों तक पीने का पानी पहुंचेगा. इसके साथ ही कृष्णा-गोदावरी नदियों को वापस में जोड़ा जाना देश के लिहाज से एक बड़ी कामयाबी है क्योंकि लंबे समय से भारत में नेशनल वॉटर ग्रिड बनाने की कोशिश हो रही है.
विदित हो कि देश में नदियों को जोड़ने की पहली कोशिश सबसे पहले करीब 200 साल पहले ब्रिटिश इंजीनियर सर आर्थर काटन ने की थी. आर्थर, धोलाश्वेरम से निकलने वाली गोदावरी को विजयवाड़ा की कृष्णा नदी से जोड़ना चाहते थे. इसके बाद इंजीनियर के.एल. राव ने वर्ष 1950 में पहली बार नदियों को जोड़ने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया.
शांति और स्थिरता के लिए भारत व श्रीलंका ने चार समझौतों पर विचार विमर्श किये
भारत और श्रीलंका ने 15 सितंबर 2015 को चिकित्सा सुविधाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों में चार समझौतों पर विचार विमर्श किया. समझौतों का उद्देश्य क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करना है.
इन समझौतों पर श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की भारत यात्रा के दौरान 14 सितंबर से 16 सितंबर 2015 के बीच विचार विमर्श किया गया.
दोनोंपक्षोंकेबीचइनचारमुद्दोंपरसमझौतेकियेगये
• सार्क क्षेत्र के लिए उपग्रह की कक्षा आवृत्ति समन्वय पर पत्रों का आदान-प्रदान
• जिला अस्पताल, वावुनिया में 200 बिस्तर के वार्ड को जटिल चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति के संबंध में समझौता ज्ञापन
• श्रीलंका में आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा की स्थापना पर पत्रों का आदान-प्रदान
• एसडीपी के कार्यान्वयन के लिए भारत की अनुदान सहायता के संबंध में नए सिरे से समझौता ज्ञापन
दोनोंपक्षोंनेचारसमझौतोंकेअलावाअलगअलगमुद्दोंपरबातचीतकीजोनिम्नहैं-
•मछुआरोंकामुद्दा - दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि दोनों पक्षों के मछुआरा संघ से सम्बंधित मुद्दे का समाधान के लिए अपने प्रयासों को जारी रखेंगे. यह एक मानवीय मुद्दा है जो आजीविका को प्रभावित करता है.
• श्रीलंकाईतमिलसमुदाय– यह भी चर्चा की गई कि श्रीलंका वास्तविक समन्वय और विकास करे. ताकि श्रीलंकाई तमिल समुदाय अखंड श्रीलंका में समानता, न्याय, शांति और गरिमा का जीवन जी सकें.
• भारतनेश्रीलंकाकाव्यापार, अर्थशास्त्र और प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों में सहयोग का आह्वान किया.
• दोनोंपक्षोंनेआतंकवादकामुकाबला करने और पड़ोस में समुद्री सुरक्षा और स्थिरता के लिए मिलकर काम करने के मामले पर चर्चा की.
सन फार्मा ने 'इनसाइट विजन' के अधिग्रहण की घोषणा की
प्रमुख दवा निर्माता कंपनी सन फार्मा ने अमेरिका की इनसाइट विजन के अधिग्रहण की 16 सितंबर 2015 को घोषणा की. इसके लिए सन फार्मास्यूनटिकल इंडस्ट्रीज ने इनसाइट विजन के साथ एक समझौता किया है. इसके तहत सन फार्मा अमेरिका की आईकेयर कंपनी ‘इनसाइट विजन’ का अधिग्रहण 4.8 करोड़ डॉलर में करेगी.
सन फार्मा के अनुसार यह सौदा कुल इक्विटी वैल्यू के आधार पर तकरीबन 4.8 करोड़ डॉलर का होगा. इसके अतिरिक्त संबंधित कर्ज और अन्य लागत का वहन भी सन फार्मा करेगी. सन फार्मा ने बताया कि उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी इनसाइट विजन के सभी जारी शेयरों को 0.35 डॉलर प्रति शेयर के हिसाब से खरीदेगी. यह शेयर बाजार मूल्य से 30 फीसदी प्रीमियम पर खरीदे जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा पंचायत चुनाव में शैक्षणिक योग्यता के कानून पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा पंचायत चुनाव में शैक्षणिक योग्यता संबंधी कानूनी बाध्यता पर 17 सितंबर 2015 को रोक लगा दी. इसके तहत न्यायालय ने हरियाणा पंचायत चुनाव को लेकर राज्य सरकार द्वारा पंचायती राज कानून में किए गए बदलाव पर रोक लगा दी. राज्य सरकार ने चुनावों में शैक्षणिक योग्यता का पैमाना तय किया था, जिस पर विवाद था.
हरियाणा सरकार के इस फैसले का वामपंथी महिला संगठन ‘एडवा’ (AIDWA) की जगमती सांगवान ने चुनौती दी थी. याचिकाकर्ता जगमती सांगवान ने अपनी याचिका में कहा था कि सरकार के इस फैसले से 83 फीसदी दलित महिलाएं चुनाव लड़ने से वंचित रह जाएंगी.
विदित हो कि हरियाणा सरकार की ओर से नियमों में संशोधन पर पंचायत चुनाव लड़ने के लिए चार शर्तें लागू की गई थीं. इसमें महिलाओं और एससी वर्ग के लिए शैक्षिक योग्यता 8वीं और बाकी सभी के लिए 10वीं पास कर दिया गया था. इसके साथ ही सरकार ने पर्चा भरने से पहले घर में टॉयलेट होना, सहकारी बैंक का लोन और बिजली बिल समेत सभी सरकारी देनदारियों का भुगतान निपटाना व 10 साल की सजा के प्रावधान वाले मामलों में प्रत्याशी का चार्जशीटेड न होना को शामिल किया था.
18 sept
वैश्विक नवाचार सूचकांक 2015 जारी
वर्ष 2015 के सितम्बर माह में न्यूयॉर्क के कॉर्नेल विश्वविद्यालय, इनसीड और संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किए गए “वैश्विक नवाचार सूचकांक 2015” को जारी किया गया. यह वैश्विक नवाचार सूचकांक का 8वां संस्करण है.
किसी देश के आर्थिक विकास और समृद्धि में नवाचार के महत्व को देखते हुए वर्ष 2007 से प्रत्येक वर्ष वैश्विक नवाचार सूचकांक जारी किया जाता है. इस सूचकांक में परंपरागत सकेंतको से अलग ‘देश में अनुसंधान और विकास का स्तर’ जैसे कुछ नए सकेंतको को शामिल किया जाता है. इस वर्ष भारतीय उद्योग परिसंघ(सीआईआई) इस सूचकांक के नौलेज पार्टनर्स में शामिल है.
वैश्विकनवाचारसूचकांक 2015 केमुख्यबिंदु
• वर्ष 2015 के वैश्विक नवाचार सूचकांक में विश्व की कुल 141 अर्थव्यवस्थाओं और 79 सूचकांको को शामिल किया गया है.
• वर्ष 2015 के लिए वैश्विक नवाचार सूचकांक का विषय “इफेक्टिवइनोवेशनपॉलिसीजफॉरडेवलपमेंट” है.
• वैश्विक नवाचार सूचकांक 2015 के अनुसार स्विट्जरलैंड , यूनाइटेड किंगडम (यूके), स्वीडन, नीदरलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिक विश्व के पांच सबसे नवाचारित राष्ट्र हैं.
• चीन, मलेशिया, वियतनाम, भारत, जॉर्डन, केन्या, युगांडा जैसे देशों ने अपने समक्ष रहने वाले देशों को पीछे छोड़ दिया है.
• शीर्ष 25 देशों ने कई सकेंतको में अच्छा प्रदर्शन किया है. ये संकेतक हैं सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, नवाचार लिंकेज और ज्ञान का अवशोषण.
• सूचकांक के अनुसार नवाचार गुणवत्ता के क्षेत्र में शीर्ष स्थान यूएसए का है इसके बाद क्रमशः यूके, जापान, जर्मनी और स्विजरलैंड हैं.
• मध्य आय वाले देशों में चीन, भारत और ब्राजील ने नवाचार गुणवत्ता के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया है.
• सूचकांक में वो देश जिन्होंने ने अपने समूह के या समक्ष सदस्यों से 10% प्रतिशत बेहतर प्रदर्शन किया है उन्हें “ इनोवेशन अचीवर्स” का नाम दिया गया है.
• माल्डोवा, चीन, वियतनाम, आर्मीनिया, सेनेगल, मंगोलिया, मलेशिया, मोंटेनेग्रो, यूक्रेन, भारत, बुल्गारिया, थाईलैंड, मोरक्को, और जॉर्डन गणराज्य देशों ने मध्य आय समूह में अच्छा प्रदर्शन किया है.
• न्यूनतम आय वाले देशों मैं मलावी, मोजाम्बिक, रवांडा, केन्या, माली, बुर्किना फासो, कंबोडिया, और युगांडा ने अच्छा प्रदर्शन किया है.
• सूचकांक के अनुसार विकासशील और विकसित देशों के मध्य तकनीकी का अंतर कम हुआ है.
• वर्ष 2015 के इस सूचकांक में आर्मेनिया, चीन, जॉर्जिया, भारत, जॉर्डन, केन्या, मलेशिया, मोल्दोवा, मंगोलिया, युगांडा गणराज्य, और वियतनाम “आउट परफोर्मर्स” श्रेणी में स्थान दिया गया है.
• क्षेत्र के अनुसार रैंक में सब-सहारा अफ्रीका में मॉरिशस, दक्षिण अफ्रीका और सेनेगल ने अच्छा प्रदर्शन किया है.
• मध्य और दक्षिणी एशिया क्षेत्र में भारत, कजाकिस्तान, और श्रीलंका ने नवाचार में सर्वोच्च प्रदर्शन किया है.
• दक्षिण पूर्व एशिया और ओशियाना क्षेत्र में चीन प्रथम स्थान पर है.
संक्षेपमेंरैंकिंग
राष्ट्र |
रैंक |
स्कोर |
स्विजरलैंड |
1 |
68.30 |
यूनाइटेड किंगडम |
2 |
62.42 |
स्वीडन |
3 |
62.40 |
चीन |
29 |
47.47 |
भारत |
81 |
31.74 |
श्रीलंका |
85 |
30.79 |
पाकिस्तान |
131 |
23.07 |
सूचकांकमेंभारत
• निम्न मध्यम आय वाले देशों में भारत का 8वां स्थान है. वर्ष 2014 में भारत 7वें स्थान पर था.
• इसके अतिरिक्त इस वर्ष नवाचार सूचकांक में भारत, मध्य और दक्षिणी एशिया क्षेत्र में प्रथम स्थान पर है.
• भारत और कजाकस्तान, शीर्ष 100 देशों में स्थान पाने वाले मात्र मध्य और दक्षिणी एशियाई देश हैं.
• 1.2 बिलयन की आबादी वाला देश भारत “इनोवेशन अचीवर्स” में शामिल है.
• भारत ज्ञान प्रसार में 34वें स्थान पर है.
• अनुसंधान और विकास में 144वें स्थान पर है.
पर्यटन और मेकॉन्ग गंगा सहयोग पहल पर भारत और कंबोडिया ने समझौता किया
16 सितंबर 2015 को भारत और कंबोडिया ने पर्यटन और मेकॉन्ग– गंगा सहयोग पहल पर दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इन समझौतों पर भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन की उपस्थिति में नोम पेन्ह के पीस पैलेस में हस्ताक्षर किए गए.
उपराष्ट्रपति अंसारी 15 सितंबर से 17 सितंबर 2015 तक कंबोडिया के तीन दिवसीय दौरे पर थे.
एक तरफ पर्यटन समझौता दोनों देशों के बीच पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है तो दूसरी तरफ मेकॉन्ग–गंगा भारत द्वारा किए जाने वाले पांच त्वरित प्रभाव परियोजनाओं से संबंधित है.
येपरियोजनाएंहैं-
साल 21004 से अस्तित्व में रहने वाले आंत्रप्रेन्योरशिप विकास केंद्र के उन्नयन के लिए कंबोडियो को 50000 अमेरिकी डॉलर का अनुदान
स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में दो परियोजनाएं, खासकर मलेरिया से संबंधित
एक कृषि परियोजना
एक महिला सशक्तिकरण परियोजना
इसके अलावा दोनों पक्षों ने व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने की संभावनाओं पर भी चर्चा की और द्विपक्षीय निवेश संरक्षण समझौते पर जल्द–से–जल्द हस्ताक्षर किए जाने पर सहमति जताई.
मेकॉन्ग–गंगा सहयोग पहल
मेकॉन्ग– गंगा सहयोग (एमजीसी) की स्थापना साल 2000 में वियतनाम, लाओस में पहले एमजीसी मंत्रीस्तरीय बैठक में हुई थी. इसमें छह सदस्य देश– भारत, थाईलैंड, म्यांमार, कंबोडिया, लाओस और वियतनाम, थे.
गंगा और मेकॉन्ग नदियों से एमजीसी नाम पड़ा था.
2000 वर्ष प्राचीन अशोक स्तूप का चीन में जीर्णोद्धार
तिब्बती शहर नांगचेन में 17 सितम्बर 2015 को भारतीय भिक्षु ज्ञालवांग द्रुकपा द्वरा 2000 वर्ष पुराने एक स्तूप का जीर्णोद्धार करवाया गया और उसे धार्मिक अनुष्ठान के साथ प्रतिष्ठित किया गया. यह स्तूप भगवान बुद्ध की निशानी के रूप में बनाए गए 19 स्तूपों में से एक है जिन्हें सम्राट अशोक ने चीन भेजा था. यह स्तूप भारत से बौद्ध धर्म के चीन आगमन का प्रतीक है.
बुद्ध की विशाल स्वर्ण प्रतिमा के साथ नवीनीकृत स्तूप और अशोक स्तंभ को ज्ञालवांग द्रुकपा द्वारा तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के नजदीक स्थित चीन के किंघाई प्रांत में प्रतिष्ठित किया गया. द्रुकपा लद्दाख में बौद्ध धर्म की द्रुकपा परंपरा के धार्मिक प्रमुख हैं.
इसके बारे में कहानी यह है कि ढाई हजार साल से अधिक समय पहले भगवान बुद्ध के अंतिम संस्कार के बाद बुद्ध के अनुयायियों ने खोपड़ी की एक हड्डी, कंधे की दो हड्डी, चार दांत और मोती जैसे 84000 अवशेष प्राप्त किए थे. बौद्ध रिकॉर्ड के अनुसार अशोक ने शाक्यमुनि के इन सभी अवशेषों को एकत्र किया था उन्हें पगोडा में रखा था और उसके बाद विश्व के विभिन्न हिस्सों में भेजा था.
चीन ने इनमें से नांगचेन सहित 19 स्तूप प्राप्त किये थे. लेकिन उनमें से अधिकतर प्राकृतिक प्रभाव और देखरेख न हो पाने के कारण ढह गए. इस तरह के तीन और स्तूप चीनी शहरों- शियान, नानजिंग और झेजिंयाग प्रांत के नजदीक आयुवांग में थे. नांगचेन स्तूप तिब्बती क्षेत्र में पाया गया पहला स्तूप है. अशोक द्वारा चीन को भेजे गए 15 अन्य स्तूपों के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
चीनमेंबौद्धधर्म
रिकॉर्ड के अनुसार चीन में बौद्ध धर्म के आगमन 68 ईस्वी में दर्ज किया गया. चीन में पहले बौध मंदिर व्हाइट हार्स का निर्माण 68ईस्वी में चीनी भिक्षु ज़ुआनजान द्वारा लुओयांग में कराया गया. जो 629 ईसवी से 645 ईसवी के मध्य तांग राजवंश के दौरान भारत की यात्रा पर आया था.
अपनी यात्रा के दौरान उसने कई पवित्र स्थलों का भ्रमण किया इसके अतिरिक्त नालंदा जैसे संस्थान में कई प्रसिद्ध बौद्ध ज्ञानियों के साथ अध्ययन किया.
नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-खापलांग पर पांच वर्ष का प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने 15 सितंबर 2015 को अवैधानिक गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत नगा उग्रवादी संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-खापलांग गुट (एनएससीएन-के) को पांच वर्षों के लिए एक अवैधानिक संगठन घोषित किया.
भारत सरकार ने वांगटिन नगा के अंतर्गत नवगठित एनएससीएन/रिफार्मेशन के साथ 27 अप्रैल 2015 को युद्ध विराम पर और 3 अगस्त, 2015 को एनएससीएन (आईएम) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए. इसके बाद से ही खापलांग समूह अपने म्यांमार स्थिति बेस से भारतीय सशस्त्र बलों पर लगातार हिंसक हमले कर रहा है.
येहिंसकगतिविधियांनिम्नरलिखितहैं-
- 26 मार्च 2015 को भारतीय सुरक्षाकर्मियों पर एनएससीएन (के) काडरों द्वारा अंधाधुंध फायरिंग
- वोखा जिले के वोखा टाउन पुलिस स्टेरशन के अधीन पीडब्यूडी कालोनी में बम विस्फोट
- कोहिमा जिले में एनएच-29 पर सीआरपीएफ कैंप के निकट लेरी कालोनी में 15-16 अप्रैल, 2015 को दो आईईडी विस्फोिट
- मॉन जिले में टोबू पुलिस स्टेशन के अंतर्गत चांगलांग शू गांव में सुरक्षा बलों के दल पर घात लगाकर हमला, जिसमें सुरक्षा बलों के आठ कर्मी शहीद हुए
- मणिपुर के चंदेल जिले में 4 जून, 2015 को सुरक्षा बल कर्मियों पर घात लगाकर हमला, जिसमें 18 सैन्यकर्मी शहीद हुए
नेशनलसोशलिस्टकाउंसिलऑफनगालैंड (एनएससीएन) केबारेमें
- नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (एनएससीएन) की स्थापना इसाक चिशी स्वू, थुइंगलेंग मुइवा और एस. एस. खापलांग द्वारा जनवरी 1980 में की गई थी.
- विदित है कि भारत सरकार के साथ वार्ता प्रक्रिया में शामिल होने को लेकर नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (NSCN) वर्ष 1988 में दो गुटों में बंट गया- नेशनल सोशलिस्ट काउंलिस ऑफ नागालैंड इसाक मुइवा (एनएससीएन-के) और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड खापलांग (एनएससीएन- आईएम).
- वर्ष 2001 में, दोनों गुटों ने केंद्र सरकार के साथ संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए.
- एनएससीएन (के) का मुख्यालय म्यांमार के टागा में स्थित है और एनएससीएन-खापलांग के पास करीब 1000 कार्यकर्ताओं के होने का अनुमान है.
एथलेटिक्स कोच निकोलाई स्नेसारेव का इस्तीफ़ा
एथलेटिक्स में मध्यम और लंबी दूरी की दौड़ के कोच डॉ. निकोलाई स्नेसारेव ने 17 सितम्बर 2015 को भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) को अपना इस्तीफा भेजा. उन्होंने खराब आधारभूत ढांचे को कारण बताते हुए इस्तीफ़ा दिया.
निकोलाई का अनुबंध 2016 रियो ओलंपिक तक था. निकोलाई ने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) और एएफआई को साई संविधान के नियम 21 का हवाला देते हुए इस्तीफ़ा भेजा. इस नियम के अनुसार बीच में करार समाप्त करने पर एक महीने पहले नोटिस देना होता है. निकोलाई रूस के प्रसिद्ध कोच हैं, उन्होंने फरवरी 2014 में पद संभाला था.
67 वर्षीय निकोलाई ने भारत की ओलंपिक दावेदार ललिता बाबर (3000 मीटर स्टीपलचेज) और ओपी जैशा (लंबी दूरी की धाविका) को तैयार करने में अहम भूमिका निभाने निभाई है.
“टू इयर एट मंथ्स एण्ड ट्वेंटी एट नाइट्स”: सलमान रुश्दी
वर्ष 2015 के सितम्बर माह में उपन्यास ‘टू इयर एट मंथ्स एण्ड ट्वेंटी एट नाइट्स’ चर्चा में रहा.यह उपन्यास सलमान रुश्दी द्वारा लिखा गया 12वां उपन्यास है.
“टूइयरएटमंथ्सएण्डट्वेंटीएटनाइट्स” केबारेमें
• इस उपन्यास का प्रकाशन न्यू यॉर्क आधारित प्रकाशन समूह ‘रैंडम हाउस’ द्वारा किया गया है.
• यह उपन्यास इतिहास, पुराण, और एक कालातीत प्रेम का मिश्रण है.
• सलमान रुश्दी का यह नवीन उपन्यास पूर्व की पारंपरिक आश्चर्य करने वाली कहानियों “वंडर टेल” से प्रेरित है.
• उपन्यास में उन प्राचीन संघर्षों की चर्चा की गई है जो वर्तमान दौर में भी जारी हैं.
• रुश्दी का यह उपन्यास व्यंग्य और अश्लीलता , चालाकी और मूर्खता प्रतिद्वंद् और विश्वासघात, किस्मत और कर्म, उत्साह और विमोचन से भरा है.
• उपन्यास में डरावने राक्षसों, बुरे मानव और वीर स्त्री जैसे चरित्रों कोस शामिल किया गया है.
• यह उपन्यास वर्तमान में सिर्फ अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध है.
सलमानरुश्दीकेबारेमें
• सलमान रुश्दी अब तक कुल 11 उपन्यासों को लिख चुके हैं. यह उनका 12वां उपन्यास है.
• सलमान रुश्दी को उनके उपन्यास ‘मिडनाइट चिल्ड्रेन्स’ के लिए वर्ष 1981 में बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
• निर्देशिका दीपा मेहता द्वारा वर्ष 2012 में ‘मिडनाइट चिल्ड्रेन्स’ पर एक चलचित्र का निर्माण भी किया गया था.
• उन्होंने छह अमेरिकी और छह यूरोपीय विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि और फेलोशिप प्राप्त की है.
• वर्तमान में वह एमआईटी के मानविकी विभाग के पप्रोफेसर हैं. इसके अतिरिक्त वह इमोरी विश्वविद्यालय में विशिष्ट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं.
• वर्ष 2004 और 2006 के मध्य वह पेन अमेरिकन सेंटर के अध्यक्ष के पद पर कार्यरत रहे.
• वह 10 वर्षों तक पेन वॉइस इंटरनेशनल लिट्रेसी फेस्टिवल के अध्यक्ष रहे.
• वर्ष 2007 में उन्हें नाईटहुड की उपाधि से सम्मानित किया गया.
• उनकी पुस्तकों को 40 भाषाओँ में अनुवाद किया गया है.
अफ़्रीकी देश बुर्किना फासो में सेना द्वारा तख्तापलट
पश्चिमी अफ़्रीकी देश बुर्किना फासो में 16 सितम्बर 2015 को सेना द्वारा तख्तापलट किया गया. सेना के सत्ता अपने हाथ में लेने के पश्चात् सरकार भंग कर दी गयी तथा टेलिविज़न प्रसारण द्वारा तख्ता पलट की पुष्टि की गयी.
प्रेसिडेंशियल गार्ड (आरएसपी) ने राष्ट्रपति माइकल काफांडो तथा प्रधानमंत्री इसाक ज़िदा को बंधक बना लिया. पूर्व जनरल गिल्बर्ट दिएंदेरे देश के नए नेता होंगे. वे पूर्व राष्ट्रपति ब्लैसे कॉम्पारे के सलाहकार थे जिन्होंने देश में हुए विरोध प्रदर्शनों के कारण वर्ष 2014 में 27 वर्ष तक शासन में रहने के पश्चात् इस्तीफ़ा दे दिया था
उस समय से देश में एक अंतरिम सरकार कार्यरत थी. सत्ता संभालने के पश्चात् सेना ने राष्ट्रीय टेलीविज़न पर कहा कि अंतरिम सरकार देश में ‘आम सहमति पर लोकतंत्र की स्थापना’ करने में असफल रही.
सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल मामादाओ बाम्बा ने उस चुनाव संहिता की आलोचना की, जिसके तहत पूर्व राष्ट्रपति को 11 अक्टूबर को होने वाले चुनाव में भाग लेने से रोका गया है. बाम्बा ने घोषणा की कि चुनाव लड़ने के लिए सभी स्वतंत्र होंगे तथा देश में निष्पक्ष चुनाव होंगे.
इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून के प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने राजधानी औगाडूगू में राष्ट्रपति के गार्ड द्वारा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को गिरफ्तार पर उन्हें तुरंत रिहा करने का आह्वान किया.
वेस्टइंडीज के टेस्ट क्रिकेटर शिवनारायण चंद्रपाल आइकन पुरस्कार से सम्मानित
वेस्टइंडीज के टेस्ट क्रिकेटर शिवनारायण चंद्रपाल को इंडो-कैरेबियन एलायंस द्वारा आइकन पुरस्कार से 12 सितंबर 2015 को सम्मानित किया गया. न्यूयार्क में में आयोजित समारोह में चंद्रपॉल को न्यूयार्क स्थित संस्था का सबसे बड़ा सम्मान दिया गया.
41 वर्षीय बाएं हाथ के बल्लेबाज चंद्रपाल को तीन अन्य लोगों टेलीविजन प्रस्तोता लक्ष्मी सिंह, न्यूयॉर्क शहर के परिषद सदस्य एरिक उलरिच और व्यवसायी डेव केदारनाथ के साथ न्यूयॉर्क में यह पुरस्कार प्रदान किया गया. इंडो-कैरेबियन एलायंस (आईसीए) वर्ष 2008 में स्थापित क्वींस, न्यूयॉर्क स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन है.
शिवनारायणचंद्रपालकेबारेमें
- शिवनारायण चंद्रपाल गुयाना के क्रिकेटर और वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान है. वह वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम टीम की ओर से 100 टेस्ट खेलने वाले पहले इंडो-कैरेबियन है.
- शिवनारायण चंद्रपाल ने 164 टेस्ट मैचों में 51.37 के औसत से 11,867 रन बनाए हैं, जिसमें 30 शतक और 66 अर्धशतक शामिल हैं. उनसे अधिक रन सिर्फ ब्रायन लारा ने ही बनाए हैं.
- चंद्रपाल ने 268 एकदिवसीय मैचों में 8778 रन बनाए हैं. चंद्रपाल ने 14 टेस्ट और 16 एकदिवसीय मैचों में टीम की कप्तानी भी की .
भारत एवं अमरीका ने साझेदारी का प्रतीक संयुक्त सिक्का जारी किया
भारत एवं अमरीका ने अपने साझेदारी के प्रतीक के रूप में 16 सितंबर 2015 को वाशिंगटन में संयुक्त सिक्का जारी किया. भारत और अमरीका ने भारतीय नौसेना के लिए अगली पीढ़ी का विमान वाहक बनाने के लिए अपनी अनूठी साझेदारी के प्रतीक के रूप में यह सिक्का तैयार किया.
भारत-अमरीका के साझेदारी का प्रतीक संयुक्त सिक्के के एक ओर ‘फॉरवर्ड टुगेदर वी गो’ और ‘चले साथ-साथ’ लिखा है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा का 'विजन स्टेटमेंट' है. इसे सितंबर 2014 में व्हाइट हाउस में आयोजित उनकी पहली बैठक में जारी किया गया था. सुनहरे रंग के इस सिक्के के दूसरी ओर भारत और अमेरिका का नक्शा है और एक विमान वाहक नीले पानी में तैर रहा है.
विदित हो कि जनवरी 2015 में ओबामा की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने भारतीय नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अगली पीढ़ी के एक विमान वाहक के लिए एक कार्य समूह की स्थापना की घोषणा की थी.
मध्य प्रदेश सरकार ने शिक्षकों के लिए एम-शिक्षा मित्र मोबाइल एप्लिकेशन का शुभारंभ किया
मध्य प्रदेश सरकार ने शिक्षकों को विभिन्न सेवाएं तथा शैक्षणिक कार्य संबंधी जानकारी सहज एवं सरल रूप से उपलब्ध करवाने के लिए एम-शिक्षा मित्र नाम से सितंबर 2015 में मोबाइल एप्लिकेशन का शुभारंभ किया.
इसके साथ ही शिक्षकों को लाभान्वित करने के लिए एप को विकसित करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया. एनआईसी द्वारा विकसित एम-शिक्षामित्र मोबाइल एप्प को एंड्राइड मोबाइल फोन में गूगल के प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकेगा.
एपकीविशेषताएं
- एम-शिक्षा मित्र एप्प का उपयोग कर शिक्षक वेतन-पर्ची, विभिन्न योजनाओं के लिए विद्यालयों को भेजी गई राशि, छात्रवृत्ति, विभागीय आदेश, विभिन्न सर्कुलर, जीपीएफ़ आदि जानकारी आसानी से अपने मोबाइल पर प्राप्त कर सकेंगे.
- शिक्षकों को एप्प के माध्यम से ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने और उसका स्टेटस देखने की सुविधा भी प्राप्त होगी. एप का उपयोग छुट्टी का आवेदन करने तथा ई-अटेंडेंस के लिए भी किया जाएगा.
- एप्प को डाउनलोड कर शिक्षक और अधिकारी एक दूसरे को फ्री में एसएमएस कर सकेंगे. इसके अलावा एप डाउनलोड करने वालों को 200 एसएमएस फ्री भेजने की सुविधा भी होगी.
एजुकेशन पोर्टल में कार्य करने के लिए जारी यूजरनेम तथा पासवर्ड का उपयोग कर एप पर लॉगिन किया जा सकेगा. सभी प्राचार्य, हेडमास्टर, विद्यालय प्रभारी, सभी शिक्षक के मोबाइल नंबर एजुकेशन पोर्टल पर दर्ज करवाने के निर्देश दिये गए है.
हाइड्रोकार्बन पर भारत-कुवैत संयुक्त कार्य समूह की बैठक नई दिल्ली में आयोजित
हाइड्रोकार्बन के मुद्दे पर बातचीत हेतु भारत-कुवैत संयुक्त कार्य समूह की चौथी बैठक 16 सितम्बर 2015 को नई दिल्ली में आयोजित की गयी.
यह बैठक संयुक्त रूप से आशुतोष जिंदल, संयुक्त सचिव (अंतर्राष्ट्रीय सहयोग), पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा डॉ अहमद अल क़त्तन, कुवैती ऑयल सेक्टर के प्रतिनिधि की अध्यक्षता में की गयी.
बैठक के दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने वर्ष 2014 में कुवैत में आयोजित तीसरी संयुक्त बैठक के दौरान हाइड्रोकार्बन क्षेत्र के लिए किये गये फैसलों की प्रगति पर भी बातचीत की.
दोनों देशों ने तेल तथा गैस के क्षेत्र में भारत तथा विदेशों में मौजूद अवसरों पर संयुक्त रूप से कार्य करने पर भी बातचीत की.
भारत-कुवैतकेतेलक्षेत्रमेंसंबध
• कुवैत पिछले कई दशकों से भारत के लिए कच्चे तेल का एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता रहा है.
• वर्ष 2014-15 के दौरान कुवैत सऊदी अरब, इराक और वेनेजुएला के बाद भारत के लिए चौथा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता रहा. इससे भारत की उर्जा आवश्यकताओं का लगभग 10 प्रतिशत भाग पूरा होता है.
• वर्ष 2014-15 के दौरान कुवैत से भारत का कुल आयात 13.38 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था, जिसमें तेल एवं लुब्रिकेंट्स (पीओएल) का व्यापार 12.28 बिलियन अमेरिकी डॉलर का रहा.
• कुवैत ने अपनी विकास योजना (2015-2020) में 115 बिलियन अमेरिकी डॉलर के व्यापार का लक्ष्य निर्धारित किया है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों जैसे तेल, गैस (अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम) पेट्रोरसायन, गैस प्रसंस्करण, पाइप लाइन आदि शामिल हैं.
• पिछले कुछ दशकों से भारतीय कम्पनियां वैश्विक स्तर पर कार्य कर रही हैं. कुवैत विकास योजना के अंतर्गत ओवीएल (ओएनजीसी विदेश लिमिटेड) तथा अन्य उर्जा कंपनियों को बेहतर अवसर प्रस्तुत किये गये.
चीन का होंगझोऊ शहर वर्ष 2022 के एशियाई खेलों की मेजबानी के लिए चयनित
पूर्वी चीन के झेंजियांग प्रांत की राजधानी होंगझोऊ को एशिया ओलंपिक परिषद (ओसीए) द्वारा 15 सितंबर 2015 को वर्ष 2022 के एशियाई खेलों की मेजबानी के लिए चुना गया. ओसीए ने तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्काबाद में अयोजित 34वीं कांग्रेस में यह फैसला किया.
होंगझोऊ 2022 एशियाई खेलों के लिए एकमात्र उम्मीदवार शहर था.
होंगझोऊ चीन का तीसरा शहर होगा जिसमें एशियाई खेलों का आयोजन होगा. वर्ष 1990 में बीजिंग और वर्ष 2010 में दक्षिण ग्वांझोऊ में एशियाई खेलों का आयोजन किया गया था. होंगझोऊ शहर को पश्चिम झील और पर्यटकों के आकर्षण के लिए जाना जाता है. चीन की प्रसिद्ध ई-कॉमर्स कम्पनी अलीबाबा का मुख्यालय भी होंगझोऊ में स्थित है.
दक्षिण कोरिया के इंचियोन में वर्ष 2014 में एशियाई खेलों का आयोजन किया गया था, जबकि इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में वर्ष 2018 के एशियाई खेलों का आयोजन किया जाएगा.
एशियाईखेल
- एशियाई खेल का प्रारम्भ वर्ष 1951 हुआ था. इसे (एशियाई खेलों) एशियाड के नाम से भी जाना जाता है. यह प्रति चार वर्ष बाद एशिया के किसी देश में आयोजित किया जाता है. यह बहु-खेल प्रतियोगिता है जिसमें केवल एशिया के विभिन्न देशों के खिलाड़ी भाग लेते हैं.
- इन खेलों का नियामन एशियाई ओलम्पिक परिषद द्वारा अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक परिषद के पर्यवेक्षण में किया जाता है. प्रत्येक प्रतियोगिता में प्रथम स्थान के लिए स्वर्ण, दूसरे के लिए रजत और तीसरे के लिए कांस्य पदक दिए जाते हैं.
- प्रथम एशियाई खेलों का आयोजन वर्ष 1951 में भारत की राजधानी दिल्ली में किया गया था. भारत को दूसरा बार इन खेलों की मेज़बानी वर्ष 1982 में सौंपी गई.
- ओलंपिक खेलों के बाद एशियाई खेलों को दूसरी सबसे बड़ी बहु खेल प्रतियोगिता माना जाता है.
पाकिस्तान परमाणु उर्जा विज़न 2050 के तहत 40000 मेगावाट परमाणु उर्जा उत्पादन करेगा
पाकिस्तान ने 40,000 मेगावाट परमाणु उर्जा उत्पादन हेतु लक्ष्य निर्धारित किया है. यह लक्ष्य पाकिस्तान परमाणु उर्जा विज़न 2050 के तहत हासिल किया जायेगा.
इस संबंध में 17 सितंबर 2015 को ऑस्ट्रिया स्थित वियना में आयोजित 59वीं अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की आम बैठक में पीएईसी के अध्यक्ष ने एक घोषणा की.
पीएईसी का अर्थ है पाकिस्तान परमाणु उर्जा कमीशन.
परमाणुउर्जाविज़न 2050
• इसका उद्देश्य वर्ष 2050 तक पाकिस्तान की कुल उर्जा आवश्यकता का एक चौथाई उत्पादन करना है.
• इस कार्यक्रम के अनुसार 8800 मेगावाट वर्ष 2030 तक एवं 40000 मेगवाट उर्जा का उत्पादन वर्ष 2050 तक किया जायेगा.
• यह लक्ष्य हासिल करने के लिए, आठ स्थानों पर 32 परमाणु उर्जा संयत्र (एनपीपीएस) स्थापित किये जायेंगे. इनमें प्रत्येक स्थान पर आठ संयंत्र होंगे.
टिप्पणी
जुलाई 2015 में बिजली संकट के चलते कराची पूरी तरह अंधेरे में डूब गया था. देश में बिजली गुल होने तथा गर्मी के प्रकोप से 1000 लोग मारे गये.
वर्तमान में, पाकिस्तान 725 मेगावाट परमाणु उर्जा का उत्पादन स्वयं करता है तथा 20,000 मेगावाट अन्य स्रोतों से प्राप्त करता है.
इस योजना से पाकिस्तान के विकास कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अपेक्षा की जा रही है किन्तु पाकिस्तान के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम से संबंधित कुछ चिंताजनक विषय अभी बाकी हैं.
चीन द्वारा पाकिस्तान को परमाणु क्षेत्र में सहयोग देना तथा पाकिस्तान के परमाणु संयंत्रों पर आतंकवादी संगठनों द्वारा कब्जा किये जाने का डर, इन मुख्य बिन्दुओं में शामिल हैं.
मलेरिया से होने वाली मृत्यु में 60 प्रतिशत की कमी: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र द्वारा सितंबर 2015 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में मलेरिया से होने वाली मृत्यु पर अंकुश लगाने में बड़ी सफलता मिली है. इस विश्व संस्था द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 15 वर्षो में इसमें 60 फीसद तक की कमी दर्ज की गई है.
रिपोर्टसेसंबंधितमुख्यतथ्य:
• एशिया महादेश में मलेरिया रोधी अभियान को सबसे ज्यादा सफलता.
• वर्ष 2000 के अनुपात में मलेरिया से होने वाली मृत्यु में 60 प्रतिशत की कमी.
• वर्ष 2000 में 26.20 करोड़ लोग मलेरिया के चपेट में आये, जिनमें से 8.40 लाख लोगों की मृत्यु हो गई.
• वर्ष 2015 में अबतक 21.40 करोड़ लोग मलेरिया के चपेट में आये, जिनमें से 4.38 लाख लोगों की मृत्यु की आशंका.
• अफ़्रीकी महादेश का उप-सहारा क्षेत्र अभी भी मलेरिया से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र.
वर्ष 2013 के राष्ट्रीय विश्वकर्मा पुरस्कार प्रदान किये गये
केंद्रीय श्रम एवं रोज़गार राज्यमंत्री बंडारू दत्तात्रेय (स्वतंत्र प्रभार) ने 17 सितंबर 2015 को नई दिल्ली स्थित आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय विश्वकर्मा पुरस्कार प्रदान किये.
यह पुरस्कार श्रम और रोज़गार मंत्रालय के मुंबई स्थित महानिदेशक कारखाना परामर्श सेवा और श्रम संस्थान की ओर से दिया जाता है. यह पुरस्कार वर्ष 2013 के प्रदर्शन के आधार पर दिए गये.
इस आयोजन में श्रेणी ए में पांच, श्रेणी बी में आठ तथा श्रेणी सी में 15 लोगों को पुरस्कृत किया गया. पुरस्कार के मानकों में नवोन्मेष तथा सुधार को आधार बनाया गया. विभिन्न संस्थानों के 132 लोगों को यह पुरस्कार दिए गये.
इसी कार्यक्रम के दौरान 53 विजेताओं एवं 42 रनर अप को भी राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार प्रदान किये गये.
इस अवसर पर श्रम मंत्रालय के अपर सचिव हीरालाल सामरिया, आर्थिक सलाहकार डॉ. ए के पांडा तथा डीजी फासली के महानिदेशक डॉ अवनीश सिंह मौजूद भी उपस्थित थे.
यह पुरस्कार न्यूनतम औसत आवृत्ति दर एवं कार्यावधि के दौरान दुर्घटना मुक्त वर्ष के आधार पर दिए गये. श्रेणी ए में 75,000 रुपये, श्रेणी बी में 50,000 रुपये तथा श्रेणी सी में 25,000 रुपये दिए जाते हैं.
हीरो साइकिल्स ने फायरफॉक्स बाइक्स का अधिग्रहण किया
उत्पादन संख्या के आधार पर विश्व की सबसे बड़ी साइकिल निर्माता कंपनी, हीरो साइकिल्स ने 17 सितंबर 2015 को नगद लेन-देन के आधार पर फायरफॉक्स बाइक्स प्राइवेट लिमिटेड का अधिग्रहण करने की घोषणा की.
इस समझौते के अनुसार हीरो साइकिल्स की फायरफॉक्स में 100 प्रतिशत भागीदारी होगी. दोनों कंपनियां इस बात पर भी सहमत हुईं कि अधिग्रहण के उपरांत फायरफॉक्स एक अलग व्यापारिक ईकाई के रूप में कार्यरत रहेगी.
इस समझौते में फायरफॉक्स ब्रांड की साइकिलें, कल-पुर्जे, स्पेयर पार्ट तथा ट्रेक व अन्य अन्तरराष्ट्रीय ब्रांड्स के वितरण का अधिकार भी हीरो साइकिल्स के पास होगा.
हीरो साइकिल्स ने यह भी घोषणा की कि वह अपनी साइकिलों के उत्पादन में सुधार लाने एवं अन्य विकास कार्यों के लिए एक हीरो इनोवेशन सेंटर की स्थापना करेगी.
हीरोसाइकिल्स
हीरो साइकिल्स लिमिटेड पंजाब स्थित लुधियाना की सबसे बड़ी साइकिल निर्माता कंपनी है. इस समूह की स्थापना वर्ष 1956 में चार मुंजाल भाइयों ने की थी. हीरो साइकिल्स का स्लोगन है, साइकिल ऑफ़ लाइफ.
किसानों के लिए सूखा राहत कोष हेतु नाना पाटेकर ने “नाम फाउंडेशन” की स्थापना की
सूखे की स्थिति से निपटने के लिए किसानों की मदद करने हेतु अभिनेता नाना पाटेकर ने सितंबर 2015 के तीसरे सप्ताह में “नाम फाउंडेशन” की स्थापना की.
नाना पाटेकर और उनके मित्र मराठी अभिनेता मकरंद अन्सपुरे ने नाम फाउंडेशन की स्थापना सूखा पीड़ित किसानों को पैसा दान देने के लिए की गई है. यह फाउंडेशन लोगों से पैसा इक्ट्ठा करेगी. इसके लिए नाना पाटेकर ने भारतीय स्टेट बैंक में एक खाता भी खुलवाया है जहां लोग अपना मौद्रिक योगदान दे सकेंगे.
नाम फाउंडेशन द्वारा इक्ट्ठा किया गया पैसा सूखा प्रभावित गांवों के युवाओं को लाभकारी रोजगार मुहैया कराने में भी इस्तेमाल किया जाएगा.
सूखे की मार झेल रहे किसानों की मदद करने के नाना पाटेकर के इस प्रयास से प्रेरित होकर बालीवुड के अभिनेता अक्षय कुमार ने महाराष्ट्र के सूखा– प्रभावित किसानों से मुलाकात की. उन्होंने खेती में नुकसान की वजह से खुद की जान लेने वाले किसानों के 180 परिवारों की मदद के लिए 90 लाख रुपये देने की घोषणा की. 15 सितंबर 2015 को मराठवाड़ा के बीड जिले में अभिनेता ने अपने पति गंवा चुकी 30 विधवाओं को 50,000– 50,000 रुपये भी दिए.
आंध्र प्रदेश के इब्राहिमपट्टनम में गोदावरी और कृष्णा नदियां औपचारिक रूप से जोड़ी गईं
हर वर्ष गोदावरी के बाढ़ का पानी जो समुद्र में जाकर बर्बाद होता था, का प्रबंध करने के लिए गोदावरी और कृष्णा नदियों को 16 सितंबर 2015 को आंध्र प्रदेश में औपचारिक रूप से जोड़ दिया गया.
इन दो नदियों को मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने विजयवाड़ा के नजदीक इब्राहिमपट्टन गांव के घाट पर गोदावरी से कृष्णा नदी में पानी छोड़कर औपचारिक रूप से जोड़ने का काम किया.
कृष्णा– गोदावरी के संगम के इस अवसर को यादगार बनाने के लिए “संगम को कृष्णा– गोदावरी पवित्र संगमम्” नाम दिया गया जिसका तेलुगु में अर्थ होता है “पवित्र संगम”.
इन दो नदियों को पश्चिमी गोदावरी जिले में पट्टिसम गांव पर गोदावरी नदी पर चल रहे पट्टिसीमा लिफ्ट सिंचाई योजना के तहत जोड़ा गया है.
योजना के तहत, गोदावरी नदी से पानी को लिया जाएगा और पड़ोस के कृष्णा जिले से गुजरने वाली कृष्णा नदी की तरफ मोड़ दिया जाएगा. यहां से, पानी कृष्णा नदी में जाएगा और फिर उसे प्यासे रायलसीमा क्षेत्र में वितरित किया जाएगा.
मूल रूप से, गोदावरी और कृष्णा नदी को जोड़ने की कल्पना बहुउद्देशीय पोलावरम परियोजना के तहत की गई थी जिसे आंध्र प्रदेश के दो राज्यों – आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बंटने के साथ राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दे दिया गया था.
हालांकि, लागत संबंधी चिंताओं की वजह से चंद्रबाबू नायडू सरकार ने परियोजना को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया था.
नदियोंकोआपसमेंजोड़नाकैसेफायदेमंदहोगा?
• दो प्रमुख नदियों का राज्य में जोड़े जाने से गोदावरी के बाढ़ के 3000 टीएमसी पानी में से करीब 80 टीएमसी पानी का उपयोग किया जाएगा जो हर वर्ष समुद्र में मिल जाता है.
• कृष्णा नदी का डेल्टा क्षेत्र जून से अगस्त के बीच सिंचाई जल की भारी कमी से जूझता है.
• प्रकाशम बैराज के इब्राहिमपट्टनम के पास बना यह संगम कृष्णा और गुंटूर जिलों के किसानों के सपनों को पूरा करेगा.
• गोदावरी और कृष्णा नदियों को जोड़ने के बाद, राज्य सरकार पानी को सूखा संभावित रायलसीमा क्षेत्र की तरफ ले जाने की योजना बना रही है.
• इब्राहिमपट्टनम के करीब दो नदियों के संगम स्थल को आध्यात्मिक और पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित किया जाएगा.
एशियाई फुटबॉल तकनीकी रैंकिंग में भारत 22वें स्थान पर
एशियन फुटबॉल कन्फेडरेशन (एएफसी) ने सितंबर 2015 में जारी अपनी नई एशियाई फुटबॉल तकनीकी रैंकिंग में भारत को 22वां स्थान दिया. एएफसी द्वारा जारी नई तकनीकी रैंकिंग में भारत को एशिया के 46 सदस्य देशों में 22वें स्थान पर रखा गया, जो दक्षिण एशियाई देशों में सबसे बेहतर
विदित हो कि एएफसी तकनीकी रैंकिंग प्रणाली प्रतियोगिता में किसी विशिष्ट देश की राष्ट्रीय टीम और क्लबों के पिछले चार साल के प्रदर्शन के अनुसार अंक दिए जाते हैं. राष्ट्रीय टीम का प्रदर्शन नवीनतम फीफा रैंकिंग अंक के आधार पर है, जिसे इस गणना में 30 फीसदी वरीयता दिया गया है, जबकि विशिष्ट देश के क्लबों के प्रदर्शन को 70 फीसदी वरीयता दिया गया है. एएफसी द्वारा जारी नई तकनीकी रैंकिंग की गणना चार नवीनतम एशियाई चैम्पियंस लीग या एएफसी कप सत्र के आधार पर की गई है.