Current Affaires 19-20 Nov 2015 Hindi

19 November

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन और तुर्की की दो दिवसीय यात्रा संपन्न

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 नवम्बर 2015 को दो देशों ब्रिटेन और तुर्की की यात्रा के बाद स्वदेश लौट आए.
12 नवम्बर से 16 नवम्बर के मध्य अपने पांच दिवसीय यात्रा के दौरान मोदी ने जी -20 शिखर सम्मेलन इस्तांबुल तुर्की में हिस्सा लेने के साथ साथ महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरून, तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तईप एरडोगन और अन्य वरिष्ठ लोगों से मुलाकात की .
इस दौरान वे ब्रिटेन में (12-14 नवम्बर 2015) और तुर्की में (14-16 नवम्बर 2015) तक रुके.

ब्रिटेनयात्रासेसम्बंधितप्रमुखतथ्य

  • मोदी ने लंदन में डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर मेमोरियल का उद्घाटन किया तथा इसके अतिरिक्त
  • बसेस्वर प्रतिमा का लंदन में अनावरण
  • वेम्बली स्टेडियम, लंदन में भारतीय समुदाय को संबोधित
  • लंदन में गांधी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की
  • बकिंघम पैलेस में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के साथ मुलाकात की
  • 12 नवंबर, 2015 को मोदी  ब्रिटिश संसद को संबोधित करने वाले पहले भारतीय प्रमुख बने
  • मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता आयोजित की तथा लेबर पार्टी और विपक्ष के नेता से मुलाकात की.
  • उन्होंने ब्रिटेन-भारत सीईओ फोरम में भाग लिया
  • लंदन के ट्रेजरी क्वारडेंगल में गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया
  • भारत की टाटा मोटर्स की सहायक कंपनी जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) संयंत्र का दौरा किया

तुर्कीयात्रासेसम्बंधितप्रमुखतथ्य

  • मोदी ने इस्तांबुल, तुर्की में तुर्की राष्ट्रपति रिसेप तईप एरडोगन की अध्यक्षता में जी -20 शिखर सम्मेलन 2015 में भाग लिया. इस दौरान ब्रिक्स नेताओं की बैठक में भी भाग लिया.
  • मोदी ने तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तईप एरडोगन, स्पेन के प्रधानमंत्री मारियानो राजोय, सऊदी अरब के अब्दुल अजीज, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल, यूरोपीयन काउंसिल के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क तथा यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष ज्यां क्लाड जंकर से मुलाकात की.
  • मोदी ने आतंकवाद और शरणार्थी संकट के समाधान हेतु 10 सूत्रीय योजना का प्रस्ताव रखा.
  • जी -20 की बैठक में विकास और जलवायु परिवर्तन पर अपनी एजेंडा का प्रस्ताव रखा.

संसाधन क्षमता पर भारतीय संसाधन पैनल के गठन की घोषणा

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने 18 नवम्बर 2015 को संसाधन क्षमता पर भारतीय संसाधन पैनल (आईएनआरपी) के गठन की घोषणा की. भारत ऐसा पहला देश है जिसने संसाधन पैनल का गठन किया है.
आईएनआरपी का उद्देश्य देश के संसाधनों का उपयोग सतत विकास कार्यों के लिए किया जाना है. इसके 10 में से 4 सदस्य - विश्वनाथ एन आनंद, आर एच ख्वाजा, तिष्यारक्षित चटर्जी, प्रोदीप्तो घोष पूर्व पर्यावरण सचिव रह चुके हैं. अन्य छह सदस्य हैं – डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स से अशोक खोसला, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के अजय माथुर, टॉक्सिस लिंक के रवि अग्रवाल, सीएसई से सुनीता नारायण, सीआईआई से सीमा अरोड़ा, ईएमसी से प्रसाद मोदक.


पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के अन्य संबंधित मंत्रालयों के साथ सहयोगी भूमिका में होगा. स्थिरता को बढ़ावा देने और पर्यावरण क्षरण से विकास को नुकसान ना होने देने के लिए तथा रीसाइक्लिंग के लिए निजी और सार्वजनिक उद्यमों को एक सुविधाजनक वातावरण के निर्माण की दिशा में कार्य किया जा रहा है.
संसाधनक्षमतापरभारतीयसंसाधनपैनल (INRP) कीआवश्यकता
•    इस समय भारत जैसे विकासशील देश के माध्यमिक संसाधनों का उपयोग विकास कार्यों के लिए किया जाना आवश्यक है.
•    भारत को आईएनआरपी की आवश्यकता इसलिए भी है क्योंकि विविध प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग बदल रही जीवनशैली में सहयोगी भूमिका देने एवं औद्योगिक उत्पादन के लिए कच्चे माल की उपलब्धता कराना भी है.

न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर भारत के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 18 नवंबर 2015 को न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया.
न्यायमूर्ति ठाकुर भारत के 43 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में 3 दिसंबर 2015 को कार्यभार ग्रहण करेंगे. उनका कार्यकाल 3 जनवरी 2017 तक होगा.
न्यायमूर्तिटीएसठाकुरकेबारेमें
• न्यायमूर्ति ठाकुर ने अक्टूबर 1972 में वकालत शुरू की और अपने पिता डीडी ठाकुर के निर्देशन में वकालत शुरू की.
•उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय में सिविल, आपराधिक, संवैधानिक, कराधान और सेवा मामलों में वकालत की.
• 1986 में वे बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए.

1990 में उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता का दर्जा मिला. 
• 16 फ़रवरी 1994 को वे जम्मू - कश्मीर उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए.
• मार्च 1994 में उन्हें कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित किया गया. 
• जुलाई 2004 में वे दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित किए गए.
• 9 अप्रैल 2008 को उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया. 
• 11 अगस्त 2008 को उन्होंने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार संभाल लिया.
• वह सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किए गए और उन्होंने 17 नवंबर 2009 को कार्यभार ग्रहण किया.
• डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय लखनऊ ने 31 अक्टूबर 2015 को उन्हें लॉ में डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी.

कोल इंडिया लिमिटेड में 10 प्रतिशत प्रदत्त इक्विटी पूंजी के विनिवेश को मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने 18 नवंबर, 2015 को कोल इंडिया लिमिटेड के 10 प्रतिशत प्रदत्त इक्विटी पूंजी के विनिवेश को मंजूरी प्रदान की.

कोल इंडिया में इस विनिवेश से केंद्र सरकार को सरकारी खजाने में करीब 20000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है. कोल इंडिया के मौजूदा बाजार मूल्य के हिसाब से उसकी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री से सरकार को 21,137.71 करोड़ रुपये प्राप्त हो सकते हैं.

विनिवेशकीमुख्यविशेषताएं

  • इस विनिवेश का अर्थ 10 रूपये प्रत्येक शेयर के मूल्य से भारत सरकार का 63,16,36,440 शेयर घरेलू बाजार में सार्वजनिक निर्गम के जरिये बेचना है.
  • कोल इंडिया लिमिटेड में भारत सरकार की हिस्सेदारी 78.65 प्रतिशत (मंत्रिमंडल के आर्थिक मामलों की समिति के सितम्बर, 2014 के निर्णय के अनुसार कोल इंडिया लिमिटेड के कर्मचारियों को 1 प्रतिशत इक्विटी समायोजन के बाद) यह कार्यान्वयन प्रक्रिया में है.
  • कोल इंडिया लिमिटेड की प्रदत्त इक्विटी पूंजी 6,316 करोड़ रूपये है. 10 प्रतिशत शेयर बेचने के बाद कोल इंडिया लिमिटेड में भारत सरकार की हिस्सेदारी 68.65 प्रतिशत रह जाएगी.
  • शेयरों की बिक्री प्रोमोटरों के जरिये भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमों के अंतर्गत स्टॉक एक्संचेंज व्यवस्था से की जाएगी.

उत्तर प्रदेश सरकार ने 50 जिलों को सूखा ग्रस्त घोषित किया

उत्तर प्रदेश सरकार ने 18 नवम्बर 2015 को 75 में से 50 जिलों को सूखा ग्रस्त घोषित किया. इसके साथ ही सूखा प्रभावित जिलों के किसानों से लिए जाने वाले सभी ऋण भी माफ़ किये जाने की घोषणा की गयी.
जून 2015 से सितम्बर 2015 के बीच जिन जिलों में 60 प्रतिशत से कम वर्षा हुई उन्हें सूखा ग्रस्त घोषित किया गया. जिन जिलों में 33 प्रतिशत से अधिक फसलें नष्ट हो गयी हैं उसे भी सूखाग्रस्त श्रेणी में रखा गया है.
इनमें से 33 जिलों में 40 से 60 प्रतिशत बारिश रिकॉर्ड की गयी जबकि 16 जिलों में यह औसत 40 प्रतिशत से कम था.


यह निर्णय प्राकृतिक आपदा समिति की सिफारिशों के आधार पर लिया गया. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकारी विभागों को चिन्हित जिलों में राहत कार्य आरंभ किये जाने के आदेश भी जारी किये.
सरकार ने जिला न्यायाधीशों को आदेश जारी करते हुए स्थिति से निपटने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए कहा तथा साथ ही यह भी ध्यान रखने के लिए कहा कि राज्य में किसानों को राजस्व वसूली के नाम पर परेशान न किया जाए.

जैव औषधीय अनुसंधान हेतु राष्ट्रीय संसाधन सुविधा के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 18 नवम्बर 2015 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की.

इस प्रस्ताव के अंतर्गत जैव औषधीय अनुसंधान के लिए हैदराबाद की जीनोम वैली में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा राष्ट्रीय संसाधन सुविधा (एनएआरएफ) का गठन किया जाना है.

इस परियोजना की कुल लागत 338.58 करोड़ रुपये है और इसके वर्ष 2018-19 तक क्रियाशील होने की संभावना है.

इसके अलावा राज्य सरकार ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद को हैदराबाद की जीनोम वैली में जैव औषधीय अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय पशु संसाधन सुविधा बनाने हेतु 102.69 एकड़ भूमि निशुल्क आवंटित की.
जैवऔषधीयअनुसंधानकेलिएराष्ट्रीयसंसाधनसुविधाकीमुख्यविशेषताएं

  • यह संस्थान आधारभूत एवं प्रयुक्त जैव औषधीय अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी तरह का भारत में पहला संस्थान होगा.
  • इस संस्थान को पशुओं जैसे वानर एवं पराउत्पत्तिमूलक एवं जनुकीय तौर पर संशोधित चूहों, जिनका शोध एवं विकास उत्पादों के परीक्षण में प्रयोग किया जाता है, के प्रजनन एवं आवासन की एक विश्व स्तरीय सुविधा के तौर पर विकसित किया जाएगा.
  • इस संस्थान से आधुनिक जैव औषधीय अनुसंधान और शोध को सुसाध्य बनाने के लिए मेडिकल कॉलेजों, अनुसंधान और शैक्षिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों और बायोटेक / बायो-फार्मा कंपनियों को मदद मिलेगी.
  • यह केंद्र जैव औषधीय अनुसंधान के विशिष्ट कार्यक्षेत्रों में कार्मिकों के प्रशिक्षण की सुविधाएं भी उपलब्ध कराएगा.

बांग्लादेश सरकार ने सुरक्षा कारणों से सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर रोक लगाई

बांग्लादेश सरकार ने सुरक्षा कारणों से 18 नवम्बर 2015 को फेसबुक, वाट्सएप्प एवं वाइबर पर रोक लगाने की घोषणा की.
बांग्लादेश दूरसंचार नियामक आयोग (बीटीआरसी) ने विभिन्न टेलिकॉम सुविधा प्रदाताओं को सभी सेवाएं तुरंत बंद करने के लिए कहा है.


यह आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा सलाउद्दीन कादर चौधरी एवं अली अहसान मोहम्मद मुजाहिद को फांसी की सज़ा दिए जाने के बाद जारी किया गया. ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस के अनुसार, इन सोशल मीडिया सेवाओं के जरिये अपराधी अपने मंसूबों को अंजाम देते थे.
बांग्लादेश में सोशल मीडिया पर रोक लगाया जाना नया नहीं है. इससे पहले 18 जनवरी 2015 को बीटीआरसी ने वाट्सएप्प, वाइबर, मायपीपल, लाइन एवं टैंगो को भी सुरक्षा कारणों के चलते प्रतिबंधित कर दिया था हालांकि यह रोक चार दिन बाद वापिस हटा दी गयी.

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एंटीबायोटिक जागरूकता सप्ताह का शुभारंभ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 16 नवंबर 2015 को एंटीबायोटिक : हैंडल विथ केयर विषय के साथ विश्व एंटीबायोटिक जागरूकता सप्ताह का शुभारंभ किया.
अभियान का उद्देश्य एंटीबायोटिक के अत्यधिक प्रयोग से बचने के लिए नीति निर्माताओं, स्वास्थ्य और कृषि पेशेवरों के बीच सार्वजनिक सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रोत्साहित करना है. 
यह अभियान एंटीबायोटिक प्रतिरोध के बढ़ते दुरुपयोग के खिलाफ लड़ने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन  द्वारा चलाये जा रहे प्रयासों का हिस्सा है. मई 2015 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के 68 वें विश्व स्वास्थ्य सभा का आयोजन संचार, शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से एंटीबायोटिक प्रतिरोध के विषय में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से किया गया था.

एंटीबायोटिक्सक्याहैं?

वस्तुतः एंटीबायोटिक्स ऐसी औषधियां हैं जिनका प्रयोग जीवाणु जनित रोगों के उन्मूलन के लिए किया जाता है. ध्यातव्य है कि सभी जीवाणु हानिकारक तथा रोगों के कारण नहीं होते हैं. जीवाणुओं से होने वाले रोगों में उपदंश, तपेदिक, साल्मोनेला और दिमागी बुखार आदि प्रमुख हैं.

एंटीबायोटिक्सकैसेकामकरतेहैं ?

प्राय: एंटीबायोटिक्स रोगों के उन्मूलन में दो तरह से कार्य करते हैं. एंटीबायोटिक्स या तो जीवाणु को समाप्त कर देते हैं या प्रतिरोथक जीवाणुओं की संख्या में इतनी वृद्धि कर देते है कि उत्पन्न जीवाणुओं  में रोग से लड़ने की क्षमता आ जाने से उसका प्रभाव नहीं होता.

क्याएंटीबायोटिक्सस्वास्थ्यकेलिएहमेशालाभदायकहैं ?

नहीं एंटीबायोटिक्स हमेशा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक नहीं होते हैं. एंटीबायोटिक्स औषधियों का अतिरिक्त हानिकारक प्रभाव होता है. ये एक रोग को ठीक करने के साथ साथ एक अन्य नई बीमारी को जन्म देते हैं. उदहारण स्वरूप स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ मेडिसिन शोधकर्ताओं ने यह पाया है कि डायरिया के लिए दिए जाने वाले एंटीबायोटिक से पेट में शर्करा की वृद्धि होने के कारण हानिकारक जीवाणुओं के पनपने का खतरा रहता है जो संक्रमण का प्राथमिक कारण है. दुर्लभ मामलों में एंटीबायोटिक के प्रयोग से गुर्दे की पथरी, रक्त के थक्के,सूर्य प्रकाश से संवेदनशीलता और रक्त विकार जैसे बीमारियों के पनपने का खतरा रहता है.

क्याएंटीबायोटिकप्रतिरोधकक्षमताकेकारणयेसमस्याएंउत्पन्नहोतीहैं ?

नहीं एंटीबायोटिक प्रतिरोधक समस्या  के कई कारण है. यह समस्या अज्ञानता के कारण दवाओं के गलत प्रयोग, उसकी अधिक मात्रा, बीमारी के अनुसार उसका खुराक आदि की वजह से हो सकती है. साथ ही नियमित रूप से एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल से भी एंटीबायोटिक प्रतिरोध की समस्या उत्पन्न होने की संभावना होती है लेकिन हर मामलों में यह जरुरी नहीं है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कराये गये एक बहु-देशीय सर्वेक्षण के अनुसार पूरे विश्व में लगभग 76 प्रतिशत लोग एंटीबायोटिक प्रतिरोध के विषय में गलत धारणा के शिकार हैं कि एंटीबायोटिक दवाओं के प्रयोग से एंटीबायोटिक प्रतिरोधक समस्या उत्पन्न होती है. जबकि 44 प्रतिशत लोग यह मानते हैं कि एंटीबायोटिक दवाओं के नियमित प्रयोग के कारण यह समस्या उत्पन्न होती है. लेकिन वास्तव में यह  किसी को भी, किसी भी उम्र में तथा किसी भी देश के निवासी को एंटीबायोटिक प्रतिरोधी संक्रमण हो सकता है

एंटीबायोटिकप्रतिरोधकेमामलेमेंभारतकीस्थिति

इस मामले में भारत की स्थिति अन्य देशों की तुलना में बेहतर नहीं है. यहां लगभग 75 प्रतिशत लोग  यही जानते हैं कि सर्दी और फ्लू का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जा सकता है और 58 प्रतिशत लोग ही दवाओं के सही खुराक और समय के विषय में जानते हैं.
साथ ही एंटीबायोटिक दवाओं का अत्यधिक इस्तेमाल भी भारत में ज्यादा किया जाता है. 6 महीने के अंतर्गत 76 प्रतिशत लोगों ने एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग किया है.

निदान

वस्तुतः एंटीबायोटिक प्रतिरोध दवा की निर्धारित कोर्स नहीं लेना, दवाओं के अनुचित प्रयोग, कम गुणवत्ता की दवाएं, गलत नुस्खे और निम्न स्तरीय संक्रमण रोकथाम की समस्या के कारण मुख्यतः प्रसारित होता है. इसलिए एंटीबायोटिक दवाओं का संरक्षण एक बहुमूल्य संसाधन के रूप में किया जाना चाहिए. साथ ही इसका प्रयोग प्रमाणित डॉक्टरों द्वारा बताये जाने पर निर्धारित समय और खुराक के अनुसार ही किया जाना चाहिए.

चीन का तियान्हे-2 विश्व का सबसे शक्तिशाली सुपरकंप्यूटर

चीन का सुपरकंप्यूटर तियान्हे-2 विश्व के सबसे शक्तिशाली सुपरकंप्यूटर के पद पर बरकरार है. यह घोषणा वर्ष में दो बार जारी होने वाली विश्व के टॉप-500 सुपरकंप्यूटरों की सूची में 17 नवम्बर 2015 को जारी की गयी.
चीन की रक्षा तकनीक के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किये गये इस सुपरकंप्यूटर को छ्ठी बार यह स्थान प्राप्त हुआ है.
तियान्हे-2 का अर्थ है आकाशगंगा-2. इसने 33.86 पेटाफ़्लॉप प्रति सेकंड की गति से चलने के कारण पहला स्थान प्राप्त किया.

टॉप-500 सूचीकेविशेषबिंदु
•  इसमें पहले 10 स्थानों पर जुलाई 2015 में जारी की गयी सूची से अधिक बदलाव देखने को नहीं मिले हैं, इसमें केवल दो नए नाम शामिल हुए हैं.
•  यह दो नए नाम हैं: ट्रिनिटी सुपरकंप्यूटर जिसे क्रे एवं उर्जा विभाग के लॉस एलामॉस एवं सैन्डिया राष्ट्रीय प्रयोगशाला द्वारा संयुक्त रूप से बनाया गया है. दूसरा नाम है हेज़ल-हेन सिस्टम जिसे क्रे द्वारा बनाया गया है एवं इसे जर्मनी में लगाया गया है.
•  पिछली बार की तुलना में इस सूची में चीन के पास सुपरकंप्यूटरों की संख्या लगभग तिगुनी हो गयी है.
•  इस वर्ष अमेरिका में अब तक के सबसे कम सुपर कंप्यूटर रिकॉर्ड किये गये हैं, यह सूची वर्ष 1993 से आरंभ की गयी.
•  चीन के पास इसका सबसे बड़ा शेयर मौजूद है क्योंकि इसके पास सबसे अधिक उत्पादक मौजूद हैं. 
•  दूसरे स्थान पर टाइटन नामक अमेरिका में मौजूद सिस्टम है. इसकी क्षमता 17.59 पेटाफ़्लॉप प्रति सेकंड है.
•  पहले 10 सुपरकंप्यूटर वर्ष 2011 एवं 2012 में लगाये गये, तियान्हे-2 को 2013 में आरंभ किया गया जबकि ट्रिनिटी, हेज़ल-हेन एवं सऊदी अरब का शाहीन-2 वर्ष 2015 में स्थापित किये गये.
•  सुपरकंप्यूटर के क्षेत्र में टर्नओवर का कम होना वर्ष 2008 से आरंभ हो गया था जो अभी और ट्रेंड में दिख रहा है.

न्यूज़ीलैंड के प्रसिद्ध रग्बी खिलाड़ी जोना लोमू का निधन

न्यूज़ीलैंड के प्रसिद्ध रग्बी खिलाड़ी जोना टली लोमू का न्यूज़ीलैंड के ऑकलैंड में 40 वर्ष की आयु में 18 नवंबर 2015 को निधन हो गया. वे गुर्दे की बीमारी (नेफ्रोटिक सिंड्रोम) से पीड़ित थे.

लोमू दुनिया के पहले रग्बी सुपर स्टार थे. जोनाह ने न्यूज़ीलैंड के लिए वर्ष 1994 से 2002 के बीच 63 मैंच में 37 ट्राइज हासिल किए.

जोनाटलीलोमूकेबारेमें

  • जोना लोमू का जन्म 12 मई 1975 को न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में हुआ था.
  • लोमू ने क्राइस्टचर्च में फ्रांस के खिलाफ वर्ष 1994 में टेस्ट पदार्पण किया.
  • वर्ष 1994 में 19 वर्ष की आयु में रग्बीटेस्ट खेलने वाले वे सबसे कम आयु के 'ऑल ब्लैक' खिलाड़ी थे.
  • जोना लोमू को 9 अक्टूबर 2007 को अंतरराष्ट्रीय रग्बी हॉल ऑफ फेम और 24 अक्टूबर 2011 को आईआरबी हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया.
  • लोमू सुपर रग्बी, एनपीसी और मेगनर्स लीग प्रतियोगिताओं में कई घरेलू टीमों के लिए खेलें, जिसमें ऑकलैंड ब्लूज, चीफ्स और हरिकेन्स, काउंटी मनूको, वेलिंगटन, उत्तर हार्बर और कार्डिफ़ ब्लूज टीम शामिल थी.
  • जोना लोमू ने खराब स्वास्थ्य के कारण वर्ष 2007 में पेशेवर रग्बी से संन्यास लिया.


आईएएमएआई ने इंटरनेट इन इंडिया 2015 रिपोर्ट जारी की

इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने इंटरनेट उपभोक्ताओं पर 17 नवंबर 2015 को इंटरनेट इन इंडिया 2015 रिपोर्ट जारी की.

आईएएमएआई ने देश के विभिन्न (ग्रामीण और शहरी) क्षेत्रों में और विभिन्न जनसांख्यिकीय वर्गों के बीच विभिन्न उपकरणों (मोबाइल, डेस्कटॉप, आदि)  के माध्यम से इंटरनेट के उपयोग पर सर्वेक्षण किया.

रिपोर्ट अनुसार भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या दिसंबर 2015 तक 402 मिलियन होगी, जो चीन के बाद विश्व में दूसरे नंबर है.

इंटरनेटइनइंडिया 2015 कीमुख्यविशेषताएं
• भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या दिसंबर 2015 तक 402 मिलियन होने वाली है, यानि इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 49 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है. इस वृद्धि के साथ ही भारत इंटरनेट उपयोग के मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका को पीछे छोडकर चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट यूजर बेस होगा.

• वर्तमान में भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 375 मिलियन के लगभग आंकी गयी है, जबकि चीन 600 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं के साथ इंटरनेट उपयोग करने के क्षेत्र में दुनिया पहले स्थान पर है.

• भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या एक दशक में 10 मिलियन से 100 मिलियन और 3 साल में 100 से 200 मिलियन तक बढ़ी. मात्र एक साल में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में 300 मिलियन से 400 मिलियन तक की वृद्धि दर्ज की गयी है यानि एक साल में 100 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता बढे.

• सर्वेक्षण के अनुसार भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में 71 प्रतिशत पुरुष और 29 प्रतिशत महिलाएं हैं. पुरुषों के बीच इंटरनेट का उपयोग 50 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है जबकि महिला उपयोगकर्ताओं में 46 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज की गयी है. महिला उपयोगकर्ताओं में सर्वाधिक वृद्धि गैर-कामकाजी महिलाओं के बीच दर्ज की गयी है.
शहरीक्षेत्रोंमें
• भारत के शहरी क्षेत्रों में पुरुष व महिला इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के बीच के 62:38 का अनुपात है. गौरतलब है कि महिलाओं के बीच इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या पुरुषों के बीच 28 प्रतिशत की तुलना में 39 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है.

• शहरी भारत में दैनिक आधार पर इंटरनेट उपयोग करने वाले लोगों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है. अक्टूबर 2015 की स्थिति के अनुसार रोजाना 69 प्रतिशत उपभोक्ता इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं. पिछले वर्ष की अपेक्षा दैनिक इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में 60 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.

• 35 शहरों में सर्वेक्षण के बाद रिपोर्ट का एक मुख्य पहलू यह है कि जो लोग इंटरनेट का उपयोग नहीं कर रहे हैं, उनमे से 11.4 मिलियन ने आगामी एक वर्ष में इंटरनेट उपयोग करने की इच्छा जताई है. उनमें से 2/3 का मोबाइल फोन के माध्यम से इंटरनेट उपयोग करने का इरादा है.
ग्रामीणक्षेत्रोंमें
• भारतीय ग्रामीण इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के बीच  88 प्रतिशत पुरुष हैं. महिलाओं के बीच इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 61 प्रतिशत और पुरुषों के बीच 79 फीसदी की प्रतिदिन की गति से बढ़ रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में 18-30 वर्ष की आयु वर्ग के इंटरनेट उपयोगकर्ता 75 प्रतिशत हैं.

• ग्रामीण भारत में मोबाइल इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या दिसंबर 2015 तक 87 करोड़ और जून 2016 तक 109 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है.

इंटेल ने तेलंगाना में 'एक कदम उन्नति की ओर' पहल आरंभ की

इंटेल इंडिया ने 18 नवम्बर 2015 को तेलंगाना के महबूबनगर जिले में स्थित गांव नदिम्पल्ली में एक कदम उन्नति की ओर पहल की शुरुआत की.
इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सुविधा उपलब्ध कराना है. इसे देश के 10 राज्यों में लागू किया जायेगा जो केंद्र सरकार की डिजिटल इंडिया कैम्पेन को सहायता प्रदान करेगी.

उन्नतिकेंद्रकीविशेषताएं

• इसका उपयोग तेलंगाना में मॉडल गांव बनाने के लिए किया जायेगा.
• यह तेलंगाना सरकार की ई-पंचायत सेवा के अंतर्गत विभिन्न नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराती है.
• इसमें यंत्र, संबंधित कंटेंट एवं विकास से संबंधित सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी.

रूस ने ईकेएस (टुंड्रा) प्रणाली के पहले उपग्रह कॉसमॉस 2510 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया

रूस ने अपनी नवीनतम पूर्व चेतावनी प्रणाली के पहले उपग्रह एकीकृत अंतरिक्ष प्रणाली (ईकेएस) का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया. इस उपग्रह को आधिकारिक तौर पर कॉसमॉस 2510 (टुंड्रा 11एल) नाम दिया गया.

इस नई पीढ़ी के उपग्रह का मॉस्को की क्षमता को बहाल हेतु निर्माण अंतरिक्ष में विश्व भर की मिसाइल प्रक्षेपण की पहचान करने और ट्रैक का पता लगाने के लिए गया. इस उपग्रह को उत्तरी रूस में स्थित प्लेस्तेक कॉस्मोड्रोम (Plesetsk Cosmodrome) की साइट 43/4 से सोयुज-2.1बी रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित किया गया.

कॉसमॉस 2510 को रूस एयरोस्पेस रक्षा बलों के उप कमांडर अलेक्जेंडर गोलोव्को की निगरानी में प्रक्षेपित किया गया.
टुंड्रा 11एलउपग्रहकीमुख्यविशेषताएं
•    रूस के अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष स्टेशन के उपकरणों के निर्माता आरकेके एनर्जिया ने टुंड्रा अंतरिक्ष यान का निर्माण किया.
•    इस उपग्रह को रूस एयरोस्पेस रक्षा बलों द्वारा संचालित किया जाएगा. 
•    उपग्रह को दीर्घ वृत्ताकार भू-समकालिक कक्षा में स्थापित कर दिया गया, जिसे टुंड्रा कक्षा कहा गया.
•    यह उपग्रह समुद्र और इसके साथ ही अमेरिकी क्षेत्र से लांच की गई मिसाइलों का पता लगाने में सक्षम होगा.
ईकेएसक्याहै?
•    ईकेएस (एकीकृत अंतरिक्ष सिस्टम) ओको कार्यक्रम के यूएस-केएमओ और यूएस-के उपग्रहों का एक प्रतिस्थापन है.
•    ये बाह्य अंतरिक्ष से प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइलों की पहचान करने में सक्षम हैं और पूर्व चेतावनी रडार वोरोनिश के समान है.
•    रूस द्वारा वर्ष 2020 तक छह टुंड्रा उपग्रहों के लांच करने की योजना हैं.
•    अगला टुंड्रा मिशन वर्ष 2016 में लांच किया जाना है.

"प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ़ फ्रीडम 2015” के प्राप्तकर्ताओं के नामों की घोषणा

संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 16 नवंबर 2015 को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ़ फ्रीडम 2015” प्राप्त करने वाले 17 व्यक्तियों के नामों की घोषणा की.

सूची में अमेरिकी पेशेवर बेसबॉल खिलाड़ी, मैनेजर और कोच योगी बैरा (मरणोपरांत) और अमेरिकी निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक स्टीवन स्पीलबर्ग का नाम भी शामिल है.
“प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ़ फ्रीडम 2015” प्राप्त करने वाले 17 व्यक्तियों में संगीत, राजनीति, खेल, सार्वजनिक स्वास्थ्य और अंतरिक्ष यात्री हैं.

पुरस्कार प्राप्तकर्ता करने वाले अन्य व्यक्तियों के नाम -

• विली मेस, लीजेंडरी बेसबॉल खिलाड़ी
• बिली फ्रैंक, जूनियर (मरणोपरांत), अमेरिकी मूल निवासी कार्यकर्ता
• मिनोरू यासुई (मरणोपरांत), एक जापानी-अमेरिकी वकील और कार्यकर्ता
• ग्लोरिया और एमिलियो इस्टीफन क्यूबा में जन्मे पत्नी और पति मियामी बैंड साउंड मशीन टीम
• शर्ली चिशोल्म, (मरणोपरांत) एक शिक्षक और सात बार सांसद चुने गए
• बोनी कैरोल, जीवन पर्यंत लोक सेवक
• ली हैमिल्टन, अमेरिकी होमलैंड सुरक्षा सलाहकार परिषद का सदस्य
• कैथरीन जी जॉनसन, अमेरिकी भौतिक विज्ञानी, अंतरिक्ष वैज्ञानिक और गणितज्ञ
• बारबरा मिकुलस्की, मैरीलैंड से संयुक्त राज्य अमेरिकी वरिष्ठ सीनेटर
• इतज्हक पर्लमैन, इजरायली मूल का अमेरिकी वायलिन वादक, कंडक्टर, और अध्यापक
• विलियम रकल शौस, अमेरिकी वकील और पूर्व अमेरिकी सरकारी अधिकारी
• स्टीफन सोंधेइम, अमेरिकी संगीतकार और गीतकार

बारबरा स्ट्रेसैंड, अमेरिकी गायक, गीतकार, अभिनेत्री, निर्देशक और फिल्म निर्माता
• जेम्स टेलर, अमेरिकी गायक, गीतकार और गिटारवादक 
प्रेसिडेंशियलमेडलऑफ़फ्रीडमकेबारेमें
• “प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ़ फ्रीडम संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाने वाला एक पुरस्कार है.
• यह पुरस्कार सुरक्षा या संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रीय हितों, विश्व शांति, सांस्कृतिक या अन्य महत्वपूर्ण सार्वजनिक या निजी प्रयास करने पर सराहनीय योगदान के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है. 
• इस पुरस्कार की शुरूआत 1945 में राष्ट्रपति ट्रूमैन द्वारा युद्ध में उल्लेखनीय योगदान के के लिए किया था.
• 1963 में राष्ट्रपति कैनेडी ने इस पुरस्कार को प्रतिष्ठित नागरिक सेवा हेतु सम्बंधित व्यक्ति को सम्मानित करने के लिए पुनः शुरू कराया.

दिल्ली सरकार ने जन लोकपाल विधेयक-2015 को मंजूरी प्रदान की

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाले दिल्ली मंत्रिमंडल ने 18 नवम्बर 2015 को दिल्ली जन लोकपाल विधेयक-2015 को मंजूरी प्रदान की. 
विधेयक के अनुसार भ्रष्टाचार निरोधक कानून, 1988 के तहत आरोपों की जांच हेतु एक स्वतन्त्र प्राधिकार का गठन किया जायेगा. इसके दायरे में मुख्यमंत्री का ऑफिस भी शामिल होगा. 
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल एवं उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा तैयार मसौदे में अधिकतर प्रावधान उत्तराखंड लोकायुक्त विधेयक, 2011 के अनुसार ही रखे गये हैं.

विधेयककीविशेषताएं
•    इसके अनुसार समयबद्ध तरीके से जांच करायी जाएगी जिसमें अधिकतम छह महीने में जांच पूरी की जाएगी तथा अधिकतम छह महीने में ट्रायल समाप्त किया जायेगा.
•    यह अथॉरिटी को अधिकारियों द्वारा भ्रष्ट तरीकों से अर्जित संपत्ति को संलग्न करने की अनुमति देता है.
•    इसके अनुसार कम से कम छह महीने एवं अधिकतम 10 वर्ष की सज़ा प्रदान की जाएगी.
•    विशेष मामलों में भ्रष्ट अधिकारी को उम्रकैद की सज़ा दी जा सकती है.
•    इसके दायरे में दिल्ली पुलिस, दिल्ली विकास प्राधिकरण एवं नगर निग्म निकाय भी आयेंगे.
•    प्रोत्साहन तौर पर ईमानदार अधिकारियों के लिए विशेष पुरस्कार की व्यवस्था की गयी है.
•    लोकपाल स्वयं किसी भ्रष्टाचार सम्बन्धी केस की जांच आरंभ कर सकता है अथवा किसी भी व्यक्ति द्वारा शिकायत दर्ज की जा सकती है.
•    लोकपाल में एक अध्यक्ष एवं 10 सदस्य शामिल होंगे. इनका चयन पैनल द्वारा किया जायेगा.
अब इस विधेयक को 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में भेजा जायेगा, इसके बाद पारित होने पर इसे उपराज्यपाल नजीब जंग के पास स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा.
पृष्ठभूमि

दिल्ली जनलोकपाल विधेयक-2015, जनलोकपाल विधेयक-2014 का ही नया रूप है. इसके चलते ही मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने फरवरी 2014 में सत्ता में आने के 49 दिन पश्चात् त्यागपत्र दे दिया था. उन्होंने वर्ष 2014 में विधानसभा में विधेयक पारित न होने पर त्यागपत्र दिया था.

भारत और वियतनाम के बीच पशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग हतु समझौता

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्य‍क्षता केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 18 नवंबर 2015 को भारत और वियतनाम के बीच पशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग हतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की अनुमति प्रदान की. इस समझौता ज्ञापन पर सितंबर 2014 में हस्ताक्षर किए गए.

इस समझौता ज्ञापन के तहत पशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत और वियतनाम के बीच आपसी सहयोग को बढ़ाने का उद्देश्य निर्धारित किया गया.

यह समझौता ज्ञापन 10 वर्ष की अवधि के लिए लागू रहेगा जब तक कि दोनों में से कोई एक पक्ष कम से कम छह महीने पहले इसे समाप्त करने का लिखित नोटिस न दे.

भारतऔरवियतनामनेनिम्नलिखितबिंदुओंपरसहमतिप्रदानकी.
•    पशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष जानकारी आदान-प्रदान और विशेष तौर पर दोनों देशों के लिए चिंताजनक पशु रोगों, पशुओं के निरीक्षण और उन्हें अलग करना, पशु रोगों के संबध में निगरानी और जांच की प्रगति और खाद्यजनक रोगाणुओं के संबंध में सूचना का आदान-प्रदान
•    मांस प्रसंस्करण, मांस उत्पादों और बूचड़खाने के संबंध में विशेष जानकारी का आदान-प्रदान
•    पशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में आपसी समझौता और दोनों पक्षों के सक्षम प्राधिकरणों के बीच स्वास्थ्य प्रमाणपत्र जारी करना
•    पशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में मानव संसाधनों का प्रशिक्षण और उच्चीकरण के लिए सहयोग

ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिशेल जॉनसन ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की

ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मिशेल जॉनसन ने 17 नवंबर 2015 को पर्थ, ऑस्ट्रेलिया में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की.

ऑस्ट्रेलिया की ओर से सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने वालों की सूची में शेन वॉर्न (708), ग्लेन मैग्रा (563) और डेनिस लिली (355) के बाद जॉनसन चौथे स्थान पर हैं. जॉनसन वर्ष 2009 और 2014 में आईसीसी क्रिकेटर ऑफ द ईयर और वर्ष 2014 में ही आईसीसी टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर भी रह चुके हैं. उन्होंने टेस्ट में 22.13 के औसत से 2065 रन भी बनाए.

मिशेल जॉनसन ने 73 टेस्ट मैचों की 140 पारी में 28.10 की औसत से कुल 313 विकेट हासिल किए और 153 एकदिवसीय मैचों में 25.26 के औसत से उनके नाम 239 विकेट दर्ज हैं. 30 टी-20 मैचों में उन्होंने 38 विकेट प्राप्त किए.

मिशेल जॉनसन से पहले आस्ट्रैलिया के ही माइकल क्लार्क, ब्रैड हैडिन, रेयान हैरिस, क्रिस रोजर्स और शेन वाटसन भी संन्यास ले चुके हैं.

जॉनसन ने 8 नवंबर 2000 में श्रीलंका के खिलाफ ब्रिसबेन में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था, जबकि एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उन्होंने 10 दिसंबर 2005 को क्राइस्टचर्च में न्यूजीलैंड के खिलाफ पदार्पण किया था.

सीसीआई ने विमानन क्षेत्र की तीन कंपनियों पर फ्यूल सरचार्ज फिक्सिंग में अर्थदंड लगाया

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने 17 नवंबर 2015 को विमानन क्षेत्र की तीन कंपनियों जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड,  इंटरग्लोबल एविएशन लिमिटेड और स्पाइस जेट लिमिटेड को अनियमित तरीके से (फ्यूल सरचार्ज फिक्सिंग) व्यापार करने के मामले में दोषी पाया और भारी भरकम अधिभार (एफएससी) अर्थदंड के रूप में लगाया.

इस मामले में शिकायत प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 19 (1) (ए) के तहत जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड,  इंटरग्लोबल एविएशन लिमिटेड और स्पाइस जेट लिमिटेड, गो एयरलाइंस (इंडिया), और एयर इंडिया लिमिटेड के विरुद्ध एक्सप्रेस इंडस्ट्री कौंसिल की ओर से दायर की गयी थी. शिकायत में आरोप लगाया गया था कि उक्त विमानन कंपनियों ने प्रतिस्पर्धा विरोधी समझौता प्रावधान अधिनियम की धारा 3 का उल्लंघन किया है.

सीसीआई द्वारा पारित आदेश की मुख्य विशेषताएं
• आयोग के संज्ञान में आया कि विमानन क्षेत्र की तीन कंपनियां मिलीभगत करके एफएससी की दरों में मनमानी कर रही हैं.
• इस तरह के आचरण से विमानन कंपनियों ने परोक्ष रूप से एयर कार्गो परिवहन की दरों का निर्धारण किया और इस तरह धारा 3 (1) के धारा 3 के प्रावधानों, प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के धारा (3) (ए) का उल्लंघन करते पाया गया. 
• आयोग ने विमानन कंपनियों जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड, इंटरग्लोबल एविएशन लिमिटेड और स्पाइस जेट लिमिटेड पर क्रमश: 151.69 करोड़ रुपए, 63.74 करोड़ रुपये और 42.48 करोड़ रुपये का अर्थदंड लगाया. 
• इसके अलावा विमानन कंपनियों को सीज करने और और व्यापार से विरत करने का आदेश भी दोषी एयरलाइंस के खिलाफ जारी किया गया.
• सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया लिमिटेड पर कोई दंड नहीं लगाया क्योंकि इसको इस तरह के आचरण में अन्य एयरलाइंस के साथ समानांतर दोषी नहीं पाया गया.

सरकारी विमानन क्षेत्र की दूसरी कंपनी गो एयरलाइंस (इंडिया) पर भी कोई जुर्माना नहीं लगाया गया. इसमे आयोग का तर्क था कि गो एयरलाइंस (इंडिया) का कार्गो संचालन किसी अन्य एजेंसी द्वारा किया जाता है, गो एयरलाइंस (इंडिया) का वाणिज्यिक/ आर्थिक पहलुओं के किसी भी हिस्से पर कोई नियंत्रण नहीं है.  
• विमानन कंपनियों की अनिश्चित वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते पिछले तीन वित्तीय वर्षों के औसत कारोबार के 1 प्रतिशत की दर से आयोग ने दंड लगाया. 
• आयोग ने माना कि इस तरह का आचरण एयर कार्गो उद्योग में देश के आर्थिक विकास को नजरअंदाज करता है.

20 november

सीसीईए ने भारतीय विकास एवं आर्थिक सहायता योजना के विस्तार को मंजूरी दी

18 नवंबर 2015 को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2015– 16 से 2019– 20 यानि पांच वर्षों के लिए भारतीय विकास एवं आर्थिक सहायता योजना (आईडीईएएस) के विस्तार को मंजूरी दे दी. 
विस्तार को मंजूरी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सीसीईए ने योजना की निरंतरता में प्रासंगिकता को देखते हुए दी. 
विस्तार अवधि के दौरान योजना के हिस्से के तौर पर करीब 3771 करोड़ रुपयों का उपयोग किया जाएगा. 
वास्तव में साल 2005– 06 से इसकी शुरुआत के बाद से यह योजना में किया जाने वाला दूसरा विस्तार है. पहले पांच वर्षों के विस्तार की मंजूरी 2009– 2010 में दी गई थी.

आईडीईएएसकीविशेषताएं

  • भारत को उभरती हुई आर्थिक शक्ति, निवेशक देश और विकासशील देशों के लिए भागीदार देश के रूप में दिखाते हुए यह विदेशों में भारत के सामरिक, राजनीतिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देने का प्रयास करता है.
  • कोष ऋण देने वाले बैंक को क्रेडिट रेखा पर समीकरण समर्थन (एलओसीएस) के ब्याज भुगदान के लिए है.
  • विदेश मंत्रालय (एमईए)  एलओसी के लिए प्रस्तावों को वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग को भेज सकता है.
  • वित्त मंत्री के अनुमोदन के साथ एलओसी भारत के आयात निर्यात बैंक या किसी भी अन्य इच्छुक बैंक/ ऋण दाता एजेंसी के माध्यम से संचालित किया जाएगा.
  • ऋण दाता बैंक एलओसी के लिए वित्त मुहैया कराने हेतु बाजार से संसाधन की उगाही करेगा और केंद्र सरकार ब्याज समतुल्यीकरण समर्थन (आईईएस) मुहैया कराएगी और ऋण दाता बैंक की गारंटी देगी.

गरीबी उन्मूलन के लिए केंद्र सरकार ने त्रिपक्षीय समझौते के तहत इब्सा कोष पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी

18 नवंबर 2015 को केंद्रीय कैबिनेट ने भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका (इब्सा – आईबीएसए) के बीच गरीबी और भूख उन्मूलन हेतु इब्सा कोष पर त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी दे दी. 
यह फैसला इब्सा कोष को मजबूत बनाने में मदद करेगा जो दक्षिण–दक्षिण सहयोग के संदर्भ में अद्वितीय माध्यम है.

इब्साकोष

  • ये देश इब्सा कोष में प्रति वर्ष 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान देंगे, 26.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर के कुल कार्यान्वित/ अनुमोदित परियोजनाओं की प्रतिबद्धता के साथ जनवरी 2015 तक इस कोष में 28.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर जमा हो चुका है.
  • बाकी के 2.09 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्रोग्रामिंग के लिए बचे हैं.
  • भारत इस कोष में अब तक 9.1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान दे चुका है.
  • इब्सा कोष विकास परियोजनाएं चलाता है. इब्सा कोष द्वारा वित्त पोषित पहली परियोजना कृषि और पशुधन विकास के समर्थन के लिए थी .
  • दिसंबर 2006 में न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र दिवस समारोह में दक्षिण– दक्षिण भागीदारी पुरस्कार से इसे सम्मानित किया गया था.

पृष्ठभूमि

गरीबी और मूखमरी के उन्मूलन हेतु इब्सा कोष का गठन ईब्सा वार्ता मंच के तहत सहयोग के तीन स्तंभों में से एक के रूप में 2004 में किया गया था. अन्य दो स्तंभ हैं– वैश्विक राजनीतिक मामलों पर परामर्श एवं सहयोग और ठोस क्षेत्रों एवं परियोजनाओं में त्रिपक्षीय सहयोग. 
इब्सा वार्ता मंच की शुरुआत जून 2003 में दक्षिण के तीन जीवंत लोकतंत्रों– भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के बीच सहयोग हेतु किया गया था. ये तीनों ही बहुलवादी, बहु– सांस्कृतिक, बहु–जातीय, बहु– भाषी और बहु– धार्मिक समाज वाले विकासशील देश हैं.

गुजरात के पूर्व राज्यपाल एवं सीईसी आरके त्रिवेदी का निधन

गुजरात के पूर्व राज्यपाल राम कृष्ण त्रिवेदी का लम्बी बीमारी के उपरांत लखनऊ में 19 नवम्बर 2015 को निधन हो गया. वे 94 वर्ष के थे.
त्रिवेदी 18 जून 1982 से 31 दिसम्बर 1985 तक मुख्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर कार्यरत रहे. उन्होंने भारतीय चुनावों में पहली बार वोटर आईडी कार्ड लागू कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

•    त्रिवेदी 26 फरवरी 1986 से 2 मई 1990 तक गुजरात के गवर्नर रहे.
•    वर्ष 1943 में लोक सेवा में ज्वाइन करने के पश्चात् में लम्बे समय तक सेवारत रहे.
•    उन्हें अक्टूबर 1980 को केंद्रीय विजिलेंस आयुक्त नियुक्त किया गया.

सृष्टि पांडेय ने इंडियाना फिडे रेटिंग शतरंज टूर्नामेंट जीता

महाराष्ट्र की शतरंज खिलाड़ी सृष्टि पांडेय ने 18 नवम्बर 2015 को अखिल भारतीय इंडियाना फिडे रेटिंग शतरंज टूर्नामेंट जीता.
यह टूर्नामेंट नागपुर तालुका शतरंज एसोसिएशन द्वारा आयोजित कराया गया था जिसका समापन नागपुर स्थित डॉ हेडगेवार स्मारक समिति हॉल, रेशीमबाग में हुआ.
चौदह वर्षीय पांडेय ने मध्य प्रदेश के अवध चैतन्य के साथ पॉइंट शेयर करते हुए नौंवें एवं अंतिम राउंड में, स्विस लीग टूर्नामेंट के दौरान, प्रत्येक दौर में साढ़े सात पॉइंट्स के साथ जीत दर्ज की.
टाई ब्रेकर राउंड के दौरान आन्ध्र प्रदेश के शीर्ष वरीयता प्राप्त विनय कुमार मत्ता चौथे स्थान पर रहे. रेलवे के खिलाड़ी तीसरी वरीयता प्राप्त फाइड मास्टर सौरव खेरडेकर सातवें स्थान पर रहे.

7वें केन्द्रीय वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों के भत्तों में 23.55 प्रतिशत बढ़ोतरी की सिफारिश की

न्यायमूर्ति एके माथुर की अध्यक्षता में 7वें केन्द्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) ने 19 नवंबर 2015 को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को अपनी रिपोर्ट सौंपी.

वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों के भत्तों में 23.55 प्रतिशत बढ़ोतरी की सिफारिश की. ये सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की जाएंगी.
7वेंकेन्द्रीयवेतनआयोगकीसिफारिशें

  • सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18000 रुपए प्रति माह निर्धारित किए जाने की सिफारिश की गई है.
  • सरकारी कर्मचारियों का अधिकतम वेतन 2.5 लाख रुपये प्रतिमाह करने की सिफारिश की गई है.
  • 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत मूल वेतन में 16 प्रतिशत, भत्तों में 63 प्रतिशत और पेंशन में 24 प्रतिशत वृद्धि की गई है.
  • नए वेतन ढांचे में सातवे वेतन आयोग ने छठे वेतन आयोग की शुरू की गई ‘पे ग्रेड’ व्यवस्था खत्म कर इसे वेतन के मैट्रिक्स (ढांचे) में शामिल कर दिया है और कर्मचारी का पद अब ग्रेड पे की जगह नए ढांचे के वेतन से तय होगा.
  • 7वें वेतन आयोग ने 52 तरह के भत्तों को खत्म करने की सिफारिश की है और इसके साथ ही स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरूआत करने की सिफारिश भी की है.
  • आयोग ने ‘पे बैंड' और ‘ग्रेड पे' की प्रणाली खत्म करने की सिफारिश की है और वेतन में वार्षिक 3 प्रतिशत की वृद्धि की व्यवस्था को बरकरार रखा है. इसके साथ ही सभी कर्मचारियों के लिए 2.57 के फिटमेंट-फैक्टर लागू करने की सिफारिश की है.
  • 7वें वेतन आयोग ने सैन्य बलों की तर्ज पर केंद्र सरकार के हर विभाग में वन रैंक वन पेंशन लागू किए जाने की सिफारिश की है. आयोग ने अपनी सिफारिश में कहा है कि ओआरओपी न सिर्फ सेना बल्कि अर्धसैनिक बलों और सिविल सेवाओं में भी लागू किया जाए.
  • मिलिट्रीसर्विसपेमिलिट्री सर्विस पे 1000 से बढ़ाकर 3600 करने की सिफारिश की गई है. इसका फायदा स्वायत्तशासी निकायों, विश्वविद्यालयों और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी मिलेगा.
  • वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में वार्षिक 2 प्रतिशत वृद्धि की भी सिफारिश की है. ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की गई और जब कभी महंगाई भत्ता (डीए) 50 प्रतिशत तक बढ़ेगा तो ग्रैच्यूटी की सीमा में 25 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी.
  • शॉर्ट सर्विस कमीशन के अधिकारियों को सेवा के 7 से 10 वर्ष के बीच नौकरी छोड़ने की अनुमति होगी.
  • आयोग ने कर्मचारियों व पेंशनभोगियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना की सिफारिश की है. इस बीच, सीजीएचएस का फायदा नहीं पा रहे पेंशनभोगियों के लाभ के लिए सीजीएचएस को उन अस्पतालों को अपने पैनल में शामिल करना चाहिए जो इन पेंशनभोगियों की नकदीरहित चिकित्सा जरूरतें पूरी करने के लिए सीएस (एमए) ईसीएचएस के तहत पैनल में हैं.
  • डाक विभाग के सभी पेंशनभोगियों को सीजीएचएस के दायरे में लाया जाए और सभी डाक डिस्पेंसरीज को सीजीएचएस में समाहित कर दिया जाए.
  • केंद्रीय कर्मियों की सामूहिक बीमा योजना के तहत अंशदान की दर और बीमा का कवरेज उपयुक्त तरीके से बढ़ाया गया है. इसके तहत उच्चतम वेतन स्तर पर मासिक कटौती 120 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 5,000 रुपए और बीमा कवरेज 1.2 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की गई है.
  • वेतन ढांचे में सबसे निचले स्तर पर यह कटौती 30 से बढ़ाकर 1500 रुपए और बीमा कवरेज 30,000 से बढ़ाकर 15 लाख रुपए की गई है. आयोग की सिफारिशों के अनुसार, अब कर्मचारियों को बिना ब्याज वाले अग्रिम की कोई सुविधा नहीं मिलेगी और मकान खरीदने के लिए ब्याज वाले अग्रिम की सीमा 7.5 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दी गई है.
  • संशोधित सुनिश्चित करियर प्रगति (एमएसीपी) के तहत आयोग ने प्रस्ताव किया है कि जो कर्मचारी एमएसीपी या प्रथम 20 वर्ष की सेवा के बाद नियमित प्रोन्नति के मानकों को पूरा नहीं करेंगे, उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि नहीं मिलेगी. आयोग ने कार्य प्रदर्शन पर आधारित वेतन (पीआरपी) की भी सिफारिश की है जो सभी दर्जे के कर्मचारियों के लिए होगी.
  • कर्मचारी की मृत्यु पर परिवार के निकटतम व्यक्ति के लिए एकमुश्त मुआवजा की दरों में भी संशोधन का सुझाव दिया है जो रक्षा बलों के कर्मचारियों और असैन्य कर्मचारियों व केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मचारियों के लिए समान रूप से लागू होगा.
  • नई पेंशन योजना से जुड़ी शिकायतों को देखते हुए आयोग ने योजना की कार्यप्रणाली में सुधार करने और शिकायत निवारण व्यवस्था करने की सिफारिश की है.

सिफारिशोंकेप्रभाव

  • इन सिफारिशों से  47 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 52 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे, जिसमें सैन्य बल और रेलवे के कर्मचारी भी शामिल हैं.
  • सिफारिशों के लागू होने से सरकारी खजाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा, जिसमें 28,450 करोड़ रुपये का भार रेलवे पर पड़ेगा.
  • इन सिफारिशों के लागू होने से वेतन, भत्ते व पेंशन पर सरकार का खर्च सकल घरेलू उत्पाद के 0.65 प्रतिशत के बराबर बढेगा.

पृष्ठभूमि

न्यायमूर्ति एके माथुर की अध्यक्षता वाले 7वें केन्द्रीय वेतन आयोग को तत्कालीन केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और रक्षा एवं रेलवे सहित केंद्र सरकार के पेंशनरों के पारिश्रमिक को संशोधित करने हेतु फरवरी 2014 में स्थापित किया गया.

सरकार ने अपने कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन करने के लिए प्रत्येक 10 वर्ष पर वेतन आयोग का गठन करती है और कुछ संशोधनों के बाद अधिकांश सिफारिशों राज्यों द्वारा अपना लिया जाता है.


केन्द्रींय मंत्रिमंडल ने एशियाई बुनियादी ढांचा निवेश बैंक के समझौता प्रावधानों की पुष्टि की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रींय मंत्रिमंडल ने 18 नवंबर 2015 को एशियाई बुनियादी ढांचा निवेश बैंक (एआईआईबी) के समझौता प्रावधानों (एओए) के प्रस्तु‍तिकरण और पुष्टि को मंजूरी दी.

एशियाई बुनियादी ढांचा निवेश बैंक में भारत 6.5 प्रतिशत के साथ दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक और 6.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ रूस तीसरा सबसे बड़ा शेयरधारक होगा.

  • एआईआईबी की स्थापना से भारत और हस्ताक्षर करने वाले अन्य देशों को अवसंरचना विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाने में सहायता मिलेगी.
  • भारत एआईआईबी के संसाधनों का बड़े स्तर पर उपभोग करने वाला संभावित देश है.
  • एआईआईबी की सदस्यता से भारत अवसंरचना विकास के लिए आवश्यक संसाधनों को जुटा सकेगा.

एशियाईबुनियादीढांचानिवेशबैंककेबारेमें

  • एशियाई बुनियादी ढांचा निवेश बैंक (एआईआईबी) एक प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्था है, जिसका उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना है.
  • 21 एशियाई देशों के प्रतिनिधियों ने बीजिंग में 24 अक्टूबर 2014 को एशियाई बुनियादी ढांचे के निवेश बैंक की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
  • यह बैंक वर्ष 2015 के अंत तक कार्य करना आरम्भ कर देगा.
  • यह एशिया में बुनियादी ढांचे के निर्माण के वित्तपोषण के लिए बनाया गया और इसका मुख्यालय बीजिंग में होगा.
  • एआईआईबी की प्राधिकृत पूंजी 100 अरब डॉलर है. इस समूची पूंजी में एशियाई देशों की भागीदारी 75 प्रतिशत होगी. समझौते के मुताबिक, हर सदस्य को उनके आर्थिक आकार के आधार पर कोटा आवंटित किया जाएगा.
  • एआईआईबी में चीन, भारत और रूस तीन सबसे बड़े हिस्सेदार हैं, जिनकी क्रमश: 30.34 प्रतिशत, 8.52 प्रतिशत और 6.66 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. उनके मतदान का अधिकार 26.06 प्रतिशत, 7.5 प्रतिशत और 5.92 प्रतिशत होगा.

यूएनएचसीआर को इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण एवं विकास पुरस्कार-2015 के लिए चयनित किया गया

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय (यूएनएचसीआर) को 19 नवम्बर 2015 को वर्ष 2015 के इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार के लिए चयनित किया गया.
इस संबंध में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की अध्यक्षता में गठित पुरस्कार की अन्तरराष्ट्रीय जूरी ने इंदिरा गांधी की जन्मतिथि पर यह निर्णय लिया.
यूएनएचसीआर को लाखों शरणार्थियों को पुनर्वास एवं शरण प्रदान करने हेतु इस पुरस्कार के लिए चुना गया.

यूएनएचसीआरकायोगदान
•    इसकी स्थापना 14 दिसम्बर 1950 को संयुक्तराष्ट्र आमसभा द्वारा अन्तरराष्ट्रीय शरणार्थियों की समस्या सुलझाने हेतु की गयी थी.
•    इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड स्थित जिनेवा में है जिसमें 123 देश इसके सदस्य हैं.
•    इसकी स्थापना से अब तक यह लाखों शरणार्थियों, आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (आईडीपी) और राज्यविहीन लोगों की सहायता कर चुका है.
•    वर्तमान में यह तुर्की, लेबनान, जॉर्डन एवं भूमध्यसागरीय क्षेत्र में यूरोपियन शरणार्थी समस्या को सुलझाने में कार्यरत है.
•    भारत में यह सरकार की सहायता से पिछले कई दशकों से शरणार्थियों की तलाश करने एवं उन्हें पुनर्वास प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
•    शरणार्थियों के लिए एक राष्ट्रीय कानूनी ढांचे के अभाव में यूएनएचसीआर अपने जनादेश के तहत शरण चाहने वालों के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था करता है.
•    इसके द्वारा जारी दस्तावेजों के आधार पर शरणार्थी भारत में दीर्घावधि वीज़ा, वर्क परमिट, शैक्षिक सुविधाओं आदि के लिए आवेदन कर सकते हैं.
•     इसके वर्ष 1954 एवं 1981 में नोबल शांति पुरस्कार दिया जा चुका है.
•     इस समय अंटोनियो गुत्रेस इसके उच्चायुक्त हैं.

शांतिनिरस्त्रीकरणऔरविकासकेलिएइंदिरागांधीपुरस्कार
•    यह वर्ष 1986 से इंदिरा गांधी ट्रस्ट द्वारा प्रतिवर्ष दिया जाने वाला वार्षिक पुरस्कार है.
•    यह किसी संगठन, व्यक्ति को अन्तरराष्ट्रीय शांति, विकास कार्यों एवं नवीन अन्तरराष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देने पर प्रदान किया जाता है.
•    इसके द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि वैज्ञानिक अविष्कारों द्वारा मानवता को कोई नुकसान न हो.
•    यह भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है, इसमें एक प्रशस्ति पत्र एवं 25 लाख रुपये कैश प्रदान किये जाते हैं.
•    इसे मिखाइल गोर्बाचोव (1987), यूनिसेफ (1989), राजीव गांधी (1991), एम एस स्वामीनाथन (1999), एला भट्ट (2011) एवं एंजेला मर्केल (2013) को प्रदान किया जा चुका है.
•    वर्ष 2014 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को यह पुरस्कार प्रदान किया गया.

हाउस ऑफ़ रिप्रेजेन्टेटिव ने सीरियाई एवं इराकी शरणार्थियों पर प्रतिबन्ध हेतु विधेयक पारित किया

अमेरिका के हाउस ऑफ़ रिप्रेजेन्टेटिव ने 19 नवम्बर 2015 को एक विधेयक पारित करके सीरियाई एवं इराकी शरणार्थियों पर प्रतिबन्ध लगाया. यह विधेयक राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा वीटो किये जाने की आशंका जताये जाने के बावजूद भी पारित कर दिया गया.
इस बिल के पक्ष में 289 वोट पड़े जबकि इसके विरोध में केवल 137 मत ही दिए गये. अब यह बिल सीनेट में एवं ओबामा के अनुमोदन के लिए भेजा जायेगा.

विधेयक
इस विधेयक के अनुसार अमेरिका में शरण लेने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को अमेरिकी कानून प्रवर्तन निदेशालय और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों द्वारा देश की सुरक्षा के लिए किसी तरह का खतरा नहीं बताये जाने पर ही प्रवेश प्राप्त हो सकेगा. इस सरकारी संस्थानों में एफबीआई, घरेलू सुरक्षा विभाग एवं राष्ट्रीय खुफिया निदेशक शामिल होंगे.
विधेयककीप्रासंगिकता
पेरिस में हुए आतंकवादी हमलों के कारण इसे सुरक्षा की दृष्टि से पारित किया गया. मरने वाले सात आतंकवादियों में एक शरणार्थी था जो ग्रीस होते हुए यूरोप पहुंचा था.
इन हमलों की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट फॉर इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) ने ली.

श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने कार्यकारी प्रेसीडेंसी पद समाप्त करने हेतु कैबिनेट पेपर प्रस्तुत किया

श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने 18 नवंबर 2015 को कार्यकारी प्रेसीडेंसी पद को समाप्त करने और एक नयी चुनाव प्रणाली के अनुमोदन के लिए कैबिनेट पेपर प्रस्तुत किया.

ऐसा करके सिरिसेना “ए कम्पनस्योनेट मैत्री गवर्नेंस-ए स्टेबल कंट्री” थीम के तहत अपना वह चुनावी वायदा पूरा करना चाहते हैं जो उन्होंने राष्ट्रपति पद के चुनाव के दौरान श्री लंका की जनता से चुनावी घोषणा पत्र 2015 में किया था.

प्रक्रियापरअमलकैसेकियाजाएगा?

• श्रीलंकाई सांसद डॉ जयंपथि विक्रमरत्ने की अध्यक्षता में इस संबंध में निर्णय लेने के लिए समिति गठित की जाएगी. समिति के मुख्य सदस्य वरिष्ठ वकील सुरेन फर्नांडो और प्रधानमंत्री के अपर सचिव (विधि) बिम्बा तिलकरत्ने होंगे.

•  विधि मामलों के अनुभवी प्रोफेसर सूरी रत्नापाला, नया संविधान तैयार करने में सरकार के मुख्य सलाहकार होंगे.

• प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की अध्यक्षता वाली उपसमिति, इस प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए नियुक्त की जाएगी और उपसमिति अपनी रिपोर्ट कैबिनेट के समक्ष नवम्बर 2015 के अंत तक प्रस्तुत करेगी.

• इसके बाद विधायी लेखक संविधान में आवश्यक संशोधन का मसौदा तैयार करेंगे.

• नए संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए सरकार संवैधानिक सचिवालय स्थापित करने के लिए संसद में एक प्रस्ताव पारित कर सकती है.

श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने 18 नवंबर 2015 को कार्यकारी प्रेसीडेंसी पद को समाप्त करने और एक नयी चुनाव प्रणाली के अनुमोदन के लिए कैबिनेट पेपर प्रस्तुत किया.

ऐसा करके सिरिसेना “ए कम्पनस्योनेट मैत्री गवर्नेंस-ए स्टेबल कंट्री” थीम के तहत अपना वह चुनावी वायदा पूरा करना चाहते हैं जो उन्होंने राष्ट्रपति पद के चुनाव के दौरान श्री लंका की जनता से चुनावी घोषणा पत्र 2015 में किया था.

प्रक्रियापरअमलकैसेकियाजाएगा?

• श्रीलंकाई सांसद डॉ जयंपथि विक्रमरत्ने की अध्यक्षता में इस संबंध में निर्णय लेने के लिए समिति गठित की जाएगी. समिति के मुख्य सदस्य वरिष्ठ वकील सुरेन फर्नांडो और प्रधानमंत्री के अपर सचिव (विधि) बिम्बा तिलकरत्ने होंगे.

•  विधि मामलों के अनुभवी प्रोफेसर सूरी रत्नापाला, नया संविधान तैयार करने में सरकार के मुख्य सलाहकार होंगे.

• प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की अध्यक्षता वाली उपसमिति, इस प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए नियुक्त की जाएगी और उपसमिति अपनी रिपोर्ट कैबिनेट के समक्ष नवम्बर 2015 के अंत तक प्रस्तुत करेगी.

• इसके बाद विधायी लेखक संविधान में आवश्यक संशोधन का मसौदा तैयार करेंगे.

• नए संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए सरकार संवैधानिक सचिवालय स्थापित करने के लिए संसद में एक प्रस्ताव पारित कर सकती है.

सीसीटीएनएस एवं आईसीजेएस परियोजना के कार्यान्वयन हेतु सीसीईए ने मंजूरी प्रदान की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 18 नवम्बर 2015 को अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम ट्रैकिंग परियोजना (सीसीटीएनएस) को एक प्रमुख सुधार के लिए गृह मंत्रालय के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी प्रदान की.
इसके अतिरिक्त ई-कोर्ट, सीसीटीएनएस, ई-कारावास, फोरेंसिक औऱ अभियोजन-आपराधिक न्याय प्रणाली के महत्वपूर्ण अवयवों को एकीकृत करके एकीकृत आपराधिक न्याय प्रणाली को लागू करने का निर्णय भी लिया. 
सरकार ने मार्च 2017 तक आईसीजेएस के कार्यान्वयन सहित सीसीटीएनएस परियोजना को तेजी से पूरा करने और कार्यान्यवयन करने का निर्णय लिया.

अपराधीट्रैकिंगनेटवर्कऔरसिस्टम
•    इससे पूरे देश में करीब 15,000 पुलिस थाने, 5000 अन्य पर्यवेक्षी पुलिस अधिकारियों के कार्यालय और प्रथम सूचना रिपोर्ट, जांच तथा चार्जशीट का डिजिटल डाटा एक दूसरे से जुड़ जायेगा.
•    यह अपराध और अपराधियों के एक राष्ट्रीय डाटाबेस के विकास के लिए सहायक होगा.
•    सभी नए घटकों के साथ इस परियोजना का पूरा कार्यान्वयन एक केंद्रीय नागरिक पोर्टल के रूप में सामने आएगा जो कि राज्य स्तरीय नागरिक पोर्टल्स के साथ जुड़ा रहेगा और कई नागरिक अनुकूल सेवाएं प्रदान करेगा.
•    परियोजना के लिए कुल परिव्यय 2000 करोड़ रुपये है और साथ ही इसमें मार्च 2022 तक के अतिरिक्त पांच वर्ष के प्रचालन एवं अनुरक्षण चरण शामिल हैं.
एकीकृतआपराधिकन्यायप्रणाली (आईसीजेएस)
सीसीईए ने वर्ष 2017 तक एकीकृत आपराधिक न्याय प्रणाली के भी लागू किये जाने का निर्णय लिया. इसके लिए ई-कोर्ट, ई-कारावास, फोरेंसिक एवं प्रॉसिक्यूशन की सहायता ली जाएगी. 
आईसीजेएसकेप्रभाव
•    इससे आपराधिक न्याय प्रणाली के विभिन्न स्तंभों के बीच त्वरित डेटा हस्तांतरण सुनिश्चित किया जायेगा.
•    इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि प्रसंस्करण समय भी कम हो जाएगा.
•    इससे पूरे देश में किसी वांछित या अपराधी के नाम को क्षेत्रीय भाषाओं में भी खोजने में मदद मिलेगी जिससे अंतर्राजीय स्तर पर अपराधियों के खोजबीन और ट्रैकिंग में मदद मिलेगी