Current Affaires 19-20 Sep 2015 Hindi

भारत निर्वाचन आयोग ने ‘नोटा’ के लिए चिन्ह जारी किया

भारत निर्वाचन आयोग ने 18 सितम्बर 2015 को नोटा के लिए प्रतीक चिन्ह जारी किया. नोटा विकल्प चिह्न को भारतीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) अहमदाबाद ने डिजाइन किया है. भारत निर्वाचन आयोग ने उच्चतम न्यायालय के 27 सितम्बर 2013 के आदेश का अनुसरण करते हुए 11 अक्तूबर 2013 से इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों पर दिखाए गए बैलेट पेपरों में तथा अन्य बैलेट पेपरों में नोटा- उपरोक्त में से कोई नहीं- विकल्प को लागू किया था.
भारत निर्वाचन आयोग ने अब अन्य चुनाव चिन्हों की तरह नोटा विकल्प के लिए विशेष चिह्न लागू किया है. इसका उद्देश्य मतदाताओं द्वारा नोटा विकल्प चुनने में मदद देना है. अब से आगे होने वाले सभी चुनावों में ईवीएम के अंतिम पैनल तथा अन्य बैलेट पेपरों पर नोटा विकल्प के समक्ष यह विशेष चिह्न दिखेगा. स संबंध में सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए गये हैं.
नोटा विकल्प का मुख्य उद्देश्य ऐसे मतदाताओं की सहायता करना है जो किसी भी उम्मीदवार को वोट देना नहीं चाहते और ऐसे मतदाताओं को अपने निर्णय की गोपनीयता का उल्लंघन किए बिना किसी भी उम्मीदवार को वोट न देने के अधिकार के उपयोग में सहायता देना है


नोटाचिन्हकेबारेमें
नोटा चिन्ह में एक पेपर के ऊपर क्रॉस मार्क को दर्शाया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में आईपीडीएस योजना की शुरूआत की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 सितम्बर 2015 को हर घर 24 × 7 बिजली आपूर्ति करने के लिए वाराणसी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय एकीकृत बिजली विकास योजना (आईपीडीएस) का शुभारंभ किया.
वाराणसी में इस योजना का शुभारम्भ करने के लिए प्रधानमंत्री ने दो बिजली सबस्टेशनों का शिलान्यास किया और केंद्र सरकार इसे लागू करने के लिए 572 करोड़ रुपए की राशि प्रदान करेगी.
इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री ने वाराणसी में सात अन्य विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया. उन्होंने औपचारिक रूप से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में देश के सबसे बड़ा ट्रामा सेंटर का उद्घाटन किया.


राष्ट्रीयएकीकृतबिजलीविकासयोजनाकेबारेमें
• इस योजना का उद्देश्य पारेषण और वितरण नेटवर्कों को बेहतर बनाना है. 
• एकीकृत बिजली विकास योजना (आईपीडीएस) बिजली मंत्रालय की एक प्रमुख योजना है और इसकी कोशिश देश में सभी को 24 घंटे बिजली सुनिश्चित करना है.
• इस योजना के संचालन के लिए पावर फाइनेंस कार्पोरेशन नोडल एजेंसी है.
• निजी डिस्कॉम एवं राज्य बिजली विभागों समेत सभी डिस्कॉम इस योजना के तहत वित्तीय सहायता के लिए योग्य हैं. 
• इस योजना के लिए अनुदान हिस्सा विशिष्ट वर्ग राज्यों के अतिरिक्त अन्य राज्यों के लिए 60 फीसदी (अनुशंसित उपलब्धि अर्जित करने पर 75 प्रतिशत तक) और विशिष्ट वर्ग राज्यों के लिए 85 फीसदी (अनुशंसित उपलब्धि अर्जित करने पर 90 प्रतिशत तक) तक है.

मराठी क्रिकेट कमेंटेटर बाल पंडित का निधन

मराठी क्रिकेट कमेंटेटर बाल पंडित का 18 सितम्बर 2015 को पुणे, महाराष्ट्र में निधन हो गया. वह 89 वर्ष के थे.
उन्हें मराठी क्रिकेट कमेंट्री के मार्गदर्शक के रूप में जाना जाता है. उन्होंने महाराष्ट्र के घरों में क्रिकेट को लोकप्रिय बनाया.


बालपंडितकेबारेमें
• बाल पंडित का जन्म 24 जुलाई 1929 को पुणे, महाराष्ट्र में हुआ था.
• कमेंटेटर के रूप में अपना कैरियर शुरू करने से पहले पंडित एक क्रिकेटर थे और महाराष्ट्र के लिए खेला करते थे.
• उन्होंने अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुआत रोहिंटन बारिया ट्रॉफी से की थी. उन्होंने वर्ष 1951 से 1953 के मध्य दो सत्रों के लिए इस ट्राफी के लिए खेला.
• पंडित ने 4 दशकों तक आकाशवाणी में मराठी क्रिकेट कमेंट्री की. 
• वह एक विपुल क्रिकेट लेखक भी थे और उन्होंने क्रिकेट पर लगभग 30 किताबें लिखीं. 
• बाल पंडित ने कई अखबारों और पत्रिकाओं के लिए लेख भी लिखे और पाठकों के बीच खेल का ज्ञान बढ़ाया.
• उन्होंने सुनील गावस्कर की आत्मकथा 'सनी डेज' का अनुवाद मराठी में किया.
• महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें वर्ष 1978 में शिव छत्रपति खेल पुरस्कार से सम्मानित किया.

ई श्रीधरन सतत परिवहन पर संयुक्त राष्ट्र के उच्च स्तरीय सलाहकार समूह का सदस्य बनने के लिए आमंत्रित

मेट्रो मैन ई श्रीधरन को वर्ष 2015 के सितम्बर माह में संयुक्त राष्ट्र द्वारा, सतत परिवहन पर संयुक्त राष्ट्र के उच्च स्तरीय सलाहकार समूह (एचएलएजी एसटी) का सदस्य बनने के लिए आमंत्रित किया गया है.
यह आमंत्रण उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून की ओर से भेजा गया है. ई श्रीधरन ने इस आमंत्रण पर अपनी सहमती व्यक्त की है. सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल 3 वर्ष का होगा.
इलाततुवलापिलश्रीधरनबारेमें
• श्री ई श्रीधरन का जन्म 12 जून 1932 को केरल के पलक्कड़ जिले में हुआ था.
• वह एक सेवानिवृत्त भारतीय इंजीनियरिंग सेवा (आईईएस) के अधिकारी हैं.
• भारत में सार्वजनिक परिवहन की स्थिति को बदलने का श्रेय ई श्रीधरन को जाता है.
• उनके नेतृत्व में कोंकण रेलवे और दिल्ली मेट्रो परियोजनाएँ समय पर पूर्ण हुईं.
• समय पर और निर्धारित बजट में दिल्ली मेट्रो का कार्य पूरा करने के कारण भारतीय मीडिया ने उन्हें मेट्रो मैन की उपाधि दी.
• उन्हें वर्ष 2001 में पद्मश्री और वर्ष 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया.

सततपरिवहनपरउच्चस्तरीयसलाहकारसमूहकेबारेमें

• सतत परिवहन पर उच्च स्तरीय सलाहकार समूह का कार्य वैश्विक, राष्ट्रीय, स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर सतत परिवहन के सम्बन्ध में सुझाव देना है. 
• यह सलाहकार समूह तीन वर्ष की अवधि के लिए स्थापित किया जाता है. 
• सतत परिवहन व्यवस्था प्रदान करने के उद्देश्य से यह समूह सरकार, सिविल सोसाइटी और स्टेक होल्डर्स के साथ कार्य करता है.
• इस समूह द्वारा "ग्लोबल परिवहन आउटलुक रिपोर्ट" जारी की जाती है.

फीफा के महासचिव जेरोम वाल्के निलंबित

फीफा के महासचिव जेरोम वाल्के को 18 सितम्बर 2015 को भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित कर दिया गया.
फ्रांस के 54 वर्षीय वाल्के फीफा के महासचिव के पद पर वर्ष 2007 से कार्यरत थे. उन पर विश्व कप मैचों की टिकटों को उनके तय दामों से अधिक कीमत पर बेचने का आरोप लगाया गया. फीफा विश्व कप 2014 के टिकटों की बिक्री का अनुबंध करने वाली एक कंपनी में अमेरिकी-इस्राइली सलाहकार बेनी एलोन ने यह दावा किया.
वाल्के के निलंबन के साथ ही फीफा पर भ्रष्टाचार का साया गहराता जा रहा है. मई 2015 में अमेरिकी न्याय विभाग ने पूर्व फीफा अध्यक्ष सैप ब्लैटर सहित सहित 14 लोगों पर ठगी, लेन-देन में धोखाधड़ी और मनी लांडरिंग के मामलों में आरोप तय किये हैं.


इससे पहले वर्ष 2006 में जेरोम वाल्के को धोखाधड़ी और पद के दुरुपयोग के आरोपों के बाद फीफा के मार्केटिंग डायरेक्टर पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार प्रदान किये गये

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 18 सितम्बर 2015 को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार प्रदान किये. यह पुरस्कार वर्ष 2013-14 के लिए दिए गये. 
गुजरात को पर्यटन श्रेणी के व्यापक विकास में शीर्ष पुरस्कार प्रदान किया गया. मध्य प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ संरक्षित एवं विकलांगों के लिए अनुकूल राष्ट्रीय स्मारक उपलब्ध कराने हेतु सम्मानित किया गया. 
इसके अतिरक्ति गुजरात पर्यटन को राष्ट्रीय पुरस्कार 2013-14 में सर्वश्रेष्ठ ग्रामीण पर्यटन परियोजना से सम्मानित किया गया. इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा की पर्यटन आर्थिक विकास में सहायता करता है.
दिल्ली के इंदिरा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को सर्वश्रेष्ठ एयरपोर्ट का अवॉर्ड मिला. दूसरी ओर देशभर के बाकी हवाई अड्डों में से रायपुर के विवेकानंद एयरपोर्ट को सर्वश्रेष्ठ आंका गया.
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा की दो पहलों- स्वच्छ दर्शन और प्रसाद (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान) के शुभारम्भु का उद्देश्य सर्किट और धार्मिक केन्द्रों का व्यापक विकास करना है. 
राष्ट्रीयपर्यटनपुरस्कार
भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय प्रत्येक वर्ष यात्रा, पर्यटन और स्वा्गत-सत्कार उद्योग संबंधी विभिन्न श्रेणियों के लिए राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार प्रदान करता है. यह पुरस्कार अपने-अपने क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन करने के लिए राज्य सरकारों/केंद्रशासित प्रदेशों, वर्गीकृत होटलों, धरोहर होटलों, मान्‍यता प्राप्त ट्रैवल एजेंटों, टूर ऑपरेटरों और पर्यटक यातायात आपरेटरों, व्यकक्तियों और अन्य निजी संगठनों को प्रदान किए जाते हैं.

अब आईओटी का प्रयोग करके वीएलसी डिवाइस करेंगे नेटवर्क का निर्माण : डिज्नी रिसर्चर्स वायरलेस रिसर्च ग्रुप

डिज्नी शोधकर्ताओं ने 7 सितम्बर 2015 को एक ऐसे आविष्कार की घोषणा की है जिसके तहत एलईडी(लाईट इमिटिंग डायोड) का प्रयोग एक स्मार्ट वातावरण बनाने के लिए किया जा सकेगा.
इस अविष्कार की पुष्टि एक शोध पत्र के मध्यम से की गई है जिसका शीर्षक “लाइनेक्सलाइटबल्ब : इनेब्लिंगइन्टरनेटप्रोटोकॉलकनेक्टिविटीफॉरलाइटबल्बनेटवर्क्स” है.
इस आविष्कार के तहत एलईडी बल्ब अपने दृश्य प्रकाश अर्थात विजिबल लाईट का प्रयोग संचार के लिए कर सकते हैं.
इसके अंतर्गत एलईडी बल्ब और वीएलसी डिवाइसेस(जैसे खिलौने, कपड़े आदि) के मध्य इन्टरनेट प्रोटोकॉल के मध्यम से संचार स्थापित होता है. 
इस शोध के तहत सामान्य एलईडी बल्ब को इस तरह से परवर्तित किया जाता है की वह दृश्य प्रकाश प्राप्त करने और भेजने में सक्षम हो जाते हैं. इसके अतिरिक्त शोधकर्ताओं ने एक ऐसे सोफ्टवेयर को विकसित किया है जो वीएलसी हार्डवेयर को 1केबी प्रत्येक सेकेण्ड की गति से डेटा भेजने और प्राप्त करने के सक्षम बनाते हैं.
वीएलसी डिवाइसेस पर बीकन लगे होते हैं जो सिग्नल को ट्रेक करने के काम आता है.


इंटरनेटऑफ़थिंगक्याहै ?

इंटरनेट ऑफ़ थिंग का तात्पर्य एक ऐसे नेटवर्क से है जिसका निर्माण इन्टरनेट कनेक्टेड डिवाईसेस ने अंतर संचार के मध्यम से किया हो. 

वीएलसीडिवाइसक्याहै ?

वीएलसी का अर्थ है ‘विज़िबललाइटकम्युनिकेशन’यह कुछ ऐसे डिवाइस होते हैं जो दृश्य प्रकाश को प्राप्त और भेज सकते हैं.

इंडिया सीमेंट्स ने मोइन– उद दौला गोल्ड कप टूर्नामेंट 2015–16 जीता

16 सितंबर 2015 को इंडिया सीमेंट्स ने हैदराबाद XI को हराकर मोइन– उद दौला गोल्ड कप टूर्नामेंट 2015–16 जीत लिया. विजेता टीम ने इसे तीसरी बार जीता है.


फाइनल मैच हैदराबाद के राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया था.
तीन– दिवसीय फाइनल मैच में इंडिया सीमेंट्स ने हैदराबाद XI के खिलाफ पहली पारी में मिली बढ़त के आधार पर जीत हासिल की. 
इंडिया सीमेंट्स के लिए गेंदबाज विग्नेश और एल बालाजू ने तीन– तीन विकेट लेकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. टीम के कप्तान और प्लेयर– ऑफ– द– फाइनल अभिनव मुकुंद ने टीम के लिए शतक जड़ा.


हैदराबाद प्रेसिडेंट्स XI के बल्लेबाज बी अनिरुद्ध को प्लेयर– ऑफ– द– टूर्नामेंट घोषित किया गया. उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में तीन शतक के साथ सर्वाधिक रण बनाए. 
ट्रॉफी और पुरस्कार आईसीसी अध्यक्ष जहीर अब्बास ने दिए.


मोइन– उद दौला गोल्ड कप टूर्नामेंट के बारे में


•    सबसे पहली बार यह 1930–31 में आयोजित किया गया था. 
•    हैदराबाद की टीमों के अलावा इस प्रतियोगिता में क्षेत्रीय क्रिकेट संघ निमंत्रण के आधार पर हिस्सा लेते हैं. 
•    यह प्रतियोगिता हर वर्ष हैदराबाद और सिकंदराबाद शहरों में आयोजित की जाती है. 
•    साल 1930–31 से 1937–38 तक और 1962– 63 से 1973– 74 तक इसे प्रथम श्रेणी क्रिकेट का दर्जा दिया गया था. 
•    इसका आयोजन हैदराबाद क्रिकेट संघ (एचसीए) करता है.

गुलबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने सूक्ष्म जीव से घुलनशील मेलेनिन प्राप्त की

गुलबर्ग विश्वविद्यालय के तीन शोधकर्ताओं, मुख्य शोधकर्ता दयानंद असगर, सहायक शोधकर्ता एम बी सुलोचना तथा शोधकर्ता डी एन मधुसूदन ने मेलेनिन के उत्पादन की जटिलताओं को सुलझाने में सफलता हासिल की.
वैज्ञानिकों की टीम ने एक्टिनो जीवाणु से नए सूक्ष्म जीव टायरोसिनेस द्वारा पानी में घुलनशील मेलेनिन प्राप्त की.
वर्तमान में, मेलेनिन का उपयोग कॉस्मेटिक उद्योग एवं रासायनिक उद्योगों में किया जाता है. रासायनिक योगिक से प्राप्त मेलेनिन पानी में अघुलनशील है.
तीन वैज्ञानिकों ने केंद्र सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वित्त पोषित प्रमुख अनुसंधान परियोजना के तहत शोध किया.
इन शोधकर्ताओं के निष्कर्षों को अप्रैल 2014 के बायोमेड रिसर्च इंटरनेशनल पत्रिका एवं मार्च 2014 के जर्नल ऑफ़ क्लस्टर साइंसेज ऑफ़ द स्प्रिंगर में प्रकाशित किया गया था.


मेलेनिन
मेलेनिन त्वचा के नीचे मौजूद कोशिकाओं को कहा जाता है तथा यह प्रत्येक जीवित वस्तु में पाया जाता है. इसका उत्पादन एमिनो एसिड टायरोसिन के ऑक्सीकरण द्वारा पोली मेराईज़ेशन द्वारा होता है. 
इसका उपयोग बड़े पैमाने पर फार्मास्युटिकल कम्पनियों द्वारा त्वचा कैंसर, मेलेनोमा के उपचार में किया जाता है. कॉस्मेटिक उत्पादों में त्वचा सुरक्षा उत्पादों (एसपीएफ) में भी इसका बड़े पैमाने पर उपयोग होता है.

भारतीय रेलवे ने हाइब्रिड वैक्यूम शौचालय का प्रोटोटाइप बनाया

भारतीय रेलवे ने 18 सितम्बर 2015 को हाइब्रिड वैक्यूम शौचालय का प्रोटोटाइप बनाये जाने की घोषणा की. यह इसलिए हाइब्रिड है क्योंकि इसका डिज़ाइन वैक्यूम शौचालय और बायोटॉयलेट दोनों जैसा है.
इसका विकास भारतीय रेलवे बोर्ड के विकास प्रकोष्ठ द्वारा किया गया है तथा विश्व के किसी भी रेल विभाग में प्रयोग किया जाने वाला यह पहला शौचालय है. वर्तमान में, यह सुविधा केवल विमानों में ही मौजूद है.


इसे दिल्ली-डिब्रूगढ़ राजधानी रेलगाड़ी में लगाया गया.
हाइब्रिडवैक्यूमशौचालयकीविशेषताएं
•    यह प्रोटोटाइप शौचालय के मानक प्रोटोकॉल को संशोधित करके बनाया गया है जिसमें यह फ्लश चक्र बनाने के लिए पानी को बर्बाद होने से रोकता है.
•    वैक्यूम शौचालय लगे रेलगाड़ी के डिब्बों के नीचे ‘अवरोधन टैंक’ लगे होते हैं, जिसमें शौचालय से निकला सारा मानव मल एकत्रित होता है.
•    जैविक निस्तारण टैंक डिब्बे के नीचे लगा होता है और इसमें अवायवीय जीवाणु होते हैं, जो मानव मल को भूमि/पटरी पर फेंकने से पहले जल और कुछ गैस में तब्दील कर देते हैं.
तकनीककालाभ


इस नवाचार से कम से कम 1/20वें भाग जल (500 मिली लीटर) की बचत होगी. आमतौर पर पारम्परिक शौचालय या जैविक शौचालय में हर बार प्रक्षालन में 10-15 लीटर पानी का उपयोग किया जाता है.
वैक्यूम शौचालय के अपशिष्ट पदार्थ को जैविक निस्तारण में परिवर्तित करने से मल निस्तारण के लिए अलग भूमि की आवश्यकता नहीं होगी और नगर निगम पर अतिरिक्त बोझ भी नहीं पड़ेगा.

साइबर अपराधों से निपटने के लिए विशेषज्ञ समूह ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी

साइबर अपराधों से निपटने के लिए विशेषज्ञ समूह ने 15 सितंबर 2015 को गृह मंत्रालय (एमएचए) को अपनी रिपोर्ट सौंपी.
इस रिपोर्ट का शीर्षक ‘प्रभावी ढंग से देश में साइबर अपराध से निपटने के लिए रोडमैप’ था. यह रिपोर्ट वैश्विक स्तर पर साइबर अपराध को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों के अध्ययन के बाद तैयार की गई.
रिपोर्ट में विशेषज्ञ समूह आई 4 सी की स्थापना की अनुशंसा की. आई 4 सी का तात्पर्य हैइन्डियनसाइबरक्राइमको-ऑर्डिनेशनसेंटर से है.


इन्डियनसाइबरक्राइमको-ऑर्डिनेशनसेंटरकेबारेमें
• यह केंद्र साइबर अपराधों की निगरानी और विश्लेषण करेगा इसके अतिरिक्त यह केंद्र साइबर अपराधों की ऑनलाइन रिपोर्टिंग के प्रति समर्पित रहेगा.
• आई 4 सी साइबर अपराधों का रियल टाईम विश्लेषण करेगा और यह अपराध के मूल स्थान का भी विश्लेषण करने में सक्षम होगा.
• इसके तहत भारत, फेसबुक और गूगल जैसे कम्पनियों के साथ मिल कर कार्य करेगा. यह कम्पनियां पहले से ही चाइल्ड प्रोनोग्रफी और फेक आईडी जैसे अपराधों से निपटने में सक्षम है. 
• इस केंद्र की कई शाखाएँ राज्य और संघ शासित केन्द्रों में भी होंगी. 
• यह केंद्र समय समय पर नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड और क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क सिस्टम से को-ओर्डीनेट करेगा.
• यह केंद्र गृह मंत्रालय के आधीन कार्य करेगा. इसकी स्थापना की अनुमानित लागत 500 करोड़ रुपए है.

विशेषज्ञसमितिकेबारेमें
• यह पांच सदस्यीय समिति गृह मंत्रालय द्वारा 24 दिसम्बर 2014 को स्थापित की गई थी.
• तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू साइबर अपराधों से संरक्षित करने के लिए इस समिति का गठन अनिवार्य था.
• पिछले 2 से 3 वर्षों में साइबर अपराधों 40प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है.

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा डाईक्लोफेनाक की बिक्री पर प्रतिबन्ध

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 18 सितंबर 2015 को डाईक्लोफेनाक की बिक्री पर रोक लगा दी तथा इसके बहुउपयोग पर भी प्रतिबन्ध लगाया. अब से यह केवल एक खुराक के पैकेट में ही उपलब्ध होगी.
गौरतलब है कि डाईक्लोफेनाक का प्रयोग वर्ष 2006 से मवेशियों के उपचार के लिए किया जाता है.
यह निर्णय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सिफारिश के आधार पर विलुप्त होते गिद्धों की रक्षा हेतु लिए गया.
डाईक्लोफेनाकपरप्रतिबद्धक्यों ?
डाईक्लोफेनाक एक नॉन स्टीरियोडल एंटी-इन्फ्लामेटरी दवा है. इसका उपयोग हल्के दर्द एवं गठिया अथवा जोड़ों के दर्द के उपचार में किया जाता है,
मानव प्रयोग के अतिरिक्त यह मवेशियों के उपचार में भी काम आने वाली दवा है.
यह दवा मवेशियों को हानि नहीं पहुंचाती किन्तु गिद्धों के लिए जानलेवा है. मरे हुए जानवरों को खाते समय गिद्ध इस दवा के संपर्क में आते हैं. शोधों से यह साबित हुआ है कि इस दवा के संपर्क में आने पर गिद्धों के किडनी एवं लीवर निष्क्रिय हो जाते हैं.
इससे पहले, केंद्र सरकार वर्ष 2006 में डाईक्लोफेनाक का उपयोग मवेशियों के लिए भी प्रतिबंधित कर चुकी है.
यह पाया गया है कि मानव उपयोग के लिए बाज़ार में मौजूद दवा का मवेशियों पर भी दुरुप्रयोग किया जा रहा है.


पर्यावरण की दृष्टि के अतिरिक्त गिद्धों का सांस्कृतिक महत्व भी है.
गिद्धों के विलुप्त होने से भारतीय जोरोस्ट्रियन पारसी समुदाय पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है क्योंकि वे मानव लाश के निपटान हेतु गिद्धों का प्रयोग करते हैं. गिद्धों के विलुप्त होने पर वे लोग इस निपटान हेतु अन्य मार्ग अपनाने पर विवश हो गये हैं.
इसलिए गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण हेतु, आईयूसीएन द्वारा इसे संकटग्रस्त प्रजातियों की लाल सूची में रखा गया है, सरकार ने इस दवा को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया.

एशिया सिद्धांत और चीन की दक्षिण चीन सागर में सक्रियता झी और ओबामा के बीच बैठक की स्थिति बना रहा है

एशिया सिद्धांत (पिवोट टू एशिया डॉक्ट्राइन):  एशिया प्रशांत क्षेत्र के साथ और अधिक एवं समर्थक सक्रिए भागीदारी हेतु अमेरिकी प्रशासन नीति.
एशिया– प्रशांत क्षेत्र सितंबर 2015 के तीसरे सप्ताह में सुर्खियों में था क्योंकि अमेरिकी और चीनी प्रशासन ह्वाइट हाउस में शिखर सम्मेलन वार्ता के लिए कमर कस रहे थे.


22 सितंबर 2015 से शुरु होने वाले चीन के राष्ट्रपति झी जिनपिंग के चार दिनों की अमेरिका यात्रा के दौरान उनका अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिलने का कार्यक्रम है.


पिवट टू एशिया – पेसेफिक ओबामा प्रशासन की नीति है जो एशिया प्रशांत क्षेत्र के साथ अधिक और सक्रिए भागीदारी को दर्शाता है. इसकी घोषणा 2011 में की गई थी.

नीति के तहत, अगले दशक में अमेरिकी शासन के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक कार्य होगा– एशिया प्रशांत क्षेत्र में कूटनीतिक, आर्थिक, सामरिक और अन्य तरीकों से निवेश में काफी हद तक बढोतरी.


नीति के लिहाज से देखें तो यह एक देश द्वारा परेशानियों से घिरे मध्य पूर्व और दक्षिण एशियाई क्षेत्रों को अधिक स्थिर और शांतिपूर्ण एशिया– प्रशांत क्षेत्र बनाने हेतु व्यापक संलग्नता के अलावा कुछ भी नहीं है.


अमेरिका के अनुसार, विश्व में सामरिक, राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रों में वैश्विक नेतृत्व बनाए रखने के लिए नई रणनीति अनिवार्य है क्योंकि यह क्षेत्र वैश्विक अर्थव्यवस्था का केंद्र बन गया है.


हालांकि, कुछ लोगों को कहना है कि नीति का मुख्य उद्देश्य 'उभरते चीन' को रोकना है जो अमेरिका के आगामी वर्षों में विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के लिए काफी प्रयास कर रहा है.


अमेरिका का भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत बनाना, प्रशांत क्षेत्र में सैन्य उपस्थिति बढ़ाना, दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते दखल का जोरदार विरोध करना, चीन के साथ अमेरिका के संबंधों और इस क्षेत्र को संतुलित करने के लिए अमेरिका के प्रयासों के रूप मे देखा जा सकता है.


अफगान शरणार्थी शिक्षक अकीला असिफी को यूएनएचसीआर का नानसेन रिफ्यूजी अवॉर्ड 2015

15 सितंबर 2016 को अफगान शरणार्थी शिक्षक अकीला असिफी को शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) ने नानसेन रिफ्यूजी अवॉर्ड 2015 से सम्मानित किया. असिफी ने पाकिस्तान में शरणार्थी लड़कियों की शिक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया है. 
अकीला असिफी को मियांवाली, पाकिस्तान में शरणार्थी गांव कोट चंदना में अफगान शरणार्थी लड़कियों की शिक्षा के लिए उनके बहादुर और अथक समर्पण हेतु सम्मानित किया गया है. न्यूनतम संसाधनों और महत्वपूर्ण सांस्कृतिक चुनौतियों के बावजूद असिफी ने प्राथमिक शिक्षा के माध्यम से एक हजार शरणार्थी लड़कियों का मार्गदर्शन किया.

असिफी एक पूर्व शिक्षक हैं, जो 1992 में अपने परिवार के साथ काबूल से भाग गई  थी और कोट चंदना के सूदूर शरणार्थी गांव में उनके परिवार को सुरक्षित स्थान मिला था. गांव में लड़कियों के लिए पढ़ाई की व्यवस्था का न होना, ने उन्हें बहुत निराश किया था. लेकिन वे इन लड़कियों को पढ़ने का एक अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध थीं और समय के साथ वे समुदाय को इस बात के लिए राजी करने में सफल रहीं और चंद लोगों के साथ टेंट में उन्होंने स्कूल की शुरुआत की.

यूएनएचसीआर के नानसेन रिफ्यूजी अवॉर्ड के बारे में  
•  यूएनएचसीआर का नानसेन रिफ्यूजी अवॉर्ड शरणार्थियों, आंतरिक स्तर पर विस्थापितों या राज्यविहीन लोगों के लिए असाधारण मानवीय कार्य करने वालों को दिया जाता है. 
•  पुरस्कार के तहत एक स्मारक मेडल और 1 लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम दिया जाता है. पुरस्कार की राशि का इस्तेमाल यूएनएचसीआर से परामर्थ कर पुरस्कार विजेता अपने मौजूदा काम जैसे एक अन्य परियोजना की फंडिंग के लिए करते हैं. 
शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) के बारे में 
• संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 14 दिसंबर 1950 को यूएनएचसीआर का गठन किया था. 
• यह शरणार्थियों और राज्यविहीन लोगों के अधिकारों और भलाई की निगरानी करता है. छह दशको से भी अधिक समय से, यह एजेंसी करोड़ों लोगों को उनके जीवन को फिर से शुरु करने में मदद की है. 
• सीरिया, इराक, मध्य अफ्रिकी गणराज्य, अफगानिस्तान, दक्षिण सूडान, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, और असंख्य अन्य आपात स्थितियों का सामना करने वाले देशों में यूएनएचसीआर प्रमुख मानवीय कार्य करने वाला विश्व का प्रमुख संगठन है.

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने स्काई प्लेटफॉर्म पर NXT DIGITAL- Headend का शुभारंभ किया

15 सितंबर 2015 को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हिन्दुजा ग्रुप द्वारा प्रमोटेड ब्रांड नाम NXT DIGITAL के तहत Headend In The Sky ( HITS) डिजिटल प्लेटफॉर्म पहल का शुभारंभ किया.


यह प्लेटफॉर्म दर्शकों को ई– एप्लीकेशंस और टीवी एनिवेयर जैसी सेवाओं के अलावा उनके पसंद के 500 अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय चैनलों तक पहुंच प्रदान करेगा.


आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र , पंजाब और कर्नाटक के उपभोक्ता की पहुंच अब उनकी पसंद के चैनलों तक बढ़ेगी. इस सुविधा को जल्द ही अन्य राज्यों में पहुंचाया जाएगा. अब उपभोक्ता अपनी पसंद के चैनलों के लिए ही भुगतान करेंगे और पूर्ण पारदर्शिता की वजह से यह सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी करने में सक्षम होगा.

हिन्दुजा– हिट्स नेटवर्क मल्टी सिस्टम ऑपरेटर्स ( MSOs)  के साथ– साथ लोकल केबर ऑपरेटर्स ( LCOs) सेवा भी मुहैया कराएगा और सरकार के डिजिटल इंडिया पहल और मेक इन इंडिया मिशन के तहत इसका उद्देश्य केबल टीवी सेवाओं के डिटिल मोड के लिए एनालॉग से ट्रांजिशन का इस्तेमाल करना है. 
NXT DIGITAL केबारेमें

nbsp;   NXT DIGITAL प्रसारण केंद्र आधुनिक अगली– पीढ़ी का MPEG-4 सुविधा है जिसे केबल टीवी की सुविधा प्रदाताओं और देश भर के उनके उपभोक्ताओं को विभिन्न प्रकार की सेवाएं मुहैया कराने के लिए डिजाइन किया गया है. 
•    तकनीक भविष्य के लिए बिल्कुल सुरक्षित है और यह उपभोक्ताओं को टेलिविजन की अच्छी सुविधाएं प्रदान करेगा. साथ ही यह केबल बिरादरी को नए जमाने के क्लाउड समाझानों का उपयोग कर बिना किसी परेशानी के उनके नेटवर्क का प्रबंध करने की भी अनुमति देगा. 
•    NXT DIGITAL के अनूठे डिजाइन और संकलित COPE (Cable Operators Premises Equipment ) भारतीय शहरों का डिजिटलीकरण और प्रसारण वितरण की जगह भारत के बड़े विकास को प्राप्त करने में मदद करेगा.

ब्लैकस्टोन ग्रुप एलपी ने यूके के सर्को ग्रुप पीएलसी का अधिग्रहण किया

प्राइवेट इक्विटी (पीई) निवेशक ब्लैकस्टोन ग्रुप एलपी (Blackstone Group LP ) ने 2558 करोड़ रुपयों में यूके के सर्को ग्रुप पीएलसी के भारत– आधारित बिजनेस प्रोसेसिंग आउटसोर्सिंग (बीपीओ) को फिर से खरीद लिया है. सौदा इक्विटी और ऋण का संयोजना है.


उद्यम मूल्य के लिहाज से यह अधिग्रहण ब्लैकस्टोन द्वारा भारत में किया गया सबसे बड़ा सौदा है. इस सौदे ने बीपीओ के कारोबार में पीई कंपनी के फिर से वापसी पर मुहर ला दी.


इसस पहले 2011 में, ब्लैकस्टोन ने अपने बीपीओ व्यापार को  जिसे इंटल नेट (Intel net) के नाम से जाना जाता था, 383मिलियन अमेरिकी डॉलर में सर्को को बेच दिया था.


ब्लैकस्टोनकेबारेमें
ब्लैकस्टोन ग्रुप एलपी अमेरिकी बहुराष्ट्रीय प्राइवेट इक्विटी, निवेश बैंकिंग, वैकल्पिक संपत्ति प्रबंधन और वित्तीय सेवा निगम है. इसका कार्यालय न्यूयॉर्क सिटी में है.


ब्लैकस्टोन की स्थापना 1985 में हुई थी. यह पीटर जी पीटरसन औऱ स्टीफन ए स्वार्जमैन के विलय और अधिग्रहण से अस्तित्व में आया था. ये दोनों ही पहले लीमैन ब्रदर्स, कुहन, लोएब इंक में साथ काम करते थे.


सर्कोकेबारेमें


साल 1929 में आरसीए सर्विसेस लिमिटेड के नाम से स्थापित सर्को ग्रुप पीएलसी एक ब्रिटिश आउटसोर्सिंग कंपनी है. यह हुक, हैम्पशायर में है. यह समूह अपने ग्राहकों की तरफ से सार्वजनिक और निजी परिवहन एवं यातायात नियंत्रण, विमानन, हिरासत केंद्रों, स्कूलों आदि का संचालन करता है.