Current Affaires 21-22 Oct 2015 Hindi

21-22 October hindi

प्रसिद्ध कन्नड़ फिल्म निर्माता केएसएल स्वामी का निधन

प्रसिद्ध फिल्मकार किकेरी समन्ना लक्ष्मीनरसिंह स्वामी का 77 वर्ष की आयु में बेंगलुरु में 20 अक्टूबर 2015 को निधन हो गया. वे केएसएल स्वामी के नाम से भी लोकप्रिय थे.

बहुमुखी व्यक्तित्व के केएसएल स्वामी पार्श्व गायक, निर्माता और अभिनेता भी थे. उन्होंने जी.वी. अय्यर और एमआर विट्ठल की सहायता से फिल्म उद्योग में अपना कैरियर शुरू किया.

वर्ष 1966 में उन्होंने फिल्म थोगुदीपा से स्वतंत्र फिल्म निर्देशक के रूप में अपना कैरियर शुरू किया. स्वामी की वर्ष 1989 की फिल्म जंबू सवारी ने 37वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता.

अपने 49 वर्ष के लंबे कैरियर में स्वामी ने 37 फिल्मों का निर्देशन किया. वर्ष 2013 में स्वामी को सिनेमा में उनके योगदान के लिए डॉ बी सरोजा देवी राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

अमेरिका और रूस के मध्य सीरिया हमलों में हवाई सुरक्षा को लेकर समझौता

अमेरिका और रूस के मध्य 20 अक्टूबर 2015 को सीरिया में आईएसआईएस के ठिकानों पर किये जा रहे हवाई हमलों के दौरान हवाई सुरक्षा मुद्दे पर समझौता हुआ. यह समझौता दोनों देशों की हवाई सेनाओं की सुरक्षा की दृष्टि से किया गया.
अक्टूबर माह के तीसरे सप्ताह में दोनों देशों के लड़ाकू विमान एक-दूसरे से कुछ ही दूरी पर उड़ान भर रहे थे जिससे सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो गया. इस समझौते के ब्यौरे को गुप्त रखा गया है लेकिन इससे सीरिया में हवाई जहाजों के लिए सुरक्षा प्रक्रिया तय की जा सकेंगी.


इससे  अमेरिका और रूस ने यह आशा जताई है कि यह समझौता दोनों देशों के बीच सीरिया में दुर्घटनावश होने वाले टकरावों को रोक सकेगा.
गौरतलब है कि दोनों देश सीरिया में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के ठिकानों पर हवाई हमले कर रहे हैं. दोनों देशों के बीच इसे लेकर आपसी सहयोग को बढ़ाना इस समझौते का उद्देश्य है.

भारतीय मूल के प्रणव शिवकुमार की बराक ओबामा द्वारा सराहना

भारतीय मूल के अमेरिकी छात्र प्रणव शिवकुमार 19 अक्टूबर 2015 को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा आयोजित व्हाइट हाउस एस्ट्रोनॉमी नाइट में शामिल हुए. यहां बराक ओबामा ने उनकी सराहना की तथा उन्हें बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं.
राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अंतरिक्ष विज्ञान के शौकीन 15 वर्षीय भारतीय मूल के इस छात्र की सराहना की क्योंकि प्रणव गूगल साइंस फेयर में दो बार ‘ग्लोबल फाइनलिस्ट’ बनने वाले पहले व्यक्ति हैं.


अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “कई वर्षों तक प्रणव के माता-पिता प्रत्येक शनिवार सुबह एक घंटे तक उसे एस्ट्रोफिजीक्स की एक प्रयोगशाला में ‘आस्क-ए-साइंटिस्ट’ (वैज्ञानिक से पूछें) कक्षा के लिए ले जाते थे. ज्यादा समय नहीं गुजरा, कि वह वहां एक महत्वपूर्ण अध्ययन (ग्रेविटेशनल लेस्सन ऑफ क्वासर्स) के लिए अध्ययनकर्ताओं के साथ जुड़ गया. इस उम्र में मैं तो यह नहीं सोच रहा था.”

युवा मामले और खेल मंत्रालय ने अखिल भारतीय खेल परिषद का गठन किया

युवा मामले और खेल मंत्रालय ने देश में खेल और खेलों के विकास से संबंधित मामलों पर मंत्रालय को सलाह देने के लिए प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा की अध्यक्षता में 19 अक्टूबर 2015 को अखिल भारतीय खेल परिषद का गठन किया.

अखिलभारतीयखेलपरिषदकेसदस्य
• सचिन तेंदुलकर, सांसद (राज्य सभा)
• पी टी उषा (एथलेटिक्स)
• लिंबा राम (तीरंदाजी)
• एन कुंजरानी देवी (भारोत्तोलन)
• आईएम विजयन (फुटबॉल)
• पुलेला गोपीचंद (बैडमिंटन)
• बाइचुंग भूटिया (फुटबॉल)
• उदय शंकर, सीईओ स्टार इंडिया
• विश्वनाथन आनंद (शतरंज)
• संदीप प्रधान, महानिदेशक, गुजरात खेल प्राधिकरण
• सचिव (खेल), मध्य प्रदेश सरकार
• सचिव (खेल), असम सरकार
• अध्यक्ष / महासचिव, भारतीय ओलंपिक संघ
• सचिव, खेल विभाग, भारत सरकार
• महानिदेशक, भारतीय खेल प्राधिकरण (साई)
• महानिदेशक, राष्ट्रीय एंटी डोपिंग एजेंसी
• कुलपति, लक्ष्मीबाई शारीरिक शिक्षा राष्ट्रीय संस्थान (LNIPE)
• संयुक्त सचिव, खेल विभाग, भारत सरकार

सचिव, भारतीय खेल प्राधिकरण (परिषद के सदस्य सचिव)

यह परिषद देश में खेलों के विकास और उसके प्रोत्साहन के लिए खेल मंत्रालय की सलाहकार समिति को अपनी सलाह देगी और युवाओं के जीवन में खेलों के महत्व को बढावा देने की भी सलाह देगी.
परिषद देश में खेलों को बढ़ावा देने के लिये राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन भी करेगी. अखिल भारतीय खेल परिषद के सदस्य तीन महीने में कम से कम एक बार बैठक कर देश में खेलों को बढावा देने से संबंधित मामलों पर विचार विमर्श करेंगे.

अनिल कुंबले रायपुर रेंजर्स के ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त

पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी अनिल कुंबले को 20 अक्टूबर 2015 को रायपुर रेंजर्स का ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त किया गया. रायपुर रेंजर्स, चैंपियंस टेनिस लीग (सीटीएल) की सदस्य टीम है. यह वर्ष 2015 में सीटीएल से संबध हुई.

अभिषेक मिश्रा और चिन्मय तिवारी के सह मालिकाने वाली रायपुर रेंजर्स टीम में थॉमस मस्टर, एलिज कोर्नेट और रामनाथन रामकुमार जैसे खिलाड़ी शामिल हैं. 
विदित हो कि सीटीएल का मुख्य उदेश्य टेनिस टूर्नामेंट की बदौलत भारत में टेनिस के क्षेत्र में युवा प्रतिभाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी चमक बिखेरने का मौका प्रदान करना है.

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने केन्द्रीय प्रेस प्रत्यायन समिति का पुनर्गठन किया

सोमवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 19 अक्टूबर को केन्द्रीय प्रेस प्रत्यायन समिति (सीपीएसी) का पुनर्गठन किया 22 सदस्यीय समिति की अध्यक्षता महानिदेशक (एम एंड सी) पत्र सूचना कार्यालय फ्रैंक नोरोन्हा ने की. समिति में 11 सदस्य पत्रकार संगठनों की ओर से और 10 सदस्य विभिन्न मीडिया संगठनों से होंगे. सीपीएसी का कार्य भारतीय और विदेशी मीडिया द्वारा भेजे गए प्रार्थना पत्रों को अनुमोदित करना तथा पत्रकारों को प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) कार्ड जारी करना है.

सेंट्रलप्रेसप्रत्यायनसमितिकेसदस्योंमेंनिम्नमीडियाकर्मीशामिलहैं

सुरिंदर वर्मा (न्यूज़ कैमरामैन एसोसिएशन) सुप्रिया प्रसाद (प्रसारण संपादक एसोसिएशन)
प्रमोद कुमार (नेशनल यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ जर्नलिस्ट) 
श्याम बाबू (इन्डियन फेडरेशन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट)
रबी रथ (एसोशियन ऑफ़ स्माल एंड मीडियम न्यूज़ पेपर्स ऑफ़ इंडिया)
मीनाक्षी पंडित (आल इंडिया जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोशियन)
राहुल कुमार (ब्रोड कास्ट एडिटर्स एसोशियन)
इरा झा (प्रेस एसोशियन)
एलसी भारतीय (आल इंडिया ऑफ़ स्माल एंड मीडियम न्यूज़ पेपर्स फेडरेशन)
सबीना इन्दर जीत (इन्डियन जर्नलिस्ट यूनियन)
एमके महादेव राव (वर्किंग न्यूज़ कैमरामैन एसोसिएशन)

मनोनीतसदस्योंमें

कुमि कपूर (इंडियन एक्सप्रेस)
नाविका कुमार (टाइम्स नॉऊ)
दिवाकर अस्थाना (द टाइम्स ऑफ़ इंडिया)
जयंतो घोषाल (एबीपी)
अमिताभ सिन्हा (आईबीएन -7)
अखिलेश शर्मा (एनडीटीवी)
कल्याण बरुआ (असम ट्रिब्यून)  
इफ्तिखार जिलानी (डीएनए)
निस्तुला हेब्बर (द हिन्दू) 
शेखर अय्यर (डेक्कन हेराल्ड)
सेंट्रल प्रेस प्रत्यायन समिति का कार्यकाल समिति की पहली बैठक से दो साल तक होगा.

न्यायमूर्ति तिनलियांगथांग वैफेई गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश नियुक्त

भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 19 अक्टूबर 2015 को गुवाहाटी उच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति तिनलियांगथांग वैफेई को गुवाहाटी उच्च न्यायालय का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया.

राष्ट्रपति ने भारत के संविधान के अधिनियम 233 द्वारा प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए वैफेई को गुवाहाटी उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया.

यह नियुक्ति 21 अक्टूबर, 2015 से प्रभावी होगी. गुवाहाटी उच्च न्याययालय के कार्यवाहक मुख्य न्याकयाधीश न्यायमूर्ति करनाम श्रीधर राव की सेवानिवृत्ति के बाद वैफेई को इस पद का दायित्व संभालने की जिम्मेदारी दी गई.

15 सितंबर 2000 को वैफेई को मिजोरम का अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया गया और 22 फरवरी 2001 को वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया. इसके बाद उन्हें 17 जुलाई 2003 को गुवाहाटी उच्च न्यायालय की बेंच का अतिरिक्त न्यायाधीश और 28 फरवरी 2005 को स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया.

1 मार्च 1956 को जन्मे न्यायमूर्ति वैफेई ने वर्ष 1976 में नोवरोसजी वाडिया कॉलेज, पूना विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की. वर्ष 1979 में उन्होंने कैम्पस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री पूरी की.

रिलायंस कैपिटल ने गोल्डमैन साक्श म्यूच्यूअल फंड कारोबार के अधिग्रहण की घोषणा की

भारतीय उद्योगपति अनिल अंबानी की अगुवाई वाले समूह की इकाई रिलायंस कैपिटल एसेट मैनेजमेंट (आरसीएएम) ने वैश्विक कंपनी गोल्डमैन साक्श के भारत में म्यूचुअल फंड कारोबार का 243 करोड़ रुपए में अधिग्रहण करने की 21 अक्टूबर 2015 को घोषणा की.

अधिग्रहण के तहत आरसीएएम 7,132 करोड़ रुपए की प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति के साथ गोल्डमैन साक्श की सभी 12 म्यूचुअल फंड योजनाओं का अधिग्रहण करेगी. इस अधिग्रहण के साथ रिलायंस म्यूचुअल फंड सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज (सीपीएसई) एक्सचेंज ट्रेडेड फंड की एकमात्र कोष प्रबंधक बन जाएगी. इसके साथ ही आरसीएएम की मूल कंपनी रिलायंस कैपिटल के अनुसार, दोनों कंपनियों के निदेशक मंडलों ने सौदे को मंजूरी दे दी है.

विदित हो कि रिलायंस कैपिटल अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह की वित्तीय सेवा इकाई है. कंपनी बीमा, ब्रोकरेज और संपत्ति प्रबंधन समेत अन्य क्षेत्र में काम कर रही है. इस सौदे से जहां एक तरफ आरसीएएम की स्थिति मजबूत होगी वहीं 13 लाख करोड़ रुपए  के भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग से एक और विदेशी कंपनी बाहर हो जाएगी. आरसीएएम रिलायंस म्यूचुअल फंड का परिचालन करती है और उसकी प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति 2.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक है. इसमें म्यूचुअल फंड, पेंशन कोष आदि शामिल हैं. गोल्डमैन साक्श ने भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग में वर्ष 2011 में बेंचमार्क म्यूचुअल फंड का 120 करोड़ रुपए में अधिग्रहण कर कदम रखा था.

विश्व स्तर पर मनाया गया विश्व सांख्यिकी दिवस

विश्वसांख्यिकीदिवस: 20 अक्टूबर
विश्व स्तर पर 20 अक्टूबर 2015 को विश्व सांख्यिकी दिवस मनाया गया. वर्ष 2015 के लिए इस दिवस का विषय “बेटर डेटा बेटर लाइफ़” अर्थात ‘बेहतर डेटा बेहतर जीवन’ निर्धारित किया गया है.

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासभा द्वारा वर्ष 2010 में समाज में सांख्यिकी के महत्व को देखते हुए 20 अक्टूबर को विश्व सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई. प्रथम विश्व सांख्यिकी दिवस 20 अक्टूबर 2010 को मनाया गया.

विदित हो विश्व के 100 से अधिक देशों में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सांख्यिकीय दिवसों का आयोजन पहले से ही होता आ रहा है. 
यह दिवस इस वर्ष सहस्राब्दि विकास लक्ष्य, विकास एजेंडे, डेटा क्रांति और वर्ष 2020 की विश्व जनसंख्या और आवास गणना के कार्यक्रम के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है.

के चोकलिंगम को पॉल एच एप्प्लबी पुरस्कार से सम्मानित किया गया

प्रसिद्ध क्रिमिनोलॉजिस्ट के चोकलिंगम को लोक प्रशासन में प्रतिष्ठित सेवाओं के लिए अक्टूबर 2015 के चौथे सप्ताह में पॉल एच एप्प्लबी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 
यह पुरस्कार भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) द्वारा प्रदान किया गया. चोकलिंगम मद्रास यूनिवर्सिटी में क्रिमिनोलॉजी प्रोफेसर हैं तथा वर्ल्ड सोसाइटी ऑफ़ विक्टिमोलौजी के उपाध्यक्ष हैं.


वे वर्ष 2012-14 तक नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली में क्रिमिनल लॉ के चेयर प्रोफेसर भी रहे. वे चार पुस्तकें तथा 75 से अधिक शोध पत्र भी लिख चुके हैं. उन्हें वर्ष 1994 में सीनियर सोशल साइंटिस्ट ऑफ़ इंडियन सोसाइटी ऑफ़ क्रिमिनोलॉजी तथा वर्ष 1996 में इंटरनेशनल स्कॉलर अवार्ड ऑफ़ अमेरिकन सोसाइटी ऑफ़ क्रिमिनोलॉजी से भी सम्मानित किया गया.
वे वर्ष 1992 से इंडियन सोसाइटी ऑफ़ विक्टिमोलोजी के संस्थापक एवं अध्यक्ष हैं. इसके अतिरिक्त वे वर्ष 2003 से जापान स्थित तोकिवा इंटरनेशनल विक्टिमोलोजी इंस्टिट्यूट के अन्तरराष्ट्रीय परामर्शदाता भी हैं.  
यह पुरस्कार पॉल एप्पलबी के सम्मान में दिया जाता है. इंस्टिट्यूट की स्थापना के शुरूआती दौर में एप्पलबी के शोध कार्यों से सहायता प्राप्त हुई.

ड्रीमिंग बिग: माई जर्नी टू कनेक्ट इंडिया: सैम पित्रोदा

ड्रीमिंगबिगमाईजर्नीटूकनेक्टइंडियासैमपित्रोदा

ड्रीमिंग बिग: माई जर्नी टू कनेक्ट इंडिया पुस्तक का 19 अक्टूबर 2015 को विमोचन किया गया. यह डेविड केनोफ अमेरिकी लेखक डेविड केनोफ की मदद से लिखित सैम पित्रोदा की ऑटो बायोग्राफी है. इस पुस्तक में भारतीय दूरसंचार क्रांति के जनक सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा के जीवन का वर्णन है.


सैमपित्रोदाकेबारेमें

भारतीय सूचना क्रांति के अग्रदूत माने जाने वाले सैम पित्रोदा का पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है. 4 मई 1942 को उड़ीसा के तितलागढ़ में जन्मे पित्रोदा एक भारतीय अविष्कारक, कारोबारी और नीति निर्माता हैं.

भौतिकी में स्नातकोत्तर करने के बाद इलेक्ट्रोनिक्स में मास्टर की डिग्री हासिल करने के लिए पित्रोदा शिकागो के इलिनॉय इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी गए. 1960 और 70 के दशक में पित्रोदा दूरसंचार और कंप्यूटिंग के क्षेत्र में तकनीक विकसित करने की दिशा में काम करते रहे. पित्रोदा के नाम 100 से भी अधिक पेटेंट हैं.

वर्ष 1984 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने पित्रोदा को भारत आकर अपनी सेवाएं देने का न्योता दिया. भारत लौटने के बाद उन्होंने दूरसंचार के क्षेत्र में स्वायत्त रूप से अनुसंधान और विकास के लिए सी-डॉट यानि 'सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ टेलिमैटिक्स' की स्थापना की.

भारत और मिस्र के बीच समुद्री परिवहन हेतु समझौता

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 21 अक्टूबर 2015 को भारत और मिस्र के बीच समुद्री परिवहन से संबंधित समझौते को मंजूरी दी.

शिपिंग के क्षेत्र में दोनों देशों के आपसी सहयोग से मिलने वाले लाभ और महत्व को देखते हुए इस समझौते का फैसला किया गया. इस समझौते के जरिए दोनों देशों के बीच मर्चेंट शिपिंग और अन्य समुद्र संबंधी मामलों में सलाह ली जा सकेगी. साथ ही इस क्षेत्र में आपसी सहयोग को और मजबूत बनाया जाएगा. 
विदित हो कि इस समझौते से समुद्री संबंध के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ेगा और रिश्ते मजबूत होंगे. इससे समुद्री यातायात को और बेहतर बनाया जा सकेगा, प्रशिक्षण के लिए विभिन्न समुद्री प्रतिष्ठानों से छात्रों और स्टाफ का आदान-प्रदान किया जा सकेगा, समुद्र और बंदरगाहों पर वाणिज्यिक माल के प्रवाह को सुविधाजनक बनाया जा सकेगा, समुद्री परिवहन, जहाज निर्माण और मरम्मत, समुद्री प्रशिक्षण, सिमुलेटर्स के विकास समेत सूचना प्रौद्योगिकी, बंदरगाहों के विकास और अन्य समुद्री गतिविधियां आदि के क्षेत्र में संयुक्त उपक्रमों की स्थापना की जा सकेगी.

एबी डी विलियर्स एमआरएफ के ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त

दक्षिण अफ्रीकी वन-डे टीम के कप्तान एबी डी विलियर्स को 20 अक्टूबर 2015 को टायर निर्माता कंपनी एमआरएफ का ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त किया गया. कंपनी ने उन्हें तीन वर्षों के लिए अनुबंधित किया.


विदित हो कि डी विलियर्स की गिनती दुनिया के खतरनाक बल्लेबाजों में की जाती है. उनके नाम बिना शून्य के लगातार सबसे ज्यादा टेस्ट पारियां (78) खेलने का कीर्तिमान दर्ज है. दक्षिण अफ्रीका की तरफ से टेस्ट मैचों में दूसरा सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर (278 नाबाद) बनाने का कीर्तिमान भी उनके नाम दर्ज है. डी'विलियर्स के नाम वन-डे में सबसे तेज शतक का कीर्तिमान भी दर्ज है.

दीर्घावधि संकट के दौरान खाद्य सुरक्षा और पोषण हेतु फ्रेमवर्क को मंजूरी

विश्व खाद्य सुरक्षा समिति (सीएफएस) की बैठक में 16 अक्टूबर 2015 को, इटली स्थित रोम में, दीर्घावधि संकट के दौरान खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए कार्रवाई हेतु फ्रेमवर्क को मंजूरी दी गयी. 
इसका उद्देश्य दीर्घावधि संकट के समय भूख का समाधान करना है. इसकी प्राप्ति हेतु 3 क्षेत्रों में निम्नलिखित 11 सिद्धान्तों का पालन किया जाएगा.
क्षेत्र 1. महत्वपूर्ण अभिव्यक्तियों का सामना करना और लचीलेपन का निर्माण करना.
सिद्धान्त 1. तत्काल मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करना और लचीले आजीविका स्रोतों का निर्माण करना.
सिद्धान्त 2. विशेष चुनौतियों से निपटने में पोषण का ध्यान रखना.
क्षेत्र 2. विशिष्ट चुनौतियों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना
सिद्धान्त 3. प्रभावित आबादी तक पहुंचना.
सिद्धान्त 4. दीर्घावधि संकट से प्रभावित अथवा संकट की दशा में लोगों की रक्षा करना.
सिद्धान्त 5. महिलाओं एवं कन्याओं को सशक्त बनाना, लैंगिक समानता को बढ़ावा देना एवं तथा लैंगिक संवेदनशीलता को बढ़ावा देना.
सिद्धान्त 6. व्यापक सबूत के आधार पर विश्लेषण का समर्थन व सुनिश्चित करना
सिद्धान्त 7. राष्ट्र में , भागीदारी, समन्वय और हितधारकता को मजबूत बनाना
सिद्धान्त 8. प्रभावी वित्तपोषण को बढ़ावा देना
क्षेत्र 3. दीर्घावधि संकट के समय खाद्य संकट एवं पोषण के कारणों का समाधान ढूंढना
सिद्धान्त 9. खाद्य सुरक्षा एवं पोषण द्वारा शांति स्थापना करना.
सिद्धान्त 10. प्राकृतिक संसाधनों का उचित प्रबंधन करना एवं आपदा के खतरों को कम करना.
सिद्धान्त 11. प्रभावी स्थानीय एवं राष्ट्रीय गवर्नेंस का प्रसार करना.

महत्व

दीर्घावधि संकट से जूझ रहे देशों में खाद्य संकट विकासशील देशों से तीन गुना अधिक है. इस फ्रेमवर्क में खाद्य असुरक्षा से निपटने के लिए सतत विकास मॉडल एवं लम्बे समय तक बेहतर हल प्रदान किया गया है ताकि यूएन सतत विकास लक्ष्य हासिल किये जा सकें.
सीएफएस
•    विश्व खाद्य सुरक्षा समिति की स्थापना वर्ष 1974 में की गयी थी.
•    यह एक अंतर-सरकारी बॉडी है जो खाद्य सुरक्षा नीतियों को लागू करने में सहायता करती है.
•    यह संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक एवं सामाजिक समिति को वार्षिक रिपोर्ट सौंपता है.
•    इसमें सदस्य, भागीदार एवं प्रेक्षक शामिल हैं.
•    इसकी सदस्यता सभी खाद्य और कृषि संगठन सदस्यों, अन्तरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष, विश्व खाद्य कार्यक्रम के सदस्यों लिए खुली है.

स्नैपडील ने अनूप विकल को मुख्य वित्त अधिकारी नियुक्त किया

ई-कामर्स कंपनी स्नैपडील ने 20 अक्टूबर 2015 को अनूप विकल को मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) नियुक्त किया. विकल ने आकाश मूंधरा का स्थान लिया, जिन्होंने अक्टूबर 2015 में कंपनी से इस्तीफा दे दिया था.

विदित हो कि स्नैपडील में नियुक्ति के पूर्व अनूप विकल एयरसेल में मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) के पद पर कार्यरत थे. उससे पहले वे इंडिगो ग्रुप में मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) एवं आईटी प्रमुख के पद पर कार्यरत थे. अनूप विकल एनआईटी, सूरत से मैकेनिकल इंजीरियरिंग में स्नातक है. उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री प्राप्त की.

विश्व आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस

21 अक्टूबरविश्वआयोडीनअल्पताविकारनिवारणदिवस

विश्व आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस (जीआईडीडी) 21 अक्टूबर 2015 को आयोडीन की जरूरत के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य विश्व भर में मनाया गया.

वर्तमान में विश्व की जनसंख्या का लगभग एक तिहाई भाग आयोडीन अल्पता विकार के जोखिम का सामना कर रहा हैं. 130 देशों में 740 मिलियन से अधिक लोग इस स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहे हैं.

भारत में छह करोड़ से अधिक लोग आयोडीन अल्पता विकार के कारण होने वाले स्थानिक गलगण्ड से पीड़ित हैं वहीँ 88 लाख लोग मानसिक या तांत्रिकीय बाधाओं से पीड़ित हैं.

आयोडीनकीकमीसेहोनेवालेरोग
शरीर में आयोडीन को संतुलित बनाने का कार्य थाइरोक्सिन हार्मोंस करता है जो मनुष्य की अंतस्रावी ग्रंथि थायराइड ग्रंथि से स्रावित होता है. आयोडीन की कमी से मुख्य रुप से घेंघा रोग होता है.

आयोडीन की कमी से चेहरे पर सूजन, गले में सूजन (गले के अगले हिस्से में थाइराइड ग्रंथि में सूजन) थाइराइड की कमी (जब थाइराइड हार्मोन का बनना सामान्य से कम हो जाए) और मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में बाधा वज़न बढ़ना, रक्त में कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ना और ठंड बर्दाश्त न होना जैसे आदि रोग होते हैं.

गर्भवती महिलाओं में आयोडीन की कमी से गर्भपात, नवज़ात शिशुओं का वज़न कम होना,शिशु का मृत पैदा होना और जन्म लेने के बाद शिशु की मृत्यु होना आदि होते हैं. एक शिशु में आयोडीन की कमी से उसमें बौद्धिक और शारीरिक विकास समस्यायें जैसे मस्तिष्क का धीमा चलना, शरीर का कम विकसित होना, बौनापन, देर से यौवन आना, सुनने और बोलने की समस्यायें तथा समझ में कमी आदि होती हैं.
भारतकायोगदान
वर्ष 1962 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय गलगण्ड नियंत्रण कार्यक्रम का आरंभ किया और वर्ष 1992 में इसका नाम परिवर्तित करके राष्ट्रीय आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण कार्यक्रम कर दिया गया था.

आयोडीन शरीर के लिए आवश्यरक पौष्टितक तत्व है. मनुष्यक की सामान्यि शारीरिक वृद्धि के लिए प्रतिदिन 100 से 150 माइक्रोग्राम आयोडीन जरूरी है. प्रतिदिन के भोजन में आयोडीन की कमी के कारण गलगंड और अन्य कई रोग हो जाते हैं.

आयोडीन की कमी से गलगंड, मृत जन्म, गर्भपात, जन्मजात विसंगतियां, शिशु मृत्यु दर में वृद्धि, मानसिक अल्पता, बधिर और गूंगापन, भेंगापन और बौनापन आदि रोग एवं विसंगतियां उत्त्पन्न होती हैं.
देश के 324 जिलों में कराए गए सर्वेक्षणों में पता चला है 263 जिलों में आयोडीन की कमी से होने वाले रोगों का प्रकोप 10 प्रतिशत से ज्यारदा है. अनुमान है कि देश में 7 करोड़ 10 लाख लोग आयोडीन की कमी से होने वाली बीमारियों के शिकार हैं.

इस कार्यक्रम में आयोडीन युक्त नमक उपलब्ध् कराने, आयोडीन न्यूनता विकृति सर्वेक्षण/पुनर्सर्वेक्षण, आयोडीन वाले नमक पर प्रयोगशालाओं में नजर रखने, स्वास्थ्य शिक्षा और प्रचार पर ध्यान दिया जाता है. देश में आयोडीनयुक्त नमक का वार्षिक उत्पामन 48 लाख मीट्रिक टन है. सरकार ने खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम 1954 के अंतर्गत गैर-आयोडीन वाले नमक की पूरे देश में बिक्री 17 मई 2006 से प्रतिबंधित करने का फैसला किया.

राज्यस्तर पर कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय सभी राज्यों /केंद्रशासित प्रदेशों, आईडीडी नियंत्रण प्रकोष्ठ और आईडीडी निगरानी प्रयोगशाला के अतिरिक्त सर्वे और स्वास्थ्य शिक्षा और लोगों द्वारा आयोडीन युक्त नमक के उपयोग हेतु प्रचार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है.

संयुक्त राष्ट्र द्वारा महिलाओं की वैश्विक स्थिति पर रिपोर्ट जारी

संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग द्वारा 20 अक्टूबर 2015 को महिलाओं की स्थिति पर वैश्विक रिपोर्ट जारी की गयी. इस रिपोर्ट का टाइटल है, ‘विश्व में महिलाएं-2015: रुझान और सांख्यिकी’.
यह रिपोर्ट विश्व में महिलाओं एवं पुरुषों की स्थिति के आंकड़ों एवं सूचकांक को दर्शाता है. इसे आठ बिन्दुओं – परिवार, स्वास्थ्य, शिक्षा, कार्य, शक्ति एवं निर्णय लेने की क्षमता, महिलाओं के विरुद्ध हिंसा, पर्यावरण एवं गरीबी को शामिल किया गया है.


जनसंख्याएवंपरिवार
•    विश्व में लगभग 62 मिलियन महिलाएं एवं पुरुष हैं. छोटी आयु में पुरुष महिलाओं से अधिक हैं एवं वृधावस्था में महिलाएं पुरुषों से अधिक हैं.
•    बाल विवाह में कमी आई है. लेकिन, दक्षिण एशिया में 20 से 24 प्रतिशत एवं सब-सहारा अफ्रीका में 40 प्रतिशत महिलाएं 18 वर्ष से कम आयु में विवाह के बंधन में बंध जाती हैं.
•    किशोरावस्था में बच्चे को जन्म देने की दर में भी गिरावट आई है लेकिन अफ्रीका, लैटिन अमेरिका एवं कैरिबियन देशों में अभी भी यह दर काफी अधिक है.
स्वास्थ्य
•    पिछले 20 वर्षों में दोनों ही लिंगों में अधिकतम आयु बढ़ी और मृत्यु दर में कमी आई है. इसमें वर्ष 2010 से 2015 के बीच पुरुषों की आयु 72 एवं महिलाओं की 68 दर्ज की गयी. आयु अधिक होने से लिंगानुपात भी बढ़ा है.
•    पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा ह्रदयघात का खतरा अधिक होता है. लेकिन पिछले कुछ समय से मृत्युदर में इसके विपरीत परिणाम देखे गये.
शिक्षा
•    विकास के बावजूद, विकासशील देशों में प्रत्येक 2 बच्चों बच्चों में एक बच्चा ही स्कूल जाता है जबकि विकसित देशों में यह आंकड़ा प्रत्येक 10 में से 9 बच्चों का है.
•    कुल 58 मिलियन बच्चे जिनमें 31 मिलियन लड़कियां हैं, स्कूल से वंचित हैं.
•    विश्व की कुल 781 मिलियन अशिक्षित जनसंख्या में से दो तिहाई ही महिलाएं हैं जो लगभग सभी विकासशील देशों में रहती हैं.


कार्य
•    वैश्विक स्तर पर पुरुषों का तीन चौथाई एवं महिलाओं का पचास प्रतिशत मेहनतकश कार्यों में भाग लेता है. लैंगिक असमानता कुछ ही क्षेत्रों में कम हो पाई है जबकि उत्तरी अफ्रीका, पश्चिमी एशिया एवं दक्षिणी एशिया में अभी भी इसमें काफी बड़ा अंतर विद्यमान है.
•    असहनीय कार्य, इसमें स्वयं रोज़गार एवं परिवार के लिए योगदान भी शामिल है. यह प्रणाली अफ्रीका एवं एशिया में अधिक देखने को मिलती है.
•    महिलाओं की आय पुरुषों की तुलना में कम है. फुल टाइम काम करने वाली महिलाओं की आय पुरुषों की आय का 70 से 90 प्रतिशत तक है.
निर्णयलेनेकाअधिकार
•    वर्ष 2015 में महिला राष्ट्र प्रमुखों की संख्या 19 पर पहुंची जबकि इससे पहले वर्ष 1995 में यह संख्या 12 थी.
•    चुनावों में महिलाओं की संख्या 30 प्रतिशत या उससे कम है.
•    विश्व भर में चार प्रतिशत से भी कम महिलाएं मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद तक पहुंची हैं.
महिलाओंकेखिलाफहिंसा
•    विश्वभर में महिलाओं पर शारीरिक, यौन, मानसिक एवं आर्थिक हिंसा की जाती है.
•    119 देशों ने महिलाओं को घरेलू अत्याचार से बचाने हेतु कानून पारित किया, 125 देशों में यौन हिंसा के खिलाफ कानून पारित किया गया जबकि 52 देशों में विवाहेतर बलात्कार के खिलाफ कानून पारित किया गया.
पर्यावरण
•    विकासशील देशों में आधी आबादी के पास साफ़ पीने का पानी नहीं है एवं परिवार के लिए पानी की व्यवस्था करने का दायित्व महिलाओं को दिया जाता है.
•    डायरिया के कारण मरने वाले लोगों में से अधिकतर पानी की कमी, सफाई का आभाव एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण जान से हाथ धो बैठते हैं. वर्ष 2012 में यह संख्या 0.8 मिलियन थी.
गरीबी
•    विकासशील देशों में प्रत्येक 3 में से 1 महिला को घरेलू खरीदारी में बोलने का अधिकार नहीं है. जबकि प्रत्येक 10 में से 1 महिला को परिवार के लिए खर्च करने के दौरान पूछा भी नहीं जाता.
•    47 प्रतिशत महिलाओं के निजी एवं संयुक्त खाते हैं जबकि पुरुषों का आंकड़ा 55 प्रतिशत है.
रिपोर्ट
यह रिपोर्ट बीजिंग घोषणापत्र और प्लेटफार्म के अनुसार बनाये गये आठ नीति क्षेत्रों के आधार पर तैयार की गयी. इसे महिलाओं पर संयुक्त राष्ट्र के चौथे विश्व सम्मेलन में वर्ष 1995 में स्वीकार किया गया.
बीजिंग घोषणापत्र महिलाओं के मौलिक अधिकारों एवं मानव अधिकारों का संरक्षण करने का उद्देश्य व्यक्त करता है.

भारत 2015 में संयुक्त राज्य अमेरिका में शीर्ष दस निवेशकों में से एक : बेकर और मैकेंजी

बेकर और मैकेंजी की सीमा पार विलय और अधिग्रहण सूचकांक के आधार पर 2015 में भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका में शीर्ष दस निवेशकों में से एक है.
बेकर और मैकेंजी के इस रिपोर्ट के अनुसार 2015 में सिर्फ भारतीय कंपनियों ने 1.7 यूएस बिलियन डॉलर का निवेश अमेरिकी कंपनियों में किया.   
ये निवेश (1.5 बिलियन यूएस डॉलर) अधिकांशतः स्वास्थ्य क्षेत्र में किये गये. जर्मनी (2.8 बिलियन यूएस डॉलर ) के बाद भारत चौथा स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश करने वाला देश है.
इस रिपोर्ट में यह कहा गया है कि आगामी महीनों में भी भारतीय कंपनियां निवेश करना जारी रखेंगी

दक्षिण कोरिया की सियोंग जिन चो ने पोलैंड में 17 वीं अंतर्राष्ट्रीय फ्रेडरिक चोपिन पियानो प्रतियोगिता जीता

दक्षिण कोरिया के 21 वर्षीय सियोंग जिन चो ने 20 अक्टूबर 2015 को पोलैंड की राजधानी वारसा में 17 वीं अंतरराष्ट्रीय फ्रेडरिक चोपिन पियानो प्रतियोगिता में जीत हासिल की. इस जीत से उन्हें 33600 यूएस डॉलर की इनामी राशि प्राप्त हुई.

इस प्रतियोगिता में जीत हासिल करने से उन्हें दुनिया की सबसे प्रसिद्ध कॉन्सर्ट हॉल में अपना प्रदर्शन करने का अवसर प्राप्त होगा.
इस प्रतियोगिता में कनाडा के चार्ल्स रिचर्ड हेमलिन ने दूसरा तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के केट लियू ने तीसरा स्थान प्राप्त किया.

इसके अतिरिक्त सियोंग जिन ने पोलोनाइज नमक नृत्य में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए  फेडरिक चोपिन सोसायटी पुरस्कार भी जीता.
इस प्रतियोगिता का आरम्भ 3 अक्टूबर 2015 को हुआ था तथा इसमें 20 देशों के 78 पियानोवादकों ने भाग लिया.

फ्रेडेरिकचोपिनपियानोप्रतियोगिताकेबारेमें
इस प्रतियोगिता का आयोजन हर पांच साल में किया जाता है. इसके तहत पियानोवादक इकाइयों में अपनी कला का प्रदर्शन करते है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि प्राप्त करने के लिए यह पियानोवादकों के लिए मंच प्रदान करता है.

नियमों के अनुसार 1985 से 1999 के बीच पैदा हुए लोग इस प्रतियोगिता के लिए आवेदन कर सकते हैं.

यह प्रतियोगिता पोलैंड के राष्ट्रपति की मानद संरक्षण में आयोजित की जाती है तथा इसका आयोजक फ्रेडरिक चोपिन संस्थान है.

यूनेस्को ने जेंडर एंड एजुकेशन फॉर आल रिपोर्ट 2000-2015 जारी की

जेंडरएंडएजुकेशनफॉरआल (ईएफए) 2000-2015: उपलब्धियांऔरचुनौतियां: विषय पर यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) ने 12 अक्टूबर 2015 को “जेंडर एंड एजुकेशन फॉर आल (ईएफए) 2000-2015: उपलब्धियां और चुनौतियां” रिपोर्ट जारी की. यह रिपोर्ट यूनेस्को की वैश्विक निगरानी रिपोर्ट (जीएमआर) और संयुक्त राष्ट्र ने  लड़कियों की शिक्षा पर पहल विषय पर केन्द्रित है.

इस रिपोर्ट में पूरे विश्व में लड़कियों की शिक्षा के अनुपात को प्रदर्शित किया गया है. 2005 से पहले तक आधे से कम देशों ने ही प्राथमिक और माध्यमिक दोनों ही क्षेत्र में लैंगिक समानता के लक्ष्य को हासिल किया.

रिपोर्टकीमुख्यविशेषताएं-
• हालाँकि लैंगिक समानता का लक्ष्य विश्व के सभी देश हासिल नहीं कर सके हैं, फिर भी सन 2000 से लैंगिक समानता की दिशा में प्रगति हुई है.
• उप-सहारा अफ्रीका में कोई भी देश लैंगिक समानता के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाया है.
•  2000 के बाद से प्राथमिक और माध्यमिक दोनों ही क्षेत्र में लैंगिक समानता को हासिल करने वाले देशों की संख्या 36 से बढ़कर 62 हो गई है.
• 62 लाख लड़कियां अभी भी शिक्षा के बुनियादी अधिकार से वंचित हैं, स्कूल न जाने वाली लड़कियों की संख्या में पिछले 15 साल में 52 लाख तक की गिरावट आई है.
• युवा साक्षरता में लिंग अंतराल कम हो रहा हैं. उप-सहारा मरुस्थल अफ्रीका में 2015 तक प्रत्येक दस में से सात युवा महिलाओं को साक्षर बनाने की कोशिश की जा रही है.
• लैंगिक समानता को प्राप्त करने में स्कूल से संबंधित, लिंग आधारित हिंसा और बाल विवाह आदि मुख्य चुनौतियां हैं. वर्ष 2012 में अधिकतर शादी करने वाली पांच महिलाओं में से एक की आयु लगभग 15 -19 वर्ष थी. 
• इन समस्याओं के समाधान हेतु जेंडर एंड एजुकेशन फॉर आल रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि सभी को नि: शुल्क शिक्षा उपलब्ध करायी जाय. किशोरियों को माध्यमिक शिक्षा के वैकल्पिक विकल्प दिए जाएं. इस समस्या से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए नीति और योजना बनाकर सभी पहलुओं पर सुझाव दिए जाए और उपाय किए जाए.

भारत के संबंध में रिपोर्ट
भारत में बालिकाओं के पढ़ने के लिए नि:शुल्क पुस्तकें, स्कूल चलो अभियान, ब्रिज कोर्स, महिला शिक्षकों की भर्ती, ग्रामीण और वंचित लड़कियों की संख्या स्कूलों में बढ़ाना और राष्ट्रीय कार्यक्रमों जैसी अनेक रणनीतियां को अपना कर शिक्षा में प्राथमिक और जूनियर (माध्यमिक से नीचे) स्तर पर लिंग अंतराल लगभग नगण्य है.

साहित्यिक रचनाओं के शीर्षक पर कॉपीराइट नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने 21 अक्टूबर 2015 को जारी अपने एक फैसले में साहित्यिक रचनाओं के शीर्षक को कॉपीराइट से मुक्त करार दिया. इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि किसी साहित्यकार द्वारा लिखी गई साहित्यिक रचना का कॉपीराइट होता है, न कि उसकी रचना के टाइटल अर्थात शीर्षक का.

उपरोक्त टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार अभिनीत देसी ब्वॉज नाम की फिल्म की निर्देशक कृषिका लुल्लाभ को राहत प्रदान की. सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर व न्यायमूर्ति एसबी बोबड़े की पीठ ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसके तहत फिल्म निर्देशक के खिलाफ दर्ज कॉपीराइट एक्ट के मामले में राहत देने से इंकार कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई भी साहित्यकार अपनी रचना के लिए कॉपीराइट का दावा कर सकता है, मगर किसी भी रचना के शीर्षक पर कोई अपना एकाधिकार नहीं जता सकता.
उल्लेखनीय है कि 'देसी ब्वायज' नामक एक पुस्तक के लेखक श्याम विट्ठलराव देवकट्टा ने देसी ब्वॉयज फिल्म की निर्देशक कृषिका लुल्ला के खिलाफ कॉपीराइट एक्ट का मुकदमा दायर किया था. देवकट्टा का कहना था कि फिल्म का टाइटल उसकी किताब के टाइटल के नाम से लिया गया है. ऐसा करके निर्देशक ने कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन किया है. निचली अदालत के मुकदमे को रद्द कराने के लिए निर्देशक ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. इसके बाद फिल्म निर्देशक द्वारा हाईकोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.