Current Affaires 21-22 Sep 2015 Hindi

उर्दू साहित्यकार शमीम हनफी साहित्य पुरस्कार से सम्मानित


शमीम हनफी के बारे में 
• मूल रूप से सुल्तानपुर के रहने वाले हनफी ने इलाहाबाद से उच्च शिक्षा ग्रहण की. वहां पर उनकी मुलाकात मशहूर शायर फिराक गोरखपुरी से हुई जिसके बाद बाद उन्होंने गोरखपुरी शैली को अपनी पहचान बनाया.
• विदित है कि ज्ञानगरिमा मानद अलंकरण पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 2015 में की गई थी और यह भारतीय भाषाओं में योगदान देने वाले लेखकों को दिया जाता है.
• उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक संकाय सदस्य के रूप में भी अपनी सेवा दी.
• वर्ष 2012 में उन्होंने मानविकी और भाषा के डीन के पद से इस्तीफा दिया.

वामपंथी नेता साधन गुप्ता का निधन

कम्युनिस्ट नेता व सांसद साधन गुप्ता का 19 सितंबर 2015 को निधन हो गया. वह 98 वर्ष के थे. गुप्ता ने एक प्रतिष्ठित बैरिस्टर थे और भारत के पहले नेत्रहीन व्यक्ति जो सांसद के रूप में निर्वाचित हुए. गुप्ता का जन्म 7 नवंबर 1917 को बांग्लादेश, ढाका में हुआ था. 
वह स्वतंत्रता पूर्व शीबानाथ बनर्जी बनाम सम्राट के मामले के कारण चर्चा में आए. उन्होंने कलकत्ता ब्लाइंड स्कूल में अध्ययन किया और मैट्रिक परीक्षा में शीर्ष दस छात्रों में स्थान प्राप्त किया.

उन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की और कलकत्ता विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की.
गुप्ता ने वर्ष 1939 में सीपीआई की सदस्यता प्राप्त की. वर्ष 1969 में  वह पश्चिम बंगाल की कालीघाट विधानसभा से चुने गए. इसके अतिरिक्त वर्ष 1986 में उन्हें वाम मोर्चा शासन के दौरान महाधिवक्ता नियुक्त किया गया था.

विश्व स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस मनाया गया

अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस 21 सितम्बर 2015 को विश्वस्तर पर मनाया गया. यह दिवस प्रत्येक वर्ष 21 सितम्बर को मनाया जाता है. इस वर्ष का उद्देश्य विश्व में संघर्ष को समाप्त करने और शांति को बढ़ावा देने वाले लोगों के प्रयासों की पहचान करना है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा यह दिवस विश्वस्तर पर शांति के आदर्शों को मजबूत बनाने और सभी देशों एवं लोगों के बीच शांति का प्रसार करने के लिए समर्पित है. वर्ष 2015 के लिए इस दिवस का विषय पार्टनरशिपफॉरपीस – डिग्निटीफॉरआल है.

इस वर्ष का विषय शांन्ति स्थापित करने में समाज के सभी वर्गों के महत्व पर प्रकाश डालता है. अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव संख्या 36 / 67  द्वारा वर्ष 1981 में स्थापित किया गया था. पहला शांति दिवस वर्ष 1982 के सितंबर माह में मनाया गया.

वर्ष 2001 में महासभा द्वारा सर्वसम्मति से प्रस्ताव संख्या 55/282 पारित कर 21 सितम्बर को वार्षिक अहिंसा और संघर्ष विराम दिवस के रूप में घोषित किया.

बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया का निधन

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष जगमोहन डालमिया का दिल का दौरा पड़ने के कारण 20 सितम्बर 2015 को कोलकाता के बीएम बिड़ला अस्पताल में निधन हो गया. वह 75 वर्ष के थे. इससे पहले डालमिया को सीने में दर्द के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी बाद में एंजियोग्राफी भी हुई थी.
डालमिया पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और बीसीसीआई के रोजमर्रा के कामकाज में सक्रिय रूप से हिस्सा नहीं ले पा रहे थे.  डालमिया ने 10 वर्ष के अंतराल के बाद इस वर्ष 2015 के मार्च माह में दूसरी बार बीसीसीआई की कमान संभाली थी जब उन्हें चुनाव में वॉकओवर मिल गया था.


जगमोहनडालमियाकेबारेमें
• जगमोहन डालमिया का जन्म 30 मई 1940 को कोलकता में हुआ था.
• उन्होंने भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अतिरिक्त बंगाल क्रिकेट संघ की भी अध्यक्षता की.
• पहली बार वह वर्ष 2001 में बीसीसीआई के अध्यक्ष बने. दूसरी बार वह वर्ष 2015 के मार्च माह में बीसीसीआई के अध्यक्ष बने.
• डालमिया ने वर्ष 1997 से 2000 तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष के ररूप में भी अपनी सेवा दी.
• वह पहले एशियाई और भारती थे जिसने आईसीसी की अध्यक्षता की.
• उन्होंने वर्ष 1987 और 1996 में भारतीय उप-महाद्वीप के क्रिकेट विश्व कप के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

मलयालम पार्श्व गायिका राधिका थिलक का निधन

मलयालम पार्श्व गायिका राधिका थिलक का 20 सितम्बर 2015 को कोच्ची, केरल में निधन हो गया. वह 45 वर्ष की थी. राधिका कैंसर की बिमारी से पीड़ित थीं. 
राधिका थिलक ने  70 मलयालम फिल्मों के गीतों को अपनी आवाज़ दी है.

राधिका थिलक ने अरुनाकिरन दीपम, देवा संगीथम, माया मनचली, कैथापू मनम, थिरुवथिरा थिरा नोक्किया,  एंटे उल्लुदुक्कुम कोट्टी और निनते कन्निल जैसे फिल्मों में पार्श्व गायन किया है. 
फिल्मों के गाने के अतिरिक्त राधिका थिलक ने कई भक्ति गीत भी गाएं हैं. राधिका ने एक गायिका के तौर पर ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन में भी अपनी सेवा दी है.

अजय जयराम ने विक्टर कोरिया ओपन में रजत पदक जीता

भारत के अजय जयराम ने 20 सितम्बर 2015 को विक्टर कोरिया ओपन 2015 के बैडमिंटन टूर्नामेंट के पुरुष एकल वर्ग में रजत पदक विजेता रहे.
सियोल के फाइनल मैच में वह चीन के खिलाड़ी चेंग लांग से 14-21 , 12-21 से हार गए. इसके साथ ही अजय जयराम कोरिया ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट में पदक जीतने वाले पहले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बन गए हैं.

इस वर्ष यह चीनी खिलाड़ी चेंग लांग की की छठी ट्राफी और कोरिया ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट का दूसरा खिताब है इससे पूर्व उन्होंने यह ख़िताब वर्ष 2014 में जीता था.  अजय जयराम वर्तमान में विश्व में 32वें स्थान पर हैं.

वर्ल्डसुपरसीरिजकेबारेमें

• बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड सुपरसीरिज प्रतियोगिता वर्ष 2007 से प्रत्येक वर्ष आयोजित की जाती है. 
• मेटलाइफ बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड सुपरसीरिज के अनतर्गत 12 बैडमिंटन प्रतियोगिताओं को शमिल किया जाता है . यह प्रतियोगिता विश्व के 12 अलग अलग स्थानों में आयोजित की जाएंगी. जिनमे से 8 एशिया, 3 यूरोप और एक ओशियाना क्षेत्र में आयोजित की जाएगी.
• इस प्रतियोगिता का उद्देश्य 'बेस्ट ऑफ़ बेस्ट' खिलाडियों के मध्य विजेता का चयन करना है.
• इस प्रतियोगिता के अंतर्गत शीर्ष 32 रैंक प्राप्त खिलाडियों के मध्य प्रतियोगिता आयोजित कराई जाती है. 
• सुपरसीरिज का फाइनल दुबई में 9 दिसम्बर से 13 दिसम्बर 2015 के मध्य किया जाएगा.

वर्ष 2015 कीवर्ल्डसुपरसीरिजअबतकनिम्नस्थानोंपरआयोजितहोचुकीहै
• योनेक्स आल इंग्लैंड ओपन बेडमिंटन चैम्पियनशिप
• योनेक्स सनराइज इण्डिया ओपन 
• मेबैंक मलेसिया ओपन 
• ओयू सिंगापुर ओपन
• द स्टार आस्ट्रेलियन बेडमिंटन ओपन सिडनी
• बीसीए इंडोनेशिया ओपन  
• योनेक्स ओपन जापान
• विक्टर कोरिया ओपन
वर्ष 2015 कीवर्ल्डसुपरसीरिजनिम्नस्थानोंपरप्रतियोगिताआयोजितहोनीहै
• योनेक्स डेनमार्क ओपन 
• योनेक्स इन्टरनेशनऑक्स फ़्रांस बेडमिंटन
• चाइना ओपन फ्यूजोहु
• योनेक्स सनराइज हांगकांग ओपन 
• दुबई बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड सरप्राइज फाइनल

एनजीटी ने यमुना नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए दिशा–निर्देश पारित किए

आने वाले त्योहारों के मद्देनजर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल–एनजीटी) ने 16 सितंबर 2015 को यमुना नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए दिशा–निर्देश पारित किए.

अपने निर्देश में एनजीटी अध्यक्ष न्यायाधीश स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता में पीठ ने यमुना नदी में प्राकृतिक तरीके से सड़नशील पदार्थों से बनी मूर्तियों के अलावा अन्य पदार्थों से बनी मूर्तियों के नदी में विसर्जन पर प्रतिबंध लगा दिया है. 
एनजीटीद्वारादिएगएमुख्यनिर्देश
• इसने प्लास्टिक या प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियों को नदी में विसर्जित करने पर प्रतिबंध जारी किया है जबकि प्राकृतिक तरीके से सड़न शील पदार्थों से बनी मूर्तियों का विसर्जन यमुना में किया जा सकेगा. 
• पर्यावरण के अनुकूल रंगों से सजी मूर्तियों को ही यमुना नदी में विसर्जित करने की अनुमति होगी. 
• मूर्ति विसर्जन के लिए निर्धारित स्थानों का पक्ष लेते हुए अधिकरण ने दिल्ली सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के सिंचाई विभाग को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के उपाध्यक्ष के साथ जल्द से जल्द बैठक करने और ऐसे स्थानों की पहचान करने का भी निर्देश जारी किया. 
• अधिकरण ने अधिकारियों को मूर्ति विसर्जन के लिए निर्धारित घाटों के बारे में लोगों को सूचित करने का भी निर्देश दिया. 
• अधिकरण ने दिल्ली सरकार समेत सभी सरकारी अधिकारियों को घाटों के पास मोबाइल शौचालयों या जैव– शौचालयों की व्यवस्था करने का भी आदेश दिया. 
• अधिकरण ने मशीनों द्वारा किसी भी प्रकार के वाणिज्यिक/ निर्माण गतिविधि न करने की, खासकर डीडीए को, चेतावनी दी. फूलों की खेती और वन– संवर्धन ( जंगलों के उत्थान के लिए) हेतु किए जाने वाले कार्यों को ही अनुमति दी गई है. 
• डीडीए को जैव विविधता पार्कों के तौर पर विकसित करीब 63.56 हेक्टेयर के नदी किनारों/ बाढ़ मैदानों के रख–रखाव को सुनिश्चित करने को कहा गया है.

नेपाल की संसद ने नए संविधान को मंजूरी दी

सात वर्षों के श्रमसाध्य प्रयासों और विचार–विमर्श के बाद नेपाल के संविधान सभा ने 16 सितंबर 2015 को नए संविधान को मंजूरी दे दी और संविधान मसौदा की प्रस्तावना का समर्थन किया. संविधान का अनुच्छेद 301 संविधान के शीर्षक और लागू होने की तिथि को परिभाषित करता है.

601 सदस्यों वाले विधानसभा में 507-25 मतों से पास होने वाला नया संविधान देश को सात संघीय प्रांतों में विभाजित करता है. 
नेपाली कांग्रेस, सीपीएन–यूएमएल और यूसीपीएन माओवादी के सांसदों ने संविधान के मसौदा का सर्मथन किया, हालांकि अल्पसंख्यक समूहों ने प्रातों के गठन, सीमाओं और आकार के आधार पर इसका विरोध किया. 
हिन्दू–समर्थक और राजशाही राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी नेपाल समर्थक करीब 25 सांसदों ने विधेयक के खिलाफ वोट डाला. 
अधिकांश मधेसी पार्टियां जिनकी कुल संख्या 60 है, ने छोटी विपक्षी पार्टियों समेत मतदान प्रक्रिया का बहिष्कार किया. 
सांसदों द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के बाद विधेयक नेपाल का नया चार्टर बन जाएगा और संविधान सभा के अध्यक्ष सुभाष नेमवांग इसकी पुष्टि करेंगे. इस काम के 20 सितंबर 2015 को किए जाने की संभावना है. 
इस पुष्टिकरण के बाद राष्ट्रपति राम बरन यादव जनता द्वारा निर्वाचित संप्रभु देश के माध्यम से नए संविधान के लागू होने की घोषणा करेंगे.

नेपाल की संसद ने नए संविधान को मंजूरी दी

सात वर्षों के श्रमसाध्य प्रयासों और विचार–विमर्श के बाद नेपाल के संविधान सभा ने 16 सितंबर 2015 को नए संविधान को मंजूरी दे दी और संविधान मसौदा की प्रस्तावना का समर्थन किया. संविधान का अनुच्छेद 301 संविधान के शीर्षक और लागू होने की तिथि को परिभाषित करता है.

601 सदस्यों वाले विधानसभा में 507-25 मतों से पास होने वाला नया संविधान देश को सात संघीय प्रांतों में विभाजित करता है. 
नेपाली कांग्रेस, सीपीएन–यूएमएल और यूसीपीएन माओवादी के सांसदों ने संविधान के मसौदा का सर्मथन किया, हालांकि अल्पसंख्यक समूहों ने प्रातों के गठन, सीमाओं और आकार के आधार पर इसका विरोध किया. 
हिन्दू–समर्थक और राजशाही राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी नेपाल समर्थक करीब 25 सांसदों ने विधेयक के खिलाफ वोट डाला. 
अधिकांश मधेसी पार्टियां जिनकी कुल संख्या 60 है, ने छोटी विपक्षी पार्टियों समेत मतदान प्रक्रिया का बहिष्कार किया. 
सांसदों द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के बाद विधेयक नेपाल का नया चार्टर बन जाएगा और संविधान सभा के अध्यक्ष सुभाष नेमवांग इसकी पुष्टि करेंगे. इस काम के 20 सितंबर 2015 को किए जाने की संभावना है. 
इस पुष्टिकरण के बाद राष्ट्रपति राम बरन यादव जनता द्वारा निर्वाचित संप्रभु देश के माध्यम से नए संविधान के लागू होने की घोषणा करेंगे.

जापान के डाइट ने सैन्य उपयोग के लिए सेल्फ डिफेंस फोर्सेज की विदेश नियुक्ति पर प्रतिबंध हटाया

जापानी संसद द डाइट ने 18 सितंबर 2015 को दो सुरक्षा बिल पारित किए जो सैन्य उपयोग के लिए सेल्फ डिफेंस फोर्सेज की विदेशों में तैनाती की अनुमति देते हैं.
अशस्त्रीकरण बिल (remilitarization bills) को ऐतिहासिक कहा जा सकता है क्योंकि ये जापान को 70 वर्षों के बाद सैन्य समर्थक के तौर पर सक्रिए होने की अनुमति देते हैं.

जापान के संविधान के अनुच्छेद 9 शासन रूपरेखा में शांतिवाद का सिद्धांत है. 
1945 का संविधान अमेरिका द्वारा प्रायोजित था और ऐसा द्वितीय विश्व युद्ध में पराजित जापान की युद्धोत्तेजक प्रवृत्तियों को कम करने के उद्देश्य से किया गया था.
सुरक्षाबिलोंकीविशेषताएं
इनमें से एक मौजूदा 10 नियम सुरक्षा संबंधित कानूनों में विभिन्न एसडीएफ प्रतिबंधों को हटाने हेतु संशोधित करता है. इसमें अनुच्छेद 9 के काफी समय से चले आ रहे आत्म रक्षा पर लगा सामूहिक प्रतिबंध भी शामिल है. हालांकि, इसने अनुच्छेद के अर्थ को संशोधित किया गया है इसके मूल पाठ को नहीं. 
• इसमें एक नया स्थायी कानून बनाया गया है जो जापान को संयुक्त राष्ट्र–प्राधिकृत सैन्य संचालनों जिसमें विदेशी या बहुराष्ट्रीय सैन्यबल हों, के लिए रसद समर्थन हेतु एसडीएफ को विदेशों में तैनात करने की अनुमति देता है. 
• सैन्य बलों की तैनाती तीन शर्तों के अधीन है, ये शर्तें हैं
–जापान और करीबी सहयोगी पर हमाला किया गया हो/ जापान के अस्तित्व पर खतरा हो 
हमले के अलावा कोई अन्य उपाय न बचा हो 
सैन्य बलों का न्यूनतम उपयोग हो 

जापानकेसंविधानकाअनुच्छेद 9
युद्ध का त्याग- न्याय और व्यवस्था पर आधारित अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए ईमानदार इच्छा के साथ, जापान के लोग हमेशा के लिए युद्ध का त्याग करते हैं, संप्रभुता राष्ट्र का अधिकार है और वे सैन्य बलों का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय विवादों को निपटाने के लिए करते हैं. 
पिछले पैराग्राफ के उद्देश्य को पूरा करने के क्रम में थल, जल और वायु सेना के साथ– साथ अन्य युद्ध क्षमताएं, को कभी बनाए रखा नहीं जाएगा. राज्य की युद्धप्रियता के अधिकार को मान्यता नहीं दी जाएगी.

टिप्पणीजापान के रुख में इस बदलाव को एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति और मुखरता की रौशनी में देखा जाना चाहिए. जापान के शांतिवादी संविधान की वर्तमान व्याख्या के तहत, जापान के सशस्त्र बलों को मित्रों या सहयोगियों की तरफ से तब तक लड़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती जब तक कि जापानियों पर हमला न हो. इसलिए इसने जापान को सामूहिक आत्मरक्षा में शामिल होने से रोका है. 
वर्तमान में जापान के पास सिर्फ आत्म रक्षा बल (एसडीएफ) है जो भारत के अर्धसैनिक बलों के समान है और उन्हें विदेशों में सिर्फ मानवीय उद्देश्यों के लिए ही तैनात किया जा सकता है.
अशस्त्रीकरण बिल (remilitarization bills ) शिंजो अबे सरकार को उत्तर कोरिया और चीन के खिलाफ दक्षिण कोरिया और अमेरिका के साथ सामूहिक आत्म रक्षा गठबंधनों के लिए पर्याप्त युद्ध सामग्री प्रदान करेगा. 
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार 2011 डॉलर के संदर्भ में 13 फीसदी की बढ़त साथ दो दशकों में पिछले वर्ष से सैन्य खर्च करने वाले देशों में जापान, ब्रिटेन के बाद, नौंवे स्थान पर बना हुआ है. 
इसके विपरीत चीन का रक्षा खर्च पांच गुना बढ़ा है जिसकी वजह से वह सातवें से दूसरे स्थान पर आ गया है.

श्रीलंका पर मानवाधिकार जांच की संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त की रिपोर्ट जारी

16 सितंबर 2015 को जेनेवा, स्विट्जरलैंड में श्रीलंका पर मानवाधिकार जांच (ओआईएसएल) की संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त की रिपोर्ट जारी कर दी गई. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त ने ओआईएसएल की नियुक्ति 2014 में की थी.
ओआईएसएल ने 2002 और 2011 के बीच श्रीलंका में चले गृह युद्ध के अंतिम चरण की जांच की और कहा कि युद्ध संबंधित अपराध और मानवता विरोधी अपराध दोनों ही पक्षों–श्रीलंकाई सुरक्षा एजेंसियों और लिबरेशन टाइगर्स तमिल ईलम (एलटीटीई), के द्वारा किए गए.

पीड़ितों को न्याय देने के लिए, रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय न्यायाधीशों, वकीलों, अभियोग पक्ष के वकीलों और जांचकर्ताओं द्वारा हाइब्रिड विशेष अदालत के गठन की सिफारिश की गई है.
रिपोर्टमेंदर्जकिएगएगंभीरअपराधोंमेंसेकुछहैं
गैरकानूनीहत्याएंदोनों ही पक्षों के साथ–साथ सुरक्षा बलों से संबंधित संसदीय समूहों ने किए. श्रीलंकाई सुरक्षा बलों और संबंधित अद्धसैनिक बलों द्वारा कथित रूप से प्रताड़ित किए जाने वालों में शामिल हैं तमिल राजनीतिज्ञ, मानवाधिकार कार्यकर्ता, पत्रकार और आम जनता. 
लिट्टे पर भी तमिल, मुसलमान और सिंहली नागरिकों को आत्मघाती बम विस्फोटों और सुरंग से किए गए हमलों के जरिए  मार डालने का आरोप रिपोर्ट में लगाया गया है. इसके अलावा लिट्टे पर सरकारी अधिकारियों, शिक्षाविद् और तमिल राजनीति के असहमत नेताओं समेत अन्य लोगों की हत्या करने का भी आरोप है.
यौनऔरलिंगआधारितहिंसा- श्रीलंकाई सुरक्षा बलों द्वारा अक्सर बेहद क्रूरता के साथ यौन हिंसा  बंदियों पर किया जाता था. इसमें पुरुष और महिलाएं समान रूप से प्रताड़ित किए जाते थे और सैन्य बलों से संबंधित एक भी यौन हिंसा अपराधी को अब तक दोषी करार नहीं दिया गया है. 
बलपूर्वकगुमशुदगीः26–वर्षों के सैन्य संघर्ष के दौरान दशकों तक हजारों श्रीलंकाई इससे प्रभावित रहे. युद्ध के आखिरी चरण के दौरान बड़ी संख्या में आत्मसमर्पण करने वाले लोग गायब हो गए और आज भी उनका कोई पता नहीं चल पाया है. संघर्ष से सीधे तौर पर नहीं जुड़ने वाले कई अन्य लोग भी गायब हो गए, आमतौर पर 'ह्वाइट वैन' में अपहरण होने के बाद. 
अत्याचारऔरक्रूरअमानवीययाअपमानजनकव्यवहारकेअन्यरूपःदशक भर में श्रीलंकाई सुरक्षा बलों द्वारा दी जाने वाली यातना के बारे में सभी को पता था और अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले केंद्रों में ऐसे कमरे थे जहां यातना के लिए उपकरण रखे थे जो यातना के इस्तेमाल की पूर्वचिन्तित और व्यवस्थित प्रकृति को दर्शाता है. 
बच्चों की भर्ती और शत्रुता में उनका इस्तेमाल, साथ ही व्यस्कों का अपहरण और जबरन बहालीः लिट्टे और अर्धसैन्य करुणा समूह जिसने 2004 में लिट्टे से अलग होने के बाद सरकार का समर्थन किया, द्वारा सैन्य संघर्ष में बच्चों की बड़े पैमाने पर भर्ती और इस्तेमाल के सबूत मिले हैं. बच्चों को अक्सर घरों, स्कूलों, मंदिरों और नाका चौकियों से बल पूर्वक उठाकर ले जाया जाता था और बुनियादी प्रशिक्षण के बाद उन्हें लड़ने के लिए भेज दिया जाता था. 
नागरिकोंऔरनागरिकोंकीसंपत्तिपरहमला-सरकार द्वारा घोषित 'नो फायर जोन्स' तथा लिट्टे के नियंत्रण वाले इलाकों के घनी आबादी वाले क्षेत्र के अस्पतालों और मानवीय सुविधाओं पर सरकारी बलों द्वारा बार–बार हमले किए गए.
मानवीयसहायतालेनेसेइनकार-युद्ध के तरीके के तौर पर नागरिकों को भूखमरी के लिए विवश करने हेतु सरकार ने उत्तरी प्रांत में वन्नी में पर्याप्त खाद्य और चिकित्सा सहायता को जानबूझ कर बंद किया था. 
शिविरों में आंतरिक विस्थापितों (आईडीपी) के रहने के दौरान उल्लंघन- करीब 300000 आईडीपी को कैंपों में अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत स्वीकार्य स्वतंत्रता से वंचित रहना पड़ा.

सेबेस्टियन वेट्टल ने सिंगापुर ग्रां प्री 2015 फार्मूला वन का ख़िताब जीता

जर्मनी के फेरारी ड्राइवर सेबेस्टियन वेट्टल ने 20 सितंबर, 2015 को सिंगापुर ग्रां प्री 2015 फार्मूला वन का  ख़िताब जीत लिया. इस प्रतियोगिता में ऑस्ट्रेलिया के डैनियल रिकार्डो दूसरे स्थान पर रहें. इस प्रतियोगिता का आयोजन एशिया के प्रथम स्ट्रीट सर्किट मरीना बे स्ट्रीट सर्किट पर किया गया था

इस रेस के शीर्ष पांच विजेता फेरारी, रेड बुल, मर्सिडीज, विलियम्स और टोरो रोसो थे.
वेट्टल की यह चौथी जीत थी. इसके अतिरिक्त वे 2011, 2012 और 2013 में भी इस प्रतियोगिता का ख़िताब जित चुके हैं. 2015 में ग्रांड प्रिक्स 2015 प्रतियोगिता के अंतर्गत यह उनकी तीसरी जीत थी. इससे पूर्व वे मलेशियाई ग्रांड प्रिक्स 2015 और हंगरी ग्रां प्री 2015 का ख़िताब भी जीत चुके हैं.
सिंगापुरग्रांप्री 2015 कीवरीयतासूची

स्थान

खिलाड़ी

टीम

1

सेबेस्टियन वेट्टल

फेरारी

2

डैनियल रिकार्डो

रेड बुल

3

किमि राइकोनेन

फेरारी

4

निको रोसबर्ग

मर्सिडीज

5

वैल्त्री बोटाज

विलियम्स

6

डैनिज क्वायत

lरेड बुल

7

सर्जियो पेरेज

फोर्स इंडिया

8

मैक्सवर्स टेप्पन

टोरो रोसो

9

कार्लोस सेंज जूनियर

टोरो रोसो

10

फेलिप नस्र

सौबर

22 septs

द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत और लाओस ने समझौता किया

18 सितंबर 2015 को भारत और लाओस ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इन समझौतों पर भारतीय उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और लाओस के राष्ट्रपति लाओ चौम्मालय सायासोन ने वियनतियाने स्थित राष्ट्रपति भवन में हस्ताक्षर किए. 
समझौतों में दोनों देशों के बीच सीधी विमान सेवा शुरु करने के लिए वायु सेवा समझौता भी शामिल है. दूसरा समझौता कृषि क्षेत्र में तीन त्वरित प्रभाव परियोजनाओं ( मेकॉन्ग– गंगा सहयोग कार्यक्रम के तहत) के लिए है.

बैठक के दौरान लाओ के सिंचाई विभाग के महानिदेशक मेकोन्ह पोनेफोम्मावोंग ने WAPCOS लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर के गुप्ता को कार्य पूरा होने और चम्पास्साक सिंचाई परियोजना का प्रमाणपत्र दिया. 
भारत– लाओसद्विपक्षीयसंबंध
भारत के लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक (पीडीआर) के साथ काफी लंबे समय से मैत्रीपूर्ण और आपसी समर्थक संबंध रहे हैं. भारत सरकार  और लाओ सरकार के बीच राजनयिक संबंध फरवरी 1956 में शुरु किए गए थे. 
भारत और लाओ पीडीआर के बीच बेहतरीन राजनीतिक संबंध हैं. इस कारण लाओ पीडीआर प्रमुख क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भारत का समर्थक रहा है. साल 2010 में लाओ ने 2011– 2013 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया था. 
पिछले कुछ वर्षों में लाओ पीडीआर और भारत ने कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. ये समझौते विज्ञान, प्रौद्योगिकी, आर्थिक सहयोग और व्यापार के साथ– साथ रक्षा और दूतावास संबंधी मामलों में किए गए और इन्होंने द्विपक्षीय सहयोग के लिए अनिवार्य रूपरेखा तैयार की.

सीवीआरडीई के निदेशक पी शिव कुमार विशिष्ट वैज्ञानिक पद से सम्मानित

19 सितंबर 2015 को केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने CVRDE के निदेशक पी शिव कुमार की पदोन्नति कर उन्हें विशिष्ट वैज्ञानिक या साइंटिस्ट H (वैज्ञानिक एच) बना दिया. भारत में किसी वैज्ञानिक को दिया जाने वाला यह सर्वोच्च सम्मान है. 
CVRDE का अर्थ है संग्राम वाहन अनुसंधान तथा विकास संस्थापन (Combat Vehicles Research and Development Establishment ). यह तमिलनाडु के अवाडी में स्थित है. 
शिवकुमार को  यह पदोन्नति रक्षा युद्ध वाहन प्रणाली और उप-प्रणालियों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनके समर्पण और परिश्रम के लिए दी गई है.

पीशिवकुमारकीउपलब्धियां

वे अर्जुन MBT मार्क–II, कैरियर कमांड पोस्ट ट्रैक्ड वाहन, मानवरहित जमीन वाहनों समेत कई उत्पादों के विकास में शामिल थे.


उन्होंने ट्रैक्ड एवं ह्वील्ड वेहिकल एप्लीकेशन के लिए ट्रांसमिशन प्रणालियों के डिजाइन और विकास में दो दशकों से अधिक समय तक काम किया है.

उन्होंने अर्जुन MBT के तैनाती के फैसले में टी–90 के साथ तुलनात्मक परीक्षणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

मार्च 2010 से CVRDE के निदेशक के तौर पर वे भारतीय सशस्त्र बलों के लिए महत्वपूर्ण प्रणालियों के विकास में सहयोगी रहे हैं.

अर्जुन MBT परियोजना प्रबंधन में उनके सक्रिय  भूमिका के लिए उन्हें डीआरडीओ का साइंटिस्ट ऑफ द ईयर अवार्ड 2010 से सम्मानित किया गया था.

वे कई पेशेवर संस्थानों के सदस्य हैं. इनमें प्रमुख हैं–अमेरिकन गियर मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (AGMA), अमेरिकन सोसायटी ऑफ मेटल्स ( ASM) और इंस्टीट्यूशंस ऑफ इंजीनियर्स, इंडिया.

संयुक्त राष्ट्र ब्रॉडबैंड आयोग ने स्टेट ब्रॉडबैंड रिपोर्ट 2015 जारी की

संयुक्त राष्ट्र ब्रॉडबैंड आयोग ने 21 सितंबर  2015 को स्टेट ब्रॉडबैंड रिपोर्ट 2015 जारी की. रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक ब्रॉडबैंड विकास तेजी से नीचे गिर रहा है, वर्तमान में 4 अरब लोग अभी भी ऑफ़लाइन हैं. 
रिपोर्ट के अनुसार विश्व के लगभग 57 प्रतिशत लोग वर्तमान में इन्टरनेट नहीं उपयोग कर रहे हैं और इंटरनेट द्वारा प्रदान की जा रही एसी सेवाओं से वंचित हैं जो आर्थिक और सामाजिक लाभ पहुँचाने वाली है. 
इस वर्ष यह ब्रॉडबैंड रिपोर्ट का चौथा संस्करण है. 
रिपोर्टकीमुख्यविशेषताएं
• रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014 के 2.9 मिलियन लोगों की तुलना में 3.2 बिलियन लोग इस वर्ष इन्टरनेट से जुड़े हुए हैं. यह 3.2 बिलियन लोग विश्व की 43 प्रतिशत की जनसंख्या का प्रतिनधित्व करते हैं. 
• इंटरनेट का उपयोग विकसित देशों में संतृप्ति स्तर पर पहुंच गया है, जबकी विकासशील देशों में सिर्फ 35 प्रतिशत लोगों की पहुँच ही इन्टरनेट तक है.
• रिपोर्ट के अनुसार 48 अल्प विकसित देशों में 90 प्रतिशत लोग इन्टरनेट की पहुँच से बाहर हैं.
• घर में इंटरनेट की पहुंच के मामले में सबसे अधिक देशों की संख्या एशिया या मध्य पूर्व में है.
• घरेलू ब्रॉडबैंड के सबसे ज्यादा कनेक्शन, कोरिया गणराज्य में है. 
• इस रैंक में क़तर दूसरे और सऊदी अरब तीसरे स्थान पर है.  
• व्यकितगत तौर पर सबसे ज्यादा इन्टरनेट आइलैंड में उपयोग किया जाता है. 
• मोनाको का स्थान स्विट्जरलैंड से ऊपर है. मोनाको की 46.8 प्रतिशत जनसंख्या की इन्टरनेट तक पहुच है और स्विट्जरलैंड की 46 प्रतिशत जनसंख्या के पास ब्रॉडबैंड कनेक्शन है.
• छह देश ऐसे हैं जहां फिक्स्ड ब्रॉडबैंड 40 प्रतिशत से ज्यादा है. यह छह देश हैं - मोनाको, स्विट्जरलैंड, डेनमार्क, नीदरलैंड, लिचेंस्टीन और फ्रांस.
• वर्तमान में कुल 79 देश ऐसे हैं जहां 50 प्रतिशत जनसंख्या ब्रॉडबैंड का उपयोग कर रही हैं.
• इंटरनेट उपयोग के मामले में शीर्ष दस देश यूरोप में स्थित है.
• इंटरनेट के उपयोग का निम्नतम स्तर उप-सहारा अफ्रीका क्षेत्र के देशों में है. गिनी (1.7%), सोमालिया (1.6%), बुरुंडी (1.4%), तिमोर लेस्ते (1.1%) और इरिट्रिया (1.0) लोग इन्टरनेट से जुड़े हैं


स्टेटब्रॉडबैंडरिपोर्टकेबारेमें

• यह रिपोर्ट प्रत्येक वर्ष ब्रॉडबैंड आयोग द्वारा निकाली जाती है. 
• इस रिपोर्ट के अंतर्गत विश्व के विभिन्न देशों की इन्टरनेट तक पहुँच का विश्लेषण किया जाता है. 
• यह रिपोर्ट प्रत्येक वर्ष सितम्बर माह में न्यूयॉर्क जारी की जाती है. 
संयुक्तराष्ट्रब्रॉडबैंडआयोगकेबारेमें
• यह आयोग संयुक्त रूप से अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ और यूनेस्को द्वारा मई 2010 में स्थापित किया गया.
• आयोग का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय नीति के एजेंडे पर ब्रॉडबैंड के महत्व का प्रचार करना है.
• इस आयोग में एक उच्चस्तरीय समुदाय, कई कम्पनियों के सीईओ और उद्योग जगत के लोग , सरकार के प्रतिनिधि और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियान शामिल हैं.

बीईएल-गाजियाबाद में ईएमआई-ईएमसी और एनएफटीआर परीक्षण सुविधाओं का उद्घाटन

21 सितंबर 2015 को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल)गाजियाबाद में इलक्ट्रो–मैग्नेटिक इंटरफेरेंस (ईएमआई)–इलेक्ट्रो–मैग्नेटिक कॉम्पैटिबिलिटी (ईएमसी) परीक्षण सुविधा और नीयर फील्ड टेस्ट रेंज (एनएफटीआर) सुविधाओं का उद्घाटन किया गया.

इनका उद्घाटन स्टाफ समिति के अध्यक्ष (सीओएससी) अनूप राहा ने किया. वर्तमान में वे एयर चीफ मार्शल और चीफ ऑफ द एयर स्टाफ (सीएएस) भी हैं.

ये परीक्षण सुविधाएं युद्ध क्षेत्र में सघन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक (विद्युतचुंबकीय) क्षेत्र में संचालन की क्षमता के साथ बेहतरीन प्रदर्शन और विश्वसनीयता वाले उत्पादों को विकसित करने और उनके निर्माण में मदद करेंगीं.

इसके अलावा ये बीईएल के प्रमुख अनुसंधान एवं विकास और देश में सैन्य बलों के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिस्टमजैसेमहत्वपूर्णक्षेत्रमेंउत्कृष्टनिर्माणकेंद्रमेंपरिवर्तितहोनेकाभीहिस्साहैं.

भारतइलेक्ट्रॉनिक्सलिमिटेडकेबारेमें

  • यह रडार, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, सैन्य संचार प्रणालियों, हथियार प्रणालियों, सी4आई प्रणालियों, आश्रय, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स आदि क्षेत्र में अनेक प्रकार के उत्पाद बनाता है.
  • इसकी स्थापना 1954 में बैंगलोर में रक्षा मंत्रालय के अधीन की गई थी.
  • बीईएल (गाजियाबाद)-जमीनी रडारों, एंटीना प्रणालियों और कमान एवं नियंत्रण प्रणालियों के डिजाइन, विकास, विनिर्माण एवं उत्पादन में माहिर है.

भारतइलेक्ट्रॉनिक्सलिमिटेडकेबारेमें

  • यह रडार, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, सैन्य संचार प्रणालियों, हथियार प्रणालियों, सी4आई प्रणालियों, आश्रय, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स आदि क्षेत्र में अनेक प्रकार के उत्पाद बनाता है.
  • इसकी स्थापना 1954 में बैंगलोर में रक्षा मंत्रालय के अधीन की गई थी.
  • बीईएल (गाजियाबाद)-जमीनी रडारों, एंटीना प्रणालियों और कमान एवं नियंत्रण प्रणालियों के डिजाइन, विकास, विनिर्माण एवं उत्पादन में माहिर है.

ब्रिटिश लेखक जैकी कॉलिन्स का निधन

इंग्लैंड में जन्मीं प्रसिद्ध लेखक जैकी कॉलिन्स का 19 सितम्बर 2015 को स्तन कैंसर के कारण लॉस एंजलिस में निधन हो गया. वे 77 वर्ष की थीं.
वे हॉलीवुड में ग्लैमर से भरपूर जीवन पर लिखे गये जीवंत उपन्यास के कारण प्रसिद्ध थीं. उन्होंने 300 से अधिक पुस्तकें लिखीं. उनकी अधिकतर रचनाएं स्पष्टवादिता, कामुकता एवं खुलेपन पर आधारित हैं. उनकी रचनाओं की 500 मिलियन से अधिक प्रतियां विश्व भर में बिक चुकी हैं.
उनका पहला उपन्यास ‘द वर्ल्ड इस फुल ऑफ़ मैरिड मेन’ वर्ष 1968 में प्रकाशित हुआ था. ऑस्ट्रेलिया एवं दक्षिण अफ्रीका ने इस उपन्यास को विवाहेतर संबंधों पर विस्तार से जिक्र होने के कारण प्रतिबंधित कर दिया था. इससे पहले उन्होंने वर्ष 1969 में ‘द स्टड’ तथा वर्ष 1988 में ‘रॉक स्टार’ उपन्यास लिखे थे.


उनके द्वारा लिखित कई रचनाओं पर टीवी धारावाहिक तथा फिल्में बन चुकी हैं. वर्ष 2001 में, उनके द्वारा प्रकाशित ‘हॉलीवुड वाइव्स : द न्यू जनरेशन’ पर फिल्म भी बनाई गयी. इसमें फराह फौसेट, रोबिन गिवेंस, जैक स्कालिया तथा मेलिसा गिल्बर्ट मुख्य भूमिकाओं में थे.
उनका अंतिम उपन्यास ‘द संताजेलोस’ जून 2015 में प्रकाशित हुआ.

नेपाल ने गाय को अपना राष्ट्रीय पशु घोषित किया

नेपाल के नए धर्मनिरपेक्ष संविधान के अनुसार 20 सितंबर 2015 को गाय को नेपाल का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है. नेपाल के इस नए संविधान का राष्ट्रपति राम बरन यादव द्वारा काठमांडू स्थित संसद में उद्घाटन किया गया.
हिन्दू धर्म में गाय को पवित्र पशु माना जाता है तथा हिन्दू राष्ट्र होने के कारण नेपाल सरकार ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया. इससे गाय को क़ानून द्वारा संरक्षण प्रदान किया जायेगा तथा देश में गौवध पर भी पूर्णतया रोक लगा दी गयी है.

नेपाल ने 20 सितंबर 2015 को राष्ट्रपति राम बरन यादव द्वारा घोषणा के उपरांत पहला लोकतांत्रिक संविधान अपनाया. संविधान की धारणा, इसका विकास तथा इसे प्रतिनिधि संविधान सभा द्वारा अपनाया गया.

रिची रिचर्डसन आईसीसी मैच रेफरी के एलिट पैनल में नियुक्त

अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् (आईसीसी) ने 21 सितंबर 2015 को भूतपूर्व वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट कप्तान रिची रिचर्डसन को आईसीसी मैच रेफरी के एलिट पैनल में नियुक्त किया. 
वे श्री लंका के रोशन महानामा का स्थान लेंगे जिन्होंने सितंबर 2015 के तीसरे सप्ताह में पद से त्यागपत्र दे दिया था.
वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के मैनेजर के रूप में अपने वर्तमान कार्यभार के अंत में रिचर्डसन द्वारा नया उत्तरदायित्व संभालने की उम्मीद है.
उन्होंने सिडनी में 3 जनवरी 2016 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गये मैच में अंतिम बार मैनेजर की भूमिका निभाई थी.

आईसीसीमैचरेफरीकेएलिटपैनलकीसूची

डेविड बून (ऑस्ट्रेलिया)
क्रिस ब्रॉड (इंग्लैंड)
जेफ़ क्रो (न्यूज़ीलैण्ड)
रंजन मदुगले (श्री लंका)
एंडी पेक्रॉफ्ट (ज़िम्बाब्वे)
रिची रिचर्डसन (वेस्ट इंडीज़)
जवागल श्रीनाथ (भारत)
रिचीरिचर्डसनकीउपलब्धियां
•    उन्होंने 86 टेस्ट मैचों में वेस्ट इंडीज़ का प्रतिनिधत्व करते हुए 5949 रन बनाये.
•    उन्होंने 224 अन्तरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैचों में 6248 रन बनाये.
•    उन्होंने 24 टेस्ट एवं 87 एकदिवसीय अन्तरराष्ट्रीय मैचों में कप्तानी की.
•    उन्होंने वर्ष 1987, 1992 एवं 1996 में आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप खेला.
•    वे वर्ष 2011 से वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट टीम के मैनेजर हैं.

विक्रम पावा, हार्ले-डेविडसन भारत के नए प्रबंध निदेशक नियुक्त

अमेरिकी मोटर साइकिल निर्माता कम्पनी हार्ले-डेविडसन ने 21 सितम्बर 2015 को विक्रम पावा को हार्ले-डेविडसन भारत का नया प्रबंध निदेशक नियुक्त किया है. 
विक्रम पावा, अनूप प्रकाश का स्थान लेंगे. अनूप प्रकाश को हार्ले-डेविडसन कनाडा का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया है.
विक्रम भारत में कंपनी की उपस्थिति का विस्तार करने, देश में डीलर नेटवर्क का प्रबंधन करने , विपणन, सेवा और संचालन गतिविधियों की देखरेख करने के लिए जिम्मेदार हार्ले डेविडसन भारत की टीम के नेतृत्व का प्रबंधन करेग
विक्रमपावाकेबारेमें

• पावा को 24 से अधिक वर्षों का अनुभव है जिसमें से 21 वर्ष का अनुभव होंडा के साथ भारत और ऑस्ट्रेलिया में हैं.
• इससे पूर्व वह होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड के उपाध्यक्ष और सेल्स प्रमुख भी रहे हैं.
• विक्रम उषा ब्रांड के पंखे और सिलाई मशीन निर्माता कम्पनी जे इंजीनियरिंग लिमटेड के साथ भी कार्य कर चुके हैं.
हार्ले-डेविडसनकेबारेमें

• हार्ले-डेविडसन  जिसे संक्षिप्त में अक्सर हार्ले कहते हैं, एक अमेरिकी मोटरसाइकिल निर्माता है. इसकी स्थापना वर्ष 1903 में हुई थी. 
• यह 20 वीं सदी के पहले दशक के दौरान मिलवॉकी, विस्कॉन्सिन में स्थापित की गई. यह कम्पनी का मुख्यालय भी है. 
• वर्तमान में इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी केथ ऐ वेन्डेल है.
• इस कम्पनी को संयुक्त रूप से विलियम एस हार्ले, आर्थर डेविडसन, वाल्टर डेविडसन और विलियम ए डेविडसन ने स्थापित किया था.

प्रख्यात गीतकार निजाम का निधन

उड़िया के मशहूर गीतकार निजाम का 21 सितम्बर 2015 को कटक, भुवनेश्वर में निधन हो गया. वह 62 वर्ष के थे.
निजाम ने अपने कॅरियर की शुरूआत वर्ष 1977 में ‘अनुताप’ फिल्म में गीत लिख कर की और वह वर्ष 2009 से बीमार चल रहे थे.

इसी वर्ष हैदराबाद में उनकी किडनी का प्रतिरोपण हुआ.  उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो में एक कलाकार के रूप मेंभी अपनी सेवा दी. 
उन्होंने अपने जीवन में लगभग 5000 से अधिक गीतों को लिखा. 
निज़ाम एक जाने-माने खिलाड़ी भी रहे थे उन्होंने अपने युवा दिनों में फुटबॉल खेला और राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का प्रतिनिधित्व किया था.

सानिया मिर्जा और अजिंक्य रहाणे को भारतीय क्रिकेट क्लब की आजीवन सदस्यता

भारत की प्रमुख टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा और क्रिकेटर अजिंक्य रहाणे को सितंबर 2015 के तीसरे सप्ताह में क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया (सीसीआई) के आजीवन सदस्यता  से सम्मानित किया गया.

क्लब के सदस्य के तौर पर अब इन दोनों सदस्यों को भी अपने जीवनसाथी के साथ इसकी सुविधाओं का इस्तेमाल करने की अनुमति होगी.

सीसीआई की सदस्यता एक प्रतिष्ठित सम्मान है जिसे नियमित रूप से खिलाड़ियों और प्रमुख व्यक्तित्वों को उनके संबंधित क्षेत्र में योगदान को मान्यता प्रदान करने के लिए दिया जाता है.

सीसीआईकेबारेमें
• 8 नवंबर 1933 को स्थापित यह एक निजी क्लब है. इसका उद्देश्य देश में क्रिकेट और अन्य खेलों को बढ़ावा देना है. 
• खेलों खासकर क्रिकेट के क्षेत्र में इसके योगदानों ने इसे न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के इतिहास में एक अनूठा स्थान दिलाया है. 
• यह मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम, जिसका निर्माण बॉम्बे के तत्कालीन गवर्नर लॉर्ड ब्रेबोर्न द्वारा दी गई जमीन पर किया गया था, में स्थापित है. 
• इसकी सदस्यता सूची में भारतीय और अंतरराष्ट्रीय खेल जगत की हस्तियां शामिल हैं, उनमें से कुछ हैं– माइकल फरेरा (बिलियर्ड्स), गीत सेठी (बिलियर्ड्स), सुनील गावस्कर, मुरलीधरण और एम एस धौनी. 
• क्लब ने गैर–खिलाड़ी व्यक्तित्वों जैसे– जॉन मेजर ( यूके के भूतपूर्व प्रधानमंत्री), लता मंगेशकर, दिलिप कुमार, आर के लक्ष्मण, एम जे अकबर औऱ मुकेश अंबानी को भी इसकी सदस्या से सम्मानित किया है.

जम्मू और कश्मीर सरकार ने राज्य में अंबुजा सीमेंट की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया

19 सितंबर 2015 को जम्मू और कश्मीर सरकार ने राज्य में अंबुजा सीमेंट की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया. कंपनी के खिलाफ कदाचार की शिकायतें आ रही थीं. प्रारम्भिक पूछताछ में पता चला कि कंपनी ने प्रदेश में दो अलग– अलग एमआरपी पर सीमेंट की बोरियों की बिक्री की थी.

जांच में पाया गया कि कंपनी ने कश्मीर में 346.65 रुपये प्रति बोरी के हिसाब जबकि जम्मू में 437.69 रुपये प्रति बोरी के हिसाब से सीमेंट की बोरी की बिक्री कर रही थी. इसके अलावा इन बोरियों में 400 ग्राम से 600 ग्राम प्रति बोरी वजन भी कम पाया गया.

लीगल मेट्रोलॉजी विभाग को अंबुजा सीमेंट की बिक्री और स्टॉक पर लगे प्रतिबंध को सुनिश्चित करने का निर्देश जारी किया गया था.

अंबुजासीमेंटलिमिटेडकेबारेमें

अंबुजा सीमेंट लिमिटेड ( एसीएल) वैश्विक समूह होलसिम का एक हिस्सा है, इसे पहले गुजरात अंबुजा सीमेंट लिमिटेड के नाम से जाना जाता था. यह भारत की प्रमुख सीमेंट उत्पादक कंपनी में से एक है. कंपनी मुख्य रूप से घरेलू एवं निर्यात बाजार के लिए सीमेंट और क्लिंकर का उत्पादन और विपणन करती है.

केन्या के मारिको किपचुंबा ने 2015 बीजिंग इंटरनेशनल मैराथन जीता

20 सितंबर 2015 को केन्या के मारिको किपचुंबा ने 2015 बीजिंग इंटरनेशनल मैराथन जीत लिया. उन्होंने 42.195 किमी की दौड़ 2 घंटे 14 मिनट और 25 सेकेंड में पूरी की.

महिलाओं की प्रतिस्पर्धा में इथियोपिया की धावक बेथेलहम चेरेनेट ने  2 घंटे 27 मिनट और 31 सेकेंड में दौड़ पूरी कर खिताब पर कब्जा किया.

इस जीत के साथ इक्तालीस वर्षीय किपचुंबा साल 2011 के बाद इस प्रतियोगिता को जीतने वाले पहले गैर– इथियोपियाई खिलाड़ी बन गए. फ्रांसिस किप्रोप ने 2011 में यह प्रतियोगिता जीती थी.

बीजिंगइंटरनेशनलमैराथनकेबारेमें
• इस वार्षिक मैराथन दौड़ का आयोजन चीन की राजधानी बीजिंग में 1981 से होता आ रहा है. 
• यह त्यानआनमेन चौक से शुरु होता है और नेशनल ओलंपिक स्पोर्ट्स सेंटर स्टेडियम में खत्म होता है.
• प्रत्येक वर्ष, इसमें दुनिया के अलग– अलग देशों के करीब 5000 एथलीट हिस्सा लेते हैं. 
• पुरुषों के वर्ग में केन्या या इथियोपिया साल 2004 से विजेता रहे हैं.

राजस्थान विधानसभा द्वारा राजस्थान तंग करने वाली मुकदमेबाजी (निवारण) विधेयक-2015 पारित किया गया

राजस्थान विधानसभा द्वारा 21 सितंबर 2015 को ‘राजस्थान तंग करने वाली मुकदमेबाजी (निवारण) विधेयक-2015’ को ध्वनि मत से पारित किया गया. इस विधेयक का उद्देश्य निराधार याचिकाओं को अदालतों में लाने से रोकना तथा व्यक्तिगत लाभ के लिए हो रहे कानून के दुरूपयोग को जांचना है.


राजस्थान इस विधेयक को पारित करने वाला पांचवा राज्य बन गया. इससे पहले महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा तथा मध्य प्रदेश ऐसा विधेयक पारित कर चुके हैं. 
इस प्रकार की याचिकाएं एक पक्ष द्वारा दूसरे प्रतिद्वंदी पक्ष अथवा विरोधी को वश में करने एवं दुर्भावनापूर्वक कार्यों के कारण शुरू की जाने वाली कानूनी कार्यवाही मात्र होती है. इस विधेयक के अनुसार, इन याचिकाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है.
ऐसा करने से रोकने हेतु अदालतों द्वारा इन याचिकाकर्ताओं से भारी फीस ली गयी. यह याचिकाकर्ता आधारहीन याचिकाएं दायर कर के कानून का दुरूपयोग करते हैं तथा अपने निजी हितों को साधते हैं. इससे न केवल निर्दोष लोग परेशान होते हैं बल्कि पहले से बोझिल न्यायिक प्रणाली पर भी दबाव पड़ता है.


उपरोक्त के अतिरिक्त राजस्थान विधानसभा ने दो अन्य संशोधित विधेयक भी पारित किये.
कारागार (संशोधनविधेयक, 2015 : इसका उद्देश्य जेलों की दशा में सुधार, हिंसा तथा गैंगवॉर को समाप्त करना है. इसमें कैदी को जेल में लाये जाने पर कठोर निर्देशों की व्यवस्था की गयी है.
राजस्थानपुलिस (संशोधनविधेयक, 2015 : इस विधेयक के अनुसार यदि कोई व्यक्ति सड़क पर कोई बाधा पहुंचाता है अथवा किसी व्यक्ति अथवा संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो उस पर 500 रुपये जुर्माना लगाया जायेगा. व्यक्ति के दूसरी बार किसी प्रकार की बाधा पहुंचाए जाने पर 5000 रुपये जुर्माना लगाया जायेगा. तीसरी बार दोहराने पर 10,000 रुपये जुर्माना एवं आठ दिन कारावास की सज़ा का प्रावधान है.

भारतीय वुशु टीम ने अंतरराष्ट्रीय पार्स वुशु कप में 12 पदक जीते

भारतीय वुशु टीम ने ईरान के तेहरान में 21 सितंबर 2015 को संपन्न हुए पांचवें अंतरराष्ट्रीय पार्स वुशु कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए एक स्वर्ण सहित 12 पदक अर्जित किये.
18 से 21 सितंबर 2015 तक आयोजित प्रतियोगिता में भारतीय खिलाड़ियों ने एक स्वर्ण, चार रजत और सात कांस्य पदक जीते. इस अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में 18 देशों के 200 एथलीटों ने भाग लिया.
16 सदस्यीय भारतीय दल में 13 खिलाड़ियों के अतिरिक्त तीन कोच राजवीर सिंह, एस सुनील दत्ता सिंह तथा विजेन्दर सिंह भी शामिल थे.
इसके बाद 11 से 18 नवंबर 2015 के बीच जकार्ता में विश्व वुशु चैंपियनशिप आयोजित की जाएगी. वर्ष 2014 में ईरान के जेनजान में हुए पिछले विश्व कप के दौरान भारतीय दल ने दो स्वर्ण और तीन कांस्य पदक जीते थे


भारत की ओर से बुद्ध चंद्र सिंह ने 56 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता. मुकेश चौधरी (70 किग्रा), रजनी देवरी (75 किग्रा), अंजुल नामदेव (जिआंशू) और एम पुनिशिवा मेतेई (नानगुन) ने रजत पदक प्राप्त किये. 
सूर्य भानु प्रताप सिंह (60 किग्रा) राजेंद्र सिंह (80 किग्रा), सुमित फोगाट (90 किग्रा से अधिक), चिराग शर्मा (गुंशू), अंजुल नामदेव (कियांगशू), एम ज्ञानदास सिंह (तेजी कुआन) तथा एम ज्ञानदास सिंह (तेजियान) ने कांस्य पदक प्राप्त किये.

लेक्सिस सिप्रास नीत सीरिजा पार्टी ने ग्रीस में चुनाव जीता

20 सितंबर 2015 को ग्रीस के संसदीय आम चुनावों में लेक्सिस सिप्रास नीत सीरिजा पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी.

300 सीटों वाले संसद में  कुल वोट का 35 फीसदी हासिल कर उसने 144 सीटों पर जीत हासिल की. सीरिजा के इंडिपेंडेंट ग्रीक्स पार्टी के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाने की उम्मीद है. जनवरी 2015 में राष्ट्रीय सरकार में अपनी पहली सरकार बनाने के नौ माह के भीतर ही यह सीरिजा के लिए दूसरी चुनावी जीत है.

संसद में अगस्त 2015 में सीरिजा के बहुमत खोने के बाद चुनाव की घोषणा की गई थी.

इसके कुछ सदस्यों ने यूरोपीय संघ द्वारा प्रायोजित 86 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बेलआउट पैकेज का विरोध कर पार्टी से चले गए थे, इस पैकेज का सिप्रास ने समर्थन किया था. सीरिजा के लिए इस जीत से ग्रीस को वित्तीय संकट और सीरिया से आने वाले प्रवासियों की संख्या से निपटने का एक और मौका देने की उम्मीद है.

शेरिफ इस्माइल ने मिस्र के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली

19 सितंबर 2015 को शेरिफ इस्माइल ने मिस्र के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. उन्हें राष्ट्रपति अब्देल–फतह अल– सीसी ने शपथ दिलाई.

दिसंबर 2015 में होने वाले संसदीय चुनावों के बाद नई सरकार बनने तक इस्माइल के इस पद पर बने रहने की संभावना है.

निरंकुश होस्नी मुबारक को सत्ता से बेदखल करने के बाद साल 2011 के बाद देश में यह सातवीं राष्ट्रीय सरकार है.

इस्माइल ने इब्राहिम महलाब का स्थान लिया जिन्होंने सितंबर 2015 के दूसरे सप्ताह में भ्रष्टाचार के एक मामले में चल रही जांच की वजह से इस्तीफा दे दिया था.

संयोग से इस्माइल महलाब मंत्रिमंडल में पेट्रोलियम और खनिज संसाधन मंत्री थे.

उन्होंने मिस्र के प्राकृतिक गैस होल्डिंग कंपनी (ईजीएएस) के अध्यक्ष के तौर पर भी काम किया है.

मणिपाल यूनिवर्सिटी में शोधकर्ताओं ने चार नए आइसोटोप्स की खोज की

मणिपाल यूनिवर्सिटी, कर्नाटक के मणिपाल सेंटर ऑफ नेचुरल साइसेंस के शोधकर्ताओं ने जीएसआई, जर्मनी के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर चार नए आण्विक न्यूक्लियाई की खोज का दावा किया है, जिन्हें न्यूक्लाइड्स के चार्ट में जोड़ा जा सकता है.

यह दावा 2 सितंबर 2015 को फिजिक्स लेटर्स बी नाम की पत्रिका में प्रकाशित एक पेपर में किया गया था. यह पेपर मणिपाल यूनिवर्सिटी के मणिपाल सेंटर ऑफ नेचुरल साइसेंस के एच.एम. देवराज द्वारा प्रकाशित किया गया था.

सहयोगियों ने सुपर हेवी इलिमेंट्स के लिए संश्लेषण के नए तरीकों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया.

न्यूक्लियाई में बरकेलियम ( Bk, परमाणु सं. 97) और नेपट्यूनियम (Np, परमाणु सं. 93) के एक– एक आइसोटोप और दो आइसोटोप अमेरिसीयम ( Am, परमाणु सं. 95) के हैं.

शोधकर्ताओं ने न्यूक्लियाई को बनाने और उसकी पहचान हेतु नई, उच्च संवेदनशील पद्धति का उपयोग किया.

इसकीखोजकैसेहुईथी?

शोधकर्ताओं ने क्यूरियम की 300–नैनोमीटर मोटी बीम पर त्वरित कैल्शियम न्यूक्लियाई से गोली चलाई. टक्कर में दो तत्वों के परमाणु न्यूक्लियाई एक दूसरे के संपर्क में आए और बहुत कम समय के लिए एक संयुक्त प्रणाली का निर्माण किया. एक सेकेंड के sextillionth हिस्से में संयुक्त प्रणाली के फिर से अलग होने से पहले दो न्यूक्लियाई ने अपने प्रोटोन और न्यूट्रॉन की संख्या की अदला– बदली की. इस अदला– बदली के बाद उत्पाद के तौर पर भिन्न आइसोटोप्स का निर्माण हुआ

आइसोटोप्सकेबारेमें

आइसोटोप्स किसी खास रसायनिक तत्व के प्रकार होतें हैं जिसके न्यूक्लियाई में प्रोटॉन की संख्या तो समान होती है लेकिन न्यूट्रॉन की संख्या अलग– अलग होती है. इसलिए वे संबंधित परमाणु द्रव्यमान में अलग होते हैं लेकिन उनके रसायनिक गुण एक जैसे होते हैं.


नेपाल ने लोकतांत्रिक ढंग से बने पहले संविधान को अपनाया

20 सितंबर 2015 को नेपाल ने राष्ट्रपति राम बरन यादव द्वारा चार्टर की घोषणा के साथ लोकतांत्रिक ढंग से बने पहले संविधान को अपना लिया.

प्रतिनिधि संविधान सभा द्वारा  इसकी अवधारणा और विकास एवं अपनाए जाने की वजह से इसे लोकतांत्रिक ढंग से बना संविधान कहा जा रहा है.

संविधान के अपनाए जाने की इस घटना को ऐतिहासिक माना जा रहा है क्योंकि ऐसा करने के साथ ही नेपाल में संविधान की प्रकृति के बारे में 7– वर्षों से चली आ रही राजनीतिक पार्टियों का संघर्ष खत्म हुआ. इस संघर्ष की शुरुआत 2008 में 239 वर्ष पुरानी राजशाही की समाप्ति के साथ हो गई थी.

इसके अलावा यह भी माना जा रहा है कि नया संविधान अप्रैल 2015 में आए विनाशकारी भूकंप जिसमें करीब 9000 लोगों की जान चली गई थी, नेपाली समाज में ताजी हवा ले कर आएगा. 
हालांकि, संविधान की स्वीकृति एकमत से नहीं हुई थी.

संविधान सभा के कुछ सदस्य खासतौर पर राजभक्त राजनीतिज्ञों ने जो राजशाही पर सरकार के रिपब्लिकन प्रपत्र के समर्थक थे, ने 16 सितंबर 2015 को संविधान के खिलाफ वोट डाले थे.

इसके अलावा, मधेसी और थारु समुदायों के नीचले प्रदेशों के सदस्य तराई क्षेत्र में संघीय– प्रांतीय सीमांकन और निर्वाचन क्षेत्र के परिसीमन से असंतुष्ट होने की वजह से मतदान प्रक्रिया में अनुपस्थित रहे.

उनका असंतोष पहाड़ी समुदाय जो कुल आबादी का 50 फीसदी हैं, को संसद में 100 सीटें मिली हैं जबकि दूसरे आधे हिस्से, तराई क्षेत्र के मधेसियों को 65 सीटें दी गईं हैं, की वजह से था.