Current Affaires 25-26 Sep 2015 Hindi

विश्व बैंक ने ‘लेवेरेजिंग अर्बनाइजेशन इन साउथ एशिया’ शीर्षक से रिपोर्ट जारी की

विश्व बैंक द्वारा 24 सितम्बर 2015 को “लेवेरेजिंग अर्बनाइजेशन इन साउथ एशिया: मैनेजिंग स्पेशल ट्रांसफोरमेशन फॉर प्रोस्पेरिटी एंड लाइवेबिलिटी” शीर्षक से रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट के अनुसार भारत और दक्षिण एशिया के अन्य देशों ने पिछले कुछ वर्षों में अच्छा प्रदर्शन किया है परन्तु यदि वह शहरीकरण को सुव्यवस्थित करे तो इसका लाभ उन्हें आर्थिक विकास में मिल सकता है. 
रिपोर्ट के अनुसार बढ़ती जनसंख्या के कारण बुनियादी सेवाओं जैसे अवसंरचना, भूमि, आवास और पर्यावरण आदि पार दबाव पड़ रहा है जिससे अव्यवस्थित शहरीकरण को बढ़ावा मिल रहा है.

रिपोर्टकीमुख्यविशेषताएँ

• रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2001 से वर्ष 2011 के मध्य दक्षिण एशिया की शहरी आबादी में लगभग 130 मिलियन की वृद्धि हुई जो जापान की की कुल जनसंख्या के बराबर है. रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2030 तक इसमें 250 मिलियन तक की वृद्धि हो जाएगी.
• विश्व स्तर पर शहरी जनसंख्या के बढ़ने के साथ उत्पादन में भी वृद्धि हुई है पर इस क्रम में दक्षिण एशियाई क्षेत्र का योगदान अन्य देशों की तुलना में कम है.
• रिपोर्ट के अनुसार शहरीकरण की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है की इससे उत्पादन और रोजगार मुख्य रूप से विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में बढ़ता है. विनिर्माण और सेवा सकल घरेलु उत्पाद में 80 प्रतिशत हिस्से का वहन करते हैं.
• आवास, बुनियादी सुविधाओं और बुनियादी शहरी सेवाओं की अपर्याप्त व्यवस्था क्षेत्र विशेष की क्षमता को बाधित करती हैं और इन समस्याओं से निपटने में विफलता बाजार और नीति दोनों की विफलता है.
• रिपोर्ट के अनुसार चीन और ब्राज़ील जैसे देशों की वार्षिक शहरी जनसंख्या विकास दर 3.1 और 2.5 है जबकि अमेरिका की यह दर 1.8 है. चीन की शहरी जनसंख्या वर्ष 1990 में 26.4 थी जो वर्ष 2000 में 35.9 हो गई थी. ब्राज़ील की वर्ष 1950 में शहरी जनसंख्या 36.2 थी जो वर्ष 1960 में 46.1 हो गई. जबकि अमेरिका की शहरी जनसंख्या वर्ष 1880 में 25 प्रतिशत थी और यह वर्ष 1990 में 35.9 प्रतिशत हो गई.
• रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण एशियाइ क्षेत्र के लगभग 130 करोड़ लोग अब भी अनौपचारिक शहरी बस्तियों में जीवन यापन कर रहे हैं यह जनसंख्या मेक्सिको की कुल जनसंख्या के बराबर है.


रिपोर्टकीअनुशासाएं

• स्थानीय सरकारों को मुख्य रूप से सशक्तिकरण, संसाधनों और जवाबदेहिता पर कार्य करना चाहिए. 
• अंतर सरकारी वित्तीय संबंधों के सशक्तिकरण को संबोधित करने के लिए सुधार किया जाना चाहिए.
• स्थानीय सरकार की उपलब्ध संसाधनों तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए व्यावहारिक तरीकों की पहचान की जानी चाहिए.
• स्थानीय सरकारों को जवाबदेहिता सुनिश्चित करने की व्यवस्था की जानी चाहिए.
• योजनाकारों और सरकार के निर्णय निर्माताओं, दक्षिण एशियाई शहरों के अंतर और अंतर-शहरी कनेक्टिविटी मजबूत करने के लिए निवेश करना चाहिए.

अरविन्द पनगढ़िया जी20 के नए शेरपा नियुक्त

केंद्र सरकार ने 24 सितम्बर 2015 को नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया  को जी-20 वार्ता का नया शेरपा नियुक्त किया है . वह रेल मंत्री सुरेश प्रभु का स्थान लेंगे. 
विदित हो अब तक प्रचालन के अनुसार योजना आयोग के उपाध्यक्ष को ही जी-20 वार्ता का शेरपा नियुक्त किया जाता था. 
इससे पूर्व यूपीए सरकार के कार्यकाल में योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आलुवालिया को जी-20 वार्ता का शेरपा नियुक्त किया गया था.


विदित हो अगला जी-20 शिखर सम्मेलन 15 से 16 नवम्बर को तुर्की के इस्तांबुल में आयोजित किया जाएगा. 
शेरपा अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन विशेष रूप से वार्षिक जी -8 शिखर सम्मेलन में किसी राज्य या सरकार का निजी प्रतिनिधि होता है. यह अंतिम शिखर सम्मेलन में राज्य प्रमुखों की वार्ता पर लगने वाले समय को कम कर देता है.
शेरपा एक नेपाली जातीय समूह होता है जो हिमालय में गाइड और कुली के रूप में अपनी सेवा देते हैं.

सरकारी चौंगफिआंग मिडल स्कूल ने अंडर-14 सब-जूनियर सुब्रतो कप जीता

मिज़ोरम के सरकारी चौंगफिआंग मिडल स्कूल ने 24 सितंबर 2015 को 56वें सुब्रतो कप इंटरनेशनल फुटबॉल टूर्नामेंट का अंडर-14 सब-जूनियर सुब्रतो कप जीता. इन्होंने दिल्ली के आंबेडकर स्टेडियम में आयोजित फाइनल मुकाबले में अफगानिस्तान के एस्तेकलाल स्कूल को 3-2 से हराकर यह मुकाबला जीता.

इस जीत से चौंगफिआंग मिडल स्कूल ने 2.5 रुपये की राशि जीती जबकि एस्तेकलाल स्कूल को 1.25 लाख रुपये तथा ट्रॉफी प्राप्त हुई.

एयर मार्शल बीबीपी सिन्हा ने विजेताओं को ट्रॉफी भेंट की जबकि मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ललथनहवला ने चेक भेंट किये.


इसके अतिरिक्त, सुब्रतो एजुकेशन सोसाइटी ने अंडर-14 के 25 बेहतरीन खिलाडियों को 15,000 रुपये बतौर छात्रवृति देने की घोषणा भी की. विभिन्न श्रेणियों में इस दौरान अनेक पुरस्कार दिए गये.

पुरस्कार

श्रेष्ठ खिलाड़ी – छुंगा हमार (मिज़ोरम)
श्रेष्ठ कोच – ललथवमाविया (मिज़ोरम)
श्रेष्ठ गोलकीपर – लल्लमकिमा
होनहार खिलाड़ी – उदय शंकर बोरा (साई)
फेयर प्ले ट्रॉफी – नामची स्पोर्ट्स हॉस्टल, सिक्किम

केन्द्रीय गृहमंत्री ने सरदार पोस्ट पर आधारित ग्राफिक पुस्तिका का विमोचन किया

सरदारपोस्टकच्छकारणसीआरपीएफद्वारालड़ेगए 1965 भारत-पाकयुद्धकीलड़ाईकेलिएजानाजाताहै.

केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कच्छ रण क्षेत्र स्थित सरदार पोस्ट में हुए 1965 भारत-पाक महायुद्ध के दौरान सीआरपीएफ के जवानों की वीरता और बलिदान का चित्रण करने वाली ग्राफिक पुस्तिका का 24 सितंबर 2015 को विमोचन किया.

9 अप्रैल 1965 में कच्छ के रण क्षेत्र स्थित सरदार पोस्ट पर सीआरपीएफ की दो टुकड़ियों ने मोर्चा संभाला और पाकिस्तान की पैदल सेना द्वारा किए गए हमले का करारा जवाब दिया.

सीआरपीएफ द्वारा की गई इस जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तानी सेना को भारी क्षति पहुंची. इसमें 2 अधिकारियों सहित 34 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हुई. चार पाकिस्तानी सैनिकों को जेल में कैद कर दिया गया. छह सीआरपीएफ कर्मियों को भी देशहित में अपना बलिदान देना पड़ा.

सीआरपीएफ ने जवानों की वीरता और बलिदान की कहानी चित्रों के माध्यम से वर्णित करने वाली ग्राफिक पुस्तिका की श्रंखला प्रकाशित करने की योजना बनाई. इसका उद्देश्य युवाओं में देशभक्ति और राष्ट्रवाद की भावना पैदा करना और सीआरपीएफ के अनछुए अभिनेताओं के शौर्य और बलिदान के प्रति लोगों को सजग करना है.

सीआरपीएफ ने इन पुस्तकों को बेचकर राशि इकट्ठा करने की योजना भी बनाई है, जिसे शहीदों के परिवारों के कल्याण के लिए खर्च किया जाएगा.

भूतपूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष नियुक्त

भूतपूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली को 24 सितंबर 2015 को बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन (सीएबी) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया. इस संबंध में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता स्थित राज्य सचिवालय में सूचना जारी की. 

गांगुली ने जगमोहन डालमिया के स्थान पर यह पद ग्रहण किया, नियुक्ति के समय गांगुली सीएबी के संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत थे.

यह पद डालमिया के आकस्मिक निधन के पश्चात् खाली हो गया था, उनका 75 वर्ष की आयु में 20 सितंबर 2015 को निधन हो गया था.

जगमोहन डालमिया के बेटे अविषेक डालमिया को गांगुली के स्थान पर संयुक्त सचिव बनाया गया. सुबीर गांगुली अन्य संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत रहेंगे जबकि बिस्वरूप डे कोषाध्यक्ष के रूप में बने रहेंगे.

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को त्रिपुरा के राज्यपाल पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया

भारत के राष्ट्रपति ने 24 सितम्बर 2015 को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नारायण त्रिपाठी को त्रिपुरा के राज्यपाल पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है.

अपनी मूल जिम्मेदारियों के अतिरिक्त, त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय की अनुपस्थिति अथवा अवकाश की स्थिति में केसरी नारायण त्रिपाठी उनकी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे.

ब्रिटेन में भेदभाव के मामले में आदिवासी भारतीय महिला को मुआवजा

ब्रिटेन में घरेलू सहायिका के रूप में कार्यरत आदिवासी भारतीय महिला ने अपने भारतीय मूल के नियोक्ता के खिलाफ जातिगत भेद-भाव संबंधी (पहला) मुकदमें में सितम्बर 2015 में जीत हासिल किया. इस मामले की सुनवाई कर रहे पंचाट ने घरेलू सहायिका के साथ दुव्र्यवहार करने के एवज में उसके नियोक्ता को करीब 1,84,000 पाउंड की मुआवजा राशि देने का आदेश दिया.

कैम्ब्रिज के रोजगार पंचाट के आदेशानुसार घरेलू सहायिका के रूप में कार्यरत प्रमिला टिर्की (39) को रोजाना महज 11 पेंस प्रतिघंटे की दर से 18 घंटे काम कराने के लिए अजय और उसकी पत्नी पूजा चंडोक निर्धारित मुआवजा देंगे.

यूरोपियन यूनियन (ईयू) ने भारत से आयात होने वाले स्टील पाइप पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाई

यूरोपियन यूनियन (ईयू) ने भारत से आयात होने वाले स्टील पाइप पर सितंबर 2015 में एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने की घोषणा की. इसके तहत यूरोपियन यूनियन ने भारत से आयात होने वाले स्टील से बने पानी और सीवेज पाइप पर 31.2 फीसदी एंटी डंपिंग ड्यूटी लगा दी. 31.2 फीसदी की यह डयूटी अगले 6 माह तक लागू रहेगी.

यूरोपियन कमीशन ने इस संबंध में एक बयान जारी करते हुए कहा कि भारत से आ रहे सस्ते स्टील के चलते यूरोप की इंडस्ट्री बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं. ऐसे में स्थानीय इंडस्ट्री की सुरक्षा के लिए यूनियन ने भारत से आने वाले स्टील पाइप पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाई है.

विदित हो कि कीमत में भारी अंतर (सस्ता) के चलते भारत से आयात होने वाले स्टील पाइप की डिमांड यूरोपीय बाजारों में तेजी से बढ़ रही है. यूरोपियन यूनियन के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर 2013 से लेकर सितंबर 2014 के बीच इंपोर्ट वॉल्यूम में 22 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई.

मुजफ्फरनगर दंगों से संबंधित जाँच रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को सौंपी गई

न्यायमूर्ति विष्णु सहाय ने मुजफ्फरनगर दंगों से संबंधित जाँच रिपोर्ट उ.प्र. के राज्यपाल राम नाइक को सितंबर 2015 के चौथे सप्ताह में सौंपी दी. इस रिपोर्ट में दंगों के लिए स्थानीय नेताओं को जिम्मेदार माना गया है. इसके साथ ही साथ प्रशासन और पुलिस को भी अपनी ड्यूटी को सही तरीके नहीं निभाने के लिए जिम्मेदार माना गया है. बिष्णु सहाय जांच आयोग का गठन कमीशन आफ इनक्वायरी एक्ट के तहत 9 सितंबर 2013 को किया गया था.

विदित हो कि करीब दो साल की जांच के बाद जस्टिस सहाय ने यह जांच रिपोर्ट पेश की है. जांच रिपोर्ट छह खंडों में 775 पेजों की है. वर्ष 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान 60 लोगों की जान चली गई थी. करीब 50 हजार से ज्यादा लोगों को बेघर होना पड़ा था.

मैट्रिक अथवा उससे अधिक शैक्षिक स्तर पर आधारित वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़े जारी

भारत के रजिस्ट्रार जनरल एवं जनगणना आयुक्त ने 24 सितंबर 2015 को वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़े जारी किये. इन आंकड़ों में परिवार के किसी एक सदस्य,15 वर्ष या उससे अधिक, को मैट्रिक स्तर, उससे कम अथवा उससे अधिक स्तर तक शिक्षित होने के आधार पर शामिल किया गया.

इन आकड़ों में वर्ष 1991-2001 की तुलना में वर्ष 2001-2011 के बीच 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी.

प्रमुखविशेषताएं

वर्ष 2001-2011 के बीच भारत के कुल परिवारों की जनसंख्या का 49.5 प्रतिशत, 122.9 मिलियन लोग, 15 वर्ष अथवा उससे अधिक आयु, मैट्रिक स्तर अथवा उससे अधिक शिक्षित दर्ज किये गये.


1991-2001 के दशक में 39.4 प्रतिशत परिवार ऐसे थे जिनमें कोई एक व्यक्ति मैट्रिक अथवा उससे अधिक शिक्षित था.

वर्ष 2011 में कुल परिवारों में कम से कम एक स्नातक व्यक्तियों की संख्या 41.4 मिलियन (16.7 प्रतिशत) है. वर्ष 2001 में स्नातक या उससे अधिक शिक्षित व्यक्तियों की संख्या 23.6 मिलियन (12.2 प्रतिशत) रही.

कम से कम एक महिला स्नातक के साथ लगभग 21.9 मिलियन (8.8 प्रतिशत) परिवार तथा एक पुरुष स्नातक के साथ 33.2 मिलियन (13.4 प्रतिशत) परिवार इन आंकड़ों में शामिल हैं.

ओडीशा सरकार ने किन्नरों के लिए 5 उप– योजनाएं लागू करने का फैसला किया

केंद्र सरकार द्वारा किन्नरों के सशक्तिकरण के लिए शुरु की गई पांच उप– योजनाओं को  ओडीशा सरकार ने सितंबर 2015 के तीसरे सप्ताह में लागू करने का फैसला किया.

राज्य सरकार का नव निर्मित सामाजिक सुरक्षा एवं विकलांग सशक्तिकरण विभाग (एसएसईपीडी) इन उप– योजनाओं का कार्यान्वयन करेगा.

विभाग ने किन्नरों की मान्यता के लिए भी प्रस्ताव तैयार किया है. मान्यता के आधार पर विभाग उन्हें तीसरे लिंग का प्रमाणपत्र देगा. इसके अलावा, प्रत्येक किन्नर के माता– पिता को 1000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी.

प्री– मैट्रिक छात्रवृत्ति के तहत, डे स्कॉलर किन्नरों को 150 रुपये और छात्रावास में रहने वाले किन्नरों को 350 रुपये दिए जाएंगे. किन्नर छात्रों को 550 रुपयों और छात्रावास में रहने वाले किन्नरों को 1200 रुपयों की मासिक पोस्ट– मैट्रिक छात्रवृत्ति 10 महीनों तक दी जाएगी.

प्रत्येक किन्नर प्रशिक्षु को उनके कौशल विकास पाठ्यक्रम के 200 घंटों के लिए 15000 रुपये दिए जाएंगे. एक बैच में 30 प्रशिक्षु होंगे. प्रशिक्षुओं के लिए 1000 रुपये मासिक वजीफा होगा.

रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने स्वामित्व मानदंडों के नियमों में ढील दी

रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (आरबीआई) ने 24 सितंबर 2015 को उन नियमों में ढील देने की घोषणा की जिससे बैंक ऋण सुविधाओं के उन्नयन के लिए स्वामित्व के परिवर्तन पर उधार लेने वाली संस्थाओं को अनुमति प्रदान करते हैं. बशर्ते स्वामित्व सामरिक ऋण पुनर्गठन योजना के बाहर बदला गया हो.

रिज़र्व बैंक ने यह घोषणा की कि बैंक उन कंपनियों को स्टैण्डर्ड लोन दे सकते हैं जो स्वामित्व के बदलने से जूझ रहे हैं. इनमें होने वाली परेशानियां अधिकतर परिचालन या प्रबंधकीय अक्षमताओं की वजह से होती हैं. 

इन नए नियमों से बैंकों को उधार लेने वाली संस्थाओं के स्वामित्व में बदलाव में सुविधा प्राप्त होगी जो पहले से ही परिचालन या प्रबंधकीय अक्षमताओं के कारण दिक्कतों का सामना कर रहे हैं.

आरबीआईनेयहभीघोषणाकीहैकिपरिसंपत्तिवर्गीकरणमेंउन्नयनकुछशर्तोंकेअधीनहै.


घोषणा की अनुसार, नया प्रमोटर व्यक्ति / संस्था / सहायक / एसोसिएट (राष्ट्रीय अथवा अन्तरराष्ट्रीय) मौजूदा प्रमोटर / प्रमोटर समूह से संबंधित नहीं होना चाहिए.

नए प्रमोटर के पास उधारकर्ता कंपनी की चुकता इक्विटी पूंजी का 51 प्रतिशत होना चाहिए.

यदि नया प्रमोटर एक अनिवासी है और क्षेत्रों में विदेशी निवेश की सीमा कम से कम 51 फीसदी है, तो नये प्रमोटर को कम से कम 26 प्रतिशत चुकता इक्विटी पूंजी अथवा लागू विदेशी निवेश अथवा दोनों में से जो अधिक हो, होना चाहिए. बशर्ते बैंक नए अनिवासी प्रमोटर कंपनी के प्रबंधन एवं नियंत्रण से संतुष्ट हो.

ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री मैलकम टर्नबुल द्वारा घरेलू हिंसा से निपटने हेतु 70 मिलियन अमेरिकी डॉलर के पैकेज की घोषणा

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैलकम टर्नबुल ने 24 सितंबर 2015 को घरेलू हिंसा से निपटने एवं महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा से निपटने हेतु 70 मिलियन अमेरिकी डॉलर का पैकेज जारी किया.

पैकेजकीविशेषताएं

36.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर की राशि पुलिस, सामाजिक कार्यकर्ताओं, आपातकालीन सेवाओं तथा स्वास्थ्य सुविधा प्रदाताओं के प्रशिक्षण में अगले तीन वर्ष में खर्च की जाएगी.
20,000 मोबाइल फोन महिलाओं को हिंसा से बचाव हेतु वितरित किये जायेंगे.
सरकार जीपीएस तकनीक द्वारा हिंसा करने वालों पर नज़र रखेगी.
1.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर स्वास्थ्य सुविधा प्रदाताओं के प्रशिक्षण पर खर्च किये जायेंगे.
मौजूदा कानूनी सहायता केंद्रों के साथ ही घरेलू हिंसा यूनिट्स की स्थापना की जाएगी जिसमें वकील, सांस्कृतिक सम्पर्क-कर्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होंगे.
ऑस्ट्रेलिया में प्रत्येक 6 में से एक व्यक्ति वर्तमान अथवा भूतपूर्व पार्टनर के साथ हिंसा का शिकार हुआ है. वर्ष 2015 में 63 महिलाओं की घरेलू हिंसा के कारण मृत्यु हुई.

ऑस्ट्रेलियामेंमहिलाओंकेखिलाफहिंसासांख्यिकी

2012 एबीएस व्यक्तिगत सुरक्षा सर्वेक्षण एवं ऑस्ट्रेलियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ क्रिमिनोलॉजी द्वारा किए गए शोध के अनुसार महिलाओं के खिलाफ हिंसा के विभिन्न स्तरों पर अध्ययन किया गया.
36 प्रतिशत महिलाएं अपने जानने वाले व्यक्ति से शारीरिक अथवा यौन हिंसा की शिकार होती हैं.
15 प्रतिशत महिलाएं अपने पूर्व-साथी (एक्स-पार्टनर) द्वारा शारीरिक अथवा यौन हिंसा का अनुभव कर चुकी हैं.
62 प्रतिशत महिलाएं जिन्होंने पुरुष साथी से शारीरिक अथवा यौन हिंसा का अनुभव किया, वे घरों के अंदर ही इस हिंसा का शिकार हुईं.
73 प्रतिशत महिलाएं एक से अधिक बार हिंसा द्वारा प्रताड़ित की गयीं.
61 प्रतिशत महिलाओं ने यह माना कि हिंसा के दौरान वे बच्चों के साथ थीं जबकि 48 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि उनके बच्चों ने भी उनके साथ हुई हिंसा को देखा व सुना.

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) स्मार्ट गवर्नेंस के लिए स्कॉच अवार्ड से सम्मानित

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 23 सितंबर 2015 को स्मार्ट गवर्नेंस के लिए स्कॉच अवार्ड जीता. ईपीएफओ को यूएएन कार्यक्रम और भारत में सामाजिक सुरक्षा एजेंडा के परिवर्तन हेतु इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में सम्मानित किया गया.

ईपीएफओ को दो स्कॉच आर्डर ऑफ मेरिट अवार्ड से भी सम्मानित किया गया, पहला अवार्ड ईपीएफओ सदस्यों हेतु यूएएन शुरू करने और दूसरा अवार्ड भारत में सामाजिक सुरक्षा एजेंडा के परिवर्तन के हेतु प्रदान किया गया.
स्कॉचस्मार्टगवर्नेंसअवार्ड

  • स्कॉच स्मार्ट गवर्नेंस अवार्ड स्थानीय, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय सरकार के साथ काम कर रहे शीर्ष सरकारी संगठनों और संगठनों को एक पहल है.
  • यह पुरस्कार स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास/पंचायती राज, शहरी विकास, वित्त, और सुरक्षा के क्षेत्र में दिया जाता है.
  • यह पुरस्कार स्कॉच समूह द्वारा दिया जाता है. स्कॉच समूह गुड़गांव स्थित एक थिंक टैंक है जो, वर्ष 1997 से समावेशी विकास पर ध्यान देने के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर भी काम करता है. यह समूह समीर कोचर द्वारा स्थापित किया गया और वह इस समूह के अध्यक्ष भी है. वह कई प्रशंसित पुस्तकों के लेखक भी हैं: डिफिटिंग पोवर्टी: जन धन एंड बियोंड (2015), मोदीनोमिक्स: इन्क्लूजिव इकोनोमिक्स, इन्क्लूजिव गवर्नेंस (2014), स्पीडिंग फाइनल इन्क्लूजन (2009).

मक्का शहर में हज के दौरान भगदड़ मचने से 700 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत

मक्का शहर में 24 सितंबर 2015 को वार्षिक हज के दौरान भगदड़ मचने से लगभग 719 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 863 लोगों घायल हो गए. 719 मृत तीर्थयात्रियों में दो भारतीय शामिल थे.

यह भगदड़ मक्का शहर के मीना में जमारात की ओर जाने वाली दो सड़कों के मिलने वाले स्थान पर हुई. यह स्थान मक्का से लगभग 5 किलोमीटर दूर है. इसके तुरंत बाद, तीर्थयात्रियों को भगदड़ वाले स्थान से दूर रखने के निर्देश दिये गए. एक अनुमान के अनुसार 160000 टेंट मीना के कई शिविर स्थलों में वितरित जा रहे हैं.

यह भगदड़ 12 सितंबर 2015 को हुए उस हादसे के बाद हुई है जिसमें मक्का की बड़ी मस्जिद में एक विशाल क्रेन गिरने से 11 भारतीयों सहित 115 लोगों की मौत हो गई थी. वर्ष 1990 के बाद हज के दौरान होने वाली यह दूसरी सबसे भीषण त्रासदी है. इससे पहले वर्ष 1990 में हज के दौरान एक सुरंग के भीतर मची भगदड़ में 1426 लोग मारे गए थे.
हजतीर्थयात्राकेबारेमें
इस्लाम में सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का की तीर्थयात्रा, जो प्रत्येक मुस्लिम को अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार ज़रूर करनी चाहिए. इस्लाम के पाँच स्तंभ के रूप में ज्ञात मूलभूत मुस्लिम आचार एवं संस्थानों में हज का स्थान पाँचवाँ है.

हज तीर्थयात्री के दौरान तीर्थयात्री इहराम वस्त्र पहनता है, जो दो सफ़ेद बिना सिली चादरों से बना होता है. उसे शरीर के चारों तरफ लपेटा जाता है. तीर्थयात्री उन लाखों लोगों के जुलूस में शामिल होते हैं जो एक साथ हज के सप्ताह में मक्का में जमा होते हैं और यहं पर कई अनुष्ठानों में हिस्सा लेते हैं. प्रत्येक व्यक्ति मक्का की विशाल मस्जिद में स्थित काबा के चारों ओर सात चक्कर लगाता है.

शैतान को पत्थर मारने की रस्म को हज यात्रा का अंतिम पड़ाव माना जाता है. सऊदी अरब में मुस्लिम तीर्थ स्थल मक्का के पास स्थित रमीजमारात में शैतान को पत्थर मारने की रस्म के साथ ही हज पूरा माना जाता है. यह हज-यात्रा का सबसे चुनौतीपूर्ण और खतरनाक पड़ाव माना जाता है.

विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान, चीन, यूनाइटेड किंगडम और अन्य देशों में भारतीय दूत नियुक्त किए

विदेश मंत्रालय ने शीर्ष स्तर में फेरबदल करते हुए पाकिस्तान, चीन, यूनाइटेड किंगडम (यूके) और संयुक्त राष्ट्र में भारत के नए दूत नियुक्त किए.

नियुक्तियां

  • नवतेजसरना: विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) ब्रिटेन में नवंबर 2015 से भारतीय उच्चायुक्त के रूप में रंजन मथाई का स्थान लेंगे.
  • गौतमबम्बावले: भूटान में भारत के राजदूत पाकिस्तान में टीसीए राघवन के स्थान पर देश के नए उच्चायुक्त होंगे. राघवन 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
  • सैयदअकबरूद्दीनविदेश मंत्रालय के पूर्व प्रवक्ता संयुक्त राष्ट्र न्यूयॉर्क में भारत के नए स्थायी प्रतिनिधि होंगे. वह अशोक मुखर्जी का स्थान लेंगे. अकबरूद्दीन वर्तमान में एक्सपी डिविजन में संयुक्त सचिव के पद पर है और अक्टूबर 2015 में होने वाले भारत-अफ्रीकी सम्मेलन के अतिरिक्त प्रभारी सचिव हैं.
  • विजयगोखले: जर्मनी में भारत के राजदूत विजय गोखले को बीजिंग में भारतीय राजदूत नियुक्त किया गया. वे अशोक कंठ का स्थान लेंगे.
  • अनिलवाधवासचिव (पूर्व) को रोम में भारतीय राजदूत बनाया गया.
  • पंकजसरन: वह मास्को में राजदूत के रूप में पी एस राघवन का स्थान लेंगे.
  • सुजानचिनॉय: मैक्सिको में भारतीय राजदूत सुजान चिनॉय को दीपा वाधवा के स्थान पर जापान में राजदूत बनाकर भेजा गया.

इसके अलावा विदेश मंत्रालय के मुख्यालय में अमर सिन्हा और अमरेंद्र खाटुआ क्रमश: पूर्व और पश्चिम के अगले सचिव होंगे.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी

22 सितंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी) की स्थापना को मंजूरी दे दी.

यह एक राष्ट्रीय स्तर का संस्थान होगा, जो 50 लाख (5 मिलियन) बधिरों के शिक्षा के स्तर, कार्यस्थल और अन्य गतिविधियों में मानवीय जीवन को अधिक सुविधाएँ उपलब्ध कराएगा.

आईएसएलआरटीसी की स्थापना सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के तहत एक सोसायटी के तौर पर की जाएगी. यह केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के विकलांग सशक्तिकरण विभाग के अधीन कार्य करेगा.

शुरुआत में संस्थान इंस्टीट्यूट फॉर फिजिकली हैंडिकैप्ड, नई दिल्ली से संचालित किया जाएगा.

आईएसएलआरटीसी की संरचना

केंद्र एक सोसायटी होगा, जिसमें एक अध्यक्ष, सामान्य परिषद में 12 सदस्य होंगे. कार्यकारी परिषद में एक अध्यक्ष और नौ सदस्य होंगे. संस्थान बधिरों के लिए विश्वविद्यालयों या अकादमिक संस्थानों के राष्ट्रीय– स्तर के सोसायटियों के कुछ भूतपूर्व अधिकारियों को बतौर विशेषज्ञ भी शामिल करेगा.

आईएसएलआरटीसीकाफोकसक्षेत्र

संस्थान संकेत भाषा दुभाषियों, अनुसंधान और विकास एवं नई प्रौद्योगिकी के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा.

गुड़गांव को स्मार्ट सिटी बनाएगी हरियाणा सरकार

22 सितंबर 2015 को हरियाणा सरकार ने अपने संसाधनों के बूते गुड़गांव को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने की घोषणा की. स्मार्ट सिटी बनाने में केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन और तकनीकी सहायता के दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा.

इस योजना के लिए पहले चरण में राज्य सरकार 500 करोड़ रुपयों का बंदोबस्त करेगी, यह धनराशि 5 वर्षों में खर्च की जानी है.

गौर करने की बात है कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विकसित किए जाने वाले केंद्र की स्मार्ट शहरों की सूची में गुड़गांव को शामिल नहीं किया गया था. मिशन के तहत चयन के पैमानों के आधार पर हरियाणा ने अपने दो शहरों, करनाल और फरीदाबाद को खुद नामित किया.

सीसीईए ने ओडीशा में 1575 करोड़ रुपए की सड़क परियोजना को मंजूरी दी

22 सितंबर 2015 को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने ओडीशा में राष्ट्रीय राजमार्ग–42 को 112 किमी कटक– अंगुल खंड को चार लेन बनाने की मंजूरी दे दी.

परियोजना की कुल अनुमानित लागत 1575 करोड़ रुपए है और इसे डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन औऱ हस्तांतरण (डीबीएफओटी) के आधार पर बनाया जाएगा.

परियोजना को राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी) चरण III के तहत कार्यान्वित किया जाएगा.

व्यवहार्यता गैप फंडिंग (वीजीएफ) के लिए सरकार परियोजना में होने वाली कुल अनुमानित लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम अनुदान देगी.

परियोजना के लिए निविदा, मॉडल रियायत समझौता (कनसेशन अग्रीमेंट) के प्रावधानों के आधार पर आमंत्रित की गई है.

राष्ट्रीय राजमार्ग–42 के पूरा हो जाने पर, सड़क मार्ग से यातायात के समय और यात्रा खर्च को कम करने में बहुत मदद मिलेगी. इससे क्षेत्र के निवासियों की सामाजिक– आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा.

दूसरी तरफ परियोजना कार्य से संबंधित गतिविधियां स्थानीय श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराएगी.

पृष्ठभूमि

पूर्व में यह परियोजना यूपीए– II के शासन काल, साल 2011 में अशोका बिल्डकॉन लिमिटेड को दी गयी थी. रियायत समझौता (कनशेसन अग्रीमेंट) मार्च 2012 में हस्ताक्षर किया गया.समझौते के प्रावधानों के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के शर्तों को पूरा न कर पाने के कारण रियायत समझौता आपसी सहमति से समाप्त हो गया.

सीसीएस ने अमेरिका से अरबों के अपाचे अटैक और चिनूक हेवी– लिफ्ट हेलिकॉप्टर खरीद समझौता को मंजूरी दी

22 सितंबर 2015 को सुरक्षा मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) ने अमेरिका से 37 सैन्य हेलिकॉप्टरों के खरीद समझौते की अनुमति दे दी. यह समझौता 3.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है.

37 हेलिकॉप्टरों के इस सौदे में अमेरिका के रक्षा संविदाकार बोइंग से 22 अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर और 15 चिनूक हेवी– लिफ्ट हेलिकॉप्टर शामिल हैं. ये हेलिकॉप्टर सोवियत– युग के पुराने विमानों की जगह सेना में शामिल किए जाएंगे.

वर्ष 2012 से लंबित पड़े इस समझौते में 7 सीएच– 47 एफ चिनूक और 11 एएच–64 डी अपाचे लॉन्गबो हेलिकॉप्टर के लिए अनुवर्ती आदेश देने का भी प्रस्ताव शामिल है.

अपाचे, जो फायर– एंड– फॉर्गेट हेलफायर मिसाइलों से लैस है, सिर्फ 60 सेकेंड में 128 लक्ष्यों को ट्रैक करने की और खतरों को भांपने की क्षमता है. इसकी मिसाइलें, भारी हथियारबंद विरोधी क्षमताओँ के साथ हेलिकॉप्टर के गनशिप को बढ़ाती हैं.

चिनूक का मुख्य काम सैनिकों, तोपखानों को लाना व ले जाना, और युद्ध के मैदान को पुन: आपूर्ति देना है.

26 sept

मराठी फिल्म ‘कोर्ट' 88वें ऑस्कर में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के लिए चयनित

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता मराठी फिल्म ‘कोर्ट' 88वें ऑस्कर पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म श्रेणी में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के लिए चयनित की गई.

चैतन्य तमहाने द्वार निर्देशित यह फिल्म ऑस्कर पुरस्कारों की सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म की श्रेणी में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी.

3.5 करोड़ रुपये के बजट में बनीं यह फिल्म एक उम्रदराज लोक गायक की कहानी बयां करती है, जिसमें अदालतों और उनके स्तंभ अधिवक्ताओं-न्यायाधीशों की कार्यप्रद्धति तथा उनके जीवन के विविध पक्षों को दर्शाया गया है.
मराठीफिल्म ‘कोर्ट'
मराठी फिल्म ‘कोर्ट' पहले ही भारत और विदेशों में कई पुरस्कार जीत चुकी है. फिल्म ‘कोर्ट’ को मार्च 2015 में 62वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया. वर्ष 2014 के वेनिस फिल्मोत्सव में ‘कोर्ट' ने 17 अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त किए.

मोसेक अंतर्राष्ट्रीय दक्षिण एशियाई फिल्म समारोह में मराठी फिल्म ‘कोर्ट' को सर्वश्रेष्ठ फिक्शन फीचर फिल्म और सर्वश्रेष्ठ छायांकन के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस फिल्म ने भारतीय फिल्म महोत्सव, स्टटगार्ट में भी सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार जीता था.

प्रत्येक वर्ष भारतीय फिल्म फेडरेशन (एफएफआई) के तहत एक जूरी सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म के लिए अकादमी पुरस्कार (ऑस्कर) के लिए भारतीय आधिकारिक प्रविष्टि का चयन करता है. एफएफआई भारतीय फिल्म निर्माताओं, वितरकों, प्रदर्शकों और स्टूडियो मालिकों का एक शीर्ष निकाय है. इसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है

भारतीय फिल्म 'एंग्री इंडियन गॉडेसेस' टोरंटो फिल्म महोत्सव में प्रथम उपविजेता चयनित

पाल नलिन द्वारा निर्देशित भारतीय फिल्म 'एंग्री इंडियन गॉडेसेस' को 20 सितंबर 2015 को संपन्न हुए 40वें टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (टीआईएफएफ) में ग्रॉलस्क पीपल्स च्वॉइस अवॉर्ड में प्रथम उपविजेता चुना गया.

लेनी अब्राहमसन के निर्देशन में बनीं अंग्रजी फिल्म रुम ने पीपल्स च्वॉइस अवॉर्ड में प्रथम स्थान प्राप्त किया. दूसरी ओर द्वितीय उपविजेता के रूप में टॉम मैककैर्थी की 'स्पॉ‍टलाइट' चुनी गई.

40वें टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 10 सितम्बर से 20 सितम्बर 2015 के बीच आयोजित किया गया.

'एंग्री इंडियन गॉडेसेस' में समकालीन भारतीय समाज में महिलाओं की क्षमता और सशक्तिकरण का एक शक्तिशाली चित्रण किया गया है. इस फिल्म में संध्या मृदुल, तनिष्ठा चटर्जी, सराह जेन डियास, अनुष्का मनचंदा, अमृत मघीरा, राजश्री देशपांडे और पवलीन गुजराल ने मुख्यग भूमिकाएं निभाईं हैॆॆं.

टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव (टीआईएफ़एफ़) (Toronto International Film Festival) एक सार्वजनिक फ़िल्म समारोह है जो प्रत्येक वर्ष के सितंबर में टोरंटो, ओंटारियो, कनाडा में आयोजित किया जाता है.

विश्व अल्जाइमर दिवस दुनियाभर में मनाया गया

21 सितंबरविश्वअल्जाइमरदिवस

विश्व अल्जाइमर दिवस 21 सितंबर 2015 को दुनियाभर में मनाया गया. इसका उद्देश्य विश्व भर में लोगों को अल्जाइमर रोग के बारे में जागरूक करना है. विश्व अल्जाइमर दिवस 2015 का विषय ‘रिमेंबर मी’ (Remember Me) रखा गया.

स्मरणशक्ति खो देना, शब्दों को बोलने में कठिनाई होना, समय व स्थान का ध्यान न रख पाना या निर्णय ले पाने में सक्षम न होना इस बीमारी के लक्षण हैं. इन लक्षणों के आधार पर वर्ष 1906 में जर्मन न्यूरोलॉजिस्ट एलोइस अल्जाइमर ने इसे एक बीमारी का नाम दिया. एलोइस अल्जाइमर के नाम पर इस बीमारी को अल्जाइमर कहा गया.

अल्जाइमरकेबारेमें
अल्जाइमर एक तरह की भूलने की बीमारी है, जो सामान्यत: बुजुर्गो में होती है. इस बीमारी से पीड़ित मरीज सामान रखकर भूल जाते हैं. यही नहीं, वह लोगों के नाम, पता या नंबर, खाना, अपना ही घर, दैनिक कार्य, बैंक संबंधी कार्य, नित्य क्रिया तक भूलने लगता है.

अल्जाइमर बीमारी, डिमेंशिया रोग का एक प्रमुख प्रकार है. डिमेंशिया के अनेक प्रकार होते हैं. इसलिए इसे अल्जाइमर डिमेंशिया भी कहा जाता है. अल्जाइमर डिमेंशिया प्रौढ़ावस्था और वृद्धावस्था में होने वाला एक ऐसा रोग है, जिसमें मरीज की स्मरण शक्ति कमजोर होती जाती है. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे यह रोग भी बढ़ता जाता है. याददाश्त क्षीण होने के अलावा रोगी की सोच-समझ, भाषा और व्यवहार पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. मरीज चिड़चिड़ा, शक्की, अचानक रोने लगना, भाषा व बातचीत प्रभावित होना आदि में परिवर्तन आ जाता है.

इलाज:अभी तक तमाम प्रयासों और परीक्षणों के बावजूद इस बीमारी की कोई दवा ईजाद नहीं हुई है.

विदित हो कि हाल ही में किए गए सर्वे के अनुसार विश्व के 18 मिलियन लोगों को अल्जाइमर है. सर्वे में वर्ष 2025 तक इसकी संख्या दोगुनी हो जाने की संभावना व्यक्त की गई है. भारत में इस रोग के मरीज विश्व की कुल संख्या के चौथाई प्रतिशत हैं.

शिविंदर मोहन सिंह का फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड के कार्यकारी उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा

शिविंदर मोहन सिंह ने फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड के कार्यकारी उपाध्यक्ष के पद से 23 सितंबर 2015 को इस्तीफा दे दिया. फोर्टिस नई दिल्ली स्थित अस्पतालों की एक श्रृंखला है.

शिविंदर मोहन सिंह ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास से जुड़ने के कारण फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड के कार्यकारी उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने का निर्णय किया. वे आध्यात्मिक व धार्मिक संगठन राधा स्वामी सत्संग ब्यास में पूर्ण रुप से जुड़ेंगे. इसका मुख्यालय अमृतसर के नजदीक है.

राधा स्वामी सत्संग ब्यास दुनिया के 90 देशों में सक्रिय है, जिनमें यूएसए, स्पेन, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान, अफ्रीका और कई नाम शामिल हैं. कंपनी के एक बयान के अनुसार फोर्टिस के सह संस्थापक शिविंदर मोहन सिंह 1 जनवरी 2016 से गैर-कार्यकारी उपाध्यक्ष बन जाएंगे.

शिविंदर अपने बड़े भाई मालविंदर मोहन सिंह के साथ पूरे भारत में फोर्टिस ब्रांड के तहत 55 अस्पतालों का संचालन करते हैं. विदित हो कि मालविंदर और शिविंदर ने 1996 में फोर्टिस हेल्थकेयर की स्थापना की. दोनों भाइयों ने रैनबेक्सी में अपनी हिस्सेदारी वर्ष 2008 में जापानी दवा कंपनी दाइची सांक्यो को 1300 रुपये में बेच दी.

इसके अलावा सिंह रेलीगेयर इंटरप्राइजेज लिमिटेड, सुपर रेलीगेयर लेबोरेटरीज व रेलीगेयर टेक्नालाजीज के प्रधान प्रवर्तकों में से एक हैं. सिंह ने डयूक यूनिवर्सिटी बिजनेस स्कूल अमेरिका से एमबीए किया. वह दून स्कूल व स्टीफंस कालेज के छात्र रहे हैं.

देश के सबसे बड़े हेल्थकेयर चेन फोर्टिस हॉस्पिटल देश के करीब 15 शहरों के अलावा दुबई, मॉरि‍शस और श्रीलंका समेत 10 देशों में 54 हेल्थेकेयर सुविधा, 10000 बेड और 260 डायग्नोसस्टि ‍सेंटर हैं.

सहस्राब्दि विकास लक्ष्यः दिल्ली राज्य ने रिपोर्ट 2014 जारी की

मानव विकास संस्थान (आईएचडी) ने 22 सितंबर 2015 को सहस्राब्दि विकास लक्ष्यः ‘दिल्ली राज्य रिपोर्ट 2014’ नाम से रिपोर्ट जारी की. 
इसे आईएचडी ने दिल्ली योजना बोर्ड (डीपीबी) के साथ मिलकर तैयार किया है.

रिपोर्टकीविशेषताएं

एमडीजी के लिए आधार वर्ष 1993–94 के 15.7 फीसदी की तुलना में 2011–12 तक दिल्ली के निवासियों में गरीबी रेखा के नीचे बसर कर रहे लोगों का अनुमानित अनुपात 9.9 फीसदी है.

साल 1992 में जहां 5– वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर के आंकड़े 83.1 थे, जो 2012 में गिर कर 28 रह गए.

शिशु मृत्यु दर जो 1998 में 36 दर्ज की गयी थी, वह 2012 में 25 के आंकड़े तक कम हुई.

में कम वजन वाले बच्चों (3 वर्ष से कम वाले) का प्रतिशत 36.2 था जो 2005–06 में कम होकर 24.9 प्रतिशत पर आ गया.

साल 2004 में क्षय रोग प्रसार दर प्रति एक लाख आबादी पर 284.5 दर्ज की गई थी जो 2010 में कम होकर 67.7 रह गई.

साल 2001 में झुग्गियों में रहने वाले परिवारों का प्रतिशत 16.3 था, 2011 में यह 11.3 प्रतिशत रह गया.

साल 2004 में 41.8 वाला दूरसंचार घनत्व (प्रति 100 व्यक्ति कनेक्शन की संख्या) 2011 में बढ़कर 218.9 हो गया.

करीब 29.1 प्रतिशत परिवारों के पास पर्सनल कंप्यूटर है सिर्फ 17.6 प्रतिशत परिवारों के पास इंटरनेट की कनेक्टिविटी पाई गई.

प्राथमिक शिक्षा में शुद्ध नामांकन अनुपात 2012–13 के दौरान में 97.6 प्रतिशत था और 2011 में इसे पूरा करने वाले विद्यार्थियों का अनुपात 99.7 प्रतिशत रहा, जबकि एमडीजी ने शत प्रतिशत लक्ष्य की कल्पना की थी.

साल 2011–12 के दौरान 15 और 24 वर्ष वाले युवाओं के बीच युवा साक्षरता दर 96.46 प्रतिशत था.

गैर– कृषि क्षेत्र वाले रोजगार में महिलाओं का हिस्सा साल 2011–12 के दौरान 17.1 प्रतिशत था.

राज्य विधानसभा में महिलाओं के सीटों का अनुपात 2013 में 4.3 प्रतिशत था जो 2015 में बढ़कर 8.6 प्रतिशत हो गया.

एलेक्सिस सिप्रास 8 महीनों में दूसरी बार ग्रीस के प्रधानमंत्री निर्वाचित

सिरीजा पार्टी के एलेक्सिस सिप्रास को ग्रीस के राष्ट्रपति प्रोकोपिस पवलोपॉलोस ने 21 सितंबर 2015 को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई.

जनवरी 2015 के बाद दोबारा हुए आम चुनावों में उनकी पार्टी ने जीत दर्ज की और उन्हें दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई.

20 सितंबर 2015 को हुए हालिया चुनाव में सिरीजा पार्टी ने कुल वोट का 35 फीसदी वोट हासिल किया, 300 सीटों वाली संसद में 144 सीटों पर जीत दर्ज की.

सिरीजा ने इंडिपेंडेंट ग्रीक्स पार्टी के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई है. यह पार्टी पिछली सरकार में भी सिरीजा पार्टी के साथ भागीदार थी.

अगस्त 2015 में संसद में बहुमत खोने के बाद स्नैप पोल कराने की घोषणा की गई थी.

सिरीजा पार्टी के कुछ सदस्यों ने यूरोपीय संघ द्वारा प्रायोजित 86 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बेलआउट पैकेज, जिसके समर्थन में सिप्रास भी थे, का विरोध करते हुए पार्टी छोड़ दी थी.

सिरीजा की इस जीत का ग्रीस को वित्तीय संकट और सीरिया से बड़ी तादाद में पहुंच रहे प्रवासियों से निपटने का एक और मौका देने की उम्मीद है.

एलेक्सिस सिप्रास के बारे में

एथेंस में 1974 में जन्में, एलेक्सिस सिप्रास 1980 के दशक में यंग कम्युनिस्ट्स में शामिल हो गए.

साल 1991 में, उन्होंने अपने हाई स्कूल के लिए अत्यधिक प्रचारित पेशे का आयोजन किया जिसमें छात्र एक साथ सोए और खाना खाए.

साल 2008 में 34 वर्ष की उम्र में उन्होंने सिरीजा पार्टी का नेतृत्व संभाला.

यह पार्टी वामपंथी समूहों, माओवादियों से लेकर ग्रीन्स तक का मेल है, जो 2004 के चुनावों से पहले एक साथ हो गए थे.

जनवरी 2015 में, 40 वर्ष की उम्र में वे 1865 के बाद ग्रीस के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने.

बाइबिल की शपथ और ग्रीक आर्कबिशप से मिलने वाले तुलसी एवं पानी के आशीर्वाद की परंपरागत शपथ वाले धार्मिक शपथ की बजाए नागरिक शपथ लेने वाले वे पहले ग्रीक प्रधानमंत्री बने.

मैथियास मुलर फॉक्सवैगन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त

मैथियास मुलर जर्मन कार कंपनी फॉक्सवैगन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) 25 सितंबर 2015 को नियुक्त किए गए.

मैथियास मुलर ने फॉक्सवैगन उत्सर्जन घोटाले में फॉक्सवैगन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद से इस्तीफा देने वाले मार्टिन विंटरकोर्न का स्थान ग्रहण किया. मैथियास मुलर वर्तमान में पोर्शे यूनिट के अध्यक्ष और फॉक्सवैगन एजी के बोर्ड के सदस्य है.

मुलर ने वर्ष 1978 में फॉक्सवैगन समूह की सदस्य कंपनी ऑडी एजी साथ अपना पेशेवर कैरियर शुरू किया और वर्ष 1984 में उन्हें सिस्टम विश्लेषण प्रभाग का प्रमुख बनाया गया. वर्ष 1995 में उन्होंने ऑडी एजी, सीट और लेम्बोर्गिनी में उत्पाद प्रबंधन की जिम्मेदारी ग्रहण की.

मुलर फॉक्सवैगन समूह के उत्पाद प्रबंधन के प्रमुख के रूप में वोल्फ़्सबर्ग चले गए और वर्ष 2007 में फॉक्सवैगन समूह के जनरल प्रतिनिधि बने. अक्टूबर 2010 में, उन्हें पोर्श एजी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया.

फॉक्सवैगनकेबारेमें
फॉक्सवैगन जर्मनी की कार उत्पादन कंपनी है, जिसका मुख्यालय वोल्फ़्सबर्ग, जर्मनी में स्थित है. इस कंपनी की स्थापना 28 मई 1937 को की गई. फॉक्सवैगन वर्ष 1975 में सबसे अधिक बिक्री करने वाली कंपनी बन गई. यह विश्व में टोयोटा के बाद दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है.

अमेरिका में बसे भारतीयों ने मिशन 2022 का शुभारंभ किया

अमेरिका में रहने वाले 30 लाख भारतीयों ने 22 सितंबर 2015 को मिशन 2022 का शुभारंभ किया. इसे अमेरिका– भारत साझेदारी को 21वीं सदी का निर्णायक साझेदारी बनाने के लिए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ मिलकर शुरु किया गया.

मिशन 2022 के तहत आगामी सात वर्षों में प्रवासी भारतीयों के साथ वार्ता की जाएगी. ये वार्ताएं प्रत्येक छह माह में एक बार आयोजित की जाएंगी.

बढ़ती भारतीय– अमेरिकी आबादी की अमेरिकी प्रणाली में गहरी पैठ है और यह महत्वपूर्ण भागीदारी की रीढ़ बन कर उभर सकती है. साथ ही यह अमेरिका और भारत के आपसी विकास गाथा को आगे बढ़ाने में भी मदद कर सकती है.

मिशन का शुभारंभ सीआईआई और भारतीय प्रवासियों द्वारा आयोजित स्वागत समारोह के दौरान किया गया.

रियर एडमिरल संजय महिंद्रू ने फ्लैग ऑफिसर पनडुब्बी का पदभार संभाला

रियर एडमिरल संजय महिंद्रू एनएम ने 25 सितंबर 2015 को रियर एडमिरल एस वी बोखारे से फ्लैग ऑफिसर पनडुब्बी का पदभार ग्रहण किया.

रियर एडमिरल महिंद्रू को 01 जनवरी 1985 को कमीशन मिला था और वे पनडुब्बी विंग में 27 वर्ष सेवा कर चुके हैं.
संजयमहिंद्रूकीउपलब्धियां
•    संजय महिंद्रू परमाणु पनडुब्बी अरिहंत की कमान संभालने से पहले पारंपरिक पनडुब्बी, फ्रिगेट और विध्वसंक पनडुब्बी की कमान संभाल चुके हैं.
•    वे नौसेना के परमाणु पनडुब्बी केंद्र की कमान भी संभाल चुके हैं तथा नौसेना मुख्यालय में निदेशक भी रह चुके हैं. 
•    वे प्रतिष्ठित कॉलेज ऑफ नावल वारफेयर के छात्र रहे हैं और युनाइटेड किंगडम में स्टाफ कोर्स पूरा कर चुके हैं.