Current Affaires 27-28 Sep 2015 Hindi

विश्व रेबीज दिवस

विश्व रेबीज दिवस प्रतिवर्ष 28 सितंबर को मनाया जाता है. यह एक अंतरराष्ट्रीय अभियान है जो ग्लोबल एलायंस फॉर रेबिस कंट्रोल नामक गैर-लाभकारी संगठन के द्वारा समन्वित किया जाता है. प्रथम विश्व रेबीज दिवस वर्ष 2007 के सितम्बर माह में आयोजित किया गया था.
यह रेबीज के प्रसार को नियंत्रित करने, रोकथाम और जागरूकता प्रसारित करने के प्रति समर्पित दिवस है. यह रेबीज के खिलाफ़ होने वाली लड़ाई में विश्व को एकजुट करने का सकारात्मक प्रयास है.
वर्ष 2015 के लिए इस वर्ष का विषय एण्डरेबिसटूगेदर"है.
विदित हो 28 सितम्बर लुईपाश्चर की पुण्य तिथि जिन्होंनेपहलीप्रभावीरेबीजवैक्सीनको विकसित किया था.


रेबीजकेबारेमें
• रेबीज एक घातक बीमारी है, जो कि मानव मस्तिष्क को प्रभावित करती है तथा प्रतिवर्ष होने वाली हजारों मौतों का कारण भी बनती है. 
• विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, एशिया और अफ्रीका में होने वाली 95 प्रतिशत से अधिक लोगों की मृत्यु के कारणों में रेबीज को पाया गया हैं. 
• बच्चे कुत्ते के काटने के प्रति अतिसंवेदनशील होते हैं, इसलिए उन्हें रेबीज से संक्रमित होने का ख़तरा अधिक होता है. 
• यह अनुमान लगाया गया है, कि पंद्रह वर्ष की आयु से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु में से दस में चार की मृत्यु रेबीस के कारण होती हैं.
• रेबीजलायसावायरस के कारण होने वाला वायरल रोग है.
• यह वायरस घाव व खरोंच या संक्रमित जानवर की श्लैष्मिक (जैसे कि काटने) के सीधे संपर्क में आने के माध्यम से पशुओं द्वारा मनुष्यों में फैलता है. यह चोट व घाव या मानव शरीर की सतह छुने के माध्यम से नहीं फैलता हैं.
• यह वायरस, मानव त्वचा या मांसपेशियों के संपर्क में आने के बाद रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क की ओर प्रसारित हो जाता हैं. इस वायरस के मस्तिष्क में पहुँचने के बाद, इसके लक्षण और संकेत संक्रमित व्यक्ति में दिखाई देने लगते हैं.

क्वालकॉम ने भारतीय स्टार्टअप के लिए 150 मिलियन अमरीकी डॉलर के निवेश की घोषणा की

सिलिकॉन वैली आधारित चिप निर्माता कंपनी क्वालकॉम ने 27 सितम्बर 2015 को भारतीय स्टार्ट-अप में 150 मिलियन यूएस डॉलर का निवेश करने की घोषणा की. यह निवेश वेंचर फंड के माध्यम से किया जाएगा.
यह घोषणा कंपनी के कार्यकारी अध्यक्ष पॉल ई याकूब सैन जोस द्वारा डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्यक्रम के दौरान की गई.
मोबाइल और इन्टरनेट ऑफ़ एव्रीथिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए सभी संभावित मदद स्टार्ट अप को प्रदान करेगा. इसके अतिरिक्त कम्पनी वित्तीय, विपणन और प्रौद्योगिकी स्तर पर भी सहायता प्रदान करेगी.
क्वालकॉम वर्ष 2007 के बाद से भारतीय स्टार्ट अप में निवेश कर रही है.


क्वालकॉमकेबारेमें
• क्वालकॉम डिजाइन और वायरलेस दूरसंचार उत्पादों के क्षेत्र में कार्य करने वाली अमेरिकी कम्पनी है.
• यह कम्पनी वर्ष 1985 में कैलिफोर्निया में स्थापित की गई थी.

मार्स ऑर्बिटर मिशन

इसरो द्वारा 5 नवम्बर 2013 को सतीश धवन अन्तरिक्ष केंद्र,आंध्र प्रदेश से मार्स मिशन की शुरुआत की गई, इस कार्यक्रम के तहत भेजा गया अन्तरिक्ष यान 23 सितम्बर 2014 की मध्यरात्रि मंगल ग्रह की कक्षा में स्थापित हो गया और इस तरह वर्ष 2014 के सितम्बर माह में भारत उस क्लब का हिस्सा बन गया जिसमे सिर्फ वह देश शामिल थे जिन्होंने अब तक मार्स(मंगल) ग्रह पर अपने उपग्रहों को भेजने में सफलता प्राप्त की है. भारत द्वारा इस मिशन को मार्सऑर्बिटरमिशन’ नाम दिया गया.
इस मार्स मिशन ने 24 सितम्बर 2015 को एक वर्ष पूरा कर लिया है. वर्ष 2014 के सितम्बर माह से मार्स ऑर्बिटर मिशन के अंतर्गत प्रक्षेपित किए गए पाँच पे लोड अब तक सफलतापूर्वक सूचनाओं का आदान प्रदान कर रहे हैं. 
इन पेलोडों में मार्सकलरकैमरामीथेनसेंसरफॉरमार्सथर्मलइमेजिंगस्पेक्ट्रोमीटरमार्सएक्सोस्फेरिकन्यूट्रलकोम्पोज़ीशनएनालाइज़र(मेनकाऔरलीमैनअल्फाफोटोमीटर(एलएपी)शामिल हैं. यह पे लोड जिस अंतरिक्ष यान के मध्यम से भेजे गए थे उसे भारत में “मंगलयान” नाम दिया गया.
मंगलयान का निर्माण इसरो द्वारा 2 वर्ष से भी कम समय में किया गया और इस निर्माण में 450 करोड़ की लागत आई जो अब तक किसी भी अंतर-ग्रहीय मिशन की सबसे कम लागत है.
इन पेलोडों के मध्यम से भेजी गईं सूचनाओं का विश्लेषण स्पेस एपलीकेश्न सेंटर अहमदाबाद में किया जा रहा है. 
इन सूचनाओं के आधार पर 24 सितम्बर 2015 को इसरो ने मार्स ऑर्बिटर मिशन,मार्सएटलस नामक एक एटलस का विमोचन किया. इस एटलस में इन सभी पेलोडों के द्वारा भेजी गई जानकारियों को स्थान दिया गया है.

इस एटलस में मंगल ग्रह के क्रेटर, ग्रह की विवर्तनिक विशेषताएँ, ज्वालामुखी पर्वत,  मंगल ग्रह के चन्द्रमा की तस्वीरों और उनकी विशेषताओं का उल्लेख किया गया है. 
पीएसएलवी 25 - मार्स ऑर्बिटर मिशन के तहत प्रक्षेपित किए गए पेलोड को पीएसएलवी सी -25  नामक प्रक्षेपण यान के माध्यम से भेजा गया. इस मिशन के लिए पीएसएलवी के एक्सएल संस्करण का उपयोग किया गया.
विदित हो इससे पूर्व चंद्रयान वर्ष 2008 में, जीसैट 12 वर्ष 2011 में और आरआइसैट 1 को वर्ष 2012 में प्रक्षेपित करने के लिए पीएसएलवी के एक्सएल संस्करण का प्रयोग किया गया था.

इसरो एशिया की पहली और विश्व की चौथी ऐसी अन्तरिक्ष एजेंसी है जिसने मंगल की कक्षा में उपग्रह स्थापित करने में सफलता प्राप्त की है. इससे पहले रूस की रोस्कोम्स, अमेरिका की नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी ही इस सफलता को प्राप्त कर सके थे.
ज्ञातव्य हो भारत विश्व का पहला ऐसा देश है जिसने मंगल ग्रह की कक्षा में उपग्रह स्थापित करने में पहले ही प्रयास में  सफलता प्राप्त कर ली.
इस सफलता के लिए नेशनल स्पेस सोसाइटी ने इस मिशन के अध्यक्ष मिलस्वामीअन्नादुरईऔर अन्य सदस्यों को वर्ष 2015 के स्पेसपायोनीरएवार्ड से सम्मानित किया.

सानिया मिर्ज़ा एवं मार्टिना हिंगिस ने ग्वांगजू महिला युगल ख़िताब जीता

सानिया मिर्ज़ा एवं मार्टिना हिंगिस ने 26 सितंबर 2015 को ग्वांगजू ओपन टेनिस ख़िताब जीता. भारत और स्विट्ज़रलैंड की इस जोड़ी ने चीन की ज़ू शिलिन एवं यू ज़िओदी को 6-3,6-1 से चीन स्थित ग्वांगजू में हराया.
वर्ष 2015 में यह सानिया का सातवां एवं हिंगिस के साथ छठा ख़िताब है. इससे पहले उन्होंने सिडनी स्थित बेथेनी-मैटेक की जोड़ी को हराकर ख़िताब प्राप्त किया था.


सानिया एवं हिंगिस की जोड़ी ने मार्च 2015 से अब तक खेले गये 13 मैचों में छह जीते हैं. जीते गये ख़िताब हैं, इंडियन वेल्स, मियामी, चार्ल्सटन, विंबलडन, यूएस ओपन तथा ग्वांगजू.

शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कारों की घोषणा

विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने 26 सितंबर 2015 को शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कारों की घोषणा की. मंत्रालय द्वारा सात विभिन्न क्षेत्रों में 11 वैज्ञानिकों के लिए पुरस्कारों की घोषणा की गयी.
बंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस के बालासुब्रमण्यम गोपाल, इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टिट्यूट फॉर द सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (आईसीआरआईएसएटी) के राजीव कुमार वार्ष्णेय को जैव विज्ञान के क्षेत्र में पुरस्कार के लिए चुना गया.
फिजिकल साइंस लैबोरटरी, अहमदाबाद के ज्योतिरंजन श्रीचंदन को पृथ्वी, वायुमंडल, महासागर और ग्रह विज्ञान के क्षेत्र में पुरस्कार हेतु चुना गया. आईआईटी कानपुर से योगेश जोशी को इंजीनियरिंग विज्ञान के क्षेत्र में पुरस्कार के लिए चुना गया.
गणितीय विज्ञान श्रेणी में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर), मुंबई, के रिताब्रता मुंशी को चुना गया. एप्लीकेबल गणित के लिए टीआईएफआर केंद्र, बंगलुरु के के. संदीप पुरस्कार हेतु चयनित किये गये.


टीआईएफआर केंद्र, मुंबई की विदिता वैद्य को स्वास्थ्य विज्ञान श्रेणी में पुरस्कार हेतु चयनित किया गया. शारीरिक विज्ञान वर्ग में विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान राष्ट्रीय संस्थान, भुवनेश्वर से बेदंगदास मोहंती एवं टीआईएफआर केंद्र, मुंबई से मंदर देशमुख चयनित किये गये.
पुणे की राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला से डी श्रीनिवास रेड्डी एवं जादवपुर की इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ़ साइंस से प्रद्युत घोष को रासायनिक विज्ञान श्रेणी के तहत पुरस्कार हेतु चयनित किया गया.


शांतिस्वरूपभटनागरपुरस्कार
शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार देश के वैज्ञानिकों के लिए एक प्रतिष्ठित सम्मान माना जाता है. इस पुरस्कार का नाम वैज्ञानिक एवं औद्योगिक शोध (सीएसआईआर) के संस्थापक निदेशक शांति स्वरूप भटनागर के नाम पर रखा गया है. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने पर हप्रत्येक वर्ष यह पुरस्कार दिया जाता है. भारत में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में शोध कर रहे 45 वर्ष आयु तक के भारतीय नागरिक, ओवरसीज सिटीजेन ऑफ इंडिया (ओसीआई) और भारतीय मूल के लोग इस पुरस्कार को प्राप्त करने की योग्यता रखते हैं. पुरस्कार में 5 लाख रूपए एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है.

विश्व पर्यटन दिवस : 27 सितम्बर

विश्व स्तर पर 27 सितम्बर 2015 को पर्यटन दिवस मनाया गया.

यह दिवस प्रत्येक वर्ष 27 सितम्बर को मनाया जाता है,  इस वर्ष का उद्देश्य लोगों को पर्यटन के महत्व के प्रति जागरूक करना है. इसके अतिरिक्त इस दिवस का उद्देश्य लोगों को यह बताना है की पर्यटन किस तरह से रोजगार निर्माण, स्थाई समाज और समावेशी विकास के लिए जरूरी है और पर्यटन कैसे प्राकृतिक संसाधनों और सांस्कृतिक विरासतों के संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण हैं.

वर्ष 2015 के लिए इस वर्ष का विषय वनबिलियनटूरिस्टवनबिलियनओपौर्चुनिटीसनिर्धारित किया गया.

वर्ष 2015 के आधिकारिक महोत्सव की मेजबानी बुर्किनाफासोकरेगा.

पर्यटनसेसम्बंधितवर्तमानघटनाक्रमऔरपूर्वानुमान
• वर्ष 2014 में अंतराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या में 4.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह संख्या अब 1.133 बिलियन है.
• वर्ष 2014 में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन से 1.5 ट्रिलियन यूएस डॉलर की कमाई हुई है.
• यूएनडब्ल्यूटीओ ने वर्ष 2015 में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या में 3 से 4 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित की है.

खगोल विज्ञान अनुसंधान हेतु समर्पित भारत का प्रथम उपग्रह 'एस्ट्रोसैट' प्रक्षेपित

खगोल विज्ञान अनुसंधान हेतु समर्पित भारत का प्रथम उपग्रह 'एस्ट्रोसैट' (Astrosat) का 28 सितंबर 2015 को सफल प्रक्षेपण हुआ. इसका प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा (आंध्र-प्रदेश) प्रक्षेपण केंद्र से किया गया.

'एस्ट्रोसैट' का प्रक्षेपण पोलर सैटेलाइट लॉन्च वीकल सी-30 (पीएसएलवी सी-30) के ज़रिए किया गया. 1513 किलोग्राम वजन का एस्ट्रोसैट खगोल विज्ञान के अध्ययन के लिए पूरी तरह से समर्पित भारत का पहला सैटेलाइट है. 'एस्ट्रोसैट' के प्रक्षेपण के साथ ही भारत; अमेरिका, यूरोपियन यूनियन और जापान के बाद ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया. एस्ट्रोसैट की मदद से ब्रह्मांड को समझने में मदद मिलेगी. 
विदित हो कि रॉकेट पीएसएलवी सी-30 अपने साथ 1,513 किलोग्राम वजनी एवं 180 करोड़ रुपये की लागत वाले भारतीय एस्ट्रोसैट उपग्रह के अलावा अमेरिका के चार और इंडोनेशिया और कनाडा के एक-एक उपग्रहों को साथ ले गया.

केंद्र सरकार द्वारा सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न पर विचार हेतु समिति का गठन

केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने सितंबर माह के चौथे सप्ताह में यह स्पष्ट किया कि सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न पर दोबारा विचार करने हेतु एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था.
सात सदस्यीय इस समिति को बी एस बस्वां की अध्यक्षता में 12 अगस्त 2015 को गठित किया गया. समिति को छह माह में रिपोर्ट सौपने के लिए कहा गया.
विशेषज्ञसमितिकार्यक्षेत्र


•    अभ्यर्थियों के चुनाव हेतु सिविल सेवा परीक्षा की मौजूदा योजना के प्रभाव का मूल्यांकन करना. इसमें विभिन्न बिन्दुओं का ध्यान रखना शामिल है, जैसे समग्रता, विभिन्न विषयों से उम्मीदवारों की निष्पक्ष मिश्रण आदि.
•    परीक्षा योजना की जांच करना तथा सभी तीन चरणों के लिए उपयुक्त परिवर्तन का सुझाव देना, जिसमें प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा तथा साक्षात्कार शामिल हैं.
•    परीक्षा आयोजित कराये जाने के समय की जांच करना तथा उन बदलावों के बारे में सुझाव देना जिससे उम्मीदवारों के चयन में सूचना प्रोद्योगिकी की सहायता ली जा सकती है.
•    परीक्षा के संशोधित पैटर्न के कार्यान्वयन के लिए समय सीमा का सुझाव देना.
•    परीक्षा में बैठने वाले छात्रों के लिए योग्यताओं का सुझाव देना. इसमें न्यूनतम एवं अधिकतम आयु सीमा, प्रयासों की संख्या, उन उम्मीदवारों के लिए पात्रता मानदंड की समीक्षा करना जो पहले ही किसी अन्य सेवा के लिए चयनित हो चुके हैं लेकिन वे दूसरी सेवा के लिए प्रयास करना चाहते हैं.
•    पाठ्यक्रम को समय-समय पर अपडेट करना तथा एक कार्य कुशल तंत्र का सुझाव देना.
•    प्रारंभिक स्तर पर उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए परीक्षा आयोजित करने की बाधाओं की समीक्षा करना.
समितिसदस्य
बी एस बस्वां (अध्यक्ष)
बी एन नवालावाला
डॉ हरी प्रताप गौतम
डॉ अनिल सहस्रबुद्धे
प्रोफेसर पीटर रोनल डिसूज़ा
बी महादेवन
एम पी तन्गिराला (सदस्य-सचिव, यूपीएससी)

इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज़ फ्रैंक टायसन का निधन

विश्व के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक टायफून के नाम से मशहूर इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज़ फ्रैंक टायसन का 27 सितंबर 2015 को ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट स्थित एक अस्पताल में 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया.

टायसन ने इंग्लैंड की ओर से वर्ष 1954 से 1959 के बीच 17 टेस्ट मैचों में 18.56 के औसत से 76 विकेट लिए थे.

‘टाइफून’ के नाम से मशहूर टायसन ने 1954-55 में आस्ट्रेलिया में खेली गयी एशेज श्रृंखला में पांच मैचों में 28 विकेट लिये थे. इंग्लैंड ने यह श्रृंखला 3-1 से जीती थी. टायसन को वर्ष 1955 में विजडन लीडिंग क्रिकेटर भी घोषित किया गया.

टायसन ने वर्ष 1952 से 1960 के बीच 244 प्रथम श्रेणी मैचों में 767 विकेट लिये थे. उन्होंने नार्थम्पटनशर की ओर से 170 मैचों में 525 विकेट हासिल किये. टायसन ने अपने पूरे करियर में 1200 से ज्यादा विकेट लिए. उन्होंने 30 साल की उम्र में संन्यास ले लिया था.

टायसन का जन्म 6 जून 1930 को  फर्नवर्थ, लंकाशायर में हुआ था. उन्होंने डरहम यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की पढ़ाई की.

मर्सिडीज ड्राइवर लुईस हैमिल्टन ने जापान ग्रां प्री 2015 फार्मूला वन खिताब जीता

ब्रिटेन के मर्सिडीज ड्राइवर लुईस हैमिल्टन ने 7 सितंबर 2015 को जापान के सुजुका सर्किट में आयोजित जापान ग्रां प्री 2015 फार्मूला वन खिताब जीत लिया.

मर्सिडीज टीम के ड्राइवर निको रोजबर्ग ने दूसरा और फेरारी के सबेस्टियन वेटेल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया. फोर्स इंडिया के निको हुल्केनबर्ग (जर्मनी) और सर्जियो परेज (मैक्सिको) क्रमश: छठे और 12वें स्थान पर रहे. विलियम्स के वालेटेरी बोटास पांचवें, लोटस के रोमेन ग्रॉसज्यां और पोस्टर क्रमशः सातवें व आठवें जबकि रोसो रेनां के मैक्स और कार्लोस सानेज क्रमशः नौवें और दसवें स्थान पर रहे.

वर्ष 2015 के फार्मूला वन सत्र में ब्रिटेन के मर्सिडीज ड्राइवर लुईस हैमिल्टन का यह आठवां खिताब था. इससे पहले वे ऑस्ट्रेलिया, चीन, बहरीन, कनाडा, ब्रिटेन, बेल्जियम और इटली में खिताब जीत चुके हैं.

इसके साथ ही हैमिल्टन ने आयर्टन सेना (ब्राजील) के 41 खिताब जीतने के रिकॉर्ड की भी बराबरी कर ली. वर्तमान में हैमिल्टन सबसे अधिक फार्मूला वन का खिताब जीतने वाले व्यक्तियों की सूचीं में पांचवें स्थान पर पहुंच गए.

पंकज आडवाणी ने आईबीएसएफ विश्व बिलियर्ड्स चैम्पियनशिप 2015 खिताब जीता

पंकज आडवाणी ने 27 सितंबर 2015 को विश्व बिलियर्ड्स चैम्पियनशिप खिताब जीता. ऑस्ट्रेलिया में एडिलेड में आयोजित फाइनल में उन्होंने 1168 अंक से सिंगापुर के पीटर गिलक्रिस्ट को पराजित किया. यह पंकज आडवाणी का 14वां विश्व विश्व बिलियर्ड्स चैम्पियनशिप ख़िताब है.

इसके साथ ही पंकज ने टाइम फॉर्मेट के अपने खिताब का बचाव किया. इससे पहले  सितंबर 2015 के तीसरे सप्ताह में आयोजित फाइनल मैच में आडवाणी सिंगापुर के पीटर गिलक्रिस्ट से प्वाइंट फॉर्मेट चैंपियनशिप में हार गए थे. आडवाणी ने 2014 में टाइम और प्वाइंट दोनों फॉर्मेट के विश्व खिताब जीते थे.

पंकज ने इससे पहले अपना 13वां ख़िताब अगस्त 2015 में कराची में आयोजित विश्व 6 रेड स्नूकर चैंपियनशिप में जीता था. उन्होंने फाइनल मुक़ाबले में चीन के यानि बिंगाताओ को 6-2 से हराया था.

गूगल ने भारत में 500 रेलवे स्टेशनों पर वाईफाई सेवा उपलब्ध कराने की घोषणा की

इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनी गूगल ने भारत में 500 रेलवे स्टेशनों पर वाईफाई सेवा उपलब्ध कराने की सितंबर 2015 में घोषणा की. यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गूगल के मुख्यालय के दौरे के दौरान की गई. इस घोषणा के अनुसार, गूगल वर्ष 2016 के अंत तक भारतीय रेलवे के साथ मिलकर 500 स्टेशनों पर वाईफाई सेवाएं उपलब्ध कराएगी.


विदित हो कि गूगल के भारतीय मूल के सीईओ सुंदर पिचई ने इस संबंध में कहा कि कंपनी शुरू में भारत के 100 रेलवे स्टेशनों पर हाईस्पीड इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराएगी. इसके बाद वर्ष 2016 के आखिर तक 400 और स्टेशनों पर यह सेवा उपलब्ध कराई जाएगी.

मणिपुर के राज्यपाल सैयद अहमद का निधन

मणिपुर के सोलहवें राज्यपाल, सैयद अहमद का 27 सितंबर 2015 को मुंबई में कैंसर के कारण निधन हो गया. वे 70 वर्ष के थे.
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के सदस्य सैयद अहमद ने 16 मई 2015 को मणिपुर के सोलहवें राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी. अपने चार माह के कार्यकाल के दौरान उन्होंने मणिपुर विधानसभा द्वारा पारित किया गये ‘मणिपुर किरायेदार, आगंतुक और प्रवासी श्रमिक विधेयक, 2015’ के लिए अपनी सहमति देने से इनकार किया था.


सैयद अहमद झारखण्ड के आठवें राज्यपाल के रूप में 4 सितंबर 2011 से 15 मई 2015 तक कार्यरत रहे.  
उनका जन्म 6 मार्च 1945 को हुआ था. उन्होंने इंग्लिश तथा हिंदी में स्नातकोतर डिग्री हासिल की थी. इसके अतिरिक्त उन्होंने उर्दू में डॉक्टरेट की उपाधि भी हासिल की.
अहमद वर्ष 1977 में आईएनसी से जुड़े थे. वे महाराष्ट्र विधानसभा में मुंबई स्थित नागपाड़ा क्षेत्र से पांच बार विधायक निर्वाचित हुए.
उन्होंने अपनी जीवनी ‘पगडंडी से शहर तक’ शीर्षक से लिखी.

मेघालय में सबसे लम्बे समय तक विधायक रहे होपिंग स्टोन लिंग्दोह का निधन

मेघालय में सबसे लंबे समय तक विधायक रहे होपिंग स्टोन लिंग्दोह का 26 सितंबर 2015 को शिलांग के एक अस्पताल में निधन हो गया. वे 86 वर्ष के थे. 
वे नार्थ-ईस्ट इंदिरा गांधी रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज़ (एनआईजीआरआईएमएचएस) में भर्ती थे. पूर्वोत्तर क्षेत्र के इस इकलौते सुपर स्पेशियेलिटी अस्पताल में उन्हें 20 सितंबर 2015 को छाती में परेशानी होने के कारण भर्ती कराया गया था, लेकिन उनकी हालत धीरे-धीरे बिगड़ती गई. उनका निधन न्यूमोनिया और सेप्टिसीमिया के कारण हुआ.


उन्होंने मेघालय में यूरेनियम खनन के खिलाफ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
लिंग्दोह, हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष थे. उन्होंने यूरेनियम खनन के अतिरिक्त खासी-जैंतिया जनजातियों के लिए अलग राज्य की लड़ाई भी लड़ी. वे वर्ष 1972 से 2015 तक लगातार विधायक पद पर रहे तथा कोई चुनाव नहीं हारे. वे वर्ष 1977 में अल्पावधि के लिए सांसद भी रहे.

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रोफाइल 2015 जारी की

22 सितंबर 2015 को केंद्रयी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने केंद्रयी स्वास्थ्य अन्वेषण ब्यूरो द्वारा तैयार राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रोफाइल (एनएचपी) 2015 जारी किया. पहली बार एनएचपी का ई–बुक (डिजिटल संस्करण) भी जारी किया गया. यह एनएचपी का 11 वां संस्करण है.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रोफाइल में स्वास्थ्य में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे और मानव संसाधनों पर विस्तृत जानकारी समेत जनसांख्यिकीय, सामाजिक– आर्थिक, स्वास्थ्य की स्थिति और स्वास्थय वित्त संकेतकों को शामिल किया गया है.
पहली बार एनएचपी 2015 में ईएसआईसी और रेलवे से लिए गए स्वास्थ्य आंकड़ों को भी शामिल किया गया है. 
एनएचपी 2015 के अनुसार देश में विभिन्न स्वास्थ्य परिणामों में महत्वपूर्ण प्रगति का संकेत देता है जो उत्साहवर्धक है. 
राष्ट्रीयस्वास्थ्यप्रोफाइल 2015 कीमुख्यविशेषताएं
• भारत में प्रत्येक सरकारी अस्पताल 1833 लोगों के लिए एक बिस्तर (बेड) के साथ अनुमानतः 61000 लोगों के लिए कार्य करता है. 
• अविभाजित आंध्र प्रदेश में, प्रत्येक सरकारी अस्पताल 3 लाख से अधिक मरीजों का इलाज करता है जबकि बिहार में प्रत्येक 8800 लोगों के लिए सिर्फ एक बिस्तर (बेड) उपलब्ध है. 
• प्रत्येक सरकारी एलोपैथि डॉक्टर 11000 से अधिक लोगों का इलाज करता है. बिहार और महाराष्ट्र में अनुपात सबसे खराब है. 
• भारत में एलोपैथी के कुल 9.4 डॉक्टर, 1.54 लाख दंत चिकित्सक और 7.37 आयुष डॉक्टर है. आयुष डॉक्टरों में से आधे से अधिक आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं.
• भारत के 400 मेडिकल कॉलेज एक अनुमान के अनुसार सालाना 47000 छात्रों का दाखिला करते हैं. 
कैंसरडाटा
• एनएचपी 2015 के आंकड़ों के अनुसार, साल 2020 तक पुरुषों के बीच कैंसर में 19 फीसदी की बढ़ोतरी होगी. इसमें मुंह का कैंसर सबसे तेजी से बढ़ेगा और महिलाओं में 23 फीसदी की बढ़ोतरी होगी और उनमें सबसे तेजी से गॉल ब्लैडर कैंसर बढ़ेगा. 
• साल 2020 तक पुरुषों में कैंसर वर्तमान के 522164 से बढ़कर 622203 हो जाएगा. 
• गुटका पर देशव्यापी प्रतिबंध के बावजूद मुंह के कैंसर में 51 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी. 
• प्रोस्टेट कैंसर में 48 फीसदी, लीवर के कैंसर में 31 फीसदी और फेफड़ों के कैंसर में 22 फीसदी की वृद्धि हुई है. 
एनएचपी 2015 केअनुसारभारतमेंसंचारीरोगोंकाप्रसार
• भारत में ज्यादातर संचारी रोगों से होने वाली मौतों में तेजी से गिरावट आ रही है. दस लाख मामलों के दर्ज किए जाने के बावजूद मलेरिया से होने वाली मौतों की आधिकारिक संख्या घटकर 500 सालाना रह गई है. 
• साल 2014 में मलेरिया का हर तीसरा मरीज ओडीशा का था. 
• साल 2010 के बाद से चिकनगुनिया के मामलों की संख्या में जबरदस्त गिरावट आई है, लेकिन सभी मामलों का आधा महाराष्ट्र में पाया गया. 
• साल 2014 में डेंगु के सिर्फ 40000 से कुछ अधिक मामलों और 131 मौतों की आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट की गई.
• जबकि तीव्र अतिसारीय रोग की संख्या हर वर्ष बढ़ रही है. साल 2014 में यह 1.16 करोड़ थी, इस रोग से होने वाली मौतों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है. 
• हालांकि, 2014 में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के मामलों और उससे होने वाली मौतों में बहुत अधिक बढ़ोतरी देखी गई. यह बीमारी उत्तर प्रदेश, बिहार, असम और पश्चिम बंगाल में फैली थी. 
• पिछले वर्ष जापानी इंसेफेलाइटिस का प्रकोप असम और उत्तर प्रदेश में मुख्य रूप से रहा.
• फेफड़ों का क्षयरोग भारत का सबसे बड़ा संचारी रोग बना हुआ है और 2014 में इस बीमारी से 63000 से भी अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई. 
राष्ट्रीयस्वास्थ्यप्रोफाइलकेबारेमें
• साल 2005 में शुरु होने के बाद से सीबीएचआई द्वारा हर वर्ष राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रोफाइल जारी किया जाता है. 
• यह हमारे लक्ष्यों, खूबियों और खामियों को समझने में मदद करता है और यह रणनीति बनाने के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है. अच्छा संकलित आंकड़ा नीतिनिर्माताओं को सबूत– आधारित नीतियां बनाने में सक्षम बनाता है. 
• आंकड़े देश के स्वास्थ्य संकेतकों को समझने के लिए ही सिर्फ महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि ये स्थिति की निगरानी का अवसर भी मुहैया कराते हैं. 
• यह 6 संकेतकों – जनसांख्यिकीय, सामाजिक– आर्थिक, स्वास्थ्य वित्त और स्वास्थ्य स्थिति संकेतकों, स्वास्थ्य संरचनात्मक ढांचे पर व्यापक सूचना और भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र में मानव संसाधन , के तहत पर्याप्त स्वास्थ्य जानकारी पर प्रकाश डालता है.

एनएसएसओ ने भारत में शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण की स्थिति पर 68वें दौर के आंकड़े जारी किए

22 सितंबर 2015 को राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) ने भारत में शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण की स्थिति पर 68वें दौर के आंकड़े जारी किए. यह रिपोर्ट जुलाई 2011 से जून 2012 के बीच एनएसएस के 68वें दौर द्वारा आयोजित रोजगार एवं बेरोजगार सर्वेक्षण पर आधारित है.

सर्वेक्षण 12737 एफएसयू ( 7469 गांवों और 5268 शहरी प्रखंडों) में किया गया था जिसमें 101724 परिवारों ( गांवों के 59700 और शहर के 42024) को शामिल किया गया और 456999 लोगों ( गांवों के 280763 और शहर के 176236) को इसके बारे में बताया गया.
सामान्यसाक्षरतादर
• 15 वर्ष और उससे अधिक के आयु वर्ग में ग्रामीण इलाकों के 18.2 फीसदी और शहरी इलाकों के 5.9 फीसदी घरों में एक भी साक्षर सदस्य नहीं था जो एक साधारण संदेश को भी समझ के साथ पढ़ और लिख सकता हो. 
• साल 2011–12 में 7 वर्ष औऱ उससे अधिक के व्यक्तियों के बीच साक्षरता दर 74.7 फीसदी थी जिसमें ग्रामीण इलाकों में 70 फीसदी और शहरी इलाकों में 86 फीसदी थे. 
• ग्रामीण इलाकों में पुरुषों और महिलाओं की साक्षरता दर क्रमशः 79.1 फीसदी और 60.6 फीसदी थी. शहरी इलाकों में, साक्षरता दर पुरुषों के लिए 91.1 फीसदी और महिलाओँ के लिए 80.3 फीसदी थी. 
• 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र वाले लोगों के बीच सिर्फ 2.4 फीसदी लोगों के पास ही तकनीकी डिग्री या डिप्लोमा या सर्टिफिकेट थे. ग्रामीण क्षेत्रों में इसका अनुपात 1.1 फीसदी और शहरी क्षेत्रों में 5.5 फीसदी था. 
5–29 वर्षकेउम्रकेव्यक्तियोंकाशैक्षणिकसंस्थानोंमेंउपस्थिति
• 5–29 वर्ष के आयु वर्ग में करीब 57.7 फीसदी लोगों के शिक्षण संस्थानों में होने का अनुमान लगाया गया था. 
• 5–29 वर्ष के आयु वर्ग में ग्रामीण इलाकों में शहरी क्षेत्र के 58.5 फीसदी की तुलना में 57.4 फीसदी लोग शैक्षणिक संस्थानों में भाग ले रहे हैं. 
• 5–29 वर्ष के आयु वर्ग में करीब 64.5 फीसदी लोग सरकारी और स्थानीय निकाय के शिक्षण संस्थानों में हैं, 22.5 फीसदी निजी गैरवित्तपोषित संस्थानों में और 12.3 फीसदी निजी वित्त पोषित संस्थानों में हैं. 
• फिलहाल किसी भी शिक्षण संस्थान से नहीं जुड़ने वाले 70 फीसदी से भी अधिक पुरुष के लिए मुख्य वजह थी– 'घर की आमदनी में सहयोग' करना. 
• आधी से अधिक महिलाओं के किसी भी शिक्षण संस्थान न जाने की एक मात्र वजह ' घरेलू कामकाज करना' थी. 
• रिपोर्ट के अनुसार 'शिक्षा को अनिवार्य नहीं मानने' की वजह से ग्रामीण क्षेत्र के करीब 27 फीसदी और शहरी क्षेत्रों के करीब 26.4 फीसदी लोग कभी भी शिक्षण संस्थान का हिस्सा नहीं बने. 
• रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के 3.6 फीसदी और शहरी क्षेत्र के 3.4 फीसदी ने स्कूल बहुत दूर होने की वजह से कभी किसी शिक्षण संस्थान नहीं गए. 
• ग्रामीण इलाकों में 24.7 फीसदी पुरुष और 28.4 फीसदी महिलाएं और शहरी क्षेत्र में 22.9 फीसदी पुरुष और 29 फीसदी महिलाओं ने कभी शिक्षण संस्थान न जाने की वजह, 'शिक्षा को अनिवार्य नहीं समझना' बताया. 
• पुरुषों में, ग्रामीण इलाकों के करीब 25 फीसदी और शहरी इलाकों के करीब 33.2 फीसदी ने 'घर की आमदनी में सहयोग' को वजह बताया. 
• महिलाओं में, ग्रामीण इलाकों में करीब 29.3 फीसदी और शहरी इलाकों में करीब 28.1 फीसदी ने कभी भी शिक्षण संस्थान न जाने की वजह ' घरेलू कामकाज ' बताया. 
15–59 सालकेव्यक्तियोंमेंव्यावसायिकप्रशिक्षण
• 15–59 आयु वर्ग के व्यक्तियों के बीच, करीब 2.2 फीसदी लोगों के औपचारिक व्यावसायिक प्रशिक्षण और 8.6 फीसदी लोगों के गैर– औपचारिक व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने की सूचना मिली है. 
• ग्रामीण इलाकों में, करीब 0.9 फीसदी महिलाओं की तुलना में 1.6 फीसदी पुरुष और शहरी इलाकों में 3.3 फीसदी महिलाओं की तुलना में 5 फीसदी पुरुषों के औपचारिक व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने की सूचना है. 
• ग्रामीण इलाकों में, करीब 5.5 फीसदी महिलाओं की तुलना में 11.1 फीसदी पुरुष और शहरी इलाकों में 4.3 फीसदी महिलाओं की तुलना में 13.7 फीसदी पुरुषों के गैर औपचारिक व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने की सूचना है. 
• ग्रामीण पुरुषों में जिन्होंने व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है/ कर रहे हैं में 'ड्राइविंग और मोटर मकैनिक काम' के क्षेत्र में प्रशिक्षण पाने वालों का प्रतिशत सबसे अधिक ( 22.3 फीसदी) था जबकि शहरी पुरुषों में ' कंप्यूटर ट्रेड्स ' ( 26.3 फीसदी) में.  
• ग्रामीण महिलाओं में जिन्होंने व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है/ कर रही हैं, में ' कपड़ा संबंधित काम' के क्षेत्र में प्रशिक्षण लेने वालियों का प्रतिशत सबसे अधिक ( 32.2 फीसदी) था जबकि शहरी महिलाओँ में ' कंप्यूटर ट्रेड्स ' ( 30.4 फीसदी) में. 
टिप्पणी
व्यावसायिक शिक्षा पर आंकड़े वाकई चिंताजनक है क्योंकि व्यावसायिक शिक्षा की दर में 2004– 05 और 2011–12, जब पिछली बार आंकड़े एकत्र किए गए थे, में मामूली बढ़त दर्ज की गई है. 
मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली भूतपूर्व यूपीए सरकार द्वारा 2009 में घोषित महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय कौशल नीति  और उससे पहले राष्ट्रीय कौशल विकास समन्वय बोर्ड के गठन के बावजूद इस क्षेत्र की स्थिति में कोई खास फर्क नहीं आया है. 
ये आंकड़े प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत एनडीए सरकार के स्किल इंडिया मिशन के लिए गंभीर चुनौती है जिसका उद्देश्य करीब 2022 तक 40 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित करना है.

शहरी इलाकों में जलवायु परिवर्तन शमन की परामर्शदात्री कार्यशाला नई दिल्ली में आयोजित

21 सितंबर 2015 को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने ' शहरी इलाकों में जलवायु परिवर्तन शमन' विषय पर परामर्शदात्री कार्यशाला का नई दिल्ली में आयोजन किया. 
कार्यशाला के दौरान केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने ' भवनों के लिए पर्यावरणीय दिशानिर्देशों' पर विस्तृत प्रस्तुति पेश की. इस प्रस्तुति में निर्माणपूर्व, निर्माण के दौरान और निर्माण के बाद ऊर्जा, पानी, भूमि, ठोस अपशिष्ट, वायु की गुणवत्ता औऱ शोर के स्तर के प्रभावी प्रबंधन के लिए करीब 30 पैमानों के बारे में बताया गया था

इस कार्यशाला का आयोजन राज्यों और अन्य हितधारकों को ग्रीन कंस्ट्रक्शन की जरूरत के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए किया गया था क्योंकि भवन निर्माण क्षेत्र देश में उत्पादित बिजली का 40 फीसदी, 30 फीसदी कच्चा माल और 20 – 20 फीसदी पानी और भूमि संसाधनों का उपयोग करता है. इसके अलावा यह क्षेत्र 30 फीसदी ठोस कचरा और 20 फीसदी सीवर का पानी भी पैदा करता है. 
राज्यों ने यह कहते हुए कि इन नियमों का कार्यान्वयन संभव है, शहरी इलाकों में निर्माण परियोजनाओं के लिए प्रस्तावित पर्यावरणीय दिशानिर्देशों के अनुपाल को सुनिश्चित करने पर सहमती जताई. 
निम्नलिखितप्रमुखप्रावधानोंपरमिलीव्यापकसहमतिइसप्रकारहै
• बिजली का कम–से कम 1% कनेक्टेड अप्लायड लोड फोटोवोल्टायिक बैट्रियों या पवन चक्कियों या हाइब्रिड मोड वाले अक्षय ऊर्जा स्रोतों से पूरा किया जाएगा. सभी आम क्षेत्रों को एलईडी/ सौर रौशनी से रौशन किया जाएगा. समग्र ऊर्जा खपत को मापने के लिए बिजली के मीटर लगाए जाएंगे. 
• ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा प्रमाणित ऊर्जा परीक्षकों द्वारा नियमित ऊर्जा ऑडिट सुनिश्चित की जाएगी. 
• प्रति 100 वर्ग. मी. भूमि के लिए एक पेड़ लगाया जाएगा. जब इनमें से किसी भी पेड़ को काटा या प्रत्यारोपित किया जाएगा तो काटे जाने वाले प्रत्येक पेड़ की जगह 3 पेड़ों को लगाना सुनिश्चित किया जाएगा. 
• वर्षा जल संरक्षण योजना तैयार की जाएगी और प्रत्येक 3,000 वर्ग मीटर भूमि के लिए एक रिचार्ज बोर बनाया जाएगा. भूजल के रिचार्ज और ताप द्वीप प्रभाव को कम करने के लिए न्यूनतम 30% क्षेत्र अनिर्मित  रखा जाएगा. घास लगी भूमि को अपवेटेड क्षेत्र माना जाएगा. 
• सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की स्थापना की जाएगी ताकि पैदा हुए ठोस अपशिष्टों का शत– प्रतिशत उपचार सुनिश्चित किया जा सके और बड़ी परियोजनाओं के लिए विकेंद्रीकृत एसटीपी को अपनाया जा सके. 
• बिना सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के प्राकृतिक नाला से पानी के प्रवाह की धारा को नहीं बदला जा सकता . 
• ऐसे चैनलों का प्रवेश और निकास जरूर बनाए रखा जाना चाहिए. 
• 0.3 किलो/ मकान/ दिन की न्यूनतम क्षमता के साथ जैविक कचरा कंपोस्टर/ कृमि गड्ढे बनाए जाने चाहिए.
• भूतल पर गीले और सूखे कचरे के डिब्बे होने चाहिए ताकि कचरे को अलग करने में सुविधा हो. सभी गैर– जैवसड़नशील कचरों को प्राधिकृत पुनःचक्रकों को ही दिया जाना चाहिए. 
• उर्वर उपरी मिट्टी को उस स्थान पर फिर से इस्तेमाल करने के लिए रखना चाहिए क्योंकि एक इंच उर्वर उपरी मिट्टी को बनने में करीब 500 वर्षों का समय लग जाता है. 
• भवनों का कब्जा जल निकासी और पानी के कनेक्शन एवं सक्षम प्राधिकारी से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही दिया जाएगा.

एडीबी ने 2016 के लिए भारत की विकास दर अनुमान को 7.8% से 7.4% किया

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 22 सितंबर 2015 को वित्त वर्ष 2016 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर अनुमानों को कम कर दिया है. मार्च 2015 के आउटलुक में इसके 7.8% होने का अनुमान था जो अब 7.4% हो गया है. 
वित्त वर्ष 2015 के लिए, भारतीय अर्थव्यवस्था के 7.8 फीसदी की दर से विकास करने का अनुमान लगाया गया है जो कि 8.2 फीसदी के पिछले अनुमान से कम है.

विकास अनुमानों में कमी की वजह औद्योगिक देशों में आर्थिक मंदी, कमजोर मानसून और कुछ महत्वपूर्ण संरचनात्मक सुधारों में ठहराव है. 
हालांकिकुछसकारात्मकबातेंभीहैंजिससेअर्थव्यवस्थामेंउछालसकतीहैऔरवेहैं
मुद्रास्फीतिकाकमहोनाः रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2015 में मुद्रास्फीति के औसत 5 फीसदी पर रहने का अनुमान था, जो वित्त वर्ष 2016 में सुधरे हुए विकास और कमोडिटी मूल्यों में इजाफे से 5.5 फीसदी तक बढ़ेगा. लगातार न्यून उपभोक्ता मूल्य भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को वित्त वर्ष 2015 के दूसरी छमाही में ब्याज दरों को कम करने में मदद करेगा. वास्तविक अर्थव्यवस्था पर मौद्रिक सहजता के सकारात्मक प्रभाव आर्थिक सुधारों पर प्रगति के साथ मजबूत बनेगा. 
करराजस्वः आम संपत्ति बिक्री की तुलना में अधिक के साथ कर राजस्व में अच्छा विकास, सरकार को पूंजीगत खर्च को 39% बढ़ाने की इजाजत देगा. 
शुद्धप्रत्यक्षविदेशीनिवेश (एफडीआईप्रवाहःवित्त वर्ष 2015 की पहली तिमाही में शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह 10.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का स्तर पर पहुंच गया, साल– दर– साल बढ़ोतरी 29 फीसदी की रही, शुद्ध पोर्टफोलियो अंतःप्रवाह नकारात्मक रहा. 
चालूखातेकाघाटाः वित्त वर्ष 2015 में, इसके जीडीपी का, हाल के वर्षों के काफी नीचे, 1.1 % रहने  का अनुमान है. ऐसा औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओँ में धीमे विकास और भारत के कुछ प्रमुख व्यापार भागीदारों की मुद्राओं के कमजोर होने से हुआ है. वित्त वर्ष 2016 में तेल की कीमतों में सुधार और उद्योग एवं निवेश मांगों में सुधार की वजह से, जीडीपी के 1.5% से थोड़ा अधिक चालू खाता घाटे के साथ आयात और निर्यात दोनों ही में सुधार होगा.
एशियाईविकासबैंक (एडीबी)
एडीबी, मनीला में स्थिति है, ने समावेशी आर्थिक विकास, पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ विकास और क्षेत्रीय एकीकरण के माध्यम से एशिया और प्रशांत क्षेत्र में गरीबी को कम करने के लिए समर्पित है. इसकी स्थापना 1966 में हुई थी. इसका स्वामित्व 67 सदस्यों के पास है– जिसमें से 48 इलाके के हैं. साल 2014 में, एडीबी ने 9.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सह– वित्तपोषण के साथ कुल 22.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता दी.

नेपाल में ईंधन की कमी के कारण वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया

नेपाल ने 27 सितंबर 2015 को सम और विषम संख्या की नंबर प्लेट के आधार पर वाहनों को चलाये जाने का नया नियम जारी किया है.
इस नये नियम के अनुसार सम नंबर वाले वाहन सम तिथि को और विषम संख्या वाले वाहन विषम तिथि को चलाए जा सकेंगे. 
यह कदम देश में ईंधन की भारी कमी के कारण उठाया गया है. यह कमी मधेसी समुदाय द्वारा भारत-नेपाल सीमा पर किये जा रहे प्रदर्शनों के कारण अवरुद्ध हुए मार्ग से उत्पन्न हुई है. यह मार्ग 24 सितंबर 2015 मध्यरात्रि से अवरुद्ध है.
प्रदर्शनकारी नेपाल द्वारा 20 सितंबर 2015 को अपनाए गये नए संविधान में संशोधन की मांग कर रहे हैं.
सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों ने संविधान में संशोधन की मांग करते हुए, काठमांडू से 90 किलोमीटर दक्षिण में बीरगंज स्थित उस पुल को अवरुद्ध कर दिया जिससे भारत से आने वाले ईंधन एवं खाद्य उत्पादों की नेपाल में आपूर्ति की जाती है.

नेपालमेंमधेसियोंकाप्रदर्शन
मधेसी समुदाय नए संविधान में देश को सात संघीय प्रांतों में विभाजित किये जाने की योजना में संशोधन की मांग कर रहे हैं. उनका मानना है कि तराई क्षेत्र में 70 प्रतिशत आबादी मधेसी एवं थरुस समुदाय की लोगों की है तथा नये संविधान के नियम उनके हक में नहीं हैं.
नेपाल के नए संविधान के अनुसार, पूर्व नेपाल के सप्तरी से लेकर पश्चिम के परसा तक, तराई के केवल आठ जिलों को ही प्रांत की मान्यता दी गयी है. बाकी 14 जिलों को पहाड़ी जिले घोषित किया गया है ताकि यहां की जनसंख्या को अल्पसंख्यकों में लाया जा सके.

गणितज्ञ जैकब शिमरमैन वर्ष 2015 के शस्त्र रामानुजन पुरस्कार के लिए चयनित

टोरंटो विश्वविद्यालय के गणितज्ञ जैकब शिमरमैन को वर्ष 2015 के सस्त्र रामानुजन पुरस्कार के लिए चयनित किया गया.

शिमरमैन वर्तमान में टोरंटो विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत है. वह मुख्य रूप से सिद्धांत की संख्या सिद्धांत (Number Theory) में अनुसंधान कर रहे है.

कुंभकोणम, तमिलनाडु में स्थित सस्त्र विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान शिमरमैन को संख्या सिद्धांत के उनके अनुसंधान के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा.
सस्त्ररामानुजनपुरस्कारकेबारेमें
सस्त्र रामानुजन पुरस्कार सनमुघा कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं अनुसंधान अकादमी (सस्त्र) विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिभाशाली गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के नाम पर वर्ष 2005 में स्थापित किया गया.

सस्त्र रामानुजन पुरस्कार एक वार्षिक पुरस्कार है, जो प्रत्येक वर्ष एक युवा गणितज्ञ को प्रदान किया जाता है. इस पुरस्कार के फलस्वरुप विजेता को 10000 अमेरीकी डॉलर की राशि प्रदान की जाती है.

झारखंड सरकार ने महेंद्र सिंह धोनी को झारखंड राज्य पर्यटन का ब्रांड एंबेसडर घोषित किया

झारखंड सरकार ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को 27 सितंबर 2015 को झारखंड राज्य पर्यटन का ब्रांड एंबेसडर घोषित किया. झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विश्व पर्यटन दिवस (27 सितंबर) के अवसर पर इसकी घोषणा की.

विदित हो कि उपरोक्त के साथ ही झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में मेडिकल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अपोलो अस्पताल को प्रतीकात्मक एक रुपये में जमीन देने की घोषणा की.

क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी को रोकने के लिए शोधकर्ताओं ने सेफपे प्रोटोटाइप सिस्टम बनाया

शोधकर्ताओं की टीम ने बड़े पैमाने पर होने वाले क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी को रोकने के लिए एक सस्ते और सुरक्षित तरीके का विकास किया है, इसका नाम है सेफपे प्रोटोटाइप सिस्टम (SafePay prototype system ). शोधकर्ताओं की टीम का नेतृत्व लीहाई यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के सहायक प्रोफेसर यिनझी काओ ने किया .

शोध के नतीजे लीहाई यूनिवर्सिटी के आधिकारिक वेबसाइट पर 21 सितंबर 2015 को प्रकाशित किए गए थे. 
यह अनूठी तकनीक डिस्पोजेबल क्रेडिट कार्ड  की जानकारी को इलेक्ट्रिक करंट में बदलने और फिजिकल मैग्नेटिक कार्ड का अनुकरण करने के लिए मैग्नेटिक कार्ड चिप ड्राइव के जरिए काम करता है. 
सेफपेकीविशेषताएं
• यह मौजूदा मैग्नेटिक कार्ड रीडर्स के अनुकूल है और इसकी वजह से यह व्यापारियों को कार्ड रीडरों को बदलने से राहत देता है और साथ ही कार्डधारियों के डाटा की चोरी होने से भी बचाता है. 
• यह साइबर– फिजिकल सिस्टम्स (सीपीसी) से जुड़ा है जो भौतिक विशेषताओं को नियंत्रित करने वाले कंप्यूटेशनल तत्व से बने होते हैं. 
• सेफपे के कंप्यूटेशनल तत्व में मोबाइल उपकरण और एक सर्वर होता है जो डिस्पोजेबल क्रेडिट कार्ड नंबर देता है. 
• फिजिकल इंटीटी मैग्नेटिक क्रेडिट कार्ड चिप है जिसे ग्राहक के मोबाइल उपकरण में लगा मोबाइल एप्लीकेशन नियंत्रित करता है. 
सेफपेकैसेकामकरताहै?
• सबसे पहले, उपयोगकर्ता मोबाइल बैंकिंग एप्लीकेशन को डाउनलोड करता और चलाता है जो बैंक के सर्वर से संचार करता है. 
• लेन–देन के दौरान, मोबाइल एप्लीकेशन को बैंक के सर्वर से डिस्पोजेबल क्रेडिट कार्ड संख्या की जरूरत पड़ती है, एक वेव फाइल पैदा करता है. 
• इसके बाद वह इलेक्ट्रिकल करंट पैदा करने के लिए फाइल को चालू करता है और फिर मैग्नेटिक कार्ड चिप को ऑडियो जैक या ब्लूटूथ से चलाता है. 
सेफपेकेमहत्वपूर्णतत्व
• सीमित समय या उपयोग करने की सीमित संख्या के बाद समाप्त हो जाने वाली डिस्पोजेबल क्रेडिट कार्ड सूचना है. इसलिए, सूचना के लीक हो जाने के बाद भी, उसे भविष्य में लेन– देन के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा. 
• मैग्नेटिक कार्ड चिप जो उसे मौजूदा रीडर्स के साथ पूरी तरह से सुसंगत बनाता है. 
• मोबाइल बैंकिंग एप्लीकेशन जो प्रक्रिया को स्वचालित बनाता है, इसे पूरी तरह से उपयोगकर्ता के अनुकूल बना देता है.

हिंदी कवि वीरेन डंगवाल का निधन

हिंदी कवि और वरिष्ठ पत्रकार वीरेन डंगवाल का 28 सितंबर 2015 को बरेली में निधन हो गया. वे 68 साल के थे.

5 अगस्त 1947 को टिहरी गढ़वाल के कीर्तिनगर में जन्मे वीरेन डंगवाल को वर्ष 2002 का साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था. वीरेन डंगवाल अमर उजाला, कानपुर के संपादक भी रहे.

विदित हो कि उनके पहले कविता संकलन 'इसी दुनिया में' को रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार तथा श्रीकान्त वर्मा स्मृति पुरस्कार मिला. वर्ष 2002 में आए उनके दूसरे कविता संग्रह 'दुष्चक्र में सृष्टा' को साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया.