Current Affaires 29-31 Oct 2015 Hindi

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 191 सदस्यों ने क्यूबा अमेरिकी प्रतिबंध निंदा प्रस्ताव पर मतदान किया

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 191 सदस्यों ने 27 अक्टूबर 2015 को क्यूबा पर अमेरिका द्वारा लगाए गए एक आर्थिक प्रतिबंध की निंदा संकल्प को मंजूरी दे दी. इसमें यह कहा गया है कि इस तरह के प्रस्ताव  संयुक्त राष्ट्र की बहुपक्षवाद और विश्वसनीयता को नजरंदाज करते है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 सदस्य राज्यों में से 191 देशों ने क्यूबा के साथ एक ठोस और अंतरराष्ट्रीय स्टैंड का प्रदर्शन करते हुए प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. मात्र संयुक्त राज्य अमेरिका और इसराइल ने विपक्ष में मतदान किया.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दोनों देशों के बीच संबंधों की बहाली के बावजूद क्यूबा के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लगाए गए आर्थिक, वाणिज्यिक और वित्तीय प्रतिबंध समाप्त करने हेतु 24 वें बार प्रस्ताव पारित किया. 
हालांकि सभा ने अमेरिका और क्यूबा के बीच राजनयिक संबंधों की बहाली तथा क्यूबा के खिलाफ आर्थिक, वित्तीय और व्यापार प्रतिबंध के उठाने की दिशा में काम करने के लिए 20 जुलाई 2015 को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की घोषित इच्छा का स्वागत किया.
संकल्पपरभारतकापक्ष
संयुक्तराष्ट्र में भारत के राजदूत अशोक मुखर्जी ने कहा कि यह प्रतिबन्ध न केवल संगठन के बहुपक्षवाद और अविश्वसनीयता को प्रदर्शित करता है प्रत्युत इसके द्वारा सोर्सिंग उत्पाद, प्रौद्योगिकी और सेवाओं में काफी लागत वहन करने के लिए क्यूबा को मजबूर किया गया था जिससे क्यूबा की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा. उन्होंने यह भी कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को फिर से ऐसे प्रतिबंधो के खिलाफ सकारात्मक रुख अपनाने की आवश्यकता है.
जी 77 और गुट निरपेक्ष आंदोलन के साथ स्वयं को जोड़ते हुए मुखर्जी ने भी क्यूबा और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक कदम का स्वागत किया.

विश्व स्वस्थ्य संगठन ने "ग्लोबल ट्यूबरक्योलोसिस रिपोर्ट 2015" जारी की

विश्व स्वस्थ्य संगठन ने 28 अक्टूबर 2015 को “ग्लोबलट्यूबरक्योलोसिसरिपोर्ट 2015” शीर्षक से रिपोर्ट जारी की. यह इस रिपोर्ट का 20वां संस्करण है. इस रिपोर्ट में विश्व के 205 देशों की लगभग 99 प्रतिशत जनसंख्या को शामिल किया गया है.

रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014 में सबसे ज्यादा टीबी के मामले भारत में पाए गए हैं. जबकि विश्वस्तर पर 1.5 मिलियन लोग की मौत टीबी से हुई जिनमे 1.1 मिलियन लोग एचआईवी पॉजिटिव थे और 0.4 मिलियन लोग एचआईवी नेगेटिव. जिनमे से 140000 बच्चे, 890000 पुरुष और 480000 महिलाएँ थीं. इस तरह से एचआईवी पॉजिटिव होने की स्थिति में जिस बिमारी से सबसे ज्यादा लोग मरते हैं उनमे टीबी का नाम शामिल हो गया है.

रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014 में 9.6 मिलियन नए टीबी के मामले सामने आए हैं. जिनमे से 58 प्रतिशत दक्षिण-पूर्वी एशिया और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में हैं.

वर्ष 2014 में विश्व के कुल टीबी मामलों में 23 प्रतिशत मामलें भारत में, 10 प्रतिशत मामले इंडोनेशिया में और 10 प्रतिशत मामले चीन में पाए गए. इसके अतिरिक्त नाजीरिया, पकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका में भी टीबी के अधिक मामले पाए गए.

रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014 में कुल टीबी(एचआईवी नेगेटिव और एचआईवी पॉजिटिव) से होने वाली मौतों का 90 प्रतिशत और टीबी(एचआईवी नेगेटिव) से होने वाली मौतों का 80 प्रतिशत क्रमशः अफ्रीकी और दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में पाया गया.

रिपोर्ट में बताया गया की भारतऔर नाइजीरिया वैश्विक टीबी से होने वाली मौतों के एक तिहाई भाग को वहन करते हैं.
परन्तु वर्ष 1990 की तुलना में वर्ष 2015 में टीबी के प्रसार में 47 प्रतिशत की कमी आई है. वर्ष 2000 से प्रत्येक वर्ष औसतन 1.5 टीबी मामलों में गिरावट देखी गई.

वर्ष 1990 की तुलना में टीबी से होने वाली मौतों की संख्या को आधा करने के लक्ष्य को अमेरिका, दक्षिण-पूर्व एशिया और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र ने प्राप्त किया है. इनमे ब्राजील, कंबोडिया, चीन, इथोपिया, भारत, म्यांमार, फिलीपींस, युगांडा और वियतनाम जैसे नौ देशों ने इस लक्ष्य को प्राप्त किया है.

रिपोर्ट के अनुसार प्रभावी निदान और उपचार ने वर्ष 2000 से 2015 के मध्य 43 मिलियन लोगों की जान बचाई है. इसके अतिरिक्त रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि उपचार का विकास, नए टीकों और दवाओं की खोज, वित्तीय कमियों को दूर कर के और अनुसंधान एवं उपचार के अंतर को कम करके इस बिमारी से होने वाली मौतों में कमी लाइ जा सकती है.

बिन्देश्वरी पाठक मानवतावादी पुरस्कार के लिए चयनित

भारतीय समाजिक कार्यकर्ता और ‘सुलभ इंटरनेशनल’ के संस्थापक बिन्देश्वरी पाठक को 29 अक्टूबर 2015 को एक प्रतिष्ठित मानवतावादी पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. यह पुरस्कार लाखों लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए किये गये उनके प्रयासों के लिए दिया जाएगा.

पाठक को यह न्यूयॉर्क ग्लोबल लीडर्स डॉयलाग ह्यूमैनटेरीयन अवार्ड, न्यूयार्क में 12 अप्रैल 2016 को प्रदान किया जाएगा.
पाठक ने एक सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन के लिए सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की थी जो देश भर में स्वच्छता नियमों को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है.

नेपाल में ईंधन संकट कम करने के लिए नेपाल और चीन के मध्य समझौता

नेपाल ने ईंधन संकट को कम करने के लिए 28 अक्टूबर 2015 को चीन के साथ समझौता किया.  यह समझौता नेपाल की नेपाल ऑयल कारपोरेशन (एनओसी) और चीन की चाइना नेशनल यूनाइटेड ऑयल कॉर्पोरेशन (पेट्रो चाइना) के मध्य हुआ. यह पहली बार है जब चीन व्यावसायिक रूप से नेपाल के लिए पेट्रोलियम आपूर्ति कर रहा है. इस के साथ ही नेपाल के लिए ईंधन आपूर्ति का भारत का लंबे समय का एकाधिकार समाप्त हो गया.वर्तमान में आईओसी से नेपाल वार्षिक 130 करोड़ डॉलर (करीब 8434 करोड़ रुपये) का पेट्रोल खरीदता है.

पृष्ठभूमि

भौगोलिक परिस्थितियों और अनुकूल परिवहन लिंक के चलते नेपाल भारत पर व्यपार के लिए पूरी तरह से भरोसा करता है. 
लेकिन 24 सितंबर 2015 के बाद से काठमांडू के 90 किमी दक्षिण के चारों ओर बीरगंज शहर में एक पुल को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने अवरुद्ध कर दिया है जिसेक कारण उत्पादों की आपूर्ति नहीं हो पा रही थी.

सर्वानंद सोनोवाल ने शिलांग में 12वें सैफ खेलों के खेल सचिवालय का उद्घाटन किया

युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सर्वानंद सोनोवाल ने 28 अक्टूबर 2015 को शिलांग, मेघालय में 12वें दक्षिण एशियाई महासंघ के खेल सचिवालय (एसएएफ) का उद्घाटन किया. यह सचिवालय जवाहरलाल नेहरू खेल परिसर, पोलो ग्राउंड में स्थित है.
यह सचिवालय सैफ खेलों के सुचारू संचालन की देखरेख करेगा. यह पहली बार है जब अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ऐसी विशाल प्रतियोगिता का आयोजन पूर्वोत्तर भारत में हो रहा है.

12 वें सैफ खेलों का आयोजन 16 फ़रवरी 2016 से 6 फरवरी 2016 तक गुवाहाटी और शिलांग में आयोजित किया जाएगा.
आयोजित होने वाले 23 खेलों में से 8 खेल शिलांग में और 15 खेल गुवाहाटी में आयोजित किए जाएंगे

उच्चतम न्यायलय ने सुपर स्पेशएलिटी कोर्सेज में आरक्षण समाप्त करने का निर्देश दिया

उच्चतम न्यायलय ने 28 अक्टूबर 2015 को मे‌‌डिकल के सुपर स्पेशएलिटी कोर्सेज में आरक्षण समाप्त करने का निर्देश दिया है. केंद्र और सभी राज्य सरकारों को दिए निर्देश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सुपर स्पेशएलिटी मेडिकल कोर्सेज को 'अनारक्षित, मुक्त और अबाध' रखा जाए. कई राज्य केवल अधिवासी (स्था्नीय निवासी) एमबीबीएस डॉक्टरों को ही सुपर स्पेशएलिटी कोर्सेज की प्रवेश परीक्षाओं में बैठने की इजाजत देते हैं, उच्चतम न्यायलय ने इसी शिकायत के मद्देनजर ये निर्देश दिया है.
न्यायधीश दीपक मिश्रा और पीसी पंत की पीठ ने ऐसे पाठ्यक्रमों में जाति, धर्म, निवास या किसी अन्य आधार पर आरक्षण नहीं दिए जाने के निर्देश दिए. एक अन्य मामले में डॉ प्रदीप जैन बनाम भारत सरकार, जिसमें उच्चतम न्यायलय ने आदेश दिया था कि सुपर स्पेशएलिटी मेडिकल कोर्सेज में प्रवेश का एक मात्र तकाजा मेरिट ही होगी, का हवाला देते हुए दो जजों की पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार ने उस निर्देश को क्रियान्वित करने के लिए अब तक न कोई नियम बनाया न कोई ‌दिशानिर्देश तय किए.

जजों की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि आाजादी के 68 वर्षों बाद भी 'विशेषाधिकार' में कोई परिवर्तन नहीं आया है. केंद्र और राज्य सरकारों को यथास्थिति में बदलाव करने और मेरिट को सुपर स्पेशएलिटी कोर्सेज में एक मात्र मानदंड बनाने के लिए कई बार ताकीद की गई, लेकिन आरक्षण व्यवस्था में अब तक कोई बदलाव नहीं आया.
कोर्ट ने एमबीबीएस डॉक्टरों द्वारा दा‌खिल की गई एक याचिका पर ये फैसला दिया.
डॉक्टरों ने याचिका में कहा था कि भारत के अधिकांश हिस्सों में वे 'डॉक्टर ऑफ मेडिसिन' और 'मास्टर ऑफ सर्जरी' जैसे कोर्सेज की प्रवेश परिक्षाओं में बैठ सकते हैं, लेकिन आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, और तमिलनाडु केवल स्थारनीय निवासी डॉक्टरों की ही इजाजत देते हैं. उन्होंने कहा था कि इन राज्यों के निवासी डॉक्टर दूसरे राज्यों की परीक्षाओं में तो बैठ सकते हैं, लेकिन दूसरे राज्यों के निवासी डॉक्टर इन राज्यों में नहीं बैठ सकते हैं.

पाकिस्तान ने पूर्व जनरल नासिर खान जंजुआ को नया राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया

पाकिस्तान सरकार ने सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल नासिर खान जंजुआ को पाकिस्तान का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) नियुक्त किया.

जंजुआ की नियुक्ति से सुरक्षा मामलों और भारत से निपटने में ताकतवर सेना की बढ़ती पकड़ का पता चलता है. जंजुआ ने सरताज अजीज की जगह ली है जो अब विदेश मामलों पर ध्यान देंगे.

जंजुआ की नियुक्ति की पुष्टि कर दी गई है और उनका दर्जा राज्य मंत्री के बराबर होगा. जंजुआ अक्टूबर 2015 की शुरूआत में बलूचिस्तान के क्वेटा में स्थित सेना की दक्षिणी कमान के प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हुए थे.

अब तक 86 साल के अजीज संघीय मंत्री के दर्जे के साथ एनएसए के साथ-साथ विदेश मामलों के सलाहकार का भी पद संभाल रहे थे. जंजुआ की नियुक्ति से देश के सुरक्षा मामलों पर सेना की पकड़ बढ़ेगी. 

नजीब शाह सीबीईसी के अध्यक्ष नियुक्त

सरकार ने 28 अक्टूबर 2015 को भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के वरिष्ठ अधिकारी नजीब शाह को केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया है.

नजीब शाह भारतीय राजस्व सेवा के 1979 बैच के अधिकारी हैं. वह इस वर्ष मई से बोर्ड के सदस्य हैं. शाह का कार्यकाल 11 मार्च 2017 तक होगा. वह उसी समय सेवानिवृत्ति भीं होंगे.

ब्रिटेन के ‘करी किंग’ लॉर्ड गुलाम नून का निधन

भारतीय व्यंजनों के मशहूर व्यवसायी भारतीय मूल के लॉर्ड गुलाम नून का 27 अक्टूबर 2015 को लंदन में निधन हो गया. ‘करी किंग’ के नाम से मशहूर नून 79 वर्ष के थे. मुंबई में जन्मे नून ने नून प्रोडक्ट्स की स्थापना की थी जिसका कारोबार 20 करोड़ पौंड है. उनका विशेष ‘चिकन टिक्का मसाला’ मशहूर है.

लॉर्ड गुलाम नून का जन्म मुंबई में 24 जनवरी 1936 को हुआ था. उन्होंने वर्ष 1964 में ब्रिटेन की यात्रा की और 1972 में स्थायी रूप से ब्रिटेन में बस गए. नून ने ज्यादातर ब्रिटिश सुपरमार्केट्स के लिए तैयार फ्रोजन भारतीय और थाई भोजन बनाने वाले अपने मुख्य व्यवसाय 'नून प्रोडक्ट्स' की शुरुआत वर्ष 1987 में की.

वर्ष 2002 में नून को नाइटहुट अवॉर्ड से सम्मारनित किया गया. उन्हेंव वर्ष 20013 में पूर्वी लंदन विश्वविद्यालय का चांसलर भी बनाया गया.

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत कोटा घोषित

मध्य प्रदेश सरकार ने 28 अक्टूबर 2015 को राज्य में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33 प्रतिशत कोटा प्रदान करने का निर्णय लिया. यह निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया.

इस निर्णय से राज्य में सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए कोटा वर्तमान 30 प्रतिशत से बढ़कर 33 प्रतिशत हो गया है.

राज्य मंत्रिमंडल ने किसानों को मुआवजा उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है. प्रस्ताव के मुताबिक किसानों को एक लाख रुपये के ऋण पर 90 हजार रुपए ही अदा करने होंगे.

घोषणा की गई कि सरकार झाबुआ-रतलाम संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और देवास विधानसभा क्षेत्र में चुनाव के लिए नवंबर 2015 में चुनाव आयोग से अनुमति लेगी.

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बीएसई और एनएसई के साथ रिवाइज्ड लिस्टिंग समझौतों पर हस्ताक्षर किया

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने 27 अक्टूबर 2015 को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से जारी नए लिस्टिंग नोटिफिकेशन के तहत बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के साथ संशोधित लिस्टिंग समझौते पर हस्ताक्षर किए. इसके साथ ही ऐसा करने वाली वह देश की पहली कंपनी भी बन गई.

इससे पहले के लिस्टिंग समझौतों में सेबी की कोई भागीदारी नहीं होती थी, लेकिन नए समझौते में सेबी की भी भूमिका होगी. पहले अन्यो कंपनियों का बीएसई के साथ हुआ समझौता अलग अलग था. इससे सेबी को पूरे अधिकार के साथ बाजार की निगरानी करने में अड़चन आ रही थी.

सेबी ने 2 सितंबर 2015 को नए समझौते की अधिसूचना जारी की, जो 1 दिसंबर 2015 से प्रभावी होगा. बाजार नियामक ने सेबी ने इस समझौते के लिए बीएसई में लिस्टेझड कंपनियों को छह माह का समय दिया.

भारत- फ्रांस ने लिखित विरासत के संरक्षण और प्रचार हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

भारत और फ्रांस ने 28 अक्टूबर 2015 को कोलकाता के राष्ट्रीय पुस्तकालय में लिखित विरासत के संरक्षण और प्रचार हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
समझौता ज्ञापन पर संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव (पुस्तकालय) श्रेया गुहा  और फ्रांस के राष्ट्रीय पुस्तकालय के अध्यक्ष ब्रूनो रैसीन द्वारा हस्ताक्षर किए गए. 
इस समझौते के तहत दोनों देशों के बीच डिजिटल सहयोग का विकास, तकनीकी योग्यता, और कुशलताओं, कौशल निर्माण और सांस्कृतिक सहयोग में आदान प्रदान होगा.
समझौता ज्ञापन सात साल पहले फ्रांस में शुरू हुए पुरानी पांडुलिपियों और दस्तावेजों के डिजिटलीकरण कार्यक्रम में सहायक होगा.

भारतमेंराष्ट्रीयवर्चुअलपुस्तकालय

संस्कृति मंत्रालय ने भारत में भी राष्ट्रीय वर्चुअल पुस्तकालय परियोजना के निर्माण की घोषणा की है. इसमे अधिक से अधिक पांडुलिपियों, अभिलेखागार, कलाकृतियों आदि को सहेजा जाएगा. इससे इस परियोजना के कुशल कार्यान्वयन में सहयोग मिलेगा.
राष्ट्रीय वर्चुअल पुस्तकालय दोनों देशों के बीच विभिन्न सरकारी संस्थानों और अन्य संगठनों से जोड़ा जाएगा. जिससे बौद्धिक संसाधनों का आदान प्रदान होगा

हॉकी इंडिया ने भारतीय खेल प्राधिकरण के साथ तीन साल की साझेदारी हेतु हस्ताक्षर किए

खेल को नियंत्रित करने वाले शीर्ष निकाय हॉकी इंडिया (एचआई) ने 28 अक्टूबर 2015 को हॉकी का स्थान शीर्ष खेल के रूप में बनाये रखने में मदद करने के लिए तीन साल  की साझेदारी हेतु भारतीय खेल प्राधिकरण के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.

समझौतों की शर्तों के अनुसार भारतीय खेल प्राधिकरण युवा विकास और उत्कृष्टता के जरिये हॉकी को विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय खेल के रूप में प्रोत्साहित करेंगें.
इसके अतिरिक्त ये दोनों संस्थाएं आज के युवाओं में सकारात्मक मूल्यों को पैदा करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य संबद्ध क्षेत्रों में कोचिंग प्रणाली, प्रतिभा की पहचान और बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से हॉकी को एक नयी दिशा प्रदान करेंगें.
भारतीय खेल प्राधिकरण भी राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनआईएस) के छात्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हॉकी कोचिंग कोर्स और लाइसेंस प्रमाणीकरण के साथ घरेलू कोच प्रदान करके अपने कोच विकास कार्यक्रम को मजबूत बनाने में हॉकी इंडिया को सहयता प्रदान करेगा.
समझौते के अनुसार भारतीय खेल प्राधिकरण के कोच पहले से पहचान किये गए क्षेत्रों में हॉकी स्काउट्स का कार्य करेंगे. साथ ही एचआई राष्ट्रीय टीम के कोच द्वारा चयनित एसएआई केन्द्रों पर विभिन्न आयु समूहों के युवाओं के लिए स्काउटिंग परीक्षण आयोजित किया जाएगा.

30 October

यूएनईएससीएपी ने “डिज़ास्टर विदआउट बॉर्डर्स” शीर्षक से रिपोर्ट जारी की

एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग ने 27 अक्टूबर 2015 को “डिज़ास्टर विदआउट बॉर्डर्स : रीजनल रेज़िलेंस फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट” शीर्षक से रिपोर्ट जारी की.
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2005 से 2014 की अवधि के मध्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 1625 प्राकृतिक आपदा की घटनाए घटित हुईं. इस दौरान इन आपदाओं से लगभग 500000 लोगों की मृत्यु हुई. 1.4 बिलयन लोग प्रभावित हुए और 523 बिलियन यूएस डॉलर की आर्थिक क्षति हुई. 
रिपोर्ट में दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में सबसे अधिक आपदा के खतरे की आशंका व्यक्त की गई. इस क्षेत्र के कई देश ‘रिंग ऑफ़ फायर’ के क्षेत्र में आते हैं जो जहां प्रायः भूकम्प और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाएं जन्म लेती हैं. जिस कारण इस क्षेत्र में आपदाओं से सबसे ज्यादा आर्थिक क्षति हुई है.
रिपोर्ट के अनुसार पिछले 10 वर्षों में वैश्विक प्राकृतिक आपदाओं में से 40 प्रतिशत आपदा एशिया प्रशांत क्षेत्र में घटित हुई. इस दौरान इस क्षेत्र 500000 की लोगों की मौत हुई.
रिपोर्ट में बताया गया है कि संवेदन शील क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र को जलवायु परिवर्तन के प्रति अनुकूल बनाने और आपदा जोखिम के विरुद्ध तैयार करने के लिए अधिक खर्च करने की आवश्यकता है. इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा क्षति बाढ़ और भूकंप से हुई है.

इनमे से कई आपदाएं जैसे बाढ़, चक्रवात, सूखा और भूकंप सीमा पार की हैं अर्थात सीमाबद्ध नहीं हैं. इसलिए इस क्षेत्र के विभिन्न राष्ट्रों के मजबूत क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता है.
संयुक्त राष्ट्र ने इस क्षेत्र की सरकारों से आपदा से निपटने के लिए अधिक निवेश करने का आग्रह किया है.
रिपोर्ट में पूर्व चेतावनी प्रणाली के महत्व पर प्रकाश डाला गया है और सही समय पर सही जानकारी सही लोगों तक उपलब्ध कराने के उपायों का भी उल्लेख किया गया. जारी की गई इस रिपोर्ट में बाढ़ जैसे फॉरगेटेन डिज़ास्टर के प्रभावों को चिन्हित किया गया है जो कर्ज, गरीबी और कभी-कभी आत्महत्या का कारण बनती हैं. रिपोर्ट में बताया गया की यदि आपदा प्रबंधन पर भारी निवेश किया जाए जो आपदा के बाद होने वाले जान माल और अथिक क्षति को कम किया जा सकता है.
रिपोर्ट में बताया गया की जो देश और क्षेत्र सूचना और तकनीक को साझा करते हैं उनमे आपदा से निपटने की क्षमता अधिक है.

भारतीय रिजर्व बैंक ने राष्ट्रीय पेंशन योजना की सदस्यता के लिए प्रवासी भारतीयों को अनुमति दी

रिजर्व बैंक ने 29 अक्टूबर 2015 को केंद्र सरकार के साथ सलाह के बाद प्रवासी भारतीय (एनआरआई) को भी राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में निवेश की अनुमति देने का फैसला किया है ताकि वे भी वृद्धावस्था में पेंशन के हकदार बन सकें.

रिजर्व बैंक के अनुसार, इसके तहत बैंकिंग चैनल के जरिये निवेश किया जा सकेगा. निवेश रिमिटेंस या उनके भारत में मौजूद एनआरई/एफसीएनआर/एनआरओ खातों के जरिये किया जा सकेगा.
केंद्रीय बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है कि योजना के तहत मिलने वाले लाभ का उपभोग विदेश में करने के इच्छुक निवेशकों के लिए इसकी राशि विदेश ले जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा.

एफआईआई तथा आरएफपीआई अब डेन नेटवर्क्स लिमिटेड में 74 फीसदी तक निवेश कर सकते हैं– आरबीआई

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 26 अक्टूबर 2015 को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई)/ पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (आरएफपीआई) को पोर्टफोलियो निवेश योजना (पीआईएस) के तहत डेन नेटवर्क्स लिमिटेड में चुकता पूंजी (पेड अप कैपिटल) में 74 फीसदी तक निवेश करने की अनुमति दे दी.

डेन नेटवर्क्स लिमिटेड ने अपने निदेशक मंडल स्तर और शेयरधारकों के विशेष संकल्प द्वारा इसकी इक्विटी शेयरों औऱ परिवर्तनीय डिबेंचरों की खरीद की सीमा को एफआईआई/ आरएफपीआई द्वारा बढ़ाने की सहमति वाले प्रस्तावों को पारित कर दिया है.

ये खरीद प्राथमिक बाजार और शेयर बाजारों के माध्यम से किए जा सकते हैं. खरीद फेमा अधिसूचना के विनियमन 5 ( 2) और रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित अन्य नियमों एवं शर्तों के अधीन होगी.

विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999 के तहत रिजर्व बैंक ने इसे अधिसूचित किया है.

फेमाअधिनियमकाविनियमन 5 (2)

फेमा अधिनियम के विनियमन 5 ( 2) के अनुसार एक पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) किसी भारतीय कंपनी के शेयर या परिवर्तनीय डिबेंचरों को पोर्टफोलियो निवेश योजना के तहत खरीद सकता है. यह खरीद फेमा, 1999 की अनुसूची 2 में निर्धारित नियमों और शर्तों के विषयाधीन होगी.

वेस्टर्न कोलफिल्ड के दिनेश, येकोना ओपन कास्ट खान परियोजना का नागपुर में उद्घाटन

केंद्रीय बिजली, कोयला और नए अक्षय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पियूष गोयल ने 26 अक्टूबर 2015 को दिनेश, येकोना ओपन कास्ट खान परियोजना का उद्घाटन किया.

वेस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल)इसका संचालन करेगी. यह महाराष्ट्र के नागपुर जिले के उमरेद क्षेत्र में है. 
दो परियोजनाओं की कुल उत्पादन क्षमता 6.75 मिलियन टन की है. इसका उपयोग एमएएचएजेईएनसीओ और अन्य द्वारा 1400 मेगावाट बिजली उत्पादन में किया जाएगा.

ये परियोजनाएं 1773 भूमि विस्थापितों के लिए नौकरी के अवसर भी लेकर आएंगी. इसके आलावा सैंकडों स्थानीय लोगों के लिए ये अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मुहैया कराएंगी.

डब्ल्यूसीएलकेबारेमें

वेस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल), कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के आठ सहायक कंपनियों में से एक है. ये कोयला मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है. साल 2009– 10 के दौरान कंपनी ने देश में कोयला उत्पादन में करीब 8.6% का योगदान दिया था और 15 मार्च 2007 को इसे मिनीरत्न का दर्जा प्राप्त हुआ था.

केंद्रीय बिजली, कोयला और नए अक्षय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पियूष गोयल ने 26 अक्टूबर 2015 को दिनेश, येकोना ओपन कास्ट खान परियोजना का उद्घाटन किया.

वेस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल)इसका संचालन करेगी. यह महाराष्ट्र के नागपुर जिले के उमरेद क्षेत्र में है. 
दो परियोजनाओं की कुल उत्पादन क्षमता 6.75 मिलियन टन की है. इसका उपयोग एमएएचएजेईएनसीओ और अन्य द्वारा 1400 मेगावाट बिजली उत्पादन में किया जाएगा.

ये परियोजनाएं 1773 भूमि विस्थापितों के लिए नौकरी के अवसर भी लेकर आएंगी. इसके आलावा सैंकडों स्थानीय लोगों के लिए ये अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मुहैया कराएंगी.

विश्व बैंक ने अरब स्प्रिंग रिवोल्यूशन पर रिपोर्ट जारी की

21 अक्टूबर 2015 को विश्व बैंक ने मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीकी क्षेत्र (एमईएनए) आर्थिक निगरानी श्रृंखला के हिस्से के तौर पर इनइक्वलिटी, अपराइजिंग्स एंड कॉन्फ्लिक्ट इन द अरब वर्ल्ड शीर्षक से एक  रिपोर्ट जारी की.

रिपोर्ट समग्र रूप से विकास करने वाले देशों में मौजूद व्यापक सामाजिक असमानता के बारे में बताती है जो अरब के असमानता पहेली का संभावित उत्तर है. एमईएनए क्षेत्र के लगातार प्रगति करने के बावजूद क्या वजह है कि वहां के लोग सड़कों पर उतर आए?
रिपोर्टकेनिष्कर्ष

  • सिर्फ आर्थिक आंकड़ों को देखते हुए 2011 का अरब स्प्रिंग रेवलूशन कभी नहीं होना चाहिए था.
  • अरब स्प्रिंग से पहले वाले दशकों में अत्यधिक गरीबी को कम करने, साझा समृद्धि को बढ़ाने, स्कूलों में नामांकन में बढ़ोतरी आदि के पर्याप्त सबूत हैं.
  • फिर भी 2010 के आखिर में और 2011 की शुरुआत में मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका (एमईएनए) के प्रमुख शहरों में लाखों लोग सड़कों पर बदलाव की मांग करते हुए उतर आए.
  • जीवन की गुणवत्ता में तेजी से बढ़ रहे और बड़े पैमाने पर साझा किए जाने वाले असंतोष के साथ – मूल्य सर्वेक्षणों में अनुभव जन्य आंकड़े वस्तुनिष्ठ आंकड़े इस क्रांति के मुख्य कारण हैं.
  • आम लोग खासकर मध्यम वर्ग के लोग औपचारिक क्षेत्रों में नौकरी के कम अवसरों, जन सेवाओं की खराब गुणवत्ता और सरकारी  जवाबदेही में कमी के कारण अपने जीवन के बिगड़ते मानकों से निराश थे.
  • साल 2010 तक अरब क्रांति में जिन देशों के लोगों ने सबसे अधिक योगदान दिया उनमें – सीरिया, लीबिया, ट्यूनेशिया, मिस्र और यमन के लोग हैं.ये लोग दुनिया के सबसे कम खुश रहने वालों में से हैं.
  • असंतोष व्यापक है लेकिन यह बीच वाले 40 फीसदी आबादी के लिए नीचे वाले 40 फीसदी आबादी की तुलना में अधिक स्पष्ट दिखता है.
  • इसके अतिरिक्त  संपत्ति की असमानता जो खासकर आमदनी की असमानताओं की तुलना में अधिक है, अरब क्रांति के भड़कने का कारण हो सकता है. मानक आर्थिक आंकड़े में इस पर गौर नहीं किया गया है.

विश्व बैंक ने प्रवासन और विकास सूचना जारी किया

22 अक्टूबर 2015 को विश्व बैंक ने प्रवासन और विकास सूचना जारी किया,जो दुनिया भर में वर्तमान प्रेषण प्रवाह और प्रवास के हालिया रूझानों से अवगत कराता है. 
रिपोर्ट के अनुसार हालांकि 2015 में वैश्विक मंदी के बीच प्रवास प्रेषण में कमी आने की उम्मीद है, साल 2016 और 2017 में इसमें बढ़ोतरी होना तय है क्योंकि विकसित देशों की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं फिर से मजबूत होंगी. 
रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं
• साल 2015 में विकासशील देशों के भेजे हुए धन के 435 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है.पिछले वर्ष की तुलना में इसमें 2 फीसदी की मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है. यह 2014 के 3.3 फीसदी और 2010–13 के 7.1 फीसदी वार्षिक के मुकाबले महत्वपूर्ण मंदी दर्शाता है. 
• वैश्विक प्रेषण करीब 250 मिलियन प्रवासियों को घर भेजने के 1.3 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 588 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. 
• इस वर्ष प्रेषण में कमी कई विकासशील इलाकों को प्रभावित करेगा, खासकर यूरोप और मध्य एशिया के जहां 2015 में प्रवाह के 18.3 फीसदी तक कम हो जाने की उम्मीद है. अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुबल का कमजोर होना इस कमी का मुख्य कारण है. 
• अमेरिका में सतत वसूली और यूरोप में आर्थिक गतिविधियों में मामूली त्वरण के कारण साल 2016 की तरफ देखते हुए, रिपोर्ट का कहना है कि विकासशील देशों में प्रेषण के करीब 4 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है और यह अनुमानित 453 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है. 
• प्रेषण का वैश्विक प्रवाह के 2016 में बढ़ कर 610 बिलियन पर पहुंचने की उम्मीद है और फिर  2016 में यह बढ़कर 635 बिलियन हो जाएगा. 
• हाल ही में अपनाए गए सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) और अदीस अबाबा एक्शन एजेंडा ऑन फाइनेंसिंग फॉर डेवलपमेंट ने प्रवास नीतियों में सुधार, मानव तस्करी को समाप्त करने के प्रयासों, प्रवासी मजदूरों के लिए सभ्य श्रम स्थिति को बढ़ावा देने आदि के क्षेत्र  में सुधार का समर्थन किया गया है . 
• एक्शन एजेंडा बैंकों द्वारा डी–रिस्किंग और वित्तीय समावेशन के वित्तीय नियमों के प्रतिकूल प्रभाव से संबंधित मुद्दे पर भी गौर करता है. 
रिपोर्ट का अंत इस तथ्य से होता है कि– दुनिया के प्रत्येक सात व्यक्ति में से एक व्यक्ति प्रवासी है और उनमें से एक चौथाई अंतरराष्ट्रीय प्रवासी हैं.
रिपोर्ट के अनुसार हालांकि 2015 में वैश्विक मंदी के बीच प्रवास प्रेषण में कमी आने की उम्मीद है, साल 2016 और 2017 में इसमें बढ़ोतरी होना तय है क्योंकि विकसित देशों की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं फिर से मजबूत होंगी. 
रिपोर्टकीमुख्यविशेषताएं
• साल 2015 में विकासशील देशों के भेजे हुए धन के 435 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है.पिछले वर्ष की तुलना में इसमें 2 फीसदी की मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है. यह 2014 के 3.3 फीसदी और 2010–13 के 7.1 फीसदी वार्षिक के मुकाबले महत्वपूर्ण मंदी दर्शाता है. 
• वैश्विक प्रेषण करीब 250 मिलियन प्रवासियों को घर भेजने के 1.3 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 588 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. 
• इस वर्ष प्रेषण में कमी कई विकासशील इलाकों को प्रभावित करेगा, खासकर यूरोप और मध्य एशिया के जहां 2015 में प्रवाह के 18.3 फीसदी तक कम हो जाने की उम्मीद है. अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुबल का कमजोर होना इस कमी का मुख्य कारण है. 
• अमेरिका में सतत वसूली और यूरोप में आर्थिक गतिविधियों में मामूली त्वरण के कारण साल 2016 की तरफ देखते हुए, रिपोर्ट का कहना है कि विकासशील देशों में प्रेषण के करीब 4 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है और यह अनुमानित 453 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है. 
• प्रेषण का वैश्विक प्रवाह के 2016 में बढ़ कर 610 बिलियन पर पहुंचने की उम्मीद है और फिर  2016 में यह बढ़कर 635 बिलियन हो जाएगा. 
• हाल ही में अपनाए गए सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) और अदीस अबाबा एक्शन एजेंडा ऑन फाइनेंसिंग फॉर डेवलपमेंट ने प्रवास नीतियों में सुधार, मानव तस्करी को समाप्त करने के प्रयासों, प्रवासी मजदूरों के लिए सभ्य श्रम स्थिति को बढ़ावा देने आदि के क्षेत्र  में सुधार का समर्थन किया गया है . 
• एक्शन एजेंडा बैंकों द्वारा डी–रिस्किंग और वित्तीय समावेशन के वित्तीय नियमों के प्रतिकूल प्रभाव से संबंधित मुद्दे पर भी गौर करता है. 
रिपोर्ट का अंत इस तथ्य से होता है कि– दुनिया के प्रत्येक सात व्यक्ति में से एक व्यक्ति प्रवासी है और उनमें से एक चौथाई अंतरराष्ट्रीय प्रवासी हैं.

रोम फिल्म फेस्टिवल में एंग्री इंडियन गॉडेस ने पीपुल्स च्वाइस अवार्ड जीता

  • निर्देशक पान नलिन की फिल्म एंग्री इंडियन गॉडेस ने 25 अक्टूबर 2015 को 10वें रोम फिल्म फेस्टिवल में बीएनएल पीपुल्स च्वाइस अवार्ड्स जीत लिया. समारोह इटली के रोम शहर में आयोजित किया गया था.
  • पुरस्कार बीएनएल समूह के बीएनपी परीबास ने दिया. विजेता का चुनाव दर्शकों के ऑनलाइन वोटिंग प्रणाली के जरिए किया गया था.
  • इस फिल्म ने समारोह में आठ मिनट का स्टैंडिंग ओवेशन (खड़े होकर की गई जयध्वनि) भी हासिल किया.
  • इससे पहले इस फिल्म को 2015 के टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में स्पेशल प्रेजेंटेशन सेक्शन में भी दिखाया गया था, जहां इस फिल्म ने पिपुल्स च्वाइस अवॉर्ड के लिए लेनी अब्राह्मसन के रूम के बाद दूसरा स्थान हासिल किया था.
  • एंग्री इंडियन गॉडेस 2015 में बनी हिन्दी ड्रामा फिल्म है जिसमें अदील हुसैन के साथ संध्या मृदुल, तनीष्ठा चटर्जी, सारा–जेन डायस, अनुष्का मनचंदा, अमृत मघेरा, राजश्री देशपांडे और पवलन गुजराल ने मुख्य भूमिका निभाई है.
  • फिल्म एक ऐसी लड़की की कहानी है जो अपने सबसे करीबी महिला मित्र को अपनी शादी के बारे में बताने के लिए गोवा बुलाती है और फिर कैसे पूरा मामला एक जंगली बैचलर पार्टी में बदल जाता है, के बारे में है.

भारी उद्योग विभाग ने पूंजीगत माल पर राष्ट्रीय नीति का मसौदा तैयार किया

भारी उद्योग विभाग (डीएचआई) ने 26 अक्टूबर 2015 को पूंजीगत माल पर राष्ट्रीय नीति का मसौदा पेश किया. यह पहली बार है जब उद्योग संघों के साथ विचारविमर्श कर इस प्रकार की नीति की रुपरेखा तैयार की गई है. 
पूंजीगत माल पर राष्ट्रीय नीति मेक इन इंडिया के विजन को प्राप्त करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर फोकस करती है और साथ ही इसमें संभावनाओं से भरे इस क्षेत्र की क्षमताओं को उजागर करने और भारत को वैश्विक विनिर्माण हब के रूप में स्थापित करने की कल्पना की गई है. 
विजन
• साल 2025 तक कुल विनिर्माण गतिविधि का पूंजीगत माल के योगदान की हिस्सेदारी को वर्तमान के 12 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करना. 
मिशन 
• वर्तमान स्तर से दुगने से भी अधिक के कुल उत्पादन के साथ दुनिया के शीर्ष पूंजीगत माल उत्पादक देशों में से एक बनाना. 
• कुल उत्पाद का कम– से– कम 40% तक निर्यातों को बढ़ाना और इस प्रकार पूंजीगत माल के वैश्विक निर्यात मे2.5% हिस्सेदारी हासिल करना. 
• भारतीय पूंजीगत मालों में वर्तमान मूल एवं मध्यवर्ती स्तर से उन्नत स्तरों तक लाने के लिए प्रौद्योगिकी में सुधार करना. 
उद्देश्य
• कुल उत्पादन में बढ़ोतरी ताकि 2025 तक वर्तमान के 2.2 लाख करोड़ रुपयों से 5 लाख करोड़ रुपयों का लक्ष्य हासिल हो सके. 
• 2025 तक वर्तमान 15 लाख से कम– से– कम 50 लाख तक घरेलू रोजगार में बढ़ोतरी ताकि अतिरिक्त 35 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा सके. 
• भारत के पूंजीगत वस्तुओं की मांग में घरेलू उत्पादन की हिस्सेदारी को 2025 तक 56% से बढ़ाकर 80% करना और इस प्रक्रिया के दौरान घरेलू उपयोग क्षमता को 80– 90% तक सुधार लाना. 
• साल 2025 तक 50 लाख लोगों को प्रशिक्षित कर कौशल उपलब्धता में सुधार लाना. 
• पूंजीगत वस्तुओं के उप– क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी में सुधार के लिए भारत के अनुसंधान तीव्रता को सकल घरेलू उत्पाद के वर्तमान 0.9% से कम– से– कम 2.8% तक बढ़ाना. 
प्रस्तावितनौ– सूत्रीकार्ययोजना
इसयोजनाकेतहतव्यापकनीतिकार्योंकेसेटकाप्रस्तावदियाहैजोक्षेत्रकेलक्ष्योंकोप्राप्तकरनेमेंसक्षमहोगाऔरनौनएपहलोंएवंनीतिकार्योंकेसेटकीअनुशंसाकीगईहैजोइसप्रकारहैं
• क्षेत्र के लागत प्रतिस्पर्धा को सुनिशिचित करने के लिए एक दीर्घकालिक, स्थिर और युक्तिसंगत कर एवं शुल्क संरचना तैयार करना. 
• संशोधित पात्रता मानदंड के साथ व्यापक सार्वजनिक खरीद नीति का मसौदा तैयार करना और घरेलू मूल्य संवर्धन के लिए अनुबंध में विशेष प्रावधान करना. 
• स्वदेशी श्रोतों  के माध्यम से नई प्रौद्योगिकी के विकास को बढ़ावा देना.
• सभी पूंजीगत वस्तुओं के उप– क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी उन्नयन कोष समर्थन उपलब्ध कराना. 
• सेकेंड हैंड मशीनों के आयात को सीमित कर औरर ड्यूटी के नुकसान को कम कर लेवल प्लेइंग फिल्ड तैयार करना. 
• पूंजीगत वस्तुओं के निर्माओं को प्रतिस्पर्धी दरों पर लघु और दीर्घ कालिक वित्त पोषण उपलब्धता का समर्थन. 
• उप– क्षेत्र विशेष कौशल परिषदों की स्थापना कर कौशल विकास को सक्षम बनाना. 
• मानक निर्माण एवं अनुपालन में सुधार हेतु समर्थन प्रणाली विकसित करने में भारत की उच्च भागीदारी को सक्षम बनाना. 
• साझा सुविधाओं खासकर एसएमई के लिए विनिर्माण कलस्टरों  का विकास करना. 
शासनतंत्र
नीति में सुचारू कार्यान्वयन और नीति की प्रभावशीलता के लिए शासन तंत्र का प्रस्तवा है. तंत्र उच्चतम स्तर पर अंतर– मंत्रालयी और अंतर– विभागीय समितियों के रूप में होगी ताकि सभी हितधारकों के हितों पर विचार करना सुनिश्चित किया जा सके. समिति को वार्षिक आधार पर समन्वित कार्रवाई और प्रगति की निगरानी एवं नीति की प्रभावशीलता का काम सौंपा जाएगा. 
नीतिकीआवधिकसमीक्षा
पूंजीगत वस्तु क्षेत्र गतिशील स्थानीय एवं वैश्विक माहौल में काम करता है और अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए समय–समय पर इसकी नीति की समीक्षा और संशोधन करना जरूरी है. राष्ट्रीय पूंजीगत वस्तु नीति की समीक्षा प्रत्येक पांच वर्षों में एक बार की जाएगी और कार्यान्वयन एवं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय माहौल में उभरने वाली प्रवृत्तियों में प्रगति को ध्यान में रखते हुए उचित तरीके से इसमें  संशोधन किया जाएगा.

सऊदी ब्लॉगर रैफ बदावी सखारोव मानवाधिकार पुरस्कार से सम्मानित

सऊदी अरब के ब्लॉगर रैफ बदावी को मानवाधिकार और विचारों की स्वतंत्रता के लिए यूरोपीय संघ ने वर्ष 2015 के मानव अधिकारों के लिए सखारोव पुरस्कार से सम्मानित किया.
विदित हो रैफ बदावी के लेखों को सऊदी अरब की एक अदालत ने इस्लाम धर्म का अपमान मानकर एक हजार कोड़े और दस वर्ष की कैद की सजा सुनाई थी, जिसकी पश्चिमी देशों में कड़ी आलोचना की गई. पश्चिमी देशों ने सऊदी अरब में राजनीति और धर्म पर विचारों की स्वतंत्रता तथा महिलाओं को लेकर कड़े कानूनों समेत मानवाधिकारों की बदतर स्थिति की कड़ी आलोचना की.
जेद्दाह की एक अदालत ने एक ब्लॉग में सऊदी अरब के मौलवियों की निंदा करने और देश में धर्म के तौर-तरीकों में बदलाव करने की मांग करने के बाद बदावी को वर्ष 2012 में जेल की सजा सुनाई थी.

पुरस्कारकेबारेमें

इस पुरस्कार का नाम सोवियत वैज्ञानिक एंड्री साकरोव के नाम पर रखा गया गया है. यूरोपीय संघ वर्ष 1988 से प्रति वर्ष इस पुरस्कार की घोषणा करता है. यह पुरस्कार पहली बार नेल्सन मंडेला और रूसी लेखक एनातोली मार्चेंको को प्रदान किया गया था.

अमित कुमार ने आईपीसी एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप में पुरुषों के क्लबथ्रो एफ51 स्पर्धा में रजत पदक जीता

भारतीय पैरा-एथलीट अमित कुमार सरोहा ने 28 अक्टूबर 2015 को दोहा में आईपीसी एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप में पुरुषों के क्लबथ्रो एफ51 स्पर्धा में रजत पदक जीता. इसके साथ ही अमित ने 2016 रियो पैरालम्पिक खेलों के लिए क्वालिफाई कर लिया.

अमित ने क्लब थ्रो स्पर्धा में 25.44 मीटर थ्रो किया. 26.29 मीटर की एक चैम्पियनशिप रिकार्ड में स्वर्ण जीतने वाले सर्बिया के जेलको दिमित्रिविक ने 26.29 मीटर थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता. इसके अलाव सर्बिया के ही मिलोस मितिक ने 25.40 मीटर थ्रो के साथ कांस्य पदक जीता.

अमित के पदक ने 15 सदस्यीय भारतीय टीम को दो रजत के साथ अभियान समाप्त करने में मदद की. इससे पहले देवेंद्र झाझरिया ने 27 अक्टूबर 2015 को पुरुषों की भाला फेंक एफ46 स्पर्धा में रजत पदक जीता था.

आईपीसीएथलेटिक्सविश्वचैंपियनशिप 2015
वर्ष 2015 की आईपीसी एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप 21 अक्टूबर 2015 से 31 अक्टूबर 2015 के बीच दोहा, कतर में आयोजित की गई. यह चैंपियनशिप वर्ष 2016 के रियो पैरालम्पिक खेलों से पहले आयोजित आखिरी बड़ी प्रतियोगिताओं में से एक थी.

इस प्रतियोगिता में 90 देशों के लगभग 1300 एथलीटों ने भाग लिया और यह प्रतियोगिता 12000 क्षमता वाले कतर स्पोर्ट्स क्लब- सहैम बिन हमाम स्टेडियम में आयोजित की गई

चीन ने अपने तीन दशक पुराने एक बच्चे की नीति को छोड़ने की घोषणा की

चीन सरकार ने तीन दशकों से चली आ रही एक बच्चे की नीति को छोड़ने की 29 अक्टूबर 2015 को घोषणा की. इसके तहत सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि अगर कोई दंपत्ति चाहे तो वह दो बच्चे पैदा कर सकते हैं.
उपरोक्त घोषणा के तहत अब चीन में सभी दंपतियों को दो बच्चे पैदा करने की इजाजत होगी. चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने चार दिन चली बैठक के बाद यह निर्णय लिया. 
चीन में परिवार नियोजन को लेकर अपनाई गई कड़ी नीति में छूट को एक बड़े उदार कदम के तौर पर देखा जा रहा है. साल 2013 के आखिर में ही इन नियमों में छूट देने की बात कही गई थी. चीन सरकार कड़े श्रम द्वारा फिर से शिक्षित करने वाले लेबर सुधार कैंपों की व्यवस्था को भी खत्म करेगा. यह कदम मानव अधिकार की स्थिति को सुधारने के लिए उठाया गया है.
विदित हो कि चीन में एक बच्चे की नीति सबसे पहले चीन के नेता माओ जेदोंग के शासनकाल में वर्ष 1979 में लागू किया गया था. 1979 में रूदोंग की हुकूमत के दौरान इसे राष्ट्रीय नीति के तौर पर लागू किया गया. इसका मुख्य लक्ष्य चीन की जनसंख्या को नियंत्रित करना था. इस नीति का उल्लंघन करने वालों को कई तरह की सजाएं दी जाती थी, जिनमें जुर्माने, रोजगार छीनने से लेकर जबरन गर्भपात शामिल था. चीन में जनसंख्या वृद्धि दर में आई तेज गिरावट के बाद इस नीति को बदलने को लेकर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी काफी दबाव में थी. क्योंकि पिछले 15 सालों में देश के आधे से ज्यादा स्कूल बंद हो चुके हैं एवं देश की 30 फीसदी आबादी 50 पार कर चुकी है.

एक्जिम बैंक ने अफ्रीका में केपीडीसी परियोजना विकास फर्म स्थापना की घोषणा की

एक्जिम बैंक ने 27 अक्टूबर 2015 को घोषणा की कि वह अफ्रीका में कुकुजा प्रोजेक्ट डेवलपमेंट कंपनी (केपीडीसी) नाम से विकास फर्म की स्थापना करेगी जो अफ्रीकी महाद्वीप में बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं में भारतीय भागीदारी की सुविधा प्रदान करेगी.

आईएल एवं एफएस समूह, अफ्रीकन डेवलपमेंट बैंक और भारतीय स्टेट बैंक भी केपीडीसी में शेयरधारक हैं.

केपीडीसी का उद्देश्य प्रत्येक भागीदार को सशक्त बनाना है जो भारतीय परियोजना निर्यातों के निर्माण में एक दूसरे की मदद करेंगे और साथ ही भारत और अफ्रीका के बीच आर्थिक एवं राजनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाने में सहायता करेंगे.

उम्मीद की जा रही है कि कंपनी अफ्रीकी महाद्वीप में बुनियादी ढांचे संबंधी परियोजनाओं को अवधारणात्मक चरण से कार्यान्वयन स्तर पर लाने के लिए विशेषज्ञ परियोजना विकास विशेषज्ञता मुहैया कराएगी.

यह पूर्व– व्यवहार्यता या व्यवहार्यता अध्ययन, परियोजना की पहचान, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करना, पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव का आकलन जैसे परियोजनाओं के सभी पहलुओं हेतु परियोजना विकास विशेषज्ञता मुहैया कराएगी.

केपीडीसी 2016 के पहले तिमाही से काम करना शुरु कर देगी.

चीन को पीछे छोड़ सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता बना भारतः थॉमसन रायटर

थॉमसन रॉयटर के जीएफएमएस टीम ने 17 अक्टूबर 2015 को गोल्ड सर्वे क्यू 32015 रिव्यू एंड आउटलुक जारी किया. सर्वे के अनुसार भारत ने साल 2015 के पहले नौ महीनों में चीन को पीछे छोड़ते हुए एक बार फिर से सोने के सबसे बड़े उपभोक्ता का स्थान हासिल कर लिया है.

इस अवधि में भारत ने कुल 642 टन सोने की खपत की जबकि चीन वर्ष के पहले नौ महीनों में 642 टन सोने की खपत के साथ भारत से सिर्फ 63 टन पीछे है.

भारतकेसंदर्भमेंसर्वेकीमुख्यबातें

इसके अनुसार भारत में गहनों की खपत में 5 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी हुई है, 2015 के तीसरे तिमाही में अनुमानित 193 टन है, जो 2011 के पहले तिमाही से अब तक का सबसे उच्च तिमाही खपत है. साल 2008 के बाद से तीसरे तिमाही की खपत अब तक का तीसरे तिमाही का सर्वोच्च मांग भी है.

खुदरा निवेश में सालाना 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह 55 टन पर पहुंच गया, 2013 के चौथे तिमाही के बाद से यह सर्वोच्च निवेश है.

तीसरे तिमाही में खपत में बढ़ोतरी, अगस्त 2011 के बाद से सोने की सबसे कम स्थानीय कीमतों की वजह बना.

तीसरे तिमाही में भारत का कुल आधिकारिक सोने का आयात 23 फीसदी से बढ़कर 263 टन हो गया, जो चालू वर्ष में आज तक सबसे उच्च तिमाही मात्रा है. 
चीनकेसंदर्भमेंसर्वेकीमुख्यविशेषताएं

चीन के संदर्भ में सर्वे का कहना है कि 2015 के दूसरे तिमाही में सोने की मांग में कमी के बाद तीसरे तिमाही में मांग में बढ़ोतरी हुई. साल 2011 के बाद से दूसरे तिमाही में सोने की मांग सबसे कम दर्ज की गई.

इस अवधि के लिए सोने की कुल मांग 196 टन रही तथा सालाना 3 फीसदी का सुधार दर्ज हुआ.

तीसरे तिमाही में मांग में सुधार की वजह – इक्विटी बाजारों में वैकल्पिक निवेश के तौर पर सोने की तरफ बढ़ता आकर्षण आदि रहे.

कीमती धातु की मांग, गहनों और निवेश दोनों ही रुपों में जुलाई 2015 के मध्य में सोने की कीमतों के 1100 अमेरिकी डॉलर से कम होने के तुरंत बाद बढ़ गई. अगस्त 2015 में चीन में वैलेंटाइन डे मनाया जाता है और सितंबर 2015 में शरद ऋतु महोत्सव की वजह से सोने के मौसमी मांग में बढ़ोतरी में भी मदद मिली.

11 अगस्त 2015 को युआन के मूल्यह्रास की आधिकारिक घोषणा भी सोने के मांग में बढ़ोतरी की एक वजह थी.

वैश्विक खान उत्पादन के संदर्भ में सर्वे का कहना है कि तीसरे तिमाही में उत्पादन सपाट बना रहा, प्रावधिक 851 टन के उत्पादन अनुमान के साथ इसमें सालाना एक फीसदी से भी कम का उछाल आया.

भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन 2015 नई दिल्ली में आयोजित

चार दिवसीय भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन (आईएएफएस) 2015 नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम परिसर में 26 अक्टूबर से 29 अक्टूबर 2015 के बीच आयोजित किया गया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा शिखर सम्मेलन में 40 अफ्रीकी देशों के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया. इस सम्मेलन का उद्देश्य 54 अफ्रीकी राष्ट्रों और भारत सरकार के बीच उच्चतम राजनीतिक स्तर पर विचार-विमर्श करना था.

भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन की स्थापना के बाद यह तीसरा आईएएफएस सम्मेलन था. पिछले शिखर सम्मेलन वर्ष 2008 और 2011 में क्रमश: नई दिल्ली और अदीस अबाबा (इथियोपिया) में आयोजित किए गए.
शिखरसम्मेलन

  • भारत ने अफ्रीका को आगामी 5 वर्षों में 10 अरब डॉलर का रियायती कर्ज और 60 करोड़ डॉलर की मदद देने की घोषणा की.
  • भारत इससे पहले भी वर्ष 2008 में पहले भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन में अफ्रीका को आर्थिक मदद की घोषणा कर चुका है, जिसमें 7.4 अरब डॉलर के रियायती ऋण और 1.2 अरब डॉलर की अनुदान राशि घोषित हुई थी.
  • इसके साथ ही भारत में अफ्रीकी देशों से आए छात्रों को 50000 छात्रवृत्तियां देने की घोषणा की गई.

 
इंटरनेट स्वतंत्रता भारत में आंशिक रूप से मुफ्त हैः एफओएनटी 2015 रिपोर्ट

इंटरनेट स्वतंत्रता भारत में आंशिक रूप से मुफ्त है. इसका पता फ्रीडम ऑन द नेट (एफओएनटी) रिपोर्ट 2015 से चला जिसे फ्रीडम हाउस ने 28 अक्टूबर 2015 को जारी किया.

रिपोर्ट के अनुसार भारत आंशिक रुप से मुक्त स्थिति को हासिल करने के लिए 0–100 (सर्वश्रेष्ठ– सबसे खराब) पैमाने पर कुल 40 अंकों के साथ मालावी और जाम्बिया जैसे अफ्रीकी देशों की पंक्ति में खड़ा है.

एफओएनटी रिपोर्ट 2014 से तुलना करने पर यह दो अंक गंवाता नजर आता है, क्योंकि इंटरनेट स्वतंत्रता पर संस्थागत प्रतिबंध की वजह से सामाजिक तनाव बढ़ रहा है.

तीनमुख्यक्षेत्रों– उपयोगसंबंधीबाधाएंसामग्रीसीमाऔरउपयोगकर्ताकेअधिकारोंकाउल्लंघन– मेंभारतकाप्रदर्शनइसप्रकारहै

उपयोग संबंधी बाधाएं– 0– 25 के पैमाने पर स्कोर 12 था, इसमें 25 का अर्थ है सबसे खराब, भारत के  सिर्फ 1.29 अरब लोग ही इंटरनेट से जुड़े हैं. 
हालांकि मोबाइल की पहुंच 77 फीसदी हो गई है, जो पहुंच में सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बुनियादी ढांचा अभी भी पहुंच के लिए महत्वपूर्ण बाधा बना हुआ है.

कई प्रकार के सरकारी और गैरसरकारी पहल जैसे डिजिटल इंडिया की शुरुआत 2015 में की गई ताकि खामियों को दूर किया जा सके.

इस सेग्मेंट में भारत का भविष्य उज्जवल है. इस बात का पता ग्लोबल इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी रिपोर्ट 2015 से चलता है, जिसने भारत को 143 देशों में पहला स्थान दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में प्रति मिनट सेलुलर और फिक्स्ड ब्रॉडबैंड टैरिफ दुनिया में सबसे कम है.

सामग्री की सीमाः 0– 35 के पैमाने पर स्कोर 10 था. 35 सबसे खराब के लिए है.

साल 2014 में ओवर बोर्ड ब्लॉकिंग और कॉपीराइट प्रतिबंधों के विभिन्न मामलों के साथ सामग्री पर प्रतिबंध लगाने के मामले में इजाफा हुआ. हालांकि, आईटी अधिनियम की धारा 66 ए को खत्म करना, जिसकी वजह से ऑनलाइन भाषण पर कई गिरफ्तारियां हुईं, सुप्रीम कोर्ट का स्वागत योग्य कदम रहा.

उपयोगकर्ताओं के अधिकारों का हननः 0– 40 के पैमाने पर स्कोर 18 था. 40 सबसे खराब के लिए था.

ऑनलाइन सामग्री के संबंध में आपराधिक शिकायतों की दर्ज की गई संख्या काफी अधिक थी. इसके अलावा, ऑनलाइन गतिविधि के परिणामस्वरुप महिलाओं को धमकी और उनके खिलाफ हिंसा विशेष रूप से प्रचलित थी और हाल के समय में ऑनलाइन गतिविधियों ने धार्मिक तनाव बढ़ाने का भी काम किया.

रिपोर्ट के बारे में

इस रिपोर्ट को फ्रीडम हाउस ने डच विदेश मंत्रालय, अमेरिका के लोकतंत्र, मानवाधिकार और श्रम ब्यूरो विभाग (डीआरएल), गूगल, फेसबुक, याहू और ट्विटर से मिले अनुदान से तैयार किया गया.

फ्रीडम हाउस अमेरिका की गैर– सरकारी संगठन है.

साल 2015 में अवधि 1 जनवरी से 31 जनवरी 2014 के बीच की है.

जल संसाधन मंत्रालय ने उत्तराखंड हेतु विभिन्न योजनाओं को मंजूरी दी

जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनरुद्धार मंत्रालय ने उत्तराखंड सरकार द्वारा भेजी गई विभिन्न योजनाओं को 29 अक्टूबर 2015 को मंजूरी दी. इसके तहत हरिद्वार में चंडीघाट पर एक नया घाट बनाया जाएगा. इसका निर्माण केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्योग उपक्रमों द्वारा किया जाएगा.

उपरोक्त के साथ ही मंदाकिनी और सरस्वती नदियों के तटों कों मजबूत करने और केदारनाथ में घाटों के निर्माण के लिए केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्योग उपक्रमों के इंजीनियरों का एक समूह बनाया जाएगा. यह समूह उत्तरकाशी के नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के विशेषज्ञों के साथ सलाह करके डीपीआर तैयार करेगा. केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्योग उपक्रम ऋषिकेश में मुनि की रेती और जगजीतपुरा में सीवेज उपचार इकाईयां लगाएगा. राज्य् सरकार द्वारा अर्ध-कुंभ के लिए मांगे गए सहयोग के मद्देनजर निर्णय किया गया है कि यह सहयोग नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत प्रदान किया जाएगा.

हास्य अभिनेता जिमी मोरालेस ग्वाटेमाला के राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित

पूर्व टीवी हास्य अभिनेता जिमी मोरालेस ने  25 अक्टूबर 2015 को ग्वाटेमाला के राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित हुए. वे अपना कार्य भार 14 जनवरी 2016 से संभालेंगे.

राष्ट्रपति पद के इस चुनाव में मोरालेस ने 67 प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त कर जीत हासिल की. दूसरी ओर पूर्व प्रथम महिला सांद्रा टोरेस को 33 प्रतिशत मत प्राप्त हुए.
नेशनल कन्वर्जेंस फ्रंट द्वारा 2015 में मोरालेस को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया था. प्रारंभ में उन्हें एक बाहरी व्यक्ति माना जाता था लेकिन चुनाव के प्रथम दौर में उन्होंने क्वालीफाई किया और राष्ट्रपति उम्मीदवार के दौड़ में शामिल हो गए.
राष्ट्रवादी मोरालेस ने मौत की सजा और गर्भपात का विरोध करते हुए ना भ्रष्टाचार ना चोरी का नारा दिया जिसने आम जनता को प्रभावित किया.
विदित हो कि पूर्व उप राष्ट्रपति रोक्साना बाल्देती और निवर्तमान राष्ट्रपति ओट्टो पेरेज मोलिना को धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किये जाने के कारण इस्तीफा देना पड़ा था.
18 मार्च 1969 को जन्मे जेम्स अर्नेस्टो मोरालेस केबेरिया ने टीबी सीरिज मोरालेजस में हास्य कलाकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी. 
वे 2013 में एफसीएन पार्टी के सदस्य बने तथा इसके महा सचिव बने.

एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने सीआरएम सेवा प्रदाता फर्म पावर प्रोजेक्टस का अधिग्रहण किया

वैश्विक आईटी सेवा कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने 29 अक्टूबर 2015 को लगभग 299 करोड़ रुपए के लिए उत्तरी अमेरिका की माइक्रोसॉफ्ट डायनेमिक्स सीआरएम प्रदाता फर्म पावर प्रोजेक्टस का अधिग्रहण किया.

इस अधिग्रहण से ग्राहकों को प्रौद्योगिकी परिदृश्य में परिवर्तनकारी कार्यक्रमों और जटिल आवेदन प्रबंधन में सहायता प्राप्त होगी.
पावरप्रोजेक्टसकेबारेमें
इसकी स्थापना 1993 में की गयी थी. इसका मुख्य उद्देश्य माइक्रोसॉफ्ट डायनेमिक्स ग्राहक संसाधन प्रबंधन (सीआरएम) के लिए शत प्रतिशत,सेवा सहायता,शिक्षा और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है.
इस कंपनी ने वर्ष 2015 में क्लाउड कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट पार्टनर ऑफ़ द इयर तथा 2012 में माइक्रोसॉफ्ट डायनेमिक्स सीआरएम पार्टनर ऑफ़ द इयर का पुरस्कार जीता था.

केंद्र प्रायोजित योजनाओं पर मुख्यमंत्रियों के उप–समूह ने रिपोर्ट सौंपी

केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) पर मुख्यमंत्रियों के उप–समूह ने 27 अक्टूबर 2015 को अपनी रिपोर्ट नीति आयोग के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंप दी.

इस उप– समूह की नियुक्ति राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान (नीति) आयोग ने मार्च 2015 में वर्तमान सीएसएस की जांच करने और उपयुक्त युक्तिकरण की सिफारिश के लिए की थी.

मुख्यसिफारिशें

सीएसएस की फ्लेक्सी – फंड, जो जून 2014 से चल रहा है, में वर्तमान 10 फीसदी से 25 फीसदी की बढ़ोतरी की जानी चाहिए. इससे राज्यों को विकास एवं सामाजिक कल्याण योजनाओं पर खर्च करने में अधिक लचीलापन मिलेगा.

सीएसएस की संख्या जो वर्तमान में करीब 50 हैं, को कम किया जाना चाहिए. पैसे देने का पैटर्न इसी स्तर पर बनाए रखना चाहिए. 11 विशेष श्रेणी वाले राज्यों के लिए 90:10 (केंद्रः राज्य) और बाकी के राज्यों और प्रमुख योजनाओं के लिए 60:40, विशेष श्रेणी वाले राज्यों में  वैकल्पिक योजनाओं के लिए 80:20 और अन्यों के लिए 50:50.

तेजी से बदलते सामाजिक– आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए सीएसएस की प्रत्येक दो वर्षों में समीक्षा की जानी चाहिए. 
उपसमूहकेबारेमें

इसके गठन का फैसला शासी परिषद नीति आयोग के 8 फरवरी 2015 को हुई पहली बैठक में लिया गया था.

सीईओ के अलावा, बतौर समन्वयक नीति आयोग और बतौर संयोजक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री इसमें अरुणाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, तेलंगाना, झारखंड, केरल, मणिपुर, नगालैंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लेफ. गवर्नर बतौर सदस्य शामिल किए गए थे.

अन्य बातों के अलावा उप– समूह को बढ़ते हस्तांतरण और राज्यों को दिए जाने वाले उच्च राजस्व घाटा अनुदान हेतु वित्त आयोग की अनुशंसाओं पर सीएसएस में सुधार हेतु सुझाव देने का काम सौंपा गया था.

केंद्रप्रायोजितऔरकेंद्रीयक्षेत्रकीयोजनाओंमेंअंतर

केंद्र प्रायोजित योजनाएं– धन का एक निश्चित प्रतिशत ही राज्य वहन करते हैं. यह 50:50, 70:30, 75:25 या 90:10 के अनुपात में होता है और इनका कार्यान्वयन राज्य सरकारें करती हैं.

योजनाएं राज्य सूची के विषयों पर तैयार की जाती हैं ताकि राज्यों को अधिक ध्यान देने वाले क्षेत्रों में प्राथमिकता तय करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके.

केंद्रीय क्षेत्र की योजनाएं– ये पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित योजनाएं होती हैं और इसका कार्यान्वयन भी केंद्र सरकार का तंत्र करता है. ये योजनाएं केंद्र सरकार की सूची पर तैयार की जातीं हैं और इन योजनाओं के संसाधनों को आमतौर पर राज्यों को हस्तांतरित नहीं किया जाता है.

फ्रीडम ऑन द नेट 2015 रिपोर्ट जारी

गैर सरकारी संस्था फ्रीडम हाउस ने 28 अक्टूबर 2015 को फ्रीडम ऑन द नेट 2015 रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट – निजीकरण सेंसरशिप और गोपनीयता को खत्म करना, विषय पर जारी की गई.

वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार ग्लोबल ऑनलाइन फ्रीडम में लगातार पांचवें वर्ष गिरावट दर्ज की गई क्योंकि सरकारें जिसमें कुछ उन्नत लोकतंत्र की सरकारें भीं हैं, इंटरनेट पर सामाजित मीडिया प्लेटफार्मों का उपयोग असंतुष्टों पर शिकंजा करने के लिए कर रही है.

भारत के संदर्भ में रिपोर्ट में इंटरनेट पर स्वतंत्रता को आंशिक रूप से मुक्त दिखाया गया है. 0 से 100 के पैमाने पर भारत का कुल स्कोर 40 था. इसमें 0 सबसे अच्छा और 100 सबसे बुरा था. 
रिपोर्टकामुख्यनिष्कर्ष

शीर्ष और नीचे के तीन देशः आईसलैंड (स्कोर– 6), इस्टोनिया (7) और कनाडा (16) के लोग ऑनलाइन जगत में सबसे अधिक स्वतंत्रता का लुत्फ उठाते हैं जबकि सीरिया (87), ईरान ( 87) और चीन (88) में स्वतंत्रता सबसे कम है.
ऑनलाइन स्वतंत्रता में कमीः दुनिया भर में इंटरनेट स्वतंत्रता में लगातार पांचवे वर्ष गिरावट दर्ज की गई है. इसकी वजह हैं सरकारों द्वारा जनहित में जानकारी को सेंसर करना और निगरानी बढ़ाने के साथ– साथ निजी उपकरणों को क्रैक करना . 
सामग्री हटाना बढ़ गया हैः 65 देशों में से 42 देशों के अधिकारों ने राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर उपल्बध सामग्रियों पर प्रतिबंध लगाने या उसे नष्ट करने के लिए निजी कंपनियों या इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का मूल्यांकन किया.

गिरफ्तारी और धमकियों में तेजी आईः 65 देशों में से 40 देशों के अधिकारियों ने राजनीतिक, धार्मिक या समाज संबंधी जानकारियों को डिजिटल नेटवर्क के माध्यम से साझा करने पर लोगों को जेल भेजा.

निगरानी कानून और तकनीक को बढ़ायाः 65 देशों में से 14 देशों की सरकारों ने जून 2014 से निगरानी में बढ़ोतरी कर दी और कई अन्य देशों ने अपने निगरानी तंत्र को अपग्रेड किया.

सरकारों ने एन्क्रिप्शन, नाम गुप्त रखने को कम आंकाः लोकतंत्र और तानाशाही शासनों ने एन्क्रिप्शन को आतंकवाद का साधन माना और कई देशों ने तो निजता की रक्षा करने वाले उपकरणों पर प्रतिबंध लगाने या उन्हें सीमित करने की कोशिश की. 
रिपोर्टकेबारेमें
इस रिपोर्ट को फ्रीडम हाउस ने डच विदेश मंत्रालय अमेरिका के लोकतंत्र, मानवाधिकार और श्रम ब्यूरो विभाग (डीआरएल), गूगल, फेसबुक, याहू और ट्विटर से मिले अनुदान से तैयार किया था. साल 2015 की रेटिंग में अवधि 1 जनवरी से 31 जनवरी 2014 के बीच की है.

वित्त वर्ष 2015-16 के लिये भारत की वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत: विश्वबैंक

विश्वबैंक ने वर्ष 2015-16 के लिये भारत की वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत का रहने का अनुमान व्यक्त किया. इसकी घोषणा अक्टूबर 2015 में विश्वबैंक द्वारा जारी ‘इंडिया डेवलपमेंट अपडेट' रिपोर्ट में की गई.

उपरोक्त रिपोर्ट में विश्वबैंक ने 2015-16 के लिये भारत की वृद्धि दर के अनुमान को 7.5 प्रतिशत रखा है और कहा है कि इसमें आगे निरंतर वृद्धि होगी लेकिन यह तेजी धीरे-धीरे होगी. वहीं वर्ष 2016-17 में वृद्धि दर बढकर 7.8 प्रतिशत तथा 2017-18 में 7.9 प्रतिशत हो जाएगी. इसमें कहा गया है, वृद्धि में तेजी इस बात पर निर्भर करेगी कि निवेश में वृद्धि दर 2015-16 से 2017-18 के बीच 8.8 प्रतिशत तक हो.

‘इंडिया डेवलपमेंट अपडेट' रिपोर्ट के अनुसार, भारत का प्रत्यक्ष कर संग्रह दुनिया में सबसे कम है. यहां प्रत्यक्ष कर संग्रह जीडीपी का केवल 5.7 प्रतिशत है जबकि ओईसीडी देशों में यह 11.4 प्रतिशत है.

रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 12000 करोड़ रुपए के रक्षा प्रस्तावों को मंजूरी दी

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 29 अक्टूबर 2015 को 12000 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के नए सैन्य आधुनिकीकरण के प्रस्तावों को मंजूरी दी. इस प्रस्ताव में दो पिनाका मिसाइल रेजीमेंट और 149 स्पेशल टैंक (बीएमपी) की खरीदी शामिल है.

इसके अलावा, वायुसेना के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट (IL-76)और फ्यूल टैंकर एयरक्राफ्टस (IL-78) के अपग्रेडेशन को भी मंजूरी दी गई.

इसके अलावा, रक्षा अधिग्रहण परिषद ने सेना के लिए 3306 करोड़ रुपये वाली दो और पिनाका एमएलआरएस रेजिमेंट को मंजूरी दी. पिनाका एमएलआरएस की मारक क्षमता 40 किलोमीटर है. यह डीआरडीओ द्वारा विकसित तकनीक पर आधारित टाटा और एल एंड टी द्वारा निर्मित है. डीएसी ने 750 करोड़ रुपये कीमत वाले दो डीप सबमर्ज रेस्क्यू वेसल के खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दी.

इसके अलावा रक्षा अधिग्रहण परिषद ने पिचोरा एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के 25 फायरिंग इकाइयों के डिजिटलाइजेशन के लिए 1800 करोड़ रुपए की राशि दी को मंजूरी दी

नवाचार पर नीति आयोग पैनल ने अपनी रिपोर्ट सौंपी

प्रो. तरुण खन्ना की अध्यक्षता में नीति आयोग के पैनल ने 27 अक्टूबर 2015 को नवाचार पर अपनी रिपोर्ट सौंप दी. रिपोर्ट में निजी क्षेत्र को विश्वविद्यालयों और नईं कपनियों में अनुसंधान समेत अनुसंधान एवं विकास के लिए धन मुहैया कराने में मदद करने की अनुशंसा की गई है.

समितिकीसिफारिशें

इसने विश्वविद्यालयों और स्टार्टअप्स में निवेश के लिए कंपनियों के लाभ के प्रतिशत के बराबर बेहतर लाभ की सिफारिश की है.

इसमें विदेशी रक्षा कंपनियों के साथ 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के सभी अनुबंधों में अनुबंध मूल्य का पांच फीसदी मूल्य उसके प्रमुख उत्पाद क्षेत्रों पर जोर के साथ अनुसंधान– केंद्रित विश्वविद्यालय स्थापित करने हेतु देने की शर्त होनी चाहिए.

इसमें मेक इन यूनिवर्सिटीज प्रोग्राम का सुझाव दिया गया है जिसमें 500 टिंकेरिंग प्रयोगशालाओं की स्थापना की जाएगी. इनमें इच्छुक उद्यमी स्थानीय समस्याओं को दूर करने के लिए उत्पाद तैयार करने हेतु प्रयोग कर सकेंगें. साथ ही प्रत्येक संस्थान में एक 3 डी प्रिंटर भी दिया जाएगा.

इन प्रयोगशालाओं के लिए 1000 करोड़ रुपयों, जिसे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आत्म रोजगार और प्रतिभा उपयोग योजना (सेतु) के लिए अलग रखा है, के आधे कोष का उपयोग करने की अनुशंसा की है.

भारत में सबसे निम्न स्तरीय समस्याओं के  समाधानों को खोजने हेतु बड़ा पुरस्कार देने की भी अनुशंसा की गई है. इसका पालन कुछ विकासशील देशों में किया जाता है.

इसने 150 करोड़ रुपयों के एआईएम बजट का उपयोग सालाना दिए जाने वाले 12 बड़े पुरस्कारों में पूरी तरह से करने की अनुशंसा की है. प्रत्येक चुनौती को 10 से 30 करोड़ रुपए तक का पुरस्कार दिया जाना चाहिए.

प्रति वर्ष 200 करोड़ रुपयों के सार्वजनिक खर्च के साथ व्यापार इन्क्यूबेटरों में निवेश में वृद्धि और इसके लिए निजी क्षेत्र में जाने की भी अनुशंसा पैनल ने की है.

पैनल की एक अन्य महत्वपूर्ण अनुशंसा थी– केंद्र सरकार द्वारा 5000 करोड़ रुपयों के कोष के साथ फंड–ऑफ– फंड्स (एफओएफ) की स्थापना जो अन्य प्रारंभिक चरण के उद्यमों के लिए हो. 
टिप्पणी
प्रवृत्तियां समिति की अनुशंसाओं में हठधर्मिता को दर्शातीं हैं खासकर अमेरिका जहां गूगल की सफलता और एप्पल इंक की कहानी सरकारी निवेश से समर्थित थी.

गूगल की जड़ों का पता अमेरिकी नेशनल साइंस फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित अनुसंधान परियोजनाओं से लगाया जा सकता है औऱ एप्पल की सफलता का श्रेय अमेरिका सरकार की छोटे – व्यापार प्रशासन कार्यक्रम को दिया जा सकता है जो नई कंपनियों को निवेश सहायता मुहैया कराते हैं.


31 October

जॉन पोंबे मगुफूली ने तंजानिया का राष्ट्रपति चुनाव जीता

सत्तारूढ़ चामा चा मपिंदुजीस पार्टी के उम्मीदवार जॉन पोंबे मगुफूली ने 29 अक्टूबर को 2015 को तंजानिया का राष्ट्रपति चुनाव जीता.

राष्ट्रीय चुनाव आयोग (एनईसी) के अनुसार जॉन ने 58.46 प्रतिशत मतों के के साथ चुनाव में जीत प्राप्त की. मगुफूली के करीबी प्रतिद्वंद्वी चदेमा पार्टी के एडवर्ड लोवेसा को कुल 39.9 प्रतिशत वोट मिले. लोवेसा तंजानिया के पूर्व प्रधानमंत्री है.

इस जीत के साथ ही सीमेंट्स चामा चा मपिंदुजीस (क्रांति की पार्टी) तंजानिया की सत्ता पर पकड़ मजबूत हो गई. सीमेंट्स चामा चा मपिंदुजीस पार्टी वर्ष 1977 में तन्गान्यिका अफ्रीकन नेशनल यूनियन (तनु) और एफ्रो-शिराज़ी पार्टी (एएसपी) के विलय विलय के बाद से सत्ता पर काबिज है. सीसीएम अफ्रीका में सबसे लंबे समय तक सत्ता पर काबिज होने वाली पार्टियों में से एक है.

विलय से पहले, तन्गान्यिका अफ्रीकन नेशनल यूनियन और एफ्रो-शिराज़ी पार्टी क्रमशः मुख्य भूमि तंजानिया और जंजीबार के अर्द्ध स्वायत्त द्वीप समूह में एकमात्र सक्रिय दल थे.

ब्रिक्स देशों ने बहुपक्षीय विज्ञान परियोजनाओं के समर्थन के लिए मास्को घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए

ब्रिक्स देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने परस्पर सहमति वाले क्षेत्रों में बहुपक्षीय अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) परियोजनाओं के समर्थन के लिए संसाधनों के सह-निवेश हेतु मास्को घोषणा पर हस्ताक्षर किए.

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधि‍मंडल ने 28 अक्टूरबर 2015 को मॉस्को में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के लिए आयोजित ब्रिक्स मंत्रियों की तीसरी बैठक में इस आशय के एक संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ता‍क्षर किए, जिसे ‘मॉस्को घोषणापत्र’ नाम दिया गया.

यह घोषणापत्र साझा वैश्विक और क्षेत्रीय सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों के समाधान और विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) के रूप में इस तरह के संचालकों के उपयोग में ब्रिक्स की साझेदारी को दर्शाता है.

ब्रिक्सकेएसटीआईमंत्रीनेइनपरसहमतिजताई:

  • मेगा विज्ञान परियोजनाओं सहित बड़े शोध प्रतिष्ठानों के भीतर सहयोग, ब्रिक्स देशों के मौजूदा व्यापक राष्ट्रीय कार्यक्रम का समन्वनय
  • बहुपक्षीय संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए ब्रिक्स रूपरेखा कार्यक्रम तैयार करना एवं उस पर अमल, प्रौद्योगिकी का व्यवसायीकरण और नवाचार
  • ब्रिक्स अनुसंधान एवं नवाचार नेटवर्किंग मंच (प्लेचफॉर्म) की स्थापना


ब्रिक्सकार्ययोजना 2015-18
ब्रिक्स  के एसटीआई मंत्रियों ने ब्रिक्स विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सहयोग पर एक ब्रिक्स कार्य योजना 2015-18 का भी अनुमोदन किया. ब्राजील की अगुवाई में पहले से सहमत विषयगत क्षेत्रों जैसे प्राकृतिक आपदाओं की रोकथाम और शमन में ब्रिक्स सहयोग के विस्तृत तौर-तरीकों, रूस के नेतृत्व में जल संसाधन और प्रदूषण से निपटने, भारत की अगुवाई में विकास के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और उसके उपयोग; चीन के नेतृत्व  में बिजली (लाइटनिंग) की अच्छीा व्यवस्था पर फोकस करते हुए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता का जिक्र इस कार्य योजना में किया गया. ब्रिक्स एसटीआई सहयोग के लिए इस कार्य योजना में भारत और रूस के संयुक्त नेतृत्व में कुछ नए क्षेत्रों जैसे नैनोटेक्नोलॉजी और फोटोनिक्स सहित पदार्थ विज्ञान को भी शामिल किया गया.

 

रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट के नाइट क्लब में विस्फोट से 27 लोगों की मौत

रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट के एक नाइट क्लब में 30 अक्तूबर 2015 को हुए विस्फोट में 27 लोगों की मौत हो गई और 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए. यह घटना नाइट क्लब के अंदर आतिशबाजी के कारण हुई, जिसके बाद एक पिलर और क्लब की छत पर आग लग गई और विस्फोट के साथ काफी धुआं निकला और वहां से बाहर निकलने के लिए भगदड़ मच गई.

घटना के समय नाइट क्लब में 300 से 400 लोग मौजूद थे और क्लब में एक रॉक कॉन्सर्ट चल रहा था, उसी दौरान मंच पर स्पार्किंग हुई और फिर विस्फोट हो गया.. ब्लास्ट होते ही क्लब में भगदड़ मच गई. अधिकांश लोगों की मौत धमाके के बाद भगदड़ के चलते हुई.

विस्फोट के बाद पूरे नाइट क्लब में आग फ़ैल गई, जिसके चलते कई लोग बुरी तरह झुलस गए. कई लोगों की मौत धुएं में दम घुटने से के कारण हुई.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के महानिदेशक के पद पर शरद कुमार की नियुक्ति को मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के महानिदेशक के पद पर शरद कुमार की नियुक्ति को 30 अक्टूबर 2015 को अपनी मंजूरी दी. वे वर्ष 1979 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के हरियाणा कैडर के अधिकारी हैं.

विदित हो कि शरद कुमार की नियुक्ति अनुबंध के आधार पर पुनर्नियोजन के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के महानिदेशक के पद पर की गई. यह नियुक्तिट‍ 31 अक्टूबर  2015 को सेवानिवृत्ति की तारीख से परे एक वर्ष की अवधि के लिए या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, के लिए मान्यए होगी.

भारत भर में राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया गया

सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिन के उपलक्ष्य में 31 अक्टूबर 2015 को भारत भर में राष्ट्रीय एकता दिवस के मनाया गया. सरदार वल्लभ भाई पटेल की 140 वीं जयंती के इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली में राजपथ पर ‘एकता के लिए दौड़’ को हरी झंडी दिखाई.

इसके अलावा, इस दिन पर सभी मंत्रालयों और सरकार के विभागों और सभी राज्य सरकारों और सभी केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों ने समाज में सभी वर्गों के लोगों को शामिल करने हेतु राष्ट्रीय एकता के शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किया.

राष्ट्रीय एकता दिवस विभिन्न राज्यों में मनाया गया. मेघालय के राज्यपाल वी षण्मुगनाथन ने शिलांग में स्टेट सेंट्रल लाइब्रेरी से ‘एकता के लिए दौड़’ हरी झंडी दिखाई. मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिला प्रशासन द्वारा आयोजित दौड़ में छात्रों सहित एक हजार से अधिक लोगों ने भाग लिया.
पृष्ठभूमि
मोदी सरकार ने अक्टूबर 2014 में पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस की घोषणा की.
राष्ट्रीय एकता दिवस या राष्ट्रीय एकता दिवस देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में के रूप में अक्टूबर 2014 में मोदी सरकार ने 31 अक्टूबर की घोषणा की.

वर्ष 1875 में जन्मे, पटेल ने 15 अगस्त 1947 से 15 दिसंबर 1950 को अपनी मृत्यु तक भारत के गृह मंत्री के रूप में कार्य किया. उन्होंने गुजरात में खेड़ा, बोरसाड और बारदोली में किसानों के आंदोलनों के आयोजन और ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

अमरावती: शहरीकरण की ओर

आंध्र प्रदेश की नई राजधानी के रूप में अमरावती में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किये गए शिलान्यास के साथ ही इसे स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने का काम प्रारंभ हो गया. जिसपर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा, “मैं अमरावती को एक ऐसा शहर बनाना चाहता हूं जिस पर भारत को गर्व हो और दुनिया ईर्ष्या करे.” इसे भारत की पांचवीं (चार अन्य- भुवनेश्वर, चंडीगढ़, गांधी नगर और नया रायपुर) व्यवस्थित शहर के रूप में विकसित किया जायेगा. साथ ही यह भारत की पहली ग्रीन स्मार्ट सिटी बनेगी.


अमरावती शहर को 7500 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में 33 हज़ार हेक्टेयर ज़मीन पर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के ज़रिए अगले दस सालों में विकसित करने की योजना है. इसे बनाने में सिंगापुर मदद करेगा और बनने के बाद अमरावती वर्तमान से दस गुना बड़ा शहर होगा.
जहां अमरावती शहर बनाया जाना है वो विजयवाड़ा से क़रीब 40 किलोमीटर दूर तुल्लार मंडल के चारो ओर का इलाका है. राजनीतिक विरोध प्रदर्शनों से बचने के लिए इस राजधानी क्षेत्र में सरकार ने धारा 144 लगा दी है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने मुक़दमे और विरोध से बचने के लिए भूमि अधिग्रहण ऐक्ट का इस्तेमाल करने की बजाय सुई जेनेरिस नामक स्कीम प्रस्तावित किया, जिसके तहत किसान अपनी इच्छा से ज़मीन देंगे और इसके बदले उन्हें शहर में विकसित ज़मीन दी जाएगी. 
पूलिंग स्कीम के अनुसार, ज़मीन के उपजाऊपन और उसके मौके के अनुसार किसानों को प्रति एकड़ पर एक हज़ार, 1200 या 1,500 वर्ग गज़ का प्लॉट दिया जाएगा. यहां तक नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भी अपनी चिंताएं ज़ाहिर की हैं. पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि इतने बड़े पैमाने के प्रोजेक्ट के लिए आंध्र सरकार प्रक्रियाओं या पर्यावरण क़ानूनों को अनदेखा कर रही है. इसके अलावा उनका आरोप है कि राजधानी क्षेत्र के चारो ओर संरक्षित वन क्षेत्र के 20,000 हेक्टेयर ज़मीन को अधिसूचि से बाहर कर दिया गया है.
विदित हो कि जून 2014 में केंद्र की कांग्रेस सरकार ने राज्य का विभाजन कर तेलंगाना को देश का 29वां राज्य बनाया. इस विभाजन के बाद आंध्र प्रदेश के हिस्से में 26 में से 11 ज़िले आए और राज्य को कोई राजधानी नहीं मिली. लेकिन इसे 15 ज़िलों के साथ तेलंगाना को समुद्र तटीय और नदी वाला सम्पन्न इलाक़ा मिला. इसके साथ ही आंध्र प्रदेश को राजधानी के तौर पर हैदराबाद का इस्तेमाल करने के लिए 10 वर्ष की इजाज़त दी गई.

उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में 12 नए मंत्री शामिल

उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में 31 अक्टूबर 2015 को 12 नए मंत्री शामिल हुए. इनमें 5 कैबिनेट और 7 राज्य मंत्री बनाए गए. इसके साथ ही कैबिनेट के 9 मंत्रियों को पदोन्नति भी दिया गया. नए मंत्रियों ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से राजभवन में शपथ ग्रहण की.


कैबिनेट में जिन नए चेहरों को जगह दी गई है उनमें अरविंद सिंह गोप, कमाल अख़्तर, पंडित सिंह, साहब सिंह सैनी और बलवंत सिंह रामूवालिया शामिल हैं. 
विदित हो कि 28 अक्टूबर 2015 को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आठ मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था, जिनमें पांच कैबिनेट और तीन राज्य मंत्री शामिल थे. इसके अलावा नौ मंत्रियों से उनके विभाग मुख्यमंत्री ने ले लिए थे.
मंत्रिमंडल के नवनियुक्त मंत्रियों की सूची:

  • पवन पांडेय- राज्य मंत्री.
  • लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद- राज्य मंत्री.
  • शादाब फातिमा राज्य मंत्री- स्वतंत्र प्रभार.
  • शैलेंद्र यादव उर्फ ललई यादव- राज्य मंत्री.
  • बलवंत सिंह उर्फ रामू वालिया- कैबिनेट मंत्री.
  • राधेश्याम सिंह- राज्य मंत्री.
  • ओंकार सिंह यादव- राज्य मंत्री.
  • सुधीर कुमार रावत- राज्य मंत्री.
  • हेमराज वर्मा- राज्य मंत्री.
  • अरविंद सिंह गोप- कैबिनेट मंत्री.
  • कमाल अख़्तर- कैबिनेट मंत्री.
  • यासर शाह- राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार.
  • नितिन अग्रवाल- राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार.
  • फ़रीद महफ़ूज़ किदवई- राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार.
  • रियाज़ अहमद- राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार.
  • विनोद कुमार सिंह उर्फ़ पंडित सिंह- कैबिनेट मंत्री.
  • मूलचंद चौहान- राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार.
  • राम सकल गुर्जर- राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार.