Current Affaires 3-4 Sep 2015 Hindi
आशा सहयोगियों के कौशल विकास के लिए ‘आशा उत्थान’ कार्यक्रम प्रारंभ
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा आशा सहयोगिनियों के लिए विशेष प्रोत्साहन कार्यक्रम प्रांरभ करने के निर्देशों की अनुपालना में चिकित्सा विभाग एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के द्वारा 2 सितम्बर 2015 को विशिष्ट पहल कर ‘आशा-उत्थान’ कार्यक्रम शुरू किया गया है.
आशा-उत्थान कार्यक्रम के अंतर्गत आशा ज्योति, हैड आशा, सर्वश्रेष्ठ आशा अवार्ड एवं आशा दिवस कार्यक्रमों को समेकित रूप में तैयार कर क्रियान्वित किया जाएगा.
कार्यक्रम के अंतर्गत समेकित अभिनव कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश में कार्यरत 47 हजार 653 आशा सहयोगिनियों को प्रोत्साहित करने के साथ ही कौशल संवर्धन किया जाएगा.
‘आशाज्योति’ कार्यक्रम में 1 हजार 20 कुशल आशाओं को नेशनल इन्सटीट्यूट ऑफ ओपन स्कूभलग (एन.आई.ओ.एस) के माध्यम से सैकंडरी एवं सीनियर सैकंडरी का अध्ययन खर्च एनएचएम मद से करने के प्रावधान किए जा रहे हैं.
सीनीयर सैकंडरी उत्तीर्ण करने वाली आशाओं को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं में सुपरवाईजर के समान दर्जा दिया जा सकेगा.
‘हैडआशा’ के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कार्यरत लक्ष्य से अधिक उपलब्धियां अर्जित करने वाली आशा सहयोगिनियों को हैड आशा नियुक्त के रूप में नियुक्त किया जाएगा. हैड आशा पीएचसी सुपरवाईजर के समान कार्यों का संचालन करेंगी. इसके लिए उन्हें अतिरिक्त 1 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दिये जाये जाने का प्रावधान किया जा रहा है.
‘सर्वश्रेष्ठआशाअवार्ड’ कार्यक्रम के माध्यम से जिले में सर्वश्रेष्ठ लक्ष्य अर्जित करने वाली आशाओं का चयन कर सर्वश्रेष्ठ तीन आशासहयोगिनियों को जिला स्तर पर पुरस्कृत कर सम्मानित किया जायेगा. पुरस्कार स्वरूप चयनित तीन आशाओं को 5 हजार, 3 हजार एवं 2 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि पुरस्कार में दी जायेंगी.
आशा दिवस आयोजनों में आशा सहयोगिनियों के ज्ञान कौशल विकसित करने के लिए विभिन्न विभागीय गतिविधियों एवं कार्यक्रमों के तकनीकी व सामाजिक जानकारियां दी जाएंगी।. इन सभी अभिनव गतिविधियों हेतु वित्तीय वर्ष 2015-2016 में लगभग 40 लाख रुपये की राशि का सदुपयोग किया जाएगा.
नासा और यूसेड द्वारा पर्यावरण निगरानी हेतु दक्षिण पूर्व एशिया में सरवीर-मेकांग का शुभारंभ
मेकांग नदी बेसिन में स्थित कंबोडिया, लाओस, म्यांमार, थाईलैंड और वियतनाम आदि देशो की सहायता के लिए नासा(नासा) तथा यूसेड (USAID) ने 31 अगस्त 2015 को सरवीर मेकांग (SERVIR-MEKONG) का शुभारम्भ किया.
सरवीर मेकांग दक्षिण पूर्व एशिया के निचले पांच मेकांग देशों में क्षेत्रीय पर्यावरण निगरानी को मजबूत बनाने के उद्देश्य से शुरू की गयी एक संयुक्त परियोजना है. सरवीर मेकांग जलवायु परिवर्तन,खाद्य और जल सुरक्षा के क्षेत्र में भी सहायता प्रदान करेगा.
सरवीर मेकांग थाईलैंड के बैंकॉक में एशियाई आपदा तैयारी केंद्र (Asian Disaster Preparedness Center) में अवस्थित है. महत्वपूर्ण क्षेत्रीय मुद्दों का समाधान करने के लिए वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं के समूह के रूप में यह संस्था अंतरिक्ष परिसंपत्तियों से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा का उपयोग कर समाधान तलाशती है.
सरवीर मेकांग परियोजना के तहत सरकारों और हितधारकों को पानी और प्राकृतिक संसाधन, खाद्य सुरक्षा, मानव स्वास्थ्य की रक्षा, प्राकृतिक आपदा आदि के विकास तथा प्रबंधन हेतु पृथ्वी तथा भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों को मुहैया कराया जाता है.
lइस परियोजन के अन्य सहयोगी भागीदार एशियाई आपदा तैयारी केंद्र, नीदरलैंड, स्टॉकहोम पर्यावरण संस्थान, स्वीडन तथा प्लेसैंटन स्थानिक सूचना विज्ञान समूह, कैलिफोर्निया हैं.
सरवीर वैश्विक मांग की आपूर्ति डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स मुख्यालय बेथेस्डा मेरीलैंड द्वारा की जाती है.
सरवीर-मेकांगकेबारेमें
पृथ्वी सर्वेक्षण से जुड़े 90 देशों के समूह द्वारा समाज की सहायता हेतु सरवीर मेकांग परियोजना की शुरुआत की गयी. सरवीर एक स्पेनिश शब्द है जिसका अर्थ सेवा करना होता है.
अलबामा के नासा मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर के शोधार्थियों द्वारा इसकी प्रथम पहल 2005 में की गयी थी.
पनामा सिटी में मेसोअमेरिकन क्षेत्र और डोमिनिकन गणराज्य से 2005 में इस परियोजना का शुभारम्भ किया गया.
सरवीर -मेकांग वाशिंगटन में नासा के साइंस मिशन निदेशालय के अधीन पृथ्वी विज्ञान प्रभाग के एप्लाइड साइंसेज कार्यक्रम द्वारा संचालित है.
केंद्र सरकार ने इंडियन पीपल्स नैचुरल कैलेमिटी ट्रस्ट बंद करने की घोषणा की
कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग ने 3 सितम्बर 2015 को इंडियन पीपल्स नैचुरल कैलेमिटी ट्रस्ट बंद करने की घोषणा की.
यह ट्रस्ट (आईपीएनसीटी) वर्ष 1900 में जयपुर के पूर्व शासक द्वारा बनाया गया था. इस ट्रस्ट का उद्देश्य अकाल के दौरान भारतीय लोगों को राहत प्रदान करना था.
वर्तमान में यह ट्रस्ट कृषि मंत्री की अध्यक्षता में कार्य करता है इस ट्रस्ट के अन्य सदस्यों में 27 नामित सदस्य और दो अन्य अधिकारी शामिल हैं.
समय बीतने के साथ ट्रस्ट ने अपनी उपयोगिता खो दी थी, इस ट्रस्ट की पिछली बैठक अगस्त 1995 में आयोजित की गई थी.
वर्तमान में यह ट्रस्ट प्राकृतिक आपदा के समय प्रधानमंत्री राहत कोष दान देता है.
विदित हो वर्तमान आपदा प्रबंधन से सम्बंधित सम्पूर्ण कार्य राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के द्वारा नियंत्रित किया जाता है जो गृह मंत्रालय के आधीन है.
इसलिए जयपुर के शासकों के प्रतिनिधि और विधि एवं न्याय मंत्रालय की सहमती से इसे बंद करने का निर्णय लिया गया है.
इसके अतीरिक्त केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने धन का बेहतर उपयोग करने के लिए 91 लाख रुपए के शेष राशि कोष को प्रधानमंत्री राहत कोष के में हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है.
दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग ने पैरा एथलीटों के लिए ‘इनरियो’ एप्प का शुभारम्भ किया
दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग और खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कौशल विकास,उद्यमिता, यूवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय सर्वानंद सोनोवाल ने 2 सितम्बर 2015 को ‘इनरियो’ एप्प का शुभारम्भ किया.
यह स्मार्ट फोन एप्प रियो 2016 पैरालिम्पिक्स खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पैरा-एथेलिटों के जीवन की गुणवत्ता सुधार के लिए समर्पित है.
इन एथलीटों को विभिन्न मानसिक, शारीरिक और विकासात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
यह एप्प श्रीराम स्कूल के 11वीं कक्षा के छात्र अरहान बागती ने इस ऐप को पैराएथलीटों की मदद से बनाया है.
यह एप्प गूगल एंड्रॉयड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है, इस एप्प में एथलीटों के लिए आहार, पोषण, जिम और खेल परिसर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है.
फीफा रैंकिंग में भारत 155वें स्थान पर
फुटबाल खेल की शासी इकाई फीफा ने 3 सितम्बर 2015 को नई रैंकिंग जारी की. नई रैंकिंग के अनुसार भारत की रैंकिंग में एक अंक का सुधार हुआ है.
इससे पहले भारतीय टीम 2018 फीफा विश्व कप क्वालीफायर में लगातार दो हार के कारण जुलाई में 15 स्थान फिसलकर 156वें क्रम पर पहुंच गई थी. भारत को हाल ही में पुणे में एक अंतरराष्ट्रीय दोस्ताना मैच में नेपाल ने गोलरहीत बराबरी पर रोका था.
विदित हो भारत को 8 सितंबर को बेंगलुरू में विश्व कप क्वालीफायर में ईरान का सामना करना है।
इस बीच कोपा अमेरिका कप उपविजेता अर्जेंटीना शीर्ष पर कायम है. बेल्जियम दूसरे और विश्व चैंपियन जर्मनी तीसरे क्रम पर बरकरार है. कोलंबिया और पांच बार का विश्व चैंपियन ब्राजील क्रमश: चौथे और पांचवें स्थान पर है.
वर्ष 2020 के टोक्यो ओलंपिक खेलों के लिए जारी प्रतीक चिन्ह रद्द किया गया
वर्ष 2020 में टोक्यो में आयोजित होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए जारी किया गया चार रंगों वाला प्रतीक चिन्ह खेल आयोजन समिति द्वारा 1 सितंबर 2015 को रद्द कर दिया गया. बेल्जियम के डिजाइनर ओलिवियर डेबी ने आरोप लगाया था कि यह प्रतीक चिन्ह उनके द्वारा बनाये गये कलाचित्र से चुराया गया है.
डेबी ने यह कहा कि सानो ने उनका डिजाइन चुराया है, जिसे उन्होंने थिएटर दे लेग के लिए वर्ष 2013 में तैयार किया था.
यह प्रतीक चिन्ह अगस्त 2015 में जारी किया गया था. यह अंग्रेजी के अक्षर टी (T) पर आधारित एक लाल वृत्ताकार कृति सहित एक हृदय को प्रदर्शित करता है तथा जापान के झंडे को भी दर्शाता है.
इससे पहले जुलाई 2015 में आर्किटेक्ट ज़हा हदीद द्वारा तैयार नये ओलिंपिक स्टेडियम के डिज़ाइन को इसकी अधिक कीमत के कारण रद्द कर दिया गया था.
टोक्यो ओलंपिक 24 जुलाई से 9 अगस्त 2020 के मध्य आयोजित किये जायेंगे.
बज्मी हुसैन एबीबी इंडिया लिमिटेड के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (सीटीओ) नियुक्त
बज्मी हुसैन को 2 सितम्बर 2015 को एबीबी इंडिया लिमिटेड का मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (सीटीओ) नियुक्त किया गया. बज्मी हुसैन बिजली और स्वचालन विशेषज्ञ है तथा वे 30 वर्षों से भी अधिक समय से एबीबी से जुड़े हुए हैं. वर्तमान में वे एबीबी इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत हैं.
मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी के रूप में वे एबीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उलरिच स्पेशोफर को रिपोर्ट करेंगें. मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी के रूप में वे 1 जनवरी 2016 से अपना कार्य प्रारंभ करेंगें. वो एबीबी इंडिया के बेंगलूर कार्यालय तथा स्विट्जरलैंड कार्यालय में कार्यरत होंगें.
हुसैन एबीबी के वैश्विक अनुसंधान तथा वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के विकास से सम्बंधित सभी पहलुओं की देखरेख करेंगे
हुसैन 1981 में एबीबी शामिल हुए और 2002 में एबीबी कॉर्पोरेट अनुसंधान केंद्र का दायित्व संभालने से पूर्व एबीबी के भारत और सिंगापूर डिविजन के स्थानीय व्यावसायिक इकाइयों के देख रेख तथा विकास का दायित्व संभालते थे. वे 2009 से 2011 तक एबीबी स्मार्ट ग्रिड उद्योग खंड पहल(Smart Grid industry segment initiative) के प्रमुख रहें.
एबीबीइंडियालिमिटेडकेबारेमें
एबीबी का क्षेत्र विस्तार कुल 7 देशों में हैं. यह कंपनी दुनिया भर के अत्यधिक कुशल वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम को एक प्लेटफार्म प्रदान कर एक साथ लाने का कार्य करती है. यह कंपनी सालाना 1.5 बिलियन डॉलर अनुसंधान पर व्यय करती है तथा इसमें लगभग 8500 प्रोद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाता है.
एबीबी इंडिया एबीबी (www.abb.com) पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने तथा उसमें सुधार से सम्बंधित मुद्दों पर कार्य करने वाली एबीबी की भारतीय इकाई है.
एबीबी समूह का विस्तार लगभग 100 देशों में है तथा इसमें लगभग 140000 लोग कार्यरत हैं.
सीएसओ ने वर्ष 2015-16 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए जीडीपी अनुमान जारी किए
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने 31 अगस्त 2015 को वर्ष 2015-16 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए जीडीपी अनुमान जारी किए.
इसके अनुसार भारत ने वित्त वर्ष 2015-16 की पहली तिमाही में 7 प्रतिशत की वृद्धि प्राप्त की है. रिपोर्ट के अनुसार भारत दूसरी तिमाही में विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था थी.
भारत ने जनवरी-मार्च तिमाही में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि प्राप्त की. जबकि इस दौरान चीन की वृद्धि दर 7 प्रतिशत थी. इस प्रकार भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया.
सीएसओअनुमानकीमुख्यविशेस्ताएँ
• वर्ष 2015 -16 की प्रथम तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद 27.13 लाख करोड़ था जबकि वर्ष 2014-15 की प्रथम तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद 25.35 लाख करोड़ रुपए था.
• उन आर्थिक क्रियाएँ जिन्होंने वर्ष 2015 -16 की प्रथम तिमाही में 7 प्रतिशत की बढ़त की है उनमें विनिर्माण, व्यापार, होटल, परिवहन एवं संचार और प्रसारण, वित्तीय, बीमा, रीयल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाएँ शामिल थी.
• कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन में (1.9), खनन और उत्खनन (4.0), बिजली, गैस, पानी की आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाओं (3.2), निर्माण और लोक प्रशासन, रक्षा (6.9) और अन्य सेवाओं (2.7) में वृद्धि दर प्राप्त की गई.
टिप्पणी
• अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के एक पूर्वानुमान के अनुसार भारत वर्ष 2015 में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था रहेगा.
• यह वर्ष 2015 में चीन के 6.8 प्रतिशत की तुलना में 7.5 प्रतिशत से वृद्धि करेगा.
• चीन का अस्थिर स्टॉक मार्केट और संकुचित होती कुछ आर्थिक क्रियाएं मुख्यता विनिर्माण क्षेत्र भारत की चीन पर बढ़त के लिए जिम्मेदर है.
भारत की विकास की गति को काफी हद तक कृषि क्षेत्र में विकास दर पर निर्भर करती है. भारत रबी के मौसम में वर्ष के कारण कृषि क्षेत्र में हुई कम विकास दर के कारण जनवरी-मार्च तिमाही (7.5) की विकास दर को पार नहीं कर सका.
आरबीआई ने सीमांत लागत को आधार मूल्य की गणना में शामिल करने का प्रस्ताव दिया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 1 सितंबर 2015 को आधार मूल्य की गणना के लिए एक नया प्रस्ताव दिया. यह सीमांत लागत पर आधारित कार्यप्रणाली है.
इस नयी कार्यप्रणाली का उद्देश्य बैंकों के आधार मूल्य में समानता लाना है ताकि वे आरबीआई के कैश रिज़र्व रेशो (सीआरआर) एवं स्टेचुरी लिक्विडिटी रेशो (एसएलआर) आदि में आवश्यक बदलाव कर सकें.
वर्तमान में आधार मूल्य की गणना करने के लिए विभिन्न बैंक विभिन्न प्रणालियों का प्रयोग कर रहे हैं. इस प्रस्तावित प्रणाली में फंड की लागत, सीआरआर/ एसएलआर का नेगेटिव तथा निर्धारित मूल्य पर औसत लागत शामिल होंगे.
यह नई प्रणाली 1 अप्रैल 2015 से प्रभावी मानी जाएगी.
आधारमूल्य
इसे बैंक की न्यूनतम ब्याज दर के रूप में परिभाषित किया जाता है जिससे कम ऋण देना बैंक के लिए व्यवहार्य नहीं है.
इसे आरबीआई द्वारा 1 जुलाई 2011 को आरंभ किया गया था.
इसे प्राइम लेंडिंग रेट के स्थान जारी किया गया था जो केवल उन ग्राहकों के लिए थी जो बैंक के सबसे अधिक भरोसेमंद ग्राहक माने जाते थे.
युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय ने योग को खेल के रूप में मान्यता प्रदान की
खेल मंत्रालय ने 1 सितम्बर 2015 को ‘योग’ को खेल के रूप में मान्यता देने का फैसला किया और इसे ‘प्राथमिकता’ वर्ग में रखा.
मंत्रालय ने यह फैसला युवाओं के बीच योग के अभ्यास को प्रोत्साहित करने के लिए लिया.
इसके अतिरिक्त वर्तमान मान्यता के कारण चिकित्सकों को इसके विकास के लिए धन और अन्य प्रशासनिक सहायता का लाभ प्राप्त होगा.
योगकेबारेमें
• योग एक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास या अनुशासन है,
• इसका उल्लेख यह पतंजलि के योग सूत्र में हुआ है.
• विश्व स्तर पर 21 जून 2015 को प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस विश्व मनाया गया.
केंद्र सरकार ने ईपीएस-95 में वर्ष 2015-16 के लिए 2000 करोड़ रूपए जारी किये
केंद्र सरकार ने 1 सितंबर 2015 को कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस-95) में योगदान स्वरुप वर्ष 2015-16 के लिए 2000 करोड़ रूपए जारी किये.
इसके अतिरिक्त 250 करोड़ रूपए की सहायता राशि भी दी गयी ताकि ईपीएस-95 के सभी उपभोक्ताओं को 1000 रूपए की पेंशन दी जा सके.
यह अतिरिक्त सहायता राशि इसलिए भी आवश्यक थी क्योंकि केंद्र सरकार ने सितंबर 2015 में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को यह निर्देश दिया कि वह प्रत्येक पेंशन प्राप्तकर्ता को न्यूनतम 1000 रूपए की पेंशन दे.
कर्मचारीपेंशनयोजना
यह योजना 16 नवम्बर 1995 को प्रभाव में आयी तथा इसे कर्मचारी भविष्य निधि और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम,1952 के तहत आरंभ किया गया.
यह उन सभी फैक्टरियों तथा संस्थानों पर लागू होती है जिन पर कर्मचारी भविष्य निधि और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम,1952 लागू होता है.
केंद्र सरकार तथा नियोक्ता 1.16 प्रतिशत योगदान देते हैं जबकि सदस्य की मासिक आय का 8.33 प्रतिशत इसमें शामिल होता है.
इस योजना के अनुसार, सेवानिवृत्ति, विकलांगता, उत्तरजीवी, विधवावस्था अथवा उत्तराधिकारी को पेंशन दी जाती है. पेंशन की राशि कर्मचारी की मासिक आय पर निर्भर है.
यह विकलांगता पर न्यूनतम पेंशन प्रदान करता है तथा यह तत्कालीन पारिवारिक पेंशन योजना, 1971 के प्रतिभागियों को पिछले सेवा लाभ भी प्रदान करता है.
वायदा बाजार आयोग का सेबी में विलय
केंद्र सरकार ने 28 अगस्त 2015 को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ( सेबी) के साथ वस्तुओं के बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) के विलय की अधिसूचना जारी की.इसका विलय 28 सितम्बर 2015 से प्रभावी माना जायेगा.
इसके लिए सरकार ने वायदा संविदा विनियमन अधिनियम (एफसीआरए )1952 को निरस्त कर रेगुलेशन एक्ट एससीआरए 1956 के तहत सेबी द्वरा वायदा बाजार के नियमन की बात की है.
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में जिंस वायदा बाजार के नियमन को मजबूत करने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी के साथ वायदा बाजार आयोग के विलय की घोषणा की थी.
इससे वस्तुओं और पूंजी बाजार के लिए एक एकीकृत नियामक जिंस वायदा कारोबार की निगरानी को कारगर बनाने में मदद मिलेगी.
लखनऊ में आईपी सुविधा केन्द्र का शुभारंभ
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 2 सितम्बर 2015 को आईपी सुविधा केन्द्र का शुभारंभ हुआ. पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष आलोक बी. श्रीराम और एमएसएमई, पीएचडीसीसीआई समिति के अध्यक्ष विश्वनाथ की उपस्थिति में एमएसएमई सचिव डॉ. अनुप के. पुजारी ने इस केन्द्र का उद्घाटन किया.
एमएसएमई क्षेत्र में नवाचार, गतिविधियों को बढ़ावा देने और विकसित करने के लिए एमएसएमई के आईपीआर सुविधा केन्द्र का उद्घाटन किया गया. यह केन्द्र गोमती नगर स्थित पीएचडीसीसीआई के कार्यालय में स्थापित हुआ.
विदित हो कि यह सुविधा केन्द्र उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) में जागरूकता फैलाएगा और इस खालीपन को भरने में मदद करेगा.
रेल मंत्रालय ने क्रिस द्वारा विकसित तीन आईटी पहल प्रारंभ किया
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (क्रिस) द्वारा विकसित तीन आईटी पहल का 1 सितंबर 2015 को नई दिल्ली में शुभारंभ किया.
मुख्यतथ्य:
- रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (क्रिस) द्वारा प्रारम्भ किये गए उपरोक्त आईटी पहल से अनारक्षित यात्रा टिकट लेने के लिए रेलवे स्टेशनों पर लाइन में खड़े होने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
- इसके तहत रेल यात्रियों को रेल टिकट मोबाइल पर दिया जाएगा.
- इस तकनीक से पेपरलेस अनारक्षित टिकट मोबाइल एप्लीकेशन की शुरुआत की गई है.
- इस योजना से कागज की काफी बचत होगी.
- इसके तहत यात्रियों को टिकट वेंडिंग मशीन की भी सुविधा मिलेगी.
- मशीन से यात्री स्मार्ट कार्ड के साथ ही सीधे पैसा डालकर रेल यात्रा टिकट व प्लेटफार्म टिकट ले सकेंगे.
विदित हो कि उपरोक्त के साथ ही एक परिचालन एप भी लांच किया गया. इसका फायदा माल भाड़ा की मॉनिटरिंग में होगा.
आरबीआई ने एसबीआई व आईसीआईसीआई को देश के महत्वपूर्ण प्रणालीबद्ध बैंकों में शामिल किया
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने 31 अगस्त 2015 को स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (एसबीआई) तथा आईसीआईसीआई बैंक को देश के महत्वपूर्ण प्रणालीबद्ध बैंकों (डी-एसआईबी) में शामिल किया. इसके लिए आरबीआई ने 22 जुलाई 2014 को एक फ्रेमवर्क तैयार किया था.
इन बैंकों को 31 मार्च 2015 तक डी-एसआईबी श्रेणी के लिए बनाये गये फ्रेमवर्क के तहत चुना गया है.
इसके अतिरिक्त, इन बैंकों को डी-एसआईबी फ्रेमवर्क के तहत एसोसिएट बकेट प्रणाली में रखा गया है तथा इससे संबंधित संरचना को जनवरी 2016 तक चरणबद्ध किया जायेगा.
परिणामस्वरूप एसबीआई को बकेट 3 में स्थान प्राप्त हुआ है तथा जोखिम भारित आस्तियों (आरडब्यूप ए) के प्रतिशत के रूप में अतिरिक्तह सामान्यो इक्विटी टियर-1 में 0.6 प्रतिशत अंक मिले हैं.
दूसरी ओर, आईसीआईसीआई बैंक 0.2 प्रतिशत आरडब्यू ए के साथ बकेट 1 में मौजूद है.
डी-एसआईबीकेलिएफ्रेमवर्क
डी-एसआईबी के लिए जारी यह फ्रेमवर्क वर्ष 2008 के आर्थिक संकट के बाद 22 जुलाई 2014 को जारी किया गया था. इसे वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी) द्वारा अक्टूबर 2010 में जारी सिफारिशों के आधार पर बनाया गया है. वित्तीय स्थिरता बोर्ड ने सभी सदस्य राष्ट्रों को यह निर्देश दिया कि वह अपने प्रणालिबद्ध बैंकों का चयन करें.
फ्रेमवर्क के भाग के तौर पर डी-एसआईबी को उनके प्रणालीबद्ध महत्व के रूप में चार भागों में बांटा गया है. इसके अतिरिक्त उन्हें जोखिम भारित आस्तियों में 0.2 प्रतिशत से 0.80 प्रतिशत सीआरआर प्राप्त करना भी आवश्यक है.
डी-एसआईबी के लिए अतिरिक्त सीईटी1 आवश्यकतायें 1 अप्रैल 2016 से मान्य होंगी जबकि यह पूर्ण रूप से 1 अप्रैल 2019 से प्रभावी होगी. अतिरिक्त सीईटी1 की आवश्यकता को कैपिटल कंज़रवेशन बफर में शामिल किया जायेगा.
यदि कोई विदेशी बैंक भारत में मौजूद है तथा वह वैश्विक प्रणालीबद्ध महत्वपूर्ण बैंक है तो उसे अतिरिक्त सीईटी1 की शर्त को मानना होगा.
डी-एसआईबीकीपहचान
इसे दो चरणों में पहचाना जा सकता है. बैंकों के नमूने से प्रणालीगत महत्व के लिए मूल्यांकन किया जाना चाहिए. बैंकों का चयन उनके आकार के अनुसार तथा वार्षिक जीडीपी के प्रतिशत पर निर्भर होना चाहिए.
इसके साथ ही आरबीआई ने एक मूल्यांकन पद्धति को अपनाया है जिसमें घरेलू महत्व के बैंकों के लिए उपयुक्त संशोधनों के साथ जी-एसबीआईएस की पहचान करने के लिए उपयुक्त बदलाव अपनाए जा सकते हैं.
मूल्यांकन के लिए प्रयोग किये गए संकेतक हैं: आकार, सादृश्यता, प्रतिस्थापन और जटिलता. प्रणालीबद्ध महत्व के बैंकों का चयन करने के लिए बैंकों के एक समग्र प्रणालीगत महत्व के स्कोर की गणना की जाएगी.
सीएसआईआरओ की चेतावनी, 2050 तक 99 प्रतिशत समुद्री पक्षी प्लास्टिक आहार का शिकार होंगे
राष्ट्रमंडल वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान संगठन (सीएसआईआरओ) एवं इंपीरियल कॉलेज लंदन ने चेतावनी जारी की है कि यदि समुद्री प्रदूषण इसी गति से जारी रहा तो विश्व के समुद्री पक्षियों की 99 प्रतिशत प्रजातियां वर्ष 2050 तक प्लास्टिक निगलने के कारण खतरे में होंगी.
सीएसआईआरओ और इंपीरियल कॉलेज, लंदन के शोधकर्ताओं के अध्ययन के अनुसार समुद्री वातावरण में समुद्री पक्षियों के बीच प्लास्टिक निगलने का प्रतिशत खतरनाक स्तर तक बढ़ रहा था.
डॉ. क्रिस विलकॉक्स के नेतृत्व में सह लेखक डॉ. डेनिस हार्डस्टी और डॉ. एरिक वैन सिबली द्वारा किया गया अध्ययन 1 सितम्बर 2015 को पीएनएएस पत्रिका में प्रकाशित हुआ.
अध्ययनकीमुख्यविशेषताएं
अध्ययन में पाया गया कि अल्बाट्रोसेस, शियरवाटर्स और पेंगुइन सहित सभी समुद्री पक्षी प्रजातियों में लगभग 60 प्रतिशत के पेट में प्लास्टिक है.
1960 के दशक में प्रकाशित अध्ययन के विश्लेषण के अनुसार, शोधकर्ताओं की टीम ने पाया कि प्लास्टिक सभी समुद्री पक्षियों के पेट में सामान रूप से बढ़ रहा है. 1960 में प्लास्टिक, अलग-अलग समुद्री पक्षियों के पेट में 5 प्रतिशत से कम पाया गया था जो वर्ष 2010 में बढ़कर 80 प्रतिशत हो गया.
मौजूदा रुझान के आधार पर शोधकर्ताओं का अनुमान है कि 2050 तक विश्व की समुद्री पक्षी प्रजातियों में से 99 प्रतिशत प्लास्टिक को आहार के रूप में निगलने से प्रभावित होंगी.
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि सभी जीवित समुद्री पक्षी किसी न किसी तरह आज 90 प्रतिशत प्लास्टिक खा रहे हैं जिसमें बैग, बोतल के ढक्कन, और सिंथेटिक कपड़ों का प्लास्टिक फाइबर है, जो शहरी नदियों, नालों और अपशिष्ट पदार्थों द्वारा समुद्र में पहुचता है.
प्लास्टिक पेट में कसाव, वजन घटने और कभी-कभी पक्षियों की मौत का कारण भी बनता है.
शोधकर्ताओं ने पाया कि प्लास्टिक से वन्य जीवन बड़े पैमाने पर प्रभावित होगा जहां वे दक्षिणी महासागर के आसपास ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी किनारों में एकत्रित होते हैं.
सुझावएवंसमाधान
कचरा प्रबंधन में सुधार समुद्री वन्य जीवन के लिए प्लास्टिक के खतरे को कम कर सकता है.
सरल उपायों से भी प्लास्टिक के खतरे को कम कर सकते हैं, जैसे, पैकेजिंग में प्लास्टिक की वस्तुओं का कम उपयोग करके, प्लास्टिक के एकल उपयोग पर प्रतिबंध लगा कर या उपयोग करने के लिए अतिरिक्त शुल्क चार्ज करके, और पुनः प्रयोग किए जा सकने वाले वस्तु जैसे पेय कंटेनर को जमा करके भी इसमें कमी लायी जा सकती है.
वातावरण में प्लास्टिक के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए यूरोप में कदम उठाये गए, जिसके परिणामस्वरूप एक दशक में समुद्री पक्षियों के पेट में प्लास्टिक की मात्रा में कमी पाई गयी. इसलिए बुनियादी कचरा प्रबंधन द्वारा वातावरण में प्लास्टिक द्वारा होने वाले हानिकारक प्रभाव को अल्पावधि में कम किया जा सकता है.
यह कार्य राष्ट्रीय समुद्री मलबे की परियोजना के भाग के रूप में सीएसआईआरओ शेल सामाजिक निवेश कार्यक्रम के सामूहिक प्रयासों तथा नेशनल सेंटर फॉर इकोलॉजिकल एनालिसिस एंड सिथेंसिस, यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया, सांता बारबरा एवं ओसियन कनज़रवेंसी द्वारा सम्पन्न किया गया.
फ्रांस द्वारा सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यों को सीमित वीटो अधिकार देने के सुझाव को रूस ने नकारा
रूस ने 2 सितंबर 2015 को फ्रांस के उस प्रस्ताव को ख़ारिज दिया जिसमें उसने मांग की थी कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों द्वारा बड़े पैमाने पर अत्याचार से जुड़े मामलों में कम से कम वीटो शक्ति का उपयोग किया जाए.
रूस के राजदूत विताली चुर्किन के अनुसार यह एक व्यावहारिक प्रस्ताव नहीं है इसलिए वे प्रस्ताव का विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर अत्याचार पर वीटो करना राजनैतिक हथियार बन सकता है तथा उन्होंने यह भी प्रश्न उठाया कि इस तरह के फैसले लेने के लिए किसी मंशा का प्रयोग किया जा सकता है.
फ्रांस के सुझाव को 70 नॉन-वीटो सदस्य राज्यों ने समर्थन दिया जबकि चीन तथा संयुक्त राज्य अमेरिका ने कोई जवाब नहीं दिया.
वीटोएवंसंयुक्तराष्ट्रसुरक्षापरिषद
वीटो अधिकार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों को दिए गए अधिकार हैं, इनमें ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस तथा अमेरिका शामिल हैं.
इसमें इन पांच देशों को किसी प्रस्ताव के विपक्ष में मत देने का अधिकार प्राप्त है. इससे किसी भी प्रस्ताव को सदन के पटल पर रखा जा सकता है अथवा उसे नकारा जा सकता है.
अनुपस्थित रहने अथवा वोटिंग से बाहर रहने पर प्रस्ताव को पास होने से रोका नहीं जा सकता.
वीटो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांचों देशों के लिए महत्वपूर्ण शक्ति है जिसे संयुक्त राष्ट्र के निर्माण के समय, 1945, से ही उन्हें दिया गया है. वर्ष 2015 में यह संस्था अपने गठन की 70 वीं वर्षगांठ मना रहा है.
दिनेश कुमार लिखी ने मिश्र धातु निगम लिमिटेड के मुख्य प्रबंध निदेशक का कार्यभार संभाला
दिनेश कुमार लिखी ने 1 सितंबर 2015 को मिश्र धातु निगम लिमिटेड के मुख्य प्रबंध निदेशक का कार्यभार संभाला. इसके पूर्व वे मिश्र धातु निगम लिमिटेड में उत्पादन एवं मार्केटिंग के निदेशक पद पर कार्यरत थे.
मिश्र धातु निगम लिमिटेड के मुख्य प्रबंध निदेशक के रूप में उन्होंने एम नारायण राव का स्थान लिया. वे मेटालिक इंजीनियरिंग में आईआईटी, रूडकी से गोल्ड मेडेलिस्ट रहे हैं. उन्होंने आईआईटी, दिल्ली से कूटनीतिक/सामरिक संबंध में पीएचडी किया. उन्होंने मिश्र धातु निगम लिमिटेड में वर्ष 2011 में योगदान किया.
मिश्रधातुनिगमलिमिटेडसेसंबंधितमुख्यतथ्य:
• मिश्रा धातु निगम लिमिटेड (MIDHANI) हैदराबाद स्थित सार्वजनिक क्षेत्र की एक इकाई है. जो रक्षा मंत्रालय के तहत काम करती है.
• इसे सामरिक सामग्री में राष्ट्र को आत्म निर्भर बनाने के उद्देश्य से वर्ष 1976 में स्थापित किया गया था. मिश्रा धातु निगम लिमिटेड, मिश्र धातु के विकास के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों और उत्पादों का स्वदेशीकरण में एक नेतृत्व की स्थिति देने की स्थिति में पहुँच चुकी है.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय राज्य के सभी मदरसों में राष्ट्रीय पर्व पर तिरंगा फहराने का आदेश दिया
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर-प्रदेश के सभी मदरसों में राष्ट्रीय पर्व (15 अगस्त और 26 जनवरी) पर राष्ट्रगान गाए जाने एवं तिरंगा फहराने का 1 सितंबर 2015 को आदेश दिया. न्यायालय ने प्रदेश के मुख्य सचिव को एक सर्कुलर जारी कर आदेश को लागू करने को कहा.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यह आदेश अलीगढ़ के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अजीत गौर की जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिया. अजीत गौर का अपनी याचिका में कहना था कि संविधान के अनुच्छेद 51 ए के मुताबिक सभी देशवासियों को राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रीय गान का सम्मान करना राष्ट्रीय कर्तव्य है. बावजूद इसके सरकारी अनुदान से चलने वाले मदरसों में न तो राष्ट्रीय गान गाया जाता है और न ही राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है.
श्रीलंका की मुख्य तमिल पार्टी को संसद में विपक्ष का दर्जा मिला
श्रीलंका की मुख्य तमिल पार्टी ‘टीएनए’ को संसद में 3 सितंबर 2015 को मुख्य विपक्षी दल घोषित किया गया. श्रीलंका की संसद के स्पीकर कारू जयसूर्या ने इसकी घोषणा की.
आर सम्पंतन टीएनए पार्टी की ओर से श्रीलंका की संसद में मुख्य विपक्षी दल का नेतृत्व करेंगे. वे 32 वर्षों में अल्पसंख्यक समुदाय के ऐसे पहले सांसद बन गए हैं, जो सदन में पार्टी का नेतृत्व करेंगे.
विदित हो कि टीएनए ने चुनाव में 16 सीटों पर जीत दर्ज की थी. 82 वर्षीय सम्पंतन देश में विपक्ष के नेता बनने वाले दूसरे तमिल बन गए हैं. इससे पहले वर्ष 1977 में तमिल यूनाइडेड लिबरेशन फ्रंट (टीयूएलएफ) के नेता अप्पापिल्लई अम्रतालिंगम विपक्ष के नेता बने थे. टीयूएलएफ के सदस्य 1983 से तमिलों के लिए अलग देश की मांग के कारण शपथ नहीं ले पाए थे और संसद से बहिर्गमन कर गए थे.
4 sept
मर्वन अट्टापट्टू ने श्रीलंका क्रिकेट टीम के मुख्य कोच पद से इस्तीफ़ा दिया
श्रीलंका के पूर्व कप्तान मर्वन अट्टापट्टू ने 3 सितंबर 2015 को श्रीलंका क्रिकेट टीम के मुख्य कोच पद से इस्तीफ़ा दे दिया. श्रीलंका क्रिकेट के अंतरिम अध्यक्ष सिद्धार्थ वेट्टीमनी ने अट्टापट्टू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया.
अट्टापट्टू का यह इस्तीफा श्रीलंका टीम के पिछले तीन महीने में पाकिस्तान और भारत से मैच हारने के बाद आया है. अट्टापट्टू ने सितंबर 2014 में पॉल फरब्रेस के स्थान पर मुख्य कोच का स्थान ग्रहण किया था. वह टीम से साथ वर्ष 2011 से बल्लेबाजी कोच के रूप में भी कार्य कर रहे थे.
44 वर्षीय अट्टापट्टू ने अपने क्रिकेट करियर के दौरान खेले 90 टेस्ट मैचों में 5502 रन और 268 वन डे मैचों में 8529 रन बनाये.
विनोद दसारी सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के अध्यक्ष नियुक्त
विनोद दसारी 3 सितंबर 2015 को ऑटोमोबाइल उद्योग संगठन सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के अध्यक्ष नियुक्त किए गए.
वर्तमान में दसारी अशोक लीलैंड के प्रबंध निदेशक हैं.
अन्यनियुक्तियां
• जनरल मोटर्स इंडिया के अध्यक्ष अरविंद सक्सेना को संगठन के उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया.
• मारुति सुजुकी इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी केनिची अयुकावा को एसआईएएम का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया.
सोसाइटीऑफइंडियनऑटोमोबाइलमैन्युफैक्चरर्सकेबारेमें
• एसआईएएम भारत में प्रमुख वाहन और इंजन निर्माताओं का प्रतिनिधित्व करने वाला एक निकाय है.
• यह उद्योगों, सरकार, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के बीच बैठकों को आयोजित करता है.
• यह संबंधित शेयर धारकों के साथ मिलकर काम करता है और नियमों और ऑटोमोबाइल उद्योग से संबंधित नीतियों को विकसित करने में मदद करता.
वर्तमान में विश्व में पेड़ों की कुल संख्या 3 खरब : अध्ययन
शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार वर्तमान में पृथ्वी पर पेड़ों की कुल संख्या 3 खरब है. टी डब्लू क्राउथर और एचबी ग्लिक द्वारा नियोजित यह अध्ययन मैपिंग ट्री डेंसिटी ऑन ग्लोबल स्केल नामक शीर्षक से 2 सितम्बर 2015 को नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुआ था.
अध्ययन के अनुसार पेड़ों की वैश्विक संख्या पिछले अनुमान 400 अरब से अधिक होकर 3 खरब तक पहुंच गयी है. पेड़ों की गणना अंतरिक्ष के नीचे से उपग्रहों के माध्यम से दी गयी जानकारी के आधार पर की गयी है.
क्राउथर और उनके सहयोगियों ने पेड़ों की संख्या से सम्बंधित सटीक आंकड़ा पाने के लिए उपग्रह माप और कंप्यूटर मॉडल के साथ भूमि आधारित 429,775 माप का इस्तेमाल किया.
अध्ययनकेनिष्कर्ष
3 खरब पेड़ों में से 1.3 खरब उष्णकटिबंधीय और जंगलों में,0.74 खरब उत्तरी क्षेत्रों में तथा 0.61 खरब शीतोष्ण क्षेत्रों में पाए गए हैं.
पेड़ घनत्व के अनुमान के आधार पर लगभग 15 अरब से अधिक पेड़ों की कटाई प्रति वर्ष की जा रही है. इस कारण प्रति वर्ष 10 अरब पेड़ों का शुद्ध नुकसान होता है. इस आधार पर 300 वर्ष में पृथ्वी के सभी पेड़ समाप्त हो जाएंगे.
मानव सभ्यता की शुरुआत से लेकर अब तक पेड़ों की संख्या में 46 प्रतिशत की कमी आई है. मानव सभ्यता से पूर्व पृथ्वी पर लगभग कुल 5.6 खरब पेड़ थे.
आरबीआई ने भारत-पाक युद्ध,1965 की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष में पाँच रु का सिक्का जारी करने की घोषणा की
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 3 सितम्बर 2015 को जारी की गई एक अधिसूचना के अनुसार ,भारतीय रिज़र्व बैंक भारत-पाकिस्तान युद्ध 1965 की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष में भारत सरकार द्वारा जारी पाँच रुपए के सिक्कों को जल्दी ही संचलन में डालेगा.
यह सिक्के कॉइनएज अधिनियम, 2011 के तहत जारी किए जाएंगे.
सिक्कोंकाडिज़ाइनइसप्रकारहोगा
अग्रभाग : सिक्के के मुख भाग पर मध्य में अशोक स्तंभ का सिंह शीर्ष होगा, जिसके नीचे "सत्यमेव जयते" मुद्रा लेख उत्कीर्णित होगा, उसकी बाईं ऊपरी परिधि पर देवनागरी लिपि में "भारत" शब्द और दाहिनी ऊपरी परिधि पर अंग्रेजी में "INDIA" शब्द होगा. उस पर सिंह शीर्ष के नीचे रुपया का प्रतीक "₹" तथा अंतरराष्ट्रीय अंकों में अंकित मूल्य "5" भी होगा.
पृष्ठभाग : सिक्के के मुख भाग पर मध्य में बाईं और दाईं तरफ जैतून की पत्तियों के डिज़ाइन सहित "अमर जवान" स्मारक का चित्र होगा, जिसमें बाईं ऊपरी परिधि पर देवनागरी लिपि में "वीरता एवं बलिदान" तथा दाहिनी ऊपरी परिधि पर अंग्रेजी में "VALOUR AND SACRIFICE" उत्कीर्णित होगा. स्मारक के चित्र के नीचे वर्ष "2015" उत्कीर्णित होगा. सिक्के के इस भाग पर ऊपरी परिधि पर देवनागरी लिपि में "1965 सामरिक अभियान का स्वर्ण जयंती वर्ष" और निचली परिधि पर अंग्रेजी में "GOLDEN JUBILEE 1965 OPERATIONS" भी उत्कीर्णित होगा.
भारत-पाकिस्तानयुद्ध,1965 केबारेमें
• यह युद्ध अप्रैल 1965 में में प्रारंभ हुआ था, इस लड़ाई की शुरूवात पाकिस्तान ने अपने सैनिको को घुसपैठियो के रूप मे भेज कर इस उम्मीद मे की थी कि कश्मीर की जनता भारत के खिलाफ विद्रोह कर देगी. इस अभियान का नाम पाकिस्तान ने युद्धभियान जिब्राल्टर रखा था.
• तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नेतृत्व में भारतीय सशस्त्र बलों ने पश्चिमी पाकिस्तान पर पर सैन्य हमले शुरू करने से पाकिस्तान की घुसपैठ जवाबी कार्रवाई की.
• यह युद्ध 17 दिनों तक चला था.
केंद्र सरकार ने ग्रीनपीस इंडिया का एफसीआरए पंजीकरण रद्द किया
केंद्र सरकार ने विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए), 2010 के तहत ग्रीनपीस इंडिया के पंजीकरण रद्द कर दिया. सरकार ने विदेशी अंशदान विनियमन कानून (एफसीआरए) के तहत पंजीकरण कथित तौर पर देश की आर्थिक प्रगति के खिलाफ कार्य करने के लिए रद्द कर दिया.
इस निर्णय का अर्थ यह होगा कि ग्रीनपीस विदेश से धनराशि प्राप्त नहीं कर सकेगा जो उसके समग्र संचालन व्यय का करीब 30 प्रतिशत है. ग्रीनपीस इंडिया में करीब 340 लोग कार्यरत हैं.
3 सितंबर 2015 को दिल्ली उच्च न्यायालय में प्रस्तुत हलफनामे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दावा किया कि ग्रीनपीस ने अपने विदेशी और घरेलू अशदानों को मिलाकर विदेशी अंशदान विनियमन कानून (एफसीआरए) का उल्लंघन किया.
ग्रीनपीस इंडिया ने सरकार की कार्रवाई को ‘अभियानों को चुप’ कराने का प्रयास करार दिया और कहा कि वह इससे विचलित नहीं होगा.
विदित हो कि भारत सरकार ने विदेशी चंदा (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के तहत 9 अप्रैल 2015 को ग्रीनपीस का पंजीकरण इस आधार पर रद्द कर दिया था कि उसने संबंधित प्राधिकारों को सूचित किए बिना ही विदेशी चंदे का उपयोग करने के लिए पांच खाते खोलकर नियमों का उल्लंघन किया.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने गैरसरकारी संगठन ग्रीनपीस इंडिया को अपने रोजमर्रा के कार्यों के लिए नये घरेलू चंदा प्राप्त करने और उसके इस्तेमाल के लिए दो खातों का उपयोग करने की अनुमति 27 मई 2015 को प्रदान की थी.
कनाडा ने छह साल में पहली बार तकनीकी मंदी में प्रवेश किया
चीन में उर्जा स्रोतों की गिरती कीमतों तथा आर्थिक दिक्कतों के कारण कनाडा पिछले छह वर्षों में पहली बार तकनीकी संकट के दौर में पहुंच गया है. कनाडा की राष्ट्रीय सांख्यिकी एजेंसी “स्टैटिस्टिक्स कनाडा” ने 1 सितंबर 2015 को इस बात की पुष्टि की.
तकनीकी मंदी का अर्थ है देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में नकारात्मक आर्थिक विकास.
कनाडा स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों के अनुसार कनाडियन अर्थव्यवस्था के क्वार्टर-1 (जनवरी-मार्च 2015) में सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर में 0.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी तथा क्वार्टर-2 (अप्रैल-जून) में 0.5 प्रतिशत की गिरावट देखी गयी.
इससे पहले कनाडा की अर्थव्यवस्था में वर्ष 2009 में तकनीकी मंदी दर्ज की गयी थी. उस समय अर्थव्यवस्था के पहले क्वार्टर में 8.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी जबकि दूसरे क्वार्टर में 3.6 प्रतिशत की गिरावट आई.
इसके अतिरक्त कनाडा ग्रुप-7 (जी-7) में एकमात्र देश है जिसमें वर्ष 2008 की आर्थिक मंदी के बाद पहली बार मंदी आई है. कनाडा विश्व की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है तथा सयुक्त राज्य अमेरिका इसका सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है.
टिप्पणी
आर्थिक मंदी की यह खबर कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर एवं उनकी कंज़रवेटिव पार्टी के लिए 19 अक्टूबर 2015 को होने वाले चुनावों में परेशानी का कारण बन सकती है. हार्पर चौथे कार्यकाल के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं.
भारत ऑस्ट्रेलिया के लिए 8वां सबसे बड़ा पर्यटन बाजार के रूप में उभरा
ऑस्ट्रेलिया सरकार के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2014 में भारत ऑस्ट्रेलिया के लिए 8वां सबसे बड़ा पर्यटन बाजार रहा. ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री एंड्रयू रॉब ने 1 सितंबर 2015 को मेलबोर्न में इसकी घोषणा की.
ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री एंड्रयू रॉब के घोषणा के अनुसार वर्ष 2014 में 2,00,000 से अधिक भारतीयों ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया. जिन्होंने 1 बिलियन डॉलर का राजस्व उत्पन्न किया. जिसका कुल पर्यटन में 39 प्रतिशत का योगदान रहा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस पर्यटन का आकर्षण ऑस्ट्रेलिया का 'स्वच्छ, हरा और सुरक्षित' देश होना है.
विदित हो कि वर्ष 2013 में ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत ऑस्ट्रेलिया के लिए 11वां सबसे बड़ा पर्यटन बाजार था. वर्ष 2015 में अबतक कुल 2,07,000 भारतियों ने ऑस्ट्रेलिया की यात्रा की है.
इनस्पा, 107 सनशाइन देशों का समूह नई दिल्ली में लॉन्च होगा
इनस्पा: इंटरनेशनल एजेंसी फॉर सोलर पॉलिसी एंड एप्लीकेशन
इनस्पा शब्द सितंबर 2015 के पहले सप्ताह में चर्चा में रहा क्योंकि केंद्र सरकार, सौर उर्जा के लिए बनाये गये इस वैश्विक समूह को एक कार्यक्रम के दौरान नई दिल्ली में आरंभ करने की योजना बना रही है.
यह कार्यक्रम पेरिस में आयोजित किये जाने वाले जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (सीओपी-21) के बाद नवम्बर 2015 को आयोजित किया जायेगा.
इनस्पा का अर्थ है, इंटरनेशनल एजेंसी फॉर सोलर पालिसी एंड एप्लीकेशन. इस कार्यक्रम में कर्क रेखा और मकर रेखा के मध्य मौजूद 107 देशों सहित चीन और ऑस्ट्रेलिया के भाग लेने की संभावना है.
इन देशों को सनशाइन ग्रुप भी कहा जाता है क्योंकि इन देशों को पूरा वर्ष काफी मात्रा में सौर उर्जा प्राप्त होती है.
इस समूह के निर्माण से, सभी सदस्य राष्ट्र आपस में अपने अनुभव, अनुसंधान एवं विकास कार्यों पर बातचीत कर सकेंगे तथा सामूहिक वित्तीय उपाय एवं प्रशासनिक उपायों पर कार्य कर सकेंगे.
इसमें भारत की अग्रणी भूमिका द्वारा जवाहर लाल नेहरु राष्ट्रीय सौर उर्जा मिशन (जेएनएनएसएम) को भी बढ़ावा मिलेगा.
इस मिशन के तहत भारत में सौर उर्जा उत्पादन 1 गीगावॉट अथवा 1 लाख मेगावाट होने की सम्भावना है. वर्ष 2022 तक लगभग 6 लाख करोड़ रूपए के निवेश द्वारा इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है.
ओडिशा के तलचर में बहुविध कौशल विकास केंद्र का उद्घाटन
केंद्रीय बिजली, कोयला तथा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल और केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र प्रधान ने 3 सितंबर 2015 को एनटीपीसी तलचर कनिहा, ओडिशा में बहुविध कौशल विकास केंद्र का उद्घाटन किया.
केंद्र सरकार की ओर से इस केंद्र के लिए धन उपलब्ध कराया जाएगा. यह केंद्र स्थानीय उद्योगों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रकार से कौशल प्रशिक्षण प्रदान करेगा.
स्किल इंडिया अभियान के अनुसार एनटीपीसी केंद्र और राज्य सरकारों के साथ हिस्सेदारी करके कौशल विकास संबंधी पहल में भारत सरकार की सहायता कर रहा है, ताकि आधारभूत सुविधाओं के उन्नयन/सुधार द्वारा कुशल कामगारों की उपलब्धता और गुणवत्ता में सुधार हो सके और मांग के अनुकूल देश में व्यवसायिक शिक्षा की गुणवत्ता कायम हो सके तथा कुशल युवाओं की बेहतर नियोजनीयता सुनिश्चित हो सके.
तलचल कनिहा ओडिशा राज्य के आंगुल जिले के ऐसे स्थानों में एक है, जिसे कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के सहयोग से एक बहुविध कौशल केंद्र स्थापित करने के लिए चुना गया.
एनटीपीसी तलचर यूनिट ने बहुविध कौशल केंद्र स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) को जगह/ भवन उपलब्ध कराया है. एनएसडीसी और इसके प्रशिक्षण से जुड़े हिस्सेदार राष्ट्रीय कौशल योग्यता कार्यक्रम द्वारा मान्य पाठ्यक्रमों के प्रशिक्षण के लिए आवश्यक मशीन और उपकरण, प्रशिक्षक आदि सहित अध्ययन कक्ष और कम्प्यूटर प्रयोगशाला स्थापित करेंगे.
ग्वाटेमाला के राष्ट्रपति ने अपने पद से इस्तीफ़ा दिया
ग्वाटेमाला के राष्ट्रपति ओटो पेरेज़ ने 3 सितम्बर 2015 को अपने पद से इस्तीफ़ा दिया. उन्होंने भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप पर यह इस्तीफा दिया. जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.
विदित हो कि ग्वाटेमाला के राष्ट्रपति ओटो पेरेज़ पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगने के बाद ग्वाटेमाला की संसद ने उनका न्यायिक संरक्षण समाप्त कर दिया. जिसके बाद उनके खिलाफ गिरफ़्तारी का वारेंट जारी हुआ. ओटो पेरेज़ ने वर्ष 2012 में सत्ता संभाली थी.
राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की स्मृति में 125 रुपये और 10 रुपये के दो स्मारक सिक्के जारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की स्मृति में 125 रुपये और 10 रुपये के दो स्मारक सिक्के 4 सितंबर 2015 को जारी किए. प्रधानमंत्री ने जोरावर हॉल, मानेकशॉ सेंटर नई दिल्ली में आयोजित समारोह में सिक्के जारी किए.
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षक दिवस (5 सितंबर) की पूर्व संध्या पर केंद्रीय विद्यालय के छात्रों को भी संबोधित किया. भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. एस राधाकृष्णन का जन्म दिवस 5 सितंबर देश भर में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है.
केंद्र सरकार ने ऑनलाइन जीआईएस उपकरण के रूप में भारतीय पवन संसाधन एटलस का शुभारंभ किया
केंद्र सरकार ने 2 सितंबर 2015 को 100 मीटर के स्तर पर पवन संसाधन एटलस का शुभारंभ किया. यह एटलस विधि निर्माताओं तथा राज्य सरकारों को टैरिफ निर्धारण, पारेषण, ग्रेड आवृत्ति सम्बन्धी दिक्कतों से निपटने में सहायता करेगी.
इससे निवेशकों को भारत में निवेश करने से पहले बेहतर जानकारी भी प्राप्त हो सकेगी. भारतीय पवन संसाधन एटलस एक महत्वपूर्ण जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) साधन है जिससे क्षेत्रीय एवं स्थानीय पवन उर्जा की स्थिति का पता लगाया जा सकता है.
इसमें पवन की वार्षिक गति की गणना, पवन ऊर्जा घनत्व और क्षमता व उपयोग को 2 मेगावाट टरबाइन द्वारा 100 मीटर की ऊंचाई पर नापा गया है. एटलस में लेयर्स अधिक रेसोल्यूशन्स की हैं तथा 500 मीटर के रेसोल्यूशन पर पूरे देश के लिए संयुक्त आवृत्ति टेबल लगायी गयी हैं.
इसके अतिरिक्त एनसीईपी/सीएफएसआर का अध्ययन करने के पश्चात् मानचित्र की सटीकता बढाई जा सकती है. एटलस गतिशील मेसो-सूक्ष्म युग्मित डब्ल्यूआरएफ मॉडल तकनीक का उपयोग करता है.
पवनऊर्जाक्षेत्रऔरसंसाधनएटलसकानिर्माण
इसमें उपग्रह तथा विश्व के विशालतम ग्राउंड डाटा, जिसमें 1300 स्थान शामिल हैं, के आंकडों की जानकारी का प्रयोग किया गया है.
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के निर्देश के तहत, राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान ने जीआईएस आधारित पवन उर्जा संसाधन तैयार किया जिसमें वैज्ञानिक तथ्य, प्रमाणिक जानकारी तथा भौगोलिक जानकारियों का प्रयोग किया गया है.
एनआईडब्ल्यूई ने मेसो पैमाने पर किये गये अध्ययन के अनुसार इन मानचित्रों को तैयार किया तथा भारतीय पवन एटलस को 50 मीटर की सांकेतिक ऊंचाई, 80 मीटर की हब ऊंचाई एवं 5 किलोमीटर के रेसोल्यूशन के साथ अप्रैल 2010 में रिसो-डीटीयू, डेनमार्क के साथ आरंभ किया.
वर्तमान में संभावित आकलन काफी अधिक रेसोल्यूशन (5 किलोमीटर से अधिक) पर किया गया है जिसमें अत्याधुनिक मेसो-माइक्रो न्यूमेरिकल विंड फ्लो मॉडल का भारत के 1300 से अधिक स्थानों पर प्रयोग किया गया है.
भूमि सूचना भूमि की उपलब्धता के आकलन के माध्यम से लिया गया है जिसमें भुवन एटलस के माध्यम से मौजूद लैंड यूज़ लैंड कवर (एलयूएलसी) आंकड़ों को शामिल किया गया है.
झुंपा लाहिड़ी नेशनल ह्यूमैनिटीज़ मेडल से सम्मानित
पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित की भारतीय मूल की अमेरिकी लेखिका झुंपा लाहिड़ी को वर्ष 2014 के प्रतिष्ठित नेशनल ह्यूमैनिटीज मेडल के लिए चुना गया. झुंपा लाहिड़ी को सितंबर 2015 में व्हाइट हाउस में आयोजित एक समारोह में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा यह पदक प्रदान करेंगे.
लाहिड़ीसहित 10 लोगोकोयहपदकप्रदानकियाजाएगा. अन्य 9 पुरस्कृतविजेताहैं:
• एनी डिलर्ड, लेखक
• एवरेट एल फ्लाई, वास्तुकार और परिरक्षक
• रेबेका न्यूबर्गर गोल्डस्टीन, दार्शनिक और उपन्यासकार
• एवलिन ब्रूक्स हिगिनबोथम, इतिहासकार
• फेडवा मालती-डगलस, विद्वान
• लैरी मेकमर्टरी, उपन्यासकार
• विकी लिन रूज़, इतिहासकार
• ऐलिस वाटर्स, लेखक और खाद्य कार्यकर्ता
झुम्पालाहिड़ीकेबारेमें
- झुम्पा लाहिड़ी पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय मूल की अमेरिकी उपन्यासकार हैं.
- झुंपा का वास्तविक नाम नीलांजना सुदेशना है.
- उनका उपन्यास नेमसेक (2003) पर इसी नाम से एक बहुचर्चित फिल्म बनी थी.
- लाहिड़ी अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा नियुक्त किए गए कला और मानविकी के राष्ट्रपति समिति की सदस्य हैं.
- लघु कहानियों के उनके पहले संग्रह 'इंटरप्रेटर ऑफ मैलेडीज' को वर्ष 2000 में काल्पनिक लेखन के वर्ग में पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
- उनकी पुस्तक 'द लोलैंड' को मैन बुकर प्राइज के लिए नामित किया गया.वर्तमान में वह प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में रचनात्मक लेखन की प्रोफेसर हैं.
नेशनलह्यूमैनिटीज़मेडलकेबारेमें
• नेशनल ह्यूमैनिटीज़ मेडल वर्ष 1997 में स्थापित किया गया. यह मेडल नेशनल एनडाउमेंट फॉर द ह्यूमैनिटीज (एनएचई) द्वारा प्रदान किया जाता है.
• यह पुरस्कार इतिहास, साहित्य, भाषा, दर्शन, और अन्य मानविकी विषयों के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले व्यक्तियों और समूहों को प्रदान किया जाता है.
• नेशनल एनडाउमेंट फॉर द ह्यूमैनिटीज द्वारा हर वर्ष 12 लोगों को नेशनल ह्यूमैनिटीज़ मेडल से सम्मानित किया जा सकता है.
भूटान की 11वीं पंचवर्षीय योजना के लिए चौथी वाक भारत-र्षिभूटान विकास सहयोग वार्ता संपन्न
भूटान की 11वीं पंचवर्षीय योजना के लिए चौथी वार्षिक भारत-भूटान विकास सहयोग वार्ता नई दिल्ली में 2 सितम्बर 2015 को आयोजित की गई.
विदेश मत्रांलय में सचिव सुजाता मेहता ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल और भूटान के विदेश सचिव दाशो शेरिंग दोरजी ने भूटान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने परियोजना बंध सहायता (पीटीए) परियोजनाओं की समग्र प्रगति की समीक्षा की और परियोजनाओं की एक सूची पर सहमति व्यक्त की.
इसके अलावा, दोनों पक्ष भूटान की राजधानी थिम्पू में वर्ष 2016 में अगली वार्षिक विकास सहयोग पर वार्ता करने के लिए सहमत हुए.
हवा की गुणवत्ता जांचने के लिए नैरोबी में यूएनईपी ने कम लागत के उपकरण का अनावरण किया
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) ने 31 अगस्त 2015 को केन्या की राजधानी नैरोबी में हवा की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए कम लागत वाली उपकरण का अनावरण किया गया. यह प्रति यूनिट लगभग 1500 अमेरिकी डॉलर खर्च होती है.
यह कम लागत वाला उपकरण है, अर्थात अनुमान के अनुसार मौजूदा उपकरण की तुलना में कम से कम 100 गुना तक कम लागत आने का अनुमान है.
निगरानीउपकरणकीमुख्यविशेषताएं
• यह हवा की गुणवत्ता के सभी महत्वपूर्ण कण इकट्ठा करने में सक्षम है.
• यह ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) आधारित है जो इसे यूएनईपी लाइव मंच से कनेक्ट करने के लिए सक्षम बनाता है. यह वास्तविक समय के आधार पर दुनिया भर में स्थित 2000 स्टेशनों से हवा की गुणवत्ता पर नजर रखता है.
• यह उपकरण 1 से लेकर 10 माइक्रोन के व्यास तक हवा में किसी भी द्रव्य के बारे में जानकारी दे सकता है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार इससे 2.5 माइक्रोन तक माप की जा सकती है जो मानव स्वास्थ्य को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं.
• यह सल्फर और नाइट्रोजन आक्साइड की मात्रा रिकॉर्ड कर सकती है और इसे अन्य गैसों जैसे ओजोन को मापने के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय नौसेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने का आदेश दिया
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 4 सितंबर 2015 को भारतीय नौसेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने का आदेश दिया.
विदित हो कि थल सेना और वायु सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन की इजाजत है, लेकिन नौसेना में उन्हें सिर्फ शॉर्ट सर्विस कमीशन ही दिया जाता है. नौसेना की करीब 19 महिला अधिकारी सेना के अन्य अंगों में अपनी समकक्ष अधिकारियों के समान अधिकार की मांग को लेकर न्यायालय पहुंची थीं. अपनी याचिका में उन्होंने लिंग भेद का आरोप लगाया था. अपनी संक्षिप्त सेवा के चलते महिला अफसर पेंशन की हकदार नहीं होती हैं, क्योंकि इसके लिए 20 साल की न्यूनतम सेवा जरूरी है.