Current Affaires 5-6 Nov 2015 Hindi

5 november

ओडिशा में रेलवे परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए एसपीवी का निर्माण करने हेतु भारतीय रेल और ओडिशा सरकार के मध्य समझौता

केन्द्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु, केन्द्रीय जनजातीय मामले मंत्री जुयाल उरांव, केन्द्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा एवं ओडिशा सरकार के वाणिज्य एवं परिवहन विभाग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रमेश चन्द्र माझी की उपस्थिति में 4 नवम्बर 2015 को ओडिशा में रेलवे परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए एक एसपीवी का निर्माण करने के लिए भारतीय रेल और ओडिशा सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया है. इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ए. के. मित्तल, रेलवे बोर्ड के सदस्य एवं रेलवे बोर्ड तथा ओडिशा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.

विभिन्न राज्यों में रेल लाइन की बढ़ती मांग तथा उन्हें क्रियान्वित करने में फंड की भारी आवश्यकता को देखते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने अपने बजट भाषण में अहम रेल परियोजनाओं के केन्द्रित परियोजना विकास, संसाधन जुटाने, भूमि अधिग्रहण, परियोजना क्रियान्वयन एवं निगरानी के लिए राज्यों के साथ संयुक्त उद्यम स्थापित करने की घोषणा की थी. इसी के अनुरूप रेल मंत्री एवं ओडिशा सरकार के बीच रेलवे बुनियादी ढांचे के लिए एक संयुक्त उद्यम कंपनी के निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया.
इस अवसर पर रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि यह एक स्वागत योग्य कदम है और ओडिशा के ढांचागत विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. ऐसी संयुक्त उद्यम कंपनियां ओडिशा समेत विभिन्न राज्यों में रेल नेटवर्क के तेज विकास के लिए आवश्यक प्रोत्साहन मुहैया कराती हैं.

‘इंप्रिंट इंडिया’ योजना का शुभारम्भ

देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध एवं अनुसंधान कार्यों का रोड मैप तैयार करने और इसे जनता से जोड़ने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 नवम्बर 2015 को इंप्रिंट(इम्पैक्टिंगरिसर्चइनोवेशनएण्डटेक्नोलॉजी) इंडिया योजना का शुभारम्भ किया.
राष्ट्रपति भवन में शुरू हुई तीन दिवसीय  कुलाध्यक्ष सम्मेलन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस महत्वाकांक्षी योजना को शुरू किया, जिसकी बुनियाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुझाव पर रखी गयी. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इम्प्रिंट इंडिया की विवरणिका का विमोचन किया और पहली प्रति राष्ट्रपति को भेजी. 
‘इम्प्रिंट इंडिया’ भारत के लिए प्रासंगिक दस तकनीकी क्षेत्र की प्रमुख इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी चुनौतियों से निपटने के लिए अनुसंधान का खाका विकसित करने हेतु आईआईटी और आईआईएससी की संयुक्त पहल है.
इसपहलकाउद्देश्य
• समाज में नवाचार के लिए आवश्यक क्षेत्रों की पहचान करना.
• पहचाने गए क्षेत्रों में प्रत्यक्ष वैज्ञानिक अनुसंधान.
• इन क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए उचित कोष की आपूर्ति सुनिश्चित करना.
• इन अनुसंधानों के परिणामों का शहरी और ग्रामीण क्षेत्र पर प्रभाव का आकलन करना.

इंप्रिंट इंडिया दस क्षेत्रों में कार्य करेगा इन दस क्षेत्र निम्न आईआईटी और आईआईएससी द्वारा समन्वित होंगे 
• स्वास्थ्य की देखभाल - आईआईटी खड़गपुर,
• कम्प्यूटर साइंस और आईसीटी - आईआईटी खड़गपुर,
• अग्रिम सामग्री - आईआईटी कानपुर,
• जल संसाधन और नदी प्रणालियाँ - आईआईटी कानपुर,
• सतत शहरी डिजाइन - आईआईटी रुड़की,
• रक्षा - आईआईटी मद्रास,
• विनिर्माण - आईआईटी मद्रास,
• नैनो प्रौद्योगिकी हार्डवेयर- आईआईटी बॉम्बे,
• पर्यावरण विज्ञान और जलवायु परिवर्तन - आईआईएससी, बंगलौर 
• ऊर्जा सुरक्षा - आईआईटी बॉम्बे
इसके अलावा, एक अंतर मंत्रालयी समूह (आईएमजी) को एकल खिड़की तंत्र के रूप में स्थापित किया जाएगा जो प्रमुख अनुसंधान और प्रौद्योगिकी संस्थानों द्वारा अनुसंधान परियोजनाओं की छंटनी करेगा और उनके लिए कोष को स्वीकृति प्रदान करेगा. 
आईएमजी में मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी), रक्षा मंत्रालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय के सदस्य शामिल होंगे.

वी. शिवरामकृष्णन आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया के नये प्रबंध निदेशक नियुक्त

वी. शिवरामकृष्णन को 5 नवम्बर 2015 को आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस  इंडिया का नया प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया है.
उनके पास बांग्लादेश, श्रीलंका व नेपाल की क्षेत्रीय जिम्मेदारियां भी होंगी. शिवरामकृष्णन, रंजन कौल का स्थान लेंगे जो कि इसी  माह सेवानिवृत्त हो रहे हैं.

शिवरामकृष्णन निजी तौर पर उच्च शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्रों के लिए सेवा प्रदान करने वाली कम्पनी मणिपाल ग्लोबल एज्यूकेशन सर्विसेज से आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस में आ रहे हैं. शिक्षा के क्षेत्र में आने से पहले वह एक ऐसी टीम का नेतृत्व करते थे जो एक सफल ऑनलाइन समाचार, शॉपिंग, और गेमिंग पोर्टल को चालती थी. उन्होंने लगभग दस वर्ष तक अपनी सेवा मोटर निर्माता कम्पनी फोर्ड को भी दी है

फ्लिप्कार्ट ने सुरोजीत चटर्जी को उपभोक्ता अनुभव एवं विकास विभाग का प्रमुख नियुक्त किया

भारत की विशालतम ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिप्कार्ट ने 4 नवम्बर 2015 को गूगल के पूर्व उत्पाद प्रबंधन निदेशक सुरोजीत चटर्जी को वरिष्ठ उपाध्यक्ष तथा उपभोक्ता अनुभव एवं विकास विभाग का प्रमुख नियुक्त किया.
चटर्जी डेस्कटॉप एवं मोबाइल पर उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सुविधाओं का उत्तरदायित्व संभालेंगे. वे मुख्य उत्पाद अधिकारी पुनीत सोनी को रिपोर्ट करेंगे.
फ्लिप्कार्ट से पहले, चटर्जी गूगल के माउंटेन व्यू ऑफिस में मोबाइल सर्च एडवरटाइजिंग एवं एड सेंस के अध्यक्ष थे. वे गूगल के मोबाइल सर्च एड्स के संस्थापक सदस्य भी थे. उन्होंने गूगल के लिए मोबाइल सर्च इंजन को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.


गूगल से पूर्व, वे सेमैनटेक कारपोरेशन में वरिष्ठ उत्पाद प्रबंधक तथा ओरेकल एवं आईबीएम में वरिष्ठ इंजीनियर भी रह चुके हैं.
चटर्जी ने आईआईटी खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस में स्नातक डिग्री प्राप्त की है. उन्होंने सनी बुफ्फेलो से कंप्यूटर साइंस में स्नातकोतर डिग्री प्राप्त की. इसके उपरांत उन्होंने एमआईटी सोलन स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट से एमबीए डिग्री हासिल की.

फोर्ब्स द्वारा जारी दुनिया की सबसे ताकतवर हस्तियों की सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9वें स्थान पर

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोर्ब्स पत्रिका की वर्ष 2015 की ताकतवर हस्तियों की सूची में नौवें स्थान पर रखा गया है. इस सूची में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतीन पहले स्थान पर हैं.


फोर्ब्स द्वारा जारी दुनिया की सबसे ताकतवर हस्तियों की उपरोक्त सूची में जर्मनी की चांसलर एजेंला मर्केल को सूची में दूसरा स्थान दिया गया है. अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को तीसरे, और पोप फ्रांसिस को चौथे और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को पांचवें स्थान पर रखा गया हैं.
इस सूची में शीर्ष दस में माइक्रोसाफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स छठे, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की चेयरपर्सन जैनेट येलेन सातवें, व ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन आठवें और गूगल के लैरी पेज को दसवें स्थान पर रखा गया हैं.
विदित हो कि प्रधानमंत्री मोदी के बारे में पत्रिका में लिखा गया है कि भारत के प्रधानमंत्री के पहले वर्ष के कार्यकाल में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रही है और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा व चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अपनी आधिकारिक यात्राओं के दौरान उन्होंने वैश्विक नेता के रुप में अपना कदम बढाया है. वर्ष 2014 की फोर्ब्स की ताकतवर हस्तियों की सूची में मोदी 14वें स्थान पर थे.

कनाडा में भारतीय मूल के चार व्यक्तियों ने मंत्री पद की शपथ ली

4 नवम्बर 2015 को कनाडा में भारतीय मूल के तीन व्यक्तियों ने मंत्री पद की शपथ ग्रहण की. इन्हें कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडेव की 30 सदस्यीय कैबिनेट को एक कार्यक्रम में शपथ दिलाई गई.
43 वर्षीय जस्टिन ट्रूडेव की कैबिनेट में 42 वर्षीय भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक हरजीत सज्जन को रक्षा मंत्री का पद दिया गया. हरजीत सज्जन को कनाडाई सशस्त्र बलों के लेफ्टिनेंट कर्नल का मानद पद दिया गया है. वे वैंकूवर साउथ के निर्वाचित सांसद है. वे एक भूतपूर्व सैनिक भी हैं तथा उन्होंने बोस्निया में भी सेवाएं दे चुके हैं. इसके अतिरिक्त उनकी अफगानिस्तान स्थित कंधार में तीन बार तैनाती हो चुकी है.
38 वर्षीय नवदीप बैंस को विज्ञान एवं आर्थिक विकास मंत्री बनाया गया है तथा अमरजीत सोही ने इन्फ्रास्ट्रक्चर मंत्री की शपथ ली. इनके अतिरिक्त 34 वर्षीय बंदिश छग्गड़ ने लघु व्यापार और पर्यटन मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की.
सोही बस ड्राइवर रहे हैं और वह भारत में 1980 के दशक में दो वर्ष तक जेल में भी रहे. नवदीप बैंस ने वर्ष 2013 में जस्टिन ट्रूडेव को लिबरल पार्टी का नेता चुने जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.


जस्टिन ट्रूडेव ने कनाडा के 23वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की. इस नई लिबरल सरकार ने 25,000 सीरियाई शरणार्थियों को इस वर्ष के अंत तक पुनर्वास करने तथा इराक व सीरिया में इस्लामिक स्टेट समूह के खिलाफ कनाडा के लड़ाकू मिशन को धीरे-धीरे समाप्त करने का संकल्प जताया है.

केंद्र सरकार ने राजस्थान के जालौर में अंतर्देशीय शिपिंग बंदरगाह के निर्माण में मदद का प्रस्ताव रखा

शिपिंग मंत्रालय के अधीनस्थ भारतीय अंतर्देशीय जलामार्ग प्राधिकरण ने 4 नवम्बर 2015 को जालौर में एक अंतर्देशीय शिपिंग बंदरगाह के निर्माण के लिए राजस्थान सरकार का मार्गदर्शन एवं सहायता करने का प्रस्ताव रखा. यहां विकसित किए जाने वाले बंदरगाह एवं टर्मिनल से पश्चिमी राजस्थान में अंतर्देशीय नौवहन सुविधाओं के विकास में मदद मिलेगी. यही नहीं, इससे इस क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास भी संभव हो पाएगा. राज्य सरकार नहर के आसपास चूना पत्थर, जिप्सम, लिग्नाइट और सीमेंट फैक्ट्रियों के लिए व्यावसायिक विकास अवसरों की तलाश करेगी.
इस परियोजना की संभाव्यता-पूर्व रिपोर्ट को तैयार करने का काम वैप्कॉस द्वारा किया जाएगा. इसकी ओर से रिपोर्ट पांच माह के भीतर पेश कर दी जाएगी. इस दौरान भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण इस पर पूरी तरह से नजर रखेगा और इसके साथ ही वह इसके लिए मार्गदर्शन भी करेगा.

इसके अतिरिक्त मोरी खाड़ी और जालौर के बीच एक नहर बनाने का प्रस्ताव है. इस नहर को तीन मीटर की न्यूनतम तलछट को बरकरार रखना होगा.
यहां स्थित जल को लवण मुक्त करने और सिंचाई के लिए इसका उपयोग करने के प्रयास किए जाएंगे. इससे सूखा प्रतिरोधी फसलों के विकास और इस क्षेत्र में कृषि पैटर्न को बेहतर करने में मदद मिलेगी. नहर के आसपास कृषि से जुड़ी विविधता में बेहतरी सुनिश्चित करने के लिए लवण प्रतिरोधी फसलों जैसे सोया की लाभप्रदता का भी अध्ययन किया जाएगा.
इसके अलावा इस खण्ड में स्मार्ट सिटीज का विकास करने की भी योजना है. इसी तरह इंदिरा गांधी नहर को जहाजों के चलने योग्य बनाने के उद्देश्य से भी अध्ययन कराया जाएगा.

दिवालियापन कानून सुधार समिति ने रिपोर्ट सौंपी

दिवालियापन कानून सुधारसमिति ने 4 नवम्बर 2015 को कानून का प्रारूप वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंप दिया. इस समिति के अध्यक्ष पूर्व कानून सचिव टीके विश्वनाथन हैं. इसी रिपोर्ट में दिवालियापन पर कानून बनाने की सिफारिश की गई है.
देश में अब तक दिवालियापन पर पर्याप्त कानूनी प्रावधान नहीं होने की वजह से किसी कंपनी के दिवालिया घोषित होने के बाद भी उसके प्रमोटरों का नियंत्रण तो होता है, जबकि उसे कर्ज देने वालों की बात नहीं सुनी जाती. यही वजह है कि जिन लोगों ने कर्ज दिया है, उनका पैसा डूब जाता है. एक अनुमान के मुताबिक दिवालिया कपंनियों से मात्र 20 प्रतिशत तक ही कर्ज वसूल हो पाता है.
इस समस्या को दूर करने के लिए समिति ने दिवालियापन पर एक नियामक बनाने का प्रावधान प्रस्तावित कानून में किया है. साथ ही समिति ने किसी कंपनी के दिवालियापन के मामले को 180 दिन में सुलझाने की समय सीमा तय करने की सिफारिश भी की है.

ऐसा होने पर अगर कोई कंपनी दिवालियापन के लिए आवेदन करती है तो निर्णय करने में वक्त नहीं लगेगा. इसके साथ ही एक दिवालियापन प्राधिकरण का प्रावधान भी इस कानून के प्रस्ताव में दिया गया है. यह प्राधिकरण कर्जदाताओं के मामलों पर सुनवाई करेगा.
माना जा रहा है कि दिवालियापन पर कानून बनने से देश में निवेश का माहौल बेहतर होगा. विश्व बैंक की हाल में जारी हुई "ईज ऑफ डूइंग बिजनेस" रिपोर्ट में वैसे तो 189 देशों की सूची में भारत की रैंकिंग 130 है, लेकिन दिवालियापन के मामले सुलझाने की व्यवस्था के संबंध में भारत की रैंकिंग 136 है.
यही कारण है कि सरकार इस पर इतना ध्यान दे रही है. ऐसे में दिवालियापन पर कानून बनने से कारोबार आसान बनाने के मामले में भारती की रैंकिंग में भी और सुधार होगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वर्ण योजनाओं का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 नवंबर 2015 को स्वर्ण योजनाओं का शुभारंभ किया. इसके तहत प्रधानमंत्री ने गोल्ड मोनेटाइजेशन, गोल्ड सोवरीन बॉन्ड, गोल्ड कॉइन और गोल्ड बुलियन योजनाएं लॉन्च की.


स्वर्णयोजनाओंसेसंबंधितमुख्यतथ्य:

गोल्ड मोनेटाइजेशन योजना के तहत जमा की जाने वाली राशि की न्यूनतम कीमत 995 शुद्धता वाले 30 सोने के मूल्य के बराबर होगी, जबकि डिपोजिट की अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं की गई है. बैंकों द्वारा जमा किए गए सोने के लिए 995 शुद्धता के आधार पर सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा. निर्धारित बैंक न्यूनतम एक से तीन वर्ष की अवधि के लिए सोना जमा करेंगे. गोल्ड मोनेटाइजेशन योजना मौजूदा गोल्ड डिपोजिट योजना की जगह लागू की जाएगी. हालांकि गोल्ड डिपोजिट योजना के तहत जमा राशि अवधि पूरी होने तक या जमाकर्ता द्वारा अपनी पूरी जमा राशि निकाल लेने तक जारी रहेगी.

गोल्ड मोनेटाइजेशन योजना के तहत भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा मान्यता प्राप्त कलेक्शन एंड प्योरिटी टेस्टिंग सेंटर (सीपीटीसी) पर जमा किया जाने वाला सोना स्वीकार किया जाएगा. मध्यावधि के तहत पांच से सात वर्ष के लिए और दीर्घावधि के तहत 12 से 15 वर्ष के लिए सोना स्वीकार करेंगे. न्यूनतम अवधि के लिए बैंक अपनी जिम्मेदारी पर सोना जमा करेंगे, लेकिन मध्यावधि और दीर्घावधि के लिए सरकार की जिम्मेदारी पर सोना जमा होगा. योजना के तहत जमा किए गए सोने को बीच में ही निकाला जा सकता है, लेकिन उसके लिए न्यूनतम लॉक-इन अवधि निर्धारित रहेगी और बीच में ही सोना निकाले जाने पर बैंक निजी स्तर पर हर्जाना लगाएंगे.

सोवरीन गोल्ड बॉन्ड योजना के तहत भारतीय रिजर्व बैंक केंद्र सरकार की ओर से बॉन्ड जारी करेगा. आरबीआई ने बॉन्ड की पहली सीरीज के लिए सोवरीन गोल्ड बॉन्ड की कीमत 2,684 रुपये प्रति ग्राम निर्धारित की है.

गोल्ड कॉइन और गोल्ड बुलियन योजनाएं गोल्ड मोनेटाइजेशन कार्यक्रम का ही हिस्सा हैं. इस योजना के तहत पहली बार राष्ट्रीय स्वर्ण मुद्रा जारी की गई हैं, जिसमें राष्ट्रीय चिह्न के रूप में अशोक चक्र अंकित होगा.

दुष्कर्म के कारण जन्मे बच्चे का जैविक पिता की संपत्ति में अधिकारः इलाहाबाद हाईकोर्ट

उत्तर प्रदेश स्थित इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 4 नवंबर 2015 के अपने एक आदेश में कहा कि दुष्कर्म के कारण जन्मे बच्चे का अपने जैविक पिता की संपत्ति में अधिकार होता है. हालांकि, यह अधिकार पर्सनल लॉ का विषय है क्योंकि यह जानना जरूरी होगा कि वह किससे संबंधित है.

इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि वह बच्चा या बच्ची उस जैविक पिता की नाजायज संतान के तौर पर ही देखी जाएगी. अगर बच्चा या बच्ची को कोई गोद ले लेता है तो फिर उसका जैविक पिता की संपत्ति में अधिकार खत्म हो जाता है.

विदित हो कि एक दुष्कर्म केस की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के न्यायमूर्ति शाबिहुल हसनैन और न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने सरकार को गुजारा भत्ता के तौर पर 10 लाख रुपए 13 वर्षीय दुष्कर्म पीडि़ता को देने का आदेश दिया. साथ ही सरकार को यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि जब वह बालिग हो जाए तो उसे नौकरी मिले.
संबंधितमुख्यमामला:

इस मामले से संबंधित दुष्कर्म पीडि़त लड़की एक गरीब परिवार से है. इस साल के शुरुआत में उससे दुष्कर्म हुआ, जिससे वह गर्भवती हो गई और हाल ही में उसने एक बच्ची को जन्म दिया. उसके परिवार को काफी समय के बाद बेटी के गर्भवती होने का पता चला, तब तक कानूनी तौर पर गर्भपात कराने की समय सीमा (21 सप्तााह) खत्म हो चुकी थी. इस पर उसके परिवार ने गर्भपात कराने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. लेकिन हाईकोर्ट द्वारा बनाए गए डॉक्टरों के पैनल ने इस स्थिति में गर्भपात कराने की सलाह नहीं दी. उन्होंने कहा कि इससे पीडि़ता की जान को खतरा है. इस पर पीडि़ता ने कहा था कि उसकी बेटी इस 'शर्म' के साथ समाज में जीवीत नहीं रह सकती है इसलिए बेहतर होगा कि वह बच्ची को जन्म दे और उसे कोई गोद ले ले. इसपर न्यायालय ने कहा कि नवजात बच्ची को गोद लेने के लिए दिया जा सकता है. लेकिन अगर बच्ची को कोई गोद लेता है तो फिर उसका अपने जैविक पिता की संपत्ति में कोई अधिकार नहीं रह जाएगा. लेकिन कोई उस बच्ची को गोद नहीं लेता है तो बिना कोर्ट के निर्देश के ही उसका अपने जैविक पिता की संपत्ति में अधिकार होगा.

मालदीव ने 30 दिनों के लिए आपातकाल घोषित किया

मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने देश की सुरक्षा को खतरा बताते हुए 4 नवम्बर 2015 को 30 दिनों के लिए आपातकाल की घोषणा की.
मालदीव के संविधान के अनुच्छेद 253 में दिए गये अधिकार के तहत राष्ट्रपति देश में आपातकाल घोषित कर सकता है तथा इससे राष्ट्रपति कुछ नागरिक अधिकार भी रद्द कर सकता है. 
राष्ट्रपति की ओर से जारी बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति ने बुधवार दोपहर 12 बजे से अगले 30 दिनों के लिए आपातकाल की घोषणा की है. आपातकाल की घोषणा इसलिए की गई कि मालदीव राष्ट्रीय सुरक्षा बल और मालदीव की पुलिस को मालदीव में दो अलग-अलग स्थानों पर भारी संख्या में हथियारों का पता लगा है.


राष्ट्रपति आवास के नजदीक हथियार और विस्फोटक बरामद होने के बाद आपातकाल लागू किया गया. इससे पहले उपराष्ट्रपति अहमद अदीब को 28 सितम्बर को राष्ट्रपति के पोत पर विस्फोटक रखने के सिलसिले में 25 अक्तूबर को गिरफ्तार किये जाने के बाद आपातकाल की घोषणा की गई. अधिकारियों का कहना है कि हत्या के प्रयास के लिए राष्ट्रपति के पोत पर विस्फोटक लगाए गए थे. 
आपातकाल के दौरान पुलिस प्रदर्शनकारियों को बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर सकती है. राजनैतिक विशेषज्ञो का मानना है कि सरकार के विरोध में 7 नवम्बर 2015 को होने वाली रैली को दबाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है.

रोमानिया के प्रधानमंत्री विक्टर पोंटा ने इस्तीफ़ा दिया

रोमानिया के प्रधानमंत्री विक्टर पोंटा ने एक क्लब में लगी आग के मामले को लेकर 4 नवम्बर 2015 को इस्तीफे की घोषणा की.
बुखारेस्ट में लगभग 20,000 लोग सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़क पर प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री विक्टर पोंटा के अतिरिक्त गृह मंत्री गैब्रियल ओपेरा के इस्तीफे की मांग भी कर रहे थे. 
गौरतलब है कि अक्टूबर 2015 में  रोमानिया में बुखारेस्ट स्थित नाइट क्लब में एक प्रस्तुति के दौरान बेसमेंट से आग भड़क गई थी. इस हादसे में 32 लोग मारे गए थे. यह हादसा रोमानिया में दशकों बाद किसी सार्वजनिक स्थान पर हुआ सबसे गंभीर हादसा था. विक्टर पोंटा नई सरकार के गठन तक अपने पद पर बने रहेंगे.

निर्भया कोष के तहत प्रस्तावित योजनाओं को मंजूरी हेतु उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन

केंद्र सरकार ने निर्भया कोष के तहत प्रस्तावित योजनाओं को मंजूरी के लिए 4 नवंबर 2015 को एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया. इस समिति में महिला एवं बाल विकास, गृह मंत्रालय, सड़क परिवहन और रेलवे सहित विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारी शामिल हैं.

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव समिति के अध्यक्ष होंगे.

अधिकार प्राप्त समिति के सदस्य अधिकार प्राप्त समिति के प्रतिनिधि के रूप में अधिकारी, जो संयुक्त सचिव के रैंक से नीचे का अधिकारी न हो, को नामित कर सकते हैं.
अधिकारियों की उच्चाधिकार समिति महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा प्रस्ताव प्राप्त होने की तारीख से 15 दिनों के भीतर निर्भया कोष से योजनाओं/परियोजनाओं की मंजूरी पर निर्णय लेंगे.

इससे पहले अप्रैल 2015 में केंद्र सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के स्थान पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को निर्भया फंड के लिए नोडल एजेंसी बना दिया है. निर्भया कोष में कुल तीन हजार करोड़ रूपए हैं क्योंकि कोष बनाते समय 1000 करोड़ रूपए की शुरूआती राशि के अलावा 2014-15 में और 2015-16 में एक-एक हजार करोड़ रूपए इस कोष में आवंटित किए गए.

2005 से पूर्व पिता की मृत्यु होने पर बेटियां पैतृक संपत्ति की वारिस नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2015 के पहले सप्ताह में  निर्णय दिया कि यदि सितंबर 2005 से पूर्व पिता की मृत्यु हुई है तो हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के अनुसार बेटी पैतृक संपत्ति की वारिस नहीं हो सकती. 
यह फैसला सर्वोच्च न्यायालय की दो सदस्यीय खंड पीठ न्यायमूर्ति अनिल आर दवे और आदर्श कुमार गोयल ने दिया. फैसले में न्यायालय ने कहा है कि 9 सितम्बर  2005 से पूर्व पिता की मृत्यु हुई है तो बेटी पैतृक संपत्ति की वारिस नहीं हो सकती. यानि भाई के साथ सह हिस्सेदार नहीं बन सकती.

न्यायालय ने कहा कि यह आवश्यक है कि क़ानून में संशोधन की तारीख तक पुत्री और  उसके पिता को भी जीवित होना चाहिए.
न्यायालय ने आदेश में स्पष्ट किया है कि पैतृक संपत्ति का विभाजन, या बिक्री 20 दिसंबर 2004 तक किया गया है तो वह इस आदेश संशोधन 2005 से अप्रभावित रहेगा. ऐसे मामलों में बेटियां किसी भी प्रकार का दावा दायर नहीं कर सकती.

पृष्ठभूमि

हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956, मूल रूप से बेटियों को पैतृक संपत्ति में उत्तराधिकार का अधिकार नहीं देता. इस अधिनियम के अनुसार वे संयुक्त हिन्दू परिवार से केवल भरण-पोषण का अधिकार रखती हैं, वे संपत्ति में हिस्सेदारी की हकदार नहीं हैं.
2005 में हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2005 के अनुसार पुरुष भाई बहनों के साथ-साथ बेटियों को पैतृक संपत्ति में बराबर उत्तराधिकार का अधिकार दिया गया और उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 में संशोधन कर इसे पारित किया गया.

भारतीय रिजर्व बैंक ने धनलक्ष्मी बैंक पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 5 नवंबर 2015 को अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) तथा मनी लांड्रिंग निरोधक नियमों (एएमएल) के उल्लंघन को लेकर धनलक्ष्मी बैंक पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया.

रिजर्व बैंक ने आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) की चालू खाते की जांच के संदंर्भ में केवाईसी और एएमएल दिशानिर्देंशों का अनुपालन नहीं करने को लेकर धनलक्ष्मी बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.

रिजर्व बैंक ने केवाईसी नियमों तथा एएमएल मानकों के उल्लंघन को लेकर धनलक्ष्मी बैंक पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया.  बैंक के जवाब और दस्तावेज पर विचार करने के बाद रिजर्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि बैंक ने केवाईसी और एएमएल दिशानिर्देंशों का अनुपालन नहीं किया.

धनलक्ष्मीबैंककेबारेमें

धनलक्ष्मी बैंक भारत में कार्यरत निजी क्षेत्र का एक बैंक है. धनलक्ष्मी बैंक लिमिटेड की स्थापना 11000 रुपये की पूंजी और 7 कर्मचारियों के साथ त्रिशूर, केरल में 14 नवंबर 1927 को की गई. वर्ष 1977 में धनलक्ष्मी बैंक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक बन गया.

वर्तमान में धनलक्ष्मी बैंक की केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, चंडीगढ़, गोवा, और हरियाणा आदि राज्यों में 280 शाखाएं और 398 एटीएम हैं.

नवतेज सिंह सरना ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त नियुक्त

वर्तमान में विदेश मंत्रालय (एमईए) में सचिव (पश्चिम) श्री नवतेज सरना को यूनाइटेड किंगडम में भारत का अगला उच्चायुक्त नियुक्त किया गया है.
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 1980 बैच के भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के अधिकारी श्री सरना शीघ्र ही अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे.

जाने-माने लेखक और स्तंभकार श्री सरना विदेश मंत्रालय में आधिकारिक प्रवक्ता और  संयुक्त सचिव (विदेश प्रचार) के महत्वपूर्ण पद पर अक्टूबर 2002 से सितंबर 2008 तक सेवारत रहे. इससे पूर्व वे इसराइल में भारत के राजदूत थे. 
उन्होंने भारतीय मिशन के लिए वारसॉ, थिम्पू, जिनेवा, तेहरान और वाशिंगटन मास्को में भी कार्य किया है.

उनकी पुस्तकें द बुक ऑफ़ नानक, महाराजा दिलीप सिंह के जीवन चरित्र पर लिखा गया उपन्यास द एक्साइल, उपन्यास "वी वर नॉट लवर्स लाइक देट" उनके महत्वपूर्ण रचनात्मक  कार्य हैं.

द टाइम्स लिटरेरी सप्लीमेंट, द हिंदू, इंडिया टुडे, और आउटलुक सहित देश और विदेश की विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं, और जर्नल्स में वे नियमित स्तंभकार रहे हैं.

श्री सरना, यूके में अक्टूबर 2013 से कार्यरत श्री रंजन मथाई का स्थान लेंगे. श्री रंजन दो वर्ष तक विदेश सचिव के रूप में सेवाएँ देने के बाद इस पद पर बने हुए थे.

लेगाटम समृद्धि सूचकांक 2015

अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन ‘लेगाटम संस्थान’ ने 2 नवंबर 2015 को ‘लेगाटम समृद्धि सूचकांक (Legatum Prosperity Index), 2015 जारी किया.

इस सूचकांक में विश्व के 142 देशों को शामिल किया गया, जो समग्र रूप से विश्व की 96 प्रतिशत जनसंख्या और वैश्विक जीडीपी के 99 प्रतिशत हेतु उत्तरदायी हैं. इस सूचकांक में समग्र स्कोर 3.504 अंक प्राप्त कर नार्वे लगातार सातवें वर्ष शीर्ष पर है.

समृद्धि सूचकांक: नार्वे (1), स्विट्जरलैंड (2), डेनमार्क (3), न्यूजीलैंड (4) स्वीडन (5) रैकिंग में शीर्ष पर है, जबकि बुरूण्डी (138), चाड (139), हैती (140), अफगानिस्तान (141) और मध्य अफ्रीकी गणराज्य (142) इस सूचकांक में निचले पांच स्थान पर हैं.

यह सूचकांक वर्ष 2007 से प्रतिवर्ष जारी किया जाता रहा है जिसका आधार राष्ट्रों की समृद्धि, आर्थिक वृद्धि और जीवन की गुणवत्ता है. इस सूचकांक में कुल 142 देशों को उनके स्कोर के साथ रैंकिंग प्रदान की गई. सूचकांक की समग्र रिपोर्ट 89 विभिन्न चरों पर आधारित है.

इन 89 चरों को 8 उप-सूचकांकों में विभाजित किया गया, जो क्रमशः अर्थव्यवस्था, उद्यमिता एवं अवसर, प्रशासन, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं संरक्षा, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सामाजिक पूंजी हैं.

भारतकीस्थिति

लेगाटम समृद्धि सूचकांक, 2015 में भारत 99वें स्थान पर है जबकि विगत वर्ष 2014 में यह 102वें स्थान पर था. इस सूचकांक में भारत के पड़ोसी देशों में श्रीलंका 61वें, नेपाल 89वें, बांग्लादेश 103वें, पाकिस्तान 130वें और अफगानिस्तान 141वें स्थान पर हैं.

इस सूचकांक में भूटान, म्यांमार और मालदीव शामिल नहीं किए गए है. इस सूचकांक में भारत सुरक्षा एवं संरक्षा के उप-सूचकांक में 114वें (वर्ष 2014 में 119वां स्थान, उद्यमिता एवं अवसर उपसूचकांक में 94वें (वर्ष 2014 में 103वां स्थान) तथा शिक्षा उप-सूचकांक में 92वें (वर्ष 2014 में 93वां स्थान) पर है, जो सुधार प्रदर्शित करता है.

स्वास्थ्य के मामले में भारत की स्थिति में सुधार हुआ है, इस उप-सूचकांक में भारत का 107वां स्थान (वर्ष 2014 में 109वां स्थान) है.

व्यक्तिगत स्वतंत्रता के क्षेत्र में भारत की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ और इस उप-सूचकांक में भारत का 79 वां स्थान (वर्ष 2014 में 78 वां स्थान) है. प्रशासन उप-सूचकांक में इस वर्ष भारत 53 वां स्थान (वर्ष 2014 में 56 वां स्थान) प्राप्त किया.

उप-सूचकांकमेंभारतकाप्रदर्शन

उप-सूचकांक

रैंक

अर्थव्यवस्था

61

उद्यमिता एवं अवसर

94

प्रशासन

53

शिक्षा

92

स्वास्थ्य

107

सुरक्षा एवं संरक्षा

114

व्यक्तिगत स्वतंत्रता

79

सामाजिक पूंजी

129

यहसूचकांकअन्यसूचकांकोंसेकैसेभिन्नहै?
परंपरागत रूप से, एक राष्ट्र की समृद्धि केवल व्यापक आर्थिक संकेतकों जैस एक देश की आय, सकल घरेलू उत्पाद या प्रति व्यक्ति औसत आय (प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद) पर आधारित होती है. इसके विपरीत, समृद्धि सूचकांक में आय और समृद्धि दोनों को शामिल किया जाता है.

हिन्दी, अमेरिका में सर्वाधिक बोली जाने वाली भारतीय भाषा: अमेरिकी जनगणना ब्यूरो

संयुक्त राज्य अमेरिका (अमेरिका) के जनगणना ब्यूरो ने 3 नवम्बर 2015 को अमेरिका के निवासियों द्वारा घरों में बोली जाने वाली सौ अन्य भाषाओं के आंकड़े जारी किए. ये आंकड़े अमेरिकी समुदायों के बीच 2009 से 2013 तक एकत्र किए गए. 
सर्वेक्षण आंकड़ों के अनुसार हिन्दी अमेरिका में सर्वाधिक बोली जाने वाली भारतीय भाषा के रूप में उभरी है. यह लगभग 6.5 लाख लोगों द्वारा प्रयोग की जा रही है

अंग्रेजी के अलावा अमेरिका में बोली जाने वाली अन्य शीर्ष भाषाओं में (अधिक से अधिक 37.4 करोड़ वक्ताओं के साथ) स्पेनिश, (1,100,000) कोरियाई, चीनी (लगभग 29 लाख), फ्रेंच (1.3 करोड़ ), जर्मन (1.1 करोड़), वियतनामी (1.4 करोड़) शामिल अरबी (924,573), तागालोग (1.6 करोड़) और रूसी (879,434) हैं.
अमेरिका में बोली जाने वाली 5 भारतीय भाषाएँ-

हिन्दी: 6 लाख से अधिक लोगों के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका में हिंदी का प्रयोग बातचीत की विधा के रूप में किया जाता है.

उर्दू: लगभग 390,000 लोग अमेरिका में उर्दू बोलते हैं

गुजराती: 370,000 से अधिक लोग गुजराती भाषा का प्रयोग संवाद के लिए करते हैं

बंगाली: 257,740 लोग बंगाली भाषा का उपयोग बातचीत के लिए करते हैं.

पंजाबी: लगभग 2.5 लाख लोगों को अमेरिका में पंजाबी भाषा में बातचीत
अमेरिकी समुदाय सर्वेक्षण के बारे में

• अमेरिकी समुदाय सर्वेक्षण, अमेरिका की आबादी के सामाजिक और जनसांख्यिकीय विशेषताओं के लिए छोटे से क्षेत्र के अनुमानों का एकमात्र स्रोत है.

• यह समुदायों को निवेश योजना और सेवाओं की वर्तमान जानकारी देता है.

• खुदरा विक्रेता, भवन निर्माता, पुलिस विभाग, और शहर और नगर नियोजक निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में निर्णायक की भूमिका में आहें. इन्ही को आंकड़ो के लिए आधार बनाया गया है.

6 november

फ्रांस ने सीरिया और इराक में आईएस के खिलाफ अपने सबसे बड़े युद्धपोत भेजने की घोषणा की

फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रैंकाइस ओलांद ने 5 नवम्बर 2015 को फ़्रांस की राजधानी पेरिस में, सीरिया और इराक में आईएस के खिलाफ अपने सबसे बड़े युद्धपोत को भेजने की घोषणा की.
विदित हो फ्रांस इस समय आईएस के ठिकानों पर हमले करने के लिए जॉर्डन में तैनात अपने छह मिराज और संयुक्त अरब अमीरात में तैनात छह राफेल लडाकू हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल कर रहा है.

इस विमानवाहक पोत को पहले भी आईएस के खिलाफ तैनात किया जा चुका है. यह युद्धपोत चालीस लडाकू हेलीकॉप्टरों को संभाल सकता है और इससे प्रत्येक दिन सौ उड़ाने भरी जा सकती हैं.
ध्यातव्य हो की अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन के तहत फ्रांस वर्ष 2014 के सितम्बर माह से आईएस के ठिकाने को निशाना बना रहा है. फ्रांस ने इस वर्ष सीरिया में भी हवाई हमले किए हैं.

विश्वस्तर पर ‘युद्ध और सशस्त्र संघर्ष में पर्यावरण के शोषण की रोकथाम के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ मनाया गया

विश्वस्तर पर 6 नवम्बर 2015 को “इंटरनेशनल डे फॉर प्रीवेंटिंग एक्स्प्लॉयटेशन ऑफ़ एनवायरमेंट इन वार एंड आर्म्ड कनफ्लिक्ट” अर्थात युद्ध और सशस्त्र संघर्ष में पर्यावरण के शोषण की रोकथाम के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया गया. 
संयुक्त राष्ट्र ने 5 नवम्बर 2001 को 6 नवम्बर को ‘इंटरनेशनल डे फॉर प्रीवेंटिंग एक्स्प्लॉयटेशन ऑफ़ एनवायरमेंट इन वार एंड आर्म्ड कनफ्लिक्ट’ के रूप में मनाने की घोषणा की. इस दिवस का उद्देश्य युद्ध में होने वाली पर्यावरण क्षति के संरक्षण प्रति सदस्य राष्ट्रों को जागरूक करना है.

प्रायः युद्ध क्षति को मृत सैनिकों और नागरिकों की संख्या, नष्ट हुई जीविका और शहरों की संख्या तक सीमित समझा जाता है. परन्तु युद्ध के दौरान कई बार सामरिक लाभ के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कुँए के जल, फसलों, जंगलों, मृदा की उर्वरता को क्षति पहुंचाई जाती है. 
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के अनुसार पिछले 60 वर्षों में 40 प्रतिशत आंतरिक विद्रोह के कारण प्राकतिक संसाधनों का भारी नुकसान हुआ है. इसके अतिरिक्त इन विद्रोहों में लकड़ी, हीरे, सोने और तेल  जैसे उच्च मूल्य के संसाधन और उर्वरक एवं जल जैसे सीमित संसाधनों ने भी भारी क्षति का सामना किया है.
विदित हो प्रायः 6 नवम्बर को ‘वर्ल्ड डे टू प्रोटेक्ट द एनवायरनमेंट इन वॉर’ के रूप में भी जाना जाता है.

ट्रांसजेंडर उम्मीदवार पुलिस उप निरीक्षक के रूप में भर्ती होने के योग्य : मद्रास उच्चन्यायालय

मद्रास उच्चन्यायालय ने 5 नवम्बर 2015 को एक फैसले की सुनवाई करते हुए ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों को उप निरीक्षक के रूप में भर्ती होने की स्वीकृति प्रदान कर दी.
इस फैसले के परिणामस्वरूप तमिलनाडु की ट्रांसजेंडर प्रितिका याशिनी देश की पहली पुलिस उप निरीक्षक बन सकेगी. मद्रास हाईकोर्ट ने अपने फैसले में तमिलनाडु सेवा भर्ती बोर्ड को निर्देश दिया है कि वह ट्रांसजेंडर को पुलिस उप निरीक्षक के तौर पर तैनात करे क्योंकि वह यह नौकरी पाने का हक रखती है. इसके अतिरिक्त भर्ती बोर्ड को अगली बार जब भर्ती प्रक्रिया में ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के रूप में शमाइल करने के निर्देश दिए.

प्रितिका के आवेदन पत्र को प्रारंभिक तौर पर नामंजूर कर दिया गया था जिस पर उसने हाईकोर्ट की शरण ली. उसने हाईकोर्ट में सुप्रीम कोर्ट की उस व्यवस्था का हवाला दिया जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों को ट्रांसजेंडरों को सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा मानते हुए उनके उत्थान के लिए कदम उठाने और सरकारी भर्तियों और शैक्षिक संस्थानों में प्रवेश के लिए सभी प्रकार के आरक्षण के लाभ देने के भी निर्देश दिए थे. 
याशिनी का जन्म के प्रदीप कुमार के रूप में हुआ था. उसने पुरुष के रूप में कोयम्बटूर से कम्प्यूटर एप्लीकेशन के रूप में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा लिया.

तमिलनाडु यूनीफॉर्म्ड सर्विसेज रिक्रूटमेंट बोर्ड (टीएनयूएसआरबी) ने 8 फरवरी को सब इंस्पेक्टर के 1087 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरु की. चयन के तीन चरण थे, लिखित परीक्षा, शारीरिक परीक्षा और इंटरव्यू. इसके बाद 1 लाख 85 हजार उम्मीदवारों ने फॉर्म भरा था, जिसमें से एक प्रीतिका का नाम भी शामिल था, लेकिन टीएनयूएसआरबी ने प्रीतिका के आवदेन को अस्वीकार कर दिया क्योंकि रजिस्ट्रेशन फॉर्म में उनका नाम पुरुष महिला श्रेणी में नहीं था. इसके बाद से प्रीतिका ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

फीफा विश्व रैंकिंग 2015: बेल्जियम पहली बार प्रथम स्थान पर

फीफा द्वारा 5 नवम्बर 2015 को जारी अन्तरराष्ट्रीय रैंकिंग में बेल्जियम को पहली बार प्रथम स्थान प्राप्त हुआ. बेल्जियम की टीम अर्जेंटीना एवं जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए तीसरे से पहले स्थान पर पहुंची. यह उनके द्वारा अक्टूबर में यूरोपियन क्वालीफायर में उनकी जीत का परिणाम है.

विश्व की पूर्व नंबर 1 टीम अर्जेंटीना तीसरे स्थान पर पहुंची जबकि कोपा अमेरिका की विजेता चिली चार स्थान की बढ़त के साथ पांचवे स्थान पर रही. ऑस्ट्रिया की टीम भी पहली बार दसवें स्थान पर पहुंचने में सफल रही. एएफसी देशों की रैंकिंग में ईरान की टीम प्रथम स्थान पर रही जबकि दूसरे और तीसरे स्थान पर कोरिया एवं जापान की टीमें रहीं.

टॉप 10 टीमें

रैंक

टीम

अंक

1

बेल्जियम

1440

2

जर्मनी

1388

3

अर्जेंटीना

1383

4

पुर्तगाल

1364

5

चिली

1288

6

स्पेन

1287

7

कोलंबिया

1233

8

ब्राज़ील

1208

9

इंग्लैंड

1179

10

ऑस्ट्रिया

1130

तंज़ानिया की पहली महिला उपराष्ट्रपति सामिया सुलुहू ने शपथ ग्रहण की

तंज़ानिया में 5 नवम्बर 2015 को पहली महिला उपराष्ट्रपति के रूप में सामिया सुलुहू हसन ने शपथ ग्रहण की. उन्होंने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जॉन पोम्बे मागुफुली के साथ देश की आर्थिक राजधानी दार एस सलाम में आयोजित समारोह में शपथ ग्रहण की.
चामा चा मपिन्दुज़ी (सीसीएम) पार्टी के उम्मीदवार मागुफुली 29 अक्टूबर 2015 को तंज़ानिया में हुए राष्ट्रपति चुनावों में विजेता घोषित किये गये. 
25 अक्टूबर 2015 को हुए चुनावों में मागुफुली की पार्टी चामा चा मपिन्दुज़ी (सीसीएम) को 58 प्रतिशत मत प्राप्त हुए. राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने मागुफुली को 58.46 प्रतिशत मतों से विजयी घोषित किया.
27 जनवरी 1960 को जन्मीं सुलुहू ने योजना एवं विकास मंत्रालय में बतौर क्लर्क अपना करियर आरंभ किया था. उन्होंने इंस्टिट्यूट ऑफ़ डेवलपमेंट मैनेजमेंट (एम्ज़ुम्बे यूनिवर्सिटी) से स्नातक डिग्री प्राप्त की तथा नागरिक प्रशासन में एडवांस डिप्लोमा भी किया. वे वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम द्वारा चलाए एक एक प्रोजेक्ट के कर्मचारी भी रह चुकी हैं.

वर्ष 2000 में, सुलुहू को ज़न्ज़ीबार हाउस ऑफ़ रिप्रेसेंटेटिव्स का विशेष सदस्य चुना गया. तत्कालीन राष्ट्रपति अमानी करुमे ने उन्हें लेबर, जेंडर डेवेलपमेंट एवं चिल्ड्रेन मिनिस्टर नियुक्त किया.
वर्ष 2010 में उन्हें नेशनल असेम्बली के चुनावों में 80 प्रतिशत से अधिक मतों द्वारा जीत प्राप्त हुई. 
वर्ष 2014 में, उन्हें तंज़ानिया के नए संविधान के लिए बनाई गयी समिति का उपाध्यक्ष चुना गया.

ऊर्जा क्षेत्र में भारत और बेल्जियम के मध्य समझौता

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 5 नवम्बर 2015 को भारत और बेल्जियम के बीच संघीय और क्षेत्रीय स्तर पर ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर समझौते पत्र को मंजूरी दे दी गई. समझौते पत्र पर भारत और बल्जियम सरकार के अधिकारियों की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए.

समझौते पत्र का उद्देश्य दोनों देशों के बीच नई और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के लिए परस्पर सहयोग के आधार पर सांस्थानिक संबंध का आधार तैयार करना है. इससे दोनों के बीच इस क्षेत्र में तकनीकी सहयोग का भी आधार तैयार हो सकेगा. इस समझौते के तहत पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा (ताप और फोटो वोल्टिक), स्मार्ट ग्रिड, जैव ताप ऊर्जा, समुद्री ऊर्जा में नई और नवीकरणीय ऊर्जा के विकास पर पूरा जोर होगा. साथ ही ऊर्जा की आपूर्ति और ऊर्जा सुरक्षा के विविधिकरण में नवीकरणीय ऊर्जा के योगदान और परस्पर सहमति के आधार पर अऩ्य क्षेत्रों में सहयोग पर काम होगा. 
इस एमओयू से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने में मदद मिलेगी.

प्रसिद्ध फ्रेंच बुद्धिजीवी रेने गिरार्ड का निधन

प्रसिद्ध फ्रेंच बुद्धिजीवी रेने गिरार्ड का संयुक्त राज्य अमेरिका में 4 नवंबर 2015 को 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उन्हें न्यू डार्विन के नाम से भी जाना जाता था.

रेने गिरार्ड प्रतिष्ठित एकेडेमी फ्रंकैस (फ्रेंच एकेडमी) के 40 सदस्यों में से एक थे. गिरार्ड स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में फ्रेंच और इटैलियन विभाग में प्रोफेसर थे, जहां उन्होंने 30 वर्ष तक सेवा की.

गिरार्ड ने डिकेत, डीजायर एंड द नावेल (1961), वायलेंस एंड द सेकर्ड (1972) और द थिंग्स हिडन सिसं द फाउंडेशन ऑफ द वर्ल्ड (1978) सहित लगभग 30 किताबें लिखी. उनकी अंतिम पुस्तक अचीवर क्लाउजविट्ज़ (2007) थी.

गिरार्ड को संघर्ष और हिंसा और मानव व्यवहार में नकल की भूमिका में विशेष रुचि थी. गिरार्ड वर्ष 1923 में फ्रांस में पैदा हुआ, लेकिन वर्ष 1947 में वह संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए.

ऑनलाइन लॉटरी पर प्रतिबंध लगाने के केरल सरकार के फैसले को उच्चतम न्यायालय की मंजूरी

मुख्य न्यायधीश एचएल दत्तू, न्यायधीश आरके अग्रवाल और अरुण मिश्रा की तीन सदस्यीय पीठ ने 5 नवम्बर 2015 को केरल सरकार के ऑनलाइन लॉटरी को प्रतिबंधित करने वाले फैसले को सही ठहराते हुए इसे जारी रखने का फैलसा किया.
पीठ ने यह फैसला ऑल केरला ऑनलाइन लॉटरी डीलर एसोसिएश्न, सिक्किम व अन्य से संचालित होने वाली ऑनलाइन लॉटरी कम्पनी के संचालकों के द्वारा की गई अपील के विरुद्ध दिया. फैसला देते हुए पीठ ने कहा की ऑनलाइन लॉटरी एक सामजिक बुराई है जो जो गरीब परिवारों को बर्बाद कर रही है. इसके अतिरिक्त न्यायालय ने यह भी कहा की इसमें संशोधन के बहुत आसार हैं और इसमें रूक लगाने में कोई बुराई नहीं है. ऑनलाइन लॉटरी में दैनिक वेतन भोगी और कम आय वर्ग वाले लोग फंस रहे हैं.

न्यायालय ने कहा कि मेघालय, सिक्किम और नागालैंड में बेची गई ऑनलाइन लॉटरी में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का उल्लंघन किया गया है.
विदित हो केरल सरकार ने वर्ष 2005 में  लॉटरी के सभी प्रारूपों पर प्रतिबन्ध लगा दिया था.

स्वर्ण मौद्रीकरण योजना: भारतीय अर्थव्यवस्था में स्वर्ण की सक्रिय भागीदारी का एक दूरदर्शी प्रयास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 नवंबर 2015 को स्वर्ण मौद्रीकरण योजना (गोल्ड मोनेटाइजेशन) का शुभारंभ किया. इसके साथ ही साथ प्रधानमंत्री ने गोल्ड सोवरीन बॉन्ड, गोल्ड कॉइन और गोल्ड बुलियन योजनाएं भी लॉन्च की. ये सभी तीनों स्वर्ण योजनाएं भारतीय अर्थव्यवस्था में स्वर्ण की सक्रिय भागीदारी को बढ़ाने का एक दूरदर्शी प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.

स्वर्ण मौद्रीकरण योजना (गोल्ड मोनेटाइजेशन) के तहत जमा की जाने वाली राशि की न्यूनतम कीमत 995 शुद्धता वाले 30 सोने के मूल्य के बराबर निर्धारित की गई है, जबकि जमा करने की कोई अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं की गई है. इसके साथ ही बैंकों द्वारा जमा किए गए सोने के लिए 995 शुद्धता के आधार पर सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा. जिसके तहत निर्धारित बैंक न्यूनतम एक से तीन वर्ष की अवधि के लिए सोना जमा करेंगे. स्वर्ण मौद्रीकरण योजना वर्तमान गोल्ड डिपोजिट योजना की जगह लागू की जाएगी. हालांकि गोल्ड डिपोजिट योजना के तहत जमा राशि अवधि पूरी होने तक या जमाकर्ता द्वारा अपनी पूरी जमा राशि निकाल लेने तक यह जारी रहेगी.

स्वर्ण मौद्रीकरण योजना के तहत भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा मान्यता प्राप्त कलेक्शन एंड प्योरिटी टेस्टिंग सेंटर (सीपीटीसी) पर जमा किया जाने वाला सोना स्वीकार किया जाएगा. इसके लिए निर्धारित नियम के अनुसार, मध्यावधि के तहत पांच से सात वर्ष के लिए और दीर्घावधि के तहत 12 से 15 वर्ष के लिए सोना स्वीकार करेंगे. न्यूनतम अवधि के लिए बैंक अपनी जिम्मेदारी पर सोना जमा करेंगे, लेकिन मध्यावधि और दीर्घावधि के लिए सरकार की जिम्मेदारी पर सोना जमा होगा. योजना के तहत जमा किए गए सोने को बीच में ही निकाला जा सकता है, लेकिन उसके लिए न्यूनतम लॉक-इन अवधि निर्धारित रहेगी और बीच में ही सोना निकाले जाने पर बैंक निजी स्तर पर हर्जाना वसूलेंगे.

सार्वभौम गोल्ड बांड योजना (सोवरीन गोल्ड बॉन्ड योजना) के तहत भारतीय रिजर्व बैंक केंद्र सरकार की ओर से बॉन्ड जारी करेगा. इसके तहत भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बॉन्ड की पहली सीरीज के लिए सोवरीन गोल्ड बॉन्ड की कीमत 2,684 रुपये प्रति ग्राम निर्धारित की है.

भारतीय स्वर्ण सिक्का (गोल्ड कॉइन/गोल्ड बुलियन) योजना गोल्ड मोनेटाइजेशन कार्यक्रम का ही हिस्सा हैं. इस योजना के तहत पहली बार राष्ट्रीय स्वर्ण मुद्रा जारी की गई हैं, जिसमें राष्ट्रीय चिह्न के रूप में अशोक चक्र अंकित होगा.

उपरोक्त योजनाओं के शुभारंभ के अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने इन योजनाओं को ‘सोने पे सुहागा’ जैसा बताया. प्रधानमंत्री के अनुसार, कोई कारण नहीं है कि भारत को गरीब देश कहा जाए, उसके पास 20,000 टन सोना है. उन्होंने कहा कि भारत में उपलब्ध सोने को उत्पादक उपयोग के लिए रखा जाना चाहिए और ये योजनाएं हमें इस लक्ष्य को प्राप्त करने का रास्ता दिखाती हैं.

उपरोक्त तथ्यों के आलोक में हम कह सकते हैं कि सरकार द्वरा प्रारंभ की गई स्वर्ण योजनाएं निःसंदेह रूप में भारत में पड़ी उन सभी अक्रिय स्वर्ण जमावों को अर्थव्यवस्था के मुख्य धारा में लाने का एक दूरदर्शी प्रयास है, जहाँ न केवल स्वर्ण के वास्तविक मालिकों को इसपर ब्याज के रूप में आर्थिक लाभ होगा बल्कि सरकार भी इन स्वर्ण जमावों के भंडार को अपने आर्थिक क्रियाकलापों के संचालन में स्वर्ण-कोष के रूप में प्रयोग कर सकेगी. इसके साथ ही साथ प्रारंभ की गई ये सभी स्वर्ण योजनाओं का एक अन्य प्रमुख सकारात्मक प्रभाव काला-धन के रूप में जमा की जाने वाली स्वर्ण-कोषों पर नियंत्रण एवं हतोत्साहन के रूप में भी देखा जा सकता है. हम जानते हैं की भारतीय समाज में पुराने समय से सोना महिलाओं के सशक्तिकरण का एक स्रोत रहा है, और ये वर्तमान योजनाएं सशक्तिकरण की भावना को रेखांकित करेंगी एवं इसे आगे बढ़ाने में मददगार साबित होंगी.

अतः निःसंदेह रूप से हम स्वर्ण मौद्रीकरण योजना, सार्वभौम गोल्ड बांड योजना, स्वर्ण सिक्का योजना को केंद्र सरकार द्वारा देश के आर्थिक हित में लिया गया एक दूरदर्शी योजना का कह सकते हैं, जिसमें देश की आर्थिक दशा एवं दिशा को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने की आपार संभावना है.

बोस्निया एवं सर्बिया के मध्य पहला संयुक्त सत्र आयोजित

द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने एवं पश्चिमी बाल्कन प्रांत में शांति बनाये रखने के उद्देश्य से बोस्निया एवं सर्बिया के बीच 4 नवम्बर 2015 को बोस्निया स्थित सराजेवो में पहला संयुक्त सत्र आयोजित किया गया.
दोनों देशों ने लापता लोगों को ढूँढने, टेलीकम्यूनिकेशन्स, सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा तथा सतत विकास जैसे मुद्दों पर सहयोग हेतु समझौतों पर हस्ताक्षर किये. साथ ही दोनों देशों ने यह भी घोषणा की कि यह समझौते दोनों देशों के मध्य संबंध सुधारने की ओर पहला कदम है.
इस अवसर पर सर्बिया के प्रधानमंत्री अलेक्सांद्र वुसिक एवं बोस्निया के प्रधानमंत्री डेनिस विज्दिक मौजूद थे.


इससे पहले 1992-95 के दौरान बोस्निया युद्ध में लगभग एक लाख लोग मारे गये थे जिसके कारण दोनों देशों के संबंधों में तनाव आ गया था. यूगोस्लाविया के विघटन के उपरांत यह दोनों देशों के बीच पहली बैठक थी.

मध्य प्रदेश सरकार ने अमरुत कार्य योजना के तहत 1656 करोड़ रुपये का प्रस्तावित किए

मध्य प्रदेश सरकार ने 5 नवंबर 2015 को पानी की आपूर्ति, सीवरेज नेटवर्क सेवाओं, पानी की निकासी, शहरी परिवहन और पार्कों और ग्रीन सेवाओं से संबंधित बुनियादी ढांचे में सुधार का प्रस्ताव रखा.

यह योजना 1656 करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2015-16 के दौरान अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमरुत) के तहत 32 शहरों और कस्बों के लिए प्रस्तावित की गई.

राज्य की वार्षिक कार्य योजना (एसएएपी) राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को प्रस्तुत की गई. प्रदेश के 32 मिशन शहरों हेतु सेवा स्तर के सुधार की योजना के आधार पर राज्य की वार्षिक कार्य योजना (एसएएपी) तैयार की गई.

एक्शनप्लानकेतहतप्रमुखप्रस्ताव
कुल 1656 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश में केंद्र सरकार ने 672 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जबकि राज्य सरकार 756 करोड़ रुपए के योगदान देगा.
•    जल आपूर्ति परियोजनाओं पर 582 करोड़ रुपए की लागत आएगी.
•    सीवरेज परियोजनाओं हेतु 926 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की जाएगी.
•    36 करोड़ रुपए स्टोर्म वॉटर ड्रैनेज पर खर्च किया जाएगा.
•    शहरी परिवहन हेतु 70 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की जाएगी.
•    पार्कों और ग्रीन स्थानों के हेतु 41 करोड़ रुपए का प्रावधान होगा

अमृत के पांच साल के मिशन की अवधि के दौरान राज्य सरकार 101 परियोजनाओं पर कुल 8279 करोड़ रुपए खर्च करेगी.

अमरुत मिशन योजना के तहत 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों को केंद्र सरकार से योजना की लागत की एक तिहाई मदद मिलेगी जबकि 10 लाख या उससे कम आबादी वाले शहरों-कस्बों को योजना की 50 प्रतिशत राशि केंद्र से मिलेगी.

10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में निकायों की हिस्सेदारी 16.67 प्रतिशत होगी, जबकि 10 लाख से काम आबादी वाले शहरों में निकायों की हिस्सेदारी योजना की लागत का मात्र 10 प्रतिशत रहेगी.

रविचंद्रन अश्विन भारत के सबसे तेज़ 150 विकेट लेने वाले गेंदबाज बने

ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने 6 नवम्बर 2015 को भारत के सबसे तेज़ 150 विकेट लेने वाले गेंदबाज बनने का कीर्तिमान स्थापित किया. अश्विन ने अपने करियर के 29वें मैच में यह कीर्तिमान स्थापित किया.
मोहाली स्थित पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन 51 रन देकर पांच विकेट लेने पर अश्विन ने घरेलू मैदान में 100 तथा अपने करियर में 150 विकेट पूरे किये. 
अश्विन से पहले भारत में यह रिकॉर्ड इरापल्ली प्रसन्ना और अनिल कुम्बले के नाम था जिन्होंने 34-34 मैचों में 150 विकेटों का आंकड़ा छुआ था.


विश्व में टेस्ट मैचों में सबसे तेज 150 विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में अश्विन चौथे स्थान पर हैं. इस लिस्ट में पहला नाम सिडनी बर्न्सक का है, जिन्होंने 24 मैचों में 150 विकेट लिए थे. दूसरे नंबर पर पाकिस्तान के वकार यूनिस हैं, जिन्होंने 27 मैचों में 150 विकेट लिए. जबकि तीसरा नंबर ऑस्ट्रेलिया के क्लेरी ग्रिमेट का है जिन्होंने 28 मैचों में यह कीर्तिमान स्थापित किया था.

21वां इंकोफायरा 2016 में बंगलुरु में आयोजित किया जाएगा

‘योग शोध एवं इसके उपयोग की सीमाएं’ पर 21वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (इंकोफायरा) 3 से 7 जनवरी 2016 के बीच प्रशांति कुटिरम, बंगलुरु आयोजित किया जाएगा.

यह सम्मेलन विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान द्वारा आयोजित किया जाएगा. 21वां इंकोफायरा पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था को एक साथ लाएगा.

इस सम्मेलन का विषय ‘समेकित स्वास्थ्य व्यवस्था में योग’ है. इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेगे.

21वां इंकोफायरा अप्रसारी रोग (एनसीडी) के पारंपरिक चिकित्सा में लगे लोगों, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को प्रमाण पर आधारित शोध के लिए एक मंच प्रदान करेगा.

राजस्थान सरकार ने कृषि प्रसंस्करण और कृषि-विपणन संवर्धन नीति 2015 का शुभारंभ किया

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 5 नवंबर 2015 को कृषि प्रसंस्करण को बढ़ावा देने और फसल में होने वाले नुकसान को कम करने के लिए राजस्थान कृषि प्रसंस्करण और कृषि-विपणन संवर्धन नीति  2015 का शुभारंभ  किया.

राजस्थान सरकार का कृषि विभाग नीति के लिए नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा और राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड नीति के लिए नोडल एजेंसी होगा. 
नीति का उद्देश्य किसान को कृषि उपज का अधिकतम मूल्य दिलवाना है. राज्य सरकार ने नीति के शुभारंभ के समय विभिन्न क्षेत्रों में निजी कंपनियों के साथ 112 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए.

कृषिप्रसंस्करणऔर 2015 कृषिविपणनसंवर्धननीतिकेप्रावधान
• राजस्थान कृषि प्रसंस्करण और कृषि-विपणन सामान्य प्रावधानों की तुलना में अधिक प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना, 2014 के तहत शामिल किया गया है. 
• इसके अलावा  पेटेंट उत्पादों पर अतिरिक्त प्रोत्साहन,  उत्पाद पंजीकरण, गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए सब्सिडी का प्रावधान, विदेशों में नमूने भेजना, परियोजना रिपोर्ट तैयार करना, फल, सब्जियों और मसालों को विदेश भेजने के लिए परिवहन उपलब्ध करानाहोगा आदि शामिल है.

• निवेशक  कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र में 25 लाख रुपये से अधिक का निवेश करेंगे. निवेशकों को 60 प्रतिशत पूंजी सब्सिडी प्रदान की जाएगी. इससे 10 प्रतिशत रोजगार का सृजन होगा.

•  इन निवेशकों को भूमि कर, बिजली शुल्क और मंडी कर, स्टांप शुल्क, रूपांतरण शुल्क और एंट्री टैक्स राज्य में संयंत्र और मशीनरी और 7 साल तक उपकर में 50 प्रतिशत छूट दी जाएगी.

•  मवेशी फीड और पोल्ट्री फीड निर्माण इकाइयों को 5 साल की अवधि के ऋण पर या ऋण समाप्ति तक जो भी पहले जमा किया जाता है पर 5 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी दी जाएगी.

• ऐसे उद्यमी को जो एक ही उद्यम में 250 व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन करेगा या खेती सम्बन्धी विशिष्ट उत्पाद इकाई को 100 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश प्रदान किया जाएगा.
• फूड पार्क के लिए भूमि हस्तांतरण पर पहली बार स्टांप शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट में प्रदान की जाएगी.