Current Affaires 7-8 Nov 2015 Hindi

हीना सिद्धू ने 13वीं एशियाई निशानेबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता

भारतीय महिला निशानेबाज हीना सिद्धू ने कुवैत में आयोजित 13वीं एशियाई निशानेबाजी चैंपियनशिप के चौथे दिन 6 नवम्बर 2015 को 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक अर्जित किया.
हीना सिद्धू ने फाइनल में 198.2 का स्कोर कर मंगोलिया की गुंडेग्मा ओट्रेयाद को पीछे छोड़ा. मंगोलियाई निशानेबाज ने 198 का स्कोर किया और रजत पदक प्राप्त किया. कोरिया की जांगमी किम ने 176.2 के स्कोर के साथ कांस्य पदक जीता.
हीना ने इससे पहले दिल्ली में हुयी आठवीं एशियाई एयरगन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था और इस कड़ी को बरकरार रखते हुये उन्होंने यहां भी स्वर्ण पदक प्राप्त किया.


जूनियर महिला वर्ग की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में श्रीनिवेता ने स्वर्ण जीत लिया. उन्होंने 195.8 का स्कोर किया जबकि मंगोलिया की शिनेमुरुन न्यामदोर्ज को 195.4 के स्कोर पर रजत और कोरिया की हीसुन किम को 174.4 के स्कोर के साथ कांस्य पदक मिला.
इसके अलावा नयनी भारद्वाज (374),  हर्दषा निथावे (374) और मलाइका गोयल (365) की तिकड़ी ने भी 10 मीटर एयर पिस्टल यूथ महिला वर्ग में टीम स्वर्ण पदक जीता. पुरूष जूनियर वर्ग की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में भारत के शिवम शुक्ला ने 576 के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता. कोरिया के गुंगवू पार्क (575) को रजत जबकि जेक्यून ली (572) को कांस्य पदक मिला. शिवम, अजरुन दास और अचल प्रताप ग्रेवाल की तिकड़ी ने टीम स्पर्धा का रजत पदक भी जीता.
भारत ने चौथे दिन प्रतियोगिता में 6 स्वर्ण और एक रजत पदक जीता, जिससे भारत के कुल पदकों की संख्या 28 हो गयी.

वित्त मंत्रालय द्वारा सभी सेवाओं पर 0.5 प्रतिशत स्वच्छ भारत उपकर लगाने का निर्णय

वित्त मंत्रालय ने 6 नवम्बर 2015 को उन सभी सेवाओं पर 0.5 फीसदी स्वच्छ भारत उपकर लगाने का निर्णय किया जिन पर वर्तमान में सेवा कर अदा किया जाता है. यह निर्णय 15 नवम्बर 2015 से प्रभावी होगा.

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इस उपकर से प्राप्त राशि का उपयोग विशिष्ट रूप से स्वच्छ भारत पहल के लिए किया जाएगा. इससे कर योग्य सेवाओं पर प्रत्येक सौ रुपये पर केवल 50 पैसे का कर अदा करना होगा.


आम बजट 2015-16 में स्वच्छ‍ भारत पहल या उससे संबंधित किसी अन्य उद्देश्य के वित्त पोषण एवं उसे बढ़ावा देने के लिए सभी सेवाओं पर स्व्च्छ‍ भारत उपकर लगाने का एक प्रावधान किया गया था. सरकार ने बजट में सेवा कर से 2.09 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. यह 4,000 करोड़ रुपये का उपकर इसके अतिरिक्त होगा.

भारत ने विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप में 11 पदक जीते

भारतीय खिलाड़ियों ने 6 नवम्बर 2015 को यूनान के पोर्टो कारेस में संपन्न विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप में 11 पदक जीते.
भारत ने कुल पांच स्वर्ण, तीन रजत तथा तीन कांस्य पदक प्राप्त किये. एम महालक्ष्मी (अंडर 18), आर वैशाली (अंडर 14), आर प्रगान्दा (ओपन अंडर 10) रक्षिता रवि (अंडर 10) एवं भरत सुब्रह्मण्यम (अंडर 8) ने स्वर्ण पदक जीते.
इस प्रतिस्पर्धा के 12 वर्गों में भारत के 50 खिलाड़ियों ने भाग लिया था.

रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त कार्यालय द्वारा भारत में साक्षरता की स्थिति के आंकड़े जारी

रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त कार्यालय द्वारा नवम्बर 2015 के पहले सप्ताह में जनगणना के आंकड़ों के आधार पर भारत में साक्षरता की स्थिति के आंकड़े जारी किये गये. जनगणना 2011 के अनुसार भारत में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या 362.6 मिलियन है जिनमें लगभग 130.2 मिलियन लोग दसवीं कक्षा उत्तीर्ण हैं.
6 नवम्बर 2015 को जारी इन आंकड़ों के अनुसार 104.3 मिलियन (28.8 प्रतिशत) कार्यरत कर्मचारी अशिक्षित हैं एवं 71.5 मिलियन (19.7 प्रतिशत) माध्यमिक शिक्षा प्राप्त हैं किन्तु स्नातक से कम पढ़े हैं.


55.5 मिलियन लोग जो भारत में कार्य करना चाहते हैं उनमें 21.9 मिलियन (39.4 प्रतिशत) अशिक्षित हैं जबकि 20.9 मिलियन (37.6 प्रतिशत) शिक्षित हैं किन्तु माध्यमिक शिक्षा से कम पढ़े हैं तथा 8 मिलियन (14.5 प्रतिशत) माध्यमिक शिक्षा लेकिन स्नातक से कम पढ़े हैं.
इसी प्रकार, जो लोग कार्यरत नहीं हैं किन्तु नौकरी के लिए आवेदन कर रहे हैं उनकी संख्या भारत में 60.7 प्रतिशत है. इनमे 31.1 प्रतिशत लोग स्नातक से कम पढ़े हैं एवं 17.2 प्रतिशत निरक्षर हैं.
2001-11 के दशक में शिक्षित कर्मचारियों की संख्या में 59.2 मिलियन की बढ़ोतरी हुई जिसमें 20.5 मिलियन माध्यमिक शिक्षा प्राप्त हैं, 16.2 प्रतिशत मैट्रिक से कम एवं 11 मिलियन स्नातक अथवा तकनीकी शिक्षा प्राप्त हैं.
आंकड़ों के अनुसार, भारत में केवल 4.5 प्रतिशत जनसंख्या शिक्षित है तथा स्नातक अथवा उससे अधिक शिक्षा प्राप्त है. जबकि, 32.6 प्रतिशत जनसंख्या प्राथमिक स्कूल स्तर तक भी शिक्षित नहीं है. 
आंकड़ों के अनुसार, प्राथमिक स्तर तक शिक्षित लोगों की संख्या 25.2 प्रतिशत, माध्यमिक स्कूल तक 15.7 प्रतिशत, मैट्रिक तक 11.1 प्रतिशत, उच्च माध्यमिक 8.6 प्रतिशत एवं स्नातक एवं स्नातक से अधिक शिक्षा प्राप्त लोगों की संख्या 4.5 प्रतिशत है.

भारतीय डाक विभाग द्वारा गोल्ड बांड योजना आरंभ

भारतीय डाक विभाग ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी गोल्ड बांड जारी का कार्य 6 नवम्बर 2015 से शुरू किया. यह योजना 25 नंवबर तक जारी रहेगी. बांड्स का शुभारम्भ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 नवम्बर 2015 को किया गया किन्तु जनता के लिए इसे 6 नवम्बर से उपलब्ध कराया गया.
लोगों में बचत की योजनाओं को प्रोत्साहित करने हेतु सरकार द्वारा गोल्ड बांड योजना जारी की गयी. इसकी जमानत पर गोल्ड लोन देने वाली कंपनियां गोल्ड लोन दे सकती हैं. गोल्ड बांड के ब्याज की दरें सोने की प्रचलित कीमतों के आधार पर तय होंगी.


इस बांड का आरंभिक मूल्य 2684 रुपये प्रति ग्राम है, इसे न्यूनतम 2 ग्राम अधिकतम 500 ग्राम तक खरीदा जा सकता है. यह बांड 5, 10, 50, 100 ग्राम गोल्ड मूल्य वर्ग में पेपर डिमेट फॉर्म में भी उपलब्ध है. इसकी अवधि 8 साल है. 
गोल्ड बांड को पांचवें, छठे सातवें साल में बंद/भुनाया जा सकता है. बांड पर न्यूनतम रिटर्न 2.75 प्रतिशत वार्षिक है.

सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन लॉटरी पर केरल सरकार के प्रतिबंध के फैसले को बरकरार रखा

भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने 5 नवम्बर 2015 को केरल सरकार द्वारा ऑनलाइन लॉटरी पर लगाये गये प्रतिबन्ध के फैसले को बरकरार रखा.
यह निर्णय मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली बेंच द्वारा, ऑल केरला ऑनलाइन लॉटरी डीलर्स एसोसिएशन वर्सेज़ स्टेट ऑफ़ केरला एंड अदर्स, याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया गया. इस केस में सिक्किम सरकार भी प्रतिबन्ध का विरोध करने वाले याचिकाकर्ताओं में से एक है.
फैसला सुनाते हुए बेंच ने कहा कि लॉटरी एक प्रकार का जुआ है तथा इसकी ऋग्वेद, स्मृतियों एवं अर्थशास्त्र द्वारा भी निंदा की गयी है.

पृष्ठभूमि

इसकी सुनवाई केरल उच्च न्यायालय द्वारा की गयी अपील के आधार पर की गयी जिसमें राज्य को ऑनलाइन लॉटरी फ्री ज़ोन घोषित करने हेतु केरल सरकार द्वारा लगाये गये प्रतिबन्ध को सही ठहराया गया.
अप्रैल 2005 में केरल सरकार ने सभी प्रकार की ऑनलाइन लॉटरी प्रणाली पर प्रतिबन्ध लगा दिया था इसमें निजी तथा राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही लॉटरी भी शामिल हैं जबकि पेपर लॉटरी को जारी रखा गया.
इसके उपरांत सिक्किम से लॉटरी योजनाओं को निर्देशित करने वाले डीलरों ने इस निर्णय का विरोध करना आरंभ कर दिया.
उनका कहना है कि केरल सरकार द्वारा ऑनलाइन एवं पेपर लॉटरी के बीच किया गया मतभेद भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है.