27-28Jan 2016 Hindi

भारत के पहले विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत की स्मारक का मुंबई में अनावरण


देश के 67वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी 2016 को भारत के पहले विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत के स्मारक का मुंबई में अनावरण किया गया.
इस स्मारक का अनावरण दक्षिण मुंबई स्थित नौसेना डाकयार्ड में वाइस एडमिरल एसपीएस चीमा फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पश्चिमी नौसेना कमान और नगर आयुक्त अजय  मेहता द्वारा किया गया.
इस स्मारक का निर्माण धातु मूर्तिकार अर्जन खंबाटा द्वारा किया गया. यह स्मारक आईएनएस विक्रांत के टूटने से प्राप्त धातु के टुकड़ों का उपयोग करके बनाई गई है.
इस पोत का निर्माण वर्ष 1943 में एचएमएस हर्क्युलेस के नाम से ब्रिटिश नौसेना के लिए किया गया.
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इसका निर्माण समत कर दिया गया था. वर्ष 1957 में में भारत लाया गया.
भारतीय नौसेना के पहले विमान वाहक आईएनएस विक्रांत को 1961 में बल में शामिल किया गया था और 36 साल तक अपनी सेवाएं देने के बाद उसे 1997 में सेवा से हटा दिया  गया था.
इसका जलावतावरण वर्ष 1961 में कैप्टन विजय लक्ष्मी पंडित द्वारा किया गया. कैप्टन प्रीतम सिंह इस पोत की पहली कमांडिंग अफसर थीं.
वर्ष 1961 के मई माह में लेफ्टिनेंट राधाकृष्ण हरिराम ताहीलियानी ने इस पोत पहला जेट प्लेन उतारा.
आईएनएस विक्रांत को वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भी इस्तेमाल किया गया था. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने भ्रष्टाचार पर करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2015 जारी किया अन्तरराष्ट्रीय संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने जनवरी 2016 में भ्रष्टाचार पर करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2015 जारी किया. इस रिपोर्ट के अनुसार, भ्रष्टाचार के खात्मे को लेकर भारत की स्थिति पहले से बेहतर हुई है. इस सूची में शामिल 168 देशों में भारत को 76वां स्थान दिया गया है. पिछले वर्ष (2014) इसी सूची में भारत 85वें पायदान पर था.
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के भ्रष्टाचार पर करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2015 सूची में डेनमार्क पहले स्थान पर बना हुआ है. करप्शन परसेप्शन्स इंडेक्स (सीपीआई) 2015 में भारत का स्कोर 38 है. सीपीआई में 0 से लेकर 100 तक अंक होते हैं. जिस देश को जितने ज्यादा अंक दिए जाते हैं, उस देश में उतना कम भ्रष्टाचार होता है. इस मामले में डेनमार्क को सबसे ज्यादा अंक दिए गए हैं, वहां सबसे कम भ्रष्टाचार है. इसके बाद फिनलैंड (90 अंक) और स्वीडन (89 अंक) हैं. इस रिपोर्ट में इस बार 168 देशों को शामिल किया गया था.
विदित हो कि दुनियाभर में विशेषज्ञों की राय के आधार पर सीपीआई में देशों के सरकारी विभागों में मौजूद भ्रष्टाचार का अनुमान लगाया जाता है. इस मामले में भूटान 27वें पायदान पर है, और उसकी रैंक 65 है. यह भारत की तुलना में काफी अच्छा है. हालांकि भारत के दूसरे पड़ोसी देशों की हालत काफी खराब है. सूची में चीन का स्थान 83 और बांग्लादेश का स्थान 139 है. वहीं पाकिस्तान, श्रीलंका और नेपाल बीते सालों की तुलना में थोड़ा सुधार देखा गया है. नॉर्थ कोरिया और सोमालिया इस सूची में सबसे निचले स्थान पर हैं, दोनों देशों के आठ अंक है. भारत और आर्मेनिया ने भारत-आर्मेनिया दोहरा कराधान बचाव समझौता के संशोधन से जुड़े प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए भारत और मध्य एशियाई देश आर्मेनिया ने कर चोरी रोकने के लिए दोनों देशों के बीच मौजूदा दोहरा कराधान बचाव समझौता संशोधन से जुड़े प्रोटोकोल पर 27 जनवरी 2016 को हस्ताक्षर किए गए.इस प्रोटोकोल के जरिये भारत और आर्मेनिया के बीच मौजूदा दोहरा कराधान बचाव समझौता में संशोधन किया गया है. दोनों देशों के बीच दोहरा कराधान बचाव समझौता 9 सितंबर 2004 से ही लागू था.

इस प्रोटोकोल के जरिये टैक्स संबंधी उद्देश्यों के लिए जानकारी के आदान-प्रदान से संबंधित अनुच्छेद में संशोधन हुआ है ताकि इसे ओईसीडी मॉडल के अद्यतन प्रावधानों के बराबर लाया जा सके.
इस प्रोटोकोल से दोहरा कराधान बचाव समझौते के तहत भारत और आर्मेनिया वित्तीय और बैंकिंग लेनदेन की जानकारी का आदान-प्रदान कर सकेंगे.
इससे काले धन की समस्या को खत्म करने की भारत सरकार की कोशिशों को और मजबूती मिलेने की उम्मीद है.
दोहरे कराधान बचाव समझौते में संशोधन के प्रोटोकोल पर भारत सरकार की ओर से केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज) सीबीडीटी के चेयर मैन एके जैन ने हस्ताक्षर किए.
आर्मेनिया सरकार की ओर से भारत में आर्मेनिया के राजदूत आरमेन मारतिरोसायन ने हस्ताक्षर किए
इस प्रोटोकॉल के लागू होने के साथ ही दोनों देश डीटीएसी के नियमानुसार बैंक और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के बारे में जानकारी देंगे

एचसीएल ने पी2पी और एचसीएलटीएसएस का अधिग्रहण किया

प्रमुख सॉफ्टवेयर निर्यातक कम्पनी एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने 25 जनवरी 2016 को इंजीनिरियंग सेवा प्रदाता ब्रिटेन की कंपनी प्वाइंट टू प्वाइंट और प्वाइंट टू प्वाइंट प्रोडक्ट्स ( जिसे  संयुक्त रूप से पी2पी नाम से जाना जाता है) तथा एचसीएल ट्रेनिंग एंड स्टाफिंग सर्विसेज (एचसीएलटीएसएस) का कुल 101 करोड़ रुपये में अधिग्रहण कर लिया.
कंपनी ने पी2पी के शत-प्रतिशत अधिग्रहण में करीब 77.98 करोड़ रुपये और एचसीएलटीएसएस के अधिग्रहण में 23.50 करोड़ रुपये का निवेश किया है.


प्वाइंट टू प्वाइंट और प्वाइंट टू प्वाइंट प्रोडक्ट्स के बारे में


• इसकी कम्पनी की स्थापना वर्ष 1993 में की गई. यह कम्पनी ब्रिटेन में इंजीनियरिंग सर्विस प्रदान करती है.
• यह कम्पनी गूगल क्रोम की पहली वर्चुअलाइजेश्न पार्टनर है.
• पी2पी को डेस्कटॉप वर्चुअलाइजेशन,
पी2पी को डेस्कटॉप वर्चुअलाइजेशन, गूगल क्रोम के क्षेत्र की अनुभवी कम्पनी है.


एचसीएल टेक्नोलॉजीज के बारे में


• एचसीएल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड एक वैश्विक आईटी सेवा कंपनी है इसका मुख्यालय नोएडा, उत्तर प्रदेश में है.
• एचसीएल लिमिटेड वर्ष 1991 में एक स्वतंत्र कंपनी के रूप में तब उभरी जब उसने सॉफ्टवेयर सेवाओं के कारोबार में कदम रखा.
• इस कंपनी का विश्व के 32 देशों में कार्यालय है. इसके साथ ही इस कम्पनी की सेवाओं का उपयोग रक्षा से लेकर देश की वीत्तीय सेवाओं में किया जा रहा है.
केंद्रीय कैबिनेट ने एनएसएफडीसी की पूंजी हिस्सेदारी बढ़ाने को मंजूरी दी

केंद्रीय कैबिनेट ने 27 जनवरी 2016 को एनएसएफडीसी की पूंजी हिस्सेदारी बढ़ाने को मंजूरी प्रदान की. इसके तहत केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसएफडीसी) की पूंजी हिस्सेदारी को 1,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,200 करोड़ रुपये करने का निर्णय किया. इसका उद्देश्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति समुदायों से जुड़ी योजनाओं का बेहतर पोषण करना है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में एनएसएफडीसी के कोष को बढ़ाने की मंजूरी दी गई. आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि ‘इस मंजूरी से आर्थिक गतिविधियों के लिए निर्धारित कोष में इजाफा होगा. इससे दायरा बढ़ेगा और अनुसूचित जाति के गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वालों तक पहुंच बढ़ेगी.’ अधिकृत शेयर पूंजी में बढोत्तरी की वजह से आर्थिक तौर पर वंचित अनुसूचित जाति की आबादी के एक बड़े हिस्से तक करवेज बढ़ेगा और ज्यादा लोगों को कोष उपलब्ध कराया जा सकेगा.
उपरोक्त निर्णय के तहत वर्ष 2015-16 के दौरान एनएसएफडीसी ने 63000 लोगों तक पहुंच बनाने का लक्ष्य रखा है. एनएसएफडीसी 37 राज्य एजेंसियों के माध्यम से 32 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में अपनी योजनाओं को लागू करती है. इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार ने इसमें 1000 करोड़ रुपये की अपनी अधिकृत पूंजी हिस्सेदारी में से 998.13 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है. इसलिए उसके लिए अधिकृत पूंजी हिस्सेदारी को बढ़ाना जरूरी हो गया था.

विदित हो कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसएफडीसी) एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है जो सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत आता है.
अभिनेत्री रेखा तीसरे 'यश चोपड़ा मेमोरियल पुरस्कार' से सम्मानित

बॉलीवुड अभिनेत्री रेखा को 25 जनवरी 2016 को तीसरे यश चोपडा मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित किया गया.
महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने रेखा को उनकी प्रतिभा और फिल्म उद्योग में उनके योगदान के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया.


रेखा के बारे में


• रेखा का जन्म चेन्नई, तमिलनाडु में भानु रेखा गणेशन के रूप में  के रूप में 10 अक्टूबर 1954 को हुआ.
• उन्होंने वर्ष 1966 में तेलुगू फिल्म रंगूला रत्नम में एक बाल कलाकार के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत की.
• एक अभिनेत्री के रूप में उन्होंने अपने करीयर की शुरुआत वर्ष 1970 में फिल्म सावन भादों से की.
• उन्हें तीन फिल्मफेयर पुरस्कार, दो सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए और एक सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए क्रमशः फिल्म  खूबसूरत, खून भरी माँग और खिलाड़ियों का खिलाड़ी  के लिए प्रदान किया गया.
• उन्हें ‘उमराव जान’ में उनके शानदार अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री श्रेणी में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार सेस्म्मंजित किया गया.
• वर्ष 2010 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया.


राष्ट्रीय यश चोपड़ा मेमोरियल पुरस्कार के बारे में


• यह पुरस्कार निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा की याद में टी सुब्बारामी रेड्डी की टीएसआर फाउंडेशन द्वारा स्थापित किया गया था.
• प्रतिवर्ष इस पुरस्कार के अंतर्गत एक स्वर्ण पदक और 10 लाख रुपये का नकद प्रदान किए जाते हैं.
• इससे पूर्व यह पुरस्कार लता मंगेशकर और अभिनेता अमिताभ बच्चन को भी प्रदान किया जा चुका है.

राजस्थान ‘‘उदय’’ योजना के तहत समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाला तीसरा राज्य

राजस्थान और राजस्थान के डिस्कॉम्स (जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड) ने डिस्कॉम्स के परिचालन और वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए आज ‘’उज्जवल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना’’- उदय स्कीम के अंतर्गत समझौता ज्ञापन पत्र पर 27 जनवरी, 2016 को हस्ताक्षर किये.
समझौता ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर केन्द्रीय विद्युत, कोयला और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सरकार, पीयूष गोयल की उपस्थिति में किये गये.
उदय के अंतर्गत समझौते ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर करने वाला राजस्थान तीसरा राज्य है.
इससे पहले अन्य दो राज्य झारखंड और छत्तीसगढ़ समझौते ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर कर चुके हैं.
उदय योजना का शुभारंभ भारत सरकार ने 20 नवम्बर, 2015 को ऋण में डूबी विद्युत् वितरण इकाईयों की वित्तीय स्थिरता और विकास हेतु एक स्थायी और दीर्घकालिक समाधान को सुनिश्चित करने के लिए किया.
उदय के माध्यम से इन डिस्कॉम की वित्तीय और परिचालनगत हालत को सुधारते हुए सस्ती दरों पर पर्याप्त विद्युत की आपूर्ति और सभी के लिए 24 घंटे बिजली एवं 100 प्रतिशत ग्रामीण विद्युतीकरण की दिशा में सरकार के प्रयासों को सक्षम बनाने का एक प्रयास है.
30 सितम्बर 2015 को डिस्कॉम्स का बकाया ऋण 80500 करोड़ रूपए था. जिसमें से 75 प्रतिशत अर्थात 60500 करोड़ रूपए का वहन योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा.
यह योजना 20000 करोड़ रूपए के शेष ऋण के लिए औसत वर्तमान ब्याज दर से भी कम करीब 3 प्रतिशत के कूपन मूल्यों का पुनर्मूल्य तय किए जाने अथवा राज्य द्वारा गारंटीकृत बांड्स की सुविधा भी प्रदान करती है.
राजस्थान डिस्काम्स के ऋण में कमी आने और शेष ऋण पर ब्याज दरों में कमी होने से वार्षिक ब्याज लागत में करीब 3000 करोड़ रूपए की बचत होगी.
राजस्थान और डिस्कॉम्स, अनिवार्य फीडर और वितरण ट्रांसफॉर्मर मीटरिंग, उपभोक्ता अनुक्रमण एवं घाटों की जीआईएस मैपिंग, ट्रांसफॉर्मरों के उन्नयन/ बदलाव, मीटर, उपभोक्ताओं की स्मार्ट मीटरिंग के माध्यम से परिचालनगत कुशलता लाने के प्रति वचनबद्ध है.
उदय में मांग से जुड़े पक्ष जैसे ऊर्जा-कुशल एलईडी बल्बों, कृषि पम्पों, पंखों और एयर-कंडीनरों एवं पीएटी (प्रदर्शन, प्राप्ति, व्यापार) के माध्यम से कुशल औद्योगिक उपकरणों के उपयोग से अत्यधिक मांग को घटाने, भार को बांटने और इस प्रकार से राजस्थान में ऊर्जा खपत को कम करने में मदद मिलेगी.
इससे होने वाले लाभ की संभावना वित्तीय वर्ष 2019 तक करीब 2000 करोड़ रूपए है.
राजस्थान को डीडीयूजीजेवाई, आईपीडीएस, विद्युत क्षेत्र विकास कोष जैसी केन्द्रीय योजनाओं अथवा एमओपी और एमएनआरई जैसी अन्य योजनाओं के माध्यम से अतिरिक्त/प्राथमिक वित्तपोषण प्रदान किया जाएगा.
इसके अतिरिक्त, कोल स्वैपिंग, कोल ग्रेड स्लिपेज में सुधार, 100 प्रतिशत धुले हुए कोयले की उपलब्धता जैसे अन्य लाभों से राज्य को विद्युत के मूल्यों को आगे और कम करने में सहायता मिलेगी.
राज्य को इन कोयला सुधारों से करीब 3000 करोड़ रूपए का लाभ होगा.
इससे 3 वर्षो में डिस्कॉम्स को करीब 150 करोड़ रूपए की ब्याज लागत बचत होने की संभावना है.
योजना से राजस्थान के उन करीब 396 ग्रामों और 30 लाख परिवारों को शीघ्रता के साथ बिजली उपलब्ध कराई जा सकेगी जहां आज भी बिजली नहीं हैं.
26 जनवरी 2016, अंतर्राष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस के रूप में मनाया गया.

26 जनवरीअंतर्राष्ट्रीयसीमाशुल्कदिवस


26 जनवरी 2016 को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस का अयोजन 26 जनवरी 1953 को विश्व सीमा शुल्क संगठन (डबल्युसीओ) के गठन की स्मृति में किया जाता है.
26 जनवरी को प्रति वर्ष दुनिया भर के 179 सदस्य देशों के सीमा शुल्क प्रशासन द्वारा विश्व सीमा शुल्क संगठन के सीमा शुल्क सहयोग परिषद द्वारा पहले सत्र का जश्न मनाने के लिए के विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. डबल्युसीओ  सचिवालय अंतर्राष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस के लिए एक विषय चुनता है.
विश्व सीमा शुल्क संगठन (डबल्युसीओ) 2016 डिजिटल सीमा शुल्क के तहत  सीमा शुल्क प्रक्रिया के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है. डिजिटल कस्टम्स:प्रोग्रेस्सिव एंगेजमेंट


विश्वसीमाशुल्कसंगठनकेबारेमें-


• विश्व सीमा शुल्क संगठन अंतर-सरकारी संगठन है जिसका मुख्यालय ब्रुसेल्स, बेल्जियम में है.
• डबल्युसीओ  अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों, उपकरण, और उपकरणों के विकास, वस्तु वर्गीकरण, मूल्यांकन, मूल के नियमों, सीमा शुल्क राजस्व का संग्रह है, और अन्य विषयों को कवर क्षेत्रों में काम के लिए विख्यात है.
• डबल्युसीओ अंतरराष्ट्रीय संगत प्रणाली (एचएस) सामान का नामकरण, व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के तकनीकी पहलु, सीमा शुल्क मूल्यांकन और उत्पत्ति के नियमों का कहना है, का लेखा जोखा रखता है.
• वर्तमान में, डबल्युसीओ सामूहिक रूप से दुनिया भर में 180 सीमा शुल्क प्रशासन का प्रतिनिधित्व करता है.

केंद्रीय कैबिनेट ने 17 भारतीय रिजर्व बटालियन के गठन

को मंजूरी दी

केंद्रीय कैबिनेट ने 27 जनवरी 2016 को जम्मू-कश्मीर और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों हेतु 17 भारतीय रिजर्व बटालियनों का गठन करने की मंजूरी दी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में जम्मू-कश्मीर और वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से प्रभावित राज्यों को 17 भारतीय रिजर्व बटालियनों (आईआर बटालियनों) की स्थापना करने के लिए मंजूरी दी गई. इसके तहत जम्मू-कश्मीर में पांच आईआर बटालियन, छत्तीसगढ़ में चार बटालियन, झारखंड में तीन, ओडिशा में तीन और महाराष्ट्र में दो बटालियनों का गठन किया जाएगा.


उपरोक्त 17 बटालियनों के गठन में जिन बातों पर जोर

दिया गया है, वे इस प्रकार है:

•   स्थानीय युवकों की भर्ती की जाएगी. यदि जरूरी हुआ तो इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य उम्र और शैक्षिक मानदंडों में छूट दे सकेंगे.
•    जम्मू-कश्मीर में गठित की जाने वाली पांच आईआर बटालियनों में कांस्टेबल और चतुर्थ श्रेणी के पदों की 60 प्रतिशत रिक्तियां सीमावर्ती जिलों से भरी जाएंगी.
•    वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों में सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) योजना के अंतर्गत आने वाले 27 कोर जिलों से कांस्टेबल के 75 फीसदी रिक्त पदों को भरा जाएगा.
विदित हो कि भारत सरकार ने वर्ष 1971 में भारतीय रिजर्व बटालियन योजना शुरुआत की थी. सरकार अब तक विभिन्न राज्यों में 153 आईआर बटालियनों के गठन को मंजूरी दे चुकी है, जिनमें से 144 बटालियनें गठित की जा चुकी हैं.

अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 26 जनवरी 2016 को अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश को मंजूरी दे दी और राज्य विधानसभा को भंग कर दिया.
यह आदेश 26 जनवरी से लागू हो गया.
अरुणाचल के राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा ने पिछले वर्ष नौ दिसंबर को विधानसभा सत्र बुलाए जाने की तारीख आगे बढ़ा दी थी.
कांग्रेस के 14 असंतुष्ट विधायकों के समर्थन से भाजपा विधायकों ने इटानगर के एक सभागार में विधानसभा सत्र बुलाकर रेबिया को अपदस्थ कर देने के बाद यह संवैधानिक संकट पैदा हुआ.
यह मंजूरी गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के लिए राष्ट्रपति भवन आयोजित परंपरागत मेजबानी के बाद दी.

छह महीने की समय सीमा की समाप्ति के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मंजूरी दे दी. छह महीने की समय सीमा 21 जनवरी 2016 को समाप्त हो गई.
प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा ने भी कानून और व्यवस्था की स्थिति को लेकर रिपोर्ट दी थी. रिपोर्ट में राज्यपाल ने कहा था कि कांग्रेस विधायकों के कारण प्रदेश में राजभवन भी सुरक्षित नहीं है.
60 सदस्यों वाली अरुणाचल विधानसभा में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के 47 विधायक थे, जिसमें 21 विधायकों ने अपनी ही पार्टी और मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत कर राज्य के डिप्टी स्पीकर को विधायक दल का नेता चुन लिया.
इसके अलावा, गृह मंत्रालय ने राज्यपाल के सलाहकार के रूप में दो सेवानिवृत्त सिविल सेवकों जी एस पटनायक और वाईएस डडवाल को भी नियुक्त किया है.


राष्ट्रपतिशासनकासंवैधानिकप्रावधान-


राज्य में संवैधानिक मशीनरी की विफलता के बाद राष्ट्रपति, भारत के संविधान के अनुच्छेद 356 के प्रावधानों के तहत मंत्रिमंडल की सिफारिश पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं.
आपात प्रावधानों में क्या कहता है संविधान का अनुच्छेद 356-

यदि किसी राज्य का राज्यपाल राष्ट्रपति को रिपोर्ट देता है कि राज्य में संविधान के प्रावधानों के अनुसार संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया है अन्यथा राज्य सरकार संविधान के अनुसार शासन करने में असमर्थ है तो एसी स्थिति में राष्ट्रपति को संविधान प्रदग्त्त अधिकार है कि वह राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दे.
राज्य के विधान मंडल की शक्तियों को संसद द्वारा या उसके अधिकार के तहत प्रयोग किया जाए.

टीम इंडिया पांच साल बाद आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में पुन: शीर्ष पर

पांच साल बाद 26 जनवरी 2016 को भारतीय क्रिकेट टीम ने दो उपलब्धि हासिल की. एडिलेड ओवल में हुए पहले अंतरराष्ट्रीय टी-20 में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 37 रनों से मात दी. वहीं आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में टीम ने पुन: शीर्ष स्थान हासिल कर लिया है.
इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच आयोजित चौथे टेस्ट मैच के साथ दक्षिण अफ्रीकी टीम चारों मैचों की सीरीज हार गई. इसके साथ ही वह अपना शीर्ष स्थान भी गंवा बैठी. टेस्ट रैंकिंग में अब भारत शीर्ष पर है.
सेंचुरियन में आयोजित चौथे टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड को 280 रनों से हरा दिया.
चार मैचों की सीरीज उसने 1-2 से गंवानी दी.
भारत अगस्त 2011 के बाद पहली बार शीर्ष वरीय टेस्ट टीम बनी है.
भारत 110 अंकों के साथ अब शीर्ष पर काबिज है.
ऑस्ट्रेलिया टेस्ट रैंकिंग में दूसरे स्थान पर है.
इंग्लैंड के हाथों हारकर दक्षिण अफ्रीकी टीम तीसरे स्थान पर खिसक गई.
जबकि पाकिस्तान चौथे, इंग्लैंड पांचवें, न्यूजीलैंड छठे, श्रीलंका सातवें, वेस्टइंडीज आठवें, बांग्लादेश नौवें और जिम्बाब्वे 10वें स्थान पर है.

डेनमार्क की संसद द्वारा शरणार्थियों के निजी सम्पति को जब्त करने के अधिकार को मंजूरी

27Jan2016
डेनिश संसद  फोल्केटिंग में  26 जनवरी 2016 को शरणार्थियों के  रखरखाव का भुगतान करने के क्रम में शरण चाहने वालों की निजी संपत्ति जब्त करने के लिए एक प्रस्ताव पर मतदान किया गया.
अल्पसंख्यक लिबरल पार्टी सरकार के बिल को विपक्षी सोशल डेमोक्रेट के समर्थन और विरोधी आप्रवास डेनिश पीपुल्स पार्टी (डीपीपी) के 27 मतों के साथ कुल 81 वोट से पारित किया गया.
इस नीति के अनुसार आवास और भोजन की लागत को कवर करने के लिए पुलिस शरणार्थियों से 1340 यूरो से अधिक कीमत की संपत्ति को जब्त कर सकती है.
सरकार के अनुसार इस नीति के तहत एक निश्चित सम्पति बेचकर लाभ का दावा करने वाले शरणार्थी भी बेरोजगार डेनिश की  श्रेणी में आते हैं.
विदित हो कि 2015 में 21 हजार से अधिक शरणार्थी डेनमार्क में शरण लिए थे.


निर्णय पर प्रतिक्रिया


• संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून के एक प्रवक्ता ने शरणार्थियों को दया का हकदार बताकर फैसले की आलोचना की है.
• विधेयक की व्यापक रूप से मानवाधिकार संगठनों द्वारा आलोचना की गई है.
28Jan2016
केंद्र सरकार ने 28 जनवरी 2016 को प्रथम 20 स्मार्ट सिटी हेतु चयनित शहरों के नाम की घोषणा की. इसके तहत केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने इसकी घोषणा की. घोषणा के अनुसार, प्रतिस्पर्धा के आधार पर इन शहरों का चयन किया गया.


20 स्मार्ट सिटी हेतु चयनित शहरों की सूची:


1. भुवनेश्वर 
2. पुणे 
3. जयपुर 
4. सूरत 
5. कोच्चि 
6. अहमदाबाद 
7. जबलपुर 
8. विशाखापट्टनम 
9. सोलापुर 
10. दावणगेरे 
11. काकीनाड़ा 
12. नई दिल्ली, 
13 इंदौर, 
14. कोयम्बटूर,
15. बेलगाम, 
16. उदयपुर, 
17. गुवाहाटी, 
18. लुधियाना 
19. चेन्नई 
20. भोपाल


स्मार्ट सिटी से संबंधित मुख्य तथ्य:


•    प्रथम फेज में 20 और अगले हर दो साल में 40-40 शहरों को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए सिलेक्ट किया जाएगा.
•    हर स्मार्ट सिटी को अगले पांच साल तक केंद्र सरकार हर साल 100 करोड़ रुपए देगी.
•    अरबन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री के कॉन्सेप्ट नोट के मुताबिक, देश में अभी शहरी आबादी 31 फीसदी है, लेकिन इसकी भारत के जीडीपी में हिस्सेदारी 60 पर्सेंट से ज्यादा है.
•    एक अनुमान है कि अगले 15 साल में शहरी आबादी की जीडीपी में हिस्सेदारी 75 पर्सेंट होगी.
•    इस वजह से 100 स्मार्ट सिटीज बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
•    चयनित शहरों को पहले साल 200- 200 करोड रुपए और बाद में तीन साल तक 100-100 करोड़ दिए जाएंगे.
•    इस प्रोजेक्ट के लिए 48000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.


मुख्य उद्देश्य:


•    क्वालिटी ऑफ लाइफ- स्मार्ट सिटी में रहने वाले हर शख्स को क्वालिटी लाइफ मिले. यानी किफायती घर हो, हर तरह का इन्फ्रास्ट्रक्चर हो.
•    पानी और बिजली चौबीसों घंटे मिले. एजुकेशन के ऑप्शंस हों. सिक्युरिटी हो.
•    एंटरटेनमेंट और स्पोर्ट्स के सोर्स हों.
•    आसपास के इलाकों से अच्छी और तेज कनेक्टिविटी हो. अच्छे स्कूल और हॉस्पिटल भी मौजूद हों. इत्यादि.
विदित हो कि स्मार्ट सिटी बनाने के लिए मोदी सरकार ने वर्ष 2015-16 के बजट में इसकी घोषणा की थी. इसके लिए बजट में 7060 करोड़ रुपये का प्रावधान भी रखा गया. इस योजना के तहत चुने गए शहरों को आने वाले पांच सालों तक 100 करोड़ रुपये की मदद की जाएगी. इस परियोजना के तहत कुल 100 शहरों का चुनाव होना है.

डेविड वॉर्नर ने एलन बॉर्डर मैडल और टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड जीता

आस्ट्रेलिया के धुरंधर ओपनर बल्लेबाज डेविड वार्नर 27 जनवरी 2016 को शानदार प्रदर्शन के लिए ऐलन बॉर्डर अवार्ड के लिए चुने गए. वार्नर को वर्ष का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट खिलाड़ी भी घोषित किया गया.
वार्नर को पहली बार ऐलन बॉर्डर मेडल के लिए चुना गया.
ऑस्ट्रेलियाई टीम के उपकप्तान वार्नर को इस सत्र में टेस्ट और वनडे में उनके प्रदर्शन के आधार पर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के सर्वोच्च पुरस्कार के लिये चुना गया.
आतिशी बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल ने वहीं सर्वश्रेष्ठ एकदिवसीय खिलाड़ी का अवार्ड हासिल किया.


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वार्नर ने स्टीव स्मिथ को पछाड़कर यह अवार्ड हासिल किया.
वॉर्नर को 240 वोट मिले जबकि स्मिथ को 219 और तीसरे नंबर पर मौजूद मिशेल स्टार्क को 183 वोट मिले.
जो स्मिथ से 21 और मिशेल स्टार्क से 57 मत ज्यादा हैं.
वार्नर को 30 मत मिले, जबकि स्मिथ को 24 मत मिले.
वोटिंग समय में वॉर्नर ने 60.63 के औसत से 13 टेस्टों में 1334 रन बनाए.
उन्होंने चार शतक और सात अर्धशतक बनाए.
मिशेल स्टार्क 18 वोट के साथ वर्ष के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट खिलाड़ी के लिए तीसरे स्थान पर रहे.
एडम वोजेस को सर्वश्रेष्ठ घरेलू खिलाड़ी चुना गया.
वार्नर न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट श्रृंखला में अपनी टीम की जीत के नायक रहे और मैन ऑफ द सीरीज चुने गए.
उन्होंने श्रृंखला के दौरान ब्रिस्बेन और पर्थ में दो बार दोहरा शतक लगाने का कीर्तिमान भी स्थापित किया.


क्याहैप्रक्रियाविजेताचुननेकी-


एलन बोर्डर पदक के लिये साथी खिलाड़ी, मीडियाकर्मी और अंपायर मतदान करते हैं.
वार्नर से पहले रिकी पोंटिंग, ग्लेन मैकग्रा, स्टीव वा, एडम गिलक्रिस्ट, शेन वाटसन, माइकल क्लार्क और स्मिथ इसे हासिल कर चुके हैं.

दुनिया के 50 सबसे अमीरों में बिल गेट्स शीर्ष पर: वेल्थ एक्स रिपोर्ट

वैश्विक पूंजी आकलन संस्था वेल्थ एक्स द्वारा जनवरी 2016 में जारी रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 50 सबसे अमीरों में बिल गेट्स शीर्ष पर हैं. वेल्थ एक्स ने यह रिपोर्ट बिजनेस इनसाइडर के साथ मिलकर तैयार किया.
वेल्थ एक्स के उपरोक्त रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 50 सबसे अमीरों में भारत के मुकेश अंबानी (रिलायंस इंडस्ट्रीज), अजीम प्रेमजी (विप्रो) एवं सन फार्मा के दिलीप सांघवी शामिल हैं.

वेल्थ एक्स एवं बिजनेस इनसाइडर द्वारा तैयार की गयी धनी लोगों की इस नयी वेल्थ एक्स सूची में मुकेश अंबानी को 24.8 अरब डॉलर के निवल मूल्य के साथ 27वें स्थान पर रखा गया है.  अजीम प्रेमजी 16.5 अरब डॉलर के साथ 43वें पर है. वहीं, दिलीप सांघवी 16.4 अरब डॉलर के साथ इस सूची में 44वें स्थान पर हैं. वेल्थ एक्स रिपोर्ट के अनुसार, विश्व के 50 सबसे अमीर लोगों के पास कुल 1,450 अरब डॉलर की संपत्ति है, जो आस्ट्रेलिया के कुल सकल घरेलू उत्पाद के बराबर है. इस सूची में शीर्ष पर बिल गेटस हैं, जिनके पास 87.4 अरब डॉलर की संपत्ति है. उनके बाद 66.8 अरब डॉलर के साथ स्पेन के व्यवसायी अमान्सियो आर्टेगा गाओना का स्थान है. इसमें 60.7 अरब डॉलर के साथ अमेरिकी निवेशक वारेन बफे तीसरे स्थान पर हैं.

विदित हो कि वेल्थ एक्स की इस सूची में आमेजन के जेफ्री बेजोस 56.6 अरब डॉलर के निवल मूल्य के साथ चौथे और 47.4 अरब डॉलर के साथ अमेरिकी कारोबारी डेविड कोच विश्व से पांचवें सबसे अमीर व्यक्ति हैं. सूची में शामिल 29 अरबपति अमेरिका के हैं, जबकि चीन के चार और भारत के तीन अरबपतियों ने इसमें अपनी जगह बनाई है. फेसबुक के सह-संस्थापक मार्क जुकरबर्ग इस सूची में आठवें स्थान पर हैं, जिनके पास 42.8 अरब डॉलर की संपत्ति है.

थावर चंद गहलोत ने विकलांग व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय नौकरी पोर्टल की शुरूआत की

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने 27 जनवरी 2016 को अलग तरह से सक्षम लोगों को समर्पित एक विशेष जॉब पोर्टल की शुरूआत की है. ‘‘सरकार का इरादा अलग तरह से सक्षम लोगों के कौशल प्रशिक्षण को उच्च प्राथमिकता देना है.
अगले तीन सालों में पांच लाख लोगों को कुशल बनाए जाने का लक्ष्य निर्धारित है.
कौशल प्रशिक्षण सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त ‘प्रशिक्षण सहयोगियों’ के 200 क्लस्टरों के एक नेटवर्क के माध्यम से दिया जाएगा.
इसके लिए एक समयबद्ध क्रियान्वयन योजना बनाई गई है.
सरकार निजी क्षेत्र से भी आग्रह करेगी कि प्रशिक्षण के बाद उन्हें नौकरी दी जाए.
मंत्रालय के तहत आने वाले विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग ने इस राष्ट्रीय स्तर के जॉब पोर्टल को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय विकलांग वित्त एंव विकास निगम की स्थापना की थी.
इस पोर्टल का पता डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट डिसएबिलटी जॉब्स डॉट जीओवी डॉट इन (www.disabilityjobs.gov.in) है.
इस राष्ट्रीय जॉब पोर्टल के जरिए अलग तरह से सक्षम लोग विभिन्न सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे जैसे कि स्वरोजगार ऋण, शिक्षा ऋण, कौशल प्रशिक्षण, छात्रवृत्ति और नौकरियों के बारे में एकल खिड़की पर जानकारी इत्यादि.

भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश बना

वर्ष 2015 के आंकड़ों के आधार पर भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश बन गया. इसके पहले इस स्थान पर थाईलैंड था.
भारत वर्ष 2015 में कुल 1.02 करोड़ टन चावल निर्यात के साथ दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक रहा. कुल 98 लाख टन चावल निर्यात के साथ थाईलैंड दूसरे स्थान पर रहा, जिसने वर्ष 2014 में 1.09 करोड़ टन चावल निर्यात किया था. वियतनाम 64 लाख टन चावल निर्यात के साथ तीसरे स्थान पर रहा. थाईलैंड के चावल निर्यातकों ने 2015 में करीब 4.6 अरब डॉलर कमाए, जबकि 2014 की कमाई 5.4 अरब डॉलर थी.


वर्ष 2015 केआंकड़ोंकेअनुसारविश्वकेतीनसबसेबड़े

चावलनिर्यातकदेश:


1. भारत: 1.02 करोड़ टन
2. थाईलैंड: 98 लाख टन
3. वियतनाम: 64 लाख टन

आस्ट्रेलिया के तैराक मैथ्यू मित्चम ने की संन्यास की घोषणा

आस्ट्रेलिया के पूर्व ओलंपिक चैंपियन तैराक मैथ्यू मित्चम ने 28 जनवरी 2016 को अपने कॅरियर को विराम देने की घोषणा की और वह इस वर्ष रियो में होने वाले ग्रीष्मकालीन    ओलंपिक खेलों में हिस्सा नहीं लेंगे.
मित्चम ने वर्ष 2008 के बीजिंग ओलंपिक में 10 मीटर प्लेटफार्म तैराकी प्रतियोगिता का स्वर्ण पदक जीता था. इसके अतिरिक्त उन्होंने वर्ष 2014 के ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में 10  मीटर प्रतियोगिता में भी स्वर्ण पदक जीता.
मैथ्यू मित्चम वर्ष 1924 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में डिक ईव के बाद डाइविंग में ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई पुरुष खिलाड़ी थे.

आईसीसी रैंकिंग: टेस्ट आलराउंडर में अश्विन शीर्ष पर

आईसीसी द्वारा 28 जनवरी 2016 को जारी रैंकिंग अनुसार भारत के रविचंद्रन अश्विन आईसीसी की नवीनतम टेस्ट रैंकिंग में आलराउंडरों की सूची में शीर्ष स्थान पर हैं, जबकि गेंदबाजों की सूची में दूसरे स्थान पर बरकरार है.

भारत के शीर्ष आफ स्पिनर अश्विन ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में भारत की 3-0 की जीत के दौरान 31 विकेट लिए थे और उनका टेस्ट बल्लेबाजी औसत 31 . 68 और उच्चतम स्कोर 124 रन है.
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चार टेस्ट की श्रृंखला में 23 विकेट चटकाने वाले बायें हाथ के स्पिनर रविंद्र जडेजा भी छठे स्थान पर बरकरार हैं. इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्राड शीर्ष पर चल रहे हैं.
बल्लेबाजी में अजिंक्य रहाणे शीर्ष 10 में एकमात्र भारतीय हैं. वह आस्ट्रेलिया के एडम वोजेस के साथ संयुक्त रूप से 10वें स्थान पर हैं.
आस्ट्रेलिया के ही स्टीवन स्मिथ दुनिया के नंबर एक टेस्ट बल्लेबाज हैं.
भारत ने इंग्लैंड की कल दक्षिण अफ्रीका पर 2-1 की जीत के साथ लगभग साढे चार साल बाद दोबारा नंबर एक टेस्ट टीम रैंकिंग हासिल की. भारत ने अगस्त 2011 के बाद पहली बार टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर जगह बनाई है.

भारत-अरब लीग सहयोग मंच की बैठक बहरीन में सम्पन्न

भारत-अरब लीग सहयोग मंच की मंत्रिस्तरीय बैठक 25 जनवरी 2016 को बहरीन की राजधानी,मनामा में सम्पन्न हुई.
इस बैठक का बैठक का उद्घाटन बहरीन के विदेश मंत्री खालिद बिन अहमद अल खलीफा द्वारा किया गया, इस बैठक में 22 अरब लीग देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
भारत की ओर से इस बैठक में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश सचिव एस जयशंकर ने बैठक में हिस्सा लिया.
बैठक में अरब-भारतीय सहयोग और और मनामा घोषणा की समीक्षा की गई. भारत-अरब लीग सहयोग मंच की स्थापना वर्ष 2008 में नई दिल्ली में की गई थी.
इस मंच का उद्देश्य पश्चिमी एशियाई देशों के साथ भारत के सम्बन्ध को मजबूत करना है.
दोनों देशों ने बैठक के दौरान आतंकवाद और इसे किसी धर्म विशेष से जोड़ने की आलोचना की.
दोनों पक्षों ने ईराक के आंतरिक मामलों में स्वतंत्रता, संप्रभुत और एकता के महत्व पर चर्चा की.
इसके अतिरिक्त दोनों देशों ने अरब क्षेत्र और दक्षिण एशिया क्षेत्र विकास, आतंकवाद, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार, परमाणु निरस्त्रीकरण जैसे वैश्विक मुद्दों पर  चर्चा की.

केन्द्रीय बौद्ध अध्ययन संस्थान को विश्वविद्यालय की मान्यता

केंद्र सरकार ने जनवरी 2016 में केन्द्रीय बौद्ध अध्ययन संस्थान (सीआईबीएस- लद्दाख) को विश्वविद्यालय की मान्यता प्रदान की. इसके तहत केन्द्रीय बौद्ध अध्ययन संस्थान को नई श्रेणी के तहत 5 वर्ष की अस्थायी अवधि के लिए मानित विश्वविद्यालय की मान्यता प्रदान की गई.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के परामर्श पर केन्द्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लेह (लद्दाख) स्थित चोगलामसर के केन्द्रीय बौद्ध अध्ययन संस्थान (सीआईबीएस) को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम, 1956 के प्रकाश में मानित विश्वविद्यालय घोषित किया. यह घोषणा नई श्रेणी के तहत 5 वर्ष की अस्थायी अवधि के लिए की गई. इसके तहत यह अवधि सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी और तिब्बती औषधि एवं ज्योतिष विभाग, धर्मशाला के पाठ्यक्रमों/कार्यक्रमों से सीआईबीएस की असम्बद्धता की तारीख से शुरू होगी.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विशेषज्ञ समिति द्वारा 5 वर्ष के लगातार वार्षिक कामकाज के आधार पर दी जाने वाली रिपोर्ट के मद्देनजर सीआईबीएस की मानित विश्वविद्यालय की मान्यता निश्चित की जाएगी. भारत के गजट खंड 1, वर्ग 1 में प्रकाशित होने के लिए 15 जनवरी, 2016 को इसके संबंध में अधिसूचना जारी की गई.

उपरोक्त घोषणा निम्नलिखित आधारों पर मान्य होगी:

•    विश्वविद्यालय आयोग नियमन (मानित विश्वविद्यालय संस्थान) 2010 में वर्ष 2014 और 2015 में होने वाले संशोधन तथा समय-समय पर मानित विश्वविद्यालयों के संबंध में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के संशोधन और दिशा-निर्देश सीआईबीएस पर बाध्यकारी होंगे.
•    सीआईबीएस यूजीसी/भारत सरकार की सलाह से आवश्यकता पड़ने पर अपने मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन रूल्स में संशोधन/उन्नयन करेगा. सीआईबीएस भारत सरकार या यूजीसी द्वारा सुझाव देने पर अपने नियमों में संशोधन/सुधार भी करेगा.
•    सीआईबीएस किसी प्रकार का दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम प्रदान नहीं करेगा. 
•    सीआईबीएस यूजीसी और भारत सरकार की पूर्वानुमति के बिना कोई ऑफ कैंपस/ऑफ शोर कैंपस/नया विभाग न तो खोलेगा और न चलाएगा.
•    सीआईबीएस को किसी कॉलेज/संस्थान को सम्बद्धता देने की अनुमति नहीं होगी.
•    सीआईबीएस को किसी भी परिस्थिति में उच्च शिक्षा के लिए कोई फ्रेंचाइजी नहीं देगा.
•    सीआईबीएस द्वारा चलाए जाने वाले सभी अकादमिक कार्यक्रम प्रासंगिक वैधानिक परिषदों द्वारा बनाए गए नियमों तथा मानकों के अनुरूप होंगे.
•    सीआईबीएस ऐसी कोई भी डिग्री न तो प्रस्तावित करेगा और न प्रदान करेगा, जो यूजीसी द्वारा मान्य नहीं है. संस्थान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम, 1956 की धारा 22 के तहत यूजीसी द्वारा मान्य डिग्रियां ही प्रदान करेगा.
•    छात्रों का प्रवेश, छात्रों की संख्या, नए पाठ्यक्रम/कार्यक्रमों की शुरूआत, पाठ्यक्रमों की अनुमति का नवीनीकरण आज के मामले में सीआईबीएस प्रासंगिक वैधानिक परिषदों के नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करेगा.

भारतीय मूल के तीन व्यक्ति ऑस्ट्रेलिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘मेडल ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ आस्ट्रेलिया’ से सम्मानित

भारतीय मूल के चेन्नुपति जगदीश, जे चंद्रा और सजीव कोशी को 26 जनवरी  2016 को ‘आस्ट्रेलिया दिवस’ के उपलक्ष में ऑस्ट्रेलिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित  किया गया.
इन्हें क्रमशः भौतिक विज्ञान, इंजीनियरिंग और चिकित्सा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए इस सम्मान के लिए चुना गया.


चेन्नुपति जगदीश के बारे में

• चेन्नुपति जगदीश को विशेष रूप से नैनो के क्षेत्र में भौतिक विज्ञान और इंजीनियरिंग में अपनी सेवा के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
• वह कैनबरा स्थित आस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी(एएनयू) में प्रोफेसर हैं. 


जे चंद्रा के बारे में

• जे चंद्रा को ऑपथैल्मोलॉजी और नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए इस सम्मान से चुना गया.
• वर्तमान में  वह न्यू साउथ वेल्स में एक नेत्र चिकित्सक हैं.


सजीव कोशी के बारे में


• वह मेलबर्न में एक दंत चिकित्सक है और उन्हें राज्य में दंत चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी सेवा के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया.


मेडल ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ आस्ट्रेलिया के बारे में 

• यह सम्मान 14 फ़रवरी 1975 को ऑस्ट्रेलिया की रानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा स्थापित किया गया.
• यह ऑस्ट्रेलिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है जो ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों और सराहनीय सेवा या उपलब्धि के लिए अन्य व्यक्तियों को भी प्रदान किया जाता है.

सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस संजय मिश्रा को यूपी का नया लोकायुक्त नियुक्त किया
सुप्रीम कोर्ट ने 28 जनवरी 2016 को अपने पूर्ववर्ती फैसले को बदलते हुए रिटायर्ड जस्टिस (रिटायर्ड) संजय मिश्रा को यूपी का नया लोकायुक्त नियुक्त किया है. इस आदेश के साथ ही वीरेंद्र सिंह का नाम वापस ले लिया गया है. कोर्ट ने 16 दिसंबर 2015 को वीरेंद्र सिंह को यूपी का लोकायुक्त बनाने का आदेश दिया था.


क्योंलियावीरेंद्रसिंहकानामवापस-


सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जस्टिस वीरेंद्र सिंह का नाम यूपी सरकार ने ही  कोर्ट के सामने रखा था. किन्तु उनके बारे में कोर्ट को कई तथ्य साफ नहीं हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वीरेंद्र सिंह के नाम और यूपी सरकार को लेकर गंभीर संदेह व्यक्त किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में यूपी सरकार पर सख्त नाराजगी भी जाहिर की.
यही वजह है कि न्यायालय को जस्टिस वीरेंद्र सिंह का नाम वापस लेना पड़ा.
लोकायुक्त के नाम पर सहमति न बन पाने के कारण 18 महीने तक कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया गया.
इसी कारण पुराने लोकायुक्त का कार्यकाल दस साल तक खिंचा.
समय रहते लोकायुक्त की नियुक्ति न किए जाने पर कोर्ट ने कहा कि सीएम, गवर्नर और इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अपनी ड्यूटी करने में असफल रहे.
जस्टिस वीरेंद्र सिंह की लोकायुक्त के पद पर नियुक्ति को लेकर सच्चिदानंद गुप्ता उर्फ सच्चे गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर नियुक्त का विरोध किया था.

संजयमिश्राकेबारेमें-


जस्टिस संजय मिश्रा इलाहाबाद के मूल निवासी हैं. उनका जन्म 19 नवंबर 1952 में हुआ.
बलरामपुर में वह एडमिनिस्ट्रेटिव जज भी रह चुके हैं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में 24 सितंबर 2004 में ज्वॉइनिंग हुई.
जस्टिस संजय मिश्रा में 1977 में अपना करियर शुरू किया था और दिसम्बर 2005 में वे पूर्णकालिक जज बने थे. 24 सितम्बर 2014 को वे हाईकोर्ट के एडिशनल जज बने थे.
जस्टिस संजय मिश्रा ने 18 नवंबर 2014 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय को अपनी सेवाएँ दी. 2014 में वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय से ही सेवानिवृत्त हुए.
यूपी सरकार के पैनल में भी जस्टिस संजय मिश्रा का नाम था. लेकिन सरकार ने जस्टिस वीरेंद्र सिंह का नाम प्रपोज किया था.

टेनिस में भ्रष्टाचार रोकने के लिए एडम लुईस की अध्यक्षता में पैनल गठित
टेनिस के शासी निकायों ने संयुक्त रूप से 27 जनवरी 2016 को आस्ट्रेलियाई अधिवक्ता एडम लुईस की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र समीक्षा पैनल गठित करने की घोषणा की. इस   पैनल का उद्देश्य खेल में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है.
यह घोषणा एसोसिएशन ऑफ़ टेनिस प्रोफेशनल (एटीपी), महिला टेनिस संघ (डब्ल्यूटीए), अंतर्राष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आईटीएफ) और ग्रैंड स्लैम बोर्ड के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से   की.
इस पैनल का मुख्य कार्य टेनिस में भ्रष्टाचार विरोधी तंत्र की कार्यप्रणाली की समीक्षा करना और जरूरी सुझाव देना है.

यह पैनल निम्न बातों ध्यान केन्द्रित करेगी

• कैसे टेनिस इंटेग्रिटी यूनिट को और पारदर्शी बनाया जा सकता है.
• टेनिस इंटेग्रिटी यूनिट में आवश्यक संरचनात्मक परिवर्तन पर आवश्यक सुझाव भी इस पैनल द्वारा दिए जाएंगे.

ज्ञात हो आस्ट्रेलिया ओपन के पूर्व जनवरी,2016 को बीबीसी और बजफीड ने टेनिस में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.
इस पैनल का गठन इस आरोप के बाद ही किया गया.

शिवनारायण चंद्रपाल ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कहा अलविदा

वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज और टेस्ट इतिहास में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में 7वें नंबर पर काबिज शिवनारायण चंद्रपाल ने 22 जनवरी 2016 को पदार्पण के 22 साल बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है.


शिवनारायणचंद्रपालकेबारेमें-


शिवनारायण चंद्रपाल वेस्टइंडीज के लिए 100 टेस्ट खेलने के लिए पहले भारत-कैरेबियन है.
चंद्रपाल ने 14 टेस्ट और 16 एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम की कप्तानी की.
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 20000 रन बनाए.
उन्हें प्यार से टाइगर के रूप में जाना जाता है.

2008 में उन्होंने विजडन क्रिकेटर्स अल्मनैक द्वारा एक वर्ष में पांच क्रिकेटरों में से एक के रूप में नामित किया गया.
2008 में ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद द्वारा वर्ष के खिलाड़ी के रूप में किया गया था.
41 वर्षीय पूर्व कप्तान ने अपने टेस्ट करियर में 11867 रन बनाये.
यह वेस्टइंडीज की तरफ से सर्वाधिक रन बनाने वाले ब्रायन लारा की रन संख्या से केवल 86 रन कम है.
बायें हाथ के इस जुझारू बल्लेबाज ने 1994 में गयाना में इंग्लैंड के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की शुरूआत की.
उन्होंने तब शतक जमाया और वेस्टइंडीज ने वह मैच पारी और 44 रन से जीता.
उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच भी इंग्लैंड के खिलाफ ही पिछले साल मई में बारबाडोस में खेला.
वेस्टइंडीज ने इस मैच में पांच विकेट से जीत दर्ज करके तीन मैचों की सीरीज बराबर करायी थी.
चंद्रपाल का 164वां टेस्ट मैचों में उच्चतम स्कोर नाबाद 203 रन रहा. उन्होंने दो बार यह स्कोर बनाया.
पहली बार दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जॉर्जटाउन में 2005 में और फिर बांग्लादेश के खिलाफ 2012 में मीरपुर में.
उनका औसत 51.37 रहा.

उन्होंने अपने टेस्ट करियर में कुल 30 शतक और 66 अर्धशतक लगाये.
उनके करियर का संभवत: सबसे बेहतरीन क्षण 2003 में आया जब उन्होंने 104 रन बनाये और वेस्टइंडीज एंटिगा में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी टेस्ट मैच में रिकॉर्ड 418 रन के लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहा.
चंद्रपाल ने 268 वनडे मैच भी खेले जिनमें उनका सर्वोच्च स्कोर 150 रन और औसत 41.60 रहा.
उन्होंने अपना आखिरी वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच 2011 विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ ढाका में विश्व कप क्वार्टर फाइनल में खेला.
उन्होंने वनडे में 8778 रन बनाये जिसमें 11 शतक शामिल हैं.
इसके अलावा चंद्रपाल ने वेस्टइंडीज की तरफ से 22 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले.
इस प्रारूप में वह आखिरी बार 2010 में खेले.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बावजूद चंद्रपाल अपनी स्थानीय टीम गयाना की तरफ से खेलते रहेंगे.
पिछले सप्ताह उन्होंने गयाना की तरफ से घरेलू 50 ओवर टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था.
विजडन ने 2008 में चंद्रपाल को अपने वर्ष के पांच क्रिकेटरों में शामिल किया.

भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता हेनरी तीफाग्ने वर्ष 2016 के एमनेस्टी इंटरनेश्नल ह्यूमेन राइट अवार्ड के लिए चयनित

28Jan2016
भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता हेनरी तीफाग्ने को 25 जनवरी 2016 को वर्ष 2016 के एमनेस्टी इंटरनेश्नल ह्यूमेन राइट अवार्ड (8वें एमनेस्टी इंटरनेश्नल ह्युमन राइट अवार्ड) के लिए  चुना गया.
उन्हें यह पुरस्कार 25 अप्रैल 2016 को बर्लिन स्थित मैक्सिम गोर्की थियेटर में प्रदान किया जाएगा.
हेनरी भारत में मानवधिकार समूह 'पीपल्स वाच' के संस्थापक हैं. यह समूह मानवधिकार उल्लंघन पर शोध करके दस्तावेज जुटाने का कार्य करता है.
पीपल्स वाच नामक इस संस्थान की स्थापना हेनरी ने वर्ष 1997 में की थी. यह संस्थान मानवधिकार शिक्षा पर विभिन्न विद्यालयों में अध्यापकों को भी प्रशिक्षण देता है.
इस पुरस्कार के रूप में दस हजार यूरो(7.39 लाख रूपए) की नकद राशी प्रदान की जाती है.


एमनेस्टी इंटरनेश्नल के बारे में


एमनेस्टी इंटरनेशनल एक अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्था है जो अपना उद्देश्य "मानवीय मूल्यों, एवं मानवीय स्वतंत्रता, को बचाने एवं भेदभाव मिटाने के लिए शोध एवं प्रतिरोध  करने एवं हर तरह के मानवाधिकारों के की रक्षा के प्रति समर्पित है.
• इस संस्थान की स्थापना ब्रिटेन में 1961 में की गई थी.
• एमनेस्टी मानवाधिकारों के मुद्दे पर बहुद्देशीय प्रचार अभियान चलाकर, शोध कार्य कर के पूरे विश्व का ध्यान उन मुद्दों की ओर आकर्षित करने एवं एक विश्व जनमत तैयार करने  की कोशिश करता है.
• इस संस्थान को वर्ष 1977 में "शोषण के खिलाफ" अभियान चलाने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया था.